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63a34a556dbba55ffef5c8c39cef1e0e428e4c1f | नई दिल्लीः
शाहरुख खान आम तौर पर रोमांस के बादशाह माने जाने जाते हैं, लेकिन यह फिल्म 'बाजीगर' में खलनायक के रूप में निभाए गए उनके किरदार का असर ही था, जिसने उन्हें प्रसिद्धि और शोहरत दिलाई. अब्बास-मस्तान निर्देशित फिल्म ने सोमवार को 25 साल पूरे कर लिए. शाहरुख खान ने इंस्टाग्राम पर अपने प्रशंसकों के लिए एक वीडियो साझा किया, जिसमें वह इस फिल्म के मशहूर संवाद "कभी-कभी जीतने के लिए कुछ हारना भी पड़ता है..और हार कर जीतने वाले को बाजीगर कहते हैं" को दोहराते नजर आ रहे हैं.
वीडियो के साथ 53 वर्षीय अभिनेता ने लिखा, "'बाजीगर' के 25 साल. एक ऐसी फिल्म जिसने मेरे करियर को परिभाषित किया और जिंदगीभर के लिए दोस्त दिए."
25yrs of Baazigar. A film that defines my career & gave me lifelong friends. Thx Utd 7 #ratanjain #abbasmustan @kajol @theshilpashetty Thomas Johnnybhai Annu Rakhiji Sid Dilip Sarojji Rekha AkbarB & everyone on the film.
उन्होंने फिल्म के निर्देशकों और सह अभिनेत्रियों काजोल और शिल्पा शेट्टी का भी आभार जताया, जिन्होंने फिल्म में महत्वपूर्ण भूमिकाऐं निभाई थीं. इस फिल्म में शाहरुख विलेन की भुमिका में नजर आए थे. वहीं इस फिल्म से शिल्पा शेट्टी ने अपना डेब्यू किया था.
बता दें कि शाहरुख जल्द ही फिल्म "जीरो" में नजर आने वाले हैं. इस फिल्म में उनके साथ कैटरीना कैफ और अनुष्का शर्मा लीड रोल में हैं. खास बात ये है कि फिल्म जीरो में शाहरुख एक बौने आदमी का किरदार निभा रहे हैं. अभी हाल ही में फिल्म का मजेदार ट्रेलर रिलीज हुआ है. जिसे अब तक 8 करोड़ से भी ज्यादा बार देखा जा चुका है. जीरो 21 दिसंबर को रिलीज होगी.
(इनपुट विथ आईएएनएस)
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25875a04b25d0f7b21f19d8a2b7b9dc219be9568 | PWD की ओर से सड़क बनाने में अनियमितताओं के चलते लोगों में खासा रोष व्याप्त है। सवाई माधोपुर के पुराने शहर में गुरुद्वारे से हम्माल मस्जिद तक रोड बनाई जा रही है। जिसमें सड़क के ऊपर सड़क चढ़ाई जा रही है। इसी के चलते लोगों ने मंगलवार सुबह यहां सड़क निर्माण कार्य रुकवा दिया।
नगर परिषद नेता प्रतिपक्ष और स्थानीय पार्षद कपिल जैन ने बताया कि PWD की ओर से 50 लाख रुपए की लागत से सड़क बनाई जा रही है। यहां गुरुद्वारे से हम्माल मस्जिद तक रोड बनाई जा रही है। जिसमें PWD की ओर से भारी अनियमितताएं बरती जा रही है। यहां गुरुद्वारे के सामने PWD ने सड़क को खोदे बिना ही सड़क के ऊपर सड़क बना दी है। जिससे लोगों में गहरा गुस्सा व्याप्त है। स्थानीय वार्ड पार्षद सलीम खान का कहना है कि सड़क के ऊपर सड़क बनाने से यहां घरों की ऊंचाई कम हो जाएगी। जिससे घरों में पानी भरेगा।
इसी के चलते लोगों ने विरोध स्वरूप यहां सड़क निर्माण कार्य रूकवा दिया है। वहीं मामले को लेकर लोगों का कहना है कि ठेकेदार से बार बार सड़क खोदने की कहने पर भी उसने उनकी एक नहीं सुनी। जिसके चलते उन्हें मजबूरी में काम रोकना पड़ा है। मामले को लेकर PWD के XEN ओपी मीणा को बार बार फोन करने पर उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
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ecb3b531afd94720fc91bb9ee76da826e73e55a1 | Lalu Prasad Yadav Hospitalised: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं तत्कालीन केन्द्रीय रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) को पटना के पारस अस्पताल में भर्ती किया गया है। उन्हे आईसीयू में अस्पताल के आईसीयू में रखा गया है जहाँ डॉक्टरों की टीम बराबर उनकी देखभाल कर रही है। वही उनकी पत्नी व बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनके बेटे अस्पताल पहुँच कर बराबर स्वास्थ्य की जानकारी ले रहें है। तो वहीं लालू के चाहने वाले लोग भी अस्पताल पहुँच कर उनकी सेहत की जानकारी ले रहें हैं।
जानकारी के तहत रविवार को ही लालू प्रसाद यादव अपनी पत्नी राबड़ी देवी (Rabri Devi) के सरकारी आवास में सीढ़ियों से गिर गए थे। इसके बाद उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगी थी। उन्हे बेचैनी होने एवं सांस लेने में समस्या आने पर सोमवार की सुबह साढ़े तीन बजे पटना के पारस हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था।
लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्या (Rohini Acharya) ने ट्विटर पर अस्पताल के अंदर की तस्वीरें शेयर की हैं। रोहिणी ने लालू यादव से फोन पर वीडियो कॉल से बात की। इस कॉल में वे पिता को देखकर रोने लगीं। पिता से हुई बात का स्क्रीन शॉट उन्होंने ट्विटर पर शेयर किया है। लिखा- मेरे पापा मेरे हीरो हैं। हर बाधाओं से जिसने पाई है मुक्ति, करोड़ों लोगों की दुआएं हैं जिनकी शक्ति।
पारस हॉस्पिटल में डॉक्टरों की एक्सपर्ट टीम लगातार उनकी सेहत की निगरानी कर रही है। बताया जाता है उनका स्वास्थ्य स्थिर है और उसमें सुधार भी हो रहा है। जानकारी के तहत लालू यादव किडनी, हार्ट, ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर की बीमारी से ग्रस्त हैं। 75 वर्षीय लालू यादव को काफी कमजोरी भी है।
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cb80afbc28eeb94e0480a3adda743d5687a7665288f020768b25218e5f55b1a6 | हैं । ज्योंही तुमने नम्बर कहा- वह तुम्हारे टेलीफोन का सम्बन्ध उस नम्बर के टेलीफोन के बटन से लगा देगी अब तुम जिनसे बातें करना चाहते हो, उनके टेलीफोन की कल की घंटी बज उठेगी - वह समझ जायँगे कि कोई हमसे बातचीत करना चाहता अ. है । बस, वही नली-सी कल उठाकर लगेंगे बात करने । प्रणाम- आशीर्वाद भी कह लो - जो जी में आवे, बतिया लो । मालूम होगा, दोनों आदमी आमने-सामने खड़े घुल-घुल कर बाते कर रहे हो !
ऐसे उपयोगी और अचरज-भरे 'टेलीफोन' का आविष्कार किसने किया, यह भी जानना कम मनोरंजक नहीं है । सुनो - 'टेलीफोन का आविष्कार 'अलेक्जेंडर ग्राहम पोल' नामक एक नवयुवक ने किया । उसका जन्म, स्काटलैंड- देश के 'एडिनबरा' नामक नगर में १८४७
ई० में हुआ था। पहले वह 'एडिनचित्र नम्बर २
बरा' में ही पढ़ता था, फिर लंदन-विश्वविद्यालय में आकर पढ़ने लगा- जहाँ उसके पिता प्रोफेसर थे । तेईस वर्ष की अवस्था में वह अमेरिका आया । उसके पिता बहरे और गूंगे की शिक्षा में बड़ी दिलचस्पी रखते थे, और उनके पढ़ाने-लिखाने के लिये उन्होंने कई तरीके भी निकाले थे । 'प्राइम' भी पिता के इस कार्य में बड़े प्रेम से भाग लेता था । अमेरिका आकर उसने गूगों और बहरों को पढ़ाने-लिखाने में बड़ा नाम पाया ।
यहाँ तक कि बोस्टन- विश्वविद्यालय ने इस विषय की शिक्षा देने के लिये उसे अपना प्रोफेसर नियंत कर लिया ।
कुछ दिनों तक प्रोफेसरी करने के बाद वह वहाँ से हट गया, और अपना एक खास स्कूल खोलकर गूँगों-बहरों को शिक्षा देने लगा । इस शुभ काम से जो समय, बचता, उसका उपयोग वह विज्ञान के नये-नये आविष्कार सोचने में करता । वह गानेबजाने से प्रोम रखता था - गाने की कल 'ग्रामोफोन' में भी उसने सुधार किया था। तार की कल में भी आवश्यक सुधार की बात वह सोचा करता था । वह चाहता था कि कोई ऐसा उपाय किया जाय, जिससे एक ही तार-द्वारा एक ही समय भिन्न, भिन्न तरह की खबरें एक स्थान से दूसरे स्थान को भेजी जा सकें। इसके अतिरिक्त उसका यह भी विश्वास था कि जब तार द्वारा एक जगह का संकेत दूसरी जगह भेजा जा सकता है, तब मनुष्य की बोली तार द्वारा क्यों नहीं भेजी जायगी ? किन्तु, चूँकि उस समय वह तार में सुधार करने के विषय में छानबीन कर रहा था, अतः इस ओर वह पूरी तरह ध्यान न दे सका ।
किन्तु बीच में एक ऐसी घटना घटी कि उसको अपनी 'टेलीफोन वाली बात की सत्यता जँच गई । तार में सुधार करने के लिये अपने साथी 'वाटसन' के साथ वह प्रयोग कर रहा था। दोनों मित्र दो घरों में अलग-अलग रहते थे। उन दोनों घरों में तार का सम्बन्ध लगा दिया गया था। दोनों इसी तार-द्वारा सुधार का परीक्षा करते थे । एक दिन 'वाटसन' जब अपने घर में बैठा तार की कल की देख-भाल कर रहा था कि अचानक उसके 'स्प्रिंग' में गड़बड़ी हो गई, और कई बार सुधारने पर भी जब स्प्रिंग दुरुस्त न हुआ. तब क्रोध में आकर वह उसे हथौड़े से पीटने लगा।' इधर 'ग्राहम' अपने घर में बैठा अपनी कल को देख रहा था - उसे मालूम हुआ कि उसकी कल खूब दिल रही है। उसने घबराकर उस कल को अपने कान से लगाया, तब तो स्प्रिंग पर हथौड़े मारने का 'टन्-डन्-टन्' शब्द उसे साफ-साफ सुनाई पड़ा ! कुछ देर तक तो वह हक्काबक्का रहा- फिर दौड़कर 'वाटसन' के घर में गया - वहाँ देखता क्या है कि वह ताबड़तोड़ हथौड़ा मार रहा है !
उस समय 'ग्राहम' की खुशी का ठिकाना न रहा ! सोचा- जब हथौड़े की चोट को आवाज तार द्वारा सुनाई पड़ सकती है, तो भला मनुष्य की आवाज क्यों न सुनाई पड़ेगी। बड़े ही उत्साह से उसने 'वाटसन' से अपने मन की बात बतलाई । 'वाटसन' भी बड़ा प्रसन्न हुआ। बस, तार में सुधार की बात छोड़ इस नई कल के बनाने की ओर दोनों मित्र झुके। 'वाटसन' कल पुजे' बनाने में बड़ा उस्ताद था - 'ग्राम' के कहने के मुताबिक उस तार की कल में सुधार कर उसे टेलीफोन की कल बना डाला ! एक दिन वह अपनी कोठरी में बैठा उस कल को हाथ में लिये था, कि एकाएक उसमें से यह आवाज सुन पड़ी - मिस्टर वाटसन ! इधर आओ, एक जरूरी काम है ।
यह ग्राहम की बोली थी ! संसार में पहले-पहल टेलीफोन में यही शब्द कहा गया ! दोनों मित्रों के आनन्द का ठिकाना ने रहा ! 'ग्राहम' दौड़ा हुआ अमेरिका के पेटेंट- आफिस में आया और अपनी इस नई कल ( टेलीफोन ) की रजिस्ट्री कराने की दरख्वास्त दी। आश्चर्य की बात तो यह है कि पेटेंट- आफिस में उसके दरख्वास्त देने के कुछ ही मिनट बाद " नामक एक और आदमी वहाँ आया और उसने भी दरख्वास्त दी कि मैंने टेलीफोन का आविष्कार किया है ! किन्तु, चूँकि ग्राहम की दरख्वास्त पहले पहुँच चुकी थी, इसलिये 'ग्रे' की दरख्वास्त नामंजूर की गई । संसार ने 'ग्राहम पोल' को ही टेलीफोन का प्रथम आविष्कर्त्ता माना !
आज-कल जिधर देखो, उधर ही टेलीफोन की बहार है ! बड़े-बड़े शहरों में घर-घर टेलीफोन लगे हैं। कहीं जाने-आने की जरूरत नहीं; जिससे जब चाहो, संप-शप कर लो !
बालको ! तुमने ग्रामोफ़ोन या फोनोग्राफ तो जरूर देखा होगा । उसका गाना, उसकी रामायण, उसकी सत्यनारायण कथा, और उसकी हँसी तो अवश्य सुनी होगी ।
कुत्ते का झाँव झाँव, बिल्ली की म्यों-म्यों, चिड़ियों की चहचह, या रेलगाड़ी का भों-भों उस छोटी-सी कल में सुनकर तुम कितने खुश होते होगे !
किन्तु क्या कभी तुमने विचारा भी है कि ऐसा क्यों होता है ? क्या य आश्चर्य की बात नहीं है कि विना जीव का पदार्थ गाना गावे और बोलियाँ बोले ? तुममें से कितने अबोध बालक तो सोचते होंगे कि हो न हो इस फल के बाकस में कोई
छपकर बैठा है। मैं भी जब बच्चा, था तो पहले पहल ऐसा ही सोचता था । किन्तु बात ऐसी नहीं है । न तो इसमें कोई जादू-टोना या नजरबन्द का खेल है, और न कोई आदमी सिमटकर उस बाकस में बैठा है। असल में यह विज्ञान की महिमा
। जिस विज्ञान के बल पर रेल दौड़ती है, हवाई जहाज पर चढ़कर लोग आकांश में उड़ते हैं, तार द्वारा एक क्षण में ही कहीं की खबर कहीं पहुँच जाती है, उसी विज्ञान का यह अदना खेल है ।
किसी आविष्कार के विषय में कुछ जानने के पहले एक बात सदा ध्यान में रक्खो -- बड़े-बड़े काम का आरम्भ छोटे-से-छोटे रूप में ही होता है। रेल, तारं, छापाखाना, कपड़े की मिल आदि को जो हम आज इस उन्नत अवस्था में देखते हैं, पहलेपहल वे सब बहुत ही छोटे और भद्दो रूप में आरम्भ किये गये थे । धीरे-धीरे उनमें सुधार किये जाने पर वे इस वर्त्तमान रूप में हैं। यह सुधार का काम जारी है। उन्हें अधिक-से-अधिक लाभदायक बनाने की कोशिशें हो रही हैं। सौ पचासं वर्ष के अन्दर ही उनका क्या रूप हो जायगा, कोई कह नहीं सकता !
आज से लगभग तीन हजार वर्ष पहले की बात है। चीन- देश का एक सुवेदार राजधानी से लगभग दो हजार कोस की दूरी पर रहता था । एक समय उसको चीननरेश के पास एक आवश्यक समाचार भेजने की आवश्यकता हुई । वह समाचार बहुत
आवश्यक और गुप्त था। उसके खुल जाने से राज्य की भारी हानि होने का भय था इसलिये किसी दूत के द्वारा कहलाना या चिट्ठी लिखकर भेजना उचित नहीं था। कई कारणों से वह अपने सूबे से हटकर राजधानी को जा भी नहीं सकता था । अन्त
में उसने बहुत सोच-विचारकर, अत्यन्त परिश्रम और बुद्धिमानी से, एक बाक्स ( सन्दूक ) तैयार किया । उसमें अपना संदेश कहकर उसका मुँह ( ढकन ) अच्छी तरह बन्द कर दिया, और राजा के पास भेज दियां ।
राजा ने ज्योंही उस बक्स को खोला, सूबेदार की सभी बातें सुनाई पड़ने लगीं ! इतना ही नहीं, वह आवाज भी ठीक-ठीक सूबेदार की आवाज से मिलती-जुलती थी ! यही 'ग्रामोफोन' के जन्म की आदि कथा कही जा सकती है ।
चीन- देश में इस प्रकार समाचार भेजने की रीति खूप प्रचलित हुई । लड़ाई के समय, शत्रुओं पर भेद खुल जाने के डर से, गुप्त समाचार अधिकतर इसी प्रकार भेजे जाते थे । वहाँ की - दो हजार वर्ष पहले की - पुस्तकों में इस प्रकार समाचार भेजने की चर्चा पाई जाती है। यहाँ तक कि बाक्स के बदले ताँबे के छड़ में भी शब्द भरकर भेजे जाते थे ।
इस प्रकार शब्द को बाँध कर एक जगह बन्द रखने की कला पुराने मिस्र देश में भी पाई जाती थी । वहाँ की सुप्रसिद्ध 'मेमन' नामक कत्रों से नाना प्रकार के गीत पड़ते थे । कहते हैं, फारस-निवासी 'गार्गा पियाडस' नामक एक विद्वान ने भी 'बोलनेवाली कल' का आविष्कार किया था ।
यूरोप में भी प्राचीन काल से ही ग्रामोफोन वा 'बोलनेवाली कल' के बनाने के प्रयत्न हो रहे थे । १२६४ ई० में 'राजर बेकन' नामक एक आदमी ने लोहे की एक मूर्ति बनाई थी । उसमें कुछ ऐसे पुर्जे लगे थे कि वह मूर्ति बालती थी। उसकी आवाज साफ-साफ सुनी जाती थी ।
इटली- देश के 'पोर्टा' नामक एक सुप्रसिद्ध मनुष्य १५८० ई० में एक नल में शब्द को कैद कर रक्खा था । चाहे जब वह लोगों को नल-द्वारा शब्द सुनाकर आश्चर्य में डाल देता था । इसी प्रकार १६८२ ई० में 'एफ० ग्रैंडलर' नामक एक जर्मनी-निवासी आँख के डाक्टर ने कौंच की एक बोतल में शब्द को बन्द कर रक्खा था । वह जब-तत्र उस बोतल की आवाज सुनाकर लोगों को चकित कर देता था । | pdf |
4197ad1ecb3d21b4af4493f2ea165539cd9fd305 | केंद्रीय जांच ब्यूरो (Central Bureau of Investigation) ने कथित कोयला घोटाले के सिलसिले में तृणमूल कांग्रेस विधायक सोकत मोल्ला (MLA Saokat Molla) को तलब किया है। उन्हें शुक्रवार 27 मई को सुबह 11 बजे केंद्रीय एजेंसियों के सामने उपस्थित होने को कहा गया है। कथित तौर पर, आसनसोल का कोयला बेल्ट तस्करी रैकेट का आधार था, लेकिन तस्करी का कोयला राज्य के विभिन्न हिस्सों में अवैध रूप से भेजा गया था। टीएमसी विधायक मोल्ला के कैनिंग (East) विधानसभा क्षेत्र में ईंट भट्टों का भी कथित तौर पर तस्करी का कोयला प्राप्त करने के लिए इस्तेमाल किया गया था।
कथित कोयला घोटाले में शामिल होने से इनकार करते हुए, मोल्ला ने आरोपों को अपने खिलाफ एक "राजनीतिक साजिश" कहा है।
कोयला घोटाले में टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी 'संभावित आरोपी'
तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी को प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने 17 मई को पश्चिम बंगाल कोयला मामले में "संभावित आरोपी" घोषित किया था और कहा था कि उनसे राष्ट्रीय राजधानी में पूछताछ की जानी चाहिए क्योंकि इस मामले में कोलकत्ता में जांच करना मुश्किल होगा। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह ईडी के लिए खुला है कि वह अपने कोलकाता कार्यालय में टीएमसी नेता की उपस्थिति की आवश्यकता करे और कोलकाता के पुलिस आयुक्त विनीत कुमार गोयल को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने के लिए नोटिस जारी किया।
बनर्जी ने केंद्रीय एजेंसी के समक्ष अपनी निर्धारित उपस्थिति को छोड़ दिया था। नए दौर की पूछताछ के लिए एजेंसी ने शीर्ष अदालत से बनर्जी से दिल्ली में पूछताछ की अनुमति देने को कहा था।
2020 में सीबीआई द्वारा दर्ज एक प्राथमिकी में, एजेंसी ने आसनसोल और उसके आसपास राज्य के कुनुस्तोरिया और कजोरा क्षेत्रों में ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की खदानों के संबंध में करोड़ों रुपये के कोयला चोरी घोटाले का आरोप लगाया था। कई टीएमसी नेताओं, ईसीएल, रेलवे, सीआईएसएफ और अन्य विभागों के अज्ञात अधिकारियों और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।
ईडी ने बाद में जांच शुरू की, और यह पता चला कि "अपराध की बड़ी आय" रेलवे क्षेत्रों के पास अवैध कोयला खनन के कारण उत्पन्न और लॉन्ड्री की गई थी।
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20a8c2fc9658444553bf29cc32c7cd51049e2c4655ae91907049114034cf738e | (६) बुनियादी तालीम सबसे अच्छी तालीम है, ऐसा जिनका विश्वान है, वे दूसरो के लडको मे उसे वाटते फिरे और सुद के लड़को को उससे वचित रक्खें, इसका कोई मतलब नहीं है। इसीलिए यह नियम शब्दो मे ग्रथित करने की भी जरूरत नही थी । लेकिन भूतदया के जोश में मनुष्य कभी-कभी खुद को भूल जाता है, इसलिए इस वाङ्मय की रचना करनी पड़ी ।
(७) नागरी और उर्दू के साथ एक द्रविड लिपि और जोड दी गई है। यह मेरी खास सूचना है। सारे हिंदुस्तान की एकता उसके वगैर मिद्ध होनेवाली नही है । लिपि के साथ भाषा अपने आप आती है । द्रविडो को चार भापाए, तीन लिपिया है। एक सीख लेने से हेतु सफल होता है । विचार ध्यान में आ जाय तो मुश्किल कुछ भी नही है, और जरूरत बहुत है। उत्तर की लिंग-भेद से पीडित भाषाए दक्षिण के लोगो के लिए जितनी मुश्किल है, उससे दक्षिण की भाषा उत्तरवालो के लिए अधिक मुश्किल नही है, यह में अनुभव से जानता हू । वह कुछ भी हो, लेकिन एकता के लिए हम उनको हिंदी सिखलवावे और हम कुछ न करते हुए मुफ्त मे एकता साध्य करने का पुण्य हासिल करे, यह शोभा देनेवाला नहीं है । और दीर्घ दृष्टि से देखा जाय तो यह चलने वाला भी नहीं है। लिपि सोखने का सरल तरीका यह है कि वर्णमाला का सामान्य परिचय कर लेन के वाद गीता-जैसा परिचित ग्रंथ उस लिपि में पढा जाय । इससे लिपि आख में आसानी से भर जाती है । तामील या लोकनागरी की तरह सयुक्ताक्षर हलत चिन्ह से बनाये जाय तो लिपि सीखना एक सेल वन जायगा । लेकिन यह बात उन-उन भाषा-वालो को सूझेगी तब ।
जीवन-शुद्धि का यह कार्य कम है । उन-उन सघो के लिए वह फर्ज होते हुए भी सबको करने लायक वह है । सर्वोदय-समाज के सेवक अगर उसके अनुसार कृति करेंगे तो सर्वोदय-समाज अग्नि की तरह चारो ओर फैलेगा । ये नियम केवल निर्देशक है । ऐसे और भी नियम जीवन-शुद्धि के खयाल से हरएक को अपने लिए बनाने चाहिए । लेकिन इसमे दो बातो
के परहेज का खयाल रक्खा जाय । पहली बात यह है कि नियमो का बोझ नही होने देना है । नियमो के कारण जीवन को दिशा मिलती है और जीवन आसान बनता है, ऐसा होना चाहिए । दूसरा परहेज यह है कि दूसरो के दोष देखने के खयाल से इन नियमों का उपयोग नही करना है, नही तो सकुचित बुद्धि और भेद-भाव उसमें से निर्माण होगा । ये दो बाते सभ लकर "नियमो का पालन करें अगर सेवक बनना चाहें । "
'सेवक', वर्धा १५ अप्रैल, १९४८
सर्वोदय - दिन का कार्यक्रम
गाधीजी का निर्वाण - दिन इस महीने की ३० तारीख को आता है । उस दिन उनको गये एक वर्ष पूरा होता है । देश भर में, हरएक गाव मे, उस निमित्त कुछ-न-कुछ कार्यक्रम होगा और उचित भी है । और महान् पुरुषो के स्मरण का आधार हमारे जैसे सामान्य लोगो को आवश्यक होता है ।
मैं उस दिन को गाधी स्मरण - दिन न कहते हुए सर्वोदय - दिन कहता हू, क्योकि आखिर व्यक्ति की अपेक्षा विचार पर दृष्टि स्थिर होना अधिक लाभदायी है । मै हाल ही में दादू समाज में हो आया । उन लोगो को कह आया हू कि "दादू का नाम मिट जाय, भगवान् का रहे ।" यहा भी मै वही कहता हू । गाघीजी को इस बात की विशेष फिऋ थी । उनके जन्मदिवस को लोग गाधी- जयती कहते थे । लेकिन गाधीजी ने कहा कि "उसको आप चरखा - जयती कहें, इससे विचार आपके पास रह जायगा ।" अफ्रीका से लिखा हुआ उनका एक पत्र हाल ही में मेरे देखने में आया । उसमें वे लिखते है कि "मेरा नाम मिटेगा तभी मेरा काम आगे बढेगा ।" ज्ञानदेव ने भगवान् से मागा था - "माझी उरो नेदी कीर्ति, हें दान श्री पति मज द्यावें" (हे श्रीपति, मेरी कीर्ति न रहे, यह दान आप मुझे दीजिए ) । ज्ञानेश्वरी में भी "माझें नाम रूप लोपो" (मेरा नाम और रूप मिट जाय), ऐसी आकाक्षा प्रगट की है । विचार जिंदा रहे । व्यक्ति मरने ही वाला है । ऐसा न होकर व्यक्ति का नाम ही जिंदा रहा तो हम खतरे में रहेंगे । फिर हम सकुचित ग्रथ बनाकर समाज में टुकडे पैदा करेंगे । इस तरह
सर्वोदय दिन का कार्यक्रम
से आज ही हिंदुस्तान में पाच-सात अवतार है और उनके भक्त उनके जिंदा रहते हुए ही उनकी पूजा कर रहे है । इसमें श्रेय नही है । गाधीजी खुद को सामान्य पुरुष समझते थे । उनको वैसे रहने देने मे ही सार है । उसमें से हमको बहुत कुछ सीखने को मिलेगा । अगर नाम ही लेना है तो हत्याकारी का प्रहार शरीर को लगते ही सहज भक्तिभाव से जो नाम गाधीजी के मुख से निकला, वही हम क्यो न लें । इसलिए मै उनके स्मृतिदिन को "सर्वोदय - दिन" कहना चाहता हू ।
इस दृष्टि से देखा जाय तो वह दिन क्रियाशील चिंतन मे हम व्यतीत करे तो बहुत भारी काम होगा । उस दिन सामुदायिक तौर पर कुछ क्रियात्मक कार्यक्रम होना चाहिए । हमारे जीवन मे निष्क्रियता बहुत है। कर्म द्वारा उपासना -- जो सारे धर्मो की सिखावन है, लेकिन हम जिसको भूल गये है और जो गांधीजी के जीवन मे ओतप्रोत थी - हमारे जीवन मे स्थिर होनी चाहिए । इसलिए मै सुझाऊगा कि उस दिन सार्वजनिक सफाई का काम सब मिलकर करे । सारे भगी बनकर सारा देश आइने की तरह काम करे । भगियों को अस्पृश्य समझकर हमारे देश ने बड़ा पाप किया है और सारे देश मे इतनी गदगी पैदा करदी है कि वैसी दूसरे किसी भी सुधरे हुए देशमे देखने को नहीं मिलेगी । उसका प्रायश्चित्त हमको करना ही चाहिए । छोटे-बड़े सव नम्र बने । सबसे जो नीच है, वह मै ही हू, इस भावना से यह सेवा का काम हम करे ।
वैसे ही इस देश को उत्पादन की बहुत आवश्यक है । इसलिए सव लोग चरखा चलायें । प्रेम-सूत्र से सबके हृदय एक साथ मिलाये जाय । कातने का काम ऐसा है कि बहुत बीमार मनुष्य को छोडकर छोटे-बडे सव आसानी से कर सकते है । इसलिए उत्पादन की दृष्टि से सूत कातने का काम किया जाय ।
ये दो क्रियात्मक कार्यक्रम हुए । इसके अलावा सामुदायिक प्रार्थना भी होनी चाहिए । उसमे सब जातियो के हृदय शुद्ध और एक भावापन्न हो । हो सके तो उस दिन फाका भी किया जाय । उससे शुद्धि मे मदद होगी।
इस कार्यक्रम के साथ सर्वोदय के विचार का चिंतन होना चाहिए । वह अनेक प्रकार से हो सकता है । चितन ऐसी महान् वस्तु है कि उसमे हम चाहे जितने गहरे जा सकते है । हमको विशिष्टो का उदय नही, बल्कि सवका उदय सिद्ध करता है, यह एक चिंतन हुआ ।
किसीके भी हित से दूसरे किसीके हित का विरोध हो नही सकता है, सबके हित अविरोधी होते है । सात्त्विक, राजस और तामस के भेदो के कारण सुख-दुखो में भेद हो सकता है । लेकिन हितो में वैसा भेद नही होता है, यह दूसरा चिंतन ।
में सबमें हू और सब मेरे में है, इसलिए सबकी सेवा में शून्य हो जाना मेरा कर्त्तव्य है, यह तीसरा चिंतन ।
इसीमें से यह बात साफ हो जाती है कि यह सब सिद्ध करने के लिए सत्य का व्रत अनिवार्य है। हमारा किसी पर भी आक्रमण नही होगा, इसकी चिंता रखनी चाहिए, सयम सीखना चाहिए । इस तरह अनेक प्रकार से सर्वोदय का चिंतन उस दिन किया जाय ।
भगवान् की हमारे देश पर बडी कृपा है कि पुराने जमाने से आज तक उसने असख्य सत्पुरुष यहा भेजे । उनकी मानो एक अखड मालिका ही उसने लगा दी । आज के जैसी गिरी हालत में भी हिंदुस्तान पर उसने सत्पुरुषो की वर्षा की । हम अगर अपने हृदय खुले रक्खेगे तो वे सत्पुरुष हमारे हृदय में जन्म लेंगे और हमारा ही रूपान्तर हो जायगा । भगवान् चाहेगा तो क्या नही होगा !
गांधी-तत्त्वज्ञान-मन्दिर, धूलिया ७ जनवरी, १९४९ | pdf |
3a5bce267580b97c863e2e84cbbc52c63b07ff27 | यूक्रेन में, एमएलआरएस प्रतिष्ठानों के लिए विकसित 1 मिमी कैलिबर की टाइफून -122 मिसाइलों के नियमित परीक्षण पास हो गए हैं। यह यूक्रेनी मीडिया द्वारा यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय के संदर्भ में बताया गया है।
निकोलेव क्षेत्र में सैन्य इकाइयों और सबयूनिट्स "शिरोकी लैन" के लिए इंटरस्पेसिस ट्रेनिंग सेंटर की सीमा पर टेस्ट लॉन्च किए गए। परीक्षणों का विवरण नहीं दिया गया है, केवल यह बताया गया है कि मानक बीएम -21 ग्रैड एमएलआरएस का उपयोग करके गोला-बारूद का प्रक्षेपण किया गया था। यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय के साथ एक समझौते के तहत Dnepr (Dnepropetrovsk) शहर में Yuzhnoye डिजाइन ब्यूरो में 122-mm के गोले के प्रोटोटाइप विकसित किए गए थे।
ध्यान दें कि यूक्रेन के क्षेत्र में BM-122 ग्रैड MLRS के लिए 21-mm गोला-बारूद का कोई उत्पादन नहीं है, इसलिए यूक्रेनी सैन्य विभाग ने नए गोला-बारूद के विकास का आदेश दिया है। 122 में 1 मिमी टाइफून -2019 रॉकेट के पहले परीक्षण की सूचना दी गई थी, प्रक्षेप्य का परीक्षण कम दूरी पर किया गया था। 2020 के वसंत में, 40 किमी की दूरी पर प्रक्षेप्य के परीक्षण के बारे में बताया गया था।
युज़्नोय डिज़ाइन ब्यूरो की एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि नई टाइफून -1 मिसाइलों का उद्देश्य बीएम -122 ग्रैड एमएलआरएस के 21-मिमी मानक राउंड को बदलने के साथ-साथ यूक्रेनी वर्बा और बेरेस्ट एमएलआरएस पर आधारित है। . . . अधिकतम फायरिंग रेंज 40 किमी घोषित की गई है, गोला-बारूद 18,4 किलोग्राम वजन वाले उच्च-विस्फोटक विखंडन वारहेड से लैस है।
इसके अलावा, युज़्नोय डिज़ाइन ब्यूरो 220 मिमी टाइफून -2 मिसाइलों के निर्माण पर काम कर रहा है, जिसका उद्देश्य उरगन एमएलआरएस के मानक गोला बारूद और 300 मिमी टाइफून -3 कैलिबर को स्मर्च एमएलआरएस के लिए बदलना है।
- इस्तेमाल की गई तस्वीरेंः
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86138710e201ba8e0b3b51c329a2c18460dcbedc | Ranchi: बरहरवा टोल प्लाजा मामले में व्यवसायी शंभू नंदन ने प्राथमिकी दर्ज करायी थी. प्राथमिकी के 24 घंटे के भीतर साहिबगंज पुलिस ने मंत्री आलमगीर आलम और पंकज मिश्रा को क्लीन चिट दे दी थी. जांच की निगरानी कर रहे डीएसपी प्रमोद मिश्रा ने बिना किसी प्रारंभिक जांच और डिजिटल साक्ष्य के पंकज मिश्रा को क्लीन चिट दे दी थी. प्रमोद मिश्रा बरहरवा के डीएसपी के पद पर तैनात थे, और उनका नाम एएसआई रूपा तिर्की मौत मामले में भी आया था. सोमवार को रांची ईडी के ऑफिस में जांच अधिकारी और झारखंड पुलिस के एएसआई सरफुद्दीन खान से पूछताछ की गई. इसमें सरफुद्दीन खान ने बताया कि पंकज मिश्रा और आलमगीर आलम के खिलाफ जांच बंद करने का फैसला उनके वरीय अधिकारियों का था.
बीते 22 जून, 2020 को बरहरवा पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. अगले दिन मामले की निगरानी हुई और उसके अगले ही दिन संबंधित डीएसपी ने मंत्री आलमगीर और पंकज मिश्रा को क्लीन चिट दे दी थी. ऐसा लगता है कि कोई जांच नहीं की गई. शिकायतकर्ता के बयान और उनके द्वारा पेश किए गए सबूतों की जांच नहीं की गई, और उन पर भरोसा नहीं किया गया. " इस बात की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता कि ईडी प्रमोद मिश्रा को तलब करे. साहिबगंज जिले में दर्ज बरहरवा टोल प्लाजा का मामला उन मामलों में शामिल है, जिनकी ईडी अवैध पत्थर खनन घोटाले के दौरान जांच कर रही है, लेकिन यह सबसे महत्वपूर्ण मामला है. क्योंकि यह अवैध खनन मामले में एजेंसी की ईसीआईआर का आधार है. बता दें कि पंकज मिश्रा झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि हैं.
गौरतलब है कि वर्तमान में न्यायिक हिरासत में पंकज मिश्रा ने ईडी के सहायक निदेशक और जांच अधिकारी देवव्रत झा के खिलाफ इस मामले के तथ्यों को छिपाने के लिए अदालत के समक्ष शिकायत दर्ज कराई है. पंकज मिश्रा ने दावा किया कि उन्हें इस मामले में पुलिस ने क्लीन चिट दे दी है. इसलिए, कोई अनुसूचित अपराध शामिल नहीं था. लेकिन इसके बावजूद ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर चार्जशीट किया, पंकज मिश्रा ने यह दावा किया है.
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c0c8de456967a26c8da67d54eaf31dcf50e45bb9c26c92771978c5929e2c7b1d | विकीहाउ एक "विकी" है जिसका मतलब होता है कि यहाँ एक आर्टिकल कई सहायक लेखकों द्वारा लिखा गया है। इस आर्टिकल को पूरा करने में और इसकी गुणवत्ता को सुधारने में समय समय पर, 13 लोगों ने और कुछ गुमनाम लोगों ने कार्य किया।
विकीहाउ एक "विकी" है जिसका मतलब होता है कि यहाँ एक आर्टिकल कई सहायक लेखकों द्वारा लिखा गया है। इस आर्टिकल को पूरा करने में और इसकी गुणवत्ता को सुधारने में समय समय पर, 13 लोगों ने और कुछ गुमनाम लोगों ने कार्य किया।
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आजकल काफी ज्यादा नकली जूते निर्मित हो रहे हैं। कुछ लोग सस्ते दामों की वजह से खुश होते हैं, जबकि Converse जैसी कंपनी को नुकसान होता है। जालसाज (counterfeiters) अब इतना विकसित होते जा रहे हैं, की अब बहुर से एक्सपर्ट को भी, असली प्रॉडक्ट को पहचानने में, दिक्कत होती है। किसी को नकली सामान को पहचानने के लिए, कुछ तरीके हैं।
विधि 1 का 2:
2Chuck Taylor पैच को जाँचेंः असली पैच में एक नेवी ब्लू रंग का स्टार होता है, जबकि नकली में ब्लू रंग के अन्य शेड का हो सकता है। इसे अलावा, असली केवल एक स्टार और Taylor के दस्तखत से स्टैम्प किया होगा। ऐसे चिन्हों के प्रति सचेत रहें, जो स्पष्ट ना हों। कई नकली वालों में, यह धुंधले दिखते हैं तथा उन पर अन्य डिज़ाइन के एलिमंट (element) और शब्द होते हैं।
- All Stars स्टाइल और रंगों की एक व्यापक रेंज में आते हैं। लोगो हमेशा नीले रंग का नहीं होगा और कई बार पैच रबर का बना होता है।
- खुद Star को जाँचें और सुनिश्चित करें की वह एक साफ प्रिंट है।
4जूते की जीभ (tongue) पर ध्यान देंः जीभ के ऊपर, All Stars लोगो, स्पष्टता से छपा हुआ होगा। अगर छपाई अस्पष्ट है, या छपाई के चारों ओर सिलाई ढीली है, तो यह नकली है। परंपरागत जीभ, पतले कैनवस की बनी होती है। जीभ के किनारों पर की सिलाई पर ध्यान दें।
5इनसोल (insole) को चेक करेंः असली Converse में, Converse शब्द इनरसोल (innersole) पर स्पष्ट और सादा (sharp and plain) छपा होगा। अगर आप इस्तेमाल किया हुआ जोड़ा खरीद रहे हैं, तो सचेत रहें। एक इस्तेमाल किए हुए जोड़े का चिन्ह (insignia), नयी जोड़ी से अधिक हल्का (faded) दिखाई देगा, लेकिन इसका मतलब यह जरूरी नहीं है की वह नकली हैं।
6पिनस्ट्राइप को वेरिफ़ाई करेंः यह सोल के ऊपरी किनारे पर छपा होता है। इसे स्मूद और एकदम सही (smooth and perfect) होना चाहिए। अगर वह अस्थिर (shaky) है, या बिलकुल स्पष्ट (crisp) नहीं दिखता है या असमतल (uneven) दिखता है, तो यह खतरे की घंटी है।
7All Stars का एक जोड़ा खरीदेंः All Stars को समझने का सबसे बेहतर तरीका है, एक असली जोड़ी का अपने पास होना। अगर आपके पास वह कभी नहीं रहे हैं, तो एक भरोसेमंद बिक्रेता से उसे खरीदें। एक बार जब आपके पास अपनी Converse All Stars की जोड़ी हो जाएगी, तो आपको उस जूते की सभी quirks और विशेषताएँ पता चल जाएंगी।
- अगली बार के लिए, उस लोकेशन को सेव करें, जहां आपको कोई डील दिखाई दी थी। असली All Stars को भी बदलने की जरूरत पड़ती है।
विधि 2 का 2:
1दाम की तुलना करेंः अगर दाम हास्यास्पद रूप से कम है, तो यह बेहतर है की आप इसे ज्यादा ध्यान से चेक करें या छोड़ दें। आम तौर पर नकली Converse, असली से काफी सस्ते होते हैं। सस्ता दाम असली Converse ना होने की वजह से होता है। अगर आपने धन बचाना चुना है, तो अपने जूतों को, जल्दी खराब होते देखने के लिए तैयार रहें। सस्ते स्वेटशॉप जूते, कभी भी Converse के निर्माण और मटिरियल के स्टैंडर्ड्स से, मैच नहीं कर पाएंगे।
- स्टैंडर्ड All Star हाइ टॉप, स्टाइल पर निर्भर करते हुए, रुपए 2,000 से रुपए 5,000 के बीच में, आम तौर पर बिकते हैं।
- कई वेब ब्रोवसेर्स में ऊपरी कोने में एक पैडलॉक होता है यह दर्शाने के लिए की कोई आपकी जानकारी नहीं चुरा सकता है।
- गैर भरोसेमंद वैबसाइट से खरीदते समय, एक ईमेल कन्फर्मेशन (confirmation) की आशा रखें।
- अपने से पूछें की क्या खराब बनावट और असुरक्षित वातावरण के लिए, दाम उपयुक्त हैं।
4सवाल पूछेंः जब आप डिपार्टमेंट स्टोर के बाहर अन्य बाज़ारों में हों, तो आपको पता नहीं होता है की क्या सामान वाकई में नकली है। जब आपको कोई ऐसा दाम दिखे जो अविश्वसनीय हो, तो सवाल पूछें। आप बिक्रेता के हाव-भाव से काफी कुछ पता कर सकते हैं। अगर आपको लगता है की वह झूठ बोल रहा है, तो शायद वह झूठ ही बोल रहा होगा। अपना सबसे बेहतर निर्णय लें।
- यह मानना उचित नहीं है की सभी खुले आसमान के नीचे वाले बाज़ारों में, केवल नकली सामान ही बिकता है।
- विदेशों में कई बिक्रेता टूरिस्ट को नकली सामान से आकर्षित करते हैं। अपनी सुरक्षा रखें, परंतु तब तक कोई कदम ना उठाएँ जब तक आपको भरोसा ना हों की आपको धोखा नहीं दिया जा रहा है।
- PF Flyers नकली Converse जूते नहीं होते हैं। यह केवल एक जूते का ब्रांड है जो देखने में मिलते जुलते जूते बनाता है।
सभी लेखकों को यह पृष्ठ बनाने के लिए धन्यवाद दें जो १,४०४ बार पढ़ा गया है।
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1ba42690d057ca920a973e3d2a511a3165aca3ca | संयुक्त राज्य में, वे "सुपर विध्वंसक" संलग्न करने की उम्मीद नहीं खोते हैं। कुछ कांग्रेसी पहले से ही इन जहाजों को "स्क्रैप के लिए" पूरी तरह से भेजने के बारे में विचार व्यक्त कर रहे हैं, जैसा कि स्वतंत्रता और स्वतंत्रता प्रकारों के साथ हुआ।
पिछले महीने, अमेरिकी नौसेना ने ज़ुमवाल्ट और माइकल मंसूर (DDG-10,5) के आधुनिकीकरण की अवधि की योजना बनाने के लिए HII इंगल्स शिपबिल्डिंग को $1001 मिलियन का अनुबंध दिया। नौसेना ने कहा कि वह 2025 तक जुमवाल्ट-श्रेणी के विध्वंसक से हाइपरसोनिक मिसाइल लॉन्च करने की योजना बना रही है, और वर्जीनिया-श्रेणी की हमलावर पनडुब्बियों से 2028 तक बाद में नहीं। निर्दिष्ट वर्ग के प्रत्येक विध्वंसक पर कम से कम 12 मिसाइलें रखने की योजना है।
अनुबंध के किसी अन्य विवरण का खुलासा नहीं किया गया था। जाहिर है, इन "सफेद हाथियों" को लेजर से लैस करने का विचार हथियार, इस तरह के काल्पनिक रूप से महंगे जहाजों के लिए भी एक विद्युत चुम्बकीय बंदूक को बहुत शानदार माना जाता था। हालाँकि, नया समझौता भी समय और कार्यान्वयन की संभावना दोनों के संदर्भ में मजबूत संदेह पैदा करता है।
फिलहाल, हाइपरसोनिक मिसाइल का केवल एक सफल परीक्षण ज्ञात है, जो 5 एम की गति से अधिक है। लेकिन यह हवा से प्रक्षेपित मिसाइल है। यदि वाहक विमान की गति, लगभग 5 किमी / घंटा, 1000 एम की गति से दूर ले जाया जाता है, तो समुद्री संस्करण के लिए यह किसी भी तरह से हाइपरसोनिक नहीं है। क्या इसे "दिमाग में" लाया जाएगा और किस समय सीमा में अभी भी अज्ञात है।
बोर्ड विध्वंसक पर होनहार मिसाइलों को रखने के मुद्दे के साथ यह अभी तक स्पष्ट नहीं है। नियमित यूवीपी एमके में। 41 वे फिट नहीं होंगे - कम से कम उस आयाम में जिसके बारे में हम अभी बात कर रहे हैं। ऐसी अफवाहें थीं कि धनुष में वॉल्यूम, तोपखाने प्रणालियों के विघटन के बाद मुक्त हो गए, मिसाइल हथियारों को समायोजित करने के लिए उपयोग किए गए थे। लेकिन अभी तक ये केवल अफवाहें हैं, और बंदूकें अभी भी अपने नियमित स्थान पर हैं। वे आगामी आधुनिकीकरण को नए राडार के साथ पूरक करना चाहते हैं, SPY-3 राडार को SPY-6 (v) 3 से बदलें।
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8189e3ade80c0ed732f0ab9bfca245ae7866ec80 | 'भए प्रकट कृपाला दीन दयाला कौशल्या हितकारी' की गूंज के साथ भगवान राम का जन्मोत्सव देशभर में श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। इस बार राम नवमी 13 और 14 अप्रैल को है।
चैत्र मास शुक्लपक्ष नवमी को रामनवमी का त्योहार मानाया जाता है। धर्मशास्त्रों के अनुसार राम नवमी के ही दिन त्रेता युग में महाराज दशरथ के घर विष्णु जी के अवतार भगवान श्री राम का जन्म हुआ था। भगवान राम विष्णु के सातवें अवतार माने जाते हैं।
रामनवमी के अवसर पर लोगों ने पूजा-पाठ की और भगवान राम की प्रतिमा का फूलों, आभूषणों और नए कपड़ों से साज-श्रृंगार किया। साथ ही रामनवमी के दिन ही उत्तर भारत में मनाए जाने वाले पवित्र त्योहार नवरात्रि के नौ दिन लंबे उपवास का समापन होता है। लोगों ने माता की पूजा कर कुंआरी कन्याओं का पूजन कर अनुष्ठान का परायण किया।
भगवान राम को उनके सुख-समृद्धि पूर्ण और सदाचार युक्त शासन के लिए याद किया जाता है। उन्हें भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है, जो पृथ्वी पर अजेय रावण से युद्ध लड़ने के लिए आए. राम राज्य शांति व समृद्धि की अवधि का पर्यायवाची बन गया।
रामनवमी के दिन राम मदिरों को दुल्हन की तरह सजाया जाता है। देशभर के राममंदिरों में भी भक्तों का तांता लगा हुआ है। लोग भगवान राम की पूजा अर्चना कर रहे हैं।
राम आपके जीवन में प्रकाश लायें!
राम आपके जीवन को सुंदर बनायें!
तेज कर अज्ञान का अंधकार,
आपके जीवन में ज्ञान का प्रकाश आये! !
रामनवमी की शुभकामनायें! ! !
Kuch na kuch jarur milta hai.
Happy Ramnavmi! !
नवमी तिथि मधुमास पुनीता,
शुक्ल पक्ष अभिजीत नव प्रीता!
मध्य दिवस अति शीत न घामा,
पावन काल, लोक विश्रामा! !
रामनवमी की हार्दिक शुभकामनायें! ! !
राम प्रभु का जनम हुआ आज,
हम सब बड़े पावन हुये आज,
सब मिलकर मनायेंगे खुशियां आज,
ऐसा है राम नवमी का त्योहार आज! !
रामनवमी की शुभकामनायें! ! !
Happy Ramnavmi! !
जिनके मन में श्री राम हैं,
भाग्य में उसके बैकुंठधाम है!
उनके चरणों में जिसने जीवन वार दिया,
संसार में उसका कल्याण है! !
रामनवमी की आप और आपके परिवार को हार्दिक शुभकामनायें! ! !
Unke charano me humara pranam he.
Ramnavmi ki Aapko aur apke parivaar ko hardik Shubkamnayen! !
आज है रामनवमी का दिवस,
आज के दिन लिया प्रभु ने अवतार,
जैसे संत सुहाने सौम्य हैं रामजी,
रामनवमी की शुभकामनायें! ! !
O Lord, YOU are my defender!
When I lie down, I go to sleep in peace,
you alone, O Lord, keep me perfectly safe.
Happy Ramnavmi! !
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75199eb22bf4ed884ec20d80814177cb83a9333f | पनारसा स्नोर घाटी की जनता ने संयुक्त संघर्ष समिति के प्रदेशाध्यक्ष ब्रिगेडियर खुशहाल ठाकुर के नेतृत्व में तहसीलदार औट के माध्यम से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को ज्ञापन भेज कर स्नोर घाटी को टीसीपी लाए जाने के खिलाफ विरोध दर्ज करवाया है। दर्जनों लोगों ने औट तहसील में इकट्ठा होकर ज्ञापन देकर विरोध दर्ज करवाया। वहीं टीसीपी लगने से प्रभावित स्नोर घाटी की सभी छहपंचायतों झीडी, नगवाईं, टकोली, कोटाधार, कीगस, औट ने टीसीपी के विरोध में प्रस्ताव पारित कर ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं लगाए जाने की मांग की है। ज्ञापन के साथ पंचायतों द्वारा पारित प्रस्तावों की प्रतिलिपियां भी मुख्यमंत्री को भेजी गई हैं। ब्रिगेडियर खुशहाल ठाकुर ने इस मौके पर कहा कि नगर एवं ग्राम योजना विभाग द्वारा औट योजना क्षेत्र की अधिसूचना जारी की गई है। जिसमें औट तहसील के थलौट से लेकर झीड़ी तक की सभी पंचायतों के 17 मुहाल शामिल हैं। इस अधिसूचना के समय जनता को विश्वास में नहीं लिया गया। साथ ही पंचायत के जन प्रतिनिधियों व अन्य पक्षों को भी गुमराह किया गया। ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब जनता के पास भूमि के बहुत ही छोटे-छोटे टुकड़े हैं। जिन पर घर आदि बने है, अथवा बनाए जाने हैं। बढ़ती जनसंख्या के चलते भूमि का विभाजन व उपविभाजन हुआ है। इसके अतिरिक्त फोरलेन के भू अधिग्रहण से सड़क के साथ लगते क्षेत्र में जनता के पास बड़ी सीमित भूमि बची है। ऐसे लोगों को पांच मीटर कंट्रोल विड्थ व तीन मीटर टीसीपी के अनुसार आठ मीटर फ्रंट छोड़ना पड़ेगा। अब उनके पास क्या बचेगा, ये वही बेबस लोग जानते हैं। अब जबकि औट-योजना क्षेत्र ने अपना असली रुप दिखाना शूरु कर दिया है। जिसके अंतर्गत स्थानीय जनता को कुल्लू के नगर एवं ग्राम योजना विभाग के अधीन किया गया है। नए निर्माण कार्यों के लिए नक्शा पास करवाना होगा। 150 से 250 वर्ग मीटर के मकान के आगे की ओर दो मीटर, पीछे व दांए-बांए 1. 5 मीटर भूमि ऑफ सेट के रुप में छोड़नी होगी। 250 से 500 वर्ग मीटर के मकान के आगे की ओर 3 मीटर, पीछे व दाएं-बाएं दा मीटर भूमि ऑफसेट के रुप में छोड़नी होगी। भवनों की कुल ऊंचाई 21 मीटर तय है। अधिकतम फ्लोर एरिया रेशो 1. 75 होगी। अपनी भूमि से अनिवार्य रूप से तीन मीटर रास्ता देना होगा। घर की मंजिलें, कमरों का साइज आदि सभी कुछ तय निर्देशानुसार करना होगा। व इन सभी कामों की भारी फीस देनी होगी। एक निश्चित सीमा से कम अथवा छोटे भूखंडों पर निर्माण की इजाजत नहीं होगी। महीनों लम्बी प्रक्रिया में प्रोसेसिंग फीस व अन्य खर्चे अलग से होंगे। मुश्तरका खातों में सभी हिस्सेदारों के अनापश्रि प्रमाण पत्र के बिना नक्शे पास नहीं होंगें। पंचायतों के रास्ते अथवा अन्य विकास व निर्माण कार्य भी रूक जाएंगे। ग्रामीण क्षेत्र की बड़ी आबादी धीरे-धीरे अपनी भूमि पर घर नहीं बना पाएगी। पुराने घरों की मुरम्मत को भी मंजूरी लेनी पडे़गी। नई पशुशाला अथवा टायलेट बना पाना नगर एवं ग्राम योजना विभाग की मंजूरी पर ही निर्भर करेगा।
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7a1832c2d2796528020559923b2d288d394047e5 | बेलारूसी खिलाड़ी अरीना सबालेंका लगातार दूसरी बार विंबलडन के सेमीफाइनल में पहुंचीं। बीच में एक वर्ष 2022 में वह प्रतिबंध के कारण टूर्नामेंट में भाग नहीं ले सकी थीं। आल इंग्लैंड क्लब में दूसरी वरीयता प्राप्त बेलारूस की सबालेंका को यूक्रेन में युद्ध के कारण अपने देश और रूस के अन्य खिलाड़ियों के साथ पिछले वर्ष की प्रतियोगिता से बाहर बैठना पड़ा था।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। बेलारूसी खिलाड़ी अरीना सबालेंका लगातार दूसरी बार विंबलडन के सेमीफाइनल में पहुंचीं। बीच में एक वर्ष 2022 में वह प्रतिबंध के कारण टूर्नामेंट में भाग नहीं ले सकी थीं। आल इंग्लैंड क्लब में दूसरी वरीयता प्राप्त बेलारूस की सबालेंका को यूक्रेन में युद्ध के कारण अपने देश और रूस के अन्य खिलाड़ियों के साथ पिछले वर्ष की प्रतियोगिता से बाहर बैठना पड़ा था। बुधवार को वह नंबर-एक कोर्ट पर मैडिसन कीज को 6-2, 6-4 से हराकर आगे बढ़ीं।
2021 में उपविजेता कैरोलिना प्लिस्कोवा से हारने वाली सबालेंका ने कहा, "सेमीफाइनल में वापस आना वास्तव में अद्भुत है। मैं विंवबलडन में अपने दूसरे सेमीफाइनल में खेलने के लिए प्रतीक्षा नहीं कर सकती। आशा है कि मैं पिछली बार से बेहतर प्रदर्शन करूंगी। "
इस जीत से इस वर्ष ग्रैंडस्लैम में सबालेंका का रिकार्ड 17-1 हो गया। ¨वबलडन में ग्रास पर अब तक अपनी पांच जीत से पहले उन्होंने आस्ट्रेलियन ओपन जीता और फ्रेंच ओपन के सेमीफाइनल में पहुंचीं। सबालेंका ने ग्रैंड स्लैम के क्वार्टर फाइनल मैचों में अपने रिकार्ड को 6-0 से सुधारा, और उन्होंने बुधवार को कीज के प्रति दर्शकों के अधिक समर्थन के बावजूद ऐसा किया।
मैच के बाद दर्शकों से कोर्ट में उन्होंने कहा, ऐसा वातावरण बनाने के लिए आप सभी का धन्यवाद, भले ही आपने कीज का अधिक समर्थन किया। आप सभी के सामने खेलते हुए मुझे बहुत आनंद आया। सबालेंका का सामना अब सेमीफाइनल में ओंस जेब्यूर से होगा, जिन्होंने रोमांचक मैच में गत विजेता रिबाकिना को हराया। वहीं, 10वें दिन रायल बाक्स में यूके की रानी क्वीन कैमिला पहुंचीं। एक सप्ताह पूर्व रोजर फेडरर के साथ वेल्स की राजकुमारी केट मैच देखने पहुंची थीं।
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36d8146f7cabf4111d423255b4cfc15e3af3f9af | पंजाब अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (PSSSB) ने 3 अक्टूबर को होने वाली परीक्षाओं के एडमिट कार्ड जारी कर दिए हैं. परीक्षा ब्लॉक लेवल एक्सटेंशन अधिकारी / सीनियर इंडस्ट्रियल प्रमोशन ऑफिसर / एक्साइज एंड टैक्सेशन इंस्पेक्टर के सिलेक्शन के लिए आयोजित की जाएगी. उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट से PSSSB एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं.
एडमिट कार्ड 168 पदों पर आयोजित की जाने वाली भर्ती परीक्षा के लिए जारी किए गए हैं. बोर्ड द्वारा जारी आधिकारिक नोटिस के अनुसार, उम्मीदवारों को परीक्षा हॉल में वैध आईडी प्रूफ के साथ अपने ई-एडमिट कार्ड का ओरिजनल प्रिंट आउट लाना अनिवार्य है. एडमिट कार्ड में उम्मीदवार की सेल्फ अटेस्टेड फोटो होनी चाहिए. इसके अलावा, उम्मीदवार को सेल्फ डिक्लेरेशन फॉर्म भी एग्जाम हॉल में ले जाना अनिवार्य है. उम्मीदवार ध्यान दें कि परीक्षा के दिन रिपोर्टिंग का समय सुबह 9 बजे है. किसी भी उम्मीदवार को सुबह 10 बजे के बाद परीक्षा हॉल में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
उम्मीदवार ध्यान दें कि कैलकुलेटर, पेन, पेंसिल जैसी स्टेशनरी की वस्तुओं को परीक्षा हॉल में ले जाने की अनुमति नहीं होगी. इसके अलावा, उम्मीदवारों को मोटे तलवों वाले शूज या बूट्स पहनने की अनुमति नहीं है. PSSSB 2021 परीक्षा 2 घंटे की अवधि के लिए आयोजित की जाएगी. परीक्षा अंग्रेजी और पंजाबी दोनों में होगी. उम्मीदवारों को ध्यान देना चाहिए कि परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग भी है जिसके तहत प्रत्येक गलत उत्तर के लिए 0. 25 मार्क्स काट लिए जाएंगे.
Education Loan Information:
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2b49f14196ee5dc745b9cc9d0b47c4fcca3612b4 | नई दिल्ली(एजेंसी): राज्यसभा में हुए हंगामे के बाद आठ विपक्षी सांसदों को निलंबित किए जाने पर तमाम विपक्षी दलों के नेताओं ने मोदी सरकार पर हमला बोला है. इस कड़ी में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी केंद्र सरकार पर लोकतांत्रिक भारत की आवाज दबाने का आरोप लगाया है. साथ ही कांग्रेस नेता ने सरकार को घमंडी भी करार दिया है.
एक दिन पहले कृषि संबंधी विधेयकों को मंजूरी मिलने के बाद राहुल गांधी ने बिल को किसानों के खिलाफ 'मौत का फरमान' करार दिया था. उन्होंने दावा किया था कि नियमों और संसदीय परंपराओं की अहवेलना करके इन विधेयकों को मंजूरी दिलाई गई.
विपक्ष ने सोमवार को अपने सदस्यों के निलंबन के बाद हंगामा कर राज्यसभा की कार्यवाही को चार बार स्थगित करने के लिए मजबूर कर दिया. उच्च सदन को पहले सुबह 10 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया था. जब कार्यवाही शुरू हुई तो निलंबित हुए विपक्षी सांसदों ने सदन से बाहर जाने से मना कर दिया और नारेबाजी करने लगे जिसके कारण इसे सुबह 10. 36 बजे तक के लिए फिर स्थगित कर दिया गया.
राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने सदन की कार्यवाही शुरू होने के साथ ही आठ सांसदों को निलंबित कर दिया. ये सासंद तृणमूल, कांग्रेस, माकपा और आम आदमी पार्टी के हैं. इन पर रविवार को संसद में हंगामा करने और राज्यसभा की कार्यवाही को बाधित करने का आरोप है.
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0c0a77cc931492d4b61f8fd0f36307fe428b87e9 | 2023 Honda SP125 Price: ग्राहकों के लिए होंडा ने अपनी नई बाइक लॉन्च कर दी है, इस बाइक में आपको कौन-कौन से फीचर्स मिलेंगे और इस मोटरसाइकल की कीमत कितनी है, आइए जानते हैं.
टू व्हीलर बनाने वाली कंपनी Honda Motorcycle & Scooter India ने ग्राहकों के लिए नई 2023 SP125 बाइक को लॉन्च कर दिया है. होंडा की ये नई मोटरसाइकल आप लोगों को ड्रम और डिस्क दो ऑप्शन्स में मिलेगी. आइए आप लोगों को 2023 Honda SP125 की कीमत और इस होंडा बाइक में मिलने वाले फीचर्स के बारे में जानकारी देते हैं.
होंडा की इस लेटेस्ट बाइक के ड्रम वेरिएंट के साथ आने वाले मॉडल की कीमत 85 हजार 131 रुपये (एक्स-शोरूम) तय की गई है तो वहीं इस बाइक के डिस्क वेरिएंट की कीमत 89 हजार 131 रुपये (एक्स-शोरूम) है. इस कीमत में ये बाइक Hero Super Splendor 125 के अलावा TVS Raider 125, और Bajaj Pulsar 125 को टक्कर दे सकती है.
आप लोग इस बाइक को पांच अलग-अलग रंगों में शोरूम से खरीद सकेंगे, मैट एक्सिस ग्रे मैटेलिक, ब्लैक, पर्ल साइरन ब्लू, इंपेरियल रेड मैटेलिक और मैट मार्वल ब्लू मैटेलिक.
Honda SP125 अब OBD2 कम्पलायंट के साथ अपडेट की गई है और इस बाइक का 125सीसी का इंजन eSP, फ्यूल इंजेक्शन और साइलेंट स्टार्ट के लिए ACG स्टार्टर मोटर के साथ आता है. इंजन आपको 5 स्पीड गियरबॉक्स के साथ मिलेगा. बता दें कि फ्यूल पंप को फ्यूल टैंक के बाहर प्लेस किया गया है जिससे कि इसे एक्सेस करने में आसानी हो.
इस बाइक में आपको फुली डिजिटल मीटर मिलेगी जो आपको एवरेज फ्यूल एफिशिएंसी, रियल टाइम फ्यूल एफिशिएंसी, डिस्टेंस टू एंप्टी, गियर पोजिशन इंडीकेटर और सर्विस ड्यू रिमाइंडर मिलता रहेगा.
स्टैबलिटी और ग्रिप लेवल को इंप्रूव करने के लिए होंडा ने रियर टायर की चौड़ाई को 100mm तक बढ़ा दिया है. इसके अलावा आपको इंजन स्टार्ट और स्टॉप के लिए स्विच, एलईडी हेडलैंप, पासिंग स्विच और इंटीग्रेटेड हेडलैंप बीम जैसे अन्य फीचर्स भी इस बाइक में देखने को मिलेंगे. इस मोटरसाइकल में ग्राहकों के लिए रियर सस्पेंशन के साथ कॉम्बी ब्रेक सिस्टम भी दिया गया है.
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50c5938231fa0354562d1b443d0a775dcfac5b3b | १. आकाश संबंधी । आकाशीय । आसमान का ।
२. आकाश के रंग का । हल्का नीला ।
१. ताड़ के पेड़ से निकला हुआ मद्य । ताड़ी ।
२. किसी प्रकार का नशा; जैसे, - भाँग, शराब ।
३. मिस्त्र दैश की एक कपास ।
४. पालकी के कहारों की एक बोली । (जब कोई पेड़ की डाल आदि आगे आ जाती है जिसका ऊपर से पालकी में धक्का लगने का ड़र रहता है, तब आगेवाला कहार पीछेवालों को 'आसमानी, आसमानी' कहकर सचेत करते हैं ।
१. आकाश संबंधी । आकाशीय । आसमान का ।
२. आकाश के रंग का । हल्का नीला ।
३. दैवी । ईश्वरीय । जैसे, - उनके ऊपर आसमानी गजब पड़ा ।
आसमानी प्रत्यक्ष स्पॅक्ट्रम के नीला एवं हरा रंग के बीच में, लगभग 585 - 620 nm के तरंग दैर्घ्य में मिलता है। subtractive में यह प्राथमिक रंग माना जाता है। इसे सायन भी उच्चारित किया जाता है। दांए में गहरा हल्का समुद्री हरा रंग दर्शित है। दांए में गहरा क्यान वेब रंग दर्शित है। यह इसी नाम के खनिज के नाम पर नामित है। यह रंग रंबिन पक्षी के अण्डे के रंग का होता है। कुछ अण्डे हल्के रंग के भी होते हैं। टीयल रंग (#008080)कलहंस, जिसे अँग्रेजी़ में टीयल या टीयल ग्रीन भी कहा जाता है, मध्यम से गहरे हरे-नीले की ओर होता है, जिसमें निम्न संतृप्ति होती है। निकटवर्ती गह्रा क्यान। इस रंग को अपना नाम, कलहंस पक्षी की आँख के किनारेके गोले के रंग से मिला। यह नाम इसी नाम के रत्न पर पङा है। इसका अँग्रेजी़ नाम टर्कॉयज़ फ्रेंच भाषा में तुर्की के नाम पर पडा़ है।
Hindi Dictionary. Devnagari to roman Dictionary. हिन्दी भाषा का सबसे बड़ा शब्दकोष। देवनागरी और रोमन लिपि में। एक लाख शब्दों का संकलन। स्थानीय और सरल भाषा में व्याख्या।
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c849c4acd204b35e246c74917d3bb9a471cb7a17 | ईडी द्वारा गिरफ्तार सुकेश पहले से ही जेल में बंद है। जांच दल धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत चुनाव आयोग रिश्वत मामले में उसका बयान दर्ज करेगा।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 2017 के चुनाव आयोग को रिश्वत मामले से जुड़े एक अन्य मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद ठग सुकेश चंद्रशेखर को गिरफ्तार किया है। फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रमोटर शिविंदर मोहन सिंह की पत्नी अदिति सिंह सहित कई अमीर लोगों से धोखाधड़ी और जबरन वसूली करने के मामले में जांच एजेंसी ने उसे पिछले साल गिरफ्तार किया था, जिसके बाद से 32 वर्षीय सुकेश जेल में है। 2021 के इस मामले में कई बॉलीवुड अभिनेत्रियों और मॉडलों से ईडी ने चंद्रशेखर के साथ उनके कथित संबंधों के लिए पूछताछ की है।
अधिकारियों ने कहा कि ईडी ने चंद्रशेखर को 2017 के मामले में गिरफ्तार किया था और कुछ दिन पहले उसे जेल में डाल दिया था, जबकि एक स्थानीय अदालत ने बाद में उसे एजेंसी की हिरासत में भेज दिया। उन्होंने कहा कि जांच दल धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत चुनाव आयोग रिश्वत मामले में उसका बयान दर्ज करेगा।
2017 की दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा की एफआईआर का संज्ञान लेने के बाद ईडी द्वारा दर्ज किए गए आपराधिक मामले में नई गिरफ्तारी हुई है। चंद्रशेखर को अप्रैल 2017 में दिल्ली पुलिस ने तमिलनाडु की आरके नगर विधानसभा उपचुनाव के दौरान वीके शशिकला गुट के लिए अन्नाद्रमुक के 'दो पत्ते' का चुनाव चिह्न हासिल करने के लिए चुनाव आयोग (ईसी) के अधिकारियों को रिश्वत देने के लिए दिनाकरण से पैसे लेने के आरोप में एक पांच सितारा होटल से गिरफ्तार किया था।
चुनाव चिह्न के लिए चुनाव आयोग के अधिकारियों को कथित रूप से रिश्वत देने का प्रयास करने के आरोप में चार दिनों की पूछताछ के बाद दिल्ली पुलिस ने दिनाकरन को भी गिरफ्तार किया था। तमिलनाडु की तत्कालीन मुख्यमंत्री जे जयललिता के निधन के कारण उपचुनाव कराना पड़ा था। चुनाव आयोग ने अन्नाद्रमुक के चुनाव चिन्ह पर तब से रोक लगा दी थी जब दो धड़ों - एक का नेतृत्व दिनाकरन की चाची शशिकला और दूसरे गुट का नेतृत्व पूर्व मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम कर रहे थे। दोनों गुटों ने इस चुनाव चिन्ह पर दावा किया था। दिनाकरन के करीबी सहयोगी मल्लिकार्जुन को भी उनके और चंद्रशेखर के बीच 50 करोड़ रुपये के सौदे में मदद करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
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60a612de69a75bbbc0ce6933895b32c5bb04f57c7c64916a892b89bb5efe2ecd | अर्जुन माली के इस राक्षसी व्यवहार की खवर बिजली की तरह सारे राजगृह में फैल गई। राजा श्रेणिक के कानों तक भी यह समाचार पहुँचा । श्रेणिक ने शहर के बाहर न निकलने की आज्ञा घोषित कर दी । यह आज्ञा भंग करने पर अगर अर्जुन माली किसी का वध कर डाले तो हमारा उत्तरदायित्व नहीं है, यह भी सर्वसाधारण को सूचित कर दिया ।
राजा की और नगर निवासियों की कितनी कायरता है ? इस कायरता ने ही उनके दुःखों की वृद्धि की । अगर उन्होंने कायरता न दिखाई होती और वहादुरी से योग्य प्रतीकार किया होता तो उन्हें इतनी मुसीबत न उठानी पड़ती । पर प्रकृति यहाँ तो कुछ और ही खेल दिखाना चाहती थी । सुदर्शन की भक्ति की शक्ति का परिचय
कराना था।
पाँच महीने से कुछ अधिक समय तक अर्जुन माली नागरिकों को कष्ट पहुँचाता रहा । यह उनकी कायरता का प्रायश्चित्त था ।
संयोगवश इसी समय भगवान महावीर स्वामी राजगृह नगर के बाहर एक उद्यान में पधारे। नगर निवासियों ने भगवान के पधारने का वृत्तान्त सुना, पर अर्जुन माली के भय से कोई बाहर न निकला ।
सुदर्शन भगवान का अनन्य भक्त था । उसने भगवान के पधारने का संवाद सुना । उड़े बिना भगवान के दर्शन किये चैन नहीं पड़ा । वह प्रभु-दर्शन के लिए माता-पिता की आज्ञा से जाना चाहता था । माता-पिता ने उसे बहुत कुछ समझाया- बेटा ! तेरे न जाने से कुछ हानि न होगी । तेरा वहाँ काम क्या अटका है ? नगर की चिरैया वाहर नहीं जाती, तो तू ही क्यों जाता है ?
लेकिन सुदर्शन डरंपोंक नहीं था । वह अपने संकल्प परं दृढ़ रहा और प्रभु के दर्शन के निमित्त घर से निकल पड़ा । नगर की हवेलियों की छतों पर बैठे हुए नर-नारियों के समूह सुदर्शन को देख रहे थे । उनमें से कोई उसे जाने से रोकता था और कोई कहता | pdf |
2f545c31e8df885d357211d42858d0ac45529ad9 | बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा चिंताएं उठाए जाने के बाद सरकार ने विभिन्न हितधारकों के साथ चर्चा की, और संशोधित टीसीएस दरों के कार्यान्वयन और एलआरएस में क्रेडिट कार्ड भुगतान को शामिल करने के लिए अधिक समय देने का निर्णय लिया गया। इसलिए बढ़ी हुई टीसीएस दरें अब 1 अक्टूबर से लागू होंगी। हितधारकों के साथ चर्चा के बाद अब यह निर्णय लिया गया है कि बैंकों और कार्ड नेटवर्क को अपेक्षित आईटी आधारित समाधान पेश करने के लिए पर्याप्त समय दिया जाएगा।
इस प्रकार सरकार ने अपनी 16 मई, 2023 की ई-गजट अधिसूचना के कार्यान्वयन को स्थगित करने का निर्णय लिया है। इसका मतलब यह होगा कि विदेश में रहते हुए अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड के माध्यम से लेनदेन को एलआरएस के रूप में नहीं गिना जाएगा और इसलिए यह टीसीएस के अधीन नहीं होगा। यह भी निर्णय लिया गया है कि उद्देश्य की परवाह किए बिना, भुगतान के सभी तरीकों के माध्यम से एलआरएस भुगतान की सभी श्रेणियों पर प्रति व्यक्ति प्रति वित्तीय वर्ष सीमा 7 लाख रुपये होगी।
इस प्रकार, एलआरएस के तहत पहले 7 लाख रुपये के प्रेषण के लिए कोई टीसीएस नहीं होगा। इस 7 लाख रुपये की सीमा से अधिक, टीसीएस 0. 5 प्रतिशत (यदि शिक्षा के लिए धन प्रेषण शिक्षा ऋण द्वारा वित्तपोषित है), 5 प्रतिशत (शिक्षा/चिकित्सा उपचार के लिए प्रेषण के मामले में) और अन्य के लिए 20 प्रतिशत होगा। विदेशी टूर प्रोग्राम पैकेज की खरीद के लिए, टीसीएस पहले 7 लाख रुपये प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष के लिए 5 प्रतिशत की दर से लागू होता रहेगा। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि 20 प्रतिशत की दर केवल इस सीमा से ऊपर के खर्च पर लागू होगी।
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782486cadb55755f170e7abe3d46892d3a0338e4 | पलाश के पेड़ की पहचान कैसे हो सकती है?
पलाश एक खूबसूरत पेड़ है और बहुत सारे उपयोगों वाली एक अद्भुत हर्बल औषधि भी है। यह पाकिस्तान, बांग्लादेश, भारत, श्रीलंका, थाईलैंड, नेपाल, म्यांमार और पश्चिमी इंडोनेशिया में पाया जाता है।
यह बंजर भूमि, बाढ़ वाले क्षेत्रों, लवणीय और क्षारीय मिट्टी वाले क्षेत्रों और काली कपास मिट्टी वाले क्षेत्रों में उगता है। इस पेड़ की ऊंचाई आमतौर पर 10 से 15 मीटर होती है और इसकी एक कुटिल तनाऔर असमान शाखाएं होती हैं। शाखाओं का रंग राख के रंग का होता है और पत्तियों में तीन पत्रक होते हैं।
पलाश के फूल कैसे होते हैं? "फ्लेम ऑफ द फॉरेस्ट" फूलों को उनके चमकीले नारंगी-लाल रंग के कारण दिया गया नाम है। एक जंगल के हरे और भूरे रंग के बीच जलती हुई लौ की तरह दूर से देखे जा सकते हैं।
भले ही पलाश के बीज, पलाश के पत्ते और पलाश की जड़ के फायदे अनगिनत हों, लेकिन पलाश के फूलों का सबसे ज्यादा इस्तेमाल आयुर्वेदिक औषधियां बनाने में किया जाता है। इन फूलों का उपयोग पोषक तत्व और टॉनिक के रूप में किया जाता है। इनके कुछ शीर्ष लाभ नीचे दिए गए हैं।
चूंकि वे ऐलेनिन फॉस्फेट और क्षारीय ट्रांसएमिनेस के स्तर को कम करते हैं, इसलिए पलाश के पेड़ के फूलों का लीवर-सुरक्षात्मक प्रभाव हो सकता है। लीवर को दो फ्लेवोनोइड्स से लाभ हो सकता है, जो ब्यूट्रिन और आइसोब्यूट्रिन हैं। विषाक्तता से बचाव की दृष्टि से ये पलाश के वृक्ष में होते हैं।
लीवर की बीमारी को ठीक करने के लिए कोई भी हर्बल दवा लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना बेहतर होगा।
पलाश के पत्तों और फूलों के कसैले [एस्ट्रिनजेन्ट] गुण के कारण यह त्वचा की कोशिकाओं के अंतर्विरोध का कारण बनता है। इसलिए, यह पिंपल्स और फोड़े-फुंसियों को दूर रखने में मदद करता है। पलाश के फूल का यूरिन के स्तर को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं क्योंकि इसमें मूत्रवर्धक गुण होते हैं।
पलाश के फूलों में एंटी-डायबिटिक गुण होते हैं। इन फूलों में पाए जाने वाले रसायन रक्त शोधन और बढ़े हुए रक्त शर्करा पर नियंत्रण रखने में मदद करते हैं। यह मधुमेह के कारण शरीर के अन्य अंगों में होने वाले नुकसान को कम करने में भी सहायक है।
पलाश के फूल यौन स्वास्थ्य को बढ़ाने की क्षमता रखते हैं। सूखे पलाश के फूल एक शक्तिशाली कामोत्तेजक है। इसे नियमित रूप से दूध के साथ लेने से पुरुषों में यौन शक्ति और सहनशीलता बढ़ जाती है।
रक्त शर्करा के लेवल को मैनेज करने के लिए पलाश के पत्ते की शक्ति बहुत लाभदायक होती है। इसके अलावा पलाश के पत्तों के पेस्ट को प्रभावित त्वचा पर लगाने से संक्रमण से छुटकारा पाया जा सकता है। पलाश के पत्तों और फूलों के उपयोग के बारे में अधिक जानकारी के लिए किसी विशेषज्ञ से संपर्क करें।
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a44011ad1f579cb6f1651d6f687304820128dfbf | MP Latest News Updates: कोरोनावायरस से प्रदेशवासियों की रक्षा करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार तैयारी में जुट चुका है। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद समूचा स्वास्थ अमला बूस्टर डोज की मुफ्त खुराक देने के लिए तैयारी पूरी कर लिया है। वैसे तो देशभर में आज से बूस्टर डोज लगाने का अभियान शुरू हो गया है। लेकिन मध्य प्रदेश में 21 जुलाई से विधिवत टीकाकरण केंद्रों पर अभियान चलाकर बूस्टर डोज दिया जाएगा। सीएम ने खुद तैयारियों का जायजा लिया और स्वास्थ्य अमले को आवश्यक निर्देश दिये हैं।
बूस्टर डोज लगवाने के लिए 18 से 59 वर्ष के लोगो सबसे पहले चुना गया है। इस बार बूस्टर डोज के लिए तीन प्रकार की दवाएं उपलब्ध रहेंगे। इसमें बताया गया है कि कोविशील्ड, को वैक्सीन, तथा कार्बेवैक्स नामक वैक्सीन उपलब्ध रहेंगे। बताया गया है कि जिन लोगों को पहला और दूसरा दो जिस कंपनी की वैक्सीन लगाई गई है उसे बूस्टर डोज भी उसी कंपनी का लगाया जाएगा।
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि बूस्टर डोज लगाने के लिए 21 जुलाई से अभियान शुरू किया जा रहा है। इसमें प्रदेश के सभी नागरिकों को बूस्टर डोज लगवाया जाएगा। यह अभियान 25 सितंबर तक जारी रहेगा। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सभी पात्र लोगों से अपील करते हुए कहा है कि बूस्टर डोज लगवा कर अभियान को सफल बनाएं।
साथ ही सीएम शिवराज सिंह ने तैयारी की समीक्षा करते हुए कहा है कि स्वास्थ्य अमला बूस्टर डोज लगाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य करें। कहा गया है कि जिन व्यक्तियों ने दोनों डोज लगवा लिया है। और 6 महीने का वक्त पूरा हो चुका है। वह व्यक्ति बूस्टर डोज लगवाने के लिए पूर्णतः पात्र हैं। उन्हें अवश्य ही बूस्टर डोज लगवाना चाहिए।
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a47133fd492f0d34e17265c753bad35092c4f248 | गुरुवार को अडानी ग्रुप के दस लिस्टेड शेयरों में से छह में तेजी आई। हालांकि ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज के शेयरों में छह दिनों से आ रही तेजी पर ब्रेक लग गया। यह 4.24 फीसदी गिरावट के साथ बंद हुआ। इसके अलावा अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकनॉमिक जोन (APSEZ), अंबूजा सीमेंट्स (Ambuja Cements) और एसीसी (ACC) के शेयरों में गिरावट आई। अडानी ग्रीन एनर्जी (Adani Green Energy), अडानी पावर (Adani Power), अडानी टोटल गैस (Adani Total Gas) और अडानी ट्रांसमिशन (Adani Transmissin) के शेयरों ने अपर सर्किट छुआ। अडानी विल्मर और एनडीटीवी के शेयरों में भी तेजी रही।
इस बीच देश की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Indsutries) के चेयरमैन मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की नेटवर्थ में गुरुवार को 1.95 अरब डॉलर की गिरावट आई। ब्लूमबर्ग बिलिनेयर इंडेक्स (Bloomberg Billinaires Index) के मुताबिक अंबानी की नेटवर्थ अब 81.7 अरब डॉलर रह गई है और वह दुनिया के अमीरों की लिस्ट में 11वें नंबर पर बने हुए हैं। इस साल उनकी नेटवर्थ में 5.46 अरब डॉलर की गिरावट आई है। गुरुवार को रिलायंस का शेयर 2.37% गिरावट के साथ 2360.15 रुपये पर बंद हुआ।
फ्रांस के बर्नार्ड आरनॉल्ट 187 अरब डॉलर की नेटवर्थ के साथ दुनिया के अमीरों की लिस्ट में पहले नंबर पर बने हुए हैं। अमेरिकी शेयर बाजारों में गुरुवार को आई भारी गिरावट से एलन मस्क (Elon Musk) को 5.89 अरब डॉलर की चपत लगी है। वह 165 अरब डॉलर के साथ इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर हैं। जेफ बेजोस (Jeff Bezos) तीसरे, बिल गेट्स (Bill Gates) चौथे, वॉरेन बफे (Warren Buffett) पांचवें, लैरी एलिसन (Larry Ellison) छठे, स्टीव बाल्मर सातवें, लैरी पेज (Larry Page) आठवें, कार्लोस स्लिम नौवें और सर्गेई ब्रिन दसवें नंबर पर हैं। मजेदार बात है कि दुनिया के टॉप 15 में से 14 की नेटवर्थ में गुरुवार को गिरावट आई।
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afe15406e8135bb5681d5b8bc060e2a248161a3d5fcc7c523148c0d422535d8a | (सन्दर्भ स्लाइड समयः 02:55)
तो, यह घूम सकता है अगर मैं यहाँ पर हिन्ज लगाऊँ; जिसका अर्थ है कि तीन डिग्री ऑफ़ फ्रीडम से यह एक डिग्री ऑफ़ फ्रीडम हो जाती है। इस विशेष प्लेटफार्म के पास सिर्फ रोटेशन होगा । और, मैं रोटेशन को रोकना चाहता हूं, ताकि यह स्थिर हो जाए। मैं जो सरल काम कर सकता हूं वह यह है कि इस विशेष रिजिड बॉडी को जोड़ना है, जिसे B पर बॉडी ABC में पिन किया गया है और D पर पिन किया गया है। इसलिए, यदि मैं ऐसा करता हूं, तो इस विशेष बॉडी BD में डिग्री ऑफ़ फ्रीडम तीन हो जाती है। आइए हम ABC के बारे में भूल जाएं, केवल AB को देखें। और, इसे इस विशेष बिंदु पर फिक्स फ्रेम पर पिन किया जाता है। तो, डिग्री ऑफ़ फ्रीडम एक है जो D के साथ में घूम रही है। इसलिए, जब A, A के साथ में घूम सकता है, क्षमा कीजिए ABC A के साथ में घूम सकता है, और यदि BD, D के साथ में घूम सकता है। और, अगर इन दोनों को एक दूसरे के सापेक्ष B पर होने वाली गति से रोक दिया जाए, तो आपके पास डिग्री ऑफ़ फ्रीडम शून्य रह जाती है; जिसका अर्थ है कि यह स्थिर है।
(सन्दर्भ स्लाइड समयः 04:05)
ABC: । dof
z rigid bodiers ABC 3D
अब इसे देखते हुए, फ्री बॉडी डायग्राम बनाना और यह समझना बेहतर है कि क्या हम इस समस्या को हल कर सकते हैं। जैसा कि आप यहां देख सकते हैं, हमारे पास दो रिजिड बॉडी हैं। आइए हम बस उन्हें नीचे सूचीबद्ध करें। एक ABC है; दूसरा BD ध्यान रहे, मैं हमेशा वर्णमाला के बढ़ते क्रम में उपयोग कर रहा हूं ABC, BD, ताकि इसे समझना आसान हो । अब, अगर मैं ABC के फ्री बॉडी और BD के फ्री बॉडी को चित्रित कर सकता हूं, तो मैं अज्ञात को लिए हल कर सकता हूं। तो, चलिए अभी अभ्यास शुरू करते हैं। आइए ABC को देखें।
(सन्दर्भ स्लाइड समयः 04:52 )
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bad7bea9efec4fc6b867b034f5bbd38cdc26fb31 | अमर उजाला ब्यूरो, गोरखपुर।
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि योजना के मुताबिक पर रूफ प्लाजा, फूड कोर्ट, वेटिंग लाउंज, बच्चों के खेलने के स्थान, स्थानीय उत्पाद के लिये स्थान की सुविधा दी जाएगी। शहर के दोनों हिस्सों को स्टेशन जोड़ेंगे।
देश के 199 रेलवे स्टेशनों के विकास से संबंधित मसौदे पर बुधवार को केंद्र सरकार की कैबिनेट की बैठक में मुहर लग गई, इसमें गोरखपुर समेत पूर्वोत्तर रेलवे के पांच स्टेशन शामिल हैं। इन स्टेशनों पर ग्रीन बिल्डिंग की तकनीकी व दिव्यांग फ्रेंडली सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाएगा।
पूर्वोत्तर रेलवे में गोमतीनगर स्टेशन पर काम शुरू हो चुका है, जबकि छपरा व गोंडा स्टेशन को विकसित करने के लिए टेंडर फाइनल हो गया है। गोरखपुर के लिए एजेंसी नामित करने की प्रक्रिया चल रही है, जो स्टेशन की डिजाइन करेगी। योजना के मुताबिक सभी स्टेशनों को आगामी 40 से 60 वर्षों की आवश्यकता को ध्यान में रखकर विकसित किया जाएगा। नागरिकों के लिए सिटी सेंटर के रूप में स्टेशन होंगे।
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि योजना के मुताबिक पर रूफ प्लाजा, फूड कोर्ट, वेटिंग लाउंज, बच्चों के खेलने के स्थान, स्थानीय उत्पाद के लिये स्थान की सुविधा दी जाएगी। शहर के दोनों हिस्सों को स्टेशन जोड़ेंगे। यातायात की व्यवस्था प्रत्येक मास्टर प्लान में की गई है। यातायात के दूसरे मोड में मेट्रो, बस के लिए स्टेशन परिसर में स्थान दिया जाएगा।
आईकोनिक स्टेशन बिल्डिंग, ज्यादा जगह वाला रूफ प्लाजा, दुकानों के लिए स्थान, कैफेटेरिया, रेलवे ट्रैक के दोनों तरफ स्टेशन बिल्डिंग, अच्छी डिजाइन, पर्याप्त पार्किंग सुविधा, कवर्ड प्लेटफॉर्म, दिव्यांगों के लिए सुविधा, लिफ्ट, एस्केलेटर, ट्रेवेलेटर, सीसीटीवी, ग्रीन बिल्डिंग के तहत सोलर एनर्जी, जल संरक्षण व री-साईकिलिंग तथा पेड़ों से आच्छादित प्लेटफार्मों का पुनर्विकास।
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400a2fee4c2fe3e5c7b9ff199b87f4e0873b4328 | ऑटो एक्सपो 2018 का आगाज अब जल्द ही होने वाला है और इसके लिए कई दिग्गज ऑटोमोबाइल कंपनियों ने कमर कस ली है. अपने नए मॉडल को लॉन्च करने के लिए सभी वाहन निर्माता कंपनियां खासी उत्साहित है. इस ऑटो शो में यूएम भी अपनी नई क्रूजर बाइक को लॉन्च करने जा रही है. इस बाइक को भारतीय बाजार में पहले से मौजूद रॉयल एनफील्ड क्लासिक के मुकाबले में देखा जा रहा है. इस बाइक को अधिक से अधिक कम्फर्टेबल बनाने के लिए पिलिअल बैकरेस्ट और बाइक में यूएम एलईडी टेललाइट का इस्तेमाल किया गया है.
इस नई क्रूजर बाइक के फीचर्स की बात की जाये कंपनी ने इसका डिजाइन भी रेनिगेड मॉडल्स जैसा ही ददेने की कोशिश की है. जानकारी के मुताबिक इस बाइक में ब्लैक कलर के अलॉय व्हील दिए जा सकते है. इसके अलावा इस क्रूजर बाइक डिजिटल डिस्प्ले, चंकी फ्यूल टैंक, बड़े हेडलैम्प, कॉम्पैक्ट विंडशील्ड दी जाने की उम्मीद है.
सूत्रों के मुताबिक इस बाइक में लो पोजिशन राइडर सीट पेश की जा सकती है. वहीँ अगर इस बाइक के इंजन की बात की जाये तो इसमें 230सीसी का सिंगल सिलेंडर एयर कूल्ड इंजन पेश किया है जो कि 19 बीएचपी का पीक पावर जनरेट करने करने की छमता रखता है.
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c08516d0e832ccf497d0ed168f28769ce45cf0b51e2fe45a98a58dff0566d3a4 | १२८ रणवीर कारित प्रायश्चित भाग वा ५ ॥ टी० मा ॥
बन्यादि मंत्र मात्र स्थापनको ॥ और महेवा इत्यादि मंत्रांक आप हिवनको क्या पानको अन्य पुपके अर्धवारते जय राज पी और जिसने पाप की वा हे सो छे राम सीधे वो शुद्ध होता है और महापायी सप्तराजपतपीये और
पीक संपूर्ण रहो और गोमयों क्या गोहेतें निकाले जो सब है, जिनको इसो दिन पपकर्के गण को देखताई ओर गणाधिपतिका दर्शन करता है और विद्याकों देखनाहै और विद्या के पतिको देखता है और पति कहते हैं पूर्णस्यामिति जो पुरुष गोमूत्र विशे पके होंगे स्वरकों वा गोमूत्र और गोमय और दधि और दुग्ध और घृतइनाको पान कबीई स्रो
नमोरुद्रायभूताधिपतयेद्यौः सावित्रीमानस्तोकेति पात्रेनिषिच्ययदेवानमो यातामनोजवाः सुदक्षोंदहंपितरस्तेनःपांततेनोवतुतेभ्यो नमस्तेभ्यः स्वाहे त्यात्मनिजुहुयात् । त्रिरात्रमवार्थीपापकृत् षडात्र पीत्वापूतोभवतिसप्तरात्र महापातकी द्वादशरात्र पीत्वा सर्वम्पुरुष कृतंपापनिर्दहति निःसृतानांयवाना मेकविंशतिरांत्र पीत्वागणान्पश्यति गणाधिपतिं पश्यति विद्यांपश्यतिवि याधिपतिपश्यति । पूर्णायांयावकंपकंगोमूतवासकृदधिक्षीरंसापेंः प्रगेभु कामुच्यतेसाहसःक्षणादित्याह भगवान् मैत्रावरुणिरिति । अथलौकि ककार्थ्यांसाधकः त्रिरात्रमेवपिवेत् ॥ पापकृनुषरावमितिसंवन्धः ॥ ॐ ॥ ऋथब्रह्मकुचैव्रतमाहजावालः ॥ श्रहोरात्रोषितो भूत्वाप मास्यांविशेष तः ॥ पंचगव्यंपिवेत्प्रातर्ब्रह्मकूर्चविधिः स्मृतः ॥ १ ॥ यथाह पराशरः ॥ गोमूत्रंगोमयंक्षीरंदघिसर्पिः कुशोदकम् ॥ निर्दिष्टपंचगव्यंतु प्रत्येक काय शोधनम् । १
क्षयतें हिपाप रहित होता है प्रेसे भगवान् मैत्रा वराण कहते भये एह अर्थ स्पष्ट कर्के किहा है अर्थीति लौकिककाव्ये करणे वालेकानाम अर्थी है ॥ ॥ इसते अनंतर ● ब्रह्मपूर्ण व्रतकों जाबालऋषि कहता है एक दिन रात्र उपवास करे चाहे किसे दिनोबे परंतु पूर्णमासी विषः विशेष कर्के कहाई प्राताकाल विषे पंचगव्य पानकर एहब्रह्म कूचकी विधि कड़ी है ॥ जैसे पराशर कहता भया गविति मोमन और गोमय और दुग्ध और दधि और घृत कुशोदक एह पंच गव्य कहा है एक एक गोमूत्र आदि देह के शुद्धकरणे वाले कई ॥ १ ॥ | pdf |
3593e43e759b666821c463ede658c9a616130240 | मुंबईः भोजपुरी सिनेमा के जानेमाने अभिनेता-गायक खेसारी लाल यादव की फिल्म आशिकी छठ के अवसर पर रिलीज होगी। फ़िल्म आशिकी में खेसारी लाल के अपोजिट पहली बार आम्रपाली दुबे नजर आएंगी। आशिकी में खेसारी लाल यादव और आम्रपाली दुबे के साथ श्रुति राव, कुणाल सिंह,पदम सिंह, प्रकाश जैस ,सुबोध सेठ, पप्पू यादव समेत कई कलाकार नजर आयेंगे। फिल्म आशिकी छठ के अवसर पर रिलीज होगी।
फिल्म आशिकी का ट्रेलर हाल ही में रिलीज हुआ है जो यूटयूब पर धमाल मचा रहा है। ट्रेलर में श्रुति राव, खेसारी लाल यादव के प्यार की दीवानी नजर आती हैं लेकिन कहानी में मोड़ ऐसा आता है कि आम्रपाली दुबे उनका प्यार उड़ा ले जाती हैं।
गौरतलब है कि निर्माता प्रदीप के शर्मा निर्मित फिल्म आशिकी के निर्देशक पराग पाटिल हैं। इस फिल्म की सह निर्मात्री अनीता शर्मा एवं सह निर्माता पदम सिंह हैं। फिल्म का निर्माण बाबा मोशन पिक्चर प्रा. लि. के बैनर तले हुआ है। लेखक राकेश त्रिपाठी हैं। कथा खेसारी लाल यादव ने लिखी है, मार्केटिंग हेड विजय यादव हैं। संगीत ओम झा एवं आर्या शर्मा का है, गीत स्वर्गीय श्याम देहाती एवं विजय चौहान ने लिखा है। कोरियोग्राफर कानू मुखर्जी हैं।
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505e159a4bf0b862ab10ea14a2ee895e2d72fab9 | लव जिहाद के बढ़ते मामलों को लेकर हुए तनाव के बाद उत्तरकाशी जिले में मुस्लिम समुदाय की दुकानें भी खुल गईं. गुरुवार को नगर में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए व्यापार मंडल और पुलिस के बीच हुई अहम बैठक हुई. जिसमें यह फैसला लिया गया कि हेयर सैलून व ब्यूटी पार्लर में पुरुष कर्मचारी अब महिलाओं की हेयर कटिंग और फेशियल नहीं करेगा. मुस्लिम समेत सभी स्थानीय व्यापारियों ने इस पर सहमति जताई.
बता दें, पुरोला में 26 मई को नाबालिग लड़की को भगाने की घटना के बाद उत्तरकाशी में तनाव फैल गया था. लगभग तीन सप्ताह तक पुरोला, बड़कोट और चिन्यालीसौड़ में विरोध प्रदर्शन हुए. इस दौरान कई मुस्लिम कारोबारी अपनी दुकानें छोड़ कर चले गए थे.
ऐसी घटनाओं को रोकने और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस और व्यापार मंडल की बैठक अहम बैठक हुई. इस बैठक में सैलून और ब्यूटी पार्लर में पुरुष कर्मचारियों के काम करने का मुद्दा उठा था. अब कोई भी पुरुष कर्मचारी महिलाओं की हेयर कटिंग और फेशियल नहीं करेगा.
इसके अलावा मुस्लिम कारोबारियों को दुकान में काम करने वालों का सत्यापन कराने के साथ ही प्रतिष्ठान पर सही नाम और पता लिखा बोर्ड और रेट लिस्ट लगाने के निर्देश दिए गए. साथ ही बाहरी कारोबारियों और रेहड़ी-फेरी वालों को किसी भी शख्स को अपने साथ नहीं रखने की हिदायत दी.
इस दौरान व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने थानाध्यक्ष से नगर में गश्त बढ़ाने, नशे पर लगाम लगाने, अन्य राज्यों से आने वाले वाहनों की नियमित चेकिंग करने को कहा गया है. पुलिस के सामने निर्णय पर मुस्लिम और सभी स्थानीय व्यापारियों ने अपनी सहमति दी. इस फैसले की हर कोई तारीफ कर रहा है.
(रिपोर्ट- ओकार बहुगुणा)
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f03cb9e65bedfc0bd25c005de5e88a2794f696affddf1a6afe906b9bffb95393 | इच्चेवं सन्बया पि चतुवीसति सहेतुककामावचरकुसल विपाकक्रियाचित्तानि समत्तानि ।
इस तरह सर्वथा चौबीस - सहेतुक कामावचर कुशल, सहेतुक कामावचर विपाक, सहेतुक कामावचर क्रियाचित्त समाप्त ।
ज्ञानसम्प्रयुक्त असंस्कारिक आदि चित्त फलोत्पादक नहीं होते, वे केवल 'करना' मात्र होते हैं; अतः उन्हें क्रियाचित्त कहा जाता है । इसीलिये कुशलचित्त एवं क्रियाचित्त स्वभाव में और सङ्ख्या में भी समान ही होते हैं ।
कुशल, अकुशल एवं क्रिया - इन शब्दों की व्याख्या परमत्थविनिच्छयकार निम्न प्रकार से करते हैं; यथा -
"रज्जनादिवसेनेत्य जवनाकुसलं भवे । कुसलं पन सम्भोति सद्धापञ्ञादिसम्भवे ॥ तदेव वीतरागानं क्रिया नाम पवुच्चति । अविपाकतमापनं वट्टमूलपरिक्खया" ।।
अर्थात् राग, द्वेष, मोह-आदि के वश से उत्पन्न जवनचित्त अकुशल हैं । श्रद्धा, प्रज्ञा- आदि के वश से उत्पन्न जवनचित्त कुशल होते हैं । ये कुशलचित्त ही जब अर्हत् की सन्तान में उत्पन्न होते हैं, तो अविद्या, तृष्णा आदि संसार के मूल हेतुओं के क्षीण ( नष्ट ) हुए रहने से, फल देने में असमर्थ होने के कारण 'क्रियाचित्त' कहे जाते हैं ।
इन कामावचर कुशल- विपाक क्रियाचित्तों को महाकुशल, महाविपाक एवं महाक्रिया कहा जाता है। इनमें 'महा' विशेषण देने में क्या हेतु है ? इस सम्बन्ध में टीकाकारों का अभिमन्तव्य यह है कि रूपचित्त, रूपचित्त एवं लोकोत्तरचित्तों की तरह ये महाकुशलचित्त निश्चित (सीमित) विपाक नहीं देते; अपितु सात कामसुगति-भूमियों में नौ कामसुगति प्रतिसन्विफल को यथासम्भव देते हैं तथा प्रवृत्तिकाल में भी अनेकविध लौकिक सम्पत्तिरूप, जैसे- चक्रवर्तित्व, प्रदेशाधिपतित्व, लक्ष्मीपतित्व, ऐश्वर्य आदि - फल देनेवाले होते हैं । इनके फल देने की सीमा के अत्यन्त विस्तृत होने के कारण इनमें 'महा' विशेषण प्रयुक्त किया गया है; अतएव इनके विपाक को भी 'महाविपाक' कहा जाता है । क्रियाचित्त अर्हत् की सन्तान में होते हैं, अतः वे विपाक (फल) नहीं देते ; किन्तु यदि वे विपाकोन्मुख हों तो कुशलचित्तों की तरह उनका विपाक असीमित ही होगा। अतः इन्हें 'महाकिया' कहा जाता है ।
अथवा - कुछ आचार्यो का कथन है कि भगवान् बुद्ध इन चित्तों के | pdf |
49f4680a03a1a78e778aca7c957c6f775409bd2a | नई दिल्लीः चीन युद्ध के समय चीन पूरी तरह से तैयार था और भारत की तैयारी आधी अधूरी थी. रक्षा मंत्री वीके कृष्णा मेनन ने तो जो गलत कदम उठाए सो उठाए, एक गड़बड़ी नेहरू पर भी हो गई. नेहरू ने बीच जंग में ऑल इंडिया रेडियो पर एक भाषण दिया, जिससे ऐसा मैसेज आसाम में गया मानो भारत आसाम को हार चुका है. आसाम के लोग इससे काफी आहत हुए. आसाम में अलगाववादी सुर तेज हो गए. आसाम के तेजपुर में तो और भी बुरे हालात थे, लोगों को भाग्य के भरोसे छोड़कर वहां का डीएम ही भाग गया था. केन्द्र के स्तर पर अलग कन्फ्यूजन था.
केबिनेट की मीटिंग हुई तो किसी की समझ में नहीं आ रहा था कि क्या किया जाए. तब इंदिरा ने तय किया कि लोगों में भरोसा जगाने और दिल जीतने के लिए वो तेजपुर जाएंगी. नेहरू घबरा गए, उन्हें लगा कि चीनी सैनिक इंदिरा को बंधक बना कर उन्हें ब्लैकमेल कर सकते हैं. आर्मी चीफ ने भी उन्हें मना किया, लेकिन इंदिरा नहीं मानी. शायद ये उस नेता की दूरदर्शिता थी, जो भयानक हालात में भी अपने लोगों में भरोसा जगाए रखने के लिए हर रिस्क लेने को तैयार थी.
गांधीजी ने जब दी इंदिरा को शादी के बाद ब्रह्मचर्य की सलाह तो क्या था इंदिरा गांधी का जवाब ?
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6861e7aa8551ca3b2e5404a463d112a4f60c68f9 | इस समय स्मार्टफोंस निर्माता आए दिन फोंस में तबदीली करने के लिए कुछ नए टेक को तो शामिल कर ही रहे हैं लेकिन कम्पनियों का ख़ास ध्यान कैमरा सेंसर्स पर है। कुछ समय पहले तक Smartphones में डुअल रियर कैमरा एक बड़ी हाईलाइट माने जाते थे लेकिन इस समय चार-पांच कैमरा सेंसर्स हमें फोंस में मिल रहे हैं। आज हम ऐसे कुछ फोंस के बारे में बात करने वाले हैं जो क्वैड रियर कैमरा (चार कैमरा) के साथ आने वाले हैं और साथ ही कुछ ऐसे फोंस के बारे में भी बात करेंगे जो ट्रिपल रियर कैमरा के साथ स्मार्टफोन बाज़ार में उपलब्ध हैं।
Samsung Galaxy A9 (2018)
सैमसंग गैलेक्सी A9 (2018) मोबाइल फोन की चर्चा करें तो इसे स्नेपड्रैगन 660 चिपसेट के साथ लॉन्च किया गया है, यह 2. 2GHz की क्लॉक स्पीड पर काम करता है। आपको बता देते हैं कि इस मोबाइल फोन में आपको एक 6. 3-इंच की FHD+ AMOLED डिस्प्ले 18:9 आस्पेक्ट रेश्यो के साथ दी गई है।
अगर हम कैमरा आदि की चर्चा करें तो इस मोबाइल फोन में आपको यानी सैमसंग गैलेक्सी ए9 में आपको चार रियर कैमरा मिल रहे हैं। जिन्हें वर्टीकली प्लेस किया गया है। फोन में आपको एक 24-मेगापिक्सल का मेन कैमरा f/1. 7 aperture lens के साथ मिल रहा है, एक 8-मेगापिक्सल का कैमरा f/2. 4,120-degree ultra wide लेंस के साथ मिल रहा है, एक 10-मेगापिक्सल का सेंसर f/2. 4 telephoto कैमरा, 2X optical zoom के साथ मिल रहा है, और एक 5-मेगापिक्सल का डेप्थ कैमरा f/2. 2 aperture के साथ मिल रहा है। हालाँकि फोन के फ्रंट पर आपको एक 24-मेगापिक्सल का कैमरा f/2. 0 aperture के साथ मिल रहा है।
फोन में 5. 99 इंच की p-OLED डिस्प्ले दी गई है और डिस्प्ले को 2K रेज़ोल्यूशन और 18:9 एस्पेक्ट रेश्यो दिया गया है और डिस्प्ले HDR10 सर्टिफाइड है। डिवाइस को वॉटर और डस्ट रेजिस्टेंस बनाने के लिए IP67 रेटिंग दी गई है और फोन की डिस्प्ले को कोर्निंग गोरिला ग्लास 5 प्रोटेक्शन दिया गया है।
Nokia 9 Pureview की ख़ासियत इसका कैमरा सेटअप है। स्मार्टफोन के बैक पैनल पर कुल पांच कैमरा दिए गए हैं और ये पाँचों कैमरा 12MP रेज़ोल्यूशन के हैं जिन्हें सोनी ने बनाया है। इनमें तीन कैमरा मोड्यूल्स मोनोक्रोम सेंसर हैं और दो RGB सेंसर्स हैं। अतिरिक्त डेप्थ इनफार्मेशन जमा करने के लिए टाइम ऑफ़ फ्लाइट या ToF डेप्थ सेंसर दिया गया है। कैमरा सेटअप को डुअल-टोन LED फ़्लैश का साथ दिया गया है। डिवाइस के फ्रंट पर 20MP का कैमरा दिया गया है जो f/1. 8 अपर्चर के साथ आता है और यह 4-इन-1 पिक्सल बिनिंग सपोर्ट करता है।
Samsung ने Galaxy S10 के साथ ही 5G फोन भी पेश किया था जिसमें अतिरिक्त सेंसर दिया गया है। S10 5G में 12 मेगापिक्सल का प्राइमरी कैमरा, 12MP का टेलीफ़ोटो लेंस, 16MP का अल्ट्रा-वाइड सेंसर और चौथा ToF सेंसर दिया गया है। सैमसंग ने इस फोन में पंच-होल डुअल सेल्फी कैमरा भी दिया है जिसमें एक 10MP का प्राइमरी सेंसर है और दूसरा hQVGA 3D-डेप्थ सेंसिंग कैमरा है।
Huawei P30 Pro में आपको 6. 47 इंच का फुल-एचडी+ (1080x2340 पिक्सल) OLED डिस्प्ले आस्पेक्ट रेशियो 19. 5:9 के साथ मिलती है। डिवाइस में इन-स्क्रीन फिंगरप्रिंट सेंसर दिया गया है। Huawei P30 Pro में 8 जीबी रैम और 256GB स्टोरेज वेरिएंट मिलते हैं। डिवाइस में ऑक्टा-कोर किरिन 980 प्रोसेसर के साथ माली-जी76 जीपीयू का इस्तेमाल किया गया है। फोन Android 9 Pie पर आधारित ईएमयूआई 9. 1 पर काम करता है।
P30 Pro में 32 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा है जिसका अपर्चर एफ/2. 0 है। इस डिवाइस में 40 मेगापिक्सल प्राइमरी कैमरा है, 1/1. 7 इंच हुवावे सुपर स्पैक्ट्रम सेंसर और एफ/1. 6 है अपर्चर है। साथ ही 20 मेगापिक्सल का अल्ट्रा-वाइड एंगल सेकेंडरी कैमरा अपर्चर एफ/2. 2 के साथ और 8 मेगापिक्सल टेलीफोटो कैमरा अपर्चर एफ/3. 4 है। इसमें टाइम-ऑफ-फ्लाइट (TOF) कैमरा भी है।
अगर हम कैमरा की चर्चा करें तो आपको बता देते हैं कि इस मोबाइल फोन में एक 48MP का मेन सेंसर मिल रहा है, इसके अलावा एक 16MP का अल्ट्रा-वाइड एंगल कैमरा मिल रहा है, हालाँकि बात यहीं ख़त्म नहीं होती है। आपको बता देते हैं कि इस मोबाइल फोन में आपको एक 8MP का टेलीफोटो लेंस मिल रहा है, हालाँकि इसके अलावा एक अन्य 2MP का कैमरा विडियो आदि के लिए दिया गया है। इसके अलावा इसमें आपको एक 32MP का फ्रंट कैमरा भी मिल रहा है, जिसके माध्यम से आप बेहतरीन सेल्फी भी खींच सकते हैं।
कैमरा की बात करें तो Honor 20 Pro में क्वाड कैमरा सेटअप दिया गया है जिसमें 48-megapixel primary Sony IMX586 sensor है और f/1. 8 lens के साथ आता है। साथ ही इसमें आपको 16-megapixel secondary sensor 17-degree super-wide-angle lens के साथ दिया गया है। इसका f/2. 2 aperture है। वहीँ इसमें 8-megapixel tertiary depth-assisting sensor भी f/2. 4 lens के साथ और एक 2-megapixel sensor f/2. 4 macro lens के साथ दिया गया है।
ये आगामी फोंस ट्रिपल कैमरा सेटअप के साथ आते हैं और मार्केट में अच्छी पकड़ बनाए हुए है।
Redmi K20 Pro को 6. 39 इंच की AMLOED ऑलवेज ऑन डिस्प्ले के साथ पेश किया गया है जो 91. 9 स्क्रीन-टू-बॉडी रेश्यो ऑफर करती है और इसे HDR सपोर्ट दिया गया है। Redmi K20 Pro को कम्पनी ने ग्लेशियर ब्लू, फ्लेम रेड और कार्बन ब्लैक कलर में लाया गया है और फोन में 7th जनरेशन का इन-डिस्प्ले फिंगर प्रिंट सेंसर दिया गया है।
कैमरा की बात करें तो रेड्मी के20 प्रो मोबाइल फ़ोन में 20MP का पॉप-अप सेल्फी कैमरा को लाया गया है जिसे ड्रॉप प्रोटेक्शन दिया गया है और कैमरा को सफायर ग्लास से प्रोटेक्ट किया गया है। फ्रंट कैमरा में पनोरमा सेल्फी, AI सीन डिटेक्शन, AI पोर्ट्रेट और AI फेस अनलॉक दिया गया है।
स्मार्टफोन के बैक पर तीन कैमरा दिए गए हैं जो AI ट्रिपल रियर कैमरा सेटअप है और फोन में 48MP का Sony IMX586 प्राइमरी सेंसर है, वहीं दूसरा 13MP का अल्ट्रा वाइड एंगल कैमरा और तीसरा कैमरा 8MP टेलीफ़ोटो लेंस है। Redmi K20 Pro का कैमरा 960FPS स्लो-मोशन विडियो और 60FPS पर UHD 4K विडियो सपोर्ट करता है।
अगर अब हम कैमरा की आदि की बात करें तो आपको बता देते हैं कि OnePlus 7 Pro मोबाइल फोन में आपको एक ट्रिपल कैमरा सेटअप मिल रहा है. इस मोबाइल फोन में आपको एक 48MP Sony IMX 586 सेंसर मिल रहा है. इसे f/1. 6 aperture lens और custom-made 7-element plastic lens के साथ देखा जा सकता है. यह सेंसर OIS और EIS को भी सपोर्ट करता है, इसके अलावा इसमें आपको एक 8MP telephoto lens भी मिल रहा है, जो आपको 3X zoom के साथ मिल रहा है, हालाँकि इतना ही नहीं इस मोबाइल फोन में आपको एक 16MP का ultra-wide lens भी मिल रहा है.
Samsung Galaxy M40 में आपको 6. 3-inch full-HD+ TFT LCD Infinity-O display रिजॉल्यूशन 2340×1080 पिक्सल्स के साथ मिलती है। गैलेक्सी M40 में कंपनी ने 3,500 mAh बैटरी दी है जो 15 watts USB Type-C fast charging के साथ आती है। ऑप्टिक्स के तहत फोन में 16 मेगापिक्सल का सेल्फी कैमरा है। फोन के बैक पैनल पर 32 मेगापिक्सल+5 मेगापिक्सल+8 मेगापिक्सल का कैमरा सेटअप है।
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018e57522d4d16af7943e3bd05f6bd7f7a10cf9c | Multi Super Speciality in Kanpur: यूपी के कानपुर में सुपर स्पेशियलिटी इलाज चाहने वालों से जड़ी यह बड़ी खबर है। अब इस सरकारी अस्पताल में भी मरीजों को जेब ढीली करनी पड़ेगी। राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल लखनऊ की तर्ज पर जीएसवीएम सुपर स्पेशियलिटी पीजीआई को भी हॉस्पिटल रिवाल्विंग फंड (एचआरएफ) से चलाने की तैयारी की जा रही है। इसी सिस्टम से हैलट के प्राइवेट वार्ड-50 को भी चलाया जाएगा। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से संबद्ध पीजीआई में शहर वासियों को फिलहाल हैलट की तरह एक रुपये के पर्चे पर इलाज मिल रहा है। आने वाले समय में यह व्यवस्था खत्म हो जाएगी। एचआरएफ के जरिए ही सभी मरीजों का उपचार मिलेगा। इसके तहत एक के बजाय सौ रुपये में पर्चा बनेगा। सर्जरी में भी अलग-अलग शुल्क तय किए जाएगें।
इसके अलावा, मरीजों को भर्ती करने के लिए भी अलग से शुल्क देना पड़ेगा। एमआरआई टेस्ट चार हजार रुपये से शुरू होगा। बाकी सभी टेस्ट भी शुल्क देने के बाद ही होंगे। इसके लिए ब्लूप्रिंट बनाने का काम शासन में शुरू कर दिया गया है। मेडिकल कॉलेज ने भी प्रस्ताव पहले ही दे दिया था।
एचआरएफ के तहत प्राइवेट वार्ड-50 में मरीजों को कमरे मिलेंगे पर वहां भी सभी तरह के शुल्क चुकाने होंगे। इनमें नर्सिंग चार्ज, सर्जरी चार्ज, डॉक्टर की विजिट के लिए अलग शुल्क देना पड़ेगा। प्राचार्य प्रो. संजय काला ने भी एचआरएफ सिस्टम को संचालन के लिए बेहतर माना है। नोडल अधिकारी ने माना कि एचआरएफ का मसौदा पाइप लाइन में है। मरीजों से मिलने वाली धनराशि से ही संचालन होगा।
स्पेशियलिटी पीजीआई एचआरएफ से ही मेडिकल स्टोर भी चलाया जाएगा, जहां मरीजों को दवाएं बाजार से सस्ती दरों पर उपलब्ध होंगी। पीजीआई कंपनियों से सीधे दवा खरीदेगा। आयुष्मान योजना के मरीजों को भी इसी व्यवस्था के तहत इलाज दिया जाएगा। रोगियों को दवाएं 24 घंटे उपलब्ध होंगी। किसी भी पर्चे पर यहां से दवाएं आसानी से ली जा सकेंगी।
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b64411f0378b8b5278c116fa87a450e268d1f321 | लोकसभा चुनाव में अब तक की हुई सबसे बुरी हार का कारण जानने के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी 30 व 31 मई को समीक्षा बैठक लेगी। लोकसभा क्षेत्रवार उम्मीदवार, जिलाध्यक्ष व ब्लॉक अध्यक्ष से फीडबैक लिया जाएगा। इसमें प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट व प्रदेश प्रभारी गुरूदास कामत मौजूद रहेंगे। बैठक में लोकसभा क्षेत्रों से उम्मीदवार व पदाधिकारियों को अलग-अलग दिन बुलाया जाएगा। हार के कारण जानने के लिए सभी पदाधिकारियों को गंभीरता से सुना जाएगा।
कांग्रेस इस हार से उबरने के लिए कारण जानेगी, जिससे प्रदेश में पार्टी का जनाधार फिर मजबूत किया जाए। बताया जा रहा है कि बैठक में पायलट व कामत इसके साथ ही पार्टी को फिर से प्रदेश में मजबूत करने के लिए पदाधिकारियों से सुझाव भी लेंगे। अब तक सोनिया गांधी की ओर से दिल्ली में सभी प्रदेशाध्यक्षों से हार को लेकर चर्चा की जा रही थी। प्रदेशों के बड़े नेता भी उनसे दिल्ली में मिले थे। इसके चलते चुनावी हार के तत्काल बाद होने वाली बैठक देरी से करना कांग्रेसी बता रहे हैं।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की ओर से प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी को भंग किए जाने को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं। सूत्रों की मानें तो प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट नई कार्यकारिणी लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद कभी भी घोषित करने की पहले ही घोषणा कर चुके हैं।
बताया जा रहा है कि पिछले दिनों उन्होंने दिल्ली में सोनिया गांधी को प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी को भंग करने के लिए पत्र सौंप दिया था। बुधवार को हरियाणा कांग्रेस कार्यकारिणी को भंग किए जाने के कारण राजस्थान की कार्यकारिणी भंग को लेकर भी कवायद शुरू होना बताई जा रही है।
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d4741feee4bf2a51315ef1441f3334cb1a66e450 | एनएबी (NAB) ने इसी मामले में 8 अगस्त को मरियम नवाज और उनके चचेरे भाई यूसुफ अब्बास (Yousaf Abbas) को गिरफ्तार किया था.
एनएबी ने इसी मामले में 8 अगस्त को मरियम नवाज और उनके चचेरे भाई यूसुफ अब्बास (Yousaf Abbas) को गिरफ्तार किया था. एनएबी के अनुसार, ब्यूरो को जनवरी 2018 में फाइनेंशियल मॉनिटरिंग यूनिट (एफएमयू) की एक रिपोर्ट मिली थी. जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग रोधी अधिनियम (Anti-Money Laundering Act) के तहत चौधरी शुगर मिल्स के संबंध में अरबों रुपये के संदिग्ध लेनदेन के बारे में बताया गया था. उस समय देश की सत्ताधारी पार्टी पीएमएल-एन थी.
एफएमयू की रिपोर्ट मिलने के बाद एनएबी ने अक्टूबर 2018 में जांच शुरू की थी और उसे पता चला कि नवाज शरीफ (Nawaz Sharif), मरियम नवाज (Maryam Nawaz), शहबाज शरीफ (Shahbaz Sharif) और उनका परिवार, साथ ही अब्बास शरीफ (Abbas Sharif) और उनका परिवार एक कंपनी में शेयरधारक हैं (NAB Summons Maryam Nawaz in Chaudhry Sugar Mills Case). इन शेयरधारकों में संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और ब्रिटेन के लोग भी शामिल हैं. जांच में पता चला था कि चौधरी शुगर मिल्स में साल 2001 से लेकर 2017 तक भारी निवेश किया गया था, जिसमें विदेशी लोगों के लिए शेयर जारी करने नाम पर अरबों रुपये लगाए गए थे.
दिलचस्प बात ये है कि बाद में यही शेयर मरियम, हुसैन और नराज शरीफ के नाम पर ट्रांसफर कर दिए गए थे. जिसमें विदेशी सहयोगियों को कोई भुगतान भी नहीं किया गया था (NAB Summons Maryam Nawaz in Chaudhry Sugar Mills Case). एक रिपोर्ट के अनुसार, एनएबी ने कहा था कि शुगर मिल्स में मरियम के 12 मिलियन से अधिक मूल्य के शेयर हैं.
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0bdacda76c1fae70b61a0d1978b30c53481278ae3121b382b99167affd6ba4f5 | हिन्दी में भाषाविज्ञान सम्बन्धी साहित्य इतना कम है कि इस विषय पर लिखी गई प्रत्येक पुस्तक का हिन्दी भाषा - प्रेमी स्वागत करेंगे । जैसा कि भूमिका में स्पष्ट किया गया है, मुयोग्य लेखक का प्रस्तुत पुस्तक में विशेष मौलिकता का दावा तो नहीं है, किन्तु इसमें सन्देह नहीं कि उन्होंने इस विषय सम्बन्धी सामग्री का संचय करने तथा उसे क्रमबद्ध रूप से सजाने में परिश्रम किया है। साथ हो भाषाविज्ञान सम्बन्धी नवीन खोज तथा दृष्टिकोण का यथास्थान समावेश करने की ओर भी पूरा ध्यान दिया है।
लेखक ने इस विषय का अध्ययन नियमित रूप से विश्वविद्यालय में किया था, यह प्रसन्नता की बात है कि इस जटिल विषय के प्रति उनका अनुराग बना रहा और वे अपने अध्ययन को अधिक व्यापक तथा पूर्गा बनाने में निरंतर प्रयत्नशील रहे । वर्तमान पुस्तक उनके इस दिशा में सतत् परिश्रम का परिणाम है। मेरा विश्वास है कि पुस्तक उच्च कक्षा के विद्यार्थियों और इस विषय के प्रति अनुराग तथा जिज्ञासा रखने वाले साधारण पाठकों, दोनों के लिये हितकर सिद्ध होगी।
हिन्दी प्रेमियों को आशा करनी चाहिये कि हिन्दी साहित्य में इस आवश्यक, किन्तु साथ ही जटिल अंग की पूर्ति में नुयोग्य लेखक हाथ बटाते रहेंगे और उनकी लेखनी द्वारा लिखा भाषाविज्ञान सम्बन्धी अधिकाधिक प्रौढ़ साहित्य भविष्य में प्रकादा में भाता रहेगा।
धीरेन्द्र वर्मा | pdf |
17f955299a2001f34cc92bb3ed0c52709de74c5e | नई दिल्ली/टीम डिजिटल। अपने स्टाइल स्टेटमेंट से लोगों को दीवाना बनाने वाली टीवी जगत की फैशनिस्टा हिना खान (hina khan) की तस्वीरें खूब चर्चा में बनी रहती हैं। अपने फैंस के बीच चर्चा में बने रहने के लिए हिना आए दिन दिलचस्प पोस्ट शेयर करती हैं। हिना सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं और उनकी जबरदस्त फैन फॉलोईंग है। वहीं एक बार फिर हिना खान सुर्खियों में आ गईं हैं। हिना ने हाल ही में एक वीडियो शेयर किया।
इस वीडियो में हिना खान एक अलग अंदाज में आई लव यू बोल रहीं हैं।
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वहीं 'ये रिश्ता क्या कहलाता है' में एक सिम्पल बहू का किरदार निभाने वाली हिना अब अपनी करियर में काफी आगे बढ़ चुकी हैं। अब अपनी किस्मत आजमाने के लिए हिना ने बॉलीवुड की तरफ अपना रुख कर लिया है। पिछले साल ही उनकी फिल्म hacked रिलीज हुई थी जिसे मिली जुली प्रतिक्रिया मिली थी। बात चाहे छोटे पर्दे की बहू अक्षरा की हो या फिर बिग बॉस की स्ट्रोंगेस्ट कंटेस्टेंट, हिना ने हर जगह अपनी मेहनत से कामयाबी हासिल की है। उनकी फैन फॉलोइंग किसी बॉलीवुड स्टार से कम नहीं है।
ये भी जानकारी दे दें कि हिना बहुत जल्द एकता कपूर (Ekta Kapoor) की अपनी आगामी सीरियल 'नागिन 5' (Naagin 5) में नजर आने वाली हैं। खबरें आ ही हैं कि एकता 'नागिन 5' की तैयारी में जोरों-शोरों से जुटी हुई हैं जिसके लिए उन्हें किसी फ्रेश और फेमस चेहरे की तलाश है। इसी बीच एकता के किसी एक करीबी सूत्र ने बताया कि वे इस सीरियल में हिना खान और इश्कबाज फेम सुरभि चंदना (Surbhi Chandna) को कास्ट करने की प्लैनिंग कर रही हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि सोशल मीडिया पर दोनों की गजब की फैंन फॉलोइंग है।
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84696de0e2c92bbf454afb6b24667e4453c6972c | हरिद्वार. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत की गुत्थी उलझती जा रही है. गिरि के शिष्य आनंद गिरि को हरिद्वार से गिरफ्तार किए जाने के बाद उन्होंने अखाड़ों की ज़मीन और प्रॉपर्टी के विवाद के संबंध में बातचीत कही थी और अब जांच एजेंसी को नरेंद्र गिरि के कॉल रिकॉर्ड से हरिद्वार के कुछ रियल एस्टेट कारोबारियों से कई बार बात होने का पता चला है. पूरे मामले में जांच एजेंसी अब प्रॉपर्टी के एंगल से भी जांच कर रही है. यही कारण है कि जांच एजेंसी की रडार पर अब हरिद्वार के कुछ रियल एस्टेट कारोबारी भी आ गए हैं.
हरिद्वार में कई अखाड़ों के मुख्यालय हैं. यहां अखाड़ों, आश्रमों और मठों के पास अकूत सम्पदाएं हैं. कुछ अखाड़ों के पास तो शहर के लगभग हर हिस्से में ज़मीनें हैं. हरिद्वार में अखाड़ों के महंतों और रियल स्टेट कारोबारियों के बीच में सांठगांठ काफी पुरानी रही है. यही कारण है कि धर्म, परमार्थ और जनहित के उद्देश्य से अर्जित की गई संपत्तियां अब अपार्टमेंट्स, शॉपिंग कॉंप्लेक्स और मॉल में तब्दील हो रही हैं.
हरिद्वार स्थित कई अखाड़ों की संपत्तियों को लेकर विवादों की चर्चा आम है.
साल दर साल यहां ऐसे अपार्टमेंट और सोसाइटी की संख्या बढ़ रही है, जो अवैध ढंग से अखाड़ों की ज़मीनों पर खड़े हैं. दूसरी तरफ, ये भी दबे शब्दों में कहा जा रहा है कि राजस्व चोरी और नियमों को दरकिनार कर इमारतें खड़े करने का यह खेल शासन प्रशासन की नाक के नीचे हो रहा है.
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6d570e7249cd94e03b37b92c5b62b344165ddf86 | बाड़मेर में जालीपा रोड स्थित मेडिकल कॉलेज के पास में 100 बीघा जमीन के दो तिहाई हिस्से में 192 करोड़ की लागत से मेडिकल कॉलेज का सुपर स्पेशलिटी अस्पताल तैयार होगा। इसके टेंडर भी जारी कर दिए गए हैं और आगामी कुछ दिनों में वर्क ऑर्डर निकलने वाले हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अस्पताल का शिलान्यास करेंगे। हालांकि अभी उनके आने का कार्यक्रम तय नहीं हुआ है। दिसंबर में अस्पताल का निर्माण कार्य शुरू होगा। स्वास्थ्य विभाग ने नक्शा भी तैयार कर लिया है। 470 बेड के अत्याधुनिक अस्पताल में ग्राउंड फ्लोर के अतिरिक्त 4 मंजिला इमारत बनाई जाएगी।
विधायक मेवाराम जैन अत्याधुनिक अस्पताल की नींव मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से रखवाना चाहते हैं। इसके लिए विधायक सीएम से मिलकर बाड़मेर आने का न्योता दे चुके हैं। जिला अस्पताल में संचालित गायनिक व पीडियाट्रिक यूनिट को छोड़कर सभी विभागों को इस अत्याधुनिक हॉस्पिटल में शिफ्ट किया जाएगा। प्रस्तावित फोर लेन हाइवे के एक ओर से मेडिकल कॉलेज और दूसरी तरफ नया हॉस्पिटल बनकर तैयार होगा। अब शहर सहित जिले के मरीजों को जोधपुर, जयपुर या गुजरात के शहरों में इलाज के लिए नहीं जाना पड़ेगा।
अत्याधुनिक हॉस्पिटल में इमरजेंसी व ओपीडी के लिए अलग से प्रवेश द्वार बनाए जाएंगे। प्रोजेक्ट के तहत हॉस्पिटल में 7 ऑपरेशन थिएटर बनाए जाएंगे। 30 बेड का आईसीयू और 6 बेड का बर्न आईसीयू मरीजों के लिए होगा। ऑपरेशन थिएटर के अंदर ही 10 बेड का प्री-एनेस्थेसिया वार्ड होगा। इसमें ऑपरेशन से पहले मरीजों को एनेस्थीसिया देने के लिए रखा जाएगा। ऑपरेशन के बाद मरीज की सार संभाल के लिए एनेस्थीसिया का 12 बेड का रिकवरी वार्ड अलग से बनाया जाएगा।
अस्पताल में 7 अत्याधुनिक तकनीक के ऑपरेशन थिएटर बनाए जाएंगे। मरीजों की सुविधा के लिए इमरजेंसी मेडिसिन का पूरा डिपार्टमेंट स्थापित किया जाएगा। इमरजेंसी के मरीजों के लिए अलग से 6 बेड का आईसीयू तैयार किया जाएगा। उसी के पास गंभीर मरीजों के लिए 5 बेड का सीपीआर रूम बनाया जाएगा।
मरीजों को सभी जांचों की सुविधा मुहैया करवाने के लिए डायग्नोस्टिक विंग स्थापित की जाएगी। मेडिकल कॉलेज के हॉस्पिटल में मरीजों के लिए 470 बेड की व्यवस्था की जाएगी। वहीं अस्पताल में पहले से 300 बेड की व्यवस्था संचालित की जा रही है। इनमें आईसीयू के बेड अतिरिक्त होगे। कुल 800 बेड की सुविधा मरीजों को मिलेगी।
आपातकालीन व्यवस्था के तहत मरीजों के लिए 24 बेड का इमरजेंसी वार्ड अलग से तैयार किया जाएगा। इसमें ग्रीन जोन (सुरक्षित मरीज) के 14 बेड की व्यवस्था होगी। वहीं यलो जोन (कम गंभीर) मरीजों के लिए 5 बेड तथा रेड जोन (गंभीर मरीजों) के लिए 6 बेड लगाए जाएंगे। इमरजेंसी के मरीजों के लिए अलग से ऑपरेशन थिएटर बनाया जाएगा। इसी के पास प्लास्टर रूम होगा।
प्रोजेक्ट के तहत सरकार की ओर से पहले 118 करोड़ की स्वीकृति जारी की गई थी। इसके बाद मेडिकल कॉलेज में आवश्यकता के अनुरुप नए निर्माण कार्यों और जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतर व्यवस्था के तहत विधायक मेवाराम जैन के प्रयासों से इसे बढ़ाया गया। अत्याधुनिक अस्पताल का निर्माण का काम वर्क ऑर्डर जारी होने के साथ शुरू हो जाएगा।
मेडिकल कॉलेज के हॉस्पिटल बनने के साथ शहर के जिला अस्पताल में संचालित गायनिक व पीडियाट्रिक विंग के अलावा सभी विभागों को नए हॉस्पिटल में शिफ्ट किया जाएगा। अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग को गायनिक अस्पताल और एमसीएच विंग में शिशुओं का इलाज किया जाएगा। न्यू टीचिंग बिल्डिंग में गायनिक व पीडियाट्रिक ओपीडी के साथ ब्लड बैंक को स्थापित किए जाएंगे।
मेडिकाल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आर के आसेरी के मुताबिक प्रोजेक्ट के तहत नए अस्पताल व मेडिकल कॉलेज के शेष निर्माण कार्य करवाया जाएंगे। इसका नक्शा तैयार किया गया है। सरकार की ओर से 18 अक्टूबर को टेंडर जारी किए गए थे। वर्क ऑर्डर जारी होने के बाद 192 करोड़ के निर्माण कार्य शुरू करवाया जाएगा।
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f5e556e2c101fa3e79a8752ed644b915431b7ce4 | 4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है।
विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है।
किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है।
- ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है।
- सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
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9dd60bad9ecd87ca43b3fd0befee8cda75b7e9d0 | दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में भारत और अमेरिका के बीच फुटबाल का ऐतिहासिक मुकाबला खत्म हो चुका है। पहले मैच में यूएसए ने मेजबान भारत को 3-0 से हरा दिया। मैच में यूएसए की तरफ से सार्जेंट, क्रिश डरकिन और एंड्र्यू कार्लटन ने एक-एक गोल कर अपनी टीम की जीत में अहम योगदान दिया। भारत का अगला मुकाबला 9 अक्टूबर को कोलंबिया से होगा। फीफा विश्व कप में पहली बार कदम रख रही भारतीय टीम मजबूत अमेरिकी टीम के सामने मैदान में थी। भारत को ग्रुप-ए में रखा गया है जहां उसके साथ अमेरिका के अलावा कोलंबिया और घाना जैसी फुटबॉल की दिग्गज टीमें हैं। भारतीय टीम का सामना शुक्रवार (6 अक्टूबर) अमेरिका से, नौ अक्टूबर को कोलंबिया और 12 अक्टूबर को घाना से होगा।
हालांकि फुटबॉल में भारत की स्थिति और प्रदर्शन को देखते हुए उसके नॉकआउट दौर में जाने की संभावना ना के बराबर है, लेकिन मेजबान अपने सभी प्रतिद्वंद्वियों को कड़ी चुनौती देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भारत फुटबॉल के लिए मशहूर नहीं है, जबकि अमेरिका के पास बेहतरीन टीम है। उन्होंने फीफा अंडर-17 विश्व कप के 17 में से 16 संस्करणों में हिस्सा लिया है। सिर्फ 2013 में ही अमेरिकी टीम इस विश्व कप में नहीं खेली थी।
-पहला मैच खत्म। भारत यूएसए से 3-0 से हार गया। यूएसए ने पहले हाफ में एक गोल किया था जबकि दूसरे हाफ में उसने दो गोल और कर अपनी जीत पक्की कर ली। भारत की ओर से गोलकीपर धीरज ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया।
- भारत ने गोल करने का मौका गंवाया। यूएसए ने तीसरा गोल किया और मैच में लगभग अपराजेय बढ़त बना ली है। दस मिनट से भी कम का खेल शेष है।
-75 मिनट का खेल खत्म हो चुका है। भारत का अभी भी खाता नहीं खुल पाया है। पूरे मैच में भारत की वजह से अमेरिका को बहुत परेशानी नहीं हो रही है। भारत लगातार दबाव में है और अपने पहले गोल के लिए संघर्ष कर रहा है।
-भारत की टीम में बदलाव रहीम अली मैदान में। रहीम अभिजीत की जगह लेंगे। रहीम अच्छे खिलाड़ी हैं। उनसे गोल की उम्मीद की जा सकती है। इसी बीच भारत आक्रामक होने की कोशिश कर रहा है।
-यूएसए की टीम में बदलाव। 15 नंबर की जर्सी वाले जॉर्ज अकोस्टा मैदान में हैं। उन्होंने 7 नंबर की जर्सी वाले अकिनोला की जगह ली है। तकरीबन 68 मिनट का खेल खत्म हो चुका है। भारत के लिए थोड़े बहुत मौके बन तो रहे हैं लेकिन सफलता नहीं मिल रही।
-दूसरे हाफ में लगभग बीस मिनट का खेल खत्म हो चुका है। इस हाफ में भी यूएसए भारत पर पूरी तरह से हावी है। यूएसए ने इस बीच गोल करने का एक आसान मौका गंवा दिया। भारत का संघर्ष जारी।
-भारत ने मैच में गोल करने का सबसे बेहतरीन मौका गंवाया। पहली बार यूएसए की रक्षा पंक्ति कमजोर दिखी। जिसका फायदा भारत उठा सकता था और पहला गोल इसके हिस्से में आ सकता था।
-यूएसए ने दागा दूसरा गोल। अब मैच में यूएसए भारत से दो गोल से आगे है। भारत को अब रणनीति में बदलाव करना होगा और इस दबाव से बाहर निकलने पर काम करना होगा।
-दूसरे हाफ का खेल शुरू हो चुका है। भारत को मैच में अपने अब तक के अपने प्रदर्शन को जारी रखना होगा। दूसरे हाफ में अगर भारत को बढ़त बनानी है तो शुरू से ही आक्रामक होना होगा।
-यूएसए के खिलाड़ी सार्जेंट ने पेनॉल्टी को सफलतापूर्वक गोल में तब्दील कर दिया। सार्जेंट यूएसए के महत्वपूर्ण खिलाड़ी हैं जो अगले साल जर्मनी के वर्डर ब्रीमेन में शामिल होने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। भारत को फिलहाल बिना घबराए अपनी कोशिश जारी रखनी होगी।
-पहले हाफ का खेल खत्म हो गया है। जोश सार्जेंट के एक गोल की बदौलत यूएसए मैच में भारत से एक गोल से आगे चल रहा है। पहले हाफ के अंतिम समय में भारत के खेल में मजबूती दिखी लेकिन खाते में अब तक कोई गोल नहीं।
-यूएसए कोई जल्दबाजी नहीं कर रहा है। भारत के पास जवाबी हमले का मौका लेकिन सफलता नहीं मिली। भारत का लगातार संघर्ष जारी। पहले हाफ का खेल लगभग पूरा हो चुका है।
- जोश सार्जेंट ने दागा यूएसए के लिए पहला गोल। भारत को खेल का पहला कॉर्नर मिला था लेकिन वह गोल में तब्दील नहीं हो पाया। भारत अपने पहले गोल के लिए अब भी संघर्ष कर रहा है। यूएसए एक गोल से बढ़त बनाए हुए है।
-अमेरिकी टीम का लगातार आक्रमण जारी है। भारतीय गोलकीपर धीरज को आज के मैच में शायद सबसे ज्यादा मेहनत करनी पड़ सकती है। भारतीय टीम का संघर्ष जारी।
- बीस मिनट का खेल खत्म। दोनों टीमें गोल कर पाने में असफल। पिछली बार भारत और अमेरिका के बीच मुकाबले में अमेरिका ने भारत को 4-0 से हराया था।
-भारत के फाउल पर अमेरिका को मिला फ्री हिट। लेकिन अमेरिका को कोई फायदा नहीं मिला। मैदान के बीच अभी भी संघर्ष जारी है। दोनों टीमें गोल करने की कोशिश में जी जान से लगी हैं।
- दोनों टीमों के बीच मुकाबला शुरू हो चुका है। पांच मिनट के खेल में अभी किसी भी टीम ने कोई गोल नहीं किया है। अमेरिका से भिड़ने में भारतीय टीम पूरा जोर लगा रही है।
-भारत और अमेरिका की टीमें मैदान में उतर चुकी हैं। पीएम मोदी और खेल मंत्री राज्यवर्द्धन सिंह राठौर के खिलाड़ियों से मिलने के बाद राष्ट्रगान शुरू हो चुका है।
- खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बाइचुंग भूटिया और सुनील छेत्री स्टेडियम में मौजूद हैं। कुछ ही देर में भारत और अमेरिका के बीच ऐतिहासिक मुकाबले की शुरुआत होगी।
-भारतीय फुटबाल टीम आज इतिहास रचने के मुहाने पर खड़ी है। भारत को ग्रुप-ए में रखा गया है जहां उसके साथ अमेरिका के अलावा कोलंबिया और घाना जैसी फुटबाल की दिग्गज टीमें हैं।
-भारत फुटबॉल के लिए मशहूर नहीं है, जबकि अमेरिका के पास बेहतरीन टीम है। उन्होंने फीफा अंडर-17 विश्व कप के 17 में से 16 संस्करणों में हिस्सा लिया है। सिर्फ 2013 में ही अमेरिकी टीम इस विश्व कप में नहीं खेली थी।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को फीफा अंडर-17 विश्व कप में हिस्सा लेने वाली सभी टीमों को शुभकामनाएं दी हैं। भारत विश्व कप का अपना पहला मैच जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में अमेरिका के खिलाफ रात आठ बजे खेलेगा।
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73610939d3361fe5a49f7bda23a37ced94bfb769 | गोसाईंगंज में बेरोजगार पति ने दो लाख रुपये की मांग की थी। ससुराल वालों से पैसा नहीं मिलने पर पत्नी की हत्या (Husband killed Wife)कर दी। पुलिस (UP Police) ने पांच को आरोपी बनाकर मामला दर्ज कर लिया है।
लखनऊ से नवविवाहिता की दहेज के लिए गला दबाकर हत्या का एक मामला सामने आया है। आरोप है कि पति रोजगार करने के लिए दो लाख रुपये की मांग कर रहा था। मांग पूरी न होने पर उसने पत्नी की हत्या कर दी। जिसके बाद सूचना मिलते ही पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव बरामद किया और आरोपी पति को गिरफ्तार कर लिया है।
मामला कबीरपुर गांव का है जहां आरोपी पति ने पहले बर्बरतापूर्वक नवविवाहित पत्नी की पिटाई की और फिर गला घोंटकर हत्या कर दी। मृतक महिला के भाई ने आरोप लगाया है कि वह रोजगार करने के लिए दो लाख रुपये की मांग कर रहा था। लेकिन मौके पर पैसे नहीं मिलने पर उसने परिवारवालों के साथ मिलकर महिला की हत्या कर दी। इस मामले भाई ने गोसाईंगंज थाने में पति और सास-ससुर समेत पांच लोगों को आरोपी बनाया है। मिली जानकारी के तहत इन सभी आरोपियों के खिलाफ दहेज प्रथा के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
कबीरपुर गांव में नव विवाहिता पूजा (20) की कुछ दिन पहले चंदन से शादी हुई थी। शादी के बाद से ही ससुरालवाले पूजा को दहेज के लिए प्रताड़ित करते रहते थे। आरोपी पति बेरोजगार था और रोजगार के लिए अपने ससुराल वालों से दो लाख की मांग कर रहा था। इसको लेकर पत्नी के ऊपर दबाव बनाता रहता था। पूजा ने कई बार अपने घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने की बात कहते हुए इनकार भी किया। लेकिन वह के साथ पूजा मारपीट और परेशान करता था। शुक्रवार रात में चंदन शराब के नशे में धुत घर पहुंचा। फिर चंदन और उसके परिवारजनों ने मिलकर पूजा की पहले बेरहमी से पिटाई की। फिर गला दबाकर हत्या कर दी।
गांव वालों ने फिर इसकी सूचना भाई को दी। भाई की तहरीर पर पांच लोगों पर दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ। पुलिस ने कमरे से शव बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। आरोपी पति चंदन को गिरफ्तार कर लिया। इसके अलावा पति सास-ससुर सहित पांच लोगो के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
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b5688c0f21f7ee5e1622147e535b785883ffe028 | ALLAHABAD: कार्तिक शुक्ल पक्ष एकादशी गुरुवार को भगवान शालिग्राम व तुलसी के विवाह का आयोजन किया गया। शोभायात्रा भी निकाली गई।
श्री आनंद बिहारी जी महाराज राधा कृष्ण मंदिर से शोभायात्रा दोपहर तीन बजे निकली। पाइप बैंड व डीजे की धुन पर बजते 'दुल्हा के रंग आसमानी, लली के रंग बादामी' जैसे भक्ति गीत पर बाराती नाचते गाते चले। मुख्य बाराती आवास एवं शहरी नियोजन विभाग उप्र के सलाहकार अरुण कुमार सिंह व आईपीएस जुगल किशोर तिवारी रहे।
शोभायात्रा के आगे हाथी, घोड़े चल रहे थे। रास्ते में लोगों ने भगवान शालिग्राम की मूर्ति पर पुष्प वर्षा की। शोभायात्रा मंदिर से शाहगंज इलेक्ट्रॉनिक मार्केट, जानसेनगंज चौराहा, हीवेट रोड, अग्रसेन चौराहा, घंटाघर चौराहा से जानसेनगंज, कोतवाली, ठठेरी बाजार व सब्जी मंडी होते हुए वापस मंदिर पहुंची। मंदिर में पुजारी पं। दिगम्बर त्रिपाठी ने भगवान शालिग्राम की मूर्ति और गमले में लगे तुलसी के पौधे का द्वाराचार व परछन कर पूजन किया। वैदिक मंत्रोच्चार और महिलाओं की मंगलध्वनि के बीच भगवान शालिग्राम व तुलसी का विवाह हुआ। इस मौके पर ओंकार नाथ त्रिपाठी, वेणीमाधव पांडेय, मुरारी लाल अग्रवाल, डॉ। रमा सिंह, पदुम जायसवाल, पुनीत वर्मा आदि मौजूद रहे।
शहर में कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी पर छोटी दिवाली का नजारा दिखा। संगम नोज से किला घाट, गऊघाट, बलुआघाट बारादरी व दशाश्वमेध घाट पर दीपदान किया गया। बाबा समाज सेवी संस्थान के अध्यक्ष सतीश केशरवानी की अगुवाई में पदाधिकारियों ने गऊघाट पर 501 दीपदान किया तो नमामि गंगे समिति ने सरस्वती घाट पर दीपदान किया। घरों में भी मुख्य द्वार पर दीपक जलाया गया। लोगों ने भगवान विष्णु का पूजन-अर्चन कर प्रसाद के रुप में गन्ना व सिंघाड़ा ग्रहण किया।
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1d108e4c9d01b9c606c6ee76c8269700fd8a1909 | उच्चतम न्यायालय ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय को पश्चिम बंगाल स्कूल भर्ती घोटाले के मामले में एक समाचार चैनल को साक्षात्कार दिये जाने को लेकर मामले से अलग कर दिया, जिसके बाद न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने शीर्ष अदालत के सेक्रेटरी जनरल से अपने साक्षात्कार की आधिकारिक अनूदित प्रति आज आधी रात तक उनके समक्ष प्रस्तुत करने को कहा है।
नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय को पश्चिम बंगाल स्कूल भर्ती घोटाले के मामले में एक समाचार चैनल को साक्षात्कार दिये जाने को लेकर मामले से अलग कर दिया, जिसके बाद न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने शीर्ष अदालत के सेक्रेटरी जनरल से अपने साक्षात्कार की आधिकारिक अनूदित प्रति आज आधी रात तक उनके समक्ष प्रस्तुत करने को कहा है।
न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ सामान्य अदालती घंटे पूरे होने के बाद तुरत-फुरत बैठी और न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय द्वारा पारित विवादास्पद आदेश पर रोक लगा दी।
इससे कुछ घंटे पहले उच्चतम न्यायालय ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश को पश्चिम बंगाल स्कूल भर्ती 'घोटाले' के मामले में कार्यवाही किसी और न्यायाधीश को सौंपने का निर्देश दिया।
कुछ दिन पहले ही उच्चतम न्यायालय ने एबीपी आनंदा चैनल को दिये गये न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय के साक्षात्कार को लेकर निराशा प्रकट की थी।
न्यायमूर्ति बोपन्ना ने कहा कि शीर्ष अदालत के कलकत्ता उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश को निर्देश देने के कुछ ही समय बाद न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय का आदेश उचित नहीं है।
सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ के विचार से सहमति जताई और कहा कि न्यायाधीश को आदेश पारित नहीं करना चाहिए।
पीठ ने फिर शीर्ष अदालत के सेक्रेटरी जनरल को निर्देश दिया कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल को तत्काल आदेश की जानकारी दी जाए।
न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने अपने आदेश पर रोक लगाये जाने के लिहाज से तत्काल सुनवाई के लिए उच्चतम न्यायालय की पीठ के बैठने से कुछ घंटे पहले अपने विवादास्पद साक्षात्कार का आधिकारिक अनुवाद अपने समक्ष प्रस्तुत करने को कहा। आरोप है कि वह साक्षात्कार में तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी के खिलाफ बोले।
इससे पहले, प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ ने तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी की याचिका पर सुनवाई की जिन्होंने आरोप लगाया था कि एबीपी आनंदा चैनल को मामले के बारे में साक्षात्कार देने वाले न्यायाधीश इस मामले में सुनवाई के लिए सक्षम नहीं हैं।
शीर्ष अदालत ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता की चिंताओं पर संज्ञान लिया कि इस तरह का चलन देखने को मिला है कि लोग अपने खिलाफ कोई फैसला या आदेश आते ही न्यायाधीशों को धमकाने की कोशिश करते हैं।
पीठ के आदेश सुनाये जाने के कुछ ही समय बाद सॉलिसीटर जनरल ने कुछ घटनाओं का जिक्र किया और दावा किया कि न्यायाधीशों पर दबाव बनाने का चलन शुरू हो गया है।
उन्होंने कहा कि न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय की अदालत में भी लोग अपने हाथों में पेपरवेट और चप्पल लेकर गये और उनके घर के बाहर पोस्टर चिपका दिये गये।
मेहता का दावा था कि तृणमूल कांग्रेस महासचिव अभिषेक बनर्जी ने एक जनसभा में न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय का नाम लिया ताकि उन पर दबाव बनाया जा सके।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि न्यायाधीश बहुत ही मुश्किल काम करते हैं और देश में कहीं भी इस तरह की घटनाएं नहीं होनी चाहिए।
पीठ ने कहा कि वह केवल इस वजह से कार्यवाही एक अन्य न्यायाधीश को हस्तांतरित कर रही है क्योंकि साक्षात्कार की विषयवस्तु सार्वजनिक है, और कोई कारण नहीं है।
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ff7e1b3f27171c02cfc0fcb696865005c887a48835ae7098097735f33d5c9383 | आप कल्पना कीजिए कि सारा आकाश काले-काले वादलों से आच्छन्न हो, ऊँचे पर्वत की चोटी पर घना अन्धकार छाया हुआ हो, उस समय बादलों में एक विजली चमके और अन्तरिक्ष को प्रकाशयुक्त करती हुई गर्वत की चोटी को टक्कर मारकर गिरा दे और इस प्रकार अपने बल और तेज का स्थायी स्मारक बनाकर क्षण भर में लुप्त हो जाय । जैसा वह दृश्य होगा, वैसा ही दृश्य जब हम झांसी की रानी लक्ष्मीबाई का जीवन-वृत्तान्त पढ़ते हैं, तब आँखों के सामने घूम जाता है । लक्ष्मीबाई सन् १८३५ में उत्पन्न हुई । १८४२ में झांसी के महाराज गंगाधरराव से उनका विवाह हुआ । विवाह के दस वर्ष बाद गंगाधरराव की मृत्यु हो गई, जिससे लक्ष्मीबाई राज्य की अधिकारिणी बनीं । उस अधिकार को अंग्रेजी सरकार ने नहीं माना, इस कारण महारानी लक्ष्मीबाई को झांसी का किला छोड़कर महलों में चला जाना पड़ा। लगभग चार वर्ष तक राज्याधिकार से वंचित होकर उस देवी ने तपस्विनियों की तरह जीवन बिताया । १८५७ में भारत भर में विद्रोह की आग भड़क उठी। उस आग की ज्वालाऍ मेरठ से दिल्ली और दिल्ली से कानपुर होती हुई झांसी में भी पहुंच गई, जिससे प्रेरित होकर झांसी की प्रजा ने वहां के सब अंग्रेज अधिकारियों और सिपाहियों को मार डाला और महारानी को महलों से लाकर राजगद्दी पर बिठा दिया। महारानी लक्ष्मीबाई ने राज्य की बागडोर अपने
हाथों में लेकर दस महीनों तक ऐसा शानदार शासन किया कि अंग्रेजी सरकार के पाँव डाँवाडोल हो गये और उसने महारानी को विद्रोही घोषित करके असाधारण सजधज के साथ झांसी पर आक्रमण कर दिया । उस आक्रमण का मुकाबला रानी लक्ष्मीबाई ने जिस अलौकिक तेजस्विता के साथ किया, संसार को इतिहास में उसकी उपमा मिलनी कठिन है । वीरता उसे कहते है, जिसका सिक्का शत्रु भी मान जाएँ । जिन आधा दर्जन भर बड़े-बड़े अनुभवी और प्रचण्ड अंग्रेज सेनापतियों ने मिलकर उस तेईस साल की युवती से झांसी को छीना, उन सभी ने मुक्तकण्ठ से यह बात स्वीकार की है कि क्रान्ति के सब सेनापतियों और योद्धाओं में से यदि किसी को निर्भयता और वीरता के लिए प्रथम स्थान दिया जा सकता है तो वह झांसी की रानी लक्ष्मीबाई है । लक्ष्मीबाई के अनुपम साहस को हम एक चमत्कार कह सकते है । वह अपने से बीस गुना अधिक साधन सम्पन्न शत्रुओं से लड़ती हुई, रणक्षेत्र में काम आकर एक ऐसा दृष्टान्त स्थापित कर गई जो भारतवासियों को सदा जीवन का सन्देश सुनाता रहेगा । और यह सब कुछ हो गया कितने दिनों में ? मृत्यु के समय रानी की आयु केवल तेईस साल की थी । वह उन्नीसवी सदी में भारत में छाये हुए अन्धकार को चीरती हुई ब्रिटिश राज्य रूपी पर्वत के मस्तक पर कड़क कर गिरीं और उसपर ऐसा निशान करके विलीन हो गईं, जो अमिट हो गया ।
लक्ष्मीबाई ने एक बहुत साधारण हैसियत के परिवार में जन्म लिया था । मोरोपन्त महाराष्ट्र के एक प्रसिद्ध ब्राह्मण कुल उत्पन्न हुए थे, परन्तु पेशवा बाजीराव द्वितीय के पदच्युत होकर
कानपुर में नजरबन्द हो जाने पर महाराष्ट्र के अन्य सरदारों की तरह मोरोपन्त भी लाचार और दुर्दशाग्रस्त होकर बनारस में छः सौ रुपये वार्षिक पर एक नौकरी कर रहे थे। उनकी पत्नी का नाम भगीरथीबाई था । उनके यहां १६ नवम्बर, १८३५ को जो लड़की उत्पन्न हुई उसका नाम मनुबाई रखा गया। पति के कुल में जाकर मनुबाई का नाम लक्ष्मीबाई हुआ । मनुबाई जन्मकाल से ही असाधारण लक्षणों से युक्त प्रतीत होती थी । उसकी आँखों की चमक और हाथ की रेखाओं को देखकर ज्योतिषी लोग प्रारम्भ से ही यह भविष्यवाणी करने लगे थे कि यह कन्या किसी राजा की रानी बनेगी । जब बाजीराव द्वितीय की मृत्यु पर धूधूपन्त नाना साहिब उनके उत्तराधिकारी घोषित हुए, तब मोरोपन्त अपने परिवार के साथ कानपुर में पेशवा के निवास स्थान ब्रह्मावर्त में रहते थे। बाजीराव छोटी-सी चंचल कन्या मनुबाई को बहुत प्यार करते थे। उन्होंने उसका प्यार का नाम 'छबीली' रख छोड़ा था, और उसकी वीर प्रवृत्तियों को देखकर यह आज्ञा दे दी थी कि मनुबाई को भी नाना साहब के साथ ही शस्त्र - विद्या सिखलाई जाए। दोनों की रण- शिक्षा साथ-साथ होने लगी ।
उस समय की एक घटना प्रसिद्ध है। एक दिन नाना साहब हाथी पर सवार होकर घूमने को निकले । लक्ष्मीबाई बच्ची थी, वह भेद की बात क्या जाने, उसने आग्रह किया कि 'मैं भी हाथी पर चढ़कर घूमने जाऊंगी ।' नाना साहब टालकर चले गये । पर मानिनी कन्या रोने लगी। पिता ने दुखी होकर कहा - "अभागिनी, यदि हाथी पर ही सवार होना था तो किसी राजघराने में जन्म लिया होता । तेरे भाग्य में विधाता ने दुःखों का हाथी बाँध दिया | pdf |