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hindi_2022_11043
महिलाएं बिकनी, घूंघट, जीन्स या हिजाब पहनें, इसे तय करने का अधिकार महिलाओं का- प्रियंका गांधी का ट्वीट
कर्नाटक हिजाब विवाद के बीच प्रियंका गांधी ने एक ट्वीट किया है। उन्होंने कहा कि ये महिलाओं का अधिकार है कि वह क्या पहनकर स्कूल कॉलेज जाना चाहती हैं।
कर्नाटक में हिजाब पहनकर स्कूल कॉलेज में प्रवेश को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है। ये विवाद अब दिल्ली तक पहुंच गया है। कुछ संगठनों ने इसे महिलाओं के अधिकारों का हनन बताया है। अब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की भी इस पर प्रतिक्रिया आई है। प्रियंका ने भी इसे महिलाओं के अधिकार पर हमला करार दिया है। प्रियंका गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा, 'चाहे वह बिकनी हो, घूंघट हो, जीन्स हो या हिजाब, यह तय करना एक महिला का अधिकार है कि वह क्या पहनना चाहती है। यह अधिकार भारतीय संविधान भी देता है। महिलाओं को प्रताड़ित करना बंद करो। लड़की हूं, लड़ सकती हूं।'बता दें, कर्नाटक में ये विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। कुछ छात्र हिजाब पहनकर मुस्लिम लड़कियों के स्कूल कॉलेज में प्रवेश का विरोध कर रहे हैं। कई जगहों पर कुछ छात्र भगवा कपड़ा गले में डालकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। राज्य में स्थिति को काबू करने के लिए फिलहाल मुख्यमंत्री सवराज बोम्मई ने राज्‍य में हाई स्‍कूलों और कॉलेजों को अगले 3 दिनों तक बंद रखने का आदेश दिया है। मंगलवार को इसको लेकर कर्नाटक हाईकोर्ट में सुनवाई भी हुई। इसके बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए बुधवार को ढाई बजे का समय तय किया है। फिलहाल इस पर कोई फैसला नहीं हुआ है। इस बीच प्रियंका गांधी की प्रतिक्रिया पर लोगों की भी अलग-अलग प्रतिक्रिया आ रही है। कोई इसे गलत ठहरा रहा है तो कोई इसे महिलाओं का अधिकार बता रहा है।
hindi_2022_11044
केरल में कोरोना वायरस के 28,798 मामले सामने आये, और 151 लोगों की मौत
केरल में बुधवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 28,798 नये मामले दर्ज किये गये जबकि 35,525 और लोग स्वस्थ हुए, वहीं और 151 लोगों की मौत हो गई। सरकार ने बताया कि राज्य में अभी 2,48,526 लोगों का इलाज चल रहा है।
तिरुवनंतपुरम: केरल में बुधवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 28,798 नये मामले दर्ज किये गये जबकि 35,525 और लोग स्वस्थ हुए, वहीं और 151 लोगों की मौत हो गई। सरकार ने बताया कि राज्य में अभी 2,48,526 लोगों का इलाज चल रहा है। उसने कहा कि राज्य में मामलों की कुल संख्या 23,94,363 पर पहुंच गई जबकि इस महामारी से स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या 21,67,596 हो गई है। पिछले 24 घंटे में 1,44,372 नमूनों की जांच की गई और संक्रमण की दर 19.95 है। मलप्पुरम में आज सबसे अधिक 4751 मामले, एर्नाकुलम में 3444, पलक्कड़ में 3038 और कोल्लम में 2886 मामले सामने आये। वहीं भारत अमेरिका के बाद कोविड-19 टीकों की 20 करोड़ से अधिक खुराक लगाने वाला दुनिया का दूसरा देश बन गया है। यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को दी। मंत्रालय ने बताया कि भारत ने 130 दिन में यह टीकाकरण पूरा किया वहीं अमेरिका ने 124 दिन में इतने लोगों को टीका लगाया। ‘अवर वर्ल्ड इन डाटा’ बेवसाइट और अन्य कई स्रोतों पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार कोविड-19 टीकाकरण व्यापक रूप से करने वाले अन्य प्रमुख देशों में ब्रिटेन भी शामिल है जिसने 168 दिन में 5.1 करोड़ लोगों को कोविड टीका लगाया है।वहीं ब्राजील में 128 दिन में 5.9 करोड़ लोगों को और जर्मनी में 149 दिन में 4.5 करोड़ लोगों को टीके की खुराक दी जा चुकी है। मंत्रालय के अनुसार भारत में सुबह 7 बजे तक उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार टीकाकरण अभियान के 130वें दिन 20 करोड़ से अधिक लोगों (20,06,62,456) का टीकाकरण हो चुका है। इनमें 15,71,49,593 लोगों को टीके की पहली खुराक और 4,35,12,863 को दूसरी खुराक लग चुकी है।मंत्रालय ने कहा कि देश में अब तक 45 वर्ष से अधिक उम्र के 34 प्रतिशत से अधिक लोगों ने कोविड-19 टीके की कम से कम पहली खुराक लगवा ली है। इसी तरह देश में 60 वर्ष से अधिक उम्र की 42 फीसदी से अधिक आबादी कम से कम पहला टीका लगवा चुकी है। देश में कोविड-19 टीकाकरण की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 जनवरी को की थी। ये भी पढ़ें
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Rajat Sharma’s Blog । कोरोना महामारी की दूसरी लहर का अनुमान लगा पाने में सरकारें कैसे नाकाम रहीं
देशभर में कोरोना महामारी बेहद भयावह रूप ले चुकी है। इसका अंदाजा इस आंकड़े से लगाया जा सकता है कि अकेले बुधवार को कोरोना के कुल 3,60,960 नए मामले सामने आए और इस संक्रमण ने 3,293 लोगों की जान ले ली।
देशभर में कोरोना महामारी बेहद भयावह रूप ले चुकी है। इसका अंदाजा इस आंकड़े से लगाया जा सकता है कि अकेले बुधवार को कोरोना के कुल 3,60,960 नए मामले सामने आए और इस संक्रमण ने 3,293 लोगों की जान ले ली। ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, दवाओं और अस्पतालों में बेड की कमी के कारण लोग मर रहे हैं। दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के कई हिस्सों में हालात गंभीर हैं। कोरोना मरीजों के रिश्तेदार ब्लैक मार्केट से जरूरी दवाएं खरीदने को मजबूर हैं, टेस्टिंग लैब में लोगों की लंबी कतारें हैं, रिपोर्ट आने में भी काफी वक्त लग रहा है। न मरीजों को ऑक्सीजन सिलेंडर मिल रहा है और न ही वेंटिलेटर। इसी बीच एक ऐसा वीडियो आया जिसे देखकर किसी का भी कलेजा फट जाए। वीडियो में स्ट्रेचर पर एक शख्स बेसुध पड़ा है और उसकी पत्नी स्ट्रेचर को खींच रही है। जबकि तीन-चार साल का एक छोटा सा बच्चा स्ट्रेचर को धक्का दे रहा है। मां और बेटे मिलकर उस शख्स को अस्पताल के अंदर पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं जबकि उनकी मदद के लिए कोई वॉर्ड ब्वॉय तक वहां नहीं था। केंद्र और राज्यों की सरकारें दावा कर कर रही हैं कि सब ठीक है। बेड, ऑक्सीजन और दवाओं की कोई कमी नहीं है। लेकिन इंडिया टीवी के रिपोर्टर्स ने जो ग्राउंड रिपोर्ट भेजी वो कुछ दूसरी तस्वीर पेश करती है। हॉस्पिटल के बाहर तड़प रहे मरीजों के लिए न बेड है, न ऑक्सीजन और न दवाएं। हॉस्पिटल मरीजों के परिवार वालों से कह रहे हैं कि खुद ऑक्सीजन का इंतजाम करो, दवाएं लेकर आओ। मरीज के परिवारवाले 40 डिग्री सेल्सियस तपती दोहपरी में बेड, ऑक्सीजन और दवाओं के लिए इधर-उधर भाग रहे हैं। और इस मुश्किल वक्त में भी कुछ बेईमान लोग मौके का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं। कोई जबरदस्ती बेड कब्जा करके बैठा है तो किसी ने दवाएं स्टोर की ली हैं। किसी ने मार्केट से ऑक्सीमीटर गायब कर दिया है तो कोई पैसा कमाने के चक्कर में रेमडेसिविर इंजेक्शन लेकर घूम रहा है। ये लोग इन जीवनरक्षक वस्तुओं को महंगे दामों पर बेचकर मरीजों के परिवारवालों को लूट रहे हैं। कोरोना संक्रमण के ताजा मामले और मौतों की संख्या को लेकर जो आधिकारिक आंकड़े बताए जा रहे हैं उसकी पूरी तस्वीर सामने नहीं आ रही है। कोविड टेस्ट करनेवाली एक बड़ी टेस्टिंग एजेंसी के सीईओ ने शिकायत की है कि उसके पास जिले के स्थानीय अधिकारियों के फोन आए और कोरोना की 'पॉजिटिव' रिपोर्ट नहीं करने के लिए कहा गया। दिल्ली और मुंबई में अचानक नए मरीजों की संख्या कैसे कम हो गई। आंकड़े देखें तो लगेगा यहां कोरोना काबू में आ रहा हैं लेकिन मैं थोड़ा गहराई में गया तो पता चला दिल्ली और मुबई में पिछले दो दिन से टेस्ट ही कम हो रहे हैं, इसलिए कम पॉज़िटिव मरीज रिकार्ड पर आ रहे हैं। सच्चाई ये है कि दिल्ली में जिसका टेस्ट हो रहा है, उनमें से हर तीसरा आदमी कोरोना पॉजिटिव मिल रहा है। दिल्ली में इस वक्त कोरोना का पॉजिटिविटी रेट 35 प्रतिशत पर बना हुआ है। सोमवार को दिल्ली में कुल 57,600 टेस्ट हुए उनमें से 20 हजार दो सौ से ज्यादा लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए। आपको जानकर हैरानी होगी कि 13 अप्रैल को 1,02,460 टेस्ट हुए थे और इनमें से सिर्फ 13468 की रिपोर्ट पॉजिटिव थी यानि 13 अप्रैल को दिल्ली में पॉजिटिविटी रेट 12 प्रतिशत था, जो दो हफ्ते में बढ़कर 35 प्रतिशत हो गया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने महामारी से निपटने और रोगियों को बेड मुहैया कराने में विफल रहने पर दिल्ली सरकार की खिंचाई की है। कोर्ट ने कहा कि सरकार क्या कर रही है? हॉस्पिटल्स में मरीजों के लिए बेड नहीं है, ऑक्सीजन नहीं हैं। ऑक्सीजन के लिए अस्पतालों को कोर्ट जाना पड़े इससे ज्यादा शर्मनाक बात क्या हो सकती है। हाईकोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार ऑक्सीजन वितरण की निगरानी करने और महत्वपूर्ण दवाओं की जमाखोरी रोक पाने में करने में पूरी तरह विफल रही है। कोर्ट ने कहा कि आप अपनी चीजों को व्यवस्थित करें। बेसिरपैर के आदेश का कोई मतलब नहीं है। अगर दिल्ली सरकार से सिस्टम नहीं संभल रहा है, हालात काबू से बाहर है तो फिर अदालत केन्द्र सरकार को टेकओवर करने का आदेश देगी। हम लोगों को इस तरह मरने नहीं दे सकते। हाईकोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार बेसिरपैर के आदेश दे रही है जिनका कोई मतलब नहीं है और कोई फायदा नहीं हैं। हाईकोर्ट ने कहा, "आपको जमीनी हकीकत का पता नहीं है...मरीजों को यह कहना वो डॉक्टरों की देखरेख में घर पर रेमडेसिविर नहीं ले सकते, बिल्कुल गलत प्रतित होता है, यह ठीक वैसा हीं है जैसा किसी आदमी की जान ले ली गई हो।" अदालत ने इस बात पर नाराजगी जाहिर की और हैरानी भी जताई कि जब मरीजों के परिवार वाले एक बैड के लिए इधर से उधर भाग रहे हैं, उन्हें बैड नहीं मिल रहा ऐसे में दिल्ली सरकार ने जजों और कोर्ट के अफसरों के लिए फाइव स्टार होटल में सौ बैड बुक कर दिए। वाकई में हैरानी की बात है। इससे ऐसा मैसेज गया कि जब देश भर में हाहाकार है उस वक्त हमारे जजेज को अपनी फिक्र है। इस पर अदालत ने दिल्ली सरकार की जमकर क्लास ली। हाईकोर्ट ने कहा कि हमने तो दिल्ली सरकार को होटल रिजर्व करने के लिए नहीं कभी नहीं कहा था। अदालत ने सिर्फ इतना कहा था कि अगर हाईकोर्ट के स्टाफ को अस्पताल की जरूरत पडे तो उसे सुविधा दी जाए। हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि हमने दो अधिकारियों को खो दिया है और आप उल्टे सीधे ऑर्डर जारी कर रहे हैं। दिल्ली हाईकोर्ट की नाराजगी जायज है। जनता परेशान है। सरकार एक्शन में दिख रही हैष मरीजों को बेड मिल नहीं रहे तो एक ही उम्मीद बचती है कोर्ट से, जजेज से। आज दिल्ली हाईकोर्ट ने लोगों के मन की बात सरकार से कही है। दिल्ली में हालात इतने खराब हो चुके हैं कि एक कोविड हॉस्पिटल खुलता है और दो से तीन घंटें में सारे बेड फुल हो जाते हैं। कुछ ही घंटों के बाद हॉस्पिटल के गेट पर फिर रोते बिलखते लोग और तड़पते मरीजों की लाइनें लग जाती है। कल दिल्ली में सरदार पटेल कोविड सेंटर शुरू हुआ था। 500 बेड वाला ये सेंटर शुरु हुआ। इसमें अभी 150 बेड्स ऑपरेशनल हुए हैं लेकिन कुछ ही घंटों में सारे 150 बैड्स फुल हो गए। इसी तरह DRDO की तरफ से जो 500 बेड वाला सेंटर खोला गया उसमें भी सारे बेड्स ऑक्यूपाई हो चुके हैं। इन सेंटर्स के बाहर मरीजों की लाइन लगी है। अरविन्द केजरीवाल दावा कर रहे हैं कि अगले तेरह दिनों में दिल्ली में अलग अलग जगहों पर 1200 ICU बेड्स का और इंतजाम किया जाएगा। दिल्ली के रामलीला ग्राउंड, जीटीबी अस्पताल के पास और सरदार पटेल कोविड सेंटर में बेड्स बढ़ाए जाएंगे। आज से ही इन जगहों पर कोविड सेंटर बनाने का काम तेजी से शुरू भी हो गया। 10 मई तक इन्हें ऑपरेशनलाइज करने की डेडलाइन दी गई है। हमारे संवाददात भास्कर मिश्रा ने बताया कि जीटीबी हॉस्पिटल के बगल में एक ग्राउंड है, इसे कोविड केयर सेंटर में तब्दील किया जा रहा है। दिल्ली के पड़ोसी हरियाणा और गाजियाबाद में हालात खराब हो रही है जहां अचानक हॉस्पिटल वालों ने मरीजों के रिश्तेदारों से कह दिया कि ऑक्सीजन का इंतजाम करो, कुछ ही घंटों की ऑक्सीजन बची है। इससे मरीजों के परिवार वाले परेसान हो गए और सरकार से मदद की गुहार लगाने लगे। हरियाणा पर इल्जाम ये भी है कि आंकड़े कम करके दिखाए जा रहे हैं। जब रिपोर्टर्स ने चीफ मिनिस्टर मनोहर लाल खट्टर से इसके बार में पूछा तो उन्होंने बहुत ही बाहियात और बेतुका जबाव दिया। खट्टर ने कहा कि इस वक्त आंकड़ों का कोई मतलब नहीं है। प्राकृतिक आपदा है। इसमें सरकार क्या कर सकती है। जो मर गया उस पर चिल्लाने से, शोर मचाने से वो जिंदा तो नहीं हो जाएगा। अगर एक राज्य का चीफ मिनिस्टर इस तरह की बात कहना तो दूर सोचता भी है तो फिर उस राज्य के सिस्टम का भगवान ही मालिक है। लखनऊ में भी ऑक्सीजन की डिमांड बहुत अधिक है। लखनऊ में ऑक्सीजन प्लांट के बाहर सैंकड़ों मीटर लंबी लाइनें देखेंगे तब आपको सिचुएशन का अंदाजा होगा। आज हमारी संवाददाता रुचि कुमार ने लाइन में लगे लोगों से बात की, उनकी स्थिति को समझा। 40 डिग्री के टेंपरेचर में भी लोग 12-12 घंटे से लाइनों में लगे हैं। कोई रात से वेट कर रहा है तो कुछ लोग सुबह 4 बजे से बैठे हुए हैं। ये हालात लखनऊ शहर से 25 किलोमीटर दूर के ऑक्सीजन प्लांट की है। पिछले कुछ दिनों में इस प्लांट ने अपनी कैपेसिटी को डबल कर लिया और 13 सौ से बढ़ाकर 26 सौ सिलेंडर्स को डेली रिफिल कर रहे हैं लेकिन ऑक्सीजन की लाइन खत्म ही नहीं हो रही। ऐसी ही एक तस्वीर महाराष्ट्र के बीड से आई। यहां एक एंबुलेंस के अंदर 22 शवों को श्मशान पहुंचाया गया। जी हां ठीक सुना आपने। एक एंबुलेंस में 22 लाशें। एंबुलेंस वैसे भी बहुत बड़ी नहीं होती। इसमें एक या दो मरीजों को ही ले जाया जाता है लेकिन महाराष्ट्र के बीड में एक एंबुलेंस के अंदर 22 शव ठूंस दिए गए। जब लोगों ने एक एंबुलेंस में 22 शवों को देखा तो प्रशासन पर सवाल उठे। अस्पताल की तरफ से सफाई दी गई कि उसके पास 2 ही एंबुलेंस हैं। सरकार से पांच एंबुलेंस की और मांग की गई थी। एक महीने से ज्यादा हो गया अभी तक एक भी एम्बुलेंस नहीं मिली है। इन हालातों को देखते हुए मैं केवल इतना हीं कह सकता हूं कि संकट के समय ही जागना सरकार का कर्तव्य नहीं है और जब संकट बहुत अधिक बढ़ जाता है तब सरकार उसका समाधान निकालने के लिए हाथ-पैर मारना शुरू कर देती है। लोगों ने अपनी सरकार से अपेक्षा की थी कि कोरोना महामारी के दूसरे और सबसे खतरनाक वेब से निपटने के लिए पहले से कोई योजना और व्यवस्था तैयार रखी होगी। सरकारें इस मोर्चे पर विफल पाई गईं। वे इस महामारी की विशाल लहर का अनुमान लगाने में विफल रहे। कुछ हफ्ते पहले, दिल्ली के डिप्टी सीएम हरियाणा और पड़ोसी राज्यों को ऑक्सीजन आपूर्ति में बाधा डालने का आरोप लगा रहे थे। अब जब भारत के अंदर और बाहर से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और मेडिकल ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ रही है, तो इसने आशा की कुछ किरणों को जन्म दिया है। अगर सरकारें ऑक्सीजन और दवा संकट को लेकर पहले से सतर्क होतीं, तो वे बड़ी संख्या में होने वाली मौतों को रोक सकती थीं। मैं एक बार फिर से 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों से अपील करूंगा कि टीकाकरण के लिए CoWin पोर्टल पर खुद को रजिस्टर करना शुरू करें। टीकाकरण जरूरी है, और घरों के अंदर भी मास्क पहनना, आपको कोरोना वायरस से सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक है। आपका मास्क वायरस को आपके शरीर में प्रवेश करने से रोकने के लिए एक कवच का काम करेगा।
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फेक न्यूज के चक्कर में फंसकर राहुल गांधी ने केंद्र पर बोला हमला, सेना ने कहा- ऐसा कुछ नहीं हुआ
राहुल गांधी ने एक गलत खबर को आधार बनाकर मोदी सरकार पर हमला बोला था, लेकिन भारतीय सेना ने उनके दावे को पूरी तरह खारिज कर दिया।
नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी फेक न्यूज के चक्कर में फंसते नजर आ रहे हैं। दरअसल, राहुल गांधी ने एक गलत खबर को आधार बनाकर मोदी सरकार पर हमला बोला था, लेकिन भारतीय सेना ने उनके दावे को पूरी तरह खारिज कर दिया। मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए राहुल गांधी ने एक ट्वीट में कहा था कि केंद्र ने विदेश और रक्षा नीति को राजनैतिक हथकंडा बना दिया है। उन्होंने यह ट्वीट एक अखबार की रिपोर्ट का हवाला देकर किया था, जिसमें कहा गया था कि चीनी सेना ने एक बार फिर भारत के इलाके में घुसपैठ की है। हालांकि इंडियन आर्मी ने इस खबर को पूरी तरह खारिज कर दिया।‘पीएलए की तरफ से कोई घुसपैठ नहीं हुई है’राहुल गांधी द्वारा ट्वीट की गई रिपोर्ट में पूर्वी लद्दाख में चीन की सेना PLA के घुसपैठ की खबर छपी थी। भारतीय सेना ने बुधवार को बयान जारी करके इस खबर को पूरी तरह खारिज कर दिया। सेना ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में न तो कोई घुसपैठ हुई है और न ही कोई झड़प हुई है। सेना ने यह भी कहा कि फरवरी में पीएलए और इंडियन आर्मी के बीच जो वार्ता हुई थी, और जिन जगहों से ये दोनों ही सेनाएं पीछे हटी थीं, उनपर फिर से कब्जा करने की कोशिश न तो इंडियन आर्मी और न ही पीएलए ने की है। सेना ने कहा कि क्षेत्र के जिन हिस्सों पर विवाद चल रहा है उन्हें लेकर चीन और भारत के बीच लगातार बातचीत चल रही है।‘चीन की गतिविधियों पर रखी जा रही है नजर’सेना ने कहा कि चीन की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है और इसमें किसी तरह की ढील नहीं होगी। बता दें कि पिछले साल जून में पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच खूनी झड़प हुई थी। इसके बाद दोनों पक्षों में बातचीत का दौर शुरू हुआ और दोनों ही पक्ष कई क्षेत्रों से अपने कदम पीछे हटाने पर सहमत हुए थे। हालांकि ताजा मामले में सेना ने कहा है कि चीन की सेना की तरफ से घुसपैठ की कोई ताजा कोशिश नहीं हुई है। अब इस मसले पर राहुल गांधी की क्या रुख अपनाते हैं यह देखने वाली बात होगी। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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अदालत ने तृणमूल के पूर्व सांसद के.डी. सिंह को 16 जनवरी तक ईडी की हिरासत में भेजा
दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के पूर्व राज्यसभा सांसद के.डी. सिंह को 16 जनवरी तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया है।
नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के पूर्व राज्यसभा सांसद के.डी. सिंह को 16 जनवरी तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया है। प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए सिंह को धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत धनशोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) मामले में गिरफ्तार किया। सिंह 2014 में तृणमूल कांग्रेस की ओर से राज्यसभा सदस्य बने थे। उनका कार्यकाल पिछले साल अप्रैल में समाप्त हो गया था। तृणमूल नेताओं ने दावा किया है कि उनका लंबे समय से सिंह से कोई संपर्क नहीं रहा है।जनवरी 2019 में ईडी ने समूह की 239 करोड़ रुपये की संपत्तियों को किया था कुर्क इस गिरफ्तारी को इस साल के अंत में होने वाले बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले एक बड़ी कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है। सितंबर 2019 में ईडी ने 1,900 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अल्केमिस्ट इन्फ्रा रियल्टी एलएलसी से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग जांच में सिंह के परिसरों पर तलाशी ली थी। ईडी ने 18 मार्च, 2016 को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा दायर अभियोजन शिकायत के आधार पर अल्केमिस्ट इन्फ्रा रियल्टी एलएलसी, सिंह और अन्य से संबंधित एक कंपनी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। इसके बाद जनवरी 2019 में ईडी ने समूह की 239 करोड़ रुपये की संपत्तियों को कुर्क किया था। ईडी की जांच में पता चला है कि विभिन्न निवेशकों से अल्केमिस्ट इंफ्रा रियल्टी लिमिटेड द्वारा जुटाए गए धन का उपयोग उस उद्देश्य के लिए कभी नहीं किया गया, जिसके लिए उन्हें एकत्र किया गया था। नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले में भी सिंह से की गई थी पूछताछ ईडी के एक अधिकारी ने हाल ही में बताया था कि इस फंड को अन्य समूह कंपनियों के बैंक खातों में स्थानांतरित किया गया था, जो मुख्य रूप से कागजी कंपनियां थीं। आरोपी ने देश के विभिन्न स्थानों पर संपत्ति खरीदने के लिए इस धन का इस्तेमाल किया। सिंह ने 2012 में अल्केमिस्ट समूह के अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया था। अगस्त 2019 में नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से भी सिंह से पूछताछ की गई थी।
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कितना मजबूत है ममता बनर्जी का सुरक्षा घेरा, मिली हुई है Z प्लस सिक्योरिटी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कल देर शाम नंदीग्राम में अपने ऊपर हमले का आरोप लगाया है। उनका कहना था कि चार-पांच लोगों ने उनके ऊपर हमला किया।
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कल देर शाम नंदीग्राम में अपने ऊपर हमले का आरोप लगाया है। उनका कहना था कि चार-पांच लोगों ने उनके ऊपर हमला किया। ममता बनर्जी के पांव, हाथ, गर्दन और कंधे में गहरी चोट आई है। वहीं कुछ लोग इसे हादसा भी बता रहे हैं। इस बीच प्रशासनिक स्तर पर भी इस मामले की जांच शुरू हो गई है। चूंकि ममता बनर्जी एक राज्य की मुख्यमंत्री हैं उन्हें जेड प्लस सुरक्षा मिली हुई है। ऐसे में चार-पांच लोगों का उनपर हमला करना.. उन्हें धक्का देना और भाग जाना कोई सहज बात नहीं है। ऐसे में यह मामला बेहद गंभीर सुरक्षा चूक का हो जाता है। आइये आपको बतातें है कि कैसा है ममता बनर्जी की सुरक्षा का बंदोबस्त।पढ़ें: ममता मामले की जांच शुरू, नंदीग्राम के डीएम और एसपी मौके पर पहुंचेमुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ज़ेड प्लस सुरक्षा में कुल 18 गाड़ियां रहती हैं। इनमें 4 पायलट कार सबसे आगे रहती है। एडवांस सिक्योरिटी कार में डीएसपी स्तर के अधिकारी होते हैं, फिर एडवांस पायलट कार होती है इसमें भी जिला पुलिस के सब इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी होते हैं। इसके बाद फिर पायलट कार होती है इसमें भी जिला पुलिस के सब इंस्पेक्टर होते हैं, फिर डायरेक्ट ऑफ सिक्योरिटी की गाड़ी रहती है और फिर वीआईपी कार होती है। इसके बाद एस्कॉर्ट-1 और एस्कॉर्ट-2, फिर जैमर और फिर स्पेयर वीआईपी कार ताकि अगर मुख्यमंत्री की गाड़ी ख़राब हो जाए तो इस कार का इस्तेमाल करें। इसके पीछे प्रधान सुरक्षाकर्मी की गाड़ी रहती है, फिर 3 एस्कॉर्ट कार। एस्कॉर्ट कार के पीछे फिर इंटरसेप्शन की दो गाड़ियां होती हैं और फिर महिला पुलिस (लेडी कॉन्टिंजेंट) और एम्बुलेंस होती है। एम्बुलेंस के बाद फिर तीन और सुरक्षाकर्मियों की गाड़ियां, टेल कार और सबसे अंत में स्पेयर इंटरसेप्शन कार होती है। पढ़ें- पाकिस्तान से आई गीता को उसका परिवार मिला, महाराष्ट्र के नयागांव में मिली मांपढ़ें- नंदीग्राम में ममता पर हुए हमले के चश्‍मदीद आए सामने, जानें क्या कहा
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MDH धर्मपाल गुलाटी: तांगे से की थी शुरुआत, जानिए कैसे बने लोगों की प्रेरणा के स्त्रोत
MDH के मालिक धर्मपाल गुलाटी महज 5वीं क्लास तक पढ़े थे। भले ही उन्होंने किताबी ज्ञान न लिया हो फिर भी कारोबार जगत में बड़े-बड़े दिग्गज उनका लोहा मानते हैं। धर्मपाल गुलाटी का जन्म 27 मार्च 1923 को अविभाजित भारत के सियालकोट में हुआ था।
MDH मसाले... भारत में शायद कोई ऐसा शख्स हो जो इस नाम और MDH मसाले के विज्ञापन में आने वाले शख्स के चेहरे से परिचित न हो। विज्ञापन में नजर आने वाले बुजुर्ग और कोई नहीं बल्कि इस कंपनी के मालिक धर्मपाल गुलाटी है। व्यापार और उद्योग जगत में धर्मपाल गुलाटी एक प्रेरणादायक शख्स है, जिनके असल जीवन की कहानी हर व्यक्ति को जीवन में कभी निराश होने और हर परिस्थिति में मेहनत करते रहने की प्रेरणा देती है।MDH के मालिक धर्मपाल गुलाटी महज 5वीं क्लास तक पढ़े थे। भले ही उन्होंने किताबी ज्ञान न लिया हो फिर भी कारोबार जगत में बड़े-बड़े दिग्गज उनका लोहा मानते हैं। धर्मपाल गुलाटी का जन्म 27 मार्च 1923 को अविभाजित भारत के सियालकोट में हुआ था। गुलाटी साल 1947 में देश के बंटवारे के बाद भारत आ गए, जिस समय वो भारत आए तक उनके पास महज 1500 रुपये थे।भारत आने के बाद धर्मपाल गुलाटी ने पंजाब के अमृतसर को अपना ठिकाना बनाया लेकिन कुछ दिनों बाद वो दिल्ली आ गए। यहां आने के बाद धर्मपाल गुलाटी ने परिवार चलाने के लिए तांगा चलाना शुरू किया, और फिर उन्होंने मसाले की दुकान शुरू की। धीरे-धीरे उनकी मेहनत रंग लाई और उनका मसालों का कारोबार फैलता चला गया। आज पूरी दुनिया में मसालों के क्षेत्र में उनका नाम है। भारत और दुबई में MDH मसाले की 18 फैक्ट्रियां हैं। आपको बता दें कि MDH मसाले के संस्‍थापक और इसे घर-घर तक पहुंचाने वाले महाशय धर्मपाल गुलाटी का 98 वर्ष की आयु में गुरुवार को निधन हो गया। पतंजलि आयुर्वेद के प्रवक्‍ता एसके तिजारावाला ने ट्वीट कर यह जानकारी दी। तिजारावाला ने बताया कि गुरुवार सुबह 5:38 बजे महाशय धरमपाल ने विकासपुरी स्थित एक अस्‍पताल में अंतिम सांस ली। वह काफी दिनों से बीमार थे और अस्‍पताल में भर्ती थे।पिछले साल ही महाशय धर्मपाल गुलाटी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद्मभूषण पुरस्कार से नवाजा था। वो 98 साल के थे। धर्मपाल गुलाटी एक बड़े समाज सेवक भी थे। उन्होंने कई स्कूल और अस्पताल भी खोले। हाल ही में उन्होंने दिल्ली सरकार को 7500 पीपीई किट उपलब्ध करवाईं थी।
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सामूहिक सभाएं कोरोना की संभावित तीसरी लहर की स्थिति को भयावह बना सकती है: विशेषज्ञ
शोधकर्ताओं ने ‘ओपिनियन पीस’ में कहा, ‘‘पर्यटकों की संख्या में वृद्धि और सामाजिक, राजनीतिक या धार्मिक कारणों होने वाली सामूहिक सभाओं के कारण जनसंख्या घनत्व में अचानक वृद्धि तीसरी लहर के परिदृश्य को खराब कर सकती है।’’
नयी दिल्ली: विशेषज्ञों ने जरूरी और जिम्मेदार यात्रा पर जोर देते हुए चेतावनी दी है कि पर्यटकों की संख्या में वृद्धि और सामाजिक, राजनीतिक या धार्मिक कारणों से होने वाली सामूहिक सभाओं के कारण जनसंख्या घनत्व में अचानक वृद्धि से कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ सकते हैं जिससे कुछ राज्यों में संभावित तीसरी लहर की स्थिति भयावह हो सकती है।एक ऐसे परिदृश्य का चित्रण करते हुए, जहां भारत में जनसंख्या घनत्व का अमेरिका की तुलना में संक्रमण पर अधिक प्रभाव पड़ता है, शोधकर्ताओं ने कहा कि छुट्टियों की एक अवधि संभावित तीसरी लहर की आशंका को 103 प्रतिशत तक बढ़ा सकती है और उस लहर में संक्रमण के मामले 43 प्रतिशत तक बढ़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि छुट्टियों की अवधि नहीं होने पर प्रतिबंधों में ढील की स्थिति की तुलना में यह महामारी के चरम पर होने के समय को चार सप्ताह तक बढ़ा सकता है। आईसीएमआर के बलराम भार्गव, समीरन पांडा और संदीप मंडल और इंपीरियल कॉलेज लंदन से निमालन अरिनामिनपथी द्वारा गणितीय मॉडल ‘कोविड-19 महामारी के दौरान और भारत के अंदर जिम्मेदार यात्रा’ पर आधारित यह ‘ओपिनियन पीस’ (परामर्श) ‘जर्नल ऑफ ट्रैवल मेडिसिन’ में प्रकाशित किया गया है। अपने अध्ययन में, विशेषज्ञों ने भारत में एक काल्पनिक राज्य में कुछ संभावित परिदृश्यों को चित्रित किया, जिसे पहली और दूसरी लहरों में हिमाचल प्रदेश जैसा दिखाने के लिए बनाया गया था। शोधकर्ताओं ने ‘ओपिनियन पीस’ में कहा, ‘‘पर्यटकों की संख्या में वृद्धि और सामाजिक, राजनीतिक या धार्मिक कारणों होने वाली सामूहिक सभाओं के कारण जनसंख्या घनत्व में अचानक वृद्धि तीसरी लहर के परिदृश्य को खराब कर सकती है।’’ हिमाचल प्रदेश के आंकड़ों से पता चलता है कि सामान्य छुट्टियों के मौसम में, पर्यटन जनसंख्या में 40 प्रतिशत की वृद्धि कर सकता है। शोधकर्ताओं ने कहा कि इसे ध्यान में रखते हुए, छुट्टियों की अवधि नहीं होने पर प्रतिबंधों में ढील की स्थिति की तुलना में छुट्टियों के मौसम में तीसरी लहर की चरम स्थिति 47 प्रतिशत तक बढ़ सकती है और यह स्थिति दो सप्ताह पहले आ सकती है। भारत में कोविड-19 की दूसरी लहर की स्थिति काफी गंभीर रही थी और इससे कई राज्य बुरी तरह से प्रभावित हुए थे। मनाली और दार्जिलिंग जैसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों का उदाहरण देते हुए, शोधकर्ताओं ने कहा कि अवलोकन उन क्षेत्रों में संक्रमण की बढ़ती आशंका का संकेत देते हैं जहां जनसंख्या-स्तर की प्रतिरक्षा अभी तक देश में अन्य जगहों के समान स्तर तक पैदा नहीं हुई है। ‘जिम्मेदार यात्रा' का प्रस्ताव करते हुए, शोधकर्ताओं ने कहा कि मास्क का उपयोग और पर्यटकों द्वारा सामाजिक दूरी के मानदंडों का पालन करना संक्रमण के खतरे को कम करने में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि यात्रा के लिए पात्रता में टीके की स्थिति भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
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स्कूल खुलते हीं इस राज्य में 27 बच्चे हो गए कोरोना पॉजिटिव, सरकार ने बदला अपना फैसला
प्रिंसिपल ने बताया कि 30 तारीख को स्कूल के 11 शिक्षकों, 3 नॉन टीचिंग स्टाफ और 73 छात्रों का कोरोना टेस्ट कराया गया। 3 तारीख की शाम को रिपोर्ट आई, जिसमें शिक्षकों की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई, लेकिन 27 छात्रों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई।
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 15 अक्टूबर से स्कूलों को फिर से खोलने की अनुमति दे दी है लेकिन उससे पहले आंध्र प्रदेश से एक चिंताजनक खबर सामने आई है। यहां 27 स्कूली छात्र कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। रिपोर्टों के अनुसार, छात्रों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने से माता-पिता परेशान हैं और जिम्मेदार अधिकारियों को लेकर उनका गुस्सा फूट रहा है।विजयनगरम में दो जिला परिषद हाई स्कूलों के प्रिंसिपल ने बताया कि 30 तारीख को स्कूल के 11 शिक्षकों, 3 नॉन टीचिंग स्टाफ और 73 छात्रों का कोरोना टेस्ट कराया गया। 3 तारीख की शाम को रिपोर्ट आई, जिसमें शिक्षकों की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई, लेकिन 27 छात्रों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। खबरों के मुताबिक, कक्षा 9 और 10 के ये छात्र अपने डाउट्स क्लीयर करने के लिए स्कूलों में जा रहे थे।शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने कहा कि सभी सावधानियां स्कूलों में थीं और छात्रों को ये संक्रमण कहीं और से मिला होगा। बता दें कि आंध्र प्रदेश सरकार ने 5 अक्टूबर से स्कूल खोलने का फैसला लिया था, लेकिन कोरोना के कहर के चलते राज्य के शिक्षा मंत्री आदिमलपु सुरेश ने अब 5 अक्टूबर की जगह 2 नवंबर से स्कूल खोलने का फैसला लिया गया है। वहीं, इस घटना के बाद जिला कलेक्टर ने सोमवार को स्कूलों को बिना अनुमति ना खोलने के निर्देश दिए हैं।गौरतलब है कि प्रदेश में संक्रमितों की कुल संख्या 7,23,512 और मृतकों की कुल संख्या 6,019 हो गई है। इसके अलावा संक्रमण से ठीक हो चुके लोगों की तादाद 6,66,433 तक पहुंच गई है। राज्य में फिलहाल 51,060 लोग अब भी संक्रमित हैं।ALSO READसबसे ज्यादा UP और दिल्ली में फर्जी यूनिवर्सिटीज, UGC ने जारी की लिस्टकोरोना के चलते चीन की तगड़ा नुकसान! विदेशी मुद्रा भंडार 22 अरब डॉलर घटापीएम किसान सम्मान निधि योजना: ऐसे चेक करें अपना नाम और कराएं रजिस्ट्रेशन, यहां फोन कर लें मदददिल्ली सरकार ने साप्ताहिक बाजार खोलने को लेकर लिया बड़ा फैसला
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"अखिलेश भाई...तुम दंगे कराते हो, हम दंगल कराते हैं, तो बुराई क्या है?’’, अनुराग ठाकुर ने कहा
केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने पहले बागपत के बड़ौत में आयोजित 'सांसद खेल महाकुंभ' में अपने संबोधन के दौरान और उसके बाद ट्वीट कर अखिलेश यादव पर निसाना साधा।
लखनऊ: केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh yadav) को निशाना बनाते हुए शनिवार को कहा कि सपा राज में उत्तर प्रदेश में दंगे होते थे और हमारे (भाजपा सरकार) राज में दंगल होते हैं। उन्‍होंने कहा, ‘‘अखिलेश भाई सुनो, तुम दंगे कराते हो और हम दंगल कराते हैं तो क्या बुराई है।’’ केंद्रीय मंत्री और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिये भाजपा के सह प्रभारी अनुराग ठाकुर ने अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुये ट्वीट किया '' अखिलेश यादव, फर्क इतना है कि -- सपा राज में उप्र में दंगे होते थे, हमारे में दंगल।'' इसके पहले उन्‍होंने बागपत के बड़ौत में आयोजित 'सांसद खेल महाकुंभ' में अपने संबोधन में कहा ''अगर खेलों में आगे बढ़ने का मौका दे रहे तो क्या बुराई है, ये अखिलेश यादव कहता है कि ये सांसद खेल महाकुंभ कराते हैं, अरे, अखिलेश भाई सुनो, तुम दंगे कराते हो और हम दंगल कराते हैं तो क्या बुराई है।'' ठाकुर ने कहा, ''मुझे पता है कि बागपत के लोग दंगे नहीं जानते, दंगल में ही विश्वास रखते हैं। आप खेलों को बढ़ावा देना जानते हो, राजनीति नहीं जानते हो लेकिन कोई राजनीतिक प्राणी खेल को बढ़ावा दे तो इससे अच्छी बात क्या हो सकती है।'' उन्‍होंने आयोजन के लिए बागपत के भाजपा सांसद सतपाल सिंह को धन्यवाद दिया। बाद में पत्रकारों से बातचीत में ठाकुर ने सांसद खेल महाकुंभ की सराहना करते हुए कहा कि ''भारतीय जनता पार्टी के सांसदों ने मोदी जी की सोच को आगे बढ़ाया है क्योंकि ओलंपिक के बाद देश खेल को और खिलाड़ियों को बढ़ावा देना चाहता है और अगर हर सांसद इस दिशा में आगे बढ़े तो यह अपने आप में एक नई शुरुआत है। देश भर के सांसद अगर इस तरह का आयोजन करेंगे तो खिलाड़ियों को आगे आने का मौका मिलेगा।''
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समाजवादी पार्टी के सांसद ने कहा, मुसलमानों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ आई थी 'आसमानी आफत'
समाजवादी पार्टी के मुरादाबाद से सांसद एस.टी. हसन ने कहा है कि हाल ही में चक्रवातों और कोविड-19 महामारी के कारण हुई तबाही, मुसलमानों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ 'आसमानी आफत' का परिणाम थी।
मुरादाबाद: समाजवादी पार्टी के मुरादाबाद से सांसद एस.टी. हसन ने कहा है कि हाल ही में चक्रवातों और कोविड-19 महामारी के कारण हुई तबाही, मुसलमानों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ 'आसमानी आफत' का परिणाम थी। मुरादाबाद के सांसद ने बुधवार को कहा, ‘मुसलमानों के साथ इस तरह के अन्याय के परिणामस्वरूप तबाही हुई है जो चक्रवात और कोविड के रूप में आसमान से उतरी है और गरीब लोग इस महामारी में मारे गए हैं।’ हसन ने राज्य की बीजेपी सरकार पर राज्य के लोगों को कोविड 19 से मरने वालों का अंतिम संस्कार करने का अवसर प्रदान करने को लिए पूर्ण विफलता के रूप में वर्णित किया है।उन्होंने पूछा, ‘क्या कभी किसी ने इंसानों के शवों को छोड़े जाने और कुत्तों को खिलाते हुए देखा है? दुनिया में और कहां शवों को अंतिम संस्कार के बजाय नदियों में फेंक दिया जाता है? श्मशान घाटों को अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी की कमी का सामना करना पड़ रहा है। हमारे पास किस तरह की सरकार है?’ सरकारी फैसलों और प्राकृतिक आपदाओं के बीच संबंध बनाने पर हसन ने कहा, ‘हम भारतीय बहुत धार्मिक हैं और ²ढ़ता से मानते हैं कि कुछ अलौकिक अस्तित्व मौजूद है जो दुनिया को नियंत्रित करता है और न्याय प्रदान करता है।’हसन की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मोहसिन रजा ने सांसद के दृष्टिकोण को इस्लामिक स्टेट (ISIS) आतंकवादी समूह के समान बताया। रजा ने कहा, ‘उनके बयानों से यह स्पष्ट है कि उनके जैसे लोगों को देश के संविधान में विश्वास नहीं है। वे चाहते हैं कि समाजवादी पार्टी सरकार बनाए और उसके बाद शरिया कानून पेश करे। उनकी भाषा आईएस के समान है। ऐसे लोग केवल शरिया कानून में विश्वास करते हैं। हसन और समाजवादी पार्टी के नेताओं की समस्या यह है कि बरसाना में होली बड़े पैमाने पर मनाई जा रही है और उनके लिए सीएए लाया जाना अन्याय है और इसी तरह कश्मीर में अनुच्छेद 370 को खत्म करना भी है।’ (IANS)
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मथुरा: श्रद्धालुओं से भरी बस हाईटेंशन तार की चपेट में आई, एक की मौत
उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद में रंगभरनी एकादशी के मौके पर वृन्दावन की परिक्रमा कर लौट रही अलीगढ़ जनपद के श्रद्धालुओं से भरी एक बस के ऊपर बैठे करीब आधा दर्जन लोग बिजली की हाईटेंशन लाइन की चपेट में आ गए।
मथुरा: उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद में रंगभरनी एकादशी के मौके पर वृन्दावन की परिक्रमा कर लौट रही अलीगढ़ जनपद के श्रद्धालुओं से भरी एक बस के ऊपर बैठे करीब आधा दर्जन लोग बिजली की हाईटेंशन लाइन की चपेट में आ गए। इस हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई जबकि कम से कम 6 लोग घायल हो गए। पुलिस ने घायलों को इलाज के लिए मांट के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया है।पुलिस अधिकारी के मुताबिक, अलीगढ़ जनपद के पिसावा थाना क्षेत्र के मेहगौरा गांव निवासी कुछ लोग बृहस्पतिवार को रंगभरनी एकादशी के मौके पर वृन्दावन की परिक्रमा करने के बाद वापस गांव लौट रहे थे। उन्होंने बताया कि कुछ युवक बस की छत पर बैठे हुए थे। जब बस मांट थाना क्षेत्र के डांगौली तिराहे पर खड़ी थी, तभी एक अन्य युवक गोल्डी भी बस की छत पर चढ़ने लगा। इसी दौरान वह ऊपर से गुजर रही 11 हजार वोल्टेज की हाईटेंशन लाइन के संपर्क में आ गया। इससे पूरी बस में करंट उतर आया। चारों तरफ आग की चिंगारियां उठने लगीं। छत पर बैठी अन्य सवारियां भी झुलस गईं।अधिकारी ने कहा कि हादसे में आधा दर्जन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए जबकि गोल्डी की मौके पर ही मौत हो गई। उन्होंने कहा कि गंभीर रूप से जली तीन महिलाओं को आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया गया है।
hindi_2022_11055
कोविड-19 महज फेफड़े की बीमारी नहीं है, इससे खतरनाक तरीके से खून का थक्का भी जम सकता है: विशेषज्ञ
कोविड-19 महज फेफड़े की बीमारी नहीं है जैसा कि पहले की अवधारणा थी, बल्कि इससे खतरनाक तरीके से खून का थक्का यानी ब्लड क्लॉट भी जम सकता है जिसे तुरंत हटाने की जरूरत होगी ताकि कुछ मामलों में अंगों को बचाया जा सके। यह बात विशेषज्ञों ने कही है।
नयी दिल्ली। कोरोना महामारी को लेकर तरह-तरह की बातें सामने आ रही हैं। कोरोना को लेकर अब विशेषज्ञों ने बड़ा खुलासा किया है। विशेषज्ञों ने कहा कि कोविड-19 महज फेफड़े की बीमारी नहीं है। कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर रोजाना कई तरह के दावे सामने आ रहे हैं। एक बार फिर विशेषज्ञों ने कोरोना के संक्रमण को लेकर चिंता व्यक्त की है।कोविड-19 महज फेफड़े की बीमारी नहीं है जैसा कि पहले की अवधारणा थी, बल्कि इससे खतरनाक तरीके से खून का थक्का यानी ब्लड क्लॉट भी जम सकता है जिसे तुरंत हटाने की जरूरत होगी ताकि कुछ मामलों में अंगों को बचाया जा सके। यह बात विशेषज्ञों ने कही है।वैश्विक स्तर पर किए गए शोध में बताया गया है कि अस्पताल में भर्ती कोविड-19 के 14 से 28 फीसदी रोगियों में रक्त थक्का जमने की बात सामने आई है जिसे डीप वेन थ्रोम्बोसिस (डीवीटी) के नाम से जाना जाता है। वहीं दो से पांच फीसदी रोगियों में आर्टेरियल थ्रोम्बोसिस का मामला सामने आया। विशेषज्ञों ने बताया कि संक्रमण फेफड़े के साथ रक्त कोशिकाओं से भी जुड़ा हुआ है। दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल के वाहिका एवं अंत:वाहिका सर्जन डॉ. अंबरीश सात्विक ने कहा, ‘‘हम औसतन हर हफ्ते इस तरह के पांच-छह मामलों को देख रहे हैं। इस हफ्ते प्रतिदिन इस तरह का एक मामला सामने आ रहा है।’’ दक्षिण पश्चिम द्वारका के आकाश हेल्थकेयर में हृदय विभाग के डॉ. अमरीश कुमार ने कहा कि कोविड-19 के ऐसे रोगियों में रक्त थक्का जमने का मामला आ रहा है जिनमें टाईप-टू मधुमेह मिलेटस है, हालांकि निश्चित कारण अभी तक पता नहीं चला है। डीवीटी एक गंभीर स्थिति है जिसमें शरीर के अंदर स्थित नाड़ियों में रक्त थक्का जम जाता है। आर्टेरियल थ्रोम्बोसिस धमनियों में थक्का जमने से जुड़ा हुआ है। बता दें कि, सात्विक ने इस हफ्ते की शुरुआत में ट्वीट कर कोविड-19 का रक्त थक्का बनने से संबंध की तरफ ध्यान आकर्षित किया था, जिसमें उन्होंने कोविड-19 से पीड़ित एक रोगी के अंग की धमनी में बने रक्त थक्के की तस्वीर पोस्ट की थी।
hindi_2022_11056
तांत्रिक के बहकावे में आकर पिता ने की मासूम बेटी की हत्या, शव को घर में ही दफना दिया
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में एक दर्दनाक वाकया सामने आया है, जहां एक पिता ने तांत्रिक के बहकावे में आकर अपनी 10 वर्षीय बेटी को पीट पीट कर मार डाला और फिर उसके शव को घर में ही दफना दिया।
बाराबंकी: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में एक दर्दनाक वाकया सामने आया है, जहां एक पिता ने तांत्रिक के बहकावे में आकर अपनी 10 वर्षीय बेटी को पीट पीट कर मार डाला और फिर उसके शव को घर में ही दफना दिया। यह घटना बुधवार को बाराबंकी के खुर्द मऊ गांव में हुई। रिपोर्टों के अनुसार, एक तांत्रिक ने आरोपी को बताया कि उसके घर के नीचे खजाना दफन है और खजाना किस जगह है इसका पता लगाने के लिए, उसे अपनी बेटी पर एक अनुष्ठान करना होगा। जब लड़की की मां ने अपने पति को रोकने की कोशिश की, तो उसने उसके साथ भी मारपीट की।मृतका की नानी ने पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद दोनों आरोपियों को गुरुवार को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस द्वारा शव को गड्ढे से बाहर निकाला गया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। पोस्टमार्टम के दौरान लड़की के शरीर पर चोट के कई निशान पाए गए।बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक अरविंद चतुर्वेदी ने कहा, "आलम नामक एक शख्स ने अपनी बेटी को पीटा और बुरी तरह पिटाई के कारण लड़की की मौत हो गई। उसने बाद में पुलिस को सूचित किए बिना शव को दफन कर दिया।"चतुर्वेदी ने कहा, "मामले की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने शव को बरामद किया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। आगे की जांच जारी है और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।"
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Andhra Pradesh Clash: आंध्र प्रदेश के कुरनूल में दो समुदायों के बीच पथराव, हनुमान जयंती पर निकाल रहे थे धार्मिक जुलूस
आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले के होलागुंडा गांव में दो समुदायों के बीच मामूली झड़प के बाद पथराव हुआ, लेकिन पुलिस के हस्तक्षेप और दोनों पक्षों को शांत कराए जाने के बाद स्थिति सामान्य हो गई है।
अमरावती। आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले के होलागुंडा गांव में दो समुदायों के बीच मामूली झड़प के बाद पथराव हुआ, लेकिन पुलिस के हस्तक्षेप और दोनों पक्षों को शांत कराए जाने के बाद स्थिति सामान्य हो गई है। पुलिस सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी। पुलिस सूत्रों ने बताया कि झड़प शनिवार रात उस समय हुई जब हनुमान जयंती के अवसर पर धार्मिक जुलूस निकाला जा रहा था। जब जुलूस गांव की एक मस्जिद के पास पहुंचा तो रमजान के मद्देनजर जयंती के आयोजकों ने माइक बंद कर दिया, लेकिन कुछ भक्तों ने कथित तौर पर ‘जय श्री राम’ के नारे लगाए। इससे नाराज होकर एक समुदाय के लोगों ने हनुमान जयंती के जुलूस पर पथराव शुरू कर दिया। पुलिस ने कहा कि इसके बाद जुलूस में शामिल लोगों ने भी पथराव किया। पुलिस दोनों पक्ष के लोगों को शांत करने के लिए स्थानीय थाने ले गई। सूत्रों ने बताया कि थाने में भी दोनों पक्षों के बीच तनाव की स्थिति बने रहने के बाद अधिकारियों ने दोनों पक्षों को कड़ी चेतावनी दी, तब जाकर शांति कायम हो सकी। कुरनूल के पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार रेड्डी स्थिति की निगरानी के लिए होलागुंडा गांव पहुंचे। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष सोमू वीरराजू ने घटना की निंदा की और कहा कि हनुमान जयंती के जुलूस पर हमला मस्जिद से शुरू हुआ। वीरराजू ने दोषियों को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग की।
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नए संसद भवन का निर्माण समय से पूरा किए जाने और गुणवत्ता नियंत्रण सुनिश्चित करने में कोई समझौता नहीं किया जाएगा: ओम बिरला
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शुक्रवार को नए संसद भवन के निर्माण के संबंध में एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी इस बैठक में भाग लिया।
नई दिल्ली: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शुक्रवार को नए संसद भवन के निर्माण के संबंध में एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी इस बैठक में भाग लिया। इस बैठक में श्री बिरला को नए भवन के निर्माण के लिए प्रस्तावित क्षेत्र से मौजूदा सुविधाओं और अन्य संरचनाओं को स्थानांतरित किए जाने के संबंध में की गई प्रगति की जानकारी दी गई। इस क्षेत्र के आसपास घेरा बनाने और निर्माण प्रक्रिया के दौरान वायु और ध्वनि प्रदूषण के नियंत्रण के लिए किए जाने वाले विभिन्न उपायों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।दिसंबर 2020 में शुरू होगा निर्माण कार्यआवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के अधिकारियों ने बिरला को यह जानकारी भी दी कि नए भवन के निर्माण की अवधि के दौरान और विशेषकर संसद सत्र के दौरान अति विशिष्ट व्यक्ति और स्टाफ के आने-जाने की व्यवस्था कैसी होगी। मौजूदा संसद भवन में संसदीय समारोहों के आयोजन के लिए अधिक उपयोगी स्थान की व्यवस्था के लिए इसे उपयुक्त सुविधाओं से लैस किया जाएगा ताकि नए भवन के साथ ही इस भवन का उपयोग भी सुनिश्चित हो सके। इस बैठक के दौरान लोकसभा अध्यक्ष को जानकारी दी गई कि नए भवन के निर्माण का कार्य दिसंबर 2020 में शुरू होगा और इसे अक्टूबर 2022 तक पूरा कर लिए जाने की संभावना है। ओम बिरला ने दिए अधिकारियों को निर्देशपरियोजना के विभिन्न पहलुओं और कार्य की प्रगति की समीक्षा करते हुए बिरला ने इस बात पर जोर दिया कि संबंधित विभिन्न एजेंसियां नियमित आपस में तालमेल रखते हुए विभिन्न मुद्दों का समाधान करें। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि निर्माण कार्य को समय से पूरा करने और गुणवत्ता सुनिश्चित करने में कोई समझौता नहीं होना चाहिए। इस बैठक के दौरान लोकसभा अध्यक्ष के निदेश से यह निर्णय लिया गया कि नए भवन के निर्माण कार्य की निगरानी के लिए एक निगरानी समिति का गठन किया जाएगा। इस निगरानी समिति में अन्य व्यक्तियों के साथ-साथ लोक सभा सचिवालय, आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय, PWD, NDMC के अधिकारी और परियोजना के आर्किटेक्ट/ डिजाइनर भी शामिल होंगे। क्या होगा इस नए संसद भवन मेंनए भवन में संसद सदस्यों के लिए अलग कार्यालय होंगे। सदस्यों के लिए उपलब्ध कराई जाने वाली अन्य सुविधाओं में कक्षों में प्रत्येक संसद सदस्य की सीट अधिक आरामदेह होगी और उसमें डिजिटल सुविधाएं उपलब्ध होंगी जो पेपरलेस कार्यालय की दिशा में एक अग्रणी कदम होगा। लोकसभा और राज्य सभा कक्षों के अलावा नए भवन में एक भव्य संविधान कक्ष होगा जिसमें भारत की लोकतांत्रिक विरासत दर्शाने के लिए अन्य वस्तुओं के साथ-साथ संविधान की मूल प्रति, डिजिटल डिस्पले आदि होंगे। इस बैठक के दौरान यह जानकारी दी गई कि आगंतुकों को इस हाल में जाने की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी ताकि वे संसदीय लोकतंत्र के रूप में भारत की यात्रा के बारे में जान सकें। नए भवन में संसद सदस्यों के लिए एक लाउंज, लाइब्रेरी, 6 समिति कक्ष और भोजन कक्ष भी होंगे।
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PM मोदी सोमवार को सोमनाथ में पार्वती मंदिर का शिलान्यास और वाक वे का करेंगे उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार (9 अगस्त) को देशवासियों को एक और मंदिर का तोहफा देंगे। पीएम मोदी एक और मंदिर का शिलान्यास करेंगे। पीएम द्वादश ज्योतिर्लिंगों में प्रथम स्मरणीय बाबा सोमनाथ की आद्या शक्ति देवी पार्वती मंदिर का वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए शिलान्यास करेंगे।
गुजरात। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार (9 अगस्त) को देशवासियों को एक और मंदिर का तोहफा देंगे। पीएम मोदी एक और मंदिर का शिलान्यास करेंगे। पीएम द्वादश ज्योतिर्लिंगों में प्रथम स्मरणीय बाबा सोमनाथ की आद्या शक्ति देवी पार्वती मंदिर का वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए शिलान्यास करेंगे। मंदिर के शिलान्यास के साथ प्रधानमंत्री सोमनाथ मंदिर परिसर के चारों ओर बनाए गए परिपथ का लोकार्पण भी करेंगे। यहां स्थित देवी अहिल्याबाई मंदिर का भी जीर्णोद्धार किया गया है, इस मंदिर को भी प्रधानमंत्री सोमवार को देश को समर्पित करेंगे। सोमनाथ मंदिर अरब सागर के एकदम किनारे है। मंदिर की खूबसूरती समुद्र की लहरें और बढ़ा देती हैं, यहां पर आने वाले भक्तों को सुकून मिलता है। इसे और दिलकश बनाने के लिए सरकार ने 45 करोड़ रुपये की लागत से सवा किलोमीटर लंबा वॉक वे बनाया गया है। यहां टहलते हुए पर्यटक, श्रद्धालु और स्थानीय लोग मंदिर के दिव्य वातावरण और निसर्ग की गोद का आनंद एक साथ उठा सकते हैं। मंदिर के घंटों की गूंज और सागर की गरज एक साथ लोग यहां सुन सकेंगे। बता दें कि, सोमनाथ मंदिर परिसर में 21 करोड़ रुपये की लागत से सफेद संगमरमर से देवी भगवती शक्ति पार्वती के मंदिर निर्माण का शुभारंभ 9 अगस्त को श्रावण मास की शुरुआत से होना तय हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद सोमनाथ ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं।सोमनाथ मंदिर का इतिहास बहुत बड़ा है। इस पर मुगलों ने 17 बार आक्रमण किया था। महमूद गजनवी यमीनी वंश का तुर्क सरदार गजनी के शासक सुबुक्तगीन का पुत्र था। उसने सबसे बड़ा आक्रमण 1026 ई. में काठियावाड़ के सोमनाथ मंदिर पर लगा सोना उसने लूट लिया था, उसके साथ उसका भांजा सालार भी था वह हिंदू पुजारियों को प्रताड़ित करता था। साथ ही हिंदुओं का जबरन धर्म परिवर्तन करवाता था। अब इतिहास पुनर्जीवित हो रहा है। सोमनाथ की भव्यता में बढ़ावा हो रहा है। आदिदेव महादेव की अर्धागिनी देवी पार्वती भी मंदिर में विराजित होंगी। सफेद संगमरमर से इस मंदिर का निर्माण होना है प्रधानमंत्री इसकी सोमवार (9 अगस्त) को आधार शिला रखेंगे।
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लगातार 8वीं बार सरहद पर PM मोदी की दिवाली, जम्मू-कश्मीर में जवानों के साथ बांट रहे खुशियां
देश के जवानों के साथ नरेंद्र मोदी का ये कनेक्शन पिछले 7 सालों से नहीं पिछले दो दशकों से ज्यादा समय से लगातार दिख रहा है। इससे पहले भी मोदी अक्सर जवानों के बीच जाते रहे हैं।
नई दिल्ली: आज दिवाली है और हर साल की तरह आज भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी दिवाली देश के उन बहादुर जवानों के साथ मना रहे हैं जो अपनी जान की बाजी लगाकर देश की सरहद की रक्षा करते हैं। पीएम मोदी आज जम्मू कश्मीर के राजौरी के नौशेरा सेक्टर पहुंचे हैं। नौशेरा में वह फॉरवर्ड एरिया का दौरा करेंगे। थोड़ी देर पहले पीएम ने नौशेरा में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी। भारत पाकिस्तान की सीमा यानी लाइन ऑफ कंट्रोल पर तैनात जवानों से मिलेंगे और उन्हीं के साथ दिवाली मनाएंगे। प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर इलाके में सुरक्षा इंतजाम कड़े कर दिए गए हैं, वहीं उनके आने से सेना के जवानों का हौसला सातवें आसमान पर है।'अपने साथ 130 करोड़ देशवाशियों का आशीर्वाद लेकर आया हूं'जवानों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ''मैंने हर दिवाली सीमा पर तैनात आप मेरे परिवारजनों के बीच बिताई, आज मैं फिर आपके बीच आया हूं। आपसे नई ऊर्जा, नई उमंग और नया विश्वास लेकर जाऊंगा। लेकिन मैं अकेला नहीं आया हूं, मैं अपने साथ 130 करोड़ देशवाशियों का आशीर्वाद लेकर आया हूं। आज शाम को दिवाली पर एक दीप आपकी वीरता शौर्य पराक्रम को आपकी तपस्या और त्याग के नाम पर जलाया जाएगा। जो लोग देश की रक्षा में जुटे हुए हैं, ऐसे आप सबके लिए हिंदुस्तान का हर नागरिक दीप की उस जोत के साथ आपको अनेक अनेक शुभकामनाएं भी देता रहेगा। आज तो मुझे पक्का विश्वास है कि आप घर पर बात करेंगे और हो सका तो फोटो भी भेजेंगे।''आगे उन्होंने कहा, ''आपके चेहरे के उन मजबूत भावों को मैं देख रहा हूं, आप संकल्पों से भरे हुए हैं और यही आपका संकल्प है। आपके सीने में वो जज्बा जो 130 करोड़ देशवासियों को भरोसा देता है और वो चैन की नींद सो सकते हैं, आपके सामर्थ्य से देश में शांति और सुरक्षा तथा एक निश्चितता होती है, आपके पराक्रम की वजह से हमारे पर्वों में प्रकाश फैलता है, खुशियां भर जाती है, उनमें चार चांद लग जाते हैं। देश के अन्य हिस्सों में बड़ी संख्या में लोग आज दिवाली का जब दूसरा दिन होता है तो नववर्ष की भी शुरुआत करते हैं और हमारे यहां तो हिसाब किताब भी दिवाली पर पूरा होता है। दिवाली के दूसरे दिन गुजरात में नया साल शुरू होता है। मैं आज नौशेरा की इस वीर भूमि से गुजरात के लोगों को भी अनेक अनेक मंगलकामनाएं देता हूं।''सर्जिकल स्ट्राइक वाला दिन मैं हमेशा याद रखूंगा'पीएम ने कहा, ''सर्जिकल स्ट्राइक में यहां की ब्रिगेड ने जो भूमिका निभाई वह हर देशवासी को गौरव से भर देता है, वह दिन तो मैं हमेशा याद रखूंगा। मैंने तय किया था कि सूर्यास्त से पहले कि सब लोग लौटकर आ जाने चाहिए, हर पल मैं फोन की घंटी सुनने के लिए बैठा हुआ था। कोई भी नुकसान के बिना हमारे जवान सुरक्षित लौटकर आ गए। सर्जिकल स्ट्राइक के बाद यहां अशांति फैलाने के अनगिनत प्रयास हुए आज भी होते हैं, लेकिन हर बार आतंकवाद को मुंहतोड़ जवाब मिलता है।''पिछले 7 साल से बॉर्डर पर ही दिवाली मनाते हैं PM मोदीनरेंद्र मोदी के दौरे से पहले चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ जनरल एम एम नरवणे भी जम्मू कश्मीर पहुंचे। पीएम मोदी पिछले सात साल से लगातार बॉर्डर पर जाकर ही दिवाली मनाते हैं। 2014 में सियाचिन से इस सिलसिले की शुरुआत हुई थी। अगले साल नरेंद्र मोदी अमृतसर में आर्मी हेडक्वार्टर गए। 2016 में हिमाचल प्रदेश में चाइनीज़ बॉर्डर के पास ITBP जवानों से मिले फिर गुरेज, हर्षिल बेस, राजौरी और पिछले साल दिवाली पर पीएम मोदी जैसलमेर के लोंगेवाल बॉर्डर पर गए थे और वहां तैनात जवानों के साथ दिवाली मनाई थी।आपको बता दें कि देश के जवानों के साथ नरेंद्र मोदी का ये कनेक्शन आज से नहीं पिछले 7 सालों से नहीं पिछले दो दशकों से ज्यादा समय से लगातार दिख रहा है। इससे पहले भी मोदी अक्सर जवानों के बीच जाते रहे हैं। आज भी पीएम मोदी सैनिकों के बीच हैं और बॉर्डर पर से देश के दुश्मनों को संदेश भी दिया। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); } var jwconfig_4417642705 = {"file": "https://vod-indiatv.akamaized.net/hls/2021/11/0_xv2d380o/master.m3u8","image": "https://resize.indiatv.in/resize/vod/1200_-/2021/11/0_xv2d380o.jpg","title": "जहां मनाएंगे PM Modi Diwali क्यों है वह जगह बेहद खास? 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उत्तर प्रदेश: आयकर विभाग का नोटिस मिलने से संत समाज में रोष, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखा पत्र
अखिल भारतीय संत समिति ने संतों को दिए गए आयकर विभाग के उस नोटिस का कड़ा विरोध किया है, जिसके लिए संतों को कोई पैसा मिला ही नहीं।
प्रयागराज। अखिल भारतीय संत समिति ने संतों को दिए गए आयकर विभाग के उस नोटिस का कड़ा विरोध किया है, जिसके लिए संतों को कोई पैसा मिला ही नहीं। नोटिस के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने पर संत समिति ने आंदोलन की धमकी दी है। अखिल भारतीय संत समिति सनातन हिंदू धर्म के विभिन्न अखाड़ों और मठों का एक संयुक्त मंच है।समिति के अनुसार, आयकर विभाग ने कथित तौर पर सनातन धर्म के 13 अखाड़ों और तीर्थराज प्रयागराज के सभी प्रमुख मठों को नोटिस भेजा है। अखिल भारतीय संत समिति ने नोटिस को सनातन हिंदू धर्म को बदनाम करने और हिंदू धमाचार्यो को अपमानित करने की साजिश करार दिया। समिति ने केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर नोटिस जारी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।अखिल भारतीय संत समिति के महासचिव स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने संवाददाताओं से कहा, "प्रयागराज में कुंभ 2019 के दौरान राज्य सरकार और केंद्र के संयुक्त प्रयासों से कुछ काम किए गए थे, ताकि तीर्थयात्री वहां आराम से रह सकें। उस समय, यूपी सरकार ने कुंभ आने वाले तीर्थयात्रियों को कई सुविधाएं देने के लिए 13 अखाड़ों और प्रमुख मठों में कई काम करवाए थे। जल निगम इस काम के लिए निष्पादन एजेंसी थी और यूपी सरकार और केंद्र सरकार ने इसके लिए फंड दिया था।"उन्होंने कहा कि अखाड़ों और संतों का उस फंड से कोई लेना-देना नहीं था। उन्हें अपने बैंक खातों में उस काम के लिए कोई धनराशि नहीं मिली। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद, आयकर विभाग ने 13 अखाड़ों और प्रमुख मठों को उस फंड के लिए नोटिस दिया जो उन्हें कभी मिला ही नहीं। स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि नोटिस के माध्यम से, संतों को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने और स्पष्टीकरण देने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा, "एक भारतीय नागरिक के रूप में, यह हमारा कर्तव्य है कि हम जो फंड प्राप्त करते हैं, उसका हिसाब दें। लेकिन जो फंड कभी मिला ही नहीं उसका हिसाब कैसे दें?" उन्होंने दावा किया कि यह संतों का 'अपमान' है और सनातन धर्म को बदनाम करने की 'साजिश' है और इससे संत समाज में काफी रोष है। उन्होंने कहा, "समिति ने वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। अगर नोटिस जारी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती है, तो संत समाज सड़कों पर उतरेगा।"
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पंजाब में पंजाबी नहीं पढ़ाई तो स्कूल पर लगेगा 2 लाख जुर्माना, मुख्यमंत्री चन्नी का आदेश
मुख्यमंत्री ने यह भी आदेश दिया है कि राज्य में किसी जगह या मार्ग को दर्शाने वाले जितने भी बोर्ड होंगे उनपर भी सबसे ऊपर पंजाबी में लिखा जाएगा।
चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने आदेश दिया है कि राज्य के सभी स्कूलों में अब पहली कक्षा से लेकर 10वीं कक्षा तक पंजाबी विषय को जरूरी कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि अगर कोई स्कूल इस आदेश का उलंघन करेगा और पंजाबी विषय नहीं पढ़ाएगा तो उसके ऊपर 2 लाख रुपए जुर्माना लगाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह भी आदेश दिया है कि राज्य में किसी जगह या मार्ग को दर्शाने वाले जितने भी बोर्ड होंगे उनपर भी सबसे ऊपर पंजाबी में लिखा जाएगा। पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं, विधानसभा चुनाव सामने देखते हुए मुख्यमंत्री कई लोकलुभावन फैसले कर रहे हैं। हाल ही में मुख्यमंत्री ने बिजली और पानी के बिलों को लेकर बड़ा फैसला किया है, इसके अलावा पंजाब में रेत के रेट भी तय किए गए हैं।हालांकि मुख्यमंत्री चन्नी को अपने कुछ फैसलों की वजह से बैकफुट पर भी आना पड़ा है और फैसले वापस भी लेने पड़े हैं। मुख्यमंत्री बनने के बाद चन्नी ने वरिष्ठ वकील एपीएस दयोल को पंजाब का एडवोकेट जनरल नियुक्त किया था, लेकिन पंजाब में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने दयोल की नियुक्ति का भारी विरोध किया था और अपना त्यागपत्र तक सौंप दिया था। बाद में जब सिद्धू ने अपना त्यागपत्र वापस लिया तो मुख्यमंत्री चन्नी को भी एडवोकेट जनरल का त्यागपत्र स्वीकार करना पड़ा। नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से त्यागपत्र वापस लेने के बाद शर्त रख दी थी कि जब नया एडवोकेट जनरल पदभार संभालेगा उसी दिन वे भी प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के तौर पर फिर कार्यभार संभालेंगे।
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इंडिया टीवी के एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा ने लॉन्च किया 'वैक्सीन लगवा ले' म्यूजिकल वीडियो
कोरोना वैक्सीन लगवाने को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए इंडिया टीवी के एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा ने अपने शो 'आज की बात' में 'वैक्सीन लगवा ले' म्यूजिकल वीडियो लॉन्च किया।
नई दिल्ली: कोरोना वैक्सीन लगवाने को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए इंडिया टीवी के एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा ने अपने शो 'आज की बात' में 'वैक्सीन लगवा ले' म्यूजिकल वीडियो लॉन्च किया। इसे शरद चौधरी और सतीश कौशिक ने विकास मानू के साथ मिलकर तैयार किया है। ये म्यूजिकल वीडियो गांव देहात के लोगों में भी वैक्सीन के प्रति जागरुकता फैलाने का काम करेगा।देश को जरूरत है कि लोगों के बीच कोरोना वैक्सीन लगवाने के लिए जागरुकता बढ़ाई जाए। ऐसा करने से लोग जब कोरोना वैक्सीन लगवाने के लिए बड़ी संख्या में आगे आएंगे और वैक्सीन लगवाएंगे तो देश में कोरोना संक्रमण का खतरा कम होगा। ऑडियो-वीडियो मीडियम लोगों को जल्द प्रभावित करता है। ऐसे में 'वैक्सीन लगवा ले' म्यूजिकल वीडियो का असर होने की संभावना ज्यादा है। म्यूजिकल वीडियो में सतद्रु कबीर, चेतन फेफर, सृजन, अर्चना मोहन अय्यर और विनय वैष्णव ने अपनी आवाज दी है। असीम अहमद अब्बासी ने गाने के बोल लिखे हैं जबकि संगीत का श्रेय सृजन विनय वैष्णव को जाता है। वीडियो में सतीश कौशिक, नीना गुप्ता, अमर उपाध्याय, संदीपा धर, मोनल गज्जर, प्रणय नारायण और गर्विन मोहन जैसे अभिनेताओं ने अभिनय किया है।शरद चौधरी, सतीश कौशिक और विकास मालू द्वारा निर्मित 'वैक्सीन लगवा ले' म्यूजिकल वीडियो को ऐसे दिन लॉन्च किया गया है जब भारत ने 60 करोड़ टीकाकरण का आंकड़ा पार कर लिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बुधवार को ही यह जानकारी दी कि भारत में कोरोना टीकाकरण का आंकड़ा 60 करोड़ के पार पहुंच गया है। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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'उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी इतने बड़े अंतर से हारेगी, जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी'
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी इतने बड़े अंतर से हारेगी, जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी। उन्होंने विश्वास जताया कि उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी 350 से ज्यादा सीटें हासिल करेगी।
झांसी: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी इतने बड़े अंतर से हारेगी, जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी। उन्होंने विश्वास जताया कि उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी 350 से ज्यादा सीटें हासिल करेगी। उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के बाद समाजवादी पार्टी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की व्यवस्था को खत्म करने के लिए अभियान चलाएगी। अखिलेश ने यहां संवाददाता सम्मेलन में ईवीएम पर पूछे गए एक सवाल पर कहा, ''ईवीएम के बारे में मैं आज भी कह रहा हूं कि उस पर किसी को भरोसा नहीं है। हाल में अमेरिका का चुनाव मतपत्रों से हुआ। उसमें भी कई दिनों तक मतगणना हुई। मत पत्रों से मतदान कराने पर लोगों का भरोसा बहाल होगा। हालांकि यह लड़ाई अभी लड़ी नहीं जा सकती।''उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ''हम प्रशिक्षण शिविर चला रहे हैं। समाजवादी पार्टी से जुड़े सारे लोग अपना वोट डाल देंगे तो बीजेपी अपने आप हार जाएगी। सत्ता में आने पर समाजवादी पार्टी ईवीएम की व्यवस्था खत्म करने के लिए अभियान चलाएगी।'' एक अन्य सवाल पर अखिलेश ने आरोप लगाया, ‘‘उत्तर प्रदेश में बिहार विधानसभा चुनाव जैसी स्थिति नहीं होगी। वहां तो महागठबंधन की सरकार बन रही थी, लेकिन बीजेपी ने सत्ता छीन ली।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी इतने बड़े अंतर से हारेगी, जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी। सपा 350 से अधिक सीटें जीतेगी।’’मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सपा की 'टोपी' पर निशाना साधे जाने के बारे में पूछे गये सवाल पर अखिलेश ने कहा, ''समाजवादी पार्टी की टोपी का जो लाल रंग है वह हमारी क्रांति का, हमारे खून का रंग है और सबसे बड़ी बात यह कि यह हमारी भावनाओं का रंग है। मगर, हमारे मुख्यमंत्री के अंदर भावना ही नहीं है।'' उन्होंने योगी पर हमला करते हुए कहा ''मुख्यमंत्री कहते हैं कि ढाई साल के बच्चे ने यह देख लिया कि कौन क्या है। हम भी कह रहे हैं कि एक तरफ लाल टोपी वाले की फोटो रख दें और एक तरफ खुद मुख्यमंत्री की फोटो रख दें। ढाई साल का बच्चा बता देगा कि कौन क्या है।'' मुख्यमंत्री योगी ने हाल में विधानसभा में टोपी पर तंज करते हुए कहा था कि अब तो ढाई साल का बच्चा भी जानता है कि टोपी वाला गुंडा होता है। अखिलेश ने बीजेपी पर सोमवार को हाथरस में बेटी से छेड़छाड़ का मुकदमा वापस नहीं लेने पर आरोपी द्वारा पीड़िता के पिता की गोली मारकर हत्या किये जाने की घटना पर राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा ''मुख्यमंत्री ने सदन में जिस तरह की भाषा इस्तेमाल की है उससे लगता है कि यह सरकार बौखला गयी है। बीजेपी की सरकार जाने वाली है, इसीलिये सरकार की भाषा बदल गयी है।'' सपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार ने राज्यसभा में बहुमत नहीं होने के बावजूद तीन कृषि कानून जबरन पारित करा लिये। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘बहुमत का अनादर कर कानून पारित कराने का काम उत्तर प्रदेश की सरकार भी कर रही है। कानूनों को पारित कराने से पहले बहस होनी चाहिये। बीजेपी लोकतंत्र को बिल्कुल खत्म करना चाहती है।’’ ये भी पढ़ें
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पंजाब में अकाली दल-BSP गठबंधन पर मायावती का पहला बयान
पंजाब में शिरोमणि अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी द्वारा घोषित गठबंधन को बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक नयी राजनीतिक और सामाजिक पहल बताते हुये कहा है कि निश्चय ही राज्य में जनता के बहु-प्रतीक्षित विकास, प्रगति तथा खुशहाली के नए युग की यह शुरुआत करेगा।
लखनऊ: पंजाब में शिरोमणि अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी द्वारा घोषित गठबंधन को बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक नयी राजनीतिक और सामाजिक पहल बताते हुये कहा है कि निश्चय ही राज्य में जनता के बहु-प्रतीक्षित विकास, प्रगति तथा खुशहाली के नए युग की यह शुरुआत करेगा। शनिवार को मायावती ने एक ट्वीट में कहा, “पंजाब में आज शिरोमणि अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी द्वारा घोषित गठबंधन, एक नयी राजनीतिक व सामाजिक पहल है, जो निश्चय ही यहां राज्य में जनता के बहु-प्रतीक्षित विकास, प्रगति व खुशहाली के नए युग की शुरुआत करेगा।” उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, “पंजाब में समाज का हर तबका कांग्रेस पार्टी के शासन में यहां व्याप्त गरीबी, भ्रष्टाचार व बेरोजगारी आदि से जूझ रहा है, लेकिन इसकी सबसे ज्यादा मार दलितों, किसानों, युवाओं व महिलाओं आदि पर पड़ रही है, जिससे मुक्ति पाने के लिए अपने इस गठबन्धन को कामयाब बनाना बहुत जरूरी है।” बसपा सुप्रीमो ने कहा, “पंजाब की समस्त जनता से पुरज़ोर अपील है कि वे यहां 2022 के प्रारम्भ में होने वाले विधानसभा चुनाव में इस गठबन्धन की सरकार बनवाने में पूरे जी-जान से अभी से जुट जाएं।” गौरतलब है कि पंजाब में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर शिरोमणि अकाली दल (शिअद) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने शनिवार को गठबंधन किया। संवाददाता सम्मेलन में गठबंधन की घोषणा करते हुए शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने इसे ‘‘पंजाब की राजनीति में नया सवेरा बताया।’’ बसपा महासचिव सतीश चन्द्र मिश्रा की उपस्थिति में उन्होंने कहा, ‘‘आज ऐतिहासिक दिन है। पंजाब की राजनीति की बड़ी घटना है।’’ उन्होंने कहा कि शिअद और बसपा साथ मिलकर 2022 विधानसभा चुनाव और अन्य चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि मायावती नीत बसपा पंजाब के 117 विधानसभा सीटों में से 20 पर चुनाव लड़ेगी, बाकी सीटें शिअद के हिस्से में आएंगी। बसपा के हिस्से में जालंधर का करतारपुर साहिब, जालंधर पश्चिम, जालंधर उत्तर, फगवाड़ा, होशियारपुर सदर, दासुया, रूपनगर जिले में चमकौर साहिब, पठानकोट जिले में बस्सी पठाना, सुजानपुर, अमृतसर उत्तर और अमृतसर मध्य आदि सीटें आयी हैं। इससे पहले शिअद का भाजपा के साथ गठबंधन था, लेकिन पिछले साल केन्द्र द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों को लेकर बादल नीत पार्टी ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का साथ छोड़ दिया था। शिअद के साथ गठबंधन में भाजपा 23 सीटों पर चुनाव लड़ा करती थी।
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Rajat Sharma’s Blog: आपकी गाढ़ी कमाई को कैसे लूट सकती है क्रिप्टोकरेंसी?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत में लोगों ने अब तक क्रिप्टोकरेंसी में लगभग 40,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की पूंजी लगा दी है।
सरकार ने बुधवार को साफ कर दिया कि वह भारत में सभी तरह की प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करके इसके व्यापार को नियंत्रित करेगी। 29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में इस संबंध में एक विधेयक पेश किया जाएगा। इस विधेयक को ‘क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021’ नाम दिया गया है।इस विधेयक का उद्देश्य ‘भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के निर्माण के लिए एक सुविधाजनक ढांचा बनाना’ है। लोकसभा बुलेटिन के मुताबिक, ‘विधेयक में इस बात का प्रावधान है कि भारत में सभी तरह की निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया जाय। हालांकि, इसमें कुछ अपवाद भी है, ताकि क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित प्रौद्योगिकी एवं इसके उपयोग को प्रोत्साहित किया जा सके।’ सूत्रों ने बताया कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया अपनी डिजिटल करेंसी लॉन्च करने की व्यावहारिकता की जांच कर रहा है, और इसके लॉन्च की संभावित तारीख पर फैसला होना अभी बाकी है।केंद्र के फैसले के बाद भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी बाजार में भारी बिकवाली हुई, जिससे बिटकॉइन की कीमतें 17 प्रतिशत तक गिर गईं। एक बिटकॉइन जो पहले 44 लाख रुपये में बेचा जा रहा था, वह अचानक 38 लाख रुपये पर पहुंच गया। वहीं, एथेरियम, टेथर, कार्डानो जैसी अन्य क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें भी तेजी से गिर गईं।क्रिप्टोकरेंसी क्या है? 'क्रिप्टो' शब्द का मतलब होता है गुप्त या छिपा हुआ। चूंकि यह नोट या सिक्के की तरह भौतिक रूप में नहीं है, इसलिए कोई भी इसे देख नहीं सकता । यह एक एन्क्रिप्टेड डिजिटल फाइल है जिसमें डिजिटल कोड्स होते हैं, और इसे एक मजबूत साइबर प्रोग्राम द्वारा काफी जटिल प्रक्रिया से तैयार किया जाता है। इस पूरी प्रॉसेस को डिकोड करना लगभग असंभव है। इस साइबर प्रोग्राम द्वारा जो कोड जनरेट होता है उसे करेंसी कहते हैं।खरीददार इन ‘कॉइन्स’ की कीमत लगाते हैं, इनमें पूंजी लगाते हैं। खरीददारों की संख्या जितनी बढ़ती जाती है, इन ‘कॉइन्स’ की कीमत भी उतनी ही बढ़ती जाती है। जिसने पहले सस्ते में इन्हें खरीदा होता है वह बढ़ी हुई कीमत पर इन्हें दूसरे को बेच कर बड़ा मुनाफा कमा सकता है। अगर करेंसी की कीमत अचानक गिर गई तो खरीददार को बड़ा नुकसान भी हो सकता है। ये सब इतनी तेजी से होता है कि कुछ ही घंटों में हजारों की करेंसी की कीमत लाखों रुपये का रिटर्न दे सकती है, और कुछ ही पलों में करोड़ों के इन्वेस्टमेंट को खाक में बदल सकती है।कुल मिलाकर यह एक तरह से ऐसे अनियंत्रित शेयर बाजार की तरह है, जिसका कोई माई-बाप न हो। जिसके बारे में किसी को ये पता न हो कि कौन इसे नियंत्रित कर रहा है। आपको नहीं पता कि आपने जो पैसा लगाया, वह कहां जा रहा है। यहां सबकुछ वर्चुअल होता है।तकनीकी रूप से, क्रिप्टोकरेंसी बाइनरी डेटा का एक संग्रह है जिसे विनिमय के माध्यम के रूप में काम करने के लिए डिजाइन किया गया है। कॉइन के मालिकाना हक का रिकॉर्ड एक बहीखाते में संग्रहीत किया जाता है। यह एक कम्प्यूटरीकृत डेटाबेस होता है जो लेनदेन रिकॉर्ड को सुरक्षित करने के लिए मजबूत क्रिप्टोग्राफी का इस्तेमाल करता है। यह अतिरिक्त कॉइन्स के निर्माण को नियंत्रित करता है और कॉइन के मालिकाना हक के ट्रांसफर की भी पुष्टि करता है।किसी एक यूजर द्वारा जारी किए जाने से पहले जब क्रिप्टोकरेंसी का निर्माण किया जाता है, तो इसे आमतौर पर केंद्रीकृत माना जाता है, लेकिन जब इसे विकेन्द्रीकृत नियंत्रण के साथ लागू किया जाता है, तो प्रत्येक क्रिप्टोकरेंसी डिस्ट्रिब्यूटेड ledger टेक्नॉलजी के जरिए काम करती है, जिसे आमतौर पर 'ब्लॉकचेन' कहा जाता है, जो कि एक पब्लिक ट्रांजैक्शन डेटाबेस की तरह काम करता है।दुनिया की पहली विकेन्द्रीकृत क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन थी जो 2009 में जारी हुई थी। तब से, एथेरम, पोल्काडॉट, चेनलिंक, मूनकॉइन, शिबा इनू, रिपल, कार्डानो, स्टेलर, लाइटकॉइन, EOS, NEO, NEM आदि जैसी कई अन्य क्रिप्टोकरेंसी बनाई गई हैं। आज दुनिया भर में 700 से भी ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी खरीदी या बेची जा रही हैं, जिसमें बिटकॉइन सबसे आगे है। 9 बड़ी क्रिप्टोकरेंसी के बाजार में 6,000 से भी ज्यादा डिजिटल कॉइन चल रहे हैं। इनकी कीमत 3,000 रुपये से लेकर 40 लाख रुपये तक है। इसलिए क्रिप्टोकरेंसी को भयंकर रूप से अस्थिर माना जाता है।हाल ही में हुए आईपीएल और टी-20 वर्ल्ड कप के दौरान आपने टीवी पर क्रिप्टोकरेंसी को प्रमोट करने वाले कई विज्ञापन देखे होंगे। लेकिन इन विज्ञापनों को अगर आपने ध्यान से देखा हो तो आखिरी में कहा जाता है कि कारोबार अपने रिस्क पर कीजिए। लेकिन चूंकि पैसा बहुत जल्दी बढ़ने का दावा किया जाता है, इसलिए लोग जोखिम उठाने के लिए तैयार हैं और क्रिप्टोकरेंसी में अपनी मेहनत की कमाई को जमकर लगा रहे हैं।क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग के लिए कई क्रिप्टो एक्सचेंज मौजूद हैं। भारत में WazirX, CoinDCX, Coinswitch, Kuber और Unocoin जैसे क्रिप्टो एक्सचेंज हैं। इनके जरिए क्रिप्टोकरेंसी का कारोबार होता है। ये क्रिप्टो एक्सचेंज कमीशन के आधार पर या फिर अपना कुछ मार्जिन रखकर इन क्रिप्टोकरेंसीज की डीलिंग करते हैं। लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि ये क्रिप्टो एक्सचेंज शेयर मार्केट की तरह न तो वैधानिक हैं और न ही पारदर्शी है।शेयर्स के भाव चढ़ते-गिरते रहते हैं, और यदि इनके भाव ज्यादा गिर जाते हैं तो फिर सरकार इसे रेगुलेट करती है, सर्किट लगा देती है और ट्रेडिंग बंद हो जाती है। लेकिन क्रिप्टोकरेंसी में ऐसा नहीं है। कुछ ही मिनटों में लाखों रुपया शून्य पर आकर रह जाता है और कई बार कुछ मिनटों में लाखों गुना बढ़ जाता है। इसे कौन नियंत्रित कर रहा है, किस आधार पर दाम घट-बढ़ रहे हैं, इसका कोई अता-पता नहीं होता। इसका कोई नियंत्रक या नियामक नहीं है। कोई कंपनी, कोई सरकार, कोई देश इसकी जिम्मेदारी नहीं लेता। ये पता ही नहीं है कि इसे बनाने वाले लोग कौन हैं, किस देश के हैं। जिस तरह इंटरनेट अब हर कंप्यूटर में है, उसी तरह ये क्रिप्टोकरेंसी अब हर देश में घूम रही है। यह एक विकेन्द्रीकृत वर्चुअल करेंसी है और इसका कोई गारंटर नहीं है।इन क्रिप्टो कॉइन्स को जेनरेट कौन करता है? आसान भाषा में बताऊं- ये एक तरह की अत्याधुनिक कंप्यूटर प्रोग्रामिंग है। दुनिया में फिलहाल ऐसे कुछ ही लोग हैं जो कंप्यूटर पर बेहद खास एल्गोरिदम के जरिए एक-एक कंप्यूटर पर क्रिप्टो कॉइन्स को जेनरेट करते हैं। इसे ‘माइनिंग’ कहा जाता है। एक बार डिजिटल कॉइन जेनरेट हो जाने के बाद उसकी कॉपी या डुप्लिकेट बनाना लगभग असंभव है। ये कॉइन्स बेहद ही जटिल इक्वेशंस से कोडेड होते हैं, और जब कोई व्यक्ति इन कंप्यूटर इक्वेशन्स को सॉल्व करता है, तो फिर उस यूजर को इनाम के तौर पर एक कॉइन मिलता है।जब कॉइन ट्रेड किया जाता है या बेचा जाता है तो यूजर को पता होता है, लेकिन हैरानी की बात ये है कि इन क्रिप्टोकरेंसी को कौन बनाता है, कौन इन्हें माइन करता है, इस बारे में किसी को कुछ पता नहीं। ये सबकुछ किसी गहरे राज़ की तरह है। दुनिया की सबसे पुरानी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन है, और आज एक बिटकॉइन की कीमत करीब 40 लाख रुपये है। इसमें टेस्ला के मालिक एलन मस्क तक ने पूंजी लगाई है, लेकिन बिटकॉइन को किसने बनाया, ये कोई नहीं जानता। आज बिटकॉइन का बाजार पूंजीकरण (market capitalization) एक ट्रिलियन डॉलर है। प्रॉपर्टी, सोना, स्टॉक या म्यूचुअल फंड की तुलना में बिटकॉइन का रिटर्न काफी ज्यादा है। हालांकि, इसकी कीमतें किसी सेट पैटर्न पर तय नहीं होतीं।एल सल्वाडोर दुनिया का पहला ऐसा देश है जहां क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी मान्यता मिली है। क्यूबा ने भी अमेरिकी प्रतिबंधों को दरकिनार करने के लिए इसे कानूनी मान्यता दी है। जापान में क्रिप्टोकरेंसी वैध नहीं है, लेकिन इसे 'संपत्ति' के रूप में इस्तेमाल करने की इजाजत है। चीन, जो कि इस समय क्रिप्टोकरेंसीज का सबसे बड़ा बाजार है, ने इस साल सितंबर में सभी तरह की क्रिप्टोकरेंसी के कारोबार को अवैध घोषित कर दिया।कई देशों में तो बिटकॉइन के लिए एटीएम तक खुल चुके हैं। 2018 में बेंगलुरु में भी क्रिप्टो कॉइन्स के लिए ATM खुला था, लेकिन बाद में इसे जब्त कर लिया गया। कई बार ऐसी खबरें भी आईं कि लोग अब क्रिप्टोकरेंसी देकर अपराधियों और आतंकियों तक को नियुक्त कर रहे हैं। बुधवार को गुजरात पुलिस ने एक चौंकानेवाला खुलासा करते हुए कहा कि कुछ लोगों ने 4 करोड़ रुपये की ड्रग्स खरीदने के लिए बिटकॉइन का इस्तेमाल किया था।क्रिप्टोकरेंसी के लिए ऐसी दीवानगी क्यों है? दरअसल, यह जल्द से जल्द अमीर बनने की ललक की उपज है। इस तरह की खबरें सोशल मीडिया पर फैलती हैं कि एक व्यक्ति ने एक हजार रुपये क्रिप्टोकरेंसी में लगाए और 24 घंटे में उसका पैसा बढ़कर 28 करोड़ रुपये हो गया। इसी तरह एक और उड़ती फिरती खबर आई कि किसी ने 10 हजार रुपये लगाए और वह 24 घंटे में 50 करोड़ रुपये का मालिक हो गया। इसी चक्कर में क्रिप्टोकरेंसी का बोलबाला हो रहा है।चूंकि भारत में क्रिप्टोकरेंसी वैध नहीं है, आप इससे सूई तक नहीं खरीद सकते। फिर भी एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत में लोगों ने अब तक क्रिप्टोकरेंसी में लगभग 40,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की पूंजी लगा दी है।अब जबकि सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी के कारोबार को विनियमित करने का फैसला किया है, डिजिटल करेंसी में निवेश करने वाले अब राहत की सांस ले सकते हैं। अभी तो कोई भी अपनी क्रिप्टोकरेंसी बनाकर उसे मार्केट में उतार सकता है। लोग उसमें इन्वेस्ट कर दें और फिर क्रिप्टोकरेंसी बनाने वाला अपनी दुकान बंद करके भाग जाए तो कोई उसे नहीं पकड़ सकता। अच्छी बात यह है कि RBI खुद ट्रेडिंग के लिए अपनी डिजिटल करेंसी जारी करने वाला है। RBI की डिजिटल करेंसी में निवेश करने वालों को टैक्स देना होगा। जब विधेयक कानून बन जाएगा तो क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वाले कम से कम उम्मीद तो कर सकते हैं कि वे धोखाधड़ी के शिकार नहीं होंगे। सरकार उन लोगों के लिए भी अपने पैसे निकालने की कोई व्यवस्था कर सकती है जिन्होंने फिलहाल क्रिप्टोकरेंसी में निवेश किया है।इन सभी आश्वासनों के बावजूद मैं आप सभी को यही सलाह दूंगा कि लालच में मत पड़िए। रातों रात करोड़पति बनने का सपना मत देखिए। याद रखिए कि हमारे देश में करोड़ों लोगों ने लालच में पड़कर चिट फंड्स और ऐसी ही संदिग्ध स्कीमों के चक्कर में अपनी मेहनत की कमाई गंवाई है। चिट फंड का कम से कम दफ्तर तो होता था जहां लोग जाकर अपने पैसे मांग सकते थे, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी का न कोई बैंक है, न दफ्तर है, न कोई माई-बाप है। ये असली नोट लेकर आपको इंटरनेट पर वर्चुअल क्रिप्टो कॉइन की फोटो दे देते हैं। असली नोट देकर नकली करेंसी के चक्कर में पड़ना समझदारी नहीं है। इसलिए लालच में मत पड़ें। (रजत शर्मा)देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 24 नवंबर, 2021 का पूरा एपिसोड
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सेना प्रमुख ने LoC पर सुरक्षा हालात का जायजा लिया, बोले-संघर्ष विराम की जिम्मेदारी पाकिस्तान पर
सेना प्रमुख जनरल एम. एम. नरवणे ने बृहस्पतिवार को कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर सुरक्षा हालात का जायजा लिया और अभियान संबंधी उच्च स्तरीय तैयारियों के लिए सैनिकों की प्रशंसा की और कहा कि अगर स्थिति अनुमति देती है तो जम्मू-कश्मीर में सैनिकों की कमी संभव है।
श्रीनगर: सेना प्रमुख जनरल एम. एम. नरवणे ने बृहस्पतिवार को कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर सुरक्षा हालात का जायजा लिया और अभियान संबंधी उच्च स्तरीय तैयारियों के लिए सैनिकों की प्रशंसा की और कहा कि अगर स्थिति अनुमति देती है तो जम्मू-कश्मीर में सैनिकों की कमी संभव है। फिलहाल संघर्ष विराम जारी है जिसे सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी पाकिस्तान पर है। घाटी में संपूर्ण सुरक्षा परिदृश्य की समीक्षा के लिए जनरल बुधवार को कश्मीर के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे थे।सेना प्रमुख ने कहा कि नियंत्रण रेखा के दूसरी तरफ पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी शिविरों तथा आतंकवादियों की मौजूदगी समेत आतंकी ढांचे होने जैसी गतिविधियां अब भी जारी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, हमारी तैयारियों के स्तर में कोई ढील नहीं दी जा सकती।’’ जब सेना प्रमुख से पूछा गया कि संघर्ष-विराम को 100 दिन हो गये हैं तो क्या इस्लामाबाद पर अब भरोसा किया जा सकता है तो उन्होंने कहा, ‘‘भारत और पाकिस्तान के बीच दशकों तक अविश्वास रहा है। इसलिए हालात रातों-रात नहीं बदल सकते।’’सेना ने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा, ‘‘कश्मीर के दो दिवसीय दौरे के दूसरे दिन जनरल एम. एम. नरवणे ने नियंत्रण रेखा पर सुरक्षा हालात का जायजा लिया।’’ सेना की ओर से बताया गया कि स्थानीय कमांडरों ने सेना प्रमुख को वर्तमान के सुरक्षा हालात की जानकारी दी तथा आतंकादियों की घुसपैठ की कोशिशों को विफल करने के लिए किए गए उपायों की भी जानकारी दी। सेना ने कहा, ‘‘सेना प्रमुख ने जवानों के साथ बातचीत की और अभियान संबंधी उनकी उच्च स्तर की तैयारियों तथा ऊंचा मनोबल बनाकर रखने के लिए उनकी सराहना की।’’ सेना के एक अधिकारी ने बताया कि बुधवार को श्रीनगर पहुंचने के बाद जनरल नरवणे ने सेना की उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाई. के. जोशी और चिनार कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डी. पी. पांडेय के साथ आंतरिक इलाकों की इकाइयों का दौरा किया जहां पर स्थानीय कमांडरों ने सुरक्षा की वर्तमान स्थिति के बारे में सेना प्रमुख को अवगत कराया। अधिकारी ने बताया कि जनरल नरवणे को युवाओं को कट्टरपंथी गतिविधियों और आतंकवादी रैंकों में भर्ती करने में शामिल लोगों की पहचान करने और उन्हें नाकाम करने को लेकर किए जा रहे उपायों के बारे में भी जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि स्थानीय आतंकवादियों के आत्मसमर्पण और युवाओं को आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने से रोकने के प्रयासों पर भी चर्चा की गई। सेना प्रमुख का यह दौरा इस मायने में विशेष महत्व रखता है कि भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा पर संघर्ष-विराम जारी रहने के 100 दिन पूरे हुए हैं। सैनिकों से बातचीत के दौरान सेना प्रमुख ने जवानों और कमांडरों को कोविड-19 और पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद की दोहरी चुनौतियों से लगातार लड़ने के लिए उनकी सराहना भी की। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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Constitution Day: संसद के सेंट्रल हॉल में 'संविधान दिवस' समारोह, कांग्रेस और AAP ने किया बहिष्कार
संसद के सेंट्रल हॉल में जब प्रधानमंत्री से लेकर राष्ट्रपति और स्पीकर तक इस गौरवशाली दिन के समारोह में शिरकत करेंगे तो वहीं, देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस ने खुद को इससे अलग रखने का ऐलान किया है।
नई दिल्ली: देश आज संविधान दिवस मना रहा है लेकिन सियासत इस समारोह को भी लेकर भी कम नहीं हो रही। संसद के सेंट्रल हॉल में प्रधानमंत्री से लेकर राष्ट्रपति और स्पीकर तक इस गौरवशाली दिन के समारोह में शिरकत कर रहे हैं तो वहीं, देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस ने खुद को इससे अलग रखा है। कांग्रेस ने कहा है वो पीएम मोदी के काल में शुरू किए गए संविधान दिवस समारोह का बहिष्कार कर रही है। कांग्रेस की तरह आम आदमी पार्टी ने भी संविधान दिवस समारोह में शामिल नहीं होने का फैसला किया है। बीजेपी ने संविधान दिवस समारोह के बायकॉट को अंबेडकर का अपमान बता दिया है। बीजेपी ने कहा है कि नेहरु की जयंती धूमधाम से मनाने वाली कांग्रेस बायकॉट की अगुवाई कर रही है। संसद के सेन्ट्रल हॉल में ये कार्यक्रम सुबह 11 बजे से शुरू हुआ है। इस मौके पर पीएम मोदी संबोधित करेंगे।26 नवंबर 2015 से PM मोदी ने शुरू किया था समारोह26 जनवरी 1950 को जब संविधान लागू किया गया था, उसे देश गणतंत्र दिवस के रूप में मनाता है लेकिन नरेन्द्र मोदी जब प्रधानमंत्री बने, तब उन्होंने उस दिन को समारोह के रूप में मनाना शुरू किया, जिस दिन संविधान के प्रारूप को कांस्टीट्यूएंट असेंबली ने मंजूर किया था। इस तरह पहला संविधान दिवस समारोह 26 नवंबर 2015 को मनाया गया। पीएम मोदी की तरफ से उस दिन को यादगार बनाया गया जब 26 नवंबर 1950 को संविधान सभा ने संविधान के प्रारूप को मंजूरी दी थी। आज का कार्यक्रम संसद के सेंट्रल हॉल में है, जिसमें देश का पूरा शीर्ष नेतृत्व मंजूर होगा। कार्यक्रम 11 बजे राष्ट्रगान के साथ शुरू होगा उसके बाद लोकसभा के स्पीकर कार्यक्रम को संबोधित करेंगे।पीएम मोदी का संबोधन सुबह 11.11 बजे शुरू होगा। सेंट्रल हॉल में कार्यक्रम दोपहर 12 बजे के करीब खत्म हो जाएगा उसके बाद पीएम विज्ञान भवन जाएंगे जहां शाम साढ़े पांच बजे से सुप्रीम कोर्ट का संविधान दिवस पर दो दिनों का समारोह है। पीएम उस समारोह का उद्घाटन करेंगे।'संविधान दिवस' पर कांग्रेस का बहिष्कारसंविधान दिवस पर कांग्रेस ने कुछ और ही प्लान बनाया है। कांग्रेस की तरफ संविधान के साथ किसानों का मुद्दा उठाया गया है। कांग्रेस की तरफ से ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट पर लिखा गया है, ''संविधान हो या फिर चाहे किसान। भाजपा कर रही दोनों का अपमान।''संविधान दिवस को AAP ने कहा नौटंकीकांग्रेस की तरह आम आदमी पार्टी ने भी संविधान दिवस का बहिष्कार किया है। AAP नेता संजय सिंह ने कहा, ''BJP एक तरफ़ तो संविधान की धज्जियां उड़ा रही है, किसानों नौजवानों के अधिकारों को गैरसंवैधानिक तरीके से कुचल रही है और “संविधान दिवस” मनाने की नौटंकी कर रही है। आम आदमी पार्टी इस नौटंकी का हिस्सा नही बनेगी।''
hindi_2022_11069
कोरोना अभी गया नहीं है, सभी दिशा-निर्देशों का पालन करते रहना है: PM मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा, "पर्व और उत्सवों के समय यह जरूर याद रखिएगा कि कोरोना अभी हमारे बीच से गया नहीं है। कोरोना से जुड़े प्रोटोकॉल आपको भूलने नहीं हैं। आप स्वस्थ और प्रसन्न रहें।"
नई दिल्ली. कोविड-19 की तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को एक बार फिर देशवासियों को आगाह करते हुए कहा कि कोरोना अभी गया नहीं है, लिहाजा उन्हें इससे जुड़े सभी दिशा-निर्देशों का पालन करते रहना चाहिए।आकाशवाणी के मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की ताजा कड़ी में देशवासियों को आने वाले पर्व व त्योहारों की शुभकामनाएं देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "पर्व और उत्सवों के समय यह जरूर याद रखिएगा कि कोरोना अभी हमारे बीच से गया नहीं है। कोरोना से जुड़े प्रोटोकॉल आपको भूलने नहीं हैं। आप स्वस्थ और प्रसन्न रहें।"उल्लेखनीय है कि देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में लगातार कमी आ रही है, लेकिन विशेषज्ञों ने महामारी की तीसरी लहर की आशंका जताई है। देश में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण के 39,742 नए मामले सामने आए। इसके साथ ही देश में कोविड-19 के कुल मामले बढ़कर 3,13,71,901 हो गए हैं। देश में अब तक इस महामारी से 4,20,551 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के रविवार सुबह आठ बजे अद्यतन किए गए आंकड़ों के मुताबिक देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या घटकर 4,08,212 रह गई है और कोविड-19 से स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर 97.36 प्रतिशत है। पिछले 24 घंटों में उपचाराधीन मरीजों की संख्या 765 घटी है। देश में कोविड-19 रोधी टीके की अब तक 43.31 करोड़ खुराक दी जा चुकी हैं।
hindi_2022_11070
कैबिनेट ने पुडुचेरी में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफ़ारिश की, दो दिन पहले गिर गई थी कांग्रेस की सरकार
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज पुडुचेरी में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की, क्योंकि बीजेपी और उसके सहयोगी पार्टियों ने केंद्र शासित प्रदेश में सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया।
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज पुडुचेरी में राष्ट्रपति शासन लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी, क्योंकि बीजेपी और उसके सहयोगी पार्टियों ने केंद्र शासित प्रदेश में सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया। उपराज्यपाल तमिलिसाई साउंडराजन द्वारा सिफारिश किए जाने के तुरंत बाद कैबिनेट ने यह कदम उठाया है। इसी सप्ताह विश्वास मत प्रस्ताव पर मतदान से पहले मुख्यमंत्री नारायणसामी ने इस्तीफा दे दिया था और केंद्र शासित प्रदेश की कांग्रेस नीत सरकार गिर गई थी । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं को बताया कि पुडुचेरी में सीएम नारायणसामी के इस्तीफे के बाद किसी ने सरकार बनाने का दावा नहीं किया इसलिए राज्यपाल महोदय ने आर्टिकल 239 के तहत विधानसभा भंग करने की सिफारिश की आज इसे कैबिनेट ने मंजूरी दी और अब राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद वहां की विधानसभा भंग होगी। उन्होंने कहा कि पुडुचेरी में सत्तारूढ़ दल के कुछ विधायकों के पार्टी से अलग होने के बाद नारायणसामी नीत सरकार ने इस्तीफा दे दिया था।प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि मुख्यमंत्री के इस्तीफा देने के बाद किसी ने भी सरकार गठन का दावा पेश नहीं किया। इसके बाद उपराज्यपाल ने पुडुचेरी में विधानसभा भंग करने की सिफारिश की। जावड़ेकर ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस प्रस्ताव को मंजरी दे दी। इसके बाद राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद विधानसभा भंग हो जायेगी। उन्होंने बताया कि पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव की तिथियों की घोषणा आने वाले दिनों में होने की उम्मीद है और इसके बाद आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो जायेगी। पुडुचेरी के पूर्व मुख्मंत्री वी नारायणसामी ने उनकी सरकार गिराने का आरोप भारतीय जनता पार्टी और एआईएडीएमके पर लगाया है। वी नारायणसामी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने एआईएडीएमके के साथ मिलकर गैर लोकतांत्रिक तरीके से उनकी सरकार को गिराने का षडयंत्र रचा है। पुदुचेरी में अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इस केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा की कुल 33 सीटें हैं। इनमें से तीन सदस्य मनोनीत होते हैं। कांग्रेस के पांच विधायकों और सहयोगी डीएमके के एक विधायक ने इस्तीफा दे दिया था। वहीं, एक विधायक को आयोग्य ठहरा दिया गया।ऐसे में अब विधानसभा में सदस्यों की संख्या घटकर 26 रह गई। इस स्थिति में अल्पमत में आई नारायणसामी सरकार को 14 विधायकों का समर्थन चाहिए था, लेकिन सरकार अपने नंबर पूरे नहीं कर सकी और गिर गई।ये भी पढ़ें
hindi_2022_11071
Corona: सरकार पर सोनिया का बड़ा हमला, कहा- तैयारी के लिए एक साल का समय था, फिर भी चपेट में आ गए
सोनिया ने बड़ी संख्या में लोगों के कोरोना वायरस संक्रमण के चपेट में आने और रोजाना सैकड़ों लोगों की मौत होने पर दुख जताते हुए कहा कि इस संकट की घड़ी में अपना कर्तव्य निभा रहे स्वास्थ्यकर्मियों एवं दूसरे कर्मचारियों को कांग्रेस सलाम करती है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र का उल्लेख किया और आरोप लगाया कि कई जगहों पर टीकों, ऑक्सीजन और वेंटिलेंटर की कमी हो रही है, लेकिन सरकार चुप्पी साधे है।
नई दिल्ली. कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कोरोना महामारी की मौजूदा स्थिति को लेकर शनिवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि टीकाकरण के लिए आयुसीमा को घटाकर 25 साल किया जाए तथा अस्थमा, मधुमेह और कुछ अन्य बीमारियों से पीड़ित युवाओं को प्राथमिकता के आधार पर टीका लगाया जाए। उन्होंने कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में यह भी कहा कि सरकार को कोरोना से निपटने के लिए जरूरी चिकित्सा उपकरणों और दवाओं को जीएसटी से मुक्त करना चाहिए तथा कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार पर अंकुश लगाने के लिए सख्त कदम उठाने पर गरीबों को प्रति माह छह हजार रुपये की मदद देनी चाहिए।सोनिया ने बड़ी संख्या में लोगों के कोरोना वायरस संक्रमण के चपेट में आने और रोजाना सैकड़ों लोगों की मौत होने पर दुख जताते हुए कहा कि इस संकट की घड़ी में अपना कर्तव्य निभा रहे स्वास्थ्यकर्मियों एवं दूसरे कर्मचारियों को कांग्रेस सलाम करती है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र का उल्लेख किया और आरोप लगाया कि कई जगहों पर टीकों, ऑक्सीजन और वेंटिलेंटर की कमी हो रही है, लेकिन सरकार चुप्पी साधे है।कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "सरकार को टीकाकरण के लिए अपनी प्राथमिकता पर पुनर्विचार करना चाहिए और आयुसीमा को घटाकर 25 साल करना चाहिए। अस्थमा, मधुमेह, किडनी और लीवर संबंधी बीमारियों से पीड़ित सभी युवाओं को टीका लगाया जाना चाहिए।" उल्लेखनीय है कि टीकाकरण के लिए अभी न्यूतम आयुसीमा 45 साल निर्धारित है।सोनिया गांधी ने सीडब्ल्यूसी की बैठक में कहा कि कांग्रेस ने हमेशा से यह माना है कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई एक राष्ट्रीय चुनौती है, जिसे पार्टी की राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर ने देश को बुरी तरह प्रभावित किया है, हमारे पास इससे निपटने की तैयारी के लिए एक साल का समय था, लेकिन हम बिना तैयारी के फिर इसकी चपेट में आ गए हैं।सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि कोविड-19 संकट संबंधी पूर्वानुमान, आकलन और प्रबंधन के संदर्भ में मोदी सरकार ने कोई तैयारी नहीं की। कोविड-19 प्रबंधन पर विपक्ष के रचनात्मक सुझावों को सुनने के बजाए केंद्रीय मंत्रियों ने विपक्ष के नेताओं पर हमला किया। कोरोना वैक्सीन के निर्यात पर सवाल उठाते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि क्या टीकों के निर्यात को रोककर अपने नागरिकों की रक्षा को प्राथमिकता नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने सरकार से मांग की कि हर पात्र नागरिक के खाते में छह-छह हजार रुपए जमा कराए जाएं।
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Good News: असम में 100 साल की महिला ने दी कोरोना वायरस को मात
कोरोना वायरस के कहर के बीच गुवाहाटी से एक अच्छी खबर आई है। यहां एक 100 वर्षीय बुजुर्ग महिला ने कोरोना वायरस को मात दे दी।
गुवाहाटी (असम): गुवाहाटी में सौ वर्ष की एक जिंदादिल महिला ने कोविड-19 को मात दे दी। अधिक आयु की चुनौती बड़ी थी लेकिन चिकित्सकों का कहना है कि महिला ने अपनी सकारात्मकता के बल पर यह जंग जीती है। कोविड-19 की असम की सबसे उम्रदराज मरीज माई हांडिक को बुधवार को गुवाहाटी के महेंद्र मोहन चौधरी अस्पताल से छुट्टी मिल गई। मदर्स ओल्ड एज होम में रहने वाली हांडिक को कोरोना वायरस से संक्रमित होने का पता चलने के बाद दस दिन पहले ही अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। अस्पताल से छुट्टी मिलने से पहले उनका इलाज करने वाले चिकित्सकों और नर्सों ने जश्न मनाया, जिसमें हांडिक ने कई असमिया गीत गाए। हांडिक ने कहा कि चिकित्सकों और नर्सों ने उनका बहुत खयाल रखा। माई हांडिक ने स्वास्थ्य मंत्री हिमंत बिस्व सरमा की भी सराहना की। मदर्स ओल्ड एज होम में रहने वाले 12 लोग कोविड-19 से पीड़ित पाए गए थे, जिनमें से पांच को अस्पताल से छुट्टी मिल गई जबकि बाकियों का इलाज जारी है। हांडिक ने अस्पताल में भर्ती होने के महज 10 दिनों के भीतर ही कोरोना वायरस को हरा दिया। वह महेंद्र मोहन चौधरी अस्पताल में भर्ती थीं।पूरे देश की बात करें तो केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक बुधवार सुबह 8 बजे से लेकर गुरुवार सुबह 8 बजे तक देशभर में कोरोना वायरस के 97924 नए मामले दर्ज किए गए हैं, एक दिन में आए ये सबसे अधिक केस है। इन नए मामलों के साथ अब देश में कुल कोरोना वायरस मामलों का आंकड़ा बढ़कर 51,18,283 तक पहुंच गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक 24 घंटों के दौरान कोरोना के एक्टिव मामलों में 14043 की बढ़ोतरी हुई है और देश के कुल कोरोना एक्टिव मामलों का आंकड़ा बढ़कर 10 लाख को पार कर गया है। मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 24 घंटों में 1132 लोगों ने देशभर में कोरोना की वजह से जान गंवाई है। कोरोना वायरस अबतक देश में 83198 लोगों की मौत का कारण बन चुका है।
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नये कृषि कानूनों को लेकर पंजाब सरकार जाएगी सुप्रीम कोर्ट, अमरिंदर सिंह का ऐलान
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा है कि उनकी सरकार नये कृषि कानूनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी। सिंह ने साथ ही भाजपा नीत केंद्र सरकार को आड़े हाथ लिया और उस पर राज्यों के अधिकार छीनने का आरोप लगाया।
खटकर कलां (पंजाब): पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा है कि उनकी सरकार नये कृषि कानूनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी। सिंह ने साथ ही भाजपा नीत केंद्र सरकार को आड़े हाथ लिया और उस पर राज्यों के अधिकार छीनने का आरोप लगाया। सिंह ने कहा, ‘‘क्या वह (केंद्र) उनके लिए कुछ छोड़ेगा ताकि वे अपने राज्य चला सकें।’’मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव एवं पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत, पंजाब कांग्रेस प्रमुख सुनील जाखड़ एवं अन्य नेताओं के साथ सोमवार को खटकर कलां गांव में शहीद भगत सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की। अमरिंदर सिंह, रावत और अन्य यहां नये कृषि कानूनों के खिलाफ धरने पर बैठे। मुख्यमंत्री सिंह ने इस मौके पर अपने संबोधन में कृषि कानून लाने के लिए केंद्र को आड़े हाथ लिया और कहा कि ये किसान समुदाय को बर्बाद कर देंगे। सिंह ने कहा, ‘‘मैंने कहा है कि हम इस मामले को आगे ले जाएंगे। राष्ट्रपति ने इन विधेयकों को मंजूरी दे दी है और हम अब इस मामले को उच्चतम न्यायालय में ले जाएंगे।’’ उन्होंने कहा कि उनकी सरकार किसान समुदायों के हितों की रक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाएगी।उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली से दो वकील कल यहां आ रहे हैं और हम उनसे इस मामले पर चर्चा करेंगे।’’ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार को तीन कृषि विधेयकों को मंजूरी दे दी जिसको लेकर किसान, विशेष तौर पर पंजाब में प्रदर्शन कर रहे हैं। गजट अधिसूचना के अनुसार राष्ट्रपति ने तीन विधेयकों को मंजूरी दी। ये तीन विधेयक हैं- किसान उपज व्‍यापार एवं वाणिज्‍य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक, 2020, किसान (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) मूल्‍य आश्‍वासन अनुबंध एवं कृषि सेवाएं विधेयक, 2020 और आवश्‍यक वस्‍तु (संशोधन) विधेयक, 2020। मुख्यमंत्री ने कानूनों को लेकर प्रदर्शन करने वाले किसानों का बचाव करते हुए कहा कि उन्हें ऐसा करने का अधिकार है क्योंकि ‘‘आप उनकी आजीविका नहीं छीन सकते।’’उन्होंने केंद्र सरकार पर राज्यों का अधिकार छीनने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘‘अब आपने कृषि क्षेत्र (को लेकर अधिकार) भी छीन लिया है। आप राज्यों के लिये कौन सी चीजें छोड़ेंगे? आप छोड़ेंगे या नहीं? आपने (राज्यों से) सब कुछ छीन लिया है। हम अपने राज्य कैसे चलाएंगे?’’
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UP Board के एग्जाम में फर्जी अधिकारी बनकर पहुंचे लोग, पुलिस ने लिया हिरासत में
केंद्र व्यवस्थापक ने चारों से आई कार्ड और स्ट्रांग रूम चेक करने के आदेश दिखाने को कहा, जो ये लोग दिखा नहीं सके। शक होने पर केंद्र व्यवस्थापक ने पुलिस को सूचना दी और पुलिस ने आकर चारों को हिरासत में ले लिया।
उत्तर प्रदेश के आगरा में सोमवार को उप्र बोर्ड के परीक्षा केंद्र पर फर्जी अधिकारी बनकर पहुंचे चार लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। पुलिस के मुताबिक, मजिस्ट्रेट लिखे वाहन से चार लोग परीक्षा केंद्र पहुंचे और उन्होंने व्यवस्थापक से 'स्ट्रांग रूम' खुलवाने को कहा। केंद्र व्यवस्थापक ने चारों से आई कार्ड और स्ट्रांग रूम चेक करने के आदेश दिखाने को कहा, जो ये लोग दिखा नहीं सके। शक होने पर केंद्र व्यवस्थापक ने पुलिस को सूचना दी और पुलिस ने आकर चारों को हिरासत में ले लिया। इस संबंध में पुलिस अधीक्षक, नगर विकास कुमार ने बताया कि हाईस्कूल की बोर्ड परीक्षा थी, इससे पहले कुर्राचित्तर पुर स्थित मां वैष्णो देवी इंटर कॉलेज में सुबह 8 बजकर 45 मिनट पर बिना नंबर लिखी बोलेरो से चार लोग पहुंचे। बोलेरो पर मजिस्ट्रेट लिखा था। कुमार ने बताया कि चारों लोगों ने खुद को सचल दल का सदस्य बताते हुए कहा कि केंद्र की टीम ने भेजा है और स्ट्रांग रूम चेक कराएं। उन्होंने बताया कि केंद्र व्यवस्थापक के पहचान पत्र दिखाने की मांग के बाद चारों के फर्जी अधिकारी होने का पता चला। अधिकारी ने बताया कि हिरासत में लिए गए युवकों ने अपनी पहचान शमसाबाद के ठेरई निवासी रघुवीर सिंह तोमर, सैंया के कुकावर निवासी अशोक कुमार, खेरागढ़ के छाहरी निवासी मुकेश, ताजगंज के बसई खुर्द निवासी देवेंद्र कुमार के रूप में की है। उन्होंने बताया कि चारों से पूछताछ की जा रही है, जिसके बाद ही कारण पता चल सकेगा कि ये किस उद्देश्य से परीक्षा केंद्र पर पहुंचे थे।
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राहत की खबर: सरकार ने घटाए कोरोना उपचार में इस्तेमाल होने वाली Remdesivir के दाम, ना मिलने पर यहां करें शिकायत
देश में कोरोना की दूसरी लहर के बीच रसायन एवं उर्वरक मंत्री डी वी सदानंद गौड़ा ने शुक्रवार को कोरोना उपचार में इस्तेमाल होने वाली रेमडेसिवीर (Remdesivir) दवा को लेकर बड़ी खुशखबरी दी है।
नई दिल्ली। देश में कोरोना की दूसरी लहर के बीच रसायन एवं उर्वरक मंत्री डी वी सदानंद गौड़ा ने शुक्रवार को कोरोना उपचार में इस्तेमाल होने वाली रेमडेसिवीर (Remdesivir) दवा को लेकर बड़ी खुशखबरी दी है। सरकार कोविड-19 के इलाज में काम आने वाले रेम्डेसिविर (Remdesivir) इंजेक्शन का उत्पादन बढ़ाने के लिये सभी कदम उठा रही है ताकि देश में इसकी उपलब्धता को बढ़ाया जा सके। डी वी सदानंद गौडा ने शुक्रवार को कहा कि पिछले पांच दिन के भीतर विभिन्न राज्यों को कुल मिलाकर 6.69 लाख रेम्डेसिविर इंजेक्शन की शीशियां उपलब्ध कराई गई हैं।गौडा ने ट्वीट कर कहा, ‘‘सरकार रेम्डेसिविर की उत्पादन सुविधाओं का विस्तार करने और उनकी क्षमता और उपलब्धता बढ़ाने के हर जरूरी कदम उठा रही है।’’ गौड़ा ने बताया कि सरकार के हस्तक्षेप के बाद रेमडेसिवीर के प्रमुख विनिर्माताओं ने स्वेच्छा से दवा के दाम प्रति शीशी 5,400 रुपये से घटाकर 3,500 रुपये से भी कम कर दिए हैं। साथ ही सरकार देश में रेमडेसिवीर का उत्पादन बढ़ाने के लिये सभी कदम उठा रही है। एक अन्य ट्वीट में गौड़ा ने कहा, ‘‘सरकार के हस्तक्षेप के बाद रेम्डेसिविर के प्रमुख विनिर्माताओं ने स्वेच्छा से 15 अप्रैल 2021 से इसके दाम को 5,400 रुपये से घटाकर 3,500 रुपये से भी कम कर दिया है। इससे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कोविड- 19 के खिलाफ लड़ाई को समर्थन मिलेगा।’’ इस बीच महाराष्ट्र के एक राज्य मंत्री ने शुक्रवार को आशंका जताई कि राज्य को 12,000 से 15,000 रेम्डेसिविर इंजेक्शन की कमी का सामना करना पड़ सकता है।रेमडेसिविर का उत्पादन 28 लाख शीशी प्रति माह से बढ़कर 41 लाख प्रति माह हो गया है- गौड़ाकेंद्रीय रासायनिक और उर्वरक मंत्री सदानंद गौड़ा ने कहा कि सरकार रेमडेसिविर की उत्पादन बढ़ाने के लिए हरसंभव कदम उठा रही है। गौड़ा ने आज रेमडेसिविर की उपलब्धता से संबंधित मुद्दों पर केंद्रीय रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख मंडाविया, औषध सचिव, अध्यक्ष राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण और ड्रग्स कंट्रोलर जनरल के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि रेमडेसिविर का उत्पादन 28 लाख शीशी प्रति माह से बढ़कर 41 लाख प्रति माह हो गया है। उन्होंने बताया कि पिछले पांच दिनों के दौरान छह लाख 69 हजार रेमडेसिविर विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उपलब्ध कराई गई है। उन्होंने कहा कि सरकार के हस्तक्षेप पर, रेमेडेसिविर के निर्माताओं ने स्वेच्छा से इसका अधिकतम खुदरा मूल्य पांच हजार 400 रुपये से घटाकर तीन हजार 500 रुपये से भी कम कर दिया है।बता दें कि, पूरे देश में कोरोनो वायरस के बढ़ते मामलों के साथ अस्पताल के बेड, ऑक्सीजन सिलेंडर, प्लाज्मा डोनर और रेमेडिसविर इंजेक्शन की सख्त जरूरत पड़ रही है। गंभीर संक्रमण वाले लोगों को रेमेडिसविर इंजेक्शन दिए जा रहे हैं। कोरोना वायरस का संक्रमण देश में काफी तेजी से फैल रहा है। कोरोना के बढ़ते मरीजों के कारण ना केवल अस्पतालों में बेड की कमी हो गई है बल्कि इसके इलाज में इस्तेमाल होने वाली रेमडेसिवीर दवा और एंटी वायरल इंजेक्शन की किल्लत भी खबरें सामने आ रही हैं। NITI Aayog के सदस्य वीके पॉल ने एक बयान में कहा, रेमेडिसविर का इस्तेमाल केवल उन लोगों पर किया जाना है, जिन्हें अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत है और वे ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं। घर की सेटिंग और हल्के मामलों में इसके इस्तेमाल का कोई सवाल ही नहीं है। जानिए भारत में रेमेडिसविर कौन-कौन कंपनी बना रही हैदवा रेगुलेटर राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) ने रेमडेसिवीर (Remdesivir) दवा को तैयार करने वाली कंपनियों की डिटेल साझा की है। NPPA ने रेमडेसिवीर (Remdesivir) दवा बनाने वाली कंपनी की वेबसाइट, ई-मेल आईडी और 24*7 हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। रेमडेसिविर के लिए यहां करें शिकायतटोल फ्री नंबर- 1800 111 255ई-मेल: monitoring-nppa@gov.inवेबसाइट- nppaindia@nic.inनई दिल्ली। देश में कोरोना की दूसरी लहर के बीच रसायन एवं उर्वरक मंत्री डी वी सदानंद गौड़ा ने शुक्रवार को कोरोना उपचार में इस्तेमाल होने वाली रेमडेसिवीर (Remdesivir) दवा को लेकर बड़ी खुशखबरी दी है। सरकार कोविड-19 के इलाज में काम आने वाले रेम्डेसिविर (Remdesivir) इंजेक्शन का उत्पादन बढ़ाने के लिये सभी कदम उठा रही है ताकि देश में इसकी उपलब्धता को बढ़ाया जा सके। डी वी सदानंद गौडा ने शुक्रवार को कहा कि पिछले पांच दिन के भीतर विभिन्न राज्यों को कुल मिलाकर 6.69 लाख रेम्डेसिविर इंजेक्शन की शीशियां उपलब्ध कराई गई हैं।गौडा ने ट्वीट कर कहा, ‘‘सरकार रेम्डेसिविर की उत्पादन सुविधाओं का विस्तार करने और उनकी क्षमता और उपलब्धता बढ़ाने के हर जरूरी कदम उठा रही है।’’ गौड़ा ने बताया कि सरकार के हस्तक्षेप के बाद रेमडेसिवीर के प्रमुख विनिर्माताओं ने स्वेच्छा से दवा के दाम प्रति शीशी 5,400 रुपये से घटाकर 3,500 रुपये से भी कम कर दिए हैं। साथ ही सरकार देश में रेमडेसिवीर का उत्पादन बढ़ाने के लिये सभी कदम उठा रही है। एक अन्य ट्वीट में गौड़ा ने कहा, ‘‘सरकार के हस्तक्षेप के बाद रेम्डेसिविर के प्रमुख विनिर्माताओं ने स्वेच्छा से 15 अप्रैल 2021 से इसके दाम को 5,400 रुपये से घटाकर 3,500 रुपये से भी कम कर दिया है। इससे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कोविड- 19 के खिलाफ लड़ाई को समर्थन मिलेगा।’’ इस बीच महाराष्ट्र के एक राज्य मंत्री ने शुक्रवार को आशंका जताई कि राज्य को 12,000 से 15,000 रेम्डेसिविर इंजेक्शन की कमी का सामना करना पड़ सकता है।रेमडेसिविर का उत्पादन 28 लाख शीशी प्रति माह से बढ़कर 41 लाख प्रति माह हो गया है- गौड़ाकेंद्रीय रासायनिक और उर्वरक मंत्री सदानंद गौड़ा ने कहा कि सरकार रेमडेसिविर की उत्पादन बढ़ाने के लिए हरसंभव कदम उठा रही है। गौड़ा ने आज रेमडेसिविर की उपलब्धता से संबंधित मुद्दों पर केंद्रीय रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख मंडाविया, औषध सचिव, अध्यक्ष राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण और ड्रग्स कंट्रोलर जनरल के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि रेमडेसिविर का उत्पादन 28 लाख शीशी प्रति माह से बढ़कर 41 लाख प्रति माह हो गया है। उन्होंने बताया कि पिछले पांच दिनों के दौरान छह लाख 69 हजार रेमडेसिविर विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उपलब्ध कराई गई है। उन्होंने कहा कि सरकार के हस्तक्षेप पर, रेमेडेसिविर के निर्माताओं ने स्वेच्छा से इसका अधिकतम खुदरा मूल्य पांच हजार 400 रुपये से घटाकर तीन हजार 500 रुपये से भी कम कर दिया है।बता दें कि, पूरे देश में कोरोनो वायरस के बढ़ते मामलों के साथ अस्पताल के बेड, ऑक्सीजन सिलेंडर, प्लाज्मा डोनर और रेमेडिसविर इंजेक्शन की सख्त जरूरत पड़ रही है। गंभीर संक्रमण वाले लोगों को रेमेडिसविर इंजेक्शन दिए जा रहे हैं। कोरोना वायरस का संक्रमण देश में काफी तेजी से फैल रहा है। कोरोना के बढ़ते मरीजों के कारण ना केवल अस्पतालों में बेड की कमी हो गई है बल्कि इसके इलाज में इस्तेमाल होने वाली रेमडेसिवीर दवा और एंटी वायरल इंजेक्शन की किल्लत भी खबरें सामने आ रही हैं। NITI Aayog के सदस्य वीके पॉल ने एक बयान में कहा, रेमेडिसविर का इस्तेमाल केवल उन लोगों पर किया जाना है, जिन्हें अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत है और वे ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं। घर की सेटिंग और हल्के मामलों में इसके इस्तेमाल का कोई सवाल ही नहीं है। जानिए भारत में रेमेडिसविर कौन-कौन कंपनी बना रही हैदवा रेगुलेटर राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) ने रेमडेसिवीर (Remdesivir) दवा को तैयार करने वाली कंपनियों की डिटेल साझा की है। NPPA ने रेमडेसिवीर (Remdesivir) दवा बनाने वाली कंपनी की वेबसाइट, ई-मेल आईडी और 24*7 हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। रेमडेसिविर के लिए यहां करें शिकायतटोल फ्री नंबर- 1800 111 255Image Source : INDIA TVhow to get remdesivir drugजानिए रेमडेसिविर के बारे मेंरेमडेसिविर एक एंटी वायरल दवा है। इसका डेवलपमेंट हेपटाइटिस सी के इलाज के लिए हुआ था। लेकिन, बाद में इबोला वायरस के इलाज में इसका उपयोग किया गया। कोरोना वायरस के इलाज में प्रयुक्त शुरुआती दवाओं में रेमडेसिविर भी शामिल थी। जिसकी वजह से यह दवा मीडिया की सुर्खियों में रही है। हालांकि 20 नवंबर 2020 को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा था कि कोरोना मरीजों के इलाज में डॉक्टरों को रेमडेसिविर के इस्तेमाल से बचना चाहिए। डब्ल्यूएचओ (WHO) के दावों के उलट दवा बनाने कंपनी ने रेमडेसिविर के पक्ष में दलील देते हुए कहा कि दवा कोरोना के इलाज में कारगर हैं।
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पीएम मोदी 4 जनवरी को राष्‍ट्रीय माप पद्धति सम्‍मेलन में देंगे उद्घाटन भाषण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 4 जनवरी (सोमवार) को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राष्ट्रीय माप पद्धति सम्‍मेलन (National Metrology Conclave) में उद्घाटन भाषण देंगे।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 4 जनवरी (सोमवार) को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राष्ट्रीय माप पद्धति सम्‍मेलन (National Metrology Conclave) में उद्घाटन भाषण देंगे। वह ‘नेशनल एटॉमिक टाइमस्‍केल’ और ‘भारतीय निर्देशक द्रव्य’ राष्ट्र को समर्पित करेंगे और राष्ट्रीय पर्यावरण संबंधी मानक प्रयोगशाला (नेशनल एनवायरमेंटल स्टैंडर्ड लैबोरेट्री) की आधारशिला भी रखेंगे। इस अवसर पर केन्‍द्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन भी उपस्थित रहेंगे।नेशनल एटॉमिक टाइमस्‍केल भारतीय मानक समय 2.8 नैनो सेकंड की सटीकता के साथ भारतीय मानक समय बताता है। भारतीय निर्देशक द्रव्‍य अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए प्रयोगशालाओं में जांच और मापांकन में सहयोग कर रहा है। राष्ट्रीय पर्यावरण संबंधी मानक प्रयोगशाला, परिवेशी वायु और औद्योगिक उत्सर्जन निगरानी उपकरणों के प्रमाणीकरण में आत्मनिर्भरता में सहायता करेगी।नेशनल माप पद्धति सम्‍मेलन 2021 का आयोजन वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला (सीएसआईआर-एनपीएल), नई दिल्ली द्वारा किया जा रहा है। जो अपनी स्थापना के 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। सम्‍मेलन का विषय ‘मेट्रोलॉजी फॉर द इन्‍क्‍लूसिव ग्रोथ ऑफ द नेशन' है।
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Coronavirus से भी बड़ा है यह खतरा, वैज्ञानिकों ने कहा-Covid-19 को बनाएगा और घातक
दिल्ली समेत उत्तर भारत के अधिकतर हिस्सों में धुंध छाने और हवा की गुणवत्ता में तेजी से गिरावट आने के बीच वैज्ञानिकों ने आगाह किया है कि वायु प्रदूषण और कोविड-19 के मामलों के बीच कोई संबंध पूरी तरह भले ही साबित नहीं हो पाया है लेकिन लंबे समय तक प्रदूषण से फेफड़े के संक्रमण का खतरा बना रहेगा।
नयी दिल्ली: दिल्ली समेत उत्तर भारत के अधिकतर हिस्सों में धुंध छाने और हवा की गुणवत्ता में तेजी से गिरावट आने के बीच वैज्ञानिकों ने आगाह किया है कि वायु प्रदूषण और कोविड-19 के मामलों के बीच कोई संबंध पूरी तरह भले ही साबित नहीं हो पाया है लेकिन लंबे समय तक प्रदूषण से फेफड़े के संक्रमण का खतरा बना रहेगा। वायु प्रदूषण के उच्च स्तर और कोविड-19 के मामलों में वृद्धि तथा मौत के मामलों के बीच संभावित जुड़ाव का उल्लेख करने वाले वैश्विक अध्ययनों के बीच वैज्ञानिकों ने यह चिंता व्यक्त की है। अमेरिका में हार्वर्ड विश्वविद्यालय के अध्ययनकर्ताओं द्वारा सितंबर में किए गए एक अध्ययन में यह पता चला कि पीएम 2.5 में प्रति घन मीटर केवल एक माइक्रोग्राम वृद्धि का संबंध कोविड-19 से मृत्यु दर में आठ प्रतिशत बढ़ोतरी से है।हार्वर्ड के अध्ययन में लेखक रहे जियाओ वू ने बताया, ‘‘मौजूदा सीमित रिपोर्ट के मद्देनजर दिल्ली में पीएम 2.5 स्तर में बढ़ोतरी का संबंध कोविड-19 के मामलों से हो सकता है। हालांकि अभी यह ठोस रिपोर्ट नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि लंबे समय तक हवा के प्रदूषित रहने और कोविड-19 मामलों के बीच संबंध को कई अध्ययनों में शामिल किया गया है। यह दिखाता है कि वायु प्रदूषण का स्वास्थ्य पर बुरा असर एक बार कोविड-19 से संक्रमित होने के खतरे को और बढ़ा देता है।कैंब्रिज विश्वविद्यालय में अप्रैल में एक और अध्ययन में इंग्लैंड के ज्यादा प्रदूषण वाले एक इलाके में रहने वाले लोगों और कोविड-19 के गंभीर असर के बीच जुड़ाव पाया गया। कैंब्रिज के अध्ययन में लेखक रहे मार्को त्रावाग्लिओ ने कहा, ‘‘हमारे अध्ययन के आधार पर मुझे सर्दियों में भारत में वायु प्रदूषण के उच्च स्तर और कोविड-19 के बीच जुड़ाव का अंदाजा है जैसा कि इंग्लैंड में किए गए अध्ययन में हमने पाया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर प्रदूषण का स्तर कई महीनों तक उच्च स्तर पर बना रहा तो नवंबर और उसके बाद भारत के विभिन्न भागों में उसके और कोविड-19 के मामलों में जुड़ाव की आशंका है।’’पराली जलाने, त्योहार के दौरान आतिशबाजी और हवा की रफ्तार आदि कई कारणों से नवंबर से फरवरी के दौरान उत्तर भारत में हवा की गुणवत्ता खराब होने की आशंका है। त्रावाग्लिओ ने कहा, ‘‘इन तथ्यों के मद्देनजर दिल्ली में पीएम 2.5 के उच्च स्तर से कोविड-19 के ज्यादा मामले हो सकते है।’’ तमिलनाडु में क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज में फेफड़ा रोग विभाग के प्रमुख डॉ जे क्रिस्टोफर ने कहा कि कोविड-19 के मामले में मरीजों की स्थिति गंभीर होने पर अस्पतालों में ज्यादा आईसीयू की जरूरत होगी और इससे स्वास्थ्य तंत्र पर बोझ बढ़ेगा। उन्होंने कहा, ‘‘फेफड़ा शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है और प्रदूषण का सबसे पहला असर इसी पर देखने को मिलता है। प्रदूषण से फेफड़े पर असर पड़ता है और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।’’ भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-बंबई में एसोसिएट प्रोफेसर रजनीश भारद्वाज ने कहा कि लगातार ऐसे वैज्ञानिक प्रमाण आ रहे हैं कि संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से कण दूर तक जा सकते हैं। प्रदूषण की वजह से ये अतिसूक्ष्मण कण आगे जा सकते हैं और संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।
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अमित शाह ने एक तीर से किए 3 शिकार, ओवैसी-TRS और रोहिंग्या मुसलमानों पर जमकर बरसे
शाह ने रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर कहा कि रोहिंग्या मुसलमानों पर जब वह कार्रवाई करते हैं तो ये लोग (विपक्षी दल) हायतौबा करते हैं। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल एक बार लिखकर दें कि बांग्लादेशी और रोहिंग्या को निकाल दें, फिर मैं कुछ करता हूं।
हैदराबाद। हैदराबाद निकाय चुनाव 2020 में बीजेपी नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पहुंचकर चुनावी माहौल को गरमा दिया है। अमित शाह ने हैदरबाद नगर निगम चुनाव (GHMC) के लिए प्रचार के आखिरी दिन रविवार को सिकंदराबाद में रोड शो किया। तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद रोड शो के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए अमित शाह ने कहा कि बीजेपी हैदराबाद निकाय चुनाव में बहुमत हासिल करेगी। अमित शाह ने कहा कि मैं बीजेपी को अपार समर्थन दिखाने के लिए हैदराबाद के लोगों को धन्यवाद देना चाहता हूं। शाह ने कहा कि रोड शो को देखकर मुझे भरोसा है कि भाजपा अबकी बार सीट बढ़ाने के लिए, संगठन बढ़ाने के लिए नहीं लड़ रही है, इस बार चुनाव के बाद हैदराबाद में मेयर भारतीय जनता पार्टी का होगा, हैदराबाद की जनता ने यह स्पष्ट कर दिया है। उन्होंने कहा कि हैदराबाद का अगला मेयर बीजेपी से ही होगा। कार्रवाई करता हूं तो यही लोग चिल्लाने लगते हैं...रोहिंग्या मामले पर ओवैसी के आरोपों पर बोलते हुए भाजपा नेता अमित शाह ने कहा कि ...जब मैं कार्रवाई करता हूं तो यही लोग चिल्लाने लगते हैं। सिर्फ चुनाव के दौरान बोलने से काम थोड़ी होता है। अमित शाह ने रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर कहा कि रोहिंग्या मुसलमानों पर जब वह कार्रवाई करते हैं तो ये लोग (विपक्षी दल) हायतौबा करते हैं। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल एक बार लिखकर दें कि बांग्लादेशी और रोहिंग्या को निकाल दें, फिर मैं कुछ करता हूं।शाह ने टीआरएस और मजलिस पर इस दौरान जमकर निशाना साधा। शाह ने कहा कि टीआरएस और मजलिस के बीच गुप्त समझौता है लेकिन मुझे समझौते से दिक्कत नहीं है। दिक्कत है कि वे यह छिपकर क्यों करते हैं। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल के कारण हैदराबाद और आसपास के इलाके भारत के साथ जुड़े लेकिन जिन्होंने उस दौरान पाकिस्तान जाने की मुहिम चलाई थी ऐसी निजाम संस्कृति से हम हैदराबाद को निजात दिलाना चाहते हैं।जब हैदराबाद डूबा था, तब ओवैसी कहां थे?- शाहभाजपा नेता अमित शाह ने कहा कि हैदराबाद के अंदर विश्व भर के आईटी हब बनने की तमाम संभावनाएं हैं परन्तु आईटी हब तक बनता है जब इसके अनुरूप इंफ्रास्ट्रक्चर यहां पर बने। शहर का इंफ्रास्ट्रक्टर बनाने की ज़िम्मेदारी म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के हाथ में होती है। बीजेपी नेता अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि इस बार हैदराबाद में BJP का मेयर होगा। उन्होंने असदउद्दीन ओवैसी पर निशाना साधते हुए कहा कि जबह हैदराबाद पानी में डूबा था तो ओवैसी कहां थे? बारिश में शहर में पानी भरने से करीब 60 लाख लोग परेशान हुए। मजलिस के इशारों पर अवैध निर्माण होता है, इससे पानी की निकासी रुकती है।टीआरएस हैदराबाद के विकास में सबसे बड़ा रोड़ा- शाहशाह ने राजनीतिक पार्टियों में परिवारवाद पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि वह हैदराबाद को नवाब-निजाम कल्चर से मुक्त कराते हुए इसे आधुनिक शहर बनाना चाहते हैं। हैदराबाद को डाइनेस्टी से डेमोक्रेसी की ओर ले जाना चाहते हैं। भ्रष्टाचार से पारदर्शिता की ओर ले जाना चाहते हैं। तुष्टिकरण से विकास की ओर ले जाना चाहते हैं। अमित शाह ने कहा कि टीआरएस हैदराबाद के विकास में सबसे बड़ा रोड़ा है। उन्होंने वादा किया कि बीजेपी अगर आई तो सारे अवैध निर्माण ध्वस्त होंगे। शाह ने कहा कि हम जो वादा करते हैं वो पूरा करते हैं।गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पीएम मोदी ने 'वर्क फ्रॉम होम' का रास्ता खोल दिया है। हैदराबाद में काम करने वाले आईटी पेशेवरों को इस कदम से सबसे अधिक फायदा होने वाला है। अमित शाह ने टीआरएस और असुद्दीन ओवैसी पर निशाना साधते हुए कहा कि केसीआर और मजलिस ने 100 दिन की योजना का वादा किया था, इसका हिसाब हैदराबाद की जनता मांगती है। 5 साल में कुछ भी किया हो तो यहां की जनता के सामने रखिए. सिटिजन चार्टर का वादा किया था, उसका क्या हुआ? अमित शाह ने कहा कि हम हैदराबाद को नवाब, निज़ाम संस्कृति से मुक्त करने और यहां एक मिनी-इंडिया बनाने जा रहे हैं। शाह ने श्री भाग्यलक्ष्मी मंदिर में की पूजा-अर्चनाबता दें कि, अमित शाह रविवार को हैदराबाद निकाय चुनाव 2020 को लेकर हैदराबाद के सिकंदराबाद पहुंचे जहां उन्होंने अपना रोड शो किया। इससे पहले उन्होंने श्री भाग्यलक्ष्मी मंदिर में पूजा अर्चना की। गृह मंत्री अमित शाह ने हैदराबाद के श्री भाग्यलक्ष्मी मंदिर में पूजा अर्चना की। ये मंदिर चारमीनार से सटा हुआ है। यहां दूर-दूर से लोग दर्शन के लिए आते हैं। बता दें कि हैदराबाद निकाय के 150 सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए 1 दिसंबर को मतदान होंगे, जबकि मतगणना 4 दिसंबर को होगी।अमित शाह ने हैदरबाद नगर निगम चुनाव (GHMC) के लिए प्रचार के आखिरी दिन सिकंदराबाद में रोड शो किया। इसे देखते हुए बीजेपी ने टीआरएस से नगर पालिका की सत्ता हासिल करने के लिए वोटिंग से पहले बीते शुक्रवार को शहर भर में सक्रिय रूप से प्रचार किया था, जहां यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने रोड शो किया था। बता दें कि ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम देश के सबसे बड़े नगर निगमों में से एक है। यह नगर निगम चार जिलों को कवर करता है जिनमें हैदराबाद, रंगारेड्डी, मेडचल-मलकजगिरी और संगारेड्डी आते हैं। इस पूरे इलाके में 24 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं और तेलंगाना के 5 लोकससभा सीटें आती हैं। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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hindi_2022_11079
केरल चिड़ियाघर में बुरी तरह से घायल हुई थी बाम मछली, डॉक्टर्स ने ऑपरेशन कर बचाई जान
तिरुवनंतपुरम के चिड़ियाघर में एक मछली के हमले में बुरी तरह घायल हुई एक बाम मछली की ऑपरेशन के बाद जान बचाई गई। देश के किसी चिड़ियाघर में संभवत: ऐसा पहली बार हुआ है।
तिरुवनंतपुरम (केरल): तिरुवनंतपुरम के चिड़ियाघर में एक मछली के हमले में बुरी तरह घायल हुई एक बाम मछली की ऑपरेशन के बाद जान बचाई गई। देश के किसी चिड़ियाघर में संभवत: ऐसा पहली बार हुआ है। चिड़ियाघर के मछलीघर में 600 ग्राम वजनी मादा बाम मछली को दो अन्य बाम मछलियों के साथ रखा गया था। इस मछली को एक अन्य मछली ने हमला करके शनिवार शाम को बुरी तरह घायल कर दिया था।चिड़ियाघर के सूत्रों ने बताया कि मछली का पेट एवं मांस और उसके आंतरिक अंग बुरी तरह कटे हुए थे। चिड़ियाघर के पशु चिकित्सक जैकब अलेक्जेंडर ने मछली का तत्काल ऑपरेशन कराए जाने की सलाह दी। पशु चिकित्सकों टिट्टू अब्राहम और अमृता लक्ष्मी के यू ने इस ऑपरेशन में अलेक्जेंडर की मदद की। बाम मछली के शरीर में 30 टांके लगाए गए हैं और उसे अलग टैंक में रखा गया है।चिड़ियाघर के प्राधिकारियों ने बताया कि ऑपरेशन सफल रहा और मछली का स्वास्थ्य सही है, लेकिन ऑपरेशन के बाद के 48 घंटे बहुत नाजुक थे।
hindi_2022_11080
UP Corona UPdate: उत्तर प्रदेश में कोरोना से 303 और मरीजों की मौत, 30,317 नए मामले आए
उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 303 और मरीजों की मौत हो गई जबकि 30,317 नये मामले सामने आये।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 303 और मरीजों की मौत हो गई जबकि 30,317 नये मामले सामने आये। अपर मुख्‍य सचिव स्‍वास्‍थ्‍य अमित मोहन प्रसाद ने शनिवार को पत्रकारों को बताया कि राज्य में पिछले 24 घंटे में 303 और मरीजों की मौत हो गई है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में संक्रमण दर में पिछले दिनों की अपेक्षा कमी आई है और पिछले 24 घंटे में जितने नये मरीज मिले हैं उससे अधिक उपचार के बाद स्वस्थ होकर घर लौटे हैं।प्रसाद ने कहा , ‘‘पिछले 24 घंटे में 30,317 नये मामले सामने आये हैं जबकि इसी अवधि में स्वस्थ होकर घर जाने वाले मरीजों की संख्या 38,826 है, अर्थात जितने और लोग संक्रमित हुए हैं उससे लगभग साढ़े आठ हजार अधिक लोग आज स्वस्थ हुए हैं।' उन्होंने बताया कि अब तक 9,67,797 व्‍यक्ति स्वस्थ हो चुके हैं।अपर मुख्‍य सचिव के मुताबिक इस समय राज्य में उपचाररत मरीजों की संख्या घटकर 3,01,833 रह गई है जिनमें 2,47, 257 पृथकवास में अपना उपचार करा रहे हैं। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को 2.66 लाख से ज्यादा नमूनों की जांच की गई जबकि अब तक 4.10 करोड़ से ज्यादा नमूनों का परीक्षण किया जा चुका है। हम ऑक्सीजन प्लांट लगाना चाहते लेकिन प्रशासन अनुमति नहीं दे रहा: धर्मेंद्र यादव बदायूं के पूर्व सांसद और समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता धर्मेंद्र यादव ने दावा किया है कि उन्‍होंने जिले के राजकीय मेडिकल कालेज में ऑक्सीजन संयंत्र लगाने की अनुमति मांगी है लेकिन जिला प्रशासन ने अभी तक अनुमति नहीं दी है। यादव ने बताया कि ऑक्सीजन की कमी से लगातार मौतें हो रही है जो काफी दुखद है। उन्होंने दावा किया कि वह जिले के राजकीय मेडिकल कालेज में स्वयं के संसाधनों से एक ऑक्सीजन संयंत्र लगवाना चाहते हैं जिसको लेकर उन्होंने प्रशासन से अनुमति मांगी है लेकिन प्रशासन उनको अनुमति नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा कि अगर इस संकटकाल में अनुमति मिल जाती है तो ऑक्सीजन की कमी से जिले में किसी की मौत नहीं होगी।पूर्व सासंद का कहना था कि इस समय राजनीति से ऊपर उठकर उनको संयंत्र लगवाने की अनुमति मिलनी चाहिए ताकि जिले के लोगों को उसका लाभ मिल सके, इसके लिए जितना भी खर्चा आएगा उसके पैसे की व्यवस्था कर ली गई है। इस मामले पर बदायूं की जिलाधिकारी दीपा रंजन ने संपर्क करने पर कहा कि पूर्व सांसद से राजकीय मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन संयंत्र लगाने हेतु तो वार्ता हुई है किंतु उन्होंने अभी लिखित रूप में कुछ भी नहीं दिया है।जिलाधिकारी ने कहा कि यदि वह लिखित रूप में देते हैं और यह उल्लेख करते हैं कि राजकीय मेडिकल कॉलेज में अपने निजी खर्चे से ऑक्सीजन संयंत्र लगाएंगे अथवा राज्यसभा सदस्य या विधान परिषद सदस्य की निधि से लगाया जाएगा तो यह स्पष्ट होने के बाद ही इस पर विचार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यदि यादव किसी निधि से पैसा एकत्रित करके देते हैं तो उसकी निविदा कराई जाएगी और यदि निजी खर्चे से ऑक्सीजन प्लांट लगवाना चाहते हैं तो उसके लिए उनके स्तर से शासन से अनुमति ले ली जाएगी। जिलाधिकारी ने कहा कि यदि यादव बदायूं राजकीय मेडिकल कालेज में ऑक्सीजन प्लांट लगवाना चाहते हैं तो लिखित में अपना पत्र दे सकते हैं।
hindi_2022_11081
नोएडा: कंटेनमेंट जोन में नहीं रोकी जाएगी लोगों की मूवमेंट, जिला प्रशासन ने दी जानकारी
नोएडा प्रशासन ने लोगों ने निवेदन किया कि वो कोरोना के प्रसार पर रोक लगाने के लिए एहतियात बरतें औऱ कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें। जिला प्रशासन के आर्डर के अनुसार, इलाके में एक से ज्यादा कोरोना मामला मिलने पर कंटेनमेंट जोन का एरिया 50 मीटर से ज्यादा किया जा सकता है।
नोएडा. कोरोना एकबार फिर से रफ्तार पकड़ चुका है। दिल्ली से यूपी के नोएडा में भी ये महामारी एकबार फिर फैल रही है। कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए गौतमबुद्धनगर जिला प्रशासन की तरफ से कई कदम उठाए गए हैं। जिला प्रशासन के एक आदेश के अनुसार, जिले में जहां भी कोरोना का मामला मिलेगा, वहां पर 25 मीटर रेडियस वाले इलाके को कंटेनमेंट जोन माना जाएगा। हालांकि यह भी कहा कि इस इलाके को न तो सील किया जाएगा और न ही लोगों की मूवमेंट पर कोई रोक लगाई जाएगी।नोएडा प्रशासन ने लोगों ने निवेदन किया कि वो कोरोना के प्रसार पर रोक लगाने के लिए एहतियात बरतें औऱ कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें। जिला प्रशासन के आर्डर के अनुसार, इलाके में एक से ज्यादा कोरोना मामला मिलने पर कंटेनमेंट जोन का एरिया 50 मीटर से ज्यादा किया जा सकता है। मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में अगर कोरोना का एक केस मिलता है तो संबंधित फ्लोर को कंटेनमेंट जोन माना जाएगा और अगर दो या ज्यादा मामले मिलते हैं तो पूरी बिल्डिंग या टावर को कंटनमेंट जोन घोषित किया जा सकता है।सरकार के ऑर्डर के अनुसार, इस भी इलाके से कंटेनमेंट जोन का टैग 14 दिन बाद ही वापस लिया जाएगा अगर वहां पर कोई नया मामला सामने नहीं आता है। नोएडा के डीएम सुहास एलवाई ने स्पष्ट किया कि "मेडिकल सर्विलांस एक्टिविटी" के उद्देश्यों के लिए containment ज़ोन को फिर से परिभाषित (विस्तृत परिधि के साथ) किया गया है। उन्होंने कहा कि उन इलाकों में मेडिकल टीम कोरोना मरीजों को ट्रैक करेगी और जिन्हें कोविड के लक्षण होंगे उनके टेस्ट किए जाएंगे और पॉजिटिव पाए जाने पर उन्हें आइसोलेट किया जाएगा ताकि इंफेक्शन की चेन तोड़ी जा सके।
hindi_2022_11082
महाराष्ट्र के मंत्री धनंजय मुंडे ने कंगना रनौत पर साधा निशाना
रनौत ने बृहस्पतिवार को शिवसेना सांसद संजय राउत पर आरोप लगाया था कि राउत उन्हें मुंबई न आने की खुले आम धमकी दे रहे हैं। रनौत ने ट्वीट किया था, “मुंबई पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर जैसा क्यों लग रहा है।”
मुंबई. बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत द्वारा मुंबई को पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (पीओके) जैसा बताने वाले बयान पर महाराष्ट्र के मंत्री धनंजय मुंडे ने शुक्रवार को अभिनेत्री पर निशाना साधा और कहा कि कोई व्यक्ति ऐसा बयान तभी दे सकता है जब वह अपना “मानसिक संतुलन” खो चुका हो।रनौत ने बृहस्पतिवार को शिवसेना सांसद संजय राउत पर आरोप लगाया था कि राउत उन्हें मुंबई न आने की खुले आम धमकी दे रहे हैं। रनौत ने ट्वीट किया था, “मुंबई पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर जैसा क्यों लग रहा है।”मुंडे ने ट्वीट किया, “कुछ लोगों को आभार जताने में समस्या होती है। मुंबई में हजारों लोग आजीविका कमाते हैं जिनमें आप भी शामिल हैं। आपने यहां नाम, प्रसिद्धि और सब कुछ कमाया।”इस बीच राज ठाकरे नीत महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) की फिल्म इकाई ने शुक्रवार को कहा कि कंगना रनौत पर देशद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए। मनसे फिल्म कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अमेय खोपकर ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि मुंबई पुलिस के बारे में रनौत द्वारा की गई टिप्पणी सहन नहीं की जाएगी।
hindi_2022_11083
भिन्न कोविड टीके की दूसरी खुराक लेने पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं होंगे, लेकिन जांच की जरूरत: सरकार
केंद्र सरकार ने गुरुवार को कहा कि अगर कोई व्यक्ति कोविड टीके की पहली खुराक किसी एक कंपनी की और दूसरी खुराक अन्य कंपनी के टीके की लगवाता है तो किसी भी महत्वपूर्ण प्रतिकूल प्रभाव की संभावना नहीं है लेकिन दृढ़ राय पर पहुंचने के लिए अधिक जांच और समझ की ज
नयी दिल्ली। केंद्र सरकार ने गुरुवार को कहा कि अगर कोई व्यक्ति कोविड टीके की पहली खुराक किसी एक कंपनी की और दूसरी खुराक अन्य कंपनी के टीके की लगवाता है तो किसी भी महत्वपूर्ण प्रतिकूल प्रभाव की संभावना नहीं है लेकिन दृढ़ राय पर पहुंचने के लिए अधिक जांच और समझ की जरूरत है।मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि किसी व्यक्ति को मौजूदा प्रोटोकॉल के तहत टीके की दोनों खुराकें एक ही वैक्सीन की लगानी चाहिए। उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले में स्वास्थ्य कर्मियों ने 20 ग्रामीणों को कोवैक्सी की दूसरी खुराक लगा दी थी जबकि उन्हें कोविशील्ड की पहली खुराक दी गई थी।नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पॉल ने कहा कि घटना की जांच की जाने की जरूरत है। उन्होंने पत्रकार वार्ता में कहा, “यदि किसी को भिन्न कोविड-19 टीके की दूसरी खुराक दी जाती है तो किसी महत्वपूर्ण प्रतिकूल प्रभाव की संभावना नहीं है। असल में यह फैलाया जा रहा है कि दो भिन्न टीकों की खुराकें लेने से मजबूत प्रतिरोधक क्षमता मिल सकती है, लेकिन दृढ़ राय के लिए अधिक जांच और समझ की जरूरत है। ”उत्तर प्रदेश की घटना पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा, “ भले ही यह हो गया है लेकिन व्यक्ति को चिंता नहीं करनी चाहिए। मैं सभी स्वास्थ्य कर्मियों से आग्रह करता हूं कि दोनों खुराकें एक ही टीके की दें।” घटना बरहनी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की है जहां औदाही कला और अन्य गांव के लोगों को 14 मई को कोवैक्सीन की खुराक दी गई। नयी दिल्ली। केंद्र सरकार ने गुरुवार को कहा कि अगर कोई व्यक्ति कोविड टीके की पहली खुराक किसी एक कंपनी की और दूसरी खुराक अन्य कंपनी के टीके की लगवाता है तो किसी भी महत्वपूर्ण प्रतिकूल प्रभाव की संभावना नहीं है लेकिन दृढ़ राय पर पहुंचने के लिए अधिक जांच और समझ की जरूरत है।मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि किसी व्यक्ति को मौजूदा प्रोटोकॉल के तहत टीके की दोनों खुराकें एक ही वैक्सीन की लगानी चाहिए। उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले में स्वास्थ्य कर्मियों ने 20 ग्रामीणों को कोवैक्सी की दूसरी खुराक लगा दी थी जबकि उन्हें कोविशील्ड की पहली खुराक दी गई थी।नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पॉल ने कहा कि घटना की जांच की जाने की जरूरत है। उन्होंने पत्रकार वार्ता में कहा, “यदि किसी को भिन्न कोविड-19 टीके की दूसरी खुराक दी जाती है तो किसी महत्वपूर्ण प्रतिकूल प्रभाव की संभावना नहीं है। असल में यह फैलाया जा रहा है कि दो भिन्न टीकों की खुराकें लेने से मजबूत प्रतिरोधक क्षमता मिल सकती है, लेकिन दृढ़ राय के लिए अधिक जांच और समझ की जरूरत है। ”उत्तर प्रदेश की घटना पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा, “ भले ही यह हो गया है लेकिन व्यक्ति को चिंता नहीं करनी चाहिए। मैं सभी स्वास्थ्य कर्मियों से आग्रह करता हूं कि दोनों खुराकें एक ही टीके की दें।” घटना बरहनी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की है जहां औदाही कला और अन्य गांव के लोगों को 14 मई को कोवैक्सीन की खुराक दी गई।
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पिछले 10 सालों से UPA नहीं है, कांग्रेस 150 सांसदों से 50 पर आ गई: तृणमूल
ओ ब्रायन ने कहा, यदि आप संप्रग के इतिहास पर गौर करें तो पाएंगे कि 13 मई 2004 को चुनाव के नतीजे आए थे।
नयी दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी के बयान का बचाव करते हुए गुरुवार को कहा कि पिछले 10 वर्षों से संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) नहीं है। ममता ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार से बुधवार को मुंबई में मुलाकात की थी और कांग्रेस नेतृत्व पर परोक्ष रूप से तंज कसते हुए केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) से एकजुट होकर लड़ने की अपील की थी। यह पूछे जाने पर कि क्या वह चाहती हैं कि पवार कांग्रेस नीत यूपीए के अध्यक्ष हों, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा था, ‘अब कोई यूपीए नहीं है।’‘पिछले 10 वषों से यूपीए नहीं है’ओ ब्रायन ने कहा, ‘यह पूरी तरह से तथ्यात्मक है। हम यहां उस बात का बचाव करने के लिए नहीं आए हैं। यदि आप संप्रग के इतिहास पर गौर करें तो पाएंगे कि 13 मई 2004 को चुनाव के नतीजे आए थे। शासन के लिए 16 या 17 मई को संप्रग का गठन हुआ था। 22 मई को डॉक्टर मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। चुनाव बाद यूपीए का गठन करने का स्पष्ट उद्देश्य था और यह बेहतर शासन के लिए था। यह 2014 तक चला। हालांकि, न सिर्फ पिछले एक साल में बल्कि पिछले 10 वषों से यूपीए नहीं है।’‘कांग्रेस के उस वक्त करीब 150 सांसद थे’ओ ब्रायन ने कहा, ‘शासन कोई अन्य राजनीतिक दल कर रहा है। कल जो कुछ कहा गया था उसका यही मतलब है।’ उन्होंने कहा कि जहां तक देश के राजनीतिक माहौल की बात है, इन वर्षों में परिदृश्य बदल गया है। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस के उस वक्त करीब 150 सांसद थे अब 50 हैं। वाम मोर्चा के 62 सांसद थे, लेकिन अब 6 हैं।’ उन्होंने राज्यसभा से 12 सदस्यों को निलंबित किये जाने और मीडिया पर लगाये गये प्रतिबंधों को लेकर भी सरकार की आलोचना की और कहा, ‘बीजेपी नहीं चाहती है कि संसद चले। सरकार संसद के प्रति उत्तरदायी है और संसद जनता के प्रति उत्तरदायी है।’ /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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यूपी की राजनीति में तेज हुई हलचल, ओपी राजभर ने शिवपाल सिंह यादव से की मुलाकात
2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले उत्तर प्रदेश में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। गुरुवार को लखनऊ में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओपी राजभर ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव से मुलाकात की।
लखनऊ। 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले उत्तर प्रदेश में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (एआईएमआईएम) और आम आदमी पार्टी की एंट्री के बाद गुरुवार को लखनऊ में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओपी राजभर ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच करीब 1 घंटे तक मुलाकात चली। गौरतलब है कि ओवैसी के मिलने के बाद ओम प्रकाश राजभर के शिवपाल से मिलने के कई सियासी समीकरण निकाले जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि भागीदारी संकल मोर्चे में शिवपाल को हिस्सा बनाने के लिए ओमप्रकाश राजभर ने ये मुलाकात की है, पहले भी राजभर और शिवपाल कई बार मुलाकात कर चुके हैं। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव 21 दिसंबर को मेरठ के सिवाल खास विधानसभा क्षेत्र में रैली करेंगे। इसके बाद 23 दिसंबर को इटावा के हैवरा ब्लॉक में चौधरी चरण सिंह के जन्मदिवस पर एक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। इसके बाद 24 दिसंबर से गांव-गांव की पदयात्रा में शामिल होंगे, जो कि अगले छह महीने तक चलेगी। सीएम केजरीवाल भी यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में ठोकेंगे तालआम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी ऐलान किया है कि उनकी पार्टी 2022 में उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव लड़ेगी। केजरीवाल ने सवाल किया कि अगर दिल्ली में सुविधाएं तैयार की जा सकती हैं, तो यूपी में ऐसा क्यों नहीं हो सकता है। उधर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार में मिली सफलता के बाद अब उत्तर प्रदेश पर नजरें टिका दी हैं।ओवैसी यूपी में छोटे दलों के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ सकते हैंओवैसी ने यूपी में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारी शुरू कर दी हैं। इसी कड़ी में बीते बुधवार को उन्होंने सुहेलदेव राष्ट्रीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर से मुलाकात की। राजभर के साथ मुलाकात के बाद मीडियाकर्मियों से मुखातिब हुए। यूपी चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन के बारे में सवाल पर ओवैसी ने कहा, 'अभी हम दोनों आपके सामने बैठे हुए हैं। हम राजभर जी की लीडरशिप में साथ खड़े हैं और काम करेंगे।' ओवैसी यूपी में छोटे दलों के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ सकते हैं। राजभर के साथ मुलाकात से पहले प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव भी ओवैसी के साथ मिलकर लड़ने का संकेत दे चुके हैं। शिवपाल कह चुके हैं कि जितनी भी धर्मनिरपेक्ष पार्टियां हैं, हम उन सभी पार्टियों से बात करेंगे।
hindi_2022_11086
वैज्ञानिकों ने कहा- वायरस के बदलते स्वरूप, सुस्त टीकाकरण और लापरवाही के कारण तेजी से बढ़े कोविड-19 के मामले
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि संक्रमण के 1,45,384 नए मामले सामने आने के बाद देश में अब तक संक्रमण की चपेट में आए लोगों की संख्या बढ़कर 1,32,05,926 तक पहुंच गई।
नई दिल्ली: भारत में कोविड-19 के मामलों में बेहद तेज बढ़ोतरी क्यों हो रही है, इसका कोई सीधा जवाब नहीं है। हालांकि, शीर्ष वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना वायरस के बदलते स्वरूप, चुनाव एवं अन्य सार्वजनिक कार्यक्रमों के चलते बड़ी आबादी का संक्रमण के खतरे की जद में आना और सावधानी बरतने में लापरवाही मामलों में तेज वृद्धि के लिए खासतौर पर जिम्मेदार है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि संक्रमण के 1,45,384 नए मामले सामने आने के बाद देश में अब तक संक्रमण की चपेट में आए लोगों की संख्या बढ़कर 1,32,05,926 तक पहुंच गई।‘लोगों को नियमों का सख्ती से पालन करना चहिए’इस बीच, कुछ लोगों का कहना है कि यह संक्रमण की दूसरी लहर है जोकि पहली लहर के मुकाबले अधिक तेजी से बढ़ रही है। विषाणु वैज्ञानिक शाहिद जमील और टी जैकब जॉन का मानना है कि कोविड-19 संबंधी प्रोटोकॉल का पालन नहीं करना और सुस्त टीकाकरण अभियान तेजी से बढ़ते मामलों के लिए प्रमुख रूप से जिम्मेदार है। साथ ही लोगों को यह बताया जाना भी बेहद जरूरी है कि टीकाकरण के बावजूद उन्हें कोविड-19 बचाव संबंधी नियमों का सख्ती से पालन करना चाहिए। जमील का कहना है कि अगले कुछ महीनों में वायरस के स्वरूप और टीके की परस्पर क्रिया भारत और विश्व में कोविड का भविष्य तय करेगी।‘लोगों ने सावधानी बरतना कम कर दिया था’हरियाणा में अशोका विश्वविद्यालय के त्रिवेदी जीव विज्ञान संस्थान के निदेशक जमील ने कहा, 'मामलों में बढ़ोतरी की तीव्रता इस बात को दर्शाती है कि पहली लहर के बाद बड़ी संख्या में ऐसे लोग थे जिनके संक्रमण की चपेट में आने का जोखिम अधिक था।' जमील ने कहा, तथ्य यह है कि संक्रमण की पहली लहर के समाप्त होने के बाद लोगों ने सावधानी बरतना कम कर दिया और कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया जोकि निश्चित तौर पर मामलों में उछाल का एक कारण है। तमिलनाडु के क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज में विषाणु विज्ञान के प्रोफेसर टी जैकब जॉन ने कहा कि कोविड-19 बचाव नियमों का पालन नहीं किया जाना संक्रमण की नयी लहर की एक प्रमुख वजह में शुमार है।‘चुनाव की प्लानिंग सावधानी से करनी चाहिए थी’जॉन ने कहा, 'बचाव नियमों में कमी की शुरुआत केंद्र सरकार ने की, जिसका सभी राजनीतिक दलों, सभी धार्मिक समूहों और बड़े स्तर पर आम जनता ने अनुसरण किया। सभी कर्मचारियों का टीकाकरण किए बिना स्कूल और कॉलेज खोल दिए गए। यह भी दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार साबित हुआ। जहां भी संक्रमण के मामले बढ़ रहे थे, वहां सख्ती से नियम लागू किए जाने चाहिए थे। हालांकि, चुनाव के चलते कोई नेता ऐसा नहीं चाहता था। महामारी के दौरान चुनाव की योजना बेहद सावधानी से बनाई जानी चाहिए थी।' वैज्ञानिकों का यह भी मानना है कि वायरस का बदलता स्वरूप भी संक्रमण की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार है।
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विदेशों में कोरोना से 373 भारतीयों की हुई मौत, फंसे लोगों पर खर्च हुए 22.5 करोड़, केंद्र ने दी जानकारी
कोरोनाकाल में विदेशों में फंसे भारतीयों की मदद करने में जहां 22.5 करोड़ रुपये खर्च हुए, वहीं वायरस के कारण 373 नागरिकों की मौत भी हुई।
नई दिल्ली: कोरोनाकाल में विदेशों में फंसे भारतीयों की मदद करने में जहां 22.5 करोड़ रुपये खर्च हुए, वहीं वायरस के कारण 373 नागरिकों की मौत भी हुई। यह जानकारी केंद्र सरकार ने सोमवार को लोकसभा में दी। विदेश राज्यमंत्री वी. मुरलीधरन ने बताया कि 10 सितंबर, 2020 के आंकड़ों के मुताबिक, विदेश में कोरोना वायरस से संक्रमित भारतीयों की संख्या 11,616 है। इनमें से कोरोना के कारण 373 भारतीयों की जान गई।विदेश राज्यमंत्री ने बताया कि कोरोनाकाल में विदेशों में रहने वाले भारतीयों की दूतावासों ने भारतीय सामुदायिक संगठनों के माध्यम से मदद की। भोजन, आवास से लेकर आपातकालीन इलाज व्यवस्था भी उपलब्ध कराई गई। विदेशों में फंसे भारतीयों की सहायता के लिए भारतीय सामुदायिक कल्याण कोष से 22.5 करोड़ रुपये खर्च हुए।उन्होंने कुल 73 देशों में कोरोना संक्रमित भारतीयों का आंकड़ा बताते हुए कहा कि सऊदी अरब में सर्वाधिक 284 और बहरीन में 30 भारतीयों की मौत हुई। सिंगापुर में 10 सितंबर तक के आंकड़ों के मुताबिक, 4618 भारतीय संक्रमित हैं।मंत्री मुरलीधरन ने यह जवाब, केरल के आटिंगल लोकसभा सीट से कांग्रेस सांसद अदूर प्रकाश के सवाल पर दिया। सांसद अदूर ने पूछा था कि क्या सरकार के पास विदेशों में कोविड-19 से संक्रमित भारतीयों का आंकड़ा है? भारतीय मिशनों की ओर से किस प्रकार से सहायता पहुंचाई गई? जिस पर विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ने कुल 73 देशों में कोरोना संक्रमित भारतीयों का आंकड़ा उपलब्ध कराया।
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बरेली को 'झुमका' मिलने के बाद पीलीभीत को मिला 'बांसुरी चौक'
बरेली को अपना प्रसिद्ध 'झुमका' चौक मिलने के बाद, यह अब पीलीभीत है जिसे बांसुरी के निर्माण के साथ जिले के कनेक्शन को दर्शाने वाला अपना 'बांसुरी चौक' मिल गया है। बसंत पंचमी के अवसर पर मंगलवार को बांसुरी चौक जनता को समर्पित किया गया।
पीलीभीत (उत्तर प्रदेश): बरेली को अपना प्रसिद्ध 'झुमका' चौक मिलने के बाद, यह अब पीलीभीत है जिसे बांसुरी के निर्माण के साथ जिले के कनेक्शन को दर्शाने वाला अपना 'बांसुरी चौक' मिल गया है। बसंत पंचमी के अवसर पर मंगलवार को बांसुरी चौक जनता को समर्पित किया गया। चौक जो शहर में प्रवेश बिंदु को चिह्न्ति करता है, पहले असम चौक के रूप में जाना जाता था। यह शहर का एक प्रमुख 'सेल्फी पॉइंट' भी होगा जिसके बारे में कहा जाता है कि यहां भारत में बांसुरी का 90 प्रतिशत हिस्सा निर्मित होता है।पीलीभीत हस्तनिर्मित उत्तम-गुणवत्ता वाली बांस की बांसुरी के लिए प्रसिद्ध है, इन्हें मुख्य रूप से मुस्लिम कारीगरों द्वारा तैयार की जाती हैं। अमेरिका और यूरोपीय देशों सहित विदेशों में इसकी बहुत मांग है। एक 'बांसुरी चौक' विकसित करने का विचार पिछले साल तब आया था जब बरेली को उसका 'झुमका' चौक मिला जहां झुमके की एक बड़ी प्रतिकृति स्थापित की गई।राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक विशेष रूप से विकसित क्रॉसिंग पर एक विशाल 'झुमका' के अनावरण के बाद बरेली को जबरदस्त प्रचार मिला। सरकार के प्रवक्ता के अनुसार, भारतीय संगीत वाद्ययंत्र का निर्माण करने वाले 150 वर्षीय उद्योग को प्रदर्शित करने की परियोजना उत्तर प्रदेश सरकार के महत्वाकांक्षी 'एक जनपद-एक उत्पाद' (ओडीओपी) कार्यक्रम के तहत आई है, जिसका उद्देश्य राज्य के उत्पादों और शिल्प को प्रोत्साहित करना है। उन्होंने कहा, "लेकिन इससे पहले कि हम इसे दुनिया के सामने प्रदर्शित करें, हमें शिल्प और इसके शहर को अपने निवासियों के बीच लोकप्रिय बनाने की आवश्यकता है।"बांसुरी चौक, पीलीभीत शहर में ऐतिहासिक स्थल बनने के साथ ही इसके पारंपरिक बांसुरी उद्योग को भी बढ़ावा देगा।
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उत्तर प्रदेश के उन्नाव में पटाखों में विस्फोट से एक की मौत, एक जख्मी
शनिवार को पटाखे लेकर जा रहे भाई-बहन उस समय दुर्घटना का शिकार हो गये जब स्पीड ब्रेकर पर उनकी मोटरसाइकिल उछलने से पटाखों में विस्फोट हो गया।
उन्नाव। मौरावां थाना क्षेत्र के कुटीखेड़ा गांव के पास शनिवार को पटाखे लेकर जा रहे भाई-बहन उस समय दुर्घटना का शिकार हो गये जब स्पीड ब्रेकर पर उनकी मोटरसाइकिल उछलने से पटाखों में विस्फोट हो गया। पुलिस ने बताया कि हादसे में मोटरसाइकिल सवार भाई की मौत हो गई, जबकि पीछे बैठी उसकी बहन जख्मी हो गई। पुलिस सूत्रों ने बताया कि रायबरेली के थाना बछरावां के हरदोईया गांव का रहने वाला मुस्लिम (30) शनिवार सुबह मोटरसाइकिल पर अपनी बहन रोशनी (24) के साथ पटाखे लेकर जा रहा था। उन्होंने बताया कि कुटीखेड़ा गांव के पास स्पीड ब्रेकर पर मोटरसाइकिल उछलने से पटाखों के झोले में विस्फोट हो गया। धमाके की आवाज सुनकर घटनास्थल पर भीड़ एकत्रित हो गई और लोगों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस के पहुंचने से पहले मुस्लिम की मौत हो चुकी थी। हादसे में जख्मी रोशनी को पुलिस ने इलाज के लिए जिला अस्पताल भेजा। पुरवा के पुलिस क्षेत्राधिकारी रमेश चन्द्र ने बताया कि मामले की जांच पड़ताल की जा रही है। उन्होंने कहा कि अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है दोनों भाई-बहन कहां से आ रहे थे और कहां जा रहे थे। चन्द्र के अनुसार अभी घायल लड़की भी बोलने की स्थिति में नहीं है। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उसके बयान के बाद घटना की स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
hindi_2022_11090
कोरोना पर फूंक-फूंककर कदम उठा रही हरियाणा सरकार, 13 नए केस मिलने पर भी बढ़ाया लॉकडाउन
हरियाणा सरकार ने राज्य में लॉकडाउन को 2 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया है। हालांकि, इस दौरान कुछ राहतें भी दी गई हैं।
चंडीगढ़: हरियाणा में शनिवार को कोरोना वायरस से एक मरीज की मौत दर्ज की गई, जिसे मिलाकर राज्य में अबतक 9,617 लोगों की जान महामारी में जा चुकी है। वहीं, संक्रमण के 13 नए मामले आने से कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 7,69,717 हो गई। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी दैनिक बुलेटिन के मुताबिक, कोविड-19 से पानीपत जिले में एक व्यक्ति की मौत होने की सूचना है। वहीं, गत 24 घंटे में सामने आए 13 मामलों में गुरुग्राम के छह, रोहतक और पलवल जिले के दो-दो मरीज शामिल हैं। बुलेटिन के मुताबिक, हरियाणा के कुल 22 जिलों में से 16 जिलों में गत 24 घंटे के दौरान संक्रमण का एक भी मामला नहीं आया। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, राज्य में इस समय 740 मरीज उपचाराधीन हैं, जबकि 7,59,360 मरीज अबतक संक्रमण मुक्त हो चुके हैं। हरियाणा में कोविड-19 मरीजों के ठीक होने की दर 98.65 प्रतिशत है।कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर पूरा देश सतर्कता बरत रहा है। इसी कड़ी में हरियाणा सरकार ने राज्य में लॉकडाउन को 2 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया है। हालांकि, इस दौरान कुछ राहतें भी दी गई हैं। लॉकडाउन की मियाद बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने शनिवार को आदेश जारी किया। आदेश के अनुसार, राज्य में रेस्तरां, बार और क्लब को राहत देते हुए इनके खुलने ते समय को एक घंटा बढ़ा दिया है। यानी अब यह रात को 11 बजे तक खुल सकेंगे। आदेश में कहा गया है, ‘‘महामारी अलर्ट सुरक्षित हरियाणा का विस्तार एक और सप्ताह 26 जुलाई (सुबह पांच बजे से) से 2 अगस्त (सुबह पांच बजे तक) तक के लिए किया गया है।’’ आदेश में कहा गया है कि रेस्तरां और बार को सुबह 10 बजे से रात 10 बजे की जगह अब सुबह 10 बजे से रात 11 बजे तक 50 फीसदी क्षमता के साथ खोलने की अनुमति होगी। मॉल और होटल के रेस्तरां तथा बार भी इसी समय तक 50 प्रतिशत क्षमका के साथ खुल सकेंगे।आदेश में कहा गया है कि होटल, रेस्तरां और फास्ट फूड विक्रेता रात 11 बजे तक होम डिलिवरी कर सकते हैं। जिम सुबह छह बजे से रात के नौ बजे तक 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खुल सकेंगे। इसके अलावा आदेश में कहा गया है कि सामाजिक दूरी और कोविड-19 अनुकूल व्यवहार का कड़ाई से पालन करना जरूरी रहेगा। वहीं, अब राज्य में रात 11 बजे से सुबह पांच बजे तक रात्रि कर्फ्यू जारी रहेगा जबकि पहले इसका समय रात 10 बजे से सुबह पांच बजे तक था।आदेश में कहा गया है कि दुकानों, मॉल, रेस्तरां, धार्मिक स्थल, कॉरपोरेट कार्यालय को पहले जारी ढील ही लागू रहेगी। शादी, दाह संस्कार और खुले में लोगों के समागम करने की छूट भी पहले की तरह रहेगी। बता दें कि कोरोना के कारण हरियाणा में तीन मई को लॉकडाउन लागू किया गया था, जिसे अब 12वीं बार बढ़ाया गया है।
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IAS टॉपर टीना डाबी आज प्रदीप गावंडे से करेंगी शादी, जानें कौन होंगे मेहमान
टीना और प्रदीप मराठी-राजस्थानी रीति-रिवाजों के अनुसार शादी के बंधन में बंधेंगे। प्रदीप गावंडे मराठी परिवार से हैं, जबकि टीना डाबी की मां मराठी और पिता राजस्थानी हैं। इसलिए, शादी की रस्मों में मराठी और राजस्थानी परंपरा देखने को मिलेंगी।
जयपुर: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2015 की पहली एससी महिला टॉपर टीना डाबी बुधवार को जयपुर में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी डॉ प्रदीप गावंडे के साथ सात फेरे लेंगी। शादी जयपुर के एक फाइव स्टार होटल में होगी जबकि रिसेप्शन 22 अप्रैल को होगा। शादी समारोह के दौरान सिर्फ परिवार के लोग और चुनिंदा मेहमान ही मौजूद रहेंगे। सूत्रों के मुताबिक जयपुर में हो रही इस हाई-प्रोफाइल शादी में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से लेकर कई कई केंद्रीय मंत्री भी पहुंचने वाले हैं। इसके अलावा कई राजनेताओं, वरिष्ठ नौकरशाहों और वीवीआईपी को भी आमंत्रित किया गया है। सामने आए कार्ड के मुताबिक रिसेप्शन होटल हॉलिडे इन में होगा।डाबी वर्तमान में राजस्थान के वित्त विभाग में संयुक्त सचिव के रूप में कार्यरत हैं, जबकि गावंडे पुरातत्व और संग्रहालय विभाग, राजस्थान के निदेशक हैं। दोनों की मुलाकात पिछले साल हुई थी। सूत्रों के मुताबिक, टीना और प्रदीप मराठी-राजस्थानी रीति-रिवाजों के अनुसार शादी के बंधन में बंधेंगे। प्रदीप गावंडे मराठी परिवार से हैं, जबकि टीना डाबी की मां मराठी और पिता राजस्थानी हैं। इसलिए, शादी की रस्मों में मराठी और राजस्थानी परंपरा देखने को मिलेंगी।गौरतलब है कि टीना डाबी की पहली शादी कश्मीर के एक आईएएस अधिकारी अतहर आमिर उल शफी खान से हुई थी। ट्रेनिंग के दौरान टीना और अतहर को एक-दूसरे से प्यार हुआ और उन्होंने शादी कर ली। इस शादी ने उस दौरान काफी सुर्खियां बटोरीं लेकिन ये शादी ज्यादा दिनों तक नहीं चली और 2 साल बाद साल 2020 में दोनों ने आपसी सहमति से तलाक ले लिया।शादी के वक्त अतहर खान राजस्थान में ही पोस्टेड थे, लेकिन तलाक के बाद वह जम्मू कश्मीर कैडर लेकर अपने गृह राज्य चले गए। वहीं टीना मूल रूप से दिल्ली की निवासी हैं। हालही में टीना की बहन रिया ने भी यूपीएससी की परीक्षा पास की थी। वह महज 23 साल की उम्र में इस कठिन परीक्षा को पास करने वाली सबसे कम उम्र की कैंडीडेट हैं।(इनपुट- IANS)
hindi_2022_11092
लखीमपुर हिंसा मामले की जांच से हम संतुष्ट नहीं, अभी और झूठे गवाह पेश किए जाएंगे: टिकैत
टिकैत ने कहा कि पूरी दुनिया यह समझती है कि गृह राज्य मंत्री पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120-ब (साजिश रचने) के तहत मामला दर्ज हो चुका है।
अलीगढ़: भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की जांच पर असंतोष जाहिर करते हुए कहा कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के खिलाफ कार्रवाई न होने तक पीड़ितों को न्याय नहीं मिल सकता। टिकैत ने गुरुवार को टप्पल में एक निजी समारोह से इतर बातचीत में आरोप लगाया, ‘केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा लखीमपुर खीरी मामले की जांच को प्रभावित कर रहे हैं। जिस तरह से इस मामले की जांच हो रही है उससे हम पूरी तरह असंतुष्ट हैं।’‘अभी और झूठे गवाह पेश किए जाएंगे’लखीमपुर खीरी मामले के एक अन्य आरोपी अंकित दास की गिरफ्तारी और 3 अक्टूबर को हुई वारदात में उसकी संलिप्तता की जांच के संबंध में सवाल करने पर टिकैत ने कहा, ‘अभी और झूठे गवाह पेश किए जाएंगे। क्षेत्र में अजय मिश्रा के प्रभाव की वजह से यह भी हो सकता है कि कोई व्यक्ति सारा इल्जाम अपने सिर ले ले।’ उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया यह समझती है कि गृह राज्य मंत्री पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120-ब (साजिश रचने) के तहत मामला दर्ज हो चुका है।‘किसानों का आंदोलन जारी रहेगा’टिकैत ने कहा कि जब तक उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त नहीं किया जाता, तब तक न्याय नहीं हो सकता। केंद्रीय मंत्री की बर्खास्तगी और गिरफ्तारी नहीं होने तक किसानों का आंदोलन जारी रहेगा। टिकैत ने कहा कि अजय मिश्रा की बर्खास्तगी और उनकी गिरफ्तारी की मांग को लेकर किसान संगठनों ने दशहरा के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के पुतले फूंकने का ऐलान किया है। इसके अलावा भारतीय किसान यूनियन अपनी मांगों के समर्थन में 18 अक्टूबर को छह घंटे तक 'रेल रोको' प्रदर्शन करेगी।‘आशीष मिश्रा की रेड कारपेट गिरफ्तारी की गई है’उसके बाद 26 अक्टूबर को लखनऊ में विशाल किसान महापंचायत का आयोजन किया जाएगा। टिकैत ने आरोप लगाया कि लखीमपुर खीरी कांड में गिरफ्तार किए गए मुख्य आरोपी और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा की 'रेड कारपेट गिरफ्तारी' की गई है और गुलदस्ते पेश कर उनके साथ किसी VIP की तरह बर्ताव किया जा रहा है। इससे किसानों की नाराजगी और बढ़ गई है। उन्होंने कटाक्ष किया, ‘गुलदस्ते वाली पूछताछ से कोई फायदा नहीं होगा।’हिंसा में 4 किसानों समेत 8 लोगों की मौतगौरतलब है कि 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया क्षेत्र में किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में 4 किसानों समेत 8 लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष तथा उसके कुछ अन्य साथियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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hindi_2022_11093
करनाल में किसान महापंचायत: 4 ज़िलों में इंटरनेट, मोबाइल सर्विस बंद, चढ़ूनी ने दिया भड़ाकाऊ बयान
वहीं बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है। हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किे गए हैं। पर्याप्त फोर्स को तैनात किया गया है।
करनाल: हरियाणा के करनाल में आज होने वाली किसान महापंचायत को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। राज्य सरकार ने 4 ज़िलों में इंटरनेट, मोबाइल और एसएमएस सेवाएं बंद कर दी हैं। वहीं बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है। उधर, महापंचायत से पहले किसाना नेता गुरनाम चढ़ूनी ने भड़काऊ बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि किसान ट्रैक्टर लेकर निकलें और नाके को तोड़ दें। इसके साथ ही उन्होंने किसानों से उपद्रव न करने की भी अपील की है।उधर हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि किसान शांतिपूर्ण तरीके से अपना आंदोलन करें। विज ने कहा कि सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम गए हैं। पर्याप्त फोर्स को तैनात किया गया है। उन्होंने बताया कि कुछ रूट को डायवर्ट किया गया गया। करनाल जिले में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं सोमवार दोपहर 12:30 बजे से बंद हैं और इन्हें आज मध्यरात्रि तक बंद रखा जाएगा।वहीं करनाल के एसपी ने बताया कि पुलिस इसलिए तैनात की गई है कि क़ानून व्यवस्था बनी रहे और कोई भी गैरक़ानूनी गतिविधि न हो। किसान महापंचायत के दौरान हम बातचीत भी करेंगे और चाहेंगे कि मामले का बातचीत से हल निकलेंगे।हरियाणा पुलिस द्वारा जारी एक एडवायजरी अनुसार, मुख्य राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 44 (अंबाला-दिल्ली) पर गलवार को करनाल जिले में कुछ यातायात व्यवधान हो सकता है इसलिए, एनएच-44 का उपयोग करने वाले लोगों को सलाह दी जाती है कि वे करनाल शहर की यात्रा करने से बचें या सात सितंबर को अपने गंतव्य तक जाने के लिए वैकल्पिक रास्तों का उपयोग करें।अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) नवदीप सिंह विर्क ने कहा कि लघु सचिवालय के घेराव के आह्वान को देखते हुए व्यापक सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इन व्यवस्थाओं का प्राथमिक मकसद शांति व्यवस्था कायम रखना, किसी भी तरह की हिंसा को रोकना, यातायात और सार्वजनिक परिवहन प्रणाली के कामकाज को सुगम बनाना तथा पूरे राज्य में, खासकर करनाल में सरकारी संपत्ति की सुरक्षा करना है। विर्क ने कहा कि करनाल रेंज के सभी वरिष्ठ अधिकारियों को करनाल और आसपास के जिलों में कानून-व्यवस्था तथा शांति बनाए रखने के लिए आवश्यक एहतियाती कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोकने और नागरिकों की सुरक्षा करने के लिए सभी उपाय किए जाएंगे। विर्क ने कहा कि सभी नागरिकों को इन व्यवस्था के बारे में पहले से सूचित किया जा रहा है ताकि वे किसी भी असुविधा से बचने के लिए अपनी यात्रा की योजना में बदलाव कर सकें। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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hindi_2022_11094
ओरछा का रामराजा मंदिर श्रद्धालुओं के लिए 19 अगस्त से खुलेगा
जिलाधिकारी अक्षय कुमार सिंह ने बताया है कि राम राजा मंदिर और हरदौल बैठका 19 अगस्त (24 अगस्त को छोड़कर) से श्रद्धालुओं के लिए खुला रहेगा, रोज सुबह 8 बजे से मंदिर खुलेगा और रात 10 बजे बंद होगा।
निवाड़ी. बुंदेलखंड की अयोध्या कहे जाने वाले निवाड़ी जिले के ओरछा स्थित रामराजा मंदिर में श्रद्धालु 19 अगस्त से दर्शन कर सकेंगे। कोरोनावायरस के चलते रामराजा मंदिर के पट श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए गए थे। मंदिर में पूजा अर्चना नियमित रूप से हो रही थी, लेकिन अब डिस्ट्रिक्ट क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप ने निर्णय लिया है कि मंदिर के पट 19 अगस्त से श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएं।पढ़ें- अमित शाह की कोरोना रिपोर्ट निगेटिवजिलाधिकारी अक्षय कुमार सिंह ने IANS को बताया है कि राम राजा मंदिर और हरदौल बैठका 19 अगस्त (24 अगस्त को छोड़कर) से श्रद्धालुओं के लिए खुला रहेगा, रोज सुबह 8 बजे से मंदिर खुलेगा और रात 10 बजे बंद होगा। इस दौरान परंपराओं के अनुसार मंदिर को दो समय के लिए बंद रखा और खोला जाएगा।पढ़ें- कोरोना के लक्षणों को लेकर वैज्ञानिकों ने दी ये जानकारी, समय रहते मरीजों का होगा फायदाउन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए तय किए गए निर्देशों का पालन किया जाएगा। लोगों के लिए मास्क अनिवार्य होगा, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जरूरी होगा और सैनिटाइजेशन का भी उपयोग किया जाएगा। साथ ही रामराजा की पोशाक की व्यवस्था कोविड-19 के निदेशरें को देखते हुए की जाएगी। इसके साथ ही दर्शन के लिए ऑनलाइन बुकिंग कराना होगा। (IANS)
hindi_2022_11095
देश में कोरोना टीकाकरण का आंकड़ा 98 करोड़ के पार, स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी जानकारी
देश में कोविड-19 के टीके की 98 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी है, जिनमें से 79 लाख से अधिक खुराक सोमवार को दी गई। स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी।
नई दिल्ली: देश में कोविड-19 के टीके की 98 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी है, जिनमें से 79 लाख से अधिक खुराक सोमवार को दी गई। स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी। मंत्रालय ने कहा कि सोमवार को शाम सात बजे तक 79,74,435 खुराक लगायी गयी। मंत्रालय ने कहा कि देश में अबतक कोविड-19 के टीके की 98.6 करोड़ खुराक दी जा चुकी है। गौरतलब है कि देश में स्वास्थ्य कर्मियों (एचसीडब्ल्यू) को पहले चरण में टीका लगाने के साथ देशव्यापी टीकाकरण अभियान 16 जनवरी को शुरू किया गया था। कोविड-19 के खिलाफ अग्रिम मोर्चे पर तैनात कर्मियों का टीकाकरण 2 फरवरी से शुरू हुआ था। कोविड-19 टीकाकरण का अगला चरण 1 मार्च से 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों और अन्य बीमारियों से पीड़ित 45 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों के लिए शुरू हुआ। देश ने 1 अप्रैल से 45 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों के लिए टीकाकरण शुरू किया। सरकार ने उसके बाद 1 मई से 18 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों को टीका लगाये जाने की अनुमति देकर अपने टीकाकरण अभियान का विस्तार करने का निर्णय लिया। अभी देशभर में 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए वैक्सीन लगाई जा रही है।
hindi_2022_11096
BHU Iftar Protest: बीएचयू के महिला महाविद्यालय परिसर में इफ्तार, छात्रों ने विवादित नारे लिख किया हंगामा
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के महिला महाविद्यालय परिसर में बुधवार शाम इफ्तार के आयोजन को लेकर छात्रों ने हंगामा किया और नयी परम्परा शुरू करने को लेकर सवाल उठाए। छात्रों ने कुलपति आवास पहुंच कर नारेबाजी की और कुलपति का पुतला भी फूंका।
BHU Iftar Protest: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के महिला महाविद्यालय परिसर में बुधवार शाम इफ्तार के आयोजन को लेकर छात्रों ने हंगामा किया और नयी परम्परा शुरू करने को लेकर सवाल उठाए। छात्रों ने कुलपति आवास पहुंच कर नारेबाजी की और कुलपति का पुतला भी फूंका। महिला महाविद्यालय में बुधवार शाम आयोजित इफ्तार में कुलपति सुधीर जैन के साथ प्रोफेसर वी.के.शुक्ला, डॉ अफजल हुसैन, प्रोफेसर नीलम अत्रि, कार्यवाहक प्रधानाचार्य प्रोफेसर रीता सिंह, छात्र अधिष्ठाता प्रोफेसर के.के. सिंह, चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर बी.सी. कापड़ी, डॉ दिव्या कुशवाहा सहित महाविद्यालय की छात्राओं ने भाग लिया था। इफ्तार के आयोजन पर प्रदर्शन-हालांकि, इफ्तार के आयोजन की जानकारी मिलने पर बुधवार रात ही छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया। एक छात्र ने बताया कि विश्वविद्यालय परिसर में ऐसे आयोजन की कोई परंपरा नहीं रही है और कुलपति ऐसा करके नयी परंपरा को जन्म दे रहे हैं। छात्रों के इस विरोध प्रदर्शन पर विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गयी है। इस घटना के बाद बृहस्पतिवार को विश्वविद्यालय परिसर की दीवारों पर ब्राह्मण जाति और कश्मीर को लेकर विवादित नारे लिखे जाने पर छात्रों ने जमकर हंगामा किया। परिसर की दीवारों पर विवादित नारे-यह नारे ‘भगत सिंह छात्र मोर्चा’ के नाम से लिखे गए थे। छात्रों के आक्रोश को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने विवादित नारों को मिटवा दिया। मौके पर पहुंचे चीफ प्रॉक्टर कापड़ी ने कहा, ‘‘यह विश्वविद्यालय का माहौल खराब करने के लिए लिखा गया है लेकिन हम ऐसा होने नहीं देंगे।’’ नारों के नीचे लिखे गए संगठन के बारे में कापड़ी ने कहा, ‘‘नारों के नीचे जिस भगत सिंह छात्र संगठन का नाम लिखा गया है, उसके लोगों को विश्वविद्यालय प्रशासन ने चिन्हित कर लिया है। जल्द से जल्द जांच कर कार्रवाई की जाएगी।’’ उधर, भगत सिंह छात्र मोर्चा ने इस संबंध में व्यक्तव्य जारी कर कहा , ‘‘इस तरह के नारों से भगत सिंह छात्र मोर्चा (बी सी एम) का कोई लेना देना नहीं है। हम विश्वविद्यालय प्रशासन से इस मामले की जांच कर समाज विरोधी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हैं।’’
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इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को मिली जमानत पर लगायी रोक
इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने समाजवादी पार्टी की पिछली सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति को धोखाधड़ी के एक मामले में लखनऊ की सांसद-विधायक अदालत (एमपीएमएलए की विशेष कोर्ट) से मिली जमानत पर रोक लगा दी है।
लखनऊ: इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने समाजवादी पार्टी की पिछली सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति को धोखाधड़ी के एक मामले में लखनऊ की सांसद-विधायक अदालत (एमपीएमएलए की विशेष कोर्ट) से मिली जमानत पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही अदालत ने गायत्री को नोटिस भी जारी किया है। गायत्री पहले से ही सामूहिक दुष्‍कर्म के मामले में 15 मार्च 2017 से जेल में हैं।यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव सिंह की एकल पीठ ने राज्य सरकार की ओर से गायत्री की जमानत खारिज करने की मांग को लेकर दायर की गयी एक अर्जी पर पारित किया। मामले की अगली सुनवाई 16 नवम्बर को होगी। सरकार का पक्ष रखते हुए अपर महाधिवक्ता विनोद कुमार शाही व अनुराग वर्मा ने दलील दी थी कि गायत्री के खिलाफ उसी की कंपनी के एक निदेशक बृज भुवन चौबे ने 17 सितम्बर 2020 को गोमती नगर विस्तार थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।उक्त प्राथमिकी में गायत्री प्रजापति, अनिल प्रजापति व एक अन्य महिला को नामजद किया गया था। दलील दी गई कि एमपी-एमएलए की विशेष अदालत ने विवेचना के दौरान लिए गए गवाहों के बयानों व गायत्री प्रजापति के आपराधिक इतिहास पर विचार किए बगैर 30 जुलाई 2021 को उसकी जमानत मंजूर कर ली। पीठ ने सरकार की ओर से पेश दलीलों को सुनने के पश्चात मामले पर विचार की आवश्यकता जताते हुए एमपी एमएलए की विशेष अदालत के 30 जुलाई 2021 के आदेश पर अगली सुनवाई तक के लिए रोक लगा दी है।
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दबंगों ने घर में घुसकर व्यक्ति के हाथ-पैर तोड़े, फिर गोली मारकर कर दी हत्या, जानें पूरा मामला
शाहजहांपुर जिले में मंगलवार को दबंगों ने घर में घुसकर एक व्यक्ति के हाथ-पैर तोड़ दिये और बाद में उसे गांव के बाहर ले जाकर गोली मारकर उसकी हत्या कर दी।
शाहजहांपुर (उप्र): शाहजहांपुर जिले में मंगलवार को दबंगों ने घर में घुसकर एक व्यक्ति के हाथ-पैर तोड़ दिये और बाद में उसे गांव के बाहर ले जाकर गोली मारकर उसकी हत्या कर दी। पुलिस सूत्रों ने बताया कि तिलहर थाना क्षेत्र के राजूपुर गांव में रहने वाले राजीव कुमार (40) के घर में सुबह करीब 12 हमलावर घुस गये और उसे बुरी तरह मारा-पीटा। जब परिजन उसे बचाने आए तो हमलावरों ने हवाई फायरिंग करके उन्हें वापस जाने पर मजबूर कर दिया। पुलिस ने बताया कि हमलावरों ने राजीव के दोनों हाथ और दोनों पैर तोड़ दिए। बाद में वह उसे मरणासन्न हालत में उठाकर गांव के बाहर ले गए जहां एक बाग में उसकी गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस अधीक्षक एस.आनंद ने बताया कि उन्होंने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीम बना दी है, जो लगातार दबिश दे रही है। उन्होंने कहा कि आरोपी शीघ्र ही गिरफ्तार कर लिए जाएंगे फिलहाल हालात के मद्देनजर गांव में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
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Rajat Sharma’s Blog: कोरोना महामारी से निपटने के लिए जरूरी है टीकाकरण
जिन देशों में चालीस प्रतिशत से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लग चुकी है, वहां कोरोना के मामले तेजी से कम हुए हैं और हालात सुधर रहे हैं।अमेरिका में करीब 17 करोड़ लोगों को वैक्सीन दी जा चुकी है।
कोरोना वायरस को लेकर हालात अब पिछले साल की तरह होने लगे हैं। मंगलवार को देशभर में कोरोना के 1,15,249 नए मामले सामने आए जो अबतक एक दिन में सबसे ज्यादा है। पिछले 24 घंटे में 630 मरीजों की मौत हो गई। पांच नवंबर के बाद से यह कोरोना के चलते एक दिन में होनेवाली सबसे ज्यादा मौत है। कोरोना के एक्टिव मामलों में 54 हजार से ज्यादा की वृद्धि हुई और अब यह 8 लाख के आंकड़े को पार कर गई है। दो दिन पहले एक्टिव मामलों की संख्या सात लाख दर्ज की गई थी और इस संख्या में एक बड़ी उछाल देखने को मिली है। कोरोना महामारी की दूसरी लहर के कारण पैदा हुआ संकट कितना बड़ा है जरा इसके बारे में सोचें। कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, किसी तरह की कमी देखने को नहीं मिल रही है। अमेरिका के बाद भारत दुनिया का दूसरा देश बन गया है जहां एक दिन में एक लाख से ज्यादा कोरोना के मामले दर्ज किए गए। महाराष्ट्र में हालात चिंताजनक है। मंगलवार को यहां 55,469 नए मामले सामने आए जो अबतक का सबसे ज्यादा आंकड़ा है। वहीं राज्य में एक दिन में 297 कोरोना संक्रमितों की मौत हुई। इनमें अकेले मुंबई शहर में 10,030 नए मामले सामने आए और 31 लोगों की मौत हुई है। पुणे जिले में मंगलवार को 10,226 नए मामले सामने आए और 58 लोगों की मौत हुई। नागपुर में एक दिन में 3,758 नए मामले सामने आए और 54 लोगों की मौत हुई। महाराष्ट्र में हालात नियंत्रण से बाहर होता जा रहा है। वहीं महाराष्ट्र के पड़ोसी राज्य कर्नाटक में मंगलवार को 6,150 नए मामले सामने और 39 मौतें हुईं। यह महामारी कई अन्य राज्यों में फैल रही है: केरल (3,502), उत्तर प्रदेश (5,928), तमिलनाडु (3,645), दिल्ली (5,100), राजस्थान (2,236), गुजरात (3,280), मध्य प्रदेश (3,722), पंजाब (2,924) ) और झारखंड में 1,264 नए मामले सामने आए हैं । ये महामारी के फैलने का साफ संकेत दे रहे हैं। नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी.के. पॉल ने बताया कि यह महामारी पिछले साल की तुलना में तेजी से फैल रही है इसलिए अगले चार सप्ताह बेहद अहम हैं। कोरोना के हाई एक्टिव मामलों वाले 10 राज्यों में से सात राज्य महाराष्ट्र के हैं जबकि छत्तीसगढ़ और पंजाब में हालात खतरनाक है। अधिकांश राज्यों ने नाइट कर्फ्यू और आवाजाही पर पाबंदी लगाना शुरू कर दिया है, लेकिन ये उपाय पर्याप्त नहीं हैं। मंगलवार को दिल्ली सरकार ने रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक का कर्फ्यू लगा दिया और ऐलान किया कि यह 30 अप्रैल तक लागू रहेगा। केवल वैक्सीनेशन सेंटर्स (टीकाकरण केंद्रों), स्वास्थ्य कर्मचारियों, हवाई और रेल यात्रियों और जरूरी सेवाओं को ही इस कर्फ्यू प्रतिबंध से छूट दी गई है। दिल्ली मेट्रो चलती रहेगी, लेकिन कर्फ्यू की अवधि में इसका इस्तेमाल वही लोग कर पाएंगे जिन्हें छूट दी गई है। एक राज्य से दूसरे राज्य में और राज्य के अंदर सामानों की आवाजाही पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। कोरोना का प्रकोप बढ़ने के कारण एम्स ( AIIMS) और दिल्ली सरकार द्वारा संचालित एलएनजेपी अस्पताल ने बुधवार से ओपीडी बंद कर दी है। केंद्र सरकार के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने 45 वर्ष से ज्यादा उम्र के सभी कर्मचारियों को खुद से वैक्सीनेशन (टीकाकरण) कराने का निर्देश दिया है। इस निराशाजनक माहौल में अच्छी बात ये है कि अब वैक्सीनेशन सेंटर्स पर आम लोगों की भीड़ लगने लगी है। मंगलवार रात अपने प्राइम टाइम शो 'आज की बात' में, हमने पटना और मुरैना (मध्य प्रदेश) में टीकाकरण केंद्रों के बाहर खड़ी भीड़ को दिखाया। यहां लोग टीकों के लिए बड़ी संख्या में अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान पूरे देश में चल रहा है। महामारी के फैलने की रफ्तार को धीमा करने के लिए टीके महत्वपूर्ण हैं। पूरी आबादी के 60 से 70 फीसदी टीकाकरण के बाद ही यह कहा जा सकता है कि लोगों ने अब हर्ड इम्यूनिटी हासिल कर ली है। टीकाकरण अभियान के पिछले तीन महीनों में अबतक केवल तीन राज्यों ने अपनी आबादी का 5 प्रतिशत कवर किया है। महाराष्ट्र में अकोला, यवतमाल, बुलढाणा, गोंदिया, वाशिम और नागपुर ग्रामीण जैसे कई जिलों में वैक्सीन का स्टॉक खत्म होने की खबरें हैं। मंगलवार रात 8 बजे तक पूरे देश में कोरोना के 8.4 करोड़ से ज्यादा टीके लगाए गए हैं। इनमें 45 वर्ष और इससे अधिक उम्र के 5.44 करोड़ से ज्यादा लोगों को दी गई पहली खुराक भी शामिल है। पिछले 79 दिनों में कोरोना की 7.9 करोड़ से ज्यादा खुराक दी गई है। केंद्र ने यह संकेत दिया है कि टीकाकरण के मौजूदा दौर के बाद वैक्सीन की आपूर्ति में कमी हो सकती हैं। टीकाकरण का मौजूदा दूसरा दौर जुलाई तक चलेगा। स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि दूसरा दौर खत्म होने के बाद सबसे कमजोर समूहों को टीकाकरण में प्राथमिकता मिलेगी। देश में कुछ लोग अभी-भी वैक्सीन लगवाने से डर रहे हैं। वे कहते हैं जरा देख लें, कुछ और इंतजार कर लें। ऐसे लोगों से मैं कहना चाहता हूं कि हमारे देश में 8.4 करोड़ लोगों को वैक्सीन लग चुकी है। अब क्या देखना बाकी है? किस बात का डर है? दुनिया के 155 मुल्कों में करीब सत्तर करोड़ डोज (खुराक) दी जा चुकी है। लेकिन ये आंकड़ा दुनिया की आबादी का पांच प्रतिशत भी नहीं है। ये बहुत कम है। हालात फिर से सामान्य हों इसके लिए किसी भी मुल्क में 70 प्रतिशत लोगों को वैक्सीन लगवानी होगी। जिन देशों में चालीस प्रतिशत से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लग चुकी है, वहां कोरोना के मामले तेजी से कम हुए हैं और हालात सुधर रहे हैं।अमेरिका में करीब 17 करोड़ लोगों को वैक्सीन दी जा चुकी है। यहां आधी आबादी का टीकाकरण हो चुका है और मई के आखिर तक कुल आबादी 33 करोड़ में से 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगा दी जाएगी। इसके विपरीत भारत की चुनौती इससे कहीं बड़ी है। अमेरिकी में तो कुल 33 करोड़ लोग हैं लेकिन हमारे यहां अकेले उत्तर प्रदेश में 24 करोड़ लोग हैं। हमारे देश की आबादी अमेरिका से सौ करोड़ ज्यादा है। हालांकि वैक्सीन लगाने की हमारी क्षमता दुनिया में सबसे ज्यादा है। विशेषज्ञों का कहना है कि हम 70 लाख लोगों को रोज वैक्सीन की डोज (खुराक) देने में सक्षम हैं लेकिन इसके लिए देश की जनता का सहयोग सबसे जरूरी है। लोग आगे बढ़ें और जो योग्य हैं वो वैक्सीन लगवाएं ताकि फिर आपसे कम उम्र वालों का नंबर आए। इसीलिए अगर हम चाहते हैं कि हमारे देश में जनजीवन सामान्य हो तो फिर वैक्सीनेशन ही इसका रास्ता खोल सकता है। जब तक 50 से 60 प्रतिशत लोगों का वैक्सीनेशन हो नहीं जाता तब तक मास्क लगाना, सोशल डिस्टेंसिंग अपनाना और हाथों को धोते रहना जरूरी है। देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 06 अप्रैल, 2021 का पूरा एपिसोड /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, 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hindi_2022_11100
पुलिस स्टेशन में मना सपा कार्यकर्ता के बर्थडे का जश्न, वीडियो वायरल होने के बाद नपे SHO
शुरुआती जांच के बाद फिरोजाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) ने प्रवेंद्र यादव को नसीरपुर पुलिस स्टेशन से हटा दिया और उन्हें पुलिस लाइन भेज दिया।
फिरोजाबाद. पुलिस स्टेशन में समाजवादी पार्टी के एक कार्यकर्ता का जन्मदिन मनाए जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद नसीरपुर पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस प्रभारी (एसएचओ) को लाइन अटैच कर दिया गया है। शनिवार को पुलिस स्टेशन में समाजवादी पार्टी के जिस कार्यकर्ता का जन्मदिन मनाया गया था, उनकी पहचान तातापुर गांव के निवासी मोहित यादव के रूप में हुई है।पढ़ें- गुड न्यूज! गरीब बेटियों की शादी करवाएगी योगी सरकार, देगी वित्तीय सहायताबर्थडे सेलिब्रेशन के इस वीडियो को उनके किसी दोस्त मोहित यादव ने सोशल मीडिया पर अपलोड किया था। शनिवार को वायरल हुए इस वीडियो में इंस्पेक्टर केक काटते और मोहित यादव को खिलाते हुए दिखाई पड़ रहे हैं, हालांकि बाद में इसे साइट से डिलीट कर दिया गया। इसमें मोहित भी अन्य पुलिसकर्मियों को केक खिलाते हुए नजर आ रहे हैं।पढ़ें- फ्रांस और इजरायल के घातक हथियार बने भारत की पसंद! रूस और अमेरिका से घटाई खरीदशुरुआती जांच के बाद फिरोजाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) ने प्रवेंद्र यादव को नसीरपुर पुलिस स्टेशन से हटा दिया और उन्हें पुलिस लाइन भेज दिया।पढ़ें- भाजपा के सांसद कौशल किशोर की बहू अंकिता ने आत्महत्या की कोशिश कीएसएसपी फिरोजाबाद अजय कुमार ने कहा, "वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए इंस्पेक्टर प्रवेन्द्र यादव को नसीरपुर पुलिस स्टेशन से हटा दिया गया है। प्राथमिक जांच में वर्दी में एक पुलिस अधिकारी के आचरण को अनैतिक पाया गया है। उनसे लिखित में इस पर स्पष्टीकरण देने के लिए कहा गया है। मामले की विस्तार से जांच की जाएगी। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।"पढ़ें- आज से दो दिन की हड़ताल पर बैंक कर्मचारी, करना पड़ सकता है मुश्किल का सामना
hindi_2022_11101
कन्हैया कुमार मंगलवार को कांग्रेस में होंगे शामिल, देशद्रोह मामले में राहुल गांधी से मिला था समर्थन
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में देश विरोधी नारों के मामले के बाद सुर्खियों में आए CPI नेता कन्हैया कुमार मंगलवार को कांग्रेस पार्टी में शामिल होने जा रहे हैं।
नई दिल्ली। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में देश विरोधी नारों के मामले के बाद सुर्खियों में आए CPI नेता कन्हैया कुमार मंगलवार को कांग्रेस पार्टी में शामिल होने जा रहे हैं। इंडिया टीवी को सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कन्हैया कुमार को कांग्रेस पार्टी में शामिल किए जाने को लेकर लंबे समय से पार्टी में बात हो रही थी और अब मंगलवार (28 सितंबर) को कन्हैया कांग्रेस की सदस्यसता ग्रहण करने जा रहे हैं। 2016 में JNU में देश विरोधी नारे लगे थे और कन्हैया कुमार पर उन नारों में शामिल होने का आरोप लगा था, कन्हैया कुमार पर देशद्रोह का मुकद्दमा दर्ज किया गया था और उस समय कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कन्हैंया खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए केंद्र सरकार को घेरा था। राहुल गांधी ने JNU जाकर छात्रों को अपना समर्थन दिया था। गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी भी 28 सितंबर को कांग्रेस में होंगे शामिल वहीं गुजरात के निर्दलीय विधायक एवं प्रभावशाली दलित नेता जिग्नेश मेवानी ने जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार के साथ 28 सितंबर कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा की है। भारतीय जनता पार्टी शासित गुजरात में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले यह घटनाक्रम हुआ है। मेवानी, 2017 के राज्य विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के समर्थन से बनासकांठा जिले के वडगाम सीट से निर्वाचित हुए थे। उन्होंने कहा, ‘‘28 सितंबर को, मैं कन्हैया कुमार के साथ कांग्रेस में शामिल होऊंगा।’’ उन्होंने कहा कि गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी प्रमुख हार्दिक पटेल भी दिल्ली में इस कार्यक्रम में शरीक होंगे, जहां वह (मेवानी) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की मौजूदगी में पार्टी में शामिल होंगे।
hindi_2022_11102
बर्ड फ्लू से भारत में इस साल की पहली मौत, AIIMS में 11 साल के लड़के ने तोड़ा दम
दिल्ली में स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती एक 11 साल के लड़के की मंगलवार को H5N1 एवियन इन्फ्लुएंजा (बर्ड फ्लू) से जान चली गई है।
नई दिल्ली: भारत में इस साल बर्ड फ्लू से मौत का पहला मामला सामने आया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली में स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती एक 11 साल के लड़के की मंगलवार को H5N1 एवियन इन्फ्लुएंजा (बर्ड फ्लू) से जान चली गई है। बच्चे की मौत के बाद मरीज के संपर्क में आने वाले दिल्ली एम्स के पूरे स्टाफ को एहतियात के तौर पर आइसोलेट कर दिया गया है। देश में बर्ड फ्लू से मौत का यह मामला एक ऐसे समय में सामने आया है जब कोरोना वायरस के चलते रोजाना सैकड़ों लोग अपनी जान गंवा रहे हैं।बता दें कि देश में पिछले कुछ महीनों में कोरोना वायरस की तीसरी लहर ने बहुत ज्यादा तबाही मचाई थी। अभी भी दूसरी लहर पूरी तरह गई नहीं है और तीसरी लहर का खतरा सिर पर मंडरा रहा है। वहीं, केरल में जहां कोरोना वायरस से सक्रमण के नए मामलों में कोई कमी नहीं आती दिख रही है, वहीं दूसरी तरफ जीका वायरस के बढ़ते केस सरकार के माथे पर चिंता की लकीरें खींच रहे हैं। ऐसे में बर्ड फ्लू से एम्स में हुई बच्चे की मौत सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती है।बता दें कि साल की शुरुआत में महाराष्ट्र, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश और हरियाणा समेत देश के कई राज्यों में बर्ड फ्लू के मामले सामने आए थे। इसके बाद इन राज्यों में पॉल्ट्री का कारोबार कुछ दिनों के लिए बंद कर दिया गया था, ताकि संक्रमण न फैले। हालांकि हाल-फिलहाल बर्ड फ्लू के बारे में कुछ ज्यादा सुनने में नहीं आया था लेकिन एम्स में हुई बच्चे की मौत निश्चित तौर पर खतरे की घंटी है।
hindi_2022_11103
Omicron के बढ़ते मामलों के बीच कोरोना के मामलों में गिरावट जारी, एक दिन में दर्ज हुए 7,081 नए केस; 264 और ने गंवाई जान
रोजाना आने वाले संक्रमण के मामले पिछले 52 दिनों से 15,000 से कम बने हुए हैं। वहीं, देश में ओमिक्रॉन संक्रमितों की संख्या में इजाफा हो रहा है।
नयी दिल्ली: देश में एक दिन में कोविड-19 के 7,081 नए मामले सामने आने से संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 3,47,40,275 हो गई है, जबकि इलाज किए जा रहे मरीजों की संख्या कम होकर 83,913 रह गई है, जो पिछले 570 दिन में सबसे कम है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा रविवार सुबह आठ बजे तक जारी आंकड़ों के अनुसार, महामारी से 264 और मरीजों की मौत के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 4,77,422 हो गई है।रोजाना आने वाले संक्रमण के मामले पिछले 52 दिनों से 15,000 से कम बने हुए हैं। मंत्रालय ने बताया कि अस्पताल में भर्ती या इलाज किये जा रहे मरीजों की संख्या घटकर अब 83,913 रह गई है। यानी देश में एक्टिव केस 83,913 रह गया है। यह संख्या संक्रमण के कुल मामलों का 0.24 प्रतिशत है जो पिछले साल मार्च 2020 के बाद से सबसे कम है। जबकि, कोविड-19 से स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर 98.38 प्रतिशत दर्ज की गई, जो मार्च 2020 के बाद से सबसे अधिक है।कोविड-19 के एक्टिव मरीजों की संख्या में पिछले 24 घंटों में 652 मामलों की कमी दर्ज की गई है। आंकड़ों के मुताबिक, संक्रमण की दैनिक दर 0.58 प्रतिशत दर्ज की गई। ये पिछले 76 दिनों से दो प्रतिशत से कम है। साप्ताहिक संक्रमण दर 0.61 प्रतिशत दर्ज गई और यह पिछले 35 दिनों से एक प्रतिशत से कम है। इस बीमारी से स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 3,41,78,940 हो गई है जबकि मृत्यु दर 1.37 फीसदी है। देशभर में कोविड-19 के खिलाफ लगाए जा रहे कोविड टीका अभियान के तहत अब तक 137.46 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी हैं। देश में पिछले साल सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितंबर को 40 लाख से अधिक हो गई थी। वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर को 50 लाख, 28 सितंबर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख और 20 नवंबर को 90 लाख के पार चले गए थे। देश में 19 दिसंबर को ये मामले एक करोड़ के पार, इस साल चार मई को दो करोड़ के पार और 23 जून को तीन करोड़ के पार चला गया था। देश में जान गंवाने वाले 264 और मरीजों में से 218 लोगों की मौत केरल में और 11 लोगों की मौत महाराष्ट्र में हुई है। केरल में पिछले कुछ दिनों से कोविड-19 संबंधी मौत के पुराने मामलों को भी मृतक संख्या में जोड़ रहा है, जिसके कारण राज्य में मृतकों की संख्या अधिक है। इस महामारी से देश में अब तक कुल 4,77,422 मरीजों की मौत हो चुकी है। इनमें से महाराष्ट्र में 1,41,340, केरल में 44,407, कर्नाटक में 38,287, तमिलनाडु में 36,676, दिल्ली में 25,100, उत्तर प्रदेश में 22,915 और पश्चिम बंगाल में 19,660 लोगों की मौत हुई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि अभी तक जिन लोगों की कोरोना वायरस संक्रमण से मौत हुई है, उनमें से 70 प्रतिशत से ज्यादा मरीजों को अन्य बीमारियां भी थीं। मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर बताया कि उसके आंकड़ों का भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के आंकड़ों के साथ मिलान किया जा रहा है।इनपुट- भाषा
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उत्तर प्रदेश: शाम 8 बजे से शुरू होगा 35 घंटे का कर्फ्यू, जानिए शादियों-परीक्षाओं-कंपनियों को लेकर क्या हैं नियम
रविवार को घोषित साप्ताहिक बन्दी कोविड संक्रमण के प्रसार को न्यूनतम रखने के लिए लागू किया जा रहा है। सभी जनपदों में इसे प्रभावी बनाया जाए। इस अवधि में पूर्व निर्धारित परीक्षाएं हो सकेंगी। अभ्यर्थी प्रवेश पत्र दिखाकर आवागमन कर सकेंगे। सार्वजनिक परिवहन आधी क्षमता के साथ संचालित किए जाएं। साप्ताहिक बन्दी के दौरान औद्योगिक इकाइयों को बन्दी से छूट होगी।
लखनऊ. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना संक्रमण के कारण शनिवार को रात आठ बजे से राज्य में होंने वाले कर्फ्यू के दौरान औद्योगिक इकाईया चालू रहने के अलावा अन्य कई निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री योगी शनिवार को टीम 11 के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बाद अधिकारियों को लॉकडाउन के साथ ही 35 घंटे के कर्फ्यू को लेकर कुछ निर्देश दिए हैं। अलग-अलग स्थानों पर अति शीघ्र 10 नए ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए जाएंगे। इस कार्य में डीआरडीओ का सहयोग मिल रहा है। 10 नवीन ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना के संबंध में स्थान का चिन्हांकन कर आज से ही युद्धस्तर पर कार्यवाही प्रारंभ कर दी जाए। स्वास्थ्य मंत्री एवं अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य इस पूरी कार्यवाही पर सीधी नजर रखेंगे। उन्होंने बताया कि लखनऊ स्थित अवध शिल्प ग्राम में एचएएल के सहयोग से एक नया सर्व सुविधायुक्त कोविड हॉस्पिटल तैयार किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग एचएएल से समन्वय स्थापित कर इस अतिमहत्वपूर्ण कार्य को तत्काल क्रियाशील करें।
hindi_2022_11105
Bhogi 2022: उपराष्ट्रपति ने दी भोगी की शुभकामनाएं, ऐसे मनाया पर्व
देशभर में मकर सक्रांति मनाया जा रहा है। उसी तरह पोंगल के पहले दिन भोगी को भी सेलिब्रेट किया जा रहा है। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू भी शुक्रवार को भोगी पर्व मनाते नजर आए।
Bhogi 2022: देशभर में मकर सक्रांति मनाया जा रहा है। उसी तरह पोंगल के पहले दिन भोगी को भी सेलिब्रेट किया जा रहा है। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू भी शुक्रवार को भोगी पर्व मनाते नजर आए और इस खास मौके पर उन्होंने लोगों को शुभकामनाएं दी। शुक्रवार को उनका एक वीडियो भी ट्वीट किया गया जिसमें उप राष्ट्रपति अपनी पत्नी के साथ भोगी मनाते दिख रहे हैं।इस अवसर पर चेन्नई में अपनी पत्नी उषा नायडू के साथ अलाव जलाकर भोगी त्योहार मनाया। भारत के उपराष्ट्रपति के आधिकारिक हैंडल से ट्वीट किया, “उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू और उनकी पत्नी श्रीमती उषा नायडू आज सुबह चेन्नई में अलाव जलाकर भोगी मनाते हुए।"साथ ही इस मौके पर उन्होंने कहा है कि, सभी को भोगी की बहुत-बहुत शुभकामनाएं! परिवर्तन का त्योहार भोगी हमें अपने जीवन में सकारात्मक बदलावों को अपनाने और अपने आसपास की नकारात्मकता को दूर करने के महत्व की याद दिलाता है। पवित्र ‘भोगी मंतलु’ हमारे जीवन को नई आशाओं के साथ, प्रचुर मात्रा में रोशन करें। खुशी और शांति।बता दें, दक्षिण भारत में पोंगल का पहला दिन भोगी के नाम से जाना जाता है, यहीं से पोंगल मनाने की शुरुआत होती है। मानना है कि यह पर्व इंद्र देव को समर्पित होता है और उनसे अच्छी फसल व बारिश की कामना की जाती है।यहां देखें भोगी मनाने का वीडियो-
hindi_2022_11106
पीएम नरेंद्र मोदी ने SCO की बैठक में की अफगानिस्तान और आंतकवाद पर चर्चा, जानिए भाषण की बड़ी बातें
पीएम मोदी ने कहा कि भारत central एशिया के साथ अपनी connectivity बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारा मानना है कि land locked central एशियाई देशों को भारत के विशाल बाज़ार से जुड़ कर अपार लाभ हो सकता है।
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में शुक्रवार को आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की वार्षिक शिखर बैठक को डिजिटल माध्यम से संबोधित किया। इस बैठक में अफगानिस्तान संकट, क्षेत्रीय सुरक्षा, सहयोग एवं सम्पर्क सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एससीओ की बैठक ईरान को SCO के नए सदस्य देश के रूप में शामिल होने पर और सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और कतर का तीन नए डायलॉग पार्टनर्स के रूप में स्वागत किया। आइए आपको बताते हैं पीएम नरेंद्र मोदी के भाषण की बड़ी बातें।एससीओ की बैठक में प्रधानमंत्री ने ये कहा
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"हिंदू लड़कियों को अपनी बहन समझें मुस्लिम लड़के, नहीं तो होगा जबर्दस्त टॉर्चर"
कथित 'लव जिहाद' के खिलाफ लाये गये अध्यादेश की चर्चाओं के बीच समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद डॉ एसटी हसन ने मुसलमान लड़कों को सलाह दी कि वह हिंदू लड़कियों को अपनी बहन समझें।
मुरादाबाद (उत्तर प्रदेश): कथित 'लव जिहाद' के खिलाफ लाये गये अध्यादेश की चर्चाओं के बीच समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद डॉ एसटी हसन ने मुसलमान लड़कों को सलाह दी कि वह हिंदू लड़कियों को अपनी बहन समझें। 'लव जिहाद' पर बने कानून पर बोलते हुए एसटी हसन ने कहा, "मेरी तो सलाह यही है, खासतौर से मुसलमान बच्चों से कि वह हिंदू लड़कियों को अपनी बहन की तरह समझें।सपा सांसद एसटी हसन ने सलाह देते हुए कहा, "किसी के बहकावे में न आएं, किसी के चक्कर में न आएं, क्योंकि यह एक ऐसा कानून बना दिया गया है जिसमें बहुत जबरदस्त तरीके से टॉर्चर किया जा सकता है। अपने आप को बचाएं और किसी भी प्रलोभन में या किसी भी लव के चक्कर में न पड़कर अपनी जिंदगी बचाएं।" उन्होंने गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए यह सब कहा।गौरतलब है कि प्रदेश के योगी मंत्रिमण्डल ने मंगलवार यानि 24 नवंबर को कथित 'लव जिहाद' के खिलाफ अध्यादेश पर मुहर लगा दी है। इसके तहत अब छल, कपट या जोर-जबर्दस्ती से शादी के जरिये धर्म परिवर्तन करने को गैरजमानती अपराध बना दिया गया है। इसका उल्लंघन करने पर अधिकतम 10 साल कैद की सजा तय की गयी है। समाजवादी पार्टी इसका विरोध कर रही है। इसके विरोध में इससे पहले 25 नवंबर को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तंज करते हुए कहा कि योगी 'जिहादी उन्माद' फैलाकर फिर जनता को भटकाने की कोशिश में लग गये हैं। अखिलेश यादव ने एक बयान में कहा था ''मुख्यमंत्री जी जिहादी उन्माद फैलाकर फिर जनता को भटकाने की कोशिश में लग गए हैं। नफरत फैलाकर समाज को बांटने की भाजपा-राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पुरानी रणनीति है। रोज नए-नए कड़े कानून अपनी अकर्मण्यता छुपाने के लिए ही लाए जा रहे हैं।’’
hindi_2022_11108
कोरोना के खिलाफ लड़ाई में चीन बना रहा है अपनी वैक्सीन, जानिए क्या है खासियत और कितनी प्रभावी?
सिनोवैक और सिनोफार्मा दोनों टीके एक पारंपरिक डिजाइन का उपयोग करते हैं, जिसमें कोरोना वायरस के तमाम स्वरूप होते हैं, जो निष्क्रिय हो गए हैं- टीके बनाने का एक आजमाया हुआ तरीका जो काम करता है।
चीन, वह देश जिसने पहली बार नोवेल कोरोनावायरस का पता लगाया था, उन कुछ देशों में से एक है जिन्होंने फाइजर और मॉडर्न द्वारा विकसित असाधारण रूप से प्रभावी एमआरएनए कोविड वैक्सीन में से किसी का आयात नहीं किया है। इसकी बजाय, यह अब तक दो चीनी कंपनियों, सिनोवैक और सिनोफार्म द्वारा विकसित टीकों पर निर्भर है। हालांकि चीन अब अपना खुद का एमआरएनए वैक्सीन विकसित कर रहा है। सिनोवैक और सिनोफार्मा दोनों टीके एक पारंपरिक डिजाइन का उपयोग करते हैं, जिसमें कोरोना वायरस के तमाम स्वरूप होते हैं, जो निष्क्रिय हो गए हैं- टीके बनाने का एक आजमाया हुआ तरीका जो काम करता है। हालांकि, ये टीके शुरू में लोगों को लक्षण वाला कोविड होने से रोकने में काफी अच्छे थे, यह सुरक्षा समय के साथ काफी कम हो गई। ये टीके ओमिक्रोन के संक्रमण से भी पर्याप्त सुरक्षा प्रदान नहीं करते हैं। इसने चीन पर अधिक प्रभावी टीके विकसित करने का दबाव डाला है, क्योंकि वह वायरस के खिलाफ सख्त नियंत्रण नीति अपना रहा है। एमआरएनए टीके एक अलग तरीके से काम करते हैं। वे शरीर में कोरोना वायरस के आनुवंशिक कोड का एक टुकड़ा रखते हैं, जिसे लिपिड ड्रॉपलेट के अंदर रखा जाता है। एक बार जब यह कोशिकाओं के अंदर पहुंच जाता है, तो कोड पढ़ा जाता है और कोशिकाएं कोरोनावायरस के एक महत्वपूर्ण हिस्से, इसके स्पाइक प्रोटीन की प्रतियां तैयार करती हैं। प्रतिरक्षा प्रणाली तब इन स्पाइक प्रोटीनों को देखती है और उनके प्रति प्रतिक्रिया बढ़ाती है, जिससे आने वाले पूर्ण वायरस के खिलाफ प्रतिरक्षा उत्पन्न होती है। एमआरएनए के टीकों ने शुरू में कोविड के खिलाफ उच्च स्तर की सुरक्षा उत्पन्न की। चूंकि दो खुराकों द्वारा दी जाने वाली सुरक्षा समय के साथ कम हो जाती है और ओमिक्रोन के साथ संक्रमण के खिलाफ बहुत कम सुरक्षा प्रदान करती है, एमआरएनए टीके बूस्टर के रूप में उपयोग किए जाने पर ओमिक्रोन संक्रमण के खिलाफ सर्वोत्तम सुरक्षा प्रदान करते हैं। वे गंभीर बीमारी के खिलाफ बहुत प्रभावशाली सुरक्षा प्रदान करते हैं। शुरुआती नतीजे बताते हैं कि सिनोवैक की तीसरी खुराक, तुलनात्मक रूप से, नए संस्करण के साथ संक्रमण को रोकने में असमर्थ है (हालांकि ये परिणाम अभी भी प्रीप्रिंट में हैं, जिसका अर्थ है कि वे अन्य वैज्ञानिकों द्वारा समीक्षा की प्रतीक्षा कर रहे हैं)। चीन बना रहा है एआरसीओवी ऐसा लगता है कि एमआरएनए वैक्सीन तकनीक भविष्य में कोविड के खिलाफ सबसे अच्छी सुरक्षा प्रदान करेगी- इसलिए चीन इस तरह के टीके का विकास कर रहा है। हालांकि उसने इस संबंध में किसी को ज्यादा भनक नहीं लगने दी है। एमआरएनए की जगह चीन की अपनी वैक्सीन एआरसीओवी का विकास, मार्च 2020 में शुरू हुआ। इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक फाइजर और मॉडर्न वैक्सीन के समान है, जो वायरस के संशोधित मैसेंजर आरएनए का उपयोग करती है, जिसे लिपिड ड्रॉपलेट में रखा जाता है, ताकि प्रतिरक्षा को बढ़ाया जा सके। लेकिन फाइजर और मॉडर्न टीकों की तरह वायरस के पूर्ण स्पाइक प्रोटीन से निपटने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली तैयार करने के बजाय, एआरसीओवी रिसेप्टर बाइंडिंग डोमेन (आरबीडी) की प्रतियां बनाती है, जो वायरस के स्पाइक प्रोटीन का एक प्रमुख उप-भाग है, जिसे यह कोशिकाओं से जुड़ने और प्रवेश करने के लिए उपयोग करता है। वायरस का यह हिस्सा प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा विशेष रूप से पहचाना जाता है, जो बताता है कि इसे लक्षित करने से बेहतर सुरक्षा मिल सकती है। पहले के एमआरएनए टीकों की तुलना में एआरसीओवी का एक और संभावित लाभ यह है कि यह कम से कम एक महीने के लिए 2-8 डिग्री सेल्सियस तापमान पर स्थिर रहता है, जिससे टीके का परिवहन, भंडारण और वितरण बहुत आसान हो जाएगा। यह कितनी अच्छी तरह काम करता है? मनुष्यों में वैक्सीन के प्रारंभिक अध्ययन के परिणाम, जहां 120 स्वयंसेवकों को अलग-अलग खुराक के साथ टीका लगाया गया था, जनवरी 2022 में लैंसेट में प्रकाशित किए गए थे। टीका सुरक्षित पाया गया था, लेकिन टीकाकरण के बाद बुखार की उच्च दर थी, विशेष रूप से अधिक खुराक पर, यह परिणाम अन्य एमआरएनए टीकों के शुरुआती अध्ययनों की तुलना में देखे गए थे। हालाँकि, यह बुखार थोड़े समय के लिए ही आया। अध्ययन ने वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी और टी कोशिकाओं के स्तर को भी मापा जो स्वयंसेवकों ने टीकाकरण के बाद उत्पन्न किया।सबसे अच्छा एंटीबॉडी और टी-सेल प्रतिक्रियाएं मध्यम-खुराक समूह में देखी गईं, उच्च खुराक के साथ कम प्रतिक्रिया हुई। यह 100% स्पष्ट नहीं है कि ऐसा क्यों था, लेकिन यह शरीर की गैर-विशिष्ट प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया (इसका सामान्य उद्देश्य बचाव जो सभी प्रकार के बाहरी आक्रमणकारियों पर हमला करता है) के कारण हो सकता है, जिसने अधिक डोज वाली वैक्सीन को इसके वांछित प्रभाव तक पहुंचने से पहले ही नष्ट कर दिया। और यहां तक कि मध्यवर्ती खुराक प्राप्त करने वालों में, दर्ज की गई एंटीबॉडी और टी-सेल प्रतिक्रियाएं भी मौजूदा एमआरएनए टीकों की तुलना में कम थीं, जो यह सवाल उठाती हैं कि यह टीका कितना प्रभावी होगा। हालांकि, इसका ठीक से आंकलन करने के लिए विशाल पैमाने पर चल रहे एक एक अध्ययन के परिणामों का इंतजार है। उस बड़े परीक्षण में चीन, मैक्सिको और इंडोनेशिया में 28,000 से अधिक प्रतिभागी शामिल होंगे और मध्यवर्ती खुराक का उपयोग करेंगे, जिसे इस प्रारंभिक अध्ययन में सबसे अच्छा काम करते देखा गया था। आने वाले महीनों में कुछ अंतरिम नतीजों की उम्मीद है। एक और परीक्षण भी चल रहा है जो सिनोवैक या सिनोफार्मा टीकों के बाद एआरसीओवी को बूस्टर के रूप में देने का अध्ययन कर रहा है। इन अध्ययनों के परिणाम - दोनों इस संदर्भ में कि क्या कोई प्रतिकूल घटनाएं हैं और एआरसीओवी संक्रमण, गंभीर बीमारी और मृत्यु को कितनी अच्छी तरह से रोकता है - इस टीके के भविष्य और कोविड के लिए चीन के भविष्य के दृष्टिकोण को निर्धारित करेगा।
hindi_2022_11109
गुरुवार को दिल्ली लाया जाएगा जनरल रावत का पार्थिव शरीर, शुक्रवार को अंतिम संस्कार
रिपोर्ट्स के मुताबिक, CDS जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी का अंतिम संस्कार शुक्रवार को दिल्ली कैंट में किया जाएगा।
नई दिल्ली: तमिलनाडु में कुन्नूर के समीप बुधवार को हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटना में भारत के पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (CDS) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 11 अन्य लोगों की मृत्यु हो गई। इस दुर्घटना में DSSC के डायरेक्टिंग स्टाफ ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह घायल हैं और फिलहाल सैन्य अस्पताल, वेलिंगटन में उनका उपचार चल रहा है। जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी का अंतिम संस्कार शुक्रवार को दिल्ली में किया जाएगा। इसके पहले उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए उनके घर पर रखा जाएगा।दिल्ली कैंट में किया जाएगा अंतिम संस्काररिपोर्ट्स के मुताबिक, CDS जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी का अंतिम संस्कार शुक्रवार (10 दिसंबर) को दिल्ली कैंट में किया जाएगा। उनके पार्थिव शरीर गुरुवार को एक सैन्य विमान से दिल्ली लाए जाएंगे। शुक्रवार को उनके पार्थिव शरीर को उनके घर लाया जाएगा जहां लोग सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक उन्हें श्रद्धांजलि दे सकेंगे। इसके बाद कामराज मार्ग से बरार चौराहा श्मशान के लिए उनकी अंतिम यात्रा शुरू होगी।https://twitter.com/ANI/status/1468610899938140161वायुसेना ने दिए दुर्घटना के जांच के आदेशवायुसेना ने एक ट्वीट में कहा, ‘बहुत ही अफसोस के साथ इसकी पुष्टि हुई है कि दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में जनरल बिपिन रावत, श्रीमती मधुलिका रावत और 11 अन्य की मृत्यु हो गई है।’ जनरल बिपिन रावत डिफेंस सर्विसेज स्टॉफ कॉलेज (DSSC) जा रहे थे जहां उन्हें शिक्षकों एवं छात्रों को संबोधित करना था। वायुसेना ने कहा कि MI-17VH हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुआ है और इस हादसे के कारण का पता लगाने के लिए ‘कोर्ट ऑफ इंक्वायरी’ के आदेश दिए गए हैं।पीएम नरेंद्र मोदी ने जताया शोकप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनरल रावत, उनकी पत्नी और 11 अन्य लोगों की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत पर शोक प्रकट किया और उन्हें उत्कृष्ट सैनिक और सच्चा देशभक्त करार दिया।। उन्होंने कहा कि पहले रक्षा अध्यक्ष के रूप में उन्होंने रक्षा सुधारों सहित सशस्त्र बलों से संबंधित विभिन्न आयामों पर काम किया और उनके आधुनिकीकरण में बहुत योगदान दिया। उन्होंने कहा, ‘तमिलनाडु में हेलीकॉप्टर दुर्घटना से मैं बहुत दुखी हूं, जिसमें हमने जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और सशस्त्र बलों के अन्य कर्मियों को खो दिया। उन्होंने अत्यंत कर्मठता से भारत की सेवा की। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं।’‘जनरल रावत एक उत्कृष्ट सैनिक थे’प्रधानमंत्री ने कहा, ‘जनरल रावत एक उत्कृष्ट सैनिक थे। एक सच्चे देशभक्त के रूप में उन्होंने सुरक्षा तंत्र और हमारे सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण में बहुत बड़ा योगदान दिया। रणनीतिक मामलों में उनकी दूरदृष्टि असाधारण थी। उनके निधन ने मुझे गहरा सदमा पहुंचाया है।’ मोदी ने कहा कि भारत के पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष के रूप में उन्होंने रक्षा सुधारों सहित सशस्त्र बलों से संबंधित विभिन्न आयामों पर काम किया। उन्होंने कहा, ‘भारत कभी उनकी असाधारण सेवा को नहीं भूलेगा।’ /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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बेगुनाहों के खून से हाथ रंगने वाले आतंकियों को बचा रहे देशों का हो विरोध: विदेश मंत्री जयशंकर
अफगानिस्तान की घटनाओं से अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ रही है, ऐसे में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार को कहा कि वैश्विक समुदाय को उन देशों के पाखंड का विरोध करना चाहिए जो निर्दोषों के खून से हाथ रंगने वाले आतंकवादियों की रक्षा करते हैं।
नई दिल्ली: अफगानिस्तान की घटनाओं से अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ रही है, ऐसे में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार को कहा कि वैश्विक समुदाय को उन देशों के पाखंड का विरोध करना चाहिए जो निर्दोषों के खून से हाथ रंगने वाले आतंकवादियों की रक्षा करते हैं। आतंकवाद से अंतर्राष्ट्रीय खतरे पर सुरक्षा परिषद में बोलते हुए, उन्होंने दोनों का नाम लिए बिना आतंकवादी समूहों को सहायता प्रदान करने में पाकिस्तान और चीन की भूमिकाओं की ओर ध्यान आकर्षित किया।उन्होंने कहा, "दुर्भाग्य से, कुछ देश ऐसे भी हैं जो आतंकवाद से लड़ने के हमारे सामूहिक संकल्प को कमजोर या नष्ट करना चाहते हैं। इसे पारित नहीं होने दिया जा सकता।" जयशंकर ने कहा, "जब हम देखते हैं कि निर्दोष लोगों के खून से हाथ रंगने वालों को राजकीय आतिथ्य दिया जा रहा है, तो हमें उनकी दोहरी बात पर टोकने का साहस करने से नहीं चूकना चाहिए।" उन्होंने कहा, "चाहे वह अफगानिस्तान में हो या भारत के खिलाफ, लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) जैसे समूह दंड से मुक्ति और प्रोत्साहन दोनों के साथ काम करना जारी रखते हैं।"उन्होंने कहा, "इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि यह परिषद हमारे सामने आने वाली समस्याओं के बारे में एक चुनिंदा, सामरिक या आत्मसंतुष्ट दृष्टिकोण नहीं लेती है। हमें कभी भी आतंकवादियों के लिए अभयारण्यों का सामना नहीं करना चाहिए या उनके संसाधनों को बढ़ाने की अनदेखी नहीं करनी चाहिए।" पाकिस्तान समर्थित लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े व्यक्तियों और समूहों को बचाने के बीजिंग के प्रयासों के संदर्भ में उन्होंने कहा, "बिना किसी कारण के अनुरोधों को ब्लॉक और होल्ड न करें।"आतंकवाद के खिलाफ अपनी कार्य योजना को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि आतंकवादियों और आतंकवादी समूहों से निपटने के लिए परिषद को राजनीतिक या धार्मिक कारणों से नहीं, बल्कि निष्पक्ष रूप से सूचीबद्ध करना और हटाना चाहिए। जयशंकर ने चेतावनी दी कि "हमारे अपने पड़ोस में, आईएसआईएल-खोरासन (आईएसआईएल-के) अधिक ऊजार्वान हो गया है और लगातार अपने पदचिह्न् का विस्तार करने की कोशिश कर रहा है। अफगानिस्तान में होने वाली घटनाओं ने क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा दोनों के लिए उनके प्रभावों के बारे में वैश्विक चिंताओं को स्वाभाविक रूप से बढ़ा दिया है।"उन्होंने भारत द्वारा प्रस्तावित अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक सम्मेलन को शीघ्र अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इसे कुछ देशों द्वारा अवरुद्ध कर दिया गया है जो कुछ आतंकवादियों को 'स्वतंत्रता सेनानियों' के रूप में बचाने की कोशिश करते हैं। जयशंकर ने कहा, "राजनीतिक इच्छाशक्ति का आह्वान करें : आतंकवाद को न्यायसंगत न ठहराएं, आतंकवादियों का महिमामंडन न करें। कोई दोहरा मापदंड नहीं। आतंकवादी आतंकवादी होते हैं, भेद केवल हमारे अपने जोखिम पर किए जाते हैं।"उन्होंने कहा कि आतंकवादी संगठनों के वित्तपोषण के खिलाफ कानूनी उपायों को सख्त करने के अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों के बावजूद, उन्हें अभी भी पैसा मिलता है। उन्होंने कहा, "धन का प्रवाह जारी है और हत्याओं के लिए पुरस्कार अब बिटकॉइन में भी दिए जा रहे हैं!"जयशंकर ने आतंकवाद के सभी पीड़ितों के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त करते हुए कहा कि जहां अगले महीने अमेरिका पर 9/11 हमले की 20वीं बरसी आ रही है, वहीं 2008 का मुंबई आतंकी हमला हमारी यादों में अंकित है। 2016 का पठानकोट हवाईअड्डा हमला और 2019 का पुलवामा में हमारे पुलिसकर्मियों पर आत्मघाती हमले की याद अभी भी ताजा है।"
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Rajat Sharma's Blog | भावुक योगी : जीत का पक्का भरोसा
बेहद भावुक होकर उन्होंने कहा-'मैं एक योगी हूं। मैंने राष्ट्रधर्म की शपथ ली है। मैंने अपने परिवार के लिए शपथ नहीं ली है। एक योगी हमेशा लोक कल्याण के लिए काम करता है। यूपी के लोग ही मेरा परिवार हैं।'
मैं मंगलवार सुबह गोरखपुर में था जहां विधानसभा चुनावों को लेकर इंडिया टीवी के स्पेशल शो में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेरे सवालों का जवाब दिया। पूरा हॉल दर्शकों से भरा हुआ था। वहां मौजूद सभी लोग मेरे सवालों का जवाब सुनने के लिए बेसब्री से योगी आदित्यनाथ का इंतजार कर रहे थे। योगी ने एक भी सवाल से बचने की कोशिश नहीं की। उन्होंने बेहद शांत तरीके से जवाब दिया। ज्यादातर सवाल चुनावों पर केंद्रित थे, लेकिन हिजाब विवाद, लखीमपुर खीरी और हाथरस घटनाओं से जुड़े कुछ पेचीदा सवाल भी थे। मैंने योगी को इतना शांत और आत्मविश्वास से भरे मूड में कभी नहीं देखा । शो के अंत में उन्होंने 80 प्रतिशत सीटों पर शानदार जीत की भविष्यवाणी की। अगर आंकड़ों की बात करें तो यूपी विधानसभा की कुल 403 सीटों में से यह आंकड़ा 320 से अधिक का बनता है। उन्होंने समाजवादी पार्टी के अंत की भविष्यवाणी की और उसकी तुलना लंकिनी से की। लंकिनी एक राक्षसी थी जिसे रावण ने लंका की रक्षा की जिम्मेदारी दी थी। योगी ने कहा, 'लंकिनी ने जब अपने सामने हनुमान जी को विशाल रूप धारण करते देखा तो वह जान गई कि अब खेल खत्म हो चुका है, लंका का अन्त काल तय है।' योगी यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे यह दावा किया कि उनके पास ऐसी रिपोर्ट है कि '10 मार्च को रिजल्ट आने के बाद विपक्ष के नेता विदेश भागने की तैयारी में हैं। विपक्ष के कुछ नेताओं ने विदेश यात्राओं के लिए टिकट बुक करा लिया है। कुछ ने इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के लिए टिकट बुक करा लिया है तो कुछ छोटे-मोटे नेता नेपाल भाग सकते हैं। उन्होंने कहा, 'मैंने पुलिस से कहा है कि वह नेपाल पुलिस के साथ मिलकर संयुक्त रूप से पेट्रोलिंग करे ताकि उन्हें सीमा पार करने से रोका जा सके।' योगी ने अपने खास अंदाज में वंशवाद की राजनीति पर जमकर हमला बोला और मौजूदा चुनावों में अपने मुख्य प्रतिद्वंद्वी अखिलेश यादव को फटकार लगाई। उन्होंने कहा, 'यह एक ऐसा परिवार है, जहां एक बेटा अपने पिता (मुलायम सिंह यादव) को धक्का देता है और भतीजा अपने चाचा को बाहर निकाल देता है। परिवार के सभी सदस्य तभी तक एकजुट रहते हैं जब तक उन्हें लूट में हिस्सेदारी मिलती रहती है।' योगी ने यह भविष्यवाणी की कि जो मंत्री चुनाव से पहले बीजेपी से इस्तीफा देकर विपक्ष के खेमे में चले गए वे चुनाव में बुरी तरह से हारेंगे और अपनी जमानत भी नहीं बचा पाएंगे। योगी ने भविष्यवाणी की कि 2017 और 2019 की तरह सभी छुटभैये पहलवान जिन्होंने महागठबंधन के तहत समाजवादी पार्टी से हाथ मिलाया है, वे सब 10 मार्च को रिजल्ट आने के बाद आपस में ही कुश्ती लड़ेंगे। शो के दौरान एक ऐसा क्षण भी आया जब मैंने योगी आदित्यनाथ से एक निजी सवाल किया। मैंने पूछा, अगर राहुल गांधी अपनी बहन प्रियंका को चुनाव में मदद करने के लिए कह सकते हैं, तो आप अपनी बहन की मदद क्यों नहीं कर सकते। वह रोजाना कई किलोमीटर पैदल चलकर अपनी चाय-नाश्ते की दुकान तक (उत्तराखंड में) जाती हैं? आप अपने परिवार की मदद क्यों नहीं कर सकते? योगी कुछ पल के लिए रुके और फिर बेहद भावुक होकर उन्होंने कहा-'मैं एक योगी हूं। मैंने राष्ट्रधर्म की शपथ ली है। मैंने अपने परिवार के लिए शपथ नहीं ली है। एक योगी हमेशा लोक कल्याण के लिए काम करता है। यूपी के लोग ही मेरा परिवार हैं।' शो के दौरान योगी आदित्यनाथ ने आवारा मवेशियों के मुद्दों पर बात की जो इस चुनाव का एक अहम मुद्दा है। किसान रात भर जगकर छुट्टा जानवरों से अपने खेतों की रखवाली करते हैं। उन्होंने वादा किया कि वे यह सुनिश्चित करने का पूरा प्रयास कर करेंगे कि छुट्टा मवेशियों की संख्या कम हो और सभी आवारा मवेशियों को गौशालाओं में रखा जाएगा। उन्होंने कहा- जब हम सत्ता में आए थे तो हमने कहा था कि एक भी गाय का वध नहीं होने देंगे। यह हमारा संकल्प है। आतंकवाद को लेकर योगी ने आरोप लगाया कि वह समाजवादी पार्टी की सरकार थी जिसने सीरियल ब्लास्ट के आरोपियों पर मुकदमा चलाने से इनकार कर दिया और केस वापस ले लिया। उनकी इस टिप्पणी पर कि 10 मार्च के बाद एकबार फिर बुलडोजर निकलेगा, योगी ने कहा-'बुलडोजर का सबसे अच्छा इस्तेमाल हम कर रहे हैं। बुलडोजर बनाने वाली कंपनियों को हमारी सरकार का आभारी होना चाहिए। हम अपराधियों और माफिया नेताओं को खुलेआम घूमने की इजाजत नहीं देंगे।' बेरोजगारी के मुद्दे पर योगी ने कहा- 'हमने अपने पहले तीन साल के कार्यकाल में सरकारी नौकरियों के लिए होनेवाली नियुक्तियों में पूरी पारदर्शिता लाने की कोशिश की। बाद के वर्षों में हमने कोविड मैनेजमेंट पर पूरा फोकस किया। हाल में हमने अराजपत्रित पदों पर भर्ती के लिए एक पात्रता परीक्षा आयोजित की जिसमें 25 लाख उम्मीदवार शामिल हुए। जल्द ही इसके नतीजे आ जाएंगे। बसपा और सपा के शासन में दी गई नौकरियों की तुलना में हमने अपने कार्यकाल में अधिक सरकारी नौकरियां दी है।' अखिलेश यादव के मुफ्त बिजली के वादे पर योगी ने कहा, उनका शासन शाम के बाद अंधेरे के लिए जाना जाता था। आज हम हर जिले को 24 घंटे बिजली दे रहे हैं। वे बिजली तो दे नहीं सके, बिजली उत्पादन में फेल रहे और अब मुफ्त बिजली का वादा कैसे कर सकते हैं? मुख्यमंत्री ने दावा किया कि पिछली सरकार के दौरान गरीब लोगों को मिलने वाले मुफ्त राशन का अधिकांश हिस्सा सत्ताधारी दल के करीबी लोगों द्वारा हड़प लिया जाता था। सत्ता में आने के तुरंत बाद हमने पूरा सर्वे किया और कई लाख नकली राशन कार्ड जब्त किए गए। हमने PoS सिस्टम शुरू किया जिससे गरीब लोगों को महीने में दो बार मुफ्त राशन मिल रहा है। मुफ्त राशन की चोरी अब बंद हो गई है।' लखीमपुर खीरी और हाथरस में हुई घटनाओं पर योगी आदित्यनाथ ने कहा-'दोनों घटनाएं वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण थीं, लेकिन हमारी सरकार ने समय पर कदम उठाए। हाथरस केस में सीबीआई जांच कर रही है, जहां तक मेरी जानकारी है उसके मुताबिक सीबीआई की जांच यूपी पुलिस द्वारा की गई जांच से एक कदम भी आगे नहीं गई है। मुझे इंतजार है उस सच का जो सामने आएगा और यह साबित करेगा कि यह हमारी सरकार को बदनाम करने की साजिश का हिस्सा हो सकता है। सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एसआईटी लखीमपुर खीरी केस की जांच कर रही है। दंगे भड़काने की कोशिश की गई लेकिन हमारी सरकार ने हालात को काबू में कर लिया।' कर्नाटक के स्कूल-कॉलेजों में हिजाब विवाद पर योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘व्यक्तिगत रूप से मुझे घर या सार्वजनिक स्थानों पर किसी की पोशाक पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन हमारी व्यवस्था संविधान के मुताबिक चलती है। कुछ लोग अपनी पसंद राष्ट्र पर नहीं थोप सकते। आज स्कूल में, कल वे फोर्स में ऐसा करने की मांग कर सकते हैं। हम अनुशासनहीनता की इजाजत नहीं दे सकते। शो के दौरान योगी ने विस्तार से बताया कि कैसे उन्होंने पूर्वी उत्तर प्रदेश में जापानी इंसेफेलाइटिस पर नियंत्रण पाया और कैसे उन्होंने पिछले साल अप्रैल-मई में देश में फैली कोरोना की दूसरी लहर के दौरान व्यक्तिगत तौर पर मोर्चा संभाला। उन्होंने कहा- 'मैं जमीनी हालात का पता लगाने के लिए कई जिलों में व्यक्तिगत तौर पर गया था। मथुरा में मुझे अपने घर के सामने खड़ा देखकर एक महिला हैरान रह गई। उसने मुझसे कहा, आप मुख्यमंत्री हैं। आपको पहले अपना ख्याल रखना चाहिए क्योंकि आप पूरे राज्य को चला रहे हैं.....आज मैं कह सकता हूं कि हमारे हर जिले में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन उपलब्ध है।' मैं कई वर्षों के लंबे अंतराल के बाद गोरखपुर गया था। पांच साल से भी ज्यादा समय पहले गोरखपुर महज एक जिला मुख्यालय ही था, धूल धूसरित। यहां गड्ढों वाली सड़कें थी। अस्पताल, मेडिकल कॉलेज और सड़क जैसी बुनियादी चीजों की कमी थी। लेकिन आज गोरखपुर में कई बड़े अस्पताल, एक्सप्रेसवे, चौड़ी सड़कें और अन्य अत्याघुनिक सुविधाएं हैं। पिछले पांच साल में योगी सरकार द्वारा किए गए काम सबके सामने हैं। सोमवार को गोरखपुर में मैं जिन लोगों से मिला उनमें से ज्यादातर ने मुझे बताया कि कैसे मौजूदा सरकार उनके रोजमर्रा के जीवन में बदलाव लायी है। मुझे उस हॉल में एक भी ऐसा व्यक्ति नहीं मिला जिसने गोरखपुर से चुनाव लड़ रहे योगी के खिलाफ एक भी शब्द बोला हो। 10 मार्च को ऊंट कौन-सी करवट लेगा, इस पर सबकी अलग राय है। हमें नतीजों का इंतजार करना चाहिए। (रजत शर्मा)देखें: रजत शर्मा के साथ योगी आदित्यनाथ का पूरा इंटरव्यू
hindi_2022_11112
भारत में सिद्धांत और परिपाटी के रूप में खतरे में है धर्मनिरपेक्षता: शशि थरूर
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा है कि भारत में धर्मनिरपेक्षता एक सिद्धांत और परिपाटी के रूप में ‘‘खतरे’’ में है तथा सत्तारूढ़ दल इस शब्द को संविधान से हटाने के प्रयास कर सकता है।
नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा है कि भारत में धर्मनिरपेक्षता एक सिद्धांत और परिपाटी के रूप में ‘‘खतरे’’ में है तथा सत्तारूढ़ दल इस शब्द को संविधान से हटाने के प्रयास कर सकता है। हालांकि, उन्होंने जोर देकर कहा कि ‘‘घृणा फैलाने वाली ताकतें’’ देश के धर्मनिरपेक्ष चरित्र को बदल नहीं सकती हैं। थरूर ने अपनी नई किताब ‘‘द बैटल ऑफ बिलांगिंग’’ को लेकर पीटीआई-भाषा को दिए साक्षात्कार में कहा कि धर्मनिरपेक्षता महज एक शब्द है और यदि सरकार इस शब्द को हटा भी देती है तो भी संविधान अपने मूल स्वरूप की वजह से धर्मनिरपेक्ष ही बना रहेगा। कांग्रेस नेता ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ‘भाजपा लाइट’ (भाजपा का दूसरा रूप) बनने का जोखिम नहीं उठा सकती है क्योंकि इससे उसके ‘कांग्रेस जीरो’ (कांग्रेस के खत्म होने का) खतरा है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी भाजपा के राजनीतिक संदेश का कमजोर रूप पेश नहीं करती है और कांग्रेस के भीतर भारतीय धर्मनिरपेक्षता की भावना अच्छी तरह से निहित एवं जीवंत है। कांग्रेस पर नरमवादी हिंदुत्व का सहारा लेने के आरोपों के बारे में थरूर ने कहा कि वह समझते हैं कि यह मुद्दा कई उदार भारतीयों के बीच चिंता का वास्तविक एवं ठोस विषय है लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि ‘‘कांग्रेस पार्टी में हमारे बीच यह बिलकुल स्पष्ट है कि हम अपने को भाजपा का दूसरा रूप नहीं बनने दे सकते।’’ पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘मैं लंबे समय से यह कहता आया हूं कि ‘पेप्सी लाइट’ का अनुसरण करते हुए ‘भाजपा लाइट’ बनाने के किसी भी प्रयास का परिणाम ‘कोक जीरो’ की तरह ‘कांग्रेस जीरो’ होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस किसी भी रूप और आकार में भाजपा की तरह नहीं है तथा हमें ऐसे किसी का भी कमजोर रूप बनने का प्रयास नहीं करना चाहिए जो कि हम नहीं हैं। मेरे विचार से हम ऐसा कर भी नहीं रहे हैं।’’ थरूर ने कहा, ‘‘कांग्रेस हिंदूवाद और हिंदुत्व के बीच अंतर करती है। हिंदूवाद जिसका हम सम्मान करते हैं, वह ‘‘समावेशी है और आलोचनात्मक नहीं है’’ जबकि हिंदुत्व राजनीतिक सिद्धांत है जो अलग-थलग करने पर आधारित है।’’ तिरुवनंतपुरम से सांसद ने कहा, ‘‘इसलिए हम भाजपा के राजनीतिक संदेश का कमजोर रूप पेश नहीं कर रहे: राहुल गांधी ने यह एकदम स्पष्ट कर दिया है कि मंदिर जाना उनका निजी हिंदुत्व है, वह हिंदुत्व के नरम या कट्टर किसी भी रूप का समर्थन नहीं करते हैं।’’ यह पूछने पर कि क्या ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द खतरे में है, उन्होंने कहा, ‘‘यह महज एक शब्द है; अगर सरकार इस शब्द को संविधान से हटा भी देती है तो भी संविधान धर्मनिरपेक्ष बना रहेगा।’’ उन्होंने कहा कि पूजा-अर्चना की स्वतंत्रता, धर्म का पालन करने की स्वतंत्रता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, अल्पसंख्यक अधिकार, सभी नागरिकों के लिए समानता, ये सभी संविधान के मूल ताने-बाने का हिस्सा हैं और एक शब्द को हटा देने से ये गायब नहीं होने वाले। उन्होंने कहा, ‘‘सत्तारूढ़ दल ऐसा करने का प्रयास कर सकता है: यहां धर्मनिरपेक्षता को खत्म करने और इसके स्थान पर सांप्रदायिकता को स्थापित करने के सम्मिलित प्रयास निश्चित ही हो रहे हैं जिसके तहत भारतीय समाज में धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए कोई स्थान नहीं है।’’
hindi_2022_11113
ममता बनर्जी ने केंद्र के खिलाफ विपक्ष से की एकजुट होने की अपील, कई बड़े नेताओं को लिखा पत्र
ममता बनर्जी ने पत्र में लिखा, "मेरा मानना​है कि लोकतंत्र और संविधान पर भाजपा के हमलों के खिलाफ एकजुट होकर प्रभावी ढंग से संघर्ष करने का समय आ गया है।"
कोलकाता: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों की गहमा-गहमी के बीच तृणमूल कांग्रेस (TMC) प्रमुख और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, NCP अध्यक्ष शरद पवार, DMK अध्यक्ष एमके स्टालिन, RJD नेता तेजस्वी यादव, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल, BJD प्रमुख नवीन पटनायक को पत्र लिखकर भाजपा के खिलाफ एकजुट होनी की अपील की है।ममता बनर्जी ने पत्र में लिखा, "मेरा मानना ​है कि लोकतंत्र और संविधान पर भाजपा के हमलों के खिलाफ एकजुट होकर प्रभावी ढंग से संघर्ष करने का समय आ गया है।" बनर्जी ने गैर-भाजपा नेताओं को पत्र में लिखा, ‘‘मैं भारत के लोकतंत्र और संवैधानिक संघवाद पर भाजपा और केन्द्र में उसकी सरकार द्वारा हमलों को लेकर अपनी गंभीर चिंताओं से अवगत कराने के लिए आपको, और गैर-भाजपा दलों के कई नेताओं को पत्र लिख रही हूं।’’ राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक 2021 को संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित किये जाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह एक ‘‘अत्यंत गंभीर’’ विषय है। उन्होंने कहा, ‘‘इस कानून के जरिये केन्द्र की भाजपा सरकार ने लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार की सभी शक्तियों को छीन लिया है और उपराज्यपाल को दिल्ली का अघोषित वायसराय बना दिया गया, जो गृह मंत्री और प्रधानमंत्री के लिए एक प्रतिनिधि (प्रॉक्सी) के रूप में काम कर रहे हैं।’’
hindi_2022_11114
Kerala Corona Update: केरल में कोरोना के 22,182 नए मामले आए, 178 और मरीजों की मौत
केरल में कोरोना के कुल मामले बढ़कर 44,46,228 हो गए और मृतकों की संख्या 23,165 पर पहुंच गई है। सरकार की एक विज्ञप्ति के अनुसार, पिछले एक दिन में 26,563 मरीज ठीक हुए। अब तक कोविड-19 के 42,36,309 रोगी संक्रमणमुक्त हो चुके हैं।
तिरुवनंतपुरम: केरल में गुरुवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 22,182 नए मामले सामने आए तथा महामारी से 178 और मरीजों की मौत हो गई। वहीं इस दौरान 26,563 मरीज कोरोना से ठीक भी हुए हैं। इसके साथ ही केरल में कोरोना के कुल मामले बढ़कर 44,46,228 हो गए और मृतकों की संख्या 23,165 पर पहुंच गई है। सरकार की एक विज्ञप्ति के अनुसार, पिछले एक दिन में 26,563 मरीज ठीक हुए। अब तक कोविड-19 के 42,36,309 रोगी संक्रमणमुक्त हो चुके हैं। राज्य में फिलहाल 1,86,190 मरीज उपचाराधीन (सक्रिय मामले) हैं। वहीं केरल में पिछले 24 घंटों में 1,21,486 सैंपल्स टेस्ट किए गए हैं।लगातार दूसरे दिन संक्रमण की दर नहीं बताई गईविज्ञप्ति के अनुसार, पिछले 24 घंटे में केरल में 1,21,486 नमूनों की जांच की गई लेकिन लगातार दूसरे दिन संक्रमण की दर नहीं बताई गई। पिछले एक दिन में 1,21,486 नमूनों की जांच के बाद जो 22,182 नए मामले सामने आये उससे पता चलता है कि संक्रमण की दर 18.25 प्रतिशत है। चौदह जिलों में त्रिशूर में सबसे अधिक 3252, एर्नाकुलम में 2901, तिरुवनंतपुरम में 2135, मलप्पुरम में 2061, कोझिकोड में 1792, पलक्कड़ में 1613, कोल्लम में 1520, अलपुझा में 1442, कन्नूर में 1246, कोट्टायम में 1212, पथनमथिट्टा में 1015 और इडुक्की जिले में 973 नये मामले सामने आये। राज्य में अभी 5,54,807 लोग निगरानी में हैं जिसमें से 5,27,791 लोग घर पर या संस्थागत पृथकवास में हैं जबकि 27,016 अस्पताल में हैं। त्योहार में भीड़ भाड़ वाली जगहों से बचेंवहीं आंध्र प्रदेश में पिछले 24 घंटे में गुरुवार को कोरोना वायरस के 1,367 नए मामले सामने आए, 1,248 रिकवरी दर्ज़ की गई और 14 मौतें हुईं। सक्रिय मामलों की कुल संख्या 14,708 है। ICMR के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि त्योहार निकट आ रहे हैं और किसी भी जगह जनसंख्या घनत्व में अचानक वृद्धि से वायरस के प्रसार के लिए अनुकूल वातावरण बनता है। हमें इस बात को ध्यान में रखना होगा। केरल एकमात्र ऐसा राज्य है जहां 1 लाख से ज़्यादा सक्रिय मामले- केंद्रीय स्वास्थ्य सचिवकेंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने गुरुवार को प्रेस वार्ता में बताया कि केस पॉजिटिविटी लगातार कम हो रही है। साप्ताहिक पॉजिटिविटी पिछले 11 सप्ताह से लगातार 3% से कम बनी हुई है। देश में 34 ज़िले ऐसे हैं जहां 10% से अधिक साप्ताहिक पॉजिटिविटी है, 32 ज़िले ऐसे हैं जहां 5-10% के बीच साप्ताहिक पॉजिटिविटी है। देश में 3631 PSA प्लांट शुरू किए जा रहे हैं। ये 4500 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन उपलब्ध करा पाएंगे। इसमें केंद्रीय संसाधनों से 1491 प्लांट और राज्यों और अन्य संसाधनों से 2140 प्लांट तैयार किए जा रहे हैं। केरल एकमात्र ऐसा राज्य है जिसमें 1 लाख से ज़्यादा सक्रिय मामले हैं। मिजोरम, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश ऐसे राज्य हैं जिसमें कोविड के सक्रिय मामले 10,000 से 1,00,000 के बीच हैं। देश में पिछले 24 घंटे में कोविड के 30,570 नए मामले सामने आए। इनमें से 68% मामले केरल से सामने आए हैं। बाकी राज्यों में अभी भी कोविड के मामलों में गिरावट देखी जा रही है।
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2 फीट के व्यक्ति को है दुल्हन की तलाश, सीएम योगी को लिख चुके हैं पत्र, अब यूपी पुलिस से मांगी मदद
अजीम सिर्फ दो फीट लंबा है और यद्यपि वह अपनी कॉस्मेटिक की दुकान से एक अच्छी राशि कमाते हैं, लेकिन कोई भी लड़की उनसे शादी करने के लिए तैयार नहीं है। पिछले साल, अजीम उप-मंडल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) से मदद लेने के लिए कैराना पुलिस स्टेशन गए। कैराना एसएचओ प्रेमवीर राणा ने कहा, "उन्होंने हमारे माध्यम से एसडीएम को अपने लिए लड़की की तलाश के लिए एक पत्र लिखा।"
मुजफ्फरनगर. अजीम मंसूरी महज दो फीट के हैं और शादी करने की इच्छा रखते हैं। पर कद उनके इस ख्वाहिश के आगे मुश्किल खड़ी कर रहा है। उन्होंने इस बाबत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से संपर्क करने की कोशिश की, यहां तक कि पुलिस से भी संपर्क कर उनकी समस्या को सुलझाने में मदद करने के लिए कहा। पुलिस भी अचरज में है कि कैसे उनकी समस्या को सुलझाया जाए। 26 वर्षीय अजीम मंसूरी के साथ समस्या यह है कि वह अपने लिए दुल्हन नहीं खोज पा रहा है और शादी करने के लिए बेताब है।पढ़ें- व्हीलचेयर पर प्रचार करने निकलीं ममता, चार लेयर की है सुरक्षाअजीम सिर्फ दो फीट लंबा है और यद्यपि वह अपनी कॉस्मेटिक की दुकान से एक अच्छी राशि कमाते हैं, लेकिन कोई भी लड़की उनसे शादी करने के लिए तैयार नहीं है। पिछले साल, अजीम उप-मंडल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) से मदद लेने के लिए कैराना पुलिस स्टेशन गए। कैराना एसएचओ प्रेमवीर राणा ने कहा, "उन्होंने हमारे माध्यम से एसडीएम को अपने लिए लड़की की तलाश के लिए एक पत्र लिखा।"पढ़ें- पंचायत ने सुनाया अजीबोगरीब फैसला, प्रेमी युगल से एक दूसरे को चप्पल मारने को कहाफिर, उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी लिखा, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। शामली कोतवाली के एसएचओ सतपाल सिंह ने कहा, "वह एक सप्ताह पहले हमारे पास दुल्हन को खोजने के अनुरोध के साथ आया था। उनका कहना है कि 'सार्वजनिक सेवा' करना और उनके लिए दुल्हन खोजना हमारा कर्तव्य है। हम नहीं जानते कि क्या करना है। लेकिन हम देखेंगे कि क्या किया जा सकता है।"पढ़ें- पुलिस ने ग्राम प्रधान से आदमी के पैरों पर रगड़वाई नाकइस बीच, अजीम ने कहा, "मैं रात को सो नहीं सकता। मैं इतने लंबे समय से कोशिश कर रहा हूं। क्या यह समय मेरे लिए नहीं है कि मैं किसी के साथ अपनी जिंदगी को साझा कर सकूं? मैं रिजेक्शन से आहत हूं।" कैराना स्थित परिवार से छह भाई-बहनों में सबसे छोटे, अजीम को स्कूल में ताने और अपमान का सामना करना पड़ा है। उन्होंने कक्षा पांच में स्कूल छोड़ दिया और अपने एक भाई के स्वामित्व वाले सौंदर्य प्रसाधन की दुकान पर सहायता करना शुरू कर दिया। उनके माता-पिता ने उनके लिए एक उपयुक्त दुल्हन खोजने की कोशिश की, लेकिन असफल रहे। उनके जीजाजी कासिफ ने कहा, "लोग आते हैं, लेकिन उसकी ऊंचाई के कारण उसे ठुकरा देते हैं।"पढ़ें- Coronavirus: सावधान कर रहे हैं आकंड़े! भारत में संक्रमण के 25,320 नए मामले सामने आए
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100 बड़े कांट्रेक्टर तैयार करने के मिशन में जुटे गडकरी, दुनिया में नंबर वन बनने का प्लान
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी एक बड़े मिशन में जुट गए हैं। यह मिशन है हिंदुस्तान में वर्ल्ड क्लास के सौ बड़े टनलिंग कांट्रेक्टर और कंसल्टेंट तैयार करने का।
नई दिल्ली: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी एक बड़े मिशन में जुट गए हैं। यह मिशन है हिंदुस्तान में वर्ल्ड क्लास के सौ बड़े टनलिंग कांट्रेक्टर और कंसल्टेंट तैयार करने का। इन कांट्रेक्टर और कंसल्टेंट के जरिए हिंदुस्तान को दुनिया में टनल निर्माण का नंबर वन एक्सपर्ट देश बनाने की तैयारी है। नितिन गडकरी के मुताबिक यह कार्य कठिन जरूर है मगर असंभव नहीं। इससे हिंदुस्तान पूरी दुनिया में टनल निर्माण के मार्केट पर कब्जा कर सकता है। नितिन गडकरी इस अभियान को एक बड़ा मिशन मानते हैं। अच्छे ट्रैक रिकॉर्ड वाले कांट्रेक्टर को बढ़ावा देने के लिए शर्तों में ढील जैसे कई उपाय भी मंत्रालय में शुरू हुए हैं।एशिया की सबसे लंबी जोजिला टनल का निर्माण शुरू होने के बाद से उत्साहित केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि आने वाले वक्त में एक लाख करोड़ से अधिक के काम एनएचएआई को मिलने वाला है। देश में करीब 235 किलोमीटर टनल का निर्माण अभी होना है। टनल निर्माण एक बड़ी इंडस्ट्री के तौर पर देश ही नहीं दुनिया में उभर रही है।गडकरी ने एसोचैम के प्रतिनिधियों से बीते 31 अक्टूबर को वार्ता के दौरान अपने खास प्लान को साझा किया था। उन्होंने कहा था, मैं अच्छा काम करने वाले हिंदुस्तान के सौ वल्र्ड क्लास के टनलिंग कांट्रेक्टर बनाना चाहता हूं। जो सिर्फ नेपाल, भूटान और बांग्लादेश में नहीं बल्कि पूरी दुनिया में जाएं और वहां कम लागत में टनल बनाकर दिखाएं। इससे हिंदुस्तान टनल निर्माण सेक्टर में वल्र्ड के मार्केट को कैप्चर कर सकता है। मेरा यह मिशन कठिन है लेकिन असंभव नहीं है।केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का मानना है कि भारत में अपार इंजीनियरिंग टैलेंट हैं। साफ्टवेयर टेक्नोलॉजी में भी भारत अव्वल है। सबसे खास बात है कि भारत में बेहतर सुरक्षा उपायों का ध्यान रखते हुए भी कम लागत में टनल निर्माण होता है। तमाम खर्चें अन्य देशों के मुकाबले कम हैं। ऐसे में वल्र्ड की बेस्ट प्रैक्टिस को अपनाने हुए हिंदुस्तान, दुनिया का नंबर वन एक्सपर्ट देश बन सकता है।सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अपने कार्यकाल में कांट्रेक्टर की शर्तों में ढील देकर बड़े लोगों और कंपनियों का वर्चस्व तोड़ने की भी कोशिश की है। ताकि अच्छा काम करने वाले नए कांट्रेक्टर को बढ़ावा मिल सके। पहले टेक्निकल और फाइनेंशियल क्वालिफिकेशन ऐसी होतीं थीं कि उससे बड़ी कंपनियों को ही टेंडर में फायदा पहुंचता था। मगर शर्तों में ढील से अब सभी के लिए रास्ते खुले हैं। जिससे सभी कांट्रेक्टर को आगे बढ़ने के मौके मिल रहे हैं।
hindi_2022_11117
UP में बाबा के Bulldozer का क्रेज, प्रयागराज में तोहफे में दिए गए 'बुलडोजर'
यूपी चुनाव के समय से ही बुलडोजर का क्रेज कुछ ज्यादा ही बढ़ा है। हाल के दिनों में बुलडोजर बाबा के नाम से मशहूर हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की फिर से वापसी पर जगह-जगह बुलडोजर पर चढ़कर भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने जश्न मनाया था। अब शादी में उपहार के रूप में लघु बुलडोजर दिए जा रहे हैं।
प्रयागराज: जहां एक तरफ यूपी में बुलडोजर बाबा की सरकार बन चुकी है तो वहीं दूसरी तरफ सरकार बनने की खुशी में उपहार के रूप में लघु बुलडोजर दिए जा रहे हैं। प्रयागराज के कटरा में चौरसिया समुदाय की ओर से आयोजित सामूहिक विवाह समारोह में रविवार को शादी करने वाले नौ जोड़ों को घरेलू सामान समेत एक बुलडोजर का खिलौना भी दिया गया।प्रयागराज की मेयर अभिलाषा गुप्ता ने कहा कि बुलडोजर महिलाओं की सुरक्षा के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के विकास का भी प्रतीक है। राज्य में शांति और सद्भाव का माहौल बनाने के लिए दुल्हनों ने सामूहिक रूप से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद दिया।बुलडोजर का इस्तेमाल योगी आदित्यनाथ ने अपने पहले कार्यकाल में माफिया और अपराधियों की अवैध संपत्ति को ध्वस्त करने में बड़े पैमाने पर किया था।वहीं, आपको बता दें कि यूपी चुनाव के समय से ही बुलडोजर का क्रेज कुछ ज्यादा ही बढ़ा है। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में नौजवानों ने बुलडोजर के टैटू हांथों में बनवाए हैं। हाल के दिनों में बुलडोजर बाबा के नाम से मशहूर हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की फिर से वापसी पर जगह-जगह बुलडोजर पर चढ़कर भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने जश्न मनाया था।(इनपुट- एजेंसी)
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LIVE: आज सिद्धू पर फैसला करने वाला है कांग्रेस हाईकमान
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुके नवजोत सिंह सिद्धू पर कांग्रेस हाईकमान आज बड़ा फैसला करने वाला है।
नई दिल्ली: पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुके नवजोत सिंह सिद्धू पर कांग्रेस हाईकमान आज बड़ा फैसला करने वाला है। फैसले से पहले बड़ी खबर ये है कि नवजोत सिंह सिद्धू आज राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात कर सकते हैं हालांकि राहुल और प्रियंका से मुलाकात का समय अभी तय नहीं है। नवजोत सिंह सिद्धू ने बीती शाम हरीश रावत और केसी वेणुगोपाल से मुलाकात की। उनकी मुलाकात करीब 40-45 मिनट तक चली। कहा जा रहा है कि इस मुलाकात में सिद्धू को वॉर्निंग दी गई और संगठन पर ध्यान देने की नसीहत भी दी गई। मीटिंग के बाद जब सिद्धू बाहर आए तो उनके तेवर ढीले थे। सिद्धू ने कहा कि कांग्रेस आलाकमान का हर फैसला उन्हें मंजूर होगा।
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कांग्रेस का आरोप, भगवान राम के नाम पर दान लेकर घोटाला किया जा रहा
आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सदस्य संजय सिंह और अयोध्या से समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक पवन पांडे ने अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करा रहे श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए...
नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (AAP) से राज्यसभा सदस्य संजय सिंह और अयोध्या से समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक पवन पांडे ने अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करा रहे श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए, जिसके बाद कांग्रेस ने रविवार को आरोप लगाया कि भगवान राम के नाम पर दान लेकर घोटाला किया जा रहा है। सिंह ने रविवार को लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आरोप लगाया कि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने संस्था के सदस्य अनिल मिश्रा की मदद से दो करोड़ रुपए कीमत की जमीन 18 करोड़ रुपए में खरीदी।उन्होंने आरोप लगाया कि यह सीधे-सीधे धन शोधन का मामला है और सरकार इसकी सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय से जांच कराये। हालांकि, राय ने आरोपों को सिरे से खारिज किया है। देर रात उनकी तरफ से एक प्रेस रिलीज भी जारी की गई। प्रेस रिलीज में राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चम्पत के हवाले से कहा गया है कि 9 नवंबर, 2019 को श्री राम जन्मभूमि पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद अयोध्या में जमीन खरीदने के लिए देश के कई लोग आने लगे। वहीं खुद उत्तर प्रदेश सरकार अयोध्या के विकास के लिए बड़ी मात्रा में जमीन खरीद रही है, इस कारण अयोध्या में जमीनों के दाम बढ़ गए।जिस जमीन की खरीद को लेकर आरोप लगाए हैं उस सफाई देते हुए कहा गया है कि उस जमीन को खरीदने के लिए वर्तमान विक्रेताओं ने सालों पहले जिन दामों पर रजिस्टर्ड एग्रीमेंट किया था, उस जमीन को उन्होंने 18 मार्च 2021 को बैनामा कराया। इसके बाद ही ट्रस्ट के साथ एग्रीमेंट किया। उन्होंने प्रेस रिलीज में साफ कहा है कि जो भी राजनीतिक लोग इस संबंध में प्रचार कर रहे हैं वह भ्रामक है और समाज को गुमराह करने के लिए है। ये सारे ही आरोप राजनीति से प्रेरित हैं और इसीलिए ये राजनीतिक लोगों द्वारा ही लगाए जा रहे हैं।कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर आरोप लगाया, '' हे राम, ये कैसे दिन...आपके नाम पर चंदा लेकर घोटाले हो रहे हैं। बेशर्म लुटेरे अब आस्था बेच ‘रावण’ की तरह अहंकार में मदमस्त हैं। सवाल है कि दो करोड़ में ख़रीदी ज़मीन 10 मिनट बाद ‘राम जन्मभूमि’ को 18.50 करोड़ में कैसे बेची? अब तो लगता है...कंसों का ही राज है, रावण हैं चहुं ओर!''
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LDA ने 100 करोड़ रुपए कीमत की 12 बीघा जमीन से अवैध कब्जा हटवाया, मुकदमा दर्ज करने का निर्देश
लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश के आदेश पर शनिवार को अवैध कब्जे को लेकर बड़ी कार्रवाई की गई। लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) की 100 करोड़ की जमीन से अवैध कब्जा हटाया गया।
लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश के आदेश पर शनिवार को अवैध कब्जे को लेकर बड़ी कार्रवाई की गई। लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) की 100 करोड़ की जमीन से अवैध कब्जा हटाया गया। ऐशबाग के भदेवां में प्राधिकरण ने नजूल की 12 बीघा जमीन खाली करवाई। शनिवार को लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) और पुलिस की संयुक्त टीम ने कार्रवाई करते हुए उक्त जमीन से अवैध कब्जा हटवाया। बताया जा रहा है कि यहां रईस अहमद नाम का व्यक्ति अवैध रूप से कबाड़ी लोगों को बसाए हुए था। रईस यहां रहने वालों से पैसे भी लेता था। एलडीए अब इस मामले में रईस के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज करवाएगा।
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वीरांगना लक्ष्मीबाई के नाम से जाना जाएगा झांसी रेलवे स्टेशन, योगी सरकार ने बदला नाम
आने वाले दिनों में झांसी स्टेशन वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन के नाम से जाना जाएगा। रेलवे स्टेशन का कोड भी अब बदल दिया जाएगा। सरकार की तरफ ये तर्क दिया जा रहा है कि स्टेशन का नाम बदलने से भी क्षेत्र में पर्यटन की संभावनाएं बढ़ सकती हैं।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक और रेलवे स्टेशन का नाम बदल दिया है। योगी सरकार ने झांसी रेलवे स्टेशन का नाम बदलने के रेलवे के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसे लेकर कोई आपत्ति नहीं दी थी। अब आने वाले दिनों में झांसी स्टेशन वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन के नाम से जाना जाएगा। भाजपा के राज्यसभा सांसद प्रभात झा समेत कई स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने कुछ साल पहले झांसी में हुई रेलवे बैठक में झांसी का नाम रानी लक्ष्मीबाई के नाम पर रखने की मांग की थी।बता दें कि रेलवे स्टेशन का कोड भी अब बदल दिया जाएगा। सरकार की तरफ ये तर्क दिया जा रहा है कि स्टेशन का नाम बदलने से भी क्षेत्र में पर्यटन की संभावनाएं बढ़ सकती हैं। बुंदेलखंड इलाके में भी इसका लाभ देखने को मिल सकता है। वैसे राज्य सरकार ने कई मौकों पर ये स्पष्ट किया है कि जरूरत के हिसाब से नाम बदले जाएंगे।इससे पहले योगी सरकार ने अपने कार्यकाल में फैजाबाद को अयोध्या, इलाहाबाद को प्रयागराज, मुगलसराय को दीन दयाल उपाध्याय नगर बना दिया गया है। इस बार सरकार ने शहर की जगह किसी रेलवे स्टेशन का नामकरण कर दिया है। चुनावी मौसम में सरकार का ये फैसला काफी अहम माना जा रहा है।
hindi_2022_11122
'जिम आने के लिए अंडरगारमेंट पर स्टैंप-गालियों की लिस्ट', चंडीगढ़ लेक स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स का 'आदेश' वायरल
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही कथित नोटिस में लिखा है कि लेक स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स के रेस्टोरेंट और बार के कुछ मेंबर उचित मर्यादा का पालन नहीं कर रहे हैं। इसके साथ ही नोटिस में कुछ गाइडलाइंस का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं।
चंड़ीगढ़. कोरोना काल में लंबे समय तक जिम बंद रहे, जिस वजह जिम लवर्स में काफी निराशा देखने को मिली। हालांकि अब ज्यादातर राज्यों में कोविड प्रोटोकॉल के साथ जिम खुल चुके हैं। जिम में आने वालों के लिए कुछ रूल्स बनाए गए हैं जिनका जिम जाने वालों को पालन करना जरूरी है। ऐसे हालातों में चंडीगढ़ के लेक स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स स्थित जिम का एक कथित नोटिस सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसको लेकर लोग सोशल मीडिया पर जमकर हंसी मजाक कर रहे हैं।हालांकि जिम के एक ट्रेनर अनमोल दीप ने इसे फर्जी बताया है। अनमोल दीप ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा कि हमने इसे जारी नहीं किया है। हम सोमवार के दिन जिम बंद रखते हैं, जरूर तब किसी ने शरारत की होगी। हम सीसीटीवी फुटेज चेक कर रहे हैं। अनमोल ने बताया कि जब वो सोमवार को जिम पहुंचे तो उन्होंने ये नोटिस देखा। अनमोल ने कहा, "हर नोटिस पर जनरल मैनेजर के साइन किए जाते हैं लेकिन इसपर नहीं थे। मैंने अपने सीनियर्स को इस बारे में बताया तो उन्होंने ऐसा नोटिस लगाने से इंकार कर दिया। हमने इसे नोटिस बोर्ड से हटा दिया है।"वायरल नोटिस पर क्या लिखा हैसोशल मीडिया पर वायरल हो रही कथित नोटिस में लिखा है कि लेक स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स के रेस्टोरेंट और बार के कुछ मेंबर उचित मर्यादा का पालन नहीं कर रहे हैं। इसके साथ ही नोटिस में कुछ गाइडलाइंस का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। नोटिस में कहा गिया है कि जिम में आने वाले सभी मेंबर्स को उचित ड्रेस में आना होगा जैसे जिम सूट्स। अंडर गारमेंट्स पर स्पेशल अटेंशन दिया जाएगा और जिम में अप्रूवड अंडर गारमेंट्स पहनकर ही पहने जा सकेंगे। ऐसे गारमेंट्स की लिस्ट ऑफिस में है। जिम के सदस्य अपने गारमेंट्स को अप्रूवल स्टैंपिंग के बाद ही जिम ला सकते हैं।चंड़ीगढ़. कोरोना काल में लंबे समय तक जिम बंद रहे, जिस वजह जिम लवर्स में काफी निराशा देखने को मिली। हालांकि अब ज्यादातर राज्यों में कोविड प्रोटोकॉल के साथ जिम खुल चुके हैं। जिम में आने वालों के लिए कुछ रूल्स बनाए गए हैं जिनका जिम जाने वालों को पालन करना जरूरी है। ऐसे हालातों में चंडीगढ़ के लेक स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स स्थित जिम का एक कथित नोटिस सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसको लेकर लोग सोशल मीडिया पर जमकर हंसी मजाक कर रहे हैं।हालांकि जिम के एक ट्रेनर अनमोल दीप ने इसे फर्जी बताया है। अनमोल दीप ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा कि हमने इसे जारी नहीं किया है। हम सोमवार के दिन जिम बंद रखते हैं, जरूर तब किसी ने शरारत की होगी। हम सीसीटीवी फुटेज चेक कर रहे हैं। अनमोल ने बताया कि जब वो सोमवार को जिम पहुंचे तो उन्होंने ये नोटिस देखा। अनमोल ने कहा, "हर नोटिस पर जनरल मैनेजर के साइन किए जाते हैं लेकिन इसपर नहीं थे। मैंने अपने सीनियर्स को इस बारे में बताया तो उन्होंने ऐसा नोटिस लगाने से इंकार कर दिया। हमने इसे नोटिस बोर्ड से हटा दिया है।"वायरल नोटिस पर क्या लिखा हैनोटिस में आगे कहा गया है कि जिस जिम मेंबर की जुराब में से गंदी बदबू आएगी या जिसकी भी जुराब गंदी होगी उसपर फाइन लगाया जाएगा। शरीर से आने वाले बदबू के लिए भी यही नियम लागू होगा। नोटिस में कहा गया है कि अधिक वजन उठाने वाले यूजर आवाजें निकालते हैं जिसकी इजाजत नहीं है, जिम में गंदे शब्द इस्तेमाल करने पर भी प्रतिबंध है। सिर्फ पंजाबी भाषा के चुनिंदा गंदे शब्दों के इस्तेमाल की इजाजत दी गई है। नोटिस में आगे कहा गया है कि जिम में जो लोग शॉर्ट्स पहनकर आते हैं उन्हें अपनी टागें शेव करनी होंगी ताकि लोग बिना वजह ध्यान न दें।
hindi_2022_11123
जेल में मुख्तार अंसारी मच्छरों से परेशान, बेचैनी से कटी पहली रात
रातभर मुख्तार अंसारी को मच्छरों ने परेशान किया हुआ था तो ऐसे में गुरुवार सुबह उठते ही उसने सबसे पहले जेल प्रशासन से मच्छरदानी की मांग की। मुख्तार की मांग के बाद जेल प्रशासन ने नियमों के अनुसार उसे मच्छरदानी दी है।
बांदा। पंजाब के रोपड़ जेल से बांदा जेल के बैरक नंबर 16 में पहुंचे माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की पहली रात बड़ी ही बेचैनी से कटी। जेल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुख्तार अंसारी आधी रात तक सो नहीं पाया और पूरी रात वह करवटें बदलता रहा। सूत्रों के अनुसार जेल के मछरों से तंग मुख्तार को देर रात नींद आई और देर से नींद आने की वजह से वह गुरुवार सुबह देर उठा।क्योंकि रातभर मुख्तार अंसारी को मच्छरों ने परेशान किया हुआ था तो ऐसे में गुरुवार सुबह उठते ही उसने सबसे पहले जेल प्रशासन से मच्छरदानी की मांग की। मुख्तार की मांग के बाद जेल प्रशासन ने नियमों के अनुसार उसे मच्छरदानी दी है। बांदा जेल के सूत्रों ने बताया कि मुख्तार अंसारी को इस बार जेल मैन्युअल के हिसाब से जेल में रहना पड़ रहा है और इस बार उसे जेल में किसी तरह की वीआईपी सुविधा नहीं दी गई है। सूत्रों के अनुसार जेल के आम कैदियों की तरह ही मुख्तार का बिस्तर जमीन पर लगा हुआ था। हालांकि, उसे जमीन पर लगे बिस्तर पर नींद नहीं आ रही थी। जेल सूत्रों ने यह भी बताया कि अंसारी को जेल में बना हुआ खाना ही मिल रहा है और उसे जो खाना दिया गया ता उसमें से उसने सिर्फ एक रोटी और थोड़ी सी दाल खायी थी। बुधवार तड़के जब मुख्तार बांदा जेल पहुंचा तो उसने बोला कि वो काफी थक हुआ है जिसके बाद उसे आराम करने के लिए उसके बैरक में शिफ्ट कर दिया गया जंहा उसे सुबह की चाय और ब्रेड दिया गया। उसके बाद दोपहर का खाना और फिर शाम की चाय और रात का थोड़ा खाना ही खाया, लेकिन जेल सूत्रों के मुताबिक उसे जेल का खाना पसंद नही आया।इस बीच मुख्तार का बांदा जेल में कोरोना टेस्ट भी हुआ है और उसकी रिपोर्ट निगेटिव आई है। जेल सूत्रों के अनुसार फिलहाल मुख्तार को कोई खास समस्या बीमारी के लिहाज से नहीं दिख रही है।
hindi_2022_11124
किसान आंदोलन के बीच हरियाणा के कई जिलों में इंटरनेट और SMS सेवा पर लगी रोक
हरियाणा सरकार ने राज्य के 17 जिलों में इंरटनेट और एसएमएस सर्विस को कल शाम पांच बजे तक सस्पेंड कर दिया है।
नई दिल्ली: हरियाणा सरकार ने राज्य के 17 जिलों में इंरटनेट और एसएमएस सर्विस को कल शाम पांच बजे तक सस्पेंड कर दिया है। सूचना विभाग ने ट्वीट कर कहा, ''तुरंत प्रभाव से अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल, पानीपत, हिसार, जींद, रोहतक, भिवानी, चरखी दादरी, फतेहाबाद, रेवाड़ी और सिरसा जिलों में वॉयस कॉल को छोड़कर इंटरनेट सेवाओं को 30 जनवरी, 2021 शाम 5 बजे तक के लिए बंद करने का निर्णय लिया है।'' बयान में कहा गया है, ''सोनीपत, पलवल व झज्जर में पहले ही इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगाई गई है।''बता दें कि हरियाणा के कई हिस्सों से कई किसानों ने केन्द्र के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन में शामिल होने के लिए दिल्ली की सीमाओं की ओर बढ़ने का फैसला का किया है। इन किसानों का कहना है कि किसान नेताओं के खिलाफ सरकार के कदम से उनका आंदोलन कमजोर नहीं होगा। गाजियाबाद प्रशासन ने आंदोलनकारी किसानों को मध्य रात्रि तक उत्तर प्रदेश गेट खाली करने का बृहस्पतिवार को अल्टीमेटम दिया था जबकि दिल्ली पुलिस ने किसान नेताओं के खिलाफ ‘लुकआउट’ नोटिस जारी किये थे।हरियाणा से किसान नेताओं ने दावा किया कि जींद, रोहतक, कैथल, हिसार, भिवानी और सोनीपत के कई किसान विरोध स्थलों टीकरी, सिंघू और गाजीपुर जायेंगे। दिल्ली के सीमावर्ती गाजीपुर में उत्तर प्रदेश गेट पर आंदोलन स्थल पर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत बृहस्पतिवार की शाम मीडिया से बात करते हुए भावुक हो गये थे। उन्होंने आरोप लगाया था कि नये कृषि कानूनों को निरस्त नहीं करके सरकार द्वारा किसानों के साथ अन्याय किया जा रहा है। एक आंदोलनकारी किसान ने शुक्रवार को रोहतक के एक टोल प्लाजा के निकट कहा, ‘‘हम एक किसान नेता के साथ ऐसा बर्ताव सहन नहीं कर सकते। हम सभी एकजुट हैं और हमारा आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार कृषि कानूनों को रद्द नहीं करती।’’ जींद के कंडेला में किसानों ने बृहस्पतिवार की रात जींद-चंडीगढ़ सड़क को कुछ घंटे के लिए जाम कर दिया था। वे गाजियाबाद प्रशासन द्वारा उत्तर प्रदेश गेट को खाली करने संबंधी किसानों को दिये गये अल्टीमेटम का विरोध कर रहे थे। करनाल में स्थानीय किसानों ने बृहस्पतिवार को बस्तारा टोल प्लाजा पर अपना धरना फिर शुरू किया था। हालांकि शुक्रवार को टोल प्लाजा के निकट भारी पुलिस बल तैनात करने की खबरें है और प्रशासन ने विरोध स्थल को फिर से खाली करा लिया है और प्लाजा पर सामान्य कामकाज शुरू हो गया है। इस बीच हरियाणा बीकेयू के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी ने एक वीडियो संदेश में अपने समर्थकों से दिल्ली की सीमाओं के निकट विरोध स्थलों पर पहुंचने की अपील की। उन्होंने किसानों से 30 जनवरी को हरियाणा के सभी टोल प्लाजा पर धरना देने की भी अपील की।ये भी पढ़ें
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कोविड-19 से ठीक होने के बाद कई शारीरिक समस्याओं को लेकर अस्पताल पहुंच रहे बच्चे
कोविड-19 से पीड़ित होकर ठीक होने के बाद वयस्क ही नहीं बच्चे भी संक्रमण के बाद उपजी शारीरिक समस्याओं जैसे गैस बनना, सिर दर्द, दिमागी कमजोरी, सांस में तकलीफ आदि को लेकर शहर के अस्पताल पहुंच रहे हैं।
नई दिल्ली: कोविड-19 से पीड़ित होकर ठीक होने के बाद वयस्क ही नहीं बच्चे भी संक्रमण के बाद उपजी शारीरिक समस्याओं जैसे गैस बनना, सिर दर्द, दिमागी कमजोरी, सांस में तकलीफ आदि को लेकर शहर के अस्पताल पहुंच रहे हैं। निजी अस्पतालों के डॉक्टरों ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि जिन बच्चों को कोविड के हल्के लक्षण थे, उनमें भी ‘मल्टी सिस्टम इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम’ के अलावा ठीक होने में देरी की समस्याएं देखी जा रही हैं। वसंत कुंज स्थित फोर्टिस अस्पताल में बाल रोग विभाग के निदेशक डॉक्टर राहुल नागपाल ने कहा, ‘सौभाग्य से बच्चों में कोविड के बहुत तीव्र लक्षण देखने को नहीं मिले हैं।’डॉक्टर नागपाल ने कहा, ‘हमारे पास कुछ ही मरीज आए जिन्हे हृदय या किडनी की समस्या थी, गंभीर दमा या मोटापे की समस्या थी, और उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत थी। कोविड के बाद हम बच्चों में मल्टी सिस्टम इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम देख रहे हैं। यह एक या दो प्रतिशत मामलों में दिखाई पड़ता है लेकिन यह भी एक बड़ी संख्या है। उचित उपचार तथा दवाओं से यह ठीक हो सकता है। इसके अलावा डायरिया, थकान, शरीर में दर्द, पाचन तंत्र संबंधी समस्याओं वाले मरीज आते हैं।’ उन्होंने कहा कि कुछ बच्चे सिर दर्द की शिकायत लेकर आ रहे हैं जो कि माइग्रेन की शुरुआत हो सकती है, लेकिन इसका और अध्ययन जरूरी है।डॉक्टर नागपाल ने कहा कि चूंकि यह कोविड के बाद हो रहा है इसलिए ऐसा लगता है कि यह संक्रमण के कारण है, लेकिन इस पर अध्ययन होना चाहिए। ‘उजाला साइग्नस ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स’ के संस्थापक निदेशक डॉ शुचिन बजाज ने कहा कि बच्चों में दिमाग की कमजोरी की समस्या देखने को मिल रही है और उनकी याददाश्त कमजोर हो रही है। उन्होंने कहा, ‘उनमें बहुत ऊर्जा नहीं है, तनाव, परेशानी है। माता पिता को लग सकता है कि बच्चा पढ़ाई से जी चुरा रहा है या ऑनलाइन क्लास नहीं करना चाहता। लेकिन यह दिमागी कमजोरी के वास्तविक लक्षण होते हैं।’इंद्रपस्थ अपोलो अस्पताल के डॉ नमित जेरथ ने कहा कि ज्यादातर बच्चों में कोविड के हल्के लक्षण दिखाई दिये लेकिन जिनमें लक्षण नहीं थे उन्हें भी ठीक होने के बाद बुखार, कमजोरी, सिरदर्द जैसी समस्याएं हो रही हैं। मैक्स अस्पताल के डॉक्टर श्याम कुकरेजा ने कहा कि सामाजिक मेलजोल नहीं होने से बच्चों को मनोवैज्ञानिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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hindi_2022_11126
बीजेपी के दिवंगत नेता अनंत कुमार की बेटी ने जेडी(एस) के बारे में किया ट्वीट, सियासी अटकलें तेज
भारतीय जनता पार्टी के दिवंगत नेता एच. एन. अनंत कुमार की बेटी ने गुरुवार को जनता दल (सेक्युलर) को एक ‘बहुत मजबूत राजनीतिक ताकत’ बताया, जिसके बाद अटकलें लगाई जाने लगी हैं।
बेंगलुरु: भारतीय जनता पार्टी के दिवंगत नेता एच. एन. अनंत कुमार की बेटी ने गुरुवार को जनता दल (सेक्युलर) को एक ‘बहुत मजबूत राजनीतिक ताकत’ बताया, जिसके बाद अटकलें लगाई जाने लगी हैं। विजेता अनंत कुमार ने ट्वीट किया, ‘कर्नाटक की राजनीति क्यों रूचिकर है? जेडी(एस) एक बहुत मजबूत राजनीतिक ताकत है।’ कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री के तौर पर बसवराज बोम्मई के शपथ ग्रहण करने के एक दिन बाद उनकी यह टिप्पणी आई है। बोम्मई ने बी. एस. येदियुरप्पा की जगह ली है।बता दें कि येदियुरप्पा के साथ दिवंगत अनंत कुमार ने राज्य में बीजेपी का आधार मजबूत करने में एक अहम भूमिका निभाई थी। विजेता ने अपने ट्वीट पर एक टिप्पणी का जवाब देते हुए कहा, ‘हर चीज सिर्फ सीटों के संदर्भ में नहीं मापी जा सकती।’ दरअसल, टिप्पणी में कहा गया था कि जेडी(एस) एक या 2 लोकसभा क्षेत्रों में ही एक मजबूत राजनीतिक ताकत है। वहीं, फौरी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जेडी(एस) नेता एच. डी. कुमारस्वामी ने विजेता की टिप्पणी को लेकर उनका शुक्रिया अदा किया। कुमारस्वामी ने कहा, ‘मैं उनका अपनी पार्टी और लाखों कार्यकर्ताओं की ओर से शुक्रिया अदा करता हूं।’कुमारस्वामी ने कहा, ‘वह (विजेता) और उनकी मां तेजस्विनी अनंत कुमार, जो प्रदेश बीजेपी उपाध्यक्ष हैं, का पार्टी में स्वागत किया जाएगा, यदि वे शामिल होना चाहें तो।’ उन्होंने मां-बेटी को महत्व नहीं देने को लेकर बीजेपी अध्यक्ष जे. पी. नड्डा नीत पार्टी पर निशाना साधने की भी कोशिश की। कुमारस्वामी ने कहा, ‘यदि उनकी मां हमारी पार्टी में आती हैं तो हम उनका अपार खुशी के साथ स्वागत करेंगे, मैं नहीं जानता कि बीजेपी ने उन्हें महत्व दिया है या नहीं। यदि वह और उनकी मां (विजेता और तेजस्विनी) हमारी पार्टी में आती हैं तो हम उनका सम्मान और समर्थन करेंगे।’यह पूछे जाने पर कि क्या उनके ट्वीट में कोई संकेत है, कुमारस्वामी ने कहा, ‘देखते हैं, आने वाले दिनों में राजनीति में कई बदलाव होने हैं। हमें धैर्य के साथ इंतजार करना चाहिए।’ गौरतलब है कि बीजेपी द्वारा तेजस्वी सूर्या को बेंगलोर दक्षिण से लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाए जाने से तेजस्विनी कथित तौर पर नाराज थीं और इससे उनके समर्थकों में भी रोष छा गया था। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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hindi_2022_11127
27 नवंबर को फिर होगी संयुक्त किसान मोर्चा की मीटिंग, PM मोदी को लिखा जाएगा पत्र
बैठक के बाद किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा, हमने मीटिंग में तय किया है कि जो कार्यक्रम संयुक्त किसान मोर्चा ने पहले तय किए थे वे आगे भी जारी रहेंगे। 27 तारीख को फिर से संयुक्त किसान मोर्चा की मीटिंग होगी।
नई दिल्ली: संयुक्त किसान मोर्चा की आज सिंघु बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर) पर अहम बैठक हुई। इस बैठक में आगे किसानों के आंदोलन की रूपरेखा संबंधी चर्चा हुई। संयुक्त किसान मोर्चा ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अभी फिलहाल किसान आंदोलन खत्म होने वाला नहीं है क्योंकि जब तक सरकार तीनों कानूनों को पूरी तरह से वापस लेकर नोटिफिकेशन सार्वजनिक नहीं करती तब तक यह आंदोलन समाप्त नहीं होगा।बैठक के बाद किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा, ''हमने मीटिंग में तय किया है कि जो कार्यक्रम संयुक्त किसान मोर्चा ने पहले तय किए थे वे आगे भी जारी रहेंगे। 27 तारीख को फिर से संयुक्त किसान मोर्चा की मीटिंग होगी। जो मांगे बाकी रह गई है उसके बारे में प्रधानमंत्री को पत्र लिखा जाएगा।'' उन्होंने कहा, ''हम लखमीपुर खीरी घटना के लिए मंत्री (अजय मिश्रा टेनी) को बर्खास्त करने के लिए भी उन्हें पत्र लिखेंगे।''मोदी सरकार द्वारा कृषि कानूनों की वापसी पर किसान नेता ने कहा, ''यह एक अच्छा कदम था, हम इसका स्वागत करते हैं। लेकिन अभी भी बहुत कुछ बाकी है।''
hindi_2022_11128
यूपी की विधानसभा में CM योगी ने कहा- राम परशुराम में कोई भेद नहीं, दोनों विष्णु के अवतार
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने शनिवार को सदन में विपक्षियों पर निशाना साधा और कहा कि रामसेतु का विरोध करने वाले रामनाम का जाप करने लगे हैं।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने शनिवार को सदन में विपक्षियों पर निशाना साधा और कहा कि रामसेतु का विरोध करने वाले रामनाम का जाप करने लगे हैं। इन्हें पता चल गया है कि भारत में राम के बिना वैतरणी पार नहीं होगी। इस दौरान उन्होंने कहा, ‘विभाजनकारी लोग भी राम-राम बोल रहे हैं। हालांकि राम का नाम किसी भी नाम से लें उद्धार होगा, फिर वो परशुराम के नाम पर ही क्यों न हो। परशुराम के नाम में भी राम का नाम आता है। आज जो लोग जाति की राजनीति कर रहे हैं, वो जातिवाद का झंडा ऊंचा कर रहे हैं। यही लोग एक समय में तिलक-तराजू के नाम पर जहर घोलते थे।’‘राम परशुराम हैं विष्णु के अवतार’मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘राम परशुराम में तात्विक रूप से कोई भेद नहीं है। दोनों विष्णु के अवतार हैं। शास्त्र में कोई भेद नहीं है। कुछ लोग राम और परशुराम में भेद बताकर गंदी सियासत करते हैं। जातिवादी, विभाजनकारी, कुत्सित मानसिकता रखते हैं। इसी वजह से देश की खुशी के साथ खुश नहीं हो सकते हैं। देश की खुशी के साथ वही लोग खुश हो सकते हैं जिनमें मर्यादा और धैर्य हो। लोकतंत्र बगैर लोकलाज के नहीं चलता। झूठ का सहारा लेकर कुछ समय के लिए लोगों की आंखों में धूल झोंकी जा सकती है। लेकिन विधाता सब देख रहा है। समय आने पर देश जवाब देगा। जनता जवाब देगी।’‘राम मंदिर का प्रसाद पूरे देश में जाएगा’उन्होंने कहा, ‘सभी को 492 वर्षों से इस क्षण की प्रतीक्षा थी। हम सब बहुत सौभाग्यशाली हैं कि हम इस पल के गवाह बन पाए हैं। इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को ह्रदय से बधाई। राम मंदिर का प्रसाद हर राज्य पहुंचेगा। कुम्भ की तरह ही हमारे ब्रांड एम्बेस्डर इसे पहुंचाने का काम करेंगे। इसके लिए हमारे प्रतिनिधि पूरे देश में प्रसाद लेकर जाएंगे।’ मुख्यमंत्री ने सदन में कहा कि, ‘कोरोना संक्रमण के काल में हम इस महामारी पर अंकुश लगाने के प्रयास के साथ ही प्रदेश में विकास कार्य को भी गति देते रहे। प्रदेश की कानून-व्यवस्था हमारी प्राथमिकता थी और रहेगी। हमें जिनके साथ जैसा व्यवहार करना चाहिए था, वैसा ही किया है।’AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह पर निशाना?मुख्यमंत्री कहा कि, ‘हमने यूपी के लोगों को कोरोना से बचाने में महत्वपूर्ण काम किया है। दिल्ली के कुछ नमूने यहां आकर पूछते हैं, कि आपने लोगों के लिए क्या किया। अब हम उन्हें क्या बताएं हमने क्या-क्या किया।’ CM ने दिल्ली और यूपी के आंकड़ों के साथ उदाहरण पेश किया। बताया जा रहा है मुख्यमंत्री ने इशारे ही इशारे में आप सांसद संजय सिंह पर निशाना साधा है। कुछ दिन से संजय सिंह लखनऊ में योगी सरकार पर लगातार हमला बोल रहे थे। आदित्यनाथ ने कहा कि, ‘हमने प्रदेश की कानून-व्यवस्था दुरुस्त रखने की खातिर काफी जगह पर सख्ती भी की है। उपद्रव करने वालों को नहीं छोड़ा है।’
hindi_2022_11129
ISRO ने जारी किए चंद्रयान-2 के नए आंकड़े, चांद के कक्ष में दो साल किए पूरे
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के. सिवन ने चंद्रमा के कक्ष में चंद्रयान-2 के दो वर्ष पूरा करने के उपलक्ष्य में सोमवार को चंद्र विज्ञान कार्यशाला 2021 का उद्घाटन किया।
बेंगलुरू: भारत के चंद्रयान-2 अंतरिक्ष यान ने चंद्रमा की कक्षा में 9000 से अधिक परिक्रमा पूरी की है और यान की तरफ से ली गई तस्वीरें एवं वैज्ञानिक उपकरण शानदार आंकड़े मुहैया करा रहे हैं। यह जानकारी सोमवार को अधिकारियों ने दी। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के. सिवन ने चंद्रमा की कक्षा में चंद्रयान-2 के दो वर्ष पूरा करने के उपलक्ष्य में सोमवार को चंद्र विज्ञान कार्यशाला 2021 का उद्घाटन किया। इसरो अध्यक्ष ने उद्घाटन भाषण में कहा कि चंद्रयान-2 के आठ पेलोड चंद्रमा पर सुदूर संवेदी और अवस्थिति प्रौद्योगिकी के माध्यम से वैज्ञानिक प्रयोग कर रहे हैं। सिवन ने कहा, ‘‘अभी तक चंद्रयान-2 ने चंद्रमा की कक्षा में 9000 से अधिक परिक्रमा पूरी कर ली है।’’ वह अंतरिक्ष विभाग में सचिव भी हैं। इसरो ने बयान जारी कर बताया कि सिवन ने चंद्रयान-2 आंकड़े एवं विज्ञान दस्तावेजों को जारी किया। इसरो ने कहा, ‘‘वैज्ञानिक आंकड़े शिक्षा जगत एवं संस्थानों के विश्लेषण के लिए उपलब्ध कराये जा रहे हैं ताकि चंद्रयान-2 मिशन में और अधिक वैज्ञानिक भागीदारी हो सके।’’ सिवन ने कहा कि उन्होंने विज्ञान के परिणामों की समीक्षा की है और उन्हें ‘‘काफी उत्साहजनक पाया है।’’ इसरो के एपेक्स साइंस बोर्ड के अध्यक्ष ए. एस. किरण कुमार ने कहा कि चंद्रयान-2 उपग्रह से ली गई तस्वीरों एवं वैज्ञानिक उपकरणों ने शानदार आंकड़े मुहैया कराए हैं। वह इसरो के पूर्व अध्यक्ष हैं। चंद्रयान-2 की परियोजना निदेशक वनिता एम. ने कहा कि यान की सभी प्रणालियां ठीक से काम कर रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि कई वर्षों तक हमें यान से अच्छे आंकड़े प्राप्त होंगे।’’ इसरो द्वारा आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का एजेंसी की वेबसाइट और फेसबुक पेज पर सीधा प्रसारण किया जा रहा है, ताकि छात्र, शिक्षा जगत और संस्थानों तक यह पहुंच सकें और चंद्रयान-2 के आंकड़े का वैज्ञानिक समुदाय विश्लेषण कर सके। इसके अलावा, कार्यशाला में चंद्रयान-2 मिशन, निगरानी, अभियान और आंकड़ा संग्रहण के पहलुओं पर भी व्याख्यान होंगे।बीते महीने अगस्त में ISRO के चंद्रयान-2 मिशन के ऑर्बिटर की मदद से पता चला कि चांद की सतह पर हाइड्रॉक्सिल और वाटर मॉलिक्यूल्स (पानी के अणु) मौजूद हैं। वैज्ञानिकों ने चांद की खनिज सरंचना को समझने के लिए ऑर्बिटर के इमेजिंग इंफ्रारेड स्पेक्ट्रोमीटर (IIRS) से मिले आंकड़ों का अध्ययन किया। इससे चांद की सतह पर पानी मौजूद होने के संकेत सामने आए हैं।आपको बता दें कि चंद्रयान-2 मिशन को जुलाई, 2019 में लॉन्च किया गया था। यह भारत की चांद के दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र पर उतरने की पहली कोशिश थी। इसके तहत एक ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर को भेजा गया था लेकिन लैंडिंग से कुछ सेकंड पहले लैंडर का कंट्रोल रूम से संपर्क टूट गया था, जिसके बाद उससे संपर्क की सारी कोशिशें बेकार हुई।भले ही भारत चांद के दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र में नहीं उतर पाया था लेकिन उसने कई ऐसी उपलब्धियां हासिल कर लीं जो आगामी मिशन में सहायता करेंगी। अब ऑर्बिटर नई खोजों की ओर अग्रसर है जो वर्तमान में चंद्रमा की परिक्रमा कर रहा है। ऑर्बिटर से चांद की सतह पर हाइड्रॉक्सिल और पानी के अणुओं का पता चला है।अभी इसरो चंद्रयान-3 मिशन की तैयारी भी कर रहा है। 28 जुलाई को विज्ञान, प्रौद्योगिकी मंत्री और अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में जानकारी दी कि चंद्रयान-3 के 2022 की तीसरी तिमाही के दौरान सामान्य कामकाज को मानकर लॉन्च किए जाने की संभावना है।एक प्रश्न के लिखित उत्तर में उन्होंने बताया कि चंद्रयान-3 की प्राप्ति प्रगति पर है। चंद्रयान-3 की प्राप्ति में विन्यास को अंतिम रूप देना, उप-प्रणाली की प्राप्ति, एकीकरण, अंतरिक्ष यान स्तर का विस्तृत परीक्षण और पृथ्वी पर सिस्टम के प्रदर्शन का मूल्यांकन करने के लिए कई विशेष परीक्षण शामिल हैं।
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हाथरस गैंगरेप मामला: प्रियंका गांधी ने सीएम योगी आदित्यनाथ से मांगा इस्तीफा
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने हाथरस गैंगरेप मामले में यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने पूरे मामले को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस्तीफा मांगा है।
नई दिल्ली: कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने हाथरस गैंगरेप मामले में यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने पूरे मामले को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस्तीफा मांगा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा- 'रात को 2.30 बजे परिजन गिड़गिड़ाते रहे लेकिन हाथरस की पीड़िता के शरीर को उप्र प्रशासन ने जबरन जला दिया। जब वह जीवित थी तब सरकार ने उसे सुरक्षा नहीं दी। जब उस पर हमला हुआ सरकार ने समय पर इलाज नहीं दिया। पीड़िता की मृत्यु के बाद सरकार ने परिजनों से बेटी के अंतिम संस्कार का अधिकार छीना और मृतका को सम्मान तक नहीं दिया।'प्रियंका गांधी ने इसे घोर अमानवीय बताया और लिखा- 'आपने अपराध रोका नहीं बल्कि अपराधियों की तरह व्यवहार किया।अत्याचार रोका नहीं, एक मासूम बच्ची और उसके परिवार पर दुगना अत्याचार किया। योगी आदित्यनाथ इस्तीफा दो, आपके शासन में न्याय नहीं, सिर्फ अन्याय का बोलबाला है।'
hindi_2022_11131
कृषि मंत्री तोमर ने किसान आंदोलन को लेकर किसान संगठनों से की ये अपील, मंडियों को लेकर कही ये बात
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान संगठनों से केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के प्रावधानों के खिलाफ प्रदर्शन समाप्त करने और सरकार के साथ बातचीत फिर से शुरू करने की गुरुवार को अपील की, लेकिन उन्होंने इन कानूनों को रद्द करने से इनकार कर दिया।
नयी दिल्ली। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान संगठनों से केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के प्रावधानों के खिलाफ प्रदर्शन समाप्त करने और सरकार के साथ बातचीत फिर से शुरू करने की गुरुवार को अपील की, लेकिन उन्होंने इन कानूनों को रद्द करने से इनकार कर दिया। मंत्री ने कहा कि कृषि उपज मंडी समितियां (एपीएमसी) और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद प्रणाली बनी रहेगी तथा इसे और मजबूत किया जाएगा। तोमर का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब किसान संगठनों ने संसद के मानसून सत्र के दौरान अपना विरोध तेज करने का फैसला किया है। तोमर ने कैबिनेट की बैठक के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, ‘‘मैं आपके माध्यम से किसान संगठनों से इन मुद्दों पर गंभीरता से विचार करने और विरोध प्रदर्शन समाप्त करने की अपील करना चाहता हूं। उन्हें बातचीत का रास्ता अपनाना चाहिए और सरकार वार्ता के लिए तैयार है।’’ तोमर ने कहा, ‘‘ऐसी आशंका थी कि एमएसपी को खत्म कर दिया जाएगा। हालांकि, जब से किसानों का विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ है, तब से खाद्यान्न के साथ-साथ दलहन और तिलहन की खरीद बढ़ गई है।’’ 'सरकार कानूनों को निरस्त करने के बजाय अन्य प्रस्तावों पर चर्चा के लिए तैयार है'कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार के निरंतर प्रयासों का उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाकर उन्हें समृद्ध बनाना है। तोमर ने कहा, ‘‘कृषि कानून इस दिशा में एक बड़ा कदम थे। मेरा मानना है कि किसान संगठनों को समय रहते उनके लाभों को समझना चाहिए। पूरा देश इन कानूनों के लाभ को समझ रहा है।’’ मंत्री ने कहा कि उन्होंने विरोध कर रहे किसान संगठनों से कई बार कहा है कि सरकार कानूनों को निरस्त करने के बजाय अन्य प्रस्तावों पर चर्चा के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक किसानों के विरोध का सवाल है, हमने हमेशा संवेदनशीलता दिखाई है। मोदी सरकार ने किसानों का हमेशा सम्मान किया है।’’ एपीएमसी राज्य के कानूनों के तहत स्थापित हैं- तोमरतोमर ने कहा कि एपीएमसी पर कैबिनेट के आज के फैसले के बाद किसान संगठनों को यह भरोसा करना चाहिए कि एपीएमसी खत्म नहीं होंगी। उन्होंने कहा, ‘‘कानूनों में (एपीएमसी को समाप्त करने के लिए) ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। एपीएमसी राज्य के कानूनों के तहत स्थापित हैं।’’ कैबिनेट की बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों को मंडी के जरिए 1 लाख करोड़ रुपये दिए जाएंगे। उन्होंने कहा, ''किसान आंदोलन से जुड़े मित्रों से कहना चाहता हूं कि आम तौर पर यह कहा जाता है कि नए कानून आए हैं उससे एपीएमसी खत्म हो जाएगा, आप सबके ध्यान में है कि भारत सरकार ने जो कुछ भी समय समय पर कहा है वो करने का प्रयास किया है।एपीएमसी खत्म नहीं होगी- तोमरतोमर ने कहा कि बजट में कहा गया था कि मंडियां समाप्त नहीं होगी। मंडियों को और मजबूत किया जाएगा, जो कृषि अवसंरचना फंड एक लाख करोड़ आवंटित किया गया है। इसमें से फंड का इस्तेमाल एपीएमसी कर सकती हैं। कैबिनेट के फैसले के अनुसार एपीएमसी भी अब पात्र होंगी, संसाधन बढ़ा सकती है।'' बता दें कि एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केटिंग एक्ट (APMC एक्ट) के तहत कृषि विपणन समितियां बनी है। नरेंद्र तोमर ने कहा, ''एपीएमसी खत्म नहीं होगी, कृषि कानून लागू होने के बाद भी कृषि उपज मंडी को करोड़ों रुपये का साधन भारत सरकार की ओर से इस अवसंरचना फंड में से उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे वो सशक्त होंगी।' /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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hindi_2022_11132
गणतंत्र दिवस परेड देखने से पहले इन बातों का ध्यान रखना है जरूरी, पढ़ें दिल्ली पुलिस की गाइडलाइन
कोविड महामारी का साया गणतंत्र दिवस समारोह पर इस बार भी मंडरा रहा है। इसके चलते पहले परेड रूट 8.3 किलोमीटर होता था वो अब घटकर 3.3 किलोमीटर ही रह गया है। मतलब परेड रूट 5 किलोमीटर कम कर दिया गया है।
कोविड महामारी के चलते इस बार भी गणतंत्र दिवस परेड को शॉर्ट किया गया है। पहले परेड विजय चौक से शुरू होकर लाल किले तक जाती थी। लेकिन पिछले साल की तरह इस बार भी परेड विजय चौक से शुरू होकर इंडिया गेट के पास नेशनल स्टेडियम पर ही खत्म हो जाएगी। कोविड महामारी का साया गणतंत्र दिवस समारोह पर इस बार भी मंडरा रहा है। इसके चलते पहले परेड रूट 8.3 किलोमीटर होता था वो अब घटकर 3.3 किलोमीटर ही रह गया है। मतलब परेड रूट 5 किलोमीटर कम कर दिया गया है। हालांकि परेड के बाद निकलने वाली झकियां लाल किले पर जाकर ही खत्म होगी। कोविड महामारी के चलते इस बार भी कई बदलाव किए गए हैं-26 जनवरी की परेड जिनके पास टिकट और पास होंगे वो ही परेड देख सकेंगे। बाकी लोग घर पर TV पर परेड देखें। पहले परेड के रास्ते जो लोग खड़े होकर परेड देखते थे, उन्हें इजाजत नहीं होगी।पहले सवा लाख लोग परेड देखते थे जिन्हें कोविड के चलते साल 2021 में घटाकर 25 हजार कर दिया गया था। लेकिन इस बार दर्शकों की संख्या करीब 8 हजार के आसपास ही होगी।जो लोग गणतंत्र दिवस परेड देखने आएंगे उनका टेम्प्रेचर देखा जाएगा। साथ ही मास्क पहनना भी जरूरी है। जगह-जगह सैनिटाइजर का इंतज़ाम भी किया जाएगा।इतना ही नही हर बार की तरह परेड के निकलने वाले रास्तों के आसपास 23 जनवरी की फुल ड्रेस रिहर्सल और 26 जनवरी के समारोह के दौरान ट्रैफिक रोकथाम भी रहेगी। 25 जनवरी शाम 6 बजे के बाद से 26 जनवरी परेड खत्म होने तक विजय चौक और उसके आस पास ट्रैफिक पर प्रतिबंध होगा।25 जनवरी रात 11 बजे कर बाद से रफी मार्ग, जनपथ, मैन सिंह रोड को क्रॉस करके जाने वाले ट्रैफिक मवमेंट पर 26 जनवरी समारोह खत्म होने तक प्रतिबंध होगा।26 जनवरी सुबह 2 बजे से सी हेक्सगन इंडिया गेट पर ट्रैफिक परेड खत्म होने तक बंद रहेगा।साथ 26 जनवरी सुबह 10 बजे से तिलक मार्ग से लाल किले तक के झांकी निकलने के रूट पर पूरी तरह प्रतिबंद रहेगा। हालांकि इस रास्ते की क्रॉस रोड पर ट्रैफिक झांकी निकलने के दौरान बंद किया जाएगा।इतना ही नही केंद्रीय सचिवालय और उद्योग भवन मेट्रो स्टेशन को 26 जनवरी सुबह 5 बजे से दोपहर 12 बजे तक पूरी तरीके से बंद कर दिया जाएगा। साथ ही लोक कल्याण मार्ग, पटेल चौक और आईटीओ मेट्रो स्टेशन पर रिस्ट्रिक्शन 26 जनवरी सुबह 8.45 से शुरू होगी। इन मेट्रो स्टेशन पर ये रिस्ट्रिक्शन 26 जनवरी सुबह 12 बजे तक रहेगी। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, दिल्ली से लगने वाले सभी बॉर्डर को 25 जनवरी की रात 10 बजे से सील कर दिया जाएगा। इस समय दिल्ली में हैवी ट्रांसपोर्ट और लाइट गुड व्हीकल को दिल्ली में घुसने की इजाजत नहीं होगी। दिल्ली पुलिस पहले ही 20 जनवरी से 15 मार्च तक किसी भी तरह के ड्रोन के उड़ाने पर दिल्ली में प्रतिबंद लगा चुकी है।गणतंत्र दिवस समारोह पर मंडराते आतंकी खतरे को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने तैयारियां पूरी कर ली है। विजय चौक से लेकर लालकिले तक के परेड के रास्ते को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। गणतंत्र दिवस समारोह की सुरक्षा के लिए ही करीब 30 हजार जवानों को तैनाती की गई है। जिनमें दिल्ली पुलिस के जवानों के अलावा दिल्ली पुलिस कमांडो, एनएसजी और पैरामिलिट्री फ़ोर्स भी शामिल है।दिल्ली पुलिस कमिश्नर के मुताबिक इस बात आतंकी खतरे को देखते हुए 26 पैरामीटर के एन्टी टेरर मिसर उठाये गए है। इतना ही नही ड्रोन के जरिये होने वाले आतंकी खतरे से निपटने के लिए एंटी ड्रोन सिस्टम भी जगह जगह इंस्टॉल किए गए है। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, दिल्ली पुलिस पिछले 2 महीने से 26 अलग अलग पैरामीटर के एन्टी टेरर मैसर्स लिए गए हैं। परेड के लिए 20 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों को लगाया गया है। जिनमें ऑफिसर और पैरामिलिट्री फोर्स भी शामिल है। दिल्ली पुलिस के 71 डीसीपी, 213 एसीपी, 753 इंस्पेक्टर को परेड की सुरक्षा की कमान दी गई है। दिल्ली पुलिस के 27 हजार 723 जवानों, कमांडो, शार्पशूटर को परेड को सुरक्षा में तैनात किया गया है जिन्हें असिस्ट करने के लिए 65 कंपनी परमिट्री फ़ोर्स भी लगाई गई है।आतंकियों और उपद्रवियों को काबू करने के लिए 200 एन्टी सबोटेश टीम लगाई गई है। एन्टी ड्रोन सिस्टम भी लगाए हैं जिसमें दूसरी एजेंसीज की भी मदद ली है। दिल्ली पुलिस कमिश्नर के मुताबिक, दिल्ली पुलिस ख़ुफ़िया एजेंसियों और स्टेट पुलिस के संपर्क में है। साथ ही शहर में जगह जगज नाकाबंदी और चेकिंग चल रही है। इतना ही नहीं होटल लॉन्ज, धर्मशालाओं में रहने वाले और किराएदारों का वेरिफिकेशन भी कराया जा रहा है। दिल्ली पुलिस सोशल मीडिया पर भी संदिग्ध चीजों के लिए लोगों को जागरूक कर रही है। जिससे गणतंत्र दिवस समारोह को बिना किसी रुकावट के शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराया जा सके।
hindi_2022_11133
IMD Weather Alert: दिल्ली में कड़ाके की ठंड के बीच पारा 5 डिग्री से नीचे गिरा, कोहरे ने बढ़ाई मुश्किलें
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार सोमवार और मंगलवार की दर्मियानी रात दिल्ली का न्यूनतम तापमान (Minimum Temperature) 5 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे गिर गया।
नई दिल्ली। जनवरी के महीने में पूरा उत्तर भारत (North India) प्रचंड सर्दी के प्रहार का सामना कर रहा है। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तरप्रदेश सहित देश की राजधानी दिल्ली (New Delhi) के आसपास के इलाकों में मौसम का कहर जारी है। वहीं घने कोहरे ने लोगों की मुश्किलें और भी बढ़ा दी है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार सोमवार और मंगलवार की दर्मियानी रात दिल्ली का न्यूनतम तापमान (Minimum Temperature) 5 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे गिर गया। सफदरजंग में 4.3 दर्ज किया गया। वहीं दिल्ली के ही लोधी रोड पर न्यूनतम तापमान 4​ डिग्री रिकॉर्ड किया गया है। मौसम विभाग की मानें तो इस हफ्ते मौसम की मार और तेज हो सकती है और तापमान में और भी गिरावट आ सकती है। पढ़ें- बैंक अकाउंट से रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर बदलना हुआ बेहद आसान, ये रहा पूरा प्रोसेसपढ़ें- किसानों के खाते में आएंगे 36000 रुपये, आज ही रजिस्ट्रेशन कर फ्री में उठाएं मानधन योजना का फायदादिल्ली के अलावा अन्य मैदानी इलाकों की बात करें तो मौसम विभाग ने राजस्थान के लिए यलो अलर्ट जारी किया है। वहीं कश्मीर के ज्यादातर हिस्सों में न्यूनतम तापमान में वृद्धि के बाद लोगों को ठंड से थोड़ी राहत मिली है। हीं पंजाब और हरियाणा भी कड़ाके की ठंड का सामना कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश में मौसम शुष्क बना है और हिमाचल प्रदेश में कई स्थानों पर तापमान शून्य से नीचे दर्ज किया गया । राजस्थान में शीत लहर जारी है और पिछले 24 घंटे में न्यूनतम तापमान में चार डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की गई है।पढ़ें- 2021 में बन जाइए दिल्ली में घर के मालिक, आज से शुरू हुई DDA में आवेदन प्रक्रिया, ये है तरीकापढ़ें- Video: गली का कुत्ता बब्बर शेरों पर पड़ गया भारी? वन सेवा अधिकारी ने शेयर किया वीडियोImage Source : APIMD Weather forecastकश्मीर के श्रीनगर में तापमान शून्य से 0.2 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया जो कि पिछले रात शून्य से 2.6 डिग्री सेल्सियस नीचे से ज्यादा है। घाटी में लोगों को ठंड से थोड़ी राहत मिली है क्योंकि ज्यादातर स्थानों पर न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। गुलमर्ग में न्यूनतम तापमान शून्य से 9.6 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। यह घाटी का सबसे ठंडा स्थान रहा।पढ़ें- सिर्फ 149 रुपये में लाइफ इंश्योरेंस, बिना कागजात घर बैठे ऐसे करें अप्लाईभारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि पंजाब और हरियाणा की संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ में न्यूनतम तापमान 9.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो कि सामान्य से चार डिग्री सेल्सियस अधिक है। वहीं हिमाचल प्रदेश के केलोंग और कल्पा में तापमान शून्य से नीचे दर्ज किया गया। केलोंग शून्य से 10.3 डिग्री सेल्सियस तापमान के साथ राज्य का सबसे ठंडा स्थान रहा।पढ़ें- ये वीडियो देखकर थम जाएंगी सांसे, चलती ट्रेन से गिरकर मौत के मुंह में समा रही थी महिला और फिर...पढ़ें- नवजात शिशु का भी बनवा सकते हैं आधार कार्ड, ये है पूरा तरीका
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भारत-चीन के रिश्तों पर जमी बर्फ पिघलेगी? विदेश मंत्रालयों के बीच बनेगी हॉटलाइन
भारत और चीन ने एक दूसरे के बीच मदभेद दूर करने के लिए नई पहल शुरू की है। इसके तहत दोनों देशों के विदेश मंत्रालयों के बीच बातचीत के लिए हॉटलाइन बनेगी।
नई दिल्ली: भारत और चीन ने एक दूसरे के बीच मदभेद दूर करने के लिए नई पहल शुरू की है। इसके तहत दोनों देशों के विदेश मंत्रालयों के बीच बातचीत के लिए हॉटलाइन बनेगी। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीनी विदेश मंत्री वांग ली के बीच शुक्रवार सुबह टेलिफोन पर बातचीत हुई, दोनो नेताओं के बीच बातचीत लगभग 75 मिनट तक चली। दोनो नेताओं ने लद्दाख में LAC के मौजूदा हालात तथा भारत और चीन के बीच के संबंधों पर चर्चा की।बातचीत के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीनी विदेशमंत्री को बताया कि भारत और चीन के बीच सीमा कों लेकर उठे सवालों का हल होने में समय लग सकता है लेकिन इस क्षेत्र में माहौल बिगड़ने से दोनों देशों के रिश्ते प्रभावित होंगे। विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि चीनी विदेश मंत्री ने सीमावर्ती क्षेत्रों में प्रबंधन और नियंत्रण को सुधारने की बात कही है। विदेश मंत्रालय के अनुसार दोनो पक्षों ने बाकी बचे हुए मसलों के जल्द निपटारे पर सहमति जताई है।वहीं, आपको बता दें कि भारत ने बृहस्पतिवार को कहा था कि चीन के साथ पीछे हटने के समझौते के तहत देश ने अपनी कोई जमीन नहीं खोई बल्कि एकतरफा ढंग से यथास्थिति में बदलाव के प्रयास को रोकने के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएससी) की निगरानी की व्यवस्था लागू की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने आनलाइन माध्यम से संवाददाताओं से कहा था कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत की स्थिति और साझा रूप से पुन: तैनाती को लेकर कोई बदलाव नहीं आया है और पीछे हटने की प्रक्रिया को गलत ढंग से पेश नहीं किया जाना चाहिए।लद्दाख में पैंगोंग झील क्षेत्र में पीछे हटने की प्रक्रिया के बारे में एक सवाल के जवाब में प्रवक्ता ने कहा था कि वास्तुस्थिति के बारे में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा मंत्रालय के बयान में अच्छी तरह स्थिति स्पष्ट की गई है। इसमें मीडिया में आई कुछ गुमराह करने वाली और गलत टिप्पणियों के बारे में स्थिति स्पष्ट की गई है। श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘इस समझौते की वजह से भारत ने अपनी कोई जमीन नहीं खोई। इसके विपरीत, उसने एलएसी पर निगरानी लागू की और एकतरफा ढंग से यथास्थिति में बदलाव को रोका।’’गौरतलब है कि दोनों देशों की सेनाओं ने पूर्वी लद्दाख में कई महीने तक जारी गतिरोध के बाद उत्तरी और दक्षिणी पैंगोंग क्षेत्र से अपने अपने सैनिकों एवं हथियारों को पीछे हटा लिया था। हालांकि कुछ मुद्दे अभी बने हुए हैं। समझा जाता है कि बातचीत के दौरान भारत ने गोगरा, हाट स्प्रिंग, देपसांग जैसे क्षेत्रों से भी तेजी से पीछे हटने पर जोर दिया था।
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Unlock 4.0: 7 सितंबर से मेट्रो सेवा शुरू, 30 सितंबर तक स्कूल-कॉलेज रहेंगे बंद, ये हैं नई गाइडलाइंस
केंद्र सरकार ने Unlock 4.0 की गाइडलाइंस जारी कर दी हैं। इन गाइडलाइंस के अनुसार, स्कूल-कॉलेज 30 सितंबर तक बंद रखने का फैसला किया गया है।
नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने Unlock 4.0 की गाइडलाइंस जारी कर दी हैं। इन गाइडलाइंस के अनुसार, स्कूल-कॉलेज 30 सितंबर तक बंद रखने का फैसला किया गया है। 9वीं से 12वीं कक्षा के छात्रों को स्कूल विजिट की अनुमति होगी। राज्य चाहें तो 50 प्रतिशत टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ को स्कूल आने के लिए कह सकते हैं। सरकार ने शर्तों के अनुसार, 7 सितंबर से मेट्रो चलानी की अनुमति दे दी है।पढ़ें: अनलॉक 4.0: 7 सितंबर से इन नियमों के साथ करें मेट्रो की सवारीImage Source : PTI Unlock 4.0: सरकार ने जारी की अनलॉक 4.0 की गाइडलाइंस, जानिए क्या खुला-क्या बंदभारत सरकार द्वारा जारी आदेश के अनुसार, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय / रेल मंत्रालय द्वारा MHA के साथ परामर्श के बाद मेट्रो रेल को 7 सितंबर से क्रमबद्ध तरीके से संचालित करने की अनुमति दी जाएगी। इसके अलावा सामाजिक / शैक्षणिक / खेल / मनोरंजन / सांस्कृतिक / धार्मिक / राजनीतिक समारोह और अन्य मण्डली को 100 व्यक्तियों की अधिकतम क्षमता के साथ 21 सितंबर से अनुमति दी जाएगी।पढ़ें: अनलॉक-4: जानिए स्कूल, कॉलेज कब तक रहेंगे बंद, गाइलाइन में कही गई ये बातImage Source : PTIUnlock 4.0: सरकार ने जारी की अनलॉक 4.0 की गाइडलाइंस, जानिए क्या खुला-क्या बंदसरकार द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि containment zones के बाहर सभी गतिविधियों की अनुमति होगी, लेकिन अभी सिनेमा हॉल, स्वीमिंग पूल, मनोरंजन पार्क, थेयटर, इंटरनेशनल हवाई यात्रा पर पाबंदी रहेगी। आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि व्यक्तियों और वस्तुओं के इंटर स्टेट और इंट्रा स्टेट मूवमेंट पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। इस तरह के मूवमेंट के लिए कोई अलग से अनुमति / अनुमोदन / ई-परमिट की आवश्यकता नहीं होगी।
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कौन हैं वे दो श्रद्धालु, जिन्होंने तिरुपति मंदिर को दिया 2.62 करोड़ रुपये का दान?
तमिलनाडु और तेलंगाना के दो श्रद्धालुओं ने वैकुंठ एकादशी के मौके पर तिरुमला की पवित्र पहाड़ियों पर स्थित भगवान वेंकटेश्वर के मंदिर को कुल 2.62 करोड़ रुपये का दान किया है।
तिरुपति: तमिलनाडु और तेलंगाना के दो श्रद्धालुओं ने वैकुंठ एकादशी के मौके पर तिरुमला की पवित्र पहाड़ियों पर स्थित भगवान वेंकटेश्वर के मंदिर को कुल 2.62 करोड़ रुपये का दान किया है। मंदिर के अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस दानराशि में टीटीडी बोर्ड के सदस्य एवं अन्नाद्रमुक विधायक आर कुमारगुरु ने एक करोड़ रुपये का योगदान दिया है। मंदिर के अधिकारी ने बताया कि कुमारगुरु ने मंदिर का प्रबंधन करने वाले तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) से अनुरोध किया है कि इस राशि का उपयोग तमिलनाडु में उनके विधानसभा क्षेत्र उलुंडुरपेट्टाई में भगवान वेंकटेश्वर का मंदिर बनवाने में किया जाए। उन्होंने बताया कि कुमारगुरु इसके लिए पहले ही पांच एकड़ भूमि की पेशकश कर चुके हैं। अधिकारी ने बताया कि हैदराबाद के इंद्र कुमार ने 1.62 करोड़ रुपये का दान दिया है और टीटीडी से अनुरोध किया है कि 1.08 करोड़ की राशि टीटीडी द्वारा गरीबों की शिक्षा के लिए संचालित विद्यादान न्यास को दिया जाए जबकि शेष राशि गरीबों के स्वास्थ्य के लिए बने प्राणदान न्यास को देने का अनुरोध किया है। अधिकारी ने बताया कि दोनों दानदाताओं ने अलग-अलग दान की राशि का डिमांड ड्राफ्ट टीटीडी बोर्ड के अध्यक्ष सुब्बा रेड्डी और मुख्य कार्यकारी अधिकारी केएस जवाहर रेड्डी को आज सुबह सौंपा।
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Jammu & Kashmir Weather: घाटी में ठंड का प्रचंड रूप, लेह में पारा शून्य से 13.9°C नीचे, जानें- अन्य जगहों का क्या है हाल
लेह में न्यूनतम तापमान शून्य से 13.9 डिग्री सेल्सियस (-13.9 डिग्री सेल्सियस) नीचे दर्ज किया गया है, जबकि कल रात का न्यूनतम तापमान शून्य से 16.0 डिग्री सेल्सियस कम था।
श्रीनगर: शीतलहर का प्रचंड रूप अब सताने लगा है। कश्मीर से लेकर दिल्ली तक ठंड का टॉर्चर जारी है। सोमवार को न्यूनतम तापमान और नीचे गिर गया है। हालांकि, जम्मू-कश्मीर के ज्यादातर जगहों पर पिछले दिनों के मुकाबले आज ठंड से थोड़ी राहत मिली है। लेकिन, अधिकांश जगहों पर पारा माइनस से नीचे लुढ़क हुआ है। लद्दाख के लेह में न्यूनतम तापमान शून्य से 13.9 डिग्री सेल्सियस (-13.9 डिग्री सेल्सियस) नीचे दर्ज किया गया है, जबकि कल रात का न्यूनतम तापमान शून्य से 16.0 डिग्री सेल्सियस कम था। वहीं, कारगिल स्टेशन में न्यूनतम तापमान शून्य से 11.5 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया था। अधिकारी के मुताबिक साइबेरिया के बाद दुनिया के दूसरे सबसे ठंडे इलाके में कारगिल के द्रास का न्यूनतम तापमान शून्य से 19.0 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। उन्होंने बताया, “ज्यादातर शुष्क और ठंडा मौसम जम्मू-कश्मीर और लद्दाख- दोनों में 22 दिसंबर की सुबह तक जारी रहने की संभावना है।”अधिकांश जगहों पर पारा माइनस में पहुंचाश्रीनगर = -5.8°C पहलगाम = -7.4°Cकुपवाड़ा = -5.2°Cगुलमर्ग = -5.5°Cअनंतनाग = -7.2°Cबांदीपोरा = -5.1°Cबारामूला = -4.8°Cपुलवामा = -6.1°Cशोपियां = -7.7°Cजम्मू = 3.2°Cलेह = -13.9°Cकारगिल = -11.5°Cनुब्रा घाटी = -14.0°Cद्रास = -19.0°Cश्रीनगर: शीतलहर का प्रचंड रूप अब सताने लगा है। कश्मीर से लेकर दिल्ली तक ठंड का टॉर्चर जारी है। सोमवार को न्यूनतम तापमान और नीचे गिर गया है। हालांकि, जम्मू-कश्मीर के ज्यादातर जगहों पर पिछले दिनों के मुकाबले आज ठंड से थोड़ी राहत मिली है। लेकिन, अधिकांश जगहों पर पारा माइनस से नीचे लुढ़क हुआ है। लद्दाख के लेह में न्यूनतम तापमान शून्य से 13.9 डिग्री सेल्सियस (-13.9 डिग्री सेल्सियस) नीचे दर्ज किया गया है, जबकि कल रात का न्यूनतम तापमान शून्य से 16.0 डिग्री सेल्सियस कम था। वहीं, कारगिल स्टेशन में न्यूनतम तापमान शून्य से 11.5 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया था। अधिकारी के मुताबिक साइबेरिया के बाद दुनिया के दूसरे सबसे ठंडे इलाके में कारगिल के द्रास का न्यूनतम तापमान शून्य से 19.0 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। उन्होंने बताया, “ज्यादातर शुष्क और ठंडा मौसम जम्मू-कश्मीर और लद्दाख- दोनों में 22 दिसंबर की सुबह तक जारी रहने की संभावना है।”अधिकांश जगहों पर पारा माइनस में पहुंचाश्रीनगर = -5.8°C
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Cyclone In Odisha :ओडिशा पर मंडरा रहा चक्रवाती तूफान का खतरा, 18 जिलों में येलो अलर्ट जारी, NDRF हालात से निपटने के लिए तैयार
बंगाल की खाड़ी से उठा चक्रवाती तूफान अब धीरे-धीरे गति पकड़ने लगा है। ओडिशा सरकार ने 18 जिलों में येलो अलर्ट जारी कर दिया है।
Cyclone In Odisha : ओडिशा पर एक बार फिर एक बड़े चक्रवाती तूफान (Cyclonic Storm ) का खतरा मंडरा रहा है। बंगाल की खाड़ी से उठा यह चक्रवाती तूफान अब धीरे-धीरे गति पकड़ने लगा है। बंगाल की खाड़ी और अंडमान के पास बना कम दबाव का क्षेत्र पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ रहा है। IMD के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने बताया कि 8 मई तक चक्रवात बंगाल की खाड़ी में प्रवेश करेगा और इसके बाद इसकी रफ्तार 75 किमी/ घंटे हो सकती है। मौसम विभाग इस पर पूरी तरह से नजर बनाए हुए है। इस तूफान का असर पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, मेघालय, नगालैंड, मिजोरम, झारखंड पर पड़ सकता है।चक्रवाती तूफान के खतरे को देखते हुए ओडिशा सरकार ने 18 जिलों में येलो अलर्ट जारी कर दिया है। मौसम विभाग (IMD) की ओर से कहा गया है कि अगले 48 घंटे में 40 से 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं। उधर एहतियात के तौर पर ओडिशा के मलकानगिरी से मयूरभंज तक के 18 ज़िलों के कलेक्टरों को अलर्ट रहने को कहा गया है। NDRF की 17 और ODRAF की 20 टीमों के साथ ही फायर ब्रिगेड की 175 टीमों को भी हालात से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा गया है।तीन मई को ही मौसम विभाग ने यह बता दिया था कि इस सप्ताह के अंत तक दक्षिण अंडमान सागर के ऊपर एक कम दबाव वाला क्षेत्र बनने की संभावना है। इसके प्रभाव के चलते छह मई के आसपास क्षेत्र में एक कम दबाव वाला क्षेत्र बन सकता है और अगले 120 घंटों के दौरान एक बड़ा चक्रवात आने की संभावना है। चार मई के लिए मछुआरों को दी अपनी चेतावनी में मौसम विभाग ने कहा था कि दक्षिण अंडमान सागर और उससे सटे दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी में तेज हवाएं चलने की संभावना है।
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पंजाब कांग्रेस विवाद: नवजोत सिंह सिद्धू को मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी- सूत्र, कैप्टन अमरिंदर सिंह को लेकर कही ये बात
पंजाब कांग्रेस में मचे घमासान के बीच कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात को लेकर सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर आ रही है। सूत्रों के मुताबिक, नवजोत सिंह सिद्धू को बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है।
नई दिल्ली। पंजाब कांग्रेस में मचे घमासान के बीच कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात को लेकर सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर आ रही है। सूत्रों के मुताबिक, नवजोत सिंह सिद्धू को बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। राज्य में एंटी इनकंबेंसी का असर कम करने के लिए कैबिनेट में कुछ फेरबदल किया जा सकता है। पंजाब कांग्रेस में विवाद सुलझाने के लिए गठित की गई कमिटी ने भी ऐसा ही सुझाव दिया है। बताया जा रहा है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह से पार्टी आलाकमान भी नाराज है।उधर राहुल गांधी के साथ नवजोत सिंह सिद्धू की बैठक को लेकर सूत्रों ने बताया कि नवजोत सिंह सिद्धू ने बेअदबी वाले मामले पर करवाई की मांग की है। साथ ही सिद्धू ने कहा कि ड्रग्स वाले मामले पर भी कोई ठोस करवाई नहीं हुई है। पंजाब में रेत के ठेके अभी भी अकाली के पास हैं, पंजाब में ट्रांसपोर्ट और केबल पर अभी भी अकाली का कब्जा है।आलाकमान के निर्देश के बाद भी कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की। कैप्टन अमरिंदर सिंह को बोला गया था बिजली बिल में 200 यूनिट फ्री की घोषणा की जाए। बता दें कि, चंडीगढ़ में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने विधायकों के साथ अपने आवास पर बैठक की है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू का राहुल और प्रियंका गांधी जी से मिलना एक अच्छा संकेत है और इससे हमें चीजों हो हल करने में मदद मिलेगी। सिद्धू जी का अंदाज ए बयां कुछ ऐसा है कि वो गुस्से में कहते हुए दिखते हैं क्योंकि वो बात दिल से कहते हैं।ये भी पढ़ें: CM अमरिंदर के घर कई मंत्री और विधायक पहुंचे, 'लंच डिप्लोमैसी' या शक्ति प्रदर्शन? 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यादें: राम मंदिर आंदोलन के सबसे बड़े चेहरों में शुमार थे कल्याण सिंह, CM पद से भी दे दिया था इस्तीफा
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह नहीं रहे। उन्होंने 89 साल की उम्र में लखनऊ के SGPGI में आखिरी सांस ली। उन्हें सांस लेने में तकलीफ के बाद 21 जून को लखनऊ के लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का शनिवार शाम लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वह 89 वर्ष के थे। संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGI) द्वारा शनिवार रात जारी बयान में बताया गया कि वह लंबे समय से बीमार थे और उनके अंगों धीरे-धीरे काम करना बंद कर दिया। बयान में कहा गया कि अंगों के काम करना बंद करने के बाद शनिवार शाम उनका निधन हो गया। कल्याण सिंह को पिछली 4 जुलाई को संक्रमण और हल्की बेहोशी की वजह से SGPGI के ICU में भर्ती कराया गया था। इससे पहले उनका इलाज डॉक्टर राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट में चल रहा था। कल्याण सिंह उत्तर प्रदेश की राजनीति के बड़े चेहरों में से थे। उन्होंने अपनी राजनीतिक जीवन के शुरुआती दौर में एक किसान नेता के तौर पर अपनी पहचान बनाई थी। वह 2 बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे थे और राज्य में भारतीय जनता पार्टी के पहले मुख्यमंत्री थे। उनका पहला कार्यकाल 24 जून 1991 से 6 दिसम्बर 1992 तक था और दूसरा कार्यकाल 21 सितंबर 1997 से 12 नवंबर 1999 तक रहा था। उनकी पहचान एक हिंदुत्ववादी नेता और प्रखर वक्ता के तौर पर थी।कल्याण सिंह उन नेताओं में से एक थे जिन्हें राम मंदिर निर्माण के लिए सबसे मुखर आवाजों में से एक माना जाता था। पहली बार सीएम बनने के बाद उन्होंने अयोध्या जाकर राम मंदिर बनाने की शपथ ली थी। जब 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी ढांचा गिराया गया तब वह यूपी के मुख्यमंत्री थे। उन्होंने कारसेवकों पर गोली चलाने की अनुमति नहीं दी थी। 2020 में राम मंदिर के निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला आने के बाद उन्होंने इसपर खुशी जाहिर की थी। उन्होंने इच्छा जाहिर की थी कि वह अयोध्या में बनने जा रहे भगवान राम के मंदिर में दर्शन कर अपने प्राण त्यागें, हालांकि उनकी यह इच्छा अधूरी रह गई।कल्याण सिंह ने बाबरी मस्जिद गिराए जाने की नैतिक जिम्मेदारी ली थी। इसी के चलते उन्होंने 6 दिसंबर, 1992 को ही सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके दूसरे दिन केंद्र सरकार ने यूपी की भारतीय जनता पार्टी की सरकार को बर्खास्त कर दिया था। तब उन्होंने उन्होंने कहा था कि 'राम मंदिर के नाम पर यह सरकार बनी थी, उसका मकसद पूरा हुआ। ऐसे में राम मंदिर के नाम पर सरकार कुर्बान हुई।'कल्याण सिंह को भाजपा के कद्दावर नेताओं में शुमार किया जाता है। वह यूपी के सीएम रहने के अलावा राजस्थान के राज्यपाल भी रहे थे। उनका जन्म 5 जनवरी 1932 को अलीगढ़ के मढ़ौली गांव में हुआ था।उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का निधन, लखनऊ PGI में ली अंतिम सांसयादें: राम मंदिर आंदोलन के सबसे बड़े चेहरों में शुमार थे कल्याण सिंह, CM पद से भी दे दिया था इस्तीफाकल्याण सिंह के निधन पर सीएम योगी ने 3 दिन के राजकीय शोक की घोषणा की, 23 अगस्त को सार्वजनिक छुट्टी /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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केरल में कोरोना वायरस संक्रमण के 32 हजार से अधिक मामले, विजयन ने स्थिति को बताया गंभीर
केरल में मंगलवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 32,819 नए मामले सामने आए जो राज्य में एक दिन में सामने आए महामारी के सर्वाधिक मामले हैं। इसके साथ ही केरल में कोविड-19 के कुल मामलों की संख्या 14,60,364 हो गई है।
तिरुवनंतपुरम: केरल में मंगलवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 32,819 नए मामले सामने आए जो राज्य में एक दिन में सामने आए महामारी के सर्वाधिक मामले हैं। इसके साथ ही केरल में कोविड-19 के कुल मामलों की संख्या 14,60,364 हो गई है। राज्य के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने स्थिति को गंभीर करार दिया। केरल में महामारी के आज सामने आए मामलों में 86 स्वास्थ्यकर्मी भी शामिल हैं। विजयन ने कहा कि महामारी को आज 18,413 लोगों ने शिकस्त दी और इस बीमारी से ठीक हुए लोगों की कुल संख्या 12,07,680 हो गई है। राज्य में 32 और लोगों की मौत के बाद बीमारी से मरने वालों की संख्या 5,170 हो गई है। विजयन ने यहां संवाददाताओं से कहा कि राज्य में स्थिति गंभीर है। राज्य में उपचाराधीन मामलों की संख्या 2,47,181 है। इस बीच केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश में एक दिन में कोविड-19 के जितने मामले सामने आए हैं, उनमें से 69.1 प्रतिशत महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और दिल्ली समेत 10 राज्यों से हैं। मंत्रालय ने कहा कि देश में एक दिन में 3,23,144 लोगों के संक्रमित पाए जाने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 1,76,36,307 हो गई है। कर्नाटक, केरल, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, गुजरात और राजस्थान उन दस राज्यों में शामिल हैं, जहां कुल कोविड मामलों में से 69.1 प्रतिशत मामले सामने आए हैं।मंत्रालय ने कहा, ''अब तक 28 करोड़ से अधिक जांच की जा चुकी हैं। संक्रमण की दर 6.28 प्रतिशत है।'' महाराष्ट्र में एक दिन में सबसे अधिक 48,700 मामले सामने आए। उत्तर प्रदेश में 33,551 और कर्नाटक में 29,744 नए मामले सामने आए हैं। मंत्रालय ने कहा कि भारत में उपचाराधीन रोगियों की संख्या बढ़कर 28,82,204 हो गई है, जो कुल संक्रमितों का 16.34 प्रतिशत है। ये भी पढ़ें
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Coronavirus: देश में फिर मिले 50 हजार से ज्यादा नए मरीज, 58 हजार हुए ठीक, रिकवरी रेट- 96.75%
Coronavirus Cases in India: स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए ताजा आंकड़ों के बाद, देश में अबतक सामने आए कोरोना के कुल मामले बढ़कर 3 करोड़ 2 लाख 33 हजार 183 हो गए हैं।
नई दिल्ली. देश में एकबार फिर से कोरोना संक्रमण के मामलों में 50 हजार से ज्यादा मरीजों का इजाफा हुआ है। पिछले 24 घंटों में देश में कोरोना संक्रमण के 50 हजार 40 नए मामले सामने आए हैं, जबकि इस अवधि में 57 हजार 944 लोग करोना संक्रमण से उबरने में सफल रहे हैं। पिछले 24 घंटों में देश में कोरोना के कारण 1258 मरीजों की मौत हो गई है।स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए ताजा आंकड़ों के बाद, देश में अबतक सामने आए कोरोना के कुल मामले बढ़कर 3 करोड़ 2 लाख 33 हजार 183 हो गए हैं। इन मामलों में से 2 करोड़ 92 लाख 51 हजार 29 लोग कोरोना को मात दे चुके हैं जबकि 3 लाख 95 हजार 751 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है। इस वक्त देश में एक्टिव मामलों की संख्या 5 लाख 86 हजार 403 है।स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, कोरोना वायरस से स्वस्थ होने वाले मरीजों की राष्ट्रीय दर सुधरकर 96.75 फीसदी हो गई है, जबकि साप्ताहिक संक्रमण दर कम होकर 2.91 प्रतिशत रह गयी है। दैनिक संक्रमण दर 2.82 प्रतिशत है। यह लगातार 20वें दिन पांच प्रतिशत से कम है।सुबह सात बजे तक जारी टीकाकरण संबंधी आंकड़ों के अनुसार, भारत में एक दिन में 64.25 लाख कोविड-19 रोधी टीके लगने से अब तक देशव्यापी अभियान के तहत दी गई टीकों की खुराक 32.17 करोड़ हो गयी है। इसके अलावा 17,45,809 और नमूनों की जांच की गई। इसके साथ ही देश में अब तक जांचे गए कुल नमूनों की संख्या बढ़कर 40,18,11,892 हो गयी।देश में पिछले साल सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितम्बर को 40 लाख से अधिक हो गई थी। संक्रमण के कुल मामले 16 सितम्बर को 50 लाख, 28 सितम्बर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख, 20 नवम्बर को 90 लाख के पार हो गए थे। देश में 19 दिसम्बर को ये मामले एक करोड़ के पार, चार मई को दो करोड़ के पार और 23 जून को तीन करोड़ के पार चले गए थे।