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भारतीय निवडणूक आयोगाच्या संकेतस्थळावर ठाणे विधानसभा मतदारसंघ निवडणुकांतील इ.स. १९७८ पासूनच्या निवडणुकांचे पक्षनिहाय मतदानाच्या टक्केवारीचे तुलनात्मक विश्लेषण. भारतीय निवडणूक आयोग. २१ जुलै, इ.स. २०१३ रोजी पाहिले. (इंग्रजी मजकूर)
195mar
भारत की पाषाण कला में पत्थर प नक्काशी और चित्रकारी क समावेश होला। एगो अंदाज की अनुसार एइसन कुल 1300 पाषाण कला क जगह बा जहाँ 10 लाख क एक चौथाई से अधिक छोट बड़ मूर्ति बनल बा। डॉ. वी. एस. वालंकर मध्य भारत में विन्ध्य पवर्तमाला की लगे स्थित कई गो चित्रकारी से भरल पत्थर क आश्रय स्थल क खोज कई न। एमें से भीमबेटका चट्टान आश्रयस्थल के यूनेस्को की तरफ से विश्व धरोहर घोषित कइल गइल बा। ज्यादातर एइजा बनल चित्र में जानवरन की साथ मानव जीवन, शिकार और पत्थर क उपयोग चित्रित कइल गइल बा।
51bho
जीरकस्य सस्यं समान्यतः पदपरिमितम् उन्नतं भवति । एतानि अत्यन्तं कोमलानि भवन्ति । काण्डतः उद्वताः शाखा लघुगात्राणि भवन्ति । पर्णेषु द्वित्राः विभागाः भवन्ति, एतानि रेखाकाराणि च भवन्ति । पुष्पस्य श्वेतः, पाटलः वा भवति शैत्यकाले पुष्पाणि फलानि च भवन्ति । फलं १/४ अङ्गुलपरिमितं दीर्घं भवति । तस्य अग्रभागः तीक्ष्णः कण्टकवत् भवति ।
4san
मोरिसनको आफ्नो हाउस को सह-कलाकार जेसी स्पेंसर को जुलाई २००४ साथ प्रेम संबंध थियो। स्पेंसरले २३ दिसंबर २००६ को आइफिल टावर मा उनको हाथ मागे। जोडे ले अगस्त २००७ को अपनी मंगनी स्थगित कर दी।
205nep
'पुरुषर्षभ' – मनुष्यः महता परिश्रमेण परिस्थितिं परिवर्तयितुं चिन्तयति, प्रयतते च । परन्तु परिस्थितिः तु कदापि न परिवर्तते । युद्धरूपपरिस्थितेः परिवर्तनविचारं त्यक्त्वा अर्जुनः स्वकल्याणमार्गम् अचिनोत् । तस्य कल्याणमार्गस्य चयनेन एव मुष्यस्य श्रेष्ठतायाः मूल्याङ्कनं भवति ।
4san
22 सितंबर 2014 : ई यान मंगल ग्रह की गुरुत्वीय क्षेत्र में घुसल। लगभग 300 दिन ले शांत रहल की बाद मंगलयान की मेन इंजन 440 न्यूटन लिक्विड एपोजी मोटर के सेकेण्ड खातिर चला के अंतिम रास्ता सुधार भइल।
51bho
नेपालमा क्षेत्रीहरू थापा भनी थर लेख्ने गर्छन् र थापा मगरहरू चाहिँ थापा मगर लेख्ने गर्छन् । त्यसैले विभाजन गर्दा क्षेत्रीहरूलाई थापा काजी भनिन्छ र थापा मगरहरूलाई मगर भनिन्छ ।
205nep
सन् २००४ मा पार्कका छोरी पार्क गेयुन हेई ग्याण्ड राष्ट्रिय पार्टिको अध्यक्षको रूपमा नियुक्त भएको थिए । उनी दक्षिण कोरियाको ११ ‌औं तथा पहिलो महिला राष्ट्रपतिको रूपमा सन् २०१२ मा चुनिएकि थिइन भने उनले सपथ ग्रहण फेब्रुअरी २०१३ मा गरेका थिए । पार्क गेयुन हेईलाई उनको बुबा तर्फको सम्बन्धमा भारी भई रहेको छ, उनलाई बेला बेलामा तानासाहको छोरी समेत भनेर लालछना लगाइएको छ, तर उनले 'उनी आफ्नै खुबी अनुसार उनको विश्लेषण हुनु पर्ने' तर्क राख्दै आएकि छिन् ।
205nep
लोकगीत गईले क प्रचलन लगभग सब समुदाय में बा। लोक संगीत कईगो पारिवारिक समारोह जइसे की शादी-ब्याह, जन्मदिन वगैरह में गावल जाला। आधुनिक तथा पुराना फिल्म संगीतो ए कुल समारोह में सुनाई देला। शादी की दौरान एइजा शहनाई बाजल आम बात ह। ए वाद्ययंत्र के लोकप्रिय बनवले में बिस्मिल्ला खान का नांव सर्वोपरि बा, उन क जन्म बिहारे में भइल रहे।
51bho
रामदरश मिश्र (जनम: 15 अगस्त 1924, ग्राम डुमरी, जिला गोरखपुर) हिंदी आउर भोजपुरी साहित्य में नवगीत, कविता, ललित निबंध आउर आलोचना लिखे खातिन जानल जाने। गद्य आउर पद्य के समस्त विधा में इनकर हस्तक्षेप बाटे। इनकर शिक्षा पहिले गांव म भइल फिर प्रयाग म। इनका के हिंदी आलोचना के स्तंभ के रूप में जानल जाला। आंचलिक जीवन पर 'जल टूटता हुआ' जइसन सफल उपन्यास इनकर साहित्यिक जीवन के अमूल्य धरोहर मानल जाला। 'बैरंग-बेनाम चिट्ठियाँ', 'पक गयी है धूप', 'कंधे पर सूरज', 'दिन एक नदी बन गया', 'जुलूस कहां जा रहा है', 'आग कुछ नहीं बोलती', 'बारिश में भीगते बच्चे', 'हंसी ओठ पर आँखें नम हैं' आदि इनकर अन्य प्रमुख साहित्यिक कृति बाटे।
51bho
अमरनाथः भारत-नेपाल-श्रीलङ्कादिषु देशेषु निवसतां हिन्दूधर्मानुसारिणां प्रमुखं यात्रास्थलम् अस्ति। हिन्दूधर्मे श्रावणमासस्य दिने, विशेषतः च श्रावणस्य सोमवासरे भगवतः शिवस्य दर्शनस्य विशेषः महत्त्वं भवति। २०१७ इसवीये सोमवासरे एव श्रावणमासस्य आरम्भः जातः आसीत्, प्रथमदिने एव यात्रिषु एतत् आक्रमणम् अभवत्।
4san
१५५६ ईसा पूर्व ईसा मसीह के जन्म से पूर्व के वर्षों को दर्शाता है। ईसा के जन्म को अधार मानकर उसके जन्म से १५५६ ईसा पूर्व या वर्ष पूर्व के वर्ष को इस प्रकार प्रदर्शित किया जाता है। यह जूलियन कलेण्डर पर अधारित एक सामूहिक वर्ष माना जाता है। अधिकांश विश्व में इसी पद्धति के आधार पर पुराने वर्षों की गणना की जाती है। भारत में इसके अलावा कई पंचाग प्रसिद्ध है जैसे विक्रम संवत जो ईसा के जन्म से ५७ या ५८ वर्ष पूर्व शुरु होती है। इसके अलावा शक संवत भी प्रसिद्ध है। शक संवत भारत का प्राचीन संवत है जो ईसा के जन्म के ७८ वर्ष बाद से आरम्भ होता है। शक संवत भारत का राष्ट्रीय कैलेंडर है।
60hin
क्रिस्तशके १८८३ तमे वर्षे मृणालिनीदेव्या साकं रवीन्द्रनाथस्य विवाहः अभवत् । किन्तु अल्पे एव समये मृणालिनीदेवी दिवङ्गता । रवीन्द्रस्य ग्रामे व्यवहारपालनकार्यं दत्तम् । तेन प्रकृतिमध्ये हर्षेण कार्यं कृतवान् रवीन्द्रनाथठागूरः अन्यैः ग्रामीणैः सह उत्तमसम्बन्धं प्राप्तवान् । क्रिस्तशके १९१५ तमे वर्षे ‘श्रीनिकेतनम्’ आदर्शग्रामस्थापनं कृतवान् रवीन्द्रनाथ ठागूरः ग्रामान्तरप्रदेशेषु शिक्षाव्यवस्थां कर्तुं प्रयत्नं कृतवान् अतः एव ‘शान्तिनिकेतनम्’ गुरुकुलं स्थापितवान् । स्वयम् अध्यापकः अपि अभवत् । अग्रे एतदेव गुरुकुलं ‘विश्वभारती’ संस्थाऽभवत् ।
4san
राष्ट्रीय गीत कौनों देश की इतिहास आ परमपरा की गौरव के बखान करे वाला आ ओ देश की जनता द्वारा आदर कइल जाए वाल गीत होला। ई राष्ट्र गान से अलग होला काहें की एकरी गावे का अवसर आ तरीका के सरकारी रूप से मान्य निश्चित रूप न होला। जेवना देस में अलग से राष्ट्रीय गीत न होला उहाँ राष्ट्रगाने के राष्ट्रीय गीतो कहि दिहल जाला।
51bho
अनन्तरं भगवता चन्द्रप्रभुणा प्रथमं प्रवचनं कृतम् । तस्मिन् प्रवचने बहवः श्रोतारः आसन् । भगवतः प्रवचनं श्रुत्वा बहवः जनाः संसारसागरात् निवृत्तिं प्राप्तवन्तः । भगवतः चन्द्रप्रभोः प्रवचनस्य तादृशः प्रभावः आसीत्, येन जनाः मुग्धाः, लीनाः च अभवन् ।
4san
However, even in some patriarchal societies, widows could maintain economic independence. A widow could carry on her late husband's business and consequently be accorded certain rights, such as the right to enter guilds. More recently, widows of elected officials have been among the first women elected to office in many countries (e.g. Corazon Aquino).
195mar
हिरवे कासव (ग्रीन टर्टल) - या कासवाचे पोट गुळगुळीत असते तर पाठ अतिशय टणक असते. पोटाचा रंग पिवळट पांढरा असतो. या कासवांच्या शरीराच्या मानाने डोक्याचा आकार छोटा असतो. भारताच्या पश्चिम आणि पूर्व किनार्‍यावर यांचा आढळ आहे.
195mar
तिउहार :- तिउहार संस्कृति के मुख्य अंग मानल जाला। तिउहार सामाजिक क्रिया-कलाप के अंग ह। समाज में मनवाल जएवाला तिउहार संस्कृति के पहिचान होला।
51bho
निवृत्तीनंतर तर त्यांची जणू दुसरी इनिंग्ज सुरू झाली. ती होती, लोकहिताच्या संस्थांच्या पाठीशी उभे राहण्याची. मुंबईत 'बंद'ला बंदी घालण्याची मागणी करणाऱ्या जनहित याचिकेपासून एशियाटिक सोसायटीचे अध्यक्षपद सांभाळण्यापर्यंत सर्वत्र ते क्रियाशील होते.
195mar
कौटिलीय अर्थशास्त्र हा चाणक्याने इ.स.च्या दुसर्‍या शतकात लिहिलेला संस्कृत ग्रंथ आहे. २५ खंड व सहा हजार श्लोक असलेला हा ग्रंथ अर्थशास्त्र व राजनीतीवर लिहिलेला व आजही मार्गदर्शक समजला जाणारा ग्रंथ आहे.
195mar
पृथ्वी की अंतरतम क ई परतदार संरचना भूकंपीय तरंगों की संचलन और उनहन की परावर्तन आ प्रत्यावर्तन पर आधारित ह जिनहन क अध्ययन भूकंपलेखी की आँकड़न से कइल जाला। भूकंप से पैदा भइल प्राथमिक अउरी द्वितीयक तरंगन के पृथ्वी की अंदर स्नेल की नियम के अनुसार प्रत्यावर्तित हो के वक्राकार पथ पर गति होले। जब दू गो परतन की बीच में घनत्व अथवा रासायनिक संरचना क अचानक परिवर्तन होला तब तरंगन क कुछ ऊर्जा उहाँ से परावर्तित हो जाले। परतन की बीच की अइसन जगहन के असातत्य (Discontinuity) कहल जाला।
51bho
सर एडविन अर्नाल्ड यांनी बर्मिंग‍हॅम शहरातील किंग एडवर्ड स्कूलमध्ये काही काळ अध्यापन केले, आणि मग ते भारतात आले. पुण्याच्या डेक्कन कॉलेजचे ते १८५६मध्ये प्राचार्य झाले. इंग्लंडमध्ये परतल्यावर त्यांनी ’डेली टेलिग्राफ’ या वृत्तपत्रात नोकरी केली. १८६३मध्ये ते त्या वर्तमानपत्राचे संपादक झाले. आपल्या पूर्वेकडे घालविलेल्या जीवनाच्या अनुभवांवर त्यांनी अनेक कविता लिहिल्या.
195mar
स्टार परिवार अवार्ड्स एगो टेलीविजन पुरस्कार समारोह बा जेवन स्टार प्लस क धारावाहिक कुल आ इनहन की किरदार सभ के इनाम देवे खातिर आयोजित कइल जाला।
51bho
प्रसन्नतायां सत्यां यतेः आध्यात्मिकादीनि त्रिविधानि दुःखानि विनष्टानि जायन्ते । यतः तस्य प्रसन्नचित्तस्य अर्थात् स्वस्थान्तःकरणयुक्तस्य पुरुषस्य बुद्धिः शीघ्रं हि आकाशवत् स्थिरा भवति । एवं तस्य बुद्धिः आत्मस्वरूपे निश्चला भवति । एतस्य वाक्यस्य अभिप्रायः अस्ति यत्, प्रसन्नचित्तः, स्थितबुद्धिः पुरुषः कृतकृत्यतां प्राप्नोति इति । अतः साधकपुरुषः रागद्वेषयोः रहितैः इन्द्रियैः शास्त्राविरोधिनाम् अनिवार्यविषयाणां सेवनं कुर्यात् ।
4san
क्रिस्तीयसप्तमशतके पल्लवानां प्रशासनाद् आरभ्य एकोनविंशतिशतके ब्रिटिशानां प्रशासनपर्यन्तम् अस्मिन् प्रदेशे बहूनां राजवंशानां प्रशासनं दृष्टम् । कर्णाटकसमरस्य रणाङ्गणम् आसीत् अयं प्रदेशः । अद्यतनं तिरुवळ्ळूरुमण्डलं चेङ्गलपाट्टुमण्डलस्य विभजनेन निर्मितम् ।
4san
कभी–कभी हम अपना पासवर्ड या अकाउंट नंबर आदि अपने फोन में लिख कर रख लेते हैं या ऑनलॉन शॉपिंग करने के दौरान या किसी अन्य माध्यम से इसे दूसरों से साझा करते हैं। ऑनलाइन उपलब्ध आंकड़ों को हैक करना हैकरों के लिए आसान हो जाता है। यदि आपका फोन चोरी हो जाए या जब आप अपना फोन बेचते हैं तो फोन में उपलब्ध सारी जानकारी निकाली जा सकती है। आपने अपना फोन लॉक भी कर रखा हो तब भी यह सुरक्षित नहीं है। इसलिए, हमें सावधान रहना होगा।
60hin
आइंस्टीन ने बापू के बारे में लिखा है कि महात्मा गान्धी की उपलब्धियाँ राजनीतिक इतिहास में अद्भुत हैं। उन्होंने देश को दासता से मुक्त कराने के लिये संघर्ष का ऐसा नया मार्ग चुना जो मानवीय और अनोखा है। यह एक ऐसा मार्ग है जो पूरी दुनिया के सभ्य समाज को मानवता के बारे में सोचने को मजबूर करता है। उन्होंने लिखा कि हमें इस बात पर प्रसन्न होना चाहिये कि तकदीर ने हमें अपने समय में एक ऐसा व्यक्ति तोहफे में दिया जो आने वाली पीढ़ियों के लिये पथ प्रदर्शक बनेगा।
60hin
समुद्र सतहबाट १५२ मिटर देखि १२१९ मिटर सम्मको उचाईमा यो जिल्ला अवस्थित छ। यस जिल्लाको कुल क्षेत्रक्रल १३६७.७० वर्ग किलोमिटर रहेको छ। यस जिल्लामा ६० गाउँ विकास समिति, ५ नगरपालिका, १ उपमहानगरपालिका १७ इलाका र ५ संसदीय निर्वाचन क्षेत्रहरू छन्।
205nep
एह संगीति में विनयपिटक आ सुत्तपिटक के बिस्तार भइल आ अभिधम्मपिटक के संकलन भइल। एही संगीति में स्थविर लोग आ महासांघिक लोग संघ से दू हिस्सा में अलग हो गइल। इहे आगे चलि के हीनयान आ महायान के रूप लिहलस।
51bho
Construction of a Composite Total Solar Irradiance (TSI) Time Series from 1978 to present by World Radiation Center, Physikalisch-Meteorologisches Observatorium Davos (pmod wrc)
60hin
राज्ञा जितशत्रुणा उक्तं यत् – “समीपस्थेभ्यः राज्येभ्यः अपि शुभसमाचाराः प्राप्ताः । जितशत्रुः अजेयः अस्ति इति शासकाः वदन्ति । तेन कारणेन मे मतानुसारम् अस्य बालकस्य नाम अजितनाथः करणीयम् । तावदेव अजितनाथः इति नाम प्रसिद्धम् अस्ति । अनुजस्य सुमित्रस्य पुत्रस्य नाम सगरः इति कृतम् ।
4san
शौर्य स्मारक शहर के अरेरा हिल्स इलाके में स्थित है। इसका उद्घाटन भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के द्वारा 14 अगस्त 2016 को किया गया। स्मारक 12 एकड़ में फैला हुआ है। इसे पार्क के रूप में विकसित किया गया है और पाकिस्तान व चीन से हुए युद्धों से संबंधित प्रदर्शनियां भी है।
60hin
सामान्य अस्था में रक्त ऑक्सीक्षीणता की दिशा में फेफड़ों से निकलनेवाले रुधिर में माना जा सकता है किस १०० मिलीलीटर में १५ मिलीलीटर ऑक्सीजन है। ५ प्रतिशत ऊतकों के उपयोग में आता है और अत: शिरारुधिर के प्रति सौ घन सेंटीमीटर में १० घन सेंटीमीटर ऑक्सीजन रह जाता है।
60hin
अस्मिन् वर्षे अक्टोबरमासे २८ तमे दिनाङ्के शाम्यूल् नोबेल् तथा मेरी हेमिल्टन् दम्पत्योः पुत्रीत्वेन ऐर्लेण्ड्देशे निवेदिता (मार्गरेट्) अजायत ।
4san
विवेकानन्देन संस्थापिता इयं संस्था स्वास्थ्य-शिक्षण-विपत्परिहारादिषु कार्येषु आत्मानं योजितवती अस्ति । अस्याः संस्थायाः पञ्जीकरणं १९०९ तमे वर्षे (१८६० नियमः XXI अनुगुणं) जातम् । अस्याः संस्थायाः मठस्य च बहु निकटसम्बन्धः वर्तते । मठस्य चितः विश्वस्तः एव अस्याः संस्थायाः निर्वहणाधिकारी भवति ।
4san
किसी दिन, किसी स्थान पर धूप की कुल अवधि बदली, कोहरा आदि आकाश को धुँधला करनेवाले अनेक घटकों पर निर्भर करती है। धूप अभिलेखक (Sunshine Recorder) नामक उपकरण से वेधशालाओं में धूप के वास्तविक घंटों का निर्धारण किया जाता है। इस उपकरण में एक चौखटे पर काच का एक गोला स्थापित रहता है, जिसे इस प्रकार समंजित किया जा सकता है कि गोले का एक व्यास ध्रुव की ओर संकेत करे। गोले के नीचे उपयुक्त स्थान पर समांतर रखे, घंटों में अंशाकिंत पत्रक (card) पर सौर किरणों को फोकस करते हैं। सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच जब भी बदली, कोहरा आदि नहीं होते, तब फोकस पड़ी हुई किरणें पत्रक को समुचित स्थान पर जला देती हैं।
60hin
विक्टोरिया झील (अंग्रेजी:Lake Victoria, Nam Lolwe in Luo; ""Nalubaale"" in Luganda; Nyanza in Kinyarwanda and some Bantu language) अफिरका की बड़की झील सभ में से एगो झील बाटे। जील के नान रानी विक्टोरिया की नाँव पर जॉन हैनिंग स्पेक द्वारा रखल गइल रहे जे पहिला यूरोपियन (ब्रिटिश) अदमी रहलें ए झील ले पहुँचे वाला। स्पेक 1858 में नील नदी की निकलले के जगह खोजत-खोजत ए झील ले पहुँचल रहलें।
51bho
दार्शनिक परम्परामा कुनै पनि नया दर्शनको अथवा कुनै पनि दर्शनलाई नया स्वरुले शक्तिशाली बनाउनको लागि जो तीन ग्रन्थमा आफ्नो दृष्टिकोण स्पष्ट गर्नु पर्थ्यो भाष्य लेखेर त्यसमा भगवद् गीता पनि एक हो । अरु दुई हुन-उपनिषद् तथा ब्रह्मसूत्र ।[स्रोत नखुलेको]
205nep
सितारामभट्टो (Sitarama Bhatta) जयपुराधिपस्य तृतीयस्य जयसिंहस्य सभारत्नमासीत् । जयसिंहस्य शासनकालः १८१८ तः १८३४ ईशवीयाब्दपर्यन्तम् आसीत् । अतः कवेरपि स एव स्थितिकालः । लक्ष्मण्भट्टोऽस्य जनक आसीत् । अयं कविः महाराष्ट्रियस्य विदुषो माधवभट्टस्य वंशजः ।
4san
युनायटेड किंग्डम येथे ९ डिसेंबर १९९६ रोजी स्टार ट्रेक व्हॉयेजरची एक खास व्हीडीओ कॅसेट (व्हिएचएस) आवृत्ती दुकानात आली. त्या व्हीडीओ कॅसेट मध्ये हा भाग पण होता.
195mar
डीलमा स्थानीय बनबहादुर गुरूङलाई सपनीमा तीन फेर पोखरीको बीचमा पूर्वतिर मुख गरेर मन्दिर बनाइदेउ भनेपछि पण्डितले अक्षता हेरेर खन्दा दुई हात खनेपछि दुईटा शिला र घण्टी फेलापरेकोले २०२८ सालमा त्यहीं बनाइएको अर्को सानो मन्दिरपछि पुनःनिर्माण गरिएको छ। तनुहँको छाब्दी बाराही, ढोरबाराही, पोखरा फेवातालको ताल बाराही, घान्द्रुकको मेस्रोम बाराहीजस्ता बाराही देवीका सात बहिनीमध्ये लुम्ले तान्चोकको कान्छी बाराही हो भन्ने जनश्रुति पाइए पनि त्यसबारेमा यकिन तथ्यहरू पाईंदैनन्।
205nep
गोवा एक्सप्रेस ही भारतीय रेल्वेची गोव्यामधील वास्को दा गामा आणि नवी दिल्लीमधील हजरत निजामउद्दीन ह्या रेल्वे स्थानकांदरम्यान रोज धावणारी वेगवान गाडी आहे. राज्याची राजधानी आणि नवी दिल्ली यांना जोडणारी कर्नाटक एक्सप्रेस आणि आंध्र प्रदेश एक्सप्रेस यांच्यासारखीच ही गाडी आहे.
195mar
एकर बिबिध आयुर्वेदिक आ खरबिरउआ दवाई सभ में इस्तमाल होला। खासतौर पर ई औरतन के कई ठो बेमारी में टॉनिक के काम करे ले। बच्चा होख्ले के बाद दूध बढ़ावे खातिर बीरो में पीस के मिलावल जाला।
51bho
यह रोग एक प्रकार के विषाणु (वायरस) से होता है। यह विषाणु इतने सूक्ष्म होत हैं कि साधारण सूक्ष्मदर्शी (माइक्रोस्कोप) से भी नहीं देखे जा सकते हैं। इस रोग का वाहक मच्छर किसी स्वस्थ्य व्यक्ति को काटता है तो विषाणु उस व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और लगभग ४ दिन से चौदह दिन के अन्दर उस व्यक्ति में इस रोग के लक्षण दिखने लगते हैं।
60hin
वैश्वानर, तेजस और प्राज्ञ अवस्थाओं के सदृश त्रैमात्रिक ओंकार प्रपंच तथा पुनर्जन्म से आबद्ध है किंतु तुरीय की तरह अ मात्र ऊँ अव्यवहार्य आत्मा है जहाँ जीव, जगत् और आत्मा (ब्रह्म) के भेद का प्रपंच नहीं है और केवल अद्वैत शिव ही शिव रह जाता है।
60hin
दयाशील होने के कारण वे अनेक दानी संस्थाओं में अपना योगदान दिया। वे और उनकी हि तरह अन्य व्यक्तियों ने मिलके व्यथित और रुग्ण लेखकों के लिये एक आर्थिक सेवा संसथा को स्थापित किया। वे उच्चतम किताबें प्रकाशित करने के लिए एक आर्थिक सेवा संसथा भी स्थापित किया। इस संसथा के सहारा से वे कुवेम्पु, बेंद्रे, शिवराम कारंत, कैलासम, गोरूर रामस्वामी, अय्यंगार और पुटिना जैसे मशहूर लेखको के रचनाओं को प्रकाशित किया। ज्ञानपीठ पुरस्कार के पुरस्कार पैसा के २/३ को उन्हें ह्रर साल सर्वश्रेष्ठ लघु कहानी संग्रह के लिए पुरस्कार देने के लिए उपयोगित किया। आज ट्रस्ट किसी अन्य संगठन से निभाया जा रहा हैं। इस संगठन अब मास्तीजी के रचनाओं को पुनर-प्रकाशन करने में शामिल है। मास्ती आयोजन पीठ उनके रचनाओं के बारे में विचार-विमर्श शुरु करने में शामिल है। स्ती प्रशस्ति नामक एक पुरस्कार प्रख्यात विद्वानों को प्रदत्त की जा रही है एस. एल. बैरप्पा, अनंतमूर्ती, नरसिम्हस्वामी चिदानंदमूर्थी जैसे व्यक्तियों को सम्मानित किया गया था।
60hin
युरोप खंडामध्ये एकुण ५० मान्यताप्राप्त व सार्वभौम देश आहेत. ह्यामधील कझाकस्तान व्यतिरिक्त इतर सर्व देश युरोपाच्या परिषदेचे सदस्य आहेत तर २००७ सालापासून २७ युरोपियन देश युरोपियन संघाचे सदस्य आहेत.
195mar
गावात एटीएम उपलब्ध नाही.सर्वात जवळील एटीएम वरखडे नगर येथे ३ किलोमीटर अंतरावर, गावात व्यापारी बॅंक उपलब्ध नाही.सर्वात जवळील व्यापारी बॅंक कात्रज येथे ५ किलोमीटर अंतरावर आहे. गावात सहकारी बॅंक उपलब्ध नाही.सर्वात जवळील सहकारी बॅंक कात्रज येथे ५ किलोमीटर अंतरावर आहे. गावात शेतकी कर्ज संस्था उपलब्ध आहे. गावात स्वयंसहाय्य गट उपलब्ध आहे. गावात रेशन दुकान उपलब्ध आहे. गावात आठवड्याचा बाजार उपलब्ध नाही.सर्वात जवळील आठवड्याचा बाजार निंबाळकर वस्ती येथे ३ किलोमीटर अंतरावर आहे. गावात कृषी उत्पन्न बाजार समिती उपलब्ध नाही.सर्वात जवळील कृषी उत्पन्न बाजार समिती कात्रज येथे ५ किलोमीटर अंतरावर आहे.
195mar
सौदागर नागनाथ गोरे, ऊर्फ छोटा गंधर्व, (१० मार्च, इ.स. १९१८ - ३१ डिसेंबर, इ.स. १९९७) हे हिंदुस्तानी गायक व मराठी नाट्यसंगीतातील गायक-अभिनेते-संगीत रचनाकार होते. मराठी नाट्यसंगीतामधील त्यांची कारकीर्द ५० वर्षांहून अधिक प्रदीर्घ होती.
195mar
होरनाडुक्षेत्रदेवतायाः प्राचीनम् आवासस्थानम् अस्ति अन्नपूर्णेश्वरीदेवालयः। अस्ति । यदा प्राचीनदेवालयः शिथिलः सञ्जातः तदा अनेकेभ्यः राज्येभ्यः शिल्पिनः अत्र आगताः । कमलदलाकारैः देवस्थानस्य निर्माणं कृतवन्तः । सर्वालङ्कारयुक्ता देवी अन्नपूर्णेश्वरी अत्र सुन्दरमूर्तिरुपेण अस्ति । अन्नपूर्णेश्वर्याः शिरसः उपरि सर्पफणायुक्तनागेन्द्रः सुरक्षां दधानः अस्ति इव शिल्पम् उत्कीर्णम् अस्ति । होरनाडुक्षेत्रम् अत्यन्तं सुन्दरं स्थानम् । प्रकृतिसौंदर्यानुभवः सुमधुरः भवति । सहस्रशः भक्ताः अत्र आगच्छन्ति । सर्वेषां भोजनवसतिपूजादिव्यवस्थाः सन्ति । देवी अन्नपूर्णेश्वरी सर्वानन्ददायिनी अस्ति ।
4san
लुडविक्सहाफेन आम ऱ्हाईन (जर्मन: Ludwigshafen am Rhein) हे जर्मनी देशाच्या ऱ्हाइनलांड-फाल्त्स ह्या राज्यातील एक शहर आहे. हे शहर जर्मनीच्या नैऋत्य भागात ऱ्हाईन नदीच्या काठावर वसले असून नदीच्या पलीकडे मानहाइम हे शहर स्थित आहे.
195mar
तबला एकठो बाजा भारतीय बाजा हवे, जे ताल देवे के साज के रूप में बजावल जाला। तबला में दू गो चमड़ा मढ़ल हिस्सा होलें जिनहन के दाहिना आ बायाँ कहल जाला। तकनीकी रूप से दाहिना के तबला आ बायाँ के डुग्गी या धामा कहल जाला। बायाँ के साइज बड़हन होला आ आवाज गंभीर, जबकि दाहिना के आवाज ऊँच सुर में होला आ एकर आकार पातर होला।
51bho
यिनको पहिलो विवाह मकवानपुरकी राजकुमारी इन्द्रकुमारीसंग भएको थियो। गोरखा र मकवानपुर विच ओहोर दोहोर गर्नु पर्दा उपत्यकाको भूबनोट र त्यहाँको आर्थिक अवस्थालाई उनले राम्रोसंग नियाले। त्यस बखत गोरखाका १२०० घरधुरीका जनतालाई ६ महिना खान पुग्ने अन्नपात वा आर्थिक हैसियत थिएन। त्यसैकारणले उनले अन्नपातले सम्पन्न र उन्नतिशील काठमाडौं उपत्यकालाई विजय गर्ने मनसाय बनाईसकेका थिए। वि.स १७९८ मा काठमाडौं आएका पृथ्वीनारायण शाहले गोरखा दरबारको तर्फबाट ल्याएका पगरी भक्तपुरका राजा रणजित मल्ललाई दिए भने त्यसको कदरस्वरूप रणजित मल्लले राजकुमार वीरनरसिंह मल्लसंग उनको मितेरी लगाई दरबारमा स-सम्मान लामो अवधिसम्म राखेका थिए। गोरखा फर्किदा चाँगुनारायण, पशुपति र गुहेश्वरीना दर्शन गर्न गएको क्य्रा थाहा पाई काठमाडौंका राजा जयप्रकाश मल्लले उनलाई दरबारमा ल्याई मितेरी लगाएका थिए।
205nep
सोरठिरागः (Sorath Raga) हिन्दुस्तानीशास्त्रीयसङ्गीतस्य कश्चन रागः भवति । खमाज थाट् गणस्य रागः भवति। अस्य रागस्य वादिस्वरः ॠषभः (रे) भवति । संवादिस्वरः धैवतः (ध) भवति । ओढव तथा षाडवाभ्यां मिलितः भवति । अस्य रागस्य प्रशस्तकालः मध्यरात्रिः भवति । सोरट् इत्यपि अस्यैव रागस्य नामान्तरं भवति । शृङ्गाररसस्य तथा अद्भुतरसस्य प्रतिपादकः रागः भवति ।
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तत्रभवता महाकविना गद्यचक्रवर्तिना कादंबरी इति अभूतपूर्वम्‌ गद्यकाव्यम् विरचितम् । संस्कृतकाव्यरसिकः को वा नजानाति बाणभट्टस्य शुभनाम? । ’बाणोच्‍छिष्‍टम्‌ जगत्‌ सर्वम्’ इति प्रशस्तिपरा उक्तिरेव सूचयति बाणकवेः प्रतिभासामग्र्यम् । य: प्रतिभया प्रसिद्ध्या सहृदयप्रियतया च सर्वान् संस्कृतकावीन् अतिशेते, काव्यतत्वस्य विमर्शकैः पण्डितैः औचित्यविचारचर्चासंसदि लब्धयशाः स बाण एव नान्यः । बाणभट्टस्य जन्मभूमिः शोणानद्याः पश्चिमे दिशि विद्यमानः प्रीतिकूटम् नाम अग्रहारः, यस्य पार्श्वे यष्टिगृहं नाम ग्रामः, ततः किञ्चिद्दूरे राज्ञः श्रीहर्षवर्धन(द्वितीयशिलादित्य)स्य राज्यम् ’श्रीकण्ठदेश’ आसीत् । वात्स्यायनवंशचिन्तामणिः चित्रभानुः एतस्य पिता । अस्य मातुः नाम राजदेवी इति । बाणस्य बाल्य् एव मातृवियोगः अजायत । पिता चित्रभानुरेव कुशलमतेः पुत्रस्य रक्षण-पोषणभारम् अवहत् । सत्काले विध्युक्तरीत्या उपनयनादिसंस्कारान्, समुचितां शिक्षां च ददौ । किन्तु अस्य चतुर्दशे वर्षे पिता दिवंगतः ।
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वर्तमानायाः शिक्षायाः निरन्तरम् एधमानान् पादान् परिशील्य यदि वयं संस्कृतस्य स्थितेः मूल्याङ्कनं कुर्मः तर्हिः स्वान् अतीव निम्नस्तरे पश्यामः। एतादृश्यां स्थितौ पाणिनीयव्याकरणस्य अस्मिन् परिपेक्षे च का उपादेयता अस्ति इत्येतस्य प्रश्नस्य उत्पत्तिः निश्चिता एव। काशिकाकारस्य पण्डितजयादित्यस्य मतानुसारेण “पाणिनेः उपकारकं व्याकरणम्”। अतः अष्टाध्याय्याः रचयिता पाणिनिः भवति। सः शलातुरनामके नगरे उत्पन्नः। ‘श्युआन् चुआन्’ नामकेन केनचित् यात्रिणा लिखितं पञ्चचत्वारिंशदधिकषड्शतके (६४५) लौकिकभाषां व्यवस्थितां कर्तुं पाणिनिना अष्टाध्यायी ग्रन्थस्य रचना कृता। अद्य एतावद्भ्यः वर्षेभ्यः पश्चादपि व्याकरणं प्रगतिपथे अग्रसरम् अस्ति। भारतदेशः प्राचीनकाले एकभाषाभाषिदेशः इति रूपेण प्रसिध्दः आसीत्। तस्मिन् एव देशे सम्प्रति अनेकाः भाषाः भाषन्ते विराजन्ते प्रकाशन्ते च। अस्मिन् देशे संस्कृतस्य स्थानं पूर्वापेक्षया अतीव निम्नं वर्तते। स्वाभाविकम् अस्ति यदि संस्कृतस्य स्थितिः न्यूना (निम्ना) वर्तते तर्हि तस्य व्याकरणस्य का उपाधेयता भविष्यति। अद्यतने प्रगतिशीले देशे आङ्ग्लभाषा स्वस्याः चरंसीम्नि वर्तते। तथापि विचारणीयः विषयः अस्ति यद् आङ्ग्लभाषायां वाचनलेखनपठनेषु समानता नास्ति। यथा वयं put (पुट्), but (बट्) इत्यादीनां शब्दानां प्रयोगं कुर्मः इति। अतः सिद्ध्यति यत् आङ्ग्लभाषा सुदृढा भाषा नास्ति इति। तत्रैव संस्कृतभाषायाः वैशिष्ट्यं वर्तते यत् अनया भाषया यथा लिखामः तथा पठामः। अतः एव संस्कृतस्य सुदृढतायाः विषये वयं वक्तुं शक्नुमः इति। लोके लोकोक्तिः वर्तते यत् “कोश भर में बदले वाणी, दो कोश में पानी” इति। हिन्दीभाषा अस्माकं देशस्य राष्ट्रभाषा अस्ति। परन्तु हिन्द्या वदतां जनानाम् उच्चारणे विभिन्नताः दृश्यन्ते। विहारस्य जनानां हिन्दी भिन्ना, पञ्जाबस्य, हरियाणाप्रदेशस्य, उत्तरप्रदेशस्य, मध्यप्रदेशस्य च हिन्दीभाषा भिन्ना अस्ति। परन्तु यदा वयं संस्कृतस्य विषये वदामः तदा वक्तुं शक्नुमः यत् संस्कृतं विश्वस्य कस्मिन्नपि कोणे उद्यमानं स्यात् सर्वत्रापि संस्कृतं समानं सदृशं च व्यवह्रियते इति। यदि भारते ‘सः पठति’ इति प्रयोगः वर्तते तर्हि अमेरिका देशे अपि अयमेव प्रयोगः भविष्यति न तु भिन्नः। एतदेव संस्कृतव्याकरणस्य वैशिष्ट्यम् अस्ति। मानवः कश्चन मननशीलः प्राणी वर्तते। यद्यपि सः सांसारिकान् जनान् एकेन सूत्रेण बन्ध्दुम् इच्छति तथापि सः एकसूत्रेण बन्धनीयां भाषां नैव अङ्गीकरोति। एवम्प्रकारेण संस्कृतस्य संस्कृतव्याकरणस्य च उपाधेयतायाः प्रकटनं भवति। मानवः कस्मिन्नपि काले स्थितौ वा भवेत्, तेन मिलित्वा एव चलनीयम् अस्ति तथा च कार्याणि कर्तव्यानि सन्ति। एतत् तदा एव सार्थकम् अस्ति यदा जगति सर्वेऽपि जनाः संस्कृतव्याकरणस्य पाणिनीयव्याकरणस्य च उपाधेयतां स्वीकुर्युः व्याकरणं च पठेयुः इति॥ शम्॥परमेशः
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कदाचित् श्रीकृष्णपरमात्मः सत्यभामया सह पाण्डवान द्रष्टुं बनम् आगतवान । तदा सम्भाषणसमये सत्यभामा द्रौपदीं पृच्छति अनुजेः अहं पश्यन्ती अस्मि भवात्याः वीराः शूराः पतयः सर्वदा भवत्याः अधीनाः एव तिष्ठन्ति । कारणं किम् ? भवति किमपि यन्त्र मन्त्रं औषधं किमपि जानाति वा ? अथवा जपः तपः होमः व्रतः अथवा विद्यया तान् वशीकृतवति वा ? तथा किमपि उपायमस्ति चेत् माम् अपि पाठयतु । येन भगवान् श्यामसुन्दरः अपि मम वशः भवेत् । इति । तदा द्रौपदी वदति यत् 'भवत्याः एतादृशाः अनुमानाः सम्यक् न । यतः भवति बुध्दिमती श्रीकृष्णस्य राज्ञी च अस्ति । पत्नी स्वं वशीकर्तुं यन्त्र मन्त्रस्य प्रयोगान् करोति इति यदा पतिः जानाति सः तया सह इतोऽपि दूरः एव भवति । एतेन अनर्थः एव भवति । अतः कदापि पत्न्या पत्युः अप्रियं न करणीयम् इति अनन्तरं स्वस्य पतीनां सन्तोषार्थं सा किं किं करोति इत्यपि द्रौपदी विवृतवती । सा वदति यत् अहम् अहङ्कारस्य कामक्रोधस्य परित्यागं कृत्वा जागरुकतया सर्वेषां पाण्डवानां तेषां पत्नीनां च सेवां करोमि । असूयातः सर्वदा दूरे तिष्ठामि । कठोराणि वचनानि न वदामि । असभ्यतां न दर्शयामि, असत्यं न वदामि । दुःस्थाने न उपविशामि । अनुचितानि आचरणानि न आचरामि । पतीनां अभिप्रायं ज्ञात्वा तम् अनुसरामि । देवः मनुष्यः, गन्धर्वः युवकः धनिकः रुपवान् कोऽपि पुरुषः भवतु, मम मनः पाण्डवान् विहाय अन्यत्र न् गच्छति । पतीनां भोजनस्य विना अहं भोजनं न करोमि । तेषां स्नानपर्यन्तम् अहम् स्नानं अ करोमि तेषाम् उपवेशनं विना अहं न उपविशामि । पतयः यदा गृहम् आगच्छान्ति तदा अहं स्थित्वा एव आसन्दं जलं च ददामि । गृहस्य पात्राणि स्वच्छं स्थापयामि । रुचिकरं पाकं करोमि । समये भोजनं ददामि । गृहे धान्यानां रक्षणां करोमि । गृहस्य स्वच्छतां सर्वदा रक्षयामि । अहं सम्भाषणे कस्यापि तिरस्कारं न करोमि । व्यभिचारीस्त्रीणां समीपं न गच्छामि । पत्युः अनुकूला सती आलस्येन दूरे एव भवामि । वारं वारं गत्वा द्वारे न तिष्ठामि । यत्रकुत्रापि अवकरं न क्षिपामि । सर्वदा सत्यं वदामि । पतिं विहाय एकाकिनी स्थातुं नितरां न इच्छामि । कौटुम्बिककारणतः यदा पतिः बहिः गच्छति तदा अहं पुष्पं चन्दनं च त्यक्त्वा नियमान् व्रतान् पालयन्ती समयं यापयामि । यं पदार्थं मम पतिः न खादति, न पिबति तं पदार्थं अहमपि त्यजामि । स्त्रीणां निमित्तं शास्त्रं यं विषयं ज्ञापयति तं सर्वम् अहं पालयामि । प्राप्तेन वस्त्रालङ्कारेण शरीरं सुन्दरं स्थापयामि । सर्वदा जागरुका भूत्वा पत्युः प्रीतिं करोमि ।
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कर्णाटकस्य सर्वप्रदेशतः लोकयानव्यवस्था अस्ति । रेलयानार्थं बीरुरु , कडूरु निस्थानपर्यन्तं सौकर्यम् अस्ति । श्रीमठे वासस्थलं भोजनं च काल्पितं भवति दूरभाषा- ०८२६५-५०१२३
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मानव शरीररचनामा वा स्तनधारिहरूमा सामान्यतया, मोन्स प्यूबिस (ल्याटिन ""pubic mound"") वयस्क महिलाहरूको प्यूबिक हाडको माथी, प्यूबिक सिम्फाइसिसको अगाडी रहेको बोसोयुक्त तन्तुले बनेको भाग हो। यसलाई मोन्स भेनेरिज (ल्याटिन ""mound of Venus"") पनि भनिन्छ। मोन्स प्यूबिस योनीको अग्रभाग हो।
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अमृतलताकषायस्य निर्माणम् अपि अत्यन्तं सुलभम् । अमृतलतायाः पत्राणि काण्डं वा प्रक्षाल्य सम्यक् कुट्टनीयम् । अनन्तरं चषपकपरिमिते जले तत् संयोज्य सम्यक् क्वथनीयम् । जलम् अर्धचषकमितं यावत् भवेत् तावत् क्वथनीयम् । क्वथनावसरे यदि अपेक्ष्यते तर्हि तत्र गुडं योजयितुं शक्यते । तदनन्तरं शोधनं करणीयम् । तथैव अथवा तस्मिन् शोधिते कषाये दुग्धं योजयित्वा तदा तदा किञ्चित्प्रमाणेन पातुं शक्यते ।
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बाज़ू और पीछे की ओर हवा के निकास इष्टतम इंजन शीतलन देते हैं और नए विसारक के संयोजन में, वे मज़बूत कार डिजाइन को रेखांकित करते हैं। मनसोरी एक अतिसूक्ष्म प्रकाश और शक्तिशाली कार्बन का प्रयोग करते हुए कार को हल्के रंग (और गति) देकर रूपांतरित कर देती है। कार की क़ीमत अपरिवर्तित ब्युगाटी से लगभग एक मिलियन ज़्यादा है।
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लेखकको रूपमा उनको पहिलो प्रकाशित रचना एउटा लघुकथा ‘जुनि’ थियो। त्यो लघुकथा उनले सन् १९९५को जून महीनामा लेखेका थिए भने जुन ४, १९७५मा सो कथा इन्फर्मेसन नामक दैनिक पत्रिकामा छापिएको थियो। त्यसै गरि कविको रूपमा उनका चारवटा कविताहरू साहित्यिक पत्रिका Hvebekornमा १९ अक्टूबर १९८१मा प्रकाशित भएका थिए। रुजून ५, १९८६मा प्रकाशित कथासंग्रह बेस्टर्न (पशुहरू)ले उनलाई गद्य लेखकको रूपमा पनि चिनायो। मार्च १८, १९९४मा उनको पहिलो बाल साहित्य ‘योनास र शंखकीराको खोल’ प्रकाशित भएको थियो।आधुनिक भाषा विज्ञान लिएर उनले Herlufsholm स्कूलबाट सन् १९७६मा प्रवेशिका परीक्षा उत्तीर्ण गरेपश्चात् राष्ट्रिय सेवा अन्तर्गत एनसीओको रूपमा शाही लाई फ गार्डको रूपमा पनि तालीम प्राप्त गरे। सन् १९९६मा उनले कोपेन्हेगनको ललितकला र आर्किटेक्ट प्रतिष्ठानबाट आर्किटेक्ट र सोही स्थानबाट सन् १९९७मा मल्टीमेडियामा स्नातकोत्तर तहसम्मको पढाइ सकाए। उनले सन् १९८० ताका Hvedekorn का सम्पादक पल बोरमको साथमा मिकेल स्ट्रङ्ग लगायतका सहकर्मीहरूसँग मिलेर कोपेन्हेगनमा समकालीन कविहरूको औपपचारिक तथ्यांक ‘एन ए ८०’को संकलन पनि गरे। उनी बिभिन्न साहित्यिक र सांगीतिक भेलाहरू, कलेज र पुस्तकालयहरूमा बेला बेला स्याक्सोफोन र की बोर्ड जस्ता वाद्ययन्त्रहरूका साथ स्लाईड प्रदर्शनको माध्यमबाट आफ्ना कविताहरू प्रस्तुत गर्ने गर्दछन्।
205nep
पाकिस्तान क्रिकेट टीम के इस विकेट-कीपर और बल्लेबाज (कामरान अकमल) का जन्म १३ जनवरी १९८२ में लाहौर, पंजाब, पाकिस्तान में हुआ था। जबकि इन्होंने अपने क्रिकेट कैरियर की शुरुआत २००२ में की थी। अकमल के छोटे भाई उमर अकमल भी एक विकेट-कीपर और बल्लेबाज है साथ ही अंदन अकमल भी एक अच्छे उभरते हुए क्रिकेट खिलाड़ी जबकि बाबर आज़म और सफीर आज़म जो इनके भतीजे है वो भी क्रिकेट खिलाड़ी है।
60hin
विश्व परिदृष्यमा अल्पविकसित राष्ट्रहरूमा भ्रष्टाचार नराम्ररी जरो गाडेर बसेको असाध्य रोग हो। विश्वका अतिकम विकसित मूलुकहरूमध्येमा पर्ने नेपाल पनि यस रोगबाट अछुतो छैन। नेपालमा भ्रष्टाचार बारे जे जति अध्ययन र चर्चा गरिन्छन् तिनीहरू बढीजसो आर्थिकपक्षमा नै केन्द्रित रहेका पाइन्छन। यस सन्दर्भमा यस लेखको उद्देश्य आर्थिक भ्रष्टाचार मात्र नभई अन्य पक्षका भ्रष्टाचार बारे पनि चर्चा गर्नु रहेको छ।
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पैतीस बरिस की उमिर से अस्सी बारिस की उमिर ले लगभग 45 साल भगवान बुद्ध घूमि-घूमि के भ्रमण करत आ शिक्षा आ उपदेश देत बितवलीं भ्रमण आ भिक्षा द्वारा जीवन यापन के चारिका कहल जाला।
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जनकपुर अञ्चल के धनुसा जिला मे पडला यि सहर राजा जनक के पुत्री सिताका जन्मस्थल बा । जनकपुर के करिब दुसरे सहर कमलामाई,त्रियुगा लगायत बाटे । इ सहर नेपाल के बाडका धार्मिक नगर बा इहा के लोग जनकपुर के जानकपुर धाम भि कहेला ।जनकपुर के नगरपलिका से २०७१ साल मङ्सिर १६ गते के दिन उप-महानगरपालिका के रुप मे राखाल गाइल हा।इ सहर धनुसा जिला के सादरमुकाम हा इहा के जानकि मन्दिर बाहुत हि प्रसिद्ध मन्दिर आ नाम चलल मन्दिर हा।जनकपुर के मिथिली संस्कृतिके केन्द्र भी मनाल जाला।पुराना काथा अनुसर राम आ सिता जी के बियाह इहे भैइल रहे।इ साहर नेपाल के राजधानी से ४०० कि.मि. दक्षिण पूर्व मे परेला।
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अपने जीवन से सम्बन्धित वस्तुओं का ज्ञान का ज्ञान प्राप्त करना बालकों की स्वाभाविक रुचि होती है। अतः पाठ्यवस्तु में जीवन से सम्बन्धित तथ्यों को ही शामिल करना चाहियेर्थात् वास्तविक जीवन की वास्तविक परिस्थितियों से लिये गये तथ्यों को ही शामिल करना चाहिये। यदि अध्यापक काल्पनिक अथवा जीवन से असम्बन्धित तथ्यों को ही पढ़ाना चाहेगा तो छात्रों की रुचि उससे हट जायेगी।
60hin
गर्भावस्था भन्नाले स्त्री जातिको पाठेघर वा गर्भाशयमा एक वा एक भन्दा बढि सन्तान भ्रुणको रूपको रहेको अवस्थालाई जनाउँछ। सामान्यतया यो अवस्था ९ महिनासम्म रहन्छ।
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जस्ट मैरिड २००७ में जारी बॉलीवुड फ़िल्म है जिसका निर्देशन मेघना गुलज़ार ने किया है तथा मुख्य अभिनय भूमिका में फरदीन खान, ईशा देवोल हैं। इसमें सतीश शाह,किरण खैर और मुकुल देव ने सहायक अभिनय भूमिका निभाई है।
60hin
एकतायाः नाम कैवल्यमिति । प्रकृतेः कार्यभूतमहत्तत्वादीनां विलयेन, एवं पुरुषेण सह प्रकृतेः आत्यन्तिकवियोगेन एव प्रकृतेः एकाकित्वं सिद्धम् । पुरुषस्य कैवल्यमेतद् भवति यत् आत्मा स्वात्मनि वर्तमानानि समस्तोपाधिकस्वरूपाणि त्यक्त्वा स्वमूलस्वरूपे स्थायित्वेन वर्तमानत्वमिति ।
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निमकी मुखिया बिहार और महिला सशक्तिकरण आधारित सीरियल हैं। देश में स्टार भारत नया चैनल 28 अगस्त 2017 से शुरू है। हाईवोल्टेज ड्रामा निमकी मुखिया में अहम रोल में भूमिका गुरुंग नजर आएगी। खंडवा की बेटी शिवानी चक्रवर्ती अहम रोल में नजर आएगी। अभिनेत्री गरिमा विक्रांत सिंह को टीवी शो 'निमकी मुखिया' में अभिनेता अभिषेक शर्मा की मां की भूमिका निभाने के लिए अनुबंधित किया गया है। रांची से मुकेश सिंह सीरियल ‘निमकी मुखिया’ में अभिनय करते हैं। लेखक जमान हबीब ने बिहार की एक लड़की नमकीन कुमारी के माध्यम से ये कहानी बुनी है। धारावाहिक में इंद्रनील सेनगुप्ता एक ब्लाक डेवलपमेंट आफिसर की भूमिका निभा रहे हैं जो कदम कदम पर निमकी की मदद करते हैं। ऋषि खुराना टीवी धारावाहिक में एक नकारात्मक भूमिका निभा रहा है। रीटा भादुड़ी धारावाहिक निमकी मुखिया में दादी की भूमिका निभाती हैं।
60hin
गुवाहाटी चाहे गौहाटी पूर्वोत्तर भारत की आसाम प्रान्त क राजधानी ह। ई शहर ब्रह्मपुत्र नदी की किनारे बसल बा। मुख्य भारत भूमि से परिवहन संपर्क हर तरह क बा। एक तरह से ई शहर पूरा पूर्वोत्तर भारत क सबसे महत्व वाला शहर हवे।
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स्वामी रावदेवः वदति यथा कृषकाः फलचयस्य प्रमाणं वर्धयितुम् अधिकलाभेच्छया च रसायनिकदोहदं क्रिमिनाशकानि च उपयोजयन्ति । अनेन् अक्रमेण संवर्धितैः शकैः अन्याहारवस्तुभिः च नानविधाः रोगाः उत्पादिताः ।
4san
नगरराज्य"" हे वैशिष्ट्य सिविलिजेशनच्या या स्वरूपात पहिल्यांदा दिसून येतात. नगरराज्य हे विशेष सभ्यता असतात जे फक्त संगणक-नियंत्रित असू शकतात व बाकीच्या सभ्यतेंमुकाबले ते खेळ जिंकण्यास खेळत नसतात. त्यांच्या ताब्यात नेहमी फक्त एकच शहर असते व ते फार मोठ्या संख्येत सैन्य निर्माण करत नाहीत. खेळाडू या नगरराज्यांशी मैत्री किंव्हा युद्ध करू शकतात. मैत्री करण्याने खेळाडूंना त्या नगरराज्यकढून देणगीच्या रूपात संसाधन मिळू शकतात व ते नगरराज्य युद्धाच्यावेळी खेळाडूंचे साथ देईल. मैत्री करण्यासाठी खेळाडू त्यांना सोन्याचे बक्षीस देऊ शकतात किंव्हा त्यांनी मागितलेले कार्य पार पडवू शकतात.
195mar
सामान्यतः एतेषु बाल्यविवाहपद्धतिः अस्ति । वधुदक्षिणापद्धतिः अपि अस्ति । एतेषु विवाहविच्छेदनं बहुसुलभम् । पक्षिणः इव कूजन्तः तेषां मृगयां कुर्वन्ति । मयूरस्य, गीजगस्य, कपोतस्य, वनकुक्कुटस्य च शब्दस्य अनुकरणकला एतैः करगता अस्ति । स्वस्य प्रियाः एव आह्वयन्तः सन्ति इति मत्वा शब्दस्य दिशि धावन्ति पक्षिणः। स्थापिते जाले पतन्ति । हरिणजालस्य रन्ध्रजालस्य च निर्माणे एते कुशलाः । एतेषां सम्भाषणस्य भाषायाः लिपिः नास्ति । एतेषां गृहभाषा ‘वाग्रि’ (वागरियो) । एषा काचित् मिश्रभाषा । गुजराती, हिन्दी, मराठी, राजस्थानी भाषाणां शब्दाः वाग्रिभाषायाम् अधिकतया उपयुज्ज्यन्ते ।
4san
सन् १९७५को विश्व कप क्रिकेटमा भारतका सुनिल गाबस्करले पूरा खेलमा ब्याटिङ गर्दै ३६ रन बनाएका थिए। उक्त खेलमा भारत इंगल्याण्डसँग २ सय ३ रनले पराजित भएको थियो।
205nep
अभिजीत कोसंबी हा कोल्हापूरचा एक गायक आहे. त्याने २००७ साली झी मराठी दूरचित्रवाहिनीची सा रे ग म प संगीत स्पर्धा जिंकून त्या स्पर्धेचा पहिला 'महागायक' होण्याचा सन्मान मिळविला.
195mar
श्रीविरूपाक्षदेवालयः अधुना प्रमुखम् आकर्षणकेन्द्रम् अस्ति । हम्पी क्षेत्रं चतुर्दशं कि.मीटर् विस्तीर्णे व्याप्तं प्राचीनमन्दिरैः स्मारकैः कलाकृतिभिः च विशिष्टम् अस्ति । श्रीविरूपाक्षम् पम्पापतिः इति च कथयन्ति । देवालयस्य मुख्यद्वारे गोपुरम् अस्ति । १७० पादपरिमितोन्नतं गोपुरम् कलायुक्तं वैशिष्ट्यपूर्णं च अस्ति ।
4san
अयं जीन् फ्रान्स्व फर्नेल् नामकः प्रसिद्धः फ्रेञ्च्-वैद्यः । सः १५५४ तमे वर्षे मानवानाम् अङ्गानां रचनायाः तथा रोगलक्षणानां च विषये प्रसिद्धं पठ्यपुस्तकम् अलिखत् ।
4san
मानसिक-शारीरिकोत्साह-स्फूर्तिभ्यामेव सर्वदा कर्मणां संसिद्धिः सम्भाव्यते । उत्साहसम्पन्नेन अदीर्घसूत्रेण स्वस्थशरीरेण सरलस्वभावेन धीरभावेन एव साहसः श्रीयते श्रियो वरणायेति निश्चप्रचम् । इन्द्रियाणां कर्माणि समानया गत्या सम्पद्येरन् इति सर्वस्य अपि अभीप्सितं भवति । ज्ञानेन्द्रियाणां कर्मेन्द्रियाणां च पृथक् पृथक् विकासाय सर्वेषाम् अङ्गानां पुष्टिः आवश्यकी । एकस्य अपि अङ्गस्य अथवा तस्य सूक्ष्मात् सूक्ष्मतमस्य अपि अंशस्य वैकल्ये सति क्रियासिद्धिः न भवति सौकर्याय । ’हीनाङ्गं को नु शंसति ?’ इत्यस्य तात्पर्यं नास्ति वैकल्यम्, अपि तु न्यूनता वा अस्ति अभिप्रायः । अङ्गानि एव किं प्रत्यङ्गानि अपि तादृशि स्वस्थानि सुपुष्टानि न भवेयुः तर्हि तथाविधं साफल्यं नाभ्युपैति मानवः । सत्याम् एवम् अङ्गप्रत्यङ्गपूर्णतायां समुदेति सदुत्साहः परिपोषम् उपयाति परिश्रमनिष्ठा प्रथते च प्रायोगिके कर्मणि मनीषा । ’स्वस्थे चित्ते बुद्धयः संस्फुरन्ति’ इति भणित्यनुसारं बुद्धीनां संस्फुरणाय चित्तस्य स्वास्थ्यम् अत्यावश्यकं मन्यते । चित्तस्य स्वास्थ्याय मनोरञ्जनम् उपयोगि भवति । सहजेन भावेन मनोरञ्जनं विदधानाः क्रीडामपि आत्मसात् कुर्वन्ति । अतः एव ’क्रीडां’ श्लाघयन्तो विद्वांसः कथयन्ति यत् –
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शिराळा तालुक्यातील प्रमुख व्यक्ती- शिवाजीराव देशमुख (सभापती, विधान परिषद, महाराष्ट्र), सत्यजित देशमुख (सरचिटणीस, महाराष्ट्र प्रदेश काँग्रेस), मानसिंगराव नाईक (आमदार, शिराळा विधानसभा मतदार संघ), शिवाजीराव नाईक (माजी राज्यमंत्री, महाराष्ट्र राज्य), राजवर्धन देशमुख (शिराळा गावाचे युवा नेतृत्व), जयवंतराव देशमुख (तालुकाध्यक्ष - श्री शिवप्रतिष्ठान हिंदुस्थान), वगैरे.
195mar
अंतर्राष्ट्रीय फ़्रेंचाइज़िंग वाले पक्ष दस्तावेज़ के लिए अंग्रेजी भाषा को अपनाने का फैसला कर सकते हैं, जब तक कि ब्राज़ील का पक्ष धाराप्रवाह अंग्रेजी जानता है और स्पष्ट रूप से इस तथ्य को स्वीकार करता है, यह अनुवाद से बचने के लिए है (पर होता है). पंजीकरण तीन बातों के लिए कारगर होता है:
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‘त्रिगुणात्मिकार्थज्ञानं विष्णुशक्तिस्तयैव् च । मायाशब्देन भण्यन्ते’ ‘महामायेत्येविद्येति नियतिर्मोहिनीति च । प्रकृतिर्वासनेत्येव तवेच्छाऽनन्त कथ्यते’ इति स्मृत्युक्तेः मायाशब्दस्य इच्छायां प्रसिध्देः, मायामात्रमित्यस्य ईश्वरेच्छाविनिर्मितमित्यर्थः सम्पद्यते । यत्र क्वचित् श्रुतिस्मृत्यादौ विश्वस्य स्वप्नसाम्यमुच्यते चेत् तस्य, नेदं विश्वं नित्यम् अपि तु अनित्यमेव, विकारि परतन्त्रञ्च, अतोऽत्र आस्थां परित्यज्य भगवति भक्तिः कर्तव्येति प्रबोधनार्थं स्वप्नसाम्यमुच्यते ।
4san
अंग्रेज़ी और अधिकांश अन्य भाषाओं में, जो लैटिन वर्णमाला का उपयोग करते हैं, आम तौर पर व्यक्तिवाचक संज्ञाओं को बड़े अक्षरों में लिखा जाता है। भाषाएं इस अर्थ में अलग होती हैं कि क्या बहुशब्द व्यक्तिवाचक संज्ञाओं के अधिकांश तत्व बड़े अक्षरों में लिखे गए हैं (उदा. अमेरिकी अंग्रेज़ी House of Representatives) या केवल प्रारंभिक तत्व (उदा. स्लोवेनियन Državni zbor 'National Assembly'). जर्मन में सभी प्रकार की संज्ञाओं को बड़े अक्षरों में लिखा जाता है। अंग्रेज़ी में सभी संज्ञाओं को बड़े अक्षरों में लिखने की परिपाटी प्रयोग में थी, लेकिन 1800 के क़रीब यह समाप्त हो गई।[कृपया उद्धरण जोड़ें] अमेरिका में, कई उल्लेखनीय दस्तावेज़ों में बड़े अक्षरों में बदलाव दर्ज किया गया है। स्वतंत्रता विधेयक की घोषणा (1776) का अंत (लेकिन प्रारंभ नहीं) और संपूर्ण संविधान (1787) में सभी संज्ञाएं बड़े अक्षरों में लिखा दिखता है, अधिकार विधेयक (1789) में कुछ जातिवाचक संज्ञाएं बड़े अक्षरों में लिखा गया है, लेकिन अधिकांश नहीं और तेरहवां संवैधानिक संशोधन (1865) में केवल व्यक्तिवाचक संज्ञाओं को बड़े अक्षरों में लिखा गया है।
60hin
प्रेमचंद (31 जुलाई 1880 - 8 अक्टूबर 1936; जनम नाँव: धनपत राय) जिनके नवाब राय आ मुंशी प्रेमचंद के नाँव से जानल जाला, हिंदी आ उर्दू भाषा के उपन्यास लेखक आ कहानीकार रहलें। मुंशी प्रेमचंद भारतीय उपमहादीप के प्रमुख लेखक लोग में गिनल जालें आ इनके ""उपन्यास सम्राट"" के उपाधि दिहल गइल। इनके लगभग एक दर्जन उपन्यास आ 250 से ज्यादा कहानी प्रकाशित भइल बा आ कई गो बिदेसी रचना सभ के हिंदी-उर्दू अनुबाद भी कइलें।
51bho
नेपाल इण्डष्ट्रियल एण्ड कमर्सियल बैंक लिमिटेड (अङ्ग्रेजी: Nepal Industrial and Commercial Bank Limited) नेपाल राष्ट्र बैंकबाट 'क' वर्गको इजाजत पत्र प्राप्त वाणिज्य बैंक हो । यस बैंकको स्थापना २०५५ भएको हो ।
205nep
परभणी हा महाराष्ट्रातील ४८ लोकसभा संसद मतदारसंघांपैकी एक आहे. ह्या मतदारसंघामध्ये सध्या परभणी जिल्ह्यामधील ४ व जालना जिल्ह्यामधील २ असे एकूण ६ विधानसभा मतदारसंघ समाविष्ट केले गेले आहेत.
195mar
पंडित प्रेमनाथ जी बचपन से ही पढ़ाई में अत्यंत योग्य और खेलों में अत्यंत चुस्त एवं निपुण थे। 1904 में उन्होंने मॉडल स्कूल, लाहौर से मैट्रिक की परीक्षा पास की और एफ.सी.कालेज में प्रवेश लिया। वहां उन्होंने पढ़ाई के साथ-साथ खेलों में विशेष रुचि दिखाई और 100 गज, 400 गज, आधा मील, एक मील की दौड़ में प्रथम स्थान प्राप्त किया। पंजाब के तत्कालीन गवर्नर, जो उस कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे थे, से इनाम भी प्राप्त किया। पंडित जी को एक जेब घड़ी इनाम में मिली थी उन्होंने उस घड़ी को बहुत दिनों तक संभाल कर रखा, आज भी वह उनके परिवार के पास सुरक्षित है। कालेज जीवन में पंडित जी फुटबाल के भी ऊंचे दर्जे के खिलाड़ी थे। कालेज की फुटबाल टीम में शामिल थे। जम्मू राज्य के तत्कालीन गवर्नर चेतराम चोपड़ा ने एक बार कहा था- ""मैं समझता हूं कि पंडित जी की स्फूर्ति और तेज गति का कारण यही फुटबाल का खेल था, जिसका प्रभाव उनके जीवन में अंतिम दिन तक रहा था।
60hin
धर्मगुरवः जनान् प्रेरयन्ति स्म । तेन जनाः धर्ममार्गे कार्यरताः भवन्ति स्म । राजा अपि युगन्धरमुनेः दीक्षां प्राप्तवान् । ततः परं तेन उत्तराधिकारिणे राज्यस्य दायित्वं प्रदत्तम् । अनन्तरं सः साधनायां रतः अभवत् । तेन साधनायाः तीर्थङ्करगोत्रस्य बन्धनं कृतम् । तस्य सर्वेषां कर्मणां नाशः अभवत् । एकमासं यावत् अनशनं कृत्वा सः स्वर्गलोकं प्रस्थितवान् ।
4san
इस उपन्यास में प्रेमचंद ने पहली नारी समस्या को व्यापक भारतीय परिप्रेक्ष्य में रखकर देखा है और उसे तत्कालीन भारतीय स्वाधीनता आंदोलन से जोड़कर देखा है। सामाजिक जीवन और कथा-साहित्य के लिए यह एक नई दिशा की ओर संकेत करता है। यह उपन्यास जीवन की असलियत की छानबीन अधिक गहराई से करता है, भ्रम को तोड़ता है। नए रास्ते तलाशने के लिए पाठक को नई प्रेरणा देता है।
60hin
बच्चों में कई सारी संभावित असमर्थतायें हो सकती हैं जो स्नायु तंत्र की क्षति के परिणाम स्वरूप हो सकती हैं जिनमें सेंसिन्यूरल श्रवण हानि, मिर्गी, सीखना और व्यवहारजनक कठिनाइयां तथा साथ ही घटी बुद्धिमत्ता शामिल है। यह जीवित बच गये लगभग 15% लोगों में होती है। सुनने से संबधित हानियों में से कुछ ठीक भी हो जाती हैं।वयस्कों में, सभी मामलों में से 66% मामले बिना किसी असमर्थता के उभरते हैं। मुख्य समस्यायें बहरापन (14% मामलों में) और संज्ञानात्मक हानि (10% मामलो में) हैं।
60hin
प्रिया (पत्रिका) एक नेपाली भाषाको पत्रिका हो। यो पत्रिकाको सम्पादन कार्य हिमालय भक्त प्रधानाङ्गद्वारा भएको छ। यो पत्रिकाको प्रकाशक इन्द्रभक्त प्रधानाङ्ग हो। यसको प्रकाशन काठमाडौँमा द्वैमासिक २०२७ पुसमा प्रकाशित भएको थियो।
205nep
ब्रह्मपुत्र दक्षिण-एशियामहाद्वीपे विद्यमाने भारतदेशे प्रवहन्ती काचित् नदी अस्‍ति । चीन-टिबेट्देशयोः अपि एषा प्रवहति । पुल्लिङ्गे नदशब्देन निर्दिश्यमानेषु अन्यतमः अस्ति अयं ब्रह्मपुत्रनदः । अन्याः बहव्यः भारतीयाः नद्यः स्त्रीलिङ्गे एव निर्दिश्यन्ते । अयं नदः टिबेट्-देशतः यार्लुङ्ग् सङ्ग्पोनदी (Yarlung Tsangpo River)- नाम्ना प्रवहति । ततः हिमालयं प्रविश्य अरुणाचलतः भारतं प्रविशति । अत्र एषा नदी दिहाङ्गनाम्ना प्रसिद्धा अस्ति । असमप्रदेशतः ब्रह्मपुत्रनाम्ना प्रवहति । बाङ्ग्लादेशे अयं जमुनानदी भवति । गङ्गया सङ्गमनावसरे पद्मया सह ततः समुद्रमेलनावसरे मेघनया सह मिलति ।
4san
प्रादेशिक भूगोल के बिपरीत सिस्टमेटिक या क्रमबद्ध एप्रोच भूगोल के अध्ययन के अइसन तरीका बाटे जवना में कौनों भूगोलीय तत्व के पुरा दुनिया में वितरण आ वितरण के पैटर्न के अध्ययन होला। उदाहरण खातिर कृषि के एगो भूगोलीय तत्व के रूप में ले के पुरा दुनिया में कृषि के भूगोलीय अध्ययन।
51bho
राइनहार्ड मेसनर या इटालियन गिर्यारोहकाने ही सर्वच्या सर्व १४ सर्वोच्च शिखरे पहिल्यांदा पादाक्रांत करण्याचा मान मिळवला. १६ ऑक्टोबर १९८६ रोजी दहा वर्षाच्या कालखंडात ही मोहीम त्याने फत्ते केली. त्यानंतर आजवर अजून १४ गिर्यारोहकांनी हा मान मिळवला आहे. भारतीय गिर्यारोहकांनी ही शिखरे सर करण्यात मिळवलेले यशही लक्षणीय आहे. भारताकडून बहुतांशी लष्कराने काढलेल्या मोहिमांत यश मिळाले आहे.
195mar
महाराष्ट्रात बऱ्याच गावांलगत मोरांचा वावर आढळतो. मोर हे सरस्वती देवीचे वाहन आहे, या श्रद्धेपोटी गावकरी मोरांना नेहमी खाद्य व पाणी देत असतात. पुणे जिल्ह्यात शिरूर तालुक्यातल्या 'मोराची चिंचोली' नावाच्या गावात मोरांच्या झुंडी आढळतात. इतरत्र शेतांतही मोर मोठ्या प्रमाणात आढळतात.
195mar
मधुकर हिरालाल केणिया (१८ नोव्हेंबर, इ.स. १९२७:मुंबई, महाराष्ट्र, भारत - ) हे भारताचे माजी सरन्यायाधीश आहेत. ते १३ डिसेंबर, इ.स. १९९१ ते १७ नोव्हेंबर, इ.स. १९९२ या कालावधीत सरन्यायाधीश होते. त्याआधी ते मुंबई उच्चन्यायालयाचे न्यायाधीश होते.
195mar
उनी जनकपुरको भित्री गाउँमा जन्मेकी हुन्। उषाले विराटनगर, काठमाडौंं, भारत हुँदै मनोविज्ञानमा स्नातकोत्तर गरिन्। कानूनमा स्नातकसमेत गरिन्। वि.सं. २०२६ सालदेखि ९ वर्षसम्म त्रि-चन्द्र कलेजमा उनी मनोविज्ञान पढाउँथिन्।
205nep
टंबलर (Tumblr) एगो माइक्रोब्लागिंग वेबसाइट आ सोशल नेटवर्क बा। एकर स्थापना डेविड कार्प द्वारा 2007 में कइल गइल आ वर्त्तमान में ओथ इंक एकर मालिक कंपनी बा। ई सेवा, प्रयोगकर्ता के कौनों मल्टीमीडिया भा छोटहन ब्लॉग साझा करे के सुबिधा देला। प्रयोगकर्ता लोग अन्य लोग के फालो क सके ला। आपन ब्लॉग के प्राइवेट भी बनावल जा सके ला।
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इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (""ईवीएम"") के इस्तमाल भारतीय चुनावन में साल 1999 में सुरू भइल आ हाल में 2017 में भइल पाँच ठो राज्यन में भी राज्य बिधान सभा के चुनाव में एकर इस्तमाल भइल हवे। वर्तमान समय में कागज के चुनाव परचा (बैलेट पेपर) के राष्ट्रीय आ राज्य स्तर के चुनावन में ई मशीन पूरा तौर पर खतम क दिहले बा। पहिले भी एकरा इस्तमाल में छेड़छाड़ द्वारा चुनाव परिणाम परभावित होखे के आरोप लगावल जा चुकल बाटे आ अभिन ले कौनों अइसन आरोप साबित न इखे भइल। दिल्ली हाईकोर्ट आ सुप्रीम कोर्ट के रूलिंग आ कई राजनीतिक पार्टी सभ के डिमांड पर,भारतीय चुनाव योग द्वारा वोटर-वेरीफाईड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) शुरू कइल गइल वीवीपीएटी के ब्यवस्था साल 2014 के आम चुनावन में 543 संसदीय चुनाव क्षेत्र सभ में से 8 गो में पाइलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू कइल गइल रहे।
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