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---|---|---|---|
Bail Application_4509_201921-08-2019345 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्तगण के पैरोकार कैलाशीके शपथ पत्र से समर्थित है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैंकि वादी मुकदमा <नाम> <नाम> द्वारा थाना <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशयकी दर्ज करायी गयी कि दिनाक 07.08.2019 की <नाम> को वह अपनी पत्नीके साथ अपने घर <नाम> सो रहा था। <नाम> करीब 02:50 बजे वह शौच के लिएबाहर खेत में गया था। शौच करने के <नाम> वह वापस आकर चारपाई <नाम> लेटगया कि तभी अचानक कुत्तों के भौकने की आवाज आयी जिसे सनुकर उसकी पत्नी ने टॉर्च जलाकर घर में चारों तरफ <नाम> तो कोई दिखायी नहीं पड़ा। लगभग 5-6 मिनट <नाम> तीन लोग अचानक से उनके अपर आ गएऔर सीने <नाम> तमंचा रखकर सरियों से मारपीट करने लगे और कहने लगे किसामान कहाँ रखा है, नहीं तो तुमको <नाम> से मार देंगे। इतना कहने के बादउन्होंने उसकी पत्नी <नाम> हथौड़े से वार करके कानों की बालियां, कान कीतरकी, नाक का फूल खींच लिया और उसका सैमसंग का मोबाइल भी छीनलिया। उन लोगों को गम्भीर <नाम> से घायल <नाम> दिया। (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दाप्रक््षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। ",
"प्रार्थी / अभियुक्तगण की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यहकहा गया है कि प्रार्थगण को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उन्होंने कोईअपराध नहीं किया है, वे निर्दोष हैं। प्रार्थीनण दिनाक 16.06.2019 से जिलाकारागार में निरूद्ध हैं। प्रार्थीगण के खेतों के पास पुसिल मुखबिर जसुआउर्फ छोटू के खेत हैं। वन गायों को एक दूसरे के खेतों में भगाने के उपरआपस में रंजिश चली आ रही है। इसी <नाम> उन्होंने इस केस में झूठा फंसवाया है। घटना व बरामदगी का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं है। बरामदजेवरात की शिनाख्त नहीं करायी गयी है। प्रार्थगण का कोई अपराधिकइतिहास नहीं है। प्रार्थीगण का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, इसकेअलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी भी न्यायालय या माननीय उच्चन्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्तगणको जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि प्रार्थी द्वारा अन्य के साथमिलकर वादी मुकदमा व उसकी पत्नी से लूट कारित की गयी है तथा वादीव उसकी पत्नी को गम्भीर <नाम> से घायल किया गया है जिसके <नाम> वादीमुकदमा की इलाज के दौरान मृत्यु हो गयी। अभियुक्तगण से बरामदगी भी हुई है। उपरोक्त आघारों <नाम> जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किए जाने की याचनाकी गयी। "
],
"judge-opinion": [
"जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 4509 / 2019सुरेश आदि बनाम राज्यप्रार्थी / अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता <नाम> राजवीर सिंहसिकरवार एवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुनागया तथा पत्रावली का सम्यक परिशीलन किया गया। ",
"पत्रावली के अवलोकन से यह दर्शित होता है कि मामलेमें घटना दिनाक 08.05.2019 की समय 02:50 बजे की है। प्रार्थीगण <नाम> वादीमुकदमा व उसकी पत्नी के साथ लूटपाट किए जाने, उन्हें घायल किए जाने, जिसके <नाम> वादी मुकदमा की दौरान इलाज मृत्यु हो जाने, का आरोप है। पत्रावली के अवलोकन से यह भी दर्शित होता है कि प्रार्थीगण को दिनाक15.06.2019 को अन्य के साथ गिरफ्तार किया गया है तथा प्रार्थी <नाम> के (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (द0प्र/क्षेत्र) /SY at न्यायाधीश, न्यायालय संख्या--03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 4509 / 2019सुरेश आदि बनाम राज्य कब्जे से 60//- रूपए व एक जोड़ी कुण्डल पीली धातु व प्रार्थी <नाम> उर्फचपटा के कब्जे से एक जोड़ी बाली, एक नाक का फूल व 80/- रूपएबरामद किए गए हैं। सह-अभियुक्त हाकिम <नाम> से भी गिरफतारी के दौरानप्रश्नगत मामले से संबंधित मोबाइल बरामद किया गया है। वादी मुकदमा कीपत्नी पीड़िता द्वारा लूट के सामान को पहचाना गया है। पत्रावली परउपलब्ध वादी मुकदमा व उसकी पत्नी <नाम> की चिकित्सीय परीक्षणआख्याओं के अनुसार उनका चिकित्सीय परीक्षण दिनाक 15.05.2019 कोकिया गया है जिसमें उन्हें चोटें <नाम> दर्शित किया गया है। पीडित » वादीमुकदमा की मृत्यु दौरान इलाज हो <नाम> बताया गया है। अभियोजन की ओर से प्रार्थीगण का अपराधिक इतिहास प्रस्तुत किया गया है। प्रार्थीगण को झूठाफंसाए जाने का कोई <नाम> दर्शित नहीं किया गया है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_2081_202112-03-20211173 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस जमानत प्रार्थना पत्र के साथआवेदक / अभियुक्त के द्वारा स्वयं का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"प्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> रख गया है किप्रार्थी / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस केस में झूंठा फॅ॑साया गयाहै । प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा विद्युत विभाग का शमन शुल्क जमा <नाम> <नाम> गया है। प्रार्थी / अभियुक्त न्यायिक अभिरक्षा में है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार कियाजाय । "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्युत विभाग की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। ",
"विद्युत विभाग के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कहा गया है कि प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा शमन शुल्क जमा कराया जा चुका है, आपत्ति नहीं है। ",
"प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्युत विभाग में जमा कराये गये शमन शुल्करसीद एवं विद्युत विभाग द्वारा शमन शुल्क जमा होने के संबंध में जारी पत्र की <नाम> दाखिल की गयी है। इस पत्र <नाम> विद्युत विभाग के विद्वान अधिवक्ता द्वारा सब्मिट कापृष्ठांकन किया गया है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_1833_202116-03-20211048 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थनापत्र के समर्थन में अभियुक्त की पत्नी / पैरोकारश्रीमती <नाम> ने शपथ पत्र प्रस्तुत किया है तथा कथन किया है किआवेदक / अभियुक्त का उक्त अपराध में यह प्रथम जमानत प््ार्थनापत्र है, इसके अलावा आवेदक / अभियुक्त का किसी अन्य न्यायालय अथवामाननीय उच्च न्यायालय में कोई जमानत प्रार्थनापत्र विचाराधीन नहीं है। अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक09.01.2021 को प्रभारी निरीक्षक <नाम> <नाम> <नाम> मय हमराहियान व जीपसरकारी थाना हाजा से रपट संख्या 02 समय 12.30 बजे <नाम> ड्यूटीव्यवस्था व रोकथाम अपराध में मामूर थे और रामबाग चौराहे <नाम> पहुंचे औरवहां हमराहियान के साथ चेकिंग करने लगे तो समय करीब 5.50 बजे जरियेआर.टी. सेट सूचना <नाम> कि दो बदमाश मोटर साइकिल नं0 यू'पी.80 Bail Application/3298/2021 - Sunil Baghel Vs. UP State 2बी.एच.6341 <नाम> सवार होकर आ रहे हे, तभी एस.ओ.जी. टीम को दोबदमाश आते दिखाई दिये जिनको पुलिस <नाम> ने टॉर्च की <नाम> में रोकनेका प्रयास किया तो मोटर साइकिल चला रहे व्यक्ति ने अपने पीछे बैठेव्यक्ति से पुलिस को देखकर गोली मारने को कहा तो पीछे बैठे व्यक्ति नेपुलिस वालों को निशाना बनाकर दोनों हाथों से फायर <नाम> <नाम> जिससेपुलिस वाले बाल-बाल बच गये और मोटर साइकिल सवार सर्विस रोड़वाटर वर्क्स की ओर मोटर साइकिल मोडकर भागने लगे तभी सामने सेउल्टी <नाम> में वाटर वर्क्स की आर से प्रभारी निरीक्षक हरीपर्वत अजयकौशल व हमराहियान आ गये जिन्हें देखकर बदमाशों ने अपनी मोटरसाइकिल दक्षिण <नाम> में कच्चे रास्ते <नाम> <नाम> नदी की ओर मोड दी औरबदमाश गिर पड़े और पुलिस <नाम> ने चारों तरफ से घेर <नाम> उन्हें पकड़लिया। दोनों बदमाशों से उनका नाम पता पूछा गया तो पहले व्यक्ति नेअपना नाम <नाम> <नाम> बताया और जामा तलाशी से एक तमन्चा देशी315 बोर तथा पैण्ट की जेब से 4 जिन्दा कारतूस व बायीं जेब से 250रूपये बरामद हुए तथा तमन्चे की नाल में खोखा फंसा हुआ है जिसमें ताजाचले बारूद की गंध की बू आ रही है तथा उसके पास पड़ा एक अददपिस्टल 32 बोर तथा उसकी मैग्जीन में 6 जिन्दा कारतूस 32 बोर बरामदहुए और उसके दाहिने पैर में घुटने के नीचे रक्त श्राव हो रहा है। दूसरे नेअपना नाम <नाम> कुशवाह उर्फ रामू बताया जिसकी जामा तलाशी से देशीतमन्चा 315 बोर व पांच जिन्दा कारतूस बरामद हुए । पूछने <नाम> बताया कि वेतथा उनके अन्य साशी खंदारी यूनिवर्सिटी के पीछे खाली स्थान <नाम> झाडियोंके पास इकट्ठा होकर डकैती की <नाम> बा रहे थे और <नाम> बनाते हीपुलिस ने घेर लिया है। मोटर साइकिल के बारे में पूछने <नाम> बताया कि हमदोनों लोगों ने यह मोटर साइकिल <नाम> से चोरी की है, जिसकीउन्होंने नम्बर प्लेट बदल दी है। गाड़ी <नाम> कुशवाह चला रहा था और गाड़ी के पास जाकर <नाम> तो गाड़ी का न॑ं0 यूपी.80 बी.एच.6341 है तथाचेसिस नं० एमबीएलजेएडब्लू 096एल9ए14023 व इंजन नं0 जेए5 ईजीएल9ए27166 है । अभियुक्तगण को कब्जा पुलिस समय करीब 6.10 बजे लिया गया। बरामद तमन्चा, कारतूस को अलग-अलग कपड़ों में रखकर सील सर्वमोहर किया गया तथा नमूना मोहर बनाया गया। अभियुक्तगण सुनीलकुशवाह उर्फ रामू व <नाम> <नाम> घायल अवस्था में एस.एन.मेडिकल कॉलेज Bail Application/3298/2021 - Sunil Baghel Vs. UP State 3में भर्ती है। ",
"वादी मुकदमा द्वारा थाने <नाम> दी गयी फर्द बरामदगी के आधारपर थाना एत्माद्दौला, <नाम> <नाम> अभियुक्तगण <नाम> बधेल व सुनीलकुशवाह उफ मीतू के विरूद्ध मु0अ0सं0 24/2021 अंतर्गत <नाम> 411, 420भा०द0सं0 व <नाम> 41/102 द0प्रoसं0 पंजीकृत हुआ। ",
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प््रार्थनापत्र/शपथपत्र में कथन किया गया कि आवेदक / अभियुक्त को उपरोक्त मामले मेंझूंठा फंसाया गया है। उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है। पुलिस नेजो बरामदगी दर्शायी है, वह अपने पास से दर्शायी है। प्रस्तुत मामले मेंआवेदक / अभियुक्त द्वारा फायर किया <नाम> दर्शाया गया है किन्तु कोईपुलिसकर्मी घायल नहीं हुआ है बल्कि पुलिस द्वारा किये गये फायर सेअभियुक्त को घायल होना दर्शाया गया है। बरामदगी <नाम> <नाम> से दर्शायीगयी है। मोटर साइकिल को किसी अपराध से कनेक्ट नहीं किया गया है। मामले में घटना का काई जनसाक्षी नहीं है। आवेदक/ अभियुक्त दिनांक10.01.2021 से कारागार में निरूद्ध है। इन्हीं आधारों <नाम> जमानत स्वीकारकिये जाने की <नाम> की गयी। ",
"विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौ0) द्वाराजमानत का विरोध किया गया है। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता(फो0) के <नाम> सुने तथा केस डायरी एवं थाने की आख्याका अवलोकन किया। ",
"केस डायरी के अवलोकन से विदित है कि घटना दिनांक09.01.2021 की समय 06.10 बजे प्रात: की बताई गयी है, जबकि प्रकरण मेंप्रथम सूचना रिपोर्ट उसी <नाम> 9.34 बजे दर्ज करायी गयी है तथा विलम्बका कोई समुचित <नाम> दर्शित नहीं किया गया है, जबकि घटना स्थल सेथाने की दूरी मात्र एक किलो मीटर है। गिरफ्तारी व बरामदगी का कोईजनसाक्षी नहीं है। बरामद मोटर साइकिल को किसी अपराध से कनेक्ट नहींकिया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार मामले में अभियुक्त स्वयं कोपुलिस की फायरिंग से चुटैल होना बताया गया है। अभियोजन द्वारा Bail Application/3298/2021 - Sunil Baghel Vs. UP State 4अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं बताया गया है। मोटर साइकिलकी बरामदगी <नाम> <नाम> से दिखायी गयी है, जिसका कोई जनसाक्षी नहींहै। अभियुक्त की ओर से कथन किया गया है कि इस मामले में उसे झूंठाफंसाया गया है, जिसके संबंध में उसकी ओर से शपथपत्र भी प्रस्तुत कियागया है। आवेदक / अभियुक्त इस मामले में दिनांक 10.01.2021 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। प्रकरण मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा विचारणीय है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_6369_201905-11-20192106 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"समर्थन मेंश्रीमती <नाम> वानो का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। अभियोजन कथानक के अनुसार संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैं किवादिया मुकदमा <नाम> वीनेश <नाम> द्वारा दिनांक 22.09.2019 को समय 19.34 बजेथाने <नाम> इस आशय की तहरीर दी गई कि दिनाक. 22.09.2019 को समय करीब4.00 बजे <नाम> वादिया अपने बहन के पुत्र प्रिन््स के साथ घाट से अपने घर गौतमनगर जा रही थी कि रेलवे लाइन पार करने के <नाम> <नाम> तोहीन, पोलन, मक्खीरेलवे लाइन के आगे हाथ ताश खेल रहे थे कि जैसे ही पास आये तो देखकरगालियाँ बकने लगे। कहने लगे कि कहॉ जा रही हो। वादिया ने उनसे कहा कितुम्हारा उससे क्या मतलब है। इसी बात <नाम> उन्होंने वादिया के साथ मारपीट कीऔर उसके सिर में वही <नाम> पडे पत्थर मार दिये। जिससे उसके सिर में व शरीर मेंचोटें आई। उसने तथा प्रिन्न्स ने शोर मचाया तो यह लोग यह कहते हुए भाग गयेकि आज तो बचे गये दुबारो मौका मिलने <नाम> <नाम> से मार देगें। तथा जातिसूचकशब्द चमरिया कहा। वादिया की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाने <नाम> मुकदमापंजीकृत हुआ। प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क प्रस्तुतकिया गया है कि अभियुक्त को झूठा फसाया गया है उसने कोई अपराध कारितनहीं किया। यह भी तर्क प्रस्तुत किया गया कि वादिया के साथ कोई मारपीट नहीकी, <नाम> कोई जातिसूचक <नाम> बोलें। वादिया ने राजीनामा लिखकर कोई कार्यवाहीन करने को प्रार्थनापत्र <नाम> है। यह भी तर्क प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्तबीमार है और उसका कोई आपराधिक इतिहास नही है। जमानत के आधार पर्याप्तहैं, जमानत <नाम> दी जाये । वादी को नोटिस जारी की गई। विद्वान लोक अभियोजक की ओर सेजमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए कथन किया गया है कि अभियुक्त नेअपने अन्य साथियों के साथ मिलकर घटना कारित की है, वादिया कोगाली-गलौज करते हुए जाति सूचक शब्दों से अपमानित किया व <नाम> से मारने —2— की धमकी दी। उसे जमानत <नाम> छोड़ने का कोई आधार नहीं है। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने विद्वान लोक अभियोजक एवं प्रार्थ /अभियुक्त के विद्वानअधिवक्ता को सुना तथा केस डायरी का परिशीलन किया। ",
"केस डायरी के अवलोकन से स्पष्ट है कि वादिया के चिकित्सीयपरीक्षण में चोटें साधारण <नाम> की <नाम> की गई है। वादिया के द्वारा थानाध्यक्षको राजीनामा के सबंध में भी तहरीर दी गई है। प्रस्तुत प्रकरण में <नाम> अभियुक्ततोहीन की जमानत पूर्व में स्वीकार हो चुकी है। अभियोजन की ओर से अभियुक्तका कोई आपराधिक इतिहास दाखिल नहीं किया गया है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_2297_202105-04-2021241 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थना पत्र के साथ अभियुक्त को पैरोकार जशपाल <नाम> का शपथ पत्रप्रस्तुत किया गया है, जिसमें कहा गया है कि यह उसका प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है,इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्चन्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार उपनिरीक्षक <नाम> <नाम> <नाम> द्वारादिनांक 30.12.2020 को थाने <नाम> तहरीर इस आशय की दी गई कि दिनांक 30.12.2020 कोवादी मय हमराही का0 <नाम> का0० प्रवीन व पी आर डी <नाम> <नाम> के थाना मलपुरा सेसम्बन्धित अपराध सं0 4502020 <नाम> ३92 भा0द0सं0 व अपराध सं0 463/2020 धारा392 भा०द0सं0 में सुरासगसी के लिए रवाना होकर थाना लोहामण्डी आये। <नाम> आमदस्थानीय पुलिस उनपनिरीक्षक <नाम> <नाम> <नाम> ईगल कर्मचारी का0 <नाम> व <नाम> <नाम> Bail Application/4049/2021 —-Rajendra Vs. UP State 2के सयाथ कंजड <नाम> <नाम> हाउस उपस्थित आये। घटना के सबंध में पूछताछ करनेलगे कि अचानक कंजड <नाम> के आदमी व महिलाओं ने शोर किया कि पुलिस आ गई। मारो-मारो, <नाम> के लोगों ने अपने हाथों में लाठी-डन्डे, ईट-पत्थर लेकर पुलिस टीम परहमला <नाम> <नाम> तथा चिल्लाकर कहने लगे कि आज इन पुलिस वालों को जिन्दा नहींछोड़ना है तथा <नाम> से मारने को नीयत से पुलिस वालों को मारने लगे। जिसमें प्रवीन वपी आर डी <नाम> को चोटें आई । इन लोगों द्वारा कहा गया कि अगर दोबारा यहाँ आये तोजान से मार देगें। इन लोगों द्वारा वादी की गाड़ी नं0 यू पी 14 सी एम- 0264 को पत्थर,ईट मार मार <नाम> <नाम> तरह क्षतिग्रस्त <नाम> दिया। मारपीट करने में करीब 20 महिला वपुरूष शामिल थे। पुलिस वालों ने भागकर अपनी <नाम> बचाई। स्थानीय पुलिस द्वाराहमला करने वालों में से कुछ लोगों को पहचान लिया। जिनसे नाम बॉबी, रामजीत, योगेन्द्र,दीपक, आजाद, <नाम> <नाम> उफ मटरिया, रेनू <नाम> व अन्य लोग अज्ञात शामिल थे। इन लोगों द्वारा बरसाये गये ईट पत्थर से भगदड़ व डर का माहौल उत्पन्न हो गया। सभीलोगों ने अपने अपने घरों के दरवाजे व खिड़की बन्द <नाम> लिये। रास्ते से गुजर रहीएक एम्बूलेंस जो सायरन देते हुए मरीज को लेकर जा रही थी को भी नही निकलने दिया। जिससे आमजन के जन <नाम> को अस्त व्यव्थ <नाम> दिया। इन लोगों द्वारा सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करते हुए लोग सेवक को अपने कार्य कार्य करने में बाधा पहुँचाई। घटनाकरीब 14.10 बजे की है। ",
"वादी की तहरीर <नाम> अभियुक्त बॉबी, रामजीत, योगेन्द्र, <नाम> आजाद,प्रियंका, <नाम> उफ मटरिया, रेनू <नाम> व अन्य लोग अज्ञात के विरूद्व थाना लोहामंडी परमु0अ0सं0 217 /2020 <नाम> 147,336,332,353,307,504,506,427 भा0द0सं० व <नाम> 7आपराधिक दण्ड संशोधन अधिनियम में प्राथमिकी <नाम> की गईं। दौरान विवेचना अभियुक्तका नाम <नाम> में आया। ",
"प्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया किप्रार्थी / अभियुक्त निर्दोष व निरपराध है। प्रार्थी/अभियुक्त घटना वाले <नाम> अपने घर परकार्य <नाम> रहा था। शोर शराबा <नाम> घर के बाहर आकर <नाम> कि <नाम> के लोग ईट पत्थरफँक रहे हैं। <नाम> का <नाम> उर्फ <नाम> आपराधिक किस्म का व्यक्ति है। जिसकोशिकायत करने <नाम> <नाम> वालों <नाम> झूठे मुकदमें लिख दिये हैं। प्रार्थी/अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नही है। दिनांक 01.01.2021 से जिला कारागार में निरूद्ध हैं। अतःजमानत <नाम> <नाम> किए जाने की प्रार्थना की गई। ",
"विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानत का विरोधकरते हुए <नाम> प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त द्वारा जब वादी अपने हमराही कर्मचारी के साथ सरकारी कार्य का निवर्हहन <नाम> रहा था तो प््रार्थी/अभियुक्त ने <नाम> अभियुक्त केसाथ मिलकर ईट-पत्थर फॅँक और जन <नाम> को अस्त व्यस्त <नाम> दिया। एम्बूलेंस को भीनहीं निकलने दिया। लोगों में डर का माहौल हो गया। मारपीट में पुलिस के कर्मचारी व पी Bail Application/4049/2021 —-Rajendra Vs. UP State 3आर डी के जवान को चोटें आई है। अभियुक्त द्वारा कारित अपराध गम्भीर <नाम> का है,अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की प्रार्थना की गई । ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार अभियुक्त के विरूद्ध अभियोग है कि अभियुक्त ने अपने अन्य साथियों के साथ वादी जब अपने राजकीय कार्य के निर्वहन मेंआया था तो ईंट पत्थर फैक <नाम> जन <नाम> अस्त व्यस्त <नाम> <नाम> और वादी के हमराहीको चोटें कारित की। वादी की गाड़ी को तोडकर रिष्टि कारित की। "
],
"judge-opinion": [
"पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि प्रार्थी/ अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापन्र विद्वान अपर सिविल जज(जू0डि०)/ न्यायिक मजिस्ट्रेट, न्यायालय सं० 06, आगराद्वारा दिनांक 18.03.2021 को निरस्त किया गया है। ",
"प्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक के तर्को को सुना तथा उपलब्ध प्रपत्रों का अवलोकन किया। ",
"केस डायरी के अवलोकन से स्पष्ट है कि वादी के स्वयं के कथनानुसारक॑ंजड <नाम> में महिला और पुरूषों क द्वारा ईट पत्थर फँक <नाम> जन <नाम> को अस्तव्यस्तकर <नाम> । मारपीट में वादी के हमराही कर्मचारी प्रवीन व पी आर डी के जवान <नाम> केचोटें आई । केस डायरी के साथ सलंग्न चिकित्सीय परीक्षण रिपोर्ट में दोनों के दो दो चोटेंदर्शित की गईं हैं जो साधारण <नाम> की है। चोटें मर्मस्थान <नाम> नहीं है। अभियोजन कीओर से अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास दाखिल नही किया गया है। <नाम> अभियुक्तमधु उफ मटरिया, रेनू. <नाम> व रामजीत, बोबी की जमानत पूर्व में स्वीकार हो चुकी है। अभियुक्त दिनांक 01.01.2021 से जिला कारागार में निरूद्ध है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_1910_202026-08-202022 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के रिश्तेदार अनीससलमानी की ओर से शपथपत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया गया है कि अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, इसके अतिरिक्त अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्रकिसी न्यायालय में लम्बित नहीं है। आवेदक / अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र में कथन है कि अभियुक्त को झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहीं किया है। अभियुक्तसे कोई बरामदगी नहीं हुयी है। प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से दर्ज करायी गयीहै। घटना का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। सहअभियुक्त की जमानत स्वीकार हो चुकी है। अभियुक्त दिनांक 23.02.2020 से जिला कारागार में निरुद्ध है। अतःअभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किया जाय । ",
"सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) की ओर सेजमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुये कथन किया गया है कि अभियुक्त के पाससे बरामद हुयी है। अतः जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाय । ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार वादी <नाम> गौड़ द्वारा थानासिकन्दरा <नाम> इस आशय की तहरीर दी गयी कि वह आज दिनांक 21.02.2020 को7.20 बजे <नाम> घोघई चौराहा की तरफ से पश्चिमपुरी की तरफ आ रहा था तभी (2) मोटरसाइकिल अपाचे रंग सफेद व एक <नाम> रंग, जिन <नाम> दो-दो लड़के सवार थे, सफेद अपाचे <नाम> सवार लड़कों ने उसे धक्का मारा जिससे वह नीचे गिर गया, तभी <नाम> रंग की मोटरसाइकिल <नाम> सवार लोगों द्वारा उसका मोबाइल फोन छीन लियागया और भाग गये। शोर मचाया और मोटरसाइकिल का पीछा किया परंतु यह लोग नहीं मिले। उसका मोबाइल टैक्नो कम्पनी का है। उन्हीं दोनों मोटरसाइकिल द्वारा कारगिल तिराहा से <नाम> पुत्र शिवशंकर निवासी 28/616 कंस गेट, गोकुलपुरा, <नाम> का मोबाइल समय करीब 7.40 बजे <नाम> छीनकर ले जाया गया। वादी कीउक्त तहरीर के आघार <नाम> थाना सिकन्दरा <नाम> मु0अ0सं0 89 / 2020 अन्तर्गत धारा392 भाएठंदं0सं0 पंजीकृत हुआ । "
],
"judge-opinion": [
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है कि घटना दिनांक21.02.2020 की बतायी गयी है तथा प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक 22.02.2020 को <नाम> अज्ञात व्यक्ति के विरुद्ध दर्ज करायी गयी है। पुलिस प्रपत्र के अनुसार आवेदक <नाम> अपने सहअभियुक्त के साथ मिलकर वादी का मोबाइल लूटे जाने व उसके कब्जे से मोबाइल बरामदगी का आरोप है। कथित बरामदगी का कोई स्वतंत्र साक्षीनहीं है। सहअभियुक्त <नाम> तथा आशिक की जमानत स्वीकार हो चुकी है। आवेदक प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है तथा दिनांक 23.02.2020 से जिलाकाशगार में निरुद्ध है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_7560_201903-01-20202644 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी /अभियुक्त की पत्नी व पैरोकारअंगूरी <नाम> के शपथ पत्र से समर्थित है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमाएस०आई० <नाम> <नाम> द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय कीदर्ज करायी गयी कि दिनाक 24.05.2018 को बह मह हमराहियान देख रेखक्षेत्र आदि में मामूर थे कि उसी दौरान मुखबिर की सूचना <नाम> दो व्यक्तियोंको गिरफूतार किया गया। नाम पता पूछते हुए जामा तलाशी ली गयीतो एक ने अपना नाम राजाराम बताया। इसकी जामा तलाशी में एक तमंचाव दो जिन्दा कारतूस, एक मोबाइल, एक डी0एल0०, एक आधार कार्ड व20,400 / ~ रूपए नगद बरामद किए गए। दूसरे व्यक्ति ने अपना नाम प्रदीपबताया जिसकी जामा तलाशी में 12,000/- रूपए नगद बरामद किए गए। तमंचा व कारतूस रखने का लाईसैंस तलब किया गया तो दिखाने में कासिररहा। अभियुक्तगण को जुर्म से अवगत कराते हुए हिरासत पुलिस में लियागया। फर्द मौके <नाम> तैयार की गयी। ",
"्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता बालकिशन <नाम> एवं (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0कषेत्र)/अपर सन्न न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। ",
"्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोईअपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 25.05.2018 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी को घर से गिरफूतार किया गया है। प्रार्थी सेकोई बरामदगी नहीं है। झूठी बरामदगी दर्शायी गयी है। <नाम> का कोईगवाह दर्शित नहीं किया गया है। मुख्य अपराध में प्रार्थी की जमानत माननीयउच्च न्यायालय से हो चुकी है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है,अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय अथवा माननीय उच्चन्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत का विरोध करतेहुए कथन किया गया कि अभियुक्त से पुलिस पार्टी द्वारा एक तमंचा व दो जिन्दा कारतूस नाजायज <नाम> से बरामद किए गए हैं। उपरोक्त आधघारों परजमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 7560/2019राजाराम बनाम राज्यविद्वान अभियोजन <नाम> को सुना गया तथा पत्रावली का सम्यकपरिशीलन किया गया। ",
"पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामले में घटनादिनाक 25.05.2019 की है। पत्रावली के अवलोकन से यह दर्शित होता है किप्रार्थी को दिनाक 25.05.2019 को पुलिस पार्टी द्वारा गिरफूतार किया गया हैतथा उसकी जामा तलाशी में एक तमंचा, दो जिन्दा कारतूस, एकमोबाइल, एक आधार कार्ड, एक डी0एल0 व 20,400/- रूपए नगद बरामदकिए गए हैं। पत्रावली <नाम> उपलबध माननीय उच्च न्यायालय द्वारा फौजदारीप्रकीर्ण जमानत प्रार्थना पत्र संख्या-51162/2019 में पारित आदेश दिनाकित21.11.2019 के अवलोकन से यह दर्शित होता है कि माननीय उच्च न्यायालयद्वारा मुख्य अपराध में प्रार्थी की जमानत स्वीकार की जा चुकी है। प्रार्थी सात माह से जिला करागार में निरूद्ध है। मामले में आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषितकिया जा चुका है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_1911_202115-03-20211123 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थनापत्र के समर्थन में कुनाल <नाम> पुत्र श्रीचिरंजीलाल द्वारा इस आशय का शपथपत्र दाखिल किया गया है कि वह अभियुक्त कासगा <नाम> है तथा पैरोकार मुकदमा है। प्रार्थी/अभियुक्त का यह प्रथम जमानत्रार्थनापत्र है, इसके अतिरिक्त कोई भी प्रार्थनापत्र पूर्व में प्रस्तुत नहीं किया गया औरन ही किसी अन्य न्यायालय में अथवा माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में कोई्रार्थनापत्र विचाराधीन है और <नाम> ही खारिज किया गया है। अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा साहिल <नाम> द्वारा दिनांक07.12.2020 को थाना सिकन्दरा <नाम> इस आशय की तहरीर दी गयी कि वह आरडी,फुटेक्स के नाम से खसरा संख्या 1410 बाईपुर, सिकन्दरा, <नाम> में एक जूता फैक्ट्रीचलाता है। दिनांक 04.12.2020 को <नाम> 00.15 बजे दो व्यक्तियों ने उसके कारखानेमें फैक्ट्री की छत से उसके स्टोर रूम का ताला तोड़कर जूता सामग्री चुराया है। कारखाने के सीसीटीवी कैमरे से इसकी <नाम> हुई है। उसने 112 नम्बर <नाम> पुलिसहेल्प नाईन <नाम> सूचना दर्ज करायी है, जिसकी शिकायत संख्या 2872 है। चोरी गया सामान चमड़ा करीब <नाम> हजार स्क्वायर फुट है। रिपोर्ट लिखकर उचित कानूनी @)Bail Application No. 1911/2021 —-Sunil Vs U.P. Stateकार्यवाही की जावे। ",
"वादी मुकदमा की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना सिकन्दरा <नाम> अज्ञात केविरूद्व मु0अ0सं0 6792020 अन्तर्गत <नाम> 457,380 भा0द0सं0 पंजीकृत हुअ। वाद मेंप्रकरण में अभियुक्त व अन्य अभियुक्तगण के पकडे जाने <नाम> <नाम> 411 भादसं0 कीबढोत्तरी की गयी है। ",
"आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र/ शपथपत्रमें कथन किया गया है कि आवेदक/ अभियुक्त ने कोई अपराध कारित नहीं किया हैतथा वह निर्दोष है। चोरी की घटना दिनांक 04.12.2020 की बताई गई है, जबकिघटना की सूचना थाने <नाम> तीन <नाम> <नाम> दिनांक 07.12.2020 को पंजीकृत कराई गईहै तथा विलम्ब का कोई उचित स्पष्टीकरण नहीं <नाम> गया है। आवेदक / अभियुक्त कोपुलिस ने गुडवर्क दिखाने के लिये झूंठा फंसा <नाम> है। अभियुक्त/आवेदक को <नाम> तोकिसी ने चोरी करते <नाम> है और <नाम> ही बरामदगी का कोई जनसाक्षी है। ्रार्शी/अभियुक्त को थाना पुलिस द्वारा धारा-41 द0प्र0सं0 के प्रावधानों को पालनकिये <नाम> किसी वैधानिक नोटिस प्रदान किये <नाम> उक्त मुकदमा में झूंठा फंसा दियाहै। आवेदक// अभियुक्त दिनांक 12.02.2021 से जिला कारागार में निरूद्व है। आवेदक / अभियुक्त का किसी अन्य न्यायालय में कोई जमानत प्ररार्थनापत्र विचाराधीननही है। इन्हीं आधारों <नाम> जमानत दिये जाने की <नाम> की गयी है। ",
"अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, दाण्डिक द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त द्वारा सहअभियुक्तगण के साथ मिलकर चोरी की वारदात को अंजाम <नाम> गया है। अभियुक्ततथा <नाम> अभियुक्तगण के पास से चोरी किया गया <नाम> बरामद हुआ है। अपराधगम्भीर <नाम> का है। अभियुक्त शातिर किस्म का व्यक्ति है, पुनः इस प्रकार के अपराधमें सम्मिलित होने की <नाम> है। यह कहते हुए जमानत प्ररार्थनापत्र निरस्त किये जानेकी <नाम> की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,दाण्डिक के तर्को को सुना तथा प्रपत्रों का अवलोकन किया गया। ",
"प्रपत्रं के अवलोकन से स्पष्ट है कि प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज करायीगयी है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में आवेदक/ अभियुक्त मामले में नामित नहीं है। अभियोजन के अनुसार घटना दिनांक 04.12.2020 की <नाम> 12.15 बजे की बतायी गयीहै। जबकि घटना की प्रथम सूचना रिपोर्ट 07.12.2020 को 15.36 बजे दर्ज करायी गयीहै तथा घटनास्थल से थाने की दूरी तीन किलोमीटर <नाम> है। तीन <नाम> विलम्ब सेरिपोर्ट दर्ज कराने का कोई समुचित स्पष्टीकरण नहीं <नाम> गया है। आवेदक / अभियुक्त को वादी मुकदमा की दुकान में घुसकर चमड़े के बण्डलों की चोरीकरते किसी ने नहीं <नाम> है। पुलिस द्वारा अभियुक्त एवं अन्य से चमडां के बण्डलों की 3)Bail Application No. 1911/2021 —-Sunil Vs U.P. Stateसंयुक्त <नाम> से बरामदगी दिखायी गयी है। जिसका कोई जनसाक्षी नहीं है। अभियुक्तकिसी भी प्रकार की बरामदगी से इंकार करता है। बरामदगी का कोई स्वतन्त्र साक्षीनहीं बताया गया है। अभियुक्त इस प्रकरण में झूठा फंसाना <नाम> है। अभियुक्तदिनांक 12.02.2021 से जेल में निरूद्ध है तथा <नाम> अभियुक्तगण की जमानत पूर्व में हीस्वीकृत की जा चुकी है। मामला मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीय है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_140_202007-02-20201312 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुकत के पेरोकार <नाम> <नाम> नेशपशथ्रपत्र प्रस्तुत किया है जिसमें वर्णित है कि अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय या माननीय उच्चन्यायालय, में विचाराधीन नहीं है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार वादी गिर्राजकिशोर द्वारा विपक्षी <नाम> पाल <नाम> के विरूद्द न्यायालय में परिवादपत्र प्रस्तुत करते हुए कथन किया गया कि वह एस.ई.इन्वेस्टमेन्ट कम्पनी में मैनेजर के पद <नाम> कार्यरत है। दिनेशपाल <नाम> द्वारा उनकी कम्पनी में फील्ड मैनेजर के <नाम> में बतौर एजेन्ट कार्य करने के लिए आवेदनकिया था, जिस <नाम> फील्ड मैनेजर की शर्तों व नियमों को समझाते हुए वादी कम्पनी वअभियुक्त के मध्य अनुबन्ध निष्पादित हुआ था। अभियुक्त का कार्य परिवादी कम्पनी की ओर से आवश्यक एवं जरूरतमन्द लोगों को कम्पनी की ओर से ऋण वितिरत करना ववितरित ऋण को ऋणधारियों से मय ब्याज के बसूल <नाम> नियत समय <नाम> परिवादी कम्पनी में जमा करना था। अभियुक्त द्वारा कार्य के दौरान कम्पनी की एस.एफ.एवं एस.ई.जी. स्कीम में काफी ऋण वितरित किया लेकिन वितरित ऋण की बहुतसी धनराशि उसने ऋणधारियों से वसूल <नाम> स्वंय अपने उपयोग में ले ली तथापरिवादी कम्पनी में जमा नहीं की। वादी कम्पनी द्वारा अभियुक्त से जब बकायाधनराशि माँगी गई तो अभियुक्त ने कम्पनी के साथ छल करने की नियत से बीसलाख रूपये धनराशि का एक प्रोनोट दिनांक 08.06.2013 को जारी किया, जिसे (2)भुगतान <नाम> अभियुक्त के समक्ष प्रस्तुत करने <नाम> अनादृत हो गया। इस सम्बन्ध मेंपरिवादी कम्पनी ने अभियुक्त का नोटिस भी <नाम> जिसका अभियुक्त ने झूठे तथ्यों परजबाब भेजते हुए धमकी दी। ",
"परिवादी द्वारा अपने परिवादपत्र के समर्थन में स्वंय को धाना 200 द0प्र0सं0 एवं 202 दए0प्र0सं० के अन्तर्गत साक्षीगण <नाम> टण्डन एवं <नाम> चोपड़ा को परीक्षितकराया गया तथा दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत की गई । परिवादी की साक्ष्य के आधार <नाम> अभियुक्त <नाम> पाल <नाम> को न्यायालय द्वारा <नाम> 406, 420 भा0द०सं० के अपराध के लिए द्वारा समन न्यायालय में तलब कियागया। ",
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त निर्दोषहै, उसको इस प्रकरण में फर्जी <नाम> से नामित किया गया है जबकि अभियुक्त द्वाराउक्त अपराध कारित नहीं किया गया है। यह भी कथन किया गया कि प्रकरण परिवादपर आधारित है तथा अभियुक्त को द्वारा समन तलब किया गया है। वास्तविकता यह है कि अभियुक्त वादी कम्पनी में बतौर एजेन्ट नौकरी करता था तथा अभियुक्त कीतनख्वाह का काफी रूपया वादी कम्पनी <नाम> बकाया है। वादी द्वारा अभियुक्त कीतनख्वाह <नाम> देने के लिए झूंठा परिवादपत्र प्रस्तुत किया गया है। अभियुक्त द्वारा स्वंयन्यायालय में आत्मसमर्पण किया गया है तथा दिनांक 05.02.2020 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्र है, अत: जमानत <नाम> मुक्त किए जाने की प्रार्थना की गई । विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानत का विरोध किया गया। अभियोजन कथानक के अनुसार अभियुक्त के विरूद्द वादी कम्पनी में एजेन्टके <नाम> में कार्य करते हुए कम्पनी की ओर से वितरित किए गये ऋण की किश्तों कोऋणधारकों से प्राप्त <नाम> वादी कम्पनी में जमा <नाम> किए जाने तथा अपने इस्तेमाल में लेकर अमानत में खयानत किए जाने का आरोप है। उपलब्ध प्रपत्रों के अनुसार अभियुक्त के द्वारा परिवादी कम्पनी के पक्ष में प्रनोट <नाम> <नाम> बताया गया है, जबकि अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा बलपूर्वक तर्क <नाम> गया है कि प्रनोट के सम्बन्ध में प्रकरण ज्यादा से ज्यादा <नाम> 138 एन.आई.एक्टके अन्तर्गत आता है, अभियुक्त के द्वारा किसी भी व्यक्ति के साथ छल नहीं किया गया है बल्कि वादी कम्पनी द्वारा छलपूर्ण तरीके से अभियुक्त का वेतन नहीं <नाम> गयाहै एवं अभियुक्त स्वंय ही ठगी का शिकार हुआ है। "
],
"judge-opinion": [
" पत्रावली के अवलोकन से विदित हैकि प्रकरण परिवाद <नाम> आधारित है तथा अभियुक्त को द्वारा समन तलब किया गया हैएवं अभियुक्त द्वारा स्वंय न्यायालय में आत्मसपर्मण किया गया है। अभियुक्त दिनांक 05.02. 2020 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्द है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_955_202009-07-20201322 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थनापत्र प्रार्थी / अभियुक्त की मां व पैरोकार <नाम> देवीके शपथ पत्र से समर्थित है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैंकि वादी मुकदमा प्रभारी निरीक्षक <नाम> <नाम> द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचनारिपोर्ट इस आशय की पंजीकृत करायी गयी कि दिनाक 01.09.2019 को वहमय इहमराहियान देख रेख <नाम> व्यवस्था आदि में मामूर थे कि उसी दौरानमुखबिर की सूचना <नाम> दो व्यक्तियों को पकड़ने का प्रयास किया गया तोउन दोनों व्यक्तियों द्वारा पुलिस पार्टी <नाम> <नाम> से मारने की नीयत से अपनेअसलाओं से फायर किए गए। बचते बचाते एक व्यक्ति को गिरफूतार करलिया गया तथा एक व्यक्ति भागने में सफल रहा। नाम पता पूछते हुए जामातलाशी ली गयी तो उसने अपना नाम <नाम> बताया। जामा तलाशी मेंउसके कब्जे से एक पिस्टर व लूट के 8,400/- रूपए बरामद किए गए। भागने वाले व्यक्ति का नाम उसने धर्मेन्द्र उफ <नाम> बताया। अभियुक्त कोजुर्म से अवगत कराते हुए हिरासत पुलिस में लिया गया। फर्द मौके परतैयार की गयी। न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेत्र) / अपर सत्र न्यायाधीश,न्यायालय संख्या-03, आगरा!जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 955, 2020अजीत बनाम राज्यप्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहा गया हैकि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहीं कियाहै, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 02.09.2019 से जिला कारागार में निरूद्धहै । प्रश्नगत घटना में किसी भी पुलिस कर्मी के कोई चोट <नाम> दर्शित नहींकिया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से दर्ज करायी गयी है। प्रार्थी कोसह-अभियुक्त के कथन के आधार <नाम> मामले में अभियुक्त बनाया गया है। कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्यकोई जमानत प्रार्थना त्रप किसी अन्य न्यायालय में लम्बित नहीं है। उपरोक्तआधारों <नाम> प्रार्थी/ अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> कीगयी है। राज्य की ओर से विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानतप्रार्थना पत्र का विरोध किया गया। "
],
"judge-opinion": [
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनाक 01.09.2019 की समय 21:35 बजे की है। प्रार्थी <नाम> पुलिसपार्टी <नाम> <नाम> से मारने की नीयत से फायरिंग करने का आरोप है। अभियोजन की ओर से प्रश्नगत घटना में चोटिल किसी भी पुलिस कर्मी कीकोई चिकित्सीय परीक्षण आख्या प्रस्तुत नहीं की गयी है तथा प्रश्नगत घटनामें किसी भी पुलिस कर्मी के चोटिल <नाम> होने के तथ्य को स्वीकार किया गयाहै। <नाम> अभियुक्त <नाम> की जमानत पूर्व में दिनांक 12.02.2020 को स्वीकारहो चुकी है। प्रार्थी/ अभियुक्त दिनाक 02.09.2019 से न्यायिक अभिरक्षा में है। मामले में आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया जा चुका है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_1522_202010-08-2020454 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"समर्थन में निहाल <नाम> का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"2- संक्षेप में अभियोजन कथानक यह है कि वादीया मुकदमा <नाम> सुधाजयंत द्वारा इस आशय की तहरीर थाना एत्माद्दौला <नाम> दी गयी कि 09.07.2020 कोसमय करीब 12.00 बजे दोपहर में उसकी पुत्री आयु 16 वर्ष को घर में अकेला पाकरछोटू उर्फ करमवीर घुस आया और छेड़खानी करने लगा। उसकी पुत्री के शोर मचानेपर वह भाग गया। उसकी पुत्री ने फोन <नाम> यह बात मुझे बतायी। इससे पहले भीवह उसकी पुत्री के साथ छेड़छाड़ <नाम> चुका है। ",
"3- जमानत प्रार्थनापत्र व संलग्न शपथपत्र में कहा गया है किआवेदक /» अभियुक्त निर्दोष है। पीड़िता आवेदक के सगे चाचा की लड़की है औरआवेदक तथा पीड़िता एक ही प्लाट मे अपने-अपने हिस्से की जमीन <नाम> मकानबनाकर रह रहे है। जमीन को लेकर विगत दो वर्षो से विवाद चला आ रहा है,जिसमें पीड़िता के माता-पिता आवेदक को कुछ रूपये देकर मकान खाली करवानाचाहते है और उसके हिस्से की जमीन को कब्जाना चाहते हैं। आवेदक / अभियुक्त काकोई आपराधिक इतिहास नहीं है। यह अभियुक्त का प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है,अन्य कोई प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय तथा माननीय उच्च न्यायालय में लंबित नहींहै। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रदान करने की <नाम> की गयी है। ",
"5- अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता ने अपने तर्क में उन्हीं तथ्यों कोदोहराया हैं जो जमानत प्रार्थनापत्र में कहे गये हैं। ",
"विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) की ओर सेजमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए यह तर्क प्रस्तुत किया गया किअभियुक्त द्वारा नाबालिग पीड़िता के घर में घुसकर उसके साथ छेड़छाड़ की गयी Bail Application/5146 /2020 -UP State Vs. Chotu @karamveer 2है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र खारिज किये जाने की <नाम> की । "
],
"judge-opinion": [
"4- प्रार्थी/, अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एंव सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौ0) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा प्रथम सूचना रिपोर्ट, केसडायरी, पीड़िता के <नाम> 161 दं0प्रए0सं० के बयान व <नाम> पत्रावली का अवलोकनकिया। ",
"6- मैंने प्रथम सूचना रिपोर्ट, केस डायरी एवं पीड़िता के <नाम> 161दं0प्रणसं? के बयान का विधिवत अवलोकन किया। इस मामले में विवेचक द्वारा अभीतक पीड़िता के <नाम> 164 दं0प्रणएसं०? का बयान <नाम> नही कराया गया है तथा इसतथ्य को बहस के दौरान स्वयं सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता द्वारा स्वीकारकिया गया है। पीड़िता ने अपने <नाम> 161 दं0प्र0सं0 के बयान में मात्र इतना कहा हैकि आवेदक / अभियुक्त छोटू उर्फ करमवीर उसके घर में घुस आया तथा छेड़खानीकरके भाग गया। पीडिता ने बयान में यह स्पष्ट नहीं किया है कि वास्तव मेंआवेदक / अभियुक्त ने उसके साथ किस प्रकार से छेड़खानी की। इस समय पीड़िताकी आयु प्रथम सूचना रिपोर्ट में 16 वर्ष लिखी गयी है। अभियुक्त के एक माह सेजेल में होने के बावजूद भी विवेचक द्वारा पीड़िता का कलमबद्दध बयान <नाम> 164दं0प्रएसं) के अंतर्गत नहीं कराया गया है। अतः पीड़िता के 161 दं0प्र0सं0 में कियेगये कथन से एवं प्रथम सूचना रिपोर्ट के अवलोकन से प्रथम दृष्टया मामला छेड़छाड़का ही प्रतीत होता है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 10.07.2020 एक माह से जिलाकारागार में निरूद्ध है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_2828_201930-05-20193473 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसके साथ अभियुक्त केभाई /पैरोकार आमिर <नाम> का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा <नाम> <नाम> थाना रकावगंज, जिला <नाम> ने दिनांक 13.01.2019 को 23-22 बजे थाना <नाम> जुबानीप्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि गैंग लीडर मौहम्मद आरिफ व हनीफइस गैंग का सकिय सदस्य है। यह लोग संगठित गैंग बनाकर अपने तथा अपने गैंग केसदस्यों के आर्थिक <नाम> एवं जीविकोपार्जन <नाम> थाना <नाम> व आसपास के थाना क्षेत्रों में हथियार से लैस होकर लूटपाट जैसे जघन्य अपराध को अन्जाम देकर अवैध धन अर्जित करते हैं। उपरोक्त गैंगलीडर एवं गैंग के सदस्य भा0द0वि0 के अध्याय 16 व 17 के अंतर्गतअपराध घटित <नाम> समाज विरोधी कियाकलापों में संलिप्त हैं तथा समाज में भय व आतंकका माहौल पैदा करते हैं। इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्न मुकदमे पंजीकृत हैं। इनकेविरूद्ध <नाम> 2/3 उप्र0गिरोह बन्द एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम1986 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत कराया गया है। ",
"अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्रमें अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है कि प्रार्थी/अभियुक्त निर्दोष है,उसने उक्त अधिनियम के अतर्गत कोई अपराध नहीं किया है। गैंगचार्ट में उस <नाम> जो मामले दर्शाये गये हैं, उनमें उसकी जमानत स्वीकार हो चुकी है। आवेदक / अभियुक्त काकोई आपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी/अभियुक्त कारागार में निरूद्ध है। अतः उसेजमानत <नाम> <नाम> किया जाय। ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र काविरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह सकिय सक्रिय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट: <नाम> सेअनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसके विरूद्ध (1) अ.सं.378/18 धारा-392, 411भा.द.स. थाना-रकावगज, <नाम> (2) अ.सं.957/18 धारा-392, 411 भा.द.स. थाना-सदर 2 बाजार, <नाम> के मुकदमे लंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतःजमानत निरस्त किये जाने की प्रार्थना की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोकअभियोजनक को सुना गया तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यकपरिशीलन किया। गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल दो उपरोक्त मामले दर्शाये गये हैं, जिनमें अभियुक्त के विरूद्ध लूट करने का अभिकथन है। ",
"उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986की <नाम> 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है,तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसरनहीं <नाम> जाता और(ख) जहाँ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान होजाये कि यह विश्वास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं हैऔर यह कि जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। ",
"जहाँ <नाम> गैंगचार्ट में दर्शाये गये मामलों में अभियुक्त की जमानत स्वीकार होने का प्रश्न है, <नाम> वह उक्त सभी मामलों में दोषमुक्त नहीं हुआ है, उसकी केवल जमानतस्वीकार हुई है । प्रार्थी / अभियुक्त <नाम> अपने गैंग के साथियों के साथ मिलकर लूट करने केआरोप हैं । ",
"अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमों की संख्या, उनकी <नाम> एवं अभियुक्त के कब्जे से लूट से संबंधित बरामदगी के तथ्य व उक्त अधिनियम की धारा19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुये न्यायालय का यह समाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुये उसके अपराध करनेकी सम्भावना नहीं है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_2111_202115-03-20211133 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस जमानत प्रार्थना पत्र के साथआवेदक / अभियुक्त के द्वारा स्वयं का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"प्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> रख गया है किप्रार्थी / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस केस में झूंठा फॅ॑साया गयाहै । प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा विद्युत विभाग का शमन शुल्क जमा <नाम> <नाम> गया है। प्रार्थी / अभियुक्त न्यायिक अभिरक्षा में है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार कियाजाय । "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्युत विभाग की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। ",
"विद्युत विभाग के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कहा गया है कि प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा शमन शुल्क जमा कराया जा चुका है, आपत्ति नहीं है। ",
"प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्युत विभाग में जमा कराये गये शमन शुल्करसीद एवं विद्युत विभाग द्वारा शमन शुल्क जमा होने के संबंध में जारी पत्र की <नाम> दाखिल की गयी है। इस पत्र <नाम> विद्युत विभाग के विद्वान अधिवक्ता द्वारा सब्मिट कापृष्ठांकन किया गया है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_2222_202101-04-2021416 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के पैरोकार रामकुमार ने शपथ पत्रप्रस्तुत किया है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार वादी <नाम> द्वारा थाने <नाम> तहरीर इस आशयकी दी गई कि दिनोक 19.03.2001 को प्रार्थी अपने घर <नाम> सायं 8 बजे बैठा हुआ थाकि <नाम> ठाकुरदास, <नाम> पप्पन एक <नाम> होकर प्रार्थी के घर <नाम> आकर खुले आमकहने लगे कि साले भंगी तू यहाँ नहीं रहेगा। जब वादी ने कहा कि भंगी क्यों <नाम> रहेहो तो उपरोक्त लोगों वादी के घर में घुसकर मारने लगे। जब प्रार्थी के पुत्र <नाम> वराकेश उसे बचाने आए तो उन्हें भी लाठी डण्डों से मारने लगे। प्रार्थी व उसके पुत्रों केगंशीर चोटें आयीं हैं। शोरगुल सुनकर सन्तोष <नाम> आ गए, जिन्होंने प्रार्थी व प्रार्थी @)के पुत्रों को बचाया। विपक्षीगण जाते समय <नाम> से मारने की धमकी <नाम> गए। ",
"वादी की उक्त तहरीर <नाम> अभियुक्तगण उपरोक्त के विरूद्व थाना रकाबगंज,जिला <नाम> <नाम> मुएअ0सं0 82/2001 <नाम> 452, 323, 504, 506 भाएदएसं0 व३(1)% एस0सी०,/ एस0टी0 एक्ट में प्राथमिकी <नाम> की गई । ",
"प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त निर्दोष हैं एवं उसको इस प्रकरण में झूंठा नामित किया गया है। अभियुक्त द्वारा उक्तअपराध कारित नहीं किया गया है। प्रार्थी/अभियुक्त पूर्व जमानत <नाम> था, लेकिनअत्यन्त बीमार हो जाने तथा उसके बड़े <नाम> <नाम> <नाम> भतीजे <नाम> उफ॑ मन्नू का देहान्त हो जाने के <नाम> प्रार्थी न्यायालय में उपस्थित नहीं हो सका। प्रार्थी दिनाक 14.03.2021 से जिला कारागार में निरूद्ध है। अतः प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत पररिहा किए जाने की प्रार्थना की गयी । ",
"विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी द्वारा जमानत प्रार्थना पत्रका विरोध करते हुए कथन किया गया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त द्वारा अपनी जमानत कादुरूपयोग किया गया है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> कीगयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,फौजदारी के तरको को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। ",
"पत्रावली के अवलोकन से यह दर्शित होता है कि प्रार्थी / अभियुक्त पूर्व जमानतपर था, परन्लु नियत तिथियों <नाम> न्यायालय में उपस्थित <नाम> आने के <नाम> न्यायालयद्वारा उसके विरूद्ध गैर जमानतीय अधिपत्र व <नाम> 82 व 83 द0प्रएसं0 की आदेशिकांएजारी की गर्यीं। प्रार्थी की ओर से कथन किया गया है कि अत्यन्त बीमार हो जाने तथाउसके बड़े <नाम> <नाम> <नाम> भतीजे <नाम> उफ सन्नू का देहान्त हो जाने के <नाम> प्रार्थी न्यायालय में उपस्थित नहीं हो सका। प्रार्थी वारण्ट <नाम> गिरफूतार होकर दिनाक14.03.2021 से न्यायिक अभिरक्षा में है। मामले में अभियुक्त के विरूद्ध आरोप विरचितकिया जा चुका है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_487_202004-03-2020284 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पन्न प्रार्थी /अभियुक्त की माता व पैरोकारश्रीमती जहुरन के शपथ पत्र से समर्थित है। संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादिया सुरभिशर्मा ने थाना सिकन्दरा <नाम> इस आशय की तहरीर प्रेषित की कि वह मोटरसाईकिल एजेन्सी में रिसेप्शन के पद <नाम> जाब करती है। दिनांक 18.04.2016को सांय करीब 07:00 बजे अपनी ड्यूटी समाप्त करके अपने घर जा रही थीजैसे ही कारगिल पेट्रोल पम्प से पैदेल जा रही थी कि पीछे-पीछे दो लड़केआये, देखने सें उन <नाम> शक था कि कहीं उसके साथ घटना <नाम> <नाम> दें, वह Bail Application/3144/2020 -UP State Vs. Salman Khan 2 घर आने वाली सड़क <नाम> मुड़ी तो उन दोनों लड़को ने उसका रास्ता रोककर धमका <नाम> <नाम> छिनना शुरू <नाम> <नाम> उसके साथ हाथापायी की औरउसे धक्का देकर नीचे <नाम> <नाम> और वह दोनों <नाम> छीनकर भाग गये। घटना सांय करीब 07:55 बजे की है। <नाम> में एक छाता, पर्स सुनहरे रंग काजिसमें 1100/-रूपये थे जिसमें 500 के दो नोट तथा एक सौ का नोट था। ",
"<नाम> में उसका स्टील का लंच बाक्स एक मोबाइल फोन था। ",
"प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को सामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 17.02.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी पूर्व जमानत <नाम> था। एक्सीडेन्ट हो जाने के <नाम> वहन्यायालय में उपस्थित नहीं हो सका और न्यायालय द्वारा उसके विरूद्धवारण्ट निर्गत <नाम> दिए गए। उसने जानबूझकर कोई गलती नहीं की है। ",
"प्रार्थी का वारण्ट <नाम> यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीननहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी /अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किएजाने की <नाम> की गयी है। ",
"विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत का विरोध करते हुएकथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा जमानत का दुरूपयोग किया गया है। वह विगत काफी समय से अनुपस्थित चल रहा था। उपरोक्त आधघारों परजमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान अभियोजनअधिकारी को सुना तथा पत्रावली का सम्यक परिशीलन किया गया। ",
"पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि प्रार्थी न्यायालय के आदेश दिनोकित 27.05.2016 के द्वारा प्रस्तुत प्रकरण में जमानत <नाम> था। प्रार्थी हारा कथन किया गया है कि वह एक्सीडेन्ट हो जाने के कारणर््यायालय में उपस्थित नहीं हो सका। प्रार्थी द्वारा कथन किया गया है किउसने जानबूझकर कोई गलती नहीं की है तथा भविष्य में वह पुनः ऐसीगलती नहीं करेगा। प्रार्थी का उक्त कथन शपथपत्र से समर्थित है। प्रार्थीलगभग 15 <नाम> से जिला कारागार में निरूद्ध है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_1184_202027-07-2020868 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"समर्थन में <नाम> पुत्र <नाम> <नाम> का शपथपत्रप्रस्तुत किया गया। अभियुक्त न्यायिक अभिरक्षा में है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैं कि वादीमुकदमा रामवीर <नाम> के द्वारा दिनांक 23.06.2020 को समय 12.56 बजे प्रथम सूचनारिपोर्ट यह कथन करते हुए दर्ज कराई गई कि- दिनांक 21.06.2020 को करीब शाम05.00 बजे उसका पुत्र शांतनु राशन डीलर वीरेन्द्र <नाम> के यहाँ राशन लेने गया था। पुरानी रंजिश को लेकर राशन डीलर के पुत्र <नाम> <नाम> चन्द्रशेखर ने उसके पुत्र केसाथ गाली-गलौज करते हुए मारपीट की। तमंचा लेकर दौड़े। <नाम> बचाकर घरपहुँचने <नाम> फिर से चन्द्रशेखर, रविन्द्र <नाम> शिवेन्द्र 10-12 लोगों के साथ घर <नाम> आगये। आते ही मॉ बहिन की गाली देते हुए उसके पुत्र को <नाम> से मारने की नीयतसे बन्दूक से फायर किया। उसक पुत्र ने दीवाल के सहारे छिप <नाम> बचाई। ",
"प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता ने यह <नाम> प्रस्तुत कियाहै कि प््रार्थी/अभियुक्त निर्दोष हैं, उसे झूठा फसाया गया है, उसने कोई अपराधकारित नहीं किया है। यह भी <नाम> प्रस्तुत किया गया कि आग्नेयास्त्र की कोई भीचोट वादी के पुत्र के ऊपर नहीं है। <नाम> ही अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास है । अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किये जाने के आधार पर्याप्त हैं। अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गई है । ",
"अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक शासकीय अधिवक्ता फौजदारीने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध किया और <नाम> प्रस्तुत किया कि <नाम> से मारने कीनीयत से फायर किया गया। संयोग था कि बच गया। <नाम> 307 भा०द0सं0 का Bail Application/4644/2020 -Ravindra Singh Vs. UP State 2 अपराध बनता है। जमानत का कोई आधार नहीं है। जमानत प्ररार्थनापत्र निरस्त कियेजाने की प्रार्थना की गई है। "
],
"judge-opinion": [
"प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान जिला शासकीयअधिवक्ता फौजदारी के तर्को को सुना एवं केस डायरी का अवलोकन किया। ",
"केस डायरी के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि केस डायरी के साथकोई भी आघात प्रतिवेदन आख्या सलंग्न नहीं है। जिससे कि यह स्पष्ट हो सके किवास्तव में कोई चोट वादी पक्ष के आई हो। स्वतंत्र <नाम> हरपाल <नाम> ने <नाम> 161द(०सं0 के बयान में कहा है कि झगडा हो गया था। एक-दूसरे को गाली-गलौजकरते हुए मारपीट <नाम> रहे थे। शान्त करवा <नाम> गया था। जब राशन डीलर का पुत्रपवन <नाम> थाने में रिपोर्ट लिखाने की कहकर गाव से फतेहपुरसीकरी चला गयाथा। उसके पीछे से रामवीर भी थाना फतेहपुरसीकरी चला गया था। करीब एक घन्टेबाद चन्द्रशेखर गाली-गलौज करता हुआ रामवीर सिह के घर पहुँचा और तमंचा सेफायर <नाम> दिया। चीख पुकार होने <नाम> चन्द्रशेखर वहाँ से भाग गया था। रामवीर नेभी अपने बयान में चन्द्रशेखर द्वारा बन्दूक से फायर किये जाने की बात कही है। इसीप्रकार <नाम> <नाम> द्वारा भी शंतुन के साथ मारपीट करने, गाली-गलौज करने कीबात कही है। फिर उसके घर आने <नाम> चन्द्रशेखर, रविन्द्र तथा 7-8 अन्य लोगउसके घर <नाम> आ गये और आते ही मॉ बहिन की गालियाँ देते हुए उसके लडकेशान्तुन को <नाम> से मारने की नीयत से चन्द्रशेखर द्वारा तंमचे से फायर करने कीबात कही है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_941_202122-02-20212082 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जो <नाम> अनुसार निस्तारण <नाम> स्थानांतरण द्वारा इसन्यायालय को प्राप्त हुआ है। ",
"इस प्रार्थना पत्र के साथ आवेदिका /अभियुक्ता के <नाम> बलवीर <नाम> काशपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें कहा गया है कि यह उसका प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्चन्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी <नाम> द्वारा इसआशय की तहरीर थाना खेरागढ, <नाम> <नाम> दी गयी कि दिनांक 29.01.2021 को समय 07.00 बजे उसके पडौसी पॉचो पत्नी <नाम> <नाम> पत्नी <नाम> भरन, श्यामकला पत्नी कप्तान,वली की पत्नी उसके घर <नाम> आये। पहले बच्चों से विवाद हो गया, घर <नाम> उसकी मम्मीऔर उसके पापा थे। मम्मी <नाम> <नाम> पापा वासुदेवी को आकर गाली-गलौज करने लगे। ",
"उसकी मम्मी ने मने किया तो चारों ने मारपीट <नाम> दी। झगडा देखकर मौके <नाम> <नाम> पत्नीपोकन और गिरजा पुत्री <नाम> <नाम> पुत्री <नाम> आ गये। जिन्होंने इन चारों से पिटताहुआ बचाया। फिर यह लोग धमकी देते हुए भाग गये। कुछ देर <नाम> उसकी मम्मी बेहोश हो गयी। उनको अस्पताल ले जाने को तैयार हुए तो तब <नाम> उनकी मृत्यु हो गई। उसकेबाद 112 नं० <नाम> सूचना दी कि हमारे साथ झगडा हो गया है। उसके <नाम> रात को पुलिसआई। उसकी मम्मी का पंचानामा भरा गया था और शव को <नाम> भिजवा <नाम> था। Bail Application/2059 /2021 -Vishan Devi Vs. UP State 2वादी की Ga तहरीर के आधार <नाम> मु0अ0सं0 16 /2021 अर्न्तगत धारा323,504,506,304 भा०दं०सं० थाना खेरागढ, <नाम> <नाम> अभियुक्तगण पॉचो, सुनी, श्यामकलाबुआ व वली की पत्नी के विरूद्ध पंजीकृत हआ। आवेदिका / अभियुकता के विद्धान अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत किया गया कि घटनादिनांक 29.01.2024 को <नाम> 19.00 बजे की बताई गई है जबकि प्रथम सूचना रिपोर्ट20 घंटे देरी से दिनांक 30.01.2024 को समय करीब 14.30 बजे दंर्ज कराई गई। यह भीतर्क प्रस्तुत किया गया कि आवेदिका / अभियुकता के जेठ श्यामवरन को वादी व उसकाभाई योजनाबद्ध तरीके से <नाम> हरियाणा ले गये और वहाँ उसे मारकर उसकी लाशको ठिकाने लगा दिया। जिसके सबंध में थाना सदर <नाम> प्रार्थनापत्र दिया। उसकी रिपोर्ट दर्ज <नाम> <नाम> आवेदिका के <नाम> व ससुर के कुछ कोरे कागजों <नाम> हस्ताक्षर <नाम> लिये। थानेसे भगा दिया। एस.एस.पी. <नाम> को प्रार्थनापत्र <नाम> व न्यायालय में <नाम> 156(3)द0प्र0सं0 के अर्न्तगत प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किया, जिसकी जानकारी होने <नाम> वादी द्वारा दबावबनाने के लिए झूठे मुकदमें में फसाने की धमकी दी। Tel की माँ 70 वर्षीय बुद्ध महिलाथी जिसकी हार्ट अटैक से मृत्यु हुई है। आवेदिका / अभियुक्ता के द्वारा कोई अपराध कारित नहीं किया है। पुलिस से साठ गाठ करके मुकदमा लिखाया गया है। आवेदिका»& अभियुक्ता दिनांक 02.02.2021 से जिला कारागार में निरूद्ध है। आवेदिका / अभियुक्ता कीओर से जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की। ",
"विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) की ओर से जमानतप्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि बच्चों के विवाद <नाम> आवेदिका / अभियुक्ता अन्य <नाम> अभियुक्तगण के साथ वादी के घर <नाम> इकट्ठाहोकर आयी और गाली-गलौज व मारपीट की। <नाम> करने <नाम> मारापीटा। वादी की माँ केचोट आई और इलाक के दौरान वादी की माँ की मृत्यु हो गई। अतः जमानत प्रार्थना पत्रखारिज किये जाने की <नाम> की । "
],
"judge-opinion": [
"पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि आवेदिका /अभियुक्ता काजमानत प्रार्थनापत्र विद्वान मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, <नाम> द्वारा दिनांक 02.02.2024 को निरस्त किया गया है। ",
"आवेदिका / अभियुक्ता के विद्वान अधिवक्ता एंव सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौ0) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। प्रस्तुत प्रकरण में मृतिका <नाम> <नाम> को अभियुक्तस विश्न <नाम> व उसकेसाथियों द्वारा मारपीट, गाली-गलौज व <नाम> से मारने की धमकी <नाम> <नाम> कहा गया है। तत्पश्चात उसकी मृत्यु हो गई है। प्रकरण में विवेचना प्रचलित है। दौरान विवेचना विवेचक द्वारा वादी <नाम> के बयान अर्न्तगत <नाम> 161 दं0प्र/सं) <नाम> किये गये। वादीराजेश द्वारा अपने बयान में कहा गया है कि दिनांक 29.01.2024 को समय 07.00 बजेउसके पडोसी के द्वारा जो झगडा किया गया था। उनके सही नाम उसने जानकारी की वेश्रीमती पाँचो पत्नी <नाम> <नाम> <नाम> पत्नी <नाम> भरन, <नाम> श्यामकला पत्नी कप्तानव <नाम> विश्न <नाम> पत्नी वली उर्फ बलवीर उसके घर <नाम> आये। कुछ <नाम> पहले बच्चोंसे विवाद हो गया था। जब घर <नाम> उसकी मम्मी और उसके पापा थे। इन्होंने उसकी मम्मनी <नाम> <नाम> पापा वासुदेवी से आकर गाली-गलौज करने लगे। उसकी मम्मी ने <नाम> किया तो चारों ने मारपीट <नाम> दी। झगडा देखकर मौके <नाम> <नाम> पत्नी पोकन और गिरजा Bail Application/2059 /2021 -Vishan Devi Vs. UP State 3पुत्री <नाम> <नाम> पुत्री <नाम> आ गयी। जिन्होंने उसकी माँ को बचाया। फिर ये लोगधमकी देते हुए भाग गये। कुछ देर <नाम> उसकी मम्मी बेहोश हो गयी। उनको अस्पताल लेजाने को तैयार हुए तो तब <नाम> उनकी मृत्यु हो गई। झगडे की सूचना उसने 112 नं0 परसूचना दी मौके <नाम> पुलिस ने आकर पंचायतनामा की कार्यवाही की। केस डायरी केअवलोकन से स्पष्ट है कि मृतिका की मृत्यु घटना के <नाम> हुई है और प्रकरण में विवेचनाअभी प्रचलित है। मामला गम्भीर <नाम> का है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_1567_202102-03-20211653 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थनापत्र के समर्थन में अभियुक्त की मां/पैरोकार श्रीमतीप्रेमवती ने शपथ पत्र प्रस्तुत किया है । ",
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी मुकदमा मनोजकुमार ने थाना ताजगंज <नाम> दिनाक 04.10.2020 को इस आशय की तहरीर दी किदिनांक 28.09.2020 को ऑटो नं0 यूपी.80 ई.टी. 9046 खंदौली से दो सवारी बैठा कररमाडा होटल फतेहाबाद रोड के लिए आ रहा था कि रास्ते में रिंग रोड <नाम> वह ऑटोको किनारे खड़ा करके पेशाब करने चला गया, तभी उसके ऑटो में बैठे सवार बिनाउसके पूछे ऑटो को लेकर चले गये। उसने इस संबंध में सूचना अपने <नाम> को दीऔर <नाम> आये और हम लोगों ने मोटर साइकिल से इधर उधार तलाश कियालेकिन ऑटो नहीं मिला। दो तीन <नाम> तलाश करता रहा लेकिन उसके ऑटो काकोई पता नहीं चल सका। ",
"वादी मुकदमा की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना ताजगंज <नाम> अज्ञातके विरूद्ध मु0अ0सं0 750, 2020 अंतर्गत <नाम> 379 भा0द0सं0 पंजीकृत हुआ । Bail Application/ 2900/2021 -Sanjeet Vs. UP State 2 अभियुक्त व अन्य के पकड़े जाने <नाम> <नाम> में <नाम> 411 भा0द0सं0 की बढोत्तरी कीगयी । ",
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र/ शपथपत्र मेंकथन किया गया कि आवेदक/अभियुक्त ने कोई अपराध कारित नहीं किया है। उसे झूंठा फंसाया गया है। आवेदक / अभियुक्त से चोरी का कोई वाहन बरामदनहीं हुआ है और <नाम> ही अभियुक्त मौके <नाम> पकड़ा गया है और <नाम> ही उसे किसी नेचोरी करते <नाम> है। चोरी की घटना व बरामदगी का कोई जनसाक्षी नहीं है। वास्तविकता यह है कि उसका टैम्पो के किराये को लेकर झगड़ा हो गया थाइसलिए ठेकदार ने उसे झूंठा फंसा <नाम> है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 02.02.2021 से जिला कारागार में निरूद्ध है। आवेदक / अभियुक्त का कोई आपराधिकइतिहास भी नहीं है। आवेदक/अभियुक्त का उक्त अपराध में न्यायालय में यहप्रथम जमानत प््रार्थनापत्र है, इसके अलावा आवेदक / अभियुक्त का किसी अन्यन्यायालय में कोई जमानत प््रार्थनापत्र विचाराधीन नहीं है। इन्हीं आधारों परजमानत स्वीकार किये जाने की <नाम> की गयी। ",
"अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,(फौजदारी) द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध किया गया है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता(फौजदारी) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा केस डायरी काअवलोकन किया। ",
"प्रशम सूचना रिपोर्ट के अनुसार घटना दिनांक 28.09.2020 की बतायी गयीहै, जबकि थाने <नाम> चिक प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक 04.0.2020 को समय 13.21बजे दर्ज करायी गयी है और घटना स्थल से थाने की दूरी मात्र पांच किलो मीटरअंकित है किन्तु 6 <नाम> विलम्ब का कोई स्पष्टीकरण नहीं <नाम> गया है। प्रथमसूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज करायी गयी है। कथित चोरी गये ऑटो की बरामदगीसंयुक्त <नाम> से दिखाई गयी। चोरी व बरामदगी का कोई जनसाक्षी नहीं हैं। पुलिस द्वारा अभियुक्त का तीन मुकदमों का आपराधिक इतिहास बताया गया हैकिन्तु अभियोजन द्वारा ऐसा कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है कि अभियुक्तको किसी मामले में दोषसिद्ध किया गया है अथवा नहीं। अभियुक्त की ओरसे यह भी कथन किया गया है कि पुलिस द्वारा उसे झूंठा फंसाया गया है जिसकेसंबंध में उसकी ओर से शपथपत्र भी प्रस्तुत किया गया है। अभियुक्त इस प्रकरण Bail Application/2300/2021 —-Sanjeet Vs. UP State 3में दिनांक 02.02.2021 से जिला कारागार में निरूद्ध है। प्रकरण मजिस्ट्रेटन्यायालय द्वारा विचारणीय है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_7237_201917-12-2019264 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसके साथ गुडडी <नाम> पत्नी बनवारीलालका शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा प्रभारी निरीक्षक <नाम> <नाम> <नाम> थाना जी.आर.पी.कैण्ट जिला <नाम> द्वारा दिनांक 23.11.19 को समय 21.30 बजे जुबानी प्रथम सूचनारिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि अभियुक्तगण <नाम> उर्फ सत्तो,राजकुमार राठौर, <नाम> नाई,सर्वेश राठौर, जीतू राठौर, व बॉबी बाल्मीकि के द्वारा एक सुसंगठित गिरोह बना लिया गया है, जिसकागैगलीडर <नाम> उर्फ सत्तो है जो अपने साथियों के साथ मिलकर ट्रेनो में यात्रियों के सामान को चोरीकरने के अभ्यस्थ अपराधी है। ",
"अभियुक्तगण द्वारा भा.द.वि. के अध्याय 17 में वर्णित दण्डनीय अपराध कारित किया गयाहै। ",
"आम <नाम> में <नाम> भय व आतंक व्याप्त है। इनके विरूद्ध <नाम> का कोई व्यक्ति गवाही देने को तैयार नही होता। इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्न मुकदमे पंजीकृत हैं। इनके विरूद्ध <नाम> 2/3उ0प्र)गिरोह बन्द एवं समाज विरोधी कियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृतकराया गया है। ",
"अभियुकतगण की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र में तथाप्रस्तुत तर्क में कहा गया है कि प्रार्थी / अभियुक्त को उपरोक्त मुकदमें में झूँठा फंसाया गया है दि0 13.10. 2019 को थाना जी.आर.पी.कैण्ट पुलिस द्वारा कथित मोबाईल की बरामदगी दर्शाते हुए दिनॉक- 23.11. 2019 को गैगचाट में <नाम> अभियोगो के आधार मानकर अभियुक्त <नाम> राठौर व सर्वेश राठौर केविरूद्ध गैगस्टर एक्ट के अर्न्तगत अभियोग पंजीकृत कराया है। गैग चार्ट में दर्शित मुकदमों में उनकीजमानत हो चुकी है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में दर्शाये गये अभियोग गैगस्टर एक्ट की <नाम> में नही आते है। अभियुक्तगणों का कोई भी पूर्व आपराधिक इतिहास नहीं है। उनका कोई भय व आतंक व्याप्त नही है नवह किसी गैग के सकिय सदस्य एवं गैगलीडर है और <नाम> उनके द्वारा कोई अवैध सम्पत्ति अर्जित की गयीहै। उनका यह प्रथम जमानत प्राथनापत्र है अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में लम्बित नहीं है। अभियुक्तगण दिनॉक-08.12.2019 से न्यायिक अभिरक्षा में है और वर्तमान मे जिला कारागार में निरूद्धहै। अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करतेहुए कहा है कि अभियुक्तगण आदतन अपराधी है। अभियुक्तगण का संगठित गैंग है, जिसका वह सकिय सदस्य है। अभियुकतगण के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट, <नाम> से अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है, जिसमेंउसके विरूद्ध अ.सं. 395 / 19 धारा-380, 411 भा.द.सं. थाना-जी.आर.पी.कैण्ट जिला आगरा। अ.सं. 401 /19 धारा-380, 411 भा.द.सं. थाना-जी.आर.पी.कैण्ट जिला आगरा। ",
"))(3) 3.4. 410/19 धारा-380, 411 भा.द.सं. थाना-जी.आर.पी.कैण्ट जिला आगरा। <नाम> अं. 481 /19 धारा-401 भा.द.सं. थाना-जी.आर.पी.कैण्ट जिला <नाम> । सवेश राठौर(5) अ.सं. 482 / 19 धारा-414 भा-द.सं. थाना-जी.आर.पी.कैण्ट जिला आगरा। ",
"6) अ.सं. 488 / 19 धारा-414 भा.द.सं. थाना-जी.आर.पी.कैण्ट जिला आगरा। ",
"के मुकदमे लंबित हैं। अभियुक्तगण का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अत: जमानत निरस्त किये जाने कीप्रार्थना की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोकअभियोजक को सुना तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यक परिशीलन किया। ",
"गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्तगण के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल छः उपरोक्त मामलेदर्शाये गये हैं, जिनमें अभियुक्त के विरूद्ध गैंग बनाकर ट्रेनो में यात्रियों के सामान को चोरी करने केअभ्यस्थ अपराधी होने का अभिकथन है। ",
"उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी कियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986 की <नाम> 19(4)में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है, तो उसे तब <नाम> जमानत परनहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहीं <नाम> जाता और(ख) जहॉ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान हो जाये कि यहविश्वास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं है और यह कि जमानत पररहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। ",
"जहा <नाम> गैंगचार्ट में दर्शाये गये मामलों में अभियुक्तगण की जमानत स्वीकार होने का प्रश्न है, <नाम> वह उक्त मामलों में दोषमुक्त नहीं हुआ है, केवल उसका जमानत प्रार्थनापत्र स्वीकार हुए है। ",
"अभियुक्तगण के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमों की संख्या, उनकी <नाम> एवंअभियुक्तगण द्वारा गैग बनाकर ट्रेनो में यात्रियों के सामान को चोरी करने से संबंधित अपराधके तथ्य व उक्त अधिनियम की <नाम> 19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुये न्यायालय का यहसमाधान नहीं है कि अभियुक्तगण उक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुये उसकेअपराध करने की सम्भावना नहीं है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_6697_201919-12-2019173 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"दोनों व्यक्तियों ने उनका परिचयपूछने <नाम> अपना परिचय <नाम> <नाम> एवं <नाम> <नाम> बताया तथा अपने आपको <नाम> <नाम> राठौर की दवा दुकान का कर्मचारी होना बताया। तत्पश्चात् <नाम> <नाम> के कहने <नाम> <नाम> <नाम> ने अपनी जेब से गोदाम की चाबी निकालकर दोनों गोदामों के ताले खोलकर शटर उठाया तो दोनों ही गोदामों में भारी <नाम> में गत्ते के कड़बे रखे जाने पाये गये, जिनके बारे में पूछने <नाम> <नाम> <नाम> राठौर ने बताया किइन सभी गत्तों के डिब्बों में नशीली दवाइयां <नाम> हैं तथा वह उनका अवैध कय विकय करता है। तत्पश्चात् निवारक दल एवं गवाहन तथा वादी द्वारा अपनी अपनीजामातलाशी <नाम> <नाम> राठौर को दी एवं <नाम> ने सुनिश्चित किया कि दल केपास कोई अवैध मादक पदार्थ नहीं है। तत्पश्चात् निवारक दल के सहयोग से गवाहों के समक्ष गोदाम में मौजूद प्रत्येक गत्ते को खोला गया एवं उनके अन्दर <नाम> दवाइयोंका निरीक्षण किया गया एवं यह पाये जाने <नाम> कि सभी गत्तों में मनःप्रभावी दवाइयां हैं, जिनके कय-विकय का <नाम> <नाम> राठौर कोई संतोषजनक जवाब एवं वैध प्रपत्र 2नहीं दिखा सके। जिससे यह सुनिश्चित हुआ कि समस्त दवाइयां अवैध <नाम> से संग्रहीत होकर, जब्ती <नाम> हैं। प्रत्येक डिब्बे के अन्दर मौजूद दवाइयों का निरीक्ष्ज्ञणकरते हुए पृथक <नाम> से विवरण तैयार किया गया। मौके <नाम> बरामद दवाइयां, जो 135गत्तों में <नाम> थी, को गिनने <नाम> उनको ज्यों का त्यों जूट के बोरों में उसी कमानुसारचिन्हित <नाम> सिलकर चिटबंद <नाम> सर्व मुहरकिया गया। अभियुक्त <नाम> <नाम> राठौरद्वारा अवैध मनःप्रभावी दवाइयों की तस्करी का अपराध स्वीकार किये जाने <नाम> उसेदिनांक 22.10.2019 को 01.00 बजे <नाम> गिरफ्तार किया गया। ",
"आवेदक / अभियुक्त का कथन है कि उसने कोई अपराध नहीं किया है। उसेझूठा फंसाया गया है। आवेदक /अभियुक्त को दिनांक 19.10.2019 से अवैध अभिरक्षा में रखा गया तथा दिनांक 22.10.2019 को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। आवेदक / अभियुक्त के विरूद्ध गलत तरीके से कार्यवाही की गयी है। कथितबरामदगी का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं लिया गया है, जब कि घटनास्थल व्यस्ततमस्थल है। प्राथमिकी के अनुसार कथित <नाम> को केन्द्रीय वस्तु एवं <नाम> <नाम> आयुक्तालय <नाम> प्लेस, <नाम> लाया गया। इस प्रकार स्पष्ट है कि <नाम> को मौकेपर सील नहीं किया गया। आवेदक / अभियुक्त मै0 वैष्णो मेडिकल स्टोर के नाम सेदवाइयों का व्यापार करता है तथा उसके पास दवाइयों का वैध लाइसैँस है। ",
"वादी द्वारा अपने प्राईवेट स्थान <नाम> बिठाकर जबरदस्ती दस्तखत <नाम> लिये गये तथाक्या लिखापढ़ी की गयी, यह नहीं बताया गया। उसके द्वारा जुर्म स्वीकार नहीं कियागया है। <नाम> 50 एन0डी0पी0एस० के प्रावधान का अनुपालन नहीं किया गया है। आवेदक / अभियुक्त की ओर से जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की। ",
"विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) की ओर से जमानतप्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए यह <नाम> प्रस्तुत किया गया कि आवेदक / अभियुक्तके गोदाम से 135 गत्तो के बॉक्स में अवैध <नाम> से प्रतिबन्धित दवाइयां बरामद कीगयी हैं। अभियुक्त द्वारा उक्त दवाइयों को अपना होने से इंकार नहीं किया गया है। अभियुक्त के कब्जे से अत्यधिक <नाम> में प्रतिबन्धित दवाइयां बरामद की गयी हैं। ",
"यदि आवेदक / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> गया तो उसके पुनः अपराध में संलिप्त होने की <नाम> है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र खारिज किये जाने की <नाम> की । "
],
"judge-opinion": [
"आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एंव सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौ0) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा प्रपत्रों का अवलोकन कियागया । ",
"आवेदक / अभियुक्त के दो गोदाम से अवैध <नाम> से प्रतिबन्धित दवाइयां81528 Buprenorhine, 73900 Pentazocine, 760737Alprazolam, 608000 Tramodol Tab 100 mg. 185856Tramadol tablet 50 mg, 19725 Diazepam, 11400 3Nitrazepam Tab, 20000 Zopidem, कुल 17,65,146, जो 135गत्ते के बॉक्स में थीं, दिनांक 20.10.2019 को बरामद होना कहा गया है। कथितबरामद <नाम> की अत्यधिक <नाम> के दृष्टिगत उसके जब्तीकरण एवं सील करने कीकार्यवाही में समय लगना स्वाभाविक है। उक्त प्रतिबन्धित दवाइयां केन्द्रीयनारकोटिक्स ब्यूरो द्वारा बरामद की गयी हैं तथा उनकी जब्ती की कार्यवाही, केन्द्रीयवस्तु एवं सेवाकर कार्यालय, <नाम> प्लेस <नाम> में विभाग द्वारा ही की गयी है। <नाम> 37 एन0डी0पी0एस० अधिनियम के अन्तगत यह अवधारित करने <नाम> पर्याप्त आधारनहीं हैं कि आवेदक / अभियुक्त के जमानत <नाम> <नाम> होने <नाम> वह पुनः अपराध मेंसंलिप्त नहीं होगा। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_4550_202007-01-20213946 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"समर्थन में <नाम> <नाम> पुत्र <नाम> सनेहीराम का शपथपत्र प्रस्तुत किया गयाहै। ",
"जमानत प्रार्थनापत्र एवं उसके साथ प्रस्तुत शपथपत्र में अभियुक्त का कथन है किउसे झूठा नामित <नाम> <नाम> गया है जबकि वह निर्दोष एवं निरपराध है, उसने कोई अपराधकारित नहीं किया है। आवेदक »/ अभियुक्त दिनांक 23.12.2020 से जिला कारागार <नाम> मेंfrog = । ",
"प्रथम सूचना रिपोर्ट के आधार <नाम> संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है किवादी मुकदमा रिहान <नाम> द्वारा दिनोक 30.01.2016 को थाने <नाम> तहरीर इस आशय कीदी गयी कि वह दिनांक 30.01.2016 को समय लगभग <नाम> 9:00 बजे देवेन्द्र कमलामेडिकल स्टोर खंदारी ने उसे फोन <नाम> सूचना दी कि तुम्हारे वालिद सलीम को मास्टरप्लान रोड <नाम> <नाम> हॉस्पीटल के पास दो मोटरसाइकिल सवार लड़कों ने गोली मार दी है उन्हें एस0एन0 इमरजेंसी में ले गये हैं जल्दी अस्पताल पहुँचों इस <नाम> वह तुरंत हॉस्पीटल पहुँचा जहां उसके पिताजी का इलाज चल रहा था डाक्टर से अच्छा इलाजकराने के लिए जी0जी0 हॉस्पीटल लाये जहां से पुष्पांजलि हॉस्पीटल भेजा गया जहांउनकी मृत्यु हो गयी। थाना सेउता जिला <नाम> में स्कूल एवं स्कूल की जमीन के विवाद को लेकर सेउता गांव के गुरफान, नोमान, कदीर रज्जाक, शफीक, से विवाद व मुकदमेबाजी चल रही थी। जब उसके पिताजी गांव जाते तो वे समझौते का दबाव बनातेथे। बीस <नाम> पूर्व उपरोक्त लोग उसके पुश्तैनी घर <नाम> आये और पिताजी <नाम> समझौतेका दबाव बनाने लगे और कहा समझौता <नाम> लो वरना <नाम> से मार देंगे। Bail Application/11546/2020 - Samir Ali @Guddu Vs. UP Stateअभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता के द्वारा यह तर्क प्रस्तुत किया गया किप्रार्थी / अभियुक्त निर्दोष एवं निरअपराध हैं। वास्तविकता यह है कि उपरोक्त केस में दिनांक21.12.2020 की <नाम> वास्ते साक्ष्य नियत थी। उक्त दिनांक <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त न्यायालयआया था। बीमार हो जाने के <नाम> पुकार के समय प्रार्थी “अभियुक्त दवा लेने चला गया जिस <नाम> न्यायालय के समक्ष उपस्थित नहीं हो सका। जिस <नाम> प्रार्थी “अभियुक्त के fase AR TAM वारंट का आदेश हो गया। प्रार्थी / अभियुक्त ने जानबूझकर कोई गलतीनहीं की है। प्रार्थी / अभियुक्त भविष्य में प्रत्येक नियत तिथियों <नाम> माननीय न्यायालय के समक्षउपस्थित आता रहेगा। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एंव राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (दाण्डिक) को सुना तथा पत्रावली का परिशीलन किया। ",
"प्रपत्रों के अवलावेकन से स्पष्ट होता है कि अभियुक्त दिनांक 23.12.2020 से गैरजमानी वारंट <नाम> गिरफतार होकर न्यायिक अभिरक्षा में है। अभियुक्त की जमानत पूर्व मेंमाननीय उच्च न्यायालय द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_612_202127-01-20213218 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के साथ प्रार्थी/अभियुक्त का स्वयं काशपथ पत्र दाखिल किया गया है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा <नाम> चन्दशंखवार अवर अभियन्ता, विद्युत विभाग, जिला <नाम> द्वारा थाना डौकी,आगरा <नाम> इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी कि दिनांक 14.08.2013 को दौरान चैकिंग अभियुक्त <नाम> <नाम> एल.टी.लाइन <नाम> कटियाडालकर घर में अवैध <नाम> से विद्युत का उपयोग <नाम> चोरी करते हुए पायागया। इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज की गयी। ",
"्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> रख गया हैकि प्रार्थी / अभियुक्त को केस में झूंठा फंसा <नाम> गया है। उसने विद्युत चोरीनहीं की है, वह निर्दोष है। प्रार्थी/अभियुक्त के विरूद्ध कोई मामला नहींबनता है। प्रार्थी/अभियुक्त क द्वारा विद्युत विभाग का सम्पूर्ण बकाया जमाकर <नाम> गया है। प्रार्थी/ अभियुक्त न्यायिक अभिरक्षा में है। अतः जमानतप्रार्थना पत्र स्वीकार किया जाय। "
],
"judge-opinion": [
" (2)उभय पक्षों के विद्धान अधिवक्तागण के तर्को को सुना तथापत्रावली का अवलोकन किया। ",
"विद्युत विभाग क विद्वान अधिवक्ता द्वारा कहा गया है कि प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा शमन शुल्क जमा कराया जा चुका है। ",
"्रार्थी/अभियुक्त की ओर से विद्युत विभाग की रसीदसंख्या-ए-496646 दिनांकित 08.11.2013 अंकन 4000/- रूपये बाबत शमनशुल्क व रसीद संख्या-ए-496647 दिनांकित 08.11.2013 अंकन1746/- रूपये दाखिल की गयी है। इस संबंध में कार्यालय अधिशासीअभियन्ता विद्युत वितरण खण्ड, सिकन्दरा, जिला <नाम> क द्वारा थानाध्यक्षडौकी जनपद <नाम> को एक पत्र इस आशय का प्रेषित किया गया है किउपभोक्ता द्वारा शमन शुल्क जमा <नाम> <नाम> है । अतः विद्युत चोरी में लिखायेगये अभियोग को शून्य करने का कष्ट करें। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_7246_201912-12-2019642 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के पेरोकार <नाम> <नाम> ने शपथपत्रप्रस्तुत किया है जिसमें वर्णित है कि यह अभियुक्त का प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। कोई अन्य जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय एवं माननीय उच्च न्यायालय मेंलम्बित नहीं है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार दिनांक 07.12.2019 को <नाम> निरीक्षक पूनारामआहके द्वारा अपने अन्य साथी कर्मचारीगण के साथ चैकिंग के दौरान एक गाड़ी ट्रकनं० आर.जे. 41 जी.ए. 7112 जो कि सैण्ट स्टोन से भरा हुआ था, को चैक करने केलिए रोकने का प्रयास किया गया तो वह नहीं रूका तथा नैनाना जाट में सैण्ट स्टोन पटिया की मण्डी एवं दुकान के अन्दर चला गया। दुकान के अन्दर उक्त ट्रक केचालक से ई.टी.पी. माँगा जा रहा था तभी चालक के चिल्लाने <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> व श्रीभगवान आदि लोग आ गये और उन लोगों को <नाम> से मारने की नीयत से उनपर हमला <नाम> <नाम> तथा गाड़ी के पीछे का शीशा तोड़ लिया। वह लोग हमलावरों को सामने आने <नाम> पहचान सकते है। हमलावरों द्वारा सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न की (2) गईं जिससे आम <नाम> अस्त व्यस्त हो गया तथा नेशनल हाइवे अवरूद्द हो गया। वादी द्वारा अभियुक्तगण <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> भगवान, ट्रक चालक आर.जे. 11 जी.ए. 7194 एवं अज्ञात के विरूद्र थाना सदर बाजार <नाम> मु0अ0सं0 955 / 2019धारा 147, 332, 353, 307, 42 भा0द0एसं० एवं <नाम> 31(ए) किमिनल लॉअमेण्डमेन्ट एक्ट में प्राथमिकी <नाम> कराई गई)अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त निर्दोष है। उसको इस मामले में झूठाँ फँसाया गया है, उसके द्वारा उक्त अपराध कारित नहींकिया गया है। यह भी कथन किया गया कि अभियुक्त को मौके <नाम> गिरफ्तार नहींकिया गया है। प्राथमिकी के अनुसार उक्त घटना में किसी भी व्यक्ति के कोईचोट <नाम> दर्शित नहीं है तथा कथित घटना का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं बताया गया है। अभियुकत दिनांक 08.12.2019 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्द है, अत:जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की प्रार्थना की गई । ",
"विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानत का विरोध किया गया किन्तुइस तथ्य को स्वीकार किया गया कि उक्त घटना में वादी एवं किसी भी अन्य व्यक्तिके कोई चोट नहीं आई है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार अभियुक्त के विरूद्द अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर, सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करते हुए, वादी एवं उसके साथीकर्मचारीगण को <नाम> से मारने के आशय से उन <नाम> हमला किए जाने का आरोप है। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक के तर्कों को सुना तथा उपलब्ध केस डायरी का अवलोकन किया । उपलब्ध साक्ष्य के अनुसार अभियुक्त को मौके <नाम> गिरफ्तार नहीं किया गया है,तथा प्राथमिकी एवं केस डायरी में उपलब्ध साक्ष्य के अनुसार उक्त घटना में किसी भीव्यक्ति के कोई चोट नहीं आई है। कथित घटना का कोई स्वतन््त्र <नाम> नहीं बताया गया है तथा अभियुक्त दिनांक 08.12.2019 से जिला कारागार, <नाम> में free =। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_295_202030-01-20201608 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसकेसाथ <नाम> का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा <नाम> <नाम> प्रभारी निरीक्षक थाना एत्मादपुर, जिला <नाम> ने दिनांक 01.01.2020 को 23-19 बजे थानापर जुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि थाना <नाम> में ज्ञात हुआकि गैंग लीडर <नाम> <नाम> का एक सुसंगठित आपराधिक गैंग है। उसके गैंग के सदस्यराहुल, <नाम> <नाम> राठौर हैं। <नाम> <नाम> इस गैंग का लीड़र है, जो गैंग का संचालनकरता है। यह गैंग थाना <नाम> व आस पास के <नाम> में लूट /चोरी जैसे जघन्य अपराध करजनता में भय एवं आतंक व्याप्त <नाम> अपने व अपने साथियों के लिये अनुचित आर्थिक वभौतिक <नाम> प्राप्त करने के लिये भा.द.वि. के अध्याय 16, 17 व 22 में वर्णित अपराध कारितकरते हैं व समाज विरोधी करियाकलापों में संलिप्त हैं। इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्नमुकदमे पंजीकृत हैं, इनके विरूद्ध <नाम> 2/3 उ0प्र०गिरोह बन्द एवं समाज विरोधीक्रियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत कराया गया है। ",
"आवेदक /अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है कि आवेदक / अभियुक्तने कोई अपराध नहीं किया है। आवेदक / अभियुक्त का कोई गिरोह नहीं है और ना ही वहकिसी गिरोह का सदस्य है, उसका समाज में कोई भय एवं आतंक व्याप्त नहीं है। गैंगचार्ट में उस <नाम> जो मामला दर्शाया गया हैं, उसमें उसकी जमानत स्वीकार हो चुकी है। आवेदक / अभियुक्त को द्वारा वारण्ट तलब किया गया है। अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> कियाजाय । ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र काविरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह सक्रिय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट: <नाम> सेअनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसके विरूद्ध अ.सं.316/19 धारा-392, 506, 411 2भा.द.स. थाना-एत्मादपुर, जिला <नाम> का मुकदमा लंबित हैं। अभियुक्त का अपराधगम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्त किये जाने की प्रार्थना की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोकअभियोजनक को सुना गया तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यकपरिशीलन किया। गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल एक उपरोक्तमामले दर्शाये गये हैं, जिनमें अभियुक्त के विरूद्ध लूट करने का अभिकथन है। उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986की <नाम> 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है,तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसरनहीं <नाम> जाता और(ख) जहाँ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान होजाये कि यह विश्वास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं हैऔर यह कि जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। जहाँ <नाम> गैंगचार्ट में दर्शाये गये मामले में अभियुक्त की जमानत स्वीकार होने का प्रश्न है, <नाम> वह उक्त मामलें में दोषमुक्त नहीं हुआ है, उसकी केवल जमानत स्वीकारहुई है। अपराध संख्या-316/19 में लूटी गयी लोंग दौरान विवेचना पुलिस के द्वारा वर्तमानआवेदक /अभियुक्त की दाहिनी जेब से बरामद होना दर्शाया गया है। ",
"आवेदक / अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाया गया मुकदमा, उसकी प्रकृतिएवं अभियुक्त के कब्जे से लूट से संबंधित बरामदगी के तथ्य व उक्त अधिनियम की धारा19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुये न्यायालय का यह समाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुये उसके अपराध करनेकी सम्भावना नहीं है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_767_202024-07-2020898 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प््रार्थी/अभियुक्त के रिश्तेदार व पैरोकारसुनील वाल्मीक के शपथ पत्र से समर्थित है। ",
"संक्षेप में परिवादी के कथनानुसार परिवादी वीरेन्द्र <नाम> दिनांक 14.05.2013 समय करीब 10:00 बजे <नाम> अपनी दुकान <नाम> बैठा था तभी विपक्षीविकास नशे की हालत में परिवादी की दुकान <नाम> आया और गुटखा, कोल्डड़िक,सिगरेट आदि खरीद <नाम> <नाम> पैसे दिये दुकान से चल दिया। जब परिवादी नेसामान के पैसे मांगे तो विपक्षी वादी मुकदमा को मां बहिन की भददी भददीगालियां देने लगा और मारपीट <नाम> उतारू हो गया तथा <नाम> से मारने की धमकीदेने लगा। थोडी देर <नाम> विपक्षी <नाम> अपने साथ अन्य विपक्षीयण को लाठी डंडासे लैस होकर ले आया तथा घर का दरवाजा धकेल <नाम> अंदर घुस आये तथा मांबहिन की भददी भददी गालियां देते हुए मारपीट शुरू <नाम> दी तथा गल्ले में से750/ -रूपये निकालकर ले गये। ",
"परिवादी के परिवाद पत्र के आधार <नाम> न्यायालय के आदेश दिनांकित 4.7.2013 के द्वारा अभियुक्तगण <नाम> <नाम> <नाम> छोटे, दीपू तथासुनीता को <नाम> 492,452,323,506 भा०द॑0सं0 में तलब किया गया। ",
"प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहा गया है कि प्रार्थी/अभियुक्त को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराधनहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 05.03.2020 से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। प्रार्थी का कोई अपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी का यह प्रथम (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेत्न) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 767 / 2020विकास बनाम राज्यजमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय मेंविचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> रिहाकिए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत का विरोध करते हुएकथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा वादी मुकदमा के घर में घुसकर वादी मुकदमा को मां बहिन की भददी भददी गालियां देकर लाठी डंडों से मारा पीटातथा दुकान में रखे 750/-रूपये गल्ले से निकाल लिए तथा गुटका, सिगरेट केपैकेट कोल्डड़िक व अन्य खाने पीने के सामान बटोरकर ले गये। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान अभियोजनअधिकारी को सुना गया तथा अभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। ",
"पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि प्रार्थी / अभियुक्तपर यह अभियोग है कि उसने अन्य अभियुक्तगणों के साथ मिलकर वादी मुकदमाके घर में घुसकर मारपीट की एवं लूटपाट किया है। प्रार्थी/अभियुक्त परिवाद मेंतलब किया गया है। प्रार्थी/अभियुक्त दिनांक 05.03.2020 से जिला कारागारआगरा में निरूद्व है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_2951_201929-06-20192725 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त के पिता व पैरोकार पंचमसिंह के शपथ पत्र से समर्थित है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा हरेन्द्रकुमार द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की पंजीकृत करायी गयीकि दिनांक 10.02.2019 को सुबह 6:00 बजे अपने ऑफिस जो कि नौझीलबडझ्ाना के लिए निकला था। भगवान टाकीज पार करके बस के लिए स्टैण्डपर खड़ा था 15-20 मिनट उसने बस का इन्तजार किया उसी दौरान एकइनोवा गाड़ी जो कि बिल्कुल नयी थी व जिसमें बैठ गया। जिसमें पहले सेउपस्थित चालक और यात्रियों ने उसे नशीला पदार्थ खिला दिया/सुघादिया, जिससे उसे बेहोशी सी छा गयी और वो उसके पास रखे 1750 रूप्येउसकी सोने की चैन, उसका डेविड कार्ड आदि चुराकर , लेकर और उसेनोयडा एक्सप्रेस से 4 कि0मी0 पहले छोड़कर भाग गये। <नाम> में उसे ज्ञातहुआ कि उसके ए0टी0एम0 से 40,000,/- रूपया निकाल लिया। इस संबंधमें प्राथमिकी दर्ज की गयी। ",
"विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा वादीमुकदमा को नशीला पदार्थ खिलाकर उसके साथ चोरी की गयी है औरप्रार्थ /“ अभियुक्त से चोरी का <नाम> बरामद हुआ है। उपरोक्त आधारों परजमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान वरिष्ठअभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गया तथा अभियोजन प्रपत्रोंका सम्यक परिशीलन किया गया । (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्रक्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 2951 / 2019मुकेश बनाम राज्यप्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी ,/ अभियुक्त से कोई वस्तु बरामद नहीं हुई है। सह अभियुक्त के इशारे <नाम> झूठा चालान किया है। प्रथम सूचना रिपोर्टविलम्ब से दर्ज करायी गयी है। <नाम> को oe was साक्ष्य नहीं है। प्रार्थी // अभियुक्त दिनांक 18.02.2019 से जिला कारागार में निरूद्ध है। प्रार्थीका यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसीभी न्यायालय एवं माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्तआधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> कीगयी है। ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनाक 10.02.2019 की 08:20 बजे की बतायी गयी है। प्रार्थी परवादी मुकदमा को नशीला पदार्थ खिलाकर वादी की चैन व डेविड कार्ड,रूपये चोरी का आरोप लगाया गया है। केस डायरी के अनुसार दिनोक 17.02.2019 को 23:50 बजे पुलिस पार्टी द्वारा मुखबिर की सूचना <नाम> अन्य केसाथ अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया। अभियुक्त के कब्जे से एक मोबाइलसैमसंग, एक तमंचा व एक जीवित कारतूस 315 बोर एवं 25,400 /- रूपयेबरामद होना बताया गया है जिसमें से 4,000,/- प्रस्तुत घटना से संबंधितबताये गये हैं। प्रार्थी / अभियुक्त को मुखविर की सूचना <नाम> घटना के लगभग07 <नाम> <नाम> गिरफतार किया गया हैं और अभियुक्त के पास से 4 हजाररुपये की बरामदगी दर्शित की गई है। प्रार्थी लगभग 4 माह से जिलाकारागार में निरूद्ध है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_7520_201918-01-20202164 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी ,/ अभियुक्त के चचेरे <नाम> व पैरोकारदानिश के शपथ पत्र से समर्थित है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमानिरीक्षक <नाम> उदयवीर <नाम> के द्वारा संबंधित थाने <नाम> तहरीर इस आशय कीदी गयी कि दिनाक 14.05.2019 को वह मय हमराहियान थाना <नाम> में मामूरथे कि उसी दौरान मुखबिर की सूचना <नाम> छ: व्यक्तियों को गिरफ्तार कियागया। नाम पता पूछते हुए जामा तलाशी ली गयी तो एक ने अपना नाम साहिबे आलम SH eel TART । इसकी जामा तलाशी से एक तमंचा व दो जिन्दा कारतूस नाजायज <नाम> से बरामद हुए। तमंचा रखने का लाईसैंसतलब किया तो दिखाने में कासिर रहा। अभियुक्त को जुर्म से अवगत करातेहुए हिरासत पुलिस में लिया गया। फर्द मौके <नाम> तैयार की गयी। ",
"विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत का विरोध करते हुएकथन किया गया कि अभियुक्त को पुलिस पार्टी द्वारा गिरफ्तार किया गया है तथा उसके कब्जे से नाजायज तमंचा व कारतूस बरामद किए गए हैं। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> कीगयी । "
],
"judge-opinion": [
"प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> <नाम> गौड़ एवंविद्वान अभियोजन <नाम> को सुना गया तथा अभियोजन प्रपत्रों का सम्यकपरिशीलन किया गया। (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दाप्रकक्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 7520, 2019साहिबे आलम उर्फ Cee बनाम राज्यप्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 15.05.2019 से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। प्रार्थी से कोई बरामदगी नहीं है। प्रार्थी का अपराधिक इतिहासनहीं है। झूठी बरामदगी दर्शित की गयी है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी /अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामले में घटनादिनाक 14.05.2019 की 10:30 बजे की है। प्रार्थी <नाम> गिरफ्तारी के दौरान उसके कब्जे से नाजायज तमंचा व कारतूस बरामद होने का आरोप लगायागया है। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा फौजदारी प्रकीर्ण जमानत प्रार्थना पत्रसंख्या-54730 / 2019 में पारित आदेश दिनाीकित 10.12.2019 की wroteके अवलोकन से यह दर्शित होता है कि माननीय उच्च न्यायालय द्वारा प्रार्थीकी जमानत मुख्य अपराध में स्वीकार <नाम> ली गयी है। प्रार्थी इस प्रकरण मेंलगभग आठ माह से जिला कारागार में निरूद्ध है। मामले में आरोप पत्रन्यायालय में प्रेषित किया जा चुका है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_3487_202003-11-20201379 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थनापत्र के समर्थन में अभियुक्त के पैरोकार गयादीन पुत्र हरिविलास ने शपथ पत्र प्रस्तुत किया है । ",
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादिनी मुकदमा श्रीमतीराखी <नाम> ने थाना इरादतनगर, <नाम> <नाम> 19.10.2020 को इस आशय की तहरीर दीकि उसकी बाइक न॑0 यूपी.80 एफ.एल. 0627 घर क बरामदे में खड़ी थी। हम लोगखेत में <नाम> लगाने गये थे। <नाम> उर्फ लेखराज पुत्र ब्रहमचारी, निवासी माधोपुरा थानाधोली, राजस्थान वाहन को ले गया है। उन्होंने पूर्ण जांच पड़ताल <नाम> ली है। यहवाक्या दिनांक 18.10.2020 को समय करीब 12.00 बजे का है। उसे ले जाते हुए गांवके लाखन <नाम> पुत्र कप्तान एवं <नाम> <नाम> पुत्र गोकल <नाम> ने <नाम> है। ये लोगदुकान <नाम> सामान खरीद रहे थे तथा वह <नाम> <नाम> से जा रहा था। ",
"वादिनी मुकदमा की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना इरादतनगर परनैना उर्फ लेखराज के विरूद्ध मु0अ0सं0 1252020, अंतर्गत <नाम> 380, 411भा०द0सं0 पंजीकृत हुआ। 2Bail Application/9471/2020 —Ravi Vs. UP State 2अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र/ शपथपत्र मेंकथन किया गया है कि आवेदक / अभियुक्त निर्दोष है, उसने कोई अपराध कारितनहीं किया है तथा संबंधित थाने की पुलिस द्वारा उसे झूंठा फंसाया गया है। आवेदक / अभियुक्त के पास से कोई भी वस्तु चोरी की बरामद नहीं हुई है। अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है और <नाम> ही अभियुक्त को किसीने घटना कारित करते हुए <नाम> है तथा पुलिस ने अभियुक्त को घटना स्थल परगिरफूतार नहीं किया है। सत्यता यह है कि पुलिस ने अभियुक्त को <नाम> मास्क केपकड़ <नाम> थाने बैठा लिया था और उससे <नाम> हजार रूपये की अवैध मांग कीऔर <नाम> देने <नाम> उसे झूंठा फंसा <नाम> है। बरामदगी व गिरफ्तारी का <नाम> काकोई <नाम> नहीं है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 20.10.2020 से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। इन्हीं आधारों <नाम> जमानत स्वीकार किये जाने की <नाम> की गयी। ",
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र <नाम> तर्करखते हुए कहा गया कि प्रथम सूचना रिपोर्ट में अभियुक्त नामजद नहीं है। प्रथमसूचना रिपोर्ट में <नाम> उर्फ लेखराज को वादिनी की मोटर साइकिल चोरी करके लेजाना बताया गया है। अभियुक्त द्वारा मोटर साइकिल की कोई चोरी नहीं की गयीहै। पुलिस द्वारा वाहन की बरामदगी का कोई जनसाक्षी नहीं है। अभियुक्त कोबिना मास्क के पुलिस ने पकड़ लिया तथा पुलिस ने रूपयों की अवैध मांग कीतथा अभियुक्त द्वारा रूपया देने से इन्कार करने <नाम> उसे पुलिस द्वारा झूंठा बंदकर <नाम> गया। अपराध मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा विचारणीय है। जमानत स्वीकारकिये जाने की <नाम> की गयी। ",
"अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,(फौजदारी) द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध किया गया है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता(फौजदारी) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा केस डायरी काअवलोकन किया । ",
"केस डायरी के अवलोकन से विदित है कि प्रथम सूचना रिपोर्ट नैनाउफ लेखराज क विरूद्ध दर्ज करायी गयी है तथा उसी का नाम प्रथम सूचनारिपोर्ट में <नाम> है। अभियुक्त को किसी ने मोटर साइकिल चोरी करते नहीं देखाहै तथा तहरीर में गवाहान द्वारा <नाम> उर्फ लेखराज को ही मोटर साइकिल ले जाते हुए <नाम> गया है। घटना दिनांक 18.10.2020 को समय करीब 12 बजे की बताई Bail Application/9471/2020 -—Ravi Vs. UP State 3गयी है, जबकि प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक 19.10.2020 को 19.50 बजे दर्ज कीगयी है तथा विलम्ब का कोई संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं <नाम> गया है। आवेदक / अभियुक्त से तथाकथित मोटर साइकिल की बरामदगी <नाम> <नाम> सेभीड़भाड़ वाले स्थान की दिखायी गयी है किन्तु बरामदगी का कोई जन <नाम> नहींहै। अभियोजन द्वारा अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं बताया गया है। अभियुक्त की ओर से पुलिस द्वारा मास्क <नाम> पहने के <नाम> पकड़े जाने <नाम> रूपयोंकी मांग करने <नाम> तथा उसक द्वारा <नाम> दिये जाने <नाम> झूंटी बरामदगी दिखायाजाना बताया गया है तथा इस संबंध में उसके द्वारा शपथपत्र भी प्रस्तुत किया गयाहै । अभियुक्त इस प्रकरण में दिनांक 20.10.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है । प्रकरण मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा विचारणीय है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_3371_202023-10-20201593 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थनापत्र के समर्थन में अभियुक्त के पैरोकार अब्दुल शहीद नेशपथ पत्र प्रस्तुत किया है। ",
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 10.12.2019 कोउप निरीक्षक <नाम> <नाम> मय हमराह पुलिस कर्मचारीगण नई आर.टी.सी. बैरकपुलिस लाइन में आयोजित आरक्षी नागरिक पुलिस व आरक्षी पी.ए.सी. के पदों परसीर्धी भर्ती प्रकिया <नाम> 2018 में <नाम> व्यवस्था में मामूर था कि तभी आर.टी.सी.बैरक के बाहर आकर टी.सी.एस. के सिटी हैड़ <नाम> <नाम> द्वारा मुझ उपनिरीक्षकको बताया कि भर्ती में जो लाइन लगी है, उसमें नो व्यक्ति संदिग्ध हालत में अपनानाम, पता बदलकर कूटरचित दस्तावेज तैयार <नाम> परीक्षण में असली अभ्यर्थी की जगह असली अभ्यर्थी बनकर आये हैं। इस सूचना <नाम> मुझ उपनिरीक्षक द्वारा थाना सेपुलिस कर्मचारीगण को तलब किया गया। टी.सी.एस. के सिटी हैड <नाम> <नाम> कीनिशांदेही <नाम> आर.टी.सी. बैरक के सामने लगी लाइन से बताये गये नौ व्यक्तियों कोसमय करीब 18.15 बजे गिरफूतार किया गया, जिनके नाम, पता पूछे गये। पकड़े Bail Application/9266/2020 —Sonu Yadav Vs. UP State 2गये व्यक्तियों में से सातवें ने अपना नाम <नाम> <नाम> पुत्र <नाम> <नाम> बताया, जिसकेदाहिने हाथ में पकड़े एक पिनक कलर की पारदर्शी फाइल कवर से एक आधार कार्डनं<फ़ोन-नंबर> सोनू <नाम> पुत्र <नाम> चन्द निवासी ग्राम नगरा गजपति रायापोस्ट नगला गजपति अलीगंज, <नाम> व एक प्रवेश पत्र पुलिस आरक्षी भर्ती <नाम> वर्ष2018 रोल नं<फ़ोन-नंबर> व एक हाई स्कूल मार्कशीट वर्ष 2013, इण्टर मीडिएटमार्कशीट व सामान्य निवास प्रमाण पत्र, पिछडी जाति प्रमाण पत्र व चरित्र प्रमाण पत्रतेज <नाम> <नाम> इण्टर कॉलेज नगला सिमरा अलीगंज, <नाम> सीरियल नं0 5415बुक नं0 3 सीरियल नं0 45 सोनू <नाम> के प्राप्त हुए। पकड़े गये व्यक्ति ने बतायाकि उसने सोनू <नाम> के स्थान <नाम> लिखित <नाम> दी थी तथा आज वह डी.वी.पी.एस.टी. के लिए आया था और पकड़ा गया। पकड़े गये उपरोक्त सभी ने बताया कि हमलोग मूल अभ्यर्थियों के स्थान <नाम> पुलिस आरक्षी भर्ती 2018 का पूरा ठेका लेते हैं एवंमूल अभ्यर्थियों से उनके प्रमाण पत्र लेकर उन <नाम> हम लोग कूटरचना करके व धोखादेकर <नाम> में सम्मिलित होते हैं एवं प्रवेश पत्र <नाम> भी अपना फोटो लगाकर <नाम> मेंसम्मिलित हो जाते हैं। अभियुक्तगण को उनके जुर्म से अवगत कराकर हिरासत मेंलिया गया। गिरफूतारी मेमो तैयार किया गया। फर्द मौके <नाम> बिजली बल्बों की रोशनीमें मुझ उपनिरीक्षक द्वारा तैयार <नाम> फर्द को हमराहियान/गवाहान को पढ़वाकरगवाही के लिए हस्ताक्षर बनाये जा रहे हैं। ",
"वादी मुकदमा द्वारा फर्द गिरफूतारी एवं बरामदगी के आधार <नाम> दिनांक10.12.2019 को अभियुक्तगण <नाम> कृष्ण्कान्त, चित्र <नाम> गजेन्द्र <नाम> कृष्णवीर ,सतेन्द्र <नाम> <नाम> <नाम> रामचन्द ओझा, <नाम> <नाम> आशीष <नाम> <नाम> कोमलसिंह, <नाम> कृष्णवीर <नाम> <नाम> सोनू <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> के <नाम> <नाम> कादोस्त नाम, पता अज्ञात, रजनीश, गिरजेश उर्फ <नाम> व <नाम> क विरूद्ध अपराधसंख्या 683//2019, <नाम> 420, 467, 468, 471, 120बी भा०द0०सं०, थाना-शाहगंज,आगरा <नाम> पंजीकूत हुआ। अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्र्ार्थनापत्र/ शपथपत्र मेंकथन किया गया है कि आवेदक/ अभियुक्त निर्दोष है, उसने कोई अपराध कारितनहीं किया है तथा उसे झूंठा फंसाया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में <नाम> कथनमनगढन्त तथा बेबुनियाद हैं। अभियुक्त द्वारा ऐसा कोई अपराध कारित नहीं कियागया है। आवेदक / अभियुक्त से किसी प्रकार का कोई कूट रचित प्रपत्र नहीं मिलाऔर <नाम> ही उसे मौके <नाम> गिरफूतार किया गया है। अभियुक्त <नाम> <नाम> द्वारा कूटरचित दस्तावेज आवेदक / अभियुक्त के नाम से तैयार कराये गये होंगे। ",
"आवेदक / अभियुक्त को इसकी कोई जानकारी नहीं है। पुलिस द्वारा सह-अभियुक्त के 3Bail Application/9266/2020 —-Sonu Yadav Vs. UP State 3बताये अनुसार इस मामले में आवेदक/ अभियुक्त को अभियुक्त बनाया गया है। वास्तविकता यह है कि उपरोक्त <नाम> आवेदक/ अभियुक्त द्वारा दी गयी है औरउसमें अभियुक्त को फेल <नाम> <नाम> गया और वह डी.वी.पी.एस.टी. में सम्मिलितहोने गया ही नहीं है। जिस <नाम> <नाम> को पुलिस द्वारा गिरफूतार किया गया है,उसका आवेदक// अभियुक्त से कोई <नाम> देना नहीं है। आवेदक/ अभियुक्त केविरूद्ध कोई मामला नहीं बनता है। उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 16.10.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। आवेदक / अभियुक्त का यह प्रशम जमानत प््रार्थनापत्र है, इसके अलावाआवेदक / अभियुक्त का किसी अन्य न्यायालय में कोई जमानत प््रार्थनापत्रविचाराधीन नहीं है। इन्हीं आधारों <नाम> जमानत स्वीकार किये जाने की <नाम> कीगयी । ",
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र <नाम> तर्करखते हुए कहा गया कि अभियुक्त को संबंधित थाने की पुलिस द्वारा अपनेउच्चाधिकारियों को गुडवक दिखाने के लिए झूंठा फंसाया है। आवेदक / अभियुक्तने कोई फर्जी दस्तावेज तैयार नहीं किया और <नाम> ही फर्जी दस्तावेज को असल केरूप में प्रयोग करते हुए किसी के साथ कोई छल किया गया है। घटना का कोईजनसाक्षी नहीं है। आवेदक / अभियुक्त से किसी प्रकार की कोई बरामदगी भी नहींहुई है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 16.10.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है । जमानत स्वीकार किये जाने की <नाम> की गयी। ",
"अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,(फौजदारी) द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए <नाम> प्रस्तुत किया गया हैकि अभियुक्त ने अन्य अभियुक्तगण को पैसा देकर <नाम> में पास कराने का ठेका <नाम> था। आवेदक / अभियुक्त के कूटरचित दस्तावेजों के आधार <नाम> पुलिस भर्तीप्रकिया में उसके स्थान <नाम> अन्य अभ्यर्थी शामिल हुआ था, जिसको डीवीपीएसटीके दौरान पकड़ा गया है। अभियुक्त द्वारा कारित अपराध गम्भीर <नाम> का है। ",
"अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता(फौजदारी) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा संबंधित केस डायरीका अवलोकन किया। ",
"केस डायरी के अवलकोन से विदित है कि आवेदक / अभियुक्त ने Bail Application/9268/2020 —Sonu Yadav Vs. UP State 4षडयंत्र के तहत स्वयं के कूट रचित दस्तावेज तैयार कराकर तथा स्वयं के स्थानपर <नाम> <नाम> से आरक्षी नागरिक पुलिस भर्ती <नाम> 2018 दिलाये जाने काअभियोग है तथा <नाम> <नाम> पुत्र <नाम> <नाम> को वादी मुकदमा उपनिरीक्षकराजीव <नाम> को डीवीपीएसटी <नाम> के समय मौके <नाम> पकड़ा गया है तथासंजय <नाम> के पास से आवेदक/अभियुक्त क शैक्षणिक प्रमाण पत्र व अन्यदस्तावेज बरामद हुए हैं तथा उक्त <नाम> <नाम> ने यह भी स्वीकार किया है किउसने आरक्षी <नाम> आवेदक / अभियुक्त सोनू <नाम> के स्थान <नाम> लिखित परीक्षादी है तथा वह डीवीपीएसटी कराने आया था और पकड़ा गया है। मामले मेंविवेचना प्रचलित है। बायोमैट्रिक <नाम> में फेल होना बताया गया है। केस डायरीके अवलोकन से यह स्पष्ट है कि आवेदक/ अभियुक्त क शैक्षणिक प्रमाण पत्र,आधार कार्ड, प्रवेश पत्र, निवास प्रमाण पत्र आदि सह-अभियुक्त <नाम> <नाम> जोआवेदक / अभियुक्त के स्थान <नाम> <नाम> में बैठा था, उसके पास से बरामद हुए हैं तथा उसने यह स्वीकार किया है कि वे लोग ठेका लेकर आवेदक / अभियुक्त केस्थान <नाम> स्वयं <नाम> <नाम> रहा था। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_1150_202008-07-20201358 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त के सगे <नाम> <नाम> केशपथ पत्र से समर्थित है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमाउपनिरीक्षक <नाम> <नाम> द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय कीपंजीकृत करायी गयी कि आज दिनाक 02.05.2020 को वह मय हमराहियान लॉकर्डौउन की डयूटी में कोट, राजस्थान बॉर्डर <नाम> मौजूद था कि लगभग 25व्यक्ति कोर्ट बॉर्डर की तरफ से आए जो अपने हारों में डण्डा, सरिया आदिलिए हुए थे और <नाम> ही अपने चेहरे <नाम> मास्क लगाए हुए थे तथा <नाम> हीसामाजिक दूरी का पालन <नाम> रहे थे। बैरियर के पास आकर उत्तर प्रदेशराज्य की <नाम> में बलपूर्वक प्रवेश करने का प्रयास करने लगे। पुलिसकर्मचारीगण ने काफी समझाया लेकिन नहीं <नाम> और उत्तेजित होकर पुलिसवालों <नाम> सरकारी कार्य में व्यवधान पहुँचाते हुए पथराव करने लगे। पुलिस Bail Application/1150/2020 -UP State Vs. Ramvakil @ Vakil 2 कर्मचारीगण ने <नाम> का प्रयोग करते हुए भीड़ को खदेड़ा तो <नाम> से मारनेकी धमकी देते हुए भाग गए। ",
"्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात लोगों के विरूद्ध दर्जकरायी गयी है। प्रार्थी नामजद अभियुक्त नहीं है। घटना का कोई निष्पक्षगवाह नहीं है। प्रार्थी को मौके से गिरफूतार नहीं किया गया है। प्रथम सूचनारिपोर्ट में किसी को चुटैल होना दर्शित नहीं किया गया है तथा <नाम> ही <नाम> सेमारने की नीयत से हमला करना बताया गया है। सत्यता यह है कि प्रार्थीको पुलिस द्वारा प्रवासी मजदूरों को खाना खिलाते हुए राजस्थान <नाम> के 50मीटर की दूरी <नाम> बने मंदिर से चिड़कर गिरफूतार किया गया है तथा झूठाफंसाया गया है। प्रार्थी दिनांक 03.05.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्रकिसी अन्य न्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आघारों <नाम> प्रार्थी/अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने कीयाचना की गयी है। ",
"विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा अन्य केसाथ मिलकर द्वारा <नाम> से मारने की नीयत से पुलिस पार्टी <नाम> हमला कियागया है तथा सरकारी कार्य में व्यधान उत्पन्न किया गया है। उपरोक्त आधारोंपर जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान सहायकजिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) को सुना तथा अभियोजन प्रपत्रों कासम्यक परिशीलन किया गया। ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनाक 02.05.2020 की बतायी गयी है। प्रार्थी प्रथम सूचना रिपोर्ट मेंनामित नहीं है। प्रथम सूचना रिपोर्ट 20-25 अज्ञात व्यक्तियों के विरूद्ध दर्जकरायी गयी है। केस डायरी के अलोकन से यह दर्शित होता है कि प्रार्थी कानाम दौरान विवेचना <नाम> में आया है। अभियोजन की ओर से प्रश्नगतघटना में घायल हुए किसी भी चुटैल की कोई चिकित्सीय आख्या प्रस्तुत नहीं Bail Application/1150/2020 —-UP State Vs. Ramvakil @ Vakil 3की गयी है। प्रश्नगत घटना में किसी भी पुलिस कर्मी के चोटिल <नाम> होने केतथ्य को अभियोजन द्वारा स्वीकार किया गया है। प्रार्थी दो माह से अधिकसमय से जिला कारागार में निरूद्ध है। अभियोजन की ओर से प्रार्थी का कोईअपराधिक इतिहास प्रस्तुत नहीं किया गया है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_1387_202023-07-2020980 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी , अभियुक्त का पिता व पेरोकारलोकेन्द्र <नाम> के शपथ पत्र से समर्थित है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा गनपत द्वारादिनांक 25.05.2019 को थाने में इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्जकरायी कि वह दिनांक 25.05.2019 को बस लेकर <नाम> से पुष्कर जा रहाथा तो मिढाकुर के पास पंचवटी ढावा के पास एक ब्लैक कलर की कार जिसका नम्बर यू0पी0 82-5151 था आयी और उसमें से कुछ लोग उतरे औरहमसे कहने लगे कि मैं <नाम> <नाम> अपनी गाडी का टैक्स भर दो तो हमने6057 ,/-रूपये <नाम> दिये और उन्होंने हमको पर्ची <नाम> दी हम निकल गये औरराजस्थान बार्डर पहुँचे तो वहां आर0टी0ओ0०0 <नाम> मिल गये जब हमने पर्चीदिखायी तो उन्होंने कहा यह पर्ची फर्जी है और आर0टी0ओ0 <नाम> ने अपनी (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (द0प्र/क्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 1387 / 2020हरीओम <नाम> उर्फ भोली बनाम राज्यपर्ची काटकर हमको <नाम> दी और हम वहां से फिर वापस आये तो वे लोग वहांपर नहीं मिले वे लोग भाग गये। ",
"विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत का विरोध करतेहुए कथन किया गया कि अभियुक्त ने अन्य सह-अभियुक्तगण के साथमिलकर षडयन्त्र पूर्ण तरीके से कूटरचित प्रपत्र रोड टैक्स की पर्ची बनाकरड्राईवर से पैसा लिया गया है और राजस्व को हानि पहुंचायी गयी है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> कीगयी। "
],
"judge-opinion": [
"पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि प्रार्थी / अभियुक्तकी जमानत प्रार्थनापत्र प्रभारा अपर मुख्य न्यायिक मजिस्टेट न्यायालयसंख्या-1 <नाम> द्वारा दिनांक 14.07.2020 को निरस्त किया गया है। ",
"प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता विद्वान वरिष्ठ अभियोजनअधिकारी को सुना गया तथा पत्रावली का सम्यक परिशीलन किया गया। प्रार्थ / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी का उपरोक्त मामले की घटना से किसी तरहका कोई सम्बन्ध व सरोकार नहीं है। पुलिस ने <नाम> किसी सम्यक साक्ष्य केप्रार्थी को आरोपित किया है जबकि प्रार्थी के विरूद्द दौरान विवेचना किसी भीप्रकार का कोई मौखिक या दस्तावेजी साक्ष्य कथित घटना कारित करने कीबाबत नहीं पाया गया है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। अन्यकोई जमानत प्रार्थनापत्र माननीय उच्च न्यायालय अथवा किसी अन्यन्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत <नाम> <नाम> किएजाने की <नाम> की गई । ",
"पत्रावली के अवलोकन से विदित है कि प्रार्थी / अभियुक्त के विरूद्अन्य सह-अभियुक्तगण के साथ मिलकर फर्जी ए0आर0टी0ओ0 बनकरBER से रोड टैक्स के <नाम> में मु0 6057 ,/-रूपये लेकर फर्जी रसीदबनाकर देने का अभियोग है। अभियुक्त के इस कार्य से <नाम> को राजस्वकी क्षति पहुँचायी गयी है। अपराध गंभीर <नाम> का है। (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (द0प्र/्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_817_202004-07-20201401 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्ता की पेरोकार कु? <नाम> नेशपथपत्र प्रस्तुत किया है। अभियुक्ता के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्ता निर्दोष है उसको इस मुकदमें में झूठा फॅँसाया गया है। जबकि उसके द्वारा उक्तअपराध कारित नहीं किया गया है। यह भी कथन किया गया कि अभियुक्ता को परिवाद प्रकरण में <नाम> 323 भा०द0सं0 के अन्तर्गत द्वारा समन तलब किया गया थाजिसमें अभियुक्ता न्यायालय से जमानत <नाम> थी तथा लगातार न्यायालय में उपस्थितरहीं, तदुपरान्त अभियोजन साक्ष्य व <नाम> 313 द0प्रoसं0 की कार्यवाही पूर्ण होने केउपरान्त अभियुक्ता एवं अन्य <नाम> अभियुक्तगण के विरूद्व 216 द0प्र०सं० के तहतप्रार्थना पत्र प्रस्तुत किए जाने <नाम> अभियुक्ता को <नाम> 307/34 भा०द0सं0 के तहतआरोप विरचित किए जाने <नाम> तलब किया गया। अभियुक्ता द्वारा तलबी आदेश के विरूद्व माननीय उच्च न्यायालय में याचिका प्रस्तुत की गईं तथा वह नियत दिनांको <नाम> (2) सम्बन्धित न्यायालय में उपस्थित नहीं हो सकी जिस <नाम> सम्बन्धित न्यायालय द्वाराअभियुक्ता के विरूद्व गैर जमानती अधिपत्र जारी <नाम> <नाम> गया। अभियुक्ता द्वाराजानबूझकर न्यायालय के आदेश की अवहेलना नहीं की गई हैं। अभियुक्ता महिला हैतथा अब वह प्रत्येक नियत दिनांक <नाम> न्यायालय में उपस्थित रहेगीं। अभियुक्ता दिनांक 08.03.2020 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्व हैं, अतः जमानत <नाम> रिहाकिए जाने की प्रार्थना की गई। विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानत का विरोध किया गया। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक एवं अभियुक्ता के विद्वान अधिवक्ता को वर्चुअल न्यायालय के माध्यम से सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। ",
"पत्रावली के अवलोकन से विदित होता हैं कि आदेश दिनांकित 20.08.2019 द्वाराअभियुक्ता के विरूद्व <नाम> 307/34, 323/34 भा०द0सं0 का आरोप विरचित किएजाने <नाम> अभियुक्ता को तलब किया गया था किन्तु अभियुक्ता के लगातार अनुपस्थितरहने के <नाम> अभियुक्ता के विरूद्व अतिरिक्त आरोप विरचित नहीं किया जा सका है। अभियुक्ता द्वारा यह आधार लिया गया हैं कि उसके द्वारा तलबी आदेश के विरूद्व माननीय उच्च ऱ्यायालय में याचिका दाखिल की गई थी, उसके द्वारा जानबूझकर न्यायालय के आदेश की अवहेलना नहीं की गई हैं, अब वह प्रत्येक <नाम> <नाम> न्यायालय में उपलब्ध रहेगीं। अभियुक्ता दिनांक 08.03.2020 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्वहै । "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_785_202023-07-2020953 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस जमानत प्रार्थना पत्र के साथ आवेदक / अभियुक्त करतार सिंहकी पत्नी <नाम> का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें कहा गया हैकि यह उसका प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानतप्रार्थना पत्र किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहींहै। अभियोजन कथानक एवं प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार वादी मुकदमामान <नाम> सिकरदार ने थाना हाजा <नाम> इस आशय की तहरीर दी कि दिनांक17/18.11.2019 की रात को मेरे घर की ऊपरी मंजिल बने कमरे की कुण्डीसहित ताला उखाड़कर कमरे में रखा हुआ सामान चोरी हो गया है, जिसमें मेरा लड़का शिवनरेश रहता है, जो लगभग आठ साल से <नाम> में सपरिवार रह -2-रहा है, जो समय समय <नाम> आते जाते रहते हैं, मैने अपने लड़के को चोरी होनेकी जानकारी दी, फिर उसने बताया कि चेन एक मर्दानी सोने की, मंगलसूत्र-1 सोने का, माथा टीका, कानों के कुण्डल एक जोडी, कानों के बृजमाला,हाफ पेटी चॉदी-1, कान की झुमकी एक जोडी, पाजेब चॉदी की <नाम> जोड़ी,अंगूठी सात सोने की जिसकी कीमत लगभग एक लाख पच्चीस हजार हैं तथामेरे ही गॉव के अरून <नाम> पुत्र सुघड <नाम> द्वारा मुझे बताया गया कि मेरे घरपर ही चोरी हुई है जो सामान चोरी हुआ है , वह मेरे बडे <नाम> <नाम> <नाम> काहै, जो वर्तमान में बम्बई रहते हैं, उनको अवगत <नाम> <नाम> गया है, वह आयेंगेतभी अपने चोरी के सामान की जानकारी देंगे। ",
"उपरोक्त के आधार <नाम> दिनांक 18.11.2019 को अज्ञात अभियुक्त के विरूद्ध अपराध संख्या-306/2019 <नाम> धारा-457, 380 भा०द0सं0 का अभियोगथाना एत्मादपुर, <नाम> <नाम> पंजीकृत किया गया। दौरान विवेचना दिनांक09.01.2020 को पुलिस क द्वारा अभियुक्तगण को गिरफतार किया गया तथाउनसे हुई बरामदगी के आधार <नाम> इस मामले में <नाम> 411 भा0द0सं0 कीबढोत्तरी की गयी। ",
"आवेदकगण/ अभियुक्तगण की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र केसाथ संलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गयाहै कि आवेदकगण/अभियुक्तगण ने कोई अपराध नहीं किया है, उनको इसमामले में रंजिश के <नाम> झूंठा फॅसाया गया है। आवेदकगण/ अभियुक्तगणसे अवैध <नाम> बरामद नहीं हुआ है। इस घटना का कोई चक्षुदर्शी <नाम> नहीं हैऔर ना ही कोई स्वतन्त्र <नाम> बनाया गया है, वह प्रथम सूचना रिपोर्ट मेंनामजद नहीं है। आवेदकगण/ अभियुक्तगण दिनांक 10.01.2019 से कारागार में निरूद्ध है। अतः जमानत <नाम> छोडे जाने की <नाम> की गयी है। ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता नेजमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये कहा है किआवेदकगण/अभियुक्तगण ने <नाम> में वादी मुकदमा के घर सेसोने चाँदी के जेबरातों की चोरी की जो दिनांक 09.01.2020 को पकडे जानेपर उनसे चोरी का सामान बरामद हुआ है तथा आवेदकगण/ अभियुक्तगण नेउक्त चोरी किया <नाम> स्वीकार किया है। आवेदकगण/अभियुक्तगण काअपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जानेकी <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"आवेदकगण/ अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता व राज्य की ओर सेउपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना व उपलब्ध समस्त प्रपत्रों का अवलोकन किया। आवेदकगण/ अभियुक्तगण को चोरी करते हुये किसी क द्वारा नहींदेखा गया है। इस मामले की प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज करायी गयीहै। इस मामले की घटना दिनांक 17/18-11-2019 की दर्शायी गयी है,जबकि आवेदकगण/ अभियुक्तगण हरिओम, <नाम> रामहेत व करतार की कोदिनांक 09.01.2020 को गिरफ्तार किया गया है तथा उनसे जो बरामदगीदर्शायी गयी है, उस बरामदगी का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं है तथा जो मालआवेदकगण/ अभियुक्तगण से बरामद होना बताया गया है, उसकी कोईशिनाख्त भी नहीं करायी गयी है। डकेती के मामले मेंआवेदकगण/अभियुक्तगण की जमानत स्वीकार की जा चुकी है। आवेदकगण/ अभियुक्तगण दिनांक 10.01.2020 से जेल में है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_5435_201930-09-20193477 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थना पत्र केसाथ अभियुक्त की बहन नगवा <नाम> का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है,जिसमें कहा गया है कि यह उसका प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, इसकेअलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्चन्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ",
"अभियोजन कथानक एवं प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार वादिनी मुकदमाश्रीमती <नाम> <नाम> ने थाना <नाम> इस आशय की तहरीर दी कि आज सोशलपटल के विभिन्न प्रकल्पों में से एक फेसबुक <नाम> मुझे एक फैन्ड रिकेवस्ट आई,जिस <नाम> मैने अपनी छोटी बहिन गौस्स्या की तस्वीर देखी तथा साथ में ही ढेरसारी अश्लील तस्वीरें भी । अतः यह साफ प्रतीत होता है कि काई जानबूझकरमुझे फैण्ड रिकवेस्ट भेज <नाम> मेरा मानसिक उत्पीडन करना चाहता है, साथ हीमेरी छोटी बहिन की सामाजिक <नाम> को बदनाम करने की साजिश भी रच रहाहै तथा <नाम> में मेरे संज्ञान में आया कि हमारे एक-दो परिचितां को भी उक्तआई0डी0 से फैण्ड रिकवेस्ट भेजी गयी थी, जो अत्यन्त निन्दनीय कार्य है,मुझे यह देखकर बहुत ही मानसिक आघात पहुंचा है। ",
"उपरोक्त के आधार <नाम> दिनांक 06.09.2019 को अज्ञात अभियुक्त केविरूद्ध अपराध संख्या-256/2019 <नाम> धारा-66ई, 67 आई.टी.एक्ट काअभियोग थाना लोहामण्डी, <नाम> <नाम> पंजीकृत किया गया, जिसमें दौरानविवेचना <नाम> 420 भा0द0सं0 की बढोत्तरी की गयी। ",
"आवेदक / अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथसंलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है किआवेदक / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस मामले में झूंठाफॅसाया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज करायी गयी है, -2-आवेदक / अभियुक्त की आई.डी.इस्तेमाल नही हुई है। प्रार्थी/ अभियुक्त नामितनहीं है, पुलिस ने गलत <नाम> से उसे गिरफूतार किया है, उसकी वादिनीमुकदमा व उसके परिवार तथा उसकी छोटी बहिन गौस्स्या से कोई पूर्व कीजान पहचान अथवा घर परिवार में <नाम> <नाम> नहीं है तथा वह उनका पडौसीभी नहीं है, वह शादी शुदा परिवार वाला जिम्मेदार व्यक्ति है तथा भारतीय रेलपैन्टीकार में सुपरवाइजर के पद <नाम> कार्यरत है और ज्यादातर <नाम> से बाहर रहता है, एक दो <नाम> के लिये ही घर <नाम> <नाम> होता है, उसके मोबाइल <नाम> पीडिता गौस्सया की फैण्ड रिकवेस्ट आयी थी। उसका इस प्रकार के मुकदमेसे कोई सरोकार नहीं है। वह <नाम> पॉँच <नाम> पढा है तथा सूचना प्रोद्योगिकीके विषय में ज्यादा जानकारी नहीं रखता है। आवेदक/ अभियुक्त दिनांक07.09.2019 से कारागार में निरूद्ध है। अत: जमानत <नाम> छोडे जाने की याचनाकी गयी है। ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता नेजमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये कहा है कि आवेदक / अभियुक्त नेवादिनी मुकदमा को फेसबुक <नाम> फैन्ड रिकेवस्ट भेजी, जिस <नाम> उसकी छोटीबहिन गौस्स्या की तस्वीर तथा साथ में ही ढेर सारी अश्लील तस्वीरें भी । इनतस्वीरों को आवेदक/अभियुक्त द्वारा भेजा गया था। आवेदक / अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अत: जमानत प्रार्थना पत्रनिरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। ",
"इस मामले की प्रथम सूचना रिपोर्ट आज्ञात में दर्ज करायी गयी हैऔर यह कहा गया कि एक फेसबुक <नाम> फैन्ड रिकेवस्ट आयी जिस <नाम> मैनेअपनी बहिन गौस्स्या की तस्वीर देखी , जिसमें ढेर सारी अश्लील तस्वीरें थी,जिससे स्पष्ट है कि कोई मेरा मानसिक उत्पीड़न करना चाहता है तथा मेरीछोटी बहिन की सामाजिक <नाम> को बदनाम करने की साजिश रच रहा है। वादिनी ने अपना नाम <नाम> <नाम> बताया है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता व राज्य की ओर से उपस्थित विद्वानअपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना व उपलब्ध समस्त प्रपत्रोंका अवलोकन किया । ",
" आवेदक / अभियुक्त ने शपथपत्र के माध्यम से स्पष्ट <नाम> से कहा है कि उसका वादिनी या उसकी बहिन सेकोई <नाम> पहचान या <नाम> <नाम> या परिचय नहीं था, ना ही वह पड़ौसी हैवह कक्षा-5 <नाम> पढा है, सूचना प्रोद्योगिकी के विषय में नहीं जानता है, आजकेस डायरी मेरे समक्ष भेजी गयी है, जिसका मैने अवलोकन किया। अभियुक्तने अपने बयान में कहा है कि मेरी पत्नी सोनम उफ शबनम <नाम> सुलभा -3-लवानिया पत्नी <नाम> लवानिया निवासी डा0धीर हास्पीटल के सामने शान्तिअपार्टमेन्ट में झाडू पौछे का <नाम> करती है, दो-एक बार में भी वहाँ गया, मैने शुलभा लवानिया उपरोक्त का मोबाइल नंबर यह कहकर ले लिया कि कभी मेरीपत्नी देर सबेर हो जाती है तो आपको बता दूंगा, एक <नाम> शुलभा लवानिया ने मेरे मोबाइल <नाम> फोन करकहा कि आप मेरा एक <नाम> <नाम> दो, उसे बदले पॉचइजार रूपये दूंगी, तो मैं शुलभा लवानियाँ के पास पहुंचा तो उन्होने मुझे पॉच हजार रूपये देकर कहा कि एक लड़की गौस्या जो <नाम> स्टेट में रहती है,उसका पीछा <नाम> यह जानकारी <नाम> है कि यह कहाँ कहाँ जाती है औरकिससे मिलती है, मैं तुम्हें गौस्या का नंबर व फेस बुक आई.डी.उपलब्ध करादूंगी। उसके दो तीन <नाम> <नाम> शुलभा ने मुझे गौस्या का नंबर व फेस बुकआई.डी.उपलब्ध <नाम> दी, जिस <नाम> मेरे द्वारा अपने मोबाइल से गौस्या व उसकेदोस्तों को फैण्ड रिकवेस्ट <नाम> तथा दिनांक 20.05.2019 को मेने गौस्या केफोटो के साथ अश्लील पिक्चरे भी पोस्ट की। मैं लालच में आ गया था, उसपर फोटो मेरा ही लगा है। इस नंबर <नाम> लगाई गयी आई.डी. घनश्याम पुत्रश्रीनिवास की है। ",
"आवेदक / अभियुक्त दिनांक 17.09.2019 से जेल में है, <नाम> इस मामलेकी विवेचना प्रचलित है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_7562_201903-01-20202645 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थना पत्र को प्रथमजमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसके साथ <नाम> <नाम> पुत्र <नाम> <नाम> का शपथ पत्रप्रस्तुत किया गया है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा एस.एच.ओ. <नाम> बैजनाथ <नाम> थाना सैंया जिला <नाम> द्वारा दिनांक 03.12.19 को समय 22.44 बजे जुबानी प्रथम सूचनारिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि अभियुक्तगण fice Ris oH पप्पू, सत्यवीर उर्फ सत्तो, प्रेमसिंह, <नाम> श्रुव उर्फ पप्पी, <नाम> उर्फ अवधेश उर्फ <नाम> <नाम> प्रशान्त, सत्यपाल, <नाम> उर्फ मामा, अब्दुल, सानू, हरीओम, भीकम <नाम> उर्फ भीका <नाम> के द्वारा एक सुसंगठित गिरोह बना लिया गया है, जिसका गैगलीडर बिजेन्द्र उर्फ पप्पू है जो अपने साथियों के साथ मिलकर अध्याय17 में वर्णित अपराध करने के अभयस्थ अपराधी हैं और समाज विरोधी किया कलाप में संलिप्तरहते है। ",
"अभियुक्त द्वारा भा.दवि. के अध्याय 17%, में वर्णित दण्डनीय अपराध कारित किया गयाहै। ",
"आम <नाम> में <नाम> भय व आतंक व्याप्त है जिसके <नाम> <नाम> का कोई व्यक्ति इनके विरूद्ध मुदकदमा पंजीकृत कराने एवं गवाही देने को तैयार नही होता। इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्न मुकदमे पंजीकृत हैं। इनके विरूद्ध <नाम> 2/3 उ0प्र/गिरोह बन्द एवं समाज विरोधीकियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत कराया गया है। ",
"अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र मेंतथा प्रस्तुत तर्क में कहा गया है कि प्रार्थी / अभियुक्त को उपरोक्त केस में झूँटा नामजद किया है उसने कोई अपराध कारित नही किया है वह निर्दोष एवं निरपराध है। उसका यह प्रथम जमानतप्रार्थनापत्र है अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में लम्बित नही है। <नाम> अभियुक्त केबताने <नाम> अभियुक्त का नाम <नाम> में आया है। वह किसी गिरोह का <नाम> तो सदस्य है और <नाम> ही गैगलीडर है। उसका समाज में कोई आतंक नही है और <नाम> ही वह अपराध करने का अभ्यस्थ है। न समाज विरोधी किया कलाप में संलिप्त है। प्रथम सूचना रिपोर्ट दि0 03.12.2019 को समय 22.40 <नाम> होना बताया गया है तथा अनुमोदन पत्र दि0 03.12.19 को पूर्व में ही ले लिया गया है। जो गलत एवं <नाम> विरूद्ध है। <नाम> का कोई स्वतंत्र जनसाक्षी नही है। वह पूर्व सजायाफता नही हैतथा विश्वसनीय जमानत देने को तैयार है। वह दिनॉक-05.12.2019 से जिला कारागार <नाम> में निरूद्ध है। अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोधकरते हुए कहा है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह 2 सकिय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट, <नाम> से अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिलहै, जिसमें उसके विरूद्ध(1) अ.सं. 189 / 19 धारा-395, 412 भा-द.सं. थाना-सैया जिला आगरा। (2) अ.सं. 201 /19 धारा-3/ 25 आर्म्स एक्ट थाना-सैया जिला आगरा। के मुकदमे लंबित हैं। अभियुकत का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्त किये जानेकी प्रार्थना की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजक को सुना तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यक परिशीलन किया। गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल दो उपरोक्त मामलेदर्शाये गये हैं, जिसमें अभियुक्त के विरूद्ध गैंग बनाकर अध्याय 17 में वर्णित डकैती के अपराधकरने का अभिकथन है। उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी कियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986 कीधारा 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है, तो उसे तबतक जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि- (क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहीं दियाजाता और (ख) जहाँ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान हो जाये कि यह <नाम> करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं है और यह कि जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। ",
"जहा <नाम> गैंगचार्ट में दर्शाये गये मामलों में अभियुक्त की जमानत स्वीकार होने का प्रश्न है, <नाम> वह उक्त मामलों में दोषमुक्त नहीं हुआ है, केवल उसका जमानतप्रार्थनापत्र स्वीकार हुए है। ",
"अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमों की संख्या, उनकी <नाम> एवंअभियुक्त द्वारा गैग बनाकर अध्याय 17 में वर्णित डकैती के अपराध करने से संबंधितअपराध के तथ्य व उक्त अधिनियम की <नाम> 190) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुयेन्यायालय का यह समाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुये उसके अपराध करने की सम्भावना नहीं है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_722_202017-03-202035 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी ,/ अभियुक्त के पिता a tierसम्पत खाँ के शपथ पत्र से समर्थित है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा विजयसिह द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की दर्ज करायी गयी किकल दिनाक 16.09.2019 को <नाम> के समय करीब छः: बजे उसका चालकre पुत्र <नाम> सिह उसकी टाटा मैजिक गाड़ी संख्या-यू0पी0 80 /बी0टी0 Bail Application/3819/2020 -UP State Vs. Mohd. Hussain @Ilmam Hussain @ Rais23323 में सवारियाँ लेकर भगवान टॉकीज से <नाम> गया था। आज सुबहलगभग <नाम> बजे उसका चालक बन््टू गोर्वधन चौराहे से सवारी लेकर आगराआ रहा था तभी सुबह करीब 05:00 बजे उसे सूचना <नाम> कि बन्टू की लाशकलवारी एसबीआई बैंक के पास सड़क के किनारे पड़ी है और उसकी मैजिकयू0पी0 80 / बी0टी0 2223 वहाँ <नाम> नहीं है। बन्टू के सिर को किसी चीज सेकुचलकर हत्या <नाम> लाश को यहाँ <नाम> फेंक <नाम> उसकी मैजिक अज्ञात व्यक्ति लेकर चले गए हैं। बन्टू की जेब में मोबाइल पड़ा था। उसके <नाम> पुलिस नेआकर पोस्टमार्टम की कार्यवाही की। अब <नाम> वह तलाश करता रहा, लेकिनकोई जानकारी नहीं <नाम> । ",
"प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 15.02.2020 से जिला कारमार मेंनिरूद्ध है। प्रार्थी नानजद अभियुक्त नहीं है। प्रार्थी को मौके से भागा हुआदर्शित किया गया है। प्रार्थी का कोई अपराधिक इतिहास नहीं है। सह-अभियुक्त की जमानत माननीय उच्च न्यायालय द्वारा स्वीकार की जा चुकीहै। प्रार्थी द्वारा स्वेच्छा से न्यायालय में आत्मसमर्पण किया गया है। प्रार्थीका यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसीभी न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्तको जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत का विरोध करते हुएकथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा अन्य के साथ मिलकर वादी मुकदमा केचालक की हत्या कारित <नाम> उसके शव को छिपाकर उसकी गाड़ी लूटीगयी है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने कीयाचना की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"प्रार्थ / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान अभियोजनअधिकारी को सुना गया तथा पत्रवाली का सम्यक परिशीलन किया गया । ",
"पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामले में घटनादिनाक 18.09 2019 से 17.092019 के मध्य की है। प्रार्शी <नाम> अन्य के साथ मिलकर वादी मुकदमा के चालक बन्दू की हत्या <नाम> व उसके शव कोछिपाकर वादी मुकदमा की गाड़ी लूटने का आरोप लगाया गया है। केस Bail Application/3819/2020 -UP State Vs. Mohd. Hussain @Imam Hussain @ Rais3 डायरी <नाम> उपलब्ध मृतक बन्टू की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार मृतक बन्दूका पोस्टमार्टम दिनांक 17.09.2019 को समय 04:40 पी0एम0 <नाम> किया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतक की मृत्यु का <नाम> मृत्युपूर्व आयीं चोटों के <नाम> आघात व रकक््वस्राव से होना बताया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट केअनुसार मृतक के माथे <नाम> बांयी ओर आँख के we Gat wa a aeपायीं गयीं है तथा खोपड़ी की सभी हडिडयों में फैक्चर पाया गया है। अभियोजन द्वारा कथन किया गया है कि दिनाक 04.10.2019 को पुलिस पार्टीद्वारा सह-अभियुक्त घनश्याम व गुलाम अली को साथ गिरफतार किया गयाथा तथा अभियुक्त मौके से भाग गया था। सह-अभियुक्तगण द्वारा प्रार्थी कीमामले में संलिप्तता दर्शित की गयी है तथा सह-अभियुकतगण के कब्जे सेwerd मामले में लूटी गयी गाड़ी टाटा मैजिक गाड़ी संख्या-यू0पी0 80 / बी0टी0 3323 व उनकी निशानदेही <नाम> घटना में प्रयुक्त आला कत्ल एकपत्थर खून आलूदा बरामद किया गया है। सह-अभियुकत गुलाम अली उर्फगुलाम नवी की जमानत पूर्व में इस न्यायालय द्वारा निरस्त की जा चुकी है। प्रार्थी को झूठा व निरर्थक फंसाए जाने का कोई <नाम> दर्शित नहीं होता है। प्रार्थी के विरूद्ध विवेचना <नाम> प्रचलित है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_1134_202027-07-2020864 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुकत के पेरोकार पूरन <नाम> ने शपथपत्रप्रस्तुत किया है जिसमें वर्णित है कि यह अभियुक्त का प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। कोई अन्य जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय एवं माननीय उच्च न्यायालय मेंलम्बित नहीं है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार वादी <नाम> द्वारा दिनांक 01.02.2020 को थाने <नाम> तहरीर इस आशय की दी गई कि उसका <नाम> सत्यवीर दिनांक 31.01.2020 कोशाम 07.30 बजे अपने खेत <नाम> जा रहा था, पप्पू, रामपाल, दलवीर <नाम> व तालेवर, चारों लोग रास्ते में घात लगाकर बैठे थे। इन्होने अचानक उसके <नाम> <नाम> फरसा, कुल्हाड़ी व डन््डे से <नाम> से मारने की नीयत से वार <नाम> <नाम> जिससे उसके <नाम> केसिर में गम्भीर चोट आई है और सिर फट गया है, हालत गम्भीर बनी हुई है। दिनांक (2)31.01.2020 को 08.00 पी.एम. <नाम> उसके <नाम> ने गम्भीर हालत में ही 412 <नाम> कॉलकर पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने सी.एच.सी. बाह में भर्ती <नाम> <नाम> वहां सेडॉक्टर ने उसके <नाम> की हालत गम्भीर देखकर एस0एन0हॉस्पीटल <नाम> रैफर <नाम> दिया। वहां खून बन्द <नाम> होने के <नाम> उसने अपने <नाम> को निजी अस्पताल ग्रसहॉस्पीटल शहीद नगर <नाम> में भर्ती <नाम> दिया। ",
"वादी की तहरीर के आधार <नाम> अभियुकतगण पप्पू. रामपाल, दलवीर <नाम> वतालेवर के विरूद्र थाना बासौनी <नाम> मु0अ0सं० 09/2020 <नाम> 307 भा0द0सं0 मेंप्राथमिकी <नाम> कराई गई । ",
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त निर्दोष है, उसको इस मामले में झूठाँ फँसाया गया है, उसके द्वारा उक्त अपराध कारित नहींकिया गया है। यह भी कथन किया गया कि घटना दिनांक 31.01.2020 को समय19.30 बजे की बताई गई है जिसकी प्राथमिकी 01.02.2020 को 20.10 बजे 24 घण्टेविलम्ब से दर्ज कराई गई है, विलम्ब का कोई स्पष्टीकरण नहीं <नाम> गया है। प्राथमिकी में अभियुक्त की कोई स्पष्ट <नाम> उक्त अपराध कारित किए जाने केसम्बन्ध में दर्शित नहीं हैं। पूर्व से खेतों की मेड़ की रंजिश को लेकर अभियुक्त को इसप्रकरण में झूंठा नामजद किया गया हैं। कथित घटना का Gy was Tell ae बताया गया हैं। अभियुक्त दिनांक 24.06.2020 से कारागार में निरूद्ध हैं, अतः जमानतपर <नाम> किए जाने की प्रार्थना की गई । विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानत का विरोध किया गया। अभियोजन कथानक के अनुसार अभियुक्त के विरूद्द अन्य <नाम> अभियुकतगण केसाथ मिलकर वादी के <नाम> सत्यवीर को <नाम> से मारने के आशय से कुल्हाड़ी FJ TSसे मारपीट <नाम> गम्भीर चोटें पहुँचाये जाने का आरोप हैं। ",
"आहत सत्यवीर की चिकित्सीय आख्या के अनुसार उसके उक्त घटना में तीनचोटें सिला हुआ घाव एवं सूजन के <नाम> में पैराइटल एरिया, पैर एवं चैस्ट <नाम> <नाम> बताया गया हैं। चिकित्सक द्वारा आहत के सिर का एक्सरे व सी.टी.स्कैन कराये जानेकी सलाह दी गई। "
],
"judge-opinion": [
"केस डायरी के अवलोकन से विदित होता हैं कि विवेचक द्वारा डाक्टर अरूण <नाम> का बयान 161 द0प्र०0सं० <नाम> किया गया हैं तथा इस <नाम> द्वारा विवेचक को दिए गये अपने बयान में कथन किया हैं कि आहत उनके अस्पताल में <नाम> <नाम> भर्ती रहा था तथा उसको नार्मल अवस्था में अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया था, मरीज केपैर का भी एक्सरे किया गया था जो कि नार्मल आया था। आहत की एक्सरेरिपोर्ट एवं सी.टी.स्कैन प्लेट, आहत के <नाम> <नाम> को <नाम> दी गई थी। (3)OAM WRIT UA MO: 1134 / 2020 प्रार्थना पत्र सं0: 1134 / 2020प्राथमिकी में अभियुक्त की कोई स्पष्ट <नाम> उक्त अपराध कारित किए जानेके सम्बन्ध में इस स्तर <नाम> ala नहीं हैं तथा कथित घटना का Hs Was sell नहीं बताया गया हैं। केस डायरी में उपलब्ध साक्ष्य के अनुसार आहत के कोई बोनSON <नाम> दर्शित नहीं हैं। अभियुक्त दिनांक 24.06.2020 से जिला कारागार, आगरामें निरुद्द हैं । "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_4292_201908-08-2019865 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमामत प्रार्थना पत्र प्रार्थी/अभियुक्त के पिता व पैरोकारजयप्रकाश के शपथ पत्र से समर्थित है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैं कि वादी मुकदमा <नाम> <नाम> द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशयकी दर्ज करायी गयी कि दिनाक 15.05.2019 को <नाम> करीब 10:00 बजे बहऑटो से पुष्पांजलि कॉलौनी, सिकन्दरा में अपनी बुआ के घर जा रहा था तोजब ऑटो से उतरकर पैदल कॉलोनी के रास्ते <नाम> गया तो वहाँ <नाम> मोटरसाईकिल <नाम> आए तीन अज्ञात लड़कों ने उसे रोक लिया और तमंचा लगाकर, उसे डराकर उसका मोबाइल एम०आई0 6ए ब्लैक, लूट <नाम> ले गए। इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज की गयी। प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहीं (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेत्र) /अपर सनत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 4292/2019शिवराज बनाम राज्यकिया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 17.05.2019 से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। दिनाक 16.05.2019 को अभियुक्त अपने घर <नाम> सेशाहगंज अपने नाना के घर आ रहा था कि तभी वाटरवर्क्स चौराहे <नाम> समयकरीब सायं 06:00 बजे पुलिस वालों से प्रार्थी की कहा-सुनी हो गयी थी,इसी <नाम> कुपित होकर प्रार्थी को उक्त कस में झूठा नामित <नाम> दिया। प्रार्थीप्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद नहीं है। प्रार्थी से फर्जी बरामदगी दर्शायी गयीहै। घटना का कोई जनसाक्षी नहीं है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय अथवा माननीयउच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्तको जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि अभियुक्त घटना मेंसम्मिलित रहा है और उसक द्वारा सह-अभियुक्तगण के साथ मिलकर वादीमुकदमा से मोबाइल की लूट की गयी है। अभियुक्त से बरामदगी भी है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> कीगयी । "
],
"judge-opinion": [
"प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता बालकिशन <नाम> एवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गया तथाअभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनाक 15.05.2019 की समय 22:22 बजे की है। अभियोजन प्रपत्रंके अनुसार प्रार्थी को दिनाक 16.05.2018 को सह-अभियुक्तगण के साथगिरफूतार किया <नाम> तथा उसके कब्जे से एक मोबाइल आई फोन बरामदकिया <नाम> दर्शित किया गया है। प्रार्थी से इस प्रकरण से संबंधित कोईबरामदगी दर्शित नहीं की गयी है। प्रार्थी लगभग 80 <नाम> से जिला कारागारमें निरूद्ध है। मामले में आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया जा चुका है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_6191_201905-11-20192087 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसकेसाथ रामनाथ पुत्र चुरामन का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा प्रभारी निरीक्षक श्रीप्रदीप <नाम> <नाम> थाना बाह जिला <नाम> द्वारा दिनांक 09.10.19 को समय 18.17 बजे जुबानीप्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि अभियुक्तगण <नाम> हाकिम, मेघसिंह, व <नाम> उर्फ चपटा के द्वारा एक सुसंगठित गिरोह बना लिया गया है, जिसका गैगलीडर <नाम> है जो अपने साथियों के साथ मिलकर लूट व हत्या जैसे जघन्य अपराध करते हैं और समाज विरोधी किया कलाप में संलिप्त रहते है। ",
"अभियुक्त द्वारा भा.द.वि. के अध्याय 16 व 17, में वर्णित दण्डनीय अपराध कारितकिया गया है। ",
"आम <नाम> में <नाम> भय व आतंक व्याप्त है। इनके विरूद्ध <नाम> का कोई व्यक्ति गवाही देने को तैयार नही होता। इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्न मुकदमे पंजीकृत हैं। इनके विरूद्धधारा 2/3 उ0प्र0गिरोह बन्द एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गतअभियोग पंजीकूत कराया गया हूै। ",
"अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र में तथा प्रस्तुत <नाम> में कहा गया है कि प्रार्थी/अभियुक्त को उपरोक्त मुकदमें में झूँठा फसाया गया है। गैगचार्ट में दर्शित मुकदमों में उसका जमानत प्रार्थनापत्र विचाराधीन है। पुलिस द्वारा उसे घर से बुलाकर उपरोक्त मुकदमों में झूँठा फसा <नाम> है। उसके जेल में रहने के दौरान गैगस्टर काकेस लगाया गया है। उसका यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसीन्यायालय में लम्बित नही है। वह दिनाक 16.10.2019 से कारागार में निरूद्ध है। अत: उसे जमानतपर <नाम> किया जाये । ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोधकरते हुए कहा है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह सक्रिय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट: <नाम> से अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है,जिसमें मेघसिंह के विरूद्ध -(1) आ.सं. 170/19 धारा-394, 411 भा.द.सं. थाना-बाह जिला आगरा। ",
"(2) अ.सं. 188/19 धारा-307 भा.द.सं. व 12 दप्रक्ष. थाना-बाह जिला आगरा। ",
"(3) अ.सं. 191/19 धारा-3/25 आर्म्स एक्ट थाना-बाहा जिला <नाम> । नीलमनीलम उर्फ चपटा के विरूद्ध -(1) अ.सं. 170/19 धारा-394, 411 भा.द.सं. थाना-बाह जिला आगरा। ",
"(2) अ.सं. 188/19 धारा-307 भा.द.सं. व 12 दप्रक्ष. थाना-बाह जिला आगरा। ",
"(3) अ.सं. 192/19 धारा-3/25 आर्म्स एक्ट थाना-बाह जिला आगरा। ",
"के मुकदमे लंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्त किये जानेकी प्रार्थना की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजक को सुना तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यक परिशीलन किया। गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्तगण प्रत्येक के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल तीन तीनउपरोक्त मामले दर्शाये गये हैं, जिनमें अभियुक्तगण के विरूद्ध गैंग बनाकर लूट व हत्या जैसेअपराध करने का अभिकथन है। उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986 कीधारा 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है, तो उसे तबतक जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि- (क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहीं दियाजाता और (ख) जहॉ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान हो जाये कि यह विशवास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं है और यह कि जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। ",
"अभियुक्तगण के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमों की संख्या, उनकीप्रकृति एवं अभियुक्तगण द्वारा गैग बनाकर लूट व हत्या जैसे अपराध करने से संबंधितअपराध के तथ्य व उक्त अधिनियम की <नाम> 19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुयेन्यायालय का यह समाधान नहीं है कि अभियुक्तगण उक्त अपराध के <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुये उनके अपराध करने की सम्भावना नहीं है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_635_202027-02-2020444 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के पेरोकार अकबर खां ने शपथपत्रप्रस्तुत किया है। अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त निर्दोष है उसको इस मुकदमें में झूठा फॅँसाया गया है। जबकि उसके द्वारा उक्तअपराध कारित नहीं किया गया है। यह भी कथन किया गया कि अभियुक्त इस प्रकरणमें पूर्व में जमानत <नाम> था लेकिन बीच में पीलिया रोग से ग्रसित हो गया जिसके कारणवह नियत दिनांक 02.02.2016 को न्यायालय में हाजिर नहीं हो सका तथान्यायालय द्वारा अभियुक्त के विरूद्व गैर जमानती अधिपत्र जारी <नाम> दिए गये, तदुपरान्त अभियुक्त की पत्रावली नहीं मिल <नाम> जिसके <नाम> उसको तारीख कीजानकारी नहीं हो सकी। अभियुक्त दिनांक 19.01.2020 से गैर जमानती वारण्ट <नाम> जिला कारागार, <नाम> में निरूद्व हैं, अतः जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की प्रार्थना कीगई । (2)विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानत का विरोध किया गया। ",
"अभियुक्त द्वारा यह आधार लिया गया है कि वह पीलिया रोग से ग्रसित हो गयाथा तथा लम्बे समय <नाम> बीमार रहा, तदुपरान्त <नाम> की जानकारी <नाम> हो पाने केकारण वह न्यायालय में उपस्थित नहीं हो पाया था, अब वह प्रत्येक नियत <नाम> <नाम> न्यायालय में उपस्थित रहेगा। "
],
"judge-opinion": [
" पत्रावली के अवलोकन से विदित है कि अभियुक्त पूर्व मेंइस प्रकरण में जमानत <नाम> था तथा जमानत के <नाम> अभियुक्त न्यायालय में हाजिर आया है। अभियुक्त दिनांक 19.01.2020 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्व हैं । "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_1234_202017-07-20201122 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस आवेदनपत्र के साश अभियुक्त के <नाम> <नाम> <नाम> काशपथपत्र संलग्न किया गया है। ",
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि मुकदमा वादीशिवदत्त <नाम> ने गतरात्रि दिनांक 01.03.2020 को थाना सदर बाजार मेंइस आशय की प्राथमिकी दर्ज करायी कि पड़ोस में रह रहे मोनू नामकव्यक्ति ने दवाओं के सैंपल के कार्टून लगभग 20,000/-रूपये के 6कार्टून छत से चोरी <नाम> लिये है तथा पड़ोसी के घर <नाम> दवाओं केकुछ खाली छोटे कार्टून के डिब्बे कचरे की बाल्टी में मिले । "
],
"judge-opinion": [
"मैने आवेदक अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं अभियोजन पक्ष 2की ओर से उपस्थित विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ताफौजदारी की बहस सुन लिया है तथा उपलब्ध पुलिस प्रपत्रों का सम्यकपरिशीलन <नाम> लिया है। ",
"आवेदक अभियुक्त की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता काकथन है कि आवेदक/ अभियुक्त ने कथित अपराध कारित नहीं कियाहै, वह निर्दोष एवं निरपराध है। उसे मामले में झूठा फसा <नाम> गयाहै। आवेदक अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। आवदेक / अभियुक्त से कोई बरामदगी नहीं हुयी है। आवेदक / अभियुक्तसे झूठी बरामदगी दिखायी गयी है। <नाम> अभियुक्त जिसके कब्जे सेविपुल <नाम> में <नाम> बरामद हुआ था, की जमानत दिनांक 13.03.2020को पूर्व में स्वीकार हो चुकी है। आवेदक / अभियुक्त को चोरी करते हुयेकिसी ने नहीं <नाम> है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 06.03.2020 से जेलमें निरूद्ध है। विद्वान अधिवक्ता ने इन्हीं तर्को <नाम> आवेदक अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किये जाने का अनुरोध किया है। ",
"अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता का कथन है कि अभियुक्त द्वारा दवाओं की चोरी किया गयाहै तथा आवेदक अभियुक्त के पास से चोरी की हुयी दवाये भी बरामदकिया गया है तथा उसने <नाम> अभियुक्त को काफी <नाम> में चोरी कीहुयी दवाये विकय की गयी है। अभियुक्त के विरूद्ध कथित अपराधगम्भीर <नाम> का है। आवेदक अभियुक्त का मामला जमानत <नाम> नहींहै। अतएव जमानत आवेदनपत्र खारिज किये जाने का निवेदन कियागया है। ",
"पत्रावली <नाम> उपलब्ध प्राथमिकी से स्पष्ट है कि जो दवायेप्राथमिकी में 6 कार्टून दवाओं के चोरी किया <नाम> कहा गया है जबकिआवेदक अभियुक्त के पड़ोसी के घर से दवाओं के कुछ खाली छोटेकार्टून के डिब्बे कचरे की बाल्टी में मिले होना कथित किया गया है। इस प्रकार चोरी किया गया <नाम> बरामदगी से पृथक है। <नाम> अभियुक्तटीकमसिंह की जमानत दिनांक 13.03.2020 को पूर्व में स्वीकार हो चुकीहै । अभियोजन की ओर से आवेदक अभियुक्त का मामला <नाम> अभियुक्तसे भिन्न दर्शित नहीं किया गया है। आवेदक अभियुक्त का कोईआपराधिक इतिहास भी नहीं बताया गया है। आवेदक अभियुक्त इसमामले में दिनांक 06.03.2020 से जेल में निरूद्ध है। आवेदक अभियुक्तके विरूद्ध उक्त आरोपित अपराध प्रथम वर्गीय मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीयहै। आवेदक अभियुक्त विचारण के दौरान अपनी उपस्थिति सुनिश्चितकराने के लिये पर्याप्त जमानते देने के लिये तत्पर है। वर्तमान मामलेका निकट भविष्य में विचारण पूर्ण होने की कोई सम्भावना नहीं है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_6830_201923-11-20191404 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थना पत्र कोप्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसके साथ <नाम> राजोदेवी पत्नी <नाम> का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा प्रभारी निरीक्षक <नाम> <नाम> <नाम> थाना एत्मादपुर जिला <नाम> द्वारा दिनांक 15.04.19 को समय 01.08 बजे जुबानीप्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि अभियुक्तगण करन <नाम> <नाम> व सनी के द्वारा एक सुसंगठित गिरोह बना लिया गया है, जिसका गैगलीडर करन <नाम> है जो अपनेसाथियों के साथ मिलकर लूट एवं चोरी जैसे जघन्य अपराध करते हैं और समाज विरोधी कियाकलाप में संलिप्त रहते है। ",
"अभियुक्त द्वारा भा.द.वि. के अध्याय 17, में वर्णित दण्डनीय अपराध कारित किया गयाहै। ",
"इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्न मुकदमे पंजीकृत हैं। इनके विरूद्ध <नाम> 2/3उ0प्रणगिरोह बन्द एवं समाज विरोधी कियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गत अभियोगपंजीकृत कराया गया है। ",
"अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र में तथा प्रस्तुत <नाम> में कहा गया है कि प्रार्थी / अभियुक्त को उपरोक्त मुकदमें में रंजिशवश झँठा फंसाया गया है उसने कोई अपराध कारित नही किया है। गैगचार्ट में दर्शित मुकदमों मं उसकीजमानत हो चुकी है। वह पूर्व सजायाफता या हिस्ट्री शीटर नही है। उससे किसी प्रकार कीबरामदगी नही हुई है। वह समाज व कानून विरोधी <नाम> कलाप में लिप्त नही रहा है। अभियुक्त दिनाक 19.11.2019 से जिला कारागार में निरूद्ध है। अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोधकरते हुए कहा है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह सक्रिय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट: <नाम> से अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है,जिसमें उसके विरूद्ध(1) आअ.सं. 323/18 धारा-392, 411 भा.द.सं. थाना-एत्मादपुर जिला आगरा। ",
"(2) अ.सं. 324/18 धारा-394, 411 भा.द.सं. थाना-एत्मादपुर जिला आगरा। ",
"के मुकदमे लंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्त किये जाने की प्रार्थना की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजक को सुना तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यक परिशीलन किया। गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल दो उपरोक्त मामलेदर्शाये गये हैं, जिसमें अभियुक्त के विरूद्ध गैंग बनाकर लूट जैसे अपराध करने का अभिकथन है । उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986 कीधारा 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है, तो उसे तबतक जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि- (क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहीं दियाजाता और (ख) जहॉ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान हो जाये कि यह विशवास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं है और यह कि जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। ",
"जहाँ <नाम> गैंगचार्ट में दर्शाये गये मामलों में अभियुक्त की जमानत स्वीकार होने का प्रश्न है, <नाम> वह उक्त सभी मामलों में दोषमुक्त नहीं हुआ है, उसकी केवल जमानतस्वीकार हुई है। ",
"अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमों की संख्या, उनकी <नाम> एवंअभियुक्त द्वारा गैग बनाकर लूट जैसे जघन्य अपराध करने से संबंधित अपराध क तथ्य व उक्त अधिनियम की <नाम> 19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुये न्यायालय का यह समाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुये उसकेअपराध करने की सम्भावना नहीं है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_2950_201918-06-20193017 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसके साथ मोरन सिंहपुत्र <नाम> सिह का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा एस.एच.ओ.श्री <नाम> <नाम> <नाम> थाना खेरागढ़ जिला <नाम> ने दिनॉक 24.11.2018 को 04.40 बजे थानाहाजा <नाम> जुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी गयी कि अभियुक्तगणगैंग लीडर सोनू पुत्र खमान <नाम> निवासी ग्राम सालेह नगर थाना खेरागढ़ <नाम> ने अपनेसाथियों कैप्टन उफ कमान <नाम> पुत्र <नाम> सिह, <नाम> पुत्र <नाम> किशोर प्रवेश उफ सर्वेशपुत्र मोरन <नाम> निवासी उपरोक्त के साथ मिलकर एक संगठित गिरोह बना लिया है। जिसका गैग लीडर सोनू है। जिनका संगठित गिरोह है। यह अपने व अपने साथियों केसाथ मिलकर मारपीटकर अवैध तमंचा के <नाम> <नाम> लूटपाट जैसे जघन्य अपराध कारित करतेहै जो समाज विरोधी किया कलाप में संलिप्त है। ",
"अभियुक्तगण द्वारा भा.द.वि. के अध्याय 16 व 17 के अर्न्तगत अपराध कारितकिया गया है। ",
"आम <नाम> के लोगो में <नाम> भय व आतंक व्याप्त है। <नाम> विरोध जनताका कोई व्यक्ति इनके भय व आतंक के <नाम> रिपोर्ट <नाम> कराने व गवाही देने को तैयारनही होता है। <नाम> स्वच्छन्द रहना जनहित में उचित नही है। इन सभी के विरूद्ध थाना हाजा <नाम> मु0अ0सं0 433/18 <नाम> ३94, 411 भा.द.सं. पंजीकृत है। मुकदमा उपरोक्त मेंअभियुक्तगण के विरूद्ध दिनांक 05.10.2018 को आरोपपत्र सं0 361/18 तथा मु0अ०सं० 434/18 <नाम> 3/25 आर्म्स एक्ट थाना खेरागढ़ बनाम सोनू उपरोक्त के विरूद्धदिनॉक-07.10.18 को आरेपपत्र सं0 362/18 न्यायालय में प्रेषित किया गया है। गैग लीडर सोनू उपरोक्त व उनके सदस्यों के विरूद्ध अनुमोदित कराकर गैग चार्ट अर्न्तगत <नाम> 2/3गैंग एक्ट के थाना हाजा <नाम> अभियोग पंजीकृत कराया गया। ",
"अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्रमें अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है कि प्रार्थी/अभियुक्त ने कोई 2अपराध नहीं किया है। उसे तंग व परेशान करने की नीयत से झूँठा फसाया गया है। प्रार्थी / अभियुक्त का कोई गिरोह नहीं है और ना ही वह किसी गिरोह का सदस्य है,उसका समाज में कोई भय एवं आतंक व्याप्त नहीं है। गैंगचार्ट में उस <नाम> जो मामले दर्शाये गये हैं, उनमें उसकी जमानत स्वीकार हो चुकी है। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 22.03..2019 से जिला कारागार में निरूद्ध है। अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाय। ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र काविरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह सक्रिय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट, <नाम> सेअनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसके विरूद्ध(1) अ.सं. 433/18 धारा-394, 411, भा.द.स. थाना-खेरागढ़का मुकदमा लंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्तकिये जाने की प्रार्थना की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजनक को सुना तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यक परिशीलनकिया । ",
"गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल एक उपरोक्तमामला दर्शाया गया हैं, जिनमें अभियुक्त के विरूद्ध लूट करने का अभिकथन है। ",
"उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी कियाकलाप(निवारण) अधिनियम1986 की <नाम> 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा मेंहै, तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसरनहीं <नाम> जाता और(ख) जहाँ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान होजाये कि यह विश्वास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं है और यह कि जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। जहाँ <नाम> गैंगचार्ट में दर्शाये गये मामलों में अभियुक्त की जमानत स्वीकार होने का प्रश्न है, <नाम> वह उक्त सभी मामलों में दोषमुक्त नहीं हुआ है, उसकी केवल जमानतस्वीकार हुई है। --अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमों की संख्या, उनकी <नाम> एवं अभियुक्त की लूट में संलिप्तता के तथ्य व उक्त अधिनियम की <नाम> 194) मेंवर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुये न्यायालय का इस स्तर <नाम> यह समाधान नहीं होताहै कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुये उसके अपराधकरने की सम्भावना नहीं है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_4201_202016-12-2020256 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"समर्थन में <नाम> <नाम> <नाम> पत्नी बांकेलाल का शपथपत्र प्रस्तुत कियागया है । ",
"2. जमानत प््रार्थनापत्र एंव उसके साथ प्रस्तुत शपथपत्र में <नाम> <नाम> <नाम> पत्नीबांकेलाल <नाम> का कथन है कि वह अभियुक्त की मां एवं मुकदमे में पेरोकार है तथातथ्यों की उसे जानकारी है। अभियुक्त निर्दोष है व उसको इस मामले में झूँठा फसायागया है, उसके द्वारा उक्त अपराध कारित नहीं किया गया है। अभियुक्त का उक्तअपराध से कोई <नाम> देना नहीं हैं, वह अपने घर <नाम> सो रहा था समय करीब 11:00 बजेपुलिस कुछ पूछतांछ करने के बहाने घर से उठा ले गयी, अभियुक्त की मां नेएस०एस०पी0 को भी अवगत कराया लेकिन मां को तीन <नाम> <नाम> टहलाते रहे उसकेबाद अभियुक्त का चालान उपरोक्त केस में <नाम> जेल भेज दिया। पुलिस ने जानबूझकर550 ग्राम अल्प्राजोलम नशीला पदार्थ बरामद दिखा <नाम> है। घटना स्थल भीड़भाड़ वालाक्षेत्र है लेकिन <नाम> का <नाम> नहीं दर्शाया गया है। अभियुक्त दिनांक 22.11.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प््रार्थनापत्र है इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र इस ऱ्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय मेंविचाराधीन नहीं है। अभियुक्त विश्वसनीय जमानत देने को तैयार है। तब उसे जमानत <नाम> अवमुक्त किया जाए। ",
"3. विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा जमानत का विरोध किया गया तथा थाने से प्राप्त आख्या प्रस्तुत करके तर्क है कि अभियुक्त को पुलिसद्वारा अवैध नशीला पदार्थ के साथ गिरफ्तार किया गया है। यदि अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किया गया तो वह जमानत का दुरूपयोग करेगा तथा उसके फरार होने की संभावनाहै। अत: उसका जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किया जाए। ",
"5. न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत अभिलेखों से विदित है कि वादी मुकदमा उपनिरीक्षककेवल <नाम> द्वारा दिनांक 21.11.2020 को थाना एत्माददौला <नाम> इस आशय की प्रथम सूचनारिपोर्ट <नाम> करायी गई है कि दिनांक 20.11.2020 को वादी मय हमराही वास्ते तलाशवांछित /गिरफूतारी, शान्ति व्यवस्था, जुर्म जरायम चौकी <नाम> में मामूर था तो जरिये मुखविरखास ने बताया कि दो व्यक्ति <नाम> से घाट की ओर जाने वाली सड़क <नाम> रेलवे ग्राउन्ड केपास हाथ में सफेद रंग का थेला लेकर खड़े है जिनके पास अत्प्राजोलम व अवैध गांजा है, इस सूचना <नाम> विशवास करके मय मुखविर बताये स्थान <नाम> चल दिये व जैसे ही उक्तस्थान <नाम> पहुंचे तो मुखविर ने इशारा करके बताया कि वह दोनो व्यक्ति खड़े है उनकेपासअल्प्राजोलम व अवैध गांजा है जिसे बेचने के लिए खड़े है, मुखविर के जाने के बादपुलिसवालो ने एक बारगी दविश देकर घेरकर उन दोनो व्यक्तियो को आवश्यक <नाम> प्रयोगकर पकड़ लिया, पकड़े गये व्यक्तियो से जामा तलाशी लेते हुए नाम पता पूछा तो एक व्यक्ति ने अपना नाम <नाम> पुत्र बांकेलाल बताया तथा दूसरे ने अपना नाम विक्की उर्फ चन्द्रभान पुत्र इश्रदास बताया। दोनो के दाहिने हाथ में लिये सफेद रंग के थेले के बारे मेंपूछा तो बताया कि थैले में अल्प्राजोलम व अवैध गांजा है, उनकी तलाशी किसी राजपत्रित <नाम> अथवा मजिस्टेट के समक्ष चलकर देने को कहा गया तो उसने <नाम> <नाम> दियातथा पुलिस द्वारा ही तलाशी लेने को कहा। <नाम> 50 एन0डी0पी0एस0 एक्ट के तहत सहमती पत्र तैयार किया गया तथा दोनो के अलग अलग हस्ताक्षर कराये गये। पहलेव्यक्ति के थैले से अल्प्राजोलम व दूसरे के थैले से गांजा जैसा प्रतीत हो रहा था तथासूंघने <नाम> अत्प्राजोलम व गांजा की गंध आ रही थी, उक्त अत्प्राजोलम व गांजा को तोला गया तो अल्प्राजोलम का वजन 550 ग्राम व गांजे का वजन 500 ग्राम निकला लाइसेन्सतलब किया गया तो दिखाने से कासिर रहे। बरामद अत्प्राजोलम से 50 ग्राम व गांजे से 50 ग्राम बतौर नमूना परीक्षण <नाम> निकालकर <नाम> को कणड़े में रखकर सीलकर सर्वे मोहर करनमूना मोहर तैयार किया गया और फर्द बनायी गयी। ",
"6. अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता का <नाम> है कि पुलिस द्वारा उसे झूठे अपराध में आरोपित <नाम> <नाम> गया है एवं <नाम> 50 एन0डी0पी0एस0०एक्ट के प्रावधानो का कोईअनुपालन नहीं किया गया है तथा 2 अभियुक्तो से एक ही थैले से बरामदगी दिखाते हुए 3इस अभियुक्त से अल्प्राजोलम तथा अन्य अभियुक्त से गांजा दिखा <नाम> गया है जो किसी भी प्रकार से स्वाभाविक नहीं है। तब उसे जमानत <नाम> अवमुक्त किया जाए। जबकि विरोधकरते हुए अभियोजन का <नाम> है कि दोनो अभियुक्तो के कब्जे से पृथक-पृथक थैले बरामदकिये गये है एवं इस अभियुक्त से बरामद <नाम> वाणिज्यिक <नाम> के अन्तर्गत है जो गम्भीर अपराध की <नाम> में होने के <नाम> उसका जमानत निरस्त किया जाए। "
],
"judge-opinion": [
"4. अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं अभियोजन की ओर से उपस्थित विद्वान ए०डी0जी0सी0 (किमिनल) को सुना तथा थाना से प्रस्तुत आख्या एवं केस डायरी कापरिशीलन किया। ",
"7. उभयपक्षो के तकं के आधार <नाम> न्यायालय द्वारा फर्द बरामदगी एवं थाने सेप्रस्तुत आख्या का परिशीलन किया गया। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_1963_202115-03-20211129 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"उसका अन्यकोई जमानत प्रार्थना-पत्र माननीय उच्च न्यायालय या किसी अन्य न्यायालय मेंविचाराधीन नहीं है। संक्षेप में अभियोजन के कथन इस प्रकार है कि वादिनी मुकदमा श्रीमतीभूरी <नाम> ने इस आशय की प्राथमिकी दर्ज करायी कि उसके तीन पुत्र हैं बीच वालेलड़के का नाम <नाम> आयु करीब 25 वर्ष है जो 12वीं पास है जो बेरोगार है। करीबडेढ़ वर्ष पहले उसकी मुलाकात <नाम> व <नाम> चन्द्र से हो गयी। मेल जोल बढ़ने <नाम> <नाम> ने बताया कि उसका <नाम> <नाम> चन्द्र सरकारी नौकरी रेलवे विभाग में करते हैं Bail Application/1963/2021 —-Kailash Vs. UP State 2उनकी रेलवे विभाग में अच्छी जुगाड़ है तथा उसके लड़के को रेलवे में नौकरी दिलवादेंगें जिस <नाम> पॉच लाख रूपये देने को कहा जिस <नाम> तीन <नाम> दिनों <नाम> रूपयोंका इंतजाम <नाम> वादिनी ने अपने घर <नाम> दो लाख रूपये <नाम> व <नाम> को दिये तथा उसके लड़के मार्क्सशीट व कागजात आदि भी लिये किन्तु <नाम> पॉच माह बीतजाने के <नाम> भी नौकरी नही लगी। <नाम> व <नाम> ने झांसा देकर धोखाधड़ी वबेईमानी करके दो लाख रूपये उससे ठग लिये हैं और फरार हो गये हैं। रिपोर्टलिखकर कानूनी कार्यवाही किये जाने की <नाम> की गयी है। ",
"आवेदक / अभियुक्त की ओर से कथन किया गया कि वह निर्दोष है। ",
"आवेदक <नाम> ग्राम पंचायत के चुनाव की तैयारियों में लगा हुआ है उसका गांव में अच्छा जनाधार होने के <नाम> गांव के कुछ लोग उसे चुनाव से हटाना चाहते हैं। प्राथमिकी काफी विलम्ब से <नाम> करायी गयी है। विलम्ब का <नाम> स्पष्ट नहीं है। उसने कोई अपराध नहीं किया है। प्राथमिकी में यह नहीं बताया गया है कि प्रार्थी केकिसी खाते में कोई रूपया इस प्रकार का किसी व्यक्ति द्वारा जमा किया गया हो। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। अभियुक्त दिनांक 28.02.2021 सेजिला कारागार, <नाम> में निरूद्ध है। इस प्रकार आवेदक,/ अभियुक्त को उपरोक्तआधारों <नाम> जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी। ",
"इसके विपरीत विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,(फौजदारी) द्वारा जमानत का विरोध किया गया। "
],
"judge-opinion": [
"जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> आवेदक / अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता तथाअभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी कोसुना एवं थाने से प्राप्त केस टिप्पणी सहित अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया। ",
"प्रथम सूचना रिपोर्ट के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि प्रथम सूचनारिपोर्ट में आवेदकगण <नाम> नौकरी का झांसा देते हुये वादी मुकदमा के पुत्र को रेलवेमें नौकरी के नाम <नाम> दो लाख रूपये लेने का आरोप हैं किन्तु पत्रावली परउक्त रूपये लेने के बाबत अभियोजन द्वारा बैंक के किसी भी बचत अथवा चालू खाते के जरिये रूपये देने का प्रथम दृष्टया कोई भी प्रमाण पत्रावली <नाम> प्रस्तुत नहीं कियागया है तथा अभियुक्तगण का कथन है कि उन्हें ग्राम प्रधानी के चुनावी रंजिश केकारण मामले में झूठा आरोपित किया गया है। आवेदकगण का कोई अपराधिकइतिहास भी प्रस्तुत नहीं किया गया है। उक्त दोनों ही अभियुक्तगण की जमानत अन्यमामले के मु0अ0सं0 36/2021 में त्वरित न्यायालय संख्या 1 <नाम> से दिनांक 15.03.2021 को स्वीकार की जा चुकी है। वर्तमान मामले में अभियुक्त 28.02.2021 सेजिला कारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी/ अभियुक्त विचारण के दौरान न्यायालय मेंउपस्थिति सुनिश्चित कराने <नाम> अपनी पर्याप्त जमानते देने को तैयार हैं। Bail Application/1963/2021 -Kailash Vs. UP State 3्रार्शी/अभियुक्त के विरूद्ध लगाया गया आरोप मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा विचारणीयहै। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_398_202017-01-20202226 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से उसके स्वर्य॑के शपथपत्र से समर्थित है। ",
"संक्षेप में प्रकरण के तथ्य इस प्रकार है कि दि0 03.03.2016को थाना एत्मादपुर <नाम> <नाम> पी.एस.शर्मा अवर अभियन्ता द्वारा इस आशय कीतहरीर दी गयी कि दिनॉक-03.03.2016 को चैकिंग के दौरान अभियुक्त बिनाविद्युत संयोजन के विद्युत प्रयोग करते हुए पाया गया। ",
"आवेदक » अभियुक्त के द्वारा कहा गया है कि उसे उपरोक्तकेस में गलत तथ्यों के आधार <नाम> झूँठा फंसाया गया है। उसने कोई अपराधकारित नही किया है वह निर्दोष है। वह उक्त मकान में किरायेदार के <नाम> मेंरह रहा था जिसका किराया 1000,//-रू0 प्रतिमाह था। उसके पीछे <नाम> काप्लान्ट था जो दूसरे व्यक्ति का था वह भी किराये <नाम> रहता था उसके पासकोई कनेक्शन नहीं है और <नाम> ही उसने अपने नाम से कोई कनेक्शन ले रखाहै विद्युत विभाग द्वारा चैकिंग के मध्य उसे पकड़ लिया और झूँठा मुकदमादर्ज <नाम> दिया। उसने कोई बिजली चोरी नही की है। उसके मकान के पीछेपानी प्लान्ट है जिसके <नाम> ने चोरी की है। अतः जमानत <नाम> <नाम> किये (2)जाने की <नाम> की गयी है। ",
"विद्युत विभाग के अधिवक्ता द्वारा प्रार्थना पत्र का विरोध कियागया। "
],
"judge-opinion": [
"उभय पक्षों के विद्धान अधिवक्तागण के तकों को सुना तथापत्रावली का अवलोकन किया। ",
"पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि प्रकरण घरेलूविधा का है। अभियुक्त स्वयं आत्म <नाम> <नाम> न्यायिक अभिरक्षा में निरूद्धहै। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_1920_202020-08-2020243 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थनापत्रके समर्थन में शानू ने शपथ पत्र प्रस्तुत किया है। ",
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार हैं कि मुकदमा वादी अवतारसिंह <नाम> अध्यक्ष, <नाम> <नाम> हिन्दू महासभा उ0प्र0 <नाम> मण्डल, ने थानाअछनेरा <नाम> इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी कि दिनांक 03.07.2020को <नाम> 8 बजे उसे जानकारी होने <नाम> अपनी टीम के साथ <नाम> 10 बजेकोरईथाना फतेहपुरसीकरी जाकर <नाम> तो कन््टेनर नं० एम0पी006एचसी 1353 परकुछ लोग गौवंश चढा रहे हैं उसी के पास एक गाड़ी यू0पी080एएफ 7228 जिसमेंकुछ लोग बैठकर गौवंशों को काटने के उद्देश्य से कन््टेनर में <नाम> रहे थे। हमलोगों को देखकर ये लोग दोनों गाड़ियों से <नाम> की तरफ भागने लगे तथा उसकेऊपर गाड़ी में से <नाम> से मारने के उद्देश्य से फायर किए। हम लोगों ने उक्तCay को महुअर पुल के पास पकड़ लिया तभी ड्राइवर व कन्डेक्टर उतरकर भागगए। जानकारी करने <नाम> पता चला कि कार में फारूख पुत्र कदीर, कदीर पुत्रशरफुद्दीन, इकबाल पुत्र <नाम> छोटू उर्फ शहजाद थे। उसके द्वारा 112 <नाम> सूचना दीगयी तो पीआरवी 45 एवं थाना अछनेरा की पुलिस मौके <नाम> पहुंच गए जिनकी मददसे कन््टेनर में लदे गोवंशों को चौकी करावली <नाम> लाकर खोलकर <नाम> गया तोउसमें गौवंश 17 सॉड़ लदे हुए थे जिसमें एक सॉड़ मृत पाया गया, कुछ चोटिल पायेगये । ",
"प्रार्थी // अभियुक्त द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र / शपथपत्र में कहा गया किप्रार्थी / अभियुक्त निर्दोष है उसे उक्त मामले में झूंठा फंसाया गया है, वह पूर्णतःनिर्दोष है, उसके द्वारा कोई अपराध कारित नहीं किया गया है। प्रार्थी / अभियुक्त द्व Bail Application/5855/2020 -Kadir Vs. UP State2Rr पुलिस पार्टी <नाम> <नाम> से मारने की नीयत से कोई फायर नहीं किया गया और नही किये गये फायर से कोईभी पुलिस कर्मी घायल हुआ है, जो गौवंश दर्शाये गये हैं,उन गौवंशों से प्रार्थी / अभियुक्त का कोई संबंध नहीं है। प्रार्थी , अभियुक्त को विश्वहिन्दू परिषद के लोगों ने पुलिस से मिलकर नामजद किया है। प्रार्थी का उपरोक्तकंटेनर सं० एम0पी006एचसी 1353 का <नाम> है, उसके वाहन को चैकिंग के दौरानपकड़ा तथा गाड़ी के असल कागजात <नाम> होने <नाम> नाजायज रूपयों की मांग कीगयी। मांग <नाम> <नाम> करने <नाम> अभियुक्त व उसके पुत्र को उपरोक्त मुकदमें में झूठाफंसा <नाम> गया है। प्रार्थी ,/ अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, इसकेअलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी अन्य न्यायालय एवं उच्च न्यायालय मेंविचाराधीन नहीं है। अभियुक्त का कोई भी आपराधिक इतिहास नही है। अभियुक्तदिनांक 05.08.2020 से जिला कारागार <नाम> में निरूद्ध है। इन्हीं आधारों परअग्रिम जमानत स्वीकार किये जाने की <नाम> की गयी। ",
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र <नाम> तर्क रखतेहुए कहा गया कि अभियुक्त इस प्रकरण में मौके से गिरफ्तार नहीं हुआ, उसकेविरूद्ध वादी मुकदमा द्वारा स्वयं को हिन्दू महासभा का अध्यक्ष कहते हुए झूठी प्रथमसूचना रिपोर्ट दर्ज करायी है। अभियुक्त इस प्ररकरण में निर्दोष है, उसको इसप्रकरण में झूठा फंसाया गया है। उसके द्वारा कोई अपराध नहीं किया गया है। अभियुक्त द्वारा किसी भी गौवंश को नहीं ले जाया जा रहा था, वादी मुकदमा किसीभी अभियुक्त को नहीं पहचानता। विवेचना के दौरान अभियुक्त की शिनाख्त वादीमुंकदमा से नहीं करायी। घटनास्थल से गौवंश को काटने का कोई औजार यासामान भी बरामद नहीं हुआ है। इस प्रकरण में किसी भी व्यक्ति को कोई die /aeTet नहीं आयी है। <नाम> अभियोजन / कथानक झूठा व असत्य है। जमानत स्वीकारकिये जाने की <नाम> की गयी। .अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,फौजदारी द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए कहा गया कि इस अभियुक्तव <नाम> अभियुक्तगण मिलकर एक कन््टेनर में गौवंश <नाम> रहे थे और अभियुक्त द्वारावादी मुकदमा <नाम> <नाम> से मारने के उद्देश्य से फायर किया गया, जो गौवंश कंटेनरमें बरामद हुए हैं, उनमें से एक सांड मृत पाया गया तथा अन्य चोटिल पाये गये। अपराध गंभीर <नाम> का है। यह कहते हुए जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने कीयाचना की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता, फौजदारी को जमानत प्रार्थनापत्र <नाम> सुना तथा प्रपत्रों काअवलोकन किया। यह प्रकरण वादी मुकदमा द्वारा स्वयं को हिन्दू महासभा का अध्यक्षकहते हुए प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराये जाने के साथ शुरू हुआ। वादी द्वारा प्रथमसूचना रिपोर्ट में कहा गया है कि उसको विश्वस्त सूत्रों से जानकारी हुई कि कुछलोग कन््टेनर में गौवंश भरकर काटने के उद्देश्य से कही ले जा रहे हैं, उसनेअपनी टीम के साथ <नाम> 10.00 बजे जाकर <नाम> तो कुछ लोग कन््टेनर में गौवंशचढ़ा रहे थे। हम लोगों को देखकर ये लोग <नाम> की तरफ भागने लगे तथा मेरेऊपर गाड़ी में से <नाम> से मारने के उद्देश्य से फायर किये। अभियुक्त को मौके सेगिरफ्तार नहीं किया गया है और <नाम> ही किसी गौवंशीय मांस की बरामदगी कन््टेनरसे हुई है तथा गौवंश को काटने के औजार व हथियार भी बरामद नहीं हुए हैं। प्रथमसूचना रिपोर्ट में गाड़ी में से फायर किया <नाम> कहा गया है, परन्तु कोई अघातआख्या केस डायरी में प्रेषित नहीं की गयी है। अभियुक्त का इस तरह का कोई पूर्वआपराधिक इतिहास थाने द्वारा प्रेषित रिपोर्ट में दर्शित नहीं किया गया है। अभियुक्त Bail Application/5855/2020 -Kadir Vs. UP State3दिनांक 05.08.2020 से जेल में हैं। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_5940_201918-10-20192783 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थना पत्र कोप्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसके साथ <नाम> धनदेवी पत्नी <नाम> <नाम> काशपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा प्रभारी निरीक्षक <नाम> <नाम> <नाम> थाना जगदीशपुरा <नाम> जिला <नाम> ने दिनांक 09.03.2018 को 21.19 बजे थानापर जुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि अभियुक्तगण उस्मान उर्फ सददाम, <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> जाटव, <नाम> उर्फ पप्पू धर्मेन्द्र, व <नाम> पारसके द्वारा संगठित गैंग बना लिया है, जिसका गैंग लीडर उस्मान उर्फ सददाम है। जो गैंग केसदस्यों के साथ मिलकर लूट, डकैती, व हत्या का प्रयास जैसे जघन्य अपराध करते है और समाजविरोधी <नाम> कलाप में संलिप्त है। ",
"अभियुक्तगण द्वारा भा.द.वि. के अध्याय 17, व 22 में वर्णित दण्डनीय अपराध कारितकिया गया है। ",
"आम <नाम> में <नाम> भय व आतंक व्याप्त है। इनके भय व आतंक के <नाम> कोई भी व्यक्ति इनके विरूद्ध गवाही देने एवं मुकदमा पंजीकूत कराने के लिये तैयार नहीं होता है। ",
"इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्न मुकदमे पंजीकृत हैं। इनके विरूद्ध <नाम> 2/3 उ0प्र०गिरोह बन्द एवंसमाज विरोधी कियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत कराया गया है। अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र में तथा प्रस्तुत तर्क मं कहा गया है कि प्रार्थ / अभियुक्त को उपरोक्त मुकदमे में पुलिस द्वारा झूठा फसाया गया है। जबकि उसने कोई अपराध कारित नही किया है। पुलिस उसे घर से उठाकर ले गयी थी और रंजिशवश मुकदमा वादी से मिलकर गुडवर्क दिखाने <नाम> अंगूठी प्लान्ट <नाम> उक्त मुकदमें में झूँठा फसा <नाम> है। उससे कोई बरामदगी नही हुई है। उसका कोई पूर्व आपराधिक इतिहास नही है। गैगचार्ट में दर्शित मुकदमें में उसकी जमानत हो चुकी है। उसका कोई संगठितगिरोह नही है <नाम> वह किसी गिरोह का सदस्य है। अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प््रार्थनापत्र हैअन्य कोई जमानत प््रार्थनापत्र किसी न्यायालय में लम्बित नही है। वह दिनॉक-10.10.2019 से जिला कारागार में निरूद्ध है। अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोधकरते हुए कहा है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह सक्रिय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट: <नाम> से अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है,जिसमें उसके विरूद्ध 2(1) अ.सं. 538/17 <नाम> 395, 412 भा.द.सं. थाना-जगदीशपुरा जिला <नाम> । का मुकदमा लंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्त कियेजाने की प्रार्थना की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्त तथा विद्वान लोकअभियोजनक को सुना तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यक परिशीलन किया। ",
"गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल एक उपरोक्त मामलादर्शाया गया हैं, जिनमें अभियुक्त क विरूद्ध गैंग बनाकर लूट, डकैती, जैसे जघन्य अपराध करनेका अभिकथन है। ",
"उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986 कीधारा 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है, तो उसे तबतक जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि- (क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहीं दियाजाता और (ख) जहॉ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान हो जाये कि यह विशवास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं है और यह कि जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। ",
"जहाँ <नाम> गैंगचार्ट में दर्शाये गये मामलों में अभियुक्त की जमानत स्वीकार होने काप्रश्न है, <नाम> वह उक्त मामलों में दोषमुक्त नहीं हुआ है, केवल उसकी जमानत हुई है। ",
"अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमों की संख्या, उनकी <नाम> एवंअभियुक्त के द्वारा गैग बनाकर लूट, डकैती, जैसे जघन्य अपराध करने से संबंधितअपराध के तथ्य व उक्त अधिनियम की <नाम> 19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुयेन्यायालय का यह समाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुये उसके अपराध करने की सम्भावना नहीं है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_775_202006-02-20201341 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"समर्थन में ओमवीर का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार हैं कि वादी शालू द्वारादिनांक 18.01.2020 को थाने <नाम> तहरीर इस आशय की दी गयी कि उसकी बुआहीरा <नाम> पत्नी किशन <नाम> दिनांक 16.01.2020 को सहपरिवार शादी में गए हुएथे, जिनके घर <नाम> कोई नहीं था, वापस आने <नाम> घर खोलकर <नाम> तो घर कासामान बिखरा पड़ा था। चोरी हुए सामान की सूची अलग से दूँगा। ",
"दौरान विवेचना थाना ताजगंज, <नाम> की पुलिस द्वारा्रार्शी/ अभियुक्त को गिरफूतार किया गया तथा प्रार्थी/अभियुक्त के कब्जे से फर्दमें उल्लिखित इस प्रकरण से संबंधित बरामदगी को सम्बद्ध करते हुए <नाम> 411भा0द0सं0 की बढोत्तरी की गयी। ",
"प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से प्रार्थना पत्र/शपथपत्र में कहा गया हैकि प्रार्थी/अभियुक्त को उपरोक्त मुकदमे में झूठा फंसाया गया है, उसने कोईअपराध कारित नहीं किया है। वह पूर्णतः निर्दोष है। अभियुक्त को पुलिस कर्मियोंसे वाद विवाद होने <नाम> झूठी कहानी बनाते हुए उसकी गाड़ी सहित तथा जामातलाशी में बरामद रूपयों को चोरी का बताकर उक्त मुकदमे में बन्द <नाम> दिया,उपरोक्त मुकदमे में प्रार्थी/अभियुक्त की ईको कार बन्द की गयी है, का वहपंजीकृत <नाम> है। फर्द बेबुनियाद और एक षड़यन्त्र पूर्ण तरीके से उपरोक्तमुकदमे का खुलासा करने के लिए बनायी गयी है। अभियुक्त दिनांक 26.01.2020से जिला कारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी/अभियुक्त का न्यायालय के समक्ष यहप्रथम जमानत प््रार्थनापत्र है, इसके अलावा उक्त मुकदमे से संबंधित जमानत्रार्थनापत्र किसी अन्य न्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में Bail Application/ 2167/2020 —Anil Vs. State2विचाराधीन नहीं है। प्रार्थी /अभियुक्त का इन मुकदमों से पूर्व कोई आपराधिकइतिहास नहीं है। इन्हीं आधारों <नाम> जमानत स्वीकार किये जाने की <नाम> कीगयी । ",
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र <नाम> कहागया है कि अभियुक्त को इस मुकदमें में झूठा फंसाया गया है, उसके द्वारा कोईअपराध नहीं किया गया है। अभियुक्त से कोई बरामदगी नहीं हुई है, जो कारबरामद किया <नाम> कहा है, अभियुक्त उसका पंजीकृत <नाम> है। अभियुक्त काकोई आपराधिक इतिहास नहीं है। बरामदगी का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं है,जबकि गिरफ्तारी भीड़भाड़ वाले स्थान से की गयी है। मामला मजिस्ट्रेट द्वाराविचारणीय है। जमानत दिये जाने की <नाम> की गयी। ",
"अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,फौजदारी द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए कहा गया कि अभियुक्त द्वरा वादी के घर से सामान व रूपयों की चोरी की गयी तथा उनमें से कुछ रूपयोंकी बरामदगी हुई है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। यह कहते हुए जमानत्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता, फौजदारी को जमानत प्रार्थनापत्रों <नाम> सुना तथा प्रपत्रों काअवलोकन किया। ",
"इस प्रकरण की प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात अभियुक्तगण के विरूद्धदर्ज करायी गयी है। आवेदक / अभियुक्त को इस प्रकरण में बरामदगी के आधारपर संलिप्त किया गया है। अभियुक्त किसी भी वस्तु की बरामदगी उससे होने सेइंकार करता है। कार सं0-यूपी.80एफई8313, जो उससे अभियोजन द्वारा बरामदहोना कहा है, अभियुक्त उसका पंजीकृत <नाम> है। अभियुक्त का कोई आपराधिकइतिहास थाना पुलिस द्वारा नहीं भेजा गया। अभियुक्त दिनांक 26.01.2020 से जेलमें है। मामला मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_2725_202022-09-20202596 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस आवेदनपत्र के साथ अभियुक्त के मौसेरे <नाम> सोमनाथ Alot HTशपथपत्र संलग्न किया गया है। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने आवेदक अभियुक्त की तरफ से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता एवँँअभियोजन की तरफ से उपस्थित विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,दाण्डिक के तर्को को सुना तथा पत्रावली <नाम> उपलब्ध पुलिस प्रपत्र एवं अन्यसामग्री का सम्यक परिशीलन किया। ",
"आवेदक / अभियुक्त की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता का कथनहै कि आवेदक / अभियुक्त को उक्त केस में परेशान करने <नाम> झूँठा फंसायागया है। आवेदक » अभियुक्त द्वारा किसी घटना को अंजाम नहीं <नाम> गयाहै। आवेदक / अभियुक्त के पास से कोई नशीली वस्तु बरामद नहीं हुईहै। घटना व बरामदगी का कोई जनसाक्षी नहीं है। प्राएपत्र के साथ संलग्नशपथपत्र में दिये गये तथ्यों के आधार <नाम> आवेदक /अभियुकत को जमानतपर छोड़ा <नाम> उचित होगा। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 13.09.2020 से जेल में निरूद्ध है। ",
"अभियोजन की ओर से विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता,दाण्डिक ने आवेदन पत्र का घोर विरोध करते हुए कहा कि इस मामले मेंअभियुक्त के पास से काफी <नाम> में नशीला पदार्थ गॉजा बरामद हुआहै। एनडीपीएस की <नाम> 50 तथा 57 का सहमति पत्र दाखिल करकेअनुपालन <नाम> <नाम> गया है। आवेदक »/ अभियुक्त का अपराध गम्भीर प्रकृतिका है। अतः जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाए। ",
"पत्रावली <नाम> उपलब्ध फर्द बरामदगी के अनुसार आवेदक /» अभियुक्तको दिनांक 13.09.2020 को समय 6:10 बजे उपनिरीक्षक <नाम> <नाम> व अन्यपुलिस कर्मचारियों द्वारा दौरान देखरेख <नाम> व्यवस्था/चैकिंग संदिग्ध व्यक्तिव वाहन गश्त करते समय प्लेटफार्म नं०-1,/6 के अन्त में दिल्ली छोर कीतरफ बने शौचालय के पश्चिमी,उत्तरी दीवार का कोना, वहद थानाजी0आर0पी0 <नाम> कैण्ट, जिला <नाम> के अन्तर्गत अभियुक्त को पकड़ागया। पकड़े गये अभियुक्त ने अपना नाम रमेश <नाम> मण्डल पुत्र अरूणकुमार मण्डल बताया तथा उसके कब्जे से तीन किलो पॉच सौ ग्रामगॉजा बरामद किया गया। ",
"पत्रावली <नाम> उपलब्ध साम्रगी से स्पष्ट है कि इस मामले मेंआवेदक /» अभियुक्त के पास से तीन किलो पॉच सौ ग्राम गॉजा बरामदहोने का आरोप है, जो <नाम> <नाम> एक किलोग्राम से काफी अधिकहै। धारा-37 स्वापषक औषधि और मनःप्रभावी पदार्थ अधिनियम केअन्तर्गत यह अवधारित करने <नाम> पर्याप्त आधार नहीं है किआवेदक / अभियुक्त के जमानत <नाम> <नाम> होने <नाम> वह पुनः अपराध में संलिप्तनहीं होगा। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_1223_202116-02-20212394 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इसजमानत प्रार्थना पत्र के साथ आवेदक/अभियुक्त के पैरोकार इकरार काशपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार विद्युत विभाग के कर्मचारीगणकी चैकिंग टीम के द्वारा प्रार्थी/अभियुक्त के परिसर का निरीक्षण करने परआवेदक / अभियुक्त को पूर्व विद्युत बकाया होने के आधार <नाम> कनैक्शनविच्छेदित करने के <नाम> भी इस संबंध में विद्युत विभाग की ओर से्रार्शी/ अभियुक्त के विरूद्ध थाना हाजा <नाम> अभियोग पंजीकृत कराया गया। ",
"्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> रख गया हैकि प्रार्थी/अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस केस में झूंठाफॅसाया गया है। प्रार्थी/ अभियुक्त उक्त कस में दिनांक 15.02.2021 से जेलमें है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किया जाय। "
],
"judge-opinion": [
"उभय पक्षों के विद्धान अधिवक्तागण के तर्को को सुना तथापत्रावली का अवलोकन किया। ",
"विद्युत विभाग क विद्वान अधिवक्ता द्वारा कहा गया है कि्रार्थी/ अभियुक्त क द्वारा विद्युत विभाग में शमन शुल्क जमा नहीं कराया गयाहै, प्रार्थना पत्र <नाम> एतराज है। (2)प्रार्थी / अभियुक्त <नाम> चोरी से विद्युत का उपयोग किये जाने काआरोप है, जिससे प््रार्थी/अभियुक्त के द्वारा इंकार किया गया है। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 15.02.2021 से जेल में है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_4532_201920-08-2019413 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी /अभियुक्तगण के <नाम> व पैरोकारसंजय <नाम> के शपथ पत्र से समर्थित है । ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैंकि वादी मुकदमा <नाम> <नाम> द्वारा थाने <नाम> इस आशय की तहरीर दी गईकि उसका नाती रवीकान्त उम्र करीब 26 वर्ष रोमसंस कम्पनी में नौकरीकरता है। रोजाना की भाति रवीकान्त दिनाक 31.07.2019 को सुबह डयूटीपर गया था। डयूटी के <नाम> वह वापस नहीं आया। काफी खोजबीन की गयी। <नाम> <नाम> कोई पता नहीं चला है। उसका मोबाइल नम्बर<फ़ोन-नंबर>, <फ़ोन-नंबर> है, वो उस <नाम> घर <नाम> ही छोड़ गया था। इससंबंध में प्रार्थी द्वारा दिए गए प्रार्थना पत्र के आधार <नाम> थाना बरहन मेंदिनाक 01.08.2019 को गुमशुदगी दर्ज की गयी थी। दिनाक 01.08.2019 को ही मोबाइल नम्बर <फ़ोन-नंबर> से रविकान्त के मोबाइल <नाम> कॉल आयीजिसे उनके रिश्तेदार <नाम> शीनू द्वारा रिसीव की गयी। कॉल करने वाले व्यक्तिद्वारा गाली गलौज करते हुए कहा गया कि सिकी से कुछ कहा तो गोली मार देंगे और पाँच लाख रूपए का इंतजाम <नाम> समय और जगह हम बतांएगे । (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेत्र)/अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 4532/2019डोरीलाल आदि बनाम राज्यउसके नाती को प्रणवीर के द्वारा अपनी मोटरसाईकिल से <नाम> जलेसरमार्ग नगला धौकल बम्बा पुलिया <नाम> 08:30 <नाम> उतरा था, वहीं से गायबहुआ है। उक्त संबंध में प्राथमिकी <नाम> की गयी। ",
"प्रार्थी / अभियुक्तगण की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यहकहा गया है कि प्रार्थीगण को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उन्होंने कोईअपराध नहीं किया है, वे निर्दोष हैं। प्रार्थीगण दिनाक 04.08.2019 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। प्रार्थीगण के विरूद्ध कोई अपराध नहीं बनता है। प्रार्थीडोरी <नाम> को उसकी फैक्ट्री से <नाम> को व प्रार्थी <नाम> को उसके घर सेरात्रि में उठाकर झूठा चालान <नाम> <नाम> गया है। प्रार्थीगण छात्र हैं। ग्रार्थीगण का कोई अपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थीगण का यह प्रथमजमानत प्रार्थना पत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसीभी न्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्तआधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्तगण को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की याचनाकी गयी है। ",
"विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी श्रीसत्यप्रकाश धाकड़ द्वारा जमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया किअभियुक्तगण द्वारा अन्य के साथ मिलकर किराए का मकान लेकरसह-अभियुक्त रवीकान्त के घरवालों से पैसा हड़पने के लिए सह-अभियुक्तरवीकान्त के ही अपहरण की झूठी <नाम> बनायी गयी है। उपरोक्त आघारोंपर जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"प्रार्थी / अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता <नाम> रियात हुसैन एवंविद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी <नाम> सत्यप्रकाश धाकड कोसुना गया तथा अभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनाक 31.07.2019 की समय 20:30 बजे की बतायी गयी है। धारा193 भारतीय दण्ड <नाम> मिथ्या साक्ष्य देने या गढ़ने के लिए दण्ड काप्रावधान करती है। इसी प्रकार <नाम> 195 भारतीय दण्ड <नाम> मिथ्या साक्ष्यदेना या गढ़ना यदि किसी व्यक्ति की दोषसिद्धी के संबंघ में हो, तब <नाम> (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-३, आररा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 4532, 2019डोरीलाल आदि बनाम राज्य होती है। वर्तमान प्रकरण में सह-अभियुक्त रवीकान्त द्वारा अपने घर <नाम> छोड़ेगए अपने मोबाइल फोन <नाम> किसी अन्य व्यक्ति से फोन कराकर अपनेअपहरण की फिरौती मांगा <नाम> दर्शित किया गया है। प्रार्थीगण लगभग 15दिन से जिला कारागार में निरूद्ध है। अभियोजन की ओर से प्रार्थीगण काकोई अपराधिक इतिहास प्रस्तुत नहीं किया गया है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_2520_202108-04-2021105 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"समर्थन में मुन्नी <नाम> पत्नी बाबूखानका शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"2. जमानत प्रार्थनापत्र एंव उसके साथ प्रस्तुत शपथपत्र में मुन्नी <नाम> पत्नीबाबूखान का कथन है कि वह अभियुक्त की माँ एंव पैरोकार है तथा तथ्यों से भलीभांति जानकार है। अभियुक्त पूर्व में इस मामले में न्यायालय से जमानत <नाम> रहा है। अभियुक्तके उक्त पत्रावली में दिनांक 09.01.2018 से लेकर 22.03.2021 <नाम> गैर जमानतीय वारंट हो गये है। अभियुक्त जिला कारागार <नाम> में निरूद्ध होने की वजह से नियत दिनांकको हाजिर नहीं हो पाया थशा। अभियुक्त दिनांक 05.01.2021 को जिला कारागार आगरासे छूटा और उसे जैसे ही पता चला वह न्यायालय में नियत <नाम> को उपस्थित आया। अभियुक्त द्वारा दिनांक 22.03.2021 को न्यायालय में उपस्थित होकर वारंट वापसी हेतुप्रार्थना पत्र <नाम> गया जिसे न्यायालय द्वारा निरस्त करते हुए उसे जेल भेज <नाम> गया। ",
"अभियुक्त के अलावा उसके घर <नाम> अन्य कोई कमाने वाला नहीं है। अभियुक्त लगभग 4 साल से अधिक समय <नाम> जेल में रहा है। अभियुक्त उपरोक्त मामले में दिनांक 22.03. 2021 से कारागार में निरूद्ध है। अभियुक्त अपनी जमानत दाखिल करने को तैयार है, तथा जमानत का कोई दुरूपयोग नहीं करेगा। अभियुक्त का अन्य कोई प्रार्थना पत्र किसीभी न्यायालय अथवा माननीय उच्च नर््यायालय में विचाराधीन नहीं है। वह अपनी उचित व Bail Application/2520/2021 -Ansar Khan Vs. UP State 2विश्वसनीय जमानत देने को तैयार है। तब अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> करने के आदेशपारित किया जाए। "
],
"judge-opinion": [
"सुना एवं पत्रावली का परिशीलन किया। ",
"पत्रावली के अवलोकन से विदित है कि अभियुक्त पूर्व में जमानत <नाम> था लेकिनउसके दिनांक 21.02.2019 से अनुपस्थित हो जाने के <नाम> उसके विरूद्ध न्यायालय द्वारा गैर जमानती वारंट निर्गत किये गये है। अभियुक्त द्वारा अनुपस्थिति का आधार किसी अन्य मामले में जेल में निरूद्ध रहने का लिया गया है। पत्रावली <नाम> आरोप विरचित हो चुका है। अभियुक्त दिनांक 22.03.2021 इस मामले में जेल में निरूद्ध है। अतः मामले के तथ्य एवंपरिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किये जाने का पर्याप्तआधार है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_3221_201929-06-20192727 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के पेरोकार <नाम> उमिला <नाम> नेशपथपत्र प्रस्तुत किया है। अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त निर्दोष है उसको इस मुकदमें में झूठा फॅसाया गया है। यह भी कथन किया गया कि अभियुक्त उक्त मामले में माननीय उच्च न्यायालय से जमानत <नाम> था तथा वह प्रत्येकनियत दिनांक <नाम> व्यक्तिगत <नाम> से अथवा द्वारा अधिवक्ता उपस्थित आया है। नियत दिनांक 24.12.2018 को तबीयत खराब हो जाने के <नाम> वह नऱ्यायालय में उपस्थित नहीं हो सका था, जिस <नाम> सम्बन्धित न्यायालय द्वारा अभियुक्त के विरूद्व गैर जमानती वारण्ट जारी किए जाने का आदेश पारित <नाम> <नाम> गया। उसके द्वारा जानबूझकरन्यायालय के आदेश की अवहेलना नहीं की गई है। अभियुक्त द्वारा स्वंय न्यायालय मेंआत्मसमर्पण किया गया है तथा अभियुक्त दिनांक 11.02.2019 से जिला कारागार,आगरा में निरूद्व है। अतः जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गई। (2)विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानत का विरोध किया गया। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक के तर्को को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। ",
"पत्रावली के अवलोकन से स्पष्ट है कि अभियुक्त इस मामले में माननीय उच्चन्यायालय से जमानत <नाम> था। दिनांक 24.12.2018 को अभियुक्त की अनुपस्थिति केकारण अभियुक्त के विरूद्व गैर जमानती वारण्ट जारी किए जाने का आदेश पारितकिया गया है। अभियुक्त द्वारा यह आधार लिया गया है कि वह पूर्व में नियत दिनांकोंपर न्यायालय में व्यक्तिगत <नाम> से अथवा द्वारा अधिवक्ता उपस्थित आया है, तबीयतखराब होने के <नाम> वह न्यायालय में उपस्थित नहीं हो सका था। अभियुक्त द्वारास्वंय न्यायालय में आत्मसर्मपण किया गया है तथा अभियुक्त दिनांक 11.02.2019 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्व है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_2602_202023-09-20202549 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्तगण के पैरोकार सौदान <नाम> नेशपथ पत्र प्रस्तुत किया है, जिनमें वर्णित है कि अभियुक्तगण का यह प्रथम जमानतप्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय में विचाराधीन नहींहै। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार दिनांक 03.09.2020 को उपनिरीक्षक <नाम> <नाम> द्वारा अपने अन्य साथी कर्मचारीगण के साथ गश्त के दौरान, मुखविर की सूचना <नाम> कि सैंया की तरफ से दो व्यक्ति अवैध कछुआ लेकर मोटर साइकिल से कस्वा इरादतनगर की तरफ से आ रहे हैं, यदि जल्दी की जायें तो उनको पकड़ा जा सकता (2)हैं, तदुपरान्त वादी / उपनिरीक्षक द्वारा वनरक्षक डालचन्द को दूरभाष से सूचना देकर,वनरक्षक टीम एवं साशी पुलिस कर्मचारीगण के साथ, मुखविर के बताये स्थान <नाम> पहुँचकर सैंया रोड़ <नाम> बसई खुर्द मोड़ <नाम> वाहन चैकिग की गई, तभी सैंया की तरफसे एक मोटर साइकिल <नाम> दो व्यक्ति आते दिखाई दिए, जो पुलिस को देखकरसकपकाते हुए पीछे सैंया रोड़ की तरफ मोटर साइकिल को मोड़ <नाम> भागने का प्रयास करने लगे, तदुपरान्त पुलिस पार्टी द्वारा शक के आधार <नाम> आवश्यक <नाम> प्रयोग करते हुए उन दोनों व्यक्तियों को, मय मोटर साइकिल के, दोनों की बीच में <नाम> हुई टाट की बोरी के साथ पकड़ लिया गया। पकड़े गये व्यक्तियों से नाम पता पूछते हुए, मोटर साइकिल <नाम> <नाम> हुई बोरी की तलाशी ली गई तो पकड़े गये व्यक्तियों ने अपना नामसनी एवं <नाम> <नाम> बताया। अभियुक्तगण की मोटर साइकिल <नाम> <नाम> टाट कीबोरी से 44 जिन्दा कछुए बरामद हुए। गिरफूतार शुदा दोनों अभियुक्तगण से कछुए रखने का लाइसेंस तलब किया गया तो वह दिखाने से कासिर रहे तथा माफी मागते हुए बताया गया कि वह यह कछुए नाले से पकड़ <नाम> लाये हैं, जिनको वह ऊचे दामों <नाम> बेच देगें। तदुपरान्त अभियुक्तगण से बरामद कछुओं को वनरक्षक टीम द्वारा टाटकी बोरी में रखकर बाधा गया तथा पुलिस पार्टी द्वारा बरामद कछुओं व मोटरसाइकिल को कब्जे में लिया गया तथा अभियुक्तगण को मय बरामद <नाम> के थाने लेजाया गया। ",
"वादी / उपनिरीक्षक <नाम> <नाम> द्वारा अभियुक्तगण सनी एवं <नाम> <नाम> के विरूद्व थाना इरादतनगर <नाम> मु0अ०सं0 1012020 <नाम> 2, 9, ३9, 48ए, 50, 51 वन्यजीव सरक्षण अधिनियम एवं <नाम> 52, 52क भारतीय वन अधिनियम में प्राथमिकी आंकितकराई गई । ",
"अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्तगणनिर्दोष हैं, उनको इस प्रकरण में झूंठा नामित किया गया हैं जबकि अभियुक्तगण द्वाराउक्त अपराध कारित नहीं किया गया हैं। यह भी कथन किया गया कि अभियुक्तगणवन्य <नाम> का अवैध व्यापार या तस्करी नहीं करते हैं और <नाम> ही उनका कय विकय करते हैं, अभियुक्तगण उक्त कछुओं को अपने गाँव क तालाब मों छोड़ने के लिए लारहे थे। कथित घटना का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं बताया गया हैं। अभियुक्तगण दिनांक 04.09.2020 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्व हैं, अत: जमानत <नाम> रिहाकिए जाने की प्रार्थना की गई। (3)जमानत प्राथना पत्र स॒0: 2602 / 2020 प्रार्थना पत्र सं0: 2602 / 2020 विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक एवं उनका सहयोग <नाम> रहे वन विभाग केविद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत का विरोध करते हुए <नाम> प्रस्तुत किया गया किअभियुक्तगण प्राथमिकी में नामित हैं। अभियुक्तगण के द्वारा जीवित कछुओं कोतस्करी / बेचने के आशय से ले जाया जा रहा था। अभियुक्तगण के पास से बरामदटाट की बोरी से अनुसूची-1 के पार्ट-2 में वर्णित प्रतिबन्धित दुर्लभ प्रजाति के 44जिन्दा कछुए बरामद हुए हैं। अभियुक्तगण द्वारा कारित अपराध गम्भीर <नाम> का हैं,अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की प्रार्थना की गई। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार अभियुक्तगण के विरूद्व दुर्लभ प्रजाति केकछुओं की तस्करी किए जाने, तथा अभियुक्तगण के पास से 44 जीवित कछुए बरामदहोने का आरोप हैं। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिकके तर्को को वर्चुअल माध्यम से सुना तथा उपलब्ध प्रपत्रों का अवलोकन किया। ",
"केस डायरी में उपलब्ध साक्ष्य के अनुसार अभियुक्तगण की गिरफ्तारी के समयअभियुक्तगण की मोटर साइकिल <नाम> <नाम> टाट की बोरी से अनुसूची-1 के पार्ट-2 में वर्णित प्रतिबन्धित दुर्लभ प्रजाति के 44 जिन्दा कछुए बरामद होना दर्शित हैं, जिनकेसम्बन्ध में गिरफतारी के समय अभियुक्तगण द्वारा कथन किया गया हैं कि वह यह कछुए नाले से पकड़ <नाम> लाये हैं, जिनको वह ऊँचे दामों <नाम> बेच देगें। अभियुक्तगणबरामद कछुओं का लाइसेंस दिखाने से भी कासिर रहे हैं। अभियुक्तगण प्राथमिकी में नामित हैं तथा प्रस्तुत प्रकरण में <नाम> विवेचना प्रचलित हैं। उक्त अपराध गम्भीर प्रकृतिका हैं। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_477_202005-03-2020242 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थनापत्र के समर्थन में अभियुक्तगण के पैरोकार राजाराम नेशपथ पत्र प्रस्तुत किया है। ",
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी मुकदमा शिशुपालसिंह द्वारा दिनांक 13.02.2020 को थाना हरीपर्वत <नाम> तहरीर इस आशय से दी गयीकि दिनांक 12.02.2020 <नाम> बुधबार की <नाम> एवं दिनांक 13.02.2020 <नाम> बृहस्पतिबारसुबह अज्ञात चोरों ने एमजी रोड <नाम> मरीना होटल के सामने से <नाम> सेल्स तकबीएसएनएल की 800 पेयर की 02 केबिल लगभग 800 मीटर, 400 पेयर की 02 केबिललागभग 800 मीटर, 1200 पेयर की 01 केबिल लगभग 200 मीटर, 200 पेयर की 01केबिल लागभग 200 मीटर भूमिगत केबिलें डक्ट से चोरी हो गयी हैं, जिसकी जानकारीउपभोक्ताओं के द्वारा अपने दूरमाष एवं लीज लाइन खराब होने की जा रही अत्यधिकशिकायतों की जांच करने उपरान्त मालूम चला है। उपरोक्त केबिल चोरी होने से जजकम्पाउण्ड, जनपद न्यायालय एवं <नाम> पेलेस <नाम> की अनेकों लीज लाइन, दूरभाष वब्यमडबेण्ड सेवाएं क्षतिग्रस्त हो गये हैं, जिससे विभाग को काफी राजस्व की हानि हुई है। ",
"अभियुक्तगणगण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र / शपथपत्र Bail Application/3154/2020 -Vipin And OThers Vs. UP State2में कहा गया कि प्रार्थीगण / अभियुक्तगण निर्दोष हैं, उन्होंने उक्त अपराध कारित नहींकिया है। उन्हें उक्त अपराध में झूठे तथ्यों के आधार <नाम> नामित किया है। रिपोर्टविलम्ब से दर्ज करायी गयी हैं घटनास्थल मरीना होटल से <नाम> सेल्स <नाम> है, उक्तजगह <नाम> सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। सत्यता यह हैकि शपथकर्ता आर0आर0 केनसर्विस का प्रोपराइटर है। स्वयं व अभियुक्तगण हाइड्रा कन द्वारा फोन <नाम> ऑर्डर आनेव संपर्क करने <नाम> भारी मालों की लोडिंग अनलोड़िग भाड़े <नाम> करते हैं। पुलिस द्वाराट्रांस्पोर्ट नगर चौराहे से शपथकर्ता की हाइड्रा केन और कनन््डक्टर <नाम> को थानापुलिस पकड़कर ले गयी, जिसकी जानकारी <नाम> शपथकर्ता के पुत्र <नाम> और विपिनथाना हरीपर्वत गये, जहॉ <नाम> पुलिस से जानकारी की तो पुलिस द्वारा यह कहा गयाकि इस हाइड़ा से चोरी का तार आयशर कैन््टर में लोड किया गया है, तब शपथकर्ताके पुत्र <नाम> व <नाम> ने कहा हमारे हाइड्रा कन के द्वारा उक्त दिनांक को <नाम> हीनहीं किया गया है। आप जहाँ की घटना बता रहे हैं, वहॉ सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। इन्हीं बातों <नाम> चिढ़कर थाना पुलिस द्वारा अभियुक्तगण को उपरोक्त झूठे तथ्यों केआधार <नाम> उक्त मुकदमे में जेल भेज दिया। उपरोक्त अपराध की अज्ञात प्रथम सूचनारिपोर्ट से पूर्व कुछ अभियुक्तगण को थाना पुलिस द्वारा थाने <नाम> बैठा लिया औरआयशर कैन््टर को भी थाना पुलिस द्वारा पकड़ लिया गया। अभियुक्तगण के कब्जे सेउपरोक्त अपराध से संबंधित कोई वस्तु बरामद नहीं है, <नाम> 420 भा0दं0सं० का अपराधअगर बनता है तो आयसर कैन्टर के चालक व अन्य लोगों के विरूद्ध प्रथम सूचनारिपोर्ट के मुताबिक बनता है। अभियुक्तगण दिनांक 14.02.2020 से जिला जेल <नाम> मेंनिरूद्ध हैं। इन्हीं आधारों <नाम> जमानत स्वीकार किये जाने की <नाम> की गयी। ",
"अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र <नाम> तर्क रखतेहुए कहा गया कि अभियुक्तगण निर्दोष है, अभियुक्तगण से कोई बरामदगी नहीं हुई है। अभियुक्तगण को इस प्रकरण में झूठा फंसाया गया है। आरोपित धाराओं मेंअभियुक्तगण के विरूद्ध कोई अपराध नहीं बनता। पुलिस द्वारा अभियुक्तगण को इसप्रकरण में रंजिशन झूठा फंसाया गया है। अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यहभी कहा गया कि अभियोग अज्ञात में दर्ज हुआ है, किसी के द्वारा भी अभियुक्तगण कोचोरी करते हुए या <नाम> को हाइड्रा केन से गाड़ी में लादते हुए नहीं <नाम> है और <नाम> हीअभियुकतगण का कोई सीसीटीवी फुटेज अपराध करते हुए पुलिस द्वारा प्राप्त किया गयाहै, जबकि घटनास्थल <नाम> का व्यस्ततम स्थल है। जमानत स्वीकार किये जानेकी <नाम> की गयी। ",
"अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,फौजदारी द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए कहा गया कि अभियुक्तगण द्वRI ARG war fra fates (बीएसएनएल) के केबिल कटने व अवैध <नाम> अर्जितकरने तथा राज्य को आर्थिक क्षति पहुँचाने के आशय से उनके कब्जे से फर्द मेंउल्लिखित केबिल बरामद की गयी है। अपराध गम्भीर <नाम> का है, यह कहते हुएजमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुकतगण के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता, फौजदारी को जमानत प्रार्थनापत्र <नाम> सुना तथा प्रपत्रों व केस डायरी काअवलोकन किया। ",
"यह दाण्डिक प्रकरण <नाम> संचार निगत लिमिटेड (बीएसएनएल) केकर्मचारी द्वारा दिनांक 12/13.02.2020 की <नाम> को अज्ञात अभियुक्तगण द्वारा भारतसंचार निगत लिमिटेड (बीएसएनएल) के केबिल, पेयर, भूमिगत डकक््ट से चोरी करने कीप्रथण सूचना रिपोर्ट दर्ज किये जाने साथ शुरू हुआ। इस प्रकरण में Bail Application/3154/2020 -Vipin And OThers Vs. UP State3आवेदकगण / अभियुक्तगण को बरामदगी के आधार <नाम> अभियुक्त बनाया गया है,अभियुक्तगण किसी भी बरामदगी होने से इंकार करते हैं। पुलिस द्वारा 8 अभियुकतगणको चोरी का तार बेचने का प्रयास करते हुए गिरफ्तार किया गया। सभी अभियुक्तगणका चालान <नाम> 379,411,420 भा0दं0सं0 में किया गया। बरामदगी का कोई स्वतनन््त्रसाक्षी नहीं दर्शाया गया है और <नाम> ही अभियुक्तगण का कोई पूर्व आपराधिक इतिहासपुलिस द्वारा दर्शाया गया है। अभियुक्तगण दिनांक 14.02.2020 से जेल में निरूद्ध हैं। मामला मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_1084_202008-07-20201354 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस आवेदनपत्र के साश अभियुक्त के <नाम> सारिक अहमद काशपथपत्र संलग्न किया गया है। ",
"इस मामले के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 18.09.19को वादी मुकदमा प्रभारी निरीक्षक <नाम> <नाम> ने थाना छत्ता में अरमानव सनी कुरैशी के विरूद्ध इस आशय की प्राथमिकी दर्ज करायी किउसने दिनांक 18.09.19 को वह व अन्य पुलिस कर्मचारी के साथ शांतिव्यवस्था ड्यूटी व रोकथाम जुर्म गश्त <नाम> थे कि मुखबिर के द्वारा सूचनामिली की <नाम> <नाम> के मन्दिर के सामने खड़े डबल दरवाजे गोदाम केअन्दर मौजूद लुब्रीकेन्ट की पैकिंग <नाम> रहे व्यक्ति को पकड़ लिया,उसने अपना नाम अरमान पुत्र एहसान बताया, जामा तलाशी से पहनीजीन्स की दाहिनी जेब से 150/-रूपये व एक सफल तम्बाकू का खुलापैकेट बरामद हुआ, अन्य व्यक्ति भागने में सफल रहे। मौके <नाम> द्रू 4टीवीएस की तैयार/भरी 40 पेटियाँ व हीरो 4टी की तैयार/भरी 43पेटियाँ व खाली बोतलों सहित भरने के लिये <नाम> 81 पेटियाँ, खालीपेटियों का गत्ता, 13 खाली डम व 12 भरे/अधभरे आयल के डमबोतलों की सल व ढक्कन तथा सेपैक कंपनी की इलैक्ट्ोमैग्नेटिकसिलिंग मशीन तथा टाटा जीनियस प्लस ब्राण्ड की भरने के लिये रखीगयी बाल्टियाँ <नाम> है तथा डम से मशीन व पाइप लगाकर एक आधेकटे डम में आयल निकालकर बोतलों में भरने की व्यवस्था की गयी है। पकड़े गये व्यक्ति ने पूछने <नाम> बताया कि यह सनी कुरैशी का <नाम> है,जो व्यक्ति बाहर से भागा है, वही इसका <नाम> है। यहाँ <नाम> ब्राण्डेडकंपनियों के लुब्रीकन्ट इंजन आयल की बोतलों, पेटियों व बाल्टियों मेंनकली आयल भरकर सीलकर असली के <नाम> में बाजार में सप्लाई कियाजाता है। ",
"आवेदक अभियुक्त सनी कुरैशी की तरफ से उपस्थित विद्वानअधिवक्ता का कथन है कि उसे इस मामले में झूठा व रंजिशन लिप्तकिया गया है उसके विरूद्ध किसी प्रकार का कोई मामला नहीं बनता हैऔर ना ही उसकी मामले में संलिप्तता प्रकट होती है। विद्वान अधिवक्ताआवेदक अभियुक्त का यह भी कथन है कि अभिकथित मोबिऑयल कोकम्पनी का <नाम> कहकर किसी को नहीं बेचा गया है मामले का कोई भीजनसाक्षी नहीं है। आवेदक द्वारा ना तो कोई छल किया गया है और नाही कोई रूपया कब्जे से बरामद किया गया है। पुलिस द्वारा जो भीकार्यवाही की गयी है वह पेशबंदी में की गयी है क्योंकि पूर्व में पुलिसके विरूद्ध आवेदक द्वारा शिकायत की गयी है जिससे <नाम> होकर यहझूठी रिपोर्ट लिखायी गयी है। आवेदक अभियुक्त को इन्हीं आधारों परविचारण के दौरान जमानत <नाम> <नाम> किये जाने का निवेदन किया गयाहै। अभियोजन की ओर से विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ताने आवेदनपत्र का घोर विरोध करते हुये कहा है कि आवेदक द्वारा 3गम्भीर अपराध में संलिप्त होकर अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया जारहा है जोकि गम्भीर मामला है सहअभियुक्त अरमान ने बरामदगी स्थलको आवेदक अभियुक्त के स्वामित्व का बताया है और उसके स्वामित्व से40 पैकेट हीरो मोबिआऑयल और 40 पैकेट टीवीएस मोबिऑयल केबरामद हुये हैं। विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी काकथन है कि आवेदक अभियुक्त के विरूद्ध लगाया गया आरोप गम्भीर हैइसलिये आवेदक द्वारा प्रस्तुत जमानत आवेदन पत्र को अस्वीकार करदिया <नाम> चाहिये । "
],
"judge-opinion": [
" 2मैंने आवेदक अभियुक्त की तरफ से उपस्थित विद्वानअधिवक्ता एवं अभियोजन की तरफ से उपस्थित विद्वान अपर जिलाशासकीय अधिवक्ता फौजदारी के तर्को को सुन लिया है तथा पत्रावलीपर उपलब्ध थाने की आख्या, सामान्य दैनिकी, पुलिस प्रपत्र एवं अन्यसामग्री का सम्यक परिशीलन <नाम> लिया है। ",
"पत्रावली <नाम> उपलब्ध केस डायरी व पुलिस प्रपत्रों के अवलोकनसे यह सर्वथा स्पष्ट प्रतीत होता है कि आवेदक अभियुक्त द्वारा किसीको उक्त मोबिऑयल बेचा नहीं जा रहा था और इस संबन्ध में केसडायरी में किसी भी <नाम> का बयान लेखबद्ध नहीं किया गया हैबरामदगी स्थल के स्वामित्व या उसके कब्जे की कोई भी सामग्री को नातो केस डायरी में लाया गया है और ना ही उसे न्यायालय के समक्षप्रस्तुत किया गया है। सहअभियुक्त अरमान के कथन <नाम> उसकेबरामदगी स्थल को पुलिस द्वारा उसके स्वामित्व का बताया गया है। आवेदन अभियुक्त मौके से गिरफूतार नहीं हुआ है। आवेदक अभियुक्तका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। <नाम> अभियुक्त अरमान कीजमानत अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट सं0 4 द्वारा दिनांक 19.10.19 कोस्वीकार की जा चुकी है। आवेदक अभियुक्त दिनांक 12.04.2020 सेन्यायिक अभिरक्षा में निरूद्ध है। वर्तमान मामले में आरोप पत्र भीन्यायालय में दाखिल किया जा चुका है। समस्त गवाहन पुलिस के साक्षीहै जिन्हें प्रभावित या प्रताड़ित करने की कोई सम्भावना नहीं है निकटभविष्य में वर्तमान मामले का विचारण समाप्त होने की कोई सम्भावनानहीं है। विचारण के दौरान आवेदक अपनी उपस्थिति <नाम> पर्याप्तजमानतें देने के लिये तत्पर है। मामला प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट द्वाराविचारणीय हैं। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_4211_202018-12-2020192 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थनापत्र के साथ शपथपत्र <नाम> <नाम> पत्नी महेशद्वारा इस आशय का दाखिल किया गया है कि वह अभियुक्त की पैरोकार मुकदमा है। प्रार्थ / अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, इसके अतिरिक्त कोई भीप्रार्थनापत्र पूर्व में प्रस्तुत नहीं किया गया और <नाम> ही किसी अन्य न्यायालय में अथवामाननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में कोई प्रार्थनापत्र विचाराधीन है और <नाम> हीखारिज किया गया है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार एस.आई. <नाम> <नाम> मय हमराहीकर्मचारीगण थाना हाजा से बहवाले रपट नं० 38 समय 22:00 बजे रवाना होकरवाजिदपुर अण्डरपास <नाम> <नाम> एक्सप्रेस-वे सर्विस रोड <नाम> चैकिंग संदिग्धव्यक्ति / वाहन मामूर था जरिये मुखबिर खास सूचना <नाम> की <नाम> कुछ <नाम> पहलेजो मोटर साईकिल फौजी ढाबा से चोरी हुई थी उसी मोटर साईकिल को वाहन चोरबेचने के लिये टूण्डला जा रहे हैं जो कि पैंतीखेड़ा की तरफ से आने वाले हैं उनके (2)Bail Application No. 4211/2020 ~ Mahesh Vs, UP Stateपास और भी चोरी की बाईक हो सकती हैं। चैंकिग करने की थोडी देर <नाम> ही दोमोटर साईकिल वाजिदपुर की तरफ से आती दिखाई दी तो चैकिंग स्थान से पहलेमुखबिर ने इशारा <नाम> बताया पुलिसवालों को चैकिग करता देख मोटर साईकिलचालक व्यक्ति सकपकाये व पीछे मुडकर भागने का प्रयास किये लेकिन एक बारगीदबिश देकर भाग रहे मोटर साईकिल सवार व्यक्तियों में से एक व्यक्ति को एवं दोमोटर साईकिलों का कब्जा पुलिस ने ले लिया। <नाम> का समय होने के <नाम> दोव्यक्ति भागने में सफल रहे। पकड़े गये व्यक्ति ने अपना नाम <नाम> पुत्र मिठठन लालनिवासी-गढ़ी <नाम> थाना शमशाबाद, <नाम> बताया। मोटर साईकिलों के बारे मेंमॉफी मांगते हुए कहने लगा कि यह दोनों मोटरसाईकिल चोरी की है, इनमें से एकको लगभग 20 <नाम> पहले वाजिदपुर के पास एक ढाबे से चुराई थी दूसरी मोटरसाईकिल करीब एक वर्ष पहले करहल <नाम> से चुराई थी। पकडे गये व्यक्ति महेशसे भागे हुये व्यक्तियों के बारे में पूछा गया तो बताया कि <नाम> <नाम> पुत्र रामगोपालनिवासी-बरोली अहीर थाना ताजगंज व <नाम> पुत्र आशाराम निवासी महोदवा थानाइरादत नगर, <नाम> के हैं, तथा कहने लगा कि <नाम> हम तीनों साथी हैं व हम तीनोंने मिलकर लगभग 20 <नाम> पहले वाजीदपुर के पास ढाबे से एक स्पलेन्डर मोटरसाईकिल की चोरी की थी चोरी के सम्बन्ध में थाना हाजा परमु0अ0सं0-257 / 2020 धारा-379 भा0द0सं0 पंजीकृत है। व दूसरी मोटर साईकिल केबारे में बताया कि मैंने व <नाम> ने करहल <नाम> से चुराई थी लेकिन आज हम तीनोंमिलकर यह दोनों मोटर साईकिल टूण्डला बेचने जा रहे थे एक मोटर साईकिल पवनचला रहा था व दूसरी मोटर साईकिल को <नाम> चला रहा था मैं पीछे बैठा हुआ थाजिसको आप पुलिस वालों ने पकड़ लिया। ",
"प्रार्थ / अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र /शपथ पत्र में कहा गया हैकि शपथकर्ती उपरोक्त केस के आरोपी <नाम> की पत्नी है इस लिए शपथकर्तीउपरोक्त मामले के सभी तथ्यों से भली-भांति अवगत है एवं उपरोक्त मुकदमे कीपैरोकार है। प्रार्थी ,/ अभियुक्त को थाना पुलिस ने अपने उच्चाधिकारियों को अपनीबेहतर कारगुजारी दिखाने की नीयत से झूठा नामजद <नाम> <नाम> जबकि उपरोक्त केसमें दर्शायी गयी किसी भी घटना को प्रार्थी ने अन्जाम नहीं <नाम> है और <नाम> ही प्रार्थी केपास से कोई चोरी की मोटरसाईकिल बरामद हुई है। प्रार्थी / अभियुक्त को पुलिस द्वारादिनांक 01.12.2020 को पूछताछ करने के बहाने घर से लेकर गयी थी जबकि प्रार्थी / अभियुक्त का उक्त घटना से कोई सम्बन्ध व सरोकर नहीं है जबकि प्रार्थी नेकिसी प्रकार का कोई अपराध कारित नहीं किया है। प्रार्थी / अभियुक्त पूर्णतः निर्दोष है। प्रार्थी / अभियुक्त का दिनांक 08.10.2020 को मेहनत मजदूरी करते समय पैर टूट गयाथा जब से ही घर <नाम> डॉ0 की सलाह के अनुसार आराम <नाम> रहा है चलने फिरने मेंभी असमर्थ है। प्रार्थी / अभियुक्त से पुलिस द्वारा अवैध 50 हजार रूपये की मांग की (3)Bail Application No. 4211/2020 - Mahesh Vs. UP Stateगयी जबकि प्रार्थी / अभियुक्त द्वारा अवैध 50 हजार रूपये देने से <नाम> किया तो प्रार्थीको उपरोक्त मुकदमें में पुलिस द्वारा अपने उच्चाधिकारियों को बेहतर कारगुजारीदिखाने की नीयत से झूंठा फसाया है। प्रार्थी / अभियुक्त की गिरफ्तारी व बरामदगी का कोई भी <नाम> का स्वतन्त्र <नाम> नहीं दर्शाया गया है जबकि दर्शायी गयी घटना स्थनकाफी भीड़-भाड़ वाला स्थान है। फर्जी तरह से बरामदगी दर्शायी गयी है। दिनांक07.12.2020 से जिला जेल <नाम> में निरूद्ध है। उपरोक्त केस में प्रार्थी का जमानतप्रार्थनापत्र माननीय अवर न्यायालय से दिनांक 07.12.2020 को खारिज किया जा चुकाहै। प्रार्थी जमानत का दुरूपयोग नहीं करेगा। अतः प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत पररिहा किया <नाम> न्यायोचित है। ",
"आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत किया गया किअभियुक्त द्वारा कोई अपराध कारित नहीं किया गया है, उसको इस मामले में पुलिसद्वारा अपने उच्चाधिकारियों को बेहतर कारगुजारी दिखाने <नाम> झूठा फंसाया गया है। प्रार्थी / अभियुक्त पूर्णतः निर्दोष है। प्रार्थी / अभियुक्त का दिनांक 08.10.2020 को मेहनतमजदूरी करते समय पैर टूट गया था जब से ही घर <नाम> डॉ० की सलाह के अनुसारआराम <नाम> रहा है चलने फिरने में भी असमर्थ है। प्रार्थी / अभियुक्त को पुलिस द्वाराघर से पूछताछ करने की कहकर ले जाया गया तथा पुलिस द्वारा अवैध 50 हजाररूपये की मांग की गयी जबकि प्रार्थी / अभियुक्त द्वारा अवैध 50 हजार रूपये देने सेमना किया तो प्रार्थी को उपरोक्त मुकदमें मे नामजद <नाम> <नाम> गया। प्रार्थी / अभियुक्त के पास से फर्जी बरामदगी दिखायी गयी है। उक्त घटना का कोईस्वतन्त्र <नाम> नहीं है। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 07.12.2020 से जिला जेल में निरूद्धहैं। इन्हीं आधारों <नाम> जमानत दिये जाने की <नाम> की गयी है। ",
"अभियोजन की ओर से विद्वारा सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त के पास सेचोरी की मोटर साईकिल बरामद हुई हैं। अपराध गम्भीर <नाम> का है। यह कहते हुएजमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,फौजदारी के तर्कों को सुना गया तथा केस डायरी व अन्य प्रपत्रों का अवलोकनकिया। ",
"केस डायरी के तथा अन्य प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्तको पुलिस द्वारा <नाम> <नाम> एक्सप्रेस वे से गिरफ्तार करना बताया है। जबकिप्रार्थी / अभियुक्त की पत्नी द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को दिनांक 02.12.2020 तथादिनांक 05.12.2020 को भेजे गये प्रार्थना पत्र के अनुसार उक्त प्रार्थी / अभियुक्त को पुलिस द्वारा पूर्व में ही पूछताछ के लिए ले <नाम> बताया है। उपरोक्त गिरफ्तारी सेसम्बन्धित कोई जन <नाम> नहीं है। उक्त अभियुक्त का कोई अपराधिक इतिहास (4)Bail Application No. 4211/2020 - Mahesh Vs. UP Stateअभियोजन द्वारा प्रस्तुत नहीं किया गया है। मामला मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। प्रार्थी/अभियुक्त उक्त केस में दिनांक 07.12.2020 से जेल में निरूद्ध है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_2393_201927-05-20193587 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"समर्थन में सर्वेश <नाम> का शपथपत्र प्रस्तुतकिया गया है। ",
"अभियोजन कथानक के संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैं कि दि. 16.09.2016 को वादी मुकदमा मय हमराही पुलिस कर्मचारीगण बिनावर चैकिंग संदिग्धवाहन व्यक्ति गश्त में अमरपुरा चौराहे <नाम> मामूर था कि जरिये मुखविर खास कीसूचना <नाम> कि <नाम> नगर से अमरपुरा को आने वाले रास्ते <नाम> पैप्सी गौदाम केपीछे वाले रास्ते से कुछ बदमाश थोड़ी देर में आने वाले हैं जिनके पास नाजायजअसलाह व लूट का सामान भी है, <नाम> नगर में जाकर बदमाशो का इंतजार करनेलगे कि थोड़ी देर में दो मोटर साईकिल <नाम> नगर से आती हुई दिखायी दीपुलिस वालों ने टार्च की <नाम> डालते हुए रूकने के लिए कहा तभी बदमाशो नेपुलिस कर्मचारीगण को <नाम> से मारने की नीयत से फायर किया जिससे वेबाल-बाल बच गये तथा दविश देकर चारो व्यक्ति को पकड़ लिये नाम नता पूछेपर एक ने अपना नाम सलमान बताया जिसके पास से एक मोबाइल सैमसंग एकसिम एयरसेल तथा पेन्ट की दाहिनी जेब से एक छुरी बरामद हुई, दूसरे ने अपनानाम <नाम> बताया तथा उसके पास से एक तमंचा 315 वोर व एक अदद कारतूस315 वोर बरामद हुआ तीसरे ने अपना नाम <नाम> उर्फ <नाम> बताया जिसके पाससे एक मोबाइल माइकोमैक्स व सिव बोडाफोन व टेलीनॉर तथा एक छुरी बरामदहुई तथा उसके पीछे बैठे व्यक्ति ने अपना नाम हरिओम बताया जिसके पास —_ 2 —_से एक लेडीज पर्स जिसके अन्दर दो हजार रूपये रखे मिले बरामद किये गये । ",
"्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह <नाम> प्रस्तुतकिया गया है कि प्रार्थी/अभियुक्त पूर्व से जमानत <नाम> है, जानबूझकर कोई गलतीनहीं की गई है, अभियुक्त पीलिया रोग से बीमार चल रहा था। जिस कारणउपस्थित नहीं हो सका और उसके विरूद्ध गैर जमानतीय अधिपत्र निर्गत कियेजाने के आदेश हो गये। अतः जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ",
"विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थनापत्र का घोर विरोध किया। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने प्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान लोकअभियोजक को सुना एवं पत्रावली का अवलोकन किया। ",
"पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि प्रार्थी/ अभियुक्त पूर्व मेंआदेश दिनांकित 24.10.2016 से जमानत <नाम> था। अभियुक्त की अनुपस्थिति ककारण उसके विरूद्ध गैर जमानतीय अधिपत्र निर्गत किये गये। अभियुक्त न्यायिकअभिरक्षा में जिला कारागार में निरूद्ध है। अभियुक्त की ओर से कथन किया गयाहै कि अग्रिम नियत दिनांकों <नाम> उपस्थित होता रहेगा। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_854_202007-07-20201362 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी/अभियुक्त के चाचा व पैरोकारफतेहसिंह के शपथ पत्र से समर्थित है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा सनीद्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी गयी कि दिनांक 06.10.2019 को वह अपने घर से बाहर निकल <नाम> मोबाइल से बात <नाम> रहा था तभी पीछे से स्पेलेडर सवार दो लडके आये और उसकी कनपटीपर तमंचा लया <नाम> और उसका मोबाइल वीवो वाई एस 3 लूट <नाम> भागगये उसने उसकी गाडी संख्या देख लिया था जिसका नं0 आर0जे0 11एस0एल0 7251 प्लेट <नाम> लिखा था उसने शोर मचाया परंतु वह दोनों लडके उसका मोबाइल लूटकर रोहता नहर की तरफ भाग गये। ",
"विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा अन्य केसाथ मिलकर वादी मुकदमा के मोबाइल की लूट की गयी है। अभियुक्त से बरामदगी भी है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जानेकी <नाम> की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"प्रार्थी / अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता <नाम> <नाम> चन्द्र <नाम> एवंविद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> को सुना गया तथापत्रावली का सम्यक परिशीलन किया गया। (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 854 / 2020रामनिवास बनाम राज्य्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनांक 13.03.2020 से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। उपरोक्त अपराध संख्या में <नाम> अभियुक्त गजेन्द्र की जमानत होचुकी है। प्रार्थी से कोई बरामदगी नहीं हुई है। घटना का कोई जनसाक्षी नहींहै। प्रार्थी का कोई अपराधिक इतिहास नहीं है। उपरोक्त आघारों परप्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामले में घटनादिनाक 06.01.2019 की है। प्रार्थी <नाम> अन्य के साथ मिलकर वादी मुकदमाका मोबाइल लूटने का आरोप लगाया गया है। पत्रावली के अवलोकन से यहभी दर्शित होता है कि प्रार्थी को घटना के लगभग छः माह <नाम> पुलिसपार्टी द्वारा गिरफूतार किया गया है। कोई बरामदगी नहीं है। <नाम> अभियुक्तके बयान के आधार <नाम> अभियुक्त बनाया गया है। <नाम> अभियुक्त की जमानतहो चुकी है। प्रार्थी दिनांक 13.03.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। अभियोजन की ओर से अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास प्रस्तुत नहींकिया गया है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_4277_201913-08-2019677 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इसप्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसके साथ पप्पू पुत्र कालीचरन काशपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा एस..ओ. <नाम> <नाम> <नाम> थाना बसई अरेला जिला <नाम> ने दिनांक 13.04.2019 को 21.25 बजे थाना परजुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि अभियुक्तगण छेदीलाल व शैलेन्द्र उर्फ <नाम> के द्वारा संगठित गैंग बना लिया है, जिसका गैंगलीडर छेदीलाल है। जोगैंग के सदस्यों के साथ मिलकर निजी आर्थिक एवं भौतिक <नाम> प्राप्त करने <नाम> चोरी वनकबजनी जैसे जघन्य अपराध कारित करते है और समाज विरोधी किया कलाप में संलिप्तहै। अभियुक्तगण द्वारा भा-द.वि. के अध्याय 16, 17 एवं 22 में वर्णित दण्डनीयअपराध कारित किया गया है। आम <नाम> में <नाम> भय व आतंक व्याप्त है। इनके भय व आतंक के कारणकोई भी व्यक्ति इनके विरूद्ध गवाही देने एवं मुकदमा पंजीकृत कराने के लिये तैयार नहींहोता है। इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्न मुकदमे पंजीकृत हैं। इनके विरूद्ध <नाम> 2/3 उ0प्रणगिरोह बन्द एवं समाज विरोधी कियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गतअभियोग पंजीकृत कराया गया है। ",
"अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्रमें तथा प्रस्तुत तर्क में कहा गया है कि प्रार्थी /अभियुक्त निर्दोष है उसने कोई अपराधकारित नहीं किया है उसे रंजिशन झूँठा फंसाया गया है। गैगचार्ट में उसके विरूद्ध चारFeed ead Ta है जिनमें उसकी जमानत हो चुकी है। वह किसी भी केस की प्रथमसूचना रिपोर्ट में नामजद नहीं है उसे मुखबिर के कहने <नाम> उक्त केसों में झूँठा फंसाया गया है। अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र काविरोध करते हुए कहा है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, 2 जिसका वह सकिय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट, <नाम> से अनुमोदितगैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसके विरूद्ध(1) अ.सं. 23,/19 धारा-457, 380, 411 भा.द.सं. थाना-बसई अरेला जिला आगरा। ",
"2-अ.सं. 104 / 18 <नाम> 379, 411, भा-द.सं. थाना-बसई अरेला जिला आगरा। ",
"3-31. 01/19 <नाम> 380,411,457 भा-द.सं. थाना-पिनाहट जिला आगरा। ",
"4-अ.सं. 02 /19 <नाम> 380,411, भा.द.सं. थाना-पिनाहट जिला आगरा। के मुकदमे लंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अत: जमानत निरस्तकिये जाने की प्रार्थना की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजनक को सुना तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यक परिशीलनकिया। गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल <नाम> उपरोक्तमामले दर्शाये गये हैं, जिनमें अभियुक्त के विरूद्ध गैंग बनाकर चोरी व नकबजनी जैसे जध्दपन्न््य अपराध करने का अभिकथन है। ",
"उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी कियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986की <नाम> 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है,तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसरनहीं <नाम> जाता और(ख) जहाँ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान होजाये कि यह <नाम> करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं हैऔर यह कि जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। ",
"wel am rae में दर्शाये गये मामलों में अभियुक्त की जमानत स्वीकार होनेका प्रश्न है, <नाम> वह उक्त मामलों में दोषमुक्त नहीं हुआ है, केवल उसकी जमानत हुई है। ",
"अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमों की संख्या, उनकी प्रकृतिएवं अभियुक्त के चोरी व नकबजनी जैसे जघन्य अपराध करने से संबंधित अपराधके तथ्य व उक्त अधिनियम की <नाम> 19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुयेन्यायालय का यह समाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुये उसके अपराध करने की सम्भावना नहीं है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_2972_202020-11-2020984 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थनापत्र प्रार्थी / अभियुक्त के पिता परशुराम के शपथपत्र से समर्थित है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार वादी रिंकू उर्फ दिनेशकाठपाल द्वारा एक तहरीर थाना <नाम> नगर <नाम> इस आशय की दी गयी किदिनांक 26.08.2020 को वह व उसके छोटे <नाम> <नाम> काठपाल अपनीसाइकिल की दुकान घटिया आजम खाँ से चलकर अपनी मोटरसाइकिलयू0पी080-ए.ए.-9600 से अपने घर <नाम> नगर आ रहे थे कि समय करीब6.30 बजे सांय <नाम> बमानी के मकान सं० ए-37 के सामने तीन व्यक्ति एक मोटरसाइकिल <नाम> सवार होकर खड़े थे। जब उनकी मोटरसाइकिल उनकेसामने पहुंची तो पहले उसे डण्डा मारा, उसके <नाम> उनमें से किसी ने जानसे मारने की नीयत से गोली मार दी जिससे उसके <नाम> <नाम> काठपाल कीअस्पताल ले जाते समय मृत्यु हो गयी। वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना <नाम> नगर <नाम> मु0अ0सं0 09,2020 अन्तर्गत <नाम> 302 भा०दं0सं० पंजीकृत हुआ। दौरान विवेचना दिनांक 04.09.2020 को मुखविर द्वाराजानकारी प्राप्त हुयी कि दिनांक 26.08.2020 को रशमि नगर, <नाम> <नाम> मेंहुये हत्याकाण्ड का अभियुक्त <नाम> मण्डी की तरफ से सफेद अपाचे मोटर साइकिल से वाटरवर्क्स की तरफ आ रहा है, अगर जल्दी की जाय तो पकड़ाजा सकता है। मुखविर की सूचना <नाम> विशवास करके पुलिस वाले वाटरवर्क्स 2पर उसके आने का इंतजार करने लगे तो सामने से आती हुयीमोटरसाइकिल को इशारा करते हुये मुखविर द्वारा बताया गया और चलागया। टार्च की <नाम> डालकर रुकने का इशारा किया तो वह पुलिस वालोंपर <नाम> से मारने की नीयत से फायर करने लगा। इस <नाम> प्रभारीनिरीक्षक द्वारा चेतावनी दी गयी कि हम पुलिस वाले हैं, अपने आपको पुलिसके हवाले <नाम> दो, लेकिन बदमाश फायर करता रहा। उसके द्वारा एक फायरअपनी पिस्टल से तथा सामने की टीम के उ0नि0 अश्वनी <नाम> द्वारा एकफायर अपनी पिस्टल से करने का आदेश <नाम> गया। तत्पश्चात् बदमाश केचिल्लाने की आवाज आने लगी। पास पहुंचकर <नाम> तो वह कराह रहा था। नाम पता पूछते हुये जामा तलाशी ली गयी तो उसने अपना नाम दीपककुमार पुत्र पुत्र परशुराम बताया जिसकी जामा तलाशी से दाहिने हाथ में लियेएक पिस्टल 32 बोर बरामद हुयी। जिसकी मैग्जीन को खोलकर <नाम> तोतीन जिन्दा कारतूस 32 बोर मिले तथा बदमाश के पास पड़े जमीन <नाम> एकखोखा कारतूस 32 बोर बरामद हुआ। अभियुक्त की पीठ <नाम> एक <नाम> खोलकर <नाम> गया तो उसमें 8 लाख रुपये बरामद हुये। घायल ने बताया कि उसने अपने तीन साथियों <नाम> जैसावत, राजकरन व फौरन के साथमिलकर दिनांक 26.08.2020 को रशमिनगर में दो व्यापारियों की मोटरसाइकिल को ओवरटेक <नाम> डण्डा मारकर कैश लूट लिया था। मोटर साइकिल चला रहे व्यक्ति ने उसे पकड़ना चाहा तो उसने पीछे हटकरउसको गोली मार दी। उस लूट में हम लोगों को 40 लाख रुपये मिले थे। इम चारों क हिस्से में 10-10 लाख रुपये आये थे। उसने अपने खर्चे में दोलाख रुपये ले लिये। बाकी 8 लाख रुपये लेकर भाग जाने का प्लान थाइसलिये आपकी गाड़ी देखकर पकड़े जाने के डर से भागा था इसलियेआपके ऊपर फायरिंग <नाम> दी। "
],
"judge-opinion": [
"्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान अभियोजनअधिकारी को सुना तथा पत्रावली का सम्यक परिशीलन किया गया। ",
"्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_2721_201919-06-20192979 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक के अनुसार वादिया <नाम> रेनू द्वारा दिनॉक 14.05.2019को थाना सदर जिला <नाम> में इस आशय की तहरीर दी गयी कि वह विधवा है। उसके <नाम> <नाम> चन्द की मृत्यु तीन वर्ष पूर्व हो चुकी है। प्रार्थिया के दो पुत्रप्रिन्स उम्र 10 वर्षं व <नाम> उम्र 8 वर्ष है। प्रार्थिया अपने <नाम> व बच्चो के साथ <नाम> रहती थी। <नाम> की मृत्यु के <नाम> <नाम> का मकान बेचकर आगरारहने लगी। उसने मकान के विकय से प्राप्त धनराशि 19 लाख रूपये अपने विजयाबैंक शमशाबाद रोड के बैंक खाते में जमा <नाम> दिये। प्रार्थिया शमशाबाद रोड आगरापर अपने लिय प्लाट खरीदने की तलाश <नाम> रही थी कि करीव डेढ़ वर्ष पूर्व महेशतोमर पुत्र रामप्रसाद निवासी मूल मझारा थाना निबैरा हाल निवासी <नाम> बिहारकालौनी चटवादेवी मन्दिर बड़ा उखर्रा थाना सदर <नाम> ने प्रार्थिया से सम्पक करबताया कि वह प्रोपटी डीलर का <नाम> करता है तुझे प्लाट की जरूरत है वह उसेसस्ता और अच्छा प्लाट दिला देगा। उसने प्रार्थिया को कई प्लाट दिखाये जिनमें से113 वर्गगज का <नाम> बिहार स्थित प्लाट प्रार्थिया को पसन्द आ गया जिसके खरीदने की बावत प्रार्थिया ने बतौर एडवांस दो लाख रूपये चैक द्वारा दि0 05.02.2018 को उक्त <नाम> <नाम> <नाम> को दिये। इसी दौरान उक्त <नाम> <नाम> <नाम> नेप्रार्थिया के साथ नजदीकी बना ली और प्ररार्थिया को बहला फुसलाकर उसके साथशादी करने का भरोसा देते हुए नाजायज सम्बन्ध भी बना लिये। उसने प्र्ार्थिया सेकहा कि उसकी शादी नही हुई है वह उसके शादी करके उसके दोनो बच्चो की —_ 2 —_ परवरिश करेगा और उक्त प्लाट में मकान बनवाकर वह बतौर <नाम> पत्नी रहेंगे। ",
"उक्त <नाम> <नाम> <नाम> ने झूँठा <नाम> व भरोसा देकर प्रार्थिया के साथ लगातार बलात्कार करता रहा तथा उक्त प्लाट खरीदने एवं मकान बनाने के नाम <नाम> वहप्रार्थिया से लाखों रूपये व गहने ले गया। उसने प्रार्थिया का ए.टी.एम.कार्ड लेकरविभिन्न दिनॉक में प्रार्थिया के बैंक ए.टी.एम. से भी काफी धनराशि निकाल ली । वहप्रार्थिया से 19 लाख रूपये नकद व तीन लाख रूपये के गहने ले जा चुका है। महेश <नाम> <नाम> के <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> भी प््रार्थिया के यहाँ आते थे। उन्हें भी सारे मामले की जानकारी थी उन्होने भी जल्दी से जल्दीशादी करने का भरोसा प्रार्थिया को दिलाया था। कुछ समय से <नाम> <नाम> केआचरण एवं व्यवहार में परिवर्तन देखकर प्रार्थिया को शक हुआ तो प््रार्थिया नेजानकारी की तो पता चला कि उक्त <नाम> <नाम> <नाम> शादी शुदा है उसकी पत्नीविमलेश है जिससे उसके बच्चे है। प्रार्थिया ने पता चलने <नाम> उक्त सभी लोगो सेधोखेबाजी की शिकायत करते हुए अपने उक्त रूपये व गहने वापस मॉगे तो उन्होने प्रार्थिया को गन्दी गन्दी गालियाँ देते हुए प्रार्थिया व उसके बच्चो को <नाम> से मारनेकी धमकी दी और <नाम> <नाम> <नाम> बोला कि उसने अपने मोबाईल में तेरीअश्लील वीडियो बना ली है। यदि तू मेरे ख्लाफ कोई कार्यवाही करेगी तो तुझेबदनाम <नाम> दूँगा और तू मुँह दिखाने लायक नही रहेगी। इस धमकी से प्रार्थिया बुरी तरह भयभीत है। प्रार्थिया के रूपये व गहने हड़पने में <नाम> <नाम> <नाम> व उसकेभाई <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> व पत्नी विमलेश ने षडयंत्र <नाम> उसके साथ उक्त लोगो ने जानबूझकर बेईमानी व ठगी की नियत से प््रार्थिया के साथधोखाधड़ी कूटरचना करते हुए उसकी धनराशि हड़पने के साथ साथ उसको शादी का झूँठा भरोसा देकर उसके साथ लगातार बलात्कार किये जो कि गंभीर अपराध हैउसकी रिपोर्ट लिखकर कानूनी कार्यवाही करने की <नाम> करें। ",
"वादिया की लिखित तहरीर के आधार <नाम> अभियुक्तगण <नाम> कुमारतोमर, <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> व विमलेश क विरूद्ध थाना सदरबाजार जिला <नाम> <नाम> मु0अ0सं0 388/19 धारा420,406,504,506,120बी,376भा.द.सं. में प्राथमिकी <नाम> की गई। ",
"आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गयाहै कि प्रार्थी/अभियुक्त को वादी मुकदमा ने पुलिस से मिलकर झूँठा फंसादिया है। उसने कोई अपराध कारित नही किया है। प्ररार्थी/ अभियुक्तआपराधिक प्रवृत्ति का नही है और <नाम> ही वह पूर्ण सजायाफता है। उसे रंजिशनफंसाया गया है। अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है। अन्य कोईजमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में लम्बित नही है। प्रार्थी / अभियुक्त का —3—कोई रोल नही है। उसने कोई रूपये व गहने किसी से नही लिये है और <नाम> हीकिसी के साथ धोखाधड़ी की है। प्रार्थ/ अभियुक्त दिनाक 14.05.2019 से जिलाकारागार, <नाम> में निरूद्ध है। जेल में उसकी तबियत खराब हो रही है तथा उसके बच्चो की देखभाल करने वाला कोई नही है। वह जमानत का दुरूपयोगनही करेगा तथा विवेचना में सहयोग करेगा एवं प्रत्येक <नाम> <नाम> न्यायालय मेंउपस्थित रहेगा। अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवकता \"फो0” द्वारा जमानत का विरोध करतेहुए कहा गया है कि अभियुक्त द्वारा वादिया के रूपये व गहने हड़प लिये गये हैतथा उसके साथ लगातार बलात्कार किया गया है। अभियुक्त द्वारा कारित अपराधगंभीर <नाम> का है। अतः अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाये। "
],
"judge-opinion": [
"पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि अभियुक्त का जमानतप्रार्थनापत्र मुख्य न्यायिक मजि0 <नाम> के द्वारा दिनॉक-16.05.2019 को निरस्तकिया गया है। ",
"मैंने अभियुक्त के विद्वान् अधिवक्ता तथा विद्वान् ए.डी.जी.सी. को सुना तथापत्रावली का अवलोकन किया । ",
"पत्रावली के अवलोकन से विदित है कि अभियुक्त के विरूद्ध <नाम> अभियुक्तके साथ मिलकर वादिया के 19 लाख रूपये प्लाट खरीदवाने का बहाना करके व तीन लाख रूपये के जेवरात हड़प लेने व उसके साथ शादी का भरोसा देने काआरोप है। प्रार्थिया/वादिया द्वारा जब अपने रूपये व गहने मॉगे तो उसे गन्दी गन्दीगालियां देते हुए उसको बच्चो को <नाम> से मारने व उसकी अश्लील वीडियो बनालेने एवं उसे बदनाम करने की धमकी देने का भी आरोप है। अभियुक्त द्वारा सहअभियुक्त के साथ मिलकर वादिया के षड्यंत्र के तहत ठगी की नियत से धोखाधड़ीकी गयी है तथा उसकी धनराशि 19,00,000/-रूपये हड़पने के साथ साथ शादी काझूँठा भरोसा <नाम> गया है। अभियुक्त द्वारा कारित अपराध गंभीर <नाम> का है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_761_202012-03-2020119 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसके साथ अभियुक्त केपिता पोहप <नाम> का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा <नाम> कुमारनिर्वाल, प्रभारी निरीक्षक थाना शमशाबाद, जिला <नाम> ने दिनांक 02.01.2020 को 16-53बजे थाना शमशाबाद <नाम> जुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि जॉचसे पाया गया कि गैंगलीडर देवा उर्फ देवेन्द्र ने एक संगठित गैंग बना रखा है, जिसकेराहुल, बन्टी उर्फ <नाम> <नाम> कुशवाह, राजा उर्फ सद्दाम, छोटे उर्फ चोब <नाम> जीतू उर्फ मरिया, मोनू उफ धर्मेन्द्र व रमन बढई गैंग के सदस्य हैं । इस गैंग का मुख्य कार्य जैसेजघन्य अपराध करके <नाम> में भय व्याप्त करके अपने भौतिक <नाम> <नाम> <नाम> में भय एवं आतंक व्याप्त <नाम> जघन्य अपराध करते हुये धन अर्जित करते हैं, जिनके विरूद्ध <नाम> काकोई भी व्यक्ति रिपोर्ट लिखवाने व गवाही देने के लिये तैयार नहीं होता है। इनके विरूद्धथाना <नाम> विभिन्न मुकदमे पंजीकृत हैं। इनके विरूद्ध <नाम> 2/3 उ0प्र०गिरोह बन्द एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत कराया गया है। आवेदक /अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है कि आवेदक / अभियुक्तने कोई अपराध नहीं किया है। आवेदक / अभियुक्त का कोई गिरोह नहीं है और ना ही वहकिसी गिरोह का सदस्य है, उसका समाज में कोई भय एवं आतंक व्याप्त नहीं है। गैंगचार्ट में उस <नाम> जो मामले दर्शाये गये है, उनमें उसकी जमानत स्वीकार हो चुकी है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 03.03.2020 से कारागार में निरूद्ध है। अतः उसे जमानत पररिहा किया जाय । ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र काविरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह सक्रिय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट: <नाम> सेअनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसके विरूद्ध (1) अ.सं.231,/19 धारा-399, 402 भा.द.स.थाना-शमशाबाद, जिला <नाम> (2) अ.सं.237 /19 धारा-15 दस्यु प्रभावी <नाम> अधिनियमथाना-शमशाबाद, जिला <नाम> (3) अ.सं.122/19 धारा-380, 411 भा.द.स. थाना-डौकी, 2जिला <नाम> (4) आ.सं.219/19 धारा-392, 411 भा.द.स. थाना-शमशाबाद, जिला <नाम> केमुकदमे लंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्त किये जानेकी प्रार्थना की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोकअभियोजनक को सुना गया तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यक परिशीलनकिया। ",
"गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल <नाम> उपरोक्त मामले दर्शाये गये हैं, जिनमें अभियुक्त के विरूद्ध डकैती के <नाम> होकर डकैती का प्रयास करने एवंचोरी व लूट करने का अभिकथन है। ",
"उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986की <नाम> 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है, तोउसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहींदिया जाता और (ख) जहाँ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान हो जायेकि यह विशवास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं है और यहकि जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। ",
"जहाँ <नाम> गैंगचार्ट में दर्शाये गये मामलों में अभियुक्त की जमानत स्वीकार होने का प्रश्न है, <नाम> वह उक्त सभी मामलों में दोषमुक्त नहीं हुआ है, उसकी केवल जमानत स्वीकार हुई है। आवेदक / अभियुक्त <नाम> अपने साथियों के साथ मिलकर डकैती के प्रयोजन <नाम> एकत्रहोकर डकैती डालने का प्रयास करने एवं लूट व चोरी करने का आरोप है। इस न्यायालयके द्वारा पूर्व इस केस के <नाम> अभियुक्त <नाम> कुशवाह व राजा उफ सद्दाम व रमन बढई काजमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किया जा चुका है। ",
"आवेदक / अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमे, उनकी <नाम> एवंउक्त अधिनियम की <नाम> 194) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुये न्यायालय का यहसमाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुयेउसके अपराध करने की सम्भावना नहीं है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_3620_201917-07-20191814 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त की पैरोकार श्रीमतीगुड्डी के शपथ पत्र से समर्थित है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा एजाजअहमद के द्वारा थाने <नाम> इस आशय की तहरीर दी गई कि वह दिनांक12.09.2018 की <नाम> अपने मिनी ट्रक आयशर नं0 यूएपी0/62 एएटी०-2151 में परौआ गाँव से केला लादकर <नाम> के लिए चला कि इटावासे करीब 8-10 कि0मी0 <नाम> थाना <नाम> जसवन्तनगर में हाईवे <नाम> करीब 03:30 बजे एक सफेद रंग की बोलरो ने साइरन बजाकर सड़क <नाम> ही रोकलिया तथा <नाम> आदमी ट्रक <नाम> दोनों तरफ चढ गये तथा दो-चार थप्पडमारे तथा उसे और उसके चालक नसीम अमद को उतार <नाम> बोलेरो मेंजबरदस्ती बैठाकर ऑख और हाथ बाँध दिये तथा कचौराघाट के पास सडकसे करीब 20-25 <नाम> डालकर चले गये। किसी तरह से वादी अपना हाथखोलकर देवासी होटल <नाम> पहुँचा तथा वहाँ से घटनास्थल <नाम> पहुँचा जहाँजसबन्तनगर की पुलिस और उनके <नाम> भी मौके <नाम> आये। वादी का (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0कषेत्र)/अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 3620 2019कमल <नाम> बनाम राज्यट्रक वहाँ <नाम> नहीं था। बदमाश वहाँ से ट्रक ले जा चुके थे। रास्ते में उनके1200 / -रुपये व काजात तथा उसका व चालक के मोबाइल भी ले गये। ",
"ट्रक के तथा <नाम> क कागजात भी ट्रक में है। जसवन्तनगर के पुलिस वालेहमें अपने थाने <नाम> ले गये। पूछताछ करके <नाम> को हमें वहाँ से ये कहकर भगा <नाम> कि तुम्हारा मुकदमा थाना चित्राहाट <नाम> में लिखा जायेगा वहाँपर जाओ। वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाने <नाम> मुकदमा पंजीकृतहुआ। ",
"्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोईअपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रशम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्जकरायी गयी है। प्रार्थी को सह-अभियुक्त के बयानों के आधार <नाम> मामले मेंअभियुक्त बनाया गया है। प्रार्थी के <नाम> सह-अभियुक्त अनिरूद्ध की जमानतन्यायालय द्वारा दिंनाक 28.06.2019 को स्वीकार की जा चुकी है। प्रार्थी कीमामले में <नाम> सह-अभियुक्त के समान है। प्रार्थी से कोई बरामदगी नहींहै । प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, इसके अलावा अन्य कोईजमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्च र््यायालय मेंविचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी/अभियुक्त को जमानत पररिहा किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि प्रार्थी / अभियुक्त घटना मेंसंलिप्त रहा है, उसके द्वारा सह-अभियुक्तगण के साथ मिलकर वादी मुकदमाके ट्रक की लूट की गयी है। सह-अभियुक्तगण की निशानदेही <नाम> प्रश्नगतट्रक बरामद किया गया है। अभियुक्त मौके से भाग गया था। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"्रार्शी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> हरीकान्त <नाम> एवंविद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गया तथाअभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। ",
"पत्रावली के अवलोकन से यह दर्शित होता है कि घटना दिनाक12.09.2018 की समय 21:30 बजे से 03:30 बजे के मध्य की है तथा प्रथम (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दणप्र0क्षेत्र) /अपर सन्न न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-0३, आररा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 3620, 2019कमल <नाम> बनाम राज्यसूचना रिपोर्ट संबंधित थाने <नाम> दिनाक 14.09.2018 को समय 13:24 बजे अंकितकरायी गयी है। पत्रावली के अवलोकन से यह भी स्पष्ट है कि पुलिस पार्टी द्वारासह-अभियुक्तगण धर्मेन्द्र व <नाम> उर्फ चिकना को दिनांक 17.11.2018 कोगिरफ्तार किया गया है तथा सह-अभियुक्तगण धर्मेन्द्र व <नाम> उर्फ चिकना केबयान के आधार <नाम> प्रार्थी को मामले में अभियुक्त बनाया गया है। प्रार्थी/ अभियुक्तसे कोई बरामदगी दर्शित नहीं की गयी है। प्रार्थी द्वारा स्वयं न्यायालय के समक्षआत्मसमर्पण किया गया है। <नाम> अभियुक्त अनिरूद्ध की जमानत दिनोक28.06.2019 को इस न्यायालय द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। प्रार्थी की मामले मेंभूमिका सह-अभियुक्त अनिरूद्ध के समान है। प्रार्थी लगभग 15 <नाम> से जिलाकारागार में निरूद्ध है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_1771_202117-03-2021964 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"आवेदन पत्र के समर्थन में अभियुक्त के पैरोकार रामसिंह का शपथ पत्रसंलग्न किया गया है। ",
"आवेदक / अभियुक्त की ओर से अपने आवेदन पत्र में कथन किया गया है कि प्रार्थी लाौँकडाउन से पहले दो दिनांक गैर हाजिर होने के <नाम> माननीय न्यायालय द्वारा प्रार्थी/ अभियुक्त के विरूद्व गैर जमानती वारंट के आदेश पारित <नाम> दिये गये तथा दिनांक26.2.2021 को वारंट रिकॉल प्रार्थनापत्र खारिज करते हुए प्रार्थी/अभियुक्त को जेल भेज दियागया । प्रार्थी /अभियुक्त दिनांक 26.02.2021 से जिला कारागार में निरूद्व है। ",
"मैंने आवेदक/ अभियुक्त की तरफ से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता तथाअभियोजन की तरफ से उपस्थित सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुन लिया है तथा पत्रावली <नाम> उपलब्ध समस्त सामग्री का अनुशीलन <नाम> लिया है। ",
"इस मामले में आवेदक /अभियुक्त प्रवीन जमानत <नाम> था उसके पश्चात न्यायालय में अनुपस्थिति के फलस्वरूप उसके विरूद्व न्यायालय द्वारा अजमानतीय अधिपत्र निर्गत किया गया जिसके फलस्वरूप वह उक्त अजमानतीय अधिपत्र के निष्पादन में सम्बन्धितपुलिस द्वारा गिरफतार न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया है। ",
"आवेदक / अभियुक्त की तरफ से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता द्वारा कथन किया गया हैकि उसने जानबूझकर कोई गलती नहीं किया है उसके अधिवक्ता ने आवेदक / अभियुक्त कोसही जानकारी नहीं दी गयी। इसी <नाम> आवेदक / अभियुक्त न्यायालय में उपस्थित नहीं होसका था। "
],
"judge-opinion": [
" पत्रावली के अवलोकन से यह प्रकट होता है कि आवेदक / अभियुक्त दिनांक26.02.2021 से न्यायिक अभिरक्षा में निरूद्व है। आवेदक / अभियुक्त पूर्व में जमानत <नाम> था औरनवीन जमानत देने के लिए तत्पर है। आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता ने न्यायालयके समक्ष यह भी आश्वस्त किया है कि वह न्यायालय में नियत तिथियों <नाम> व्यक्तिगत <नाम> सेउपस्थित होता रहेगा। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_1567_202007-09-20202878 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्तगण के <नाम> रामहरी की ओर सेशपथपत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया गया है कि अभियुक्तगण का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है,इसके अतिरिक्त अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में लम्बित नहीं है। आवेदकगण / अभियुक्तगण का जमानत प््रार्थनापत्र में कथन है कि अभियुक्तगणको झूंठा फंसाया गया है, उन्होंने कोई अपराध कारित नहीं किया है। अभियुक्तगण का घटनासे कोई सम्बन्ध नहीं है। अभियुक्तगण से कोई बरामदगी नहीं है। घटना का कोई स्वतंत्र साक्षीनहीं है। अभियुक्तगण का आपराधिक इतिहास नहीं है। अभियुक्तगण दिनांक 16.07.2020 सेजिला कारागार में निरुद्ध है। अतः अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किया जाय। विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुये कहागया है कि अभियुक्तगण के पास से लूट की मोटरसाइकिलें बरामद हुयी हैं। अतः जमानतप्रार्थनापत्र निरस्त किया जाये। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार वादी <नाम> <नाम> उपनिरीक्षक थाना 2शमशाबाद द्वारा थाना शमशाबाद <नाम> इस आशय की तहरीर दी गयी कि दिनांक 16.97.2020 को वह मय इमराही रपट नं0 10 समय 10.13 बजे रवाना होकर भनपुरा तिराहे परथे कि मुखविर ने सूचना दी कि कुछ बदमाश चोरी की मोटरसाइकिल सहित इसी भनपुरा तिराहे की तरफ आने वाले हैं जिनके पास अवैध असलाह भी हैं। इस सूचना परविशवास करके बैरियर लगाकर चैकिंग करना शुरू <नाम> दिया। कुछ देर <नाम> दो मोटरसाइकिल आती हुयी दिखायी दिये। मुखविर ने इशारा करके बताया कि यही तीनोंबदमाश हैं। एक वारगी दविश देकर एक मोटरसाइकिल <नाम> एक व्यक्ति व दूसरी मोटर साइकिल <नाम> दो व्यक्तियों को पकड़ लिया। नाम पता पूछते हुये जामा तलाशी ली गयी तो पहले ने अपना नाम घनश्याम बताया जिसके कब्जे से मोटरसाइकिल स्पलेंण्डर रंगकाला जिसकी प्लेट <नाम> न॑0 यू०पी080-सी.एक्स-5230 <नाम> है, बरामद इुयी। जामातलाशी से पहने पेन्ट की बांयी फॅट से एक तमंचा 315बोर, व एक कारतूस बरामद हुआ । दूसरी मोटरसाइकिल के चालक ने अपना नाम <नाम> बताया जिसके पहने पेन्ट कीबांयी फैट में घुरसा हुआ एक तमंचा 315 बोर व एक अदद कारतूस बरामद हुआ। मोटरसाइकिल <नाम> पीछे बैठे व्यक्ति ने अपना नाम <नाम> उर्फ भूरा बताया। उक्त दोनों व्यक्तियों के कब्जे से मोटरसाइकिल स्पलैंण्डर रंग काला व <नाम> जिसकी न॑0 प्लेट <नाम> यूछपी080-एफ.डी.-1244 आकि है, बरामद इुयी। बरामद तमंचा, कारतूस व मोटरसाइकिलों के सम्बन्ध में कागजात तलब किये गये तो नहीं दिखा सके। अभियुक्तगण कीनिशादेही <नाम> लहर पट्टी लहर की पुलिया के नीचे से तीन मोटरसाइकिलें बरामद हुयीं,जिनके वह कागजात नहीं दिखा सके। वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना शमशाबाद <नाम> मु०अ0सं0 146/2020 अन्तर्गत <नाम> 41/102 सी.आर.पी.सी. व 414,411, 420, 468, 471 भाएदं0सं0 व 15 दएप्र0क्षे0 अधिनियम पंजीकृत हुआ। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्तगण के विद्वान् अधिवक्ता तथा विद्वान् अभियोजन <नाम> के तर्कसुने तथा केसडायरी का अवलोकन किया । ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि आवेदकगण वसहअभियुक्त के कब्जे से दो अदद मोटरसाइकिलों की बरामदगी हुयी है। इसके अलावाआवेदकगण की निशानदेही <नाम> तीन अन्य मोटरसाइकिलें बरामद हुयी हैं। अभियुक्तगणसे बरामद मोटरसाइकिलों का किसी अपराध से सम्बन्ध नहीं हो सका है। इसके अलावाअभियुक्तगण की निशानदेही <नाम> एक बरामद मोटरसाइकिल के चोरी होने से सम्बन्धितअ०सं0 145, 2020 अन्तर्गत <नाम> 380 भा०दं0सं0 थाना शमशाबाद क सम्बन्ध में आवेदकगण / अभियुक्तगण के जमानत प्रार्थनापत्र को अपर सत्र न्यायाधीश, कोर्ट सं0 21, आगराद्वारा दिनांक 21.08.2020 को स्वीकार किया जा चुका है। बरामदगी का कोई स्वतंत्रसाक्षी नहीं है। आवेदकगण/अभियुक्तयण दिनांक 16.07.2020 से जिला कारागार मेंनिरुद्ध हैं। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_3180_202022-10-20201622 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त की पैरोकार <नाम> <नाम> नेशपथ पत्र प्रस्तुत किया है, जिसमें वर्णित है कि अभियुक्त का यह प्रथम जमानतप्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय अथवा माननीयउच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ",
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्तनिर्दोष है, उसके द्वारा उक्त अपराध कारित नहीं किया गया है, अभियुक्त को इस 2मामले में फर्जी बरामदगी दिखाते हुये झूठाँ फॅसाया गया है। मामले में किसी भी जनसाक्षी को प्राथमिकी में दर्शित नहीं किया गया है। प्राथमिकी 14 घंटे के विलम्ब सेदर्ज करायी गयी है विलम्ब का कोई स्पष्टीकरण नहीं है। अभियुक्त दिनांक 14.09.20से कारागार में निरूद्ध है। अत: जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की प्रार्थना की गई । विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानत का विरोधकरते हुए कथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा कारित अपराध गम्भीर <नाम> काहैं, घर में घुसकर वादी को <नाम> से मारने की नियत से निजी लाइसेसी असलहे काप्रयोग किया गया है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की प्रार्थना कीगई । "
],
"judge-opinion": [
"मैंने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक के तर्को को सुना तथा केस डायरी का अवलोकन किया। प्रथम सूचना रिपोर्ट फर्द बरामदगी के अनुसार अभियोजन कथानक संक्षेप में हैकि वादी मुकदमा हरवेन्द्र <नाम> तौमर का परिवार दिनांक 13.09.2020 को समयलगभग <नाम> 09:50 बजे घर <नाम> बैठा हुआ था तभी नवल <नाम> <नाम> सुखवीर उफसुख्खी, डा0० रणवीर, बीरी <नाम> <नाम> रघुवीर व तीन से <नाम> अन्य अज्ञात लोगहथियार, सरिया व डण्डों से लैश होकर वादी के घर में घुसकर एक साथ ताबड़तोड़गोलियां चलाई एवं सरिया व डण्डा से हमला किया जिसमें तीन गोली वादी के पितामहेन्द्र <नाम> को तथा एक गोली वादी के चचेरे <नाम> मानवेन्द्र <नाम> को लगी तथा वादीकी माता <नाम> <नाम> को सरिया की चोटें लगी। हमला करने के <नाम> अभियुक्तगण मृतअवस्था में छोड़कर भाग गये। <नाम> में वादी ने अपने <नाम> व पिता को गोलियां लगनेके <नाम> एस0एआर0 हास्पिटल में भर्ती कराया। कानूनी कार्यवाही किये जाने कीयाचना की गयी है। अभियोजन द्वारा अभियुक्त के विरूद्ध लाईसेंसी आयुध तथा सरिया वडण्डों से लैश होकर अन्य <नाम> अभियुक्तों के साथ सामान्य उद्देश्य के अग्रसरण मेंवादी मुकदमा व उसके परिवारीजन <नाम> घर में घुसकर मारा गया है जिससे वादी केपिता व चाचा को <नाम> से मारने की नियत से ताबड़तोड फायरिंग <नाम> हमला कियागया है। अभियुक्त द्वारा अपनी लाईसेंसी रिवाल्वर से गोली चलाई गयी है तथालाईसेंसी रिवाल्वर को गिरफतारी के दौरान अभियुक्त के कब्जे से बरामद किया गयाहै। अभियुक्त द्वारा की गयी फायरिंग से महेन्द्र <नाम> को तीन गोली एवं वादी केचचेरे <नाम> को एक गोली लगने का चिकित्सीय प्रपत्रों में उल्लेख है। इसके अतिरिक्तअभियुक्त के विरूद्ध थाना मलपुरा जिला <नाम> में मुएअएसं0 268/15 <नाम> 3147,148,149,323,324,452,504 व 506 भाएद0सं0 का अपराध दर्ज किये जाने काअपराधिक इतिहास भी थाना मलपुरा जिला <नाम> की थाना आख्या में प्रस्तुत कियागया है। ",
"इसके अतिरिक्त पत्रावली <नाम> दाखिल केस डायरी से विदित होता हैकि पुलिस द्वारा अभियुक्त <नाम> <नाम> की जामातलाशी से पहने हुये पैंट से एक अदद रिवाल्वर बरामद हुआ जिस <नाम> <नाम> चिन्ह सत्यमेव जयते अनमोल रिवाल्वर 32 <नाम> <नाम> लिखा हुआ था जिसके बाबत अभियुक्त ने स्वयं का रिवाल्वर होना बताया और यह भी बताया कि कल <नाम> मोहल्ले में उसके परिवार का महेन्द्र केपरिवार से झगड़ा हो गया था जिसमें उसने इसी रिवाल्वर से महेन्द्र पक्ष केलोगों <नाम> गोली चला दी जिसके <नाम> वह घर से भागकर खेतों में छिप गयाशा। अब वह रिश्तेदारी में छिपने के लिये एवं असलहा को छिपाने के लिये पी टी <नाम> रहा था कि पुलिस द्वारा पकड़ लिया गया है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_5179_201916-10-20192876 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त महेन्द्र <नाम> के <नाम> वपेरौकार <नाम> के शपथ पत्र से समर्थित है। संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमाएस०ओ0 <नाम> <नाम> द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की दर्जकरायी गयी कि दिनाक 31.08.2019 को वह मय हमराहियान रोकथाम जुर्मजरायम व तलाश संदिग्ध व्यक्ति व वांछित अपराधी में मामूर थे कि उसीदौरान मुखबिर की सूचना <नाम> अपराध की <नाम> बनाते हुए 6 व्यक्तियों कोगिरफूतार किया गया, जिनमें से एक ने अपना नाम बताया। इसकी जामा तलाशी से एक अदद तमंचा, दो जिन्दा कारतूस, एक मोबाइल फोन एवं मु0120/- रूपए नगद बरामद किए गए। पास में खड़ी मैक्स गाड़ी से एक तारकटर, पीछे बॉडी में 6 अदद टंकी प्लॉस्टिक दूध की, एक ईएडी0 मशीन टूटीहुई, तीन कांटा विद्युत, 44 अदद सिल्ली एल्यूमीयिम, 238 नगद खल्लडएल्यूमिनियम, 144 छोटी बड़ी मूसली, कुल वजन करीब 219 किलोग्राम एवंबिजली के तार का एक बण्डल लम्बाई करीब 23 मीटर बरामद हुआ। अभियुक्त को जुर्म से अवगत कराते हुए हिरासत पुलिस में लिया गया फर्दमौके <नाम> तैयार की गयी। (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0कषेत्र)/अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। ",
"प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोईअपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 01.09.2019 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी अपनी रिश्तेदारी में गया हुआ था, दौराने चैकिंगपुलिस से कहा सुनी हो जाने के <नाम> पुलिस ने इस केस में झूठा फंसादिया है। प्रार्थी के कब्जे से किसी प्रकार की कोई बरामदगी नहीं है और नही प्रार्थी ने किसी लूट का प्रयास किया है। यह प्रार्थी का प्रथम जमानतप्रार्थना पत्र है। प्रार्थी का अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र माननीय उच्चन्यायालय या अन्य किसी भी न्यायायलय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्तआधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> कीगयी है। ",
"विद्वान सहायक जिला शासयकी अधिवक्ता, फौजदारी द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि पुलिस पार्टी द्वारा प्रार्थी /अभियुक्त को अन्य के साथ लूट की <नाम> बनाते हुए गिरफूतार किया गयाहै तथा उनकी गाड़ी से लूट का <नाम> बरामद किया गया है। उपरोक्त आधघारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 5179 2019श्याम <नाम> बनाम राज्यप्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> सैययद इरशाद अलीएवं विद्वान सहायक जिला शासयकी अधिवक्ता, फौजदारी <नाम> <नाम> चौधरीको सुना गया तथा अभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनाक 01.09.2019 की समय 01:30 बजे की है। प्रार्थी <नाम> सह-अभियुक्तगण के साथ लूट की <नाम> बनाते हुए गिरफूतार किए जाने तथाउनकी गाड़ी से चोरी का <नाम> बरामद किए जाने का आरोप लगाया गया है। केस डायरी के अनुसार प्रार्थी को दिनाक 01.09.2019 को पुलिस पार्टी द्वारागिरफूतार किया गया है तथा उसके व्यक्तिगत कब्जे से एक अदद ततमंचा, दो जिन्दा कारतूस, एक मोबाइल फोन एवं मु0 120/- रूपए नगद बरामद किएगए हैं। कथित बरामदगी का कोई स्वतन्त्र <नाम> दर्शित नहीं किया गया है। (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दणप्र0क्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-63, आररा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 5179, 2019श्याम <नाम> बनाम राज्य प्रार्थी लगभग डेढ माह से जिला कारागार में निरूद्ध है। सह-अभियुक्त महेन्द्र <नाम> की जमानत इस र््यायालय द्वारा दिनाक 04.10.2019 को स्वीकार की जाचुकी है। प्रार्थी की मामले में <नाम> सह-अथियुक्त के समान है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_1103_202021-07-20201051 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी /अभियुक्त के पिता व पैरोकारराकेश के शपथ पत्र से समर्थित है। अभियोजन कथानक के अनुसार संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैंकि वादी मुकदमा हरीराम <नाम> का पुत्र धर्मेन्द्र <नाम> जो तहसील किरावलीमें कम्प्यूटर ऑपरेटर का कार्य करता था दिनांक 18.10.2019 को लगभगदोपहर 3:00 बजे तहसील से घर के लिए चला था लेकिन वह अपने घर नहींआया जिसकी दिनांक 19.10.2019 को थाना अछनेरा में गुमशुदगी दर्ज करायीथी। तहसील किरावली के गेट से उसका अज्ञात बदमाशों द्वारा अपहरण करलिया गया है। ",
"विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का घोरविरोध करते हुए तर्क प्रस्तुत किया गया है कि अभियुक्तग ने अपने अन्यसाथियों के साथ वादी के पुत्र का अपहरण <नाम> उसकी हत्या कारित की औरसाक्ष्य विलोपित करने <नाम> शव को जलाकर छिपा <नाम> गया। यह भी तर्कप्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त व उसकी साथी की निशादेही <नाम> शव एवंमृतक का सामान बरामद हुआ है। अभियुक्त घटना में सम्मलित रहा है। अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाये। "
],
"judge-opinion": [
"पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि वादी मुकदमा हरीरामशर्मा के लिखित तहरीर <नाम> दिनांक 04.11.2019 को समय 14:41 बजे थानाअछनेरा <नाम> अज्ञात अभियुक्तगण के विरूद्द मुएअ0सं0 367,19 अंतर्गत धारा364 भाएदं0सं० पंजीकृत किया गया। दौरान विवेचना अभियुक्त का नामप्रकाश में आया तथा प्रकरण <नाम> 364ए,302,201 भाएंदं0सं0 में तरमीम कियागया और संकलित साक्ष्य के आधार <नाम> विवेचक ने प्रार्थी / अभियुक्त एवं दोअन्य के विरूद्द भा०दं0सं० की <नाम> 364ए, 302,201 बखूबी साबित पाते हुएआरोप पत्र न्यायात्रय में प्रेषित किया है। (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (द0प्र/क्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 1103 / 2020अरूण उर्फ <नाम> बनाम राज्यप्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजनअधिकारी को सुना गया तथा पत्रावली का सम्यक परिशीलन किया गया। प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रथम सूचना रिपोर्ट भी वादी द्वारा थाने <नाम> देरी सेदर्ज करायी गयी है जिसका कोई <नाम> वादी मुकदमा द्वारा नहीं दर्शायागया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में अभियुक्त नामजद नहीं हैं। प्रार्थी के विरूद्दधारा 364ए, एवं 302 भाठदंए्सं० का कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं है। प्रार्थी / अभियुक्त का मृतक से कोई रंजिश नहीं है। प्रार्थी मिर्गी दौरे का सन2017 से मरीज है जिसका इलाज चल रहा है। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 14.11.2019 से ही जिला कारागार <नाम> में निरूद्र है। प्रार्थी का कोईअपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है,इसके अतिरिक्त अन्य कोई जमानत प्रार्थना किसी भी न्यायालय या माननीयउच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ",
"केस डायरी के अवलोकन से विदित होता है किप्रार्थी / अभियुक्त के विरूद्द अभियोग है कि उसने अपने अन्य साथियों केसाथ मिलकर वादी के पुत्र धर्मेन्द्र <नाम> का फिरौती के लिए व्यपहरण कियातथा उसकी हत्या कारित की एवं साक्ष्य विलोपित करने <नाम> शव को जलाकरउसके कंकाल को बिचपुरी बोदला रोड <नाम> <नाम> फलैट के सामने पुरानेनाले के पास रख दिया। पत्रावली के अवलोकन से यह भी विदित होता है (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (द0प्र/क्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 1103 / 2020अरूण उर्फ <नाम> बनाम राज्यकि प्रार्थी / अभियुक्त की निशानदेही <नाम> मृतक का कंकाल, <नाम> जूता, पर्सकागजात, लैपटॉप एवं अन्य सामान की बरामदगी हुई है। कारित अपराधगंभीर <नाम> का है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_687_202028-01-20201750 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"चूँकि दोनों जमानत प्रार्थना पत्र एकही अपराध संख्या एवं एक ही घटना से सम्बन्धित है, अतः दोनों जमानत प्रार्थना पत्रोंका निस्तारण एक ही आदेश द्वारा किया जा रहा है। ",
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्तगण के पेरोकार कमश: निरोत्तमसिंह एवं भूपेन्द्र <नाम> ने शपथपत्र प्रस्तुत किया है जिसमें <नाम> है कि यहअभियुक्तगण का प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, कोई अन्य जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय एवं माननीय उच्च न्यायालय में लम्बित नहीं है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार दिनांक 20.01.2020 को थानाध्यक्ष अरूण कुमारबालियान द्वारा अपने अन्य साथी कर्मचारीगण के साथ थाने <नाम> प्राप्त सूचना <नाम> किग्राम रम्पुरा में दो पक्षों में झगड़ा हो रहा है, वादी पुलिस पार्टी के सदस्य मौके <नाम> (2) पहुँचे तो <नाम> कि जयराम चौकीदार के घर के सामने सार्वजनिक रास्ते <नाम> एक-दूसरेको गाली गलौज व <नाम> से मारने की धमकी देते हुए लाठी, डण्डों, ईट पत्थर,कुल्हाड़ी व फर्सा आदि से लैस होकर एक-दूसरे की <नाम> लेने <नाम> उतारू थे, जिनकोधमकी देते लोक शान्ति बनाये रखने <नाम> काफी समझाने का प्रयास किया गया लेकिनवह लोग नहीं <नाम> तथा और अधिक उत्तेजित हो गये, जिससे आम <नाम> में भगदड़ मच गई तथा <नाम> के व्यक्ति <नाम> बचाने के लिए अपने-अपने घरों की ओर भागनेलगे। तदुपरान्त वादी पुलिस पार्टी द्वारा आवश्यक <नाम> प्रयोग करते हुए इन लोगों परनियन्त्रण किया गया तथा लोक शान्ति बहाल की गई। आस-पास के लोगों से जानकारी करने <नाम> ज्ञात हुआ कि इस घटना में प्रथम पक्ष के रामनरेश, जसवनत,मनोज, धर्मेन्द्र, <नाम> रामवीर, धीरज तथा तीन-चार अज्ञात महिला व पुरूष एवं द्वितीय पक्ष के <नाम> <नाम> <नाम> सतेन्द्र, शिवराज, आदेश व तीन-चार अज्ञातमहिला व पुरूष आदि थे। झगड़े के दौरान कुछ लोगों के काफी चोटें आई है, जिनकोउपचार <नाम> सी.एच.सी. भेजा गया। अभियुक्तगण मौके का फायदा उठाकर भाग गये। ",
"वादी अरूण <नाम> बालियान द्वारा अभियुक्तगण रामनरेश, जसवनत, <नाम> धर्मेन्द्र, <नाम> रामवीर, धीरज, <नाम> <नाम> <नाम> सतेन्द्र, शिवराज, आदेश एवं 6-7 अज्ञात महिला व पुरूष के विरूद्व थाना जैतपुर <नाम> मु0अ०सं0 04/2020 धारा147, 148, १149, 323, 307, 336, 504, 506 भा०द0सं0 एवं <नाम> 7 किमिनल लॉअमेण्डमेन्ट एक्ट में प्राथमिकी ऑकित कराई गई । ",
"अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्तगण निर्दोष है, उनको इस मामले में झूठा फॅँसाया गया है, जबकि उनके द्वारा उक्त अपराधकारित नहीं किया गया है। यह भी कथन किया गया कि प्राथमिकी में अभियुक्तगणकी कोई स्पष्ट <नाम> उक्त अपराध कारित किए जाने के सम्बन्ध में नहीं बताई गई है। प्राथमिकी के अनुसार दो पक्षों में झगड़ा होना बताया गया है जबकि घटना कीरिपोर्ट किसी भी पक्ष द्वारा नहीं कराई गई है बल्कि घटना की रिपोर्ट पुलिस द्वाराकराई गई है। उक्त घटना में पुलिस पार्टी के किसी भी सदस्य के कोई चोट <नाम> दर्शित नहीं है तथा कथित घटना का कोई स्वतन्त्र <नाम> भी नहीं बताया गया है। अभियुक्तगण कमशः दिनांक 21.01.2020 एवं 22.01.2020 से जिला कारागार, <नाम> मेंनिरूद्व है, अतः जमानत <नाम> मुक्त किए जाने की प्रार्थना कौ गई। ",
"विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानत का विरोध किया गया किन्तुइस तथ्य को स्वीकार किया गया कि उक्त घटना में पुलिस पार्टी के किसी भी सदस्य (3)जमानत प्रार्थना पत्र स॒0: 576 एव 687 / 2020 प्रार्थना पत्र सं0: 576 एवं 687 / 2020के कोई चोट नहीं आई है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार अभियुक्तगण के विरूद्व अन्य <नाम> अभियुक्तगणके साथ मिलकर <नाम> हथियारों से लैस होकर गाली गलौज करते हुए एक-दूसरेपक्ष को <नाम> से मारने के आशय से गाली गलौज, पथराव व फायरिंग किए जाने काआरोप है । "
],
"judge-opinion": [
"मैंने अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक के तर्को को सुना तथा उपलब्ध केस डायरी का अवलोकन किया । ",
"केस डायरी में उपलब्ध साक्ष्य के अनुसार दो पक्षों के बीच झगड़ा होना बतायागया है जबकि घटना की रिपोर्ट किसी भी पक्ष द्वारा नहीं कराई गई है बल्कि घटनाकी रिपोर्ट पुलिस द्वारा कराई गई है। उपलब्ध साक्ष्य के अनुसार उक्त घटना में पुलिस पार्टी के किसी भी सदस्य के कोई चोट <नाम> दर्शित नहीं है तथा कथित घटना काकोई जनसाक्षी भी नहीं बताया गया है। विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा भीइस तथ्य को स्वीकार किया गया है कि उक्त घटना में पुलिस पार्टी के किसी भीसदस्य के कोई चोट नहीं आई है। अभियुक्तगण जिला कारागार, <नाम> में निरूद्व है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_1428_202126-02-20211829 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"उसका अन्य कोई जमानतप्रार्थना-पत्र माननीय उच्च न्यायालय या किसी अन्य न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ",
"संक्षेप में फर्द बरामदगी के आधार <नाम> अभियोजन के कथन इस प्रकारहै कि दिनांक 15.02.2021 को वादी मुकदमा उपनिरीक्षक <नाम> <नाम> मय हमराहीआरक्षीगण के थाने से बहवाले रपट संख्या 34 <नाम> समय 14:00 बजे <नाम> व्यवस्था आर्मीभर्ती <नाम> इन्जीनियरिंग कालेज में थे कि जरिये मुखबिर सूचना <नाम> कि दस-बारहलड़के फर्जी कागजातों के आधार <नाम> कासंगज जिला के समय में आर्मी की भर्ती देखनेहेतु आये जिनमें से कुछ ने फिजीकल <नाम> लिया व कुछ रेस में फेल हो गये हैं जो किआनंद इन्जीन्यिरिंग के दूसरे साईड में खड़े हैं जिस <नाम> विशवास <नाम> मय पुलिस टीम के साथ रास्ते में <नाम> के व्यक्तियों का फराहम करने एवं भलाई बुराई के <नाम> कोईतैयार <नाम> होने मय मुखबिर के आपसी जामा तलाशी ले देकर उक्त स्थान <नाम> आये एवं Bail Application/1428/2021 —Jaiparkash Vs. UP State 2मुखबिर के इशारे <नाम> एक बारगी दबिश देकर आवश्यक <नाम> प्रयोग <नाम> दसों व्यक्तियोंको पकड़ लिया गया जिनका नाम पता पूछते हुये जामा तलाशी ली गयी तो पकड़े गयेदसवें व्यक्ति ने अपना नाम <नाम> <नाम> जिसकी जामा तलाशी से 160/-रूपये व आधारकार्ड तथा एक कोविड टेस्ट रिपोर्ट, निवास प्रमाण पत्र जारी उपजिलाधिकारी कासगंजबरामद हुआ तथा पूछने <नाम> आवेदक ने अन्य सअभियुक्तों के साथ मिलकर बताया किउनके जिले की आज भर्ती <नाम> होने के <नाम> वह सभी यह आधार कार्ड तथा उक्तदस्तावेज फर्जी बनवाकर उक्त दस्तावेजों के आधार <नाम> भर्ती में प्रवेश किया तथाफिजीकल में सम्मिलित हो गये। आवेदक <नाम> <नाम> ने बताया कि उसका फिजीकलनहीं हुआ तथा उसने इन्हीं कागजातों के आधार <नाम> अन्दर प्रवेश किया। <नाम> <नाम> द्वारा आर्मी भर्ती में प्रयुक्त दस्तावेजों की गहनता से जॉच किये जाने <नाम> उक्त कागजातकूटरचित फर्जी पाये गये तथा पकड़े गये व्यक्तियों को उनके जुर्म से अवगत कराते हुयेदिनांक 16.02.2021 को समय 02:00 बजे पुलिस हिरासत में लिया गया। बरामद दस्तावेजों को सफेद कपड़े में रखकर सील सर्वमोहर <नाम> नमूना मोहर तैयार किया गया। ",
"फर्द मौके <नाम> स्ट्रीट लाईट व टार्च की पर्यापत <नाम> में लिखकर पढ़कर सुनाकर अभियुक्तों को गवाहान के हस्ताक्षर बनवाते हुये <नाम> प्रदान की गयी। ",
"आवेदक / अभियुक्त की ओर से कथन किया गया कि वह निर्दोष है। उसे उपरोक्त केस में पुलिस ने झूंठा फसाया है। उसने कोई अपराध नहीं कियाहै। यह भी तर्क प्रस्तुत किया गया है कि आवेदक यदि किसी सेना भर्ती का अंग थातो उसे सेना के किसी <नाम> द्वारा पकड़कर पुलिस के हवाले किया जाता, जो किनहीं किया गया है, और पुलिस द्वारा फर्जी कहानी बनाते हुये उसे गिरफतार कियागया है। आवदेक को मुखबिर खास की सूचना आधार मात्र <नाम> गिरफतार किया गयाहै। पुलिस द्वारा उच्चाधिकारियों को गुडवर्क दिखाने <नाम> उक्त मुकदमा फर्जी <नाम> सेपंजीकृत किया गया है। सेना भर्ती में शामिल होने का कोई दस्तावेज आवेदक के पाससे बरामद नहीं है। इसलिये आवेदक के विरूद्ध <नाम> 420,467,468 व 471 भा0द0सं0का आरोप प्रथम दृष्टया सृजित नहीं होता है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। अभियुक्त दिनांक 16.02.2021 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्ध है। इसप्रकार आवेदक / अभियुक्त को उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत <नाम> <नाम> किये जाने कीयाचना की गयी । ",
"इसके विपरीत विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,(फौजदारी) द्वारा जमानत का विरोध करते हुये कथन किया गया कि मामले में आवेदकको सेना भर्ती के दौरान फर्जी दस्तावेजों के साथ गिरफतार किया गया है। "
],
"judge-opinion": [
"जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथाअभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी को Bail Application/1428/2021 —Jaiparkash Vs. UP State 3सुना एवं थाने से प्राप्त केस टिप्पणी सहित अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया। प्रथम सूचना रिपोर्ट के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि फर्द बरामदगी प्रथम सूचना रिपोर्ट में आवेदक / अभियुक्त नामजद है तथा मामले में आवेदक को मौकेसे अन्य सहअभियुक्तों के साथ गिरफतार किया गया है। थाने से प्राप्त आख्या केअनुसार अभियुक्त / आवेदक को सेना भर्ती गेट स्थल के सामने फर्जी कागजातों केसाथ अन्य <नाम> अभियुक्तगण के साथ गिरफतार किया गया है जिसका इन्द्राज केसडायरी में <नाम> किया गया है। अभियुक्त द्वारा कारित अपराध अत्यन्त गम्भीर प्रकृतिका है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_580_202127-01-20213215 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में प््रार्थी/ अभियुक्त के <नाम> श्रीजमालुद्दीन का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें वर्णित हे कि अभियुक्तका यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसीन्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ",
"अभियोजन कथानक व प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार वादी उप निरीक्षक <नाम> दुलीचंद्र <नाम> ने थाना रकाबगंज <नाम> तहरीर इस आशय कीप्रस्तुत की कि दिनांक 14.11.2019 को मैं उप निरीक्षक <नाम> दुलीचंद्र यादवमय हमराही हैड कॉ० विनीत <नाम> के थाना हाजा से रवाना होकर चौकीक्षेत्र बालूगंज में देखरेख शान्ति व्यवस्था रोकथाम जुर्म जरायम व चैकिंगसंदिग्ध व्यक्ति/वाहन में मामूर थे, तभी जरिये मुखबिर खास ने आकर सूचना दी कि नाला मंटोला की तरफ से <नाम> टाकिज के सामने होकर दो स्कूटियों <नाम> दो लोग अलग-अलग बीरे में रखकर गाय का मांस ले जाने Bail Application /1418/2021 —Arshad Vs. UP State 2 वाले हैं यदि आप जल्दि करें तो पकड़े जा सकते हैं। इस सूचना को सहीमानकर मैं उप निरीक्षक <नाम> दुलीचंद्र <नाम> मय हमराही के <नाम> टाकिज केसामने वाहन चैकिंग <नाम> ही रहे थे कि बालूगंज चौराहे की तरफ से दोस्कूटी आगे-पीछे आ रही थीं, जिनमें एक <नाम> रंग, दूसरी सफेद रंग की थी, उन्हें रोकने का इशारा किया तो दोनों स्कूटी सवार स्कूटी छोड़कर भागगये। स्कूटियों के पास जाकर <नाम> तो दोनों स्कूटियों के पैरदानों में एक-2प्लास्टिक का <नाम> बंधा हुआ था, बोरों को खोलकर <नाम> तो उसमें <नाम> हुआ कच्चा मांस, जिसमें खाल <नाम> गाय के <नाम> दिखायी <नाम> रहे हैं, देखनेसे गाय का मांस प्रतीत होता है। स्कूटी नं0 यू०पी0 80 एफ0सी0 0588सफेद रंग व यू०पी0 80 ई0क्यू० 4204 ज्यूपीटर <नाम> रंग एक्टिवा को मयलदे हुए बोरों को कब्जे पुलिस समय करीब 13:00 बजे लिया गयातथा द्वारा दूरभाष पशु <नाम> से सम्पर्क <नाम> मौके <नाम> बुलाया गया, <नाम> <नाम> मौके <नाम> आये, जिनके द्वारा दोनों बोरों में से अलग-अलगमांस को सैम्पल लेकर डिब्बों में रखकर सील मुहर <नाम> नमूना तैयार कियागया । उपरोक्त के आधार <नाम> अभियुक्त अज्ञात के विरूद्ध अपराधसंख्या-319/2019 <नाम> <नाम> 3/5,/8 गौवध अधिनियम का अभियोगथाना रकाबगंज, <नाम> <नाम> पंजीकृत किया गया। आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत कियागया है कि आवेदक / अभियुक्त निर्दोष है, उसने कोई अपराध कारित नहींकिया है। महज पुलिस ने अपना गुडवक दिखाने के लिये व तंग व परेशान करने की नियत से उपरोक्त मुकदमे में झूंठा फसा <नाम> गया है। उपरोक्त मुकदमा आज्ञात में दर्ज हुआ है तथा आवेदक/ अभियुक्त का प्रथम सूचनारिपोर्ट में नाम <नाम> नहीं है। प्रथम सूचना 2 घण्टे 30 मिनट की देरी सेदर्ज हुयी है। देरी का कोई भी <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट में <नाम> नहींहै। प्रथम सूचना रिपोर्ट में कोई भी स्वतंत्र <नाम> नहीं दर्शाया गया है। आवेदक / अभियुक्त पूर्व में सजायाफ्ता नहीं है। आवेदक/ अभियुक्त <नाम> तोउक्त स्कूटी नं0 यू0पी0 80 एफ०सी0 0588 का <नाम> है और <नाम> ही उक्तमांस का <नाम> है तथा आवेदक/ अभियुक्त से उपरोक्त मुकदमा संबंधीकोई भी स्कूटी व मांस बरामद नहीं हुआ है। Bail Application/1418/2021 —Arshad Vs. UP State 3अभियुक्त दिनांक 21.01.2021 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्ध हैं। अतः जमानत <नाम> छोड़े जाने की <नाम> की गयी है। राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ताद्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये <नाम> प्रस्तुत किया गया किअभियुक्त को चैकिंग के दौरान अकस्मात ज्यूपीटर स्कूटी <नाम> लादकर लेजाते समय <नाम> टाकिज के सामने चैकिग होने के दौरान बरामदगी कीगयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व राज्य की ओर से उपस्थितविद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना व उपलब्धप्रपत्रं का अवलोकन किया । अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट होता कि अभियुक्त केस्कूटी से गौमांस की बरामदगी का अभियोग है। अभियोजन प्रपत्रों केअनुसार अभियुक्त को मौके से गिरफ्तार नहीं किया गया है, बल्कि भागाहुआ दिखाया गया है, परंतु इस आशय का कोई साक्ष्य इस स्तर परपत्रावली <नाम> उपलब्ध नहीं है कि अभियुक्त के कब्जे से स्कूटी से गौमांसकी बरामदगी हुई है। अभियुक्त प्राथमिकी में नामजद नहीं है, अन्य सहअभियुक्त की जमानत दिनांक 10.08.2020 को श्रीमान् विशेष न्यायाधीश,अपर सत्र न्यायाधीश न्यायालय सं0 03, <नाम> से हो चुकी है। मामलामजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। अभियुक्त दिनांक 21.01.2021 से जिलाकारागार में बंद है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_1402_202024-07-2020925 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्तगण के पैरोकार <नाम> <नाम> ने शपथपत्र प्रस्तुत किया है, जिसमें वर्णित है कि अभियुक्तगण का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय मेंविचाराधीन नहीं है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कहानी इस प्रकार है कि वादी मुकदमा सनी तोमर,उपनिरीक्षक द्वारा दिनांक 08.07.2020 को समय 16.15 बजे प्रथम सूचना रिपोर्ट यहकथन करते हुए दर्ज कराई गई कि वह पुलिस <नाम> के साथ गश्त <नाम> थे, ग्रामलालपुरा वाले चौराहे के पास पहुंचे तो चौराहे से गढ़ी <नाम> की तरफ एक ट्रैक्टरट्रॉली मोरम चम्बल से भरी जाती दिखाई दी। शक होने <नाम> पुलिस वालों ने उसकापीछा किया तो पुलिस वालों को देखकर ट्रैक्टर <नाम> बैठे व्यक्तियों ने एकदम एक रायहोकर हल्ला किया कि पुलिस आ गई है, मारो सालों को तथा ट्रैक्टर <नाम> बैठे व्यक्ति (2)ने <नाम> से मारने की नीयत से फायर किया जिससे पुलिस वाले बाल-बाल बच गये। ट्रैक्टर <नाम> बैठे व्यक्ति ट्रैक्टर से उतरकर भागने लगे, पीछा किया तो दो व्यकितयों कोसड़के के दांहिने फासले एक खेत <नाम> पकड़ लिया। नाम पता पूछते हुए जामा तलाशी ली गई तो उसने अपना नाम बब्लू पुत्र मानसिंह व पता बताया, उसके कब्जे से एकcara देशी 315 बोर, एक खोखा कारतूस व एक जिन्दा कारतूस बरामद हुआ। दूसरेव्यक्ति ने अपना नाम बालो पुत्र लज्जाराम व पता बताया जिसकी जामा तलाशी सेकोई वस्तु बरामद नहीं हुई। भागे हुए व्यक्ति का नाम <नाम> बताया और उसके द्वाराही फायर करना बताया। भागे हुए दूसरे व्यक्ति का नाम बालईया बताया व एक अन्यप्रमोद जिसे पुलिस वाले पहले से जानते थे। पकड़े गये व्यक्तियों ने पूछने <नाम> बतायाकि वे सभी एक <नाम> होकर धौलपुर से मोरम चोरी करके मोरम का अवैध व्यापार करतेहैं। इन सभी ने एक <नाम> होकर पुलिस पार्टी <नाम> फायर किया हैं। ",
"उक्त फर्द बरामदगी के आधार <नाम> थाना निबोहरा <नाम> अपराध संख्या-51 / 2020धारा-147, 148, 149, 307, 379, 411 भाएदं0सं0 में अभियुकतगण बब्लू, बालो, ईश्वरी,बालईया व <नाम> के विरूद्ध अभियोग पंजीकृत किया गया। ",
"अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत किया गया है कि वे निर्दोषहैं, उनके द्वारा कोई अपराध कारित नहीं किया गया है, <नाम> ही कोई बरामदगी है, उन्हेझूठा फंसाया गया है। यह तर्क भी प्रस्तुत किया गया है कि पुलिस पार्टी <नाम> किसी के कोई चोट नहीं है। अतः जमानत <नाम> छोड़ने का आधार पर्याप्त है। ",
"अभियोजन की ओर से विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानतका विरोध करते हुए तर्क प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्तगण द्वारा अवैध <नाम> से मोरमकी चोरी की जा रही थी तथा पुलिस पार्टी द्वारा पकड़े जाने <नाम> पुलिस पार्टी परफायर किया गया है। जमानत का आधार पर्याप्त नहीं है। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान जिला शासकीय अधिवक्तादाण्डिक के तर्कों को सुना व केस डायरी का अवलोकन किया। ",
"केस डायरी के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि कोई आघात प्रतिवेदन संलग्ननहीं है जिससे यह स्पष्ट हो सके कि वादी मुकदमा या पुलिस पार्टी के किसी सदस्यको कोई चोट आई हो। ट्रैक्टर <नाम> अवैध <नाम> से मोरम भकर ले जाने और पकड़नाबताया गया है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_594_202001-02-20201511 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसके साथ अभियुक्त कीमॉ <नाम> सरोज <नाम> का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा प्रवेश <नाम> एस.एच.ओ. थाना फतेहाबाद, जिला <नाम> ने दिनांक 15.11.2019 को 04-12 बजे थाना परजुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि दौरान जॉच थान <नाम> मेंपाया गया कि गैंगलीडर भाव <नाम> ने एक सुसंगठित गैंग बना रखा है, जिसके सदस्य <नाम> <नाम> कालूराम पदम <नाम> शिवराम <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> व <नाम> हैं। ",
"गैंग के सदस्यों का मुख्य कार्य अपने निजी एवं भौतिक <नाम> <नाम> अवैध धन अर्जित करना है। इनके भय व आतंक के <नाम> <नाम> का कोई भी व्यक्ति गवाही देने को तैयार नहींहोता है। इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्न मुकदमे पंजीकृत हैं। इनके विरूद्ध <नाम> 2/3उ0प्र०गिरोह बन्द एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गतअभियोग पंजीकृत कराया गया है। ",
"आवेदक /अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है कि आवेदक / अभियुक्तने कोई अपराध नहीं किया है। आवेदक / अभियुक्त का कोई गिरोह नहीं है और ना ही वहकिसी गिरोह का सदस्य है, उसका समाज में कोई भय एवं आतंक व्याप्त नहीं है। गैंगचार्ट में उस <नाम> जो मामला दर्शाया गया है, उसमें उसकी जमानत स्वीकार हो चुकी है। आवेदक / अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। आवेदक ,/ अभियुक्त दिनांक21.01.2020 से कारागार में निरूद्ध है। अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाय। ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र काविरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह सक्रिय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट: <नाम> सेअनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसके विरूद्ध अ.सं.358,/19 धारा-60(1), 64ए आबकारी अधिनियम व 420, 467, 468, 471 भा.द.स. थाना फतेहाबाद का मुकदमा लंबितहैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्त किये जाने की प्रार्थना की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोकअभियोजनक को सुना गया तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यकपरिशीलन किया। गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में उपरोक्त मामला दर्शाया गया है, जिसमें उसके विरूद्ध नकली अवैध शराब तैयार किये जाने का अभिकथनहै। उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986की <नाम> 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है,तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसरनहीं <नाम> जाता और(ख) जहाँ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान होजाये कि यह विश्वास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं हैऔर यह कि जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। जहाँ <नाम> गैंगचार्ट में दर्शाये गये मामलें में अभियुक्त की जमानत स्वीकार होने का प्रश्न है, <नाम> वह उक्त मामलें में दोषमुक्त नहीं हुआ है, उसकी केवल जमानत स्वीकारहुई है। आवेदक /अभियुक्त <नाम> अपने साथियों के साथ मिलकर नकली अवैध शराब तैयारकिये जाने के आरोप हैं। इस न्यायालय के द्वारा पूर्व में इस केस के <नाम> अभियुक्त गौतमपरमार व <नाम> <नाम> का जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किया जा चुका है। ",
"आवेदक / अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाया गया मुकदमा, उसकी प्रकृतिएवं उक्त अधिनियम की <नाम> 19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुये न्यायालयका यह समाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत पररहते हुये उसके अपराध करने की सम्भावना नहीं है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_5404_201904-10-20193274 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"अपराध संख्या- 104 / 2019दिनांक : 04.10.2019आवेदक / अभियुक्त <नाम> की ओर से अपराध संख्या-104/ 2019,धारा-411, 414 भा0द0सं0 थाना इरादतनगर, जिला <नाम> में जमानत प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किया गया है। इस प्रार्थना पत्र के साथ अभियुक्त के पिता कमलसिंह का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें कहा गया है कि यह उसकाप्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्रकिसी न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है । अभियोजन कथानक एवं फर्द बरामदगी / प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसारदिनांक 12.09.2019 को उप निरीक्षक <नाम> <नाम> हमराह पुलिस कर्मचारीगणके <नाम> <नाम> विसर्जन ड्यूटी में खारी नदी <नाम> ग्वालियर हाइवे <नाम> मामूरथे, मुखबिर की चोरी की एक्टिवा होने की सूचना <नाम> <नाम> रंग की एक्टिवा परसवार दो व्यक्तियों को रोका तथा नाम पता पूछा एवं गाडी के कागजात मॉगे गये तो स्कूटी चालक ने अपना नाम <नाम> <नाम> बताया, जामा तलाशी सेपहने पेन्ट की बायी जेब से 100रूपये तथा दूसरे ने अपना नाम <नाम> बतायाउसकी जामा तलाशी से शर्ट की जेब से 50 रूपये बरामद हुये। एक्टिवा स्कूटीका रजिस्ट्रेशन नंबर यूपी.80डी.एन 2295 है, चैसिस नंबरMEA4JF504LF7405738 इंजन नंबर JF<फ़ोन-नंबर> <नाम> है। अभियुक्तगणसे कागज तलब किये गये तो कागज नहीं दिखा सके और कहा कि यहएक्टिवा सदर <नाम> की डिफेंस कालौनी में <नाम> पंडाल से चुराया है। अभियुक्तगण को मय एक्टिवा गाडी के थाने लाया गया। ",
"उपरोक्त के आधार <नाम> दिनांक 12.09.2019 को अभियुक्तगण राहल वसचिन के विरूद्ध अपराध संख्या-103/2019 <नाम> धारा-411, 414 भा0द0सं0का अभियोग थाना इरादतनगर, <नाम> <नाम> पंजीकृत किया गया। ",
"आवेदक / अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथसंलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है किआवेदक / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे पुलिस ने इस मामले में -2- झूंठा फॅसाया है, उसका घटना से कोई सम्बन्ध व सरोकार नहीं है। उसकोएक्टिवा स्कूटी <नाम> पीछे बैठा होना दर्शाया गया है, उसके पास से कोई वाहनबरामद नहीं हुआ है, उसका कोई पूर्व आपराधिक इतिहास नहीं है। ",
"आवेदक / अभियुक्त दिनांक 13.09.2019 से कारागार में निरूद्ध है। अतः जमानत <नाम> छोडे जाने की <नाम> की गयी है। ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता नेजमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये कहा है कि आवेदक/ अभियुक्त वइसके <नाम> अभियुक्त के पास से चोरी की एक्टिवा स्कूटी बरामद हुई है, जिसेवह बेचने ले जा रहे थे। पूछताछ में आवेदक / अभियुक्त ने उसे चोरी की होनाबताया है। आवेदक / अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानतप्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता व राज्य की ओर से उपस्थित विद्वानअपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना व उपलब्ध समस्त प्रपत्रोंका अवलोकन किया। ",
"आवेदक / अभियुक्त व इसके साथी से चोरी की एक्टिवा स्कूटी बरामदहोना कहा जाता है। ",
"प्रथम सूचना रिपोर्ट में आवेदक / अभियुक्त को उपरोक्त एक्टिवा परपीछे बैठा होना दर्शाया गया है। आवेदक / अभियुक्त के जमानत प्रार्थना पत्र परथाने की जो आख्या प्राप्त हुई है, उसमें आवेदक / अभियुक्त का कोई पूर्वआपराधिक इतिहास होना नहीं दर्शाया गया है । मामला मजिस्ट्रेटन्यायालय द्वारा विचारणीय है। ",
"इस केस के <नाम> अभियुक्त <नाम> <नाम> का जमानत प्रार्थना पत्रसंख्या-5368/2019 दिनांक 27.09.2019 को माननीय सत्र न्यायाधीश महोदय,आगरा द्वारा स्वीकार किया जा चुका है। आवेदक/अभियुक्त दिनांक13.09.2019 से जेल में हे। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_148_202011-02-20201032 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"आवेदक अभियुक्त रविन्द्र, अपराध सं0-230/2013 अन्तर्गतधारा-498ए, ३304बी भा०दं0सं0 व धारा-3३, 4 दहेज प्रतिषेध अधिनियमथाना-शाहगंज, जिला-आगरा, संबंधित एस0टी0 सं0 496, 2013 में अभियुक्त है। ",
"जमानत प्ररार्थनापत्र में यह अभिकथन है कि आवेदक / अभियुक्त पूर्वसे जमानत <नाम> है। आवेदक / अभियुक्त 42 वर्षीय व्यक्ति है, पेट में बीमारी हो गईशी तथा चलने फिरने में असमर्थ था। बीमारी की वजह से विगत दिनांक परन्यायालय में हाजिर नहीं हो सका था। आवेदक/ अभियुक्त के विरूद्ध गैरजमानतीय वारण्ट जारी <नाम> दिये गये थे जिसके तहत आवेदक / अभियुक्त कोगिरफ्तार <नाम> पेश किया गया, जहां से उसे दिनांक 22.01.2020 को जिला कारागारआगरा भेज <नाम> गया है। आवेदक / अभियुक्त ने जानबूझकर कोई गलती नहीं कीहै। आवेदक / अभियुक्त भविष्य में प्रत्येक नियत दिनांक <नाम> हाजिर होता रहेगा। आवेदक / अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। आवेदक ,/ अभियुक्तसमाज का संभ्रान्त व्यक्ति है जिसके फरार होने की <नाम> नहीं है। ",
"समर्थन में <नाम> मुन्नालाल जो आवेदक / अभियुक्त का पैरोकार है औरमामले के तथ्यों से परिचित है, द्वारा शपशपत्र प्रस्तुत करते हुए जमानत प्रार्थनापत्रमें वर्णित उपरोक्त तथ्यों की पुनरावृत्ति की गई है। ",
"विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी द्वारा जमानत Bail Application/148/2020 —Ravindra Vs. UP State 2का विरोध किया गया है। "
],
"judge-opinion": [
"अपराध सं0-230/ 2013संबंधित एस0०टी0 सं0 496/ 2013 दि.11.02.2020आवेदक / अभियुक्त रविन्द्र के जमानत प्रार्थनापत्र <नाम> उसके विद्वानअधिवक्ता एवं राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौ0)को सुना गया तथा थाने से प्राप्त आख्या एवं संबंधित पत्रावली का सम्यकपरिशीलन किया । ",
"संबंधित पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है किआवेदक / अभियुक्त को फौजदारी प्रकीर्ण जमानत प्रार्थनापत्र संख्या-39024/13रविन्द्र बनाम स्टेट ऑफ यूएपी0 में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेशदिनांकित 15.01.2014 के अनुपालन में आवेदक / अभियुक्त की तरफ से जमानतकी धनराशि निर्धारित किये जाने <नाम> प्रस्तुत प्रार्थनापत्र <नाम> पारित आदेश दिनांकित22.01.2014 के अनुपालन में प्रस्तुत किये गये प्रपत्रों के सत्यापन /स्वीकृति केअनुसार उसे जमानत <नाम> <नाम> किया गया, परन्तु अभियुक्त की अनुपस्थिति केकारण उसके विरूद्ध दिनांक 09.01.2020 को एन.बी.डब्ल्यू. निर्गत किये जाने काआदेश हुआ। दिनांक 22.01.2020 को संबंधित थाना पुलिस द्वाराआवेदक / अभियुक्त को गिरफ्तार <नाम> पेश किया गया जिसे न्यायिक अभिरक्षा मेंलेते हुए जिला कारागार <नाम> <नाम> प्रेषित किया गया। आवेदक ,/ अभियुक्त कीओर से यह कहा गया है कि जानबूझकर अनुपस्थित नहीं हुआ है, नियत दिनांकको पेट संबंधी बीमारी के <नाम> उपस्थित नहीं हो सका था, वह दिनांक22.01.2020 से जिला कारागार <नाम> में निरूद्ध है, अतः दौरान विचारण जमानतपर <नाम> किया जाये। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_7148_201907-12-2019845 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इसप्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसके साथ <नाम> उफ सन्जू जाटवपुत्र रामभगत का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा एस.ओ. <नाम> <नाम> हरीराम थाना चित्रहाट जिला <नाम> द्वारा दिनांक 10.11.05 को समय 18.30 बजे जुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि अभियुक्तगण रामवीर गूर्जर, सन्जू जाटव, व रामसिंह उफ <नाम> के द्वारा एक सुसंगठित गिरोह बना लिया गया है, जिसका गैगलीडर रामवीर गूर्जर है जो अपने साथियों के साथ मिलकर पैसो के लिए अपराध करना तथा हत्या जैसे जघन्य अपराध कारित करते हैं और समाज विरोधी <नाम> कलाप में संलिप्त रहते है । ",
"अभियुक्त द्वारा भा.द.वि. के अध्याय 16, 17, व 22 में वर्णित दण्डनीय अपराध कारितकिया गया है। ",
"आम <नाम> में <नाम> भय व आतंक व्याप्त है जिसके <नाम> <नाम> का कोई व्यक्ति इनके विरूद्ध मुदकदमा पंजीकृत कराने एवं गवाही देने को तैयार नही होता। इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्न मुकदमे पंजीकृत हैं। इनके विरूद्ध <नाम> 2/3 उप्र०गिरोह बन्द एवं समाज विरोधीकियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गत अभियोग पंजीकूत कराया गया हैै। अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र में तथा प्रस्तुत तक॑ में कहा गया है कि प्रार्थी/अभियुक्त गरीव व्यक्ति है मजदूरी करने के लिएदिल्ली चला गया था तथा निमोनिया की लम्बी बीमारी के <नाम> न्यायालय में अनुपस्थित रहा औरउसके विरूद्ध वारंट जारी हो गये। उसने मा0 उच्च न्यायालय के समक्ष वारंट निरस्त करने <नाम> एक प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किया जिस <नाम> माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दि0 19.11.2019 को यह आदेश पारित किया गया था कि यदि शपथकर्ता न्यायालय में आदेश पारित होने के 30 <नाम> केअन्दर आत्म <नाम> करता है तथा जमानत का प्रार्थनापत्र देता बहै तो उक्त प्रार्थनापत्र शीघ्र हीनिस्तारित किया जाये एवं यह भी मा0 उच्च न्यायालय ने आदेश <नाम> कि प्रार्थनापत्र के निस्तारण होने <नाम> अथवा आदेश के होने के 30 <नाम> <नाम> अभियुक्त के विरूद्ध कोई दण्डात्मक कार्यवाहीनही की जायेगी । उसने दि0 04.12.2019 को मा0 उ0 न्यायालय के समक्ष आत्म <नाम> <नाम> दियाहै। वह गरीवी एवं लम्बी बीमारी के <नाम> न्यायालय में उपस्थित नही हो सका था अब प्रत्येकतिथि <नाम> न्यायालय में उपस्थित होता रहेगा। मा0 उ0 न्यायालय के आदेश की <नाम> संलग्न हैजमानत का अन्य कोई प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में लम्बित नही है। अतः उसे जमानत <नाम> रिहाकिया जाये । राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र काविरोध करते हुए कहा है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह सकिय सदस्य है। अभियुक्त क विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट: <नाम> से अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसके विरूद्ध(1) असं. 105/05 धारा-364ए भा.द.सं. थाना-चित्रहाट जिला <नाम> । (2) अ.सं. 109/05 धारा-307 भा.द.सं. थाना-चित्रहाट जिला <नाम> । ",
"(3) अ.सं. 95/05 धारा-364 भा.द.सं. थाना-मक्खनपुर जिला फिरोजाबादके मुकदमे लंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्त किये जानेकी प्रार्थना की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजक को सुना तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यक परिशीलन किया। गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल तीन उपरोक्त मामले दर्शाये गये हैं, जिनमें अभियुक्त के विरूद्ध गैंग बनाकर अपहरण व <नाम> से मारने का प्रयास जैसेजघन्य अपराध करने का अभिकथन है। ",
"पत्रावली के अवलोकन से विदित है कि प्रार्थी/ अभियुक्त पूर्व से जमानत <नाम> था। किन्तुं बीमार होने के <नाम> नियत तारीखों <नाम> उपस्थित <नाम> होने के <नाम> उसके विरूद्ध गैर जमानती वारंट के आदेश पारित किये गये । उसने स्वयं न्यायालय में आत्म <नाम> किया है। वहदिनॉक-04.12.2019 से कारागार में निरूद्ध है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_3093_202008-10-20202075 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थनापत्र के समर्थन में मोनू की ओर से शपथपत्र किया गया है। ",
"आवेदक / अभियुक्त ने जमानत प्रार्थनापत्र में कथन किया है कि वह प्रस्तुतप्रकरण में जमानत <नाम> था। आरोप पत्र प्रेषित हो जाने के <नाम> अभियुक्त कोविचारण की सूचना किसी अन्य मामले में जेल में निरूद्ध होने के <नाम> प्राप्त नहींहो सकी,जिसके <नाम> उसके विरूद्ध गैर जमानतीय अधिपत्र निर्गत हो गये। आवेदक / अभियुक्त विशेष सत्र परीक्षण संख्या 27/1999 में वर्ष 2015 से जिलाकारागार,आगरा में निरूद्ध है। जिला कारागार, <नाम> से दिनांक 24.08.2016 कोउसे इस मामले में विचारण <नाम> तलब किया गया। अभियुक्त दिनांक 24.08.2016 सेकारागार में निरूद्ध है। अभियुक्त ने जानबूझकर कोई गलत नहीं की है। अभियुक्तभविष्य में न्यायालय में उपस्थित होता रहेगा। अतएव अभियुक्त को जमानत पररिहा किया जाये। ",
"विद्वान विशेष लोक अभियोजक जमानत का विरोध करते हुये कहा गया हैकि अभियुक्त कई <नाम> से लगातार अनुपस्थित रहा है। अभियुक्त द्वारा जमानत कादुरूपयोग किया गया है। अतः अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाये। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजक की बहससुनी व पत्रावली का सम्यक् अवलोकन किया । ",
"पत्रावली के परिशीलन से विदित होता है कि अभियुक्त रामवीर <नाम> कोदिनांक 24.08.2016 को कारागार से तलब <नाम> इस मामले में अभिरक्षा में लिया गया Bail Application/8744/2020 -—UP State Vs. Ramveer Singh Tomar 2है। अभियुक्त लगभग <नाम> <नाम> से भी अधिक समय से जिला कारागार, <नाम> मेंनिरूद्ध है। अभियुक्त की ओर से कहा गयाहै कि जमानत <नाम> <नाम> होने के उपरान्त,वह इस मामले में उपस्थित होता रहेगा। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_988_202109-02-20212680 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस जमानत प्रार्थना पत्र के साथ आवेदक/ अभियुक्त कास्वयं का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा ब्रजेश कुमार,अवर अभियन्ता 33/11 के.वी.उपकन्द्र, जिला <नाम> द्वारा थाना मलपुरा,आगरा <नाम> इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी कि - दिनांक09.09.2017 को टीम के अन्य सदस्यों के साथ चैकिंग किये जाने परअभियुक्त मक्खन <नाम> को बकाया <नाम> कनैक्शान विच्छेदित करने के <नाम> भीअवैध <नाम> से विद्युत का उपयोग <नाम> चोरी करते हुए पाया गया। इस संबंधमें प्राथमिकी दर्ज की गयी। ",
"्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> रख गया हैकि प्रार्थी/अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस केस में झूंठाफॅसाया गया है। प्रार्थी/अभियुक्त के द्वारा विद्युत विभाग का बकाया जमाकर <नाम> गया है। प्रार्थी / अभियुक्त न्यायिक अभिरक्षा में है। अतः जमानतप्रार्थना पत्र स्वीकार किया जाय। "
],
"judge-opinion": [
"उभय पक्षों के विद्धान अधिवक्तागण के तर्को को सुना तथापत्रावली का अवलोकन किया। (2)विद्युत विभाग क विद्वान अधिवक्ता द्वारा कहा गया है कि्रार्थी/ अभियुक्त के द्वारा शमन शुल्क जमा कराया जा चुका है, अतः आपत्तिनहीं है। ",
"्रार्थी/अभियुक्त की ओर से विद्युत विभाग की रसीदसंख्या-<फ़ोन-नंबर>02020011 दिनांकित 13.01.2020 अंकन4,000/- रूपये बाबत शमन शुल्क दाखिल की गयी है। इस संबंध मेंकार्यालय अधिशासी अभियन्ता विद्युत वितरण खण्ड, सिकन्दरा, जिला आगराके द्वारा थानाध्यक्ष मलपुरा, जनपद <नाम> को एक पत्र इस आशय का प्रेषितकिया गया है कि उपभोक्ता द्वारा अपना शमन शुल्क जमा <नाम> <नाम> है। अत:विद्युत चोरी में लिखाये गये अभियोग को शून्य करने का कष्ट करे। इस पत्रपर विद्युत विभाग के विद्वान अधिवक्ता द्वारा सब्मिट का पृष्ठांकन किया गयाहै । "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_3906_202002-12-2020821 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प््रार्थनापत्र के समर्थन में अभियुक्त के पिता राजेन्द्रकुमार ने शपथ पत्र प्रस्तुत किया है। ",
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी मुकदमाअनूप <नाम> द्वारा इस आशय की तहरीर थाना जगदीशापुरा, <नाम> <नाम> दी गयीकि दिनांक 12.11.2020 को धनतेरस <नाम> वह दुकानदारी <नाम> रहे थे, इसी मध्यदो लड़के दुकान के सामने गेट <नाम> आये, उनको भगा दिया। परन्तु वह दुकान के सामने ही डोलते रहे। इसी मध्य वह लोग दुकानदारी में लग गये। इसी दौरान मौका पाकर समय लगभग 03.10 से 03.25 बजे के मध्य दोपहरमें उसकी मोटरसाइकिल डिस्कवर डी0टी0एस0 रंग काला यू०पी0 80बी0एल0-9427 को चोरी करते वही दो लड़के सी0सी0सी०टी0वी0 में दिखाईदे रहे हैं, जो पुलिस को उपलब्ध <नाम> दिये हैं। Bail Application/10337/2020 —Shantanu Vs. UP State 2वादी मुकदमा की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना जगदीशपुरा,आगरा <नाम> अज्ञात के विरूद्ध मु0अ0सं0 625/2020 अंतर्गत <नाम> 379भा०द0सं0 पंजीकृत हुआ। <नाम> में प्रकरण में अभियुक्त के पकड़े जाने <नाम> धारा411 भा0द0सं0 की बढोत्तरी की गयी है। अभियुक्त के विद्वाना अधिवक्ता द्वारा जमानत्रार्थनापत्र/ शपथपत्र में. कथन किया गया कि आवेदक/अभियुक्त ने कोईअपराध कारित नहीं किया है तथा उसे झूंठा फंसाया गया है। प्रथम सूचनारिपोर्ट विलम्ब से लिखाई गयी है। वाहन चोरी करने व आवेदक / अभियुक्त सेचोरी किये गये वाहन की बरामदगी का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। अभियुक्तका कोई पूर्व आपराधिक इतिहास नहीं है। अभियुक्त दिनांक 13.11.2020 सेकारागार में निरूद्ध है। आवेदक/ अभियुक्त का उक्त अपराध में न्यायालयमें यह प्रथम जमानत प्र्रार्थनापत्र है, इसके अलावा आवेदक/ अभियुक्त काकिसी अन्य न्यायालय में कोई जमानत प्रार्थनापत्र विचाराधीन नहीं है। इन्हींआधारों <नाम> जमानत स्वीकार किये जाने की <नाम> की गयी। ",
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र <नाम> <नाम> रखतेहुए कहा गया कि अभियुक्त द्वारा कोई चोरी नहीं की गयी है। प्रथम सूचनारिपोर्ट विलम्ब से लिखाई गयी है। पुलिसपार्टी द्वारा अभियुक्त से जोबरामदगी दिखायी गयी है वह फर्जी दिखायी गयी है। घटना का कोईजनसाक्षी नहीं है। बरामदगी पुलिस द्वारा <नाम> <नाम> से दिखायी गयी है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 14.11.2020 से कारागार में निरूद्ध है। अभियुक्तके विरूद्ध कोई अपराध नहीं बनता। अपराध मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वाराविचारणीय है। जमानत स्वीकार किये जाने की <नाम> की गयी। ",
"अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,(फौजदारी) द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध किया गया है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता(फौजदारी) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा केस डायरी काअवलोकन किया। ",
"केस डायरी के अवलोकन से विदित है कि मुकदमा अज्ञात में दर्जकिया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में आवेदक / अभियुक्त मामले में नामितनहीं है। प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार घटना दिनांक 12.11.2020 की बतायी Bail Application/10337/2020 —Shantanu Vs. UP State 3गयी है, जबकि थाने <नाम> चिक प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक 13.11.2020 कोसमय 13.17 बजे विलम्ब से दर्ज करायी गयी है। विलम्ब का कोई समुचितस्पष्टीकरण नहीं <नाम> गया है, जबकि घटना स्थल से थाने की दूरी लगभगतीन किलो मीटर है। आवेदक / अभियुक्त को कथित मोटरसाइकिल की चोरीकरते किसी ने नहीं <नाम> है। पुलिस द्वारा आवेदक/ अभियुक्त शान्तनु एवंसह अभियुक्त <नाम> से मोटरसाइकिल की <नाम> बरामदगी दिखायी गयी है,जिसका कोई जनसाक्षी नहीं है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास भीनहीं बताया गया है। जिसके संबंध में अभियुक्त की ओर से शपथपत्र भीप्रस्तुत किया गया है। अभियुक्त इस प्रकरण में दिनांक 14.11.2020 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। प्रकरण मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा विचारणीय है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_49_202007-02-20201307 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसकेसाथ अभियुक्त की मॉ <नाम> तेजवती का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा <नाम> कुमारशर्मा, प्रभारी निरीक्षक, थाना जगदीशपुरा, जिला <नाम> ने दिनांक 21.01.2020 को 01-00बजे थाना <नाम> जुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि गैंगलीडर धनीराम अपने गैंग के सदस्यों <नाम> <नाम> <नाम> हनुमन्त व मुखत्यार <नाम> के साथ चोरीजैसे जघन्य अपराध कारित करके धन अर्जित करता है तथा समाज व कानून विरोधी किरियाकलापों में संलिप्त है। <नाम> आपराधिक इतिहास है। इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्नमुकदमे पंजीकृत हैं, इनके विरूद्ध <नाम> 2/3 उ0प्र०गिरोह बन्द एवं समाज विरोधीक्रियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत कराया गया है। ",
"आवेदक /अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है कि आवेदक / अभियुक्तने कोई अपराध नहीं किया है। आवेदक / अभियुक्त का कोई गिरोह नहीं है और ना ही वहकिसी गिरोह का सदस्य है, उसका समाज में कोई भय एवं आतंक व्याप्त नहीं है। गैंगचार्ट में उस <नाम> जो मामले दर्शाये गये हैं, उनमें उसकी जमानत स्वीकार हो चुकी है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 22.01.2020 से कारागार में निरूद्ध है। अतः उसको जमानत पररिहा किया जाय । ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र काविरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, अभियुक्त गैंग का सक्रिय सदस्य हैं। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट: <नाम> सेअनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसके विरूद्ध (1) अ.सं.737/19 धारा-399, 402भा.दस. (2) अ.सं718,/19 धारा-457, 380, 411 भा.द.स. (3) अ.सं.732/19 धारा-380,411 भा.द.स. (4) अ.सं.683/19 धारा-380, 411 भा.द.स. (5) अ.सं.484 /19 धारा-380, 411भा.द.स. के मुकदमे लंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्त किये जाने की प्रार्थना की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वानलोक अभियोजनक को सुना गया तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यकपरिशीलन किया। गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्तगण के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल पॉच उपरोक्तमामले दर्शाये गये हैं, जिनमें अभियुक्तगण के विरूद्ध चोरी करने का अभिकथन है। उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी किरियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986 की <नाम> 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है,तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसरनहीं <नाम> जाता और(ख) जहाँ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान होजाये कि यह विश्वास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं हैऔर यह कि जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। जहाँ <नाम> गैंगचार्ट में दर्शाये गये मामलों में अभियुक्त की जमानत स्वीकार होने का प्रश्न है, <नाम> वह उक्त सभी मामलों में दोषमुक्त नहीं हुआ है, उसकी केवल जमानतस्वीकार हुई है। आवेदक / अभियुक्त <नाम> अपने साथियों के साथ मिलकर चोरी किये जानेके आरोप हैं। इस न्यायालय के द्वारा पूर्व में इस केस के <नाम> अभियुक्तगण धनीराम वकृष्ण <नाम> का जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किया जा चुका है। ",
"आवेदक / अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमों की संख्या,उनकी <नाम> एवं अभियुक्त के कब्जे से चोरी से संबंधित बरामदगी के तथ्य व उक्तअधिनियम की <नाम> 19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुये न्यायालय का यहसमाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुयेउसके अपराध करने की सम्भावना नहीं है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_1949_202117-03-2021979 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"उक्त अपराध में अभियुक्तगण का जमानत प्रार्थना पत्र प्रभारी, न्यायिक मजिस्ट्रेट,न्यायालय सं0 2, <नाम> के न्यायालय से दिनांक 05.03.2021 को निरस्त हो चुका है। अभियुक्तगण उपरोक्त इस न्यायालय द्वारा पारित आदेश दिनांकित 05.03.2021 सेअन्तरिम जमानत <नाम> हैं तथा उनके द्वारा न्यायालय में आज आत्मसमर्पण किया गया हैएवं न्यायिक अभिरक्षा में हैं। ",
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्तगण की पैरोकार <नाम> कैलाशी देवीने शपथपत्र प्रस्तुत किया है जिसमें <नाम> है कि यह अभियुक्तगण का प्रथम जमानत Bail Application/3466/2021 —Jagdish Prasad and others Vs. UP State 2प्रार्थना पत्र है, कोई अन्य जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय एवं माननीय उच्चन्यायालय में लम्बित नहीं है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार वादी श्यामलाल ने दिनांक 01.11.2019 कोथाना ताजगंज,आगरा <नाम> इस आशय की तहरीर दी कि दिनांक 29.10.2019 को वहतथा उसकी बहन श्यामकुमारी व माताजी <नाम> <नाम> अपने घर <नाम> मौजूद थे, तभीउनके गांव के रहने वाले <नाम> पोखीराम, हरिओम,दलवीर सिंह;मानसिंह, विजय,पोखीराम पुत्र ललई, गोरेलाल, कामराज, बहादुर, सोनू <नाम> <नाम> <नाम> उर्मिला,रनिया आदि घर के आगे गाली गलौज करने लगे। जब उसने तथा उसकीबहन ने गाली गलौज करने से <नाम> किया तो उक्त लोग उसके घर में घुस आये तथालाठी डण्डा से उनके साथ मारपीट करने लगे,जिससे उसकी बहन श्यामकुमारी कोगंभीर चोटें आई हैं। उसे तथा उसकी मां <नाम> <नाम> को भी चोटें आई हैं। घटनादिनांक 29.10.2019 को रात 10.00 बजे की है। ",
"वादी की तहरीर <नाम> थाना ताजगंज, <नाम> <नाम> अभियोग मु0अ0सं0 1050/2019अन्तर्गत <नाम> 147,148,452,323,504 भा०दं0सं0 पंजीकृत किया गया। विवेचना के दौरानधारा 325 एवं 506 भा0दं0सं0 की बढ़ोत्तरी की गयी । ",
"अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत प्रस्तुत किया गया कि,अभियुक्तगण निर्दोष हैं। दिनांक 29.10.2019 की घटना की रिपोर्ट दिनांक 01.11.2019को दर्ज कराई गयी है तथा विलम्ब का कोई स्पष्टीकरण नहीं <नाम> गया है। मामलाकॉस केस है,जिसमें अभियुक्तगण की ओर से <नाम> <नाम> द्वारा दिनांक 29.10.2019को थाना ताजगंज, <नाम> <नाम> मु0अ0सं0 1036/2019 अन्तर्गत <नाम> 147,148,323,504भा0दं0सं0 रिपोर्ट दर्ज कराई गयी है। कॉस केस में बहादुर व <नाम> का चिकित्सीयपरीक्षण भी कराया गया है। अभियुक्तगण की कोई विशेष <नाम> दर्शित नहीं की गयीहै। <नाम> अभियुक्तगण की जमानत स्वीकार हो चुकी है। अतः जमानत <नाम> <नाम> किएजाने की प्रार्थना की गई। ",
"विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानत का विरोध किया गयाहै तथा इस तथ्य को स्वीकार किया गया कि <नाम> अभियुक्तगण पोखीराम उफ पोखीलाल, गोरेलाल,कामराज एवं बहादुर की जमानत स्वीकार हो चुकी है। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता, विद्वान जिला शासकीय अधिवक्तादाण्डिक के तर्को को सुना तथा उपलब्ध प्रपत्रों का परिशीलन किया। ",
"प्राथमिकी के अनुसार दिनांक 29.10.2019 की घटना की रिपोर्ट दिनांक01.11.2019 को लिखाई गयी है। विलम्ब का कोई स्पष्टीकरण नहीं <नाम> गया है। पत्रावली <नाम> उपलब्ध चुटहिल <नाम> <नाम> की चिकित्सीय परीक्षण रिपोर्ट में उसके Bail Application /3466/2021 Jagdish Prasad and others Vs. UP State 3शरीर <नाम> तीन चोटें <नाम> दर्शित किया गया है, जिनमें चोट संख्या-01 सिर <नाम> एवंचोट संख्या 02 नाक <नाम> आई चोट के लिए एक्स-रे की सलाह दी गयी थी। चुटहिलश्यामकुमारी द्वारा केस डायरी के पर्चा संख्या-10 में विवेचक को दिये गये बयान मेंकहा है कि उसके सिर में चोट लग गयी थी, उसकी मां <नाम> <नाम> भी वहीं परमौजूद थीं, उनको ज्यादा चोटें नहीं थीं। इसलिए उनकी डाक्टरी नहीं कराई गयी। उसके अधिक चोट होने के <नाम> उसका मेडिकल जिला अस्पताल, <नाम> में हुआथा। चिकित्सक ने उससे एक्स-रे कराने के लिए कहा था, परन्तु उनक द्वारा दी गयीदवा से आराम मिल गया था, इसलिए एक्स-रे नहीं कराया था। पत्रावली <नाम> चुटहिलश्याम <नाम> की कोई पूरक चिकित्सीय परीक्षण रिपोर्ट नहीं है। अभियुक्तगण की ओरसे मु0अ0०सं0 1036/2019 की प्रथम सूचना रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी है, जो अभियुक्तगणकी ओर से <नाम> <नाम> द्वारा इस केस के वादी श्यामलाल एवं उसके परिवारीजनके विरूद्ध <नाम> 147,148,323,504 भा0दं0सं0 में पंजीकृत हुई है। कॉस केस का मामलाहोना कहा गया है। अभियुक्तगण के विरूद्ध विवेचना के उपरान्त धारा147,148,452,323,325,504 भा०दं0सं0 के अन्तर्गत आरोप पत्र प्रस्तुत किया जा चुका है। मामला मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीय है। इस प्रकरण में <नाम> अभियुक्तगणपोखीराम आदि की जमानत दिनांक 02.03.2021 को स्वीकार हो चुकी है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_928_202015-07-20201193 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"समर्थन में बच्चू <नाम> पुत्र <नाम> <नाम> <नाम> का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"2. जमानत प््रार्थनापत्र एंव उसके साथ प्रस्तुत शपथपत्र में बच्चू <नाम> पुत्र <नाम> मंगलसिंह का कथन है कि वह अभियुक्त का रिश्ते में चाचा है एवं उपरोक्त केस का पैरोकार हैतथा तथ्यों से भलीभांति परिचित है। अभियोजन कथानक के अनुसार दिनांक 14.08.1979 को <नाम> को करीब 6 बजे अभियुक्तगण एक गिरोह बनाकर लाठियो व बल्लमो से लौँसहोकर वादी के घर <नाम> आये और 20 बोरी गेहूँ कीमती 2500 रूपये, वादी की मॉ को डराधमकाकर लूट ले गये तथा <नाम> से मारने की धमकी दिये, जब कि अभियुक्तगण द्वारा कोईलूटपाट की घटना कारित नहीं की गई। उक्त घटना में अभियुक्तगण द्वारा मारपीट करना बताया गया है जबकि कोई मेडिकल दाखिल नहीं किया गया है। उक्त केस में माननीयउच्च न्यायालय द्वारा स्टे का आदेश पारित <नाम> <नाम> गया था, अभियुक्त उक्त आदेश को निरस्त करने के सम्बन्ध में कोई जानकारी नहीं हो सकी थी। उक्त मामले में सहअभियुक्तगण की जमानत माननीय न्यायालय द्वारा दिनांक 15.02.2020 को स्वीकृत कीजा चुकी है। अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है इसके अलावा अन्य कोईजमानत प्रार्थना पत्र माननीय न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहींहै। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। जमानत स्वीकार होने <नाम> जमानत कादुरूपयोग नहीं करेगा। अतः अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> करने के आदेश पारित कियाजाए । ",
"3. थाने से आख्या प्राप्त हुई । विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा 2जमानत का विरोध करते हुए <नाम> <नाम> गया कि अभियुक्त द्वारा कारित अपराध गम्भीर प्रकृतिका है, जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किया जाए। "
],
"judge-opinion": [
"4. उभय पक्षों को सुना तथा पत्रावली का परिशीलन किया। ",
"5. सम्बन्धित एस0एस0०टी0 सं0 442/1984 राज्य बनाम भगवान आदि की पत्रावली के परिशीलन से विदित है कि परिवादी किशन <नाम> द्वारा प्रश्नगत परिवाद इस अभियुक्त सहित कुल 16 अभियुक्तो के विरूद्ध इस कथन के साथ प्रस्तुत किया गया कि दिनांक 14.08.1979को <नाम> के करीब 06:00 बजे इस अभियुक्त द्वारा अन्य सहअभियुक्तो के साथ मिलकर अवैध हथियारो से लैस होकर परिवादी व उसकी माँ को <नाम> से मारने के इरादे से पकड़ लिया गयातथा 20 बोरी गेहू वजनी करीब 20 कुन्तल कीमत करीब 2500/- रूपये लूट ले गये। परिवादी व उसकी मा जब थाने में रिपोर्ट लिखाने गये तो पुलिस ने रिपोर्ट लिखने से इनकारकर दिया। तब परिवादी ने घटना की सूचना वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को दी किन्तु कोई कार्यवाही नहीं हुई । तब उसके द्वारा न्यायालय में परिवाद पत्र प्रस्तुत किया गया। ",
"6. न्यायालय द्वारा सभी अभियुक्तो को <नाम> 395, 397 भा0द0सं0 में परीक्षण <नाम> आहूतकिया गया तथा अभियुक्तो क विरूद्ध नोटिस निर्गत किये गये, जिसमें से लगभग 10अभियुक्तो की मृत्यु होने की आख्या प्राप्त हुई। तब इस अभियुक्त द्वारा न्यायालय मेंआत्मसमर्पण <नाम> <नाम> गया। ",
"7. प्रकरण परिवाद <नाम> संस्थित है एवं घटना अत्यन्त प्राचीन वर्ष 1979 की बतायी गई है, परिवादी द्वारा प्रकरण कुल 16 अभियुक्तो के विरूद्ध पंजीकृत कराया है जिसमें से 10अभियुक्तो की मृत्यु हो चुकी है। प्रकरण में कोई विवेचना या साक्ष्य संकलन जैसे तथ्य नहींकहें जा सकते, बल्कि स्वयं परिवादी द्वारा न्यायालय के समक्ष समस्त अभियोजन साक्ष्य प्रस्तुतकिया <नाम> अपेक्षित है। अभियुक्त दिनांक 19.03.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। इसमामले में <नाम> अभियुक्तगण की जमानत, जमानत प्रार्थना पत्र सं0 228/ 2020 द्वारा दिनांक15.02.2020 को हो चुकी है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_6960_201904-12-2019963 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियुक्तगण न्यायिक अभिरक्षा में है। समर्थन मेंकिशन <नाम> का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। अभियोजन कथानक के अनुसार संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैं कि वादीमुकदमा <नाम> <नाम> के द्वारा दिनांक 29.05.2018 को समय 16.12 बजे थाने <नाम> प्रथमसूचना रिपोर्ट यह कथन करते हुए दर्ज कराई गई कि- वह नगला बले नगलासराय का मूल निवासी है। उप जिलाधिकारी द्वारा दिनांक 28.08.2001 को पात्रव्यक्तियों को आवासी प्लाट आवंटन किये गये थे। जो कि पटटेदार बेदरिया के नामहुआ था। जिसमें उसके परिवारीजन द्वारा 50-60 <नाम> से झोपडी, कन्डा, पेड, बुर्जी,बिटोरा आदि प्रयोग में ले रहे हैं। उपरोक्त आधार <नाम> पटटेदारों को आवंटन कियागया था। गाव के शरारती, भूमाफिया प्रवृति के व्यक्ति सोरन <नाम> फौरन सिंह,रोहिताश, बनवारी, सोनू <नाम> <नाम> फुल <नाम> पदम सिह, <नाम> <नाम> आवंटितप्लाट <नाम> जबरदस्ती टैक्टर दाली, कुटटा, मेड मेज बुबाई की मशील रखकर अवैधकब्जा <नाम> लिया है। प्रार्थीगण द्वारा उपरोक्त सामान हटाने के लिए कहा जाता हैतो मॉ-बहिन की भद्दी भद्दी गालियाँ देते है तथा <नाम> से मारने की धमकी देतेहैं। दिनांक 15.05.2018 को उपरोक्त के सबंध में तहसील दिवास तहसील किरावलीजिला <नाम> में प्रार्थनापत्र दायर किया था। जिस <नाम> हल्का लेखपाल द्वारा जाँचकर आदेश भी <नाम> गया था कि उस जमीन <नाम> अवैध कब्जा <नाम> लिया गया है। सामान नहीं हटा रहे हैं। उपरोक्त लोगों को राजनैतिक सरंक्षण प्राप्त है। दिनांक26.05.2018 को विपक्षीगण द्वारा उक्त प्लाट <नाम> अपना अन्य सामान भी रखा जानेलगा। जब प्रार्थीगण द्वारा विपक्षीगण से सामान रखने व रखा हुआ सामान हटाने केबावत कहा तो उपरोक्त विपक्षीगण प्रार्थीगण को गन्दी गन्दी मा-बहिन की गालियाँदी ओर जातिसूचक शब्दा को प्रयोग करते हुए कहा कि साले ढेड चमारों चलेजाओं यहाँ से अब इन पटटो <नाम> कब्जा करेगें। अगर इधर आये तो <नाम> से मारदेगें तुम्हें गॉव के भगाकर ही दम लेगें। प्रार्थीगण के नाम यही एक मात्र पटटेशुदाजमीन है। इसके अलावा अन्य जमीन नही है। मजबूरन पलायन करना पडेगा। ्रार्थी/अभियुक्तगण की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्कप्रस्तुत किया गया है कि अभियुक्तगण निर्दोष है। उनके द्वारा कोई अपराध कारितनही किया गया है। यह भी तर्क प्रस्तुत किया गया कि दुश्मनीवश झूठा फसायागया है। वादी द्वारा एक एफ आई आर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय <नाम> को्रार्थनापत्र देकर दिनांक 28.04.2018 को दर्ज कराई गई थी। उसमें घटना दिनांक — 2 —_28.05.2018 की लिखी गई है। बयानों में घटना की तारीख 23.05.2018 बताई है। ६टना सदिग्ध प्रतीत होती है। यह भी <नाम> प्रस्तुत किया गया कि विवाहद प्लाट केसबंध में मुकदमा सं0 345/218 सोरन सिह <नाम> <नाम> <नाम> व अन्य सिविलजज(अवर खण्ड) <नाम> के न्यायालय में विचाराधीन हैं जिसमें वादी मुकदमा बाबलूलाल विपक्षी हैं मात्र दबाव बनाने की दृष्टि से मुकदमा <नाम> <नाम> गया हैंअभियुक्तगण का कोई आपराधिक इतिहास नही है। जमानत के आधार पर्याप्त हैं,जमानत <नाम> दी जाये। ",
"वादी को नोटिस जारी की गई। प्रतिशपथपत्र दाखिल <नाम> कथनों सेइंकार किया गया। अभियोजन की ओर से जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुएतर्क प्रस्तुत किया गया है कि अभियुक्तगण द्वारा वादी मुकदमा व उसके परिजनोंकी जमीन <नाम> कब्जा <नाम> लिया गया। वह गाव से वादीगण को भगाना चाहते हैं। अभियुक्तगण का आपराधिक इतिहास है। अभियुक्तगण को जमानत <नाम> छोड़ने काकोई आधार नहीं है। "
],
"judge-opinion": [
"सुना, पत्रावली का परिशीलन किया। ",
"केस डायरी के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि प्रथम सूचना रिपोर्टदिनांक 29.05.2018 को दर्ज कराई गई हैं दिनांक 26.05.2018 की घटना कही गईहै। विलम्ब का कोई स्पष्टीकरण नहीं <नाम> गया है। यधपि कि बयानों में प्रथमसूचना रिपोर्ट के कथनों का समर्थन किया गया हैं यह स्पष्ट है कि पक्षकारों केमध्य <नाम> वाद लम्बित है । "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_2092_202122-03-2021765 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में प्रार्थी / अभियुक्त की पैरोकार शायराबानो पत्नी सलीम, निवासी-नई आबादी <नाम> मस्जिद के पास बोदला, थानाजगदीशपुरा, <नाम> जो कि प्रार्थ / अभियुक्त की मां है, ने शपथपत्र प्रस्तुत किया है,जिसमें वर्णित है कि प्रार्थी / अभियुक्त को उपरोक्त अपराध में झूंठा नामित किया गयाहै, वह पूर्णतः निर्दोष है, उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है। प्रार्थी / अभियुक्तके विरूद्ध मा0 न्यायालय में चार्जशीट आ चुकी है, जिसमें <नाम> 120बी की बढ़ोत्तरीकी गयी है। प्रार्थी / अभियुक्त से घटना से सम्बन्धित कोई भी बरामदगी सोने केकुण्डल व नगदी बरामद नहीं हुई है और <नाम> ही उसने किसी भी प्रकार का षडूयंत्र केतहत <नाम> बनायी है। प्रार्थी / अभियुक्त सिर्फ टैम्पो चालक है। वह कई महीनों सेआगरा के भिन्न-भिन्न रोडों <नाम> टैम्पो चलाता है तथा आज <नाम> उसके खिलाफ किसीभी सवारी ने लुटवाने की कोई भी रिपोर्ट किसी भी थाने <नाम> दर्ज नहीं है, <नाम> ही उसनेकथित प्रकार की घटना करवायी है। प्रार्थी / अभियुक्त के कब्जे से घटना से सम्बन्धित Bail Application/3728/2021 -Aman Vs. UP State 2कोई भी <नाम> बरामद नहीं हुआ है, इसलिए उसकी वादिया को लुटवाने में कोईसंलिप्तता नहीं है। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 19.02.2024 से जेल में निरूद्ध है। प्रार्थी / अभियुक्त किसी भी मुकदमे में सजायाफता नहीं है। प्रार्थी ,/ अभियुक्त का यहप्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी भी न्यायालय मेंविचाराधीन नहीं है। प्रार्थी / अभियुक्त के जमानत प्रार्थनापत्र <नाम> 392, 411 भा0दं0सं0में मा0 न्यायालय ए0डी0जे0-20 के यहां से दिनांक 10.03.2021 को खारिज हो चुकाहै। प्रार्थी / अभियुक्त अपनी उचित व विश्वसनीय जमानत देने को तैयार है। जमानतप्रार्थनापत्र स्वीकार किये जाने की <नाम> की गयी है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार वादिया <नाम> <नाम> <नाम> द्वारादिनांक 18.02.2021 को थाना फतेहपुर सीकरी <नाम> तहरीर इस आशय की दी गई किदिनांक 18.02.2021 को समय करीब 12.30 बजे वह घर से किरावली जाने के लिएकौरई पुल के पास खड़ी थी, तभी फतेहपुर सीकरी की तरफ से एक टैम्पो नं0 यू0पी0 80 डी0टी0--6044 आया, जिसे उसने हाथ देकर रूकवाया। टैम्पों में पीछे दो महिलाएंबैठी थी, उन्हीं के बगल में बैठी महिलाओं ने उल्टी करने के बहाने उसे दबा लियातथा उसके कानों के दोनों कुण्डल उतार लिए तथा उसकी कोटी की दाहिनी जेब मे रखे हुए 2500 ,“-रुपये निकाल लिये। उसने शोर मचाया तथा टैम्पो रूकवाया, किन्तुआटो चालक तथा दोनों महिलाओं ने उसे आटो से धक्का देकर <नाम> <नाम> तथाआटो लेकर भागने लगे, तभी आगे खड़ी उसकी बहन <नाम> के पुत्र लवकुश पुत्र <नाम> <नाम> निवासी नगला कौरई व उसके देवर <नाम> <नाम> पुत्र निनुआराम ने इनतीनों को घेरकर समय करीब 13.00 बजे पकड़ लिया तथा नाम पता पूछे तो आटोचालक ने अपना नाम अमन पुत्र सलीम, निवासी नई आबादी <नाम> मस्जिद के पासबोदला थाना जगदीशपुरा, <नाम> तथा एक महिला ने अपना नाम <नाम> <नाम> पत्नीरोबिन निवासी <नाम> टाकीज के पास रेलवे लाइन के किनारे झुग्गी झोपड़ी थानाशाहगंज <नाम> व दूसरी महिला ने अपना नाम <नाम> पुत्री <नाम> निवासी उपरोक्त बताया। <नाम> के कब्जे से उसने अपना एक कुण्डल तथा <नाम> के कब्जे से उसके2500 /-रुपये बरामद हुए। एक कुण्डल <नाम> ने फेंक देना बताया है। वह अपने देवर व बहन के लड़के की मदद से इन तीनों मुल्जिमानों को पकड़कर व बरामद रुपये वकुण्डल को लेकर थाने आयी है, उपरोक्त ऑटो को भी साथ लेकर आये हैं। ",
"वादिनी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना फतेहपुर सीकरी परअभियुकतगण <नाम> <नाम> <नाम> व अमन के विरुद्ध मुकदमा अपराध संख्या33/2021, <नाम> 392, 411 भाएदं०सं0 में रिपोर्ट दर्ज की गयी। दौरान विवेचनाविवेचक द्वारा अभियुक्तगण <नाम> <नाम> <नाम> एवं अमन के विरूद्ध मु0अ0सं0 Bail Application/3728/2021 -Aman Vs. UP State 333 / 2021, अन्तर्गत <नाम> 392, 411, 120बी भा०दं0सं0 में आरोप पत्र प्रेषित किया। ",
"प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत किया है किप्रार्थी / अभियुक्त को इस मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने षड्यन्त्र जैसा कोईआपराधिक कृत्य नहीं किया है। प्रार्थी / अभियुक्त टैम्पो चालक है तथा <नाम> केभिन्न-भिनन क्षेत्रों में टैम्पो चलाता है। मामले का <नाम> का कोई स्वतंत्र <नाम> नहींहै। प्रार्थी / अभियुक्त के कब्जे से घटना से सम्बन्धित कोई बरामदगी भी नहीं है। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 19.02.2021 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्ध है। अतःउसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ",
"विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानतप्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए तर्क प्रस्तुत किया है कि प्रार्थी / अभियुक्त <नाम> अन्य दोमहिला साथियों के साथ मिलकर षड्यंत्र <नाम> वादिनी मुकदमा को ऑटो में बिठाकर उसके कानों के कुण्डल लूटने व 2500,//-रुपये नकद लूटने का अभियोग है। उसके द्वारा किया गया आपराधिक कृत्य गम्भीर <नाम> का है। अत: उसका जमानतप्रार्थनापत्र निरस्त फरमाया जाये। "
],
"judge-opinion": [
"प्रार्थी ,/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना गया तथा पत्रावली का सम्यक् परिशीलनकिया गया। ",
"सुनने व पत्रावली के अवलोकन से प्रकट होता है कि प्रार्थी / अभियुक्तपर अन्य दो महिला सह-अभियुक्तगण के साथ मिलकर षड्यंत्र <नाम> मुकदमा वादिनीको ऑटो में बिठाकर उसके कानों कुण्डल व 2500 ,/-रुपये नकद लूटने का अभियोगहै। प्रार्थी ,/ अभियुक्त को घटना कारित करते समय मौके <नाम> ही घटना स्थल परमौजूद लोगों के द्वारा ही रंगे हाथों पकड़ा गया है और उक्त प्रार्थी / अभियुक्त को मयऑटो व उसकी दो महिला सह-अभियुक्तगण के साथ मुकदमा वादिनी और अन्यलोगों द्वारा ही थाने <नाम> सुपुर्द किया गया है। प्रार्थी / अभियुक्त की इस मामले में इसन्यायालय द्वारा पूर्व में दिनांक 10.03.2021 को <नाम> 392, 411 भा0दं0सं० के तहतजमानत निरस्त की जा चुकी है। उसके पश्चात् इस मामले में आरोप पत्र प्राप्त होनेपर प्रार्थी / अभियुक्त के विरूद्ध <नाम> 120बी भा0०दं0सं0 की बढ़ोत्तरी की गयी है। चूंकिपूर्व में इस न्यायालय द्वारा प्रार्थी / अभियुक्त का <नाम> 392, 411 भा0दं0सं० के तहतजमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जा चुका है। अब पुनः आरोप पत्र में उसके विरूद्धधारा 120बी भा0दं०0सं० की बढ़ोत्तरी की गयी है। ऐसी स्थिति में उक्त <नाम> 120बीभा0दं0सं० के तहत भी प्रार्थी / अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र स्वीकार किये जानेयोग्य नहीं है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_1579_202105-03-20211466 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"आवेदक / अभियुक्त ने आवेदनपत्र के साथ स्वयं का शपथपत्रसंलग्न किया गया है। ",
" अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि उद्दार अधिकारीमिन्दर <नाम> <नाम> मण्डल <नाम> को गोपनीय सूत्रों से जानकारी मिल रहीथी कि भीमा नाम का व्यक्ति होटल शुभ रिसोर्ट थाना ताजगंज <नाम> मेंविदेशी युवतियों को बुलाकर वेश्यावृत्ति कराता है। इस जानकारी के आधारपर उसने गोपनीय सूत्रों से भीमा का व्हाटसेप नम्बर लिया तथा वीडियोकॉलिंग के जरिए विदेशी युवतियों की मांग की। दिनांक 10.2.2021 को भीमाद्वारा वीडियो एवं चैटिंग के माध्यम से दो विदेशी युवतियों के फोटो भेजे। दिनांक 11.2.2021 को युवतियों को एक <नाम> के साथ एक व्यक्ति द्वारासेक्स कराने के लिए 4,000/-रूपये तय किये। इसी सूचना को उसनेपुलिस अधीक्षक नगर <नाम> को कार्यवाही किये जाने <नाम> अनुरोध कियागया। सी0ओ0 सदर <नाम> <नाम> <नाम> द्वारा तत्काल कार्यवाही करते हुएथाना प्रभारी ताजगंज व महिला थानाध्यक्ष व एएचटीयू टीम क्षेत्राधिकारी ताज सुरक्षा के कार्यालय में एकत्रित होने के लिए कहा गया। तत्पश्चात वह मय्षेत्राधिकारी मय उपस्थित समस्त पुलिस <नाम> के होटल शुभ रेस्टोरेंट की ओर सरकारी वाहनों से रवाना होकर जालमा हॉस्पीटल के सामने आये। मिंदरसिंह फर्जी ग्प्रहक बनकर होटल में गया तथा वीडियो कॉलिंग के जरिए भीमाको बुलाया । भीमा ने अपने सहयोगी को भेज <नाम> उसे होटल के रूम नम्बर105 में लेकर गये जिसमें दो युवतियों को दिखाया गया तथा कहा गया किअगर आपको लडकी पसंद है तो 4,000/-रूपये <नाम> दो। पैसे भीमा को देकरपहले से ही चालू फोनय से सीओ सदर को बुलाया। सीओ सदर मय पुलिसफोर्स के एक बारगी दबिश दी जिसमें कमरा नम्बर 105 से मौके <नाम> भीमाकी जामा तलाशी में पहने पेंट की दाहिनी जेब से एक अदद मोबाइल वीवोटचस्क़ीन रंग काला व दूसरी जेब से उद्दार <नाम> द्वारा मौके <नाम> दियेगये 4,000/ रूपये बरामद हुए। महिलाओं की जामा तलाशी महिला थानाध्यक्षअलका <नाम> द्वारा नाम पता पूछते हुए ली गयी तो इस्मानोवा स्वेतलाना नेटूटे फूटे <नाम> के शब्दों में बताया कि उसने वैश्यावृत्ति करने के लिए तथाभारत में अधिक समय <नाम> रूकने के लिए फर्जी तरीके से आधार कार्ड बनवाया था। <नाम> पासपोर्ट सम्बन्धी कागजात तलब किये गये तो दिखानेमें कासिर रही। दूसरी महिला ने अपना नाम इर्सिमवेतोना निगोरा पुत्रीसुहरातिलाएवना निवासी उजवेकिस्तान सिटी बताया। जामा तलाशी में दाहिनेहाथ में एक मोबाइल ओपो टचस्क़ीन रंग काला जिस रेड कलर का कवर चढा है व एक मोबाइल ओपो सफेद कलर बरामद हुए। उक्त पकड़ी गयीदोनों महिलाओं से पूछने <नाम> बताया कि वे काफी समय से <नाम> मेंवेश्यावृत्ति करने के लिए आते जाते रहे है। और थोडी बहुत हिंदी बोलनाऔर समझना भी सीख गयी हैं। बैड के गददे के नीचे से तीन पैकेट कन्डोमतथा दो कन्डोम प्रयोगशुदा व दो खाली रैपर व दो डायरी जिनमें ग्प्रहक सेलेनदेन का हिसाब किताब लिखा है व एक अदद पासपोर्ट मिला। कमरानम्बर 104 से <नाम> <नाम> नाम का व्यक्ति मिला। पकडे गये दोनों व्यक्तिभीमा व <नाम> से पूछने <नाम> भीमा ने बताया कि <नाम> वह ओर योगेशविदेशी लड़कियों को वेश्यावृत्ति कराने के लिए इस होटल में बुलाते हैं। अच्छी खासी रकम होटल <नाम> <नाम> <नाम> को देते हैं। होटल के मैनेजर व संचालन का <नाम> करने वाले सुन्दरम <नाम> व <नाम> अग्रवालइस कार्य में सहयोग करते हैं और सभी लोग आपस में रूपया बांट लेते हैं । आवेदक / अभियुक्त की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता ने कथन किया है कि आवेदक / अभियुक्त को उपरोक्त मामले में झूठा फसाया गयाहै। आवेदक / अभियुक्त शुभ रिसोर्ट का मैनेजर नहीं है उसी से मिलताजुलता <नाम> शुभम <नाम> रिसोर्ट का प्रबंधक है। वह मौके से नहीं पकड़ा गया है। समानार्थी नाम के <नाम> पुलिस द्वारा उसे परेशान किया जा रहाहै। वह हाई स्कूल <नाम> पढा है। ऐसी स्थिति में होटल के मैनेजर के पद परकार्यरत होना मुमकिन नहीं है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में पुलिस द्वारा अप्रमाणिकधारा 15 आईटी एक्ट का पालन नहीं किया गया है। पुलिस की मंशाफर्जी <नाम> से फसाने की है। विद्वान अधिवक्ता ने इन्हीं आधारों परआवेदक / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने का अनुरोध किया है। अभियोजन की तरफ से विद्वान अभियोजन <नाम> तथा सहायकजिला शासकीय अधिवक्ता ने जमानत आवेदनपत्र का घोर विरोध किया हैऔर कहा है कि आवेदक / अभियुक्त शुभ रिसॉर्ट का प्रबंधक है और उक्तमामले में उपपुलिस अधीक्षक रेंक के <नाम> तथा महिला <नाम> वमहिला आरक्षियों द्वारा विधिवत छापेमारी की गयी थी। विद्वान अधिवक्तावरिष्ठ अभियोजन <नाम> ने आवेदक / अभियुक्त को वेश्यावृत्ति में संलिप्तबताया है और समाज के <नाम> गंभीर अपराध बताते हुए अग्रिम जमानत को खारिज किए जाने का अनुरोध किया गया है। दं0प्र०सं0 की <नाम> 438 में सत्र न्यायालय एवं माननीय उच्चन्यायालय को अग्रिम जमानत प्रदान किए जाने की शक्तियों से सशक्त कियागया है, यदि आवेदक/ अभियुक्त को यह विशवास करने का <नाम> है किअजमानतीय अपराध को कारित करने के अपराध में उसे गिरफतार <नाम> लियाजायेगा और झूठे मामले में आलिप्त किया जा रहा है। इन परिस्थितियों मेंआवेदक / अभियुक्त अग्रिम जमानत का आवेदन पत्र प्रस्तुत <नाम> सकता है। ",
"अग्रिम जमानत आवेदन पत्र गिरफतार किए जाने की आशंका की <नाम> मेंप्रस्तुत किया जाता है। यह शक्ति असाधारण <नाम> की है और अपवादिकदिशा में ही न्यायालय द्वारा प्रयुक्त किया <नाम> चाहिए। वर्तमान मामले मेंपुलिस प्रपत्रों व अन्य सामग्री के अवलोकन से यह स्पष्ट प्रकट हो रहा है किआवेदिका /अभियुक्त <नाम> <नाम> 420,467,468,471,भा0द0सं0 व धारा3,4,5,6,7,आईटीपी एक्ट, का अभियोग लगाया गया है। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं अभियोजन की तरफसे उपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक एवं अभियोजनअधिकारी के तर्को को <नाम> <नाम> से सुन लिया है तथा पत्रावली परउपलब्ध प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन <नाम> लिया है। ",
" पत्रावली <नाम> उपलब्धपुलिस प्रपत्र व अन्य प्रलेखों के अवलोकन से यह स्पष्ट विदित होता है किदिनांक 11.2.2021 को शुभ रिसॉर्ट थाना ताजगंज में वेश्यावृत्ति में लिप्तविदेशी युवतियों को गिरफतार किया गया था। विवेचना के दौरान उक्तरिसॉर्ट के प्रबंधक शुभ <नाम> का नाम <नाम> में आया है। पुलिस द्वाराभेजी गयी केस डायरी व टिप्पणी में शुभ <नाम> व शुभम <नाम> को एक ही व्यक्ति बताया गया है और उनकी वल्दियत कन्हैयालाल को भी समान बताया है। वर्तमान मामले में आवेदक /अभियुक्त <नाम> वेश्यावृत्ति में लिप्त महिलाओंके लिए फर्जी आधार कार्ड व अन्य अभिलेख गढने का आरोप है और इसमामले में विवेचना <नाम> प्रचलित है। आवेदक/अभियुक्त नामित है। आवेदक / अभियुक्त की पहचान को लेकर भी विवाद है जो पुलिस द्वारा कस्टडी में लेकर ही उचित तरीके से स्थापित किया जा सकता है। इसकेअतिरिक्त कूटरचित दस्तावेजों के सम्बन्ध में भी समुचित साक्ष्य संकलितकिया <नाम> है। ऐसी स्थिति में यदि आवेदक/ अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किया जाता है तो विवेचना में व्यवधान उत्पन्न होगा और वास्तविक अपराधी शुभम <नाम> है अथवा शुभम <नाम> इसका पता लगाया <नाम> भीसंभव नहीं होगा। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_4554_201922-08-2019302 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"समर्थन में श्रीमतीधर्मवीरी का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। 2— संक्षेप में अभियोजन कथानक यह है कि मुकदमा वादी बच्चू <नाम> ने थानाखेरागढ़ <नाम> में इस आशय की तहरीर दी कि उसकी पुत्री कुन्ती आयु 13 वर्ष कोकरीब 5 माह पूर्व <नाम> पत्नी <नाम> घर से बहला फुसलाकर व गुमराह <नाम> अपने घर लेगयी व पुत्री को <नाम> ने घर में बंद <नाम> <नाम> व <नाम> को भी <नाम> ने कुन्ती के साथ ६रर में बंद <नाम> <नाम> जिसके <नाम> <नाम> ने उसकी पुत्री <नाम> के साथ बलात्कार कियाजिसके <नाम> उसकी पुत्री गर्भवती हो गयी। <नाम> व <नाम> ने उसकी पुत्री का गर्भपातभी <नाम> दिया। 3 जमानत प््रार्थनापत्र व संलग्न शपथपत्र में कहा गया है किआवेदक / अभियुक्त निर्दोष है। आवेदक / अभियुक्त ने यह भी कहा है कि रिपोर्ट लगभग5 माह <नाम> लिखायी है जिसका कोई स्पष्टीकरण नहीं है। घटना का कोई स्वतंत्र साक्षीनहीं है। अभियुक्त ने कोई षड़यंत्र नहीं किया है और <नाम> बलात्कार किया और <नाम> पीड़िताका कोई गर्भपात कराया है और <नाम> उसका घटना से कोई संबंध है। पीड़िता के धारा164 द॑0प्रoसं0 के बयान से गर्भपात की <नाम> नहीं होती। आवेदक / अभियुक्त का कोईकोई आपराधिक इतिहास नहीं है। यह अभियुक्त का प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, अन्यकोई प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय तथा माननीय उच्च न्यायालय में लंबित नहीं है। उपरोक्त आघारों <नाम> जमाचत प्रदान करने की <नाम> की गयी है । 5— अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता ने अपने <नाम> में उन्हीं तथ्यों को दोहराया हैजो जमानत प्रार्थनापत्र में कहे गये हैं । ",
"विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) की ओर से जमानतप्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए तर्क किया गया कि <नाम> अभियुक्ता <नाम> द्वारा वादी की13 वर्षीय पुत्री को गुमराह <नाम> बहला फुसलाकर भगा ले जाया गया व उसे <नाम> केसाथ कमरे में बंद <नाम> <नाम> गया जहाँ अभियुक्त <नाम> ने उसके साथ बलात्कार कियाजिससे वह गर्भवती हो गयी एवं <नाम> अभियुक्ता <नाम> व वर्तमान अभियुक्त <नाम> नेपीड़िता का गर्भपात भी कराया है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने कीयाचना की। 6— आवेदक / अभियुक्त के ऊपर वादी मुकदमा की 13 वर्षीय पुत्री के साथबलात्कार करने व गर्भवती होने <नाम> उसका गर्भपात कराने का आरोप है। <नाम> अभियुक्ता —2—रीना द्वारा वादी की पुत्री पीड़िता को अगवा <नाम> लाये जाने एवं वर्तमान अभियुक्त केसाथ कमरे में बंद करने के <नाम> वर्तमान अभियुक्त द्वारा पीड़िता के साथ बलात्कार कियागया। उक्त बलात्कार से वादी मुकदमा की पुत्री गर्भवती हो गयी तथा वर्तमान अभियुक्तअजीत ने <नाम> अभियुक्ता <नाम> के साथ मिलकर उसका गर्भपात भी <नाम> दिया। आयुसंबंधी मैडिकल प्रमाणपत्र में पीड़िता की आयु 16 वर्ष बतायी गयी है। मामले की पीड़ितानिश्चित रुप से नाबालिग लड़की है। मैडिकल जॉच में उसका हाइमन फटा हुआ पायागया। पीड़िता ने अपने <नाम> 161 दं0प्र०सं0 के बयान में यह बताया है कि <नाम> उसेसामान लेने के बहाने <नाम> के घर ले गयी और वहाँ <नाम> ने उसका मुँह दबाकरउसके साथ बलात्कार किया। जब उसे 2 माह <नाम> मासिक धर्म नहीं हुआ तो उसने रीनाको बताया तो वह कुछ नहीं बोली सीधे उसे बाजार ले गयी तथा कच्ची वफ में कुछमिलाकर उसे खिला <नाम> जिससे वह बेहोश हो गयी। मैडिकल के समय डाक्टर केसमक्ष दिये बयान में भी पीड़िता ने अभियुक्त द्वारा उसके साथ बलात्कार करना बतायाहै। "
],
"judge-opinion": [
"4— आवेदक / अभियुक्त पक्ष के विद्वान अधिवक्त एंव सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौ0) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा प्रथम सूचना रिपोर्ट, केस डायरीपीड़िता के <नाम> 161 व 164 दं0प्रएसं0 के बयान व मैडिकल रिपोर्ट एवं <नाम> पत्रावलीका अवलोकन किया । ",
"मामले के तथ्यों व परिस्थितियों में <नाम> तरह से स्पष्ट है किआवेदक / अभियुक्त ने <नाम> <नाम> बद्ध तरीके से नाबालिग पीड़िता कुन्ती को सहअभियुक्ता <नाम> द्वारा बुलाकर उसके साथ अपनी हवश शान्त करने के लिये बलात्कारकिया है व गर्भवती होने <नाम> उसका गर्भपात कराया है। ",
"पीड़िता द्वारा मैडिकल के समय एवं <नाम> 161 व 164 दं0प्रणसं0 के बयानमें बिल्कुल एक जेसे बयान दिये गये हैं। मैडिकल रिपोर्ट में पीड़िता के गर्भपात के लक्षणबताये गये हैं । ",
"आवेदक / अभियुक्त किया गया अपराध अत्यन्त गंभीर <नाम> का है। सहअभियुक्ता <नाम> की जमानत इसी न्यायालय से दिनांक 01-08-2019 को निरस्त होचुकी है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_1805_202026-08-202020 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थना पत्र के साथ आवेदिका/ अभियुक्ता की बहिन <नाम> भाटियाका शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें कहा गया है कि यह उसका प्रथमजमानत प्रार्थना पत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसीन्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। अभियोजन कथानक एवं फर्द बरामदगी / प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसारदिनांक 23.07.2020 अभियुक्ता <नाम> नागवानी संबंधित मु.अ.सं. 560/2020 कोपुलिस कस्टडी रिमाण्ड <नाम> लेकर महिला थाना लाया गया तथा <नाम> मेंलेकर पूछताछ की गयी तो बताया कि देह व्यापार के लिये मैं एलबम व होटलोंमें जाने के लिये फर्जी आधार कार्ड व गाडी <नाम> बदल बदलकर फर्जी नंबर प्लेटलगाकर जाती थी, उन्हें मैने छिपाकर किराये के मकान मारूति सिटी में रखरखा है, इस <नाम> बाउम्मीद बरामदगी में <नाम> <नाम> हमराह पुलिसकर्मचारीगण के साथ बताये स्थान अभियुक्ता के निवास <नाम> पहुंचे, जहाँअभियक्त ने छत <नाम> खुलने वाले दरवाजे के पास सीढियों <नाम> पहने चबूतरे <नाम> -2-रखी ईट के नीचे दबी एक कालीपालीथिन को उठाकर उसके नीचे रखे 6आधार कार्ड जिनमें कमशः (1) <नाम> <नाम> पत्नी <नाम> <नाम> निवासीसासनी गेट, <नाम> रोड अलीगढ जिस <नाम> नंबर <फ़ोन-नंबर>6(2) <नाम> जैनपुत्री <नाम> <नाम> निवासी चावड गेट जलेसर रोड, <नाम> जिस परनंबर-<फ़ोन-नंबर> (3) <नाम> भार्भा पत्नी <नाम> <नाम> निवासी सुहागनगरफिरोजाबाद नंबर-<फ़ोन-नंबर> (4) <नाम> <नाम> पत्नी <नाम> अग्रवालनिवासी नरसी विहार कालोनी सौंख रोड, <नाम> नंबर-<फ़ोन-नंबर> (6) प्रीतिगुप्ता पत्नी <नाम> <नाम> निवासी बाजली धर्म कांटे के पास <नाम> राजस्थाननंबर-<फ़ोन-नंबर> (6) <नाम> बाधवानी पत्नी नितिन बाधवानी निवासी बी 108 शक्ति नगर, सेक्टर-2 ग्रेटर नोएडा नंबर-<फ़ोन-नंबर> सभी के फोटो मिलानसे एक ही महिला <नाम> खद के फोटो देखने से लगते हैं व उसी पालीथिन केनीचे से 10 जोडी नंबर प्लेट (1) HR39GB2837 (2) UP14FB6850 (3)UPSOCLA238 (4) RJIACPOOS2 (5) MPO7CEOI7I (6) MPOSCR4681(7) UP13BC8187 (8) UPSOCCI 110 (9)RJOSCBA985 (10) HR38X8317व एक एलबम जिसमें अंग्रेजी में स्वीट मैमोरिज व प्रथम पृष्ठ <नाम> <नाम> राधिका300 लड़कियों के फोटो हैं, अभियुक्ता की निशानदेही से बरामद हुये, आधारकार्डके फोटो देखकर अभियुक्ता ने बताया कि सभी आधार कार्डो में मेरा फोटोहै, एलबम दिखाकर ही हम ग्राहको को वेश्यावृत्ति के लिये व्हाट्सअप <नाम> इनकीफोटो भेजकर तथा एलबम को दिखाकर फॅसाया करते हैं। बरामद सामानको एक कपडे में रखकर सील सर्व मोहर <नाम> नमूना मोहर तैयार किया गयातथा फर्द मौके <नाम> तैयार की गयी। ",
"उपरोक्त के आधार <नाम> दिनांक 23.07.2020 को अभियुक्ता रोशनीनागवानी के विरूद्ध अपराध संख्या-589,/2020 <नाम> धारा-420, 467, 468, 471भा0द0सं0 का अभियोग थाना ताजगंज, <नाम> <नाम> पंजीकृत किया गया। ",
"आवेदिका/ अभियुक्ता की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथसंलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है किआवेदिका/ अभियुक्ता ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे परेशान करने के लियेइस मामले में झूंठा फॅसाया गया है। रिमाण्ड के दौरान पुलिस के द्वारा उसकेआवास स्थित मकान नंबर-100 मारूति सिटी , <नाम> से जो चीजे बरामदहोना बताया गया है, वह असत्य है, वह उस पते <नाम> एक वर्ष पूर्व से निवासनहीं करती है। आवेदिका/ अभियुक्ता दिनांक 08.07.2020 से कारागार में निरूद्ध है । अतः जमानत <नाम> छोडे जाने की <नाम> की गयी है। _3-राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता नेजमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये कहा है कि आवेदिका/ अभियुक्ता कीनिशानदेही से उसके पास से 6 फर्जी आधार कार्ड, 20 फर्जी नंबर प्लेट वएक एलबम जिसमें 300 फोटोग्राम हैं बरामद हुये हैं, फर्जी नंबर प्लेट लगाकरदेह व्यापार के लिये होटलों में जाती थी, जहाँ फर्जी आधार कार्ड का प्रयोगकरती थी। आवेदिका/ अभियुक्ता का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतःजमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व राज्य की ओर से उपस्थित विद्वानअपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना व उपलब्ध समस्त प्रपत्रोंका अवलोकन किया । ",
"आवेदिका/ अभियुक्ता को अपराध संख्या-560/2020 से पुलिस अभिरक्षा में लिया गया तो उसके पास से 10जोड़ी 20 अदद कार के नंबर प्लेट उपरोक्तव 6 अदद फर्जी लडकियों/ महिलाओं के आधार कार्ड उपरोक्त व एक अदद एलबम उपरोक्त बरामद होना बताया जाता है। उक्त फर्जी नंबर प्लेटों केसंबंध में कोई स्पष्टीकरण उसके द्वारा नहीं <नाम> गया है, मुख्य <नाम> से यहकहा गया है कि आवेदिका/ अभियुक्त से जिस मकान से बरामदगी दर्शायी जारही है, उसको उसने दिनांक 31.10.2019 को ही खाली <नाम> <नाम> था औरउसने एक शपथ पत्र पूर्व मकान <नाम> का <नाम> है, लेकिन यह कहीं स्पष्टनहीं किया गया है कि वह उसमें पुन: अध्यासित नहीं हुई, जो आधार कार्डउपरोक्त बरामद हुये हैं, उनमें भिन्न भिन्न लोगों के नाम लिखे हैं, लेकिन उनमेंफोटो आवेदिका/ अभियुक्ता का लगा है और उक्त आधार कार्ड व एलबम मेंलगे लड़कियों के फोटो जो <नाम> व <नाम> से बाहर की हैं, उनका प्रयोग देहव्यापार के लिये किया जाता है। मामले की विवेचना <नाम> प्रचलित है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_3672_201919-07-20191711 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"यह दोनों जमानत प्रार्थना पत्र एक ही घटना, अपराध संख्या व थाना सेसंबंधित होने के <नाम> <नाम> निस्तारण एक साथ किया जा रहा है। ",
"अभियुक्त <नाम> के जमानत प्रार्थना पत्र के साथ उसके पिता मान सिंहव अभियुक्त नितिन गौड़ के जमानत प्रार्थना पत्र के साथ उसके <नाम> अमितगौड़ का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें कहा गया है कि यह उनकाप्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्रकिसी न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ",
"अभियोजन कथानक एवं प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार वादिनी मुकदमाविनीता ने थाना <नाम> इस आशय की तहरीर दी कि मेरे दो बेटे और उनकीपत्नियाँ , जो कि मेरा बड़ा बेटा और उसकी पत्नी वही पास वाले मकान मेंकिराये <नाम> रहते हैं और मेरा छोटा बेटा और पत्नी घर <नाम> ही रहते हैं। आजसुबह मेरा छोटा बेटा 10-00 ए.एम.पर अपने ससुराल <नाम> <नाम> गये हुयेथे और मेरा बड़ा बेटा सुबह 9-30 बजे ड्यूटी <नाम> चले गये थे। बलकेशवर औरमैं सुबह 7-45 बजे रोमसंग सी-1 टेडी बगिया, <नाम> रोड, <नाम> में ड्यूटीपर गयी हुई थी और मेरे <नाम> रमेश पाल <नाम> इस समय दिल्ली में हैं, इस -2-दौरान मेरे मकान में चोरी हो गयी। में ड्यूटी से <नाम> को 4-45 पी.एम.पर घरआयी तो <नाम> कि मेरे मैनगेट का ताला लगा हुआ पाया, अन्दर दरवाजे केताले टूटे हुये पाये, <नाम> सामान इधर उधर बिखरा हुआ पडा था। मेरे घर मेंसे <नाम> सिक्के चाँदी के, दो जोड़ी कन्धौनी चॉदी की, दो जोडी कमर गुच्छाचाँदी के, तीन जोड़ी <नाम> चाँदी की, एक चेन सोने की, दो अंगूठी जेन्ट्ससोने की, एक अंगूठी लेडीज सोने की, एक जोडी ब्रजवाल सोने का, एकजोडीझुमकी सोने की, दो <नाम> सूत्र सोने के, दो नाक की नद सोने की, एकमोबाइल व <नाम> हजार रूपये नगदी, इस हिसाब से लगभग डेढ किलो चाँदी,पॉच तोला <नाम> <नाम> हजार रूपये की नगदी मेरे घर से चोरी हो गयी है। ",
"उपरोक्त के आधार <नाम> दिनांक 23.06.2019 को 22-07 बजे अज्ञातअभियुक्त के विरूद्ध अपराध संख्या-462/2019 <नाम> धारा-454, 380 भा0द0सं0का अभियोग थाना एत्माद्दौला, <नाम> <नाम> पंजीकृत किया गया। ",
"आवेदकगण/ अभियुक्तगण की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्रों केसाथ संलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गयामुख्यतः यह कहा है कि आवेदकगण/ अभियुक्तगण ने कोई अपराध नहीं कियाहै, उनको इस मामले में रंजिशन झूंठा फँसाया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्टमनगढन्त तथ्यों <नाम> आधारित है। मामले की प्रशम सूचना रिपोर्ट पाँच घण्टे देरीसे दर्ज करायी गयी है। वादिनी के.के.नगर गली नंबर-4 में रहती है, जो पूरीतरह से बसी हुई <नाम> है, इसके बाबजूद <नाम> में चोरी हो <नाम> और किसीको पता <नाम> चलना घटना की सत्यता <नाम> संदेह पैदा करता है। उपरोक्त घटना में आवेदकगण/ अभियुक्तगण का नाम कैसे <नाम> में आया , इसका जी.डी. में कोई उल्लेख नहीं है, जो घटना की सत्यता <नाम> संदेह पैदा करता है। सही बातयह है कि दिनांक 25.06.2019 को <नाम> करीव 11बजे प्रार्थीगण अपने परिवारके साथ घर में थे, तभी पुलिस घर में घुस आयी। मौहल्ले में हल्ला हो गयाऔर काफी भीड इकट्ठी हो गयी, जिन्होने घर में घुसने <नाम> एतराज किया, इसबात <नाम> विवाद हो गया, पुलिस प्र्रार्थीगण को सबक सिखाने क लिये थाने लेगयी, जहाँ उनको बिठाये रखा और दिनांक 29.06.2019 को मनगढन्तगिरफूतारी दिखाकर मुकदमे में नामित <नाम> दिया। आवेदकगण/ अभियुक्तगणका कोई पूर्व आपराधिक इतिहास नहीं है। आवेदकगण/ अभियुक्तगण दिनांक29.06.2019 से कारागार में निरूद्ध है। अतः जमानत <नाम> छोडे जाने की याचनाकी गयी है। ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता नेजमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये कहा है कि _3-आवेदकगण/ अभियुक्तगण के द्वारा वादिनी मुकदमा के घर में घुसकर प्राथमसूचना रिपोर्ट में उल्लिखित सोने चॉदी के जेबरात व <नाम> हजार रूपये नगरकी चोरी की है। वादिनी की बहू <नाम> <नाम> के लिखित प्रार्थना पत्र के आधारपर आवेदकगण / अभियुक्तगण का नाम उक्त घटना के संबंध में <नाम> मेंआया है। आवेदकगण/ अभियुक्तगण का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतःजमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता व राज्य की ओर से उपस्थित विद्वानअपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना व उपलब्ध समस्त प्रपत्रोंका अवलोकन किया। ",
"इस मामले की घटना की एफ.आई.आर. वादिनी के द्वारा अज्ञात मेंदिनांक 23.06.2019 को दर्ज करायी गयी है। पुलिस के द्वारा दौरान विवेचनाआवेदकगण/ अभियुक्तगण को गिरफतार किये जाने <नाम> उनसे चोरी गये किसीसामान की बरामदगी नहीं दर्शायी गयी है। इस घटना का कोई स्वतन्त्र साक्षीनहीं है। आवेदक / अभियुक्त <नाम> का कोई पूर्व आपराधिक इतिहास थाने सेप्रस्तुत नहीं किया गया है, अभियुक्त नितिन गौड का जो आपराधिक इतिहासप्रस्तुत किया गया है, मात्र उसी आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र खारिज नहींकिया जा सकता है। मामला मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा विचारणीय है। आवेदकगण/ अभियुक्तगण दिनांक 29.06.2019 से कारागार में निरूद्ध हैं । "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_2404_201903-06-20193341 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थना पत्र के साश अभियुक्तगण के परिवार के व्यक्ति कल्लूकुशवाह का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें कहा गया है कि यहउनका प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। अभियोजन कथानक एवं प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार वादी मुकदमासंजय <नाम> <नाम> ने थाना <नाम> इस आशय की तहरीर दी कि प्रार्थी के नामसे मण्डी समिति में प्रशान्त ट्रेडर्स फर्म है, उक्त फर्म को प्रार्थी दिनांक02.04.2019 को सांय सात बजे बंद करके घर चला आया। दिनांक 03.04.2019 को रोजाना की तरह दुकान खोलने पहुंचा, तो <नाम> कि दुकान के पीछे सेआर.सी.सी.काटकर एक सुरंगनुमा बनाकर 110कट्टे सरसों के चोरी करकेअज्ञात बदमाशों द्वारा निकाल लिये । इस संबंध में प्रार्थी द्वारा 100नंबर परदिनांक 03.04.2019 को सूचना भी <नाम> दी गयी है, जबकि मण्डी परिसर खेरागढमें पॉच चौकीदार रहते हैं, ऐसा प्रतीत होता है कि मण्डी समिति के कर्मचारियोंकी <नाम> <नाम> से प्रार्थी के 110कट्टो की चोरी करायी गयी है। ",
"उपरोक्त के आधार <नाम> दिनांक 05.04.2019 को अज्ञात अभियुक्त केविरूद्ध अपराध संख्या-74/2019 <नाम> धारा-380, 457 भा०एद0सं0 का अभियोग -2-थाना खेरागढ, जिला <नाम> <नाम> पंजीकृत किया गया। दौरान विवेचना इसमामले में आवेदकगण/ अभियुक्तगण को पुलिस क द्वारा गिरफूतार किया गयाऔर रूपये बरामद हुये तथा उनके द्वारा इस अपराध की संस्वीकृति किये जानेपर इस मामले में <नाम> 411 भा0द0सं0 की बढोत्तरी की गयी। ",
"आवेदकगण/ अभियुक्तगण की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र केसाथ संलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गयाहै कि आवेदकगण/ अभियुक्तगण को झूंठा फॅसाया गया है, उन्होने किसी प्रकारका कोई अपराध कारित नहीं किया है। आवेदकगण/अभियुक्तगण गरीबमजदूर व्यक्ति हैं। प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज कराते हुये मण्डी समितिके कर्मचारियों व चौकीदारों की शह के आधार <नाम> चोरी करना बताया गया है,लेकिन पुलिस के द्वारा किसी चौकीदार व कर्मचारी से पूछताछ नहीं की गयीहै । प्रार्थीगण/आवेदकगण <नाम> व्यक्ति हैं और ठेके <नाम> मकान बनाने काकार्य करते हैं। दिनांक 24.04.2018 को अपने <नाम> से मजदूरी का हिसाबकरके देर <नाम> 8-30 बजे अपने साशी की मोटरसाइकिल से अपने घर आ रहेथे, पुलिस चैकिंग में <नाम> अभियुक्त जबर <नाम> के पास मोटरसाइकिल के प्रपत्रनहीं थे और वह हेलमेट भी नहीं लगाये हुये था, उसने पुलिस से घर से पेपरलाकर दिखाने की बात कही, इस बात से चिढकर पुलिस ने बदतमीजी कीऔर विरोध करने <नाम> थाने ले आयी, गाड़ी को बन्द <नाम> <नाम> दो <नाम> तकथाने में बिठाये रखा और झूंठी कहानी गढकर इस मुकदमे में चालान करदिया। सम्पूर्ण घटना वादी क द्वारा पुलिस से मिलकर झूंठी बनायी गयी है। ",
"आवेदकगण/ अभियुक्तगण दिनांक 26.04.2019 से कारागार में निरूद्ध है। अतः जमानत <नाम> छोडे जाने की <नाम> की गयी है। ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ताने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये कहा है किआवेदकगण/ अभियुक्तगण ने वादी मुकदमा की दुकान में सुरंग बनाकर110कट्टे सरसों की चोरी करके बेच दिये, जिनक पैसो की बरामदगीआवेदकगण//अभियुक्तगण से हुई है। आवेदकगण/ अभियुक्तगण का अपराधगम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की याचनाकी गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता व राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना व उपलब्ध समस्तप्रपत्रों का अवलोकन किया। -3-इस मामले की प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दिनांक 05.04.2019 कोलिखाई गई है और वादी के द्वारा यह कहा गया है कि उसकी मण्डी समिति मेंप्रशान्त ट्रेडर्स के नाम से फर्म है, जिसमें सुरंग बनाकर 110कट्टे सरसों केअज्ञात बदमाशों द्वारा निकाल लिये गये। दिनांक 03.04.2019 की घटनाकी एफ.आई.आर.दिनांक 05.04.2019 को दर्ज करायी गयी है तथा अभियुक्तगणको दिनांक 25.04.2019 को गिरफूतार किया गया है। ",
"दिनांक 25.04.2019 की फर्द बरामदगी देखने <नाम> यह पाया गया किआवेदक / अभियुक्त जबर <नाम> से एक तमंचा तथा पेन्ट की जेब से 20,050/-रूपये बरामद हुये। दूसरे अभियुक्त गब्बर से <नाम> हजार रूपये बरामद हुये तथातीसरे अभियुक्त दलवीर से भी <नाम> हजार रूपये बरामद हुये, सभी ने पुलिसअभिरक्षा में यह बताया कि मैने मण्डी से अपने साथियों के साथ 100कट्टेसरसों रात में चोरी की थी, यह पुलिस अभिरक्षा की संस्वीकृति है। फर्दबरामदगी देखने से यह स्पष्ट है कि घटना दिनांक 03.04.2019 की है तथाआवेदकगण/ अभियुक्तगण जबर <नाम> से 20,050,/-रूपये, गब्बर कुशवाह सेदस हजार रूपये, दलवीर <नाम> कुशवाह <नाम> हजार रूपये की बरामदगी है,जबकि अभियुक्तगण ने उक्त बरामद पैसों को अपने मजदूरी का हिसाब करकेलाना बताया है। ",
"इस मामले में आवेदकगण/ अभियुक्तगण से चोरी हुई सरसों बरामदनही हुई है, उनक द्वारा इस सरसों को किसे बेचा गया, यह नहीं बताया गयाहै। इस घटना व बरामदगी का कोई स्वतन्त्र जन <नाम> नहीं है। स्वतन्त्रसाक्षी के बारे में यह कहा गया कि भलाई बुराई के <नाम> कोई तैयार नहींहुआ। आवेदकगण/ अभियुक्तगण दिनांक 26.04.2019 से कारागार में निरूद्धहैं। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_3243_201903-07-20192605 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"प्रार्थी का कथन है कि वह बबासीर की पुरानी बीमारी से ग्रसित हैतथा बीमार होने के <नाम> प्रार्थी को लैट्रिन क रास्ते खून आता है तथा प्रार्थी कोबैठने उठने में व चलने फिरने में काफी परेशानी होती है। जिला जेल में प्रार्थी कीबीमारी का कोई इलाज नहीं हो रहा है। प्रार्थी दिनांक 11-01-2019 से जिला जेलमें है। इलाज <नाम> मिलने से प्रार्थी के <नाम> को खतरा उत्पन्न हो सकता है। अतःप्रार्थी की गंभीर बीमारी को देखते हुये उसे इलाज कराने के लिये पैरोल <नाम> रिहाकिया जाये। ",
"विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता द्वारा प्रार्थनापत्र का विरोधकिया गया। यह कहा गया कि प््रार्थी/अभियुक्त का विचारण चल रहा है औरदौरान विचारण पैरोल <नाम> छोडे जाने का कोई प्रावधान नहीं है। प्रार्थनापत्र निरस्तकरने की <नाम> की। "
],
"judge-opinion": [
"सुना व पत्रावली का अवलोकन किया। ",
"पत्रावली के अवलोकन से पता चलता है कि अभियुक्त की नियमितजमानत पूर्व न्यायालय के पीठासीन <नाम> द्वारा दिनांक 06-02-2019 को निरस्तकी जा चुकी है। ",
"जो बंदी दोष सिद्ध घोषित नहीं किया गया हो उसे पैरोल <नाम> दियेजाने के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय ने निम्न <नाम> व्यवस्थाओं में भी निर्देशितकिया है। ",
"दाण्डिक प्रकीर्ण आवेदन संख्या 13434/2011 उ0प्र0 राज्य बनामउदयभान <नाम> उर्फ डोक्टर <नाम> व दाण्डिक प्रकीर्ण आवेदन संख्या 135666, 2011श्रीमती रामलली <नाम> बनाम उ0प्र0 राज्य निर्णीत दिनांकित 28-04-2011 एवंउपेन्द्र <नाम> बनाम उ0प्र0 राज्य 2012 (77) ए.सी.सी. पेज 801 इलाहाबाद । ",
"वर्तमान मामले में प्रार्थी ने प्रार्थी ने अपना इलाज कराने <नाम> पैरोल परीछोड़े जाने की <नाम> की है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_3748_201927-07-20191362 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी/अभियुक्त की माता व पेरौकारश्रीमती <नाम> के शपथ पत्र से समर्थित है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमाउपनिरीक्षक अश्वनी <नाम> द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय कीदर्ज करायी गयी कि दिनोक 28.05.2018 को वह मय इमराहियान वास्तेशान्ति व्यवस्था, चैकिंग संदिग्ध व्यक्ति व वाहन आदि में मामूर थे कि मुखबिरकी सूचना <नाम> अभियुक्त कन्हैया <नाम> को गिरफूतार किया गया तथा एकव्यक्ति मौका पाकर भाग गया। पकड़े गए व्यक्ति से नाम पता पूछते हुएजामा तलाशी ली गयी तो उसने अपना नास कन्हैया <नाम> बताया। उसकी जामा तलाशी से <नाम> अदद मोबाइल बरामद किए गए। पूछताछ <नाम> उसनेबताया कि उक्त सभी मोबाइल उसने अपने साथी के साथ मिलकर राहगीरोंसे लूटे हैं। फर्द मौके <नाम> तैयार की गयी। अभियुक्त का जुर्म से अवगतकराते हुए हिरासत पुलिस में लिया गया। इस संबंध में प्राथमिकी <नाम> कीगयी । (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0कषेत्र)/अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। ",
"्रार्थी/अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। वास्तविकता यह है कि प्रार्थी से कोई बरामदगी नहींहै। बरामदगी का कोई जनसाक्षी नहीं है। बरामद मोबाइल को किसी अपराधसे सम्बद्ध नहीं किया गया है। प्रार्थी दिनांक 29.05.2019 से जिला कारागारमें निरूद्ध है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। अन्य कोई जमानतप्रार्थना पत्र अन्य किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय मेंविचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी/अभियुक्त को जमानत पररिहा किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"विद्वान अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वारा जमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि अभियुक्त को पुलिस पार्टी द्वारा गिरफूतार किया गया है तथा उसके कब्जे से <नाम> अदद मोबाइल बरामदकिए गए हैं जिन्हें अभियुक्त द्वारा लूट का बताया गया है। उपरोक्त आघारोंपर जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 3748 2019कन्हैया <नाम> बनाम राज्यप्रार्थी / अभियुक्त की विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान वरिष्ठअभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुमा गया तथा पत्रावली कासम्यक परिशीलन किया गया। ",
"पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामले में घटनादिनोक 28.05.2018 की समय 21:30 बजे की है तथा प्रथम सूचना रिपोर्टसंबंधित थाने <नाम> दिनाक 28.05.2018 को समय 23:16 बजे दर्ज करायी गयीहै । प्रार्थी को दिनाक 28.05.2019 को पुलिस पार्टी द्वारा गिरफूतार किया <नाम> तथा उसके कब्जे से <नाम> अदद मोबाइल बरामद किया <नाम> दर्शितकिया गया है। उक्त तथाकथित बरामद <नाम> मोबाइल को किसी अपराध से सम्बद्ध नहीं किया गया है। प्रार्थी लगभग दो माह से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। अभियोजन की ओर से प्रार्थी का कोई अपराधिक इतिहास प्रस्तुतनहीं किया गया है। मामले में आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया जा चुकाहै। (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दणप्र0क्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-63, आररा। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_624_202004-03-2020300 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी/अभियुक्त के पिता व पैरोकारसईदउददीन के शपथ पत्र से समर्थित है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार परिवादी व उसकेपिता राशिद दिनांक 02.08.2017 को <नाम> 07:00 बजे चूड़ी के <नाम> कातकादा करके <नाम> नगर कालोनी थाना इरीपर्वत जिला <नाम> के रास्ते सेपैदल <नाम> टाकीज बस स्टेण्ड के पास जा रहे थे, मोड <नाम> तीन व्यक्ति मोटरसाईकिल <नाम> आये जिसमें रसीद, गुल्लू व <नाम> ने रोक लिया जिनके मुँह <नाम> रूमाल बंधे हुए थे। तभी गुल्लू ने तमंचा निकालकर प्रार्थी के पिताजी कीकनपटी <नाम> रख दिया। रसीद व <नाम> ने दोनों की जेबों में रखें 15 हजार Bail Application/3574/2020 —-UP State Vs. Babu 2रुपये व पिता <नाम> जेब से 13,.400/-रुपये निकाल <नाम> लूट <नाम> मोटरसाईकिल से भागने लगे। तभी गुल्लू के मुँह से रूमाल हट गया औरहाथापाई की। शोर मचाया तो रसीद व <नाम> के मुँह से भी रूमाल हट गया। भागते समय धमकी <नाम> गये कि तुमने पहचान लिया है अगर कोई रिपोर्ट कीतो <नाम> से मार देगें। शोर मचाने <नाम> कुछ राहगीर आ गये। जिसमें नईम नेउनका पीछा किया जो चकमा देकर भाग गये। ",
"प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 01.03.2020 से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। परिवादी सह-अभियुक्तगण रसीद, गुल्लू का सगा बहनोई है। परिवादी की शादी सह-अभियुक्तगण की सगी बहन <नाम> उफ नन्नो के साथहुई थी। दिए गए दान दहेज से परिवादी व उसके परिजन खुश नहीं थे तथा 5 लाख रूपए अतिरिक्त दहेज की मांग करते थे जिसके <नाम> उन्होंने रानीको मारपीट <नाम> घर से निकाल <नाम> जिस <नाम> <नाम> ने परिवादी व अन्य के विरूद्ध महिला थाना <नाम> मुकदमा पंजीकृत कराया। उपरोक्त की पेशबन्दीमें यह झूठा वाद दर्ज कराया गया है। प्रार्थी का कोई अपराधिक इतिहासनहीं है। प्रार्थी का कोई अपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी का यह प्रथमजमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्यन्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्तआधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> कीगयी है। ",
"विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत का विरोध करते हुएकथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा अन्य के साथ मिलकर परिवादी वउसके पिता से लूटपाट की गयी है तथा <नाम> से मारने की धमकी दी गयीहै। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की याचनाकी गयी। "
],
"judge-opinion": [
"प्रार्थी / अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान अभियोजनअधिकारी को सुना तथा पत्रावली का सम्यक परिशीलन किया गया। ",
"पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामले में घटनादिनाक 02.08.2017 की है। प्रार्थी <नाम> अन्य के साथ मिलकर परिवादी वउसके पित्ता के साथ लूटपाट करने का आरोप है। मामला परिवाद वाद <नाम> Bail Application/ 3574/2020 —UP State Vs. Babu 3आधारित है । प्रार्थी को न्यायालय द्वारा विचारण <नाम> आहूत किया गया है। ",
"प्रार्थी तीन से जिला करागार में निरूद्ध है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_3053_201917-06-20193049 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसके साथ बृज किशोरका शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा <नाम> राजीत <नाम> थाना इरादतनगर जिला <नाम> ने दिनांक 09.02.2016 को 20.30 बजे थाना <नाम> जुबानीप्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि अभियुक्तगण <नाम> <नाम> लोकेन्द्रसेंगर, चीपा उर्फ <नाम> वीरो गूजर उर्फ गटटा, के द्वारा संगठित गैंग बना लिया है,जिसका गैंग लीडर <नाम> <नाम> गूर्जर है। जो गैंग के सदस्यों के साथ मिलकर निजीआर्थिक एवं भौतिक <नाम> प्राप्त करने <नाम> चोरी लूट एवं अपहरण जैसे जघन्य अपराध कारित करते है जिसके <नाम> <नाम> में उक्त अभियुक्तगण का भय व आतंक व्याप्त है। अभियुक्तगण द्वारा भा.द.वि. के अध्याय 717 में वर्णित दण्डनीय अपराध कारितकिया गया है। प्रार्थी / अभियुक्त का कथन है कि वह पूर्व में जमानत <नाम> था। उसे मुँह काकैन्सर हो गया है उसका इलाज कराने के लिए बाहर चला गया था इसलिए नियत तिथियों <नाम> <नाम> होने के <नाम> न्यायालय द्वारा वारंट जारी <नाम> दिये गये जिस <नाम> वह कारागार मेंनिरूद्ध है। प्रार्थी/ अभियुक्त किसी अन्य केस में 26.11.2018 से जेल में निरूद्ध था इसलिएन्यायालय में उपस्थित नही हो सका। उसने जानबूझकर आदेश की अवहेलना नही की हैबल्कि वह बीमारी के चलते न्यायालय में उपस्थित नही हो सका। अब वह प्रत्येक नियततिथि <नाम> उपस्थित होता रहेगा। प्रार्थी / अभियुक्त 20.04.2017 से एन.बी.डब्लू. <नाम> जिलाकारागार में निरूद्ध है। अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। "
],
"judge-opinion": [
"सुना एवं पत्रावली का अवलोकन किया। ",
"पत्रावली के अवलोकन से विदित है कि प्रार्थी / अभियुक्त के विरूद्ध गैंग बनाकरव गैंग के सदस्यों के साथ मिलकर निजी आर्थिक एवं भौतिक <नाम> प्राप्त करने <नाम> चोरीलूट एवं अपहरण जैसे अपराध कारित कारित करने का आरोप है। अभियुक्त पूर्व से जमानत 2पर था। उसके मुँह में कैन्सर हो जाने के <नाम> वह इलाज <नाम> बाहर चला गया थाजिसके <नाम> नियत तिथियों <नाम> न्यायालय में उपस्थित नही हो सका एवं एक अन्य केसमें 26.11.2018 से जेल में निरूद्ध था इस <नाम> भी न्यायालय में उपस्थित नही हो सका। ",
"उसने जानबूझकर न्यायालय के आदेश की अवहेलना नही की है। भविष्य में वह प्रत्येकनियत <नाम> <नाम> न्यायालय में उपस्थित होता रहेगा। अभियुक्त दिनॉक-20.04.2017 सेजिला कारागार में निरूद्ध है । "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_4371_202011-01-20213852 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थनापत्र के समर्थन में अभियुक्त की पैरोकार /माँ श्रीमतीराधादेवी ने शपथ पत्र प्रस्तुत किया है। ",
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी मुकदमा दलजीतसिंह ने थाना सदर बाजार जिला <नाम> <नाम> दिनांक 13.09.2020 को इस आशय कीतहरीर दी कि वह दिनांक 11.09.2020 को समय करीब 6.30 बजे सुबह सीपीओ पोस्टआफिस के सामने टहल रहा था तभी <नाम> व्यक्ति मोटरसाइकिल नं0यूपी80-एफएल-0105 प्रेसन प्रो <नाम> आये और उसे एक कार्ड देकर पता पूँछा जैसे ही वह कार्ड को लेकर पढ़ने लगा, कार्ड उसके दाहिने हाथ में था तभी इन्होनें उसकीदाहिने हाथ की <नाम> करने वाली झँगली से उसकी सोने की अंगूठी वजनी 11 ग्रामउतारकर भाग गये, काफी तलाश किया नहीं मिले, जाते समय उसे <नाम> से मारने कीधमकी <नाम> गये थे, इसी <नाम> रिपोर्ट लिखाने आया था। ",
"वादी मुकदमा की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना सदर बाजार, <नाम> परअज्ञात के विरूद्ध मुएअ0सं० 582,/ 2020, अंतर्गत <नाम> 392,506 भा0द0सं० पंजीकृतहुआ। दिनांक 15.09.2020 को चैंकिग के दौरान अभियुक्त व अन्य के पकड़े जाने <नाम> —2—अभियुक्त <नाम> <नाम> के कब्जे से बरामद हुए रूपयो में, <नाम> मुकदमातीअँगूठी जो सुनार दीपेन्द्र को बीस हजार रूपये में बची गयी थी, शामिल हैं तथातमंचा भी बरामद किया गया था। तदनुसार मामले में <नाम> 411,413 भा0द0सं0की बढोत्तरी की गयी है। ",
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र /शपथपत्र में कथन किया गया है कि आवेदक » अभियुक्त निर्दोष है, उसे उक्त मुकदमे में झूँठा फँसायागया है, उसने कोई भी अपराध नहीं किया है। आवेदक / अभियुक्त से झूँठीबरामदगी दिखायी गयी है। प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज की गयी है। आवेदक /» अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है। आवेदक / अभियुक्त कीवादी मुकदमा से कोई शिनाख्त भी नहीं करायी गयी है। घटना का कोई जनसाक्षीनहीं है। अभियुक्त से इस अभियोग से संबंधित कोई बरामदगी नहीं बतायी गयी है,पुलिस द्वारा जो मु0 20,000 ,//-रूपये की बरामदगी दशार्यी है, वो अभियुक्त के घरवालों को बुलाकर छोड़ने के लिए मॉगे थे और को बरामदगी के <नाम> में दिखादिया। आवेदक »/ अभियुक्त का इस मुकदमे से पूर्व कोई आपराधिक इतिहास नहींहै। आवेदक / अभियुक्त को थाना सदर बाजार पुलिस द्वारा मंदिर से दर्शन करकेबाहर आते समय पूछताछ के लिए लाकर इस केस में झूंठा फंसा <नाम> गया हैं। आवेदक / अभियुक्त दिनाक 16.09.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। इन्हींआधारों <नाम> जमानत स्वीकार किये जाने की <नाम> की गयी। ",
"अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,(फौजदारी) द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध किया गया है तथा कहा गया है किआवेदक / अभियुक्त शातिर किस्म का अपराधी है, उसपर सह-अभियुक्तगण केसाथ मिलकर लूट की घटना कारित करने और गिरफ्तारी के समयआवेदक /» अभियुक्त से लूट से संबंधित 20,000 //-रूपये बरामद होने का आरोपहै। <नाम> अभियुक्त कुलदीप <नाम> की जमानत माननीय सत्र न्यायालय से खारिज होचुकी है, अतः अभियुक्त का जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> कीगयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता(फौजदारी) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा केस डायरी काअवलोकन किया। इस मामले के सह-अभियुक्त कुलदीप एवँ टिन्कू की जमानतपूर्व में सत्र न्यायालय द्वारा पूर्व में खारिज की जा चुकी है। —3—थाने की आख्यानुसार अभियुक्त एक शातिर अपराधी है, जिसकेद्वारा वादी से लूटी गयी अंगूठी को सुनार दीपेन्द्र निठारिया को बेच <नाम> गयातथा अभियुक्त से बरामद रूपयों में अन्य <नाम> के साथ प्रश्नगत अभियोग सेसंबंधित <नाम> की धनराशि शामिल है। अभियुक्त एक टप्पेबाज व्यक्ति है,जिसने इसअपराध के साथ अन्य घटना में भी संलिप्तता स्वीकार की है। संबंधित थाने कीपुलिस द्वारा यह भी आख्या दी गयी है कि अभियुक्त को यदि जमानत <नाम> रिहाकिया जाता है तो वह पुनः इस प्रकार की घटना कारित <नाम> सकता है। अभियुक्तद्वारा कारित अपराध गम्भीर <नाम> का है। इस मामले के सह-अभियुक्तकुलदीप एवँ टिन्कू की जमानत पूर्व में सत्र न्यायालय द्वारा पूर्व में खारिज की जाचुकी है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_2705_202107-04-2021156 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस जमानत प्रार्थना पत्र के साथआवेदक / अभियुक्त के द्वारा स्वयं का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"प्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> रख गया है किप्रार्थी / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस केस में झूंठा फॅ॑साया गयाहै । प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा विद्युत विभाग का शमन शुल्क जमा <नाम> <नाम> गया है। प्रार्थी / अभियुक्त न्यायिक अभिरक्षा में है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार कियाजाय । "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्युत विभाग की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। ",
"विद्युत विभाग के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कहा गया है कि प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा शमन शुल्क जमा कराया जा चुका है, आपत्ति नहीं है। ",
"प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्युत विभाग में जमा कराये गये शमन शुल्करसीद एवं विद्युत विभाग द्वारा शमन शुल्क जमा होने के संबंध में जारी पत्र की <नाम> दाखिल की गयी है। इस पत्र <नाम> विद्युत विभाग के विद्वान अधिवक्ता द्वारा सब्मिट कापृष्ठांकन किया गया है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_6387_201930-11-20191099 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त के <नाम> व Worपरमाल <नाम> के शपथ पत्र से समर्थित है। ",
"अभियोजन कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी मुकदमादेवी <नाम> द्वारा थाने <नाम> इस आशय की तहरीर दी गई कि उसकी पीलियाचौकी <नाम> मेडीकल का दुकान है। वह दिनांक 11.11.2018 को दुकान बन्दकरके अपने घर जा रहा था जैसे ही मोटर साईकिल से मधूसूदन कोल्ड केपास पहुँचा तो पीछे से मोटर साईकिल हीरो लाल/काली से तीन अज्ञातसवारों ने उसकी मोटर साईकिल रोक ली तथा तमंचा दिखाकर समय 09:00बजे रात वादी का मोबाइल <फ़ोन-नंबर> [EMI No. <फ़ोन-नंबर>249तथा मोबाइल <फ़ोन-नंबर> IEMI 1४०, <फ़ोन-नंबर>256 तथा जेब में रखे17 हजार रूपए लूट लिये। <नाम> की तरफ लौटे कुछ ही दूरी <नाम> मोटर साईकिल <नाम> जा रहे <नाम> पुत्र सूरजपाल को इन्हीं लोगों ने रोक <नाम> इनकेura G Hae <फ़ोन-नंबर> TEMI No. <फ़ोन-नंबर>660 तथा दूसरामोबाइल नम्बर जिसका याद नहीं है वो लूट ले गये। तथा <नाम> में रखे ए टी एम कार्ड, पेन कार्ड, आधार कार्ड को भी लूट ले गये। सामने आने परदोनों लोग इन लुटेरों को पहचान सकते हैं (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्रक्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 6387 / 2019होतम उर्फ चवन्नी बनाम राज्यप्रार्थी,/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> <नाम> <नाम> एवंविद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को विगत <नाम> परसुना जा चुका है। ",
"प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दाष है। प्रार्थी दिनाक 30.10.2019 से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज करायी गयी है। घटना काकोई स्वतन््त्र <नाम> नहीं है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्यकोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी भी न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालयमें विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत पररिहा किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"विद्वान अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वारा जमानतका विरोध करते हुए कथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा अन्य के साथमिलकर वादी मुकदमा से लूट कारित की गयी है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी । "
],
"judge-opinion": [
" अभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनाक 11.11.2018 की समय 21:00 बजे की बतायी गयी है तथाप्रथम सूचना रिपोर्ट दिनाक 12.11.2018 को समय 14:00 बजे <नाम> करायीगयी है। प्रार्थी <नाम> अन्य के साथ मिलकर वादी मुकदमा से लूट कारित करनेका आरोप लगाया गया है। प्रार्थी प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है। प्रार्थी को सह-अभियुक्त सोनू के बयान के आधार <नाम> मामले में अभियुक्तबनाया गया है। केस डायरी के अनुसार प्रार्थी बी वारण्ट <नाम> तलब होकरदिनाक 30.10.2019 से इस प्रकरण में निरूद्ध है। प्रार्थी की निशानदेही परइस प्रकरण से संबंधित कोई बरामदगी दर्शित नहीं की गयी है। प्रार्थी लगभगएक माह से जिला कारागार में निरूद्ध है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_2056_202020-08-2020258 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"मु0अ0सं0: 247 / 2019थाना: 364 भा0द0सं0थाना: अछनेरा, जिला <नाम> । ",
"बनामSO अभियोजन पक्षदिनांक: 20.08.2020आदेशउपरोक्त प्रथम जमानत प्रार्थना एवं पूरक जमानत प्रार्थना पत्र अभियुक्तमहेन्द्र द्वारा मुएअ0सं0 247 / 2019 <नाम> 302, 201, 364 भा0द0सं0० थाना अछनेरा, जिला <नाम> मामले में जमानत <नाम> प्रस्तुत किए गये हैं। चूंकि दोनों जमानत प्रार्थनापत्र एक ही अपराध संख्या एवं घटना से सम्बन्धित हैं, अत: दोनों जमानत प्रार्थना पत्रोंका निस्तारण एक ही आदेश द्वारा किया जा रहा हैं। ",
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के पेरोकार रामसेवक द्वारा शपथपत्रप्रस्तुत किया गया हैं जिसमें वर्णित हैं कि यह अभियुक्त का प्रथम जमानत प्रार्थना पत्रहै, कोई अन्य जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय एंव माननीय उच्च न्यायालयमें लम्बित नहीं है। (2)अभियोजन कथानक के अनुसार वादी <नाम> <नाम> द्वारा दिनांक 05.07.2019 कोथाने <नाम> तहरीर इस आशय की दी गई कि उसका पुत्र देवेन्द्र दिनांक 13.05.2019 कोसमय करीब 01:00 बजे मय मोटर साईकिल हीरो स्प्लैंडः नं0यू0पी0--80-ई0एस0-7687 के गायब हो गया था, जिसकी गुमशुदगी रिपोर्ट उसनेदिनांक 18.05.2019 को जी0डी0 सं० 15 समय 10:40 बजे थाना अछनेरा, <नाम> <नाम> पंजीकृत करायी, जिसका कोई पता नहीं चला है। उसे ज्ञात हुआ कि उसके पुत्र देवेन्द्र का अपहरण हत्या करने के उद्देश्य से <नाम> व <नाम> ले गये हैं। उसके पुत्र के साथ कोई अनहोनी हो सकती है। ",
"वादी की तहरीर <नाम> अभियुकतगण <नाम> एवं <नाम> के विरूद्ध थाना अछनेरापर मु0अ0सं0 247 / 2019 <नाम> 364 भा०द0सं0 में प्राथमिकी <नाम> की गई । ",
"विवेचना के दौरान अभियुक्त एवं <नाम> अभियुक्तगण का नाम <नाम> में आने परअभियुक्तगण को इस प्रकरण में नामित किया गया तथा उपलब्ध साक्ष्य के आधार परउक्त अपराध में <नाम> 302, 201 भा0०द0सं0 की बढोत्तरी की गई । ",
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त प्राथमिकी में नामित नहीं हैं तथा निर्दोष है, उसको इस मामले में झूंठा फँसाया गया है, जबकि अभियुक्त द्वारा उक्त अपराध कारित नहीं किया गया है। यह भी कथन किया गया कि अभियुक्त के विरूद्ध उक्त अपराध कारित किए जाने के सम्बन्ध में कोई भीप्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष साक्ष्य नहीं है, अभियुक्त को <नाम> अभियुक्तगण के इकबालियाँ बयानके आधार <नाम> इस प्रकरण में नामित किया गया हैं। कथित घटना का कोई स्वतन्त्रसाक्षी भी नहीं बताया गया है। अभियुक्त दिनांक 19.02.2020 से जिला कारागार,आगरा में निरूद्र हैं। अतः जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की प्रार्थना की गई । ",
"विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक एवं उनका सहयोग <नाम> रहे वादी केविद्वान अधिवक्त द्वारा जमानत का विरोध किया गया तथा <नाम> शपथपत्र प्रस्तुत करतेहुए <नाम> प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त के द्वारा <नाम> अभियुक्तगण के साथ मिलकर <नाम> अभियुक्त गुड्डू की पत्नी <नाम> से अवैध सम्बन्धों के <नाम> देवेन्द्र को अपहृतकर उसकी हत्या <नाम> हत्या के साक्ष्य को विलुप्त किया गया है। <नाम> अभियुक्त <नाम> की निशांदेही <नाम> मृतक की मोटर साईकिल बरामद की गई हैं। <नाम> अभियुक्तगण <नाम> <नाम> एवं बोवी का जमानत प्रार्थना पत्र सत्र न्यायालय द्वारा गुण दोष केआधार <नाम> खण्डित किया जा चुका हैं। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने कीप्रार्थना की गई । ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार अभियुक्त के विरूद्ध अन्य <नाम> अभियुक्तगण के साथ मिलकर देवेन्द्र को अपहृत <नाम> उसकी हत्या <नाम> हत्या के साक्ष्य को विलुप्त किएजाने का आरोप है। ",
"विवेचक द्वारा वादी का बयान अन्तर्गत <नाम> 161 दं0प्रए0सं० <नाम> किया गया। वादी द्वारा विवेचक को दिए अपने बयान में स्पष्ट <नाम> से कथन किया गया है कि उसके पुत्र देवेन्द्र को अभियुक्त <नाम> व <नाम> अपहरण करके हत्या के उद्देश्य से ले गये थे। अभियुक्त <नाम> द्वारा गिरफ्तारी के उपरान्त पूछताछ के दौरान बताया गया कि उसके एवं देवेन्द्र के सम्बन्ध <नाम> से थे, <नाम> देवेन्द्र के साथ भागना चाहती थी, कभी-कभी वह अपने फोन से <नाम> की बात देवेन्द्र से कराया था, मालतीयदि देवेन्द्र के साथ भाग जाती तो वह फंस जाता, यह सोचकर उसने <नाम> के पतिको देवेन्द्र और <नाम> के सम्बन्धों के बारे मे बता <नाम> <नाम> के ofa Weeअरविन्द, महेन्द्र व उसने देवेन्द्र को 13 <नाम> 2019 को बुलाकर अलीनगर केजरा में शराब पिलाकर, <नाम> दबाकर, देवेन्द्र को मारकर वहीं कूडे में दबा <नाम> तथा उसकीमोटर साइकिल को दो <नाम> <नाम> कलाल खेड़िया में चाउमीन के ठेले के पास वह तथामहेन्द्र एवं बाबी छोड़कर निकल गये। ",
"मृतक की शव-विच्छेदन आख्या के अनुसार मृतक की गर्दन <नाम> 30 ८५ 5 3(८५ का निशान पाया <नाम> बताया गया है। "
],
"judge-opinion": [
" (3)जमानत प्राथना पत्र स0: 1538 एवं 2056 “2020 प्रार्थना पत्र सं0: 1538 एवं 2056 / 2020मैंने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता, विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक एवंउनका सहयोग <नाम> रहे वादी के विद्वान अधिवक्ता के तर्को को वर्चुअल सुना तथाउपलब्ध केस डायरी का अवलोकन किया। ",
"केस डायरी में उपलब्ध साक्ष्य के अनुसार अभियुक्त के द्वारा अन्य अभियुक्तगणके साथ मिलकर वादी के पुत्र देवेन्द्र की हत्या करने के आशय से, उसको अपहृत करउसकी हत्या <नाम> हत्या के साक्ष्य को विलुप्त किया <नाम> बताया गया हैं एवंतथाकथित घटना का हेतुक मृतक का <नाम> अभियुक्त गुड्डू की पत्नी से अवैध सम्बन्ध होना बताया गया है। उक्त अपराध गम्भीर <नाम> का हैं। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_638_202013-03-202083 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त सत्यप्रकाश की पत्नी वपैरोकार <नाम> <नाम> <नाम> के शपथ पत्र से समर्थित है। ",
"अभियोजन कथानक के संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैं कि दिनांक Bail Application/ 3638/2020 —-Prem Singh (Topi Wala) and Others Vs. UP State 202.04.2018 को <नाम> बंद के अवसर <नाम> वास्ते <नाम> व्यवस्था व कानूनव्यवस्था <नाम> थाना प्रभारी निरीक्षक <नाम> <नाम> <नाम> मय हमराही पुलिस दलके साथ मधुनगर चौक <नाम> आये। मधुनगर चौराहे <नाम> हजारों की संख्या मेंभीड़ <नाम> झण्डा व <नाम> रंग का झण्डा लिए चौराहे को पूर्णतया चारों तरफसे जाम किए हुए थे तथा डा0 भीमराव अम्बेडकर की मूर्ति, बैनर, लाठी, डन्डे,एंगल, सरिया हाथों में लिए हुए थे। एन0एच०-3 आगरा-ग्वालियर मार्ग पूर्णतया अवरूद्ध किए हुए थे एवं तरह-तरह के उत्तेजक नारे लगा रहे थे। मार्ग अवरूद्ध होने से मौके <नाम> सरकारी / प्राइवेट बसों, कार, दो पहिया वाहन,ट्रक आदि में बैठे व्यक्ति काफी परेशान थे, महिलायें, बुजुर्ग, बच्चे काफीपरेशान थे। पुलिस दल द्वारा भीड़ को काफी समझाया बुझाया गया, लेकिनकिसी भी बात को <नाम> को तैयार नही थी। भीड़ से ही कुछ उपद्रवी मौकेपर खड़ी सरकारी व प्राइवेट बसों, ट्रक, कार, मोटरसाइकिल को तोड़ने लगेजिसमें बैठी इुई सवारियां अपनी <नाम> बचाने को लेकर इधर-उधर भागने लगीं तथा उपद्रवी वाहनों में घुसकर लूटपाट करने लगे। भीड़ व उपद्रवीसरकारी व प्राइवेट सम्पत्ति की भारी <नाम> में तोड़फोड़ करने लगे। उपद्रवियों द्वारा तरह-तरह क उत्तेजक नारे लगाते हुए आगरा-ग्वालियर नेशनल हाईवेपर लोक व्यवस्था पूर्णतया छिन्न-भिन्न <नाम> दी। आवश्यक वस्तुओं की आपूर्तिएवं लोकव्यवस्था भी बाधित <नाम> दी। उपद्रवियों द्वारा अतिरिक्त फोर्स कोआता देख पुलिस दल <नाम> उत्तेजक नारे लगाते हुए पत्थर फॅकने लगे तथापुलिस दल की आस पास खड़ी मोटरसाइकिलों में आग लगा दी तथाअसलहों से पुलिस दल <नाम> <नाम> से मारने की नीयत से फायर करने लगे। चौराहे <नाम> रखे पुलिस बूथ में भी आग लगा दी। उपद्रवियों द्वारा आगरा-ग्वालियर हाईवे एनएच-3 मधू नगर चौराहे के आसपास सरकारी व प्राइवेटवाहनों को बुरी तरह क्षतिग्रस्त तथा वाहनों को जलाया गया। मौके परउपस्थित पुलिस प्रशासन टीम <नाम> <नाम> लेवा हमला किया गया। जिससेपुलिस दल को गम्भीर चोटें आयीं तथा सरकारी कार्य बाधित हुआ। यह ६टना लगभग 14.30 बजे से 16.00 बजे के मध्य की है। मौके <नाम> लोंगो कोगिरफतार किया गया। इसी कार्यवाही के दौरान सीसीआर से सूचना मिलीकी हजारों की संख्या में उपद्रवियों की भीड़ बुन्दूकटरा चौकी पहुंच गयी हैतथा चौकी <नाम> लूटपाट करते हुए जलाने की कोशिश <नाम> रहे हैं। इस सूचना <नाम> वादी समय 17.00 बजे बुन्दू कटरा चौकी <नाम> पहुंचे तो हजारों की संख्या Bail Application/3638/2020 —-Prem Singh (Topi Wala) and Others Vs. UP State 3 में बलवाइयों द्वारा उत्तेजित नारे लगाते इुए बुन्दुकटरा चौकी में तथा चौकीके बाहर खड़े वाहनों में आ लगा दी। फायर सर्विस को सूचना देकर मौकेपर बुलवाया गया। पुलिस दल <नाम> भारी <नाम> में पत्थर फेंकने लगे तथाफायर भी किया, बुन्दूकटरा चौकी जलने लगी तथा नेशनल हाईवे एनएच-3पर आवागमन व लोकशांति व्यवस्था पूर्णतया छिन्न-भिन्न हो गयी। चौकीबुन्दूकटरा व चौकी में रखे सरकारी व प्राइवेट दस्तावेज, एक आरटी सेट, दोहैण्डसेट सरकारी, फर्नीचर व अन्य सामान तथा तीन मोटरसाइकिल पूर्णतयाजलकर राख हो गरयीं। <नाम> व्यवस्था बहाल करने के लिए बलवाइयों परअश्रु गैस व रबड़ बुलेट का इस्तेमाल किया गया। मौके <नाम> <नाम> व्यवस्थाबहाल करते हुए लोगों को गिरफूतार किया गया जिनके नाम प्रथम सूचनारिपोर्ट में उल्लिखित हैं । ",
"प्रार्थी / अभियुक्तगण की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यहकहा गया है कि प्रार्थीगण को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उन्होंने कोईअपराध नहीं किया है, वे निर्दोष हैं। प्रार्थीगण दिनाक 01.03.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। घटना का <नाम> का कोई <नाम> नहीं है। प्रार्थागण से कोई नाजायज वस्तु बरामद नहीं हुई है। प्रार्थीगण को घर से पकड़करझूठा फंसाया गया है। प्रार्थीगण का कोई फोटो, कोई वीडियो आदि पुलिस केपास नहीं है। प्रार्थीगण का कोई अपराधिक इतिहास नहीं है। उपरोक्तआधारों <नाम> प्रार्थी /अभियुक्तगण को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की याचनाकी गयी है। ",
"विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत का विरोध करते हुएकथन किया गया कि अभियुक्तगण व अन्य सह-अभियुक्तगण द्वारा <नाम> बंद के बौरान नाजायज समूह बनाकर लोक <नाम> व्यवस्था भंग की गयी तथापुलिस दल <नाम> <नाम> से मारने की नीयत से फायर किए गए, पथराव कियागया तथा सरकारी व प्राइवेट सम्पत्ति / वाहनों में क्षति कारित की गयी। नेशनल हाईवे को जाम किया गया तथा पुलिस चौकी बुन्दूकटरा में आगजनीकर सरकारी दस्तावेज, सरकारी व प्राइवेट सम्पत्ति की क्षति कारित <नाम> पुलिस दल के साथ मारपीट की गयी। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना Bail Application/ 3638/2020 —-Prem Singh (Topi Wala) and Others Vs. UP State 4पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"प्रार्थी / अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान अभियोजनअधिकारी को सुना तथा पत्रावली का सम्यक परिशीलन किया गया। ",
"पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामले में घटनादिनाक 02.04.2018 की है। प्रार्थीगण <नाम> अन्य के साथ मिलकर <नाम> बंद के दौरान नाजायज समूह बनाकर लोक <नाम> व्यवस्था भंग करने, पुलिस दल <नाम> <नाम> से मारने की नीयत से फायर करने, पथराव करने, सरकारी वप्राइवेट सम्पत्ति / वाहनों में आग आदि लगाकर क्षति कारित करने, नेशनलहाईवे को जाम करने, पुलिस चौकी बुन्दूकटरा में आगजनी <नाम> सरकारीदस्तावेज, सरकारी व प्राइवेट सम्पत्ति की क्षति कारित <नाम> पुलिस दल केसाथ मारपीट आदि करने का आरोप है। प्रथम सूचना रिपोर्ट के अवलोकन सेयह दर्शित होता है कि प्रार्थीगण प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित हैं। पत्रावलीके अवलोकन से यह भी दर्शित होता है कि इस घटना में कई पुलिस कर्मियोंको चोटें आयी हैं। तीन चोटिल पुलिसकर्मियों की आघात आख्या पत्रावली परदाखिल है। एस0आई० <नाम> <नाम> <नाम> व कां0 रमन <नाम> की आघातआख्या के अवलोकन से स्पष्ट है कि रेड कन्ट्यूजन, अब्रेजन इत्यादि कीचोटें उनके शरीर <नाम> पायी गर्थी हैं। मेडीकल साक्ष्य के अनुसार उक्त सभीचोटें लगभग घटना के समय की होना प्रतीत होती हैं। सह-अभियुक्तगणराकेश, <नाम> <नाम> रनवीर, शाहिल, <नाम> सूरज, <नाम> आदि के जमानतप्रार्थना पत्र पूर्व में निरस्त किए जा चुके हैं। प्रार्थीगण को झूठा व निरर्थकफंसाए जाने का कोई <नाम> दर्शित नहीं होता है। प्रार्थीगण के विरूद्ध आरोपपत्र न्यायालय में प्रेषित किया जा चुका है। "
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