diff --git "a/mbart_generated_predictions.txt" "b/mbart_generated_predictions.txt" new file mode 100644--- /dev/null +++ "b/mbart_generated_predictions.txt" @@ -0,0 +1,1263 @@ +वह कम्मे रंग के वस्त्र पहनती है +मुझे भी छोटे कपड़े पसंद हैं। +तीखे रंग के वस्त्र पसंद नहीं हैं +सूर्योदय के समय सूर्य धीमा होता है। +दोपहर में सूर्य तेज हो रहा है। +उसका कथन बहुत गम्भीरता से सुनो। +उसकी बात लघुता के साथ मत सुनो। +वह सूरदास है +वह देख नहीं सकता है। +फिर भी आवाज़ सुनकर पहचान लेता है। +जो धन्यवाद, कृपया, क्षमा, स्वागत इत्यादि शब्दों को बोलता है +वह संस्कृत जानता है ही । +थोड़ा अधिक अभ्यास करें । +रोज अभ्यास करें। +संगीत रुक गया उसके बाद भी वह नाच रहा है। +पर्याप्त धन प्राप्त हुआ फिर भी वह माँग रहा है। +जाड़ा समाप्त हो गया है उसके बाद भी वह स्वेटर पहन रहा है। +बाल्टी में पानी भर गया है फिर भी वह स्नान नहीं कर रहा है। +उसके पास बहुत धन है फिर भी दान नहीं देता है। +रेल तो गई उसके बाद भी द्वारपाल फाटक नहीं खोलता है। +उसका शहर आ गया फिर भी वह नहीं उतर रहा है। +वह संस्कृत जानता है फिर भी संस्कृत में नहीं बोलता है। +वह वृद्ध है । +वह नम्रता से चलता है। +वह दंड लेकर चलता है । +वह धीरे धीरे चलता है। +वह बीच बीच में रुकता है। +जब वह थका होता है +तब वह बैठता है। +उसके साथ कोई भी नहीं है। +वह जब रुक जाता है। +तब वह ओ३म् ( ॐ ) बोलता है । +वे वृद्ध हैं +वे नमित्वा चलती हैं । +वे दंड लेकर चलते हैं +वे धीरे-धीरे चलते हैं +वे बीच बीच में विराम कर रहे हैं । +जब वे श्रांक्त होते हैं +तब वे बैठते हैं +उसके साथ कोई भी नहीं है। +वे जब रुक जाते हैं +तब वे ओ३म् ( ॐ ) बोलते हैं +आपके घर में कौन-कौन बोल रहा है? +आपके घर में कौन-कौन बोलती है? +मेरे घर में मेरी माँ बोलती है। +मेरे पिताजी बोलते हैं +मेरा भाई बोलता है। +मेरी बहन बोलती है +मेरा बेटा बोलता है +मेरी बेटी बोलती है। +क्षमा करियेगा अभी समय नहीं है +क्षमा करियेगा मैं नहीं आऊँगी। +क्षमा करियेगा, मैं वो काम भूल गई / भूल गई। +क्षमा करियेगा, आज पेन नहीं लाया हूँ। +क्षमा करना तुम्हारा गाना पसंद नहीं आया। +क्षमा करियेगा, मैं चीनी नहीं चाहती हूँ। +क्षमा करियेगा, मेरे कारण आपकी शर्ट गंदी हो गई +क्षमा करो, तुमने पुरस्कार नहीं पाया। +बहुत दूर से आवाज़ आ रही है । +शायद कोई भी / कोई भी वेदपाठ करता है । +पास जाता हूँ। +वहाँ एक लड़की यज्ञ कर रही थी। +आज उनका जन्मदिन है। +उसका पिता अस्पताल में है। +उसका पिता अस्वस्थ है +वह अकेले ही यज्ञ करती थी +पिछले सप्ताह उसके पिता के रास्ते में दुर्घटना हुई। +दुर्घटना में उसके पैर में लंगड़ा हो गया । +वह बच्ची यज्ञ में पिता के स्वास्थ्य के लिये प्रार्थना करती है। +उस बच्ची को जन्मदिन की शुभकामनाएँ । +उसका पिता शीघ्र ही स्वस्थ हो जाए । +उसके घर प्रतिदिन सेविका आती है। +वह हररोज़ बर्तन माँजती है। +माँजने से पहले वह बचा हुआ भोजन गौपात्र में रखती है। +कमल +घड़ा +ऊँट +हाथी +धनुष को +नौकर +कोष्ठक से उचित शब्द चुनकर चित्र के अनुसार लिखो +गणेश +होठ +जंगम +हाथी +कमल +तलवार +रेलगाड़ी को +चोंच +टाइप यंत्र +धोखेबाज +डमरू डुग-डुगी +थकाव +आयना +हाथी +यज्ञ +लड्डू +भौरे +क्षत्रिय +दुःखी +समझदार +वह कौन है? +वह बन्दर है। +वे दोनों कौन हैं? +वे दो बल्ब हैं। +यह क्या है? +यह लेखनी है। +ये दो क्या हैं? +ये दोनों पुस्तकें हैं। +ये सब क्या हैं? +ये घड़ी है। +उचित का मिलान करो +पढ़कर वाक्यों की रचना करो +वह हवाई जहाज है। +वह क्या जाता है? +वह वायुयान जा रहा है। +वे वायुयान हैं। +वे कौन जा रहे हैं? +वे वायुयान में जा रही हैं। +वे पुष्प हैं। +वे सब कौन-कौन से खिलते हैं? +वे फूल खिलते हैं। +सङ्ख्या को कण्ठस्थी कुरुत ने +एक वृक्ष हैं। +दो बालक। +तीन घोड़े। +चार घड़े। +पाँच कुत्ते। +छह कबूतर। +सात तोते। +आठ चूहे। +नवीन हिरणे। +दस मयूरों ने। +एक लड़की। +दो बालिकायें। +तीन माल हैं। +चार बकरियाँ पैदा हुई हैं। +पाँच चिड़ियाएँ। +छह घड़े। +सात मक्खी +भात +नई चींटी +दस लड़कियाँ। +विद्या क्या देती है? +कौन सब जगह पूजा जाता है? +देवताओं के द्वारा कौन पूजित होता है? +विदेश में विद्या क्या होती है? +किससे पात्रता होती है? +परलोक में धन क्या है? +अपने देश में कौन सम्मान पाता है? +किनकी शक्ति को विद्या जानती हो +विद्या विनय प्रदान करती है, विनय से बर्तनता प्राप्त होती है। +विदेश में धन की प्राप्ति विद्या है, व्यसनों में धन की प्राप्ति मति है। +विद्या कुरूपों का रूप है, निर्धनों का धन है। +विद्वान होना और राजा होना, यह सब कभी नहीं समता कहलाता। +आलसी व्यक्ति को विद्या कहां, अविद्या के लिए धन कहां। +पुस्तक में रखी विद्या ही ज्ञान है और दूसरे के हाथ में गया धन ही दान है। +विशाल कुल के विद्याहीन व्यक्ति के लिए देहधारियों की क्या आवश्यकता? +सुन्दर, सुशील, कुलीन और महाधनी भी विद्या के बिना शोभा नहीं पाते। +विनय +विद्वान् +विद्यावान +विनय से बर्तन आता है। +परलोक में धन धर्म हैं। +अपने देश में राजा को स���्मान मिलता है। +निर्बलों का बल विद्या है। +मोहन कब उठता है? +मोहन साढ़े सात बजे कहाँ जाता है? +रुचिकर भाषा कौन है? +मोहन रात में क्या देखता है? +मोहन कब सोता है? +मोहन स्नान के बाद क्या करता है? +मोहन किस किस भाषा को पढ़ता है? +मोहन कब खेलता है? +निम्नलिखित वाक्यों में द्वितीया विभक्ति के शब्दों को चुनकर कोष्ठक में लिखो +गुरु ईश्वर को प्रणाम करता हूँ। +माता और पिता को नमन करता हूँ। +मैं वहाँ पाठ पढ़ता हूँ। +मैं बारह बजे घर आता हूँ। +प्रातः तुम कब जागते हो? +बाद में तुम क्या करते हो? +वहाँ से क्या कर रहे हो? +मोहन! वहाँ तुम कौन-कौन भाषा पढ़ते हो? +ये सभी भाषाएँ तुम पढ़ते हो? किन्तु रुचिकर और सरल भाषा कौन है? +पढ़ने के बाद क्या-क्या कर रहे हो तुम? +पाठशाला को +संस्कृत भाषा +दूरदर्शन +नौ बजे +मोहन स्नान के बाद प्राणायाम और स्पाहार करता है। +मोहन हिन्दी भाषा, संस्कृत भाषा और अंग्रेजी भाषा पढ़ता है। +मोहन शाम को खेलता है | +भगवान शिव के +माता को पिता समझते हैं +पाठों को +घर को। +हम दोनों नेत्रों से क्या काम करते हैं? +तृणों के मिलन से क्या होता है? +बलशाली हाथी किससे बध होता है? +वस्त्र निर्माण किससे होता है? +घड़ा किस से भरता है? +कार्य को सिद्ध करने वाली कौन होती है? +हम किससे सूंघते हैं? +हम किसके अन्न चबाना करते हैं? +चक्र बनाने में किससे होता है? +वृक्ष किससे शोभता है? +देखते हैं +डोरी बनाना +रस्सी +धागा +कुत्ते से +संहार करना +हम नासिका से सूंघते हैं। +हम दाँतों से अन्नचर्वण करते हैं। +बहुत से पहिये बनाने में मनुष्यों के सहयोग से ही काम होता है| +पत्तों, फूलों, फलों और शाखाओं से वृक्ष शोभता है। +कौन जल पीते हैं? +देश की रक्षा कौन करता है? +कौन भोजन बनाती है? +विद्या का धन कौन देता है? +धन किस लिए होता है? +माँ अपनी बेटी को क्या देती है? +परोपकार के लिए कौन से फल देते हैं? +बादल +धन राष्ट्र के विकास के लिये होता है। +माँ अपनी बेटी को अच्छा संस्कार देती है। +परोपकार के लिए वृक्ष फल देते हैं। +हमेशा किस बजे की आवाज सुनी जाती है? +यात्री किस स्थानों का महत्त्व जानते हैं? +किससे जयघोष निकलता है? +उज्जयनी किस शहर से पश्चिम दिशा है? +उज्जैन का मुख्य दर्शनीय स्थान क्या है? +किससे लोग श्रीकृष्ण का इतिहास जानते हैं? +महाकाल मन्दिर से लोग कहाँ जाते हैं? +विक्रमसंवत्सर की गणना किससे होती है? +मन्दिर से +मार्ग दर्शक से +भक्तों के ��ुख से +उज्जयिनी भोपाल शहर से पश्चिम दिशा है। +उज्जैन नगरी के प्रमुख दर्शनीय स्थल –महाकाल मन्दिर, महागणेश मंदिर, हरिसिद्धि मंदिर, चिन्तामणि मन्दिर, मङ्गलनाथ मंदिर और कालभद्र भवन हैं। +सांदीपनी आश्रम से लोग श्रीकृष्ण का इतिहास जानते हैं। +उज्जैन राजा विक्रमादित्य के काल से विक्रम संवत्सर की गणना होती है। +(क) चन्द्रमा रस का आभूषण है? +(ख) संस्कृत की पढ़ाई में किनकी रुचि है? +(ग) स्वामी किसका अग्रज है? +(घ) विद्याल के आगे क्या है? +(ङ) आपके परिवार का नाम क्या है? +चन्द्रमा तारों का आभूषण हैं? +संस्कृत की पढ़ाई में छात्रों की रुचि है। +अवधेश गिरीश का अग्रज है। +विद्यालय के सामने बगीचा है। +मेरा नाम कविता है। +चित्र देखकर सम्बन्धवाचक वाक्य लिखो। +सभी का स्वागत है। मेरा नाम अविनाश (नाश) है। आपका क्या नाम (हमारा) है? +मेरा नाम गिरीश | +गिरीश! तुम्हारे परिवार का परिचय बोलो। +मेरी जनक का नाम अंजना है। जनक का नाम राकेश है। बड़े भाई का नाम अवधेश है। छोटे भाई का नाम शशाङ्क है। बहन का नाम मालिनी है। मामाजी का नाम आनन्द है। +कविता! तुम्हारे विद्यालय का परिचय कह। +मेरे विद्यालय का नाम स्वामिविवेकानन्द विद्यालय है। यह नगर के मध्य में स्थित है। इसके आगे उद्यान है। पीछे क्रीडाङ्गन है। क्रीडाङ्गन के बायीं ओर मन्दिर हैं। दाहिने भवन हैं। +गिरीश! छठे वर्ग की संस्कृत पुस्तक लाओ। संस्कृत भाषा के पद मधुर हैं। यह वेदों, उपनिषदों और शास्त्रों की भाषा है रामायण महाभारत की कथा संस्कृत में लिखी गई है। +महोदय! संस्कृत भाषा की पढ़ाई में हमें रुचि है। हम इसका अध्ययन चाहते हैं। +हाँ! सभी शिष्यों के इच्छानुसार संस्कृत पढ़ाता हूँ। +ताराओं का भूषण चन्द्रमा, स्त्री का भूषण पति और पृथ्वी का भूषण राजा है। +भारत के मध्य कौन-सा प्रदेश है? +मध्य भाग में मध्य प्रदेश में कौन-सी नदी बहती है? +नर्मदा की उत्तर दिशा में कौन-सा पर्वत है? +सतपुड़ा पर्वति ओर नर्मदा किस दिशा में स्थित है? +मध्य प्रदेश कहाँ विराजमान है? +मध्य प्रदेश भारत देश के मध्य भाग में विराजमान है। +हमारे प्रदेश की राजधानी कौन है? +हमारे प्रदेश की राजधानी भोपाल नगर है। +मध्य प्रदेश के कौनसे मण्डल में हीर रत्न प्राप्त होते हैं? +मध्य प्रदेश की अनेक रत्नों ने रचना की हैं। +वनवासी कहाँ विचरण करते हैं? +वनवासी वनों में विचरते हैं। +मध्य प्रदेश के राष्ट्रीय ���द्यानों के नाम लिखो। +मध्य प्रदेश के मध्य उद्यान, कान्हाकि सली, बान्धवगढ़ इत्यादि राष्ट्रीय उद्यान हैं। +सस्रं पाठ करने के पश्च्यात कंठस्थ करो । +मध्य प्रदेश के दर्शनीय स्थानों की सूची बनाकर उनके चित्रों का संग्रह करो। +हे छात्रों! क्या यह है? +यह नक्शा है? +मोहन! मानसरोवर में क्या दिखायी दिया? +मानचित्र में भारत देश का रूप दिखाया गया। +भारतदेश के मध्य भाग में कौन-सा प्रदेश दिखता है? +भारतदेश के मध्य भाग में मध्य प्रदेश मध्य भाग में मध्य और जैसे शरीर के मध्य भाग में हृदय दिखता है +माला! मध्य भाग में मध्य प्रदेश में कौन-सी नदी बहती है? +मध्य मध्यभाग में नर्मदा नदी इस मेखला की भाँति बहती है। +सुरेश! नर्मदा के उत्तरदक्षिण दिशा में क्या दिखती है? +नर्मदा की उत्तर दिशा विन्ध्याचलमाला और दक्षिण दिशा सतपुड़ा पर्वतमाला दिखाई देती है। +आर्य! भोपाल में भी विन्ध्याचल और सतपुड़ा है? +ठीक है। भोपाल में विन्ध्याचल और सतपुड़ा दो प्रमुख सरकारी भवन हैं। +महोदय! मध्य प्रदेश की गठन कब हुई थी? +मध्य प्रदेश की गठन १९५६ के ईस में, नवम्बर के प्रथम दिनाङ्क में हुई। +महोदय! हमारे प्रदेश में कितने महानगर हैं? +भोपाल हमारे प्रदेश की राजधानी हैं। इन्दौर, ग्वालियर, जबलपुर आदि महानगर हैं। +उज्जयिनी किससे प्रसिद्ध है? +उज्जयिनी महाकाल की नगरी है। महाकाल बारह ज्योतियों में एक है। +प्रदेश में कौन से दर्शनीय स्थल हैं? +इनमें से क्या विशेषता है? +मध्य प्रदेश में महान ईश्वर, मण्डलेश्वर, ओंकारेश्वर, नेमावर इत्यादि नर्मदातीर पर स्थित धार्मिक स्थल भी हैं। +मैहर शहर में स्थित देवी सरस्वती का मंदिर भी बहुत प्रसिद्ध है। +भोपाल स्थित “ताजुलमस्जिद” यह मुसलमानों का धार्मिक स्थल भी प्रसिद्ध है। +भीमबैटका स्थल में पहाड़ों के गुफाओं में बहुत प्राचीन चित्र हैं। +मूर्तिकलार्थ (प्रशंयनीय) कहे गये खजुर आदि मन्दिर बौद्धों के लिए शोभायमान और धार्मिक स्मारक कहे जाते हैं। +मध्यदेश में कौन-से राष्ट्रीय उद्यान हैं? +मध्य प्रदेश का तीसरा भाग वन से आच्छादित है। +माधव उदीयन, कान्हाकिशालाली, बान्धवगढ़ इत्यादि राष्ट्रीय उद्यान हैं। +वन की रक्षा में वनवासियों का विशेष योगदान है। +ये लोग वन में निर्भय विचरण करते हैं। +प्रदेश में कौन-से पर्यटन स्थल हैं? +हमारे प्रदेश में सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला पर पचमढ़ी नामक पर्य��न स्थल है। +वहाँ लोग स्वास्थ्य लाभ के लिये भी जाते हैं। +मध्य प्रदेश में खनिजों का संम्पदा भी है? +मध्य प्रदेश में पन्नामण्डल हीरकरत्नों का खनिभूमि है। +लौह,अलौह और खनिजों के अलावा भी उद्योगों के आधारभूत राष्ट्रजीवन में मध्य प्रदेश महत्त्वपूर्ण है। +विजयी हो जय हो पृथिवी भारत देश में सुखद मध्य प्रदेश। +दशरथ के कितने बेट थे? +चार +चार राजपुत्रों का विवाह कहाँ हुआ? +झूठे में +सीता को खोजने के लिए वन में किसके घूमे हैं? +राम और लक्ष्मण +अयोध्यानगर किस प्रदेश में है? +अयोध्यानगरी उत्तर प्रदेश में है। +राम और लक्ष्मण को किसने अपने आश्रम में ले भेजा? +राम और लक्ष्मण को विश्वामित्र अपने आश्रम में ले गया। +सीता का विवाह किसके साथ हुआ? +सीता का विवाह राम के साथ हुआ। +बन्दरों ने कहाँ से पुल बनाया? +बन्दरों ने समुद्र में पुल बना लिया। +आदिकवि कौन है? +आदिकवि वाल्मीकि है। +एक कौआ था। +कौआ ने कहीं से एक रोटी पाई। +किसी को सियार ने देखा। +रोटी को चुराने का उपाय है। +वह कौए के पास गया। +और वह कहता है: आपने मधुर गाता है ऐसा सुना है। +कृपया एक बार गाएँ", ऐसा। +कौआ सोचने लगा- यह दुष्ट मेरी रोटी को लेने के लिए सोच रहा है। +रोटी पैर के नीचे रख दी। +काँकाँव यह चला गया। +रोटी के नीचे नहीं गिरा। +सियार खिन्न होकर वहाँ से चला गया। +कौआ रोटी खाया और खुश हो गया। +जम्बू के वृक्ष के पास कौन थी? +नदी के किनारे +कौन हर रोज़बूज खाते थे? +बन्दर का मित्र कौन था? +वानर का हृदय खाया जाना चाहती है? +मगर की पत्नी +बन्दर किसकोबूरे दे रहा था? +वानर पक्षी को आम देते थे। +मगर ने किसके लिए बूबूढ़े फल दिये? +कछुआ ने अपनी पत्नी को बूबूबूरें दीं। +बन्दर कैसा फल खा रहा था? +वानर मीठा फल खा रहा था। +नदी के बीच में मगर ने बन्दर से क्या कहा? +नदी के बीच में मगर ने बन्दर से कहा- मेरी पत्नी तुम्हारे हृदय को खाना चाहती है। +कथा को खींचकर क्रमानुसार पुनः लिखो +एक नदी के किनारे एक पेड़ था। +उसमें एक बन्दर रहता था। +वह हमेशा पेड़ों को खाते थे। +कोई मगर उसका मित्र था। +वह बन्दर हररोज उसे पेड़े देते थे। +इसीलिए वहमकर उस बन्दर का प्रिय मित्र बन गया। +एक बार कछुआ ने अपनी पत्नी को किनींबू खिलाए। +वे सब खाकर उसकी पत्नी सोचने लगीं +अहो! वह बन्दर हररोज मीठे पेड़ों को खाता है। +अतः अवश्य उसका हृदय भी बहुत मधुर हो जाएगा। +वह अपने पति से बोली- रोज मीठे पेड़ों के फलो��� को खाकर तुम वानर मित्र का हृदय कितना मधुर होता है? +उसका हृदय खाकर मेरा भी हृदय बहुत मीठा हो जाएगा। +तो यदि तुम मुझे दुष्ट का जीवन चाहते हो तो शीघ्र लाओ, उसका वानर का हृदय ले आओ।” +मगर ने अपनी पत्नी को बहुत प्रकार से रोका। +परन्तु वह दृढ़निश्चया थी। +विवश: मकर अपने मित्र वानर के पास जाकर बोला +मित्र हर रोज मैं ही अन्न आता हूँ। +आज तुम मेरे घर आओ। +बन्दर ने उत्तर दिया +तुम तो जल में रहते हो, कैसे मैं वहाँ जा सकता हूँ? +मगरमच्छ बोलाअ +चिन्ता मत करो +तुम मेरे ऊपर बैठो। +मैं तुझे ले जाऊँगा। +जब वे नदी के बीच भाग में ठहरे तब मगर ने बन्दर से कहा +मेरी पत्नी तुम्हारा हृदय खाना चाहती है। +इसलिये तुमको मेरे घर ले जाता हूँ। +मकर के बोलने से वानर भयभीत हो गया। +परन्तु चतुर बन्दर जल्दी बोला +मित्र! मेरा हृदय तो वृक्ष के कोटर में बन्द है। +इसलिये तुम शीघ्र मुझे वहाँ ले आओ। +मैं प्रसन्न होकर तुम्हारा हृदय दूँगा। +मगर बन्दर को फिर से तासावास लाया। +वह वानर कूदकर जल्दी वृक्ष के ऊपर चढ़ गया। +बन्दर ज़ोर से हँसकर मकड़ी बोली। +अरे मूर्ख! क्या हृदय कभी शरीर से अलग हो जाता है? +तुम मूर्ख हो। +ऐसा परन्तु तुम्हारे साथ मेरी मित्रता समाप्त हो गई। +यह कहकर बन्दर ने फिर से मीठे पेड़ों का फल खाया। +विश्वास ही जिन दोनों के बीच में प्रेम है। +जिस पर आप विश्वास नहीं करते, उसी पर मित्रता और संसार में बातचीत कैसे हो सकती है। +बन्दर कहाँ घूमता है? +वानर दोनों के बीच में घूमता है। +कौन जोर से गरजता है? +सिंह जोड़ से गर्जता है। +मगर कहाँ रहता है? +मगर पानी में रहता है। +चिड़ियाघर में कौन नाचता है? +चिड़ियाघर में मोर नाचता है। +यहाँ सब कुशल हो वहाँ भी कुशल हो जाईये। +मेरी मासिक कीमत की पेंसिल समाप्त हो गई। +मैं पिता के साथ जनक के घर गया था। +क्या तुम जानते हो? +जितेन्द्रिय हम मित्र हैं। +चिड़ियाघर में जीव हमारे मन को रंगते हैं। +वहाँ मैंने बाघ, गीदड़, हाथी, शेर, बन्दर, मगर, खरगोश और हरिण देखा। +मैंने वहाँ कुत्ते, बगुले, सारस, मयूर, हंस और अन्य पक्षी भी देखे। +सिंह जोड़ से गर्जता है। +वानर पेट में घूमता है और उड़ता है। +उसकी पूँछ बड़ी होती है। +मगर पानी में रहता है। +मोर नाचता है। +वह हमारा राष्ट्रीय पक्षी है। +बहुत विस्तार व्यर्थ है +तुम यहाँ स्थित कम्प्यूटर का अवलोकन करने के लिए भोपाल नगर में मेरे घर आओ। +तुम्हारे पिता और जनन को नम��्कार है। +स्वस्ति अनुजाय। +पत्र उत्तर जल्दी लिखिये। +किस महीने में स्वतंत्रता दिवस होता है? +विद्यालय में कौन ध्वजोत्तोलन करेगा? +सुरेश,मीनाक्षी, काशीनाथ और इनके साथ किसका अभ्यास करना चाहिये? +भगतसिंहादि ने किसके लिये नाश्तापना की? +पहली स्वतन्त्रता संग्राम कब हुआ थ? +पहली स्वाधीनता संग्राम ईसवी वर्ष १८५७ में हुआ था। +छात्र पंक्तिबद्ध कहाँ खड़े होंगे? +पंक्तिबद्ध छात्र ध्वजस्थल के पास खड़े होंगे। +विद्यालय में कौन विशेष सज्जन होती हैं? +क्या हमारे वरिष्ठ छात्र विद्यालय में विशेष तैयारी करते हैं? +भारतीयों ने किसकी निरन्तर प्रयास किया? +भारतीयों ने आजादी के लिए लगातार प्रयास किया । +हे महेश्वर! देखो! कक्षा आठ के छात्र क्या कर रहे हैं? +कल अगस्त मास की पन्द्रह तारीख को। +हमारे स्वतन्त्र दिवस का समारोह होगा। +इसलिये वरिष्ठ छात्र विद्यालय में विशेषसज्जा करते हैं। +मैंने पढ़ा कि सन् 18५७ में प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम हुआ था। +वहाँ से भारतीयों ने आजाद के लिये निरन्तर प्रयास किया। +वे भयंकर क्लेश देने वाले असहन्त हैं। +सत्य! उसी समय १९डि के वर्ष में पन्द्रह तारीख को उनके प्रयास सफल हुए। +उनके स्मृति के लिए ही हर वर्ष स्वतन्त्रता दिवस का उत्सव होता है। +देखो, सुरेश देखो! अवन्तिका और मछली काशीनाथ यहीं आते हैं। +सब वहाँ आ रहे हैं । +अहो सुन्दर! कल समारोह में क्या क्या होगा? +गणवेश में प्रातः सात बजे विद्यालय आएँगे। +ध्वजस्थल के पास पंक्तिबद्ध खड़े होंगे। +सभी शिक्षक कर्मचारी भी खड़े होंगे। +बाद में हमारे प्रधान अध्यापक ध्वजोत्तोलन करेंगे। +तत्पश्चात् सभी एक स्वर से ‘जनगणमन’ नामक राष्ट्रगान गाएँगे। +बाद में प्रधानाध्यापक जी उद्बोधन करेंगे। +उसके बाद छात्र परिषद् में कुछ छात्र गीत गाएँगे और कुछ भाषण करेंगे। +मिठाई के अद्यतन से कार्यक्रम का समापन होगा। +मैं संस्कृत माध्यम से तिलक, महात्मा गांधी जी, श्रीनिर्वा जी और सुभाषचंद्र जी के महत्कार्य के विषय में भाषण करूँगा। +चन्द्रशेखर, आजाद, अशफक उल्लाह खान, भगतसिंह आदि ने आजाद होने के बाद भी अपने स्वतन्त्रता से प्रादुर्भूत किया। +भाषण का मेरा विषय ‘क्रान्तिकारी का कार्य’ है। +सुन्दर है स्वतंत्रता दिवस। +अब हम सब घर जाते हैं। +मुझे भी सुरेशमीनाक्षी काशीनाथ के साथ समूहगीत का अभ्यास करना चाहिये। +ध्वजो धूयता भारतीय के लोक में। +धारानगर के राजा कौन थे? +धारानगरी कहाँ है? +ब्राह्मण के हाथ में क्या था? +भोज का नाम किस कारण प्रसिद्ध हैं? +भोज का नाम शिक्षाप्रियता कारण से प्रसिद्ध हैं। +ब्राह्मण को बहुत दरिद्र जानकर राजा ने क्या पूछा? +ब्राह्मण को बहुत दरिद्र समझकर राजा ने पूछा- “ ब्राह्मण! चर्मपात्र को हाथ में क्यों धारण करते हो?” +मध्य प्रदेश के मालवक्षेत्र में धारा नामक शहर है। +प्राचीन काल में इस नगर का शासक राजा भोज था। +राजा का आदेश था कि +ब्राह्मण भी जो हो मूर्ख, वह तो मेरे से बाहर हो गया। +जो कुंभारकार है, वह विद्वान् ही मेरे पास रहे। +भोज का शिक्षाप्रियता के कारणशिक्षित लोग ही धारानगर में रहते थे। +एक बार बगीचे में घूमते हुए भोज ने किसी को बिल्वकारी देखा। +उसके हाथ में चमड़ा बुनकर देखकर, उसे बहुत ऊँचा जानकर, राजा ने पूछा +विप्र! चर्मपात्र को हाथ में क्यों उठाते हो? +ब्राह्मण ने उस (बाहुलुष) को झुर्रमुट से और विनम्रता से मकरन्द होकर उसको भोज (भोजन) जानकर प्रणाम करके कहा +हे देवता! इस समय लोहे और ताँबे की कमी हो गई है। +इसलिए चमड़ा वाला बर्तन ले जाता हूँ। +भोज ने फिर से पूछा +विप्र कैसे लोहे और ताँबे के अभाव में? +तब ब्राह्मण पद्य पढ़ता है। +इस श्रीभोज राजा के, दो ही अत्यन्त दुर्लभ हैं। +शत्रुओं की संख्या को सुनौड़े लोहे से अथवा तामानव के लोहे से कमाया जा सकता है। +राजा ने प्रसन्न होकर उस कवि को ताँबे का डिब्बा तथा चांदी के साथ चांदी का डिब्बा पुरस्कार के रूप में दी। +शिक्षितों के सम्मान के कारण भोज का नाम आज भी भारत में प्रसिद्ध है। +हम किसकी सेवा के लिये निरन्तर चलेंगे? +हम सबको किसको दण्ड देना चाहिये? +भारत रूप से हम क्या हरिेंगे? +भारतभूतल से हम दिन हरण करेंगे। +हम किनको बचाएँगे? +हम सब सज्जनों की रक्षा करेंगे। +पदों का पुरुष और वचन लिखो +हम धीर हैं, हम वीर हैं, हम सब जगह के लिएंद हैं। +हम चारों लोकसेवा के लिये चलते हैं। +बिजली के मरुन्त (मरुन्त ) कोप और सिंहों की गर्जन (चर्जन) को भी। +इसमें शत्रु का भी भय नहीं है। हमारे शत्रुओं का रोपण कभी भी नहीं करना चाहिए। +हम सब आगे चलेंगे, चलेंगे निरन्तर। +दुर्जनों को दण्ड देंगे, सज्जनों की रक्षा करेंगे। +हम ही भारत का भी मङ्गल करेंगे। +माता के ऊपर और परलोक में सम्मान प्राप्त नहीं करेंगे। +और (हम) डायरी और हिरण भारत की समस्त भूतलों का रक्षक हैं। +भेदभ���व के नाश के लिये, हम हमेशा उद्यत रहते हैं। +हम सब बिनालसय करेंगी कामों को सतत करते हैं। +आगे आगे चलेंगे, चलते रहेंगे। +दुःखों के तो विनाश के लिए और सुखों के बढ़ने के लिए हैं। +सभी प्राणियों के हित के लिए हम निरन्तर चलेंगे। +दीपवाली के उत्सव में कितने दिन होते हैं? +पाँच दिन +धन्वन्तरिपूजन किस दिन में किया जाता है? +तेरहवें वर्ष में +व्यापारियों का नया वर्ष कब शुरू होता है? +कार्तिक शुक्लपक्ष की प्रतिपदा +दीवाली में लक्ष्मी का कब पूजन होता है? +दीपवाली में लक्ष्मी की पूजा होती है। +कौन दीपों के लाने वाला है? +अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाना मत, यह दीपों का सन्देश है। +भतीजी क्या की कामना करते हैं? +यह दोनों भाई बहन दीर्घ जीवन, सुख और धन की कामना करते हैं। +नीन्द साफ़ कहां दिखती है? +घरों के सामने छोटीनार्चा दिखती है। +भारतवर्ष में बहुत से उत्सव होते हैं। +जैसे-नवरात्र, होली और रक्षाबन्धन। +इनमें दीवाली (धनी) यह प्रधान उत्सव कार्तिक (शीता) और कृष्णपक्ष (कृष्णपक्ष) में इस वर्ष को मनाया जाता है। +भगवान् राम के अयोध्या जाने पर अयोध्या में प्रथम दीवाली आयोजित की गई। +यह दीपोत्सव और प्रकाशोत्सव हैं। यह पाँच दिवसीय उत्सव हैं। +इसके पाँच दिन भी सर्वत्र दीपनों की पंक्ति दिखती है। +पहली दिन में तेरह लोग आभूषण, घर के पात्र सोने या चांदी खरीदते हैं। +धन्वन्तरि वैद्यराज आज ही पूजनीय है। +पीछे-पीछे जाते हैं +दूसरे दिन की चारों वारियों में विशेषता है सूर्योदय के पहले स्नान करना। +तीसरीदिवस पर अमावास्या में लोग धनदेवी लक्ष्मी का पूजन करते हैं। +व्यापारी व्यापार पुस्तकों का भी पूजन करते हैं। +चौथे दिन कार्तिकप्रतिप में शुक्लपक्ष में व्यापारियों का नया वर्ष शुरू होता है। +किसान और पशुपालक गायों केवर्धन की पूजा करते हैं और गायों का दान करते हैं। +पालक +अंतिम दिन में द्वितीया के भाई बहन मिले, एक दूसरे को सत्कारते हैं और दीर्घजीवन सुख और धन की कामना करते हैं। +सत्कार करते हैं। +दीर्घायु होने के लिए। +इस समय सब जगह आनन्द हो रहा है। +किसानों के घरों में नया अन्न नई धान्य को समागम देता है। +नदी के जल से स्वच्छ बादल दिख रहा है। +दुकानें धन और ग्राहकों से भर जाती हैं। +बच्चे अग्निक्रीडिकाएँ जलाते हैं +घरों में मिठाई का सेवन होता है। +लाजः देवताओं और अतिथियों को समर्पिताः भव, न्ति। +घरों के साम��े छोटीनार्चा दिखती है। +अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलो, यह मेरा सन्देश है। +अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलो, +सभी लोग एक दूसरे को मिलते हैं और अभिनन्दन करते हैं। +अभिनन्दन पत्र भेजते हैं और प्रार्थना करते हैं। +अच्छा करें कल्याण, स्वास्थ्य और सुख की सम्पत्ति। +शत्रुओं की बुद्धि के नाश के लिए दीपक की ज्योति उत्तम है। +वस्तुएँ किससे शीतल होती हैं? +बर्फ की बर्फ़ से । +वायुयान किस मार्ग से जाता है? +किस मशीन की गति वायुयान से लम्बी होती है? +रक्षा के क्षेत्र में किस यन्त्र की महान् भूमिका होती है? +रक्षाक्षेत्र में राडारयन्त्र की महती भूमिका है। +आवश्यकता किनकी माता है? +आवश्यकता आविष्कारों की जननी है। +आविष्कारों का +अपनी शिक्षक की सहायता से पाँच वैज्ञानिकों के नाम और उनके आविष्कारों के नाम लिखो। +पाँच वैज्ञानिकों की +घर में अलभ्य वस्तुओं के नाम लिखो। +मेरा नाम राजीव है। +मेरे घर में कंप्यूटर यंत्र है +कंप्यूटर +मेरे घर फोन है। +फोन +मेरे घर में रेडियो है। +रेडियोयंत्र +मेरे घर में हिमा ठंडा है। +बर्फ की ठण्डी +मेरे घर स्कूटर है +स्कूटर +मेरे घर में बिजली के बूँदे हैं +बिजली के पंखे +मेरे घर कपड़े धोने का यंत्र है +कपड़े धोने की मशीन +मेरे घर में झरने का यंत्र है +जल उत्पन्न करने का यंत्र +मेरे घर में टंकणयंत्र है +टाइप यंत्र +मेरे घर कार है। +कार +आधुनिक युग विज्ञान की आविष्कारों की युग है। +हमारे घर में भी विज्ञान से निर्मित बहुत से यन्त्र होते हैं। +जैसे यह बर्फ शीतल है। +इसमें रखी हुई वस्तुएँ ठंडी हो जाती हैं। +अब घर-घर में इसका उपयोग होता है। +गर्मी में इसका उपयोग अधिक होता है। +यह रेडियो है। +इस मशीन से हम समाचार, भाषण और गीत सुनते हैं। +अनेक शैक्षणिक कार्यक्रम इसी से प्रसारित होते हैं। +शैक्षणिक कार्यक्रम +यह दूरदर्शन है। +यह अत्यन्तधुनिक दृश्य श्रव्य साधन है। +दूरदर्शन से हम गीत, नाटक, समाचार सुनते हैं और देखते हैं। +यह फोन है। +इस मशीन से लोग दूरस्थ लोगों के साथ बात करते हैं। +यह मोबाइल है। +इस मशीन से लोग यात्रा में सब जगह दूसरे लोगों के साथ बात करते हैं। +यह कम्प्यूटर है। +इससे सभी क्षेत्रों मेंक्रांति (कमर) की परिवर्तिका हो गई। +इस समय शिक्षा के क्षेत्र में भी इसकी महती भूमिका है। +ये वायुयान है। +यह क्रुद्ध होकर आकाश में उड़ रहा है। +ये लोग आकाश मार्ग से दूर स्थान पर या व���देश में जाते हैं। +ये रॉकेट का यंत्र है। +इसकी गति वायुयान से भी तीव्र होती है। +ये राडार यंत्र है। +यह यंत्र वायुयान का नियंत्रण करता है। +रक्षा के मैदान में इस यन्त्र की महती भूमिका होती है। +ये उपग्रह का यंत्र है। +मानव निर्मित इस यन्त्र से सूचना संचार ज्ञान, रक्षा क्षेत्र ज्ञान, भूगोल विज्ञान और पर्यावरण ज्ञान होता है। +इस समय भारत देश परमाणु शक्तिसम्पन्न देश है। +राष्ट्र की सुरक्षा में परमाणु शक्ति की महत्ता है। +और कहा गया +सिख धर्म का प्रवर्तक कौन था? +गुरुनानकदेव किस प्रान्त में हुआ? +मजदूर को किसने समर्पित किया? +धनिक ने क्या दिया? +गुरुनानक ने किसका भोजन स्वीकार किया? +गुरुनानक गाँव क्यों गया। +गुरुनानक धर्म प्रचार के लिये गाँव गया। +धनिक क्यों उठा हुआ हुआ है? +धनिक का मिठाई गुरु ने नक से स्वीकार की, उससे वह धनिक उगा गया। +गुरु ने धनिक से क्या कहा? +गुरु ने धनिक से कहा कि संसार में सबसे बड़ा और सबसे बडा दरिद्र कोई भी व्यक्ति धन से या ऊंचे या निम्न दरिद्र से नहीं है। सब लोग समान हैं। चरित्र से ही श्रेष्ठता की प्राप्ति होती है। +लक्ष्मी शुद्ध कैसे होती है? +श्रम से कमाया हुआ लक्ष्मी शुद्ध होती है। +मनुष्य की श्रेष्ठता किससे होती है? +मनुष्य की श्रेष्ठता चरित्र से होती है। +श्रम ही जीतता है यह हमारा ध्येय वाक्य है। +मेहनत ही जीतती है। +श्रम से राष्ट्र की उन्नति होती है। +श्रम से कमाया हुआ धन श्रेष्ठ होता है। +सिक्ख धर्म के प्रवर्तक गुरुनानकदेव पञ्जाबप्रा में हुए। +एक बार वह धर्म प्रचार के लिए एक गाँव गया। +वहाँ एक मजदूर ने गुरु को देखकर स्वागत किया और भोजन के लिए रोटियाँ दे दी। +मजदूर +एक उच्चवर्ग का धनिक भी गुरुजी को मिठाई मिलाया। +मिठाई दी । +ननक ने कुछ सोचकर श्रमिकों के रोटियाँ ले लीं। +यह देखकर धनिक क्रोध से बोला +महाराज! यह क्या है? +मेरे घर से लाया गया सरसों का भोजन छोड़कर आप श्रमिक के शुष्करोटिक्स ले रहे है। +यह ठीक नहीं है। +मैं प्रतिष्ठित हूँ। +आपने मेरा अपमान किया। +क्या मुझ में गुरु का ऋण नहीं है? +मुझे भी गौरवान्वित करिये। +गुरुनानक ने क्षणभर विचार करके मधुर वाणी से कहा । +इस संसार में सत्य और धन से कोई मनुष्य ऊंचा या निम्न +सभी लोग समान हैं। +चरित्र से ही श्रेष्ठता होती है। +मजदूर ने तो बहुत श्रम से धन कमाया है। +इसलिये उसका भोजन पवित्र है। +मैंने उसका भोज�� स्वीकार कर लिया। +गुरु की बात सुनकर प्रभावित होकर धनिक ने अपना अभिमान छोड़कर नम्रभाव होकर गुरुचरणों के भूमि पर गिर पड़ा। +श्रम से कमाया हुआ लक्ष्मी शुद्ध होती है। +लक्ष्मी बैंक में प्रवेश करती है। +मैं प्रवेश करती हूँ। +वह कूड़ा फेंकती है। +वह रास्ते में ही कूड़ा फेंकती है +एक छात्रा उसे मना कर रही है +हे बहन! रास्ते में कूड़ा मत फेंकिये। +कूड़ेदान में ही कूड़ा फेंकिये +वह बहन उसकी बात मानती है +आज एक बालक का नामकरण कराना था। +नवजात बालक के शरीर में नानी ने तेलमालिश की +नवजात बालक को नानी ने नहलाया। +बाद में उसने बच्चे को वस्त्र से बाँध दिया। +बालक का नाम आर्ष रखा गया। +बाद में नानी ने गाय को घास दी। +अतिथियों ने भोजन किया। +सरसों का साग था। +मक्के की रोटी थी। +उसके साथ गुड़ भी था। +वहाँ से खाकर अभी ही घर आया हूँ। +सुमित का काम हो गया। +स्नेहलता नृत्यांगना हो गई। +श्रीकान्तस्वी कार्य में सफल हुआ। +वर्णिका घर के काम में निपुण हो गई। +एक शिक्षिका आज निवृत्त हो गई है। +छात्र उत्तर सुनकर शान्त हो गया। +हिमालय में वह यति को देखेगा। +पुरीनगर में वह मन्दिर देखेगी। +वर्षा के समय किशोर मोर का नृत्य देखेगा। +नेत्र चिकित्सा के बाद वह सब देखेगा। +आगामि वर्ष में वह मानसरोवर देखेगा। +मर्यादापुरुषोत्तम कौन था? +श्रीराम मर्यादापुरुषोत्तम थे। +श्रीराम ने दण्डकारण्य में अनेक राक्षसों को मारा +वह पिता की आज्ञा का पालन कर चुका। +श्रीराम जी गुरुओं का आदर करते थे। +उन्होंने रावण के साथ युद्ध किया +रावण को मार दिया। +आज भी सभी लोग श्रीराम को याद करते हैं, रावण को नहीं । +श्रीराम का अनुसरण करें, रावण का नहीं +हे मित्र! यज्ञ करिये। +आप भोजन करिये। +हे माँ! आप विश्राम करिये। +आईये, गङ्गास्नान करिये। +आप सभी प्रतीक्षा करिये... मैं आता हूँ। +आप सभी अभ्यास करिये। +हे सज्जनों! स्वच्छता करिये। +सभी आईये, गङ्गास्नान करिये। +मैं यहाँ लिखूँ क्या? +मैं किसलिए लिखूँ? +हे पुत्र! सुन्दर विचारों को लिखो। +स्नेहलता! शुभकामना सन्देश लिखिये। +श्रीकान्त! कृपया शोधपत्र लिखिये। +वर्णिका! एक गाना लिखिये। +शिक्षिकाएँ! काले बोर्ड पर पाठ लिखिये। +हे छात्र! अशुद्ध मत लिखो। +वह परीक्षा में उत्तीर्ण होता है। +वह नृत्य करने के लिये तैयार होती है। +उसका बेटा सदाचारी बनता है +व्यायाम करके वह बलवान होता है। +रुचि प्रातःकाल घर म���ं ही होती है। +विमल के घर में हवन होता है। +मानसिक उन्नति के लिये योग करना चाहिये। +जो योग करता है वह हमेशा स्वस्थ होता है। +योगासन भी करना चाहिये । +ध्यान भी करना चाहिये +प्रातः जल्दी उठकर योगासन और ध्यान करना चाहिये। +सभी लोग मेरे पास आते हैं +नीलेश आगे आता है +जगदीश पीछे आता है। +पूर्णिमा बाएँ आती है । +वत्सला दाहिनी आती है। +किशोर सान्त्वनासन्देश लिखेगा। +ले आयेगा बेटी को पत्र लिखेगा। +अरुणा आज नहीं लिखती श्व लिखेंगे। +छात्र उत्तर लिखेगा। +चिकित्सक औषधि लिखेगा। +आज मकरसंक्रांति है। +सारे भारत देश में यह पर्व मनाया जाता है। +तमिलनाडु राज्य में पोंगलपों की कहा जाता है। +बहुत से लोग नदी में स्नान करते हैं। +आज लोग यज्ञ करते हैं +यज्ञ में तिल की आहुति देते हैं। +घर में तिल के लड्डू बनाते हैं । +महाराष्ट्र में एकदुसरे को तिल के लड्डू दिए जाते हैं। +तिल के लड्डू को खाओ, मीठा मीठा बोलो। +गुजरात में लोग पतंग उड़ाते हैं +सभी को मकरसंक्रांति पर्व की मंगलकामनाएँ। +विजय गाजर खाता है। +अमिता मूँगफली की कतली खा रही है। +बच्चे गन्ना छील कर खाते हैं। +बालिकाएँ बेर खाती हैं । +घोड़े चना खाते हैं। +मैं दूध में रोटी मिला कर खाता हूँ। +मैं पेड़ के नीचे बैठकर खा रहा हूँ। +हम गरम भोजन खाते हैं। +हम सब मिलकर खाना खाते हैं। +पहले हम गाय को खाना देते हैं बाद में खाते हैं। +सुमित ने सुविचार लिखा। +स्नेहलता ने शुभकामनाएँ की सन्देश लिखी। +श्रीकान्त ने शोधपत्र लिखा। +वर्णिका ने सुबह गीत लिखा। +शिक्षिका ने श्याम बोर्ड पर पाठ लिखा। +छात्र ने आज शुद्ध लिखा। +वह उपन्यास लिखता है। +वह प्रतिदिन गायत्री मन्त्र लिखती है। +अनुराग सुविचार लिखता है। +चिकित्सक रोगी के लिये औषधि लिखता है। +अङ्किता बहन बाएँ हाथ से लिखती है। +सुजाता दाहिने हाथ से लिखती है। +मैं उसका कार्य भूल गया। +जब मैं रास्ते में था +तब मेरी पत्नी का फोन आया। +वह बोली +उसका फोन रात नौ बजे आया था। +मैं फिर से नगर की ओर गया। +वह बहन दूकान बन्द कर रही थी +मैंने निवेदन किया। +उस बहन ने फिर से दूकान खोली। +अब निश्चिन्त होकर घर जा रहा हूँ । +मेरे घर में तुलसी का पौधा है। +अंकित के घर केले का पेड़ है +मोहित के घर आम् का पेड़ है । +गीतिका के घर गुलाब का पेड़ है। +तुम्हारे घर किसका वृक्ष है? +आपके घर किसका पेड़ है? +आपके घर किसका पेड़ है? +गिरीश ने नीतिशतक पढ़ा। +��ता ने मेरा सन्देश पढ़ा। +सौम्या ने राजतरंगिणी पढ़ी। +आलोक ने सुबह लक्ष्मीसूक्त पढ़ा था । +मेरी माँ ने व्यवहारभानु को पढ़ा है। +अम्बुज ने नाट्यशास्त्र पढ़ा। +फिर भी वह वस्तुएँ खरीदती है +धन के बिना वह साड़ी खरीदती है। +धन के बिना वह ग्रोसरी खरीदती है। +धन के बिना वह पुस्तकें खरीदती है। +धन के बिना वह पुत्र के लिए खिलौने खरीदती है। +वह सारी वस्तुएँ कैसे खरीदती है? +उसके पास डेबिट कार्ड है । +वह डेबिट कार्ड का उपयोग करती है । +डेबिट कार्ड से अब खरीदी सरल हो गई है। +बालक खिलौने गिनता है। +महिला साड़ियाँ गिनती है। +शिक्षक छात्रों को गिन रहा है। +छात्र दिन गिन रहे हैं। +मैं मेरे घर की पुस्तकों को गिन रहा हूँ। +गौशाला में कितनी गाय हैं? मैं गिनता हूँ। +कितने लोग संस्कृत अभ्यास करते हैं? उनकी संख्या गिन रहा हूँ। +हम सब जब रेल से उतरते हैं तब सूटकेस गिनते हैं। +हम अपने बाल गिनते हैं क्या? +बगीचे में हम वृक्ष गिनते हैं। +क्या मैं ऑथेलो पढूँ? +नहीं ऑथेलो मत पढ़िये। +सुनिए! नीतिशतक पढ़िये। +बहन! मेरा सन्देश पढ़िये। +हे सौम्य! राजतरंगिणी पढ़िये +आलोक, कृपया सवेरे स्वस्तिवाचन पढ़ें। +हे माँ! व्यवहारभनु पढ़िये। +हे अम्बुज! नाट्यशास्त्र पढ़ें। +प्रबंधक कर्मचारी को बोलता है - "कर्म करो" +वैद्य रोगी से कहता है- "औषध लें" +लोग विधायक के घर जाकर अपनी समस्या बोलते हैं। +छात्र आपस में बोलते हैं। +सज्जन लोग सहन करते हैं, कुछ नहीं बोलते हैं। +मैं पहले सुनता हूँ बाद में बोलता हूँ। +हम क्यों बोलते हैं? +हम क्यों नहीं बोलते हैं? +हम भोजन के समय नहीं बोलते हैं। +हम असत्य नहीं बोलते हैं। +सैनिक लेह से सियाचिन जाता है +आप कहाँ से कहाँ जाते हैं? +आप कहाँ से कहाँ जाती हैं? +मन्दिर में +मन्दिरों में। +घर में +घरों में। +बाग़ में। +उद्यानों में। +पाठशाला में। +पाठशालाओं में। +काम में। +काम में। +मन्दिर में भक्त जाता है। +मन्दिरों में भक्त जाते हैं । +घर में तुलसी वृक्ष है +घरों में तुलसी वृक्ष हैं । +उद्यान में बच्चे खेलते हैं। +उद्यानों में बच्चे खेलते हैं। +पाठशाला में छात्र हैं। +पाठशालाओं में छात्र पढ़ते हैं। +काम में मन नहीं लग रहा है क्या? +अपने अपने काम में मग्न हो जाईये। +मैं दूध पीकर आ गया हूँ। +मैं नाश्ता करके आ गई हूँ। +आप कब आये? +आप कब आ गई? +सुपर्णा रत्नगिरी से आ गई । +शान्ति शिक्षक आ गया। +मेरा वेतन अभी भी नहीं आय��� +आज सुबह दूध नहीं आया। +चिकित्सक देर से आया। +दादीजी उत्तर देती है +बेटा, मैं जब बालिका थी +तब मैं भी अंग्रेजी स्कूल में पढ़ी। +तुम्हारे दादाजी ने भी अंग्रेजी माध्यम से पढाई की +उसके बाद तुम्हारे पिताजी ने भी अंग्रेजी में +घर में हिन्दी भाषा में सम्वाद होता था । +विद्यालय में अंग्रेजी भाषा में। +उसके कारण से संस्कृत में बातचीत समाप्त हो गई । +संस्कृत पुस्तकों का पढ़ना समाप्त हो गया । +समाज में मैं अकेली नहीं हूँ। +मेरे जैसी दादियाँ बहुत हैं। +जो अंग्रेजी की आश्रित हो गईं। +सभी वैसे ही हो गए +वह घास लाया है +गायों को घास देता है। +गौएँ आती हैं। +गौएँ घास खा रही हैं । +उसका बेटा गाय को देखकर बहुत खुश होता है। +वह बच्चा गायों से नहीं डरता है। +वह भय के बिना गायों के साथ रहता है। +श्रेया बहुत मीठा गाती है। +माँ सुबह स्तोत्र गाती है। +वह किशोरकुमार जैसा गाता है। +वे/ वे राष्ट्रगीत गाती हैं। +सुमित्रा बहन विष्णुसहस्रनाम गाती है। +बहनें विष्णुसहस्रनाम गाती हैं। +मैं देशभक्ति गीत गा रहा हूँ। +मैं प्रतिदिन स्नानगृह में गाता हूँ। +हम "वन्दे मातरम्" गीत गाते हैं । +हम सब मिलकर संस्कृत गीत गाते हैं। +आईये, हम बालगीत गाते हैं। +जा +देना +बोलने के लिए +पढ़ना +लिखने के लिए +पीने के लिए । +हँसने के लिए। +विनोद मानसरोवर जाना चाहता है। +योगिता धन देने के लिये दरवाजे पर बैठती है । +बेटी कविता लिखना चाहती है। +मैं दूध पीना चाहता हूँ। +बेटा, हम दोनों एक काम करते हैं +हर रोज तुम मेरे साथ संस्कृत में बात करोगे। +मैं भी तुम्हारे साथ संस्कृत में बातचीत करुँगी । +हम दोनों संस्कृत सुभाषित भी गाएँगे। +बेटा, अज्ञानतावश जो भी हो गया +वह सब भूल जाना चाहिये । +शाम को जब तुम खेलते हो तब +संस्कृत गीत भी गाएँगे। +पोता बोला +दादीजी, बहुत अच्छा । +मेरे मित्र भी आएँगे। +ओ मेरी अच्छी दादीजी! +हाँ आईयेगा +नहीं मत आईये। +हे दीपक! आप मेरे घर आना। +आप जल्दी से आओ। +भोजन करने आईये। +आईये संस्कृत पढ़ें। +वह नीतिशतक पढ़ता है। +वह रघुवंश पढ़ती है। +नीलेश मेघदूत पढ़ता है। +गोमती शाम को पढ़ती है। +सुनिधि आयुर्वेद पढ़ती है। +माँ मेरी पत्र पढ़ती है। +पाँच मित्र एक साथ यात्रा करते हैं +सभी अपनी अटैची लाए हैं +ओह सबकी अटैची तो एक समान है । +सभी की अटैची का रंग भी एक समान है। +आकार भी एक समान है। +मयंक अटैची पर ॐ लिखता है। +सुधीर उसका नाम लिखता ह��� । +कैलाश अटैची पर तारा बनाता है । +यज्ञेश फूल बनाता है। +आलोक भारत का नक्शा बनाता है। +बाद में वे सभी सुख से रेल में सो जाते हैं +ये बालिका है। +इसका नाम श्रीजा है । +जो भैंस खाती है +यह आईस्क्रीम बहुत अच्छा लगता है। +क्या तुझे भी आईस्क्रीम पसंद है? +सुरेखा कुम्भलगढ़ से आती है +जयेन्द्र वाटिका से आता है। +चिकित्सक देर से आते हैं। +अभी कास आ रहा है। +हमारे वीर शहीद हुए हैं। +राष्ट्र की रक्षा के लिए उन्होंने प्राणों की आहुति दी है। +वे वंदनीय सैनिक थे। +सैनिकों के परिवार जन शोकमग्न हैं। +हम भी शोकाकुल हैं। +हमारे सैनिक देश के रत्न हैं +राष्ट्र की रक्षा के लिये हमें भी कुछ करना चाहिये। +क्या करें? क्या कर सकते हैं? +बाग़ में। +अपने अपने काम में मग्न हो जाईये +मैं गया +मैं गई +कल शनिवार को मैं सिलीगुड़ी गई थी। +परसों मैं गढ़मुक्तेश्वर गया। +पिछले वर्ष मैं सापुता गई / गई थी। +वह गया +गया। +वह गई। +आज मन्दिर नहीं जाएगा, कल जाएगा। +योगिता कल शान्तिवन गई। +सोमेश अभी ही कार्यालय गया है। +स्वरा पिछले सप्ताह इतालीस गई। +मेरा मित्र बाल्या गया। +वैसे ही सरल वाक्यों का अभ्यास करें। +आप कहाँ जा रहे हो? +आप कहाँ जा रही हैं? +मैं नदी किनारे जा रही हूँ । +मैं नदी किनारे जा रही हूँ । +मैं मानसरोवर जा रही हूँ । +मैं मानसरोवर जा रही हूँ । +मैं गौशाला जा रही हूँ । +मैं गौशाला जा रही हूँ । +मैं पानीपत जा रहा हूँ । +मैं पानीपत जा रहा हूँ । +वह कहाँ जा रहा है? +वह कहाँ जा रही है? +वह लोनावाला जा रहा है। +वह राँची जा रही है। +देवेन्द्र कार्यालय जा रहा है। +सुष्मिता नाट्यगृह जा रही है। +वे बोलते हैं मैं सुनता हूँ । +मैं बोलता हूँ वे सुनते हैं। +वे सब नाच रहे हैं मैं देखता हूँ। +मैं नाचता हूँ वे देखते हैं। +आप प्रतिदिन संस्कृत अभ्यास करते हैं क्या? +हाँ, मैं रोज अभ्यास करता हूँ। +आप कौन-सी पुस्तक पढ़ रहे हैं? +मैं प्रौढ़ रचनानुवादकौमुदी पढ़ता हूँ। +वह पुस्तक का लेखक कौन है? +उसका लेखक पं. कपिलदेव द्विवेदी है। +आप किस पुस्तक को पढ़ती हैं? +मैं संस्कृत शिक्षण सरणी पढ़ रहा हूँ। +उसका लेखक आचार्य राम शास्त्री वैद्य हैं। +मैं "संस्कृत स्वयं शिक्षक" पुस्तक भी पढ़ता हूँ +मैं भी। +उसका लेखक पं. दामोदर सात्विक है। +मैं अनंतनाग जाऊँगा क्या? +आप विद्यालय जाईये। +आप जोधपुर जाईये। +अभी ही जाईये। +जल्दी से जाईये । +जाईये माँ बुलाती है। +पढ़ने के ���िए गुरुकुल जाईये। +सुबह ही जाईये । +प्रारम्भ में एकवचन में ही अभ्यास करिये। +कल मैं अबोहर जाऊँगा। +रविवार को मैं कानपुर जाऊँगा। +एक घण्टे बाद मैं कार्यालय जाऊँगा। +अब तो मैं पाकिस्तान नहीं जाऊँगा। +काश्मीरा आज मन्दिर नहीं जाएगी, कल जाना होगा। +लतिका कल अवश्य ही विद्यालय जाएगी। +माघ महीने में योगेंद्र हरिद्वार जाएगा। +अगले सप्ताह धर्मपाल मॉरीशस जाएगा। +मेरी पत्नी मायके कब जाएगी? +वह एक बार तो हिमालय जाएगा। +आज ठण्ड है। +कल ठंड थी। +कल ठण्ड होगी। +आज ठण्ड नहीं है। +कल ठंड नहीं थी। +कल ठण्ड नहीं होगी। +आज मेरे मित्र के घर वेदकथा है। +कल मेरे मित्र के घर वेदकथा थी। +कल मेरे मित्र के घर वेदकथा होगी। +आज मेरे मित्र के घर रामकथा नहीं है। +कल मेरे मित्र के घर रामकथा नहीं थी। +कल मेरे मित्र के घर रामकथा नहीं होगी। +विद्यालय में अस्वच्छता नहीं होगी। +नगर में अशान्ति नहीं होगी। +हररोज मैं कार्यालय जाता हूँ। +मैं स्नान करने जा रही हूँ। +मैं अस्पताल नहीं जा रही हूँ । +अब रागिणी अल्मोड़ा जा रही है। +श्रेया भोजनालय नहीं जाती है। +सञ्जय कुरुक्षेत्र जाता है। +छात्र विद्यालय जाता है। +आप क्यों नहीं जाते हैं? +आप क्यों नहीं जा रही हैं? +सूर्योदय हो गया । +अभी मैं क्या क्या देख रहा हूँ? +महिला मन्दिर जा रही है। +महिलाएँ मंदिर जा रही हैं। +बच्चे विद्यालय जा रहे हैं। +एक सज्जन गाय को घास देता है। +गाय घास खा रही है। +एक महिला वस्त्र धो रही है। +लोग बगीचे में घूमते हैं। +मेरे बड़े भाई यजुर्वेद पढ़ रहे हैं। +मेरा छोटा भाई गरम पानी पी रहा है। +वह यज्ञ कर रहा है। +लोग योगासन कर रहे हैं। +मैं नहीं हूँ +हम नहीं हैं । +मैं वृद्ध नहीं हूँ। +मैं वृद्ध नहीं हूँ। +मैं दुर्बल नहीं हूँ। +मैं दुर्बल नहीं हूँ। +मैं तुम्हारा शत्रु नहीं हूँ +मैं अस्वस्थ हूँ /अस्वस्थ नहीं हूँ । +वह अपराधी नहीं है। +वह निर्धन नहीं है । +किशोर घर में नहीं है। +रजनी मेरी छात्रा नहीं है। +जयदीप ने आलस छोड़ दिया। +शोभना ने आलस छोड़ दिया। +मैंने आलस छोड़ दिया। +अहं आलस छोड़ दिया। +हम सब हैं +हम सब भारतीय हैं। +हम सब छात्र हैं। +हम सब किसान हैं। +वे वृद्ध हैं। +वे सैनिक हैं । +वे किसान हैं। +वे युवतियाँ हैं +वे नृत्यांग हैं। +वे गौएँ हैं। +वे मन्दिर हैं। +वे पुस्तकें हैं। +हम नहीं हैं । +हम पाकिस्तानी नहीं हैं। +हम दुर्बल नहीं हैं । +हम वञ्चक नहीं हैं । +वे ��ृद्ध नहीं हैं। +वे मूर्ख नहीं हैं। +वे निर्दोष नहीं हैं। +वे सामान्य युवतियाँ नहीं हैं +वे नृत्यांग नहीं हैं। +वे अशिक्षित नहीं हैं। +वे फल मीठे नहीं हैं। +वे पुस्तकें आपके पास नहीं हैं। +वैसे ही सरल वाक्यों का अभ्यास करें। +कल मैं एक मित्र के घर गया था। +उसे बीमा के कागजात देने थे। +उसने दरवाजा खोला। +वह बोला जल्दी से अंदर आओ। +बहुत ठंडी हवा बह रही है। +मेरा हाथ भी ठंडा हो गया है। +मेरे दोनों हाथ भी ठंडे हो गए हैं । +उसने पत्नी को बुलाया । +ओ इसको हल्दी वाला दूध दो। +वह हल्दी वाला दूध लाई। +मैं हल्दीवाला दूध पीकर कार्यालय गया। +उसका चश्मा गिर गया। +चश्मा टूट गया है। +पूरा नहीं बल्कि एक ही चोंच टूट गया +वह चश्मा उठा। +चश्मे की दुकान में ले गया। +नया कँच डाला। +अब उसका चश्मा ठीक हो गया है। +चश्मा ध्यान से पहनना चाहिए +सुबह गाय के मूत्र से आँख धोईये। +उससे दृष्टि बढ़ती है। +आप कल नहीं आए! +आप कल नहीं आईं! +आज अवश्य आना । +कल मत आना । +मैं कल और परसों बाहर जाता हूँ। +उसने सत्ताईस तक गिन लिया। +उसने मुझे सत्ताईस हजार दिये। +मैंने कहा नहीं केवल इक्कीस हजार ही होते हैं। +मैंने उसे छः हजार वापस किये। +वह बोला - " आप पर मुझे विश्वास है ।" +अभी वह फिर से गिन रहा है। +मुझे केवल इक्कीस हजार देगा। +आप भी गिनिये। +आप भी गिनिये। +अभी अमेरिका के ह्यूस्टन शहर में हूँ। +आप कहाँ है? +आप कहाँ हैं? +सबका उत्तर - मैं भी ह्यूस्टन शहर में हूँ। +कैसे? +मैं दूरदर्शन द्वारा अमेरिका में चल रहे कार्यक्रम को देख रहा हूँ। +गुजरात का गरबा देखा। +पंजाब का भाँगड़ा देखा। +ओड़िसी नृत्य भी देखा। +शास्त्रीय संगीत सुना। +भारतीय पाश्चात्य मिलाजुला नृत्य देखा। +सभी भारतीय नरेंद्र मोदी जी की प्रतीक्षा कर रहे हैं। +मैं पूरा कार्यक्रम देखूँगा। +उसके बाल गिर रहे हैं। +वह जब नहाता है तब बाल झड़ते हैं। +हररोज़ बाल झड़ रहे हैं। +भोजन के समय थाली में बाल गिरते हैं। +रास्ते में उसकी शर्ट पर भी बाल आ जाते हैं। +अभी वह सिर पर रीठे का लेप कर रहा है। +आँवले का भी सेवन करता है। +कभी कभी दही से बाल धोता है। +जैसा वैद्य ने कहा वैसा वह कर रहा है। +उसके बाल मजबूत हो जाएँगे ऐसा मैं मानता हूँ। +वह मिहिर है । +मिहिर खगोलशास्त्री है । +मिहिर खगोलविद् है । +कल रात वह एक गाँव में था +वह बच्चों को आकाश में तारे दिखाता है +देखो बालकों! वहाँ सात साल के तारे हैं । +उनके पास ध्रुव तारा है। +देखो, वह छोटा तारा.कोमलता देनेवाली तारा है । +बहुत देने योग्य है शुक्रग्रह । +सभी तारा यहाँ से कोटि प्रकाशवर्ष दूर हैं। +यहाँ से तारे छोटे दिखते हैं। +वास्तव में वे सभी बहुत विशाल हैं +ये भी फेंक दीजिये +पति - आज फिर से.... +पत्नी - हाँ, आज अनावश्यक पत्र फेंकने हैं +पति - कहाँ फेंकूँ, नगरपालिका के कूड़ेदान में क्या? +पत्नी - नहीं, समुद्र में फेंकिये। +पति -समुद्र में क्यों??? +पत्नी -ये कूड़ा नहीं है। +सबकी निमंत्रणपत्रिकाएँ हैं। +सबने प्रेम से बुलाया था। +पति -ऐसा क्या? मैं समुद्र में फेंक दूँगा। +मैं समुद्र की ओर जाता हूँ। +एक छोटा बच्चा गीत गाता है +उसके साथ एक छोटी बच्ची भी गाती है +दोनों गाते गाते नाचते हैं +दोनों केवल एक ही पंक्ति जानते हैं +बार बार वैसे ही पंक्ति बनाते हैं । +परिवार जन दोनों नाच देखते हैं +सभी लोग खुश होते हैं +उन दोनों बालकों को मिलना नृत्य सबको पसंद आया। +ओह सुमधुर गाना । +ओह मनोहर नाच । +वह कुछ चंचल है । +वह सुबह घूमने जाता है | +मार्ग में जब काँटे देखता है.... +तब वह उन्हें दूर करता है +रास्ते में कुछ गिरा हुआ दिख रहा है..... +वह सब दूर करता है +रास्ते में एक जगह बैठ कर वह गीत भी गाता है +वह बहुत मीठा गाता है। +वह अपना निवृत्त जीवन सुख से बिताता है +वह कविता भी लिखता है +पत्नी - बाहर फेंक दीजिये । +पति - क्या? +पत्नी -ये कूड़ा.... +थोड़ी देर बाद +पति - फेंक दिया । +पत्नी - कहाँ? +पति - बाहर.... +पत्नी बाहर जाकर देखती है। +पत्नी - यहाँ नहीं फेंकना था । +पति -तो कहाँ फेंकना था? +पत्नी - ओह... नगरपालिका के कूड़ेदान में। +पति - ठीक है, वहाँ फेंकता हूँ । +पति नगरपालिका के कूड़ेदान में कूड़ा फेंकता है। +पत्नी - सेविका तो नहीं आई। +बर्तन कौन धोएगा? +आज मेरे विद्यालय में शिक्षणाधिकारी आएँगे। +पति - कितने बर्तन हैं? +ओह, केवल बीस न । +आठ तो चम्मच हैं। +चार गिलास। +तीन थालियाँ हैं। +अन्य पात्र छोटे ही हैं। +हम दोनों धो सकते हैं। +पत्नी - सेविका कब आएगी? +पति - अभी तो सेवक आ गया है। +आओ, बर्तन धोते हैं । +एक फूल से एक पान होता है। +पण्डित पण्डितत्व को प्राप्त करता है। +पण्डित पण्डितत्व को प्राप्त करता है। +पण्डित पण्डितत्व को प्राप्त करता है। +बुद्धि बुद्धि से बोधित हो जाती है। +बुद्धि बुद्धि से बोधित हो जाती है। +स्वामी भूखा मनुष्य का नौकर है। +स्वामी भूखा मनुष्य का नौकर है। +स्वामी भूखा मनुष्य का नौकर है। +ध्यान करनेवाला ध्यानसे धैर्यमान् पुरुषको ध्यान करता है +ध्यान करनेवाला ध्यानसे धैर्यमान् पुरुषको ध्यान करता है +ध्यान करनेवाला ध्यानसे धैर्यमान् पुरुषको ध्यान करता है +जल से शरीर की सब अभिलाषाएँ शुद्ध होती हैं। +गुप्त रूप से होने वाले पापों को जीत-बु जीतकर अर्थात् उन्हें शांत कर सकते हैं। +गुप्त रूप से होने वाले पापों को जीत-बु जीतकर अर्थात् उन्हें शांत कर सकते हैं। +तप से वेदों में उत्तम तपस्वी शुद्ध होते हैं। +प्राणायाम से प्रकाश की रक्षा होती है। +प्राणायाम से प्रकाश की रक्षा होती है। +पुण्य के द्वारा पुण्यलोक को जीता जाता है। +पुण्य के द्वारा पुण्यलोक को जीता जाता है। +दो आंखों से ही लोग देखते हैं +दो आंखों से ही लोग देखते हैं +दो आंखों से ही लोग देखते हैं +विद्या से मृत्यु पार होती है। +विद्या से मृत्यु पार होती है। +विद्या से मृत्यु पार होती है। +विद्या से अमृतत्व को प्राप्त होता है। +विद्या से अमृतत्व को प्राप्त होता है। \ No newline at end of file