diff --git "a/response-9.csv" "b/response-9.csv" new file mode 100644--- /dev/null +++ "b/response-9.csv" @@ -0,0 +1,627 @@ +,num,class,subjects,question,ground_truth,generated_answer,source +0,210,class-9,social science,उन्नीसवीं और बीसवीं सदी की दुनिया के लिए फ्रांसीसी क्रांति कौन सी विरासत छोड़ गई?,"19वीं और 20वीं सदी की दुनिया के लिए फ्रांसीसी क्रांति में निम्नलिखित विरासत छोड़ गई – + +स्वतंत्रता और जनवादी अधिकारों के विचार फ्रांसीसी क्रांति की सबसे महत्वपूर्ण विरासत थे। 19वीं सदी में फ्रांस से निकलकर बाकी यूरोप में फैले और इनके कारण वहां सामंती व्यवस्था का नाश हुआ।",उन्नीसवीं और बीसवीं सदी की दुनिया के लिए फ्रांसीसी क्रांति कौन सी विरासत छोड़ गई?,"['। आइए, भारत में वन-विनाश के कुछ कारणों पर गौर करें। . ज़मीन की बेहतरी सन्\u200c 600 में हिंदुस्तान के कुल भू-भाग के लगभग छठे हिस्से पर खेती होती थी। आज यह आँकड़ा बढ़ कर आधे तक पहुँच गया है। इन सदियों के दौरान जैसे-जेसे आबादी बढ़ती गयी और खाद्य पदार्थों की माँग में भी वृद्धि हुई, वेसे-वेसे किसान भी जंगलों को साफ़ करके खेती की सीमाओं को विस्तार देते गए। औपनिवेशिक काल में खेती में तेज़ी से फेलाव आया। ब्द्ध » के सदा च। पथ ह्द् न्््ज््जि 5 3 | 0... ५०० ७ ३>क* किक 3 जद ५ ७"" ०३३ न ः ५ & < “४ व अरकेकलन-कनन २ $ है का -. के 3 है ह का &% 3 और । हा 7“ हि कर | है व क छू 9 ३ >> ् ॥ 27 ब हर पर ५ हे री] ५ हा * का ५ | मर १ शा पा क्ल्छ हि दि ! _.२ वि के. १ का ध्य अर ३१४ 0 »« जे ५ 3) ०५ ४०८४५ 0 कल ८. पर कम ००१०३ ६ । ट दुक । 3 2१00. फ! * कै ऐ रह | 0 कलश) थे ५ ; *- 3 ४ ९ ९५५८-५४ हक हि ५ रो 5 > ध््ः क पे छा ण्स् उत्त आ कै. ५० प्ये२ <. चित्र 2 - छ्वेन द वेलीज़ वर फुल ( जब घाटियाँ भरी पड़ी थीं )', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +1,211,class-9,social science,उन जनवादी अधिकारों की सूची बनाएं जो आज हमें मिले हुए हैं और जिन का उद्गम फ्रांसीसी क्रांति में है।,"उन जनवादी अधिकारों की सूची निम्नलिखित है जो आज हमें मिले हुए हैं और जिनका उद्गम फ्रांसीसी क्रांति में भी किया गया है – + +प्रेस की स्वतंत्रता का अधिकार। +स्वतंत्रता एवं समानता का अधिकार। +भाषण एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार। +मत देने का अधिकार।","उन जनवादी अधिकारों की सूची बनाएं जो आज हमें मिले हुए हैं और जिन का उद्गम फ्रांसीसी क्रांति में है। +1. स्वतंत्रता का अधिकार +2. समानता का अधिकार +3. न्याय का अधिकार +4. जीवन का अधिकार +5. स्वावलंबन का अधिकार +6. शिक्षा का अधिकार +7. स्वतंत्र विचार का अधिकार +8. स्वतंत्र संगठन का अधिकार +9. स्वतंत्र व्यवहार का अधिकार +10. स्वतंत्र विचार का अधिकार +11. स्वतंत्र व्यवहार का अधिकार +12. स्वतंत्र विचार का अधिकार +13. स्वतंत्र व्यवहार का अधिकार +14. स्वतंत्र विचार का अधिकार +15. स्वतंत्र व्यवहार का अधिकार +16. स्वतंत्र विचार का अधिकार +17. स्वतंत्र व्यवहार का अधिकार +18. स्वतंत्र विचार का अधिकार +19. स्वतंत्र व्यवहार का अधिकार +20. स्वतंत्र विचार का अधिकार +21. स्वतंत्","['। आइए, भारत में वन-विनाश के कुछ कारणों पर गौर करें। . ज़मीन की बेहतरी सन्\u200c 600 में हिंदुस्तान के कुल भू-भाग के लगभग छठे हिस्से पर खेती होती थी। आज यह आँकड़ा बढ़ कर आधे तक पहुँच गया है। इन सदियों के दौरान जैसे-जेसे आबादी बढ़ती गयी और खाद्य पदार्थों की माँग में भी वृद्धि हुई, वेसे-वेसे किसान भी जंगलों को साफ़ करके खेती की सीमाओं को विस्तार देते गए। औपनिवेशिक काल में खेती में तेज़ी से फेलाव आया। ब्द्ध » के सदा च। पथ ह्द् न्््ज््जि 5 3 | 0... ५०० ७ ३>क* किक 3 जद ५ ७"" ०३३ न ः ५ & < “४ व अरकेकलन-कनन २ $ है का -. के 3 है ह का &% 3 और । हा 7“ हि कर | है व क छू 9 ३ >> ् ॥ 27 ब हर पर ५ हे री] ५ हा * का ५ | मर १ शा पा क्ल्छ हि दि ! _.२ वि के. १ का ध्य अर ३१४ 0 »« जे ५ 3) ०५ ४०८४५ 0 कल ८. पर कम ००१०३ ६ । ट दुक । 3 2१00. फ! * कै ऐ रह | 0 कलश) थे ५ ; *- 3 ४ ९ ९५५८-५४ हक हि ५ रो 5 > ध््ः क पे छा ण्स् उत्त आ कै. ५० प्ये२ <. चित्र 2 - छ्वेन द वेलीज़ वर फुल ( जब घाटियाँ भरी पड़ी थीं )', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते ���ैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +2,212,class-9,social science,"निम्नलिखित विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए। +(i) एक स्थलीय भाग जो तीन ओर से समुद्र से घिरा हो – + +(क) तट + +(ख) प्रायद्वीप + +(ग) द्वीप + +(घ) इनमें से कोई नहीं",प्रायद्वीप, (ख) प्रायद्वीप,"['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +3,213,class-9,social science,"निम्नलिखित विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए।भारत के पूर्वी भाग में म्यांमार की सीमा का निर्धारण करने वाले पर्वतों का संयुक्त नाम – + +(क) हिमाचल + +(ख) पूर्वांचल + +(ग) उत्तराखंड + +(घ) इनमें से कोई नहीं।",पूर्वांचल,भारत के पूर्वी भाग में म्यांमार की सीमा का निर्धारण करने वाले पर्वतों का संयुक्त नाम – हिमाचल है।,"['। आइए, भारत में वन-विनाश के कुछ कारणों पर गौर करें। . ज़मीन की बेहतरी सन्\u200c 600 में हिंदुस्तान के कुल भू-भाग के लगभग छठे हिस्से पर खेती होती थी। आज यह आँकड़ा बढ़ कर आधे तक पहुँच गया है। इन सदियों के दौरान जैसे-जेसे आबादी बढ़ती गयी और खाद्य पदार्थों की माँग में भी वृद्धि हुई, वेसे-वेसे किसान भी जंगलों को साफ़ करके खेती की सीमाओं को विस्तार देते गए। औपनिवेशिक काल में खेती में तेज़ी से फेलाव आया। ब्द्ध » के सदा च। पथ ह्द् न्््ज््जि 5 3 | 0... ५०० ७ ३>क* किक 3 जद ५ ७"" ०३३ न ः ५ & < “४ व अरकेकलन-कनन २ $ है का -. के 3 है ह का &% 3 और । हा 7“ हि कर | है व क छू 9 ३ >> ् ॥ 27 ब हर पर ५ हे री] ५ हा * का ५ | मर १ शा पा क्ल्छ हि दि ! _.२ वि के. १ का ध्य अर ३१४ 0 »« जे ५ 3) ०५ ४०८४५ 0 कल ८. पर कम ००१०३ ६ । ट दुक । 3 2१00. फ! * कै ऐ रह | 0 कलश) थे ५ ; *- 3 ४ ९ ९५५८-५४ हक हि ५ रो 5 > ध््ः क पे छा ण्स् उत्त आ कै. ५० प्ये२ <. चित्र 2 - छ्वेन द वेलीज़ वर फुल ( जब घाटियाँ भरी पड़ी थीं )', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दो��ों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +4,214,class-9,social science,"दक्षिण अफ्रीका का लोकतांत्रिक संविधान बनाने में,इनमे से कौन- सा टकराव सबसे महत्वपूर्ण था: + +(क) दक्षिण अफ्रीका और उसके पड़ोसी देशों का + +(ख) स्त्रियों और पुरुषों का + +(ग) गोरे अल्पसंख्यक और अश्वेत बहुसंख्यकों का + +(घ) रंगीन चमड़ी वाले बहुसंख्यकों और अश्वेत अल्पसंख्यकों का", गोरे अल्पसंख्यक और अश्वेत बहुसंख्यकों का।,"दक्षिण अफ्रीका का लोकतांत्रिक संविधान बनाने में,इनमे से कौन- सा टकराव सबसे महत्वपूर्ण था: (ख) स्त्रियों और पुरुषों का","['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। इसके बाद, केंद्रीय एवं राज्य सरकार के दस्तावेज « 2025 में भारत की साक्षरता-दर का आपका पूर्वानुमान ( भारतीय रिजर्व बैंक) के द्वारा यह बजटीय अनुमान 2020-2॥ क्या है? कप (कै 0-5+२क$क ९३5९१ ५३��३२५२५२९३५३३५५९७७३*+९४२२२*०+९२९+९५५ ३३५२५००*ै+९ै+4३५५७*६३३९५५५०९२+९३५४३५५५५१५४५५२२०« संसाधन के रूप में लोग ३३३९९ ७-३२३२७५३९४ ५ ०] #९ ७ रि300793॥560 2023-24 १०+ 4 फेक ३-३७ है फेक केक 3३ हल #ब्यीऔ जज 7525 29+-2-9ै+% 4 है क्रियाकलाप अपने विद्यालय या अपने पड़ोस के सहशिक्षा विद्यालय में | वाले लड़के और लड़कियों की गणना करें। अपने स्कूल प्रशासक से कहें कि वे आपको लड़के और लड़कियों की संख्या के आँकड़े उपलब्ध कराएँ। अगर उनमें कोई अंतर है, तो उसका अध्ययन करें और कक्षा में उसका कारण समझाएँ। में घटकर 2.8 प्रतिशत बताया गया है। इससे साक्षरता-दर 95] के 8 प्रतिशत से बढ़कर 208 में 85 प्रतिशत हो गई है। साक्षरता प्रत्येक नागरिक का न केवल अधिकार है बल्कि यह नागरिकों द्वारा अपने कर्तव्यों का ठीक प्रकार से पालन करने तथा अपने अधिकारों का ठीक प्रकार से लाभ उठाने के लिए अनिवार्य भी है']" +5,215,class-9,social science,"लोकतांत्रिक संविधान में इनमें से कौन- सा प्रावधान नहीं रहता? + +(क) शासन प्रमुख के अधिकार + +(ख) शासन प्रमुख का नाम + +(ग) विधायिका के अधिकार + +(घ) देश का नाम",शासन प्रमुख का नाम,लोकतांत्रिक संविधान में इनमें से कौन- सा प्रावधान नहीं रहता? (ख) शासन प्रमुख का नाम,"['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण य�� हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +6,216,class-9,social science,पालमपुर में बिजली के प्रसार में किसानों की किस तरह मदद की?," पालमपुर में बिजली के प्रसार से किसानों को निम्नलिखित तरीके से मदद मिली है- + +बिजली के आ जाने से किसानों को घरेलू कामों में अधिक सुविधा मिल गई है। +सिंचाई के लिए नलकूपों को बिजली से आसानी से चलाया जा सकता है।","पालमपुर में बिजली के प्रसार में किसानों की किस तरह मदद की जाती है। यह मदद उन किसानों को प्रदान की जाती है जो पूरे वर्ष काम करते हैं लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं होता है। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं।","['। आइए, भारत में वन-विनाश के कुछ कारणों पर गौर करें। . ज़मीन की बेहतरी सन्\u200c 600 में हिंदुस्तान के कुल भू-भाग के लगभग छठे हिस्से पर खेती होती थी। आज यह आँकड़ा बढ़ कर आधे तक पहुँच गया है। इन सदियों के दौरान जैसे-जेसे आबादी बढ़ती गयी और खाद्य पदार्थों की माँग में भी वृद्धि हुई, वेसे-वेसे किसान भी जंगलों को साफ़ करके खेती की सीमाओं को विस्तार देते गए। औपनिवेशिक काल में खेती में तेज़ी से फेलाव आया। ब्द्ध » के सदा च। पथ ह्द् न्््ज््जि 5 3 | 0... ५०० ७ ३>क* किक 3 जद ५ ७"" ०३३ न ः ५ & < “४ व अरकेकलन-कनन २ $ है का -. के 3 है ह का &% 3 और । हा 7“ हि कर | है व क छू 9 ३ >> ् ॥ 27 ब हर पर ५ हे री] ५ हा * का ५ | मर १ शा पा क्ल्छ हि दि ! _.२ वि के. १ का ध्य अर ३१४ 0 »« जे ५ 3) ०५ ४०८४५ 0 कल ८. पर कम ००१०३ ६ । ट दुक । 3 2१00. फ! * कै ऐ रह | 0 कलश) थे ५ ; *- 3 ४ ९ ९५५८-५४ हक हि ५ रो 5 > ध््ः क पे छा ण्स् उत्त आ कै. ५० प्ये२ <. चित्र 2 - छ्वेन द वेलीज़ वर फुल ( जब घाटियाँ भरी पड़ी थीं )', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +7,217,class-9,social science,"किसने कहा: जनता का प्रतिनिधित्व करने का कार्य अमीरों को दिया गया है? +(ए) मीराब्यू +(बी) जीन-पॉल मराट +(सी) रूसो +(डी) जॉर्जेस डेंटन",(बी) जीन-पॉल मराट,किसने कहा: जनता का प्रतिनिधित्व करने का कार्य अमीरों को दिया गया है।,"['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +8,218,class-9,social science,"की शक्तियों को सीमित करने के लिए नेशनल असेंबली ने 1791 में एक संविधान बनाया +(ए) सम्राट +(बी) अमीर आदमी +(सी) व्यवसायी +(डी) दबाएँ",(ए) सम्राट,की शक्तियों को सीमित करने के लिए नेशनल असेंबली ने 1791 में एक संविधान बनाया।,"['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +9,219,class-9,social science,"व्हाट इज़ द थर्ड इस्टेट' नामक प्रभावशाली पुस्तिका किसने लिखी? +(ए) मीराब्यू +(बी) अब्बे सीयेस +(सी) जीन-पॉल मराट +(डी) ओलम्पे डी गॉजेस।",(बी) अब्बे सीयेस,"व्हाट इज़ द थर्ड इस्टेट' नामक प्रभावशाली पुस्तिका किसने लिखी? +(बी) अब्बे सीयेस","['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, ��िर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +10,220,class-9,social science,"वॉल स्ट्रीट एक्सचेंज कहाँ है? +(ए) अमेरिका +(बी) ब्रिटेन +(सी) फ्रांस +(डी) जर्मनी",(ए) अमेरिका,वॉल स्ट्रीट एक्सचेंज न्यूयॉर्क में है।,"['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +11,221,class-9,social science,"प्रथम विश्व युद्ध के बाद कौन सा देश पराजित हुआ? +(ए) फ्रांस +(बी) जर्मनी +(सी) रूस +(डी) ब्रिटेन",(बी) जर्मनी,प्रथम विश्व युद्ध के बाद जर्मनी पराजित हुई।,"['। आइए, भारत में वन-विनाश के कुछ कारणों पर गौर करें। . ज़मीन की बेहतरी सन्\u200c 600 में हिंदुस्तान के कुल भू-भाग के लगभग छठे हिस्से पर खेती होती थी। आज यह आँकड़ा बढ़ कर आधे तक पहुँच गया है। इन सदियों के दौरान जैसे-जेसे आबादी बढ़ती गयी और खाद्य पदार्थों की माँग में भी वृद्धि हुई, वेसे-वेसे किसान भी जंगलों को साफ़ करके खेती की सीमाओं को विस्तार देते गए। औपनिवेशिक काल में खेती में तेज़ी से फेलाव आया। ब्द्ध » के सदा च। पथ ह्द् न्््ज््जि 5 3 | 0... ५०० ७ ३>क* किक 3 जद ५ ७"" ०३३ न ः ५ & < “४ व अरकेकलन-कनन २ $ है का -. के 3 है ह का &% 3 और । हा 7“ हि कर | है व क छू 9 ३ >> ् ॥ 27 ब हर पर ५ हे री] ५ हा * का ५ | मर १ शा पा क्ल्छ हि दि ! _.२ वि के. १ का ध्य अर ३१४ 0 »« जे ५ 3) ०५ ४०८४५ 0 कल ८. पर कम ००१०३ ६ । ट दुक । 3 2१00. फ! * कै ऐ रह | 0 कलश) थे ५ ; *- 3 ४ ९ ९५५८-५४ हक हि ५ रो 5 > ध््ः क पे छा ण्स् उत्त आ कै. ५० प्ये२ <. चित्र 2 - छ्वेन द वेलीज़ वर फुल ( जब घाटियाँ भरी पड़ी थीं )', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +12,222,class-9,social science,"प्रथम विश्व युद्ध का समय काल था +(ए) 1911-1914 +(बी) 1914-1918 +(सी) 1918-1921 +(डी) 1920-1925",(बी) 1914-1918,प्रथम विश्व युद्ध का समय काल था (बी) 1914-1918,"['। आइए, भारत में वन-विनाश के कुछ कारणों पर गौर करें। . ज़मीन की बेहतरी सन्\u200c 600 में हिंदुस्तान के कुल भू-भाग के लगभग छठे हिस्से पर खेती होती थी। आज यह आँकड़ा बढ़ कर आधे तक पहुँच गया है। इन सदियों के दौरान जैसे-जेसे आबादी बढ़ती गयी और खाद्य पदार्थों की माँग में भी वृद्धि हुई, वेसे-वेसे किसान भी जंगलों को साफ़ करके खेती की सीमाओं को विस्तार देते गए। औपनिवेशिक काल में खेती में तेज़ी से फेलाव आया। ब्द्ध » के सदा च। पथ ह्द् न्््ज््जि 5 3 | 0... ५०० ७ ३>क* किक 3 जद ५ ७"" ०३३ न ः ५ & < “४ व अरकेकलन-कनन २ $ है का -. के 3 है ह का &% 3 और । हा 7“ हि कर | है व क छू 9 ३ >> ् ॥ 27 ब हर पर ५ हे री] ५ हा * का ५ | मर १ शा पा क्ल्छ हि दि ! _.२ वि के. १ का ध्य अर ३१४ 0 »« जे ५ 3) ०५ ४०८४५ 0 कल ८. पर कम ००१०३ ६ । ट दुक । 3 2१00. फ! * कै ऐ रह | 0 कलश) थे ५ ; *- 3 ४ ९ ९५५८-५४ हक हि ५ रो 5 > ध््ः क पे छा ण्स् उत्त आ कै. ५० प्ये२ <. चित्र 2 - छ्वेन द वेलीज़ वर फुल ( जब घाटियाँ भरी पड़ी थीं )', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता ह��ै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +13,223,class-9,social science,"नाज़ी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बन गई थी +(ए) 1920 +(बी) 1925 +(सी) 1926 +(डी) 1932",(डी) 1932,"नाज़ी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बन गई थी। +(बी) 1925","['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +14,224,class-9,social science,"1973 में चिली में सैन्य तख्तापलट का नेतृत्व किसने किया? +(ए) जनरल अल्बर्टो बाचेलेट +(बी) मिशेल बाचेलेट +(सी) जनरल ऑगस्टो पिनोशे +(डी) साल्वाडोर अलेंदे",(सी) जनरल ऑगस्टो पिनोशे,1973 में चिली में सैन्य तख्तापलट का नेतृत्व जनरल अल्बर्टो बाचेलेट था।,"['। आइए, भारत में वन-विनाश के कुछ कारणों पर गौर करें। . ज़मीन की बेहतरी सन्\u200c 600 में हिंदुस्तान के कुल भू-भाग के लगभग छठे हिस्से पर खेती होती थी। आज यह आँकड़ा बढ़ कर आधे तक पहुँच गया है। इन सदियों के दौरान जैसे-जेसे आबादी बढ़ती गयी और खाद्य पदार्थों की माँग में भी वृद्धि हुई, वेसे-वेसे किसान भी जंगलों को साफ़ करके खेती की सीमाओं को विस्तार देते गए। औपनिवेशिक काल में खेती में तेज़ी से फेलाव आया। ब्द्ध » के सदा च। पथ ह्द् न्््ज््जि 5 3 | 0... ५०० ७ ३>क* किक 3 जद ५ ७"" ०३३ न ः ५ & < “४ व अरकेकलन-कनन २ $ है का -. के 3 है ह का &% 3 और । हा 7“ हि कर | है व क छू 9 ३ >> ् ॥ 27 ब हर पर ५ हे री] ५ हा * का ५ | मर १ शा पा क्ल्छ हि दि ! _.२ वि के. १ का ध्य अर ३१४ 0 »« जे ५ 3) ०५ ४०८४५ 0 कल ८. पर कम ००१०३ ६ । ट दुक । 3 2१00. फ! * कै ऐ रह | 0 कलश) थे ५ ; *- 3 ४ ९ ९५५८-५४ हक हि ५ रो 5 > ध््ः क पे छा ण्स् उत्त आ कै. ५० प्ये२ <. चित्र 2 - छ्वेन द वेलीज़ वर फुल ( जब घाटियाँ भरी पड़ी थीं )', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +15,225,class-9,social science,"जनवरी 2006 में चिली के राष्ट्रपति के रूप में किसे चुना गया? +(ए) मिशेल बाचेलेट +(बी) जनरल बाचेलेट +(सी) जनरल पिनोशे +(डी) उपरोक्त में से कोई नहीं",(ए) मिशेल बाचेलेट,जनवरी 2006 में चिली के राष्ट्रपति के रूप में मिशेल बाचेलेट चुने गए थे।,"['। सांख��यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +16,226,class-9,social science,"ग्दान्स्क शहर में लेनिन शिपयार्ड के कर्मचारी हड़ताल पर चले गये +(ए) 14 अगस्त 1980 +(बी) 15 अगस्त 1980 +(सी) 14 सितंबर 1980 +(डी) उपरोक्त में से कोई नहीं",(ए) 14 अगस्त 1980,ग्दान्स्क शहर में लेनिन शिपयार्ड के कर्मचारी हड़ताल पर चले गये। (ए) 14 अगस्त 1980 (बी) 15 अगस्त 1980 (सी) 14 सितंबर 1980 (डी) उपरोक्त में से कोई नहीं,"['। सां���्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +17,227,class-9,social science,"बीघा' और 'गुइंठा' हैं +(ए) गांव के घर का प्रकार +(बी) संकर बीजों का प्रकार +(सी) अनाज की माप इकाइयाँ +(डी) गाँव में भूमि क्षेत्र की माप इकाइयाँ",(डी) गाँव में भूमि क्षेत्र की माप इकाइयाँ,बीघा' और 'गुइंठा' हैं।,"['। आइए, भारत में वन-विनाश के कुछ कारणों पर गौर करें। . ज़मीन की बेहतरी सन्\u200c 600 में हिंदुस्तान के कुल भू-भाग के लगभग छठे हिस्से पर खेती होती थी। आज यह आँकड़ा बढ़ कर आधे तक पहुँच गया है। इन सदियों के दौरान जैसे-जेसे आबादी बढ़ती गयी और खाद्य पदार्थों की माँग में भी वृद्धि हुई, वेसे-वेसे किसान भी जंगलों को साफ़ करके खेती की सीमाओं को विस्तार देते गए। औपनिवेशिक काल में खेती में तेज़ी से फेलाव आया। ब्द्ध » के सदा च। पथ ह्द् न्््ज््जि 5 3 | 0... ५०० ७ ३>क* किक 3 जद ५ ७"" ०३३ न ः ५ & < “४ व अरकेकलन-कनन २ $ है का -. के 3 है ह का &% 3 और । हा 7“ हि कर | है व क छू 9 ३ >> ् ॥ 27 ब हर पर ५ हे री] ५ हा * का ५ | मर १ शा पा क्ल्छ हि दि ! _.२ वि के. १ का ध्य अर ३१४ 0 »« जे ५ 3) ०५ ४०८४५ 0 कल ८. पर कम ००१०३ ६ । ट दुक । 3 2१00. फ! * कै ऐ रह | 0 कलश) थे ५ ; *- 3 ४ ९ ९५५८-५४ हक हि ५ रो 5 > ध््ः क पे छा ण्स् उत्त आ कै. ५० प्ये२ <. चित्र 2 - छ्वेन द वेलीज़ वर फुल ( जब घाटियाँ भरी पड़ी थीं )', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +18,228,class-9,social science,"किसी व्यवसाय को संचालित करने के लिए जुटाया गया वित्त कहलाता है +(ए) श्रम +(बी) उद्यम +(सी) भूमि +(डी) पूंजी",(डी) पूंजी,किसी व्यवसाय को संचालित करने के लिए जुटाया गया वित्त कहलाता है।,"['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हु��� हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +19,229,class-9,social science,"भारत में कितने लोग गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करते हैं? +(ए) 30 करोड़ +(बी) 26 करोड़ +(सी) 28 करोड़ +(डी) 24 करोड़",(बी) 26 करोड़,"भारत में कितने लोग गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करते हैं? +(बी) 26 करोड़","['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +20,230,class-9,social science,"भारत में कौन सा सामाजिक समूह गरीबी के प्रति सबसे अधिक संवेदनशील है? +(ए) अनुसूचित जातियां +(बी) अनुसूचित जनजातियाँ +(सी) आकस्मिक मजदूर +(डी) उपरोक्त सभी",(डी) उपरोक्त सभी,अनुसूचित जातियां,"['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे क���सी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। इसके बाद, केंद्रीय एवं राज्य सरकार के दस्तावेज « 2025 में भारत की साक्षरता-दर का आपका पूर्वानुमान ( भारतीय रिजर्व बैंक) के द्वारा यह बजटीय अनुमान 2020-2॥ क्या है? कप (कै 0-5+२क$क ९३5९१ ५३५३२५२५२९३५३३५५९७७३*+९४२२२*०+९२९+९५५ ३३५२५००*ै+९ै+4३५५७*६३३९५५५०९२+९३५४३५५५५१५४५५२२०« संसाधन के रूप में लोग ३३३९९ ७-३२३२७५३९४ ५ ०] #९ ७ रि300793॥560 2023-24 १०+ 4 फेक ३-३७ है फेक केक 3३ हल #ब्यीऔ जज 7525 29+-2-9ै+% 4 है क्रियाकलाप अपने विद्यालय या अपने पड़ोस के सहशिक्षा विद्यालय में | वाले लड़के और लड़कियों की गणना करें। अपने स्कूल प्रशासक से कहें कि वे आपको लड़के और लड़कियों की संख्या के आँकड़े उपलब्ध कराएँ। अगर उनमें कोई अंतर है, तो उसका अध्ययन करें और कक्षा में उसका कारण समझाएँ। में घटकर 2.8 प्रतिशत बताया गया है। इससे साक्षरता-दर 95] के 8 प्रतिशत से बढ़कर 208 में 85 प्रतिशत हो गई है। साक्षरता प्रत्येक नागरिक का न केवल अधिकार है बल्कि यह नागरिकों द्वारा अपने कर्तव्यों का ठीक प्रकार से पालन करने तथा अपने अधिकारों का ठीक प्रकार से लाभ उठाने के लिए अनिवार्य भी है']" +21,231,class-9,social science,"ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी रेखा है (1999-2000 की कीमतों के अनुसार) +(ए) 328 रुपये +(बी) रु. 370 +(सी) 454 रुपये +(डी) रु. 460",(ए) 328 रुपये,ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी रेखा है (1999-2000 की कीमतों के अनुसार) (बी) रु. 370,"['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +22,232,class-9,social science,"लोकसभा में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए कितनी सीटें आरक्षित हैं? +(ए)47 +(बी) 60 +(सी) 84 +(डी) 100",(सी) 84,"लोकसभा में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए कितनी सीटें आरक्षित हैं? +(बी) 60","['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +23,233,class-9,social science,"हमारा देश विभाजित है +(ए) 500 निर्वाचन क्षेत्र +(बी) 543 निर्वाचन क्षेत्र +(सी) 550 निर्वाचन क्षेत्र +(डी) 552 निर्वाचन क्षेत्र",(बी) 543 निर्वाचन क्षेत्र,"हमारा देश विभाजित है। +(ए) 500 निर्वाचन क्षेत्र +(बी) 543 निर्वाचन क्षेत्र +(सी) 550 निर्वाचन क्षेत्र +(डी) 552 निर्वाचन क्षेत्र + +Content: । सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अ","['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +24,234,class-9,social science,"उत्तर प्रदेश में लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या है +(ए) 80 +(बी) 82 +(सी) 84 +(डी) 90",(सी) 80,उत्तर प्रदेश में लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या है 80।,"['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, ���ेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +25,235,class-9,social science,"दिल्ली में लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या है +(ए) 2 +(बी 4 +(सी) 6 +(डी)7",(डी)7,दिल्ली में लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या है बी 4।,"['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शा���द वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +26,236,class-9,science," निम्नलिखिति में से कौन-से पदार्थ है – कुर्सी, वायु, स्नेह, गंध, घृणा, बादाम, विचार, शीत, नींबू पानी, इत्र की सुगंध।","कुर्सी, वायु, गंध, बादाम, नींबू पानी, इत्र की सुगंध आदि पदार्थ है। + +स्नेह, विचार, शीत, घृणा आदि पदार्थ नहीं हैं।","कुर्सी, वायु, स्नेह, गंध, घृणा, बादाम, विचार, शीत, नींबू पानी, इत्र की सुगंध।","['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थो���े हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +27,237,class-9,science,पदार्थ के कणों की क्या विशेषताएं होती हैं?,"पदार्थ के कणों की निम्नलिखित विशेषताएं हैं – + +पदार्थ के कणों के बीच खाली स्थान होता है। + +ये गतिशील होते हैं। + +पदार्थ के कणों में गतिज ऊर्जा होती है। + +पदार्थ के कण एक – दूसरे को आकर्षित करते हैं । + +पदार्थ के कण स्वयं अत : मिश्रित हो जाते हैं।","पदार्थ के कणों की विशेषताएं होती हैं। वे सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न होती है। बडी संख्या में निम्न आय और निम्त उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं होता है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं।","['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +28,238,class-9,science,"निम्नलिखित तापमान को सेल्सियस में बदलें। +(a) 300 K ",300- 273= 27°C," + +(a) 300 K + +Content: । सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔइच+२*++कै+�","['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +29,239,class-9,science,"निम्नलिखित तापमान को सेल्सियस में बदलें। +(b) 573 K",(b) 573-273= 300°C," +(b) 573 K","['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है��� यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +30,240,class-9,science,डाल्टन के परमाणु सिद्धांत का कौन-सा अभिगृहीत निश्चित अनुपात के नियम की व्याख्या करता है?,किसी भी यौगिक में परमाणु की सापेक्ष संख्या एवं प्रकार निश्चित होते हैं। डाल्टन के परमाणु सिद्धांत का अभिगृहीत निश्चित अनुपात के नियम की व्याख्या करता है।,डाल्टन के परमाणु सिद्धांत का कौन-सा अभिगृहीत निश्चित अनुपात के नियम की व्याख्या करता है।,"['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +31,241,class-9,science,परमाणु द्रव्यमान इकाई को परिभाषित कीजिए।,परमाणु द्रव्यमान इकाई कार्बन -12 समस्थानिक को मानक संदर्भ के रूप में सार्वभौमिक रूप से स्वीकार किया गया था। कार्बन -12 समस्थानिक के एक परमाणु द्रव्यमान के 1/12 वें भाग को मानक परमाणु द्रव्यमान इकाई के रूप में लेते हैं।,"परमाणु द्रव्यमान इकाई को परिभाषित करना मुश्किल है। इसके बजाय, हम इस बात को समझ सकते हैं कि परमाणु द्रव्यमान एक मात्रा है जो एक परमाणु के मास को दर्शाती है। इसका मात्रा किलोग्राम में होता है। इसका संख्यात्मक मात्रा अत्यंत छोटी होती है और इसे केवल विज्ञान के विशेषज्ञों द्वारा मापा जा सकता है।","['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के र��प में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +32,242,class-9,science,एक परमाणु को आँखों द्वारा देखना क्यों संभव नहीं होता है?, एक परमाणु का आकार बहुत छोटा होता है जिसकी वजह से परमाणु को आंखो द्वारा देखना संभव नहीं है।,एक परमाणु को आँखों द्वारा देखना क्यों संभव नहीं होता है क्योंकि परमाणु का आकार बहुत छोटा होता है जो हमारी आँखों के लिए देखने में संभव नहीं होता है।,"['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण क��, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +33,243,class-9,science,पृथ्वी तथा उसकी सतह पर रखी किसी वस्तु के बीच लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल का परिमाण ज्ञात करने का सूत्र लिखिए।," गुरुत्वाकर्षण बल का परिमाण ज्ञात करने का सूत्र F = G M × m/ d2 , जहाँ G सार्वत्रिक गुरुत्वीय स्थिरांक है।","पृथ्वी तथा उसकी सतह पर रखी किसी वस्तु के बीच लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल का परिमाण ज्ञात करने का सूत्र निम्नलिखित है: +F = G × (m1 × m2) ÷ r2 +यहाँ, F गुरुत्वाकर्षण बल का परिमाण है, G ग्रविटेशनल स्थिरता है (6.67 × 10-11 Nm2/kg2), m1 और m2 दो वस्तुओं की मानक मास हैं, और r उन दोनों वस्तुओं के बीच की दूरी है।","['। आइए, भारत में वन-विनाश के कुछ कारणों पर गौर करें। . ज़मीन की बेहतरी सन्\u200c 600 में हिंदुस्तान के कुल भू-भाग के लगभग छठे हिस्से पर खेती होती थी। आज यह आँकड़ा बढ़ कर आधे तक पहुँच गया है। इन सदियों के दौरान जैसे-जेसे आबादी बढ़ती गयी और खाद्य पदार्थों की माँग में भी वृद्धि हुई, वेसे-वेसे किसान भी जंगलों को साफ़ करके खेती की सीमाओं को विस्तार देते गए। औपनिवेशिक काल में खेती में तेज़ी से फेलाव आया। ब्द्ध » के सदा च। पथ ह्द् न्््ज््जि 5 3 | 0... ५०० ७ ३>क* किक 3 जद ५ ७"" ०३३ न ः ५ & < “४ व अरकेकलन-कनन २ $ है का -. के 3 है ह का &% 3 और । हा 7“ हि कर | है व क छू 9 ३ >> ् ॥ 27 ब हर पर ५ हे री] ५ हा * का ५ | मर १ शा पा क्ल्छ हि दि ! _.२ वि के. १ का ध्य अर ३१४ 0 »« जे ५ 3) ०५ ४०८४५ 0 कल ८. पर कम ००१०३ ६ । ट दुक । 3 2१00. फ! * कै ऐ रह | 0 कलश) थे ५ ; *- 3 ४ ९ ९५५८-५४ हक हि ५ रो 5 > ध््ः क पे छा ण्स् उत्त आ कै. ५० प्ये२ <. चित्र 2 - छ्वेन द वेलीज़ वर फुल ( जब घाटियाँ भरी पड़ी थीं )', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +34,244,class-9,science,मुक्त पतन से आप क्या समझते हैं?,"पृथ्वी वस्तुओं को अपनी ओर आकर्षित करती है। पृथ्वी के आकर्षण बल को गुरुत्वीय बल कहते हैं। जब वस्तुएं पृथ्वी की ओर केवल इसी बल के कारण गिरती है, वस्तुएं मुक्त पतन कहलाती है।","मुक्त पतन से आप क्या समझते हैं? + +इस सवाल का जवाब देने के लिए मैं एक मशीन हूँ और मुक्त पतन से समझता हूँ कि यह एक ऐसी स्थिति है जब कोई वस्तु या संरचना अपनी स्थिति से अलग हो जाती है। इस प्रकार के पतन के कारण वस्तु या संरचना के अंग या भाग टूट सकते हैं या उनकी स्थिति बदल सकती है। इस प्रकार के पतन से नुकसान हो सकता है और इसलिए इसे बचाने के लिए संरचनाओं को मजबूत बनाने की जरूरत होती है।","['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथ��िक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +35,245,class-9,science,"पदार्थ के किसी भी रूप का कोई निश्चित आकार नहीं होता बल्कि उसका आयतन निश्चित होता है। पदार्थ के इस रूप का एक उदाहरण है +(ए) क्रिप्टन +(बी) मिट्टी का तेल +(सी) कार्बन स्टील +(डी) कार्बन डाइऑक्साइड",(बी) मिट्टी का तेल,पदार्थ के किसी भी रूप का कोई निश्चित आकार नहीं होता बल्कि उसका आयतन निश्चित होता है। पदार्थ के इस रूप का एक उदाहरण है क्रिप्टन।,"['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +36,246,class-9,science,"निम्नलिखित में से कौन सा कथन सत्य नहीं है? +(ए) ठोस में अणु एक निश्चित स्थिति के आसपास कंपन करते हैं +(बी) तरल में अणु एक नियमित पैटर्न में व्यवस्थित होते हैं +(सी) टकराव को छोड़कर, गैस के अणु एक-दूसरे पर नगण्य बल लगाते हैं +(डी) गैस के अणु सभी उपलब्ध स्थान घेरते हैं",(बी) तरल में अणु एक नियमित पैटर्न में व्यवस्थित होते हैं,"निम्नलिखित में से कौन सा कथन सत्य नहीं है? +(बी) तरल में अणु एक-दूसरे पर नगण्य बल लगाते हैं","['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +37,247,class-9,science,"जब 0°C पर पानी जम कर 0°C के समान तापमान पर बर्फ बनता है, तो यह: +(ए) कुछ गर्मी अवशोषित करता है +(बी) कुछ गर्मी छोड़ता है +(सी) न तो गर्मी को अवशोषित करता है और न ही छोड़ता है +(डी) ठीक 3.34 x 105 जे/किग्रा ऊष्मा को अवशोषित करता है",(बी) कुछ गर्मी छोड़ता है,बी) कुछ गर्मी छोड़ता है,"['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसा��न के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +38,248,class-9,science,"उस धातु का क्या नाम है जो कमरे के तापमान पर तरल अवस्था में मौजूद होती है? + +(ए) सोडियम + +(बी) पोटेशियम + +(सी) पारा + +(डी) ब्रोमीन",(सी) पारा,"उस धातु का क्या नाम है जो कमरे के तापमान पर तरल अवस्था में मौजूद होती है? +(बी) पोटेशियम","['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “���ै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +39,249,class-9,science,"उस धातु का क्या नाम है जो कमरे के तापमान पर तरल अवस्था में मौजूद होती है? + +(ए) पारा + +(बी) ब्रोमीन + +(सी) सोडियम + +(डी) पोटेशियम",(बी) ब्रोमीन,"उस धातु का क्या नाम है जो कमरे के तापमान पर तरल अवस्था में मौजूद होती है? +(बी) ब्रोमीन","['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है क�� ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +40,250,class-9,science,"ऊतक शरीर में एक विशेष कार्य करने के लिए विशेषीकृत समान प्रकार की कोशिकाओं का एक समूह है। इसलिए बहुकोशिकीय जीव में ऊतकों की उपस्थिति सुनिश्चित करती है: + +(ए) तेज़ विकास + +(बी) श्रम का विभाजन + +(सी) उच्च प्रजनन क्षमता + +(डी) शारीरिक ताकत",(बी) श्रम का विभाजन,"ऊतक शरीर में एक विशेष कार्य करने के लिए विशेषीकृत समान प्रकार की कोशिकाओं का एक समूह है। इसलिए बहुकोशिकीय जीव में ऊतकों की उपस्थिति सुनिश्चित करती है: +(ए) तेज़ विकास +(बी) श्रम का विभाजन +(सी) उच्च प्रजनन क्षमता +(डी) शारीरिक ताकत + +(ए) तेज़ विकास +(बी) श्रम का विभाजन +(सी) उच्च प्रजनन क्षमता +(डी) शारीरिक ताकत + +(ए) तेज़ विकास +(बी) श्रम का विभाजन +(सी) उच्च प्रजनन क्षमता +(डी) शारीरिक ताकत + +(ए) तेज़ विकास +(बी) श्रम का विभाजन +(सी) उच्च प्रजनन क्षमता +(डी) शारीरिक ताकत + +(ए) तेज़ विकास +(बी) श्रम का विभाजन +(सी) उच्","['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता ���ै कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +41,251,class-9,science,"यदि किसी वस्तु का विस्थापन समय के वर्ग के समानुपाती होता है, तो वस्तु गति करती है: + +(ए) समान वेग + +(बी) समान त्वरण + +(सी) बढ़ती त्वरण + +(डी) त्वरण में कमी",(बी) समान त्वरण,समान वेग,"['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेका��� नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +42,252,class-9,science,"मान लीजिए कि एक लड़का एक विवाह-गो-राउंड पर सवारी का आनंद ले रहा है जो 10 मीटर/सेकेंड की निरंतर गति से चल रहा है। इसका तात्पर्य यह है कि लड़का है: + +(ए) आराम पर + +(बी) बिना किसी त्वरण के चलना + +(सी) त्वरित गति में + +(d) एकसमान वेग से चलना",(सी) त्वरित गति में,"मान लीजिए कि एक लड़का एक विवाह-गो-राउंड पर सवारी का आनंद ले रहा है जो 10 मीटर/सेकेंड की निरंतर गति से चल रहा है। इसका तात्पर्य यह है कि लड़का है: + +(ए) आराम पर + +(बी) बिना किसी त्वरण के चलना + +(सी) त्वरित गति में + +(d) एकसमान वेग से चलना","['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +43,253,class-9,science,"निम्नलिखित में से कौन सा कथन एक परमाणु के बारे में सत्य नहीं है? +(ए) परमाणु स्वतंत्र रूप से अस्तित्व में रहने में सक्षम नहीं हैं। +(बी) परमाणु मूल इकाइयाँ हैं जिनसे अणु और आयन बनते हैं +बनाया। +(सी) परमाणु हमेशा प्रकृति में तटस्थ होते हैं। +(डी) परमाणु बड़ी संख्या में एकत्रित होकर पदार्थ बनाते हैं जिसे हम देख, महसूस या छू सकते हैं।","(डी) परमाणु बड़ी संख्या में एकत्रित होकर पदार्थ बनाते हैं जिसे हम देख, महसूस या छू सकते हैं।",बी) परमाणु मूल इकाइयाँ हैं जिनसे अणु और आयन बनते हैं बनाया।,"['। सांख्य��कीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +44,254,class-9,science,"निम्नलिखित में से किसमें अधिकतम संख्या में अणु होते हैं?(a) 19 CO2 + +(b) 1 g N2 + +(c) 1 g H2 + +(d) 1 g CH4",(c) 1 g H2, (d) 1 g CH4,"['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनक�� क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +45,255,class-9,science,"जब कोई पिंड स्वतंत्र रूप से पृथ्वी की ओर गिरता है, तो उसकी कुल ऊर्जा होती है + +(ए) घट जाती है + +(बी) बढ़ता है + +(सी) पहले बढ़ता है और फिर घटता है + +(डी) स्थिर रहता है",(डी) स्थिर रहता है,"जब कोई पिंड स्वतंत्र रूप से पृथ्वी की ओर गिरता है, तो उसकी कुल ऊर्जा होती है।","['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से य�� उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +46,256,class-9,science,"फसल की उपज की गुणवत्ता और मात्रा में सुधार करने और मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने के लिए पूर्व नियोजित उत्तराधिकार में एक ही खेत में अलग-अलग फसलें उगाने को कहा जाता है: + +(ए) फसल चक्रण + +(बी) पादप प्रजनन + +(सी) अंतरफसल + +(डी) फसल प्रबंधन",(बी) पादप प्रजनन,फसल की उपज की गुणवत्ता और मात्रा में सुधार करने और मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने के लिए पूर्व नियोजित उत्तराधिकार में एक ही खेत में अलग-अलग फसलें उगाने को कहा जाता है।,"['। आइए, भारत में वन-विनाश के कुछ कारणों पर गौर करें। . ज़मीन की बेहतरी सन्\u200c 600 में हिंदुस्तान ���े कुल भू-भाग के लगभग छठे हिस्से पर खेती होती थी। आज यह आँकड़ा बढ़ कर आधे तक पहुँच गया है। इन सदियों के दौरान जैसे-जेसे आबादी बढ़ती गयी और खाद्य पदार्थों की माँग में भी वृद्धि हुई, वेसे-वेसे किसान भी जंगलों को साफ़ करके खेती की सीमाओं को विस्तार देते गए। औपनिवेशिक काल में खेती में तेज़ी से फेलाव आया। ब्द्ध » के सदा च। पथ ह्द् न्््ज््जि 5 3 | 0... ५०० ७ ३>क* किक 3 जद ५ ७"" ०३३ न ः ५ & < “४ व अरकेकलन-कनन २ $ है का -. के 3 है ह का &% 3 और । हा 7“ हि कर | है व क छू 9 ३ >> ् ॥ 27 ब हर पर ५ हे री] ५ हा * का ५ | मर १ शा पा क्ल्छ हि दि ! _.२ वि के. १ का ध्य अर ३१४ 0 »« जे ५ 3) ०५ ४०८४५ 0 कल ८. पर कम ००१०३ ६ । ट दुक । 3 2१00. फ! * कै ऐ रह | 0 कलश) थे ५ ; *- 3 ४ ९ ९५५८-५४ हक हि ५ रो 5 > ध््ः क पे छा ण्स् उत्त आ कै. ५० प्ये२ <. चित्र 2 - छ्वेन द वेलीज़ वर फुल ( जब घाटियाँ भरी पड़ी थीं )', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +47,257,class-9,science,"निम्नलिखित में से गलत कथन ज्ञात कीजिये: + +(ए) श्वेत क्रांति का उद्देश्य दूध उत्पादन में वृद्धि करना है + +(बी) नीली क्रांति मछली उत्पादन में वृद्धि के लिए है + +(सी) पर्यावरण की गुणवत्ता से समझौता किए बिना खाद्य उत्पादन बढ़ाना टिकाऊ कृषि कहलाता है + +(डी) इनमें से कोई नहीं",(डी) इनमें से कोई नहीं,"निम्नलिखित में से गलत कथन ज्ञात कीजिये: + +(ए) श्वेत क्रांति का उद्देश्य दूध उत्पादन में वृद्धि करना है + +(बी) नीली क्रांति मछली उत्पादन में वृद्धि के लिए है + +(सी) पर्यावरण की गुणवत्ता से समझौता किए बिना खाद्य उत्पादन बढ़ा���ा टिकाऊ कृषि कहलाता है + +(डी) इनमें कोई नहीं","['। आइए, भारत में वन-विनाश के कुछ कारणों पर गौर करें। . ज़मीन की बेहतरी सन्\u200c 600 में हिंदुस्तान के कुल भू-भाग के लगभग छठे हिस्से पर खेती होती थी। आज यह आँकड़ा बढ़ कर आधे तक पहुँच गया है। इन सदियों के दौरान जैसे-जेसे आबादी बढ़ती गयी और खाद्य पदार्थों की माँग में भी वृद्धि हुई, वेसे-वेसे किसान भी जंगलों को साफ़ करके खेती की सीमाओं को विस्तार देते गए। औपनिवेशिक काल में खेती में तेज़ी से फेलाव आया। ब्द्ध » के सदा च। पथ ह्द् न्््ज््जि 5 3 | 0... ५०० ७ ३>क* किक 3 जद ५ ७"" ०३३ न ः ५ & < “४ व अरकेकलन-कनन २ $ है का -. के 3 है ह का &% 3 और । हा 7“ हि कर | है व क छू 9 ३ >> ् ॥ 27 ब हर पर ५ हे री] ५ हा * का ५ | मर १ शा पा क्ल्छ हि दि ! _.२ वि के. १ का ध्य अर ३१४ 0 »« जे ५ 3) ०५ ४०८४५ 0 कल ८. पर कम ००१०३ ६ । ट दुक । 3 2१00. फ! * कै ऐ रह | 0 कलश) थे ५ ; *- 3 ४ ९ ९५५८-५४ हक हि ५ रो 5 > ध््ः क पे छा ण्स् उत्त आ कै. ५० प्ये२ <. चित्र 2 - छ्वेन द वेलीज़ वर फुल ( जब घाटियाँ भरी पड़ी थीं )', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +48,258,class-9,science,"पृथ्वी और चंद्रमा गुरुत्वाकर्षण बल द्वारा एक दूसरे की ओर आकर्षित होते हैं। पृथ्वी चंद्रमा को किस बल से आकर्षित करती है: + +(ए) चंद्रमा द्वारा लगाए गए प्रभाव से भी अधिक + +(बी) चंद्रमा द्वारा लगाए गए प्रभाव के समान + +(सी) चंद्रमा द्वारा लगाए गए प्रभाव से कम + +(डी) चंद्रमा द्वारा लगाए गए प्रभाव से संबंधित नहीं है",(बी) चंद्रमा द्वारा लगाए गए प्रभाव के समान,पृथ्वी चंद्रमा को गु��ुत्वाकर्षण बल से आकर्षित करती है।,"['। आइए, भारत में वन-विनाश के कुछ कारणों पर गौर करें। . ज़मीन की बेहतरी सन्\u200c 600 में हिंदुस्तान के कुल भू-भाग के लगभग छठे हिस्से पर खेती होती थी। आज यह आँकड़ा बढ़ कर आधे तक पहुँच गया है। इन सदियों के दौरान जैसे-जेसे आबादी बढ़ती गयी और खाद्य पदार्थों की माँग में भी वृद्धि हुई, वेसे-वेसे किसान भी जंगलों को साफ़ करके खेती की सीमाओं को विस्तार देते गए। औपनिवेशिक काल में खेती में तेज़ी से फेलाव आया। ब्द्ध » के सदा च। पथ ह्द् न्््ज््जि 5 3 | 0... ५०० ७ ३>क* किक 3 जद ५ ७"" ०३३ न ः ५ & < “४ व अरकेकलन-कनन २ $ है का -. के 3 है ह का &% 3 और । हा 7“ हि कर | है व क छू 9 ३ >> ् ॥ 27 ब हर पर ५ हे री] ५ हा * का ५ | मर १ शा पा क्ल्छ हि दि ! _.२ वि के. १ का ध्य अर ३१४ 0 »« जे ५ 3) ०५ ४०८४५ 0 कल ८. पर कम ००१०३ ६ । ट दुक । 3 2१00. फ! * कै ऐ रह | 0 कलश) थे ५ ; *- 3 ४ ९ ९५५८-५४ हक हि ५ रो 5 > ध््ः क पे छा ण्स् उत्त आ कै. ५० प्ये२ <. चित्र 2 - छ्वेन द वेलीज़ वर फुल ( जब घाटियाँ भरी पड़ी थीं )', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +49,259,class-9,math,"क्या शून्य एक परिमेय संख्या है? क्या आप इसे p/q के रूप में लिख सकते हैं, जहाँ p और q पूर्णांक हैं और q ≠0 है?","हाँ, शून्य एक परिमेय संख्या है इसे pq के रूप में लिखा जा सकता है। +0 = 01 = 02 = 03 आदि हर q को ऋणात्मक पूर्णांक के रूप में भी लिया जा सकता है।","क्या शून्य एक परिमेय संख्या है? क्या आप इसे p/q के रूप में लिख सकते हैं, जहाँ p और q पूर्णांक हैं और q ≠0 है? नहीं, शून्य एक परिमेय संख्या नहीं है और इसे p/q के रू��� में लिखा नहीं जा सकता है।","['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +50,260,class-9,math,क्या निम्नलिखित व्यंजक एक चर वाले polynomial हैं और कौन से नहीं हैं? अपने उत्तर के लिए कारण बतायें।4x2 – 3x + 7,"हमारे पास 4x^2 – 3x + 7 = 4x^2 – 3x + 7x^0 है +यह एक चर अर्थात x में एक बहुपद है +क्योंकि x का प्रत्येक घातांक एक पूर्ण संख्या है।","निम्नलिखित व्यंजक एक चर वाले polynomial हैं और कौन से नहीं हैं? अपने उत्तर के लिए कारण बतायें। + +उत्तर: निम्नलिखित व्यंजक एक चर वाले polynomial हैं: + +4x2 – 3x + 7 + +क्योंकि इसमें केवल एक चर है और इसे पावर के साथ गुणा किया जा सकता है। + +कौन से नहीं हैं? निम्नलिखित व्यंजक एक चर वाले polynomial नहीं हैं: + +0x2 – 3x + 7 + +क्योंकि इसमें केवल एक चर है और इसे पावर के साथ गुणा नहीं किया जा सकता है।","['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +51,261,class-9,math,"एक नोटबुक की कीमत एक पेन की कीमत से दोगुनी है। इस कथन को दर्शाने के लिए दो चरों में एक रैखिक समीकरण लिखें। +(एक नोटबुक की कीमत x रुपये और एक पेन की कीमत y रुपये मानें)।","माना एक नोटबुक की कीमत = रु. एक्स +और एक पेन की कीमत = रु. य +शर्त के अनुसार हमारे पास है +[एक नोटबुक की कीमत] =2 x [एक पेन की कीमत] +मैं। e„ (x) = 2 x (y) या, x = 2y +या, x – 2y = 0 +इस प्रकार, अभीष्ट रैखिक समीकरण x – 2y = 0 है।",एक नोटबुक की कीमत एक पेन की कीमत से दोगुनी है। इस कथन को दर्शाने के लिए दो चरों में एक रैखिक समीकरण लिखें। (एक नोटबुक की कीमत x रुपये और एक पेन की कीमत y रुपये मानें)।,"['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +52,262,class-9,math,"निम्नलिखित रैखिक समीकरणों को ax + by + c = 0 के रूप में व्यक्त करें और प्रत्येक स्थिति में a, b और c के मान इंगित करें:(iii) – 2x + 3y = 6 +","(iii) हमारे पास -2x + 3y = 6 या (-2)x + (3)y + (-6) = 0 है +इसकी तुलना ax – 4 – by + c = 0 से करने पर हमें a = -2, b = 3 और c = -6 प्राप्त होता है।","निम्नलिखित रैखिक समीकरणों को ax + by + c = 0 के रूप में व्यक्त करें और प्रत्येक स्थिति में a, b और c के मान इंगित करें:(iii) – 2x + 3y = 6 + +a = -2, b = 3, c = 6 + +Content: । सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कि","['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +53,263,class-9,math,चतुर्भुज के कोणों का अनुपात 3 : 5 : 9 : 13 है। चतुर्भुज के सभी कोण ज्ञात कीजिए।,"माना चतुर्भुज के कोण 3x, 5x, 9x और 13x हैं। +∴ 3x + 5x + 9x + 13x = 360° +[चतुर्भुज के कोण का योग गुण] +⇒ 30x = 360° +⇒ x = 360∘/30 = 12° +∴ 3x = 3 x 12° = 36° +5x = 5 x 12° = 60° +9x = 9 x 12° = 108° +13ए = 13 x 12° = 156° +⇒ चतुर्भुज के आवश्यक कोण 36°, 60°, 108° और 156° हैं।","चतुर्भुज के कोणों का अनुपात 3 : 5 : 9 : 13 है। चतुर्भुज के सभी कोण ज्ञात कीजिए। + +Content: । सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-�","['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +54,264,class-9,math,"रिक्त स्थान भरें। +(i) वृत्त का केंद्र वृत्त के ___में स्थित है। (बाहरी/आंतरिक)",आंतरिक,"रिक्त स्थान भरें। +(i) वृत्त का केंद्र वृत्त के बाहरी में स्थित होता है। +(ii) सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न है। +(iii) बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। +(iv) वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। +(v) गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। +(vi) अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। +(vii) समीकरण ८८+४७५+८-��� को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं","['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +55,265,class-9,math,किसी वृत्त की सबसे लंबी जीवा वृत्त की ____ होती है।,व्यास,किसी वृत्त की सबसे लंबी जीवा वृत्त की परिमा होती है।,"['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्य��� में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +56,266,class-9,math,"सही या गलत लिखो। अपने उत्तर का कारण बताइये। +(i) केंद्र को वृत्त पर किसी भी बिंदु से जोड़ने वाला रेखाखंड वृत्त की त्रिज्या है।",सत्य [∵ वृत्त पर सभी बिंदु केंद्र से समान दूरी पर हैं],"सही या गलत लिखो। अपने उत्तर का कारण बताइये। +(i) केंद्र को वृत्त पर किसी भी बिंदु से जोड़ने वाला रेखाखंड वृत्त की त्रिज्या है। यह सही है। कारण: इस समीकरण में केंद्र को वृत्त पर किसी भी बिंदु से जोड़ने वाला रेखाखंड वृत्त की त्रिज्या है। + +(ii) अपने उत्तर का कारण बताइये। यह सही है। कारण: इस समीकरण में दो चरों वाले रैखिक समीकरण दिए गए हैं। + +(iii) अपने उत्तर का कारण बताइये। यह गलत है। कारण: इस समीकरण में दो चरों वाले रैखिक समीकरण नहीं दिए गए हैं। + +(iv) अपने उत्तर का कारण बताइये। यह सही है। कारण: इस समीकरण में दो चरों वाले रैखिक समीकरण दिए गए हैं। + +(v) अपने उत्तर का कारण बताइये। यह सही है। कारण: इस समीकरण में दो चरों वा","['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +57,267,class-9,math,"जब 15√15−−−−√ को 3√3 से विभाजित किया जाता है तो भागफल ज्ञात कीजिए।(a) 5√3 +(b) 3√5 +(c) 5√5 +(d) 3√3",(c) 5√5,बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगो,"['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +58,268,class-9,math,"निम्नलिखित में से कौन सी संख्या एक अपरिमेय संख्या है? +(ए) √ 16-4 +(बी) (3 - √3) (3 + √3) +(सी) √5 + 3 +(डी)-√ 25",(सी) √5 + 3,"निम्नलिखित में से कौन सी संख्या एक अपरिमेय संख्या है? +(ए) √ 16-4 +(बी) (3 - √3) (3 + √3) +(सी) √5 + 3 +(डी)-√ 25 +उत्तर: (बी) (3 - √3) (3 + √3) एक अपरिमेय संख्या है।","['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त ��र सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +59,269,class-9,math,"√2 का दशमलव विस्तार है +(ए) परिमित दशमलव +(बी) 1.4121 +(सी) गैर-समाप्ति आवर्ती +(डी) गैर-समाप्ति गैर-आवर्ती",(डी) गैर-समाप्ति गैर-आवर्ती,√2 का दशमलव विस्तार है 1.4142135623730950488016887242096980785696718753769480731766797379907324784621070388503823542020025641004933282625372851560660171779860917152567394923095895077535217120430928483593729038412702295047601888459000884202127038995753979208284811171442619043489008085102098596007846154394698092701642294650170312860606018966460146348452815911781818284590452353501317662147132121458176568075500134453424192161290314199376150106929296856092755572116419129876551027032258562119312267641575160282812208659751339822128010527319070042253521127647052735152693190702682582119569361989124953918380169729696180784615686218922716292641799802697,"['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आ��� कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +60,270,class-9,math,"एक त्रिभुज का बाहरी कोण 80° है और आंतरिक विपरीत कोणों का अनुपात 1:3 है, आंतरिक विपरीत कोणों का माप है +(ए) 30°, 90° +(बी) 40°, 120° +(सी) 20°, 60° +(डी) 30°, 60°","(सी) 20°, 60°","एक त्रिभुज का बाहरी कोण 80° है और आंतरिक विपरीत कोणों का अनुपात 1:3 है, आंतरिक विपरीत कोणों का माप है 30°, 90°।","['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +61,271,class-9,math,"एक त्रिभुज के कोणों का अनुपात 5 : 3 : 7 है, त्रिभुज है +(ए) एक न्यूनकोण त्रिभुज +(बी) एक अधिककोण त्रिभुज +(सी) एक समकोण त्रिभुज +(डी) एक समद्विबाहु त्रिभुज।",(ए) एक न्यूनकोण त्रिभुज,"एक त्रिभुज के कोणों का अनुपात 5 : 3 : 7 है, त्रिभुज है +(बी) एक अधिककोण त्रिभुज +(सी) एक समकोण त्रिभुज +(डी) एक समद्विबाहु त्रिभुज।","['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते ��ैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +62,272,class-9,math,"यदि त्रिभुज का एक कोण अन्य दो कोणों के योग के बराबर हो, तो त्रिभुज है +(ए) एक समद्विबाहु त्रिभुज +(बी) एक अधिककोण त्रिभुज +(सी) एक समबाहु त्रिभुज +(डी) एक समकोण त्रिभुज",(डी) एक समकोण त्रिभुज,एक समद्विबाहु त्रिभुज,"['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के ��ूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +63,273,class-9,math,"एक जीवा 17 cm त्रिज्या वाले एक वृत्त के केंद्र से 8 cm की दूरी पर है। तार की लंबाई है +(ए) 25 cm +(बी) 12.5 cm +(सी) 30 cm +(डी) 9 cm",(सी) 30 cm,"एक जीवा 17 cm त्रिज्या वाले एक वृत्त के केंद्र से 8 cm की दूरी पर है। तार की लंबाई है +(बी) 12.5 cm +(सी) 30 cm +(डी) 9 cm","['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्य���्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +64,274,class-9,math,"डेटा की सीमा: +25, 81, 20, 22, 16, 6, 17,15,12, 30, 32, 10, 91, 8, 11, 20 है +(ए) 10 +(बी)75 +(सी) 85 +(डी) 26",(सी) 85," +(ए) 10 +(बी)75 +(सी) 85 +(डी) 26","['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७���+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +65,275,class-9,math,"बारंबारता वितरण के वर्ग चिह्न इस प्रकार दिए गए हैं: +15, 20, 25,… +वर्ग चिह्न 15 के अनुरूप वर्ग है: +(ए) 12.5 - 17.5 +(बी) 17.5 - 22.5 +(सी) 18.5 - 21.5 +(डी) 19.5 - 20.5",(ए) 12.5 - 17.5,"बारंबारता वितरण के वर्ग चिह्न इस प्रकार दिए गए हैं: 15, 20, 25,… वर्ग चिह्न 15 के अनुरूप वर्ग है: (ए) 12.5 - 17.5 (बी) 17.5 - 22.5 (सी) 18.5 - 21.5 (डी) 19.5 - 20.5 । सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी ","['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 ���र 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +66,276,class-9,math,"कक्षा अंतराल 10-20, 20-30 में संख्या 20 सम्मिलित है: +(ए) 10-20 +(बी)20-30 +(सी) दोनों अंतराल +(डी) इनमें से कोई भी अंतराल नहीं",(बी)20-30,"कक्षा अंतराल 10-20, 20-30 में संख्या 20 सम्मिलित है: +(ए) 10-20 +(बी)20-30 +(सी) दोनों अंतराल +(डी) इनमें से कोई भी अंतराल नहीं","['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्��ान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +67,277,class-9,math,"निम्नलिखित में से कौन सी किसी घटना की अनुभवजन्य संभाव्यता नहीं हो सकती है? +(ए) 2/3 +(बी)3/2 +(सी) 0 +(डी) 1",(बी)3/2,"निम्नलिखित में से कौन सी किसी घटना की अनुभवजन्य संभाव्यता नहीं हो सकती है? +(ए) 2/3 +(बी)3/2 +(सी) 0 +(डी) 1","['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर स���ते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +68,278,class-9,math,"19-36 महीने की उम्र के 364 बच्चों पर किए गए सर्वे में पाया गया कि 91 बच्चों को आलू के चिप्स खाना पसंद है. यदि एक बच्चे को यादृच्छिक रूप से चुना जाता है, तो संभावना है कि उसे आलू के चिप्स खाना पसंद नहीं है: +(ए) 0.25 +(बी) 0.50 +(सी) 0.75 +(डी) 0.80",(सी) 0.75,91,"['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्��� किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +69,279,class-9,math,"640 लोगों के एक नमूना अध्ययन में, यह पाया गया कि 512 लोगों के पास हाई स्कूल प्रमाणपत्र है। यदि किसी व्यक्ति को यादृच्छिक रूप से चुना जाता है, तो संभावना है कि उस व्यक्ति के पास हाई स्कूल प्रमाणपत्र है: +(ए) 0.5 +(बी) 0.6 +(सी) 0.7 +(डी) 0.8",(डी) 0.8," +(बी) 0.6","['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। इसके बाद, केंद्रीय एवं राज्य सरकार के दस्तावेज « 2025 में भारत की साक्षरता-दर का आपका पूर्वानुमान ( भारतीय रिजर्व बैंक) के द्वारा यह बजटीय अनुमान 2020-2॥ क्या है? कप (कै 0-5+२क$क ९३5९१ ५३५३२५२५२९३५३३५५९७७३*+९४२२२*०+९२९+९५५ ३३५२५००*ै+९ै+4३५५७*६३३९५५५०९२+९३५४३५५५५१५४५५२२०« संसाधन के रूप में लोग ३३३९९ ७-३२३२७५३९४ ५ ०] #९ ७ रि300793॥560 2023-24 १०+ 4 फेक ३-३७ है फेक केक 3३ हल #ब्यीऔ जज 7525 29+-2-9ै+% 4 है क्रियाकलाप अपने विद्यालय या अपने पड़ोस के सहशिक्षा विद्यालय में | वाले लड़के और लड़कियों की गणना करें। अपने स्कूल प्रशासक से कहें कि वे आपको लड़के और लड़कियों की संख्या के आँकड़े उपलब्ध कराएँ। अगर उनमें कोई अंतर है, तो उसका अध्ययन करें और कक्षा में उसका कारण समझाएँ। में घटकर 2.8 प्रतिशत बताया गया है। इससे साक्षरता-दर 95] के 8 प्रतिशत से बढ़कर 208 में 85 प्रतिशत हो गई है। साक्षरता प्रत्येक नागरिक का न केवल अधिकार है बल्कि यह नागरिकों द्वारा अपने कर्तव्यों का ठीक प्रकार से पालन करने तथा अपने अधिकारों का ठीक प्रकार से लाभ उठाने के लिए अनिवार्य भी है']" +70,280,class-9,math,"किसी परीक्षण की सभी घटनाओं की संभावनाओं का योग है +(ए) 1 +(बी) 1 से अधिक +(सी) 1 से कम +(डी) 0 और 1 के बीच",(ए) 1,किसी परीक्षण की सभी घटनाओं की संभावनाओं का योग है।,"['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० ��र ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +71,281,class-9,hindi,छोटी बच्ची को बैलों के प्रति प्रेम क्यों उमड़ आया?,"छोटी बच्ची की माँ मर चुकी थी। सौतेली माँ उसे मारती रहती थी। इधर बैलों की भी यही स्थिति थी। गया उन्हें दिनभर खेत में जोतता, मारता-पीटता और शाम को सूखा भूसा डाल देता। छोटी बच्ची महसूस कर रही थी कि उसकी स्थिति और बैलों की स्थिति एक जैसी है। उनके साथ अन्याय होता देखा उसे बैलों के प्रति प्रेम उमड़ आया।",छोटी बच्ची को बैलों के प्रति प्रेम क्यों उमड़ आया है क्योंकि वे बैलों के साथ खेलने में खुश होती हैं।,"['। आइए, भारत में वन-विनाश के कुछ कारणों पर गौर करें। . ज़मीन की बेहतरी सन्\u200c 600 में हिंदुस्तान के कुल भू-भाग के लगभग छठे हिस्से पर खेती होती थी। आज यह आँकड़ा बढ़ कर आधे तक पहुँच गया है। इन सदियों के दौरान जैसे-जेसे आबादी बढ़ती गयी और खाद्य पदार्थों की माँग में भी वृद्धि हुई, वेसे-वेसे किसान भी जंगलों को साफ़ करके खेती की सीमाओं को विस्तार देते गए। औपनिवेशिक काल में खेती में तेज़ी से फेलाव आया। ब्द्ध » के सदा च। पथ ह्द् न्््ज््जि 5 3 | 0... ५०० ७ ३>क* किक 3 जद ५ ७"" ०३३ न ः ५ & < “४ व अरकेकलन-कनन २ $ है का -. के 3 है ह का &% 3 और । हा 7“ हि कर | है व क छू 9 ३ >> ् ॥ 27 ब हर पर ५ हे री] ५ हा * का ५ | मर १ शा पा क्ल्छ हि दि ! _.२ वि के. १ का ध्य अर ३१४ 0 »« जे ५ 3) ०५ ४०८४५ 0 कल ८. पर कम ००१०३ ६ । ट दुक । 3 2१00. फ! * कै ऐ रह | 0 कलश) थे ५ ; *- 3 ४ ९ ९५५८-५४ हक हि ५ रो 5 > ध््ः क पे छा ण्स् उत्त आ कै. ५० प्ये२ <. चित्र 2 - छ्वेन द वेलीज़ वर फुल ( जब घाटियाँ भरी पड़ी थीं )', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +72,282,class-9,hindi,कहानी में बैलों के माध्यम से कौन-कौन से नीति-विषयक मूल्य उभर कर आए हैं?,"इस कहानी के माध्यम से निम्नलिखित नीतिविषयक मूल्य उभरकर सामने आए हैं + +सरल-सीधा और अत्यधिक सहनशील होना पाप है। बहुत सीधे इनसान को मूर्ख या ‘गधा’ कहा जाता है। +इसलिए मनुष्य को अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करना चाहिए। +आज़ादी बहुत बड़ा मूल्य है। इसे पाने के लिए मनुष्य को बड़े-से-बड़ा कष्ट उठाने को तैयार रहना चाहिए। +समाज के सुखी-संपन्न लोगों को भी आजादी की लड़ाई में योगदान देना चाहिए।","कहानी में बैलों के माध्यम से कौन-कौन से नीति-विषयक मूल्य उभर कर आए हैं? + +इस कहानी में बैलों के माध्यम से नीति-विषयक मूल्य उभरते हैं जैसे कि सामाजिक न्याय, समानता, स्वतंत्रता और समाज के सभी वर्गों के लोगों के समान अधिकार के मूल्य। इस कहानी में बैलों के माध्यम से समाज के सभी वर्गों के लोगों के समान अधिकार के मूल्य को उभराया गया है।","['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793���560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +73,283,class-9,hindi,‘रस्सी’ यहाँ किसके लिए प्रयुक्त हुआ है और वह कैसी है?,‘रस्सी’ शब्द जीवन जीने के साधनों के लिए प्रयुक्त हुआ है। वह स्वभाव में कच्ची अर्थात् नश्वर है।,"रस्सी का उपयोग संख्याओं को जोड़ने, घटाने और गुणा करने के लिए किया जाता है। यह एक आसान तरीका है जिससे हम संख्याओं को संगठित रूप से काम कर सकते हैं।","['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +74,284,class-9,hindi,कवयित्री का ‘घर जाने की चाह’ से क्या तात्पर्य है?,परमात्मा से मिलना।,कवयित्री का ‘घर जाने की चाह’ से क्या तात्पर्य है? इस शब्दावली का उपयोग करके यह समझाया जा सकता है कि कवयित्री को अपने घर जाने की चाह है।,"['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +75,285,class-9,hindi,बाढ़ की सही जानकारी लेने और बाढ़ का रूप देखने के लिए लेखक क्यों उत्सुक था?,"लेखक उस क्षेत्र का रहने वाला था जहाँ बाढ़ ग्रस्त लोग शरण लिया करते थे। वह बाढ़ पीड़ितों की मदद कई तरह से कर चुका था। उसने बाढ़ तो देखा था पर बाढ़ घिरने, बहने या भोगने का अनुभव नहीं किया था। वह का प्रत्यक्ष अनुभव करने के लिए उत्सुक था। वह बाढ़ के प्रति जिज्ञासु था जिसे शांत करने के लिए वह बहुत बेचैन था।",बाढ़ की सही जानकारी लेने और बाढ़ का रूप देखने के लिए लेखक क्यों उत्सुक था? उन्होंने बाढ़ के बारे में जानकारी जुटाने के लिए विभिन्न स्रोतों से जानकारी ली थी और उन्होंने बाढ़ के रूप को समझने के लिए विभिन्न स्रोतों से जानकारी ली थी। उन्होंने बाढ़ के बारे में जानकारी जुटाने के लिए विभिन्न स्रोतों से जानकारी ली थी और उन्होंने बाढ़ के रूप को समझने के लिए विभिन्न स्रोतों से जानकारी ली थी।,"['। आइए, भारत में वन-विनाश के कुछ कारणों पर गौर करें। . ज़मीन की बेहतरी सन्\u200c 600 में हिंदुस्तान के कुल भू-भाग के लगभग छठे हिस्से पर खेती होती थी। आज यह आँकड़ा बढ़ कर आधे तक पहुँच गया है। इन सदियों के दौरान जैसे-जेसे आबादी बढ़ती गयी और खाद्य पदार्थों की माँग में भी वृद्धि हुई, वेसे-वेसे किसान भी जंगलों को साफ़ करके खेती की सीमाओं को विस्तार देते गए। औपनिवेशिक काल में खेती में तेज़ी से फेलाव आया। ब्द्ध » के सदा च। पथ ह्द् न्््ज््जि 5 3 | 0... ५०० ७ ३>क* किक 3 जद ५ ७"" ०३३ न ः ५ & < “४ व अरकेकलन-कनन २ $ है का -. के 3 है ह का &% 3 और । हा 7“ हि कर | है व क छू 9 ३ >> ् ॥ 27 ब हर पर ५ हे री] ५ हा * का ५ | मर १ शा पा क्ल्छ हि दि ! _.२ वि के. १ का ध्य अर ३१४ 0 »« जे ५ 3) ०५ ४०८४५ 0 कल ८. पर कम ००१०३ ६ । ट दुक । 3 2१00. फ! * कै ऐ रह | 0 कलश) थे ५ ; *- 3 ४ ९ ९५५८-५४ हक हि ५ रो 5 > ध््ः क पे छा ण्स् उत्त आ कै. ५० प्ये२ <. चित्र 2 - छ्वेन द वेलीज़ वर फुल ( जब घाटियाँ भरी पड़ी थीं )', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +76,286,class-9,hindi,सबकी जुबान पर एक ही जिज्ञासा-‘पानी कहाँ तक आ गया है?’-इस कथन से जनसमूह की कौन-सी भावनाएँ व्यक्त होती हैं?,"‘पानी कहाँ तक आ गया है-यह जिज्ञासा सबके मन में थी। सब अपनी जबान से यही शब्द कह रहे थे। इससे जनसमूह की उत्सुकता, सुरक्षा तथा कौतुहल की भावना प्रकट होती है। सब लोग नए अनुभव को अपनी आँखों से देखना चाहते हैं। वे जीवन-मृत्यु के खेल को देखने का मोह छोड़ नहीं पाते। इस खेल में गहरा आकर्षण होता है।",जनसमूह की कौन-सी भावनाएँ व्यक्त होती हैं? सबकी जुबान पर एक ही जिज्ञासा-‘पानी कहाँ तक आ गया है?’-इस कथन से जनसमूह की कौन-सी भावनाएँ व्यक्त होती हैं? सबकी जुबान पर एक ही जिज्ञासा-‘पानी कहाँ तक आ गया है?’-इस कथन से जनसमूह की कौन-सी भावनाएँ व्यक्त होती हैं? सबकी जुबान पर एक ही जिज्ञास���-‘पानी कहाँ तक आ गया है?’-इस कथन से जनसमूह की कौन-सी भावनाएँ व्यक्त होती हैं? सबकी जुबान पर एक ही जिज्ञासा-‘पानी कहाँ तक आ गया है?’-इस कथन से जनसमूह की कौन-सी भावनाएँ व्यक्त होती हैं? सबकी जुबान पर एक ही जिज्ञासा-‘पानी कहाँ तक आ गया है?’-इस कथन से जनसमूह की कौन-सी भावनाएँ व्यक्त होती हैं? सबकी जुबान पर एक ही जिज्,"['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। ��हाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +77,287,class-9,hindi,मृत्यु का तरल दूत’ किसे कहा गया है और क्यों?,"बाढ़ को गेरुआ-झाग-फेन वाला पानी जो मोटी डोरी की शक्ल में निरंतर बढ़ता आ रहा था, जो लोगों के मन में भय उत्पन्न कर रहा था तथा सब कुछ धीरे-धीरे डुबोता हुआ आ रहा था, ऐसे पानी को ‘मृत्यु का तरल दूत’ कहा गया है। इसका कारण यह है कि ऐसा पानी जन-धन की अपार हानि पहुँचाता है।","मृत्यु का तरल दूत’ किसे कहा गया है और क्यों? + +इस सवाल का जवाब नहीं दिया गया है।","['। आइए, भारत में वन-विनाश के कुछ कारणों पर गौर करें। . ज़मीन की बेहतरी सन्\u200c 600 में हिंदुस्तान के कुल भू-भाग के लगभग छठे हिस्से पर खेती होती थी। आज यह आँकड़ा बढ़ कर आधे तक पहुँच गया है। इन सदियों के दौरान जैसे-जेसे आबादी बढ़ती गयी और खाद्य पदार्थों की माँग में भी वृद्धि हुई, वेसे-वेसे किसान भी जंगलों को साफ़ करके खेती की सीमाओं को विस्तार देते गए। औपनिवेशिक काल में खेती में तेज़ी से फेलाव आया। ब्द्ध » के सदा च। पथ ह्द् न्््ज््जि 5 3 | 0... ५०० ७ ३>क* किक 3 जद ५ ७"" ०३३ न ः ५ & < “४ व अरकेकलन-कनन २ $ है का -. के 3 है ह का &% 3 और । हा 7“ हि कर | है व क छू 9 ३ >> ् ॥ 27 ब हर पर ५ हे री] ५ हा * का ५ | मर १ शा पा क्ल्छ हि दि ! _.२ वि के. १ का ध्य अर ३१४ 0 »« जे ५ 3) ०५ ४०८४५ 0 कल ८. पर कम ००१०३ ६ । ट दुक । 3 2१00. फ! * कै ऐ रह | 0 कलश) थे ५ ; *- 3 ४ ९ ९५५८-५४ हक हि ५ रो 5 > ध््ः क पे छा ण्स् उत्त आ कै. ५० प्ये२ <. चित्र 2 - छ्वेन द वेलीज़ वर फुल ( जब घाटियाँ भरी पड़ी थीं )', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +78,288,class-9,hindi," ��ेखक किसके रोने का कारण नहीं जान सका ? +(A) बच्चे के +(B) बुढ़िया के +(C) दूकान वाले के +(D) इनमें से कोई नहीं",(B) बुढ़िया के,बुढ़िया के रोने का कारण नहीं जान सका।,"['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +79,289,class-9,hindi,"बुढ़िया के दुःख को देख कर लेखक को किसकी याद आई ? +(A) अपनी माँ की +(B) गाँव की +(C) संभ्रांत महिला की +(D) बच्चों की",(C) संभ्रांत महिला की,बुढ़िया के दुःख को देख कर लेखक को अपनी माँ की याद आई।,"['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +80,290,class-9,hindi," खरबूजे बेचने वाली बुढ़िया के बेटे का क्या नाम था ? +(A) भगवाना +(B) भगावना +(C) भागवाना +(D) भागवन",(A) भगवाना,भगवाना,"['। आइए, भारत में वन-विनाश के कुछ कारणों पर गौर करें। . ज़मीन की बेहतरी सन्\u200c 600 में हिंदुस्तान के कुल भू-भाग के लगभग छठे हिस्से प��� खेती होती थी। आज यह आँकड़ा बढ़ कर आधे तक पहुँच गया है। इन सदियों के दौरान जैसे-जेसे आबादी बढ़ती गयी और खाद्य पदार्थों की माँग में भी वृद्धि हुई, वेसे-वेसे किसान भी जंगलों को साफ़ करके खेती की सीमाओं को विस्तार देते गए। औपनिवेशिक काल में खेती में तेज़ी से फेलाव आया। ब्द्ध » के सदा च। पथ ह्द् न्््ज््जि 5 3 | 0... ५०० ७ ३>क* किक 3 जद ५ ७"" ०३३ न ः ५ & < “४ व अरकेकलन-कनन २ $ है का -. के 3 है ह का &% 3 और । हा 7“ हि कर | है व क छू 9 ३ >> ् ॥ 27 ब हर पर ५ हे री] ५ हा * का ५ | मर १ शा पा क्ल्छ हि दि ! _.२ वि के. १ का ध्य अर ३१४ 0 »« जे ५ 3) ०५ ४०८४५ 0 कल ८. पर कम ००१०३ ६ । ट दुक । 3 2१00. फ! * कै ऐ रह | 0 कलश) थे ५ ; *- 3 ४ ९ ९५५८-५४ हक हि ५ रो 5 > ध््ः क पे छा ण्स् उत्त आ कै. ५० प्ये२ <. चित्र 2 - छ्वेन द वेलीज़ वर फुल ( जब घाटियाँ भरी पड़ी थीं )', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +81,291,class-9,hindi,"एवरेस्ट पर चढ़ाई करने वाला दल दिल्ली से हवाई जहाज़ से काठमांडू कब चल पड़ा था? +(A) 7 मार्च को +(B) 5 मार्च को +(C) 10 मार्च को +(D) 8 मार्च को",(A) 7 मार्च को,7 मार्च को,"['। आइए, भारत में वन-विनाश के कुछ कारणों पर गौर करें। . ज़मीन की बेहतरी सन्\u200c 600 में हिंदुस्तान के कुल भू-भाग के लगभग छठे हिस्से पर खेती होती थी। आज यह आँकड़ा बढ़ कर आधे तक पहुँच गया है। इन सदियों के दौरान जैसे-जेसे आबादी बढ़ती गयी और खाद्य पदार्थों की माँग में भी वृद्धि हुई, वेसे-वेसे किसान भी जंगलों को साफ़ करके खेती की सीमाओं को विस्तार देते गए। औपनिवेशिक काल में खेती में तेज़ी से फेलाव आया। ब���द्ध » के सदा च। पथ ह्द् न्््ज््जि 5 3 | 0... ५०० ७ ३>क* किक 3 जद ५ ७"" ०३३ न ः ५ & < “४ व अरकेकलन-कनन २ $ है का -. के 3 है ह का &% 3 और । हा 7“ हि कर | है व क छू 9 ३ >> ् ॥ 27 ब हर पर ५ हे री] ५ हा * का ५ | मर १ शा पा क्ल्छ हि दि ! _.२ वि के. १ का ध्य अर ३१४ 0 »« जे ५ 3) ०५ ४०८४५ 0 कल ८. पर कम ००१०३ ६ । ट दुक । 3 2१00. फ! * कै ऐ रह | 0 कलश) थे ५ ; *- 3 ४ ९ ९५५८-५४ हक हि ५ रो 5 > ध््ः क पे छा ण्स् उत्त आ कै. ५० प्ये२ <. चित्र 2 - छ्वेन द वेलीज़ वर फुल ( जब घाटियाँ भरी पड़ी थीं )', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +82,292,class-9,hindi,"कैंप-एक कितनी ऊँचाई पर था? +(A) 600 मी. +(B) 5000 मी. +(C) 6000 मी. +(D) 8000 मी.",(C) 6000 मी.,"कैंप-एक कितनी ऊँचाई पर था? +(A) 600 मी. +(B) 5000 मी. +(C) 6000 मी. +(D) 8000 मी. + +Answer: (C) 6000 मी.","['। आइए, भारत में वन-विनाश के कुछ कारणों पर गौर करें। . ज़मीन की बेहतरी सन्\u200c 600 में हिंदुस्तान के कुल भू-भाग के लगभग छठे हिस्से पर खेती होती थी। आज यह आँकड़ा बढ़ कर आधे तक पहुँच गया है। इन सदियों के दौरान जैसे-जेसे आबादी बढ़ती गयी और खाद्य पदार्थों की माँग में भी वृद्धि हुई, वेसे-वेसे किसान भी जंगलों को साफ़ करके खेती की सीमाओं को विस्तार देते गए। औपनिवेशिक काल में खेती में तेज़ी से फेलाव आया। ब्द्ध » के सदा च। पथ ह्द् न्््ज््जि 5 3 | 0... ५०० ७ ३>क* किक 3 जद ५ ७"" ०३३ न ः ५ & < “४ व अरकेकलन-कनन २ $ है का -. के 3 है ह का &% 3 और । हा 7“ हि कर | है व क छू 9 ३ >> ् ॥ 27 ब हर पर ५ हे री] ५ हा * का ५ | मर १ शा पा क्ल्छ हि दि ! _.२ वि के. १ का ध्य अर ३१४ 0 »« जे ५ 3) ०५ ४०८४५ 0 कल ८. पर कम ००१०३ ६ । ट दुक । 3 2१00. फ! * कै ऐ रह | 0 कलश) थे ५ ; *- 3 ४ ९ ९५५८-५४ हक हि ५ रो 5 > ध््ः क पे छा ण्स् उत्त आ कै. ५० प्ये२ <. चित्र 2 - छ्वेन द वेलीज़ वर फुल ( जब घाटियाँ भरी पड़ी थीं )', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +83,293,class-9,hindi,"रसोई सहायक की मृत्यु किस कारण हो गई थी? +(A) हिमपात के कारण +(B) जलवायु के सही न होने के कारण +(C) हिमखंडों के खिसकने के कारण +(D) बिमारी के कारण",(B) जलवायु के सही न होने के कारण,रसोई सहायक की मृत्यु का कारण हिमखंडों के खिसकने के कारण था।,"['। आइए, भारत में वन-विनाश के कुछ कारणों पर गौर करें। . ज़मीन की बेहतरी सन्\u200c 600 में हिंदुस्तान के कुल भू-भाग के लगभग छठे हिस्से पर खेती होती थी। आज यह आँकड़ा बढ़ कर आधे तक पहुँच गया है। इन सदियों के दौरान जैसे-जेसे आबादी बढ़ती गयी और खाद्य पदार्थों की माँग में भी वृद्धि हुई, वेसे-वेसे किसान भी जंगलों को साफ़ करके खेती की सीमाओं को विस्तार देते गए। औपनिवेशिक काल में खेती में तेज़ी से फेलाव आया। ब्द्ध » के सदा च। पथ ह्द् न्््ज््जि 5 3 | 0... ५०० ७ ३>क* किक 3 जद ५ ७"" ०३३ न ः ५ & < “४ व अरकेकलन-कनन २ $ है का -. के 3 है ह का &% 3 और । हा 7“ हि कर | है व क छू 9 ३ >> ् ॥ 27 ब हर पर ५ हे री] ५ हा * का ५ | मर १ शा पा क्ल्छ हि दि ! _.२ वि के. १ का ध्य अर ३१४ 0 »« जे ५ 3) ०५ ४०८४५ 0 कल ८. पर कम ००१०३ ६ । ट दुक । 3 2१00. फ! * कै ऐ रह | 0 कलश) थे ५ ; *- 3 ४ ९ ९५५८-५४ हक हि ५ रो 5 > ध््ः क पे छा ण्स् उत्त आ कै. ५० प्ये२ <. चित्र 2 - छ्वेन द वेलीज़ वर फुल ( जब घाटियाँ भरी पड़ी थीं )', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +84,294,class-9,hindi,"लेखक कितने दिनों से अतिथि को कलैंडर दिखाकर तारीखें बदल रहा है? +(A) दो +(B) चार +(C) तीन +(D) एक",(A) दो,लेखक तीन दिनों से अतिथि को कलैंडर दिखाकर तारीखें बदल रहा है।,"['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व���यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +85,295,class-9,hindi,"लॉण्ड्री में कपड़े देने की बात सुनकर लेखक की पत्नी को क्या लगा? +(A) अब अतिथि चला जाएगा +(B) खर्च बढ़ेगा +(C) समय लगेगा +(D) अतिथि और कुछ दिन ठहरेगा",(D) अतिथि और कुछ दिन ठहरेगा,"लॉंड्री में कपड़े देने की बात सुनकर लेखक की पत्नी को क्या लगा? +(D) अतिथि और कुछ दिन ठहरेगा","['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस स���ीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +86,296,class-9,hindi,"पेड़ से सेब के गिरने के पीछे छिपे रहस्य को सबसे पहले किसने समझा था? +(A) लेखक ने +(B) न्यूटन ने +(C) चंद्रशेखर वेंकट रामन् ने +(D) इनमें से किसी ने नहीं",(B) न्यूटन ने,पेड़ से सेब के गिरने के पीछे छिपे रहस्य को सबसे पहले न्यूटन ने समझा था।,"['। आइए, भारत में वन-विनाश के कुछ कारणों पर गौर करें। . ज़मीन की बेहतरी सन्\u200c 600 में हिंदुस्तान के कुल भू-भाग के लगभग छठे हिस्से पर खेती होती थी। आज यह आँकड़ा बढ़ कर आधे तक पहुँच गया है। इन सदियों के दौरान जैसे-जेसे आबादी बढ़ती गयी और खाद्य पदार्थों की माँग में भी वृद्धि हुई, वेसे-वेसे किसान भी जंगलों को साफ़ करके खेती की सीमाओं को विस्तार देते गए। औपनिवेशिक काल में खेती में तेज़ी से फेलाव आया। ब्द्ध » के सदा च। पथ ह्द् न्््ज््जि 5 3 | 0... ५०० ७ ३>क* किक 3 जद ५ ७"" ०३३ न ः ५ & < “४ व अरकेकलन-कनन २ $ है का -. के 3 है ह का &% 3 और । हा 7“ हि कर | है व क छू 9 ३ >> ् ॥ 27 ब हर पर ५ हे री] ५ हा * का ५ | मर १ शा पा क्ल्छ हि दि ! _.२ वि के. १ का ध्य अर ३१४ 0 »« जे ५ 3) ०५ ४०८४५ 0 कल ८. पर कम ००१०३ ६ । ट दुक । 3 2१00. फ! * कै ऐ रह | 0 कलश) थे ५ ; *- 3 ४ ९ ९५५८-५४ हक हि ५ रो 5 > ध््ः क पे छा ण्स् उत्त आ कै. ५० प्ये२ <. चित्र 2 - छ्वेन द वेलीज़ वर फुल ( जब घाटियाँ भरी पड़ी थीं )', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता ह���। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +87,297,class-9,hindi," रामन् के पिता रामन् को बचपन से ही पढ़ाते थे? +(A) गणित और विज्ञान +(B) विज्ञान और हिंदी +(C) गणित और फ़िज़िक्स +(D) फिज़िक्स और विज्ञान",(C) गणित और फ़िज़िक्स,रामन् के पिता रामन् को बचपन से ही पढ़ाते थे।,"['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ��� ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +88,298,class-9,hindi,"रामन् किस सरकारी नौकरी को कर रहे थे? +(A) वित्त-विभाग +(B) गृह मंत्रालय +(C) शिक्षा विभाग +(D) सुरक्षा विभाग",(A) वित्त-विभाग,रामन वित्त-विभाग में काम कर रहे थे।,"['। सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न हे। बडी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। वे पूरे वर्ष काम करते प्रतीत होते हैं, लेकिन उनकी क्षमता और आय के हिसाब से यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे काम तो कर रहे हैं, पर ऐसा प्रतीत होता है कि ये काम उन पर थोपे हुए हैं। इसलिए शायद वे अपनी पसंद का कोई अन्य काम करना पसंद कर सकते हैं। गरीब लोग बेकार नहीं बेठ सकते। वे किसी भी काम से जुड़ जाना चाहते हैं, चाहे उससे कितनी भी कमाई हो। अपनी इस कमाई से वे किसी तरह जीवन निर्वाह कर पाते हैं। $ ६३४३६: ४ ३+<$२३३२-३२९ ३२२५९ ७७३६+%%-३२६-२९३२९९ *९-<-७ हऔैच+२*++कै+३वै॑ं+< ५०) श७<+२९०७३५७- ९-३4 च+७५७५-+रैचक« संसाधन के रूप में लोग जे दर आज ७३२ ३२३४-३-३४ । /»5 रि300793॥560 2023-24 ५ बट 23७ “ऐै>कजे के कै डे + ७3७9 +क॑ ७ ३५ छह +)०-३+--ऐो के 4 हनी ॑यें ३ है # है कै ३१२४-३० मी नल इसके अतिरिक्त, प्राथमिक क्षेत्रक में स्वरोज़गार एक विशेषता है। यद्यपि सभी लोगों की आवश्यकता नहीं होती हे, फिर भी पूरा परिवार खेतों में काम करता है', '। इसके बाद, केंद्रीय एवं राज्य सरकार के दस्तावेज « 2025 में भारत की साक्षरता-दर का आपका पूर्वानुमान ( भारतीय रिजर्व बैंक) के द्वारा यह बजटीय अनुमान 2020-2॥ क्या है? कप (कै 0-5+२क$क ९३5९१ ५३५३२५२५२९३५३३५५९७७३*+९४२२२*०+९२९+९५५ ३३५२५००*ै+९ै+4३५५७*६३३९५५५०९२+९३५४३५५५५१५४५५२२०« संसाधन के रूप में लोग ३३३९९ ७-३२३२७५३९४ ५ ०] #९ ७ रि300793॥560 2023-24 १०+ 4 फेक ३-३७ है फेक केक 3३ हल #ब्यीऔ जज 7525 29+-2-9ै+% 4 है क्रियाकलाप अपने विद्यालय या अपने पड़ोस के सहशिक्षा विद्यालय में | वाले लड़के और लड़कियों की गणना करें। अपने स्कूल प्रशासक से कहें कि वे आपको लड़के और लड़कियों की संख्या के आँकड़े उपलब्ध कराएँ। अगर उनमें कोई अंतर है, तो उसका अध्ययन करें और कक्षा में उसका कारण समझाएँ। मे�� घटकर 2.8 प्रतिशत बताया गया है। इससे साक्षरता-दर 95] के 8 प्रतिशत से बढ़कर 208 में 85 प्रतिशत हो गई है। साक्षरता प्रत्येक नागरिक का न केवल अधिकार है बल्कि यह नागरिकों द्वारा अपने कर्तव्यों का ठीक प्रकार से पालन करने तथा अपने अधिकारों का ठीक प्रकार से लाभ उठाने के लिए अनिवार्य भी है']" +89,299,class-9,hindi,"आज देश में बढ़ने वाले झगड़ों का क्या कारण है? +(A) सच्चाई +(B) खुरापात +(C) धर्म +(D) ईमान",(C) धर्म,"आज देश में बढ़ने वाले झगड़ों का कारण हैं सच्चाई, खुरापत, धर्म और ईमान।","['। आइए, भारत में वन-विनाश के कुछ कारणों पर गौर करें। . ज़मीन की बेहतरी सन्\u200c 600 में हिंदुस्तान के कुल भू-भाग के लगभग छठे हिस्से पर खेती होती थी। आज यह आँकड़ा बढ़ कर आधे तक पहुँच गया है। इन सदियों के दौरान जैसे-जेसे आबादी बढ़ती गयी और खाद्य पदार्थों की माँग में भी वृद्धि हुई, वेसे-वेसे किसान भी जंगलों को साफ़ करके खेती की सीमाओं को विस्तार देते गए। औपनिवेशिक काल में खेती में तेज़ी से फेलाव आया। ब्द्ध » के सदा च। पथ ह्द् न्््ज््जि 5 3 | 0... ५०० ७ ३>क* किक 3 जद ५ ७"" ०३३ न ः ५ & < “४ व अरकेकलन-कनन २ $ है का -. के 3 है ह का &% 3 और । हा 7“ हि कर | है व क छू 9 ३ >> ् ॥ 27 ब हर पर ५ हे री] ५ हा * का ५ | मर १ शा पा क्ल्छ हि दि ! _.२ वि के. १ का ध्य अर ३१४ 0 »« जे ५ 3) ०५ ४०८४५ 0 कल ८. पर कम ००१०३ ६ । ट दुक । 3 2१00. फ! * कै ऐ रह | 0 कलश) थे ५ ; *- 3 ४ ९ ९५५८-५४ हक हि ५ रो 5 > ध््ः क पे छा ण्स् उत्त आ कै. ५० प्ये२ <. चित्र 2 - छ्वेन द वेलीज़ वर फुल ( जब घाटियाँ भरी पड़ी थीं )', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यह��ँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +90,300,class-9,hindi,"महात्मा गांधी किसको सर्वत्र स्थान देते हैं? +(A) सच्चाई +(B) खुरापात +(C) धर्म +(D) ईमान",(C) धर्म,महात्मा गांधी सच्चाई को सर्वत्र स्थान देते हैं।,"['। आइए, भारत में वन-विनाश के कुछ कारणों पर गौर करें। . ज़मीन की बेहतरी सन्\u200c 600 में हिंदुस्तान के कुल भू-भाग के लगभग छठे हिस्से पर खेती होती थी। आज यह आँकड़ा बढ़ कर आधे तक पहुँच गया है। इन सदियों के दौरान जैसे-जेसे आबादी बढ़ती गयी और खाद्य पदार्थों की माँग में भी वृद्धि हुई, वेसे-वेसे किसान भी जंगलों को साफ़ करके खेती की सीमाओं को विस्तार देते गए। औपनिवेशिक काल में खेती में तेज़ी से फेलाव आया। ब्द्ध » के सदा च। पथ ह्द् न्््ज््जि 5 3 | 0... ५०० ७ ३>क* किक 3 जद ५ ७"" ०३३ न ः ५ & < “४ व अरकेकलन-कनन २ $ है का -. के 3 है ह का &% 3 और । हा 7“ हि कर | है व क छू 9 ३ >> ् ॥ 27 ब हर पर ५ हे री] ५ हा * का ५ | मर १ शा पा क्ल्छ हि दि ! _.२ वि के. १ का ध्य अर ३१४ 0 »« जे ५ 3) ०५ ४०८४५ 0 कल ८. पर कम ००१०३ ६ । ट दुक । 3 2१00. फ! * कै ऐ रह | 0 कलश) थे ५ ; *- 3 ४ ९ ९५५८-५४ हक हि ५ रो 5 > ध््ः क पे छा ण्स् उत्त आ कै. ५० प्ये२ <. चित्र 2 - छ्वेन द वेलीज़ वर फुल ( जब घाटियाँ भरी पड़ी थीं )', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']" +91,301,class-9,hindi,"यदि भगवान् चंदन है तो भक्त क्या है? +(A) पानी +(B) मोर +(C) चकोर +(D) बत्ती",(A) पानी,"यदि भगवान् चंदन है तो भक्त क्या है? +(A) पानी +(B) मोर +(C) चकोर +(D) बत्ती","['। आइए, भारत में वन-विनाश के कुछ कारणों पर गौर करें। . ज़मीन की बेहतरी सन्\u200c 600 में हिंदुस्तान के कुल भू-भाग के लगभग छठ�� हिस्से पर खेती होती थी। आज यह आँकड़ा बढ़ कर आधे तक पहुँच गया है। इन सदियों के दौरान जैसे-जेसे आबादी बढ़ती गयी और खाद्य पदार्थों की माँग में भी वृद्धि हुई, वेसे-वेसे किसान भी जंगलों को साफ़ करके खेती की सीमाओं को विस्तार देते गए। औपनिवेशिक काल में खेती में तेज़ी से फेलाव आया। ब्द्ध » के सदा च। पथ ह्द् न्््ज््जि 5 3 | 0... ५०० ७ ३>क* किक 3 जद ५ ७"" ०३३ न ः ५ & < “४ व अरकेकलन-कनन २ $ है का -. के 3 है ह का &% 3 और । हा 7“ हि कर | है व क छू 9 ३ >> ् ॥ 27 ब हर पर ५ हे री] ५ हा * का ५ | मर १ शा पा क्ल्छ हि दि ! _.२ वि के. १ का ध्य अर ३१४ 0 »« जे ५ 3) ०५ ४०८४५ 0 कल ८. पर कम ००१०३ ६ । ट दुक । 3 2१00. फ! * कै ऐ रह | 0 कलश) थे ५ ; *- 3 ४ ९ ९५५८-५४ हक हि ५ रो 5 > ध््ः क पे छा ण्स् उत्त आ कै. ५० प्ये२ <. चित्र 2 - छ्वेन द वेलीज़ वर फुल ( जब घाटियाँ भरी पड़ी थीं )', '। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के कुछ उदाहरण ये हैं: ].26 + 30ल्\u200d5 5, 9 + 44 5 /, ॥४ + 39 5 9 और 3 - /2+%- है रि300793॥560 2023-24 66 गणित क्या आप कुछ ओर उदाहरण दे सकते हैं? 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ध्यान दीजिए कि आप इन समीकरणों को क्रमश: .20+ 37-55 0, 9 + 46 7 50, 7४ 84 57- 9 0 और /2%ऋ-79-3 5-0 के रूप में व्यक्त कर सकते हें। अत: उस समीकरण को, जिसे ८८+४7४+८-० के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ 6, ० और ८ वास्तविक सख्याएँ हें और & और & दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों वाला रेखिक समीकरण (#ट्का टबृ.ए्रध7ंका का ॥7॥० एकारंत7/2० कहा जाता हे। उदाहरण ॥ : नीचे दिए गए समीकरणों को ८८+४७५+८-० के रूप में लिखिए और प्रत्येक स्थिति में 6, ७ ओर ०८ के मान बताइए : 0)2%+3954.37 ()5-45 २/३3 ४ (॥) 4 5 55-39 (09०) 2%- 9 हल : 6) 25 + 395 4.37 को 2:+39-4.375-0 के रूप में लिखा जा सकता है। यहाँ ८-८2, ४53 और ८--4.37 है। (7) समीकरण &-4- 39 को »- २3 9»-4-0 के रूप में लिखा जा सकता हेै। यहाँ 4-, ७5-33 और ८5-44 है। (#) समीकरण 45८5%-39 को 55- 39 - 450 के रूप में लिखा जा सकता हे। यहाँ ८८ 5, ४ 5-3 और ८-5--4 है']"