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hindi_2022_10843
Coronavirus के कारण गणतंत्र दिवस परेड में होंगे कई बड़े बदलाव, इतिहास में पहली बार नहीं होगा यह
कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर केंद्र सरकार ने गणतंत्र दिवस परेड 2021 में कई बडे़ बदलाव किए हैं ताकि परेड के दौरान भीड़भाड़ से बचा जा सके और सोशल डिस्टैंसिंग भी सुनिश्चित हो सके।
नयी दिल्ली: कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर केंद्र सरकार ने गणतंत्र दिवस परेड 2021 में कई बडे़ बदलाव किए हैं ताकि परेड के दौरान भीड़भाड़ से बचा जा सके और सोशल डिस्टैंसिंग भी सुनिश्चित हो सके। इसके मद्देनजर परेड में हिस्सा लेने वाली टुकड़ियों के आकार को घटाया जाएगा, परेड की दूरी कम की जाएगी और पूर्व के वर्षों की तुलना में कम लोगों की मौजूदगी रहेगी। इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है जब गणतंत्र दिवस परेड का समापन लाल किले पर नहीं होगा। परेड की शुरुआत विजय चौक से होगी और ये नेशनल स्टेडियम पर जाकर खत्म होगी। हर साल भारत राजपथ पर गणतंत्र दिवस समारोह में अपनी सैन्य ताकत, समृद्ध सांस्कृतिक विविधता और सामाजिक-आर्थिक उन्नति की झांकी पेश करता है। ये भी पढ़े: लिव-इन रिलेशनशिप पर आया हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, जानें क्या कहासूत्रों ने बताया कि गणतंत्र दिवस परेड की भव्यता तो बरकरार रहेगी लेकिन महामारी के मद्देनजर टुकड़ियों के आकार को सीमित किया जाएगा। भारत ने गणतंत्र दिवस परेड के लिए मुख्य अतिथि के तौर पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को आमंत्रित किया है। एक अधिकारी ने बताया कि कोविड-19 संबंधी दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए समारोह के लिए तैयारियां की जा रही हैं। सूत्रों ने बताया कि करीब 25,000 लोगों को समारोह देखने के लिए जाने की अनुमति दी जाएगी और 15 साल से कम उम्र के बच्चों को प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। आम तौर पर गणतंत्र दिवस के दौरान करीब एक लाख लोग परेड देखने आते हैं। इसी प्रकार परेड में हिस्सा लेने वाली टुकड़ियों के आकार में भी कटौती की जाएगी। ये भी पढ़े: जिराफ ने की ऐसी हरकत कि सोशल मीडिया पर छाया वीडियो, आप भी हो जाएंगे हंस-हंसकर लोट-पोटअमूमन एक टुकड़ी में 144 कर्मी रहते हैं, लेकिन इस बार 96 सदस्यों की टुकड़ी की ही अनुमति होगी। परेड की दूरी भी कम की जाएगी। यह विजय चौक से शुरू होगी और लाल किला तक जाने के बजाए नेशनल स्टेडियम तक ही जाएगी। सूत्रों ने बताया कि गणतंत्र दिवस और सेना दिवस परेडों के लिए 2,000 से ज्यादा सैन्यकर्मी नवंबर के अंतिम दिनों में दिल्ली पहुंच गए और संक्रमण से बाचाव के मद्देनजर उन्हें सुरक्षित माहौल में रखा गया है। ये भी पढ़े: कोरोना से बचाने वाली दवा बिगाड़ सकती है आपकी ‘सेक्स लाइफ’, हो सकती है यह गंभीर बीमारी, WHO की चेतावनीउन्होंने बताया कि उन कर्मियों को छावनी इलाके में ‘सेफ बबल’ (संक्रमण से सुरक्षित माहौल) में रखा गया है और परेड में हिस्सा लेने वाले कर्मियों का 26 जनवरी तक बाहरी माहौल से कोई संपर्क नहीं रहेगा। सेना दिवस 15 जनवरी को मनाया जाता है। भारतीय नौसेना और वायु सेना ने भी इसी तरह की व्यवस्था की है। परेड के लिए वायु सेना की दो टुकड़ियों को चुना गया है और उनमें से एक टुकड़ी इसमें हिस्सा लेगी।
hindi_2022_10844
केरल: सोने की तस्करी मामले में फरार आरोपी को NIA ने किया गिरफ्तार
मामले में जांच में पता चला कि हमीद ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और भारत में रहते हुए गिरफ्तार हो चुके अपने साथियों रमीज के.टी., जलाल ए.एम. और अन्य के साथ मिलकर सोने की तस्करी की और इसे डिप्लोमेटिक सामान के जरिए भारत भेजा।
नई दिल्ली. केरल के सोने के तस्करी मामले में फरार चल रहे एक प्रमुख आरोपी राबिन्स के. हमीद को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार को गिरफ्तार कर लिया। केरल के एनार्कुलम जिले के मुवत्तुपुझा के निवासी 42 वर्षीय हमीद के दुबई से कोच्चि अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पहुंचते ही एनआईए ने गिरफ्तार कर लिया। यह मामला 5 जुलाई का है जिसमें त्रिवेंद्रम इंटरनेशनल एयरपोर्ट के एयर कार्गो में कस्टम (प्रिवेंटिव) आयुक्तालय ने डिप्लोमेटिक सामान से 14.82 करोड़ रुपये का 30 किलो सोना जब्त किया था।मामले में जांच में पता चला कि हमीद ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और भारत में रहते हुए गिरफ्तार हो चुके अपने साथियों रमीज के.टी., जलाल ए.एम. और अन्य के साथ मिलकर सोने की तस्करी की और इसे डिप्लोमेटिक सामान के जरिए भारत भेजा। एनार्कुलम स्थित एनआईए की विशेष अदालत ने हमीद के खिलाफ गिरफ्तारी का गैर-जमानती वारंट जारी किया था। हमीद को कल विशेष अदालत के सामने पेश किया जाएगा और एनआईए जांच के लिए उसकी हिरासत की मांग करेगी।सोने की तस्करी का मामला पहली बार तब सामने आया था जब यहां यूएई वाणिज्य दूतावात के एक पूर्व कर्मचारी पी.एस. सारिथ को सीमा शुल्क विभाग ने 5 जुलाई को गिरफ्तार किया था। वह दुबई से तिरुवनंतपुरम के लिए एक डिप्लोमेटिक सामान के नाम पर 30 किलो सोने की तस्करी करने की सुविधा दे रहा था। बाद में मामले से जुड़े लोगों के संबंध कई हाईप्रोफाइल नाम जैसे वरिष्ठ आईएएस अधिकारी एम.शिवशंकर और सीएम पिनाराई विजयन के सचिव से जुड़े पाए गए थे। (IANS)
hindi_2022_10845
IAS कैडर नियमों में बदलाव मामला: केंद्र और राज्यों में रार, कई States के CM ने मोदी सरकार को लिखा पत्र
संशोधित मसौदा संशोधन प्रस्ताव का मूल बिंदु यह है कि एक अधिकारी, जिसे केंद्र सरकार उनकी सहमति के बिना और राज्य सरकार के समझौते के बिना देश के किसी भी हिस्से में राज्य से बाहर ले जाने का विकल्प चुन सकती है।
नयी दिल्ली: आईएएस (कैडर) नियम, 1954 में संशोधन के केंद्र के प्रस्ताव के खिलाफ कई राज्यों की गैर-भाजपा सरकारें एकजुट हो गई हैं। पश्चिम बंगाल, राजस्थान, झारखंड, छत्तीसगढ़, केरल, तमिलनाडु समेत कई गैर-भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इस बाबत प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। मुख्यमंत्रियों ने इस निर्णय को वापस लेने का आग्रह किया। साथ ही यह दावा किया कि आईएएस अधिकारियों की केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के नियमों में बदलाव से राज्यों का प्रशासन प्रभावित होगा। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र को दो पत्र लिखे हैं। अपने दूसरे पत्र में वे कहती हैं, "मुझे लगता है कि संशोधित संशोधन प्रस्ताव पूर्व की तुलना में अधिक कठोर है, और वास्तव में यह हमारी महान संघीय राजनीति की नींव और भारत की संवैधानिक योजना की बुनियादी संरचना के खिलाफ है।"दरअसल, केंद्र द्वारा प्रस्तावित नियमों में ये कहा गया है कि, "संशोधित मसौदा संशोधन प्रस्ताव का मूल बिंदु यह है कि एक अधिकारी, जिसे केंद्र सरकार उनकी सहमति के बिना और राज्य सरकार के समझौते के बिना देश के किसी भी हिस्से में राज्य से बाहर ले जाने का विकल्प चुन सकती है।"राज्यों का कहना है कि शक्तियों का अति-केंद्रीकरण अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों के मनोबल और स्वतंत्रता को नष्ट करने वाली है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी अपनी चिंता व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री को पत्र लिखा। उन्होंने कहा, मैंने भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित अखिल भारतीय सेवा कैडर नियम संशोधनों पर कड़ी आपत्ति व्यक्त करते हुए पीएमओ इंडिया को लिखा है। वे 'सहकारी संघवाद' के बजाय 'एकतरफावाद' को बढ़ावा देते हैं। मुझे उम्मीद है कि वह मेरे अनुरोध पर विचार करेंगे।"वहीं, केरल और तमिलनाडु के सीएम ने भी मोदी सरकार को पत्र लिख इस बाबत चिंता जाहिर की है। केरल के सीएम पिनाराई विजयन ने पत्र लिखकर कहा है, "वर्तमान प्रतिनियुक्ति नियम स्वयं संघ के पक्ष में भारी हैं। और सख्ती लाने से सहकारी संघवाद की जड़ कमजोर हो जाएगी" तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर आईएएस (कैडर) नियम, 1954 में प्रस्तावित संशोधनों को छोड़ने का अनुरोध किया और कहा कि "इसके बजाय राष्ट्र की संघीय भावना को और मजबूत करने के लिए राज्य सरकार के साथ जुड़ें।"इधर, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी इस कदम का विरोध करते हुए प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। सरकार ने इस कदम का बचाव किया है और कहा है कि केंद्र और राज्य सरकारों के साथ काम करने से अधिकारियों के दृष्टिकोण का विस्तार होगा और अखिल भारतीय सेवाओं के मिशन को आगे बढ़ाया जाएगा।केंद्र का कहना है कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारियों को हमेशा राज्यों में तैनात नहीं किया जा सकता क्योंकि यह सेवा और अधिकारियों दोनों के लिए सही नहीं है। इसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार के साथ काम करने से उन्हें राज्यों में सेवा देने और फिर केंद्र में लौटने के बाद अधिकारियों के व्यक्तिगत विकास के लिए एक अनूठा दृष्टिकोण मिलता है। महाराष्ट्र ने भी बदलावों का विरोध करने का फैसला किया है।इनपुट- एजेंसी
hindi_2022_10846
'पूरी सरकार मंत्री के बेटे को बचाने में लगी थी', वाराणसी में बोलीं प्रियंका गांधी
प्रियंका गांधी ने कहा कि इस देश के गृह राज्य मंत्री के बेटे ने अपनी गाड़ी के नीचे 6 किसानों को निर्ममता से कुचल दिया और सब परिवार ये कहते हैं कि हमें मुआवज़ा नहीं न्याय चाहिए। लेकिन हमें न्याय दिलाने वाला इस सरकार में नहीं दिख रहा है।
वाराणसी: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा, ''इस देश के गृह राज्य मंत्री के बेटे ने अपनी गाड़ी के नीचे 6 किसानों को निर्ममता से कुचल दिया और सब परिवार ये कहते हैं कि हमें मुआवज़ा नहीं न्याय चाहिए। लेकिन हमें न्याय दिलाने वाला इस सरकार में नहीं दिख रहा है। पूरी सरकार मंत्री के बेटे को बचाने में लगी थी।'' प्रियंका गांधी वाराणसी में किसान न्याय रैली को संबोधित कर रही थी।इससे पहले प्रियंका ने यहां बाबा विश्वनाथ मंदिर और मां दुर्गा मंदिर में दर्शन और पूजा-अर्चना की। वाराणसी के रोहनिया में आयोजित कांग्रेस की ‘किसान न्याय रैली’ के लिए पहुंचीं प्रियंका सबसे पहले बाबा विश्वनाथ मंदिर गईं और पूजा की। इसके बाद उन्होंने मां दुर्गा मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना की। प्रियंका का वाराणसी हवाई अड्डे पर कार्यकर्ताओं के जोरदार स्वागत किया। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा ने प्रियंका की अगवानी की।कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने वाराणसी के विभिन्न मार्गो पर प्रियंका के बड़े-बड़े होर्डिंग लगाए थे। लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के पीड़ित परिवारों से मिलने के लिए जाते समय हिरासत में लिए जाने और करीब दो दिनों तक पुलिस की अभिरक्षा में रहने के बाद प्रियंका की उत्तर प्रदेश में यह पहली जनसभा है। राहुल गांधी और प्रियंका ने हिंसा के पीड़ित परिवारों से मुलाकात की थी।गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया क्षेत्र में गत तीन अक्टूबर को उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पैतृक गांव के दौरे के विरोध को लेकर भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में मिश्रा के बेटे आशीष समेत कई लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। आशीष मिश्रा फिलहाल पुलिस गिरफ्त में है।
hindi_2022_10847
कृषि सुधार कानून दोबारा से लाने का सरकार का कोई विचार नहीं, कांग्रेस के आरोप के बाद अपने बयान पर बोले नरेंद्र ​सिंह तोमर
दरअसल, कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के बाद हाल ही में निरस्त किए गए तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लाने की ‘साजिश’ कर रही है
नयी दिल्ली: नागपुर में दिए अपने बयान पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सफाई दी है। तोमर ने कहा है, "मेरे शब्दों को गलत तरीके से प्रस्तुत करके उसकी गलत दिशा विकसित की जा रही है। मैंने ये कहा कि कृषि सुधार कानून की दृष्टि से हम पीछे हटे हैं लेकिन किसान की भलाई के लिए भारत सरकार लगातार आगे बढ़ती रहेगी।"कृषि मंत्री तोमर ने कहा, "कृषि कानून पुनः लाने का सरकार का कोई विचार नहीं है। किसानों का मान रखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि सुधार कानूनों को वापस लेने का निर्णय किया था। कांग्रेस अपनी असफलताओं पर पर्दा डालने के लिए भ्रम फैलाने का नकारात्मक कार्य करती है। इससे किसानों को सावधान रहना चाहिए।"दरअसल, कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के बाद हाल ही में निरस्त किए गए तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लाने की ‘साजिश’ कर रही है। इसके मद्देनजर पार्टी ने इन चुनावों में भाजपा को पराजित कर उसे सबक सिखाने की लोगों से अपील की। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को नागपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए तीनों कृषि कानूनों को आजादी के बाद लाया गया एक बड़ा सुधार करार दिया था और संकेत दिया था कि सरकार इन कानूनों को वापस ला सकती है।उन्होंने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की मौजूदगी में उनके द्वारा आयोजित कृषि उद्योग प्रदर्शनी ‘एग्रोविजन’ का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में कहा था, ‘‘कृषि क्षेत्र में निजी निवेश का आज भी अभाव है। हम कृषि सुधार कानून लेकर आए थे, कुछ लोगों को यह रास नहीं आया, लेकिन वह 70 वर्षों की आजादी के बाद एक बड़ा सुधार था, जो नरेंद्र मोदी की सरकार के नेतृत्व में आगे बढ़ रहा था।’’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘लेकिन सरकार निराश नहीं है। हम एक कदम पीछे हटे हैं, आगे फिर बढ़ेंगे। क्योंकि हिंदुस्तान का किसान हिंदुस्तान की रीढ़ की हड्डी है।’’तोमर की इस टिप्पणी पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि देश के कृषि मंत्री ने प्रधानमंत्री की माफी का ‘‘अपमान’’ किया है और “यह बेहद निंदनीय’’ है। उन्होंने कहा, “अगर फिर से कृषि विरोधी कदम आगे बढ़ाए तो फिर से अन्नदाता का सत्याग्रह होगा- पहले भी अहंकार को हराया था, फिर हराएंगे!” गांधी ने ‘किसान प्रदर्शन’ हैशटैग का इस्तेमाल किया था।
hindi_2022_10848
24 घंटे में रिकॉर्ड 87472 लोग कोरोना से ठीक हुए, लेकिन कुल मामले 52 लाख के पार
पिछले 24 घंटों के दौरान देशभर में 87472 लोग कोरोना से ठीक हुए हैं। एक दिन में ठीक हुए ये सबसे अधिक लोग हैं। अबतक कुल 41,12,551 लोग कोरोना से ठीक हो चुके हैं
नई दिल्ली। कोरोना वायरस का लगातार बढ़ता संक्रमण हर दिन नई चुनौती बनता जा रहा है, रोजाना भारी संख्या में कोरोना वायरस के मामले सामने आ रहे हैं। हालांकि लोग ठीक भी हो रहे हैं लेकिन साथ में कोरोना की वजह से मृत्यु का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक गुरुवार सुबर 8 बजे से लेकर शुक्रवार सुबह 8 बजे तक 24 घंटों में देशभर में कोरोना वायरस के 96394 नए मामले सामने आए हैं और अब देश में कुल कोरोना वायरस मामलों का आंकड़ा बढ़कर 52,14,677 हो गया है। देश में अब कोरोना के एक्टिव मामलों का आंकड़ा बढ़कर 10,17,754 हो गया है। कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के साथ देश में कोरोना की वजह से जान गंवाने वालों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 24 घंटों में 1174 लोगों ने देशभर में कोरोना की वजह से जान गंवाई है। कोरोना वायरस अबतक देश में 84372 लोगों की मौत का कारण बन चुका है। पूरे देश में रोजाना 1100 से ज्यादा लोग इसकी वजह से अपनी जान गंवा रहे हैं।कोरोना की वजह से हुई मौतों और लगातार बढ़ते मामलों के बीच कुछ राहत की बात ये है कि इस जानलेवा वायरस से ठीक होने वालों की संख्या भी बढ़ रही है लेकिन जिस रफ्तार से नए मामले सामने आ रहे हैं उस रफ्तार से लोग ठीक नहीं हो रहे हैं। पिछले 24 घंटों के दौरान देशभर में 87472 लोग कोरोना से ठीक हुए हैं। एक दिन में ठीक हुए ये सबसे अधिक लोग हैं। अबतक कुल 41,12,551 लोग कोरोना से ठीक हो चुके हैं और देश में कोरोना वायरस से रिकवरी की दर 78.86 प्रतिशत है।कोरोना मरीजों की पहचान के लिए देशभर में टेस्टिंग लगातार बढ़ाई जा रही है, गुरुवार को देशभर में 10.06 लाख से ज्यादा कोरोना टेस्ट हुए हैं और कुल कोरोना वायरस टेस्टिंग का आंकड़ा अब बढ़कर 6.15 करोड़ को पार कर चुका है। दुनियाभर में अमेरिका के बाद भारत में ही सबसे ज्यादा कोरोना टेस्ट हो रहे हैं। वैश्विक स्तर पर कोरोना वायरस के मामलों की बात करें तो दुनियाभर में कुल मामलों का आंकड़ा बढ़कर 3.03 करोड़ के पार पहुंच गया है, अबतक दुनियाभर में कोरोना वायरस की वजह से 9.50 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि पूरी दुनिया में 2.20 करोड़ से ज्यादा लोग कोरोना वायरस से ठीक भी हो चुके हैं। दुनियाभर में कोरोना वायरस के सबसे अधिक मामले अमेरिका में हैं जहां पर 68.74 लाख से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं और 2.02 लाख से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। इसके बाद भारत का स्थान है और भारत के बाद तीसरे नंबर पर ब्राजील है जहां पर 44.57 लाख मामले सामने आए हैं और 1.35 लाख से ज्यादा लोगों की जान गई है। रूस में भी 10.85 लाख से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं और 19 हजार से ज्यादा लोगों की जान गई है।
hindi_2022_10849
'चिकन बिरयानी और ड्राई फ्रूट्स का मजा ले रहे हैं तथाकथित किसान, हो रही है बर्ड फ्लू फैलाने की साजिश'- BJP MLA
Kisan Andolan:किसान संगठनों के इस आंदोलन को 40 दिन से ज्यादा का समय हो गया है। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के विधायक मदन दिलावर ने इस आंदोलन को लेकर विवादित बयान दिया है।
नई दिल्ली. दिल्ली की सीमाओं पर चल रहा किसान आंदोलन लगातार जारी है। किसान संगठनों के इस आंदोलन को 40 दिन से ज्यादा का समय हो गया है। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के विधायक मदन दिलावर ने इस आंदोलन को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा, "कुछ तथाकथित किसान आंदोलन कर रहे हैं। ये तथाकथित किसान किसी भी आंदोलन में भाग नहीं ले रहे हैं लेकिन आराम के लिए चिकन बिरयानी और सूखे मेवों का आनंद ले रहे हैं। यह बर्ड फ्लू फैलाने की साजिश है।"पढ़ें- लव जिहाद कानून पर कंगना रनौत का बड़ा बयानभाजपा विधायक मदन दिलावर इतने पर ही नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा कि उस आंदोलन में प्रदर्शनकारियों के बीच आतंकवादी, डकैत और चोर भी हो सकते हैं। वो किसानों के दुश्मन भी हो सकते हैं। ये सब लोग मिलकर देश को बर्बाद करना चाहते हैं। अगर सरकार ने इन प्रदर्शनकारियों को प्रदर्शन स्थल से नहीं हटाया तो बर्ड फ्लू एक बड़ी समस्या बन सकती है।पढ़ें- यहां पढ़िए आज की सभी बड़ी खबरेंव्हीलचेयर पर बैठा किसान भी सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन में शामिल‘व्हीलचेयर’ पर बैठे पंजाब के जालंधर निवासी 44 वर्षीय हरविंदर सिंह ने केंद्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर डेरा डाले प्रदर्शनकारी किसानों से बातचीत की। सिंह पोलियो के कारण चलने-फिरने में असमर्थ हैं और इसलिए वह व्हीलचेयर के सहारे हैं। लेकिन उनकी यह शारीरिक अशक्तता इस आंदोलन में शामिल होने से उन्हें नहीं रोक सका और अपनी बीमार मां को गांव में छोड़ कर प्रदर्शन में शामिल हो गये। वह एक महीने से अधिक समय से इस प्रदर्शन स्थल पर डेरा डाले हुए हैं।पढ़ें- LAC पर चीनी सैनिक पकड़ा गया, शुक्रवार को भारतीय सीमा में घुसा थानई दिल्ली. दिल्ली की सीमाओं पर चल रहा किसान आंदोलन लगातार जारी है। किसान संगठनों के इस आंदोलन को 40 दिन से ज्यादा का समय हो गया है। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के विधायक मदन दिलावर ने इस आंदोलन को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा, "कुछ तथाकथित किसान आंदोलन कर रहे हैं। ये तथाकथित किसान किसी भी आंदोलन में भाग नहीं ले रहे हैं लेकिन आराम के लिए चिकन बिरयानी और सूखे मेवों का आनंद ले रहे हैं। यह बर्ड फ्लू फैलाने की साजिश है।"पढ़ें- लव जिहाद कानून पर कंगना रनौत का बड़ा बयानभाजपा विधायक मदन दिलावर इतने पर ही नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा कि उस आंदोलन में प्रदर्शनकारियों के बीच आतंकवादी, डकैत और चोर भी हो सकते हैं। वो किसानों के दुश्मन भी हो सकते हैं। ये सब लोग मिलकर देश को बर्बाद करना चाहते हैं। अगर सरकार ने इन प्रदर्शनकारियों को प्रदर्शन स्थल से नहीं हटाया तो बर्ड फ्लू एक बड़ी समस्या बन सकती है।पढ़ें- यहां पढ़िए आज की सभी बड़ी खबरेंव्हीलचेयर पर बैठा किसान भी सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन में शामिल‘व्हीलचेयर’ पर बैठे पंजाब के जालंधर निवासी 44 वर्षीय हरविंदर सिंह ने केंद्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर डेरा डाले प्रदर्शनकारी किसानों से बातचीत की। सिंह पोलियो के कारण चलने-फिरने में असमर्थ हैं और इसलिए वह व्हीलचेयर के सहारे हैं। लेकिन उनकी यह शारीरिक अशक्तता इस आंदोलन में शामिल होने से उन्हें नहीं रोक सका और अपनी बीमार मां को गांव में छोड़ कर प्रदर्शन में शामिल हो गये। वह एक महीने से अधिक समय से इस प्रदर्शन स्थल पर डेरा डाले हुए हैं।उन्होंने कहा, ‘‘मैं पोलियो से उबरने की सारी उम्मीदें छोड़ सकता हूं लेकिन मैंने इस आंदोलन के सकारत्मक परिणाम आने की उम्मीद नहीं छोड़ी है।’’ यह पूछे जाने पर कि किस चीज ने उन्हें इस प्रदर्शन में शामिल होने के लिए प्रेरित किया, सिंह ने कहा, ‘‘मैं एक किसान हूं और इसलिए यहां मौजूद होना मेरी जिम्मेदारी है। ’’ आंदोलन में शामिल होने के बाद से वह सिर्फ दो बार घर गये थे। एक बार वह अपनी बीमार मां से मिलने गये थे और दूसरी बार तब गये थे जब सिंघु बॉर्डर पर ठहरने के लिए उन्हें कुछ आवश्यक चीजें लाने की जरूरत थी।पढ़ें- रेलवे ने कैंसिल की कई ट्रेनें, कहीं आपकी ट्रेन भी शामिल तो नहीं, देखिए लिस्टसिंघू बॉर्डर पर पंजाब के किसान ने की आत्महत्या: हरियाणा पुलिसकेंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शन में भाग ले रहे पंजाब के 40 वर्षीय एक किसान ने शनिवार शाम को कोई जहरीला पदार्थ खाकर कथित रूप से आत्महत्या कर ली। पुलिस ने यह जानकारी दी। सोनीपत के कुंडली पुलिस थाने में निरीक्षक रवि कुमार ने बताया कि किसान अमरिंदर सिंह पंजाब के फतेहगढ़ साहिब जिले का निवासी था। उसे सोनीपत के स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। उल्लेखनीय है कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ देश के विभिन्न हिस्सों, खासकर पंजाब और हरियाणा के किसान दिल्ली की सीमाओं पर पिछले एक महीने से भी अधिक समय से प्रदर्शन कर रहे हैं।पढ़ें- चीन में फंसे भारतीय नाविकों को लेकर आई Good News, 14 जनवरी को पहुंच रहे हैं भारत
hindi_2022_10850
NRC में रिजेक्ट हो चुके अधिकतर लोगों को असम चुनाव में रहेगा मतदान का अधिकार
असम में 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव में अब राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) से बाहर होने वाले लोग भी मतदान कर सकेंगे। चुनाव आयोग ने एनआरसी से रिजेक्ट हो चुके अधिकतर लोगों को मतदान का अधिकार दिया है।
गुवाहाटी: असम में 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव में अब राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) से बाहर होने वाले लोग भी मतदान कर सकेंगे। चुनाव आयोग ने एनआरसी से रिजेक्ट हो चुके अधिकतर लोगों को मतदान का अधिकार दिया है। हालांकि एनआरसी लिस्ट से बाहर रखे गए लोगों को मतदान का अधिकार तभी तक होगा, जब तक नागरिक ट्रिब्यूनल उनके खिलाफ फैसला न सुना दे। चुनाव आयोग के मुताबिक नागरिक ट्रिब्यूनल का फैसला आने तक वोटर लिस्ट में मौजूद हर एक मतदाता को वोट डालने का अधिकार होगा।बता दें कि असम में 31 अगस्त 2019 को एनआरसी की फाइनल लिस्ट जारी कर दी गई थी। इस लिस्ट में करीब 19 लाख लोगों का नाम शामिल नहीं है। असम में जिन लोगों के नाम एनआरसी के फाइनल लिस्ट में नहीं आए उन्होंने इसके खिलाफ नागरिक ट्रिब्यूनल की ओर रूख किया था और उनके दावों पर सुनवाई चल रही है। चुनाव आयोग के फैसले के बाद जब तक फाइनल ऑर्डर नहीं आ जाता तब तक इनके वोट देने के अधिकार बहाल रहेगा।असल में एनआरसी इसलिए लाया गया कि 1971 के बाद असम में घुसे बांग्लादेशी घुसपैठियों को देश से बाहर किया जा सके। इसको 1951 के बाद सबसे पहले इस साल असम में अपडेट किया गया। पहला रजिस्टर 1951 में जारी किया गया था। इस रजिस्टर में नाम होने का मतबल है कि आप इस देश के ही निवासी हैं। जब 1947 में देश का बंटवारा हुआ उसके बाद भी पूर्वी पाकिस्तान में असम के लोगों का आना जाना लगा रहा। इसके बाद 1979 में असम में घुसपैठियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर हिंसक प्रदर्शन किए गए। इसके बाद साल 1985 में तत्कालीन राजीव गांधी सरकार ने असम गण परिषद से समझौता कर ये ऐलान किया कि 1971 से पहले जो भी बांग्लादेशी असम में घुसे हैं उन्हें भारत की नागरिकता दी जाएगी।इसका मतलब साल 1971 के बाद जो लोग देश में आए हैं, वो घुसपैठिए होंगे और उनको देश से बाहर जाना होगा। साल 2015 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इसमें तेजी आई और 31 अगस्त साल 2019 को एनआरसी लिस्ट जारी कर दी गई। जिसमें 19 लाख से ज्यादा लोगों का नाम नहीं था।
hindi_2022_10851
कोरोना के एक्टिव मामले 9 लाख से नीचे, संक्रमण की दर 3.22% बची
देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर अब लगभग शांत होने के करीब है, संक्रमण की दर काफी हद तक काबू में नजर आ रही है जिससे नए मामले लगातार कम हो रहे हैं।
नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर अब लगभग शांत होने के करीब है, संक्रमण की दर काफी हद तक काबू में नजर आ रही है जिससे नए मामले लगातार कम हो रहे हैं। साथ में कोरोना से ठीक होने वाले लोगों की संख्या भी लगातार कम हो रही है जिस वजह से देश में कोरोना वायरस के एक्टिव मामलों में कमी देखने को मिल रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान देश में कोरोना वायरस के एक्टिव मामलों में 47946 की कमी आई है और अब देश में 865432 एक्टिव मामले बचे हैं। एक समय था जब देश में कोरोना वायरस के एक्टिव मामले 39 लाख के करीब पहुंच गए थे। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान देश में कोरोना मरीजों की पहचान के लिए 19.30 लाख से ज्यादा टेस्ट हुए हैं और उनमें 62224 लोग पॉजिटिव मिले हैं। यानि पिछले 24 घंटों के दौरान देश में कोरोना वायरस के संक्रमण की दर 3.22 प्रतिशत दर्ज की गई है। एक समय देश में कोरोना संक्रमण की दर 22 प्रतिशत के ऊपर पहुंच चुकी थी। देश में अबतक कोरोना वायरस के 2.96 करोड़ से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं, हालांकि उसमें 2.83 करोड़ से ज्यादा लोग ठीक भी हो चुके हैं, यानि देश में कोरोना से रिकवरी की दर 95.79 प्रतिशत है। हालांकि देश में कोरोना से होने वाली मौतों का आंकड़ा अभी भी चिंता का विषय है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान देश में कोरोना की वजह से 2542 लोगोंकी जान गई है। अबतक देश में इस वायरस की वजह से 3.79 लाख से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। लेकिन राहत की बात ये है कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में वैक्सीन के टीकाकरण का अभियान तेज हो चुका है। पिछले 24 घंटों के दौरान देश में 28 लाख से ज्यादा लोगों को वैक्सीन दी गई है। अबतक देश में 26.19 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन दी जा चुकी है जिनमें 21.26 करोड़ को अभी पहली डोज ही मिली है जबकि 4.93 करोड़ को दोनों डोज मिल चुकी हैं।
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उत्तर प्रदेश: उप चुनाव से पहले और मजबूत हुई भाजपा! इस पार्टी ने दिया समर्थन
भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनीष दीक्षित ने सोमवार को एकलव्‍य समाज पार्टी के अध्‍यक्ष जेआर निषाद द्वारा दिये गये समर्थन पत्र को मीडिया को जारी किया।
लखनऊ. एकलव्‍य समाज पार्टी ने विधानसभा उप चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को समर्थन दिया है। एकलव्‍य समाज पार्टी ने रविवार को भाजपा प्रदेश अध्‍यक्ष स्‍वतंत्र देव सिंह को पत्र लिख कर समर्थन देने की घोषणा की। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनीष दीक्षित ने सोमवार को एकलव्‍य समाज पार्टी के अध्‍यक्ष जेआर निषाद द्वारा दिये गये समर्थन पत्र को मीडिया को जारी किया। दीक्षित ने बताया कि एकलव्‍य समाज पार्टी ने उत्‍तर प्रदेश विधानसभा उप चुनाव में घाटमपुर, मल्‍हनी बुलंदशहर, टूंडला, देवरिया, बांगरमऊ और नौगांव-सादात सीट पर चुनाव लड़ रहे भाजपा उम्‍मीदवारों को पूर्ण समर्थन और सहयोग देने की घोषणा की है। (भाषा)
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पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा की जांच के लिए स्पॉट पर पहुंची CBI: सूत्र
पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हिंसा मामले को लेकर हाई कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने अब तक 9 मामले दर्ज किए और जांच शुरू की। सूत्रों के मुताबिक सीबीआई की टीम बंगाल में हिंसा वाली जगह जांच करने भी पहुंच गई है।
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हिंसा मामले को लेकर हाई कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने अब तक 9 मामले दर्ज किए और जांच शुरू की। यह जानकारी सीबीआई सूत्रों से मिली। सूत्रों के मुताबिक सीबीआई की टीम बंगाल में हिंसा वाली जगह जांच करने भी पहुंच गई है। वहीं, आपको बता दें कि इससे पहले सोमवार को सीबीआई की टीम कोलकाता पहुंची थी। सीबीआई टीम हिंसा में मारे गए बीजेपी कार्यकर्ता अभिजीत सरकार के घर जाकर उसके भाई से मिली और बाद में उन्हें अपने साथ बयान दर्ज करवाने के लिए निजाम पैलेस ले गई थी। अभिजीत सरकार की इसी साल बंगाल चुनाव के नतीजों के बाद 2 मई को बेरहमी से हत्या कर दी गई थी।उनके परिवार का आरोप था कि कोलकाता पुलिस उनकी एफआईआर तक नहीं दर्ज कर रही थी। कोलकाता हाईकोर्ट के आदेश के बाद अभिजीत के शव का दोबारा पोस्टमॉर्टम कराया गया था। बाद में कोलकाता हाईकोर्ट के आदेश पर ही डीएनए टेस्ट भी कराया गया था।कोलकाता हाई कोर्ट ने बीते गुरुवार ही सीबीआई को बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा और हत्याओं के मामले की जांच का आदेश दिया था। इसके बाद सीबीआई ने शनिवार को चुनाव बाद हत्या, रेप और उत्पीड़न के कथित केसों की जांच के उद्देश्य से पश्चिम बंगाल को चार जोन यानी नॉर्थ बंगाल, साउथ बंगाल, वेस्टर्न जोन और कोलकाता में बांटा था।केंद्रीय एजेंसी ने मामले की जांच के लिए चार स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीमों का भी गठन किया।
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Rafale लड़ाकू विमानों का तीसरा जत्था गुजरात के जामनगर एयरबेस पहुंचा, और बढ़ेगी IAF की ताकत
भारतीय वायुसेना की ताकत बढ़ाने के लिए 3 और राफेल लड़ाकू विमानों का तीसरा जत्था भारत पहुंच चुका हैं। ये जानकारी भारतीय वायुसेना (आईएएफ) ने ट्वीट करके दी है।
नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना की ताकत बढ़ाने के लिए 3 और राफेल लड़ाकू विमानों का तीसरा जत्था भारत पहुंच चुका हैं। ये जानकारी भारतीय वायुसेना (आईएएफ) ने ट्वीट करके दी है। बुधवार (27 जनवरी) रात 8:30 बजे फ्रांस से 7 हजार किलोमीटर की दूरी तय करके 3 और राफेल लड़ाकू विमान गुजरात के जामनगर एयर बेस पर पहुंच चुके हैं। सबसे खास बात ये है कि 7 हजार किलोमीटर की दूरी सभी 3 भारतीय वायुसेना के पायलट ने तय की है। IAF यूएई वायु सेना द्वारा प्रदान किए गए टैंकर समर्थन की गहराई से सराहना करता है।भारत में अब राफेल विमानों की संख्या 11 हुईइसके साथ ही भारतीय वायुसेना को राफेल विमानों की तीसरी खेप मिल गई है। बता दें कि, इंडियन एयरफोर्स ने सितंबर 2016 में 36 लड़ाकू विमानों के लिए फ्रांस से 59 हजार करोड़ रुपए का सौदा किया था। भारत में अब राफेल विमानों की संख्या 11 हो गई है। 3 राफेल विमानों का दूसरा बैच पिछले साल नवंबर में जामनगर में उतरा था। इसके बाद ये यहां से अंबाला पहुंचे थे। 5 राफेल विमानों का पहला बैच 29 जुलाई को अंबाला एयरबेस पर उतरा था। साल 2021 के आखिर तक भारत में राफेल की पूरी खेप पहुंच जाएगी, जिसके तहत भारत को 36 राफेल विमान मिलेंगे। राफेल की एक स्क्वॉड्रन अंबाला में और एक हसीमाड़ा एयरबेस पर तैनात किए जाने की संभावना है।जानिए राफेल की खासियतें
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भारतीय रेलवे ने लोकल पैंसेंजर्स के लिए किया छोटी दूरी की कई ट्रेनों का ऐलान, देखिए पूरी लिस्ट
वेस्टर्न रेलवे ने यात्रियों को बड़ी सौगात दी है। वेस्टर्न रेलवे आने वाली 1 मार्च से छोटी दूरी की कई स्पेशल ट्रेनों का संचालन करने जा रहा है। इन सभी ट्रेनों में पैसेंजर्स को यात्रा करने के लिए पहले से कंफर्म टिकट लेना अनिवार्य है, इसके अलावा सभी पैसेंजर्स को यात्रा के दौरान कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए बनाए गए प्रोटोकॉल का भी पालन करना होगा।
नई दिल्ली. वेस्टर्न रेलवे ने यात्रियों को बड़ी सौगात दी है। वेस्टर्न रेलवे आने वाली 1 मार्च से छोटी दूरी की कई स्पेशल ट्रेनों का संचालन करने जा रहा है। इन सभी ट्रेनों में पैसेंजर्स को यात्रा करने के लिए पहले से कंफर्म टिकट लेना अनिवार्य है, इसके अलावा सभी पैसेंजर्स को यात्रा के दौरान कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए बनाए गए प्रोटोकॉल का भी पालन करना होगा। वेस्टर्न रेलवे द्वारा संचालित की जाने वाली इन सभी ट्रेनों की विस्तृत जानकारी के लिए यात्री www.enquiry.indianrail.gov.in पर विजिट कर सकते हैं। आइए आपको बताते हैं वेस्टर्न रेलवे द्वारा किन रूट्स पर ट्रेनों का संचालन किया जाएगा और वो ट्रेनें किस समय पर चलेगीं।पढ़ें- गुड न्यूज! योगी सरकार 10 लाख युवाओं को देगी टैबलेटपढ़ें- क्या 1990 से 2021 तक नौकरी करने वालों को सरकार देगी ₹1,20,000?नई दिल्ली. वेस्टर्न रेलवे ने यात्रियों को बड़ी सौगात दी है। वेस्टर्न रेलवे आने वाली 1 मार्च से छोटी दूरी की कई स्पेशल ट्रेनों का संचालन करने जा रहा है। इन सभी ट्रेनों में पैसेंजर्स को यात्रा करने के लिए पहले से कंफर्म टिकट लेना अनिवार्य है, इसके अलावा सभी पैसेंजर्स को यात्रा के दौरान कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए बनाए गए प्रोटोकॉल का भी पालन करना होगा। वेस्टर्न रेलवे द्वारा संचालित की जाने वाली इन सभी ट्रेनों की विस्तृत जानकारी के लिए यात्री www.enquiry.indianrail.gov.in पर विजिट कर सकते हैं। आइए आपको बताते हैं वेस्टर्न रेलवे द्वारा किन रूट्स पर ट्रेनों का संचालन किया जाएगा और वो ट्रेनें किस समय पर चलेगीं।पढ़ें- गुड न्यूज! योगी सरकार 10 लाख युवाओं को देगी टैबलेटपढ़ें- सुबह जल्दी उठकर मछुआरों के साथ समुद्र में मछली पकड़ने गए राहुल गांधी, खुद बताया जाल में फंसी कितनी मछलियांपढ़ें- Unnao Case: बेहोश मिली लड़की ने दर्ज कराया बयान, बताया- आरोपी ने दी खाने के लिए नमकीन और फिर...
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गोरखपुर: धर्म परिवर्तन के लिए लोगों को दे रहे थे निशुल्क शिक्षा, रोजगार और रुपयों का लालच, 2 युवक गिरफ्तार
दोनों आरोपित कुछ साल पहले खुद भी हिन्दू थे। पुलिस के मुताबिक, दोनों युवक जनवरी से चिलबिलवा गांव निवासी सीमा के घर रह रहे थे। ये गांव के लोगों को मिशनरी स्कूलों में दाखिला दिलाकर निशुल्क अच्छी शिक्षा, रोजगार देने, रुपये देने का लालच देकर हिंदू धर्म से ईसाई धर्म में परिवर्तन कराने का दबाव बना रहे थे।
गोरखपुर (उप्र): गोरखपुर में हिंदुओं का धर्मपरिवर्तन कराए जाने का एक बड़ा मामला सामने आया है जिसमें पिपराइच थाना क्षेत्र एक गांव चिलबिलवा में कुछ दलित परिवारों का धर्म परिवर्तन करा रहे दो लोगों को गिरफ्तार करके पुलिस ने जेल भेज दिया गया है। गोरखपुर के पिपराइच थाना क्षेत्र के एक गांव चिल्बिलवा में नौकरी और नकदी का लालच देकर हिंदुओं को ईसाई बनाने की साजिश रचने वाले दो आरोपितों को पकड़ा गया है। पिपराइच पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जहां से उन्हें सोमवार को जेल भेज दिया गया है।दोनों आरोपितों में एक जम्मू-कश्मीर तो दूसरा पठानकोट का रहने वाला है। मीडिया रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि धर्मान्तरण के काम में लगे हुए दोनों आरोपित पास्टर (प्रोटेस्टेंट चर्च से जुड़े प्रचारक) पिछले तीन महीने से यहां रह रहे थे और लोगों को ईसाई बनाने के प्रयास कर रहे थे।गोरखपुर पुलिस ने पिपराइच के निवासी संजय मौर्या के तहरीर पर दोनों के खिलाफ धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम की धाराओं में केस दर्ज किया और रविवार को पिपराइच पुलिस ने धर्मान्तरण गैंग के दोनों आरोपितों को हिरासत में ले लिया था और पूछताछ में ईसाई धर्मांतरण का मामला सही पाने पर केस दर्ज कर जेल भेज दिया।बताया जा रहा है कि दोनों अपने को ईसाई धर्मान्तरण में लगे, खुद को ईसाई धर्म का पास्टर बता रहे हैं। दोनों आरोपित कुछ साल पहले खुद भी हिन्दू थे। दोनों की पहचान जम्मू-कश्मीर के जानेपुर निवासी केशव सिंह जनवाल पुत्र गोवर्धन सिंह और पठानकोट निवासी ओंकार के रूप में हुई है। पुलिस के मुताबिक, दोनों युवक जनवरी से चिलबिलवा गांव निवासी सीमा के घर रह रहे थे। दोनों गांव के लोगों को मिशनरी स्कूलों में दाखिला दिलाकर निशुल्क अच्छी शिक्षा, रोजगार देने, रुपये देने का लालच देकर हिंदू धर्म से ईसाई धर्म में परिवर्तन कराने का दबाव बना रहे थे। कहा जा रहा है कि जिस सीमा के यहां ये दोनों रह रहे थे उन्हें भी इन लोगों ने ईसाई धर्म में परिवर्तित होने के लिए तैयार भी कर लिया था।
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अयोध्या में BJP ने लगवाए रामलला के होर्डिंग, सपा ने मचाया कोहराम
भाजपा सरकार की ओर से लगे बैनर में लिखा है कि फर्क साफ तब रामलला थे टेंट में, अब हो रहा भव्य मंदिर का निर्माण। इसमें एक तरफ तिरपाल में विराजमान रामलला तो दूसरी तरफ राममंदिर के माडल को दर्शाया गया है। कई जगह लगी यह होर्डिंग अब चर्चा का विषय बन गई है।
अयोध्या: उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव से पहले अयोध्या में लगी राम मंदिर की होर्डिंग ने सियासत में भूचाल ला दिया है। भाजपा सरकार की ओर से लगे बैनर में लिखा है कि फर्क साफ तब रामलला थे टेंट में, अब हो रहा भव्य मंदिर का निर्माण। इसमें एक तरफ तिरपाल में विराजमान रामलला तो दूसरी तरफ राममंदिर के मॉडल को दर्शाया गया है। कई जगह लगी यह होर्डिंग अब चर्चा का विषय बन गई है। इसने पूरे राजनीतिक माहौल को गरम कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी ने जहां इसे अपनी उपलब्धि बताने का प्रयास किया है, तो विपक्षी दल सपा और कांग्रेस इसे लेकर सवाल खड़ा कर रहे हैं। भाजपा इसमें कुछ भी गलत मानने को तैयार नहीं है। भाजपा सरकार की ओर यह होर्डिंग कई जगहों पर लगी हुई है। लेकिन रामजन्मभूमि के गेट नंबर-3 के यह होर्डिंग लगाई गई है। यहीं से कुछ दूरी पर बाबरी पक्षकार रहे इकबाल अंसारी का घर भी है।इसी तरह की होर्डिंग शहर के अन्य कई स्थानों पर भी लगी हुई है। होर्डिंग्स में सबसे ऊपर लिखा है फर्क साफ है और सबसे नीचे भाजपा का चुनाव चिन्ह कमल का फूल बना है। होर्डिंग के ऊपरी हिस्से में जहां तब व अब की उपलब्धि बताने की कोशिश की गई है। तब के नीचे टेंट में विराजमान रामलला व अब के नीचे निमार्णाधीन राम मंदिर का मॉडल है। इसी तरह होर्डिंग के निचले हिस्से में सोच ईमानदार, काम दमदार और एक बार भाजपा सरकार लिखा हुआ है।समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष गंगा सिंह यादव का कहना है कि रामलला को टेंट पर पहुंचाने वाले कौने थे, यह सभी जानते हैं। अगर यह लोग 6 दिसम्बर को विवादित ढांचे को न तोड़ते तो शायद यह टेंट पर न आते। यह लोग सुप्रीम कोर्ट के काम को भी अपना बता रहे है। राम मंदिर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर बन रहा है। इसमें भाजपा की कोई उपलब्धि नहीं हैं। रही बात अयोध्या के विकास की तो सारा काम सब सपा शासन में हुआ है। चाहे ओवर ब्रिज का काम हो या 14 कोसी परिक्रमा स्थल का चौडा़करण हो, यह सब सपा की सरकार में हुआ है। भाजपा शासनकाल में रोज जमीन के घोटाले सामने आ रहे है।कांग्रेस के जिलाध्यक्ष अखिलेश यादव कहते हैं कि आज जरूरत है रोजगार की, महंगाई से मुक्ति की। लेकिन भाजपा सरकार लोगों को मुद्दों से भटकाने के लिए होडिर्ंग लगा रही है। अयोध्या में कोई विकास नहीं हुई है। यहां पर गड्ढे में सड़क है सड़क में गड्ढा है। यह पार्टी सिर्फ मार्केटिंग करके सस्ता प्रचार लूटने के प्रयास में रहती है।भाजपा के महानगर अध्यक्ष अभिषेक मिश्रा कहते हैं कि विपक्षियों का काम सिर्फ आरोप लगाना है। हमारी जो होर्डिंग लगी है, उससे दिख रहा है कि फर्क साफ है। रामलला टेंट में थे आज उनका भव्य मंदिर बन रहा है। यही फर्क साफ है। जब हम फर्क जनता को दिखा रहे हैं तो विपक्षी बौखला गए हैं। पिछली सरकारों से हमारा काम बेहतर हुआ है।(इनपुट- एजेंसी)
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कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली का दावा, राजनीति में सफल नहीं हो पाएंगे रजनीकांत
वीरप्पा मोइली ने दावा किया है कि तमिल फिल्मों के सुपरस्टार रजनीकांत दक्षिणी राज्य की राजनीति में सफल नहीं हो पाएंगे और वहां द्रविड़ संस्कृति के लोकाचार हमेशा आगे रहे हैं।
बेंगलुरू: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एम वीरप्पा मोइली ने दावा किया है कि तमिल फिल्मों के सुपरस्टार रजनीकांत दक्षिणी राज्य की राजनीति में सफल नहीं हो पाएंगे और वहां द्रविड़ संस्कृति के लोकाचार हमेशा आगे रहे हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेस का तमिलनाडु में "स्वतंत्र अस्तित्व" नहीं हो सका और उसने हमेशा अन्नाद्रमुक या द्रमुक के साथ गठबंधन किया। मोइली ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि रजनीकांत राजनीति में सफल हो पाएंगे क्योंकि द्रविड़ संस्कृति का लोकाचार तमिलनाडु की राजनीति में हमेशा आगे रहा है।" मोइली ने कहा, "तमिलनाडु में कोई भी राजनीतिक पार्टी किसी तमिल पार्टी, क्षेत्रीय पार्टी से जुड़े बिना नहीं टिक सकती।’’ मोइली ने कहा कि रजनीकांत ने पहले ही ऐसी धारणा दी है कि वह कमोबेश भाजपा के आदर्शों के साथ जुड़े हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जब तक रजनीकांत फिर से द्रविड़ संस्कृति के लोकाचार से बाहर नहीं आते, मुझे नहीं लगता कि उनका कोई (राजनीतिक) भविष्य होगा।"बता दें कि कि रजनीकांत ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि वह तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए जनवरी 2021 में एक राजनीतिक पार्टी की शुरूआत करेंगे। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी आध्यात्मिक राजनीति करेगी और वह लोगों के कल्याण के लिए राजनीति में उतर कर अपनी जिंदगी को खतरे में डालने के लिए भी तैयार हैं। रजनीकांत ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी 2021 विधानसभा चुनाव लड़ेगी और जीत दर्ज करेगी। तमिलनाडु में अगले वर्ष अप्रैल-मई के बीच विधानसभा चुनाव होने हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि उनका दल जनता के भारी सहयोग से चुनाव जीतेगा। रजनीकांत ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, ‘‘आने वाले विधानसभा चुनाव में ,यकीनन आध्यात्मिक राजनीति का उद्भव होगा। एक चमत्कार होगा।’’ उन्होंने कहा कि इस संबंध में घोषणा 31दिसंबर को की जाएगी। अभिनेता ने बाद में पोएस गार्डन के अपने आवास पर संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि उन्होंने 31 दिसंबर 2017 में घोषणा की थी कि वह 2021 विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक पार्टी का गठन करेंगे और राज्य के सभी 234 विधानसभा सीट से प्रत्याशी उतारेंगे। रजनीकांत ने कहा कि उन्होंने 2016 में गुर्दा प्रतिरोपण कराया था और चिकित्सकों ने उन्हें महामारी को देखते हुए राजनीति में नहीं आने की सलाह दी क्योंकि इसके लिए प्रचार करना होगा, उन्होंने कहा कि इस बात ने उन्हें राजनीति में आने के प्रश्न पर फिर से सोचने को मजबूर किया। उन्होंने कहा कि वर्षों पहले जब वे अस्वस्थ थे और सिंगापुर में उनका इलाज चल रहा था, तो तमिलनाडु की जनता की प्रार्थनाएं ही उन्हें वापस ले कर आई थीं। उन्होंने कहा कि लोगों के प्यार को देखते हुए अगर राजनीति में उनके आगाज से उनकी जिंदगी खतरे में पड़ती है अथवा थमती है, तो भी उन्हें खुशी होगी क्योंकि उनके राजनीतिक यात्रा का मकसद लोगों का कल्याण करना है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पूर्व नेता टी मनियन प्रस्तावित पार्टी में और उसकी शुरुआत के लिए निरीक्षक की भूमिका निभाएंगे।
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Rajat Sharma’s Blog: हिंदुओं के खिलाफ शरजील के जहरीले बयान पर चुप क्यों है शिवसेना?
केसरिया बाने को अपनी पहचान बताने वाली शिवसेना अब अपने गढ़ पुणे में दिए गए शरजील उस्मानी के जहरीले बयानों पर चुप रहने को मजबूर है।
कल मैंने हिंदुओं के खिलाफ शरजील उस्मानी के जहरीले बयानों को सुना। शरजील अलीगढ़ में अपने जहरीले बयानों के बाद सुर्खियों में आया था। उस पर भड़काऊ बयान देने के कई मामले दर्ज हैं।पुणे पुलिस ने मंगलवार को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के इस पूर्व छात्र नेता के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है। उसके ऊपर 30 जनवरी 2021 को पुणे में आयोजित एल्गार परिषद की बैठक में हिंदुओं के खिलाफ भड़काऊ बयान देने का आरोप है। इस भाषण का वीडियो देखने और मामले की प्राथमिक जांच के बाद उस्मानी के खिलाफ IPC की धारा 153 A (विभिन्न समूहों के बीच संप्रदाय के आधार पर दुश्मनी को बढ़ावा देना) के तहत एक मामला दर्ज किया गया है।शरजील उस्मानी को यूपी पुलिस ने दिसंबर 2019 में अलीगढ़ में भड़काऊ भाषण देने और दंगा भड़काने के आरोपों में गिरफ्तार किया था, जिसके बाद अदालत ने उसे जमानत पर रिहा कर दिया था। तब से अलीगढ़ जिले में उसके प्रवेश करने पर रोक लगी हुई है। अब शरजील देशभर में मुसलमानों के बीच भड़काऊ भाषण देने में व्यस्त है।मंगलवार रात अपने प्राइम टाइम शो ‘आज की बात’ में हमने आपको शरजील के जहरीले भाषण का वीडियो दिखाया था। इस वीडियो में वह हिंदुओं को लेकर भड़काऊ बातें कह रहा था और बदला लेने की धमकी भी दे रहा था। आखिर उसने ऐसा क्या कहा था?शरजील ने मोदी विरोधी और लेफ्ट समर्थक बुद्धिजीवियों की एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा, ‘मैं राष्ट्रवाद को नहीं मानता हूं। मैं इस बात को बिल्कुल साफ कर देता हूं और मैं खासतौर पर यही बात करने आया हूं। इससे पहले मैं हल्की-फुल्की बात कर रहा था। आज मैं साफ-साफ कहना चाहता हूं कि हिंदुस्तान में हिंदू समाज बुरी तरीके से सड़ चुका है। 14 साल के जुनैद हाफिज को चलती ट्रेन में एक भीड़ 31 बार चाकू मारकर कत्ल कर देती है, लेकिन कोई 14 साल के बच्चे को बचाने नहीं आता है। दूसरों की लिंचिंग करने वाले ये लोग हमारे और आपके बीच में से आते हैं, लेकिन अब यह इतना नॉर्मल हो गया है कि कोई भी इस तरह की लिंचिंग पर सवाल नहीं उठाता।’उसने कहा, ‘पहले हिंदुस्तान में मुसलमान को कत्ल करने के लिए वजह चाहिए होती थी। तब वे कहते थे कि ये इंडियन मुजाहिदीन से जुड़ा हुआ था, ये सिमी का मेंबर है। ऐसी कहानियां बनाई जाती थीं कि फलाने बम धमाके में इसका लिंक रहा होगा। उसके बाद मुसलमानों को कत्ल करना या उनके ऊपर जुल्म करना जायज करार दिया जाता था। अब वे मुसलमानों को मार देते हैं, इसके लिए उन्हें किसी बहाने की जरूरत नहीं है।’शरजील ने कहा, 'कोई गोश्त खा रहा है, बकरी है, चिकन है या बीफ है, कोई फर्क नहीं, मार देंगे। आप ट्रेन में जा रहे हैं, सीट मांगेंगे, नहीं दोगे तो मार देंगे। यह धमकी है हमारी तरफ से हिंदू समाज के लोगों के लिए। आप समझिए इस बात को। इंसान कितना भी कमज़ोर हो, कोई भी ज़िंदा चीज़ चाहे वह इंसान हो या जानवर, अगर आप उसकी ज़िंदगी से खिलवाड़ करेंगे तो पलट कर एक बार जवाब ज़रूर देगा। अमूमन छिपकली किसी को काटती नहीं, छेड़ कर देखिए दो बार, काट लेगी। तो इतना भी न करिए कि पलटकर जवाब देना पड़े। एल्गार का मतलब होता है जंग का ऐलान, और जंग का ऐलान तभी कर सकते हैं जब हमारे बीच में लोग शहादत देने के लिए तैयार हों, बलिदान देने को तैयार हों।एएमयू का यह पूर्व छात्र नेता यहीं पर नहीं रुका। एल्गार परिषद की बैठक में उसने आगे कहा, ‘हिंदुस्तान में पिछले 6 सालों में इस्लाम और मुसलमानों पर लगातार हमले हुए हैं। कोई भी हमारे मज़हब पर कुछ भी बोलकर जा सकता है। चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी में इसी महीने एक सेमिनार हुआ, जिसमें एक स्पीकर ने खुले तौर पर कहा कि इंसान कुरान पढ़ेगा तो हैवान बन जाएगा। हम अगले चार सालों में एक हिंदू राष्ट्र बनाएंगे और उसके बाद आप देखिएगा कि मुसलमानों की कोई औकात नहीं रह जाएगी। ये जो लोग हैं आपके (हिंदू) समाज को इस तरीके से सड़ा रहे हैं और आपके बच्चे ऐसे समारोहों में जा रहे हैं। हमारी (मुसलमानों की) उंगली दोनों की तरफ होगी। आप खींचकर अपने लोगों को वहां से निकालिए और हम खींचकर अपने लोगों को ऐसी जगहों से निकालेंगे।’शरजील उस्मानी ने ये बातें नक्सल समर्थक लेखिका अरुंधति रॉय, पूर्व आईपीएस अफसर एस एम मुशरफ और रिटायर्ड जज बी जी कोलसे पाटिल की मौजूदगी में कहीं। ये बयान दिवंगत बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना द्वारा शासित राज्य में दिए गए, जो कभी हिंदुत्व पर अपना पेटेंट होने का दावा करती थी और बीजेपी की तुलना में कहीं ज्यादा कट्टरपंथी थी। लेकिन देखिए, राजनीतिक मजबूरियों ने शिवसेना को कितना बदल दिया।केसरिया बाने को अपनी पहचान बताने वाली शिवसेना अब अपने गढ़ पुणे में दिए गए शरजील उस्मानी के जहरीले बयानों पर चुप रहने को मजबूर है। छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर बनी शिवसेना अब इस मुद्दे पर खामोश है और शरजील के बयानों की निंदा करने के लिए कोई भी शिवसैनिक केसरिया झंडा लेकर सड़कों पर नहीं उतरा।शरजील का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद एक स्थानीय वकील ने पुणे के स्वारगेट पुलिस स्टेशन में एक FIR दर्ज करवाई है। बीजेपी भी इस मुद्दे पर आक्रामक हो गई है और उसने आरोप लगाया है कि शिवसेना-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-कांग्रेस की महाविकास आघाड़ी सरकार उस्मानी के खिलाफ नरम रुख अख्तियार कर रही है।शिवसेना के खिलाफ सबसे तीखी टिप्पणी भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने की। उन्होंने कहा, ‘एक बाहरी व्यक्ति महाराष्ट्र में आता है और हिंदू समुदाय की भावनाओं का अपमान करता है। क्या महाराष्ट्र में मुगलों का शासन है, कि कोई भी आकर हिंदुओं का अपमान करके बगैर किसी कार्रवाई का सामना किए चला जाता है?’महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के लिखे एक पत्र में फडणवीस ने कहा, ‘30 जनवरी को पुणे में एल्गार परिषद के कार्यक्रम में शरजील उस्मानी द्वारा हिंदू समुदाय के खिलाफ दिया गया बयान अपमानजनक, आपत्तिजनक और बेहद गंभीर है। इस पर राज्य सरकार को तुरंत सख्त कदम उठाने की जरूरत है। उसके द्वारा दिया गया बयान आपत्तिजनक और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने वाले थे। जब यह पता था कि एल्गार परिषद के पिछले कार्यक्रमों में क्या हुआ था, तो इस तरह के कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए थी। शरजील के भाषण से अब यह साफ हो गया है कि इस कार्यक्रम को अनुमति प्रदान करना कितना गलत था। यदि कार्यक्रम के लिए अनुमति दी गई थी तो वहां होने वाली चीजों को अनदेखा करना ठीक बात नहीं है।’कुछ इसी तरह की बात एनसीपी के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र सरकार के मंत्री छगन भुजबल ने कही। उन्होंने कहा कि (उस्मानी को) बोलते वक्त संयमित रहना चाहिए था और जब धर्म की बात हो तो शब्दों का चयन सोच-समझकर करना चाहिए था।अगर यह बाला साहेब ठाकरे का जमाना होता तो महाराष्ट्र की धरती पर, पुणे जैसे सांस्कृतिक शहर में कोई ऐसी बात कहकर नहीं जा सकता था। शिवसेना इसे हल्के में नहीं लेती लेकिन इस वक्त महाराष्ट्र में शिवसेना का चीफ मिनिस्टर है, उद्धव ठाकरे की सरकार है। इसके बाद भी उस्मानी के खिलाफ एक्शन की बात तो दूर, शिवसेना का कोई नेता इस भड़काऊ बयान की निंदा तक करने के लिए सामने नहीं आया। 2018 में इसी शिवसेना ने एल्गार परिषद के पहले कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोगों को राष्ट्र-विरोधी और आतंकवादी कहा था। शिवसेना ने तब एल्गार परिषद की तुलना अल कायदा से की थी।उद्धव ठाकरे को एक बार फिर पढ़ना चाहिए कि उस वक्त शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में क्या-क्या लिखा गया था। शिवसेना तब बीजेपी के साथ थी और उसने खुलकर कड़ा रुख अपनाया था, लेकिन अब समय बदल गया है। अब कांग्रेस और एनसीपी के साथ शिवसेना का गठबंधन है और अपनी सरकार बचाने के लिए पार्टी ने चुप रहने का फैसला किया है। इस चुप्पी के पीछे राजनीतिक मजबूरी है। पहले शिवसेना के नेता कुर्सी के लिए बोलते थे, और अब कुर्सी को बचाने के लिए चुप रहते हैं। शिवसेना की खामोशी ये साबित करती है कि राजनीति में विचारधारा कोई मायने नहीं रखती। सत्ता के समीकरण ही पार्टी के विचार और पार्टी की विचारधारा तय करते हैं। (रजत शर्मा)देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 02 फरवरी, 2021 का पूरा एपिसोड
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नई दिल्ली-कानपुर शताब्दी सुपरफास्ट समेत चलेंगी कई ट्रेनें, शेड्यूल-टाइमिंग समेत ये है पूरी डिटेल
उत्तर रेलवे ने नई दिल्ली-कानपुर शताब्दी सुपरफास्ट स्पेशल ट्रेन, प्रयागराज-उधमपुर, ग्वालियर-बरौनी, टनकपुर-सिंगरौली तथा टनकपुर-शक्तिनगर के बीच स्पेशल रेलगाड़ियों के संचालन की जानकारी दी है।
नई दिल्ली। यात्रियों को सुरक्षित और आराम दायक सफर देने के लिये तत्पर भारतीय रेलवे आगामी 1 फरवरी से 27 फरवरी तक नई दिल्ली से कानपुर के बीच शताब्दी सुपरफास्ट स्पेशल ट्रेन शुरू करने जा रही है। सप्ताह में 6 दिन चलने वाली यह शताब्दी सुपरफास्ट स्पेशल ट्रेन यात्रियों को राहत देते हुए उनकी सुविधाजनक यात्रा सुनिश्चित करेगी। ये जानकारी खुद रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर दी है। साथ ही उत्‍तर रेलवे ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से प्रयागराज-उधमपुर, ग्वालियर-बरौनी, टनकपुर-सिंगरौली तथा टनकपुर-शक्तिनगर के बीच स्पेशल रेलगाड़ियों के संचालन की भी जानकारी दी है।नई दिल्ली-कानपुर सेंट्रल-नई दिल्ली शताब्दी एक्सप्रेस स्पेशल सप्ताह में 6 दिन चलेगीट्रेन संख्या 04131/04132 प्रयागराज-उधमपुर-प्रयागराज सुपर फास्ट स्पेशल एक्सप्रेस सप्ताह में 2 दिन चलेगीट्रेन संख्या 04185/04186 ग्वालियर-बरौनी-ग्वालियर दैनिक स्पेशल एक्सप्रेस ट्रेन सं. 05074/05073 टनकपुर-सिंगरौली-टनकपुर स्पेशल एक्सप्रेस सप्ताह में 3 दिन चलेगीट्रेन संख्या 05076/05075 टनकपुर-शक्तिनगर-टनकपुर स्पेशल एक्सप्रेस सप्ताह में 3 दिन चलेगी
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Rajat Sharma’s Blog: कोरोना काल में स्कूलों के दोबारा खुलने पर मां-बाप और शिक्षक ये सावधानियां बरतें
राज्य सरकारों ने बच्चों की जिम्मेदारी स्कूलों पर डाल दी है, और स्कूलों के मैनेजमेंट ने ये जिम्मेदारी अभिभावकों पर डाल दी है।
भारत के कई राज्यों में लगभग 17 महीने के बाद स्कूल फिर से खुल गए हैं। ज्यादातर छात्र एक बार फिर अपने स्कूल में जाकर और अपने पुराने दोस्तों से मिलकर बेहद खुश नजर आए। हालांकि ज्यादातर अभिभावकों के मन में कोविड-19 को लेकर बैठे डर के कारण स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति काफी कम थी। स्कूलों के प्रबंधन ने सोशल डिस्टैंसिंग, अल्टरनेट सिटिंग अरेंजमेंट, व्यवस्थित लंच ब्रेक, थर्मल स्क्रीनिंग और मास्क पहनने जैसी चीजों को कड़ाई से लागू किया, लेकिन अभिभावक इस बात को लेकर आशंकित थे कि क्या ये उपाय उनके बच्चों को कोरोना वायरस से संक्रमित होने से रोक पाएंगे।महामारी की संभावित तीसरी लहर को लेकर भी अभिभावकों के मन में सवाल हैं। ICMR (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) की एक रिपोर्ट कहती है कि देश में कोरोना की तीसरी लहर आएगी और यह अक्टूबर में अपने पीक पर पहुंच सकती है। ऐसे में कई अभिभावक सवाल उठा रहे हैं कि जब एक महीने बाद तीसरी लहर आनी ही है तो अभी स्कूलों को खोलने की क्या जरूरत थी। वहीं, आईआईटी कानपुर की एक अन्य रिसर्च में कहा गया है कि फिलहाल तीसरी लहर आने की कोई संभावना नहीं है।अब बच्चों के माता-पिता पसोपेश में हैं कि आखिर किसके दावे पर यकीन करें। लोग इस बात को लेकर डरे हुए हैं कि अगर तीसरी लहर आई और उसका असर बच्चों पर हुआ तो उन्हें कैसे बचाएंगे। अमेरिका से खबरें आईं है कि वहां तीसरी लहर में बच्चे बड़ी संख्या में कोरोना वायरस का शिकार हो गए हैं। बच्चों की कोरोना वैक्सीन को लेकर भी अनिश्चितताएं हैं, और उसका आना भी अभी बाकी है। अभिभावक इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि बच्चों को वैक्सीन की 2 डोज लगवाने के बाद ही स्कूल भेजें या बगैर वैक्सीन लगाए ही स्कूल भेजना शुरू करें।राज्य सरकारों ने बच्चों की जिम्मेदारी स्कूलों पर डाल दी है, और स्कूलों के मैनेजमेंट ने ये जिम्मेदारी अभिभावकों पर डाल दी है। आज देश भर के परिवारों में इस बात को लेकर असमंजस है कि बच्चों को स्कूल भेजा जाए या फिर घर पर ही ऑनलाइन पढ़ाई करवाई जाए और हालात के ठीक होने का इंतजार किया जाए।1 सितंबर को दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान और तमिलनाडु के स्कूल सख्त एसओपी (standard operating protocol) दिशानिर्देशों के तहत फिर से खुल गए, लेकिन छात्रों की उपस्थिति काफी कम थी। ज्यादातर लोगों ने अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजने का फैसला किया। जहां तक बच्चों का सवाल है, तो वे डेढ़ साल से भी ज्यादा समय के बाद स्कूल लौट कर अपने पुराने दोस्तों से मिलने पर बेहद खुश नज़र आए।मुझे बहुत से लोग मिले, जो अपने बच्चों को लेकर परेशान हैं। उन्होंने मुझे बताया कि पिछले 17 महीनों के दौरान घर में रहने से बच्चों का सामाजिक विकास रुक गया है और उनके सामाजिक आचरण में काफी बदलाव आया है। घर में ऑनलाइन क्लासेज हो रही हैं, बाहर खेलना-कूदना बंद है, इसलिए वे सिर्फ टीवी और मोबाइल पर अपना ज्यादा वक्त बिताते हैं। छोटे छोटे बच्चे अपना ज्यादातर समय मोबाइल फोन और लैपटॉप पर लगाते हैं, इसके कारण उनके मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। छोटे बच्चे बोलना नहीं सीख पा रहे हैं और उनकी स्पीच थेरेपी करानी पड़ रही है। आजकल के टीनेजर्स काफी जल्दी गुस्सा हो जाते हैं और बाहरी दुनिया के संपर्क में न आने के कारण वे चिड़चिड़े हो गए हैं।बुधवार की रात अपने प्राइम टाइम शो 'आज की बात' में मैंने AIIMS के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया का इंटरव्यू लिया और उनसे महामारी की तीसरी लहर की संभावना के बारे में पूछा। उन्होंने कहा कि तीसरी लहर की संभावना अभी भी मौजूद है क्योंकि भारत में अधिकांश लोगों को अभी भी वैक्सीन लगनी बाकी है, इसके कारण बड़ी संख्या में लोगों के शरीर में एंटीबॉडी नहीं बन पाए हैं। डॉ. गुलेरिया ने कहा कि अगर तीसरी लहर आती है तो हो सकता है कि कोरोना के मामलों में इजाफा हो, लेकिन दूसरी लहर की तुलना में इस बार अस्पताल में भर्ती होने वालों और जान गंवाने वालों की संख्या में कमी देखने को मिल सकती है।डॉ. गुलेरिया ने कहा कि अब तक किए गए सीरो सर्वे के मुताबिक, ज्यादातर लोगों ने वैक्सीन की एक डोज ले ली है, और अगर तीसरी लहर आती है तो गंभीर बीमारी के बहुत ज्यादा मामले सामने नहीं आएंगे। उन्होंने बताया कि आमतौर पर कोविड की वैक्सीन गंभीर बीमारी, अस्पताल में भर्ती होने और मौतों से सुरक्षा प्रदान करती हैं। उन्होंने कहा, ICMR मॉडलिंग डेटा में अक्टूबर से जनवरी तक तीसरी लहर की रेंज दिखाई गई है, जबकि अन्य मॉडलिंग डेटा में कई वेरिएबल्स के आधार पर दूसरे निष्कर्ष सामने आए, हम ये नहीं जानते कि ये वेरिएबल्स क्या हैं।AIIMS डायरेक्टर ने मुझे बताया कि काफी कुछ कोरोना वायरस पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा, ' अगर ये वायरस अन्य वेरिएंट्स में बदल जाता है और फिर फैलता है, तो निश्चित रूप से मामलों की संख्या में वृद्धि होगी। यह बड़े पैमाने पर लोगों के व्यवहार पर भी निर्भर करता है। अगर भारत में लोग आने वाले त्योहारों के महीनों में कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन करते हैं, तो हो सकता है कि तीसरी लहर या तो बिल्कुल न आए या अगर आती भी है तो यह घातक नहीं होगी।'जब मैंने पूछा कि क्या संभावित तीसरी लहर बच्चों को ज्यादा प्रभावित कर सकती है, डॉ. गुलेरिया ने कहा, ‘तीसरी लहर की चपेट में बच्चों के ज्यादा आने की बात इसलिए कही जा रही थी क्योंकि अब तक किसी भी बच्चे का वैक्सीनेशन नहीं हो पाया है। अगर हम भारत, यूरोप और ब्रिटेन में दूसरी लहर के आंकड़ों पर गौर करें तो हम पाएंगे कि बहुत कम बच्चे इस वायरस से प्रभावित हुए थे और उनमें गंभीर रूप से बीमार होने के मामले बहुत कम थे।’डॉ. गुलेरिया ने कहा, ‘कोविड की चपेट में आने वाले स्वस्थ बच्चों को आमतौर पर हल्के संक्रमण का सामना करना पड़ा। इसके अलावा ICMR सीरो सर्वे के आंकड़े बताते हैं कि 55 से 60 फीसदी बच्चों में पहले से ही वायरस के खिलाफ मजबूत एंटीबॉडी विकसित हो चुकी है। इसका मतलब है कि आधे से भी ज्यादा बच्चे पहले ही कोरोना से संक्रमित हो चुके थे और उनके शरीर में एंटीबॉडी बन गई है । इसलिए कुल मिलाकर अब हम कह सकते हैं कि काफी संख्य़ा में बच्चों में एंटीबॉडी विकसित हो चुकी है। ऐसे में अगर तीसरी लहर आती भी है तो हो सकता है कि बच्चे गंभीर रूप से बीमार न हों और उन्हें हल्के संक्रमण का ही सामना करना पड़े।’जब मैंने पूछा कि क्या मां-बाप को अभी अपने बच्चों को स्कूल भेजना चाहिए या नहीं, एम्स निदेशक ने कहा, ‘ मां-बाप अपने बच्चों को उन राज्यों के स्कूलों में भेज सकते हैं जहां पॉजिटिविटी रेट कम है, जैसे कि दिल्ली में। फिर भी छात्रों को स्कूलों में कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन करना चाहिए, और शिक्षकों एवं स्कूल के सभी कर्मचारियों को वैक्सीन लगवा लेनी चाहिए।’डॉ. गुलेरिया ने कहा, ‘स्कूलों को 50 पर्सेंट अटेंडेंस के साथ या अलग-अलग शिफ्ट में शुरू करना चाहिए, और छात्रों को हैंड सैनिटाइजर समेत कोरोना से बचाव के लिए अन्य चीजें देनी चाहिए। स्कूल उन्हीं इलाकों में खोले जाने चाहिए, जहां पॉजिटिविटी रेट कम है। इसकी लगातार मॉनिटरिंग की जानी चाहिए और पॉजिटिविटी रेट में बढ़ोत्तरी पाए जाने पर स्कूलों को बंद भी किया जाना चाहिए । स्कूल खोलने का मतलब यह नहीं है कि हम उन्हें स्थायी रूप से खोल रहे हैं, इसके पीछे जोखिम और फायदे वाली एनालिसिस है। हमें स्कूलों को केवल कम पॉजिटिविटी रेट वाले इलाकों में खोलने की इजाजत देनी चाहिए, और वह भी कड़ी निगरानी और कोविड उपयुक्त व्यवहार का पूरी तरह पालन करते हुए।’जब मैंने बताया कि अमेरिका में महामारी फिर से फैल गई है और पिछले 15 दिनों के दौरान रोजाना 2 लाख मामले सामने आ रहे हैं, और बच्चे भी बड़े पैमाने पर संक्रमित हो रहे हैं, तो AIIMS डायरेक्टर ने कहा: 'यह सच है कि अमेरिका में अब डेल्टा वेरिएंट के मामले बढ़ रहे हैं। अमेरिका में कुछ राज्य ऐसे भी थे जहां कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन नहीं किया जा रहा था, लोगों ने मास्क पहनना बंद कर दिया था और वे पार्टियों में जाने लगे थे। हमें इन देशों से सीखना चाहिए और जो गलतियां वहां की गई हैं, उनसे बचना चाहिए।'बच्चों के वैक्सीनेशन पर डॉ. गुलेरिया ने कहा, 'अगर हम सभी बच्चों के वैक्सीनेशन का इंतजार करते रहे, तो हम अगले साल तक स्कूल नहीं खोल पाएंगे। उस समय भी अगर कोई नया वेरिएंट सामने आ जाता है तो बच्चों को बूस्टर डोज देने को लेकर सवाल उठने लगेंगे। यदि हम वैक्सीन और नए वेरिएंट्स की राह देखते रहे तो स्कूलों को लंबे समय तक नहीं खोल पाएंगे।'उन्होंने कहा, '12 साल और उससे ज्यादा की उम्र के बच्चों के लिए पहले से ही ZyCov-D वैक्सीन को मंजूरी दी जा चुकी है। इसी तरह, भारत बायोटेक का टीनेजर्स पर कोवैक्सिन का ट्रायल पहले ही पूरा हो चुका है और उसका विश्लेषण जारी है। एक बार ये टीके आने के बाद, 12 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के बच्चों को टीका लगाया जा सकता है। यहां तक कि अमेरिका की फाइजर कंपनी का टीका भी भारत में बच्चों को दिया जा सकता है। इसलिए, इस समय भारत के कई राज्यों में स्कूलों को फिर से खोलने से जोखिम कम है, और फायदा ज्यादा है। हम स्कूलों के फिर से खुलने के लिए अनंतकाल तक इंतजार नहीं कर सकते।'डॉ. गुलेरिया ने अपने इंटरव्यू में जो कुछ कहा है, उसे भारत में स्कूल जाने वाले बच्चों के मां-बाप को ध्यान से सुनना चाहिए। पहला, स्कूलों को केवल उन्हीं इलाकों में फिर से खोला जाना चाहिए जहां पॉजिटिविटी रेट बहुत कम है, दूसरा, सभी स्कूलों को कोविड उपयुक्त व्यवहार का सख्ती से पालन करना चाहिए, और तीसरा, यदि स्कूल कड़ी देखरेख में कम पॉजिटिविटी रेट वाले इलाकों में फिर से खोले जाते हैं तो रिस्क कम है और फायदा ज्यादा है।डॉ. गुलेरिया ने सही कहा कि हम स्कूलों के फिर से खुलने के लिए अनंतकाल तक इंतजार नहीं कर सकते। टीनेजर्स के लिए वैक्सीन पहले ही बनाई जा रही है, और स्कूल अब सख्त कोविड उपयुक्त व्यवहार और कड़ी निगरानी का पालन करते हुए शुरू हो सकते हैं। बच्चों को उनके व्यक्तित्व विकास के लिए स्कूलों में भेजना जरूरी है, लेकिन माता-पिता को भी उन पर निगरानी बनाए रखनी चाहिए। स्कूलों में जहां बच्चों को मास्क पहनना चाहिए, भीड़-भाड़ से बचना चाहिए और बार-बार हाथ धोने चाहिए, वहीं शिक्षकों और स्कूल के कर्मचारियों को वैक्सीन लगवा लेनी चाहिए। (रजत शर्मा)देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 01 सितंबर, 2021 का पूरा एपिसोड /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = 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सऊदी अरब में हिंदू को मुस्लिम बताकर दफनाया, दिल्ली हाईकोर्ट ने विदेश मंत्रालय से मांगी रिपोर्ट
सऊदी अरब में ट्रांसलेशन की गलती की वजह से एक हिंदू को मुस्लिम समझकर दफना दिया गया। शख्स के डेथ सर्टिफिकेट में हिंदू की जगह मुस्लिम लिख दिया गया था। इस मामले में पीड़ित परिवार अब हाईकोर्ट की शरण में पहुंचा है।
नई दिल्ली: सऊदी अरब में ट्रांसलेशन की गलती की वजह से एक हिंदू को मुस्लिम समझकर दफना दिया गया। शख्स के डेथ सर्टिफिकेट में हिंदू की जगह मुस्लिम लिख दिया गया था। इस मामले में पीड़ित परिवार अब हाईकोर्ट की शरण में पहुंचा है। दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में विदेश मंत्रालय से स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। जानकारी के मुताबिक सऊदी अरब में काम करनेवाले संजीव कुमार की हार्ट अटैक की वजह से 24 जनवरी को मौत हो गई थी। संजीव कुमार का परिवार उनके अंतिम संस्कार के लिए शव का इंतजार करता रहा वहीं सऊदी अरब में उनके के डेथ सर्टिफिकेट में हिंदू की जगह मुस्लिम लिख दिया गया जिसकी वजह से उन्हें दफना दिया गया। अब संजीव कुमार की पत्नी अंजू शर्मा ने दिल्ली हाईकोर्ट की शरण ली है और अपने पति का शव वापस मंगाने की गुहार की है। दिल्ली हाईकोर्ट की जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने इस मामले में विदेश मंत्रालय के अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है।उन्होंने आदेश दिया है कि विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी कोर्ट की इस कार्यवाही में शामिल हों स्टेटस रिपोर्ट रखें। कोर्ट ने सरकार के वकील की तरफ से इस मामले में जवाब दाखिल किए जाने के लिए 10 दिनों का समय मांगे जाने की दलील को सिरे से खारिज कर दिया। अब बृहस्पतिवार को इस मामले की सुनवाई होगी। संजीव कुमार हिमाचल के ऊना के रहनेवाले थे और वे पिछले 23 वर्षों से सऊदी अरब में ट्रक ड्राइवर के तौर पर काम करते थे। 24 जनवरी को हार्ट अटैक से निधन के बाद उनका शव जिजान में बीश जनरल हॉस्पिटल में रखा गया था।
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Unlock 4: Metro Trains के लिए SOP जारी करेगा शहरी मंत्रालय
अधिकारियों ने कहा कि मेट्रो ट्रेनों का परिचालन शुरू होने पर मास्क पहनने और सामाजिक दूरी के नियमों का कड़ाई से पालन किया जाएगा।
नई दिल्ली. केंद्रीय आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय Unlock-4 के दिशा-निर्देशों के तहत मेट्रो ट्रेनों के परिचालन के लिए बुधवार को विस्तृत मानक संचालन प्रक्रियाएं (एसओपी) जारी कर सकता है। मंत्रालय के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने एसओपी को अंतिम रूप देने के लिए मंगलवार को सभी मेट्रो रेल निगमों के प्रबंध निदेशकों के साथ बैठक की। मेट्रो ट्रेनों का परिचालन क्रमिक तरीके से किया जाएगा।पढ़ें- Coronavirus in Delhi: फिर मिले 2 हजार से ज्यादा मरीज, एक्टिव केस- 15,870एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने मेट्रो के प्रबंध निदेशकों के सुझाव सुने, जिन पर विचार किया जाएगा। एसओपी का मसौदा तैयार कर लिया गया है और बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय के साथ इस पर चर्चा की जाएगी। गृह मंत्रालय के साथ विचार-विमर्श करके एसओपी को अंतिम रूप दिया जाएगा।’’पढ़ें- Coronavirus: भारत में हो चुकी है 65 हजार से ज्यादा मौतें, खतरा बढ़ा लेकिन इस तरह बचाई जा सकती हैं लाखों जिंदगियांअधिकारियों ने कहा कि मेट्रो ट्रेनों का परिचालन शुरू होने पर मास्क पहनने और सामाजिक दूरी के नियमों का कड़ाई से पालन किया जाएगा। पढ़ें- इस राज्य में प्रवेश करने वाले सभी यात्रियों की कोरोना जांच होगीउन्होंने कहा कि मेट्रो यात्रियों को कोविड-19 रोधी उपायों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाया जाएगा। अधिकारी ने कहा कि देश में 17 मेट्रो निगम हैं। मंत्रालय द्वारा विस्तृत एसओपी जारी किये जाने के बाद वे स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप अपना ब्योरा जारी कर सकते हैं। दिल्ली मेट्रो रेल निगम ने पिछले सप्ताह कहा था कि वह सात सितंबर से क्रमिक तरीके से मेट्रो सेवाएं बहाल करेगा।
hindi_2022_10864
मीडिया आज है कल नहीं रहेगी, सरकार की बात मान लो... हाथरस डीएम का वीडियो वायरल
हाथरस में दलित युवती के साथ हुए गैंगरेप मामले में जिले के डीएम प्रवीन लक्षकार का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वह परिजनों को धमकाते दिखाई दे रहे हैं।
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में एक दलित युवती के साथ हुए गैंगरेप के बाद से बवाल मचा हुआ है। इस बीच जिले के डीएम प्रवीन लक्षकार का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वह परिजनों को धमकाते दिखाई दे रहे हैं। डीएम का जो वीडियो सामने आया है उसमें वे पीड़ित परिवार से यह कहते हुए सुना गया कि मीडिया आज है, लेकिन कल नहीं होगा... इसलिए यह उन पर निर्भर था कि वे अपना बयान बदलें या नहीं। लोगों में हाथरस गैंगरेप को लेकर नाराजगी बढ़ती जा रही है। सोशल मीडिया में वायरल वीडियो में डीएम प्रवीन लक्षकार ने कहा- 'अपनी विश्वसनीयता बनाए रखिए। मीडिया आज यहां है, कल नहीं रहेगी। सब चले जाएंगे। आप सरकार की बात मान लो। आप बार-बार बयान बदलकर ठीक नहीं कर रहे हैं। आपकी क्या इच्छा है। क्या पता कल हम ही बदल जाएंगे।"पीड़िता के साथ बलात्कार जैसी कोई घटना नहीं हुई- यूपी ADG प्रशांत कुमारहाथरस मामले को लेकर यूपी के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बड़ा बयान दिया है। प्रशांत कुमार ने कहा है कि हाथरस मामले की पीड़िता के साथ बलात्कार या सामूहिक बलात्कार जैसी कोई घटना नहीं हुई। उन्होंने आगे कहा कि लड़की की मौत गर्दन में चोट लगने और मानसिक आघात के कारण हुई। सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने और जातीय हिंसा भड़काने के लिए कुछ लोग तथ्यों को गलत तरीके से पेश कर रहे हैं। हम देखेंगे कि ऐसा कौन कर रहा है।सामने आई पोस्टमार्टम रिपोर्टगौरतलब है कि, हाथरस गैंगरेप पीड़िता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आ गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़िता की गर्दन पर चोट के निशान हैं और हड्डियां भी टूटी हुई हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि पीड़िता के साथ किस तरह की दरिंदगी की गई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक पीड़िता की जीभ काट दी गई थी और उसके गले, रीढ़ की हड्डी को भी आरोपियों ने तोड़ दिया था। ये रिपोर्ट दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल की तरफ से जारी की गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार एक बार नहीं बल्कि, कई बार पीड़िता का गला दबाने की कोशिश की गई थी।जानिए क्या है पूरा मामला?आरोपों के मुताबिक हाथरस जिले के थाना चंदपा इलाके के एक गांव में 14 सितंबर को चार लोगों ने 19 साल की दलित युवती से दुष्कर्म किया था। वारदात के बाद आरोपियों ने पीड़ित की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी और उसकी जीभ काट दी। दिल्ली में इलाज के दौरान पीड़ित की मौत हो गई। इस मामले में चारों आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। हालांकि, पुलिस का दावा है कि गैंगरेप और जीभ काटने के आरोप गलत हैं। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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hindi_2022_10865
भारतीय वायुसेना ने लेह में हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर तैनात किए
हिंदुस्तान एयरॉनोटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने बुधवार को कहा कि वायुसेना के मिशन में सहयोग के लिए कम समय के नोटिस पर उसके द्वारा निर्मित दो हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (लेह के) ऊंचाई वाले स्थान पर तैनात किये गये हैं।
बेंगलुरु: हिंदुस्तान एयरॉनोटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने बुधवार को कहा कि वायुसेना के मिशन में सहयोग के लिए कम समय के नोटिस पर उसके द्वारा निर्मित दो हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (लेह के) ऊंचाई वाले स्थान पर तैनात किये गये हैं। एचएएल के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक आर माधवन ने कहा, ‘‘ सशस्त्र बलों की खास एवं विशिष्ट जरूरतों को पूरा करने के लिए विशेष डिजाइन के तहत विकसित यह दुनिया का सबसे हल्का लड़ाकू हेलीकॉप्टर (एलसीएच) है जो ‘आत्मनिर्भर भारत’ में एचएएल की अहम भूमिका को परिलिक्षत करता है।’’ यहां कंपनी के मुख्यालय ने एक बयान में कहा कि वायुसेना उपप्रमुख एयर मार्शल हरजित सिंह अरोड़ा ने हाल ही में एचएएल के टेस्ट पायलट विंग कमांडर (सेवानिवृत) सुभाष पी जॉन के साथ एक ऐसे अभियान में हिस्सा लिया और इस दौरान ऊंचाई वाले स्थान से इस हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर ने उड़ान भरकर एक छद्म लक्ष्य को भेदा। बयान में कहा गया है, ‘‘ उसके बाद वह हेलीकॉप्टर इसी क्षेत्र में बड़े ही जोखिम वाले एक हेलीपैड पर उतरा। एलसीएच ने बहुत ही कम तापमान वाले अग्रिम स्थानों पर तेज तैनाती के अपने कौशल का सफल परिचय दिया।’’ एचएएल के अनुसार एलसीएच अपनी अत्याधुनिक प्रणाली और उच्च सटीक हथियारों की वजह से बहुत ही अहम हथियार प्रणाली है। रात हो या दिन, वह किसी भी तरह के लक्ष्य को भेदने में समर्थ है। उसमें ऊंचाई वाले क्षेत्रों में समुचित हथियार ले जाने की क्षमता है। एचएएल ने कहा कि वायुसेना और सेना को करीब 160 ऐसे हेलीकॉप्टरों की जरूरत है। बयान के अनुसार रक्षा खरीद परिषद ने 15 ऐसे हेलीकॉप्टरों की प्रारंभिक खेप के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
hindi_2022_10866
Azam Khan News: दरोगा ने कहा, रामपुर आएं तो अंडरग्राउंड रहें कभी भी हो सकता है एनकाउंटर- आजम खान
घर पहुंचे आजम खान ने अखिलेश यादव को लेकर पूछे गए सवाल पर चुप्पी साधी। इशारों ही इशारों में आजम ने जमकर हमला भी बोला। शेरों-शायरी के जरिए उन्होंने कहा, मेरी तबाहियों में मेरे अपनों का हाथ।
Azam Khan News: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान आज 2 साल बाद जेल से रिहा होने के बाद अपने घर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से कहा कि जब वह जेल में थे तो उनसे एक दारोगा उनका बयान लेने आया था। इस दौरान दारोगा ने कहा था बचकर रहें। जमानत मिलने के बाद अगर रामपुर आएं तो भूमिगत रहें। आपका एनकाउंटर भी हो सकता है। घर पहुंचे आजम खान ने अखिलेश यादव को लेकर पूछे गए सवाल पर चुप्पी साधी। इशारों ही इशारों में आजम ने जमकर हमला भी बोला। शेरों-शायरी के जरिए उन्होंने कहा, मेरी तबाहियों में मेरे अपनों का हाथ। उन्होंने कहा, जेल में उन्हें एनकाउंटर की एक दारोगा ने धमकी भी दी थी। जमानत को लेकर आजम ने कहा मैंने यह साबित करने की कोशिश की थी कि मेरी ईमानदारी संदिग्ध नहीं है। मुझे सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिला। उन्होंने कहा कि उनके परिवार के साथ जो-जो जुल्म हुए उन्हें भूल नहीं सकते।'इस सरकार को हमसे इतनी नफरत क्यों है, ये समझ नहीं पा रहा हूं'उन्होंने कहा, मेरे शहर को उजाड़ दिया था, सिर्फ इसलिए कि यहां तुम्हारी आबादी है। तारीख को तोड़ा-मरोड़ा जा सकता है लेकिन भुलाया नहीं जा सकता। आजम खां ने कहा कि जो कुछ भी हमारे साथ जेल में हुआ है वो हमारे चेहरे से नजर आ रहा होगा। इस सरकार को हमसे इतनी नफरत क्यों है, मैं ये समझ नहीं पा रहा हूं। कभी मुलाकात होने पर यह जानने की कोशिश करूंगा।ज्ञानवापी मामले पर सवाल के जवाब में खां ने कहा कि बाबरी और ज्ञानवापी की सुनवाई में काफी अंतर है। बाबरी पर सालों बाद फैसला आया था। ज्ञानवापी पर सुप्रीम कोर्ट ने चंद दिनों में आदेश दिए है। आजम खां हर मुद्दे पर खुलकर बोले लेकिन सवाल जब अखिलेश यादव को लेकर किए गए तो वह टालते ही नजर आए। जेल में मुलाकात करने वालों को लेकर उन्होंने कहा कि जो जेल में मिलने आए, उनका शुक्रिया। उनका भी शुक्रिया जो मुलाकात करने नहीं आए।'मैं मोबाइल चलाना भी भूल गया हूं'जमानत को लेकर आजम खां ने कहा कि जज साहब ने कहा है कि जिस व्यक्ति के खिलाफ साक्ष्य नहीं हैं उसे जेल में क्यों बंद कर रखा है। इसके बाद चुनाव को लेकर उन्होंने कुछ भी बोलने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि मैं मुल्क जमीन और जमीर बेचने वाला नहीं हूं। मैं मोबाइल चलाना भी भूल गया हूं।आजम खां ने प्रेसवार्ता में सबसे पहले सुप्रीम कोर्ट को शुक्रिया कहा। इसके बाद उन्होंने बताया कि मेरी तबियत खराब है। तकलीफ भी बहुत है। हमारा मिशन कभी राजनीतिक नहीं रहा। 40 साल के सियासी सफर में कभी कोई गलत काम नहीं किया। हमने अपना शहर कैसे बसाया था, देख सकते हैं। हमारा बुनियादी मकसद था लोगों की सेवा करना। सबसे पहले मुझ पर आठ केस दर्ज किए गए। सभी मामलों में वादी पक्ष ने केस वापस ले लिए। हमने जो जमीन ली उसके पैसे दिए। मैंने कभी किसी की जमीन नहीं हड़पी।आजम खां ने कहा कि हमारे परिवार के साथ जो हुआ उसे भूल नहीं सकते। हमारे शहर को उजाड़ दिया गया। मेरा 40 साल का सफर बेकार नहीं जाएगा।
hindi_2022_10867
Corona: फिर मिले 4 लाख से ज्यादा संक्रमित, 3 लाख 86 हजार हुए ठीक
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किए गए ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में अबतक 2 करोड़ 22 लाख 96 हजार 414 लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। इन लोगों में से 1 करोड़ 83 लाख 17 हजार 404 मरीज कोरोना संक्रमण को मात देने में सफल रहे हैं।
नई दिल्ली. देश में एकबार फिर से पिछले 24 घंटों के दौरान मिले नए कोरोना संक्रमितों की संख्या 4 लाख का आकंड़ा पार कर गई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के 4 लाख 3 हजार 738 नए मरीज सामने आए हैं, जबकि इस बीमारी ने 4092 बीमारियों की जान ले ली है। पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमण को मात देने वालों की संख्या भी अच्छी रही है। 3 लाख 86 हजार 444 मरीज कोरोना संक्रमण से उबरने में सफल रहे हैं।स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किए गए ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में अबतक 2 करोड़ 22 लाख 96 हजार 414 लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। इन लोगों में से 1 करोड़ 83 लाख 17 हजार 404 मरीज कोरोना संक्रमण को मात देने में सफल रहे हैं। कोरोना बीमारी अबतक 2 लाख 42 हजार 362 मरीजों की जान ले चुकी है। इस वक्त देश में एक्टिव केसों की संख्या 37 लाख 36 हजार 648 है। बात अगर वैक्सीनेशन की करें तो अब तक देश में कोरोना वैक्सीन की 16 करोड़ 94 लाख 39 हजार 663 डोज लगाए जा चुके हैं।भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के मुताबिक, आठ मई तक 30,22,75,471 नमूनों की जांच की गई, जिनमें से 18,65,428 नमूनों की जांच शनिवार को की गई। संक्रमण से पिछले 24 घंटे में जिन 4,092 और लोगों की मौत हुई है, उनमें से महाराष्ट्र में 864, कर्नाटक में 482, दिल्ली में 332, उत्तर प्रदेश में 297, तमिलनाडु में 241, छत्तीसगढ़ में 223, पंजाब में 171, राजस्थान में 160, हरियाणा में 155, झारखंड में 141, पश्चिम बंगाल में 127, गुजरात में 119 और उत्तराखंड में 118 लोगों की मौत हुई है।नई दिल्ली. देश में एकबार फिर से पिछले 24 घंटों के दौरान मिले नए कोरोना संक्रमितों की संख्या 4 लाख का आकंड़ा पार कर गई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के 4 लाख 3 हजार 738 नए मरीज सामने आए हैं, जबकि इस बीमारी ने 4092 बीमारियों की जान ले ली है। पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमण को मात देने वालों की संख्या भी अच्छी रही है। 3 लाख 86 हजार 444 मरीज कोरोना संक्रमण से उबरने में सफल रहे हैं।स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किए गए ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में अबतक 2 करोड़ 22 लाख 96 हजार 414 लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। इन लोगों में से 1 करोड़ 83 लाख 17 हजार 404 मरीज कोरोना संक्रमण को मात देने में सफल रहे हैं। कोरोना बीमारी अबतक 2 लाख 42 हजार 362 मरीजों की जान ले चुकी है। इस वक्त देश में एक्टिव केसों की संख्या 37 लाख 36 हजार 648 है। बात अगर वैक्सीनेशन की करें तो अब तक देश में कोरोना वैक्सीन की 16 करोड़ 94 लाख 39 हजार 663 डोज लगाए जा चुके हैं।देश में अब तक 2,42,362 लोगों की मौत संक्रमण से हुई है, जिनमें से महाराष्ट्र में 75,277, दिल्ली में 19,071, कर्नाटक में 18,286, तमिलनाडु में 15,412, उत्तर प्रदेश में 15,170, पश्चिम बंगाल में 12,203, छत्तीसगढ़ में 10,381 और पंजाब में 10,315 लोगों की मौत हुई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि जिन मरीजों की मौत हुई है, उनमें से 70 प्रतिशत से अधिक मरीज अन्य बीमारियों से भी पीड़ित थे।
hindi_2022_10868
BJP ने सांसदों को जारी किया व्हिप, रविवार को सदन में मौजूदगी जरूरी
भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपने सांसदों की सदन में मौजूदगी के लिए व्हिप जारी किया है। दरअसल, रविवार को किसानों से संबंधित बिल राज्यसभा में पेश किए जाने हैं।
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपने सांसदों की सदन में मौजूदगी के लिए व्हिप जारी किया है। दरअसल, रविवार को किसानों से संबंधित बिल राज्यसभा में पेश किए जाने हैं। ऐसे में BJP को इन्हें पास कराने के लिए अपने सभी सांसदों की मौजूदगी की जरूरत होगी। बता दें कि इससे पहले यह बिल लोकसभा में पास हो चुके हैं। सरकार पहले ही अध्याधेश के जरिए नियम लागू कर चुकी है, पर क्योंकि अब संसद सत्र शुरू हो चुका है तो इसे संसद के दोनों सत्रों से पास कराना भी जरूरी है।केंद्र सरकार ने गुरुवार को लोकसभा में कृषि क्षेत्र से जुड़े तीन विधेशक पेश किए और वह पास भी हो गए। यह विधेयक जरूरी वस्तु अधिनियम 2010 (Essential Commodity Act 2010), Farming Produce Trade and Promotion और न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर हैं। इन तीनों विधेयकों को लेकर हंगामा भी हुआ। शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर (Harsimrat Badal) ने इनके विरोध में ही मोदी कैबिनेट (Modi cabinet) से इस्तीफा (Resign) दे दिया।पहला बिल, जरूरी वस्तु अधिनियम 2010 (Essential Commodity Act 2010) में सुधार को लेकर है। सुधार के जरिए कृषि क्षेत्र की कायापलट करना और किसानों की आय बढ़ाना मकसद है। किसानों को अपनी फसल स्टॉक करने या बेचने का अधिकार दिया गया है। मौजूदा जरूरी वस्तु अधिनियम के तहत कोई भी व्यक्ति जरूरी वस्तुयों का तय लिमिट से ज्यादा स्टॉक नहीं कर सकता। लेकिन नए बिल के जरिए किसानों को छूट होगी और बिल के जरिए कृषि क्षेत्र में निजी क्षेत्र और एफडीआई का निवेश बढ़ने की बात कही गई है। बिल में कहा गया है कि किसान जब भी किसी जरूरी फसल का ज्यादा उत्पादन करते हैं तो बाजार में उस फसल का भाव गिर जाता है और किसानों को नुकसान होता है। बिल में किसानों की फसल के लिए पर्याप्त प्रोसेसिंग व्यवस्था किए जाने का प्रावधान है ताकि उपज को खराब होने से रोका जा सके।दूसरा बिल Farming Produce Trade and Promotion है, जिसमें APMC एक्ट में सुधार की बात कही गई है। फिलहाल मौजूदा व्यवस्था के तहत APMC एक्ट के जरिए किसानों को अपनी फसल मंडी में बेचने के लिए बाध्य होना पड़ता है लेकिन सरकार ने जो सुधार किया है उसके तहत किसान कहीं भी अपनी फसल बेच सकेंगे। मंडियों में बैठे आढ़तियों को बेचने पर मजबूर होना पड़ता है लेकिन जो सुधार किया गया है उसके तहत किसान अपनी फसल किसी को भी बेच सकेंगे।तीसरे बिल में किसानों को उनकी उपज का जायज भाव दिलाने की बात कही गई है और उसके लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को बनाए रखा गया है। साथ में किसान चाहें तो फसल लगाने से पहले ही प्रोसेसर, एग्रिगेटर, बड़े रिटेलर या निर्यातक से करार कर सकता है। इससे किसान को यह लाभ होगा कि फसल का भाव अगर बाजार ऊपर नीचे भी हुआ तो भी उसे वही भाव मिलेगा जिसपर उसने करार किया हुआ है।
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कश्मीरी पंडितों की हत्याओं की जांच के लिए आयोग का सामना करने के लिए तैयार: फारूक अब्दुल्ला
फारूक़ अब्दुल्ला ने कहा कि जानबूझकर बवाल पैदा किया जा रहा है। अगर कश्मीरी पंडितों पर हुए जुल्म का सच जानना है, कश्मीरी पंडितों का असली गुनहगार कौन है ये जानना है तो इन्क्वायरी कमीशन बना दिया जाए, दूध का दूध, पानी का पानी हो जाएगा।
नई दिल्ली: कश्मीर फाइल्स में सुनाई दे रही कश्मीरी पंडितों की चीखें अब उन हुक्मरानों को परेशान करने लगी है जिन्होंने कश्मीरी पंडितों को उजाड़ कर अपनी सियासत चमकाई और कश्मीर पर राज किया। अब तक नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक़ अब्दुल्ला और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती खामोश थे लेकिन आज महबूबा तो खुलकर बोलीं और फारूक़ अब्दुल्ला जांच की बात कहकर नजरें चुराते नजर आए। फारूक अब्दुल्ला ने कहा, ''मुझे लगता है कि उनको एक कमीशन का गठन करना चाहिए जो बताएगा उन्हें (बीजेपी को) कि कौन जिम्मेदार था?''महबूबा मुफ्ती ने आज बहुत इमोशनल अंदाज में कहा कि कश्मीर में हिन्दुओं की हत्या हुई, सिखों का कत्लेआम हुआ और मुसलमान भी मारे गए। कश्मीरी पंडितों को घरबार छोड़ना पड़ा लेकिन पलायन तो मुसलमानों को भी करना पड़ा। वहीं, फारूक़ अब्दुल्ला कह रहे हैं, ''जानबूझकर बवाल पैदा किया जा रहा है। अगर कश्मीरी पंडितों पर हुए जुल्म का सच जानना है, कश्मीरी पंडितों का असली गुनहगार कौन है ये जानना है तो इन्क्वायरी कमीशन बना दिया जाए, दूध का दूध, पानी का पानी हो जाएगा।''महबूबा मुफ्ती ने कश्मीर में हुए तमाम नरसंहारों की याद दिलाई और धीरे से ये कह दिया कश्मीर में जुल्म सिर्फ कश्मीरी पंडितों पर नहीं हुए, मौत तो मुससमानों की भी हुई फिर अकेले कश्मीरी पंडितों की बात क्यों। महबूबा ने कहा कि एक फिल्म बनाने से कश्मीर की हकीकत नहीं बदलेगी। कश्मीर में जो कुछ हुआ उसकी हकीकत हर कश्मीरी जानता है। महबूबा मुफ्ती ने कहा, ''मैंने अपनी आंखों से हिंसा देखी है ये लोग हमें बताते हैं कश्मीर में हिंसा हमने झेली है। हमने बहुत बुरा वक्त देखा है। हम चाहते हैं खून खराबा बंद हो। हम चैन से रहें, आराम से रहें बीजेपी वाले ये नहीं चाहते। इस मुल्क को बचाओ।''
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छत्तीसगढ़: युवक को थप्पड़ मारने वाले कलेक्टर पर एक्शन, CM ने तत्काल प्रभाव से हटाया
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सूरजपुर कलेक्टर रणबीर शर्मा का एक वीडियो सामने आने के बाद उन्हें हटा दिया, जिसमें उन्हें लॉकडाउन नियमों का उल्लंघन करने के लिए एक युवक को थप्पड़ मारते हुए देखा जा सकता है।
नई दिल्ली/रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सूरजपुर कलेक्टर रणबीर शर्मा का एक वीडियो सामने आने के बाद उन्हें हटा दिया, जिसमें उन्हें लॉकडाउन नियमों का उल्लंघन करने के लिए एक युवक को थप्पड़ मारते हुए देखा जा सकता है। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद विवाद छिड़ गया है। गौरव कुमार सिंह को सूरजपुर का नया कलेक्टर नियुक्त किया गया है।इस कृत्य की निंदा करते हुए बघेल ने कहा कि उन्हें घटना के बारे में सोशल मीडिया के माध्यम से पता चला।वीडियो में, लड़के को अपने मोबाइल फोन पर कलेक्टर को कागज का एक टुकड़ा और कुछ दिखाते हुए देखा जा सकता है, जिसके बाद कलेक्टर मोबाइल ले लेता है और उसे जमीन पर फेंक देता है और लड़के को थप्पड़ मार देता है।हालांकि, कलेक्टर ने शनिवार को बाद में कोविड-19 लॉकडाउन मानदंडों का उल्लंघन करने के लिए लड़के को थप्पड़ मारने और उसका फोन फेंकने के लिए माफी मांगी थी।
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अर्थव्यवस्था की चुनौतियों से निपटने में विफल है बजट, जनता खारिज करेगी: चिदंबरम
चिदंबरम ने कहा, इस बजट भाषण में गरीबों और 2 साल में पीड़ा झेलने वालों की नकदी के जरिये मदद करने के लिए कुछ नहीं कहा गया।
नयी दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने मंगलवार को कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 का आम बजट अर्थव्यवस्था के समक्ष पेश बड़ी चुनौतियों से निपटने में विफल है और सरकार इसे बहुमत के बल पर संसद में भले ही पारित करा ले, लेकिन जनता इसे खारिज कर देगी। पूर्व वित्त मंत्री ने यह आरोप भी लगाया कि आज का बजट भाषण किसी भी वित्त मंत्री की ओर से पढ़ा गया अब तक सबसे ज्यादा पूंजीवादी भाषण था और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पूंजीवादी अर्थशास्त्र के शब्दजाल में महारत हासिल कर चुकी हैं।‘चुनौतियों से निपटने में विफल है यह बजट’चिदंबरम ने बजट में दिए गए आंकड़ों तथा अर्थव्यवस्था की स्थिति, बेरोजगारी तथा कृषि की स्थिति से जुड़े आंकड़े रखते हुए आरोप लगाया कि सरकार ने हर मुख्य योजना से जुड़ी सब्सिडी में कटौती की है। उन्होंने दावा किया कि यह बजट अर्थव्यवस्था के समक्ष खड़ी सभी बड़ी चुनौतियों से निपटने में विफल है। चिदंबरम ने कहा, ‘इस बजट भाषण में गरीबों और 2 साल में पीड़ा झेलने वालों की नकदी के जरिये मदद करने के लिए कुछ नहीं कहा गया।’‘जीएसटी में कटौती को लेकर कुछ नहीं कहा’पूर्व वित्त मंत्री ने कहा, ‘नौकरियों के सृजन के बारे में कुछ नहीं कहा गया, छोटे एवं मझोले उद्योगों में नयी जान डालने के बारे में एक शब्द नहीं बोला गया, कुपोषण एवं भूखमरी की स्थिति से निपटने के संदर्भ में कुछ नहीं कहा गया और अप्रत्यक्ष करों विशेषकर जीएसटी में कटौती को लेकर कुछ नहीं कहा गया।’ चिदंबरम के अनुसार, वित्त मंत्री ने महंगाई पर काबू करने और मध्य वर्ग को कर में राहत देने के बारे में भी कुछ नहीं कहा। उन्होंने कहा, ‘सरकार के पास विशाल बहुमत है और इसलिए वह इस बजट को संसद में पारित करा लेगी, लेकिन जनता इस पूंजीवादी बजट को नकार देगी।’बुनियादी ढांचे पर खर्च बढ़ाने का प्रस्ताववित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये खजाना खोलते हुए 39.45 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया। इसमें अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्रों को गति देने के उद्देश्य से राजमार्गों से लेकर सस्ते मकानों के लिए आवंटन बढ़ाया गया है। वित्त मंत्री ने रोजगार सृजन और आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहन देने के लिए बुनियादी ढांचे पर खर्च बढ़ाने का प्रस्ताव किया है, लेकिन आयकर स्लैब या कर दरों में बदलाव का प्रस्ताव नहीं किया है। (भाषा) /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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जम्मू-कश्मीर में इस साल अबतक कुल 112 आतंकवादी मारे गए, केवल 2 ने किया आत्मसमर्पण
केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) ने मंगलवाल को बताया कि इस साल अब तक जम्मू-कश्मीर में कुल 112 आतंकवादी मारे गए हैं और 135 पकड़े गए हैं जबकि केवल 2 आतंकवादियों ने आत्मसमर्पण किया है।
नई दिल्ली। केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) ने मंगलवाल को बताया कि इस साल अब तक जम्मू-कश्मीर में कुल 112 आतंकवादी मारे गए हैं और 135 पकड़े गए हैं जबकि केवल 2 आतंकवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। इसके साथ ही इस साल नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कुल 13 माओवादी मारे गए, 603 पकड़े गए और 486 ने आत्मसमर्पण किया है। हाल के दिनों में जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों ने टार्गेट किलिंग के जरिये लोगों में दहशत फैलाना शुरू कर दी है। रिपोर्ट के मुताबिक घाटी में आतंक का साया फिर से लौट आया है। बीते कुछ दिनों में जम्मू कश्मीर में सिखों, हिंदुओं, भाजपा नेताओं सहित आम नागरिकों की हत्या हुई है।ताजा घटनाओं के अनुसार पिछले 24 घंटे में घाटी के अलग-अलग हिस्सों में दो आकंकी घटनाएं हुई, जिसमें 2 लोगों की मौत हो गयी। बीते सोमवार शाम श्रीनगर के बोहरी कदल इलाके में एक दुकान के बाहर आतंकि घटना हुई जिसमें एक की मौत हो गयी। बीते सोमवार को अपनी जान गंवाने वाले इब्राहिम अष्टंगी बांदीपोरा में रहते थे। वे एक कश्मीरी पंडित डॉ. संदीप मावा की दुकान में सेल्समैन थे।एक साल के अंदर आतंकवादियों ने 27 बेगुनाहों की जान ली कुछ दिन पहले ही आतंकियों ने एक स्कूल में घुसकर प्रिंसपल सहित 2 टीचर्स को गोली मारकर हत्या कर दी थी। कश्मीर में रोजाना आतंक से जुड़ी घटनाएं सामने आ रही हैं वहीं आतंकियों के हाथों मरने वालों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एक साल के अंदर आतंकवादियों ने 27 बेगुनाहों की जान ली है। इनमें श्रीनगर में 12, पुलवामा में 4, अनंतनाग में 4, कुलगाम में 3, बारामूला में 2, बडगाम में एक और बांदीपोरा में एक की हत्या की।घाटी में सबसे अधिक मौतें इस साल अक्टूबर मेंजम्मू कश्मीर में अक्टूबर का महीना इस साल का सबसे कातिल महीना साबित हुआ है। एक ही महीने में आतंकी मुठभेड़ों में कुल 44 मौतें हुई हैं। आतंकियों ने दुस्साहस करते हुए अक्टूबर में 12 सुरक्षाकर्मियों को निशाना बनाया। इसके अलावा आतंकियों ने 13 आम नागरिकों की जान ली। हालांकि, सुरक्षा बलों ने 19 आतंकियों को एकाउंटर में ढेर भी किया है।
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5 रुपये की हवा से 45 किलोमीटर तक चलती है यह बाइक, टॉप स्पीड भी है जबर्दस्त
आज के दौर में जब पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों ने आम आदमी का बजट बिगाड़ दिया है, एक ऐसी बाइक चर्चा में आई है जो हवा से चलती है।
लखनऊ: आज के दौर में जब पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों ने आम आदमी का बजट बिगाड़ दिया है, एक ऐसी बाइक चर्चा में आई है जो हवा से चलती है। कमाल की बात यह है कि 45 किलोमीटर तक का सफर तय करने के लिए इस बाइक में सिर्फ 5 रुपये की हवा काफी होती है। इस बाइक की एक और खासियत इसकी स्पीड है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बाइक की टॉप स्पीड 80 किलोमीटर प्रति घंटे तक जा सकती है। बीते दिनों इस बाइक के लिए भारत सरकार ने पेटेंट भी जारी कर दिया।10 सालों से पेटेंट के लिए लगे थेइस कमाल की बाइक के बारे में न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए लखनऊ के स्कूल ऑफ मैनेजमेंट साइंसेज के महानिदेशक (तकनीकी) प्रो. भरत राज सिंह ने कहा, 'ये बाइक हवा के दबाव से चलती है। नॉर्मल हवा इसके सिलेंडर में भरी जाती है। एक बार हवा भरवाने का खर्चा 5 रु. आता है, इतने में बाइक 45 कि.मी. चल जाती है। इसकी स्पीड 70-80 किमी है।' रिपोर्ट्स के मुताबिक, भरत राज सिंह इसके पेटेंट के लिए बीते 10 सालों से कोशिश कर रहे थे।वाकई में अजूबा है यह बाइकएक तरह से देखा जाए तो यह बाइक वाकई में अजूबा है। सिर्फ 5 रुपये के खर्च में 45 किलोमीटर की दूरी तय करने का मतलब है कि इससे पेट्रोल के मुकाबले काफी कम लागत में अपनी मंजिल तक पहुंचा जा सकता है। अभी इस मोटरसाइकिल के मास प्रोडक्शन के बारे में डीटेल सामने नहीं आ पाई है, लेकिन यदि यह तमाम सुरक्षा मानकों पर खरी उतरती है तो प्रो. भरत राज सिंह के साथ-साथ पूरे देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी।
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लगातार घट रहे हैं Coronavirus के एक्टिव मामले, मौतों के आंकड़े में भी कमी
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटों के दौरान देश में कोरोना वायरस के 67708 नए मामले दर्ज किए गए हैं और देश के कुल कोरोना मामलों का आंकड़ा बढ़कर 7307097 तक पहुंच गया है। हालांकि इसमें अधिकतर लोग ठीक हो चुके हैं।
नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस के नए मामले जिस रफ्तार से आ रहे हैं उससे अधिक रफ्तार से लोग ठीक हो रहे हैं और यही वजह है कि देश में कोरोना के एक्टिव मामलों में लगातार कमी देखी जा रही है। पिछले 24 घंटों के दौरान देश में कोरोना के एक्टिव मामलों में 14886 की कमी देखने को मिली है, देश में अब कोरोना वायरस के कुल 812390 एक्टिव मामले बचे हैं जो देश में अबतक आ चुके कुल कोरोना वायरस मामलों का सिर्फ 11.11 प्रतिशत है।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटों के दौरान देश में कोरोना वायरस के 67708 नए मामले दर्ज किए गए हैं और देश के कुल कोरोना मामलों का आंकड़ा बढ़कर 7307097 तक पहुंच गया है। हालांकि इसमें अधिकतर लोग ठीक हो चुके हैं।कोरोना से ठीक होने वाले मामलों की बात करें तो उनमें भी बढ़ोतरी हो रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक पिछले 24 घंटों के दौरान देशभर में कोरोना वायरस से 81561 लोग ठीक हुए हैं और अबतक कुल 63,83,441 लोग पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं। देश में कोरोना वायरस का रिकवरी रेट 87.35 प्रतिशत हो गया है।कोरोना की वजह से जान गंवाने वालों की संख्या भी अब पहले के मुकाबले कम हुई है। पिछले 24 घंटों के दौरान देशभर में कोरोना की वजह से 680 लोगों की जान गई है। अबतक देशभर में यह जानलेवा वायरस कुल 111266 लोगों की जान ले चुका है।कोरोना मरीजों की पहचान के लिए देशभर में लगातार टेस्टिंग हो रही है, बुध को देशभर में 11.36 लाख से ज्यादा कोरोना टेस्ट हुए हैं। देश में कुल कोरोना वायरस टेस्टिंग का आंकड़ा अब बढ़कर 9.12 करोड़ को पार कर चुका है। दुनियाभर में अमेरिका के बाद भारत में ही सबसे ज्यादा कोरोना टेस्ट हो रहे हैं। वैश्विक स्तर पर कोरोना वायरस के मामलों की बात करें तो दुनियाभर में कुल मामलों का आंकड़ा बढ़कर 3.87 करोड़ के पार पहुंच गया है, अबतक दुनियाभर में कोरोना वायरस की वजह से 10.96 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि पूरी दुनिया में 2.91 करोड़ से ज्यादा लोग कोरोना वायरस से ठीक भी हो चुके हैं। दुनियाभर में कोरोना वायरस के सबसे अधिक मामले अमेरिका में हैं जहां पर 81.50 लाख से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं और 2.21 लाख से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। इसके बाद भारत का स्थान है और भारत के बाद तीसरे नंबर पर ब्राजील है जहां पर 51.41 लाख मामले सामने आए हैं और 1.51 लाख से ज्यादा लोगों की जान गई है। रूस में भी 13.40 लाख से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं और 23 हजार से ज्यादा लोगों की जान गई है।
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नोएडा-गाजियाबाद में स्विमिंग पूल किए गए बंद, कोरोना को देखते हुए प्रशासन का फैसला
गौतमबुद्ध नगर में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए जिला मजिस्ट्रेट सुहास एल वाई ने जनपद के सभी स्विमिंग पूल बंद कराने के निर्देश सभी इंसीडेंट कमांडर को दिए हैं।
नोएडा: गौतमबुद्ध नगर में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए जिला मजिस्ट्रेट सुहास एल वाई ने जनपद के सभी स्विमिंग पूल बंद कराने के निर्देश सभी इंसीडेंट कमांडर को दिए हैं। उन्होंने कहा है कि सभी इंसीडेंट कमांडर अपने अपने क्षेत्र में स्विमिंग पूल के संचालन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे ताकि जनपद में कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।इसी तरह गाजियाबाद में भी सभी स्विमिंग पूल बंद करने के निर्देश दिए गए हैं। जिला मजिस्ट्रेट अजय शंकर पांडेय ने जनपद के सभी स्विमिंग पूल बंद कराने के निर्देश सभी इंसीडेंट कमांडर को दिए हैं। उन्होंने कहा है कि सभी इंसीडेंट कमांडर अपने अपने क्षेत्र में स्विमिंग पूल के संचालन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे ताकि जनपद में कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। जिला मजिस्ट्रेट ने समस्त स्विमिंग पूल संचालकों को निर्देश देते हुए कहा है कि सभी के द्वारा अपने-अपने स्विमिंग पूल तत्काल प्रभाव से बंद कर दिए जाएं। अन्यथा दोषी पाए जाने पर दंडात्मक कार्यवाही जिला प्रशासन की ओर से सुनिश्चित की जाएगी।ये भी पढ़ें
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अब उत्तर प्रदेश में कोरोना के 'कप्पा’ वेरिएंट की दस्तक, मिले दो मरीज
उत्तर प्रदेश में डेल्टा प्लस वेरिएंट के बाद अब कोरोना के एक नए स्ट्रेन की एंट्री हो चुकी है। देवरिया और गोरखपुर में डेल्टा प्लस स्ट्रेन के दो मामले सामने आने के बाद अब दो रोगियों में कोविड-19 का कप्पा स्ट्रेन पाया गया है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में डेल्टा प्लस वेरिएंट के बाद अब कोरोना के एक नए स्ट्रेन की एंट्री हो चुकी है। देवरिया और गोरखपुर में डेल्टा प्लस स्ट्रेन के दो मामले सामने आने के बाद अब दो रोगियों में कोविड-19 का कप्पा स्ट्रेन पाया गया है। राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई अधिकारियों की बैठक के बाद जारी सरकारी बयान के मुताबिक विगत दिनों केजीएमयू (किंग जार्ज मेडिकल विश्वविद्यालय) में 109 नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग की गई। प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक 107 नमूनों में कोविड की दूसरी लहर में सामने आए डेल्टा स्वरूप की ही पुष्टि हुई है, जबकि दो नमूनों में वायरस का कप्पा स्वरूप पाया गया।बयान में कहा गया कि दोनों ही स्वरूप प्रदेश के लिए नए नहीं हैं। वर्तमान में दैनिक संक्रमण दर 0.04 प्रतिशत है। वायरस के कप्पा वेरिएंट के बारे में पूछे जाने पर अपर मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि कप्पा वेरिएंट कोई नई बात नहीं है, पहले भी इस स्वरूप के कई मामले सामने आ चुके हैं इसलिये घबराने की कोई बात नहीं है। यह कोरोना वायरस का एक सामान्य स्वरूप हैं और इसका इलाज संभव हैं।हालांकि उन्होंने इस बात की जानकारी नहीं दी कि कप्पा वेरिएंट के मामले कहां सामने आए हैं। बता दें कि इस सप्ताह उत्तर प्रदेश में पहली बार डेल्टा प्लस स्ट्रेन के दो मामले दर्ज किए गए। स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि तीन रोगियों की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है।माना जा रहा है कि सूबे में वायरस का म्यूटेशन हो रहा है। डेल्टा प्लस की तरह, कप्पा को लेकर भी सरकार की चिंता बढ़ गई है। अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि पहले भी इस प्रकार के मामले राज्य में पाए गए थे। चिंता करने की कोई बात नहीं है। यह कोरोना वायरस का एक प्रकार है और इसका उपचार संभव है। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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उत्तर प्रदेश की अगली मुख्यमंत्री होंगी मायावती: BSP प्रदेश अध्यक्ष ने किया दावा
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष भीम राजभर ने सोमवार को दावा किया कि 2022 में उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री पार्टी प्रमुख मायावती बनेंगी।
बलिया (उप्र): बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष भीम राजभर ने सोमवार को दावा किया कि 2022 में उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री पार्टी प्रमुख मायावती बनेंगी। राजभर ने जिले के फेफना में बसपा कार्यालय पर आयोजित सम्मान समारोह में भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र एवं प्रदेश सरकार संविधान को नकारने के साथ ही लोकतंत्र की हत्या करने पर तुली हुई है। उन्होंने योगी सरकार में ‘‘कानून व्यवस्था की बदतर होती स्थिति’’ को लेकर सवाल खड़े करते हुए कहा कि सूबे में चारों तरफ अराजकता का बोलबाला हो गया है। उन्होंने कहा कि ‘‘आये दिन हो रही हत्या, लूट एवं बलात्कार आदि घटनाएं’’ साबित करती हैं कि प्रदेश में कानून का राज समाप्त हो गया है। बसपा अध्यक्ष ने कहा कि सूबे के लोग अब उम्मीद भरी निगाहों से मायावती की तरफ देख रहे हैं, क्योंकि बसपा सर्वसमाज को साथ लेकर चलने में विश्वास करती है।
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सिद्धू की ताजपोशी में शामिल होंगे कैप्टन, लेकिन पहले विधायकों और सांसदों को चाय पर बुलाया
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह शुक्रवार को नवजोत सिंह सिद्धू के पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद संभालने के कार्यक्रम में शामिल होंगे। लेकिन उससे पहले कैप्टन ने पंजाब के सभी विधायकों और सांसदों को चाय पर बुलाया है और उसके बाद सभी मिलकर सिद्धू की ताजपोशी के कार्यक्रम में जाएंगे।
चंडीगढ़/नई दिल्ली। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह शुक्रवार को नवजोत सिंह सिद्धू के पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद संभालने के कार्यक्रम में शामिल होंगे। लेकिन उससे पहले कैप्टन ने पंजाब के सभी विधायकों और सांसदों को चाय पर बुलाया है और उसके बाद सभी मिलकर सिद्धू की ताजपोशी के कार्यक्रम में जाएंगे। कैप्टन अमरिंदर सिंह के मीडिया एडवाइजर की तरफ से यह जानकारी दी गई है। कैप्टन के मीडिया एडवाइजर की तरफ से कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने पंजाब कांग्रेस के सभी विधायकों और सांसदों को शुक्रवार सुबह 10 बजे चंडीगढ़ में स्थित पंजाब भवन में चाय पर आमंत्रित किया है। मीडिया एडवाइजर की तरफ से कहा गया है कि चाय के बाद सब लोग मिलकर पंजाब कांग्रेस भवन जाएंगे औरप वहां पर पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी की नई टीम के पदभार कार्यक्रम में शामिल होंगे। पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए सिद्धू लंबे समय से लड़ाई लड़ रहे थे लेकिन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह सिद्धू को अध्यक्ष पद देने के खिलाफ थे और इसी वजह से कई दिनों से कांग्रेस पार्टी की पंजाब इकाई में घमासान मचा हुआ था। लेकिन कैप्टन अमरिंदर सिंह की नाराजगी के बावजूद शीर्ष नेतृत्व ने सिद्धू को अध्यक्ष बनाया है और साथ में 4 कार्यकारी अध्यक्ष भी नियुक्त किए हैं। अध्यक्ष बनने के बाद सिद्धू ने पंजाब में शक्ति प्रदर्शन शुरू कर दिया है और बुधवार को सिद्धू पार्टी के कई विधायकों को अपने साथ अमृतसर लेकर गए थे जहां उन्होंने स्वर्ण मंदिर में माथा टेका। सिद्धू कैंप की तरफ से दावा किया गया था कि 65 विधायक उनके साथ गए थे लेकिन कैप्टन गुट के लोगों का कहना था कि 40-45 विधायक गए थे।बता दें कि, सिद्धू मौजूदा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ की जगह लेंगे। सिद्धू और अमरिंदर सिंह के बीच पिछले कुछ समय से तकरार चल रही है। अमृतसर (पूर्व) के विधायक ने हाल में मुख्यमंत्री पर बेअदबी के मामलों को लेकर निशाना साधा था। मुख्यमंत्री राज्य कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में सिद्धू की नियुक्ति के भी खिलाफ थे। सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बनाये जाने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा था कि वह उनसे तब तक नहीं मिलेंगे जब तक कि सिद्धू उनके खिलाफ अपने ‘‘अपमानजनक’’ ट्वीट के लिए माफी नहीं मांगते हैं।सूत्रों ने कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) में पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत और अन्य वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के इस कार्यक्रम में शामिल होने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के कड़े विरोध के बावजूद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रविवार को सिद्धू को पार्टी की पंजाब इकाई का नया अध्यक्ष नियुक्त किया था। गांधी ने अगले विधानसभा चुनावों में सिद्धू की सहायता के लिए चार कार्यकारी अध्यक्षों संगत सिंह गिलजियां, सुखविंदर सिंह डैनी, पवन गोयल, कुलजीत सिंह नागरा को भी नियुक्त किया था। बता दें कि, पंजाब विधानसभा में कांग्रेस के कुल 80 विधायक हैं।
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वीकेंड में बारिश के आसार? पंजाब, हरियाणा, पश्चिम उत्तर प्रदेश, हिमाचल और जम्मू-कश्मीर के लिए मौसम का अनुमान
मौसम विभाग ने कई जगह बारिश होने की संभावना जताई है। आईएमडी के मुताबिक, पश्चिमी हिमालय क्षेत्र और उत्तर पश्चिम भारत के निकटवर्ती मैदानी इलाकों में 06 से 08 मार्च 2021 के बीच बारिश होने की संभावना है।
नई दिल्ली। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने आने वाले दिनों में उत्तर भारत के कुछ क्षेत्रों में बढ़ती गर्मी से राहत मिल सकती है। मौसम विभाग ने कई जगह बारिश होने की संभावना जताई है। आईएमडी के मुताबिक, पश्चिमी हिमालय क्षेत्र और उत्तर पश्चिम भारत के निकटवर्ती मैदानी इलाकों में 06 से 08 मार्च 2021 के बीच बारिश होने की संभावना है।यहां बारिश और बर्फबारी की संभावनामौसम विभाग के मुताबिक, 5 मार्च की रात से पश्चिमी हिमालय क्षेत्र और उससे सटे हुए उत्तर पश्चिम भारत के मैदानी भागों में 6 मार्च की रात से एक नए पश्चिमी विक्षोभ का असर देखने को मिल सकता है। जिसकी वजह से पश्चिमी हिमालय क्षेत्र जिसमें जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में 6 से 7 मार्च के दौरान कई जगहों पर बारिश और ऊंचाई के इलाकों में बर्फबारी होने की संभावना है। इसी के साथ 6 और 7 मार्च के बीच जम्मू-कश्मीर, लद्दाख के कुछ इलाकों में भारी बारिश और बर्फबारी की काफी संभावना है। वहीं 7 मार्च को हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ इलाकों में भारी बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग ने जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में कुछ जगहों पर तूफान और ओलावृष्टि होने की संभावना बनी हुई है।जानिए दिल्ली में कैसा रहेहा मौसम का हालदिल्ली और आसपास के इलाकों में अगले कुछ दिनों में बढ़ते तापमान से राहत मिलने की उम्मीद है। मौसम विभाग ने यहां हल्की बारिश का अनुमान व्यक्त किया है। वहीं 6 और 7 मार्च को पंजाब के कुछ इलाकों में और 7 मार्च हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ जगहों पर हल्की बारिश या बूंदाबांदी होने की संभावना जताई गई है। वहीं 7 मार्च को हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में तूफान और ओलावृष्टि होने की संभावना जताई गई है।वहीं उत्तर पश्चिमी भारत पर अधिकतम तापमान के पूर्वानुमान की बात करें तो पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अधिकांश इलाकों में अगले 4 से 5 दिन में 28 से 33 डिग्री सेल्सियस रह सकता है हालांकि, 7 मार्च को बारिश की वजह से इसमें 3 से 4 डिग्री तक की गिरावट आने की संभावना बनी हुई है। मौसम विभाग ने मार्च से मई तक के लिए गर्मी के पूर्वानुमान में कहा है कि देश के उत्तरी, पूर्वोत्तर, पूर्वी और पश्चिमी भाग में दिन का तापमान सामान्य से ज्यादा रहने की संभावना है। वहीं दक्षिण भारत और मध्य भारत के अधिकतर हिस्सों में दिन का तापमान औसत से कम रहने की संभावना जताई गई है।गौरतलब है कि राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, सौराष्ट्र और कच्छ, विदर्भ, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, बिहार में मौजूदा समय में अधिकतम तापमान सामान्य से 3-6 डिग्री सेल्सियस अधिक है। आईएमडी के अनुसार, अगले दो दिनों के दौरान पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली और उत्तर प्रदेश में मजबूत सतह वाली हवाएं (20-30 किमी प्रति घंटे तक) की संभावना है।आईएमडी की रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी और फरवरी में औसत और न्यूनतम तापमान क्रमशः 121 साल में तीसरा और दूसरा सबसे गर्म सर्दियों का महीना था। रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर पश्चिम भारत में फरवरी में न्यूनतम और औसत तापमान 1901 से सबसे अधिक गर्म था। जनवरी-फरवरी, 2016 में औसत तापमान के संदर्भ में, 21.80 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, इसके बाद 2009 में 21.58 डिग्री सेल्सियस और 2021 में 21.43 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अन्य दो साल अखिल भारतीय औसत तापमान के साथ दो महीने के लिए 2006 (21.39 डिग्री सेल्सियस) और 2017 (21.37 डिग्री सेल्सियस) दर्ज किया गया।
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जम्मू-कश्मीर में गुपकार गठबंधन को पहला बड़ा झटका, ‘भरोसा तोड़ने’ का आरोप लगा यह पार्टी हुई अलग
जम्मू-कश्मीर में गुपकार गठबंधन (पीएजीडी) को पहला बड़ा झटका लगा है। पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेता सज्जाद लोन ने पीपुल्स एलायंस गुपकार डिक्लरेशन से से बाहर होने का फैसला किया है।
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में गुपकार गठबंधन (पीएजीडी) को पहला बड़ा झटका लगा है। पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेता सज्जाद लोन ने पीपुल्स एलायंस गुपकार डिक्लरेशन से से बाहर होने का फैसला किया है। सज्जाद लोन ने सहयोगियों पर भरोसा तोड़ने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को घोषणा की कि उनकी पार्टी सात दलों के गुपकर गठबंधन से अलग हो रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि गठबंधन के कुछ घटकों ने जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव में छद्म प्रत्याशी खड़े किए। गुपकर गठबंधन के प्रमुख एवं नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला को कड़े शब्दों में लिखे पत्र में लोन ने कहा, ‘‘जनता जानती है कि राजनीतिक लाभ की लालच में अंधे होकर हमने एक दूसरे के खिलाफ प्रत्याशी उतारे।’’गुपकर गठबंधन से पीपुल्स कांफ्रेंस अलग होने वाली पहली पार्टी हैगौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद-370 को बहाल करने के उद्देश्य से गठित सात पार्टियों के गुपकर गठबंधन (पीएजीडी) से पीपुल्स कांफ्रेंस अलग होने वाली पहली पार्टी है। इस गठबंधन में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और नेशनल कांफ्रेंस भी शामिल है। लोन ने लिखा, ‘‘यह तथ्य है कि गुपकर गठबंधन ने इस चुनाव में स्पष्ट रूप से सबसे अधिक सीटों पर जीत दर्ज की। हम आंकड़ो को छिपा नहीं सकते हैं और गुपकर गठबंधन द्वारा जीती गईं सीटों के अलावा, एक अन्य महत्वपूर्ण आंकड़ा पांच अगस्त (अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निष्क्रिय करने) के संदर्भ मतों की संख्या है जो गुपकर गठबंधन के खिलाफ है।’’गुपकर गठबंधन को डीडीसी के चुनाव में 112 सीटें मिलीबाद में उन्होंने इस पत्र को मीडिया में भी साझा किया। लोन ने पत्र में कहा, ‘‘गुपकर गठबंधन के पक्ष और विपक्ष में हुए चुनिंदा मतदान का नतीजा बहुत खराब मत प्रतिशत रहा। यह वह मत प्रतिशत नहीं है जो जम्मू-कश्मीर की जनता पांच अगस्त के बाद हकदार थी।’’ बता दें कि जिला विकास परिषद (डीडीसी) के चुनाव में गुपकर गठबंधन को 112 सीटें मिली हैं जिनमें से आठ सीटें लोन की पार्टी की है। लोन ने कहा कि जहां एक ओर गुपकर गठबंधन आंकड़ों को देख रहा था वहीं जमीन पर जनता राजनीतिक खिलाड़ियों की गतिविधियों और इरादों को देख रही है। उन्होंने कहा, ‘‘वे हमारी गतिविधियों के चश्मदीद हैं। वे राजनीतिक रंगमंच के किरदार हैं जिसकी पटकथा हमने लिखी और हम मानते हैं कि लोग नहीं जानते कि हम किस लिए हैं। जनता जानती है कि हमने राजनीतिक लाभ के अंधे लालच की वजह से एक दूसरे के खिलाफ प्रत्याशी उतारे।’’ ये भी पढ़ें
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किसान आंदोलन Live: कल सारे संगठनों के मुखिया सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक एक दिन के लिए भूख हड़ताल रखेंगे
शनिवार को किसानों ने कई हाईवे बंद करने की धमकी दी थी, लेकिन सभी हाईवे लगातार खुले रहे। अब किसान संगठनों ने रविवार को हाईवे पर आवाजाही ठप करने की बात कही है। अगर दिल्ली-जयपुर राजमार्ग बंद हुआ तो उत्तर भारत के राज्यों का देश के पश्चिमी और दक्षिणी राज्यों से संपर्क टूट जाएगा।
दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन लगातार जारी है, हालांकि शनिवार देर रात्रि नोएडा को दिल्ली से जोड़ने वाली चिल्ला बॉर्डर को किसान ने अपने नेता भानु प्रताप सिंह की रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात के बाद यातायात के लिए खोलने को राजी हो गए। भारतीय किसान यूनियन (भानु) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप सिंह ने बताया, "रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आश्वासन के बाद हम लोगों ने चिल्ला बॉर्डर पर चल रहे धरने को समाप्त करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि धरना स्थल पर अखंड रामायण का पाठ हो रहा है और रविवार को उसका समापन हो जाएगा। उसके बाद पूरे मार्ग को खोल दिया जाएगा।"शनिवार को किसानों ने कई हाईवे बंद करने की धमकी दी थी, लेकिन सभी हाईवे लगातार खुले रहे। अब किसान संगठनों ने रविवार को हाईवे पर आवाजाही ठप करने की बात कही है। अगर दिल्ली-जयपुर राजमार्ग बंद हुआ तो उत्तर भारत के राज्यों का देश के पश्चिमी और दक्षिणी राज्यों से संपर्क टूट जाएगा, जिससे फल-सब्जियों, दूध और राशन आदि की आपूर्ति में समस्या उत्पन्न हो जाएगी। किसान आंदोलन से जुड़े अपडेट्स आपको हमारे इस पेज पर मिलते रहेंगे।
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दो सप्ताह पहले अपने आखिरी पड़ाव पर पहुंचा मॉनसून, दिल्ली और उत्तर भारत के कई इलाकों को अब भी इंतजार
दक्षिण-पश्चिम मॉनसून अपने सामान्य समय से दो सप्ताह पहले पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर पहुंच गया है जो इसके आखिरी पड़ाव में से एक है। वहीं, दिल्ली समेत उत्तर भारत के मैदानी हिस्सों को अभी भी मॉनसून की बारिश का इंतजार है।
नयी दिल्ली: दक्षिण-पश्चिम मॉनसून अपने सामान्य समय से दो सप्ताह पहले पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर पहुंच गया है जो इसके आखिरी पड़ाव में से एक है। वहीं, दिल्ली समेत उत्तर भारत के मैदानी हिस्सों को अभी भी मॉनसून की बारिश का इंतजार है। फिलहाल यहां भीषण गर्मी पड़ रही है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मंगलवार को बताया कि दक्षिण-मॉनसून की उत्तरी सीमा (एनएलएम) अब भी बाड़मेर, भीलवाड़ा, धौलपुर, अलीगढ़, मेरठ, अंबाला और अमृतसर से होकर गुज़र रही है। केरल में दो दिन देरी से पहुंचने के बाद मॉनसून अब सामान्य से सात से दस दिन पहले पूर्वी, मध्य और उत्तर-पश्चिम भारत में दस्तक दे रहा है। इसी क्रम में मॉनसून राजस्थान के सीमावर्ती और रेगिस्तानी जिले बाड़मेर पहुंच गया है, लेकिन पश्चिम उत्तर प्रदेश, पंजाब तथा हरियाणा अब भी बारिश का इंतजार कर रहे हैं। आईएमडी के क्षेत्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव के अनुसार बाड़मेर पश्चिम राजस्थान के उन कुछ केंद्रों में हैं जहां दक्षिण-मॉनसून सामान्य तौर पर सबसे बाद में आता है।दक्षिण-पश्चिम मॉनसून जुलाई के प्रथम सप्ताह में पश्चिम राजस्थान में पहुंचता है। आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि इस बार मॉनसून सामान्य समय से दो सप्ताह पहले बाड़मेर पहुंच गया है। उन्होंने कहा, ‘‘अरब सागर में बने दबाव के क्षेत्र की वजह से मॉनसून को गति मिली जो जून में ही बाड़मेर समेत राजस्थान के कुछ हिस्सों में पहुंच गया।’’ उन्होंने कहा कि दिल्ली, हरियाणा, पंजाब के कुछ हिस्सों और पश्चिम उत्तर प्रदेश तथा पश्चिम राजस्थान के मामले में पुरवाई हवाएं बंगाल की खाड़ी से इन इलाकों में मॉनसून को पहुंचाती हैं। महापात्र ने कहा, ‘‘लेकिन बंगाल की खाड़ी में इस समय कोई सक्रिय दबाव क्षेत्र नहीं है जो पुरवाई हवाओं को मॉनसून को इस क्षेत्र में लाने में मदद कर सके।’’ मौसम विभाग ने पहले अनुमान व्यक्त किया था कि दिल्ली में 15 जून तक मॉनसून पहुंच सकता है। हालांकि पछुआ हवाएं इसके दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा में आने में अड़चन पैदा कर रही हैं। सामान्य तौर पर मॉनसून 27 जून तक दिल्ली पहुंच जाता है और पूरे देश में आठ जुलाई तक इसकी मौजूदगी दर्ज हो जाती है। पिछले साल 25 जून को मॉनसून दिल्ली पहुंच गया था और पूरे देश में 29 जून तक इसकी आमद हो गयी थी। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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देश में कोरोना के 14,256 नए मामले आए, संक्रमितों की कुल संख्या 1,06,39,684 हुई, 152 लोगों की मौत
भारत में एक दिन में कोविड-19 के 14,256 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमण के मामले बढ़कर शनिवार को 1,06,39,684 हो गए, जिनमें से 1,03,00,838 लोग संक्रमण मुक्त हो चुक हैं।
नयी दिल्ली: भारत में एक दिन में कोविड-19 के 14,256 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमण के मामले बढ़कर शनिवार को 1,06,39,684 हो गए, जिनमें से 1,03,00,838 लोग संक्रमण मुक्त हो चुक हैं। देश में मरीजों के ठीक होने की दर बढ़कर 96.81 प्रतिशत हो गई है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सुबह आठ बजे जारी किए गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार देश में अभी 1,85,662 लोगों का कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज चल रहा है, जो कुल मामलों का 1.78 प्रतिशत है।आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटे में 152 और लोगों की वायरस से मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 1,53,184 हो गई। देश में कोविड-19 से मृत्यु दर 1.44 प्रतिशत है। भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार देश में अभी तक कुल 19,09,85,119 नमूनों की कोविड-19 संबंधी जांच की गई। इनमें से 8,37,095 नमूनों की जांच शुक्रवार को की गई। ठाणे जिले में कोविड-19 के 301 नए मामले, 10 लोगों की मौत महाराष्ट्र के ठाणे जिले में कोविड-19 के 301 नए मामले सामने आए हैं, जिसके बाद संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2,51,375 हो गई। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। शुक्रवार को 10 और मरीजों की मौत हुई, जिसके बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 6,104 हो गई। उन्होंने बताया कि जिले में कोविड-19 से मृत्यु दर 2.43 फीसदी है। अब तक 2,41,588 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं, जिसके बाद स्वस्थ होने की दर 96.10 फीसदी है। जिले में अभी 3,683 मरीजों का उपचार चल रहा है। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि पड़ोसी पालघर जिले में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 44,974 हो गई और अब तक 1,196 मरीजों की मौत हो चुकी है। जिला प्राधिकारियों ने एक बयान में बताया कि शुक्रवार को 1,805 स्वास्थ्यकर्मियों को ठाणे के 23 केंद्रों पर टीके लगाए गए। इसके साथ ही टीकाकरण अभियान शुरू होने के बाद से अब तक 6,739 स्वास्थ्य कर्मियों को टीके लगाए जा चुके हैं।पढ़ें:- Subhash Chandra Bose Jayanti: पीएम मोदी ने किया नमन, कोलकाता में जारी करेंगे सिक्का और डाक टिकटपढ़ें:- Indian Railways: फरवरी के पहले सप्ताह से रेल यात्रियों को मिलेगी ई-कैटरिंग सुविधा, ऐसे बुक कर सकते हैं खानातेलंगाना में कोविड-19 के 221 नए मामले, दो लोगों की मौततेलंगाना में कोविड-19 के 221 नए मामले सामने आए हैं, जिसके बाद कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2.93 लाख हो गई। वहीं संक्रमण से दो और लोगों की मौत हो गई। शनिवार को 22 जनवरी रात आठ बजे तक के आंकड़े जारी करते हुए एक सरकारी बुलेटिन में बताया गया कि ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम में सबसे ज्यादा 36 नए मामले सामने आए हैं। इसके बाद करीमनगर में 17 और मेडचल मल्काजगिरि में 16 नए मामले सामने आए हैं। संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 2,93,056 हो गई। वहीं कुल स्वस्थ हुए लोगों की संख्या 2,87,899 है। फिलहाल 3,569 मरीजों का उपचार चल रहा है। राज्य में मृत्यु दर 0.54 फीसदी है और स्वस्थ होने की दर 98.24 फीसदी है।इनपुट-भाषा
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पंचायत ने सुनाया अजीबोगरीब फैसला, प्रेमी युगल से एक दूसरे को चप्पल मारने को कहा
नजीबाबाद में दो दिन पहले आयोजित पंचायत ने लड़की से अपने प्रेमी को 'राखी' बांधने को कहा। फिर युवक को एक महीने के लिए गांव छोड़ने के लिए कहा गया। रिपोर्ट के अनुसार, दोनों लड़की-लड़का 20 साल से ऊपर की उम्र के हैं और एक ही गांव में रहते हैं।
बिजनौर. उत्तर प्रदेश के बिजनौर में एक गांव की एक पंचायत ने अजीबोगरीब फैसला सुनाया है। पंचायत ने घर से भागने वाले एक प्रेमी युगल से एक दूसरे को चप्पल से पीटने के लिए कहा। प्रेमी युगल को पकड़ कर गांव लाने के बाद पंचायत ने ये फैसला सुनाया। नजीबाबाद में दो दिन पहले आयोजित पंचायत ने लड़की से अपने प्रेमी को 'राखी' बांधने को कहा। फिर युवक को एक महीने के लिए गांव छोड़ने के लिए कहा गया। रिपोर्ट के अनुसार, दोनों लड़की-लड़का 20 साल से ऊपर की उम्र के हैं और एक ही गांव में रहते हैं।पढ़ें- Coronavirus: सावधान कर रहे हैं आकंड़े! भारत में संक्रमण के 25,320 नए मामले सामने आएउत्तर प्रदेश में पंचायत और खाप में एक ही 'गोत्र' (पैतृक वंश) में शादी की इजाजत नहीं है। प्रेमी युगल शादी करना चाहता है लेकिन उनके परिवार और ग्रामीण इसके खिलाफ हैं। जिस मोटरसाइकिल से दोनों उत्तराखंड के लिए भागे थे उसमें हरिद्वार के पास पेट्रोल खत्म हो गया। पास में एक पुलिस चेक पोस्ट थी और जब पुलिस वालों को पता चला कि दोनों घर से भागे हैं तो उन्होंने उनके माता-पिता को सूचित किया, जो उन्हें लेने पहुंचे।पढ़ें- मोबाइल कॉल के जरिए लड़कियों को परेशान करता था 3 बच्चों का बाप, 66 से ज्यादा शिकायतों के बाद पुलिस ने किया गिरफ्तारनजीबाबाद स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ), सत्य प्रकाश ने कहा, गांव की एक लड़की और एक युवक दो दिन पहले हरिद्वार गए थे। उत्तराखंड पुलिस ने उन्हें वहां घूमते हुए पाया। प्रेमी युगल अपने रिश्ते को समझाने में नाकाम रहा। फिर पुलिस ने उनके परिजनों को बुलाया।'' उन्हें बाद में माता-पिता को सौंप दिया गया। किसी भी पक्ष की ओर से कोई शिकायत नहीं की गई, इसलिए कोई मामला दर्ज नहीं किया गया। हमने गांव का दौरा किया और मामले की पूरी जानकारी ली। जांच के दौरान, पुलिस ने पाया कि गांव में इस बारे में कोई पंचायत आयोजित नहीं की गई थी।पढ़ें- 4.75 लाख करोड़ के कर्ज में डूबा है बंगाल, बीजेपी ने बनाया बड़ा मुद्दा
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उत्तर मध्य रेलवे ने महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए शुरू की ये पहल
उन्होंने बताया कि यह टीम महिला यात्रियों को सुरक्षा संबंधी किसी भी समस्या आने पर 182 नंबर डायल करने की सलाह देंगी। यदि महिलाओं से जुड़ी किसी समस्या की सूचना दी जाती है तो रेलवे द्वारा हर संभव मदद उपलब्ध कराई जाएगी।
प्रयागराज. उत्तर मध्य रेलवे ने अपने सभी तीन मंडलों- प्रयागराज, झांसी और आगरा में महिलाओं की सुरक्षा के लिए ‘मेरी सहेली’ नाम की पहल की है। इस पहल का उद्देश्य महिला यात्रियों को उनकी पूरी यात्रा के दौरान सुरक्षा उपलब्ध कराना है।उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी अजित कुमार सिंह ने बताया कि रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) की इस पहल के तहत जिस स्टेशन से ट्रेन शुरू हो रही है, वहां आरपीएफ की महिला सुरक्षाकर्मियों की टीम महिला यात्रियों खासकर अकेले यात्रा कर रही महिलाओं से बातचीत कर उन्हें यात्रा के दौरान सभी तरह की सावधानियों से अवगत कराएगी।उन्होंने बताया कि यह टीम महिला यात्रियों को सुरक्षा संबंधी किसी भी समस्या आने पर 182 नंबर डायल करने की सलाह देंगी। यदि महिलाओं से जुड़ी किसी समस्या की सूचना दी जाती है तो रेलवे द्वारा हर संभव मदद उपलब्ध कराई जाएगी।अजित कुमार सिंह के मुताबिक, आरपीएफ की टीम महिला यात्रियों की सीटों के नंबर एकत्रित करेगी और कंट्रोल रूम के जरिए उन स्टेशनों को उपलब्ध कराएगी जहां ट्रेन रुकेगी। प्लेटफार्म पर ड्यूटी पर तैनात आरपीएफ के कर्मचारी संबंधित बोगियों पर नजर रखेंगे।
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दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर किसानों का समर्थन करने पहुंचे कांग्रेसी, भारी पुलिस बल तैनात
कृषि बिल के विरोध में शुक्रवार को किसानों ने 'भारत बंद' बुलाया है। वहीं किसानो को कांग्रेस पार्टी के नेता भी समर्थन दे रहें हैं। दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया हैं वहीं पैरा मिल्रिटी फोर्सेज भी तैनात है।
नोएडा: कृषि बिल के विरोध में शुक्रवार को किसानों ने 'भारत बंद' बुलाया है। वहीं किसानो को कांग्रेस पार्टी के नेता भी समर्थन दे रहें हैं। दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया हैं वहीं पैरा मिल्रिटी फोर्सेज भी तैनात है। भारतीय किसान यूनियन के साथ कई किसान इस बिल के विरोध में सड़कों पर ट्रैक्टर लगाकर अपना विरोध जता रहे हैं। दिल्ली नोएडा बॉर्डर पर किसानों ने केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ नारेबाजी की, वहीं कृषि से जुड़े बिलों को वापस लेने की मांग भी की।कांग्रेस प्रदेश महासचिव लियाकत चौधरी ने बताया, हम किसानों के समर्थन में भारत बंद करने का आह्वान कर रहें हैं। हमने सेक्टर 15 में भी दुकाने बंद करने का आह्वान किया है। हम किसानों का समर्थन करने के लिए साथ खड़े हैं।एडिशनल डीसीपी रणविजय ने बताया, हमने किसानों के इस प्रदर्शन को देखते हुए, रूट को डाइवर्ट कर दिया है। ताकि किसी तरह से आम निवासियों को कोई समस्या न आये। वहीं भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है जो हर स्थिती पर नजर बनाए हुए है।किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए, और स्थिति का जायजा लेने के लिए गौतमबुद्धनगर कमिश्नर आलोक सिंह भी नोएडा दिल्ली बॉर्डर पहुंच गए हैं। कई राज्यों के किसान लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं पंजाब के किसानों ने गुरुवार से दिन तीन दिनों के लिए 'रेल रोको' आंदोलन शुरू किया है। आंदोलन के चलते कई ट्रेनों को या तो रद्द कर दिया गया या फिर उनका रूट डायवर्ट कर दिया गया है।इस प्रदर्शन को कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने बंद का समर्थन किया है। 'भारत बंद' का सबसे ज्यादा असर पंजाब और हरियाणा में देखने को मिल रहा है।
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खुद को CBI का DIG बताकर रेड मारने पहुंच जाता था शख्स, शिकायत दर्ज
सीबीआई ने एक ऐसे शख्स के खिलाफ केस दर्ज कराया है, जो खुद को सीबीआई का डीआईजी बताकर छापा मारने पहुंच जाता था।
नई दिल्ली: सीबीआई ने एक ऐसे शख्स के खिलाफ केस दर्ज कराया है, जो खुद को सीबीआई का डीआईजी बताकर छापा मारने पहुंच जाता था। यह शख्स अपना परिचय आर.आर. सिंह डीआईजी सीबीआई दिल्ली के तौर पर देता था और रौब दिखाकर लोगों को डरा धमकाकर वसूली करता था। यह शख्स बुलंदशहर के ज्वाल खेड़ा का रहनेवाला है, इसके अलावा इसका एक और पता है, जो शिवपुरी चौराहा, तहसील कोल अलीगढ़ का है। सीबीआई को जब इस शख्स की करतूतों के बारे में पता चला तो उसके ठिकानों पर छापा मारा, जहां से दो देशी पिस्टल और कुछ संदिग्ध दस्तावेज मिले हैं। फिलहाल सीबीआई ने इसके खिलाफ केस दर्ज कर लिया और इस शख्स की करतूतों की कुंडली खंगाल रही है। इस शख्स पर आरोप है कि खुद को सीबीआई का डीआईजी बताकर छापा मारने पहुंच जाता था। लोगों पर रौब जमाकर, डरा-धमकाकर वसूली करता था।
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हरीश रावत ने जनरल बाजवा को कहा 'प्रा' तो भड़क गए बलूनी, दिया बड़ा बयान
रावत ने हाल में एक ट्वीट में बाजवा को 'प्रा' कहते हुए इस्लामाबाद में इमरान के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान सिद्धू के उन्हें गले लगाने को उचित ठहराया था।
देहरादून: कांग्रेस महासचिव एवं पंजाब प्रभारी हरीश रावत द्वारा हाल में पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा को 'प्रा' (पंजाबी भाषा में भाई) कहे जाने पर भारतीय जनता पार्टी के सांसद अनिल बलूनी ने कड़ी आपत्ति जताई है और इससे दोनों नेताओं के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है। उत्तराखंड से राज्यसभा सदस्य और बीजेपी के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी ने एक वीडियो जारी कर कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक ऐसे व्यक्ति को भाई कहा जा रहा है जिसके हाथ भारतीयों और उत्तराखंड के वीर जवानों के खून से रंगे हैं।‘आप सिद्धू के बयानों को उचित ठहरा रहे हैं’बलूनी ने रावत से कहा, ‘आप देवभूमि के रहनेवाले हैं। यहां के प्रत्येक घर से कोई न कोई सेना में है। इस तरह का बयान देकर आप तुष्टीकरण की किस तरह की राजनीति कर रहे हैं, किस तरह के वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं।’ बीजेपी सांसद ने कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की प्रशंसा करने को लेकर भी रावत आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘आप सिद्धू के बयानों को उचित ठहरा रहे हैं जबकि आपकी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह उन्हें देश की सुरक्षा के लिए खतरनाक बता रहे हैं।’रावत ने एक ट्वीट में बाजवा को बताया था ‘प्रा’अगले साल की शुरुआत में उत्तराखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की प्रचार समिति के प्रमुख बनाए गए रावत ने हाल में एक ट्वीट में बाजवा को 'प्रा' कहते हुए इस्लामाबाद में इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान सिद्धू के उन्हें गले लगाने को उचित ठहराया था और कहा था कि एक पंजाबी का दूसरे पंजाबी 'प्रा' को गले लगाना कैसे देशद्रोह हो सकता है। रावत ने कहा था, ‘विभाजन के बाद पंजाब का जो हिस्सा पाकिस्तान में रह गया, उसे भी पंजाब ही कहा जाता है और वहां रहने वालों को पंजाबी ही कहा जाता है।’‘इसमें बीजेपी को राजनीति नजर आती है’उन्होंने कहा था, ‘सिद्धू यदि दूसरे पंजाबी व्यक्ति से, जो पाकिस्तान का जनरल है, उससे गले मिले तो श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर को खोलने के विषय में मिले।’ उन्होंने कहा कि इसमें बीजेपी को राजनीति नजर आती है। रावत ने कहा कि उन्हें तो तब भी राजनीति नजर नहीं आई थी जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिना बुलाए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के घर चले गए थे और वहां उनसे गले मिले थे और बिरयानी का लुत्फ उठाया था। उन्होंने बलूनी से कहा, ‘सेना में मेरे परिवार, रिश्तेदारी-नातेदारी के लोग सिपाही से लेकर ब्रिगेडियर रैंक तक विभिन्न पदों पर हैं, इसलिए अपने लेक्चर को वह (बलूनी) अपने पास रखें।’ /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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hindi_2022_10889
न्यायिक हिरासत में भेजे गए जिग्नेश मेवानी, प्रधानमंत्री के खिलाफ किया था ट्वीट
असम की एक अदालत ने गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी को रविवार को एक दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। असम पुलिस ने प्रधानमंत्री के खिलाफ ट्वीट करने के मामले में मेवानी को बुधवार को गुजरात से गिरफ्तार किया था।
कोकराझार। असम की एक अदालत ने गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी को रविवार को एक दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। असम पुलिस ने प्रधानमंत्री के खिलाफ ट्वीट करने के मामले में मेवानी को बुधवार को गुजरात से गिरफ्तार किया था। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि जमानत याचिका सहित मेवानी के मामले में सुनवाई सोमवार को होगी। कोकराझार के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुरजीत सिंह पानेसर ने पत्रकारों को बताया कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने मेवानी को एक दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। मेवानी की तीन दिन की पुलिस हिरासत खत्म होने के बाद रविवार देर शाम उन्हें अदालत में पेश किया गया। पानेसर ने बताया कि मेवानी को सोमवार की सुबह फिर से अदालत में पेश किया जाएगा, जहां जमानत याचिका सहित उनके मामले पर सुनवाई होगी। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस समर्थित निर्दलीय विधायक मेवानी को बुधवार की रात गुजरात के पालनपुर शहर से गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले भारतीय दंड संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत प्रधानमंत्री के खिलाफ उनके कथित ट्वीट को लेकर असम के कोकराझार थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। जिग्नेश मेवानी को उनके एक ट्वीट के चलते गिरफ्तार किया गया था जिसमें उन्होंने लिखा था, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो गोडसे को भगवान मानते हैं, वह गुजरात में हुई सांप्रदायिक झड़पों के लिए शांति और सद्भाव की अपील करें"।
hindi_2022_10890
जम्मू कश्मीर: शोपिया में एक आंतकी ढेर, एनकाउंटर में मार गिराया
जम्मू कश्मीर में शोपिया जिले के तुर्कुवांगम गांव में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच चल रही मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने एक आतंकवादी को मार गिराया है।
श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में शोपिया जिले के तुर्कुवांगम गांव में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच चल रही मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने एक आतंकवादी को मार गिराया है। जम्मू कश्मीर पुलिस ने ये जानकारी दी है। जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में विशेष इनपुट पर गांव की घेराबंदी की थी। सुरक्षा बलों ने संदिग्ध इलाके में तलाशी तेज की तो आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई।जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बताया कि गुरुवार को शोपियां के तुर्कवांगम में आतंकियों के होने की जानकारी के बाद सुरक्षाबलों ने तलाशी अभियान चलाया। घेरा सख्त होता देख आतंकियों ने सुरक्षाकर्मियों पर गोलीबारी कर दी थी, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई। सूत्रों ने बताया कि क्षेत्र में अब भी दो से तीन आतंकी मौजूद हैं और अब दोनों तरफ से गोलीबारी हो रही है। पूरे इलाके को सील कर दिया गया है। सभी प्रकार की आजावाही को रोक दिया गया है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि आतंकियों को पकड़ने के लिए सभी प्रकार की तैयारियां की गई हैं। गौरतलब है कि इससे पहले श्रीनगर में मंगलवार देर रात सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली थी। श्रीनगर के रैनावारी इलाके में मुठभेड़ में सुरक्षाबलों नेआतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकियों को मार गिराया था। मारे गए आतंकियों के पास से पुलिस को हथियार, गोला-बारूद समेत अन्य आपत्तिजनक सामान मिला था।श्रीनगर मुठभेड़ में मारे गए दोनों लश्कर-ए-तैयबा/ टीआरएफ के स्थानीय आतंकवादी थे। दोनों आतंकी घाटी के ही रहने वाले थे और घाटी में कई नागरिकों की हत्या की घटनाओं में उनका हाथ था।
hindi_2022_10891
'नया पाकिस्तान आया, देखो इमरान खान आया', चुनाव जीतने के बाद गाना बजाने वाले प्रधान पर देशद्रोह का केस
उत्तर प्रदेश पुलिस ने प्रधान के खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज किया है। प्रधान इमरान खान पर आरोप है कि उसने चुनाव जीतने के बाद बाइक रैली निकालकर रैली में देशविरोधी गाना बजाया है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के अमेठी में नए-नए बने एक ग्राम प्रधान को बाइक रैली निकालना और उस बाइक रैली के दौरान पाकिस्तान का गाना चलाना भारी पड़ गया है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने प्रधान के खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज किया है। प्रधान इमरान खान पर आरोप है कि उसने चुनाव जीतने के बाद बाइक रैली निकालकर रैली में देशविरोधी गाना बजाया है। अमेठी के रामगंज में मंगरा गांव में प्रधान का चुनाव जीतने वाले इमरान खान नाम के शख्स पर आरोप है कि उसने निर्वाचन आयोग, सुप्रीम कोर्ट और शासन के आदेश को ठेंगा दिखाते हुए विजय जुलूस निकाला। चुनाव आयोग ने चुनाव के बाद जीत के जश्न पर रोक लगा रखी है लेकिन नए प्रधान इमरान खान पर आरोप है कि उसने प्रतिबंध के बावजूद निकाले जुलूस में दर्जनों बाइक व फोर व्हीलर शामिल किए। सोशल मीडिया पर रैली का जो वीडियो वायरल हो रहा है उसमें बैग्राउंड गाना बज रहा है और गाने के बोल हैं, "नया पाकिस्तान आया, देखो इमरान खान आया।"पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान जब अपने यहां चुनाव लड़ रहे थे तो चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने इस गाने का इस्तेमाल किया था। लेकिन उत्तर प्रदेश में प्रधानी का चुनाव जीतने वाले इमरान खान की बाइक रैली में बजे इस गाने को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। रैली और गाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पिछले हफ्ते पुलिस हरकत में आई है और मामले की जांच की। जांच के बाद प्रधान पर देशद्रोह का केस दर्ज किया गया है।सीतापुर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मामले की जांच के बाद पाया गया है कि इमरान खान साफ तौर पर पाकिस्तान समर्थक नारे लगाता हुआ दिखाई दिया है ऐसे में जो पहले इस मामले में एफआईआर दर्ज हुई है उसमें अब देशद्रोह की धाराएं भी शामिल कर दी गई हैं। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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hindi_2022_10892
Gas Cylinder Price: महंगाई से मिली राहत, 200 रुपए सस्ता हुआ गैस सिलेंडर, जानें और किन चीजों के घटे दाम
सरकार ने बढ़ती महंगाई के खिलाफ बिगुल फूंक दिया है। एलपीजी गैस सिलेंडर और पेट्रोल-डीजल के दामों में भारी कमी की गई है। गैस सिलेंडर के दाम 200 रुपए कम कर दिए गए हैं।
Gas Cylinder Price: सरकार ने बढ़ती महंगाई के खिलाफ बिगुल फूंक दिया है। एलपीजी गैस सिलेंडर और पेट्रोल-डीजल के दामों में भारी कमी की गई है। गैस सिलेंडर के दाम 200 रुपए कम कर दिए गए हैं। वहीं पेट्रोल पर 9.50 रुपए और डीजल पर 7 रुपए प्रति लीटर कम किए गए हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट कर कहा, 'इस साल हम प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के 9 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को 200 रुपए प्रति गैस सिलेंडर (12 सिलेंडर तक) की सब्सिडी देंगे। इससे हमारी माताओं और बहनों को मदद मिलेगी। इससे सालाना लगभग 6100 करोड़ रुपए का राजस्व प्रभावित होगा।'केंद्र सरकार ने शनिवार को पेट्रोल-डीजल पर भी उत्पाद शुल्क कम कर दिया है। इस बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि हम पेट्रोल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में 8 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 6 रुपए प्रति लीटर कम कर रहे हैं, इससे पेट्रोल की कीमत 9.5 रुपए प्रति लीटर और डीजल की कीमत 7 रुपए प्रति लीटर कम होगी। गुरुवार (19 मई) को खबर आई थी कि एलपीजी गैस सिलेंडर के दामों में बढ़ोतरी हुई है। इस दौरान रसोई गैस पर 3.50 रुपए प्रति सिलेंडर बढ़े थे और कॉमर्शियल सिलेंडर पर 8 रुपए प्रति सिलेंडर बढ़े थे। इस बढ़ोतरी के बाद देश में सिलेंडर के दाम एक हजार रुपए के पार पहुंच गए थे। बढ़ी कीमत के बाद दिल्ली में घरेलू सिलेंडर के दाम 1003 रुपए प्रति सिलेंडर और कोलकाता में 1029 रुपए प्रति सिलेंडर हो गए थे। हालांकि अब रेट में कटौती हुई है तो आम जनता को काफी राहत मिलेगी। अगर आप अपने शहर में पेट्रोल और डीजल की कीमतें जानना चाहते हैं तो एक SMS के जरिए जान सकते हैं। इंडियन ऑयल (IOCL) के ग्राहकों को RSP कोड लिखकर 9224992249 नंबर पर सेंड करना होगा। अपने शहर का आरएसपी कोड जानना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें। बता दें कि इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल की कीमत के आधार पर पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बदलाव होता है।
hindi_2022_10893
अहंकार छोड़कर किसानों की मांगे माने केंद्र सरकार, सुखबीर बादल ने कहा
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने शनिवार को भाजपा नीत केंद्र सरकार से कहा कि वह ‘‘अहंकार’’ छोड़े और तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की किसानों की मांग स्वीकार कर ले।
फिरोजपुर: शिरोमणि अकाली दल (शिअद) प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने शनिवार को भाजपा नीत केंद्र सरकार से कहा कि वह ‘‘अहंकार’’ छोड़े और तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की किसानों की मांग स्वीकार कर ले। बादल ने कहा, ‘‘यह शर्मनाक है कि केंद्र सरकार अपने रुख पर अड़ी हुई है और किसानों की मांग के अनुसार इन कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए तैयार नहीं है।’’ बादल ने कहा कि देश के किसान इन कानूनों को निरस्त करने की अपनी मांग को लेकर एकजुट हैं, जो किसानों की भावी पीढ़ियों को पूरी तरह से ‘‘नष्ट’’ कर देंगे। मुख्य तौर पर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हजारों किसान तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने और अपनी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर पिछले कई हफ्तों से दिल्ली के कई सीमा बिंदुओं पर डेरा डाले हुए हैं। बादल ने एक बयान में दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा के खिलाफ मामला दर्ज करने की कड़ी निंदा की। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र उन लोगों के खिलाफ "प्रतिशोध" की राजनीति कर रहा है जो किसानों का समर्थन कर रहे थे। बादल ने आरोप लगाया कि संकट की इस घड़ी में वे किसानों को 'लंगर' परोस रहे हैं और उनके साथ खड़े हैं और यही एकमात्र कारण है कि उन्हें ‘‘झूठे’’ मामलों में घसीटा जा रहा है। अधिकारियों ने कहा था कि दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने सिरसा के खिलाफ धोखाधड़ी का एक मामला दर्ज किया है। बादल ने पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की भी आलोचना की और आरोप लगाया कि वह राज्य के लोगों से किए गए वादों में से एक भी वादा पूरा करने में ‘‘विफल’’ रहे हैं। उन्होंने कहा कि घोषणाएं करना अलग बात है और उन्हें लागू करना अलग बात है।
hindi_2022_10894
तमिलनाडु में मिले 505 नए कोरोना केस, एक लाख से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों को लगा चुका है टीका
राज्य में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं सहित कुल 1,05,543 लोगों को अभी तक टीकाकरण अभियान के शुभारंभ के बाद से टीके लगाये जा चुके हैं।
चेन्नई: तमिलनाडु में कोविड-19 के 505 नये मामले सामने आये और पांच और मरीजों की मौत हो गई। इसे मिला कर, राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 8,37,832 और मृतक संख्या बढ़कर 12,350 हो गई। यह जानकारी स्वास्थ्य विभाग ने शनि़वार को दी। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी एक बुलेटिन में कहा गया कि इसी बीच 526 मरीज संक्रमण से ठीक हुए। इससे राज्य में अभी तक ठीक हुए मरीजों की संख्या बढ़कर 8,20,907 हो गई है। उपचाराधीन मरीजों की संख्या 4,575 है। राज्य सरकार ने अपना टीकाकरण अभियान 16 जनवरी को शुरू किया था और आज 8,417 व्यक्तियों को टीके लगाये गए जिससे अभी तक टीका लेने वालों की संख्या बढ़कर एक लाख से अधिक हो गई। जन स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग की एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, 8,417 लाभार्थियों को कोविड-19 के टीक लगाये गए और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं सहित कुल 1,05,543 लोगों को अभी तक टीकाकरण अभियान के शुभारंभ के बाद से टीके लगाये जा चुके हैं। केरल में देश का पहला कोविड-19 मामला सामने आने के एक साल बाद शनिवार को इस महामारी के 6,282 नए मरीज सामने आए, जबकि 7,032 और लोग इस संक्रमण से मुक्त हुए एवं फिलहाल 71,469 मरीज उपचाररत हैं। स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा ने बताया कि नये मरीजों के सामने आने के बाद राज्य में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 9,23,912 हो गयी जबकि अबतक 8,48,476 मरीज इस बीमारी से निजात पा चुके हैं। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले साल इसी दिन राज्य से देश का पहला कोविड-19 मामला सामने आया था।’’ उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘ जब हम पीछे मुड़कर देखते हैं तो (हम पाते हैं कि) राज्य ने इस वायरस का डटकर मुकाबला किया। इस वायरस ने दुनियाभर में दूरगामी असर डाला है।’’ उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि कोई भी मास्क लगाना, हाथ धोना और एक दूसरे के बीच दूरी बनाना नहीं भूले। पिछले 24 घंटे में, 59,759 नमूनों की जांच की गई और संक्रमण दर 10.51 प्रतिशत है। अब तक, 95,76,795 नमूनों की जांच की गई है। राज्य में संक्रमण से 18 और लोगों की मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 3722 हो गई।पिछले 24 घंटे में ब्रिटेन से लौटा एक व्यक्ति भी संक्रमित पाया गया। शनिवार को जितने संक्रमित पाये गये उनमें 51 स्वास्थ्यकर्मी, 81 बाहर से लौटे लोग हैं तथा 5,725 लेाग ऐसे हैं तो संक्रमितों के संपर्क में आकर संक्रमित हुए। फिलहाल 2,17,434 लोग निगरानी में हैं जबकि 11,508 अस्पताल में भर्ती हैं।
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विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे अखिलेश यादव, RLD के साथ मिलकर करेंगे BJP का मुकाबला
चुनाव में चाचा शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया (पीएसपीएल) को साथ लेने की संभावना पर अखिलेश ने कहा, "मुझे इसमें कोई समस्या नहीं है। उन्हें और उनके लोगों को उचित सम्मान दिया जाएगा।"
लखनऊ. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव इस बार का विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। अखिलेश यादव ने खुद ये जानकारी दी है। अखिलेश यादव ने यह भी बताया है कि उनकी पार्टी यानि समाजवादी पार्टी तथा जयंत चौधरी के राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के बीच गठबंधन हो गया है जो जल्द ही दोनों पार्टियां मिलकर सीटों के बंटवारे की घोषणा करेंगी। न्यूज एजेंसी PTI से बातचीत में अखिलेश यादव ने सोमवार को कहा कि वह अगले साल की शुरुआत में होने वाला उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। अखिलेश ने यह भी कहा कि चुनाव के लिए उनकी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के बीच गठबंधन को अंतिम रूप दे दिया गया है। सपा प्रमुख ने कहा, "रालोद के साथ हमारा गठबंधन फाइनल हो चुका है। सीट बंटवारे को अंतिम रूप दिया जाना है।"चुनाव में चाचा शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया (पीएसपीएल) को साथ लेने की संभावना पर अखिलेश ने कहा, "मुझे इसमें कोई समस्या नहीं है। उन्हें और उनके लोगों को उचित सम्मान दिया जाएगा।" हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि इस बारे में अंतिम फैसला कब लिया जाएगा।पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर की अगुवाई वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के साथ गठबंधन के बारे में पूछे जाने पर सपा अध्यक्ष ने कहा कि यह एक स्वाभाविक गठबंधन है और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोगों ने इसे स्वीकार किया है। इससे भाजपा की पराजय सुनिश्चित हो जाएगी।सुभासपा द्वारा मुफ्त बिजली और रालोद द्वारा एक करोड़ लोगों को रोजगार दिए जाने के चुनावी वादों के बारे में पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "हर पार्टी का अपना एजेंडा होता है। हम सभी किसानों, बेरोजगारों और आम लोगों के मुद्दे उठाते हैं। हर पार्टी अपना घोषणा पत्र जारी कर रही है। अगर चुनाव में हमें जीत मिली तो हमारी सरकार उन सभी मुद्दों और वादों को अपनी प्राथमिकता में शामिल करने की कोशिश करेगी और इसके लिए एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम तैयार किया जाएगा।"असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) या ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस के साथ गठबंधन के बारे में पूछे जाने पर सपा नेता ने कहा, "हमारी पार्टी ने उनसे कोई बात नहीं की है।"अखिलेश ने दावा किया कि सिर्फ सपा ही ऐसी पार्टी है जो भाजपा का मुकाबला कर सकती है और जनहित में उसके सामने खड़ी हो सकती है। किसान भी सपा के साथ हैं। इस बार राज्य में बदलाव होगा और इसके लिए लोगों ने अपना मन बना लिया है। सपा की विजय रथ यात्रा के बारे में अखिलेश ने कहा कि यह रथ यात्रा पिछले महीने शुरू हुई थी और 11 नवंबर तक चलेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कामकाज के बारे में अखिलेश ने कहा, "मुख्यमंत्री ने प्रदेश को बर्बाद कर दिया है। अपने घोषणापत्र के 90 प्रतिशत वादे पूरे करने का दावा करके भाजपा सिर्फ झूठ बोल रही है।"
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राजस्थान निकाय चुनाव: हार को लेकर कांग्रेस हाईकमान ने मांगी रिपोर्ट, कई मंत्रियों पर गिर सकती है गाज
माना जा रहा है कि सरकार के कई मंत्रियों और विधायकों पर गाज गिर सकती है। कांग्रेस आलाकमान ने हार के कारणों को लेकर राज्य ईकाई से रिपोर्ट तलब की है।
जयपुर: निकाय चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन को लेकर पार्टी के अंदर बेचैनी बढ़ गई है। माना जा रहा है कि सरकार के कई मंत्रियों और विधायकों पर गाज गिर सकती है। कांग्रेस आलाकमान ने हार के कारणों को लेकर राज्य ईकाई से रिपोर्ट तलब की है।राज्य की सत्ताधारी कांग्रेस को चुनावों में तगड़ा झटका लगा है। 21 जिलों में 4,371 पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव में भाजपा को जहां 1,989 सीटें मिली वहीं कांग्रेस को 1,852 सीटों पर संतोष करना पड़ा। भाजपा ने इन चुनावों में पार्टी को मिली सफलता को केंद्र सरकार के कृषि सुधार कानूनों पर किसानों की मुहर बताया। चार चरणों में संपन्न हुए इन चुनावों के नतीजों के मुताबिक मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) को 26, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी को छह और बहुजन समाज पार्टी को पांच सीटें मिली हैं। निर्दलीय उम्मीदवारों को 439 पंचायत समिति सीटों पर विजय हासिल हुई। इसी तरह जिला परिषद सदस्यों के चुनाव में भाजपा ने 353 और कांग्रेस ने 252 सीटें जीतीं। राजस्थान के 21 जिलों में कुल 636 जिला परिषद सदस्यों और 4,371 पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव के लिए अजमेर, बांसवाड़ा, बाड़मेर, भीलवाड़ा, बीकानेर, बूंदी, चित्तौड़गढ़, चुरू, डूंगरपुर, हनुमानगढ़, जैसलमेर, जालोर, झालावाड़, झुंझुनू, नागौर, पाली, प्रतापगढ़, राजसमंद, सीकर, टोंक और उदयपुर में मतदान चार चरणों में, 23 और 27 नवंबर और एक और पांच दिसंबर को हुआ था। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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चीन की चालबाजियों के बीच अरुणाचल दौरे पर पहुंचे आर्मी चीफ नरवणे
ड्रैगन की चालबाजियों के बीच सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने अरुणाचल प्रदेश सेक्टर में चीन के साथ लगी सीमा के पास भारत की ऑपरेशनल तैयारियों की समीक्षा की। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने अरुणाचल प्रदेश की सीमा के करीब एक रणनीतिक राजमार्ग का निर्माण पूरा किया है।
नयी दिल्ली: ड्रैगन की चालबाजियों के बीच सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने अरुणाचल प्रदेश सेक्टर में चीन के साथ लगी सीमा के पास भारत की ऑपरेशनल तैयारियों की समीक्षा की। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने अरुणाचल प्रदेश की सीमा के करीब एक रणनीतिक राजमार्ग का निर्माण पूरा किया है। चीन ने इस राजमार्ग का निर्माण यारलुंग जांगबो ग्रैंड कैनियन के बीच से होकर किया है जिसे दुनिया की सबसे गहरी खाई के रूप में जाना जाता है और जिसकी अधिकतम गहराई 6009 मीटर है। चीन ने इस राजमार्ग का निर्माण 31 करोड़ डॉलर की कीमत से किया है।जनरल नरवणे बृहस्पतिवार से पूर्वोत्तर क्षेत्र के दो दिन के दौरे पर हैं। क्षेत्र में उनका दौरा पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले कुछ स्थानों पर चीनी सेना के साथ भारतीय सेना के जारी गतिरोध के बीच हो रहा है। अधिकारियों ने बताया कि अरुणाचल प्रदेश में उत्तरी सीमा के पास ऑपरेशनल तैयारियों और पूर्वोत्तर क्षेत्र के आंतरिक इलाकों में सुरक्षा स्थिति का जायजा लेने के लिए जनरल नरवणे बृहस्पतिवार को नगालैंड के दिमापुर पहुंचे। सेना ने कहा, ‘‘दिमापुर में सेना मुख्यालय में आगमन पर, सेना प्रमुख को लेफ्टिनेंट जनरल, जनरल ऑफिसर कमांडिंग ऑफ स्पियर कोर तथा डिविजन कमांडरों ने उत्तरी सीमा के पास मौजूदा स्थिति एवं अभियान संबंधी तैयारियों से अवगत कराया।” सेना ने कहा कि सेना प्रमुख ने उत्कृष्ट निगरानी के लिए सभी सैनिकों की सराहना की और उनसे चौकन्ना रहने तथा वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के आस-पास गतिविधियों पर नजर रखने के लिए कहा। जनरल नरवणे ने उत्तर पूर्व के आंतरिक क्षेत्र में और भारत-म्यांमा सीमाओं के पास सुरक्षा परिदृश्य की भी समीक्षा की और सभी जवानों का इसी उत्साह के साथ काम करते रहने का आह्वान किया। बुधवार को, जनरल नरवणे ने कहा था कि सेना समूचे उत्तरी मोर्चे पर लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक मौजूदगी बढ़ा कर रखेगी जब तक तनाव कम न हो जाए। पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा विवाद के मद्देनजर, सेना ने पिछले साल करीब 3,500 किलोमीटर लंबी एलएसी पर सभी संवेदनशील इलाकों में सैनिकों की तैनाती महत्वपूर्ण ढंग से बढ़ा दी थी। भारतीय वायुसेना ने भी अरुणाचल सेक्टर में एलएसी के पास हवाई क्षेत्र की निगरानी करने वाले प्रमुख अड्डों में अतिरिक्त लड़ाकू विमानों एवं हमला कर सकने वाले हेलिकॉप्टर तैनात कर दिए थे। भारत और चीन में पिछले साल मई की शुरुआत से पूर्वी लद्दाख में कई टकराव स्थलों पर सैन्य गतिरोध जारी है लेकिन कई दौर की सैन्य एवं कूटनीतिक वार्ताओं के बाद फरवरी में उन्होंने पैंगोंग झील के उत्तरी एवं दक्षिणी किनारों से सैनिकों एवं हथियारों को पीछे हटाने का काम पूरा कर लिया है। दोनों पक्ष अब शेष बचे टकराव के स्थानों से पीछे हटने की कार्रवाई बढ़ाने के लिए बात कर रहे हैं। टकराव वाले बाकी बिंदुओं से सैनिकों की पूरी तरह वापसी की दिशा में कोई प्रगति नहीं दिख रही और चीनी पक्ष ने 9 अप्रैल को भारतीय सेना के साथ सैन्य वार्ता के 11वें दौर में अपने प्रयासों में कोई लचीलापन नहीं दिखाया था। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को कहा था कि भारत और चीन के बीच संबंध दोराहे पर खड़े हैं और इनकी दिशा इस बात पर निर्भर करती है कि पड़ोसी देश सीमा पर अमन-चैन बनाकर रखने से संबंधित अनेक समझौतों का पालन करता है या नहीं।ये भी पढ़ें
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Lakhimpur Kheri Case: सुप्रीम कोर्ट में 8 नवंबर तक टली सुनवाई, कई गवाहों के बयान दर्ज होना बाकी
इस केस की जांच कर रही एसआइटी के साथ ही लखीमपुर खीरी पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अब तक दो दर्जन से अधिक प्रत्यक्षदर्शियों के बयान दर्ज करने के साथ ही इस केस के मुख्य आरोपित आशीष मिश्रा मोनू सहित 12 लोगों को गिरफ्तार भी किया है।
नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में 3 अक्टूबर को हुई हिंसा के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई को अब 8 सितंबर के लिए टाल दिया है। मंगलवार को इस मामले में हुई सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से कहा गया है कि अधिकतर गवाहों के बयान होना अभी बाकी हैं। कोर्ट ने सरकार से सभी गवाहों को सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए कहा है और सुनवाई को 8 नवंबर के लिए टाल दिया है। सरकार की तरफ से इस मामले में वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे पेश हुए हैं। 3 अक्तूबर को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के दौरान 4 किसानों सहित 8 लोगों की मौत हो गई थी। लखीमपुर की घटना को लेकर बाद में उत्तर प्रदेश की राजनीती गरमा गई थी, कई विपक्षी दलों के नेता लखीमपुर खीरी जाकर किसानों के साथ मुलाकात करना चाहते थे लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने अनुमति नहीं दी थी। लखीमपुर जा रहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को पहले हिरासत में लिया गया था लेकिन बाद में छोड़ दिया गया था। इस मामले में संयुक्त किसान मोर्चा के किसान नेता भी लखीमपुर खीरी पहुंच गए थे। इस केस की जांच कर रही एसआइटी के साथ ही लखीमपुर खीरी पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अब तक दो दर्जन से अधिक प्रत्यक्षदर्शियों के बयान दर्ज करने के साथ ही इस केस के मुख्य आरोपित आशीष मिश्रा मोनू सहित 12 लोगों को गिरफ्तार भी किया है।
hindi_2022_10899
यूपी: DM का फरमान, जींस और टी-शर्ट पहनकर न आएं ऑफिस
उत्तर प्रदेश के संभल जिले के डीएम ने कलेक्ट्रेट के कर्मचारियों के जींस और टी-शर्ट पहनने पर पाबंदी लगा दी है। जिलाधिकारी संजीव रंजन की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सरकारी कर्मचारी और अधिकारी जींस और टीशर्ट पहनकर दफ्तर नहीं आ सकेंगे।
संभल (उप्र): आमतौर पर खाप पंचायतों द्वारा लड़कियों के जींस पहनने पर पाबंदी की बातें की जाती हैं, लेकिन अब एक जिलाधिकारी (DM) ने अपने कर्मचारियों के जींस पहनने पर पाबंदी लगाने की बात की है। उत्तर प्रदेश के संभल जिले के डीएम ने कलेक्ट्रेट के कर्मचारियों के जींस और टी-शर्ट पहनने पर पाबंदी लगा दी है। जिलाधिकारी संजीव रंजन की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सरकारी कर्मचारी और अधिकारी जींस और टीशर्ट पहनकर दफ्तर नहीं आ सकेंगे।बता दें कि पिछले महीने ही गोरखपुर विकास प्राधिकरण (GDA) में सीईओ संजीव रंजन को संभल के जिलाधिकारी के रूप में तैनाती दी गई है। जिले के नए डीएम संजीव रंजन ने सरकारी कर्मचारी और अधिकारियों के लिए फरमान जारी करते हुए जींस-टीशर्ट पहनकर ऑफिस आने पर रोक लगा दी। फरमान के मुताबिक सरकारी कर्मचारी और अफसर सरकारी कार्यालय में जींस तथा टीशर्ट न पहनकर काम के अनुरूप ही कपड़े पहनें।जिलाधिकारी संजीव रंजन के इस सख्त रवैये से सरकारी अफसरों और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है। संभल जिले में नवागत जिलाधिकारी संजीव रंजन के कार्यभार संभाले अभी एक महीना भी नहीं हुआ है कि उन्होंने अपने अधीनस्थ अधिकारियों को सरकार की मंशा के अनुरूप कामकाज करने के लिए सख्ती दिखानी शुरू कर दी है और आज अपने अधीनस्थ अधिकारियों और कर्मचारियों को ये फरमान जारी कर दिया है।
hindi_2022_10900
Tamil Nadu Rains LIVE: चेन्नई सहित 21 जिलों में बारिश से हालात खराब, निचले इलाकों में भरा पानी
बारिश के बाद चेन्नई सहित आस पास के 4 जिलों में दो दिन के लिए स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। चेन्नई में आज सरकारी दफ्तर भी बन्द रहेंगे, निजी संस्थानों को भी बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं। नीचे पढ़ें लाइव अपडेट्स-
चेन्नई (तमिलनाडु): मूसलाधार बारिश के कारण तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई सहित राज्य के 21 जिलों में हालात खराब हो गए हैं। चेन्नई समेत 14 जिलों में बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है जबकि 7 जिलों में येलो अलर्ट है। शनिवार रात को राजधानी चेन्नई में हुई जोरदार बारिश के बाद शहर के कई हिस्सों में जल भराव हो गया, निचले इलाकों में तो घरों में भी पानी घुस गया है, जिसकी वजह से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, कल रात से बारिश कम हुई है। बारिश के बाद चेन्नई सहित आस पास के 4 जिलों में दो दिन के लिए स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। चेन्नई में आज सरकारी दफ्तर भी बन्द रहेंगे, निजी संस्थानों को भी बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं। नीचे पढ़ें लाइव अपडेट्स-
hindi_2022_10901
योगी सरकार में राज्य मंत्री चौधरी उदयभान सिंह कोरोना संक्रमित
राज्य मंत्री चौधरी उदयभान सिंह कोविड-19 से संक्रमित पाए गए हैं। उन्हें संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ में बुधवार शाम को भर्ती कराया गया।
लखनऊ. यूपी की योगी सरकार में राज्य मंत्री चौधरी उदयभान सिंह कोविड-19 से संक्रमित पाए गए हैं। उन्हें संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ में बुधवार शाम को भर्ती कराया गया। इस बात की जानकारी एसजीपीजीआई के निदेशक प्रो.आर के धीमान ने दी। इससे पहले मंगलवार को योगी सरकार में राज्यमंत्री और गाजियाबाद के विधायक अतुल गर्ग कोरोना संक्रमित पाए गए थे।अस्पताल में भर्ती हैं अतुल गर्गमंगलवार को राज्य मंत्री अतुल गर्ग के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। मंत्री ने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि 15 अगस्त को उनका आरटीपीसीआर टेस्ट हुआ था जिसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई थी, लेकिन सोमवार रात नौ बजे रैपिड एंटीजन टेस्ट में उनके संक्रमित होने की पुष्टि हुई।गाजियाबाद से विधायक 63 वर्षीय गर्ग ने आग्रह किया है कि जो लोग 16 से 18 अगस्त के बीच उनके संपर्क में आए हैं वे सभी एहतियात के तौर पर अपना-अपना जांच कराएं। गर्ग को गाजियाबाद के कौशांबी स्थित यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है जहां उनकी हालत स्थिर बताई जाती है।अस्पताल के एक अधिकारी ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया, "राज्य मंत्री को मंगलवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया। शुरुआती जांच के बाद उनकी हालत स्थिर है। डॉक्टरों की एक टीम उनके स्वास्थ्य की निगरानी कर रही है। गर्ग मधुमेह और उच्च रक्तचाप के भी मरीज हैं।" गर्ग के निजी सचिव ललित कुमार दिवाकर का कहना है कि राज्यमंत्री ठीक हैं, उनमें संक्रमण के गंभीर लक्षण नहीं हैं, और वह सिर्फ एहतियात के तौर पर अस्पताल में भर्ती हैं।
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कोरोना वायरस टीके को लेकर विशेषज्ञों ने बताया कबतक आएगी वैक्सीन, पढ़ें पूरी खबर
कोरोना वायरस वैश्विक महामारी का टीका विकसित करने के लिए काम कर रहे विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड-19 के लिए प्रभावी टीका आम लोगों को 2021 में पतझड़ के मौसम से पहले उपलब्ध होने की संभावना नहीं है।
नयी दिल्ली: कोरोना वायरस टीके को लेकर दुनिया भर के कई देश दिन रात कोशिशों में जुटे है। ऐसे में अब इसपर नई खबर आई है। कोरोना वायरस वैश्विक महामारी का टीका विकसित करने के लिए काम कर रहे विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड-19 के लिए प्रभावी टीका आम लोगों को 2021 में पतझड़ के मौसम से पहले उपलब्ध होने की संभावना नहीं है। कनाडा में मैकगिल यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ताओं ने टीका विकसित करने के लिए काम कर रहे 28 विशेषज्ञों को लेकर सर्वेक्षण किया गया। जिन विशेषज्ञों को इस सर्वेक्षण में शामिल किया गया है, उनमें अधिकतर कनाडाई या अमेरिकी वैज्ञानिक है, जो पिछले औसतन 25 साल से इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं। मैकगिल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जोनाथन किम्मेलमैन ने कहा, ‘‘हमारे सर्वेक्षण में विशेषज्ञों ने टीका बनाने को लेकर जो अनुमान जताया है, वह अमेरिकी सरकारी अधिकारियों द्वारा 2021 की शुरुआत की दी गई समयसीमा की अपेक्षा कम आशावादी है।’’ किम्मेलमैन ने कहा कि वैज्ञानिकों का मानना है कि आम लोगों के लिए अगले साल गर्मियों में टीका विकसित होना सबसे अच्छी स्थिति होगी, लेकिन इसे आने में 2022 तक का समय लग सकता है। अध्ययन में दिखाया गया है कि सर्वेक्षण में शामिल एक-तिहाई वैज्ञानिकों का मानना है कि जो टीका विकसित किया जाएगा, उसे दो बड़े झटके लग सकते हैं।
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Chamoli Rescue Operation Live: टनल के अंदर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, फंसे हैं 30-40 लोग, 200 से ज्यादा लापता
चमोली में आई भीषण आपदा के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हो चुका है। ये ऑपरेशन पूरी रात चलता रहा और सूरज की पहली किरण के साथ ही इसमें और तेजी आ चुकी है। इस प्राकृतिक आपदा में अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है। इस हादसे में 100 से ज्यादा लोग लापता हैं।
नई दिल्ली. उत्तराखंड के चमोली में आई भीषण आपदा के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हो चुका है। ये ऑपरेशन पूरी रात चलता रहा और सूरज की पहली किरण के साथ ही इसमें और तेजी आ चुकी है। इस प्राकृतिक आपदा में अबतक 15 लोगों की मौत हो चुकी है। इस हादसे में 150 से ज्यादा लोग लोग लापता हैं। तपोवन के हाइड्रोपावर प्रॉजेक्ट की एक टनल से अब तक 12 लोगों को निकाला जा चुका है जबकि दूसरी टनल में अब भी 30 लोग फंसे हुए हैं। आर्मी, ITBP, एसडीआरएफ और उत्तराखंड पुलिस का रेस्क्यू ऑपरेशन रात भर जारी रहा और अब सुबह होते ही एयरफोर्स भी एक्शन में आ गई है।पढ़ें- धौली गंगा नदी में एक बार फिर से जलस्तर बढ़ा, कुछ समय के लिए रोकना पड़ा बचाव कार्यआपको बता दें कि कल सुबह साढ़े दस बजे नंदा देवी ग्लेशियर का एक हिस्सा टूटकर ऋषिगंगा नदी में गिर गया था, जिसके बाद नदी ने विकराल रूप धारण कर लिया। इस सैलाब की चपेट में दो हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट आए गए, पहला ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट और दूसरा तपोवन पावर प्रोजेक्ट। भीषण तबही की वजह से ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट पूरी तरह से तबाह हो गया जबकि तपोवन हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट में गाद, मलबा भर गया और कई लोग फंस गए। आज दिनभर इसी इन पावर प्रोजेक्ट में रेस्क्यू का काम चलेगा और जिंदा बचे लोगों को बाहर निकाला जाएगा।पढ़ें- चमोली में तबाही, उत्तर प्रदेश में अलर्ट, योगी बोले- रखी जाए पूरी नजरउत्तराखंड में आई आपदा के सभी लेटेस्ट अपडेट आपको हमारे इस पेज पर मिलेंगे। लगातार रिफ्रेश करते रहें।
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अब्दुल समद की फर्जी खबर के जरिए यूपी के कई शहरों में उन्माद भड़काने की थी साजिश, सपा नेता पर आरोप: सूत्र
अब्दुल समद की पिटाई को धार्मिक रंग देकर और उसको बड़ा मुद्दा बनाकर उत्तर प्रदेश के अलीगढ़, मुरादाबाद, देवबंद, सहारनपुर तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई और शहरों में उन्माद भड़काने की साजिश की गई थी।
लखनऊ: गाजियाबाद के लोनी बॉर्डर के पास मुस्लिम बुजुर्ग अब्दुल समद की पिटाई को लेकर शुरू हुआ विवाद कम होने का नाम नहीं ले रहा है। इंडिया टीवी को सूत्रों से ऐसी जानकारी मिली है कि अब्दुल समद की पिटाई को धार्मिक रंग देकर और उसको बड़ा मुद्दा बनाकर उत्तर प्रदेश के अलीगढ़, मुरादाबाद, देवबंद, सहारनपुर तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई और शहरों में उन्माद भड़काने की साजिश की गई थी। सूत्रों के अनुसार समाजवादी पार्टी नेता उम्मेद पहलवान पर उन्माद भड़काने की साजिश रचने का आरोप है।सपा नेता उन्मेद पहलवान ने ही अब्दुल समद का फेसबुक लाइव किया था और फेसबुक लाइव के दौरान दावा किया गया था कि अब्दुल समद की जबरदस्ती पिटाई की गई और उसे जय श्रीराम बोलने के लिए कहा गया, तथा उसकी दाढ़ी भी काटी गई। लेकिन बाद में पुलिस की जांच में यह बात झूठ निकली और पाया गया कि अब्दुल समद ने परवेश गुर्जर नाम के व्यक्ति को कोई ताबीज बनाकर दिया था और परवेश गुर्जर का दावा था कि ताबीज की वजह से उसके घर पर नुकसान हुआ है। जिसके बाद परवेश गुर्जर ने अपने कुछ मुस्लिम साथियों के साथ मिलकर अब्दुल समद की पिटाई की थी।मामले को सांप्रदायिक रंग देने और उन्माद फैलाने की साजिश रचने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस ने समाजवादी पार्टी नेता उन्मेद पहलवान के खिलाफ गंभीर धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया। उत्तर प्रदेश पुलिस उन्मेद पहलवान की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी भी कर रही है और वह पुलिस के डर से कहीं छिपा हुआ है।इस बीच पिटने वाले व्यक्ति अब्दुल मसद का एक और वीडियो सामने आया है जिसमें वह कह रहा है कि, इंतजार नाम के व्यक्ति ने उससे परवेज गुर्जर को ऐसा ताबीज बनाकर देने के लिए कहा था जिससे परवेज गुर्जर इंतजार के वश में आ जाए। अब्दुल मसद के इस वीडियो में उसकी दाढ़ी कटी हुई नजर नहीं आ रही जबकि फेसबुक लाइव के दौरान उसकी दाढ़ी कटी हुई देखी गई थी। दावा किया जा रहा है कि नया वीडियो अब्दुल मसद की पिटाई से पहले का है, हालांकि इंडिया टीवी इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है।
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टीकरी बॉर्डर पर रेप? बंगाल की युवती की मौत पर किसान मोर्चा ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस
टीकरी बॉर्डर पर आंदोलन में आई पश्चिम बंगाल की युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म के आरोप को पर एफआइआर दर्ज होने के बाद पुलिस अब इस मामले में तेजी से जांच में जुट गई है। जिस अस्पताल में पीड़िता भर्ती रही थी, उस अस्पताल से पुलिस ने पूरा रिकार्ड तलब किया है, जिसमें कुछ सवाल हैं, जैसे कि युवती को कब अस्पताल में लाया गया? किसने दाखिल कराया? उसको क्या तकलीफ हुई? आदि अन्य सवाल शामिल हैं।
नई दिल्ली. कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर हो रहे विरोध प्रदर्शन के बीच बंगाल से आई युवती की मौत का मामला गरमा गया है। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने सोमवार को प्रेस वार्ता कर मीडिया के सामने कई पहलू रखे। इस दौरान मृत युवती के पिता भी मौजूद रहे। संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से जानकारी दी गई है कि मोर्चे को युवती के साथ दुष्कर्म की जानकारी 2 मई को उनके पिता से मिली।पीड़िता के पिता ने मीडिया को बताया कि बेटी ने उनसे कहा था कि दोषियों को सजा मिले और उसे इंसाफ मिले, लेकिन मोर्चे पर कोई आंच न आए। कानूनी कार्रवाई की तरफ बढ़ने में वह शुरुआत में थोड़ा हिचकिचाए, लेकिन जब संयुक्त किसान मोर्चा ने उन्हें मदद का भरोसा दिलाया, तब उनमें हिम्मत आई और उन्होंने कानूनी कार्रवाई करने का फैसला लिया, 8 मई को मुकदमा दर्ज कराया। मृत युवती के पिता ने कहा कि उन्होंने सिर्फ किसान सोशल आर्मी से जुड़े अनिल मलिक और अनूप सिंह पर दुष्कर्म के आरोप लगाए हैं, क्योंकि बेटी ने इन दोनों के बारे में जानकारी दी थी। इन दोनों के अलावा उनकी बेटी ने किसी अन्य व्यक्ति के बारे में कुछ नहीं कहा।उन्होंने कहा, "कविता और योगिता ने उनकी मदद की और अभी तक मदद कर रही हैं। लेकिन पुलिस ने अनिल और अनूप के अलावा महिला को भी ओरोपित बना दिया।"हालांकि दूसरी ओर टीकरी बॉर्डर पर आंदोलन में आई पश्चिम बंगाल की युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म के आरोप को पर एफआइआर दर्ज होने के बाद पुलिस अब इस मामले में तेजी से जांच में जुट गई है। जिस अस्पताल में पीड़िता भर्ती रही थी, उस अस्पताल से पुलिस ने पूरा रिकार्ड तलब किया है, जिसमें कुछ सवाल हैं, जैसे कि युवती को कब अस्पताल में लाया गया? किसने दाखिल कराया? उसको क्या तकलीफ हुई? आदि अन्य सवाल शामिल हैं। फिलहाल पुलिस इन सभी बिंदुओं पर जानकारी जुटाने में लग गई है। सीसीटीवी फुटेज, कॉल रिकार्डस आदि पुलिस खंगाल रही है। पुलिस ने अनुसार, जल्द ही दोषियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।किसान नेताओं का इस मसले पर साफ कहना है कि वे पीड़ित परिवार के साथ खड़े हैं, दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए। किसान नेताओं के अनुसार, पीड़िता के साथ जो कुछ हुआ, इसकी जानकारी उन्हें शुरुआत में नहीं थी। योगेंद्र यादव ने कहा, "24 अप्रैल से पहले मैं ना पीड़िता को जानता था और न ही उनके पिता को जानता था। 25 अप्रैल को पता लगा कि कुछ गड़बड़ हुआ है, लेकिन क्या, ये नहीं पता था।"उन्होंने कहा, "जिस वक्त युवती को आगरा की बताकर हांसी ले जाया जा रहा था, मैंने पीड़िता से बात कर लोकेशन मंगाया तो वो हरियाणा के पास की दिखा रहा था। तुरंत वापस कॉल कर आरोपी युवकों को वापस आने को कहा गया था।" उन्होंने कहा कि उस वक्त तक युवती के साथ दुष्कर्म जैसी कोई बात सामने नहीं आई थी। हालांकि युवती की तबीयत खराब होने की जानकारी थी। उनकी प्राथमिकता थी कि युवती को पहले इलाज मिले।किसान आंदोलन में हिस्सा लेने आई पश्चिम बंगाल की युवती के साथ दुष्कर्म के मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। बताया जा रहा है कि युवती 11 अप्रैल को आरोपियों के साथ पश्चिम बंगाल से दिल्ली आई थी। किसान आंदोलन में हिस्सा लेने के दौरान उसके साथ दुष्कर्म की घटना हुई। युवती की 30 अप्रैल को कोरोना संक्रमण से मौत हो गई।
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मुख्तार अंसारी के साथ हो सकता है षड्यंत्र, भाई अफजाल ने जताई आशंका
नाम न उजागर करने की शर्त पर पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि उच्चतम न्यायालय के आदेश पर पंजाब के रोपड़ जिले की जेल में बंद गैंगस्टर एवं मऊ से बसपा विधायक मुख्तार अंसारी को बांदा जेल लाने के लिए पीएसी की एक कंपनी के अलावा अत्याधुनिक हथियारों से लैश करीब 80 पुलिस जवानों का एक दल आज सुबह (सोमवार को) बांदा से पंजाब के लिए रवाना हो गया है।
बांदा. बाहुबली बसपा विधायक मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को बांदा जेल लाने के लिए बांदा पुलिस का एक भारी-भरकम दल सोमवार सुबह पंजाब रवाना हो गया। इस दल में पीएसी की एक कंपनी और कई वज्र वाहनों के अलावा एंबुलेंस भी शामिल हैं। उधर, मुख्तार अंसारी के बड़े भाई और गाजीपुर से बहुजन समाज पार्टी के सांसद अफजाल अंसारी ने मुख्तार अंसारी को उत्‍तर प्रदेश की जेल में रखे जाने के दौरान कोई षड्यंत्र रचे जाने की आशंका जताई है ।नाम न उजागर करने की शर्त पर पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि उच्चतम न्यायालय के आदेश पर पंजाब के रोपड़ जिले की जेल में बंद गैंगस्टर एवं मऊ से बसपा विधायक मुख्तार अंसारी को बांदा जेल लाने के लिए पीएसी की एक कंपनी के अलावा अत्याधुनिक हथियारों से लैश करीब 80 पुलिस जवानों का एक दल आज सुबह (सोमवार को) बांदा से पंजाब के लिए रवाना हो गया है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से इसे बेहद गोपनीय रखा गया है। वहीं, रविवार को दिल्ली से आए इंजीनियरों ने बांदा जेल के सीसीटीवी कैमरों व जैमर को चेक किया, उनकी कमियां दुरुस्त कीं।प्रभारी जेल अधीक्षक प्रमोद तिवारी ने बताया कि मुख्तार को रखे जाने वाली जेल की बैरक (15 नंबर) में रोशनी, पेयजल व्यवस्था और साफ-सफाई दुरुस्त करा दी गई है। उन्होंने बताया कि इस बैरक में अन्य बंदी नहीं पहुंच पाएंगे और तीन बंदी रक्षक बैरक के अंदर भी तैनात रहेंगे। उल्लेखनीय है क़ि मुख्तार अंसारी एक मामले में पंजाब की रोपड़ जेल में बंद हैं। अंसारी को लाने के लिए राज्य सरकार और पंजाब सरकार के बीच उच्चतम न्यायालय तक मामला चला। 26 मार्च को उच्चतम न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश भेजने का आदेश दिया था।शीर्ष अदालत ने पंजाब की जेल में बंद मुख्तार को दो सप्ताह में उत्तर प्रदेश भेजने का निर्देश दिया। उच्चतम न्यायालय ने मुख्तार की कस्टडी ट्रांसफर याचिका पर यह फैसला सुनाया था। इस बीच बलिया से मिली खबर के अनुसार विधायक मुख्तार अंसारी के बड़े भाई और गाजीपुर से बहुजन समाज पार्टी के सांसद अफजाल अंसारी ने आज मुख्तार अंसारी को यूपी की जेल में रखे जाने के दौरान कोई षड्यंत्र रचे जाने की आशंका जताई है। उन्होंने मुख्तार अंसारी की सुरक्षा के मसले पर न्यायपालिका की शरण में जाने की घोषणा की है।सांसद अंसारी ने सोमवार को 'पीटीआई-भाषा' से बातचीत करते हुए कहा कि अंसारी परिवार को मुख्तार अंसारी की सुरक्षा को लेकर मीडिया रपट व भाजपा नेताओं के बयान के कारण आशंका है। उन्होंने कहा कि मुख्तार अंसारी को पंजाब से लाकर उत्तर प्रदेश की जेल में रखे जाने पर उसके साथ कोई षड्यंत्र रचा जा सकता है। अफजाल ने कहा, 'जब राज्य सरकार द्वारा ही सुरक्षा पर संकट उत्पन्न किया जा रहा हो तो न्यायपालिका की शरण में जाने के सिवाय कोई अन्य विकल्प नहीं बचता।'उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय को मीडिया रपट व भाजपा नेताओं के बयानबाजी को देखते हुए मुख्तार अंसारी के सुरक्षा मसले का स्वयं संज्ञान लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्हें देश की स्वतंत्र न्यायपालिका पर गर्व है, देश में अभी न्याय जिंदा है। अफजाल ने मुख्तार अंसारी पर मुस्लिम देशों से फंडिंग के आरोप को लेकर जांच की चुनौती दी है। संसदीय कार्य राज्य मंत्री आनन्द स्वरूप शुक्ल ने रविवार को मुख्तार अंसारी को मुस्लिम रक्षक के रूप में पेश कर मुस्लिम देशों से फंडिंग का आरोप लगाया था। इस बारे में अफजाल ने कहा कि भाजपा की केंद्र व राज्य में सरकार है,इसकी जांच किसी भी एजेंसी से कराई जा सकती है।
hindi_2022_10907
Covid: एक्शन में सीएम योगी, कोविड अस्पतालों को दिया ये निर्देश
शनिवार को जारी सरकारी बयान के अनुसार मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने कोविड-19 प्रबंधन टीम को हिदायत दी कि कोविड-19 अस्पतालों में बेड का विवरण जिले के एकीकृत नियंत्रण और कमान केंद्र के पोर्टल पर भी अपलोड कराया जाए।
लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने शनिवार को कोविड-19 प्रबंधन के लिए गठित टीम-11 को निर्देश दिया कि आमजन को बिस्तर की उपलब्‍धता की समुचित जानकारी उपलब्‍ध कराई जाए और प्रदेश में ऐसे सभी अस्पताल जहां कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों का इलाज हो रहा है, वहां रिक्त बेड का विवरण हर दिन दो बार सार्वजनिक किया जाए। कोरोना वायरस संक्रमण के दौर में राज्य के अस्पतालों में बेड को लेकर संकट गहरा गया है और मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव तथा उत्‍तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्‍लू समेत कई नेताओं ने बेड के संकट को लेकर सरकार की लगातार आलोचना की है। शनिवार को जारी सरकारी बयान के अनुसार मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने कोविड-19 प्रबंधन टीम को हिदायत दी कि कोविड-19 अस्पतालों में बेड का विवरण जिले के एकीकृत नियंत्रण और कमान केंद्र के पोर्टल पर भी अपलोड कराया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि बेड का आवंटन पूरी पारदर्शिता के साथ किया जाना चाहिए, सभी जिलों के प्रशासन इस व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से लागू करें और स्वास्थ्य मंत्री व चिकित्सा शिक्षा मंत्री प्रदेश के सभी जिलों में इस स्थिति की आज विस्तृत समीक्षा करें।ऐसे दौर में जबकि पूरा देश कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ एकजुट होकर लड़ रहा है, ऐसे आपदाकाल में भी कुछ अराजक तत्व दवाओं की कालाबाजारी, अफवाह फैलाने अथवा माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं, सोशल मीडिया पर भी दुष्प्रचार हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने ऐसे लोगों के विरुद्ध गैंगस्टर कानून एवं राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कठोरतम कार्रवाई करने और इनकी संपत्ति जब्त करने के निर्देश दिए हैं।CM योगी ने कहा कि डीआरडीओ के सहयोग से लखनऊ और वाराणसी में कोविड अस्पताल की स्थापना का काम पूर्ण होने वाला है, सभी आवश्यक चिकित्सीय सुविधाओं से युक्त इन दोनों अस्पतालों के क्रियाशील होने से प्रदेश के चिकित्सा संसाधन और सुदृढ़ होंगे। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इनके सहज संचालन के लिए आवश्यक प्रशिक्षित मानव संसाधन आदि के संबंध में व्यवस्था कर ली जाए।मुख्यमंत्री ने कहा है कि रेमडेसिविर तथा अन्य जीवन रक्षक दवाओं का वितरण पारदर्शी रूप से किया जाए। कैडिला कंपनी से रेमडेसिविर की 18,000 शीशियां और प्राप्त हो गई हैं। हर दिन इसकी आपूर्ति बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि मांग के अनुसार संबंधित कंपनियों को और मांग भेजी जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऑक्सीजन की सुचारु उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा रही है। बोकारो से भारतीय रेल की विशेष 'ऑक्सीजन रेल' उत्तर प्रदेश पहुंच चुकी है। मोदीनगर, काशीपुर, पानीपत और रुड़की प्लांट से भी प्रदेश को ऑक्सीजन आपूर्ति हो रही है।मुख्यमंत्री ने इस ऑक्सीजन का पारदर्शिता के साथ सुचारु वितरण कराने का निर्देश दिया। प्रदेश में किसी भी मरीज को ऑक्सीजन की कमी न होने देने का दावा करते हुए योगी ने कहा कि बहराइच, फिरोजाबाद आदि छोटे जिलों को उनके मंडल मुख्यालयों से ऑक्सीजन आवंटित कराई जाए। उन्होंने कहा कि गोरखपुर, बरेली सहित विभिन्न जिलों में टैंकरों से ऑक्सीजन भेजी जा रही है। इन टैंकरों की जीपीएस मॉनिटरिंग व्यवस्था की जाए तथा पर्याप्त सुरक्षा बल मुहैया कराया जाए।CM योगी ने ऑक्सीजन की मांग और पूर्ति में संतुलन बनाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि ऑक्सीजन ऑडिट कराया जाए और जो लोग पृथक-वास में उपचार करा रहे हैं, उन्हें आवश्यकता अनुसार ऑक्सीजन जरूर उपलब्ध कराया जाए। मुख्यमंत्री ने बताया कि आगामी एक मई से 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी प्रदेशवासियों का टीकाकरण शुरू किया जाना है। यह टीकाकरण नागरिकों के लिए पूर्णतः निःशुल्क होगा और इस संपूर्ण प्रक्रिया के सुचारु संचालन की कार्ययोजना वित्त मंत्री सुरेश खन्ना की अध्यक्षता में गठित कमेटी तैयार करेगी।उन्होंने कहा कि कोविड संक्रमित की मृत्यु का हर मामला दुर्भाग्यपूर्ण है और ऐसे सभी लोगों का अन्तिम संस्कार उनकी धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं का पालन करते हुए प्रशासन की देखरेख में कोविड प्रोटोकॉल के अनुरूप सुनिश्चित किया जाए। योगी ने कहा कि मृतक के परिजनों के साथ संवेदनशील व्यवहार हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीब परिवारों के सदस्यों के अंतिम संस्कार के लिए सरकार द्वारा सहायता राशि देने की व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि पंचायती राज और नगर विकास विभाग इन व्यवस्थाओं को लागू किया जाना सुनिश्चित करें।
hindi_2022_10908
कोरोना की वजह से भारतीय सेना के 185 सैनिकों की गई है जान, लेकिन अब सभी सैनिक हो चुके हैं पूर्ण वैक्सिनेट
राज्यसभा में रक्षा मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार थल सेना के 134 सैनिकों, नेवी के 4 तथा वायुसेना के 47 सैनिकों को कोरोना की वजह से जान गंवानी पड़ी है।
नई दिल्ली। कोरोना की वजह से देश में हुई मौतों में सिर्फ आम नागरिक ही शामिल नहीं हैं बल्कि भारतीय सेना के कई सैनिकों को भी इस वायरस की वजह से जान गंवानी पड़ी है। कोरोना की वजह से देश में सेना के कितने सैनिकों की जान गई है इसकी जानकारी सोमवार को सरकार की तरफ से संसद में दी गई है। रक्षा मंत्रालय की तरफ से राज्यसभा में बताया गया है कि कोरोना की वजह से तीनों सेनाओं के 185 सैनिकों की जान गई है। राज्यसभा में रक्षा मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार थल सेना के 134 सैनिकों, नेवी के 4 तथा वायुसेना के 47 सैनिकों को कोरोना की वजह से जान गंवानी पड़ी है। रक्षा मंत्रालय की तरफ से यह भी बताया गया है कि थल सेना के कुल 42950 सैनिक कोरोना से संक्रमित हुए थे, जबकि नेवी के 6808 तथा वायुसेना के 14604 सैनिक कोरोना से संक्रमित हुए थे। हालांकि देशहित में सैनिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सरकार ने समय रहते सभी सैनिकों के टीकाकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी थी और रक्षा मंत्रालय की तरफ से राज्यसभा में बताया गया है कि देश के सभी सैनिक पूरी तरह से वैक्सिनेट हो चुके हैं। सरकार की तरफ से यह भी कहा गया है कि वैक्सीन की बूस्टर डोज को लेकर न तो देश की वैक्सीन एडवायजरी कमेटी और न ही विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से कोई दिशा निर्देश आए हैं, इसलिए सैनिकों को बूस्टर डोज का अभी तक कोई प्रस्ताव नहीं है।
hindi_2022_10909
स्पीकर ने समझाया लेकिन नहीं थमा संसद में गतिरोध, सत्तापक्ष और विपक्ष में नोकझोंक
गुरुवार को फिर से संसद की कार्रवाई जब शुरू हुई तो लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सत्तापक्ष और विपक्ष के सांसदों को समझाया और सभी सांसदों से संसद की गरिमा को बनाए रखने की अपील की, लेकिन इसके बावजूद हंगामा कम नहीं हुआ...
नई दिल्ली: बुधवार को विपक्षी सांसदों द्वारा लोकसभा चेयर पर कागज फेंकने की घटना के बाद आज गुरुवार को फिर से संसद की कार्रवाई जब शुरू हुई तो लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सत्तापक्ष और विपक्ष के सांसदों को समझाया और सभी सांसदों से संसद की गरिमा को बनाए रखने की अपील की, लेकिन इसके बावजूद हंगामा कम नहीं हुआ और लोकसभा अध्यक्ष को फिर से 11.30 बजे तक कार्रवाई स्थगित करनी पड़ी। कार्रवाई के दौरान विपक्ष की तरफ से जवाब रखने के लिए कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी उठे लेकिन उन्होंने अपनी बात में गुरुवार की घटना का जिक्र नहीं किया, स्पीकर ने उन्हें गुरुवार की घटना का जिक्र करने के लिए कहा भी, साथ में सत्तापक्ष की तरफ से केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने भी अधीर रंजन चौधरी को बुधवार की घटना पर सफाई देने के लिए और चेयर से माफी मांगने के लिए कहा। इस दौरान हंगामा बढ़ा और स्पीकर को कार्रवाई स्थगित करनी पड़ी।कार्रवाई शुरू होते ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बुधवार की घटना का जिक्र करते हुए कहा, "आसन की अवमानना करना हमारी संसदीय परंपराओं के अनुरूप नहीं है, हम संसद की गरिमा का ध्यान नहीं रखेंगे तो हमारा लोकतंत्र कैसे मजबूत होगा, मेरी कोशिश होती है कि सभी सदस्यों को अपने विषय रखने का पर्याप्त समय और अवसर दूं और उनको यथोचित सम्मान भी दूं, उनका सम्मान भी रहे यह मेरी जिम्मेदारी है। क्या आप कल की घटना को संसदीय गरिमा के अनुरूप मानते हैं, क्या इसे न्यायोजित मानते हैं। हम इसे लोकतंत्र का मंदिर मानते हैं और हम सबका विश्वास रहता है कि आसन सबके साथ न्याय करेगा। अगर कभी आसन पर कोई प्रश्न हो तो आप चेंबर में आकर कहें, मैं कोशिश करूंगा कि आसन की गरिमा को बनाने के लिए आपके सुझाव मानूं। लेकिन हम सबको सामूहिक रूप से निर्णय करना होगा कि कैसे लोकतंत्र की गरिमा को बढ़ा सकते हैं।"लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदस्यों को संबोधित करते हुए आगे कहा, "आप एक व्यक्ति नहीं बल्कि एक संस्था हैं और लाखों लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं, आपसे आग्रह है कि अगर आप उचित समझते हैं तो किस तरह मिलकर इस सदन की गरिमा को बढ़ा सकते हैं इसका सामूहिक प्रयास करना चाहिए। लगातार कई सदस्य घटनाओं की पुनरावृति कर रहे हैं, मैं ऐसे सदस्यों से आग्रह करता हूं कि ऐसी घटनाओं ने दोहराएं जो संसद की मर्यादा के अनुरूप नहीं है। अगर ऐसी घटनाएं दोहराई जाएंगी तो संसद की मर्यादा को बनाए रखने के लिए ऐसे सदस्यों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी पड़ेगी।"लोकसभा अध्यक्ष के बाद कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी बोलने के लिए खड़े हुए तो उन्होंने कहा कि, चेयर की गरिमा को बनाए रखने के लिए सारे विपक्षी दल शुरू के दिन से सहयोग कर रहे हैं, इसी के बदौलत संसद की प्रोडक्टिविटी बढ़ी है। अधीर रंजन चौधरी ने सत्तापक्ष पर जिद्द करने का आरोप लगाया, इसपर स्पीकर ने उन्हें टोका कि आप कल की घटना के बारे में बताएं।
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केरल के CM पिनराई विजयन कोरोना वायरस से संक्रमित, बेटी-दामाद भी निकले थे पॉजिटिव
मुख्यमंत्री कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि विजयन वर्तमान में उत्तर केरल के कन्नूर स्थित अपने आवास में हैं और उनमें संक्रमण के कोई लक्षण नहीं हैं।
तिरुवनंतपुरम: केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन गुरुवार को कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए। उन्होंने स्वयं ट्वीट करके यह जानकारी साझा की। विजयन ने पिछले महीने कोविड-19 टीके की पहली खुराक ली थी। मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, 'कोविड-19 जांच में मेरे संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। मैं कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में उपचार कराऊंगा।' उन्होंने हाल ही में उनके संपर्क में आए लोगों से अपनी जांच कराने की भी अपील की। विजयन ने विधानसभा चुनाव के दौरान पूरे राज्य में घूमकर प्रचार किया था। उन्होंने 3 मार्च को वैक्सीन की पहली खुराक ली थी।बुधवार को आए थे 2357 नए मामलेमुख्यमंत्री कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि विजयन वर्तमान में उत्तर केरल के कन्नूर स्थित अपने आवास में हैं और उनमें संक्रमण के कोई लक्षण नहीं हैं। इससे पहले विजयन की बेटी वीना विजयन और उनके दामाद पीए मोहम्मद रियास कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे। वहीं, केरल में गुरुवार को 4,353 और लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए। इसके साथ ही राज्य में महामारी के मामले 11,48,947 हो गए। सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार लगभग 2,205 लोगों के संक्रमण से उबरने के बाद ठीक हो चुके लोगों की कुल संख्या 11,10,283 हो गई। राज्य में उपचाराधीन रोगियों की संख्या 33,621 है। विज्ञप्ति के अनुसार, संक्रमण के चलते 18 और रोगियों की मौत के बाद मृतकों की कुल संख्या बढ़कर 4,728 हो गई है।कोरोना सुरक्षा नियमों को कड़ा किया गयाइस बीच, बुधवार को मुख्य सचिव द्वारा बुलाई गई कोर समिति की बैठक में पिछले कुछ दिनों से कोविड-19 के बढ़ते मामलों के कारण राज्य में कोरोना वायरस सुरक्षा नियमों को और कड़ा बनाने का निर्णय लिया गया। राज्य सरकार के सूत्रों ने बताया कि पुलिस इस बात की निगरानी करेगी कि मास्क लगाने, आपस में दूरी रखने जैसे स्वास्थ्य नियमों का उपयुक्त रूप से पालन किया जा रहा है या नहीं। बाहर से राज्य में पहुंचने वाले लोगों के लिए एक सप्ताह पृथकवास में रहने की नीति कायम रहेगी।
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शरद पवार ने पीएम मोदी की तारीफ की, 2024 में महाराष्ट्र में बीजेपी संग गठबंधन पर कही ये बातें
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने नरेंद्र मोदी की जमकर प्रशंसा की। महाराष्ट्र के पुणे में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने पीएम मोदी के कार्यों को लेकर पूछे गए सवालों का जवाब खुलकर दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्री मोदी के काम और उनके नजरिए को लेकर एक मुख्य विपक्षी दल के दिग्गज नेता ने खुलकर बोला है। बुधवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने नरेंद्र मोदी की जमकर प्रशंसा की। एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने पीएम मोदी के कार्यों को लेकर पूछे गए सवालों का जवाब निष्पक्ष रूप से दिया। पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने पुणे में लोकसत्ता अखबार द्वारा आयोजित अपने जीवन पर एक कॉफी टेबल बुक के विमोचन के अवसर पर ये बातें कही। शरद पवार ने कहा, "बहुत मेहनत करते हैं और जिस कार्य को वह तार्किक निष्कर्ष तक ले जाते हैं, उसे पूरा करते हैं।" जब उनसे पूछा गया कि मोदी एक नेता एक व्यक्ति के तौर पर 2022 तक आपको क्या बदलाव उनमें दिखते हैं? इस पर शरद पवार कहते हैं कि, मोदी में कुछ बदलाव हुआ ऐसे मुझे नहीं लगता। मोदी मेहनती हैं, जितना वक्त चाहिए देते हैं अपने आप को झोंक देते हैं। अगर कोई काम ठान लिया तो उसे पूरा होने तक सांस नहीं लेते, ये उनकी खूबी है। उनके व्यक्तित्व का सबसे अच्छा पहलू है प्रशासन पर उनकी पकड़। पर प्रशासन को चलाते वक्त एक आम आदमी की अपेक्षाएं क्या हैं उसकी पूर्तता नहीं होती तो आप भले मेहनती हो, वक्त देते हो इसका कोई फायदा नहीं है। ये एक नकारात्मक पहलू है। ऐसा मुझे लगता है।शरद पवार ने 2024 लोकसभा चुनाव में उनके नेतृत्व और पीएम पद के उम्मीदवार के दावेदारी पर कहा कि, उन्हें पद में रुचि नहीं है बल्कि नई पीढ़ी का अब वे मार्गदर्शक बनना चाहते हैं।साथ ही आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर पूछा गया कि, 2024 में गठबंधन सरकार बने और आप नेतृत्व करें ऐसे चर्चा हो रही है उसपर क्या राय है? इस पर शरद कहते हैं कि, मैंने ये तय किया है कि किसी पोस्ट पोजिशन और प्रशासन को चलाने के बजाए नई पीढ़ी को नेतृत्व के लिए तैयार किया जाए। सरकार का कामकाज अच्छे से चले इसमें हाथ बंटाना ये मैंने सोचा है। पोस्ट-पोजिशन को लेकर विचार मेरे मन मे नहीं।साथ ही शरद पवार इस दौरान महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे के बारे में कहा कि, "मैं मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित था। लेकिन पिछले 10 दिनों में लगता है कि वह सभी फैसले ले रहे हैं।" साथ ही उन्होंने यह साफ कर दिया कि महाराष्ट्र के अभी की मौजूदा सरकार के स्थिरता को लेकर कोई चिंता नहीं है।
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कोरोना टीकाकरण पहला दिन: 1,91,181 लोगों को दी गई वैक्‍सीन, जानिए अबतक का पूरा अपडेट
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि कोविड-19 टीकाकरण अभियान पहले दिन सफलतापूर्वक आयोजित किया गया, टीकाकरण के बाद अस्पताल में भर्ती होने का कोई मामला अब तक सामने नहीं आया।
नई दिल्ली। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना टीकाकरण अभियान को लेकर जानकारी देते हुए शनिवार को बताया कि पूरे भारत में 3,352 केन्द्रों पर कोविड-19 के टीके कोवैक्सीन और कोविशील्ड लगाए गए। खबर लिखे जाने तक पूरे देश में टीकाकरण अभियान के पहले दिन 1,91,181 लोगों को कोविड-19 के टीके लगाए गए। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि कोविड-19 टीकाकरण अभियान पहले दिन सफलतापूर्वक आयोजित किया गया, टीकाकरण के बाद अस्पताल में भर्ती होने का कोई मामला अब तक सामने नहीं आया। मंत्रालय ने बताया कि पहले दिन देशभर में कुल 16,755 कर्मचारियों ने इस महाअभियान में अपनी सेवा दी।स्वास्थ्य कर्मियों को टीके की पहली खुराक दी गईदुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव मनोहर अगनानी और जेएस मंदीप भंडारी ने प्रेस वार्ता करके जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कोविड-19 अभियान की शुरुआत की। इस अभियान का पहला दिन सफल रहा। विश्‍व के सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रम के मद्देनजर देश भर में सभी कोरोना वैक्‍सीनेशन सेशन साइट्स पर टीकों पर रसद की पर्याप्‍त मात्रा सुनिश्चित की गई। पहले चरण में अग्रिम मोर्चों पर तैनात स्वास्थ्य कर्मियों को टीके की पहली खुराक दी गई। 2 तरह की वैक्सीन का किया जा रहा इस्तेमाल स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि आज देश में 3351 सत्र में वैक्सीनेशन का कार्यक्रम किया गया। वैक्सीनेशन ड्राइव में 2 तरह के वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की COVISHIELD सभी राज्यों को दिया गया है जबकि भारत बायोटेक की स्वदेशी कोरोना वैक्सीन COVAXIN 12 राज्यों को दी गई है। स्वास्थ्य कर्मियों के साथ-साथ एम्स दिल्ली के निदेशक रणदीप गुलेरिया, नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल, भाजपा सांसद महेश शर्मा और पश्चिम बंगाल के मंत्री निर्मल माजी उन लोगों में शामिल हैं जिन्हें टीके की पहली खुराक दी गई। बता दें कि, पॉल कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए चिकित्सा उपकरण एवं प्रबंधन को लेकर गठित अधिकार समूह के प्रमुख भी हैं।जानिए कहां कितने लोगों को लगा टीकास्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि अंडमान और निकोबार में 225 लोगों को टीका लगा। आंध्र प्रदेश में 18,412, अरुणाचल प्रदेश में 829, असम में 3528, बिहार में 18,169, चंडीगढ़ में 265, छत्तीसगढ़ में 5592, दिल्‍ली में 4319, गोवा में 426, उत्तर प्रदेश में 21291, महाराष्ट्र में 18328 और गुजरात में 10787 लोगों को टीका लगाया गया। स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने कहा कि चूंकि यह टीकाकरण का पहला दिन था, इसलिए कुछ मामले सामने आए। जैसे कुछ सत्र स्थलों पर लाभार्थी सूची अपलोड करने में देरी हुई और कुछ टीकाकरण श्रमिकों को आज के सत्र के लिए निर्धारित नहीं किया गया था। दोनों मामलों पर अब काम किया जा रहा है, ताकी आगे ऐसी किसी परेशानी का सामना ना करना पड़े। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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hindi_2022_10913
ममता बनर्जी ने बंगाल में बाढ़ को बताया “मानव निर्मित”, PM मोदी को लिखा पत्र
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के छह जिलों में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा करने के बाद बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर क्षेत्र में बांधों की दशा बेहतर करने के वास्ते एक योजना बनाने में हस्तक्षेप करने की मांग की।
कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के छह जिलों में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा करने के बाद बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर क्षेत्र में बांधों की दशा बेहतर करने के वास्ते एक योजना बनाने में हस्तक्षेप करने की मांग की। CM बनर्जी ने बाढ़ को “मानव निर्मित” बताया और कहा कि दामोदर वैली कॉरपोरेशन (डीवीसी) के पंचेत, मैथोन और तेनुघाट बांधों से अभूतपूर्व तरीके से छोड़े गए पानी के कारण बाढ़ जैसे हालात पैदा हुए।उन्होंने अपने पत्र में कहा कि बाढ़ से 16 लोगों की मौत हो गई तथा लाखों किसानों की आजीविका का साधन नष्ट हो गया। CM बनर्जी ने कहा कि घर, पुल, बिजली के तार तथा अन्य चीजों को भी भारी नुकसान हुआ। मुख्यमंत्री ने अपने चार पन्नों वाले पत्र में कहा, “हम जल्दी ही आपको बाढ़ की वर्तमान स्थिति से हुए नुकसान की समीक्षा भेजेंगे। उन्होंने कहा, "मैं इस बात को दोहराना चाहती हूं कि डीवीसी व्यवस्था की भंडारण क्षमता को बढ़ाने के लिए दीर्घकालीन समाधान विकसित करने की जरूरत है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि डीवीसी बांधों से भारी मात्रा में छोड़े गए पानी के कारण पश्चिम बंगाल को मानव निर्मित बाढ़ की आपदा से न जूझना पड़े।” गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को फोन कर राज्य में बाढ़ की स्थिति पर चर्चा भी की थी। पीएम मोदी ने उन्हें केंद्र की ओर से सहायता दिए जाने का आश्वासन भी दिया है। दक्षिण बंगाल में पहले ही गंभीर बाढ़ की स्थिति और बिगड़ सकती है क्योंकि मौसम विज्ञान विभाग ने बुधवार को क्षेत्र में भारी बारिश का अनुमान जताया है। तेज बारिश और उसके बाद दामोदर घाटी निगम की बांधों से पानी छोड़े जाने के बाद दक्षिण 24 परगना, पूर्वी मिदनापुर और हुगली समेत कई जिले बाढ़ की चपेट में हैं।क्षेत्रीय मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक जी के दास ने कहा, ‘‘उत्तर बंगाल की खाड़ी और उसके आसपास के इलाकों में चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र तथा श्रीनिकेतन, डायमंड हार्बर से उत्तरपूर्वी बंगाल की खाड़ी तक मानसून की गतिविधि के कारण चार अगस्त से छह अगस्त तक पश्चिम बंगाल के गंगा के तट वाले जिलों में व्यापक बारिश की संभावना है।’’उन्होंने उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, पूर्व मेदिनीपुर, पश्चिम मेदिनीपुर, पूर्व बर्द्धमान, पश्चिम बर्द्धमान, हावड़ा और हुगली जिलों में बृहस्पतिवार सुबह तक भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी है। मौसम विभाग ने बताया कि कोलकाता, बांकुड़ा, पुरुलिया, बीरभूम और झारग्राम जिलों में एक या दो स्थानों पर भारी बारिश की संभावना है।
hindi_2022_10914
लखीमपुर हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को हुआ डेंगू, अस्पताल में कराया गया भर्ती
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा 'टेनी' का पुत्र आशीष मिश्रा उर्फ मोनू मुख्य आरोपी है। आशीष मिश्रा उर्फ मोनू, जिसे नौ अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था। उसे कल देर रात डेंगू की पुष्टि हुई।
लखनऊ. लखीमपुर हिंसा के आरोपी आशीष मिश्रा की तबीयत बिगड़ने के बाद उसे जेल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। केन्द्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे और किसानों पर कार चढ़ाने के आरोपी आशीष मिश्रा को डेंगू होने की पुष्टि हुई है। इसके बाद SIT ने कल देर रात उसे लखीमपुर जेल अस्पताल में ट्रांसफर किया। आशीष मिश्रा फिलहाल पुलिस कस्टडी में है। शुक्रवार को कोर्ट ने आशीष मिश्रा को 2 दिन की पुलिस कस्टडी में भेजा था, जो आज खत्म हो रही है लिहाजा आशीष मिश्रा को आज कोर्ट में भी पेश किया जाना था।तीन और आरोपी हो चुके हैं गिरफ्तारलखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया क्षेत्र में तीन अक्टूबर को हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत के मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) ने शनिवार को तीन और आरोपियों को गिरफ्तार किया। पुलिस के अनुसार अबतक इस मामले में कुल 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान सिंगही कस्बे के मोहित त्रिवेदी, तिकुनिया कोतवाली क्षेत्र के रिंकू राणा और धर्मेंद्र सिंह के रूप में हुई है।लखनऊ. लखीमपुर हिंसा के आरोपी आशीष मिश्रा की तबीयत बिगड़ने के बाद उसे जेल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। केन्द्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे और किसानों पर कार चढ़ाने के आरोपी आशीष मिश्रा को डेंगू होने की पुष्टि हुई है। इसके बाद SIT ने कल देर रात उसे लखीमपुर जेल अस्पताल में ट्रांसफर किया। आशीष मिश्रा फिलहाल पुलिस कस्टडी में है। शुक्रवार को कोर्ट ने आशीष मिश्रा को 2 दिन की पुलिस कस्टडी में भेजा था, जो आज खत्म हो रही है लिहाजा आशीष मिश्रा को आज कोर्ट में भी पेश किया जाना था।तीन और आरोपी हो चुके हैं गिरफ्तारअधिकारी ने बताया कि पुलिस हिरासत में लेकर अन्य आरोपियों से की गई पूछताछ के दौरान इनके नाम सामने आए, जिसके बाद इनकी गिरफ्तारी की गई। उन्होंने बताया कि तीनों आरोपियों को आज अदालत में पेश किया जाएगा और जांचकर्ता आगे की पूछताछ के लिए अदालत से उनकी 14 दिन की पुलिस हिरासत की मांग करेंगे।इस मामले में अब तक गिरफ्तार किए गए अन्य आरोपियों में भाजपा वार्ड सदस्य सुमित जायसवाल, अंकित दास, लतीफ उर्फ काले, शेखर भारती, शिशु पाल, सत्य प्रकाश त्रिपाठी उर्फ सत्यम, नंदन सिंह बिष्ट, आशीष पांडे और लवकुश राणा शामिल हैं। आशीष पांडे और लवकुश राणा को छोड़कर अन्य सात आरोपियों को भी पूछताछ के लिए पुलिस ने अदालत की अनुमति के बाद अपनी हिरासत में लिया है। इनकी पुलिस हिरासत की अवधि रविवार शाम को समाप्त होगी।
hindi_2022_10915
कुछ समय पहले ही धर्मपाल गुलाटी ने दिल्ली सरकार को दी थीं PPE किट्स, याद कर भावुक हुए सिसोदिया और केजरीवाल
मनीष सिसोदिया ने कहा, "भारत के सबसे प्रेरक उद्यमी, MDH के मालिक धर्मपाल महाशय का आज सुबह निधन हो गया। मैं ऐसी प्रेरक और जीवंत आत्मा से कभी नहीं मिला। उनकी आत्मा को शांति मिले।"
नई दिल्ली. MDH के मालिक महाशय धर्मपाल गुलाटी का निधन हो गया है। वो काफी समय से बीमार थे और दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती थे। महाशय धर्मपाल गुलाटी के निधन पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने शोक जताया है। केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, "धर्म पाल जी बहुत ही प्रेरणादायक व्यक्तित्व थे। उन्होंने अपना जीवन समाज के लिए समर्पित कर दिया। ईश्वर उसकी आत्मा को शांति दें।"दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने महाशय धर्मपाल गुलाटी के साथ अपनी कुछ तस्वीरें शेयर करते हुए कहा, "भारत के सबसे प्रेरक उद्यमी, MDH के मालिक धर्मपाल महाशय का आज सुबह निधन हो गया। मैं ऐसी प्रेरक और जीवंत आत्मा से कभी नहीं मिला। उनकी आत्मा को शांति मिले।"आपको बता दें कि पिछले साल ही महाशय धर्मपाल गुलाटी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद्मभूषण पुरस्कार से नवाजा था। वो 98 साल के थे। धर्मपाल गुलाटी एक बड़े समाज सेवक भी थे। उन्होंने कई स्कूल और अस्पताल भी खोले। हाल ही में उन्होंने दिल्ली सरकार को 7500 पीपीई किट उपलब्ध करवाईं थी। गुरुवार सुबह 5:38 बजे महाशय धर्मपाल ने विकासपुरी स्थित एक अस्‍पताल में अंतिम सांस ली।
hindi_2022_10916
सीरम इंस्टीट्यूट गरीब देशों को ‘एक कप चाय’ की कीमत पर टीके उपलब्ध करा रही: पूनावाला
टीका विनिर्माता सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के चेयरमैन साइरस पूनावाला ने कहा कि विश्व की दो-तिहाई आबादी को कंपनी के एक या अधिक टीके दिये गये हैं।
नयी दिल्ली/पुणे: टीका विनिर्माता सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के चेयरमैन साइरस पूनावाला ने सोमवार को कहा कि दुनिया के गरीब देश कंपनी के बनाए टीकों का उपयोग कर रहे हैं। इसका कारण टीके की खुराक का सस्ता होना है और इसे ‘एक कप चाय’ की कीमत पर भी उपलब्ध कराया जा रहा है। पूनावाला ने उद्योग मंडल महाराष्ट्र चैंबर ऑफ कॉमर्स, इंडस्ट्रीज एंड एग्रीकल्चर (एमसीसीआईए) द्वारा आयोजित पुणे अंतरराष्ट्रीय व्यापार शिखर सिम्मेलन में यह बात कही।कार्यक्रम में उन्हें पद्म भूषण पुरस्कार पाने के लिये सम्मानित किया गया। उन्होंने कहा कि विश्व की दो-तिहाई आबादी को कंपनी के एक या अधिक टीके दिये गये हैं। पूनावाला ने कहा, ‘‘हमारे अधिकतर टीकों का उपयोग गरीब देश कर रहे हैं। यूनिसेफ और अन्य परमार्थ संगठन टीका खरीदने को आगे आए हैं। हमने अपने कर्मचारियों और वैज्ञानिकों की मदद से इसे सस्ता बनाया है और एक कप चाय की कीमत के बराबर है।’’ पंद्रह से 18 आयु वर्ग के 1.5 करोड़ से अधिक किशोरों का कोविड के विरूद्ध पूर्ण टीकाकरण हुआ: मांडविया केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने सोमवार को कहा कि 15 से 18 वर्ष आयु वर्ग के 1.5 करोड़ से अधिक किशोरों का कोविड-19 के विरुद्ध पूर्ण टीकाकरण हो गया है। मांडविया ने ट्वीट किया,‘‘युवा भारत पूरे जोश से इस महामारी का मुकाबला कर रहा है। 15 से 18 साल तक के आयुवर्ग के डेढ़ करोड़ से अधिक किशोरों का अब पूर्ण टीकाकरण हो गया है।’’केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, अबतक इस आयु वर्ग के 70 फीसदी से अधिक लाभार्थियों को कोविड-19 रोधी टीके की पहली खुराक लग गयी है। भारतीय महापंजीयक के अनुसार, 2021-22 में 15 से 18 साल तक के आयुवर्ग के लाभार्थियों की अनुमानित आबादी 7.4 करोड़ हैं। देशभर में तीन जनवरी, 2022 से 15 से 18 साल के आयुवर्ग के किशोरों का टीकाकरण शुरू हुआ था।
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Rajat Sharma's Blog: कांग्रेस के लिए बेहतर प्रधानमंत्री साबित हो सकते थे प्रणब दा
प्रणब मुखर्जी जिंदगी भर कांग्रेस के नेता रहे लेकिन एक बार जब राष्ट्रपति के पद पर बैठे तो किसी पार्टी के नहीं रहे। नए विचारों, नए सुझावों और नए प्रयोगों को प्रणब दा हमेशा प्रोत्साहित करते थे।
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन से देश ने एक ऐसे निष्ठावान दिग्गज को खो दिया जिसने अपनी योग्यता के बल पर एक साधारण पद से सर्वोच्च संवैधानिक पद तक का सफर तय कर लोगों के बीच काफी सम्मान अर्जित किया। प्रणब दा के बारे में कहा जाता है कि अनुशासन को लेकर वे बेहद सख्त थे। उनकी यादाश्त तीक्ष्ण थी और इतिहास, कानून, पार्लियामेंट्री प्रैक्टिस और राजनीति विज्ञान का उन्हें व्यापक ज्ञान था। वे भारतीय राजनीति के एनसाइक्लोपीडिया थे। प्रणब मुखर्जी जमीन से उठकर आए थे। उनका जन्म पश्चिम बंगाल के एक गरीब परिवार में हुआ था। वे रोजाना दस किलोमीटर पैदल चल कर स्कूल जाते थे। वे पूरे पचास साल राजनीति में रहे। सियासत में प्रणब दा1967 में आए। उन्होंने अजय मुखर्जी की बांग्ला कांग्रेस ज्वाइन कर राजनीति की शुरुआत की। उसी दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की नजर में वे आए और कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए। प्रणब दा 1969 में राज्यसभा के मेंबर बने और 2002 तक लगातार राज्यसभा में रहे। सिर्फ एक बार 2004 में उन्होंने लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। वर्ष 2012 में देश प्रणब दा देश राष्ट्रपति बने और 2019 में नरेन्द्र मोदी की सरकार ने उन्हें देश के सर्वोच्च सम्मान 'भारत रत्न' से नवाजा। वाकई प्रणव मुखर्जी जैसे ज्ञानी व्य़क्ति को यह सम्मान देना, किसी सम्मान की प्रतिष्ठा को बढ़ाना था। प्रणब मुखर्जी जिंदगी भर कांग्रेस के नेता रहे लेकिन एक बार जब राष्ट्रपति के पद पर बैठे तो किसी पार्टी के नहीं रहे। नए विचारों, नए सुझावों और नए प्रयोगों को प्रणब दा हमेशा प्रोत्साहित करते थे। वर्ष 2018 में जब प्रणब मुखर्जी को RSS के वार्षिक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर नागपुर आने का न्योता दिया गया तो बड़ी चर्चा हुई। सियासी तूफान उठा, लेकिन प्रणब मुखर्जी नागपुर गए। उन्होंने राष्ट्र हित के मुद्दे पर अपनी बात कही और संघ प्रमुख की बात सुनी। अर्थव्यवस्था को कैसे मजबूत किया जाए, गरीबों के उत्थान के लिए सरकार क्या-क्या कर सकती है, इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शक की भूमिका भी निभाई। सोमवार को जैसे ही प्रणब दा के निधन की खबर आई तो सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दुख व्यक्त किया। पीएम मोदी ने ट्वीटर पर शोक संदेश के साथ जो तस्वीर पोस्ट की, उसमें मोदी प्रणब मुखर्जी के पैर छूते दिख रहे हैं। ये छोटी बात नहीं है। इस तस्वीर से यह जाहिर है कि पीएम मोदी पूर्व राष्ट्रपति के प्रति कितना सम्मान का भाव रखते थे। प्रणब मुखर्जी जब राष्ट्रपति थे तब और जब पद से मुक्त हो गए तब....जब भी किसी मसले पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को राय मशविरे की जरूरत होती थी तो प्रधानमंत्री का काफिला सीधे प्रणब मुखर्जी के घर की तरफ निकल जाता था।मेरा नाता प्रणब दा से इमरजेंसी के बाद से था। इमरजेंसी खत्म होने के तुरंत बाद उनसे परिचय हुआ। प्रणब दा से जब भी मिलता था.. बातें करता था तो हमेशा कुछ न कुछ सीखने को मिलता था। 'आपकी अदालत' शो में प्रणब दा दो बार आए। मैंने उनसे तीखे सवाल पूछे लेकिन उन्होंने सीधे जबाव दिए। उन्होंने कभी इस बात का बुरा नहीं माना कि उलझाने वाले सवाल क्यों पूछते हो। वे हमेशा मुझसे कहते थे कि जो जनता जानना चाहती है, वो पूछना ही चाहिए। जब 'आपकी अदालत' शो के इक्कीस साल पूरे हुए उस समय प्रणब दा राष्ट्रपति थे और नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री, दोनों इस विशेष आयोजन में शामिल हुए। इस मौके पर प्रणब दा ने सार्वजनिक तौर पर मुझसे जो कहा...वो मेरे कानों में आज भी गूंज रहा है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा, 'रजत ने हमें बताया कि इस कार्यक्रम के जरिए वे अदालत में बहस करने के लिए बिना कानूनी डिग्री या बिना लाइसेंस वाले वकील बन गए हैं।' उन्होंने कहा, 'रजत, आपको देश के 125 करोड़ लोगों ने जनता का वकील बनाया है। इस रोल को कभी मत छोड़ना। आपको उन लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाना चाहिए जिनके बारे में आपको यह पता चलता है कि उन्होंने कुछ गलत किया है, लोगों का अहित किया है, आम आदमी को नुकसान पहुंचाया है। मैं आपके कार्यक्रम की सफलता की कामना करता हूं और कृपया आप अपना रोल न बदलें। आप भारत की जनता के पब्लिक प्रॉस्क्यूटर (सरकारी वकील) हैं। जो प्रणब दा से एक बार मिल लिया, जिसने उनके ज्ञान के सागर में गोता लगा लिया और जिसने उनसे कुछ सीख लिया वो जीवन भर प्रणब मुखर्जी को नहीं भूल सकता। प्रणब मुखर्जी के जीवन को कुछ शब्दों में समेटना संभव नहीं है। वो इंटलैक्चुअल थे, ज्ञान का भंडार थे, लेकिन सबसे ऊपर वो बेहतरीन इंसान थे। देश और समाज को बहुत अच्छी तरह समझते थे। वे देशभक्त थे और सबको साथ लेकर चलते थे। 'सबका साथ, सबका विश्वास' उन पर पूरी तरह फिट होता था। प्रणब दा देश के राष्ट्रपति थे, लेकिन मेरे लिए वह हमेशा प्रणब दा ही रहे। देश की राजनीतिक घटनाओं के बारे में, देश की विदेश नीति के बारे में या फिर पार्लियामेंट मे हुई किसी चर्चा के बारे में या सरकार के किसी फैसले के बारे में कुछ भी जानना हो,जो कहीं न मिले तो प्रणब दा को फोन करो, सेकेन्ड्स में जबाव मिलता था। चाहे कोई भी मंत्रालय हो, विदेश, रक्षा या फाइनेंस, प्रणब दा जिस मंत्रालय में भी रहे वहां उन्होंने अपनी अमिट छाप छोड़ी। प्रणब दा स्वतंत्र भारत के उन तीन नेताओं में एक थे जिनके पास तीन सीसीएस (सुरक्षा मामलों पर कैबिनेट समिति) पद रहे- वित्त, रक्षा और विदेश मंत्रालय। प्रणब दा के पास भारत के प्रधानमंत्री बनने की पूरी क्षमता थी। तीन बार ऐसे मौके आए जब कांग्रेस उन्हें प्रधानमंत्री बना सकती थी। लेकिन मुझे हमेशा इस बात का दुख रहेगा कि उन्हें देश का प्रधानमंत्री बनने का अवसर नहीं मिला। प्रणब दा के पास पीएम बनने का पहला मौका 1984 में था जब इंदिरा गांधी की हत्या हुई। उस वक्त प्रणब मुखर्जी और राजीव गांधी दोनों बंगाल में थे। वे एक साथ दिल्ली लौट रहे थे। जब राजीव गांधी ने उनसे पूछा कि किसे प्रधानमंत्री बनाना चाहिए। प्रणब मुखर्जी ने कहा कि जो सबसे सीनियर कैबिनेट मंत्री है उसे प्रधानमंत्री बनना चाहिए। प्रणब मुखर्जी उस वक्त कैबिनेट में सबसे सीनियर मंत्री थे। राजीव गांधी को ये बात अच्छी नहीं लगी। उसी शाम राजीव गांधी को तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह ने प्रधानमंत्री की शपथ दिलाई और प्रणब दा को कैबिनेट में जगह भी नहीं मिली। उसके बाद प्रणब मुखर्जी ने थोड़े दिन के लिए कांग्रेस छोड़ दी थी लेकिन फिर वो वापस आ गए। दूसरी बार 1991 में प्रणब दा के पास पीएम बनने का अवसर आया। 1991 में राजीव गांधी की हत्या हुई उस समय गांधी परिवार ने प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी पीवी नरसिम्हाराव को दी और प्रणब मुखर्जी को किनारे कर दिया। इसके बाद तीसरी बार जब 2004 में मौका आया तो सोनिया गांधी ने डॉक्टर मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री चुना। अगर प्रणब मुखर्जी को अवसर मिलता तो देश का और भी कल्याण होता। वो देश की प्रगति को एक नई दिशा दे सकते थे। उनका अनुभाव देश के बहुत काम आ सकता था और उन्होंने राष्ट्रपति बनने के बाद ये साबित करके दिखाया। उन्होंने जनता का प्यार हासिल किया। आज भले ही प्रणब दा हमारे बीच नहीं रहे लेकिन वो अनंत काल तक लोगों के दिलों में रहेंगे। (रजत शर्मा)
hindi_2022_10918
हरियाणा: कांग्रेस पर बरसे CM मनोहर लाल खट्टर, कहा- लोगों को गुमराह करना बंद करे
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने किसानों के आंदोलन को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने कांग्रेस पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया और ऐसा न करने की अपील भी की।
चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने किसानों के आंदोलन को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने कांग्रेस पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया और ऐसा न करने की अपील भी की। मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा कि 'किसानों को बरगलाने का जो काम कांग्रेस करती है, मेरी उनसे अपील है कि वह इसे छोड़ दे। कांग्रेस को लोगों को गुमराह करना बंद करना चाहिए। किसी को उकसाकर व्यवस्था ना बिगाड़े।'मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा कि 'यदि कोई कानून-व्यवस्था को बाधित करता है, तो उसे बनाए रखना राज्य प्रशासन का कर्तव्य है। कांग्रेस को ऐसे बयान देकर राजनीतिक महत्वाकांक्षा हासिल नहीं करनी चाहिए। इससे समाज और राज्य को नुकसान होता है। यदि वे विपक्ष के रूप में अपनी भूमिका निभाना चाहते हैं, तो उन्हें लोगों को उकसाना नहीं चाहिए।' उन्होंने कहा कि 'एक आंदोलन चल रहा है उसमें एक विशेष वर्ग के लोग बैठे हैं, सभी किसान उसमें शामिल नहीं है।' इसके साथ ही सीएम खट्टर ने यह भी कहा कि 'गन्ने का रेट बढ़ने से किसान खुश है।' उन्होंने कहा, "हम लगातार किसानों के हित में काम कर रहे हैं। फसल की बुआई से पहले उसकी कीमत तय करना यह हमारे ही समय में हुआ है। इस बार हमने गन्ने का रेट 12 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाया है। सर्वाधिक रेट देश में इस वक़्त हमारा है।"
hindi_2022_10919
Coronavirus: इन 5 राज्यों में तेजी से बढ़ रहे कोरोना के मामले, लगातार घट रही मृत्यु दर
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सोमवार को कहा गया कि महाराष्ट्र, पंजाब, कर्नाटक, गुजरात और मध्य प्रदेश में कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं और संक्रमण के नए मामलों में इन राज्यों की भागीदारी 80.5 प्रतिशत है।
नयी दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सोमवार को कहा गया कि महाराष्ट्र, पंजाब, कर्नाटक, गुजरात और मध्य प्रदेश में कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं और संक्रमण के नए मामलों में इन राज्यों की भागीदारी 80.5 प्रतिशत है। भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के 46,951 नए मामले सामने आए, जो इस साल एक दिन में सर्वाधिक संख्या है। मंत्रालय ने कहा कि महामारी से होने वाली मृत्यु दर 1.37 प्रतिशत है और यह लगातार घट रही है।मंत्रालय ने बताया कि महाराष्ट्र में 30,535 नए मामले सामने आए जो एक दिन में सामने आने वाले मामलों की सबसे ज्यादा संख्या है। इसके साथ ही पंजाब में 2,644 और केरल में 1,875 नए मामले सामने आए। मंत्रालय की ओर से कहा गया कि महाराष्ट्र, पंजाब, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, दिल्ली, गुजरात, कर्नाटक और हरियाणा में प्रतिदिन सामने आने वाले मामलों में वृद्धि दर्ज की जा रही है। भारत में अभी कोविड-19 के 3,34,646 मरीज उपचाराधीन हैं और यह संख्या संक्रमण के कुल मामलों का 2.87 प्रतिशत है। मंत्रालय ने कहा कि पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 25,559 की बढ़ोतरी हुई है और इस समय प्रतिदिन संक्रमण की दर 3.70 है। मंत्रालय ने कहा कि आठ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों- महाराष्ट्र, चंडीगढ़, पंजाब, पुडुचेरी, गोवा, मध्य प्रदेश, गुजरात और हरियाणा में साप्ताहिक संक्रमण की दर राष्ट्रीय औसत 3.7 से अधिक है। भारत में अब तक साढ़े चार करोड़ से अधिक लोगों को कोविड-19 रोधी टीके की खुराक दी जा चुकी है। मंत्रालय ने कहा कि सोमवार सुबह सात बजे की अंतिम रिपोर्ट के अनुसार 7,33,597 सत्रों में टीके की 4,50,65,998 खुराक दी जा चुकी है। इनमें से 77,86,205 स्वास्थ्य कर्मियों को पहली खुराक और 48,81,954 स्वास्थ्य कर्मियों को दूसरी खुराक दी जा चुकी है। इसके अलावा अग्रिम मोर्चे पर तैनात 80,95,711 कर्मियों को पहली और 26,09,742 कर्मियों को दूसरी खुराक दी गई। मंत्रालय के अनुसार, 60 वर्ष से अधिक आयु के 1,79,70,931 लोगों और पहले से किसी रोग से पीड़ित 45 साल से अधिक उम्र के 37,21,455 लाभार्थियों को पहली खुराक दी जा चुकी है। टीकाकरण अभियान के 65वें दिन 21 मार्च को कुल 4,62,157 लोगों को टीका दिया गया। रविवार होने के कारण इस दिन कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में टीकाकरण सत्र आयोजित नहीं किया गया। भारत में पिछले चौबीस घंटे में कोविड-19 से 212 मरीजों की मौत हो गई और अब तक 1,11,51,468 मरीज ठीक हो चुके हैं। मंत्रालय के अनुसार, कोविड-19 से मरने वाले मरीजों की संख्या में से 85.85 प्रतिशत मरीज देश के छह राज्यों के थे। मंत्रालय ने कहा कि महामारी से होने वाली मृत्यु दर 1.37 प्रतिशत है और यह लगातार घट रही है। कुल चौदह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पिछले 24 घंटे में महामारी से किसी की मौत नहीं हुई।
hindi_2022_10920
बीजेपी के पास बंगाल में लोकल लीडर की कमी तो ममता मुस्लिमों से मांगें माफी: अधीर रंजन चौधरी
पश्चिम बंगाल से कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने गुरुवर को कहा कि बीजेपी के पास बंगाल में लोकल लीडर की कमी है और दिल्ली से उन्हें उसकी भरपाई करनी पड़ती है।
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल से कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने गुरुवर को कहा कि कांग्रेस पार्टी और लेफ्ट अपनी तरीके से बंगाल में आंदोलन कर रहे हैं और चुनाव घोषित नहीं हुआ है लेकिन पिछले कुछ महीनों से दोनों पार्टी के वर्कर आंदोलन कर रहे हैं। बीजेपी के पास बंगाल में लोकल लीडर की कमी है और दिल्ली से उन्हें उसकी भरपाई करनी पड़ती है हमें वैसी जरूरत नहीं है, हमारे पास लोकल लीडरशिप है हम टीएमसी के ख़िलाफ़ चुनावी जंग लड़ने में सक्षम हैं। ममता को मुस्लिमों से माफी मांगनी चाहिए- चौधरीचौधरी ने आगे कहा कि 'पहले से मुख्यमंत्री तय होने के गठबंधन के लिए आला कमान से मंजूरी मिलनी थी वो मिल गई। विश्भारती के कोट का सदस्य हूं पर हमें कभी नहीं बुलाया जाता। बीजेपी रविंद्रनाथ जी की छवी और उनके नाम का बेजा इस्तेमाल करने की कोशिश कर रही है और पीएम, अमित शाह जी को आज याद आती है। ऐसा चाहते है कि बंगाल में कुछ फायदा हो जाए। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को मुस्लिमों से माफी मांगनी चाहिए, उनकी वजह से ही उन्हे बंगाल में पैर रखने का मौका मिला। ममता जी की मदद से ही बीजेपी बंगाल में पैर जमाने लगी है।पश्चिम बंगाल में कांग्रेस लेफ्ट पार्टियों के साथ मिलकर लड़ेगी चुनाव पश्चिम बंगाल में अगले साल यानि 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने लेफ्ट पार्टियों के साथ गठबंधन किया है। बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने गुरुवार को ट्विटर पर यह ऐलान किया। कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने ट्वीट किया, ''आज कांग्रेस आलाकमान ने पश्चिम बंगाल में होने वाले चुनाव में लेफ्ट पार्टियों के साथ चुनावी गठबंधन को औपचारिक रूप से मंजूरी दे दी है।''बता दें कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव 2021 के अप्रैल-मई के आसपास होने हैं। हालांकि, अभी तक चुनाव आयोग ने कोई भी तारीख का ऐलान नहीं किया है। आयोग ने अक्टूबर-नवंबर में बिहार चुनाव आयोजित कराने के बाद कहा था कि कोई भी चुनाव कोरोना की वजह से टलेंगे नहीं। चुनाव आयोग ने कहा था कि आने वाले सभी चुनाव समय पर ही कराए जाएंगे।पश्चिम बंगाल में विधानसभा की कितनी सीटें?पश्चिम बंगाल में विधानसभा की कुल 294 सीटें हैं। ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के पास 222 सीटें हैं। वहीं, बीजेपी ने पिछले लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन करते हुए 18 सीटों पर कब्जा जमाया था। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से लेकर पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा तक, बीजेपी के कई अहम नेता चुनाव के लिए पश्चिम बंगाल में समय-समय पर जा रहे हैं।
hindi_2022_10921
Bird Flu: 11 कौओं के मृत पाए जाने के बाद गुरुग्राम में अलर्ट
गुरुग्राम में तीन जगहों पर लगातार दो दिनों में कुल 11 कौओं के मृत पाए जाने से जिले में बर्ड फ्लू के खतरे की आशंका बढ़ गई है।
गुरुग्राम: गुरुग्राम में तीन जगहों पर लगातार दो दिनों में कुल 11 कौओं के मृत पाए जाने से जिले में बर्ड फ्लू के खतरे की आशंका बढ़ गई है। शनिवार को अधिकारियों ने यह बात कही। अधिकारियों ने कहा कि पशुपालन और वन्यजीव और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी हाई अलर्ट पर हैं और मौतों के पीछे के कारण की जांच शुरू कर दी गई है। हालांकि, वन्यजीव अधिकारियों ने कहा कि कौओं की मौत के पीछे का सही कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है और कहा कि नमूने लेकर आगे की जांच के लिए पंजाब के जालंधर भेज दिया गया है।वन्यजीव विभाग के अनुसार, जिले में अभी तक बर्ड फ्लू का कोई मामला सामने नहीं आया है। जोनल वन्यजीव अधिकारी आरपी डांगी ने कहा, "पशुपालन और वन्यजीव विभाग की टीमों ने जिले के वेटलैंड पर नजर रखना शुरू कर दिया है। पोल्ट्री फार्म हाउस संचालकों को कुछ भी संदिग्ध लगने पर विभागीय अधिकारियों को तुरंत सूचित करने का निर्देश दिया गया है।"कुछ लोग जो गुरुग्राम के सेक्टर-56 में सुबह की सैर के लिए बायोडाइवर्सिटी गए थे, उन्होंने शुक्रवार को छह मृत कौओं को देखा। उन्होंने तुरंत जिला प्रशासन अधिकारियों को सूचित किया, जिन्होंने मौके पर जाकर नमूने एकत्र किए। गुरुवार को बहरामपुर गांव के पास भी तीन कौवे मृत पाए गए। इसके अलावा, कुछ दिन पहले सुल्तानपुर झील इलाके में दो और कौवे भी मृत पाए गए थे।डांगी ने कहा, "अब तक, हमारे पास बर्ड फ्लू का कोई मामला नहीं आया है।"
hindi_2022_10922
हाथरस मामले में नाराजगी के चलते एडीजी स्थापना पीयूष आनंद को हटाया गया
हाथरस मामले में नाराजगी के बाद आगरा के एडीजी पीयूष आनंद को हटा दिया है। उन्हें अब एडीजी रेलवे बना दिया गया है।
आगरा: हाथरस मामले में नाराजगी के बाद एडीजी स्थापना पीयूष आनंद को हटा दिया है। उन्हें अब एडीजी रेलवे बना दिया गया है। पीयूष आनंद को एक हज़ार जवानों को सिविल पुलिस से वापस पीएसी में भेजने पर उनके खिलाफ कार्रवाई हुई है। मख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नाराज़गी के बाद पीयूष आनन्द के खिलाफ कार्यवाही हुई है। अब संजय सिंघल को एडीजी स्थापना बनाया गया है। हाथरस मामले को जैसे डील किया गया उसे लेकर शुरु से ही पुलिस पर सवाल उठते रहे है। इससे पहले भी इस मामले में 5 पुलिकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। हाथरस में कथित सामूहिक बलात्कार के बाद जिंदगी की जंग हारने वाली दलित युवती के परिजन को सोमवार को अदालत में पेश करने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ के निर्देश को अमल में लाने के लिये जिला पुलिस प्रशासन ने व्यापक तैयारियां की हैं। पीड़ित परिवार को लखनऊ खंडपीठ के समक्ष पेश करने की जिम्मेदारी हाथरस के जिला न्यायाधीश ने संभाली है और वह जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के साथ मिलकर परिजन को सुरक्षित अदालत पहुंचने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। उच्च न्यायालय के आदेश पर हाथरस के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को भी सोमवार को अदालत के समक्ष पेश होना है। हाथरस के पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने शनिवार को कहा ,‘‘उच्च न्यायालय ने परिजन को अदालत में पेश करने के मामले में जिला न्यायाधीश को नोडल अधिकारी बनाया है, वह और हाथरस के जिलाधिकारी मिल कर इस मामले पर विस्तृत कार्ययोजना बना रहे हैं। इनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी हाथरस पुलिस की होगी जिसके लिये हम विस्तृत कार्ययोजना बना रहे है।'' उन्होंने कहा कि ''चूंकि मामला उच्च न्यायालय से जुड़ा है इसलिये हम पीड़ित परिवार की सुरक्षा के इंतजाम और उन्हें लखनऊ ले जाने संबंधी जानकारी मीडिया को नहीं दे सकते।'' जायसवाल ने बताया कि शनिवार शाम तक परिजन को लखनऊ ले जाने की पूरी सुरक्षा व्यवस्था का ब्लू प्रिंट तैयार हो जाएगा और उसे उच्च न्यायालय भेज दिया जाएगा। गौरतलब है कि एक अक्टूबर को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने हाथरस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और अपर पुलिस महानिदेशक को समन जारी कर सभी से 12 अक्टूबर को अदालत में पेश होने और मामले में स्पष्टीकरण देने को कहा था।
hindi_2022_10923
IMD ने कहा, पश्चिमी तट पर अगले दो-तीन दिनों में अत्यधिक भारी बारिश की संभावना
मौसम विज्ञान विभाग ने शुक्रवार को कहा कि कोंकण, गोवा और मध्य महाराष्ट्र में कुछ स्थानों पर अगले 2 दिनों में अत्यधिक भारी बारिश आने की संभावना है।
नई दिल्ली: पश्चिमी और दक्षिण भारत के कई हिस्सों में भारी बारिश होने के बीच मौसम विज्ञान विभाग ने शुक्रवार को कहा कि कोंकण, गोवा और मध्य महाराष्ट्र में कुछ स्थानों पर अगले 2 दिनों में अत्यधिक भारी बारिश आने की संभावना है। उसने बताया कि गुजरात में 23 जुलाई तक कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है लेकिन इसकी तीव्रता 24 जुलाई से बढ़ेगी। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा, ‘पश्चिम तट पर अगले दो-तीन दिनों में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी बारिश होने के साथ ही कुछ स्थानों पर व्यापक बारिश होने की संभावना है। हालांकि इसके बाद बारिश में कमी आएगी।’‘23 जुलाई से भारी बारिश की उम्मीद’IMD ने कहा, ‘कोंकण, गोवा, मध्य महाराष्ट्र के घाट वाले इलाकों में 23-24 जुलाई को कुछ स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा की संभावना है और इसके बाद बारिश में कमी आएगी तथा कर्नाटक के तटीय और दक्षिणी अंदरुनी हिस्सों में आज 23 जुलाई से भारी बारिश की उम्मीद है।’ महाराष्ट्र खासतौर से कोंकण क्षेत्र पहले ही बाढ़ग्रस्त है। रायगढ़ में गुरुवार को भूस्खलन में 30 लोगों की मौत हो गयी। पूर्वी मुंबई में शुक्रवार तड़के गोवंडी के शिवाजी नगर इलाके में एक मंजिला मकान ढहने से कम से कम 2 लोगों की मौत हो गयी और 8 अन्य घायल हो गए। पड़ोसी राज्य गोवा में सत्तारी और बिचोलिम तहसील समेत कई हिस्सों में बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है।गुजरात में भारी बारिश की संभावनापिछले कुछ दिनों में भारी बारिश के बाद कुछ नदियां उफान पर होने के कारण कई मकान डूब गए हैं। IMD ने बताया कि गुजरात में 23 जुलाई तक कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है लेकिन इसकी तीव्रता 24 जुलाई से बढ़ेगी। उसने कहा,‘24-26 जुलाई को भारी से बहुत भारी बारिश के साथ व्यापक बारिश होने की संभावना है। गुजरात क्षेत्र में 25 जुलाई को कुछ स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश का भी अनुमान है।’ IMD ने कहा कि पश्चिमी मध्य प्रदेश में 23 और 24 जुलाई को कुछ स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा का अनुमान है तथा पूर्वी मध्य प्रदेश, तेलंगाना और ओडिशा में 23 जुलाई को अत्यधिक बारिश हो सकती है। (भाषा)
hindi_2022_10924
मस्जिदों में लाउड स्पीकर विवाद: अलीगढ़ के चौराहों पर हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहती है ABVP
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की छात्र इकाई ABVP (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) के सदस्यों ने जिला प्रशासन से हनुमान चालीसा के पाठ के लिए 21 प्रमुख चौराहों पर लाउडस्पीकर लगाने की अनुमति मांगी है।
मस्जिदों में लाउडस्पीकर को लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब ये विवाद उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ तक पहुंच गया है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की छात्र इकाई ABVP (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) के सदस्यों ने जिला प्रशासन से हनुमान चालीसा के पाठ के लिए 21 प्रमुख चौराहों पर लाउडस्पीकर लगाने की अनुमति मांगी है। अपर जिला मजिस्ट्रेट (नगर) राकेश पटेल ने बताया कि उन्हें एबीवीपी से आवेदन मिला है और प्रशासन मामले की जांच कर रहा है। एडीएम ने बुधवार शाम संवाददाताओं से कहा, 'प्रशासन इस मुद्दे के कानूनी पहलुओं को देख रहा है और उसके अनुसार निर्णय लेगा।' इस बीच, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पूर्व राज्य सचिव बलदेव चौधरी ने बुधवार को यहां पत्रकारों से कहा कि वे इस संबंध में प्रशासन के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। चौधरी ने कहा, 'अगर हमें आवश्यक अनुमति नहीं मिलती है तो हम अपनी भविष्य की कार्रवाई तय करेंगे।' इस बीच, कुछ दक्षिणपंथी समूहों के कार्यकर्ताओं ने कथित रूप से शहर के विभिन्न हिस्सों में लाउड स्पीकर और अन्य उपकरण स्थापित करने के लिए चंदा इकट्ठा करने के लिए एक अभियान शुरू किया है।
hindi_2022_10925
किसान आंदोलन के चलते डीटीसी की अंतर राज्यीय सेवाएं 27 नवंबर से निलंबित
नये कृषि कानून के विरोध में दिल्ली के प्रवेश बिंदुओं पर किसानों के प्रदर्शन के चलते दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) की अंतर-राज्यीय बसें 27 नवंबर से निलंबित हैं।
नयी दिल्ली। नये कृषि कानून के विरोध में दिल्ली के प्रवेश बिंदुओं पर किसानों के प्रदर्शन के चलते दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) की अंतर-राज्यीय बसें 27 नवंबर से निलंबित हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि 27 नवंबर को सीमाओं पर किसानों का प्रदर्शन शुरू होने के बाद डीटीसी की अंतर राज्यीय सेवाएं खासकर गुड़गांव और बहादुरगढ़ की सेवाएं निलंबित की गयी थी।डीटीसी के उप महाप्रबंधक आर एस मिन्हास ने कहा कि किसानों के प्रदर्शन के चलते अन्य राज्यों से लगती ज्यादातर सीमाएं यातायात के लिए बंद हैं, ऐसे में क्षेत्र की यातायात पुलिस की सलाह के हिसाब से कुछ मार्ग बदले गये हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ अंतर राज्यीय बस परिचालन बंद है और स्थिति सामान्य होने पर उसे बहाल किया जाएगा।’’
hindi_2022_10926
अब तक कोरोना टीकों की 2.91 करोड़ से ज्यादा खुराकें दी गईं: स्वास्थ्य मंत्रालय
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि शनिवार को शाम तक कोविड-19 टीकों की 9,74,090 खुराकें दी गई हैं और इस तरह अब तक देश में 2.91 करोड़ से अधिक लोगों को खुराकें दी जा चुकी हैं।
नई दिल्ली: केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि शनिवार को शाम तक कोविड-19 टीकों की 9,74,090 खुराकें दी गई हैं और इस तरह अब तक देश में 2.91 करोड़ से अधिक लोगों को खुराकें दी जा चुकी हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, अब तक 2,91,92,547 खुराकें दी गई हैं, जिनमें से 73,31,498 स्वास्थ्यकर्मियों और 72,96,474 अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों को पहली खुराक दी गई है जबकि 42,58,297 स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों और अग्रिम पंक्ति के 10,53,732 कर्मचारियों को टीके की दूसरी खुराक दी गई है।इसके अनुसार 78,66,241 खुराकें वरिष्ठ नागरिकों और 13,86,305 खुराकें गंभीर बीमारियों से ग्रस्त 45 और इससे अधिक उम्र के लोगों को दी गई है। राष्ट्रव्यापी कोविड-19 टीकाकरण के 57वें दिन शनिवार की शाम सात बजे तक टीके की कुल 9,74,090 खुराकें दी गई है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘रिपोर्ट के अनुसार इनमें से 8,05,014 लाभार्थियों को पहली खुराक और 1,69,076 स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों तथा अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों को टीके की दूसरी खुराक दी गई। दिन की अंतिम रिपोर्ट देर रात तक पूरी हो जायेगी।’’ देशव्यापी टीकाकरण अभियान 16 जनवरी को शुरू हुआ था जिसमें स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों को टीका लगाया गया था। अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों के लिए दो फरवरी को टीकाकरण अभियान शुरू हुआ था। कोविड-19 टीकाकरण का अगला चरण एक मार्च को शुरू हुआ था जिसमें 60 साल से अधिक उम्र के लोगों और गंभीर बीमारियों से ग्रस्त 45 और इससे अधिक उम्र के लोगों का टीकाकरण शुरू हुआ था।भारत में शनिवार को कोविड-19 के 24,882 नए मामले सामने आए। यह एक दिन में इस साल मरीजों की सर्वाधिक संख्या है। इसके साथ ही देश में अबतक कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की कुल संख्या 1,13,33,728 हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक नए मामलों की संख्या गत 83 दिन में सबसे अधिक है। इससे पहले 20 दिसंबर को 26,624 लोगों के 24 घंटे में संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी।मंत्रालय द्वारा शनिवार सुबह आठ बजे अद्यतन किए गए आंकड़ों के मुताबिक गत 24 घंटे में 140 कोविड-19 मरीजों की मौत हुई है जिन्हें मिलाकर अबतक देश में इस महामारी से 1,58,446 लोगों की जान जा चुकी है। आंकड़ों के मुताबिक देश में इस समय 2,02,022 मरीज उपचाराधीन हैं जो कुल संक्रमितों का 1.74 प्रतिशत है। वहीं, नए मामलों में बढ़ोतरी की वजह से मरीजों के ठीक होने की दर में भी गिरावट आई है और यह 96.82 प्रतिशत पर पहुंच गई है। मंत्रालय के मुताबिक देश में कोविड-19 से ठीक होने वालों की संख्या बढ़कर 1,09,73,260 हो गई है । वहीं, संक्रमितों में मृत्युदर 1.40 प्रतिशत है। मंत्रालय ने बताया कि गत 24 घंटे में देश में 140 लोगों की मौत कोविड-19 से हुई है। इनमें सबसे अधिक 56 मरीजों की मौत महाराष्ट्र में हुई है जबकि पंजाब एवं केरल में क्रमश: 34 और 14 मरीजों की जान गई है। पिछले साल कोविड-19 महामारी शुरू होने से अबतक देश में कुल 1,58,446 लोगों की मौत वायरस के संक्रमण से हुई है।देश में कुल हुई मौतों में महाराष्ट्र के 52,723, तमिलनाडु के 12,539, कर्नाटक के 12,386, दिल्ली के 10,936, पश्चिम बंगाल के 10,287, उत्तर प्रदेश के 8,743 और आंध्र प्रदेश के 7,180 मरीज शामिल हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि अभी तक जिन लोगों की मौत हुई है उनमें से 70 प्रतिशत से ज्यादा मरीजों को अन्य बीमारियां भी थीं।
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कोरोना को लेकर दिल्ली सरकार अलर्ट, रिपोर्ट निगेटिव होने पर ही इन पांच राज्यों के लोगों को मिलेगी एंट्री
अब दिल्ली सरकार ने कोरोना से ग्रसित पांच राज्यों से दिल्ली आनेवाले लोगों के लिए कोविड टेस्ट अनिवार्य कर दिया है। कोरोना टेस्ट निगेटिव होने पर ही महाराष्ट्र, केरल, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और पंजाब से आनेवाले लोगों को दिल्ली में एंट्री मिल सकेगी।
नई दिल्ली: देश के कई राज्यों में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच दिल्ली सरकार अलर्ट मोड में आ गई है। दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण की संख्या में गिरावट आने के बाद कहीं एकबार फिर संक्रमण न फैले, इसे लेकर सरकार पूरी तरह से सतर्क है। अब दिल्ली सरकार ने कोरोना से ग्रसित पांच राज्यों से दिल्ली आनेवाले लोगों के लिए कोविड टेस्ट अनिवार्य कर दिया है। कोरोना टेस्ट निगेटिव होने पर ही महाराष्ट्र, केरल, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और पंजाब से आनेवाले लोगों को दिल्ली में एंट्री मिल सकेगी। यह गाइडलाइन 26 फरवरी से 15 मार्च तक के लिए लागू की गई है।आपको बता दें कि इन पांच राज्यों में कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से उछाल आया है। महाराष्ट्र के कई शहरों में लॉकडाउन लागू कर दिया गया है। लेकिन ट्रेनों की आवाजाही बढ़ने से एक शहर से दूसरे शहर तक लोगों का आवागमन भी बढ़ा है। अब दिल्ली सरकार ने एहतियातन कोरोना ग्रस्त इन पांच राज्यों से आनेवाले लोगों के लिए कोरोना टेस्ट अनिवार्य कर दिया है। जिन लोगों की रिपोर्ट निगेटिव होगी उन्हीं को दिल्ली में एंट्री मिल सकती है। इन लोगों को निगेटिव RT-PCR दिखाने पर ही दिल्ली में एंट्री मिलेगी। आपको बता दें कि देश में एक दिन में कोविड-19 के 13,742 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1,10,30,176 हो गई है। वहीं, 104 और मरीजों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 1,56,567 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में अभी 1,46,907 लोगों का कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज चल रहा है और 1,07,26,702 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं।
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मिशन 2024: शरद पवार 28 जुलाई को दिल्ली में ममता बनर्जी से कर सकते हैं मुलाकात
ममता बनर्जी 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी भूमिका निभाने की तैयारी में हैं जिसके तहत वो संसद के मानसून सत्र के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री अपने पांच दिवसीय दौरे पर दिल्ली पहुंचीं। तीसरी बार पश्चिम बंगाल की सत्ता संभालने के बाद यह उनका राष्ट्रीय राजधानी का पहला दौरा है।
मुंबई: ममता बनर्जी 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी भूमिका निभाने की तैयारी में हैं जिसके तहत वो संसद के मानसून सत्र के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री अपने पांच दिवसीय दौरे पर दिल्ली पहुंचीं। तीसरी बार पश्चिम बंगाल की सत्ता संभालने के बाद यह उनका राष्ट्रीय राजधानी का पहला दौरा है। इस बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने मंगलवार को कहा कि वह बुधवार को दिल्ली में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री से मुलाकात कर सकते हैं। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले बीजेपी विरोधी दलों का गठबंधन बनाने की संभावनाओं को तलाशने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में विपक्षी नेताओं के साथ बातचीत करेंगी।उनके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से मुलाकात करने की उम्मीद है। उनका कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी और विपक्षी दलों के कई अन्य नेताओं से मिलने का भी कार्यक्रम है। टीएमसी सुप्रीमो जाहिर तौर पर 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले राष्ट्रीय राजनीति में एक बड़ी भूमिका निभाने की कोशिश में है।पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में पवार ने कहा, “उन्होंने पिछले हफ्ते मुझे फोन किया था और मुझे अपनी दिल्ली यात्रा के बारे में बताया था और मिलने की इच्छा जताई थी। मुझे लगता है कि हम कल दिल्ली में मिल सकते हैं।”पूर्व केंद्रीय मंत्री ने पैगसस जासूसी विवाद पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, “इस बारे में कुछ भी कहने का यह समय और स्थान नहीं है। हम इस मुद्दे को सही जगह- संसद में उठाएंगे। हम इसे वहां उठाने की कोशिश करेंगे।”ममता बनर्जी के बुधवार यानी 28 जुलाई को दोपहर एक बजे संसद भवन जाने का भी कार्यक्रम है। इधर, ममता आज (मंगलवार) शाम चार बजे पीएम मोदी से मुलाकात के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकती हैं। पीएम से मुलाकात के पहले दिल्ली पहुंचते ही ममता की मुलाकातों का सिलसिला शुरू भी हो गया है। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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केरल में कोरोना वायरस के मामले फिर 30 हजार के पार, 181 लोगों की मौत
विज्ञप्ति के अनुसार राज्य में संक्रमण दर घटकर 16 फीसद के नीचे चली गयी थी जो बुधवार को बढ़कर 17.63 प्रतिशत हो गयी। राज्य में अब तक 3,28,41,859 नमूनों की कोविड-19 जांच हो चुकी है।
तिरुवनंतपुरम: केरल में कोरोना वायरस के मामले फिरे से एक बार 30 हजार का आंकड़ा पर कर लिया है। पिछले 24 घंटे में यहां कोविड-19 के 30,196 नये मामले सामने आए जिसके साथ ही कोरोना वायरस से संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 42,83,494 हो गयी जबकि 181 और मरीजों की मौत के बाद मृतकों की तादाद 22,001 पर पहुंच गयी। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी। राज्य में लगातार पांच दिनों तक दैनिक नये मामलों की संख्या 30 हजार से कम रहने के बाद आज एक बार फिर वह 30 हजार को पार कर गयी। केरल में बीते 24 घंटे के दौरान 1,71,295 नमूनों की कोविड-19 जांच होने के साथ संक्रमण की दर बढ़कर 17.63 प्रतिशत हो गयी है। विज्ञप्ति के अनुसार राज्य में संक्रमण दर घटकर 16 फीसद के नीचे चली गयी थी जो बुधवार को बढ़कर 17.63 प्रतिशत हो गयी। राज्य में अब तक 3,28,41,859 नमूनों की कोविड-19 जांच हो चुकी है। बीते 24 घंटे के दौरान राज्य में कोविड-19 के 27,579 मरीज संक्रमण मुक्त भी हुए, जिससे राज्य में इस जानलेवा वायरस के संक्रमण को मात देने वालों की संख्या बढ़कर 40,21,456 हो गयी। राज्य में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीज 2,39,480 हैं। विज्ञप्ति के मुताबिक, त्रिशूर जिले में कोविड-19 के सर्वाधिक 3,832 नये मरीज सामने आए। इसके बाद एर्णाकुलम में 3,611, कोझिकोड में 3,058, तिरुवनंतपुरम में 2,900, कोल्लम में 2,717, मलप्पुरम में 2,580, पलक्कड़ में 2,288, कोट्टयम में 2,214, अलाप्पुझा में 1,645, कन्नूर में 1,433, इदुक्की में 1,333 और पथनमथिट्टा में कोरोना वायरस संक्रमण के 1,181 नये मामले सामने आए। केरल के विभिन्न जिलों में इस समय 6,08,228 लोगों को निगरानी में रखा गया है, जिसमें से 32,817 लोग अस्पतालों में हैं। इससे पहले राज्य सरकार ने कोरोना मामलों के घटते मामलों को देखते हुए रात के कर्फ्यू और रविवार के लॉकडाउन जैसे प्रतिबंधों को हटाने का फैसला किया था। मुख्यमंत्री ने एक प्रेस वार्ता में कहा था कि रविवार के लॉकडाउन और रात के कर्फ्यू को वापस लेने का फैसला कोविड समीक्षा बैठक के दौरान किया गया था। ओणम त्योहार के बाद कोविड के दैनिक मामलों के 30,000 से अधिक हो जाने के बाद सरकार ने इस पर काबू के लिए सोमवार से शनिवार तक रात 10 बजे से सुबह छह बजे तक कर्फ्यू लगाया था। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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ट्रंप को पूजने वाले प्रशंसक की हार्ट अटैक से मौत, राष्ट्रपति की सेहत को लेकर था चिंतित
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशंसक और उन्हें भगवान की तरह पूजने वाले बुसा कृष्णा (38) की रविवार को दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। वह ट्रंप के कोरोना संक्रमित होने और उसके बाद की उनकी स्वास्थ्य स्थिति को लेकर खासे चिंतित थे।
हैदराबाद: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशंसक और उन्हें भगवान की तरह पूजने वाले बुसा कृष्णा (38) की रविवार को दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। वह ट्रंप के कोरोना संक्रमित होने और उसके बाद की उनकी स्वास्थ्य स्थिति को लेकर खासे चिंतित थे। तेलंगाना के मेडक जिले के तूप्रान इलाके में बुसा कृष्णा अपने रिश्तेदार के घर पर चाय पी रहे थे, तभी बेहोश हो गए। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।उनके परिवार के सदस्यों ने कहा कि वह यह जानकर चिंतित थे कि ट्रंप को कोविड-19 संक्रमण हो गया है। कथित तौर पर जब से उन्हें ट्रंप के बीमार होने के बारे में पता चला था, उन्होंने ठीक से भोजन भी नहीं किया था। बुसा कृष्णा ट्रंप और उनकी पत्नी के ठीक होने के लिए भगवान से प्रार्थना कर रहे थे।जनगांव जिले के कोन्ने गांव के निवासी कृष्णा ट्रंप के भक्त थे। उन्होंने 1.30 लाख रुपये खर्च करके अपने घर पर अमेरिकी राष्ट्रपति की छह फीट की मूर्ति भी स्थापित की थी। वह ट्रंप के लिए रोज प्रार्थना करते थे और उनके गांव में उन्हें 'ट्रंप कृष्णा' के रूप में जाना जाता था। एक छोटे किसान कृष्णा ने कहा था कि वह ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद से कई मुद्दों को लेकर उनके बहुत बड़े प्रशंसक बन गए थे।उन्होंने बताया था कि लोगों ने ट्रंप की प्रतिमा स्थापित करने और इसकी पूजा करने को लेकर उनका खासा मजाक उड़ाया और उन्हें मनोचिकित्सक से मिलने तक की सलाह दी थी। फिर भी ट्रंप के प्रति उनका प्यार कम नहीं हुआ। उन्होंने कहा था, "मैं हर शुक्रवार को ट्रंप के लंबे जीवन के लिए उपवास करता हूं। मैं हमेशा अपने साथ उनकी तस्वीर रखता हूं और किसी भी काम को शुरू करने से पहले उनसे प्रार्थना करता हूं।"स्कूली पढ़ाई अधूरी छोड़ने वाले कृष्णा की वैश्विक राजनीति में गहरी दिलचस्पी थी। उनकी इच्छा थी, ट्रंप फिर से चुनाव जीतें और चीन से निपटें। इस साल की शुरुआत में जब ट्रंप भारत आए थे तो कृष्णा ने केंद्र सरकार से अपील की थी कि वह अमेरिकी नेता से उन्हें मिलवाने की व्यवस्था करें। हालांकि, उनकी अपने 'भगवान' से मिलने की इच्छा अधूरी ही रह गई।
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Ghazipur Border: मास्टर बन टिकैत ने ली क्लास, बच्चों को पढ़ाया और पूछे कई सवाल, ये काम करने को कहा
भारतीय किसान यूनियन के मीडिया इन चार्ज धर्मेंद्र मलिक ने प्रेस वार्ता में बताया कि राकेश टिकैत ने न सिर्फ बच्चों को अक्षर (alphabets) और अंकों (numbers) के बारे में पढ़ाया बल्कि पिछले एक-डेढ़ महीने में उनके द्वारा इस स्कूल में जो सीखा उसके बारे में भी पूछा।
गाजीपुर बार्डर. दो महीने से ज्यादा समय से देश की राजधानी नई दिल्ली की तीन प्रमुख सीमाओं पर किसान संगठनों का आंदोलन जारी है। गाजियाबाद को दिल्ली से जोड़ने वाली गाजीपुर बार्डर पर पश्चिमी यूपी के किसान नेता राकेश टिकैत इस धरने का नेतृत्व कर रहे हैं। अब तक राकेश टिकैत अब अक्रामक अंदाज और जनता से कनेक्ट करने वाले बयानों के लिए जाने जाते रहे हैं लेकिन सोमवार को राकेश टिकैत धरना स्थल पर नए अवतार में नजर आए। राकेश टिकैत सोमवार को गाजीपुर बार्डर पर एक अस्थायी स्कूल में छोटे बच्चों को पढ़ाते नजर आए।पढ़ें- #PawriHoRahiHai: उत्तर प्रदेश पुलिस का मजेदार ट्वीट खूब हो रहा है वायरलभारतीय किसान यूनियन के मीडिया इन चार्ज धर्मेंद्र मलिक ने प्रेस वार्ता में बताया कि राकेश टिकैत ने न सिर्फ बच्चों को अक्षर (alphabets) और अंकों (numbers) के बारे में पढ़ाया बल्कि पिछले एक-डेढ़ महीने में उनके द्वारा इस स्कूल में जो सीखा उसके बारे में भी पूछा। नेक काम में शामिल लोगों के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए टिकैत ने कहा, "मैं यहां यह देखने आया था कि वे क्या सीख रहे हैं। यहां मैंने भी उन्हें पढ़ाया है। वे यहां आस-पास के स्लम इलाकों से अध्ययन के लिए आते हैं। मैंने बच्चों से उनके जन्मदिन पर पेड़ लगाने के लिए भी कहा। यह पर्यावरण को साफ करेगा।"पढ़ें- Petrol Diesel Price: फिर बढ़े पेट्रोल-डीजल के दाम, जानिए आज क्या है रेटमाता सावित्री बाई फुले महासभा के एक सामाजिक कार्यकर्ता निर्देश सिंह गरीब बच्चों के लिए सावित्री बाई फुले स्कूल चला रहे हैं। धर्मेंद्र मलिक ने बताया, "निर्देश दीदी जनवरी से स्कूल चला रही हैं। पड़ोसी कॉलोनियों के लगभग 90 बच्चे स्कूल में पंजीकृत हैं जो दो शिफ्ट में चलाया जाता है।" राकेश टिकैत ने गरीब बच्चों के लिए "शैक्षिक सुविधाओं की कमी" के लिए सरकार की आलोचना की। राकेश टिकैत ने कहा कि अमीरों के बच्चे एसी स्कूल में पढ़ाई करते हैं और गरीबों को बच्चों को स्कूलों में बैठने के लिए टाट-पट्टी की भी व्यवस्था नहीं है।पढ़ें- DhakDhak App: TikTok की जगह लेने आ गया है नया 'DhakDhak-इंडिया के दिल की धड़कन' ऐप! जानिए इसकी खासियत
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सीतापुर जेल में बंद आजम खान की तबियत बिगड़ी, सांस लेने में परेशानी
समाजवादी पार्टी के बड़े मुस्लिम नेता आजम खान की तबियत बिगड़ गई है। उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही है।
सीतापुर. समाजवादी पार्टी के बड़े मुस्लिम नेता आजम खान की तबियत बिगड़ गई है। उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही है। यूपी की सीतापुर जेल में बंद आजम खान को सांस लेने में दिक्कत होने पर डॉक्टरों की टीम ने उनकी जांच की, जिसके बाद पुलिस उन्हें लेकर रवाना हो गई है। एसडीएम अमित भट्ट ने बताया, "उनकी हालत ठीक नहीं है और उनका ऑक्सीजन 90 के क़रीब है जिसके चलते उनको शिफ्ट किया जा रहा।"आपको बता दें कि पिछली 13 जुलाई को ही आजम खान और उनके पुत्र को कोरोना से ठीक हो जाने के बाद लखनऊ के मेदांता अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी थी। मेदांता अस्पताल की तरफ से जारी एक बयान के मुताबिक नौ मई 2021 को समाजवादी पार्टी के सांसद मोहम्मद आज़म खान (72) और उनके बेटे मोहम्मद अब्दुल्ला खान (30) कोरोना संक्रमण के कारण अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती हुए थे।बयान के मुताबिक,13 जुलाई की सुबह आजम खान व उनके पुत्र की तबियत में सुधार को देखते हुए उनको मेदांता अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी थी। आजम और उनके बेटे के पूरी तरह से स्वस्थ होने की बात कही गयी थी। मेदांता अस्पताल के निदेशक डॉ.राकेश कपूर ने बताया था कि दोनों को अस्पताल में सीतापुर जिला जेल से लाया गया था।
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Rajat Sharma’s Blog: सुशांत की मौत का मामला- सीबीआई को जांच के बारे में बताना चाहिए
शुक्रवार को सुशांत के पिता के. के. सिंह के वकील विकास सिंह ने मीडिया से कहा कि परिवार में इस बात को लेकर निराशा है कि जांच सही दिशा में नहीं जा रही है।
बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत का परिवार सीबीआई द्वारा अभिनेता की मौत मिस्ट्री की जांच में अबतक कोई ठोस प्रगति नहीं होने से उलझन में है। इसकी आंशका मैंने उसी दिन जताई थी जिस दिन सुशांत की मौत के केस में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) की एंट्री हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने सुशांत की मौत मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी। लेकिन जिस तरह से इस केस में एनसीबी एक्टिव हुई, उसके कारण सुशांत की मौत की मिस्ट्री का केस पीछे छूट गया। एनसीबी ने जांच को पूरी तरह से ड्रग्स एंगल की ओर मोड़ दिया। अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती और उसका भाई ड्रग्स लेने के आरोप में अब अपने सहयोगियों के साथ जेल में है। वहीं इस कड़ी में दीपिका पादुकोण, सारा अली खान और श्रद्धा कपूर जैसी बॉलीवुड की अभिनेत्रियां एनसीबी के सामने हैं। शुक्रवार को सुशांत के पिता के. के. सिंह के वकील विकास सिंह ने मीडिया से कहा कि परिवार में इस बात को लेकर निराशा है कि जांच सही दिशा में नहीं जा रही है। उन्होंने कहा, 'जांच होनी थी सुशांत की मौत की, लेकिन जिस तरह से जांच हो रही है उससे आशंका लग रही है कि सुशांत की मौत का सच सामने आएगा भी या नहीं, सच्चाई कब पता लगेगी यह कोई नहीं कह सकता।' उन्होंने कहा कि एनसीबी की जांच अब मुंबई पुलिस वाली जांच जैसी बनकर रह गई है। सभी स्टार्स को बुलाया जा रहा है और सुशांत का केस पीछे छूट गया है।वकील विकास सिंह ने कहा, 'एम्स के डॉक्टर ने मुझे बताया कि सुशांत की मौत गला घोंटने से हो सकती है। सीबीआई की जांच सही ट्रैक पर नहीं है। मैं यह नहीं कहूंगा कि मैं सीबीआई से खुश नहीं हूं, लेकिन सुशांत की मौत के मामले को कम महत्व मिलने से चिंतित हूं। एम्स फॉरेंसिक बोर्ड के रिस्पॉन्स को सार्वजनिक किया जाए, इससे सुशांत के परिवार को संतुष्टि मिलेगी।'सुशांत परिवार के वकील ने आगे कहा, 'आज हमलोग असहाय महसूस कर रहे हैं, हम ये नहीं जानते कि इस केस की जांच किस दिशा में जा रही है। एक महीने से ज्यादा का वक्त बीतने के बाद आज तक सीबीआई ने अपनी जांच के बारे में कुछ नहीं कहा, एक भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ये नहीं बताया कि अबतक की जांच में उन्होंने क्या पाया। मैं जांच की रफ्तार से खुश नहीं हूं।' विकास सिंह का कहना है कि एनसीबी बिना किसी ठोस कारण के बड़े-बड़े स्टार्स को समन कर रही है, पूछताछ कर रही है, जबकि इन स्टार्स के खिलाफ कोई केस बनता ही नहीं हैं। विकास सिंह ने एक और बड़ी बात कही। उन्होंने कहा, 'रिया एक आरोपी है और आरोपी के बयान के आधार पर किसी को भी आरोपी कैसे बनाया जा सकता है? किसी को भी पूछताछ के लिए कैसे बुलाया जा सकता है? जिस तरह से पहले मुंबई पुलिस सुशांत के केस को लटका रही थी अब वही भूमिका एनसीबी की है।'सुशांत की मौत के बाद उस समय मुंबई पुलिस बड़े-बड़े डायरेक्टर्स, प्रोड्यूसर्स और बड़ेृ-बड़े फिल्म स्टार्स को पूछताछ के लिए बुलाने लगी थी जिनका सुशांत की मौत से कोई मतलब नहीं था। यह पूरा मामला ऑफ द ट्रैक चला गया है। अगर इस वक्त जांच को ट्रैक पर नहीं लाया गया तो फिर न्याय मिलना मुश्किल है।'इस बीच, एम्स फॉरेंसिक पैनल के प्रमुख डॉ. सुधीर गुप्ता ने गला घोंटने के आरोप को खारिज कर दिया है। डॉ. गुप्ता ने कहा, 'लिगेचर मार्क और घटनास्थल का जायजा लेकर हत्या या आत्महत्या के किसी नतीजे तक नहीं पहुंचा जा सकता। डॉक्टरों के लिए यह मुश्किल है, और आम लोगों के लिए तो यह असंभव है कि वे तस्वीरों पर लिगेचर मार्क्स देखकर हत्या या आत्महत्या के नतीजे तक पहुंच सकें।डॉक्टर सुधीर गुप्ता की ये बात सही लगती है कि तस्वीर देखकर इस नतीजे पर पहुंचना नामुमकिन है कि किसी की मौत आत्महत्या है या हत्या। लेकिन सवाल ये है कि सीबीआई इस मामले में खामोश क्यों है? सुशांत मौत मामले की जांच में सीबीआई ने अब तक हुई प्रगति के बारे में क्यों नहीं बताया? एनसीबी द्वारा अभिनेत्रियों को पूछताछ के लिए बुलाकर सुशांत की मौत मामले से पब्लिक का ध्यान हटाकर इसे ड्रग्स एंगल पर केंद्रित किया गया है।जिस केस को लेकर पब्लिक में इतनी उत्सुकता है, उसकी जांच होने के बजाय दूसरी बातों की जांच हो रही है। लोग तो ये जानना चाहते हैं कि क्या सुशांत ने आत्महत्या की या उसकी हत्या हुई? मुंबई की पुलिस ने भी इस सवाल का जवाब नहीं दिया था और मुंबई पुलिस 'नेपोटिज्म' के नाम पर बड़े-बड़े फिल्म स्टार्स को बुलाकर उनसे पूछताछ करने लगी थी। एनसीबी अभिनेता और ड्रग पेडलर्स के बीच ड्रग नेक्सस की जांच करने लगी।हैरत तो इस बात की है कि शुरू में तो सीबीआई ने तेजी दिखाई थी। सीबीआई की टीम तुरंत मुंबई पहुंच गई थी और रोज-रोज सुशांत के घर के स्टाफ को बुलाया जा रहा था। रिया, उसके भाई, मौजूदा और पूर्व स्टाफ से घंटों पूछताछ की गई है। इस केस से जुड़े अन्य लोगों से भी पूछताछ हुई लेकिन उसके बाद कुछ नहीं हुआ। एम्स की फॉरेंसिक टीम का दावा है कि उसने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है, लेकिन सीबीआई इस रिपोर्ट को स्वीकार करने को तैयार नहीं है। यही वजह है कि सुशांत के परिवार के सदस्यों को इस केस की जांच को लेकर शक है। इसलिए सीबीआई को इस जांच में अबतक हुई प्रगति का खुलासा करना चाहिए। (रजत शर्मा)देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 25 सितंबर, 2020 का पूरा एपिसोड /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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महाराष्ट्र: 2019 में BJP के हाथ में आई सत्ता कैसे फिसल गई थी? किताब से खुले राज
दरअसल, 2019 का विधानसभा चुनाव बीजेपी ने शिवसेना के साथ मिलकर लड़ा था। बीजेपी ने 105, एनसीपी 54, कांग्रेस 44, शिवसेना 56 सीटों पर जीत दर्ज की। बीजेपी ने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाने की कोशिश की लेकिन शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद की मांग रख दी थी। इसके बाद यह गठबंधन टूट गया।
महाराष्ट्र में 2019 से महाविकास अघाड़ी सरकार है। महाराष्ट्र की सियासत में लगातार उथल-पुथल होती रहती है। कभी 5 साल में 3 बार सीएम बदले जाते हैं तो कभी धुर-विरोधी पार्टियां मिलकर सरकार बना लेती हैं। महाराष्ट्र की सियासत को लेकर पत्रकार सुधीर सूर्यवंशी की किताब ‘चेकमेट: हाऊ द बीजेपी वन एंड लॉस्ट द स्टेट’ में 2019 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हाथ से सत्ता जाने के राज के बारे में लिखा गया है। किताब में लिखा है कि कैसे एक समय भाजपा के हाथों में आई सत्ता हाथ से निकल गई। उन्होंने नवंबर 2019 में महाराष्ट्र की राजनीति में हुई उथल-पुथल के बारे में विस्तार से लिखते हुए बीजेपी की हाथ से सत्ता के फिसल जाने जाने की थ्रिलर स्टोरी को बताया गया है।बता दें कि, साल 2019 में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर तो सामने आई थी। लेकिन उसकी परंपरागत सहयोगी शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन करके महाविकास अघाड़ी मोर्चा बनाकर सरकार बना ली। इस गठबंधन के लिए एनसीपी प्रमुख शरद पवार को अहम किरदार माना जाता है। सुधीर सूर्यवंशी की किताब में बताया गया है कि कैसे 2019 में बीजेपी ने सरकार बनाने की कोशिश की और एनसीपी के युवा नेताओं ने सत्ता बचा ली। दरअसल, 2019 का विधानसभा चुनाव बीजेपी ने शिवसेना के साथ मिलकर लड़ा था। बीजेपी ने 105, एनसीपी 54, कांग्रेस 44, शिवसेना 56 सीटों पर जीत दर्ज की। बीजेपी ने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाने की कोशिश की लेकिन शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद की मांग रख दी थी। इसके बाद यह गठबंधन टूट गया। इस बीच शिवसेना के अलग होने के बाद भाजपा ने शरद पवार के भतीजे अजित पवार को अपने साथ सरकार बनाने के लिए राजी कर लिया। इतना ही नहीं बीजेपी नेता और महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेन्द्र फडणवीस ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के सामने सरकार बनाने का दावा भी पेश कर दिया। यही नहीं राज्यपाल ने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री और अजित पवार को उप-मुख्यमंत्री के पद की शपथ भी दिलवा दी।अचानक हुई इतने बड़े सियासी हलचल के शरद पवार ने अपने घर पर एनसीपी के विधायकों की बैठक बुला ली। इस बैठक में कुछ विधायक नहीं पहुंचे, जिनके बारे में पता चला कि वो चार्टर प्लेन से हरियाणा के गुरुग्राम के लिए उड़ान भर चुके हैं। अब लड़ाई शुरू हुई एनसीपी के विधायकों को वापस लाने की। शरद पवार ने पार्टी के कद्दावर और अनुभवी नेताओं की जगह इस लड़ाई की कमान राष्ट्रवादी युवक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष धीरज शर्मा को सौंपी। धीरज शर्मा ने राष्ट्रवादी विद्यार्थी कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया दूहन को विधायकों की लोकेशन पता लगाने का जिम्मा सौंपा। राष्ट्रवादी विद्यार्थी कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया दूहन को पता चला कि सभी विधायकों के लिए गुरुग्राम के एक बड़े होटल में इंतजाम किया गया है। लेकिन उनकी सुरक्षा में सख्त पहरा है और उनसे कोई मिल नहीं सकता। बता दें कि उस समय भी हरियाणा में बीजेपी की खट्टर सरकार थी। इस पूरे इंतजाम के बाद भी सोनिया और धीरज शर्मा ने विधायकों के कमरों का पता लगाया। उन्हें वहां से निकालने के लिए सीक्रेट प्लान बनाया गया और उसमें करीब 180 लोगों की टीम शामिल हुई। जिसमें स्थानीय महिलाओं को भी लगाया गया।Image Source : SOCIAL MEDIAMaharashtra political newsकिताब के मुताबिक, सोनिया दूहन होटल के एक सीनियर अधिकारी को अपने प्लान में शामिल करने में कामयाब हो गईं। शरद पवार के इन युवा भरोसेमंद नेताओं ने होटल के लॉन्ड्री विभाग के प्रभारी को भी अपने प्लान का हिस्सा बनाया। लॉन्ड्री मैन के जरिए होटल में ठहरे विधायकों से संपर्क साधा गया। उनसे कहा गया कि होटल से निकालने के लिए शरद पवार ने उन्हें भेजा है।इसके बाद उन विधायकों को होटल के पीछे वाले रास्ते से बाहर निकाला गया और सभी विधायकों को महाराष्ट्र पहुंचाया गया। जहां से भाजपा सत्ता से दूर होती गई। विधायकों के महाराष्ट्र पहुंचते ही एनसीपी में होने वाली टूट बच गई और महाराष्ट्र की सत्ता बीजेपी के हाथ से फिसल गई।
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J&K: पुलवामा में टली बड़ी घटना, सेना ने पुल के नीचे आतंकियो द्वारा लगाया IED किया बरामद
जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा जिले में आतंकवादियों द्वारा लगाए गए आईईडी को सुरक्षा बलों ने सोमवार को बरामद किया।
श्रीनगर: जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा जिले में आतंकवादियों द्वारा लगाए गए आईईडी को सुरक्षा बलों ने सोमवार को बरामद किया। पुलिस ने जानकारी दी कि पुलवामा के तुजान गांव के पास एक पुल के नीचे आतंकवादियों ने आईईडी लगाया था, जिसे ढूंढकर सुरक्षा बलों ने बरामद कर लिया है।कश्मीर में सड़कों और राजमार्गों से गुजरने वाले सुरक्षाबलों के वाहनों को निशाना बनाने के उद्देश्य से आतंकवादी आईईडी लगाते हैं। आतंकवादियों की योजनाओं को असफल करने के लिए सुरक्षा बलों के दल स्निफर डॉग और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों द्वारा तलाशी करते हैं, और वाहनों से पहले सड़कों और राजमार्गों की सुरक्षा की जांच करने के लिए निकलते हैं।सुरक्षाबलों के इन प्रशिक्षित दलों को रोड ऑपनिंग पार्टीज (ROP) कहा जाता है।
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भारत में अब तक कोविड टीके की 57.16 करोड़ से अधिक खुराक दी गई: सरकार
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बयान में कहा, "टीकाकरण अभियान के तीसरे चरण की शुरुआत के बाद से 37 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 18-44 वर्ष के आयु वर्ग के कुल 21,13,11,218 व्यक्तियों को उनकी पहली खुराक दी जा चुकी है और कुल 1,79,43,325 को दूसरी खुराक दी जा चुकी है।’’
नयी दिल्ली। देश में अब तक दी गई कोविड-19 टीके की कुल खुराकों की संख्या 57.16 करोड़ को पार कर गई है, जिसमें गुरुवार को दी गई 48 लाख से अधिक खुराक शामिल हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि गुरुवार को 18 से 44 वर्ष के आयु वर्ग के 26,66,831 लाभार्थियों को पहली खुराक मिली, जबकि 6,01,437 को दूसरी खुराक दी गई।बयान में कहा गया, "टीकाकरण अभियान के तीसरे चरण की शुरुआत के बाद से 37 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 18-44 वर्ष के आयु वर्ग के कुल 21,13,11,218 व्यक्तियों को उनकी पहली खुराक दी जा चुकी है और कुल 1,79,43,325 को दूसरी खुराक दी जा चुकी है।’’मंत्रालय ने कहा कि देशभर में अब तक कुल 57,16,71,264 खुराकें दी गई हैं। शाम सात बजे तक की रिपोर्ट के अनुसार, टीकाकरण अभियान के 216वें दिन (19 अगस्त) को टीके की कुल 48,84,440 खुराक दी गई। 36,35,752 लाभार्थियों को पहली खुराक मिली और 12,48,688 को दूसरी खुराक दी गई। दिन की अंतिम रिपोर्ट देर रात तक तैयार की जाएगी।देश में 3.86 करोड़ से अधिक लोगों ने समय सीमा के भीतर कोविड टीकों की दूसरी खुराक नहीं ली देश भर में 3.86 करोड़ से अधिक लोगों ने तय समय सीमा के अंदर कोविड टीकों (कोविशील्ड और कोवैक्सीन) की दूसरी खुराक नहीं ली है। सरकार ने सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत पूछे गये सवाल में यह जानकारी दी है। कोविन पोर्टल पर मौजूद सूचना के अनुसार गुरुवार की दोपहर तक 44,22,85,854 लोगों को पहली खुराक जबकि 12,59,07,443 लोगों को दूसरी खुराक दी जा चुकी है। कार्यकर्ता रमन शर्मा ने सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत सरकार से यह जानना चाहा था कि देश में ऐसे कितने लोग हैं जिन्होंने कोविशील्ड अथवा कोवैक्सीन की पहली खुराक ले ली है लेकिन निर्धारित समय सीमा के भीरत दूसरी खुराक नहीं ली है। इस सवाल के जवाब में, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालाय के कोविड-19 टीका प्रशासन प्रकोष्ठ ने कहा कि इसने कोविशील्ड की दूसरी खुराक 84-112 दिन के भीतर जबकि कोवैक्सीन की दूसरी खुराक 28-42 दिन के भीतर लेने की सिफारिश की है। जवाब में कहा गया है कि टीके की पहली खुराक लेने के बाद भारत सरकार द्वारा निर्धारित समय अवधि के अंदर कोविशील्ड की दूसरी खुराक नहीं लेने वाले लोगों की संख्या 17 अगस्त 2021 तक कोविन पोर्टल के अनुसार 3,40,72,993 है। इसमें यह भी कहा गया है कि कोविन पोर्टल के अनुसार 17 अगस्त तक निर्धारित समय सीमा के भीतर कोवैक्सीन की दूसरी खुराक नहीं लेने वाले लेागों की संख्या 46,78,406 है। इसमे कहा गया है, ‘‘टीकों की पहली खुराक ले चुके लाभार्थियों को तय समय सीमा के अंदर दुसरी खुराक लेने के लिये अनुशंसा की जा चुकी है।’’ इसमें यह भी कहा गया है कि एक ही टीके की दोनों खुराक अनिवार्य है।
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रिपब्लिक डे पर दंगे की इंटरनेशनल साजिश, रेहना से जुड़े हैं जगमीत के तार, जानिए पूरी डिटेल
रिहाना कनाडा के MP जगमीत सिंह की दोस्त है। रिहाना ट्वीटर पर जगमीत सिंह को फॉलो भी करती हैं और दोनों एक-दूसरे को डायरेक्ट मैसेज भी करते हैं।
नई दिल्ली: 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुए दंगों की जांच के दौरान जो तथ्य उभरकर सामने आ रहे हैं वो बड़े ही चौंकानेवाले हैं। जानकारी के मुताबिक इस इंटरनेशनल साजिश की शुरुआत पॉप स्टर रिहाना से हुई। रिहाना ने जब किसान आंदोलन पर ट्वीट किया तो हंगामा शुरू हो गया। सवाल उठने लगा कि रिहाना का किसान आंदोलन से क्या कनेक्शन है? दरअसल रिहाना कनाडा के MP जगमीत सिंह की दोस्त है। रिहाना ट्वीटर पर जगमीत सिंह को फॉलो भी करती हैं और दोनों एक-दूसरे को डायरेक्ट मैसेज भी करते हैं। लगातार संपर्क में रहते हैं। लेकिन सच्चाई ये है कि जगमीत सिंह भारत के दुश्मन हैं, वो खालिस्तान की मांग के समर्थक हैं और खालिस्तान आंदोलन के लिए फंड जुटाने का काम करते हैं। पढ़ें: खुशखबरी! मुंबई-लखनऊ रूट के यात्रियों के लिए अच्छी खबर, रेलवे ने दिया यह स्पेशल गिफ्ट, जानिए डिटेल2013 में भारत सरकार ने जगमीत सिंह को वीज़ा नहीं दिया था। वहीं जगमीत सिंह मोदी सरकार के कट्टर विरोधी हैं। किसान आंदोलन के मुद्दे पर भी वो कनाडा में लगातार प्रोटेस्ट करते रहे हैं। ऐसे में जब रिहाना ने किसान आंदोलन को लेकर ट्वीट किया तो इसके पीछे जगमीत सिंह का हाथ होने की बात सामने आई। इस दावे का सबूत उस वक्त मिला जब जगमीत सिंह ने रिहाना के इस ट्वीट को रिट्वीट करते हुए किसान आंदोलन का मुद्दा उठाने के लिए उन्हें शुक्रिया कहा। इसी ट्वीट में जगमीत सिंह ने रिहाना को धन्यवाद भी दिया। पढ़ें: एटीएम से कैश निकालने जा रहे हैं तो एकदम अलर्ट रहिए, वरना.. आपके साथ भी हो सकता है ऐसा कुछ....आपको बता दें कि 26 जनवरी को दिल्ली में किसानों के ट्रैक्टर मार्च के दौरान दिल्ली में बड़े पैमाने पर हिंसा और उपद्रव की घटनाएं हुईं। दिल्ली की ओर आनेवाले सारे बैरिकेड्स को ट्रैक्टर से ध्वस्त कर दिया गया। किसानों की भेष दंगाईयों ने पहले आईटीओ पर उपद्रव मचाया और उसके बाद लाल किले की ओर बढ़ गए। इन उपद्रवियों ने लाल किले पर तिरंगे की जगह धार्मिक ध्वज को फहरा दिया था।
hindi_2022_10938
बिजली कटने पर उपभोक्ता को मिलेगा हर्जाना, ये हैं नए नियम
इसके अनुसार वितरण कंपनियां सभी ग्राहकों को 24 घंटे भरोसेमंद बिजली देंगी। हालांकि बिजली नियामक कृषि जैसे कुछ श्रेणी के ग्राहकों के लिये कम घंटे की बिजली की व्यवस्था तय कर सकते हैं।
नई दिल्ली: सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं को सशक्त बनाने के लिए सोमवार को महत्वपूर्ण कदम उठाया। इसके तहत नियम जारी कर उपभोक्ताओं को 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने और तय समय पर सेवाएं देने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। नियमों के तहत अगर वितरण कंनियां विद्युत (उपभोक्ता अधिकार) नियम के अंतर्गत मानक सेवा उपलब्ध नहीं कराएंगी, उन्हें जुर्माना देना होगा। नियमों के बारे में जानकारी देते हुए बिजली मंत्री आर के सिंह ने कहा, ‘‘अब कोई भी ग्राहक ‘बिजली बिना’ नहीं होगा वितरण कंपनियों को सेवाएं देनी होंगी और अगर वे इसका पालन नहीं करती हैं, जुर्माना देना पड़ेगा।’’ बिजली मंत्रालय के ये नियम ग्राहकों के अधिकार से जुड़े है।नए नियमों की जरुरत क्यों हुईउन्होंने कहा, ‘‘ये नियम इस भरोसे पर आधारित है कि बिजली व्यवस्था उपभोक्ताओं की सेवा के लिए है और उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं, विश्वसनीय, गुणवत्तापूर्ण बिजली प्राप्त करने का अधिकार है। पूरे देश में वितरण कंपनियां, चाहे सरकारी हो या फिर निजी, का एकाधिकार है जबकि दूसरी तरफ ग्राहकों के पास कोई विकल्प नहीं है। इसीलिए यह जरूरी है कि उपभोक्ताओं के अधिकारों को उल्लेखित करने वाले नियम एवं व्यवस्था स्थापित हो ताकि उसे प्रभावी तरीके से लागू किया जा सके।’’ क्या है बिजली वितरण कंपनी का कर्तव्य और ग्राहक के अधिकार?नियमों के तहत प्रत्येक वितरण इकाइयों का यह कर्तव्य है कि वे विद्युत कानून के प्रावधानों के अनुरूप किसी मकान के मालिक या वहां रहने वालों के आग्रह पर बिजली आपूर्ति की व्यवस्था करें। इसमें कहा गया है कि विद्युत आपूर्ति के संदर्भ में ग्राहकों के पास वितरण कंपनियों से न्यूनतम मानक सेवाएं प्राप्त करने का अधिकार है। नियम में पारदर्शी, सुगम और समयबद्ध तरीके से नये कनेक्शन जारी करने और मौजूदा कनेक्शन में सुधार का प्रावधान किया गया है। नियम के अनुसार विद्युत कनेक्शन के लिये आवेदनकर्ताआ के पास ‘ऑनलाइन’ आवेदन का विकल्प है। कितने दिनों में होगा बिजली कनेक्शन या उसमें सुधार का काम?वितरण कंपनियों को बिजली कनेक्शन या उसमें सुधार का काम महानगरों में अधिकतम सात दिनों में, अन्य नगर पालिका वाले क्षेत्रों में 15 दिनों में और ग्रामीण क्षेत्रों में 30 दिनों में करने होंगे। नियमों के अनुसार कोई भी कनेक्शन बिना मीटर के नहीं दिया जाएगा और मीटर स्मार्ट या पूर्व भुगतान (प्रीपेमेंट) मीटर होगा। मीटर के परीक्षण के साथ खराब, जले हुए या चोरी हुए मीटरों के बदलने का भी प्रावधान है। इसमें उपभोक्ता शुल्क और बिलों के मामले में पारदर्शिता की भी बात कही गयी है। नियमों के अंतर्गत ग्राहकों के पास ‘ऑनलाइन’ या ‘ऑफलाइन’ बिल भुगतान का विकल्प होगा। इसके अलावा बिलों का पहले से भुगतान का भी प्रावधान किया गया है। वितरण कंपनियां सभी ग्राहकों को 24 घंटे भरोसेमंद बिजली देंगीइसके अनुसार वितरण कंपनियां सभी ग्राहकों को 24 घंटे भरोसेमंद बिजली देंगी। हालांकि बिजली नियामक कृषि जैसे कुछ श्रेणी के ग्राहकों के लिये कम घंटे की बिजली की व्यवस्था तय कर सकते हैं। वितरण कंपनियों को ऐसी व्यवस्था, विशेष रूप से स्वचालित प्रणाली स्थापित करनी होगी जिससे बिजली गुल होने पर नजर रखी जा सके और उसे तुरंत बहाल किया जाए। इसमें ग्राहकों की एक नई श्रेणी भी बनायी गयी है जो बिजली भी पैदा करेंगे। इन्हें ‘प्रोज्यूमर’ कहा गया है। नियम के अनुसार ये ‘प्रोज्यूमर’ उपभोक्ता का दर्जा बरकरार रखेंगे और उनके पास भी वे अधिकार होंगे, जो दूसरे ग्राहकों के पास होंगे। साथ ही उनके पास छतों पर सौर फोटोवोल्टिक (पीवी) प्रणाली समेत नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन इकाई लगाने का अधिकार होगा। इसे वे स्वयं या सेवा प्रदाता के जरिये लगा सकते हैं। बिजली कंपनी को देना होगा ग्राहकों को हर्जानानियमों के अनुसार आयोग (बिजली नियामक) वितरण लाइसेंस रखने वाली इकाइयों के लिये कामकाज को लेकर मानक अधिसूचित करेगा। अगर कामकाज से जुड़े मानकों का उल्लंघन होता है, तो ग्राहकों को उसके एवज में हर्जाना देना होगा। जिन सेवाओं में कमी के एवज में वितरण कंपनियों को ग्राहकों को स्वत: हर्जाना देने की जरूरत होगी, उसमें निश्चित अवधि के बाद भी बिजली की आपूति नहीं होना शामिल है। इस बारे में आयोग (नियामक) अधिसूचना जारी कर चीजों को स्पष्ट करेगा। ग्राहकों की शिकायतों का समाधान अब समयबद्ध तरीके से होगावितरण कंपनियों के प्रदर्शन का आकलन कनेक्शन के लिये लगने वाला समय, बिजली काटने, उसे जोड़ने, मीटर को दूसरी जगह लगाने, उपभोक्ता श्रेणी में बदलाव, क्षमता बढ़ावाने में लगने वाला समय, खराब मीटर को बदलने में लगने वाला समय, समय पर बिल देना, वोल्टेज संबंधित शिकायतों के समाधान और बिल संबंधी शिकायतों के समाधान में लगने वाले समय के आधार पर की जाएगी। ग्राहकों की समस्या के समाधान को लिए 24X7 टोल फ्री कॉल सेंटरवितरण कंपनियां अगर आयोग द्वारा निर्धारित समयसीमा में सेवा नहीं देती हैं, उन्हें ग्राहकों को दंडस्वरूप हर्जाना देना होगा। नियमों में व्यवस्था की गयी है कि वितरण कंपनियां 24 घंटे सातों दिन काम करने वाले टोल फ्री केंद्रीकृत कॉल सेंटर स्थापित करेंगी। वे सभी सेवाएं साझा ग्राहक संबंध प्रबंधक (सीआरएम) प्रणाली के जरिये उपलब्ध कराएंगी। ग्राहक शिकायत निपटान मंच (सीजीआरएफ) में ग्राहक और प्रोज्यूमर प्रतिनिधि शामिल होंगे। शिकायतों के समाधान को आसान बनाया गयानियमों के तहत शिकायतों के समाधान को आसान बनाया गया है। इसके तहत बहु-स्तरीय व्यवस्था की गयी है तथा ग्राहकों के प्रतिनिधियों की संख्या एक से बढ़ाकर चार की गयी है। वितरण कंपनियां हर प्रकार की शिकायतों के विभिन्न स्तरों पर समाधान के लिये समय सीमा स्पष्ट करेंगी। किसी भी प्रकार की शिकायतों के समाधान के लिये अधिकतम समयसीमा 45 दिन तय की गयी है।
hindi_2022_10939
'बॉर्डर इलाके में रोड बना रहा है चीन, भारत को भी बनानी चाहिए'
रेड्डी ने बताया, "लद्दाख की शांत भूमि पर पहुंचने के बाद लेह से नुब्रा के रास्ते पर मुझे सड़क निर्माण में जुटे Border Road Organisation के वर्कर्स से बातचीत करने का मौका मिला। ये लगातार 18,600 फीट की ऊंचाई पर बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहे हैं।"
लेह. लद्दाख में LAC पर लंबे समय से भारत और चीन की सेनाएं आमने-सामने खड़ी हैं। दोनों देशों के बीच गर्मियों के मौसम में शुरू हुआ ये विवाद लद्दाख में सर्दियां शुरू होने पर भी खत्म नहीं होता दिखाई दे रहा है। इस बीच केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख में लेह हिल काउंसिल के चुनाव होने हैं। चुनाव के मद्देनजर सभी राजनीतिक दलों ने अपनी ताकत झोंकी हुई है। शनिवार को केंद्रीय मंत्री और भाजपा के नेता जी किशन रेड्डी लद्दाख के दूर-दराज के इलाकों में प्रचार करते नजर आए। रास्ते में उन्होंने चीन की सीमा की तरफ जाने वाली सड़कों का निर्माण कर रहे मजदूरों से रुककर बातचीत की।पढ़ें- Coronavirus: पीएम नरेंद्र मोदी ने ढिलाई बरतने के खिलाफ चेताया और कही ये महत्वपूर्ण बातरेड्डी ने बताया, "लद्दाख की शांत भूमि पर पहुंचने के बाद लेह से नुब्रा के रास्ते पर मुझे सड़क निर्माण में जुटे Border Road Organisation के वर्कर्स से बातचीत करने का मौका मिला। ये लगातार 18,600 फीट की ऊंचाई पर बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहे हैं।"पढ़ें- मदरसा बोर्ड को भंग करेगी असम सरकार, हिमंत बिस्वा सरमा का ऐलानयहां सड़क के निर्माण में जुटे वर्कर्स से बातचीत में रेड्डी ने कहा कि चीन सीमा के निकट सड़क बना रहा है, तो भारत को सीमा के निकट सड़क का निर्माण क्यों नहीं करना चाहिए? हमें भी यहां सड़क का निर्माण करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले 70 सालों में हमारे देश की किसी भी सरकार ने सीमा क्षेत्र के पास एक अच्छी सड़क बनाने की कोशिश नहीं की है।पढ़ें- राजस्थान: आरक्षण के लिए गुर्जरों की महापंचायत, बयाना के कई इलाकों में इंटरनेट बंदआपको बता दें कि लद्दाख में स्थित Khardungla pass को दुनिया के सबसे ऊंचे motor-able रोड के लिए पहचाना जाता है। इसकी ऊंचाई समुद्र तट से 18,380 फीट है, जहां ज्यादातर तापमान शून्य से नीचे रहता है और ऑक्सीजन लेवल भी कम है। इस दौरान रेड्डी ने सड़क निर्माण में जुटे वर्कर्स से उनकी हेल्थ के बारे में जानकारी भी ली। उन्होंने बातचीत के दौरान आवास सुविधाएं, भुगतान और संचार सुविधाओं के बारे में भी पूछा।पढ़ें- Kashmir: भारतीय सेना को बड़ी सफलता, आतंकी से करवाया सरेंडर, देखिए वीडियोसड़क निर्माण में जुटे BRO के वर्कर्स ने बताया, "हमें यहां कोई समस्या नहीं है। हमें भारी जैकेट, भोजन, स्लीपिंग बैग और प्रति दिन के हिसाब से रु350- 400 प्रदान किए जाते हैं।"पढ़ें- पाकिस्तान छोड़ने जा रही है मशहूर TikTok स्टार जन्नत मिर्जा, बोली- यहां के लोगों की mentality अच्छी नहींKhardungla Pass से आगे जाने से पहले रेड्डी ने वर्कर्स से पूछा, "आप जानते हैं मैं कौन हूं? अमित शाह हमारे देश के गृह मंत्री हैं और मैं गृह मंत्रालय में उनका जूनियर मिनिस्टर हूं। मैं गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री हूं।" (ANI)
hindi_2022_10940
जम्मू-कश्मीर की जनता को न्यू ईयर गिफ्ट, पीएम मोदी करेंगे इस बड़ी योजना की शुरुआत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज जम्मू-कश्मीर की जनता को न्यू ईयर गिफ्ट देनेवाले हैं। मोदी सरकार की फ्लैगशीप योजना ''आयुष्मान भारत'' का आज से जम्मू-कश्मीर में भी विस्तार हो जाएगा।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज जम्मू-कश्मीर की जनता को न्यू ईयर गिफ्ट देनेवाले हैं। मोदी सरकार की फ्लैगशीप योजना ''आयुष्मान भारत'' का आज से जम्मू-कश्मीर में भी विस्तार हो जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी दोपहर 12 बजे वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आयुष्मान भारत योजना के तहत जम्मू एवं कश्मीर के लिए प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, सेहत की शुरुआत करेंगे। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर की जनता भी स्वास्थ्य बीमा के दायरे में आ जाएगी। इस योजना को पीएम-जय के नाम से भी जाना जाता है। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, ‘‘प्रधानमंत्री 26 दिसंबर को दोपहर 12 बजे वीडियो कांफ्रेस के माध्यम से केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में आयुष्मान भारत पीएम-जय सेहत की शुरुआत करेंगे। इस योजना में जम्मू एवं कश्मीर के सभी निवासियों को शामिल किया जाएगा।’’ बयान में कहा गया कि यह योजना जम्मू-कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश में रहने वाले सभी लोगों को मुफ्त बीमा कवर प्रदान करती है। इसके अंतर्गत जम्मू-कश्मीर के सभी निवासियों को फ्लोटर बेसिस पर पांच लाख रुपये प्रति परिवार वित्तीय कवर उपलब्ध कराया जाएगा। सेहत योजना के तहत लाभसार्वभौम स्वास्थ्य कवरेज (यूएचसी) में स्वास्थ्य संवर्धन से लेकर रोकथाम, उपचार, पुनर्वास और आवश्यक, गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं का पूरा स्पेक्ट्रम और चिकित्सकीय देखभाल शामिल है। इसके माध्यम से सेवाओं तक सभी की पहुंच होती है, लोगों को अपनी जेब से स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भुगतान करने की जरूरत नहीं पड़ती है और इलाज के चलते लोगों के गरीबी के दलदल में फंसने का जोखिम कम करता है। आयुष्मान भारत कार्यक्रम के दो स्तंभों- स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों और प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना- के तहत सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज हासिल करने की परिकल्पना की गई है। पढ़ें: बीजेपी का 'मिशन असम': गृह मंत्री अमित शाह गुवाहाटी पहुंचे, जानिए क्या है पूरा कार्यक्रमआपको बता दें कि दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना 'आयुष्मान भारत' सितंबर 2018 में शुरू हुई थी लेकिन इसका लाभ जम्मू-कश्मीर के लोगों को नहीं मिल पा रहा था। 26 महीने बाद ये जम्मू-कश्मीर में लागू हो रही है। इस योजना का मकसद देश की 50 करोड़ आबादी को मुफ्त स्वास्थ्य बीमा मुहैया कराना है।
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ग्रेटर नोएडा: गुमनाम फ्लैट से करोड़ों रुपए का कैश और गोल्ड बरामद
ग्रेटर नोएडा की सोसायटी सिल्वर सिटी टू सोसायटी के गुमनाम फ्लैट का पुलिस को सुराग मिला। फ्लैट नंबर बी1/301 टावर 5 में करोड़ों रुपए कैश और गोल्ड रखा गया था।
ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा की सोसायटी सिल्वर सिटी टू सोसायटी के गुमनाम फ्लैट का पुलिस को सुराग मिला। फ्लैट नंबर बी1/301 टावर 5 में करोड़ों रुपए कैश और गोल्ड रखा गया था। यह फ्लैट कृष्ण मुरारी के नाम पर किराए पर लिया गया था, जो किशल्य पाड़े की मां का योग टीचर है। इस फ्लैट का मालिक सुभाष यादव है।
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कोरोना पर 179 दिन बाद आई ऐसी बड़ी खुशखबरी! जानकर मिलेगी राहत
पूरी दुनिया कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी से लड़ रही है। भारत भी कोरोना वायरस संक्रमण से जंग कर रहा है। नौ महीनों से जारी कोरोना के खिलाफ इस जंग के बीच अब एक अच्छी खबर (Good News) आई है।
नई दिल्ली: पूरी दुनिया कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी से लड़ रही है। भारत भी कोरोना वायरस संक्रमण से जंग कर रहा है। नौ महीनों से जारी कोरोना के खिलाफ इस जंग के बीच अब एक अच्छी खबर (Good News) आई है। दरअसल, भारत में 179 दिन बाद कोरोना वायरस के एक्टिव मामलों (Coronavirus Active Cases) की संख्या शुक्रवार को घटकर 254254 हुई। इससे पहले 179 दिनों में कोरोना के एक्टिव मामलों की संख्या इतनी कम नहीं हुई थी।केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देशभर में कोविड-19 के उपचाराधीन (Coronavirus Active Cases) मरीजों की संख्या घट कर शुक्रवार को 2,54,254 हो गई, जो पिछले 179 दिनों में सबसे कम है। पिछले साल छह जुलाई को उपचाराधीन लोगों की संख्या 2,53,287 थी। अभी कुल 2,54,254 लोगों का कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज चल रहा है, जो कुल मामलों का 2.47 प्रतिशत है। आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 20,035 नए मामले (Coronavirus New Cases) सामने आने के बाद देश में संक्रमण के मामले बढ़कर शुक्रवार को 1,02,86,709 हो गए। वहीं, इस दौरान 23,181 लोग संक्रमण मुक्त भी हुए। मंत्रालय ने कहा, ‘‘पिछले 35 दिनों से लगातार, वायरस के रोजाना सामने आ रहे नए मामलों की संख्या, संक्रमण मुक्त हो रहे लोगों से कम रह रही है।’’ देश में अभी तक कुल 98,83,461 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं। मंत्रालय ने कहा, ‘‘संक्रमण मुक्त हुए लोगों और उपचाराधीन लोगों के बीच 96,29,207 का अंतर है, जो तेजी से बढ़ रहा है।’’ मंत्रालय ने बताया कि रोजाना संक्रमण मुक्त हो रहे लोगों की संख्या के नए मामले से अधिक होने से देश में मरीजों के ठीक होने की दर (Coronavirus recovery rate) भी बढ़कर 96.08 प्रतिशत हो गई। मंत्रालय ने बताया कि संक्रमण मुक्त हुए लोगों में से 77.61 प्रतिशत लोग 10 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से थे। उसने बताया कि केरल में से एक दिन में सबसे अधिक 5,376 लोग संक्रमण मुक्त हुए। इसके बाद महाराष्ट्र में 3,612 और पश्चिम बंगाल में 1,537 लोग ठीक हुए। वहीं, नए मामले में से भी 80.19 प्रतिशत मामले 10 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में सामने आए। केरल में सबसे अधिक 5,215 और फिर महाराष्ट्र में 3,509 नए मामले सामने आए। आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटे में 256 और लोगों की वायरस से मौत हुई। इनमें से 80.47 प्रतिशत लोग दस राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से थे। उसने बताया कि इनमें से महाराष्ट्र के 58, केरल के 30 , पश्चिम बंगाल के 29 और छत्तीसगढ़ के 21 लोग थे। मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, पिछले सात दिनों से मृतक संख्या 300 से कम है। देश में कोविड-19 से मृत्यु दर 1.45 प्रतिशत है। उसने बताया कि देश में वायरस से जिन लोगों की मौत हुई है, उनमें 63 प्रतिशत लोग महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और दिल्ली के थे।