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मेवाड़ी फ़ागण | 0female
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रुतराज बसन्त रौ, आगमण आदि काल सूं ही, सारी सिस्टि में, जड़ अर चेतन में एक नवो जीवण देतो रह्यो है | 0female
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आपणै देस रै, हरेक प्रान्त में बसन्त रुत रो स्वागत आप आप रै निराळै ढंग सूं सरू सूं, करता आया है | 0female
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संस्कृत री जूनी पोथ्यां पढ़बा सूं, पतो लागै कै प्राचीन काळ में बसन्त रुत में घणा घणा उच्छब होता | 0female
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बसन्त महोछव, अर बन विहार रा उच्छबां, अर घटनावां पर घणी गाथावां अर नाटक महाकवयां रा लिख्या हुया है | 0female
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सन्त अर बरखा रुत रो उमंग, आणंद अर भावना सूं जितरो बखाण कर्यो गयो है उतरो और कोई दूजी रुत रो नहीं | 0female
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साहित मैं प्रकृति रो बरणन, कठै ही देखणो हो तो, सिवाय बसन्त अर मिनखा रै तीजो नाम ही नीं दीखै | 0female
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यूं तो रुत छे है | 0female
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जीवणदायिणी, सुख संपत देबा बाळी, अर हजारां गुणां सूं भरी बिरखा रुत है, पण रुतराज री पदवी, अतरा गुणां वाळी होतां हुयां भी बरखा रुत नैं नीं दे बसन्त रुत रै माथै ही राजमुकुट मेल्यो गयो | 0female
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यां दिनां मैं डील में फुरती, मन में उमंग, हिरदै में आणंद री नवी लैहैर, मिजाज में मस्ती अर बेफिकरी री लळक इसी हवा में भर जावै कै कवि मन री भावुकता माथै टेक ईं नैं राजपदवी दी अर साहित्य रै ऊंचै सिंघासण पै बैठाय, काव्य रा आखतां सूं पूजा करी | 0female
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असल मैं, रुत है भी इसी | 0female
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धरती रा धणियां करसां रै मूंडां आगै, सियाळै रै सी मैं पाणत कीधा, हर्या हर्या खेत, धान रा कणां सूं भरया झोळा खावै | 0female
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जो गेहूं री डैंग्या, तीखा तीखा बाळां नैं ऊंचा कीधां, सीयाळै रै दाह सूं लड़र करसां रा मनां नैं आत्मविस्वास सूं भरदे, फाल रै बोझ सूं जमीन पे लोटता चणां रा गोड आंख्यां में सुहावणा सपना सजावै | 0female
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आंख पूगै जितरै पीळा पीळा फलां रा खेत बाग री सी सोभा देवै, जद करसां रा मन हल्लोळा लेबा लागै | 0female
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बै सारै परिस्रम नैं भूल जावै | 0female
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बारा महीनां री मैनत रो थाकैलो, ई बसन्त रुत मैं उतारबा लागै अर नवै बरस सूं नवी आसावां रा दीवा जोवै | 0female
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यां दिनां में, सारी स्रिशटि रो ही रंग बदळबा लागै | 0female
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बीजारो तो क्यूं कैहणो नहीं, असवार हजार हजार सूं चढ़या, तिका चालतां चालतां टोडै टूँक महिलाण हुवा | 0female
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टूँक चावड़ो, राव राज नै कंवर नांमै राज करै छै | 0female
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तिको राजाराम तो आख्यां संजम छै, पिण हीयारा नेत्र खुल्या छै | 0female
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आख्याँ देखतासूं घणौ सूजै | 0female
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तिणरै बेटी एक नाम वीरमती, बड़कंवार छै | 0female
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तिणरो साहो करण नै सगो सोझता था | 0female
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तिसै, जान आई | 0female
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तिसै राजा राजजी कंवर बीजनै कह्यो, जगदेव कंवर छै तिको निपटसखरो | 0female
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रजपूत छै, तिणनै काल्हे फेरा दिरावस्यां | 0female
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बीज हुकम प्रमांण कियो, जान मांहे कंवर बीजरी जुहार करण नै आया नै कह्यो, विहाणे गोठ आरोग नै चढिज्यो | 0female
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घणा हटसूं, गोठ मानी | 0female
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कोट आय जोसी तोड़िनै, लगन बूझयो | 0female
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तरै प्रभाते गोधूळकरो, लगन छै | 0female
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सगळी सजाई कीधी | 0female
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बीजै दिन बीरमती नै पीठी कराई, खेहटियो एक विनायक थाप्यो | 0female
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तीजे पौर गोठ जीमणनै आया | 0female
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आथमण, सूधा जीम्या नै चळू भरनै उठै तिसै लगन वेळा हुई नै प्रोहित कांमदारांने कह्यो | 0female
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तरै नाळेर घोड़ा, चार सूं झलायो | 0female
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नै कह्यो तोरण बांदि, चंवरी पधारो कांमदारां ही दीठो बड़ो काम हुवो | 0female
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कोई थेट गोडारे गया, आँटो उठतो, आरे करि तोरण बांदि चंवरि मांय सिधाया | 0female
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गोधूळकियांरा, फेरा लीया | 0female
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भात हुवा | 0female
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हाथि एक, घोड़ा पच्चीस, दोवड़ी रात दिधी, दासि छे दीधी | 0female
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प्रभात हुवा, सीख मांगी | 0female
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साहै बंध्यो काम | 0female
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तरे चावड़ी तो, पीहर हीज रही | 0female
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कह्यो, पाछा फिरता धार ले जावस्यां | 0female
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नै जान चढ़ी | 0female
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तिका गोडारै जगदेव परणयारी खबर हुई | 0female
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जगदेवनै देखि प्रोहित बिठागरां सूं घणो बेराजी हुवो, पिण लेख बंधी बात | 0female
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अब गोड़ भात दिया | 0female
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दोवड़ी दात दिधी, घोड़ा पच्चीस, हाथी एक दीधो, दासी ग्यारा दीनी | 0female
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देने सीख दीनी | 0female
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तिकै टोडै आया | 0female
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जरै चावड़ीनै, रथमें बैसाण साथे दीधी | 0female
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नगर आया, बाघेली नै जगदेव परणियांरी खबर हुई नै मन मांहे घणो दुख पायो | 0female
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ते कह्यो, इण दईमारया काळयानै हरकोई रावजी बेटी दै, तिको कासूं देखने | 0female
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पछे सामेळो कीधो | 0female
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तठै गौड़ नै चावड़ी सासुवारे पगे लागी | 0female
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देवतारी जात कीधी | 0female
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मास पछै गोड़ चावड़ा आया | 0female
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आपरी बेटीनै, ले गया | 0female
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पीहर गई तदै दायजो दीदो थो, जितरो चावड़ी रे साथे मेलियो थो, तिको जगदेव राख्यो | 0female
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हिवै बरस अठारा मांहे जगदेव हुवौ | 0female
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तठै राजा उदयादित, उळगसूँ पधारेया | 0female
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कँवर रिणधवळ, मोटी असवारी कर साम्हो गयो | 0female
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पगे लागो | 0female
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सेठ पगे लागा | 0female
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तिणां मांहे सिगळांरा मोला मुजरा लीवी, पिण जगदेव मुजरै नायो | 0female
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तिसै घणा उछाह होतां राजा सिंघासण दरीखाने विराजिया नै मुहतासूं फ़ुरमायो, जगदेव कँवर कठै छै | 0female
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तरै कह्यो, सोलखणीजी रै हजूर होसी | 0female
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तद खवास मेलि तेड़यो | 0female
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तरै जगदेव सादी पोसाख पहरियां, पगे लागो | 0female
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तरै राजा उठि छातीसूँ, भिड़ि मेलियो, माथै हाथ दीया, निपट नैड़ो बैसाणियो नै राजा पूछयो | 0female
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तरे कँवर अरज किधी, माहाराजा, आप असवार हुवा पछै | 0female
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रोजीनारो थाळी नै हाथ खरचो, रुपया दोय फुरमाया चढिया था | 0female
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तिके मांई जी कबूलिया नहीं, तिणरे हुकम बिनां खांनसमाँ न दीया | 0female
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आपसूं मालूम हीज छै | 0female
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हासल पैदास बिनां लवाजमा कुंकर हुवै | 0female
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तदि राजा कड़ा, मोती कंठसरी, दुगदुगी, जनेऊ, हत सांकळां, सिरपेच, कड़ीयां री तरवार, ढाल, कटारी, खंजर, तरगस, वांण सर्व बगसीया | 0female
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तद जगदेव मुजरो करि करि लीधी, पिण दोनूं हाथ जोड़ि अर्ज कीवी | 0female
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माहाराजा, आप इनायत कीधी तिके पाया, पिण मांईजी म्हांसू घणी मेहरबानि फुरमावे छै | 0female
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आप बाघेलीजीरे मैहल पदारया, तरे सगळी टुमां मंगवाणी पड़सी | 0female
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तिण्सूं, म्हारी रैहवास ले गया, पछै मेलश्यूं नहीं | 0female
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तिण्सूं ऐ खाळसै रैहणरो हुकम हुवै | 0female
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तरै राजा कह्यो, बागेली कहै पिण म्हारे तो रिणधवळ नै थे सारिसा कंवर छो | 0female
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नै वळै तोने, कुंसरसो गिणती मांहे गिणूं छूं | 0female
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मैं म्हारो माल दीदो छै, नै थारी असवारीरे वास्ते म्हारी असवारीरो खासो घोड़ो दीदो छै | 0female
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ढोला मारु | 0female
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अर परो गयो, पण मारवण री आंख्यां में पाछी नींद नीं आइ | 0female
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आंख्यां खोले तो बारै अंधारो अंधारो लागै | 0female
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उठै, बैठै अर पाछी सोवै, पण जीव ने जक नीं | 0female
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गावं रे बारै ताल में, कुरजां कुरळायी | 0female
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घर में सूती कुरजां रा बच्चा री सी, लांबी गाबड़ वाळी, मारवण रो हिवड़ो ही वां कुरजां रे लारे, कुरळायो | 0female
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सपना में दीख्योड़ो ढोलो अणसैंधो व्हेतां ही मारुणी ने लाग्यो, जांणै भव भव रो सैंधो वींरो ढोलो है | 0female
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बालपणां में व्हीयोड़ा ब्याव ने तो, वा सपना री नाई भूलगी ही, पण आज सपनो आयनै परतख ढोला ने, आंख्यां आगै ऊभो कर दीदो | 0female
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वींने चीता आई, वीरो ही कोई है, पण वा वींने नीं जांणै, वौ वींने नीं जांणै | 0female
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सपनो कांई आयो, वींरा तन ने झंझेड़नै जगाय दीधो | 0female
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कालै सांझ तांई, साथणीयां रे लारै दौड़ दौड़ र दड़ी रमतां टाबरी या, चार पांच घड़ी में ही भावना रो भार उठायां जोध जुवान लुगाई व्हेगी | 0female
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हिड़दै री वीणां माथे सपना री आंगळयां फिरतां ही, सनेह रा सुर बाजण लाग्या | 0female
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जठीने झांकै बठीने ढोलो ही ढोलो दीखै | 0female
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ताल में कुरजां यूं ही कुरळाय री ही, मरवण ने लागयो जांणै वांरी जोड़ी बिछड़गी, जदी तो नीं तो वांरी आंख्यां में नींद है, नीं म्हारी आंख्यां में ही | 0female
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यारीं अर म्हारी एक सी गत है, पण यारे तो पांखड़ा है, मन करतां ही उड़ जावै, म्हारे पांख कठै जो उड़नै | 0female
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Rajasthani Indic TTS Dataset
This dataset is derived from the Indic TTS Database project, specifically using the Rajasthani monolingual recordings from both male and female speakers. The dataset contains high-quality speech recordings with corresponding text transcriptions, making it suitable for text-to-speech (TTS) research and development.
Dataset Details
- Language: Rajasthani
- Total Duration: ~20.06hours (Male: 9.82 hours, Female: 10.24 hours)
- Audio Format: WAV
- Sampling Rate: 48000Hz
- Speakers: 2 (1 male, 1 female native Rajasthani speakers)
- Content Type: Monolingual Rajasthani utterances
- Recording Quality: Studio-quality recordings
- Transcription: Available for all audio files
Dataset Source
This dataset is derived from the Indic TTS Database, a special corpus of Indian languages developed by the Speech Technology Consortium at IIT Madras. The original database covers 13 major languages of India and contains 10,000+ spoken sentences/utterances for both monolingual and English recordings.
License & Usage
This dataset is subject to the original Indic TTS license terms. Before using this dataset, please ensure you have read and agreed to the License For Use of Indic TTS.
Acknowledgments
This dataset would not be possible without the work of the Speech Technology Consortium at IIT Madras. Special acknowledgment goes to:
- Speech Technology Consortium
- Department of Computer Science & Engineering and Electrical Engineering, IIT Madras
- Bhashini, MeitY
- Prof. Hema A Murthy & Prof. S Umesh
Citation
If you use this dataset in your research or applications, please cite the original Indic TTS project:
@misc{indictts2023,
title = {Indic {TTS}: A Text-to-Speech Database for Indian Languages},
author = {Speech Technology Consortium and {Hema A Murthy} and {S Umesh}},
year = {2023},
publisher = {Indian Institute of Technology Madras},
url = {https://www.iitm.ac.in/donlab/indictts/},
institution = {Department of Computer Science and Engineering and Electrical Engineering, IIT MADRAS}
}
Contact
For any issues or queries related to this HuggingFace dataset version, feel free to comment in the Community tab.
For queries related to the original Indic TTS database, please contact: smtiitm@gmail.com
Original Database Access
The original complete database can be accessed at: https://www.iitm.ac.in/donlab/indictts/database
Note: The original database provides access to data in multiple Indian languages and variants. This HuggingFace dataset specifically contains the Hindi monolingual portion of that database.
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