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hindi_2022_11143
गोवा के राज्यपाल सत्यपाल मलिक का मेघालय किया गया तबादला
नयी दिल्ली। गोवा के राज्यपाल सत्यपाल मलिक का मंगलवार को मेघालय तबादला कर दिया गया है। मलिक वहां तथागत राय की जगह लेंगे, जिनका पांच साल का कार्यकाल पूरा हो गया है।
नयी दिल्ली। गोवा के राज्यपाल सत्यपाल मलिक का मंगलवार को मेघालय तबादला कर दिया गया है। मलिक वहां तथागत राय की जगह लेंगे, जिनका पांच साल का कार्यकाल पूरा हो गया है। राष्ट्रपति भवन ने एक बयान में कहा कि गोवा के राज्यपाल मलिक का तबादला कर उन्हें मेघालय का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया है।बयान के अनुसार, महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को गोवा का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। तथागत राय ने अपने पांच साल के कार्यकाल में तीन साल त्रिपुरा के राज्यपाल के तौर पर और बाकी दो साल मेघालय के राज्यपाल के तौर पर सेवाएं दी। राज्यपाल का कोई निश्चित कार्यकाल नहीं होता लेकिन पारम्परिक रूप से इसे पांच साल माना जाता है।ऐसे कई उदाहरण भी हैं, जब राज्यपाल लंबे समय तक पद पर काबिज रहे। ई़ सी. एल. नरसिंहन छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और फिर तेलंगाना के लगातार 12 साल तक राज्यपाल रहे थे। सीआरपीएफ के काफिले पर हमले के बाद कश्मीरी सामान पर प्रतिबंध लगाने का आह्वान करने वाले सेवानिवृत्त सेना अधिकारी के ट्वीट का समर्थन करने के बाद राव पिछले साल चर्चा में आ गए थे। इस हमले में 40 सुरक्षा कर्मी मारे गए थे।मलिक को मेघालय का राज्यपाल नियुक्त करने की खबर के बाद राय ने ट्वीट किया, 'राष्ट्रपति भवन से खबर मिलने के बाद नए राज्यपाल सत्यपाल मलिक से बात की और उनका शिलांग में स्वागत किया। उन्हें यहां आने में अभी थोड़ा समय लग सकता है।' उन्होंने कहा, 'मुझे 20 मई को यह पद छोड़ना था।' राय को अगस्त 2018 में मेघालय का राज्यपाल नियुक्त किया गया था और अभी तक इस पद पर काबिज हैं। केवल दिसम्बर 2019 से जनवरी 2020 के बीच वह छुट्टी पर थे।वहीं मलिक (73) पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर के आखिरी राज्यपाल थे। केन्द्र सरकार ने पिछले साल पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान खत्म कर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो केन्द्र शासित प्रदेश बनाने की घोषणा कर दी थी।
hindi_2022_11144
क्या है पाकिस्तान का 'पिस्टल' प्लान? जिसके जरिए कश्मीर में फिर आतंकवाद फैलाने की है साजिश
कश्मीर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) विजय कुमार ने गुरुवार को कहा कि 'जैसा कि हम सब जानते हैं कि इस साल जब से सेना और पुलिस ने मिलकर स्थानीय स्तर पर युवाओं को आतंकवाद में शामिल होने से रोका है, कई युवा वापस आए हैं और इस वजह से पाकिस्तान में बैठे आतंकियों के आका काफी परेशान थे।
जम्मू-कश्मीर: जम्मू-कश्मीर में फिर आतंक फैलाने के लिए पाकिस्तान का 'पिस्टल' प्लान सामने आया है। कश्मीर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) विजय कुमार ने गुरुवार को कहा कि 'जैसा कि हम सब जानते हैं कि इस साल जब से सेना और पुलिस ने मिलकर स्थानीय स्तर पर युवाओं को आतंकवाद में शामिल होने से रोका है, कई युवा वापस आए हैं और इस वजह से पाकिस्तान में बैठे आतंकियों के आका काफी परेशान थे। अच्छे कामों की वजह से पाकिस्तान के हेंडलर काफी परेशान हो गए थे, पिछले कई महीनों से यहे फ्रस्ट्रेट, इसके चलते इन्होंने बेगुनाह सिविलियन को पिस्टल से मारना, बिना हथियार वाले पुलिस वालों को मारने जैसे काम किए। 85 प्रतिशत घटनाओं में पिस्टल का इस्तेमाल किया गया, क्योंकि पिस्टल को छिपाना आसाना होता है। जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में सेना ने 3 घुसैपठिए किए ढेरसेना की 15वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडेय और कश्मीर रेंज के आईजी विजय कुमार ने संयुक्त प्रेसवार्ता में बताया कि अभी तक इस साल जनवरी से लेकर अभी तक 97 पिस्टल रिकवर हुए हैं, यह बताता है कि पाकिस्तान का एजेंडा है कि ज्यादा से ज्यादा हैंड ग्रेनेड और पिस्टल कश्मीर भेजे जाएं और आतंकवाद का बढ़ाया जाए। भारतीय सेना से मिली जानकारी के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास हथलंगा में 3 घुसपैठिए मारे गए हैं जबकि भारी मात्रा में हथियार एवं विस्फोटक बरामद किया गया है। भारी मात्रा में हथियार बरामदगौरतलब है कि, LOC पर रामपुर सेक्टर में उरी के नज़दीक भारतीय सेना ने 3 आतंकियों को मुठभेड़ के दौरान मार गिराया। सभी आतंकी कुछ दिन पहले पाक अधिकृत कश्मीर(POK) से आए थे। आतंकवादियों के पास से भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक बरामद किया गया है। भारतीय सेना ने ऑपरेशन में मारे गए आतंकवादियों के पास से 5 एके 47 राइफल, 7 पिस्टल, 1 रिवॉल्वर, 5 एके 47 मैगजीन, 69 ग्रेनेड, भारतीय करेंसी में 35000 रुपए और पाकिस्तानी करेंसी में 3700 रुपए बरामद किए हैं। सुरक्षाबलों को सूचना मिली थी कि पाकिस्तान से 6 आतंकवादी भारतीय सीमा में प्रवेश करने जा रहे हैं और 3 दिन पहले सुरक्षाबलों ने आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन शुरू कर दिया था। अबतक इस ऑपरेशन में 3 आतंकवादियों के खात्मे की पुष्टि हुई है, पूरे क्षेत्र में फिलहाल सर्च ऑपरेशन जारी है।
hindi_2022_11145
गुज्जरों के मामले में हाई कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार को लगाई फटकार
अदालत ने कहा कि अगर जांच में ये लोग कोविड मुक्त पाए जाते हैं और इनके पास वैध कानूनी दस्तावेज हैं तो उन्हें अपनी आजीविका कमाने के लिए पार्क में प्रविष्ट होने देने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए।
देहरादून: उत्तराखंड हाई कोर्ट ने उत्तरकाशी जिले के गोविंद पशु विहार राष्ट्रीय पार्क में जाने से वन गुज्जर परिवारों को रोके जाने और उन्हें अमानवीय दशाओं में रहने को मजबूर करने के लिए राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए इसे उनके 'जीने के मूल अधिकार का उल्लंघन' करार दिया है । एक गैर सरकारी संगठन द्वारा इन गुज्जर परिवारों की दुर्दशा को लेकर अदालत से दखल की प्रार्थना वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की एक खंडपीठ ने परिवारों की समस्या के समाधान के लिए तत्काल उपाय करने के आदेश दिए।अदालत ने कहा कि अगर जांच में ये लोग कोविड मुक्त पाए जाते हैं और इनके पास वैध कानूनी दस्तावेज हैं तो उन्हें अपनी आजीविका कमाने के लिए पार्क में प्रविष्ट होने देने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। कोरोना वायरस के मनुष्यों से जानवरों में फैलने की आशंका के मद्देनजर इन परिवारों के प्रवेश से पार्क में रहने वाले वन्यजीवों को खतरा होने की संभावना की महाधिवक्ता एस एन बाबुलकर द्वारा दी गई दलील पर उच्च न्यायालय ने कहा कि इनकी तत्काल कोविड जांच कराई जाए। अदालत ने कहा कि अगर ये लोग कोरोना मुक्त पाए जाते हैं और इनके पास वैध परमिट है तो कानून द्वारा अनुमन्य अवधि के लिए इन्हें पार्क में प्रवेश देने की व्यवस्था की जाए।याचिकाकर्ता द्वारा सप्लीमेंटरी हलफनामे के साथ जमा कराई गई तस्वीरों का जिक्र करते हुए उच्च न्यायालय ने कहा कि इनसे पता चलता है कि परिवारों को खुले आसमान के नीचे खुले खेतों में खुले तंबुओं में रहने के लिये मजबूर किया गया है। फोटो में छोटे बच्चे और नवजात शिशु कंबल में लिपटाकर जमीन पर सोते हुए दिखाई दे रहे हैं। फोटो से यह भी पता चलता है कि कुछ मवेशी तंबुओं के पास बंधे है जबकि कुछ अन्य मर गए हैं। अदालत ने कहा कि इससे पार्क के उपनिदेशक का निर्दयी रूख पता चलता है और नागरिक प्रशासन ने इन परिवारों को ऐसी दशाओं में जीने को मजबूर कर दिया है जो जानवरों के जीने लायक दशाओं से भी बदतर हैं।न्यायालय ने कहा कि प्रथमदृष्टया भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीने के मूल अधिकार का प्रतिवादियों द्वारा उल्लंघन किया जा रहा है। उच्च न्यायालय ने उत्तरकाशी के जिलाधिकारी और पार्क के उपनिदेशक को इन परिवारों को 'पक्के मकानों' में रखने तथा उन्हें खाना, पानी और दवाइयों के अलावा उनके मवेशियों के लिए चारा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
hindi_2022_11146
सुहैब फारूकी थाना संभालने के साथ मुशायरों की महफिल जमा रहे
सुहैब अहमद फारूकी पेशे से पुलिसवाले हैं, लेकिन अगर इनकी जिंदगी के पन्ने को पलटा जाए तो वह एक बहुत अच्छे शायर भी हैं। पुलिस की जिंदगी जीने के साथ सुहैब बतौर शायर भी जाने जाते हैं।
नई दिल्ली: सुहैब अहमद फारूकी पेशे से पुलिसवाले हैं, लेकिन अगर इनकी जिंदगी के पन्ने को पलटा जाए तो वह एक बहुत अच्छे शायर भी हैं। बीते 10 सालों से यह दो किरदार में नजर आ रहे हैं और दोनों ही किरदार को एक साथ निभाना बड़ा ही मुश्किल है, लेकिन सुहैब अब इन दोनों किरदारों को एक साथ निभाने के आदी हो चुके हैं। दिल्ली पुलिस में एक थाने की जिम्मेदारी के साथ शायर की भूमिका में भी नजर आ रहे हैं। पुलिस की जिंदगी जीने के साथ सुहैब बतौर शायर भी जाने जाते हैं। देशभर के विभिन्न जगहों में होने वाले मुशायरों में हिस्सा भी लेते रहे हैं।ये जान कर हैरानी होगी कि सुहैब की आदत और भाषा को सुनकर एक अपराधी अपनी सजा पूरी करने के बाद सुहैब से मिलने आया था। सुहैब ने बताया, "करीब 2 महीने पहले मैंने कुछ अपराधी पकड़े थे। इसके 15-20 दिन बाद ही वे जमानत पर छूट गए। उस दौरान वे अपने घर जाने के बजाय मुझसे मिलने आए। उनको मेरी आदत और भाषा बहुत अच्छी लगी थी।"सुहैब की पैदाइश 1969 में यूपी के इटावा में हुई। लेकिन पिता उत्तर प्रदेश के सिंचाई विभाग में बतौर जूनियर इंजीनियर थे, जिस कारण सुहैब की पढ़ाई कहीं एक जगह नहीं हो सकी। सुहैब की स्कूलिंग यूपी के एटा और उत्तराखंड के देहरादून में हुई। कॉलेज की पढ़ाई मुरादाबाद स्थित हिंदू कॉलेज में करने के साथ ही सुहैब ने उर्दू की शिक्षा भी हासिल की है। सुहैब सन् 1993 में दिल्ली आने के बाद नगर निगम के प्राथमिक स्कूल में अध्यापक रहे। मगर 1995 में दिल्ली पुलिस में बतौर सब इंस्पेक्टर भर्ती हुए।घर में उर्दू का माहौल होने की वजह से सुहैब के जहन में हमेशा उर्दू भाषा को लेकर जगह बनी रही। जामिया उर्दू बोर्ड से अदीब-ए-कामिल (उर्दू में बीए) परीक्षा देने के लिए उर्दू की पढ़ाई भी की, लेकिन पुलिस की नौकरी के चलते समय नहीं दे सके। सुहैब के मुताबिक, 40 साल की उम्र के बाद इंसान की जिंदगी में एक ठहराव आता है। उस समय थोड़ा बहुत लिखते रहते थे। ये बात जानकर हैरानी होगी कि सोशल मीडिया के बदौलत सुहैब को एक दूसरी पहचान मिल सकी।सुहैब ने बताया, "शुरुआती दौर में सोशल मीडिया पर ऑरकुट एक प्लेटफॉर्म हुआ करता था, वहां ग्रुप बनने शुरू हुए। उसी दौरान तबादला-ए-खयालात चलता रहा। उसी समय मुझे एहसास हुआ कि मैं शायरी कर सकता हूं।" "फेसबुक आने के बाद से एक मेरी जिंदगी में रिवोल्यूशन सा हुआ, क्योंकि वहां आप अपने मन के ख्यालों को लिख सकते थे और बीच मे कोई एडिटर नहीं हुआ करता था। आपकी बातों को छापने के लिए किसी की सिफारिश की जरूरत नहीं पड़ती थी।"उन्होंने आगे बताया, "2010 में बतौर इंस्पेक्टर प्रमोशन हुआ। 2015 में जामिया नगर में एडिशनल एसएचओ तैनात हुआ। जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी का जो मुझे माहौल मिला, उससे भी सीखने को मिला। उर्दू भाषा जानने वाले लोगों के साथ बातचीत शुरू हुई। जिसके कारण मेरी भाषा में और सुधार हुआ।" "जामिया यूनिवर्सिटी से मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला। इसी वजह से मेरा जो शौक था वो निखरकर आया। हमने इस दौरान काफी मुशायरे भी कराए, जिनमें राहत इंदौरी साहब भी मौजूद हुए। उससे भी काफी सीखने को भी मिला।"बकौल सुहैब, पुलिस की नौकरी करते वक्त भाषा में काफी बदलाव आता है। हर तरफ क्राइम या अपराधी देख-देख आपकी जिंदगी पर भी असर पड़ता है। फिर भी वह शायरी करते हैं और मुशायरे में सुनाते हैं। सुहैब के साथ कई बार ऐसा हुआ है कि उन्होंने पुलिस की भाषा में शायरी पेश की, जो सुनने वालों को अजीब लगा। उन्होंने बताया, "मुझे काफी बार याद रखना पड़ता है कि मैं अभी पुलिस में नौकरी कर रहा हूं या स्टेज पर कलाम पढ़ कर रहा हूं। कई बार ऐसे भाषा निकल जाती है कि आपको खुद को समझना पड़ता है कि मैं अदब की महफिल में बैठा हूं।""उर्दू मुशायरे में हिंदी का प्रयोग और हिंदी मुशायरे में उर्दू के शब्द का प्रयोग सुनने में बड़ा अजीब सा लगता है। स्टेज पर काफी दफा ऐसा हुआ है, जब लोगों से ये अपील की गई है कि ये पुलिस में हैं, इनके मुंह से अगर कुछ गलत शब्द निकल आए तो इन्हें माफ कर देना।" सुहैब को इस कारण स्टेज पर ताना भी सुनना पड़ा। दरअसल, लोगों को लगता था कि इनका शायरी से कोई लेना-देना नहीं है। एक पुलिस अफसर है तो सिफारिश के चलते यहां तक आ गए हैं। लेकिन जब लोगों ने शायरी सुनी तो खूब तालियां भी बटोरीं और लोगों के मुंह से ये तक निकला कि एक पुलिस वाला भी शायरी कर सकता है।उन्होंने बताया, "मेरे पहला मुशायरे के दौरान इंदौरी साहब ने कहा था कि एक पुलिस वाले शायरी पढ़कर गए हैं। अच्छी बात है, लेकिन खुदा की कसम ऐसा लगता है कि जब पुलिस वाला शायरी करता है तो लगता है कि शैतान कुरान-ए-शरीफ पढ़ रहा हो।" "अगले मुशायरे के दौरान इंदौरी साहब फिर आए हुए थे। उस वक्त मैंने वापसी में कहा था कि मैंने इंदौरी साहब के बयान को दुआ के रूप में लिया।"सुहैब के साथ कई बार ऐसा भी हुआ है कि मुशायरे के दौरान किसी आला अफसर का फोन आने लगा, जिस कारण वो शायरी भी भूल चुके हैं। सुहैब का मानना है कि आप चाहे जितने भी काबिल शायर हो, लेकिन आप परफॉर्मर नहीं तो सब बेकार है। हालांकि सुहैब की पत्नी भी शायरी पढ़ने का शौक रखती हैं, जिसके कारण इनके घर में झगड़े कम होते हैं। सुहैब ने आगे बताया, "कोरोना महामारी के दौरान मेरी एक नज्म 'कोरोना से जंग' काफी चर्चित रही। पुलिस विभाग में भी मुझे इज्जत दी जाती है। एक शायर की तरह देखा जाता है। साहित्य ने मेरी जिंदगी को सुकून दिया।"सुहैब के शेर हैं :नफरत तुम्हें इतनी ही उजालों से अगर हैसूरज को भी फूंकों से बुझा क्यों नहीं देतेशोलों की लपट आ गई क्या आपके घर तकअब क्या हुआ शोलों को हवा क्यों नहीं देतेअब इतनी खमोशी भी सुहैब अच्छी नहीं हैएहबाब को आईना दिखा क्यों नहीं देते।
hindi_2022_11147
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा, किसानों के आंदोलन को बदनाम कर रही है केंद्र सरकार
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों को ‘बदनाम’ कर रही है।
नई दिल्ली: संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों को ‘बदनाम’ कर रही है। उसने कहा कि अगर सरकार उम्मीद कर रही कि आंदोलन खत्म हो जाएगा तो ऐसा नहीं होने वाला। संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में 40 किसान संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं। एसकेएम ने दावा किया कि कई राज्य सरकारें आंदोलन के साथ मजबूती से खड़ी हैं तथा आंदोलन से जुड़ने के लिए दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन स्थल पर और किसान पहुंच गए हैं।तीन कृषि कानूनों को खत्म करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी के लिए कानून की मांग को लेकर मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हजारों किसान पिछले छह महीने से ज्यादा समय से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा, ‘प्रदर्शनकारियों को बदनाम करने का कोई भी मौका छोड़ा नहीं जा रहा। हालांकि, उनकी नीति इस बार भी नाकाम होगी। किसान जो मांग रहे हैं, वह यह है कि उनके आजीविका के मौलिक अधिकार की रक्षा की जाए।’बयान में कहा गया, ‘लोकतंत्र में यह अपेक्षा की जाती है कि सरकार उनकी जायज मांगों को मान लेगी। इसके बजाय, भाजपा नेतृत्व वाली सरकार अनावश्यक रूप से आंदोलन को लंबा खींच रही है, इसे बदनाम कर रही है और उम्मीद कर रही है कि यह ऐसे ही खत्म हो जाएगा। यह नहीं होने वाला है।’ संयुक्त किसान मोर्चा ने दावा किया कि बीजेपी के कई नेता केंद्र सरकार से किसानों के मुद्दे का समाधान करने के लिए कह रहे हैं।बयान में कहा गया, ‘तमिलनाडु के मुख्यमंत्री (एम के स्टालिन) ने हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक ज्ञापन में तीनों कृषि कानूनों को रद्द किए जाने का मुद्दा उठाया। महाराष्ट्र भी किसानों पर केंद्रीय कानूनों के बुरे प्रभावों को बेअसर करने के लिए अपने कानून में संशोधन करने की प्रक्रिया में है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री (ममता बनर्जी) भी लगातार कहती रही हैं कि आंदोलनकारी किसानों की मांगें पूरी होनी चाहिए। कुछ अन्य राज्यों में अन्य दलों की सरकारें भी किसानों के आंदोलन के साथ खड़ी हैं।’
hindi_2022_11148
अलीगढ़ में बना विश्व का सबसे बड़ा ताला, राम मंदिर को होगा भेंट
30 किलो की चाभी से खुलने वाले इस ताले को अयोध्या में बन रहे भगवान श्री राम मंदिर को दंपति द्वारा समर्पित किया जाएगा। दो लाख वाले इस ताले पर रामदरबार की आकृति उकेरी गई है।
अलीगढ़: तालों के लिए मशहूर अलीगढ़ के सत्यप्रकाश ने अपनी पत्नी रूक्मणी के साथ मिलकर विश्व का सबसे बड़ा ताला बनाया है। 30 किलो की चाभी से खुलने वाले इस ताले को अयोध्या में बन रहे भगवान श्री राम मंदिर को दंपति द्वारा समर्पित किया जाएगा। दो लाख वाले इस ताले पर रामदरबार की आकृति उकेरी गई है। अलीगढ़ ज्वालापुरी निवासी सत्यप्रकाश ने बताया कि इस ताले को बनाने में करीब 6 माह का समय लगा है। उन्होंने बताया कि इसका वजन चार सौ किलो है। लम्बाई दस फिट की है। चैड़ाई साढ़े चार फिट की है। 30 किलो की चाबी है। इसे बनाने में कुल दो लाख का खर्च आया है। अभी एक लाख रुपए में तैयार किया गया है। मंदिर में देने से पहले सत्यप्रकाश इसमें पीतल का काम करेंगे। इससे पहले इन्होंने 300 किलो का ताला बनाया था जिसकी खूब चर्चा रही है।उन्होंने बताया कि अयोध्या के लिए भेजने से पहले इस ताले में कई बदलाव किए जाएंगे। बॉक्स, लीवर, हुड़का को पीतल से तैयार किया जाएगा। ताले पर स्टील की स्क्रेप सीट लगाई जाएगी जिससे जंग न लगे। इसके लिए उन्हें और धन की अवश्यकता है। वह मदद के लिए लोगों से कह रहे हैं जिससे उनकी इच्छा पूरी हो सके।शर्मा ने बताया कि ताला बनाने की प्रेरणा उनके घर से विरासत में मिली है। करीब 65 वर्षीय सत्यप्रकाश मजदूरी पर ताला तैयार करते हैं। उनका कहना है कि कारोबार क्षेत्र में तो काफी पहचान बना ली है। अब तो इस कारोबार को नई पीढ़ी उड़ान दे। अलीगढ़ की पहचान बनाने के लिए दुनिया का सबसे बड़ा ताला बनाकर तैयार कर दिया है। छह इंच मोटाई का यह ताला लोहे का है। इसके लिए दो चाबी तैयार की गई हैं। चार फीट का ताले का कड़ा है। इस कला को बढ़ावा देने के लिए सरकारी मदद की जरूरत है। अभी जो काम किया है। उसके लिए ब्याज में पैसे लेकर काम किया है। उन्होंने बताया कि यह ताला मंदिर के म्यूजियम रखा जाए।ताला बनाने वाले शर्मा ने कहा कि उनकी चाहत है कि 26 जनवरी को नई दिल्ली की परेड में वह इससे बड़े ताले की झांकी बनाना चाहते हैं। बस उनका यह हुनर दिल्ली में होने वाली परेड में शामिल कर लिया जाए। जिसकी उचांई 15 फिट और चौड़ाई 8 फिट की होगी। मोटाई 20 इंची होगी। इसके लिए उन्होंने केन्द्र व राज्य सरकार को पत्र भी लिखे। इस सिलसिले में वह उपमुख्यमंत्री से भी मिल चुके हैं जवाब का इंतजार कर रहे हैं। उनका कहना है कि इसे गिनीज बुक के रिकॉर्ड में दर्ज करवाना चाहते है।सत्यप्रकाश की पत्नी रुक्मणी शर्मा ने भी इस ताले को बनाने में सहयोग किया है। उन्होंने भी इसकी खूबियों का बखान किया। उनका कहना है कि अयोध्या में भगवान राम का अद्भुत मंदिर बन रहा है। वहां पर यह ताला होगा तो अच्छा रहेगा इसलिए इसे भगवान के दरबार में भेंट किया जाएगा।(इनपुट- एजेंसी)
hindi_2022_11149
Russia Ukraine News: यूक्रेन से लौटे स्टूडेंट्स ने बयां किया दर्द कहा: घर वापसी के लिए लाठियां तक खाईं
हवाईअड्डे पर पहुंचने के बाद एक छात्रा अपनी मां से गले लगकर रो पड़ी। उसने कहा, ‘‘हमें वहां जो असहनीय अनुभव हुआ और जो दर्द हमने सहा है, मैं उसे याद नहीं करना चाहती।’’
रांची: युद्धग्रस्त यूक्रेन से मेडिकल के पांच विद्यार्थी मंगलवार शाम को रांची के बिरसा मुंडा हवाईअड्डे पर पहुंचे। इनमें चार छात्राएं और एक छात्र शामिल हैं। छात्रों ने कहा कि उन्होंने यहां पहुंचने के बाद राहत की सांस ली है और वे उस भयानक अनुभव को याद भी नहीं करना चाहते जो उन्हें पिछले कुछ दिनों में हुआ है।इन छात्रों के नाम अंकित कुमार, तृषा राणा, हाफीजा सम्शी, प्रिया प्रियंका और अमन तेजस्विनी हैं। इन पांच में से दो रांची के तथा एक-एक छात्र बोकारो, रामगढ़ तथा जमशेदपुर के हैं। उन्होंने कहा कि यूक्रेन में हालात बहुत गंभीर हैं और वे वहां बार-बार हो रही बमबारी तथा गोलियां चलने का अनुभव बयां नहीं कर सकते। अपनी परेशानी बताते हुए मेडिकल के दूसरे साल के एक छात्र ने कहा, ‘‘यूक्रेन में सब जगह तनाव और डर है। किसी से कोई मदद न मिलने के बाद मैं एक एजेंट की मदद से यूक्रेन के साथ लगती रोमानिया सीमा पर पहुंचा। हमें पुलिसकर्मियों की लाठियां भी खानी पड़ीं। हालांकि, हमें वहां भारतीय दूतावास से मदद मिली और किसी तरह भारत पहुंच गए।’’ हवाईअड्डे पर पहुंचने के बाद एक छात्रा अपनी मां से गले लगकर रो पड़ी। उसने कहा, ‘‘हमें वहां जो असहनीय अनुभव हुआ और जो दर्द हमने सहा है, मैं उसे याद नहीं करना चाहती।’’
hindi_2022_11150
Pfizer ने भारत में कोरोना वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल के आवेदन को वापस लिया
फाइजर ने शुक्रवार को कहा कि उसने भारत में अपने COVID-19 वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण (EUA) के लिए अपना आवेदन वापस लेने का फैसला किया है।
नई दिल्ली: फाइजर ने भारत में अपने कोविड-19 वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी के लिए दिया अपना आवेदन वापस लेने का फैसला किया है। आपको बता दें कि Pfizer देश में अपने कोविड-19 वैक्सीन के लिए ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण की मांग करने वाली पहली दवा फर्म थी, जिसने यूके और बहरीन में इस तरह की मंजूरी प्राप्त की थी।कंपनी के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा "अपने कोविड-19 वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग के प्राधिकरण के अनुसरण में, फाइजर ने 3 फरवरी को ड्रग नियामक प्राधिकरण की विषय विशेषज्ञ समिति की बैठक में भाग लिया। बैठक में विचार-विमर्श और नियामक को अतिरिक्त जानकारी के बारे में हमारी समझ के आधार पर, कंपनी को इस समय अपने आवेदन को वापस लेने का फैसला करना चाहिए।''बयान में कहा गया है कि फाइजर प्राधिकरण के साथ जुड़ना जारी रखेगा और अतिरिक्त सूचना के साथ इसके अनुमोदन अनुरोध को फिर से जारी करेगा।
hindi_2022_11151
IAS टीना डाबी और उनके होने वाले पति ने शादी से पहले अपने फॉलोअर्स को दिया बड़ा झटका, उठाया ये कदम
अगर इन दोनों अधिकारियों के सोशल मीडिया फॉलोअर्स की बात करें तो टीना डाबी के इंस्टाग्राम पर 1.5 मिलियन फॉलोअर्स थे और फेसबुक पर भी उन्हें लाखों लोग फॉलो करते थे। वहीं IAS प्रदीप गवांडे के भी इंस्टाग्राम पर 40 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स थे।
नई दिल्ली: IAS अधिकारी टीना डाबी और उनके होने वाले पति प्रदीप गवांडे की शादी का इंतजार उनके लाखों फॉलोअर्स कर रहे थे, इस बीच इन दोनों चर्चित अधिकारियों ने कुछ ऐसा किया, जिससे उनके फॉलोअर्स काफी निराश हैं। दरअसल इन दोनों ही अधिकारियों ने सोशल मीडिया से दूरी बना ली है।आईएएस टीना डाबी ने अपना इंस्टाग्राम और फेसबुक अकाउंट डिएक्टिवेट कर दिया है। वह ट्विटर पर पहले ही मौजूद नहीं हैं। वहीं प्रदीप गवांडे ने इंस्टाग्राम से खुद को दूर कर लिया है। अगर इन दोनों अधिकारियों के सोशल मीडिया फॉलोअर्स की बात करें तो टीना डाबी के इंस्टाग्राम पर 1.5 मिलियन फॉलोअर्स थे और फेसबुक पर भी उन्हें लाखों लोग फॉलो करते थे। वहीं IAS प्रदीप गवांडे के भी इंस्टाग्राम पर 40 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स थे। इन दोनों अधिकारियों ने ऐसा क्यों किया, इस बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। हालांकि उनके फॉलोअर्स इस बात से काफी निराश दिख रहे हैं। गौरतलब है कि बीते कुछ समय पहले टीना डाबी ने ही सोशल मीडिया पर फोटो पोस्ट करके अपनी सगाई की जानकारी दी थी। उनकी और प्रदीप की फोटो को सोशल मीडिया पर काफी पसंद भी किया गया था।
hindi_2022_11152
नोएडा में Coronavirus का कहर! 24 घंटे में 103 नए मामले, 18 बच्चे पॉजिटिव
गौतमबुद्ध नगर में कोरोना वायरस संक्रमण के सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 467 पर पहुंच गई है। जिले में अब तक 99,257 लोग कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में चुके हैं, जिनमें से 98,300 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।
नोएडा: उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले में बीते 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण के 103 नए मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से बुधवार को जारी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार, बीते 24 घंटे में जिन 103 मरीजों में संक्रमण की पुष्टि हुई है, उसमें 18 बच्चे भी शामिल हैं। वहीं, इस अवधि में 47 मरीज संक्रमण मुक्त हो गए। रिपोर्ट के मुताबिक, गौतमबुद्ध नगर में कोरोना वायरस संक्रमण के सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 467 पर पहुंच गई है।जिले में अब तक 99,257 लोग कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में चुके हैं, जिनमें से 98,300 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। गौतमबुद्ध नगर में कोविड-19 संक्रमण से अब तक कुल 490 लोगों की मौत हो चुकी है।वहीं, आपको बता दें कि दिल्ली में भी कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) ने मास्क पहनना अनिवार्य किया है। उल्लंघन करने वालों पर 500 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। आपको बता दें कि इसी महीने की शुरुआत में डीडीएमए ने सार्वजनिक जगहों पर से मास्क की अनिवार्यता खत्म कर दी थी।दरअसल, राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 के मामलों में तेजी को देखते हुए डीडीएमए ने कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के उपायों पर विचार करने के लिए आज एक अहम बैठक की। इस दौरान दिल्ली में सार्वजनिक जगह पर मास्क को अनिवार्य करने का फैसला किया गया। इस आदेश के बाद अब मास्क नहीं पहनने पर 500 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।(इनपुट- भाषा)
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LIVE: कोरोना वायरस से जंग, स्वामी रामदेव के संग
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तबलीगी जमात पर राज्यसभा में सरकार का जवाब
गृह मंत्रालय ने लिखित जवाब में कहा कि बिना मास्क, सैनिटाइजर और सामाजिक दूरी का पालन किए भीड़ लंबी अवधि के लिए बंद परिसर में इकट्ठा हुई, जिसके कारण कई लोगों में कोरोना वायरस का संक्रमण फैल गया।
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने तबलीगी जमात के मामले पर राज्यसभा में जवाब दिया। गृह मंत्रालय ने लिखित जवाब में कहा कि बिना मास्क, सैनिटाइजर और सामाजिक दूरी का पालन किए भीड़ लंबी अवधि के लिए बंद परिसर में इकट्ठा हुई, जिसके कारण कई लोगों में कोरोना वायरस का संक्रमण फैल गया। जवाब में कहा गया कि दिल्ली पुलिस ने जमात के 233 लोगों को गिरफ्तार किया है और फिलहाल मौलाना साद के बारे में जांच जारी है।बता दें कि मार्च महीने के आखिरी दिनों में निजामुद्दीन मरकज में हजारों तबलीगी जमात के लोग इकट्ठा हुए थे, जिसके बाद इन सदस्यों को वहां से निकाला गया था। उस दौरान तबलीगी जमात के लोग यहां से निकलकर देश के कई हिस्सों में भी गए थे। आरोप लगा था कि दुनिया भर से हजारों की संख्या में निजामुद्दीन मरकज में आए जमातियों ने यहां से निकल कर देशभर में कोरोना वायरस फैलाया। मौलाना साद तबलीगी जमात का नेता है।मुस्लिम स्कॉलर और रिसर्चर अतीक उर रहमान के अनुसार, तबलीग समाज की स्थापना आजादी के आंदोलन के दौरान हुई थी। करीबन 150 मिलियन से ज्यादा इनके फॉलोवर दुनियाभर में हैं। ये सुन्नी समाज के मुस्लिमों में मुस्लिम धर्म के प्रचार का काम करते हैं लेकिन इनके कोई रजिस्टर परमानेंट मेंबर्स नहीं होते हैं। ये शहर-शहर जाकर मरकज मस्जिदों में लोकल लोगों को बुलाकर धर्म का प्रचार करते हैं।यह जमात इस्लाम के बेसिक को फॉलो करती है और उसका प्रचार करती है। ये ऐशो आराम की जीवन शैली और विज्ञानवादी सोच नहीं रखते, जिसके कारण मुस्लिम स्कॉलर और पढ़े-लिखे विद्वान इनके विचारों से सहमत नहीं होते हैं। साउथ ईस्ट एशिया में इनके ज्यादा सेंटर और फॉलोवर्स हैं। मौलाना साद का इस तबलीगी जमात से गहरा नाता है। मौलाना साद के परदादा मौलाना इलियास कांधलवी ने ही 1927 में तबलीगी जमात का गठन किया था।
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'हिंदू धर्म के खिलाफ बोलने के लिए कांग्रेस नेताओं को गांधी परिवार से मिलती है ऊर्जा', संबित पात्रा ने गिनाए पुराने बयान
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने शुक्रवार को एक प्रेस वार्ता में कहा कि हिंदू धर्म के खिलाफ बयान देने के लिए कांग्रेस नेताओं को जो ऊर्जा मिलती है वह राहुल गांधी तथा गांधी परिवार से आती है।
नई दिल्ली। हिदुत्व और हिंदूइज्म को लेकर राहुल गांधी के बयान और उससे पहले सलमान खुर्शीद की किताब तथा राशिद अल्वी के बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी पूरी तरह से कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी के ऊपर हमलावर हो गई है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने शुक्रवार को एक प्रेस वार्ता में कहा कि हिंदू धर्म के खिलाफ बयान देने के लिए कांग्रेस नेताओं को जो ऊर्जा मिलती है वह राहुल गांधी तथा गांधी परिवार से आती है। संबित पात्रा ने हिंदू धर्म को लेकर दिए कांग्रेस नेताओं के सभी पुराने बयानों का जिक्र किया और साथ में उस शपथपत्र का भी जिक्र किया जिसमें भगवान राम को UPA की सरकार के समय काल्पनिक बताया गया था। संबित पात्रा ने कहा कि सलमान खुर्शीद हिंदुत्व को बोको हराम या आईएसआईएस से तुलना करते हैं, शशि थरूर हिंदू तालिबान कहते हैं... ये इनके निजी वक्तव्य नहीं होते हैं। दरअसल, ये संयोग नहीं बल्कि प्रयोग है और जो प्रयोगशाला के मुख्य अध्यापक गांधी परिवार के राहुल गांधी हैं। राहुल गांधी के कहने के बाद सलमान खुर्शीद शशि थरूर ने हिंदू धर्म के विरोध में अनर्गल वक्तव्य देते हैं। हिंदूज्म के प्रति कांग्रेस नेताओं में नफरत के लिए ऊर्जा राहुल गांधी और गांधी परिवार से मिलती है। पहली बार नहीं है जो राहुल गांधी हिंदू धर्म के विरोध में कह रहे हैं। 17 दिसंबर 2010 में सामने आया था कि राहुल गांधी ने कहा था कि भारत में आतंकवादियों से बड़ा खतरा देश के हिंदुओं से है। जब हमारी सरकार नहीं थी उस समय यह पूरा विषय सामने आया था। हिंदु पाकिस्तान और हिंदू तालिबान शशि थरूर का वक्तव्य था, पी चिदंबरम ने 25 अगस्त 2010 को पहली बार भगवा आतंकवाद शब्द का प्रयोग किया था, यह अनायास ही नहीं किया था। यह बहुत ही सोचा समझा षडयंत्रकारी जाल बिछाया गया था गांधी परिवार के द्वारा। इंकलाब नाम के अखबार ने राहुल गांधी का वक्तव्य छापा था जिसमें राहुल गांधी कहते हैं कि कांग्रेस हिंदुओं की पार्टी है। जर्मनी में राहुल गांधी ने भारत की सभ्यता के खिलाफ वक्तव्य दिया था, उन्होंने कहा था कि भारत में महिलाओं के खिलाफ जो अत्याचार होते हैं उसकी वजह भारतीय संस्कृति है। एक ऐसा वक्त था जब राहुल गांधी ने कहा था कि मंदिर जाने वाले लड़कियां छेड़ते हैं, कहा था कि हिंदू धर्म में मंदिर जाने वाले लोग लफंगे होते हैं। यह वही राजनीतिक दल है जिसने 2019 के चुनाव से पहले भगवान श्रीराम के मंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई न हो इसके लिए भरसक प्रयास किया गया था, उनकी पार्टी के नेता की तरफ से अदालत में कहा गया था कि मंदिर को लेकर सुनवाई को टाल दिया जाए, 2019 के चुनाव के बाद सुनवाई की मांग की गई थी। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि भगवान राम के अस्तित्व को लेकर सोनिया गांधी की पार्टी ने शपथपत्र दिया था जिसमें भगवान राम को काल्पनिक बताया गया था, यह भी हम जानते हैं। राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने उपनिषद पढ़े हैं, आप छांदोग्य उपनिषद का उच्चारण करके बता दीजिएगा, आपने हिंदुस्तान का संविधान ही पढ़ लिया हो यही बहुत होगा। आपने न ही भारत का संविधान पढ़ा है, उपनिषद तो बहुत दूर की बात है, आप केवल उपनिषद के नामों का उच्चारण कर लीजिए यही हमारे लिए बहुत होगा। राहुल जी ने देश की 130 करोड़ जनता के मन को ठेस पहुंचाई है हिंदू धर्म के विरोध में कहकर, उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म के लोग दूसरों को मारते हैं काटते हैं। पात्रा ने अटल जी की कविता का जिक्र करते हुए कहा कि- होकर स्वतंत्र मैने कब चाहा है कर लूं सबको गुलाम, मैने तो सदा सिखाया है करना अपने मन को गुलाम, गोपाल राम के नामों पर कब मैने अत्याचार किया कब दुनिया को हिंदू करने घर घर नरसंहार किया, कोई बताए काबुल में जाकर कितनी मस्जिदें तोड़ी, भू भाग नहीं शत शत मानव के हृदय के जीतने का मेरा निश्चय हिंदू तन मन हिंदू जीवन रग रग हिंदू मेरा परिचय। रोज रोज जो आप सावरकर जी के खिलाफ जहर फैला रहे हैं, गांधी ने सावरकर के लिए अच्छा कहा और सारवरकर ने गांधी के लिए अच्छा कहा, महाराष्ट्र में आपकी सरकार है और सावरकर जैसे हिंदुस्तान के गौरव पर एक मराठी मानुष पर रोज हमला करते हैं, मुझे आश्चर्य है कि कुछ राजनीतिक दल महाराष्ट्र में आपकी बातों को सहते कैसे हैं। कांग्रेस के डिजिटल कैंपेन के उद्घाटन कार्यक्रम में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि हिन्दुस्तान में दो विचारधाराएं हैं, एक कांग्रेस पार्टी की और एक RSS की। आज के हिन्दुस्तान में बीजेपी और RSS ने नफरत फैला दी है और कांग्रेस की​ विचारधारा जोड़ने, भाईचारे और प्यार की है। 2014 से पहले विचारधारा की ​लड़ाई केंद्रित नहीं थी लेकिन आज के हिन्दुस्तान में विचारधारा की लड़ाई सबसे महत्वपूर्ण हो गई है। हमें जिस गहराई से अपनी विचारधारा को समझना व फैलाना चाहिए वो हमने छोड़ दिया, अब समय आ गया है कि हमें अपनी विचारधारा को अपने संगठन में गहरा करना है। बीजेपी हिन्दुत्व की बात करती है। हम कहते हैं कि हिन्दू धर्म और हिन्दुत्व में फर्क है क्योंकि अगर फर्क नहीं होता तो नाम एक ही होता।
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भीमा कोरेगांव मामला: वरवरा राव को हाईकोर्ट से राहत, नानावटी हॉस्पिटल में भर्ती कराने के आदेश
भीमा कोरेगांव मामले में जेल में बंद आरोपी वरवरा राव को बॉम्बे हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट ने वरवारा राव को राज्य सरकार के खर्चे पर नानावती अस्पताल में 15 दिनों के उपचार के लिए भर्ती होने की अनुमति दे दी है।
भीमा कोरेगांव मामले में जेल में बंद आरोपी वरवरा राव को बॉम्बे हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट ने वरवारा राव को राज्य सरकार के खर्चे पर नानावती अस्पताल में 15 दिनों के उपचार के लिए भर्ती होने की अनुमति दे दी है। हाईकोर्ट ने निर्देश दिए कि अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान उनका परिवार अस्पताल के मानदंडों के अनुसार वहां जा सकता है। गौरतलब है कि बॉम्बे हाईकोर्ट से वरवारा राव की पत्नी द्वारा दायर याचिका पर जल्द विचार करने का आग्रह किया था। उनकी याचिका पर 17 सितंबर से सुनवाई नहीं हुई थी।कल ही महाराष्ट्र सरकार ने बंबई हाईकोर्ट में जमा की गई एक मेडिकल रिपोर्ट में कहा था कि एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में आरोपी राव पूरी तरह होश में हैं और उन्हें चीजों का बोध है। हालांकि, राव की वकील इंदिरा जयसिंह ने दलील दी कि रिपोर्ट में राव की तंत्रिका तंत्र संबंधी हालत और तलोजा जेल में रहने के दौरान उनकी मूत्र नलिका में संक्रमण होने की शिकायत पर कोई प्रकाश नहीं डाला गया है। इस पर हाईकोर्ट ने सरकार को पूरी रिपोर्ट दाखिल करने को कहा जिसमें वीडियो कॉन्फ्रेंस से की गयी मेडिकल जांच और अन्य चीजों का ब्योरा हो।राव इस समय विचाराधीन कैदी के तौर पर नवी मुंबई की तलोजा जेल में बंद हैं। राव ने जमानत अर्जी दाखिल की थी और रिट याचिका दाखिल कर अनुरोध किया था कि उन्हें बिगड़ती तंत्रिका संबंधी और शारीरिक स्वास्थ्य संबंधी स्थिति को देखते हुए तत्काल मुंबई के नानावती अस्पताल में भर्ती कराया जाए।
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एक-दूसरे से 'रेस' लगाती रेलगाड़ियां? देश के इस रेलवे स्टेशन पर दिखा ये नजारा
तमिलनाडु के कोयम्बटूर जिले में बुलवुवनपट्टी पर्वतमाला में एक शानदार नजारा देखने को मिला जब मेल और मेन लाइन इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट (एमईएमयू) ट्रेनें एक साथ पटरी पर दौड़ती दिखी।
तमिलनाडु के कोयम्बटूर जिले में बुलवुवनपट्टी पर्वतमाला में एक शानदार नजारा देखने को मिला जब मेल और मेन लाइन इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट (एमईएमयू) ट्रेनें एक साथ पटरी पर दौड़ती दिखी। भारतीय रेल ने इसकी एक फोटो साझा की है। रेलवे ने शुक्रवार को कहा कि उसने 44 सेमी-हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेनों के निर्माण की निविदा रद्द कर दी है जो पिछले साल आमंत्रित की गई थी। पिछले महीने जब निविदा खोली गई तो 16 डिब्बे वाली इन 44 ट्रेनों के इलेक्ट्रिकल उपकरणों एवं अन्य सामान की आपूर्ति के लिए छह दावेदारों में से एक चीनी संयुक्त उद्यम (सीआरआरसी-पायनियर इलेक्ट्रिक (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड) एकमात्र विदेशी के रूप में उभरकर सामने आया। वर्ष 2015 में चीनी कंपनी सीआरआरसी योंगजी इलेक्ट्रिक कंपनी लिमिटेड और गुरुग्राम की पायनियर इलेक्ट्रिक (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड के बीच यह संयुक्त उद्यम बना था। रेल मंत्रालय ने एक ट्वीट में कहा, '' 44 सेमी-हाई स्पीड ट्रेनों (वंदे भारत) के निर्माण की निविदा रद्द कर दी गई है। संशोधित सार्वजनिक खरीद (''मेक इन इंडिया'' को वरीयता) आदेश के अंतर्गत एक सप्ताह के भीतर ताजा निविदा आमंत्रित की जाएगी।'' हालांकि, रेलवे ने निविदा रद्द करने के पीछे किसी खास कारण का उल्लेख नहीं किया। सूत्रों ने कहा कि रेलवे यह सुनिश्चित करना चाहता है कि एक पूर्ण घरेलू इकाई निविदा हासिल करे और जैसे ही यह महसूस किया गया कि चीनी संयुक्त उद्यम दौड में सबसे आगे है तो इसे निरस्त कर दिया गया। चेन्नई की रेलवे कोच फैक्ट्री ने 10 जुलाई को 44 सेमी-हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेनों के निर्माण के लिए निविदा आमंत्रित की थी। इससे पहले, लद्दाख में चीन-भारत के बीच सीमा पर जारी गतिरोध के बीच भी रेलवे ने कोविड-19 निगरानी के लिए थर्मल कैमरा की आपूर्ति के लिए उस समय निविदा रद्द कर दी थी जब एक भारतीय कंपनी ने निविदा विनिर्देशों को चीनी कंपनी के पक्ष में होने का आरोप लगाया था। सूत्रों ने कहा कि कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने भी रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर इस निविदा को समाप्त करने का आग्रह किया था।
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भारत-रूस ने 28 समझौतों पर किए हस्ताक्षर, आतंकवाद से निपटने में सहयोग बढ़ाने का लिया निर्णय
रूस के राष्ट्रपति पुतिन के भारत दौरे पर बोलते हुए विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच कई क्षेत्रों में संधि समेत 28 समझौते किए गए। यह पूछे जाने पर कि क्या भारत ने पूर्वी लद्दाख गतिरोध का मुद्दा उठाया या नहीं? इस पर विदेश सचिव ने कहा कि भारत की सुरक्षा संबंधी सभी चिंताओं पर चर्चा हुई।
नयी दिल्ली: नई दिल्ली में 21वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान सोमवार को भारत और रूस ने आपसी साझेदारी और अधिक विस्तारित करने के लिए 28 समझौतों पर हस्ताक्षर किए। साथ ही, आतंकवाद से खतरा एवं अफगानिस्तान में उभरती स्थिति जैसी बड़ी चुनौतियों से निपटने में सहयोग व समन्वय बढ़ाने का संकल्प लिया। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच शिखर वार्ता को ''काफी फलदायी'' करार दिया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि आज 21वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने क्षेत्रीय और वैश्विक विकास पर चर्चा की, जिसमें महामारी के बाद वैश्विक आर्थिक सुधार और अफगानिस्तान की स्थिति शामिल है। रूस के राष्ट्रपति पुतिन के भारत दौरे पर बोलते हुए विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि इस यात्रा के दौरान 28 समझौते या समझौता ज्ञापन संपन्न हुए। समझौतों में व्यापार, ऊर्जा, संस्कृति, बौद्धिक संपदा, जनशक्ति, बैंकिंग में साइबर हमला, अकाउंटेंसी आदि क्षेत्र शामिल हैं।विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच कई क्षेत्रों में संधि समेत 28 समझौते किए गए। यह पूछे जाने पर कि क्या भारत ने पूर्वी लद्दाख गतिरोध का मुद्दा उठाया या नहीं? इस पर विदेश सचिव ने कहा कि भारत की सुरक्षा संबंधी सभी चिंताओं पर चर्चा हुई। श्रृंगला ने प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि मोदी और पुतिन ने अफगानिस्तान पर भारत और रूस के बीच करीबी सहयोग व विचार-विमर्श जारी रखने का निर्णय लिया। विदेश सचिव ने कहा, ''दोनों पक्ष इस बात को लेकर स्पष्ट रहे कि अफगानिस्तान की जमीन का उपयोग किसी भी तरह के आतंकी कृत्यों की साजिश, प्रशिक्षण और आश्रय के लिए नहीं किया जाना चाहिए।'' विदेश सचिव ने कहा कि वार्ता के दौरान ऊर्जा के क्षेत्र में रणनीतिक सहयोग के बारे में भी विस्तार से चर्चा हुई। उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद से निपटने पर भी जोर दिया गया और दोनों पक्षों ने इसे साझा हितों वाला क्षेत्र करार दिया। श्रृंगला ने कहा कि दोनों पक्षों ने सीमा-पार आतंकवाद से लड़ने की आवश्यकता पर भी बल दिया। भारत और रूस ने अगले 10 वर्षों के लिए रक्षा क्षेत्र में सहयोग के एक कार्यक्रम पर भी हस्ताक्षर किए है। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि हम रूस के साथ अपनी बौद्ध से सबंधित मुद्दों पर संबंध गहन करने पर विचार कर रहे हैं। रूस में 15 मिलियन बौद्ध हैं। यह समुदाय तीर्थयात्रा और अन्य कारणों से भारत आने का इच्छुक है। इसलिए दोनों देशों बीच सांस्कृतिक सहयोग महत्वपूर्ण है। दोनों नेताओं की शिखर वार्ता से पहले दिन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उनके रूसी समकक्ष सर्गेई शोयगु के बीच वार्ता हुई थी। इससे अलग, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ वार्ता की। इसके बाद दोनों देशों के रक्षा और विदेश मंत्रियों ने ‘टू प्लस टू’ वार्ता की।
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‘कांग्रेस की समस्याओं’ पर प्रशांत किशोर ने दिया बड़ा बयान, भड़के बघेल ने किया पलटवार
बघेल ने ट्वीट किया, कांग्रेस के उन पदाधिकारियों को अपने पाले में मिलाने के आधार पर राष्ट्रीय विकल्प बनने की उम्मीद कर रहे लोग को घोर निराशा होने वाली है।
नई दिल्ली: जानेमाने चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने शुक्रवार को कहा कि लखीमपुर खीरी मामले से कांग्रेस की अगुवाई में विपक्ष के उठ खड़े होने की उम्मीद लगा रहे लोगों को निराशा हो सकती है क्योंकि देश की सबसे पुरानी पार्टी से जुड़ी समस्याओं का कोई त्वरित समाधान नहीं हैं। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसको लेकर किशोर पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस के चुनाव नहीं जीत पाने वाले नेताओं को अपने पाले में मिलाकर ‘राष्ट्रीय विकल्प’ बनने की उम्मीद कर रहे लोगों को बहुत निराशा होगी क्योंकि राष्ट्रीय स्तर पर विकल्प के मुद्दे का कोई त्वरित समाधान नहीं हो सकता।‘राजनीति में जनता जिसे चाहेगी, वह आगे बढ़ेगा’कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रशांत किशोर की टिप्पणी को ज्यादा तवज्जो नहीं देने का प्रयास करते हुए कहा कि राजनीति में जनता जिसे चाहेगी, वह आगे बढ़ेगा तथा इस समय राहुल गांधी और प्रियंका गांधी जनता की लड़ाई लड़ रहे हैं। प्रशांत किशोर ने यह टिप्पणी उस वक्त की है जब कुछ हफ्ते पहले तक उनके कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही थीं। उनकी इस टिप्पणी से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि उनके फिलहाल कांग्रेस में शामिल होने की संभावना धूमिल हो गई हैं।बघेल ने प्रशांत के बयान पर किया पलटवारकिशोर ने ट्वीट किया, ‘लखीमपुर खीरी की घटना के आधार पर देश की सबसे पुरानी पार्टी की अगुवाई में विपक्ष के त्वरित और स्वाभाविक रूप से उठ खड़े होने की उम्मीद लगा रहे लोग निराश हो सकते हैं। दुर्भाग्यवश सबसे पुरानी पार्टी में लंबे समय से घर कर चुकी समस्याओं और ढांचागत कमजोरियों का कोई त्वरित समाधान नहीं है।’ उनके बयान पर पलटवार करते हुए बघेल ने ट्वीट किया, ‘कांग्रेस के उन पदाधिकारियों को अपने पाले में मिलाने के आधार पर राष्ट्रीय विकल्प बनने की उम्मीद कर रहे लोग को घोर निराशा होने वाली है जो अपनी सीट भी नहीं जीत सकते। दुर्भाग्य से राष्ट्रीय विकल्प बनने के लिए गहरे और सतत प्रयासों की जरूरत है तथा इसका कोई त्वरित समाधान नहीं है।’‘राजनीति में सबको आगे बढ़ने का अधिकार है’सुरजेवाला ने कहा, ‘मैं किसी कंसल्टेंट की टिप्पणी पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दूंगा। राजनीति में सबको आगे बढ़ने का अधिकार है। जनता जिसे चाहेगी, वही आगे बढ़ेगा। जमीन पर जनता की लड़ाई राहुल गांधी और प्रियंका गांधी लड़ रहे हैं।’ लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में प्रदर्शनकारी किसानों की मौत के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को मौके पर जाते समय हिरासत में लिया गया था और वह दो दिनों तक पुलिस की हिरासत में थीं। इसके बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की थी।हिंसा में 4 किसानों समेत 8 लोगों की हुई थी मौतगौरतलब है कि लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया क्षेत्र में गत रविवार को उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे के विरोध को लेकर भड़की हिंसा में 4 किसानों समेत 8 लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष समेत कई लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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पेट्रोल-डीजल के दाम: केंद्रीय मंत्री का अजीबो-गरीब बयान, बोले- कहां से आएगा फ्री वैक्सीन का पैसा
दिल्ली में मंगलवार को पेट्रोल प्रति लीटर 104.44 रुपये और डीजल 93.17 रुपये प्रति लीटर पर स्थिर रहा। अन्य शहरों की बात करें तो मुंबई में पेट्रोल 110.38 रुपये और डीजल 101.00 रुपये, चेन्नै में पेट्रोल 101.76 रुपये और डीजल 97.56 रुपये, कोलकाता में पेट्रोल 105.05 रुपये और डीजल 96.24 रुपये महंगा हो गया है।
गुवाहाटी. पेट्रोल-डीजल की बढ़ी हुई कीमतों ने आम आदमी की कमर तोड़ी हुई है। देश के ज्यादात्तर राज्यों में पेट्रोल की कीमतें 100 रुपये प्रति लीटर का आंकड़ा पार कर चुकी हैं। पेट्रोल-डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों ने हर सामान के दाम बढ़ा दिया हैं। ऐसे हालातों के बीच केंद्रीय गृह राज्य मंत्री (पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस) ने तेल के बढ़ते दाम पर अजीबो-गरीब बयान दिया है। असम में मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, "ईंधन की कीमतें अधिक नहीं हैं, लेकिन इसमें लगाया गया कर शामिल है। फ्री वैक्सीन तो आपने ली होगी, पैसा कहां से आएगा? आपने पैसे का भुगतान नहीं किया है, इस तरह पैसा इकट्ठा किया जाता है।"देश में आज क्या हैं पेट्रोल-डीजल के दाम
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सचिन तेंदुलकर को किसानों के बारे में बोलने के दौरान सावधानी बरतनी चाहिए- शरद पवार
शरद पवार ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार किसानों को खालिस्तानी और आतंकवादी कहकर आंदोलन को बदनाम कर रही है। पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा, "ये प्रदर्शनकारी किसान हैं जोकि हमारे देश का पेट भरते हैं। इसलिए, इन्हें खालिस्तानी या आतंकवादी कहना उचित नहीं है।"
पुणे. NCP अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) ने शनिवार को कहा कि मशहूर क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर (Cricketer Sachin Tendulkar) को किसानों के बारे में बोलने के दौरान काफी सावधानी बरती चाहिए। अमेरिकी गायिका रिहाना (American Singer Rihana) और पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग (Environment Acitivist Greta Thunberg) सहित कुछ विदेशी शख्सियतों के प्रदर्शनकारी किसानों के समर्थन में ट्वीट के बाद तेंदुलकर और प्रख्यात गायिका लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) सहित विभिन्न हस्तियों ने सोशल मीडिया पर ‘‘इंडिया टुगैदर’’ और ‘‘इंडिया अगेन्स्ड प्रोपेगैंडा’’ हैश टैग से सरकार के रुख के समर्थन में ट्वीट किए थे।पढ़ें- राकेश टिकैत क्यों बोले- अपने ट्रैक्टर पर 'ट्रैक्टर क्रांति 2021, 26 जनवरी' लिखिएपढ़ें- चीन के साथ हुईं वार्ताओं का जमीन पर कोई प्रभाव नहीं दिखा: जयशंकरपुणे. NCP अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) ने शनिवार को कहा कि मशहूर क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर (Cricketer Sachin Tendulkar) को किसानों के बारे में बोलने के दौरान काफी सावधानी बरती चाहिए। अमेरिकी गायिका रिहाना (American Singer Rihana) और पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग (Environment Acitivist Greta Thunberg) सहित कुछ विदेशी शख्सियतों के प्रदर्शनकारी किसानों के समर्थन में ट्वीट के बाद तेंदुलकर और प्रख्यात गायिका लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) सहित विभिन्न हस्तियों ने सोशल मीडिया पर ‘‘इंडिया टुगैदर’’ और ‘‘इंडिया अगेन्स्ड प्रोपेगैंडा’’ हैश टैग से सरकार के रुख के समर्थन में ट्वीट किए थे।पढ़ें- राकेश टिकैत क्यों बोले- अपने ट्रैक्टर पर 'ट्रैक्टर क्रांति 2021, 26 जनवरी' लिखिएसचिन तेंदुलकर और लता मंगेशकर जैसी हस्तियों की ओर से किसान आंदोलन के संबंध में प्रतिक्रिया दिए जाने के सवाल पर पवार ने कहा कि लोगों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा, "मैं सचिन तेंदुलकर को सुझाव दूंगा कि उन्हें अन्य क्षेत्रों से जुड़े मुद्दों पर बयान देने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए।" शरद पवार ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार किसानों को खालिस्तानी और आतंकवादी कहकर आंदोलन को बदनाम कर रही है। पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा, "ये प्रदर्शनकारी किसान हैं जोकि हमारे देश का पेट भरते हैं। इसलिए, इन्हें खालिस्तानी या आतंकवादी कहना उचित नहीं है।"पढ़ें- Chakka Jam: अगर कोई भी अप्रिय घटना होती है तो दंड दिया जाएगा- राकेश टिकैतपढ़ें- दिलीप कुमार के घर के पाकिस्तानी सरकार ने लगाए 80 लाख, मालिक ने मांग लिए 250000000 रुपयेसरकार को लता, सचिन की प्रतिष्ठा को दाव पर नहीं लगाना चाहिए: राज ठाकरेमहाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने शनिवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार को आंदोलनरत किसानों के समर्थन में ट्वीट करने वाली विदेशी हस्तियों पर पलटवार के लिए चलाए गए अपने अभियान में लता मंगेशकर और सचिन तेंदुलकर को नहीं उतारना चाहिए था। ऐसे में इन हस्तियों को भी सोशल मीडिया पर आलोचना का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि अगर अमेरिकी गायिका रिहाना और अन्य हस्तियों का नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों का समर्थन करना भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने जैसा था, तो डोनाल्ड ट्रंप के समर्थन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नारा भी परेशानी भरा था।पढ़ें- Chakka Jam: पंजाब, हरियाणा, राजस्थान में सड़क पर बैठे प्रदर्शनकारी, बाकी जगह असर नहींपढ़ें- Video: मौत में मुंह में जा सकता था दिव्यांग! 'फरिश्ता' बनकर आया RPF कर्मी, बचा ली जानराज ठाकरे ने संवाददाताओं से कहा, "केंद्र को लता मंगेशकर और सचिन तेंदुलकर को उसके रुख के समर्थन में ट्वीट करने के लिए नहीं कहना चाहिए था और उनकी प्रतिष्ठा को दांव पर नहीं लगाना चाहिए था। अब उन्हें सोशल मीडिया पर ट्रॉलिंग का सामना करना पड़ेगा।"पढ़ें- भारतीय रेलवे ने किया कई स्पेशल ट्रेनों का ऐलान, जानिए रूट, ट्रेन टाइम सहित पूरी जानकारीपढ़ें- IMD: कश्मीर में थोड़ी राहत के बाद फिर से गिरा तापमान, ये है मौसम विभाग का पूर्वानुमानउन्होंने आरोप लगाया कि सरकार को अपने अभियान के लिए अक्षय कुमार जैसे अभिनेताओं का उपयोग ही सीमित रखाना चाहिए। ठाकरे ने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के दौरान मोदी की ह्यूस्टन रैली को हवाला देते हुए कहा, "इस आधार पर, अमेरिका में ‘अगली बार, ट्रंप सरकार’ जैसी रैली करने की कोई आवश्यकता नहीं थी। यह उस देश का आंतरिक मामला था।" उन्होंने यह भी कहा कि किसान जिन कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, उनमें कुछ कमियां हो सकती हैं, जिन्हें दूर किया जाना चाहिए।
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पीएम मोदी ने की 'प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना' के दूसरे चरण की शुरुआत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के महोबा जिले से 'प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना' के दूसरे चरण की शुरुआत की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महोबा जिले में इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के महोबा जिले से 'प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना' के दूसरे चरण की शुरुआत की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महोबा जिले में इस कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने उज्ज्वला योजना-दो के 10 लाभार्थियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए। ऑनलाइन आयोजित इस कार्यक्रम में मोदी ने उज्ज्वला योजना के पहले चरण के पांच लाभार्थियों से बातचीत भी की। एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि 'प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना' के प्रथम चरण में उत्तर प्रदेश के गरीब परिवारों को कुल एक करोड़ 47 लाख 43 हजार 862 एलपीजी कनेक्शन मुफ्त उपलब्ध कराए गए हैं। उज्ज्वला योजना के पहले चरण में छूटे हुए और योजना के दायरे में नहीं आने वाले गरीब परिवारों को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के दूसरे चरण में लाभ मिलेगा। एक सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक उज्ज्वला योजना की शुरुआत वर्ष 2016 में हुई थी। इसके तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों की पांच करोड़ महिलाओं को मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। उन्होंने बताया कि अप्रैल 2018 में इस योजना का दायरा बढ़ाया गया और इसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, प्रधानमंत्री आवास योजना, अंत्योदय अन्न योजना के लाभार्थियों और अति पिछड़ा वर्ग समेत सात श्रेणियों की महिलाओं को भी शामिल किया गया। साथ ही एलपीजी कनेक्शन के लक्ष्य को आठ करोड़ तक बढ़ाया गया जिसे निर्धारित तिथि से सात महीने पहले अगस्त 2019 में हासिल कर लिया गया। वर्ष 2021-22 के केंद्रीय बजट में सरकार ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत एक करोड़ और एलपीजी कनेक्शन बढ़ाने का प्रावधान किया। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना-दो के तहत वितरित किए जाने वाले इन एक करोड़ रसोई गैस कनेक्शन के तहत एक भरा सिलेंडर और चूल्हा मुफ्त में दिया जाएगा। उज्ज्वला योजना दो का लाभ लेने के लिए लाभार्थियों को बहुत कम औपचारिकताएं करनी होंगी और प्रवासी श्रमिक परिवारों को राशन कार्ड या पते का प्रमाण पत्र लगाने की जरूरत नहीं होगी। इसके लिए स्वघोषणा पत्र ही काफी होगा।
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FactCheck: भारत में अस्थमा और नेत्र रोग फैलाने की चीनी साजिश का क्या है सच, जानिए पूरी खबर
चीन भारत में अस्थमा फैलाने और आंखों के रोग फैलाने के लिए खास तरह के पटाखे और सजावटी लाइट्स भेज रहा है।
नई दिल्ली: चीन भारत में अस्थमा फैलाने और आंखों के रोग फैलाने के लिए खास तरह के पटाखे और सजावटी लाइट्स भेज रहा है। इन्टेलिजेंस से मिली जानकारी का हवाला देते हुए यह मैसेज गृह मंत्रालय के अधिकारी के नाम से वायरल हो रहा है। व्हाट्सऐप पर तेजी से वायरल हो रहे इस मैसेज में कहा गया है कि चूंकि पाकिस्तान भारत पर सीधे हमला नहीं कर सकता इसलिए वह चीन की मदद से हमले की नई साजिश रच रहा है। इसके तहत चीन ने अस्थमा फैलानेवाले नए पटाखे बनाए हैं जो वातावरण को विषैले गैस से भर देता है। इस मैसेज में लोगों से सावधान रहने और चीन के पटाखों और सजावटी लाइट्स को नहीं खरीदने की अपील की है।इसके अलावा चीन में ऐसी सजावटी लाइट्स भी बनाई जा रही है जिससे आंखों के रोग फैलते हैं। गृह मंत्रालय के सीनियर अधिकारी के नाम से वायरल इस मैसेज की पड़ताल की गई तो यह दावा फर्जी निकला है। पीआईबी फैक्टचेक की ओर से कहा गया है कि गृह मंत्रालय की ओर से ऐसी कोई सूचना नहीं जारी की गई है और यह दावा फर्जी है। चीन द्वारा भारत में अस्थमा फैलाने और नेत्र रोग उत्पन्न करनेवाले पटाखे और सजावटी लाइट्स नहीं भेजे जा रहे हैं।
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आंध्र प्रदेश में भीषण सड़क हादसाः फुटपाथ से टकराकर गहरी खाई में बस गिरने से 8 की मौत, 45 घायल
हादसे की जानकारी मिलते ही पुलिस और दमकल विभाग की टीम ने घटना स्थल पर पहुंच कर बचाव अभियान रात से ही शुरू कर दिया था।
चित्तूरः आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में कल रात घटित एक भयानक सड़क हादसे में लोगों की 8 मौत हो गई जबकि 45 यात्री घायल हो गए। पुलिस के मुताबिक ये सड़क हादसा तिरुपति से 25 किलोमीटर दूर बकरापेटा में हुआ। बताया जा रहा है कि ये दर्दनाक हादसा बस चालक की लापरवाही के चलते हुए। जिसके कारण बस खाई में जा गिरी। घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि घायलों में चार की हालत गंभीर बनी हुई है। माना जा रहा है कि हादसे में मरने वालों की सख्यां अभी और भी बढ़ सकती है।पुलिस के मुताबिक ये हादसा शनिवार देर रात घटित हुआ। हादसे की जानकारी मिलते ही पुलिस और दमकल विभाग की टीम ने घटना स्थल पर पहुंच कर बचाव अभियान रात से ही शुरू कर दिया था। हांलाकि, रात में अंधेरा होने के कारण बचाव अभियान में कुछ दिक्कतें जरूर आई। जिसके कारण पुलिस की टीम सुबह तक बचाव अभियान में जुटी रही। बताया गया है कि दुर्घटनाग्रस्त बस में बराती सवार थे। जो अनंतपुर जिले के धर्मावरम जिले के चित्तूर के नगरी जा रही थी। जिस समय ये हादसा हुआ उस समय ये बस घाट रोड से होते हुए आदुपुताप्पी घाटी की ओर जा रही थी। तभी बस चालक की लापरवाही के चलते बस फुटपाथ से जा टकराई और बकरापटटे घाट के पास फिसल कर 50 फीट गहरी खाई में जा गिरी। घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस तुरंत बचाव कार्य में जुट गई। घायलों को तुरंत इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसके अलावा पुलिस ने मामला दर्ज कर इसकी जांच शुरू कर दी है।
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आतंकवादी हमलों के बाद कश्मीर में कई भाजपा कार्यकर्ताओं ने दिया इस्तीफा
भाजपा नेता ने कहा कि दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में भाजपा के दो पंचायत सदस्यों और एक सरपंच ने पार्टी से इस्तीफा दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘हंदवाड़ा, कुपवाड़ा और सोपोर से भी एक एक पार्टी कार्यकर्ता ने इस्तीफा दिया है।’’
श्रीनगर. जम्मू कश्मीर में ग्राम स्तर के नेताओं को हाल में आतंकियों द्वारा निशाना बनाए जाने के बाद करीब एक दर्जन भाजपा नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इसके बाद पार्टी ने घाटी के हर जिले में अपने सदस्यों और उनके परिवारों को ‘हॉस्टल की तरह का’ सुरक्षित आवास मुहैया कराने का सुझाव दिया है। बडगाम से भाजपा के ओबीसी मोर्चे के जिलाध्यक्ष अब्दुल हमीद नजर की सोमवार तड़के अस्पताल में मौत के बाद चिंताएं बढ़ गई हैं। नजर को एक दिन पहले ही उनके गांव में गोली मार दी गयी थी।भाजपा के पंचायत सदस्यों और सरपंचों पर हाल के हमलों के बाद पिछले कुछ दिनों में कई पार्टी कार्यकर्ताओं खासकर निचले स्तर के कार्यकर्ताओं के इस्तीफे की बात स्वीकार करते हुए एक भाजपा नेता ने कहा कि इनमें से कुछ मध्य कश्मीर के बडगाम जिले से हैं। इन दिनों सोशल मीडिया पर भाजपा नेताओं के इस्तीफे के ऐलान संबंधी पत्र और वीडियो पोस्ट किये जा रहे हैं।भाजपा नेता ने कहा कि दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में भाजपा के दो पंचायत सदस्यों और एक सरपंच ने पार्टी से इस्तीफा दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘ हंदवाड़ा, कुपवाड़ा और सोपोर से भी एक एक पार्टी कार्यकर्ता ने इस्तीफा दिया है।’’भाजपा के मीडिया प्रभारी मंजूर भट्ट ने कहा कि इन इस्तीफों का कोई असर नहीं होगा। हालांकि उनका कहना था कि पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं पर हमलों को गंभीरता से लिया है और उसने इन जिलों में अपने सदस्यों और उनके परिवारों के लिए सुरक्षित आवास तैयार करने का सुझाव दिया है। भट्ट ने कहा कि भाजपा के जम्मू कश्मीर महासचिव (संगठन) अशोक कौल ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा के सामने यह मामला उठाया और पार्टी की जम्मू कश्मीर इकाई को अब पूरा विश्वास है कि सदस्यों की सुरक्षा के लिए कदम उठाया जाएगा।वैसे कई भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को सुरक्षा या व्यक्तिगत सुरक्षित आवास प्रदान किया गया लेकिन ज्यादातर का कहना है कि उन्हें अपने परिवार की भी देखभाल करनी हैं और वे उनके बगैर नहीं रह सकते। भट्ट ने कहा, ‘‘यह भी, कि वे अन्य जिले में रहकर काम नहीं कर सकते। ऐसे में हमने सुझाव दिया है कि ऐसी हत्याएं रोकने के लिए हर जिले में हॉस्टल की तरह का आवास जैसे मुख्यालय, भाजपा कार्यकर्ताओं और उनके परिवारों के लिए बनाया जाए।’’
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Subhash Chandra Bose Jayanti 2022: अंग्रेजों को धूल चटाने के लिए बना डाली आजाद हिंद फौज, किया रेडियो प्रसारण, जर्मनी से जापान तक किया सफर
देश की आजादी के लिए नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने अथक प्रयास किए। उन्होंने ब्रिटेन के विरोधी देशों को जो विश्वयुद्ध में ब्रिटेन के विरोध में लड़ रहे थे, उन्हें साधने की कोशिश की, ताकि वे अपनी ऐसी फौज बना सकें, जिससे वे अंग्रेजों से लड़ सकें। इसके लिए वे जर्मनी गए और हिटलर से मिले, जापान भी गए। उन्हें यहां से सहयोग भी मिला।
देश की आजादी के लिए नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने अथक प्रयास किए। उन्होंने ब्रिटेन के विरोधी देशों को जो विश्वयुद्ध में ब्रिटेन के विरोध में लड़ रहे थे, उन्हें साधने की कोशिश की, ताकि वे अपनी ऐसी फौज बना सकें, जिससे वे अंग्रेजों से लड़ सकें। इसके लिए वे जर्मनी गए और हिटलर से मिले, जापान भी गए। उन्हें यहां से सहयोग भी मिला।1941 में उन्हें एक घर में नजरबंद करके रखा गया था, जहां से वे भाग निकले। सुभाष चंद्र बोस ने ब्रिटिश सरकार को अपनी योजनाओं से कई बार चकमा दिया था। एक ऐसा ही वाक्या उनके नजरबंद रहने के दौरान सामने आया। जब वह सभी को चकमा देकर काबुल के रास्ते जर्मनी पहुंच गए। वहां उन्होंने हिटलर से मुलाकात की। खास बात यह थी कि बोस ने जर्मनी तक पहुंचने के लिए कोलकाता से गोमो तक कार से यात्रा की, इसके बाद वह पेशावर तक ट्रेन से पहुंचे। फिर वह वहां से काबुल पहुंचे। वहां कुछ दिन रहने के बाद फिर वह भारत की स्वतंत्रता में सहयोग के लिए नाजी जर्मनी और जापान गए। ऐसा कहा जाता है कि बोस ने पूरी दुनिया का भ्रमण किया था।1942 में किया आजाद हिंद फौज का गठन उन्होंने 1942 में जापान के सहयोग से आजाद हिंद फौज का गठन किया था। उनकी आजाद हिंद फौज में ब्रिटिश मलय, सिंगापुर और अन्य दक्षिण पूर्व एशिया के हिस्सों के युद्धबंदी और बागानों में काम करने वाले मजदूर शामिल थे। बाद में इसमें बर्मा और मलाया में स्थित भारतीय स्वयंसेवक भी भर्ती किए गए। आज हिंद फौज की स्थापना करने के बाद सुभाष चंद्र बोस ने युवाओं को अपनी सेना में शामिल करने की योजना बनाई।इसके लिए उन्हें देश के युवाओं से अनुरोध किया कि वह उनकी फौज में शामिल होकर उनका साथ दें। इसी समय उन्होंने तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा का नारा दिया था।बोस चाहते थे कि वह अपनी फौज की मदद से भारत को ब्रिटिश सरकार से आजाद कराएं।आजाद हिंद फौज के गठन के पीछे क्या थी सोच सुभाष बाबू का मानना था कि आजादी हासिल करने के लिए सिर्फ अहिंसात्मक आंदोलन ही पर्याप्त नहीं होंगे। इसलिए उन्होंने सशस्त्र प्रतिरोध की वकालत की। यही कारण रहा कि उन्होंने आजाद हिंद फौज की स्थापना की। 21 अक्टूबर 1943 को आजाद हिन्द फौज का गठन किया गया। 1944 को आजाद हिंद फौज ने अंग्रेजों पर आक्रमण किया और कुछ भारतीय प्रदेशों को अंग्रेजों से मुक्त भी करा लिया। आज़ाद हिंद फौज में करीब 85 हजार सैनिक शामिल थे। इसमे एक महिला यूनिट भी थी जिसकी कप्तान लक्ष्मी स्वामीनाथन थी। 19 मार्च 1944 के दिन पहली बार आजाद हिंद फौज के लोगों ने झंडा फहराया था।बापू से आशीर्वाद लेकर की आजाद हिंद रेडियो की स्थापनानेताजी ने जर्मनी में आजाद हिंद रेडियो स्टेशन की भी स्थापना की। 6 जुलाई 1944 को उन्होंने रंगून रेडियो स्टेशन से महात्मा गांधी के नाम एक प्रसारण जारी करके बापू से आशीर्वाद और शुभकामनाएं मांगी। राष्‍ट्रपिता महात्‍मा गांधी भी उन्‍हें बहुत मानते थे। उन्‍होंने नेताजी को 'देशभक्‍तों के देशभक्‍त' की उपाधि से नवाजा था।
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उत्तर प्रदेश: RSS कार्यकर्ताओं से पुलिसकर्मियों ने की मारपीट? जमकर हुआ हंगामा
सरकारी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, RSS व BJP के कार्यकर्ताओं ने नगर मजिस्ट्रेट एवं एसपी सुरक्षा से की गई शिकायत में आरोप लगाया है कि जब RSS के जिला प्रचारक मनोज कुमार आदि कार्यकर्ता स्नान के लिए घाट पर जा रहे थे, तभी कुछ पुलिसकर्मियों ने उनसे अभद्रता कर दी।
मथुरा. उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद में शनिवार को देवरहा बाबा घाट पर स्नान करने के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व भाजपा के कार्यकर्ताओं की पुलिसकर्मियों से अभद्रता के आरोप को लेकर झड़प हो गई। जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने जांच के बाद कार्रवाई करने का आश्वासन देकर मामला शांत कराया। इस मामले में जानकारी मिलने तक किसी भी पक्ष द्वारा कानूनी तौर पर मामला दर्ज नहीं कराया गया है।पढ़ें- पीएम मोदी को किसने किया साष्टांग प्रणाम? इंडिया टीवी से बातचीत में कही ये बातसरकारी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, RSS व BJP के कार्यकर्ताओं ने नगर मजिस्ट्रेट एवं एसपी सुरक्षा से की गई शिकायत में आरोप लगाया है कि जब RSS के जिला प्रचारक मनोज कुमार आदि कार्यकर्ता स्नान के लिए घाट पर जा रहे थे, तभी कुछ पुलिसकर्मियों ने उनसे अभद्रता कर दी। इसके बाद वृन्दावन में ही उक्त कार्यकर्ताओं द्वारा कई चौराहों पर मौजूद पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट का मामला सामने आया।पढ़ें- पेट्रोल-डीजल को क्यों नहीं GST में किया जा सकता शामिल?, सुशील मोदी ने बताई इसकी ये वजहबताया जा रहा है कि यह जानकारी होने के बाद कथित रूप से कुछ पुलिसकर्मियों ने भाजपा कार्यकर्ताओं पर लाठी बरसा दी, जिससे एक कार्यकर्ता चोटिल हो गया। इस बीच, भाजपा की ओर से जिला पंचायत सदस्य रह चुकी एक महिला कार्यकर्ता के बारे में थाना प्रभारी पर चप्पल उठाने की तस्वीरें वायरल हुईं।पढ़ें- प्रेमिका से मिलने गया था युवक, लड़की के घरवालों ने पकड़कर की पिटाई, पिलाया पेशाब, वीडियो वायरलदूसरी ओर, जिला प्रचारक के साथ मारपीट की सूचना पर RSS और BJP के शीर्ष पदाधिकारी और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में कोतवाली पहुंच गए। उन्होंने वहां धरना-प्रदर्शन किया। नेताओं से वार्ता के बाद जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल व SSP डॉ. गौरव ग्रोवर ने उनको जांच कराकर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। नेता कथित रूप से दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग कर रहे थे। (भाषा)पढ़ेें- दिल्ली से सामने आया रोटियों पर थूकने का एक और वीडियो, पुलिस ने मदीना ढाबे के कर्मचारी को किया गिरफ्तार
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BJP संसदीय दल की बैठक में PM मोदी ने कहा- सांसद कल्याणकारी योजनाओं के बारे में लोगों को बताएं
सूत्रों के मुताबिक, बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने 1 अप्रैल से 14 अप्रैल तक कार्यक्रम का खाका सांसदों को दिया। पीएम मोदी ने कहा, 6 अप्रैल को पार्टी का स्थापना दिवस है, वहीं 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती। ऐसे में सांसद अपने क्षेत्र में जाएं और लोगों को सरकारी योजनाओं के बारे में बताएं।
BJP Parliamentary Party meeting: नई दिल्ली के अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में आज मंगलवाल को बीजेपी संसदीय दल की बैठक आयोजित हुई। बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हिस्सा लिया। बीजेपी संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि सांसद सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के बारे में लोगों को बताएं। सूत्रों के मुताबिक, बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने 1 अप्रैल से 14 अप्रैल तक कार्यक्रम का खाका सांसदों को दिया। पीएम मोदी ने कहा, 6 अप्रैल को पार्टी का स्थापना दिवस है, वहीं 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती। ऐसे में सभी सांसद अपने-अपने क्षेत्र में जाएं और लोगों को सरकारी योजनाओं के बारे में विस्तार से बताएं। पीएम कहा कि हम गरीबों के लिए काम करते हैं, सरकारी कल्याणकारी जो योजनाएं हैं वह नीचे तक जानी चाहिए और यह लोगों को इनके बारे में बताया जाए। पीएम ने कहा कि हमेशा फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन के झंडे लेकर घूमने वाली पूरी जमात बौखला गई है। उन्‍होंने कहा कि जब हमने भारत विभाजन के दिन 14 अगस्त को हॉरर डे के रूप में याद करने का तय किया, तो कई लोगों को बड़ी मुसीबत हो गई, देश कैसे भूल सकता है, कभी- कभी उससे कुछ सीखने को भी मिलता है। क्या भारत विभाजन पर कोई ऑथेंटिक फिल्म बनी?पीएम मोदी ने सांसदों को बताया कि हम सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों का म्यूजियम बना रहे हैं। हम इस तरह की राजनीति नहीं रखते। पीएम मोदी ने कहा कि हम सारे पूर्व प्रधानमंत्रियों के योगदान का सम्मान करते हैं। इस दौरान पीएम ने राशन वितरण योजना का भी जिक्र किया, जिसको केंद्र ने कुछ समय के लिए बढ़ाया गया है।केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि, आज की बैठक में बीजेपी संसदीय दल ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के विस्तार के लिए पीएम मोदी जी का आभार व्यक्त किया। पीएम और बीजेपी अध्यक्ष ने हम सभी को कहा है कि 6 से 14 अप्रैल के बीच में हम सामाजिक न्याय के लिए जगह-जगह बैठकें करे।
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झारखंड: दमवा गांव के पानी में घुला फ्लोराइड बांट रहा मौत, 2 साल में कैंसर से 17 जानें गईं
पेयजल विभाग ने माना है कि गांव के कई घरों में जिन जलस्रोतों का इस्तेमाल पेयजल के रूप में किया जा रहा है, उसका पानी पीने योग्य नहीं है। इसमें हानिकारक तत्व फ्लोराइड खतरनाक मात्रा में मौजूद हैं।
रांची: पलामू के पिपरा प्रखंड अंतर्गत दमवा गांव के पानी में घुला 'जहर' ग्रामीणों के बीच धीमी मौत बांट रहा है। हालात कितने संगीन हैं, इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि बीते दो साल के भीतर बमुश्किल पांच-छह सौ की आबादी वाले इस गांव में 17 लोगों की मौत कैंसर से हो चुकी है। अब भी आधा दर्जन से ज्यादा लोग गंभीर रूप से बीमार हैं। इनमें तीन के कैंसर से ग्रस्त होने की पुष्टि हो चुकी है। पेयजल विभाग ने भी माना है कि गांव के कई घरों में जिन जलस्रोतों का इस्तेमाल पेयजल के रूप में किया जा रहा है, उसका पानी पीने योग्य नहीं है। इसमें हानिकारक तत्व फ्लोराइड खतरनाक मात्रा में मौजूद हैं।दमवा गांव मेदिनीनगर (पलामू) जिला मुख्यालय से तकरीबन 65 किलोमीटर पिपरा प्रखंड की मधुबाना पंचायत में स्थित है। फौज से रिटायरमेंट लेकर सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय कर्नल संजय सिंह ने दो महीने पहले इस गांव में कैंसर से लगातार हो रही मौतों को लेकर जिला प्रशासन से लेकर सरकार तक को लिखा, तब सिविल सर्जन अनिल सिंह की अगुवाई में स्वास्थ्य विभाग की टीम भेजी गई। टीम ने गांव के कई जलस्रोतों के नमूने लेकर उन्हें जांच के लिए एनएबीएल (नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन) की लैब में भेजा था। कर्नल संजय सिंह के मुताबिक जांच की जो रिपोर्ट आई है, उसमें गांव के तीन जलस्रोतों में फ्लोराइड की मात्रा तय मानक से 300 प्रतिशत तक ज्यादा बताई गई है। उनका कहना है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद प्रशासन को तत्काल यहां के लोगों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने की दिशा में कदम उठाना चाहिए, लेकिन अब तक कोई हरकत नहीं दिख रही है।पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने ग्रामीणों से अत्यधिक फ्लोराइड की मात्रा वाले जलस्रोतों के पानी का उपयोग नहीं करने की अपील की है। ऐसे जलस्रोतों पर लाल निशान भी लगा दिये गये हैं। इधर ग्रामीणों का कहना है कि जब तक गांव में बाहर से जलापूर्ति की व्यवस्था नहीं होती, उनके सामने इस पानी के इस्तेमाल के अलावा कोई विकल्प नहीं है।ग्रामीणों के मुताबिक, पिछले दो वर्षों में गांव के जिन लोगों की कैंसर से मौत हुई है, उनमें सरयू सिंह, रतन सिंह, नागदेव रविदास, शीला देवी, दामोदर देवी, मानमती देवी, गणेश सिंह की पत्नी, शिवशंकर सिंह, फुलकलिया देवी सहित कुल 17 लोग शामिल हैं। इनमें से ज्यादातर लोग ब्लड कैंसर से पीड़ित थे। गांव के रामनरेश पासवान बताते हैं कि मेरी पत्नी चार साल पहले बीमार पड़ी। जांच हुई तो पता चला कि वह से कैंसर पीड़ित है। कई जगहों पर इलाज के बाद भी उनकी हालत खराब होती गई और लगभग डेढ़ साल में ही उन्होंने दम तोड़ दिया। इसी साल फुलकलिया देवी की भी मौत कैंसर से हुई। उनके परिजनों ने भी दिल्ली, बनारस, पटना सहित कई शहरों में इलाज कराया, लेकिन उन्हें नहीं बचाया जा सका।दमवा के अलावा पलामू के दर्जनों गांवों में पानी में फ्लोराइड की अत्यधिक मात्रा की शिकायतें लगातार मिली हैं। जानकारों के मुताबिक पेयजल में एक पीपीएम तक फ्लोराइड की मात्रा स्वीकार्य है, परंतु पलामू के कई हिस्सों में यह मात्रा छह पीपीएम से भी अधिक पहुंच रही है। इस वजह से पलामू के लोगों में बोन डेंसिटी (अस्थि घनत्व) कम होने की शिकायतें बेहद आम हैं।(इनपुट- एजेंसी)
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मणिपुर आतंकी हमला: राहुल गांधी बोले- मोदी सरकार राष्ट्र की सुरक्षा करने में असमर्थ है
मणिपुर में ताजा उग्रवादी हिंसा में शनिवार सुबह हुए हमले में असम राइफल्स की खुगा बटालियन के कमांडिंग अफसर (सीओ) कर्नल विप्लव त्रिपाठी, उनकी पत्नी और आठ साल के बेटे की मौत हो गई। इस हमले में असम राइफल्स के चार कर्मियों की भी मौत हो गई।
Rahul Gandhi on Manipur Terror Attack: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मणिपुर में असम राइफल्स के काफिले पर हुए हमले को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने मोदी सरकार के राष्ट्र की सुरक्षा को लेकर तीखा हमला किया है। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि 'मणिपुर में सेना के क़ाफ़िले पर हुए आतंकी हमले से एक बार फिर साबित होता है कि मोदी सरकार राष्ट्र की सुरक्षा करने में असमर्थ है। शहीदों को मेरी श्रद्धांजलि व उनके परिवारजनों को शोक संवेदनाएँ। देश आपके बलिदान को याद रखेगा।'साथ ही कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी मणिपुर में असम राइफल्स के काफिले पर हमले को लेकर दुख व्यक्त किया है। प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा कि 'मणिपुर में सेना के काफिले पर आतंकी हमले का दुखद समाचार मिला। शहीद सैनिकों को मेरी विनम्र श्रद्धांजलि एवं उनके परिवारजनों के प्रति शोक संवेदनाएं। देश शहीदों के बलिदान को हमेशा याद रखेगा। आतंकियों की इस कायराना हरकत के खिलाफ पूरा देश एकजुट है। जय हिंद।'मणिपुर में असम राइफल्स के काफिले पर हमले में कर्नल, उनकी पत्नी, बेटा समेत 7 लोगों की मौतमणिपुर में ताजा उग्रवादी हिंसा में शनिवार सुबह हुए हमले में असम राइफल्स की खुगा बटालियन के कमांडिंग अफसर (सीओ) कर्नल विप्लव त्रिपाठी, उनकी पत्नी और आठ साल के बेटे की मौत हो गई। इस हमले में असम राइफल्स के चार कर्मियों की भी मौत हो गई। अधिकारियों ने बताया कि चुराचांदपुर जिले के सेहकन गांव में त्रिपाठी के काफिले को निशाना बनाया गया। कर्नल विप्लव त्रिपाठी 46वीं असम राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर(सीओ) थे। अलग ‘होमलैंड’ की मांग करने वाले मणिपुर के उग्रवादी संगठन ‘पीपुल्स रेवोल्यूशनरी पार्टी ऑफ कंगलीपक’ (पीआरईपीएके) को इस हमले का जिम्मेदार माना जा रहा है। इस हमले में ‘आईईडी’ विस्फोटकों का इस्तेमाल किया गया। असम राइफल्स ने जारी की प्रेस विज्ञप्तिअसम राइफल्स की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया, “उग्रवादियों (संदिग्ध पीआरईपीएके/पीएलए) के हमले में कमांडिंग अफसर और त्वरित प्रतिक्रिया दल (क्यूआरटी) के तीन कर्मियों की मौके पर ही जान चली गई। कमांडिंग अफसर के परिवार (पत्नी और छह वर्षीय बेटे) की भी मौत हो गई। अन्य घायल कर्मियों को बहियंगा स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती किया गया है।” बता दें कि, कर्नल त्रिपाठी ने पहले मिजोरम में सेवा दी थी और जुलाई 2021 में मणिपुर में उनका स्थानांतरण हो गया था। असम राइफल्स की ओर से जारी बयान में कहा गया कि इस हमले के पीछे पीआरईपीएके समूह के होने का शक है क्योंकि 12/13 नवंबर को इस संगठन का स्मरण दिवस है।देश को इंतजार, दिवंगत आत्माओं को मिले न्याय- ममता बनर्जीमणिपुर में असम राइफल्स के काफिले पर हुए बर्बर हमले की पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी निंदा की है। ममता बनर्जी ने अपने संवेदना संदेश में कहा है कि हमने 5 बहादुर जवानों को खो दिया है, इसमें कमांडिंग ऑफिसर और उनके परिवार के सदस्य शामिल हैं, यह बेहद दुखद है। दिवंगत लोगों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करती हूं। पूरे देश को इस बात का इंतजार है कि इन दिवंगत आत्माओं को न्याय मिले।
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Unlock 4.0 की गाइडलाइंस जारी, जानिए 10 बड़ी बातें
Unlock 4.0 guidelines: भारत सरकार ने 30 सितंबर तक लागू रहने वाले 'अनलॉक 4' के लिए दिशानिर्देशों की घोषणा की है।
नई दिल्ली. भारत सरकार ने 30 सितंबर तक लागू रहने वाले 'अनलॉक 4' के लिए दिशानिर्देशों की घोषणा की है। दिशानिर्देशों में कहा गया है कि राज्य सरकारें केंद्र से परामर्श किये बगैर निरूद्ध क्षेत्रों के बाहर कोई स्थानीय लॉकडाउन लागू नहीं करेंगी । आइए आपको बतातें हैं भारत सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों की बड़ी बातें।पढ़ें- Unlock 4.0: 7 सितंबर से मेट्रो सेवा शुरू, 30 सितंबर तक स्कूल-कॉलेज रहेंगे बंद, ये हैं नई गाइडलाइंसपढ़ें- Unlock 4.0 गाइडलाइंस में containment zones को लेकर कही गई है ये बात
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UPSC, NEET, JEE और अन्य परीक्षाओं की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स के लिए गुड न्यूज
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में NEET, JEE (Mains and Advanced), CDS, NDA, UPSC और अन्य सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स के लिए अभ्‍युदय कोचिंग सेंटर स्थापित करने का निर्णय लिया है।
लखनऊ. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार आने वाली 16 फरवरी से प्रदेश के छात्रों को बड़ी सौगात देने जा रही है। उत्तर प्रदेश सरकार Competitive Exams की तैयारी कर रहे युवा छात्रों के लिए ऐसे कोचिंग सेंटर स्थापित करने जा रही है, जहां उन्हें मुफ्त क्लासेज दी जाएगीं। इस बात की जानकारी प्रदेश सरकार के आधिकारिक प्रवक्ता ने दी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में NEET, JEE (Mains and Advanced), CDS, NDA, UPSC और अन्य सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स के लिए अभ्‍युदय कोचिंग सेंटर स्थापित करने का निर्णय लिया है।पढ़ें- गाजियाबाद में डबल मर्डर! बजरंग दल कार्यकर्ता के घर में घुसे बदमाश, दो महिलाओं की हत्या, 3 बच्चों को किया जख्मीपढ़ें- आज असम-बंगाल जाएंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, करेंगे कई योजनाओं का शिलान्यासलखनऊ. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार आने वाली 16 फरवरी से प्रदेश के छात्रों को बड़ी सौगात देने जा रही है। उत्तर प्रदेश सरकार Competitive Exams की तैयारी कर रहे युवा छात्रों के लिए ऐसे कोचिंग सेंटर स्थापित करने जा रही है, जहां उन्हें मुफ्त क्लासेज दी जाएगीं। इस बात की जानकारी प्रदेश सरकार के आधिकारिक प्रवक्ता ने दी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में NEET, JEE (Mains and Advanced), CDS, NDA, UPSC और अन्य सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स के लिए अभ्‍युदय कोचिंग सेंटर स्थापित करने का निर्णय लिया है।पढ़ें- गाजियाबाद में डबल मर्डर! बजरंग दल कार्यकर्ता के घर में घुसे बदमाश, दो महिलाओं की हत्या, 3 बच्चों को किया जख्मीउन्होंने बताया कि मुफ्त कोचिंग की सुविधा गरीब और वंचित छात्रों को बहुत सहायता प्रदान करेगी जिनके मार्गदर्शन का राज्य सरकार द्वारा ध्यान रखा जाएगा। कोचिंग संस्थान 16 फरवरी बसंत पंचमी से काम करना शुरू करेंगे और 10 फरवरी से कक्षाओं के लिए पंजीकरण शुरू हो जाएगा। पहले चरण में 'अभ्युदय' कोचिंग सेंटर डिविजनल लेवल पर स्थापित किए जाएंगे और अगले चरण में इन्हें ड्रस्ट्रिक्ट लेवल पर स्थापित किया जाएगा।पढ़ें- दिल्ली के ओखला इलाके में लगी आग, 6 घंटे बाद पाया जा सका काबूपढ़ें- सचिन तेंदुलकर को किसानों के बारे में बोलने के दौरान सावधानी बरतनी चाहिए- शरद पवारकोचिंग में उम्मीदवारों के लिए वरिष्ठ आईएएस, आईपीएस और पीसीएस अधिकारियों द्वारा प्रत्यक्ष परामर्श का प्रावधान भी शामिल होगा। एनडीए और सीडीएस जैसी परीक्षाओं को लेकर गाइडेंस के मामले में, यूपी के सैनिक स्कूलों के प्रिंसिपल द्वारा पूरी तरह से प्रशिक्षण दिया जाएगा। स्टूडेंट्स के किसी भी संदेह को दूर करने के लिए doubt solving sessions का आयोजन किया जाएगा ताकि वो अपने लिए सबसे अच्छा क्षेत्र चुन सकें। (PTI)पढ़ें- राकेश टिकैत क्यों बोले- अपने ट्रैक्टर पर 'ट्रैक्टर क्रांति 2021, 26 जनवरी' लिखिएपढ़ें- IMD: कश्मीर में थोड़ी राहत के बाद फिर से गिरा तापमान, ये है मौसम विभाग का पूर्वानुमान
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Coronavirus के कुल मामले 70 लाख के पार लेकिन 60 लाख से ज्यादा हो चुके हैं ठीक, एक्टिव केस 8.67 लाख
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय पिछले 24 घंटों के दौरान देशभर में कोरोना वायरस के कुल मामलों का आंकड़ा 7053806 दर्ज किया गया है लेकिन इसमें एक्टिव मामलों की संख्या सिर्फ 867496 ही है, पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना के एक्टिव मामलों की संख्या में 15689 की कमी आई है।
नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस के मामलें जिस रफ्तार से सामने आ रहे हैं उससे अधिक रफ्तार से लोग ठीक हो रहे हैं और यही वजह है कि देश में कोरोना के एक्टिव मामलों में लगातार कमी आ रही है। हालांकि कोरोना से होने वाली मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है लेकिन पहले के मुकाबले रोजाना हो रही मौतों की संख्या भी कम हुई है। कुल मिलाकर देश धीरे-धीरे कोरोना की गिरफ्त से बाहर निकलता जा रहा है जो एक बड़ी राहत की बात है। रविवार सुबह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जो आंकड़े जारी किए हैं उनके मुताबिक देश में कोरोना के कुल मरीजों की संख्या तो 70 लाख के पार है लेकिन 60 लाख से ज्यादा लोग ठीक भी हुए हैं।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय पिछले 24 घंटों के दौरान देशभर में कोरोना वायरस के कुल मामलों का आंकड़ा 7053806 दर्ज किया गया है लेकिन इसमें एक्टिव मामलों की संख्या सिर्फ 867496 ही है, पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना के एक्टिव मामलों की संख्या में 15689 की कमी आई है। देश में कुल कोरोना वायरस मामलों में सिर्फ 12.65 प्रतिशत ही एक्टिव केस हैं। हालांकि कोरोना के नए मामले आने का सिलसिला पहले के मुकाबले कुछ कम जरूर हुआ है लेकिन अभी भी बड़ी संख्या में नए केस सामने आ रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटों के दौरान देशभर में कोरोना वायरस के 74383 नए मामले आए हैं।कोरोना से लोगों के ठीक होने की रफ्तार पहले से बेहतर हुई है, पिछले 24 घंटों के दौरान देशभर में कुल 89154 लोग ठीक हुए हैं और अबतक देशभर में कुल 6077976 लोग पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं। देश में कोरोना वायरस का रिकवरी रेट 86.16 प्रतिशत तक पहुंच गया है। कोरोना की वजह से जान गंवाने वालों की संख्या में भी पहले के मुकाबले हल्की कमी आई है, पहले रोजाना देश में 1000 से ज्यादा लोगों की मौत हो रही थी लेकिन अब यह आंकड़ा 1000 के नीचे है, पिछले 24 घंटों के दौरान देश में कोरोना की वजह से 91 लोगों की जान गई है और अबतक देशभर में कुल 108334 लोगों की जान जा चुकी है।कोरोना मरीजों की पहचान के लिए देशभर में लगातार टेस्टिंग हो रही है, शनिवार को देशभर में 10.78 लाख से ज्यादा कोरोना टेस्ट हुए हैं। देश में कुल कोरोना वायरस टेस्टिंग का आंकड़ा अब बढ़कर 8.68 करोड़ को पार कर चुका है। दुनियाभर में अमेरिका के बाद भारत में ही सबसे ज्यादा कोरोना टेस्ट हो रहे हैं। वैश्विक स्तर पर कोरोना वायरस के मामलों की बात करें तो दुनियाभर में कुल मामलों का आंकड़ा बढ़कर 3.74 करोड़ के पार पहुंच गया है, अबतक दुनियाभर में कोरोना वायरस की वजह से 10.77 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि पूरी दुनिया में 2.81 करोड़ से ज्यादा लोग कोरोना वायरस से ठीक भी हो चुके हैं। दुनियाभर में कोरोना वायरस के सबसे अधिक मामले अमेरिका में हैं जहां पर 79.45 लाख से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं और 2.19 लाख से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। इसके बाद भारत का स्थान है और भारत के बाद तीसरे नंबर पर ब्राजील है जहां पर 50.91 लाख मामले सामने आए हैं और 1.50 लाख से ज्यादा लोगों की जान गई है। रूस में भी 12.85 लाख से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं और 22 हजार से ज्यादा लोगों की जान गई है।
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योगी सरकार के दिशानिर्देश- केन्द्र की अनुमति के बगैर स्थानीय स्तर पर नहीं लगेगा lockdown
तिवारी ने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों में राज्य के कुछ इलाकों में कोविड-19 के मामले बढ़ने के संकेत मिले हैं। त्यौहारों और सर्दी के आगमन के साथ-साथ कुछ क्षेत्रों में कोविड-19 प्रोटोकॉल के पालन में लापरवाही के मद्देनजर इस महामारी के फिर से बढ़ने की आशंका हो सकती है।
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में कोविड-19 के मामलों में हाल में हुई बढ़ोतरी के बाद फिर से लॉकडाउन लगाए जाने की अटकलों के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने स्पष्ट किया है कि निरुद्ध क्षेत्रों के बाहर केंद्र सरकार की पूर्व अनुमति के बिना स्थानीय स्तर पर किसी भी तरह का लॉकडाउन नहीं लगाया जा सकता। राज्य के मुख्य सचिव आर.के.तिवारी ने कोविड-19 के मद्देनजर सोमवार को दिशानिर्देश जारी किये। प्रदेश के सभी मंडलायुक्तों, जिलाधिकारियों, जिला, क्षेत्रीय एवं परिक्षेत्रीय पुलिस प्रमुखों को भेजे गए ये निर्देश एक दिसंबर से अगले आदेशों तक लागू रहेंगे।निर्देशों में तिवारी ने कहा, ''किसी भी राज्य, जिला अथवा नगर प्रशासन द्वारा केंद्र सरकार की पूर्व अनुमति के बिना स्थानीय स्तर पर किसी भी तरह का लॉकडाउन नहीं लगाया जा सकता। हालांकि कोविड-19 के प्रसार को नियंत्रित करने के उद्देश्य से परिस्थितियों का आकलन करते हुए रात्रिकालीन कर्फ्यू जैसे स्थानीय प्रतिबंध लागू किए जा सकते हैं।''उन्होंने यह भी कहा कि सामाजिक दूरी के नियम का कड़ाई से पालन करने के लिए धारा 144 का जरूरत के मुताबिक इस्तेमाल किया जाए। मुख्य सचिव ने कहा कि दफ्तरों में सामाजिक दूरी के मानकों का हर हाल में अनुपालन किया जाए। कोविड-19 संक्रमण की 10 प्रतिशत से ज्यादा दर वाले जिलों में एक समय पर उपस्थित कार्मिकों की संख्या को कम रखने के लिये राज्य प्रशासन विचार करके निर्णय लेगा।उन्होंने कहा, ''अंतरराज्यीय एवं राज्य के अंदर व्यक्तियों एवं माल के आवागमन पर कोई पाबंदी नहीं होगी। इसके अलावा पड़ोसी देशों के साथ की गई संधियों की शर्तों के अनुरूप सीमा पार परिवहन की इजाजत होगी। इसके लिए अलग से किसी तरह की अनुमति या परमिट लेने की जरूरत नहीं होगी।'' तिवारी ने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों में राज्य के कुछ इलाकों में कोविड-19 के मामले बढ़ने के संकेत मिले हैं। त्यौहारों और सर्दी के आगमन के साथ-साथ कुछ क्षेत्रों में कोविड-19 प्रोटोकॉल के पालन में लापरवाही के मद्देनजर इस महामारी के फिर से बढ़ने की आशंका हो सकती है। इसे रोकने के लिए कार्य योजना को और सख्ती से लागू किए जाने, निरुद्ध क्षेत्रों की लगातार निगरानी करने और पूर्व में केंद्र तथा राज्य सरकारों द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का और सख्ती से पालन किए जाने की जरूरत है।उन्होंने कहा कि सार्वजनिक स्थानों तथा कार्य स्थलों पर मास्क ना पहनने वाले लोगों पर जुर्माना लगाने के साथ-साथ अन्य प्रशासनिक कार्रवाई की जाए। तिवारी ने कहा कि निरुद्ध क्षेत्रों में सिर्फ जरूरी गतिविधियां ही हों तथा चिकित्सकीय आपातकालीन सुविधाओं, आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति के अलावा अन्य सभी प्रकार के आवागमन को नियंत्रित करने के लिए सख्त मानक अपनाए जाएं।
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Rajat Sharma’s Blog: समूचे भारत में कैसे फैल रही है कोरोना की दूसरी लहर
इंडिया टीवी के रिपोर्टर्स ने अहमदाबाद, सूरत, भोपाल, चंडीगढ़ और अन्य शहरों में इस महामारी के फैलने के पीछे की वजहों का पता लगाने की कोशिश की।
देशभर में गुरुवार को कोरोना के 59,117 ताजा मामले दर्ज किए गए जो पिछले 159 दिनों में सबसे ज्यादा है। अकेले महाराष्ट्र से एक दिन में कोरोना के 35,952 नए मामले सामने आए। देशभर में गुरुवार को कोरोना से संक्रमित 255 मरीजों की मौत हो गई जबकि पिछले दो दिनों में एक्टिव मामलों की संख्या 52 हजार से ज्यादा बढ़ गई है।पिछले पांच दिनों में एक्टिव मामलों की संख्या में एक लाख की बढ़ोतरी के साथ ही कोरोना के कुल एक्टिव मामलों की संख्या अब 4 लाख का आंकड़ा पार कर चुकी हैं। ऐसी खबरें हैं कि कोरोना महामारी की यह दूसरी लहर अप्रैल के अंत तक अपने पीक पर आ सकती है और मई महीने तक इसका प्रकोप जारी रह सकता है। महाराष्ट्र, गुजरात (जहां गुरुवार को 1,961 नए मामले दर्ज किए हैं), पंजाब, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ में महामारी तेजी से फैल रही है। हम एक बार फिर पिछले साल वाली स्थिति में पहुंच गए हैं।इंडिया टीवी के रिपोर्टर्स ने अहमदाबाद, सूरत, भोपाल, चंडीगढ़ और अन्य शहरों में इस महामारी के फैलने के पीछे की वजहों का पता लगाने की कोशिश की। आखिर हुआ क्या कि इतनी बड़ी संख्या में लोग कोरोना पॉजिटिव हो गए? रिपोर्टर्स ने जो बातें बताई, वो वाकई में हैरान करने वाली हैं।सबसे ज्यादा चौंकाने वाली खबर देश के सबसे मशहूर मैनेजमैंट संस्थान, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (IIM) अहमदाबाद से आई। अपने मैनेजमेंट स्किल्स के कारण दुनिया में जिन लोगों का लोहा माना जाता है, वही संस्थान कोरोना मैनेजमेंट में फेल हो गया।हमारे रिपोर्टर निर्णय कपूर ने बताया कि आईआईएम के पांच छात्रों के कारण ही पूरा इंस्टीट्यूट कोरोना का हॉटस्पॉट बन गया। असल में इन पांचों छात्रों को 16 मार्च को ही पता लग गया था कि वे कोरोना पॉजिटिव हैं। चूंकि उस वक्त इन छात्रों की परीक्षाएं चल रही थीं और इन्हें लगा कि अगर उन्होंने कोरोना पॉजिटिव होने की बात बताई तो परीक्षाएं स्थगित हो सकती हैं। इसलिए इन छात्रों ने किसी को कोरोना संक्रमण की जानकारी नहीं दी।ये पांचों छात्र पूरे कैंपस मे घूमते रहे, लोगों से मिलते रहे और वायरस को फैलाते रहे। जब दूसरे छात्रों में भी कोरोना के लक्षण दिखने लगे तो मास टेस्टिंग हुई। इस टेस्ट में 22 छात्र और एक फैकल्टी मेंबर की रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। इसके बाद आईआईएम अहमदाबाद को कोरोना का हॉटस्पॉट घोषित कर दिया गया। लेकिन सवाल ये था कि जब पांच छात्रों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो फिर प्रशासन को इसकी जानकारी क्यों नहीं मिली? प्रशासन ने इन छात्रों को आइसोलेट क्यों नहीं किया? दरअसल, जिन पांच छात्रों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी उन छात्रों ने अपनी जांच प्राइवेट लैब में कराई थी। इन छात्रों ने अपना पता आईआईएम अहमदाबाद लिखाने के बजाय होम स्टेट का पता लिखवाया था। इसलिए नगर निगम के अधिकारी इन छात्रों को आईआईएम में ट्रेस नहीं कर पाए।अहमदाबाद नगर निगम के डिप्टी हेल्थ ऑफिसर (उपस्वास्थ्य अधिकारी) डॉ. मेहुल आचार्य ने बताया कि जिन पांच छात्रों को 16 मार्च को कोरोना पॉजिटिव होने का पता चला था वे सभी छात्र 12 मार्च को नरेंद्र मोदी स्टेडियम में इंडिया और इंग्लैंड का टी-20 मैच देखने गए थे। चूंकि बड़ी संख्या में लोग मैच देखने गए थे इसलिए नगर निगम अधिकारियों के लिए यह पता लगा पाना व्यवहारिक तौर पर असंभव था कि कौन लोग कोरोना से संक्रमित हो सकते हैं।गुजरात के एक और जिले साबरकांठा के एक आवासीय स्कूल में दो वॉर्डन की वजह से 39 बच्चे कोरोना के शिकार हो गए। साबरकांठा के राजेंद्रनगर में सहयोग नाम की संस्था की तरफ से यहां गरीब बच्चों को पढ़ाया जाता है। यहां दो वॉर्डन की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद सभी 292 बच्चों का कोरोना टेस्ट करवाया गया। जब इनकी रिपोर्ट आई तो 39 बच्चे कोरोना पॉजिटिव निकले। अब इसमें किसे दोषी ठहराया जाए? वॉर्डन भी हॉस्टल में रहते हैं और बच्चे भी। कोई बाहर नहीं जाता तो फिर हॉस्टल में कोरोना लेकर कौन आया? संस्था के लोगों का कहना है कि सब्जी, राशन, दूध जैसी चीजों की सप्लाई करने वाले आते-जाते हैं। कोरोना उन्हीं के जरिए वॉर्डन तक और फिर बच्चों तक पहुंचा होगा। अब ट्रेसिंग हो रही है लेकिन कोरोना की कड़ियां मिलेंगी, ये कहना मुश्किल है।उधर, सूरत में एक साथ 34 ऑटो ड्राइवर कोरोना पॉजिटिव निकले। इतने सारे ऑटो ड्राइवर्स के एक साथ कोरोना पॉजिटिव निकलने की वजह के बारे में जो जबाव मिला वो परेशान करने वाला है। असल में नगर निगम ने कोरोना को फैलने से रोकने के लिए शहर में लोकल बसों पर रोक लगा दी। बसें तो बंद हो गईं लेकिन सड़कों पर भीड़ कम नहीं हुई। बसों से सफर करनेवाले लोग ऑटो की सवारी करने लगे। ऑटो वालों की चांदी हो गई। जिस ऑटो में पहले 2 सवारियां बैठती थी अब उसमें पांच-छह सवारियां एक साथ जाने लगी और फिर तेजी से कोरोना फैला। यात्रियों से ये वायरस ऑटो ड्राइवर्स तक पहुंचा। और फिर ऑटो ड्राइवर्स कोरोना के कैरियर बन गए। सूरत में 741 बसें चलती थीं जिनमें करीब ढाई लाख से ज्यादा लोग रोजाना यात्रा करते थे। बस सेवा बंद होने की वजह से ऑटो में यात्रियों की संख्या बढ़ने लगी और इस वजह से कोरोना भी फैलने लगा।जाहिर है कि लोगों की लापरवाही के कारण महामारी फैल रही है। कोरोना को रोकने के लिए सरकारें बसें बंद करेगी तो लोग ऑटो से चलेंगे। अगर सरकार पार्क बंद करेगी तो लोग सड़कों पर घूमेंगे। अगर सरकार मास्क नहीं लगाने पर जुर्माना लगएगी तो लोग मास्क को मुंह पर ऐसे रखकर चलेंगे जिससे सिर्फ चालान से बच जाएं। अगर यही रवैया रहेगा तो फिर कोरोना से बचना मुश्किल है। कोरोना के लक्षण लगातार बदल रहे हैं। कोरोना के मरीज को जुकाम, बुखार या फिर खांसी हो, ये जरूरी नहीं है। हो सकता है कि कोरोना के मरीज में कोई लक्षण न हो। जिसे आप बिल्कुल स्वस्थ समझ रहे हैं, हो सकता है वही आपको कोरोना का गिफ्ट दे जाए। ऐसा मैं इसलिए कह रहा हूं क्योंकि भोपाल और नागपुर जैसे शहरों में यही हो रहा है। यहां कोरोना के 80 प्रतिशत मरीज ऐसे हैं जिनमें कोरोना का कोई लक्षण नहीं है।भोपाल में गुरुवार को कोरोना के करीब 400 मरीजों का पता चला लेकिन चौंकानेवाली बात ये है कि इनमें से 50 प्रतिशत से ज्यादा मरीज बिना किसी लक्षण (एसिम्पटोमैटिक) के हैं। ये दूसरे लोगों के लिए बड़ा खतरा बन रहे हैं। चूंकि वो खुद नहीं जानते कि उन्हें कोरोना है इसलिए जब दूसरे लोगों से मिलते हैं तो उन्हें भी वायरस से संक्रमित कर रहे हैं। उधर, नागपुर में भी कोरोना तेजी से फैल रहा है। गुरुवार को यहां साढ़े तीन से हज़ार से ज्यादा मामले सामने आए। आपको जानकर हैरानी होगी कि अकेले नागपुर में 2800 कोरोना मरीज़ ऐसे मिले जिनमें कोई लक्षण नहीं था। मुंबई में भी हालात खराब हैं। यहां रोजाना 5,500 से ज्यादा नए मामले सामने आ रहे हैं। मुंबई की मेयर किशोरी पेडणेकर ने बताया कि अगर किसी बिल्डिंग में कोरोना के मरीज निकलते हैं तो बिल्डिंग को सील किया जाता है। इससे बचने के लिए लोग कोरोना के लक्षण होने के बाद भी टेस्ट नहीं कराते और अपनी बीमारी को छुपाते हैं। इसके कारण कोरोना फैल रहा है।बैंगलुरू में भी कमोबेश मुंबई जैसे ही हालात हैं। कोरोना के कुल 2300 मरीजों में से 1400 मरीज तो अकेले बेंगलुरु अर्बन में मिले हैं। इंडिया टीवी रिपोर्टर टी राघवन ने एक्सपर्ट्स, डॉक्टर्स और फिर नगर निगम के अधिकारियों से बात की। ज्यादातर लोगों ने एक ही कारण बताया और कहा कि बैंगलुरु कोरोना वायरस महाराष्ट्र और केरल से पहुंचा है। इन राज्यों से आनेवाले कई लोगों में कोरोना के लक्षण नहीं थे और इन्होंने अपने घरों में पार्टी की और सोशल गैदरिंग का हिस्सा बने, इससे पूरे शहर में वायरस फैलता चला गया। बैंगलुरु में कोरोना के 70 प्रतिशत मामले अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों में पाए गए हैं।दिल्ली में भी यह वायरस तेजी से पांव पसार रहा है। एक हफ्ते पहले यहां प्रतिदिन कोरोना के मामले मुश्किल से 300 के करीब आ रहे थे लेकिन गुरुवार को 1500 से ज्यादा मामले सामने आए। ज्यादातर मामले ऐसे हैं जिनमें मरीजों में कोई लक्षण नहीं है। लेकिन समस्या ये है कि पहले कोरोना के मरीजों को सांस लेने में तकलीफ, गले में दर्द, जुकाम, बुखार जैसे लक्षण होते थे लेकिन अब पेट दर्द, उल्टी, डायरिया जैसे लक्षणों वाले मरीज भी कोरोना पॉजिटिव निकल रहे हैं।राजीव गांधी सुपरस्पेशयलिटी अस्पताल के निदेशक डॉ. बी एल शेरवाल का कहना है कि देश में कोरोना के नए स्‍ट्रेन के मरीज तेजी से बढ़ने लगे हैं। कोरोना के नए मामले सामने आने के साथ ही कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्‍या एक बार फिर तेजी से बढ़ने लगी है। कोरोना का नया संक्रमण सीधे गले, फेफड़े और दिमाग पर असर कर रहा है, जिसके कारण मरीज में उल्‍टी, बेचैनी और पेट दर्द और डायरिया जैसी शिकायत देखने को मिल रही है।कोरोना के तेजी से फैलने का सबसे बड़ा कारण लापरवाही है। इसकी वजह ये है कि लोगों में कोरोना का डर खत्म हो गया है। इंडिया टीवी रिपोर्टर पुनीत परिंजा ने गुरुवार को पंजाब के आनंदपुर साहिब में होला मोहल्ला के लिए आए श्रद्धालुओं से बात की। यहां बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं लेकिन न तो किसी चेहरे पर मास्क है और न कोई सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहा था। सवाल पूछने पर अधिकांश लोगों का जबाव था कि कोरोना सिर्फ अफवाह है, हकीकत में कोरोना कुछ नहीं है। इनमें से कई लोगों ने यह सवाल किया कि नेताओं की रैलियों में हजारों लोग हिस्सा लेते हैं, किसी को कोरोना हुआ क्या? इनमें से एक ने कहा- 'कोरोना सरकारी ड्रामा है।'अब बताइए, इस बात का कोई क्या जवाब दे कि कोरोना है ही नहीं? कोई कह रहा है कि ये पॉलिटिकल चाल है। इस तरह की बातें खतरे को और बढ़ाती हैं। ये सही है कि बंगाल और असम में रैलियां हो रही हैं और कोरोना के मामले बढ़ने की खबरें वहां से नहीं आईं। लेकिन ये भी सही है कि केरल में जब रैलियां हुई तो कोरोना के तेजी से बढ़ने की खबरें आईं। कुछ लोग कह सकते हैं कि जिन लोगों को कोई दिक्कत नहीं है उनसे दूरी बनाने की क्या जरूरत? कोई ये कह सकता है कि जब वैक्सीन आ गई है तो कोरोना से डरने की क्या जरूरत है?मैं आपसे यही कहूंगा कि कोरोना का खतरा नया और बड़ा है। इस नए खतरे के बारे में अभी ज्यादा जानकारी नहीं है। ये नया म्यूटेशन है, दूसरी लहर है, इसलिए सावधानी बरतने की और ज्यादा जरूरत है। हमारे रिपोर्टर्स ने अपनी जान पर खेलकर इतने सारे शहरों से, हॉटस्पॉट से ये रिपोर्ट्स भेजी है ताकि लापरवाही करने वालों की आंखें खोली जा सके। आपने देखा है कि हर जगह का किस्सा अलग है। हर जगह कोरोना फैलने की वजह अलग है। लेकिन एक बात कॉमन है और वो है लापरवाही। जहां-जहां लोगों ने कोरोना वायरस को गंभीरता से नहीं लिया वहां यह तेज ऱफ्तार से फैला है। जहां लोग डर गए वहां लोग जी गए।पूरी दुनिया मान रही है कि जब तक वैक्सीनेशन नहीं हो जाता तब तक बहुत सावधानी रखने की जरूरत है। मास्क लगाना जरूरी है। दो गज की दूरी जरुरी है। वरना, आप अपने साथ-साथ दूसरों की जिंदगी को भी खतरे में डालेंगे। (रजत शर्मा)देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 25 मार्च, 2021 का पूरा एपिसोड
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जम्मू-कश्मीर: सेना के ऑपरेशन में पाकिस्तानी आतंकी जिंदा पकड़ा गया, एक ढेर, तीन जवान घायल
सेना ने मैराथन ऑपरेशन के बाद एक पाकिस्तानी आतंकी को जिंदा पकड़ लिया है जबकि एक आतंकवादी मारा गया है। वहीं इस ऑपरेशन में सेना के तीन जवान घायल हुए हैं।
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में आंतकियों के खिलाफ कार्रवाई में भारतीय सेना को बड़ी कामयाबी मिली है। सेना ने उरी में मैराथन ऑपरेशन के बाद एक पाकिस्तानी आतंकी को जिंदा पकड़ लिया है जबकि एक आतंकवादी मारा गया है। वहीं इस ऑपरेशन में सेना के तीन जवान घायल हुए हैं। सेना का ये ऑपरेशन 18 सितंबर से यानि पिछले 10 दिनों से एलओसी के पास उरी में चल रहा था। इस ऑपरेशन के दौरान पकड़े गए आतंकी को आज कोर्ट में पेश किया जाएगा। पकड़े गए पाकिस्तानी आतंकी के पास से भारी मात्रा में हथियार और गोला बारूद बरामद किया गया है। बताया जाता है कि वह भारत में घुसपैठ की कोशिश कर रहा था। आतंकियों के पास से 5 एके-47, 8 पिस्टल और 70 ग्रेनेड बरामद हुए हैं।15वीं कोर के कमांडर जनरल डीपी पांडे ने बताया कि बर्फ पड़ने से पहले पाकिस्तान की तरफ से घुसपैठ की कोशिशें बढ़ जाती हैं। फिलहाल घाटी के हालात बेहतर हुए हैं और पाकिस्तान इसे बिगाड़ने की पूरी कोशिश कर रहा है। इसी कड़ी में आतंकी घुसपैठ की कोशिश की जा रही है। जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर हथियारों का जखीरा बरामद इससे पहले सीमा सुरक्षा बल ने सोमवार को जम्मू जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास से हथियारों, गोलाबारूद, मादक पदार्थ और जाली भारतीय मुद्रा की एक बड़ी खेप बरामद की है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। बीएसएफ के एक प्रवक्ता ने कहा कि अखनूर सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास तलाशी अभियान के दौरान झाड़ियों में छिपा एक बैग बरामद किया गया जिसमें प्रतिबंधित सामग्री रखी थी। उन्होंने बताया कि बैग खोलने पर उसमें चार पिस्तौल, आठ मैगजीन, 100 गोलियां, एक किलोग्राम मादक पदार्थ का पैकेट और 2,75,000 रुपये की जाली भारतीय मुद्रा बरामद की गई। प्रवक्ता ने कहा कि इन सामग्री राष्ट्र विरोधी तत्वों को दी जाने वाली थी लेकिन बीएसएफ ने इस साजिश का पर्दाफाश कर दिया।
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विपक्षी नेताओं ने सोच-समझकर प्रदर्शन स्थलों से दूर रहने का निर्णय किया: वाम नेता
वाम नेताओं ने किसानों के ‘भारत बंद’ को समर्थन देते हुए मंगलवार को कहा कि विपक्षी नेताओं ने सोच-समझकर प्रदर्शन स्थलों से दूर रहने का निर्णय किया है। सरकार ने विपक्षी दलों पर राजनीतिक लाभ के लिए किसानों के प्रदर्शन का समर्थन करने का आरोप लगाया है।
नयी दिल्ली: वाम नेताओं ने किसानों के ‘भारत बंद’ को समर्थन देते हुए मंगलवार को कहा कि विपक्षी नेताओं ने सोच-समझकर प्रदर्शन स्थलों से दूर रहने का निर्णय किया है। सरकार ने विपक्षी दलों पर राजनीतिक लाभ के लिए किसानों के प्रदर्शन का समर्थन करने का आरोप लगाया है। विपक्षी दलों ने आरोप को खारिज किया है और कहा है कि किसानों की मांगें वैध हैं। माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा, ‘‘प्रदर्शन स्थलों से दूर रहने के लिए यह हमारी तरफ से सोच-समझकर किया गया फैसला है। इसीलिए प्रदर्शन स्थलों पर हमने पार्टी का कोई बैनर नहीं लगाया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, संसद सदस्य के रूप में एकजुटता जताने के लिए हमारे सांसद वहां हैं। हम मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करना चाहते। सिर्फ वाम दलों ने ही नहीं, बल्कि समूचे विपक्ष ने यह निर्णय लिया है कि सांसदों को छोड़कर कोई अन्य नेता किसानों के साथ नहीं होगा।’’ येचुरी ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता प्रदर्शन स्थलों पर हैं लेकिन उनके पास पार्टी का कोई बैनर या पोस्टर नहीं है। हालांकि, राजनीतिक दलों से जुड़े किसान समूहों और ट्रेड यूनियनों के बैनर एवं पोस्टर प्रदर्शन स्थलों पर देखे जा सकते हैं। भाकपा महासचिव डी राजा ने भी कहा कि किसानों का आंदोलन पूरी तरह गैर-राजनीतिक है और यह दिखाने के लिए निर्णय किया गया कि राजनीतिक नेता प्रदर्शन स्थलों पर नहीं जाएंगे।
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जम्मू कश्मीर में इस साल 182 आतंकवादी मारे गए, उनमें से 20 विदेशी थे: डीजीपी दिलबाग सिंह
डीजीपी ने कहा, ‘‘इस साल मारे गए 44 शीर्ष आतंकवादियों में से 26 लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के, 10 जैश-ए-मोहम्मद (जेएम) के, सात हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम) के और एक आतंकी अल-बद्र का था।’’
जम्मू: इस साल जम्मू कश्मीर पुलिस और सुरक्षा बलों द्वारा केंद्र शासित प्रदेश में 100 सफल आतंकवाद विरोधी अभियानों में 44 शीर्ष आतंकियों और 20 विदेशियों समेत कुल 182 आतंकवादियों का सफाया कर दिया गया। पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। जम्मू कश्मीर पुलिस के 100वें सफल आतंकवाद-रोधी अभियान के एक दिन बाद जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सिंह ने आतंकवादियों के मारे जाने की कुल संख्या की जानकारी दी।दिलबाग सिंह ने कहा कि पंथा चौक में पुलिस की बस पर हमले में शामिल जैश-ए-मोहम्मद के कुल नौ आतंकवादी पिछले 24 घंटों में मारे गए, जबकि वर्ष के दौरान कुल 20 विदेशी आतंकवादी ढेर किए गए। डीजीपी ने कहा कि इस वर्ष केंद्र शासित प्रदेश में सीमा पार से आतंकवादियों की कम घुसपैठ हुई। अफगानिस्तान से किसी भी आतंकवादी के देश में घुसपैठ की कोई घटना नहीं हुई।सिंह ने यहां जम्मू कश्मीर पुलिस के वार्षिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘कल रात हमने 100वां सफल अभियान पूरा किया। हमने 100 सफल अभियानों में विभिन्न आतंकी संगठनों के 182 आतंकवादियों का सफाया किया।’’ उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में लगातार सफल आतंकवाद विरोधी अभियानों के कारण जम्मू कश्मीर के एक बड़े क्षेत्र को आतंकी हमलों से मुक्त कर दिया गया है। डीजीपी ने कहा, ‘‘इस साल मारे गए 44 शीर्ष आतंकवादियों में से 26 लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के, 10 जैश-ए-मोहम्मद (जेएम) के, सात हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम) के और एक आतंकी अल-बद्र का था।’’उन्होंने कहा कि मारे गए आतंकवादियों में 20 विदेशी थे। सिंह ने कहा कि इन शीर्ष आतंकवादियों ने पाकिस्तान के इशारे पर आतंकी गतिविधियों की साजिश रचकर और लोगों के बीच आतंक फैलाने में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा, ‘‘कई वर्षों के बाद इस बार बहुत कम संख्या में आतंकवादी सक्रिय हुए। लंबे समय के बाद यह आंकड़ा कम हुआ है।’’ डीजीपी ने कहा कि आतंकवाद विरोधी अभियानों और सीमा पार से घुसपैठ को रोकने के मामले में भी यह वर्ष सफल रहा।डीजीपी ने कहा, ‘‘सीमाओं की सुरक्षा के लिहाज से यह एक सफल साल रहा। लंबे समय के बाद घुसपैठ के स्तर में कमी आई है। इस साल केवल 34 आतंकवादी ही सीमा पार से देश में घुसपैठ कर पाए। उनमें से कई को ढेर कर दिया गया और बाकी पर नजर रखी जा रही है।’’ आतंकवादी संगठनों से युवाओं के जुड़ने का जिक्र करते हुए सिंह ने कहा कि इस साल केंद्र शासित प्रदेश में 134 युवा आतंकी संगठनों में शामिल हुए लेकिन उनमें से 72 को खत्म कर दिया गया और 22 को गिरफ्तार कर लिया गया।डीजीपी ने कहा कि पुलिस ने आतंकवादियों की मदद करने वालों पर भी नकेल कसी है और ऐसे 570 लोगों गिरफ्तार किया। उन्होंने कहा कि इस साल आतंकवाद और अन्य समाज विरोधी कृत्यों में शामिल होने के लिए गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (यूएपीए) के तहत कुल 497 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।पाकिस्तान के इशारे पर जम्मू कश्मीर में आतंकवाद को फिर से शुरू करने के लिए अफगानिस्तान से आने वाले आतंकवादियों के खतरे के बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हम किसी भी खतरे से निपटने में सक्षम हैं लेकिन ऐसी कोई आशंका नहीं है।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया कोलकाता के कैंसर इंस्टीट्यूट कैंपस का उद्घाटन, बोले- टीकाकरण का ऐतिहासिक मुकाम किया हासिल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में भारत ने अपने नागरिकों को महामारी रोधी टीके की 150 करोड़ खुराक देकर एक ‘ऐतिहासिक मुकाम’ हासिल किया है और दुनिया के ज्यादातर बड़े-बड़े देशों के लिए भी यह किसी आश्चर्य से कम नहीं है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कोलकाता के चितरंजन नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने देश में हो रहे रिकॉर्ड वैक्सीनेशन को एक उपलब्धि करार दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि महज पांच दिनों में ही रिकॉर्ड डेढ़ लाख बच्चों को वैक्सीन की डोज दी गई है। साल की शुरुआत देश ने 15 से 18 साल की उम्र के बच्चों के लिए वैक्सीनेशन से की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में भारत ने अपने नागरिकों को महामारी रोधी टीके की 150 करोड़ खुराक देकर एक ‘ऐतिहासिक मुकाम’ हासिल किया है और दुनिया के ज्यादातर बड़े-बड़े देशों के लिए भी यह किसी आश्चर्य से कम नहीं है। कोलकाता स्थित चित्तरंजन राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (सीएनसीआई) के दूसरे परिसर का वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि यह उपलब्धि भारत के 130 करोड़ लोगों के सामर्थ्य का प्रतीक है। इस अवसर पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया सहित कई केंद्रीय मंत्री व नेता उपस्थित थे। इस परिसर का निर्माण 530 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। इसमें केंद्र सरकार ने करीब 400 करोड़ रुपये दिए हैं जबकि शेष राशि पश्चिम बंगाल सरकार ने खर्च की। सीएनसीआई पर कैंसर मरीजों का भारी बोझ था और पिछले कुछ समय से इसके विस्तार की जरूरत महसूस की जा रही थी। सीएनसीआई के नये परिसर के बन जाने से उसपर पड़ने वाला बोझ कम होगा। नए परिसर में 460 बिस्तरों वाला व्यापक कैंसर यूनिट होगा जो अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा। यह परिसर कैंसर अनुसंधान के एक अत्याधुनिक केंद्र के रूप में भी काम करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि अस्पताल के नए परिसर के उद्घाटन से, ‘देश के हर नागरिक तक उत्तम स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने के संकल्पों को आगे बढ़ाने की दिशा में हमने एक और कदम बढ़ाया है। यह परिसर पश्चिम बंगाल के अनेक नागरिकों के लिए सुविधा लेकर आया है। इससे विशेष रूप से उन गरीब, मध्यमवर्ग परिवारों को बहुत राहत मिलेगी, जिनका कोई अपना कैंसर से मुकाबला कर रहा है।’ टीकाकरण अभियान का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि आज ही देश ने एक और महत्वपूर्ण पड़ाव को पार किया है। उन्होंने कहा, ‘साल की शुरुआत देश में 15 से 18 साल की उम्र के बच्चों के लिए टीकाकरण से की गई थी, वहीं आज साल के पहले महीने के पहले हफ्ते में भारत ने टीकों की 150 करोड़ खुराक के ऐतिहासिक मुकाम को भी हासिल किया है।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि टीकों की 150 करोड़ खुराक और वह एक साल से कम समय में देने का लक्ष्य हासिल करना बहुत बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा, ‘यह आंकड़ों के हिसाब से बहुत बड़ी संख्या है। दुनिया के ज्यादातर बड़े-बड़े देशों के लिए भी यह किसी आश्चर्य से कम नहीं है। लेकिन भारत के लिए यह 130 करोड़ देशवासियों के सामर्थ्य का प्रतीक है। यह नए भारत की नई इच्छाशक्ति का प्रतीक है, जो असंभव को संभव करने के लिए कुछ भी कर गुजरने का हौसला रखता हैं।’ उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में टीकाकरण कार्यक्रम उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना खतरनाक यह वेश बदलने वाला कोरोना वायरस है। उन्होंने कहा, ‘आज एक बार फिर दुनिया कोरोना के नए स्वरूप ओमीक्रोम का सामना कर रहा है। हमारे देश में भी इस नए वैरिएंट के कारण, मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसलिए टीकों की 150 करोड़ खुराक का सुरक्षा कवच हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है।’ मोदी ने कहा कि आज भारत की वयस्क जनसंख्या में से 90 प्रतिशत से ज्यादा लोगों को टीके की एक खुराक लग चुकी है और सिर्फ पांच दिनों के भीतर ही डेढ़ करोड़ से ज्यादा बच्चों को भी टीकों की खुराक दी जा चुकी है। उन्होंने कहा, ‘यह उपलब्धि पूरे देश की है, हर सरकार की है। मैं विशेष रूप से इस उपलब्धि के लिए देश के वैज्ञानिकों, टीका निर्माताओं और स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े कर्मचारियों का बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं।’ (PTI इनपुट्स के साथ)
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संसद में बैठे थे मंगोलिया से आए सांसद, उन्हीं के सामने होता रहा हंगामा
आज लोकसभा में हंगामे के दौरान लोकसभा अध्यक्ष ने संसद में मंगोलिया के प्रतिनिधिमंडल के होने की भी जानकारी दी लेकिन विपक्ष के सांसद नहीं माने और हंगामा करते रहे।
नई दिल्ली. लोकसभा में आज भी विपक्षी दलों का हंगामा देखने को मिला। हंगामें की वजह से लोकसभा को स्थगित भी करने पड़ा। संसद में हंगामा करने की विपक्ष की आदत कोई नई नहीं है लेकिन आज संसद में हंगामा विदेशी प्रतिनिधिमंडल के आगे हुआ, जो कहीं न कहीं बहुत शर्मसार करने वाला था। हंगामे के दौरान लोकसभा अध्यक्ष ने संसद में मंगोलिया के प्रतिनिधिमंडल के होने की भी जानकारी दी लेकिन विपक्ष के सांसद नहीं माने और हंगामा करते रहे।लोकसभा अध्यक्ष ने सांसदों को जानकारी देते हुए कहा, "सदन की विशिष्ट दीर्घा में मंगोलिया के संसदीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य विराजमान हैं। मैं अपनी ओर से और सदन के सभी माननीय सदस्यों की ओर से भारत की यात्रा पर आए मंगोलिया की संसद के अध्यक्ष और प्रतिनिधिमंडल का स्वगात करता हूं। इनका भारत आगमन मंगलवार को हुआ है। दिल्ली के अतिरिक्त प्रतिनिधिमंडल के सदस्य पहले बोधगया और फिर आगरा जाएंगे, उनका सोमवार 6 दिसंबर को भारत से प्रस्थान होगा। हम मंगलकामना करते हैं कि हमारे देश में आपका प्रवास अत्यंत सुखद आरमदायक और फलदायक रहे, उनके माध्यम से हम मंगोलिया की संसद, वहां की सरकार, और जनता को भी बहुत बहुत बधाई तथा शुभकामनाएं देते हैं। उनका बहुत बहुत स्वागत।"ओम बिरला जब ये जानकारी दे रहे थे विपक्ष के सांसदों ने तब भी मंगोलिया में भारत की छवि धूमिल होने की परवाह नहीं की और वो लगातार हंगामा करते रहे। इसके कुछ देर बार लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने हंगामा बढ़ता देख सदन की कार्यवाही को थोड़ी देर के लिए स्थगित कर दिया।
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दिल्ली में मेट्रो सेवाएं शुरू करने को लेकर आया DMRC का बयान, जानें क्या कहा
दिल्ली मेट्रो रेल निगम (DMRC) ने रविवार को एक बयान जारी कर कहा कि जब भी सरकार निर्देश देगी, वह परिचालन बहाल करने को तैयार है।
नई दिल्ली: दिल्ली मेट्रो रेल निगम (DMRC) ने रविवार को एक बयान जारी कर कहा कि जब भी सरकार निर्देश देगी, वह परिचालन बहाल करने को तैयार है। डीएमआरसी का यह बयान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बयान के एक दिन बाद दिया है जिसमें उन्होंने था कि कोविड-19 से उत्पन्न हालात में सुधार को देखते हुए प्रायोगिक तौर पर दिल्ली मेट्रो की सेवाएं बहाल की जानी चाहिए और उम्मीद है कि केंद्र जल्द इस पर फैसला लेगा।डीएमआरसी के कार्यकारी निदेशक अनुजा दयाल को उद्धृत करते हुए बयान में कहा गया, ‘‘जब भी सरकार का निर्देश मिलेगा डीएमआरसी परिचालन शुरू करने को तैयार है। कोविड-19 से निपटने के लिए जारी सभी दिशानिर्देशों को लागू किया जाएगा और यात्रियों की सुरक्षित यात्रा के लिए सभी कदम उठाए जाएंगे।’’गौरतलब है कि 22 मार्च से से ही मेट्रों की सेवाएं स्थगित हैं। सूत्रों के मुताबिक इससे डीएमआरसी को करीब 1300 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
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अफगानिस्तान में भारतीय पत्रकार की हत्या, भारत में अफगान राजदूत ने दी जानकारी
भारत में अफगानिस्तान के राजदूत ने बताया है कि गुरुवार रात को कंधार में भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दिकी की हत्या कर दी गई है।
नई दिल्ली। अफगानिस्तान में तालिबान के लौटने के साथ हिंसा का दौर शुरू हो गया है और वहां रह रहे भारतीयों को निशाना बनाया जा रहा है। भारत में अफगानिस्तान के राजदूत ने बताया है कि गुरुवार रात को कंधार में भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दिकी की हत्या कर दी गई है। दानिश सिद्दिकी की हत्या किसने की है और क्या कारण है, इसके बारे में अभी जानकारी सामने नहीं आई है लेकिन जिस तरह से अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी हो रही है, उसे देखते हुए हत्या को तालिबान से जोड़ा जा रहा है। जानकारी के मुताबिक पत्रकार दानिश इंटरनेशनल एजेंसी रॉयटर्स से जुड़े थे। वे तालिबान की कवरेज के कंधार गए थे। इसी महीने की 13 तारीख को भी उनपर हमला हुआ था। हालांकि इस हमले में वे बाल-बाल बच गए थे।इससे पहले भारत ने अफगानिस्तान में सुरक्षा की बिगड़ती स्थिति, कंधार के आस-पास के नए इलाकों पर तालिबान के कब्जे और चरमपंथी समूह तथा अफगान बलों के बीच भीषण संघर्ष के मद्देनजर इस दक्षिणी अफगान शहर में स्थित अपने वाणिज्य दूतावास से करीब 50 राजनयिकों और सुरक्षा कर्मियों को सैन्य विमान की मदद से वहां से बाहर निकाल लिया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि कंधार में भारतीय वाणिज्य दूतावास को बंद नहीं किया गया है और स्थानीय कर्मचारियों की मदद से इसका संचालन होता रहेगा। कंधार में बिगड़ती स्थिति और तालिबान के बढ़ते प्रभाव के मद्देनजर विमान से भारतीय राजनयिकों, अधिकारियों और अन्य कर्मियों को शनिवार को वापस ले आया गया। इनमें भारतीय-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के कर्मी भी शामिल हैं।आपको बता दें कि तालिबान ने पिछले कुछ सप्ताह में कई रणनीतिक जिलों में नियंत्रण हासिल किया है, जिनमें विशेष रूप से ईरान, उज्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान की सीमाओं से लगे इलाके हैं। तालिबान का नियंत्रण अफगानिस्तान के कुल 421 जिलों और जिला केंद्रों में से एक-तिहाई से भी अधिक पर है। हालांकि, तालिबान का यह दावा बढ़ा-चढ़ाकर किया गया लगता है कि उन्होंने 85 प्रतिशत जिलों पर कब्जा कर लिया है।इनपुट-भाषा
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पंजाब: ओलंपिक पदक विजेता हॉकी टीम के खिलाड़ियों के नाम पर रखे गए 10 सरकारी स्कूलों के नाम
पंजाब के स्कूल शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला ने रविवार को कहा कि राज्य सरकार ने 10 स्कूलों का नाम राज्य के ओलंपिक पदक विजेता हॉकी टीम के खिलाड़ियों के नाम पर रखा है।
चंडीगढ़: पंजाब के स्कूल शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला ने रविवार को कहा कि राज्य सरकार ने 10 स्कूलों का नाम राज्य के ओलंपिक पदक विजेता हॉकी टीम के खिलाड़ियों के नाम पर रखा है। सिंगला ने कहा कि मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने स्कूलों का नाम बदलने को स्वीकृति दे दी है। भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने तोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था। मंत्री ने कहा कि जालंधर के मीठापुर का गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल (जीएसएसएस) का नाम हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह के नाम पर रखा गया है। उन्होंने कहा कि स्कूल का नाम अब ओलंपियन मनप्रीत सिंह गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल, मीठापुर होगा। सिंगला ने कहा कि अमृतसर के तिमोवाल के जीएसएसएस का नाम उप कप्तान हरमनप्रीत सिंह के नाम पर रखा गया है जिन्होंने ओलंपिक में भारत की ओर से सर्वाधिक छह गोल दागे। स्कूल को अब ओलंपियन हरमनप्रीत सिंह जीएसएसएस, तिमोवाल के नाम से जाना जाएगा। आधिकारिक बयान के अनुसार मीठापुर के राजकीय प्राथमिक विद्यालय का नाम ओलंपिक मनप्रीत सिंह के नाम पर रखा गया है। अमृतसर के अटारी के जीएसएसएस को अब ओलंपियन शमशेर सिंह गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल के नाम से जाना जाएगा। सिंगला ने बताया कि फरीदकोट के राजकीय माध्यमिक विद्यालय (बालिका) को ओलंपियन रूपिंदर पाल सिंह राजकीय माध्यमिक स्कूल के नाम से जाना जाएगा। जालंधर के खुसरोपुर के राजकीय माध्यमिक स्कूल का नाम ओलंपियन हार्दिक सिंह, अमृतसर के खलाइहारा के राजकीय प्राथमिक विद्यालय का नाम ओलंपियन गुरजंत सिंह, गुरदास के चहल कलां राजकीय उच्च विद्यालय का नाम ओलंपियन सिमरनजीत सिंह के नाम पर रखा गया है। सिंगला ने कहा कि भारतीय खेलों में पंजाब का स्वर्णिम योगदान है जिसने तोक्यो ओलंपिक में 20 खिलाड़ियों के साथ देश का दूसरा सबसे बड़ा (हरियाणा के बाद) दल भेजा था। भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने तीसरे स्थान के प्ले आफ में जर्मनी को 5-4 से हराकर कांस्य पदक जीता था जो देश का ओलंपिक में 41 साल के बाद हॉकी में पहला पदक था।
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UP News: उत्तर प्रदेश के नोएडा में पिछले 7 दिनों में 44 बच्चे कोविड पॉजिटिव पाए गए
CMO ने शुक्रवार को बताया कि नोएडा में पिछले 7 दिनों में 44 बच्चें कोविड पॉजिटिव पाए गए हैं। जिनमें से 16 बच्चे 18 साल से कम उम्र के हैं। नोएडा में  कोविड के कुल मामले 167 हैं।
उत्तर प्रदेश: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा में स्कूली बच्चों में तेजी से संक्रमण फैल रहा है। CMO ने शुक्रवार को बताया कि नोएडा में पिछले 7 दिनों में 44 बच्चें कोविड पॉजिटिव पाए गए हैं। जिनमें से 16 बच्चे 18 साल से कम उम्र के हैं। नोएडा में कोविड के कुल मामले 167 हैं। प्रभावित बच्चों का प्रतिशत 26.3% है। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना से बचाव के लिए ट्रेस, टेस्ट व ट्रीट की नीति पर सख्ती के साथ अमल करने के निर्देश दिए हैं।उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के मरीजएक बार फिर से बढ़ रहे हैं। बीते 24 घंटे में गुरुवार (14 अप्रैल) को कोरोना वायरस संक्रमण के 90 नए रोगी मिले। सबसे ज्यादा 44 मरीज गौतमबुद्ध नगर में मिले हैं। गाजियाबाद में 18 और लखनऊ में 6 मरीज मिले हैं। उत्तर प्रदेश में 24 घंटों के दौरान 35 कोरोना संक्रमित मरीज स्वस्थ हुए हैं। नए मिले मरीजों के मुकाबले कम रोगी स्वस्थ होने से सक्रिय केस बढ़कर 362 हो गए हैं। गौतमबुद्ध नगर व गाजियाबाद में विशेष सतर्कता बरती जा रही है। दिल्ली सहित दूसरे राज्यों से यूपी आ रहे लोगों की कोरोना जांच कराई जा रही है। उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर में पिछले 24 घंटों के दौरान बीते गुरुवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 44 नये मामलों की पुष्टि हुई है, जिनमें 15 बच्चे भी शामिल हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सुनील कुमार शर्मा ने बताया कि गौतमबुद्ध नगर में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना वायरस के 44 नए मरीजों की पुष्टि की गयी है, जिनमें 15 बच्चे भी शामिल हैं। इन बच्चों के संक्रमित होने की जानकारी किसी स्कूल द्वारा नहीं दी गयी है। यूपी में इस समय सबसे ज्यादा 141 कोरोना के मरीज गौतमबुद्ध नगर में हैं। गौतमबुद्ध नगर में कोरोना वायरस की चपेट में आने वालों की कुल संख्या 98,787 हो गयी है। जिले में उपचाराधीन मरीजों की संख्या 121 है। गौतमबुद्ध नगर में 13 लोगों को संक्रमण मुक्त होने के बाद विभिन्न अस्पतालों से छुट्टी दे दी गयी है, जबकि 121 मरीज उपचाराधीन हैं। गौतमबुद्ध नगर में अभी तक कोरोना वायरस के नए स्वरूप की पुष्टि नहीं हुई है।
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PM Kisan Yojna: अप्रैल में इस दिन आएगी 11वीं किस्त, लेकिन 31 मार्च से पहले कर लें ये जरूरी काम
सरकार देश के किसानों को अभी तक 10 किस्तों में पैसे दे चुकी है। 11वीं किस्त अप्रैल के पहले हफ्ते में जारी हो सकती है। किसानों को इस योजना का लाभ उठाने के लिए सबसे जरूरी अपनी ई-केवाईसी करवाना आवश्यक है।
नई दिल्लीः केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार जल्द ही पीएम किसान योजना के तहत देशभर के किसानों के खाते में पैसे जमा करवाने वाली है। इस योजना के तहत सरकार हर साल 3 किस्तों में 2 हजार रुपए का लाभ रिजस्टर्ड किसानों को देती है। लेकिन अकसर देखा गया है कि समय पर सही जानकारी ना मिलने के कारण कई किसान लाभ लेने से चूक जाते हैं। सरकार किसी भी समय पीएम किसान योजना की 11वीं किस्त किसानों के अकाउंट में डाल सकती है। लेकिन अगर इससे पहले किसानों को इस योजना का लाभ लेने के लिए ये जरूरी काम करना आवश्यक है। बता दें कि पीएम किसान योजना के तहत सरकार देश के किसानों को अभी तक 10 किस्तों में पैसे दे चुकी है। 11वीं किस्त अप्रैल के पहले हफ्ते में जारी हो सकती है। किसानों को इस योजना का लाभ उठाने के लिए सबसे जरूरी अपनी ई-केवाईसी करवाना आवश्यक है। इसके बिना किसान को इस योजना के तहत मिलने वाली किस्त का पैसा नहीं मिल पाएगा। यदि किसान इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं तो वो जिन्होंने अभी तक अपनी ई-केवाईसी नहीं कराई है, उसे 31 मार्च तक पूरा कर लें। क्योंकि सरकार द्वारा ई-केवाईसी के लिए 31 मार्च अंतिम तारीख तय की गई है। हांलाकि गौतमबुद्ध जिले में पीएम किसान योजना में ई-केवाईसी के अंतिम तारीख 25 मार्च रखी गई थी। लेकिन देश के दूसरे हिस्सों में ई-केवाईसी के लिए 31 मार्च अंतिम दिन तय किया गया है।
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झारखंड: ED ने जामताड़ा के साइबर अपराधियों की संपत्ति जब्त की
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखंड के जामताड़ा जिले में दर्ज साइबर धोखाधड़ी मामले में 66 लाख रुपये की संपत्ति जब्त कर ली है।
नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखंड के जामताड़ा जिले में दर्ज साइबर धोखाधड़ी मामले में 66 लाख रुपये की संपत्ति जब्त कर ली है। एजेंसी ने गुरुवार को कहा, धन शोधन रोकथाम अधिनियम, 2002 (पीएमएलए) के तहत कार्रवाई करते हुए प्रवर्तन निदेशालय ने जामताड़ा जिले में साइबर अपराधियों प्रदीप कुमार मंडल, पिंटू मंडल, अंकुश कुमार मंडल, संतोष मंडल और गणेश मंडल की संपत्तियों को जब्त कर लिया है। जब्त संपत्ति में मिरगा गांव में तीन आवास, चार वाहन व साइबर अपराधियों के बैंक खाते में जमा रुपये शामिल हैं।प्रवर्तन निदेशालय ने जुलाई, 2016 में जामताड़ा पुलिस द्वारा दर्ज चार्जशीट के आधार पर साइबर अपराधियों प्रदीप और उसके अज्ञात सहयोगियों के खिलाफ मामले में छानबीन की शुरुआत की थी। आरोपियों के खिलाफ एटीएम से रकम की निकासी, बैंक अधिकारी होने का झांसा देकर लोगों से जालसाजी करने के संबंध में मामले दर्ज किए गए थे। ईडी ने कहा कि उसकी जांच में पता चला कि आरोपियों ने अन्य लोगों के साथ साठगांठ कर अपने बैंक खातों और परिवार के बैंक खातों में रकम स्थानांतरित की। इन पर अवैध तरीके से बैंक मैनेजर या अधिकारी बनकर बैंक ग्राहकों के खातों, एटीएम से पैसे जुटाने के आरोप हैं। इस रकम का इस्तेमाल मकान के निर्माण और वाहन खरीदने में भी हुआ। सितंबर, 2018 में ईडी ने आरोपियों के खिलाफ जामताड़ा में दो गांवों - मिरगा और पबाया के छह स्थानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान इन्हें कई संदिग्ध बैंक अकाउंट मिले, जिन्हें फ्रीज कर दिया गया था। एजेंसी ने पीएमएलए की विशेष अदालत के समक्ष अभियुक्तों के खिलाफ 27 मई, 2019 को अभियोजन की शिकायत पहले ही दर्ज कर ली है। सभी आरोपियों पर आरोप पहले ही तय हो चुके हैं और ट्रायल चल रहा है।इनपुट-एजेंसी
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Shaheed Diwas: पीएम मोदी ने दी भारत माता के वीर सपूतों को श्रद्धांजलि, जानिए इस दिन का इतिहास
Shaheed Diwas: आज शहीद दिवस है। इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को श्रद्धांजलि दी। पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि आजादी के क्रांतिदूत अमर शहीद वीर भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को शहीदी दिवस पर शत-शत नमन।
नई दिल्ली. आज शहीद दिवस है। इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को श्रद्धांजलि दी। पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि आजादी के क्रांतिदूत अमर शहीद वीर भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को शहीदी दिवस पर शत-शत नमन। मां भारती के इन महान सपूतों का बलिदान देश की हर पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत बना रहेगा। जय हिंद! पीएम नरेंद्र मोदी के अलावा भी देश की कई दिग्गज हस्तियों ने इस मौके पर शहीदों को अपने-अपने अंदाज में श्रद्धांजलि दी। भारत से ब्रिटिश हुकूमत को उखाड़ फेंकने के लिए क्रांति का बिगुल फूंकने वाले तीन महान क्रांतिकारियों भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को 23 मार्च 1931 को फांसी दी गई थी। उनकी शहादत की याद में 23 मार्च को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है।पढ़ें- कोरोना की वजह से उत्तर प्रदेश में 8वीं तक के स्कूल 31 मार्च तक रहेंगे बंदक्या आपको जानकारी है कि अपने इन तीनों देशभक्तों को अंग्रेज सरकार द्वारा फांसी के लिए 24 मार्च की तारीख तय की गई थी लेकिन भारत की आवाम के गुस्से से घबराकर अंग्रेजी हुकूमत ने इन्हें एक दिन पहले ही यानी मार्च की 23 तारीख को फांसी दे दी। ये खबर देशभर में बहुत तेजी से फैली।पढ़ें- मध्य प्रदेश के ग्वालियर में भीषण सड़क हादसा, बस और ऑटो की टक्कर, 12 महिलाओं समेत 13 की मौतभारत के लोग भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी दिए जाने के विरोध में थे। उस समय देश में प्रदर्शनों का दौर चल रहा था। अंग्रेजी हुकूमत को डर था कि पहले से निर्धारित 24 मार्च के दिन माहौल बिगड़ सकता है, इसलिए उन्होंने भारत माता के इन वीर सपूतों को एक दिन पहले ही फांसी दे दी। आपको बता दें कि अंग्रेजी सरकार को चेतावनी देने के लिए भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने 1929 में 8 अप्रैल को सेंट्रल असेंबली में बम फेके थे और फिर अपनी गिरफ्तारी दे दी थी। इन घटने के बाद उन्हें दो साल तक जेल में रखा गया और फिर राजगुरु और सुखदेव के साथ फांसी दे दी गई।पढ़ें- जब ID Proof न होने पर मतदान नहीं कर सके पूर्व चुनाव आयुक्तसीएम योगी ने भी दी श्रद्धांजलिउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत विपक्ष के नेताओं ने समाजवादी चिंतक डॉक्टर राम मनोहर लोहिया की जयंती और आज़ादी की लड़ाई के महान क्रांतिकारी सरदार भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के बलिदान दिवस पर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने अपने ट्वीट में आज़ादी के नायकों को नमन करते हुए कहा, "अपने बलिदान से हर भारतीय के मन में स्वाधीनता की अलख जगाने वाले महान क्रांतिकारी, प्रखर देशभक्त, सरदार भगत सिंह, श्री सुखदेव और श्री राजगुरु के बलिदान दिवस पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि।" उन्होंने कहा,“आप सभी का अमर बलिदान युगों-युगों तक हम सभी को राष्ट्र सेवा हेतु प्रेरित करता रहेगा।”नई दिल्ली. आज शहीद दिवस है। इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को श्रद्धांजलि दी। पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि आजादी के क्रांतिदूत अमर शहीद वीर भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को शहीदी दिवस पर शत-शत नमन। मां भारती के इन महान सपूतों का बलिदान देश की हर पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत बना रहेगा। जय हिंद! पीएम नरेंद्र मोदी के अलावा भी देश की कई दिग्गज हस्तियों ने इस मौके पर शहीदों को अपने-अपने अंदाज में श्रद्धांजलि दी। भारत से ब्रिटिश हुकूमत को उखाड़ फेंकने के लिए क्रांति का बिगुल फूंकने वाले तीन महान क्रांतिकारियों भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को 23 मार्च 1931 को फांसी दी गई थी। उनकी शहादत की याद में 23 मार्च को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है।पढ़ें- कोरोना की वजह से उत्तर प्रदेश में 8वीं तक के स्कूल 31 मार्च तक रहेंगे बंदक्या आपको जानकारी है कि अपने इन तीनों देशभक्तों को अंग्रेज सरकार द्वारा फांसी के लिए 24 मार्च की तारीख तय की गई थी लेकिन भारत की आवाम के गुस्से से घबराकर अंग्रेजी हुकूमत ने इन्हें एक दिन पहले ही यानी मार्च की 23 तारीख को फांसी दे दी। ये खबर देशभर में बहुत तेजी से फैली।पढ़ें- मध्य प्रदेश के ग्वालियर में भीषण सड़क हादसा, बस और ऑटो की टक्कर, 12 महिलाओं समेत 13 की मौतभारत के लोग भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी दिए जाने के विरोध में थे। उस समय देश में प्रदर्शनों का दौर चल रहा था। अंग्रेजी हुकूमत को डर था कि पहले से निर्धारित 24 मार्च के दिन माहौल बिगड़ सकता है, इसलिए उन्होंने भारत माता के इन वीर सपूतों को एक दिन पहले ही फांसी दे दी। आपको बता दें कि अंग्रेजी सरकार को चेतावनी देने के लिए भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने 1929 में 8 अप्रैल को सेंट्रल असेंबली में बम फेके थे और फिर अपनी गिरफ्तारी दे दी थी। इन घटने के बाद उन्हें दो साल तक जेल में रखा गया और फिर राजगुरु और सुखदेव के साथ फांसी दे दी गई।पढ़ें- जब ID Proof न होने पर मतदान नहीं कर सके पूर्व चुनाव आयुक्तसीएम योगी ने भी दी श्रद्धांजलिपढ़ें- महिला ने रेस्टोरेंट में पिता को खिलाया खाना, पिलाई शराब, फिर नदी किनारे सैर के दौरान लगा दी आग
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उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमण के 59 नए मामले, 4 मरीजों की मौत
उत्तर प्रदेश में मंगलवार को पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना वायरस से संक्रमण के 59 नए मामले सामने आए हैं।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में मंगलवार को पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना वायरस से संक्रमण के 59 नए मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही सूबे में इस घातक वायरस से संक्रमित होने वाले लोगों की कुल संख्या बढ़कर 17,07,502 हो गई है। वहीं, इसी अवधि में 149 लोगों ने वायरस के संक्रमण के मात दी है और स्वस्थ हुए हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा मंगलवार को दी गई जानकारी के मुताबिक, वायरस से संक्रमित सबसे ज्यादा नए मरीज राजधानी लखनऊ में मिले हैं लेकिन राहत की बात यह है कि इनकी संख्या दहाई में भी नहीं है। बता दें कि प्रदेश में सोमवार को 96, रविवार को 125 और शनिवार को 100 नए मामले सामने आए थे।सबसे ज्यादा 8 नए मरीज लखनऊ में मिलेस्वास्थ्य विभाग द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, बीते 24 घंटों में वायरस के संक्रमण से 4 और लोगों की मौत हो गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि गोरखपुर, उन्नाव, औरैया तथा ललितपुर में एक-एक मरीज की मृत्यु हुई है। इसके अनुसार राज्य में इस वायरस से अब तक मरने वालों की संख्या बढ़कर 22704 हो गई है। स्वास्थ्य विभान ने बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश में 59 नए मरीजों में कोविड-19 संक्रमण की पुष्टि हुई है जिसमें सबसे ज्यादा 8 नए मरीज राजधानी लखनऊ में मिले हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदेश में इस वक्त कोविड-19 संक्रमित 1479 मरीजों का इलाज किया जा रहा है।अब तक 3.76 करोड़ वैक्सीन डोज लगाई गईंस्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश में 2 लाख 35 हजार 959 सैंपल्स की जांच की गई। रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में अब तक कुल 17,07,502 लोगों में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है, जिनमें से 16,83,319 मरीज पूरी तरह ठीक हो चुके हैं। वहीं, टीकाकरण के बारे में जानकारी देते हुए उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव (सूचना) नवनीत सहगल ने बताया कि अब तक 3,76,00,000 लोगों को वैक्सीन की डोज़ दी गई है। उन्होंने कहा कि टेस्ट करने और कोविड टीका लगाने में उत्तर प्रदेश देश में नंबर एक पायदान पर है। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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PK के ट्वीट के बाद भिड़ीं TMC-कांग्रेस! विरोधी दलों का 'अगुवा' बनने को लेकर लड़ाई
प्रशांत किशोर के ट्वीट के बाद कांग्रेस की तरफ से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मैदान में उतरे। उन्होंने बिना नाम लिए प्रशांत किशोर के ट्वीट का जवाब ट्वीट से दिया
नई दिल्ली. देश में खुद को विपक्षी पार्टियों का 'अगुवा' साबित करने के चक्कर में टीएमसी और कांग्रेस के संबंध लगातार खराब होते दिखाई दे रहे हैं। बंगाल चुनाव में ममता बनर्जी के सलाहकार रहे जाने चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर (पीके) ने कांग्रेस पर सवाल खड़े किए हैं। प्रशांत किशोर ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा कि लखीमपुर खीरी मामले से कांग्रेस की अगुवाई में विपक्ष के उठ खड़े होने की उम्मीद लगा रहे लोगों को निराशा हो सकती है क्योंकि देश की सबसे पुरानी पार्टी से जुड़ी समस्याओं का कोई त्वरित समाधान नहीं हैं।प्रशांत किशोर ने ट्वीट किया, "लखीमपुर खीरी की घटना के आधार पर देश की सबसे पुरानी पार्टी की अगुवाई में विपक्ष के त्वरित और स्वाभाविक रूप से उठ खड़े होने की उम्मीद लगा रहे लोग निराश हो सकते हैं। दुर्भाग्यवश सबसे पुरानी पार्टी में लंबे समय से घर कर चुकी समस्याओं और ढांचागत कमजोरियों का कोई त्वरित समाधान नहीं है।"प्रशांत किशोर के इस ट्वीट के बाद कांग्रेस की तरफ से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मैदान में उतरे। उन्होंने बिना नाम लिए प्रशांत किशोर के ट्वीट का जवाब ट्वीट से दिया। भूपेश बघेल ने कहा कि कांग्रेस के चुनाव नहीं जीत पाने वाले नेताओं को अपने पाले में मिलाकर ‘राष्ट्रीय विकल्प’ बनने की उम्मीद कर रहे लोगों को बहुत निराशा होगी क्योंकि राष्ट्रीय स्तर पर विकल्प के मुद्दे का कोई त्वरित समाधान नहीं हो सकता।भूपेश बघेल की तरफ से आई प्रतिक्रिया पर इसबार जवाब खुद टीएमसी के ट्विटर हैंडल से दिया गया। टीएमसी ने ट्वीट कर कहा, "पहली बार सीएम बने भूपेश बघेल जी, बात तो आपने अच्छी कही है, लेकिन अपने वजन से ज्यादा बोल गए इससे आपको कोई फायदा नहीं होने वाला। आलाकमान को खुश करने की अच्छी कोशिश की आपने। खैर..क्या कांग्रेस इस एक और ट्विटर ट्रेंड के जरिए अमेठी में अपनी ऐतिहासिक हार को भूला देना चाहती है?" हालांकि इस बारे में जब कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि वो किसी ‘कंसल्टेंट’ की टिप्पणी पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देंगे। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के एक बयान पर उन्होंने कहा, "राजनीति में सबको कोशिश करने का अधिकार है, पर आखिर में जिसे जनता स्वीकारेगी, वही आगे बढ़ पाएगा और जनता की लड़ाई जमीन पर केवल और केवल उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी जी और राहुल गांधी जी लड़ रहे हैं।"
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Fact Check: क्या बदल गया हजरत निज़ामुद्दीन रेलवे स्टेशन का नाम? जानिए सच्चाई
सरकार ने इस दावे को पूरी तरह से फर्जी और निराधार करार किया है। सरकारी Twitter हैंडल PIBFactCheck ने इस दावे को फर्जी बताया।
नई दिल्ली. पिछले कुछ सालों में सरकार ने देश में कई जगहों का नाम बदला है, जिसमें कई प्रसिद्ध सड़कें, शहर, जिले और रेलवे स्टेशनों के नाम शामिल हैं। अब सोशल मीडिया पर एक पोस्ट जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि राजधानी दिल्ली स्थित प्रमुख रेलवे स्टेशनों में से एक हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन का नाम अब बदल दिया गया है। वायरल पोस्ट में दावा किया गया है कि भारतीय रेलवे ने हज़रत निज़ामुद्दीन रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर अब "महाराणा प्रताप एक्सप्रेशन" कर दिया है।क्या है सच्चाईसरकार ने इस दावे को पूरी तरह से फर्जी और निराधार करार किया है। सरकारी Twitter हैंडल PIBFactCheck ने इस दावे को फर्जी बताया।नई दिल्ली. पिछले कुछ सालों में सरकार ने देश में कई जगहों का नाम बदला है, जिसमें कई प्रसिद्ध सड़कें, शहर, जिले और रेलवे स्टेशनों के नाम शामिल हैं। अब सोशल मीडिया पर एक पोस्ट जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि राजधानी दिल्ली स्थित प्रमुख रेलवे स्टेशनों में से एक हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन का नाम अब बदल दिया गया है। वायरल पोस्ट में दावा किया गया है कि भारतीय रेलवे ने हज़रत निज़ामुद्दीन रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर अब "महाराणा प्रताप एक्सप्रेशन" कर दिया है।क्या है सच्चाईPIBFactCheck ने ट्वीट कर कहा, "सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक पोस्ट मे दावा किया जा रहा है कि भारतीय रेलवे ने हज़रत निज़ामुद्दीन रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर अब "महाराणा प्रताप एक्सप्रेशन" कर दिया है। PIBFactCheck: यह दावा फर्जी है। रेल मंत्रालय ने ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया है।"इससे पहले भी रेलवे को लेकर भी किया गया था फर्जी दावाइससे पहले भी रेलवे को लेकर भी एक फर्जी दावा किया गया था। WhatsApp पर एक मैसेज जमकर शेयर किया जा रहा था कि कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए देखते हुए भारतीय रेलवे 1 दिसंबर के बाद से या दिसंबर महीने में बाद कोविड स्पेशल ट्रेनों के साथ-साथ चलाई जा रही सभी पैसेंजर ट्रेनों की सेवाएं रोकने जा रही है।PIB फैक्ट चेक ने ट्वीट कर इस मैसेज को भी पूरी तरह से फर्जी और निराधार बताया था।PIB Fact Check ने ट्वीट कर कहा था, "एक WhatsApp फॉरवर्ड में ये दावा किया जा रहा है कोविड-19 स्पेशल ट्रेनों के साथ-साथ रेलवे द्वारा चलाई जा रही सभी स्पेशल ट्रेनें 1 दिसंबर के बाद से निरस्त कर दी जाएंगी। #PIBFactCheck: यहा दावा पूरी तरह से गलता है। रेल मंत्रालय ने 1 दिसंबर के बाद से ट्रेन सेवाओं को निरस्त करने या ट्रेनों को रोकने का ऐसा कोई फैसला नहीं किया है।"
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एक दिन में 15 प्रतिशत बढ़े कोरोना के मामले, 1 लाख 94 हजार 720 नए केस, 442 लोगों की हुई मौत
बीते 24 घंटे में 1 लाख 94 हजार 720 नए मामलों की पुष्टि हुई है। इस दौरान 442 लोगों की मौत हुई है और 60 हजार 405 लोग ठीक हुए हैं। भारत में अभी 9 लाख 55 हजार 319 एक्टिव केस हैं।
देशभर में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। बीते 24 घंटे में 1 लाख 94 हजार 720 नए मामलों की पुष्टि हुई है। इस दौरान 442 लोगों की मौत हुई है और 60 हजार 405 लोग ठीक हुए हैं। भारत में अभी 9 लाख 55 हजार 319 एक्टिव केस हैं। पॉजिटिविटी रेट भी 11.05 प्रतिशत पहुंच गई है। इस दौरान ओमिक्रॉन के 4 हजार 868 मामले सामने आए हैं।मंगलवार के मुकाबले आज कोरोना के 26 हजार 657 ज्यादा मामले सामने आए हैं यानी करीब 15.8 प्रतिशत मामले सिर्फ एक दिन में ही बढ़ गए हैं। मंगलवार को 1 लाख 68 हजार 63 मामले सामने आए थे। राजधानी दिल्ली में कोरोना के मामले बढ़ हैं। दिल्ली में कोविड-19 से 23 और लोगों की मौत हो गई तथा संक्रमण के 21,259 नए मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही राष्ट्रीय राजधानी में संक्रमण दर बढ़कर 25.65 प्रतिशत हो गई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा मंगलवार को यहां साझा किए गए आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। विभाग ने कहा कि सोमवार को कुल 82,884 नमूनों की जांच की गई, जिनमें 61,060 आरटी-पीसीआर जांच शामिल हैं।इसने कहा कि दिल्ली में अस्पतालों में इस समय कुल 2,209 कोविड मरीज भर्ती हैं जिनमें से 84 वेंटिलेटर पर हैं। स्वास्थ्य विभाग ने जानकारी दी कि दिल्ली में कोविड-19 के वर्तमान में 74,881 उपचाराधीन मामले हैं, जिनमें से 50,796 लोग गृह पृथक-वास में हैं।वहीं, आपको बता दें कि कोरोना के बढ़ते खतरे की वजह से दिल्ली में सभी प्राइवेट दफ्तर बंद करने के आदेश दे दिए गए हैं। दिल्ली में अब सिर्फ इमरजेंसी सेवा से जुड़े प्राइवेट दफ्तर ही खुलेंगे। बाकी सबको वर्क फ्रॉम होम करना होगा। दिल्ली में कोरोना का पॉजिटिविटी रेट बढ़ कर 25 फीसदी हो गया है। इसलिए दिल्ली सरकार को ये बड़ा फैसला लेना पड़ा है।
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ड्रोन अटैक के खतरों से निपटने के लिए क्या कर रही है भारतीय सेना? आर्मी चीफ नरवणे ने बताया
सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने बृहस्पतिवार को कहा कि ड्रोन की आसानी से उपलब्धता ने सुरक्षा चुनौतियों की जटिलता बढ़ा दी है और भारतीय सेना खतरों से प्रभावी तरीके से निपटने की क्षमताएं विकसित कर रही है चाहे ये खतरे देश प्रायोजित हों या देशों ने खुद पैदा किए हों।
नयी दिल्ली: सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने बृहस्पतिवार को कहा कि ड्रोन की आसानी से उपलब्धता ने सुरक्षा चुनौतियों की जटिलता बढ़ा दी है और भारतीय सेना खतरों से प्रभावी तरीके से निपटने की क्षमताएं विकसित कर रही है चाहे ये खतरे देश प्रायोजित हों या देशों ने खुद पैदा किए हों। एक थिंक टैंक में दिए गए संबोधन में जनरल नरवणे ने कहा कि सुरक्षा प्रतिष्ठान चुनौतियों से अवगत हैं और इनसे निपटने के लिए कुछ कदम उठाए गए हैं। जनरल नरवणे ने कहा, ‘‘हम खतरे से निपटने के लिए क्षमताएं विकसित कर रहे हैं, चाहे ये खतरे देश प्रायोजित हों या खुद देशों ने पैदा किए हों। हम गतिज और गैर गतिज क्षेत्र दोनों में ड्रोन खतरे से निपटने की क्षमताएं विकसित कर रहे हैं।’’ जनरल नरवणे से जम्मू वायु सेना स्टेशन पर हाल में हुए ड्रोन हमले के बारे में पूछा गया था। जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर हालात पर सेना प्रमुख ने कहा कि भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच फरवरी में हुए संघर्ष विराम समझौते के बाद नियंत्रण रेखा पर कोई घुसपैठ नहीं हुई। उन्होंने कहा कि कोई घुसपैठ न होने के कारण कश्मीर में आतंकवादियों की संख्या कम है और आतंकवाद से संबंधित घटनाएं भी कम हुई हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमेशा ऐसे तत्व रहेंगे जो शांति और विकास की प्रक्रिया को बाधित करने की कोशिश करेंगे, हमें इसका ध्यान रखना होगा।’’ हालांकि उन्होंने इस बारे में विस्तार से नहीं बताया। जनरल नरवणे ने कहा, ‘‘हमारा जम्मू कश्मीर में आतंकवाद रोधी और घुसपैठ रोधी मजबूत तंत्र है तथा शांति एवं सामंजस्य सुनिश्चित करने का हमारा अभियान जारी रहेगा।’’ /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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केंद्र की ढुलमुल नीति से टीकाकरण अधर में, मुफ्त में टीका लगाया जाना सुनिश्चित हो: कांग्रेस
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘‘आज देश में प्रतिदिन औसतन 19 लाख लोगों को टीका लग पा रहा है। केंद्र सरकार की ढुलमुल टीका नीति ने टीकाकरण को अधर में लाकर छोड़ दिया है।’’
नई दिल्ली. कांग्रेस ने देश के सभी नागरिकों को कोविड रोधी टीका मुफ्त में लगाए जाने की मांग करते हुए बुधवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की ढुलमुल नीति की वजह से टीकाकरण अधर में लटक गया है। मुख्य विपक्षी पार्टी ने मुफ्त टीकाकरण की पैरवी करते हुए विभिन्न सोशल मीडिया मंचों पर ‘स्पीक-अप फॉर फ्री यूनिवर्सल वैक्सीनेशन’ हैशटैग से अभियान चलाया है।पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस अभियान के तहत ट्वीट किया, ‘‘कोरोना वायरस महामारी के ख़िलाफ़ सबसे मज़बूत सुरक्षा कवच सिर्फ़ टीका है। देश के जन-जन का मुफ़्त टीकाकरण करने के लिए आप भी आवाज़ उठाइये- केंद्र सरकार को जगाइये!’’कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘‘आज देश में प्रतिदिन औसतन 19 लाख लोगों को टीका लग पा रहा है। केंद्र सरकार की ढुलमुल टीका नीति ने टीकाकरण को अधर में लाकर छोड़ दिया है।’’उन्होंने दावा किया, ‘‘भारत के लोगों ने आशा की थी कि सबके लिए मुफ्त टीका की नीति बनेगी लेकिन केंद्र सरकार ने दिया क्या? टीकाकरण केन्द्रों पर ताले, एक देश में टीके के 3 दाम, अभी तक मात्र 3.4 प्रतिशत आबादी का पूर्ण टीकाकरण, जिम्मेदारी त्याग कर भार राज्यों पर डालना । दिशाहीन टीका नीति।’’कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने एक वीडियो जारी कहा, ‘‘एक टीका ही है जो पूरी दुनिया को और भारत को कोविड से बचा सकता है। इसलिए हमारी मांग है कि देशवासियों को मुफ्त में टीका लगाया जाना चाहिए।’’ पार्टी के कई अन्य नेताओं ने भी इस अभियान के तहत मुफ्त टीकाकरण की मांग उठाई।
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सीतापुर में महिला सिपाही से छेड़खानी के आरोपी युवक ने जहर खाकर दी जान
उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में छेड़खानी के आरोप में हिरासत में लिए गए एक युवक द्वारा जहर खाकर खुदकुशी करने की खबर सामने आई है।
सीतापुर: उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में छेड़खानी के आरोप में हिरासत में लिए गए एक युवक द्वारा जहर खाकर खुदकुशी करने की खबर सामने आई है। पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, सीतापुर जिले के हरगांव थाना क्षेत्र में एक महिला सिपाही के साथ कथित छेड़खानी के आरोप में पुलिस हिरासत में लिए गए प्रभास नाम के युवक ने जहर खाकर आात्‍महत्‍या कर ली। वहीं, मृतक के भाई ने आरोप लगाया है कि उसके भाई को पुलिस थाने में पीटा गया था जिससे उसके आत्मसम्मान को काफी ठेस पहुंची थी। मृतक के भाई ने कहा कि उसका भाई निर्दोष था और अपनी बेइज्जती के चलते उसने खुदकुशी जैसा कदम उठाया।‘प्रभास को बुधवार को पकड़ा गया था’घटना के बारे में जानकारी देते हुए सीतापुर के पुलिस अधीक्षक आर. पी. सिंह ने शनिवार को बताया कि प्रभास को बाजार में एक महिला पुलिसकर्मी से छेड़खानी के आरोप में बुधवार को पकड़ा गया था। उन्‍होंने बताया कि प्रभास को पुलिस थाने लाया गया जहां बॉन्ड पर हस्‍ताक्षर कराने के बाद उसे रिहा कर दिया गया। अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार की रात को उसने कथित तौर पर जहर खा लिया। अधिकारी ने बताया कि प्रभास की हालत को देखते हुए उसे जिला अस्‍पताल सीतापुर में भर्ती कराया गया, जहां से गंभीर हालत में लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी भेज दिया गया।‘प्रभास ने छेड़खानी नहीं की थी’पुलिस अधीक्षक आर. पी. सिंह ने कहा कि किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में इलाज के दौरान प्रभास की मौत हो गयई। वहीं, मृतक के भाई ने आरोप लगाया कि उसके भाई को पुलिस थाने में पीटा गया और उसने आत्‍मसम्‍मान के लिए यह कदम उठाया क्‍योंकि उसने छेड़खानी नहीं की थी। प्रभास द्वारा छोड़े गये सुसाइड नोट में कहा गया है कि उन्‍हें पुलिस स्‍टेशन में अपमानित किया गया और दस हजार रुपये लेकर रिहाई की गई। सिंह ने एएसपी राजीव दीक्षित को मामले की जांच करने का आदेश दिया है। (भाषा)
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Diwali 2021: नौशेरा में PM मोदी ने देश के सैनिकों को किया संबोधित, जानिए 10 बड़ी बातें
प्रधानमंत्री मोदी ने सरहद की हिफाजत में तैनात रणबांकुरों को मिठाई खिलाई, उनसे बातचीत की और संबोधित किया। पीएम मोदी ने जवानों के साथ भारत माता की जय के नारे भी लगाए और देश से एक दीया देश के वीर जवानों के शौर्य के नाम जलाने की अपील की।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज जम्मू कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में जवानों के साथ दिवाली मना रहे हैं। उन्होंने देश के अमर जवानों को श्रद्धांजलि दी और सैल्यूट किया। नौशेरा पहुंचते ही प्रधानमंत्री ने हमारी सरहद की हिफाजत में तैनात रणबांकुरों को मिठाई खिलाई, उनसे बातचीत की और संबोधित किया। पीएम मोदी ने जवानों के साथ भारत माता की जय के नारे भी लगाए और देश से एक दीया देश के वीर जवानों के शौर्य के नाम जलाने की अपील की।
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World Puppetry Day 2022: आज से 5 शहरों में आयोजित होगा पुतुल उत्सव, जानें कठपुतली कला का रोचक इतिहास
कठपुतली नृत्य को लोकनाट्य की ही एक शैली माना गया है। यह अत्यंत प्राचीन नाटकीय खेल है जिसमें लकड़ी, धागे, प्लास्टिक या प्लास्टर ऑफ पेरिस की गुड़ियों द्वारा जीवन के प्रसंगों की अभिव्यक्ति का मंचन किया जाता है। इस महान कला को संरक्षित करने के लिए देश के पांच बड़े शहरों हैदराबाद (तेलंगाना), वाराणसी (उत्तर प्रदेश), अंगुल (ओडिशा), अगरतला (त्रिपुरा) और दिल्ली में पुतल उत्सव का आयोजन किया जा रहा है।
नई दिल्ली: कठपुतली यानी लकड़ी या काठ का बना खिलौना जो प्राचीन काल से ही लोगों के मनोरंजन का एक साधन रहा है। विद्वानों की मानें तो भारतीय नाट्यकला का जन्म भी कठपुतली के खेल से ही हुआ है। इस प्राचीन कला को लोगों के बीच और अधिक लोकप्रीय बनाने के लिए विश्व कठपुतली दिवस (21 मार्च) के अवसर पर संगीत नाटक अकादमी पुतुल उत्सव का आयोजन करने जा रही है। इस उत्सव को देश के 5 बड़े शहरों में आयोजित किया जाएगा। खास बात यह है कि इस बार पुतुल उत्सव आजादी के अमृत महोत्सव के रंग में रंगा होगा, और यही वजह है कि इसकी थीम भी आजादी के रंग, पुतल के संग रखी गई है। 5 शहरों में मनेगा पुतुल उत्सवकठपुतली नृत्य को लोकनाट्य की ही एक शैली माना गया है। यह अत्यंत प्राचीन नाटकीय खेल है जिसमें लकड़ी, धागे, प्लास्टिक या प्लास्टर ऑफ पेरिस की गुड़ियों द्वारा जीवन के प्रसंगों की अभिव्यक्ति का मंचन किया जाता है। इस महान कला को संरक्षित करने के लिए देश के पांच बड़े शहरों हैदराबाद (तेलंगाना), वाराणसी (उत्तर प्रदेश), अंगुल (ओडिशा), अगरतला (त्रिपुरा) और दिल्ली में पुतल उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। हैदराबाद और वाराणसी में यह उत्सव 21 से 23 मार्च यानी तीन दिनों तक चलेगा, वहीं अंगुल में यह उत्सव 21 और 22 मार्च को आयोजित किया जाएगा। दिल्ली और अगरतला में एक दिवसीय यानी 21 मार्च को पुतुल उत्सव का आयोजन होगा। इस उत्सव में देश की जानी-मानी पुतुल संस्थाएं भी भाग लेंगी।Image Source : INDIA TVpuppet festivalकठपुतली कला का रोचक है इतिहासकठपुतली के इतिहास के बारे में कहा जाता है कि ईसा पूर्व चौथी शताब्दी में महाकवि पाणिनी के अष्टाध्याई ग्रंथ में पुतला नाटक का उल्लेख मिलता है। साथ ही सिंहासन बत्तीसी नामक कथा में भी 32 पुतलियों का उल्लेख है। पुतली कला की प्राचीनता के संबंध में तमिल ग्रंथ ‘शिल्पादिकारम्’ से भी जानकारी मिलती है।पुतली कला कई कलाओं जैसे लेखन, नाट्य कला, चित्रकला, वेशभूषा, मूर्तिकला, काष्ठकला, वस्त्र-निर्माण कला, रूप-सज्जा, संगीत, नृत्य आदि का मिश्रण है। अब कठपुतली का उपयोग मात्र मनोरंजन के लिए नहीं बल्कि शिक्षा कार्यक्रमों, रिसर्च कार्यक्रमों, विज्ञापनों आदि अनेक क्षेत्रों में किया जा रहा है। साथ ही साथ यह बच्चों के व्यक्तित्व के बहुमखी विकास में सहायक होता है। बता दें कि, भारत में सभी प्रकार की पुतलियां पाई जाती हैं, जैसे धागा पुतली, छाया पुतली, छड़ पुतली, दस्ताना पुतली आदि।Image Source : INDIA TVpuppet festivalआजादी का संदेश देंगे पुतुलसंगीत नाटक अकादमी की सचिव टेमसुनारो जमीर ने बताया कि आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर पूरा देश अमृत महोत्सव मना रहा है। इस बार पुतुल उत्सव भी आजादी के अमृत महोत्सव के रंग में रंगा होगा। देश में पुतुल कला को बढ़ावा देने के लिए उत्सव के दौरान कुछ शहरों में वर्कशॉप भी आयोजित की जा रही है। इसके अलावा कार्यक्रमों में पुतुल के माध्यम से आजादी के संघर्ष को दर्शाया जाएगा। इस उत्सव में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, आजाद, प्रकृति की महिमा, सत्याग्रह, रानी लक्ष्मी बाई और महालक्ष्मी कथा जैसे अनेक विषयों पर पुत्ली नृत्य दिखाया जाएगा। यह उत्सव भारत और विश्व के सांस्क़ृतिक और प्राचीन कला को संरक्षित करने की ओर एक सफल कदम साबित होगा।यहां होंगे कार्यक्रम- हैदराबाद के सीसीआरटी एम्फी थिएटर में 21 से 23 मार्च को सुबह 10:00 बजे और शाम 7:00 बजे से होंगे कार्यक्रम- बनारस के सुबह-ए- बनारस, अस्सी घाट पर 21 और 22 मार्च को शाम 7:00 बजे से और दीनदयाल हस्तकला संकुल में 23 मार्च को सुबह 11:00 बजे से होंगे कार्यक्रम- उड़ीसा के अंगुल जिले में स्थित श्रीराम इंस्टीट्यूट ऑफ शैडो थिएटर में 21 मार्च को सुबह 11:30 बजे और शाम 6:15 बजे, 22 मार्च को सुबह 10:00 बजे और शाम 6:15 बजे से होंगे कार्यक्रम- मुक्ताधारा ऑडिटोरियम अगरतला, त्रिपुरा में 21 मार्च को दोपहर 12:00 बजे से शुरू होगा पुतुल उत्सव- जनमाध्यम संस्था, आया नगर, नई दिल्ली में 21 मार्च को दोपहर 2 बजे से आयोजित होंगे कार्यक्रम
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कब सुधरेगी दिल्ली की हवा?
राष्ट्रीय राजधानी में 1 नवंबर तक हवा की गति बढ़ने के कारण वायु प्रदूषण के स्तर में उल्लेखनीय सुधार होने की संभावना है।
नई दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी में 1 नवंबर तक हवा की गति बढ़ने के कारण वायु प्रदूषण के स्तर में उल्लेखनीय सुधार होने की संभावना है। यह जानकारी पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तत्वावधान में आने वाले सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च ने शुक्रवार को दी। राजधानी शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक दोपहर 12:00 बजे 381 के साथ अत्यंत खराब श्रेणी में दर्ज किया गया था। सफर ने आगे जानकारी दी कि, क्षेत्र में शांत सतही वायु चलती हैं और हवाओं की गति बढ़ने का पूवार्नुमान लगाया गया है, जिससे कि वायुमंडल के सकारात्मक रूप से प्रभावित होने की संभावना है। बढ़ी हुई सतही हवा की गति के कारण 1 नवंबर तक स्थिति में काफी सुधार होने की संभावना है।इसके अलावा स्टब फायर काउंट में काफी कमी आई है और गुरुवार को यह 1,143 पर रहा। यद्यपि क्षेत्र की ओर प्रदूषक परिवहन के लिए सीमा परतीय वायु की दिशा अनुकूल है, फिर भी वेंटिलेशन की स्थिति में सुधार होने से दिल्ली में प्रदूषक के स्तर को नीचे लाने की संभावना है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, दिल्ली के 35 प्रदूषण निगरानी केंद्रों में से 12 में वायु गुणवत्ता सूचकांक को 'गंभीर' स्तर पर दर्ज किया गया है। दिल्ली के बवाना इलाके में सबसे खराब वायु गुणवत्ता सूचकांक 447 दर्ज किया गया, जो 'गंभीर' श्रेणी में रहा।इनके अलावा, 22 प्रदूषण निगरानी स्टेशन ने 'बहुत खराब' रीडिंग और एक ने मध्यम एयर क्वालिटी इंडेक्स दर्ज किया। समग्र प्रदूषण स्तर 'बहुत खराब' श्रेणी में रहा। इस बीच दिल्ली के पड़ोसी क्षेत्रों, गुरुग्राम, गाजियाबाद, फरीदाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में भी हवा की गुणवत्ता बहुत खराब रही। इन सभी में ग्रेटर नोएडा और नोएडा की हवा वर्तमान में सबसे प्रदूषित है। वायु प्रदूषण से निपटने के लिए राष्ट्रपति ने बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु गुणवत्ता के प्रबंधन के लिए केंद्र द्वारा लाए गए अध्यादेश पर हस्ताक्षर किया है।द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (टीईआरआई) के महानिदेशक अजय माथुर ने IANS को बताया, "मैं इस अध्यादेश, इसके उद्देश्यों और इसके लिए दी गई शक्तियों का समर्थन कर रहा हूं। आयोग की प्रभावशीलता का निर्धारण उसके स्थायी सदस्यों, विशेष रूप से उसके अध्यक्ष के चुनाव से होगा। हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि ये सदस्य राज्यों को वायु गुणवत्ता समाधानों के लिए एक बंधन में बांधने की क्षमता रखते हैं, जो हमारी वायु गुणवत्ता की समस्याओं को हल कर सकते हैं और हल करेंगे।"
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ओडिशा में सामने आए Coronavirus के रिकॉर्ड 3,371 नए मामले, 13 और लोगों की मौत
ओडिशा में बुधवार को कोरोना वायरस संक्रमण के रिकॉर्ड 3,371 नए मरीज सामने आए हैं। वहीं, इस खतरनाक वायरस से 13 और लोगों की मौत हो गई। राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या अब 87,602 जबकि मृतकों की संख्या 441 है।
भुवनेश्वर: ओडिशा में बुधवार को कोरोना वायरस संक्रमण के रिकॉर्ड 3,371 नए मरीज सामने आए हैं। वहीं, इस खतरनाक वायरस से 13 और लोगों की मौत हो गई। राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या अब 87,602 जबकि मृतकों की संख्या 441 है। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि नए मामले सभी 30 जिलों से सामने आए हैं जबकि सात जिलों में लोगों की मौतें हुई हैं। अधिकारी ने बताया कि नए मरीजों मे से 2,053 मरीज पृथक-वास केंद्रों से हैं जबकि 1,318 मरीजों का पता संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों की तलाश के दौरान चला। उन्होंने बताया कि खुर्दा जिले में सबसे ज्यादा 547 नए मरीज मिले हैं। भुवनेश्वर भी खुर्दा का हिस्सा है। वहीं कटक में 357 और गंजाम में 196 मामले सामने आए हैं।राज्य के कुल 30 में से 11 जिलों में संक्रमण के 100 से ज्यादा मामलै सामने आए हैं। अधिकारी ने बताया कि राज्य में इससे पहले 22 अगस्त को रिकॉर्ड 2,993 मामले सामने आए थे। उन्होंने बताया कि सुंदरगढ़ और सम्बलपुर जिलों में तीन-तीन लोगों की मौत हुई। वहीं कटक और गंजाम में दो-दो लोगों की मौत हुई जबकि क्योंझर, पुरी और खुर्दा में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई। राज्य में कुल 441 मौतों में से सबसे ज्यादा 183 लोगों की मौत गंजाम जिले में हुई है। राज्य में 27,638 लोगों का इलाज चल रहा है और 59,470 लोग अब तक इस बीमारी से स्वस्थ हो चुके हैं।
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लव जिहाद पर सख्त योगी आदित्यनाथ, VHP भी चाहती है कड़ा कानून
उत्तर प्रदेश में इन दिनों लव जिहाद का मुद्दा उफान पर है। राज्य के कानपुर, लखीमपुर खीरी, बलरामपुर सहित अनेक जिलों से आ रही महिला उत्पीड़न और लव जिहाद पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में इन दिनों लव जिहाद का मुद्दा उफान पर है। राज्य के कानपुर, लखीमपुर खीरी, बलरामपुर सहित अनेक जिलों से आ रही महिला उत्पीड़न और लव जिहाद पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। वहीं इस मुद्दे को लेकर लंबे समय से संघर्ष कर रहे विश्व हिन्दू परिषद चाहता है कि इसे रोकने के लिए कड़ा कानून बनाया जाए। मामले बढ़ता देख मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों से ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं।हाल के कुछ दिनों में मेरठ, खीरी, कानपुर में लव जिहाद के मामले तूल पकड़ते जा रहे हैं। अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी के अनुसार, मुख्यमंत्री ने महिला उत्पीड़न और लव जिहाद मामलों को तेज गति से और सख्त कार्रवाई करने को कहा है। मेरठ, कानपुर व लखीमपुर खीरी में पिछले दिनों लड़कियों को प्रेमजाल में फंसाने की बातें सामने आई हैं।कानपुर के विश्व हिन्दू परिषद के प्रांत संगठन मंत्री मधुराम मिश्रा का कहना है, लव जिहाद का मामला बहुत पुराना है। इसे लेकर एक गिरोह सक्रिय है। उन्होंने बताया कि कानपुर, फरूर्खाबाद, झांसी, इटावा, हमीरपुर, ललितपुर, फतेहपुर, हर जिले में कुछ न कुछ केस हैं। लोग हमारे संपर्क में है। इसे लेकर हम लोग जागरूकता कर रहे हैं।बीते दिनों कानपुर के बर्रा-6 की युवती ने सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल कर धर्म परिवर्तन कर अपनी मर्जी से निकाह करने की बात कही थी। इसके बाद विश्व हिंदू परिषद के कार्यकतार्ओं ने युवक पर जबरन धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगाते हुए किदवई नगर थाने के बाहर हंगामा किया। उन्होंने युवती को बरामद करने और आरोपी युवक को गिरफ्तार कर कार्रवाई की मांग की थी।विश्व हिन्दू परिषद के क्षेत्र प्रसार प्रमुख भोलेन्द्र ने बताया कि लव जिहाद के मामले उत्तर प्रदेश के हर जिले में नेटवकिर्ंग के रूप में काम कर रहा है। इसके बाकायदे एजेंटे हैं। लखीमपुर और कानुपर की घटना उजागर हुई है। गरीब तपके और ग्रामीणों को इसमें टारगेट किया जाता है।एडीजी कानून व्यवस्था प्रशान्त कुमार ने कहा, पुलिस महिला हिंसा मामले में संवेदनशीलता के साथ काम कर रही है। इन्टरफेथ बातों पर विषेश ध्यान दिया जा रहा है। जहां से र्पिोट आ रही है, उसे विशेष रूप से देखा जा रहा है। सभी जगह मेरिट के आधार पर काम होता है।ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव में इस मुद्दे को बड़ी तेजी के साथ उठाया गया था। 2014 के उपचुनाव के दौरान योगी आदित्यनाथ चुनावी रैलियों में कहते थे, ''अब जोधाबाई अकबर के साथ नहीं जाएगी और सिकंदर अपनी बेटी चंद्रगुप्त मौर्य को देने के लिए मजबूर होगा। योगी कई बार इसे अन्तर्राष्ट्रीय सजिश भी बता चुके हैं।
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झारखंड: 24 घंटे में कोरोना के 449 नए मामलों की पुष्टि, 2 मरीजों की मौत
झारखंड में कोरोना के मामले कम होते नज़र आ रहे हैं। बीते 24 घंटे में राज्य में 449 नए कोरोना के मामलों की पुष्टि हुई है। इसमें से 90 संक्रमित रांची और 187 जमशेदपुर में मिले हैं।
झारखंड में शनिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 449 नए मामले मिले जबकि दो और कोविड मरीजों की मौत हो गई। झारखंड सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा शनिवार रात को जारी आंकड़ों के अनुसार राज्य में चौबीस घंटों के दौरान 449 नए मामले दर्ज किए गए जिनमें से 90 संक्रमित रांची में और 187 नए मामले जमशेदपुर में मिले। रिपोर्ट में बताया गया है कि राज्य में इलाजरत कोविड मरीजों की संख्या 2787 है। पिछले चौबीस घंटों में 715 लोग कोरोना संक्रमण से ठीक हुए। राज्य में अब तक कुल 4,31,252 लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं जबकि कुल 4,23,155 कोरोना संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं। राज्य में कोरोना संक्रमण से दो और लोगों की मौत हो गई जो साराइकेला और हजारीबाग के रहने वाले थे। राज्य में कोरोना से मरने वालों की कुल संख्या बढ़कर 5,310 हो गई है।उत्तर प्रदेश में भी कोरोना वायरस के मामलों में कमी का दौर जारी है। बीते 24 घंटे में राज्य में 3807 नए मामले रिपोर्ट किए गए हैं। वहीं, पिछले 24 घंटे में कोविड से 8817 लोग ठीक होकर डिस्चार्ज हुए। जिसके बाद संक्रमण मुक्त मरीजों की संख्या 19 लाख 78 हजार 525 हो गई है।यूपी में एक्टिव मामलों की संख्या 36 हजार 411 हो गई है और पॉजिटिविटी रेट लगातार घट रही है। राज्य में फिलहाल 2.23% पॉजिटिविटी रेट है।
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तमिलनाडु में 23 अगस्त से खुलेंगे सिनेमाघर, राज्य सरकार ने स्कूलों पर भी लिया निर्णय
तमिलनाडु सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण के कारण लगाई गई पाबंदियों में और ढील दी है। राज्य सरकार ने 23 अगस्त से सिनेमाघरों को 50% क्षमता के साथ फिर से खोलने की अनुमति दे दी है।
चेन्नई: तमिलनाडु सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण के कारण लगाई गई पाबंदियों में और ढील दी है। राज्य सरकार ने 23 अगस्त से सिनेमाघरों को 50% क्षमता के साथ फिर से खोलने की अनुमति दे दी है। इसके साथ जिन दुकानों को रात 9 बजे तक खोलने की अनुमति थी, उन सभी दुकानों को 23 अगस्त से रात 10 बजे तक खोलने की अनुमति दी गई है। आईटी से जुड़ी कंपनियों को लेकर भी बड़ी फैसला लिया गया है। राज्य सरकार ने आईटी संबंधित कंपनियों को 100% कर्मचारियों के साथ काम करने की अनुमति दे दी है। हालांकि, पाबंदियों में छूट दी गई है लेकिन लॉकडाउन को पूरी तरह से नहीं हटाया गया है। राज्य सरकार ने लॉकडाउन को 6 सितंबर तक बढ़ा दिया है।लेकिन, इस बीच एक सितंबर से कक्षा 9 से कक्षा 12 तक के स्कूल खुल जाएंगे। राज्य सरकार ने 9वीं से 12वीं तक के छात्रों के लिए 1 सितंबर से 50% क्षमता के साथ स्कूल फिर से खुलने की अनुमति दे दी है। 1 सितंबर से सभी कॉलेजों में बारी-बारी से टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ के साथ काम किया जाएगा।
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ओडिशा: रथयात्रा पर पुरी में कर्फ्यू, छत से भी देखने की मनाही
ओडिशा सरकार ने शनिवार को कहा कि इस साल वार्षिक रथयात्रा उत्सव श्रद्धालुओं की भीड़ के बगैर ही होगा और उन्हें रथ के मार्ग में छतों से भी रस्म देखने की अनुमति नहीं होगी।
पुरी: ओडिशा सरकार ने शनिवार को कहा कि इस साल वार्षिक रथयात्रा उत्सव श्रद्धालुओं की भीड़ के बगैर ही होगा और उन्हें रथ के मार्ग में छतों से भी रस्म देखने की अनुमति नहीं होगी। पुरी के जिलाधिकारी समर्थ वर्मा ने यहां संवाददाताओं से कहा कि प्रशासन ने अपने फैसले की समीक्षा की है और रथयात्रा का दृश्य घरों एवं होटलों की छतों से देखने पर भी पाबंदी लगा दी गई है।उन्होंने कहा कि 12 जुलाई को होने वाले इस उत्सव से एक दिन पहले पुरी शहर में कर्फ्यू लगाया जाएगा जो अगले दिन दोपहर तक प्रभाव में रहेगा।वर्मा ने कहा कि भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ का यह उत्सव कोविड-19 महामारी के चलते लगातार दूसरे वर्ष बिना श्रद्धालुओं की भागीदारी के मनाया जा रहा है। उन्होंने शहर के लोगों से टेलीविजन पर इस उत्सव का सीधा प्रसारण देखने की अपील की।
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उत्तर प्रदेश में कोविड-19 संक्रमित 62 और लोगों की मौत, 5208 नए मरीज
उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटों के दौरान कोविड-19 संक्रमित 62 और लोगों की मौत हो गई तथा 5208 नए मरीजों में इस संक्रमण की पुष्टि हुई। स्वास्थ्य विभाग ने इसकी जानकारी दी।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटों के दौरान कोविड-19 संक्रमित 62 और लोगों की मौत हो गई तथा 5208 नए मरीजों में इस संक्रमण की पुष्टि हुई। स्वास्थ्य विभाग ने इसकी जानकारी दी। स्वास्थ्य विभाग की सोमवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य में 62 और मौतों के साथ राज्य में अब तक मरने वाले कोविड-19 संक्रमितों की संख्या बढ़कर 4491 हो गई है। रिपोर्ट के मुताबिक लखनऊ में सबसे ज्यादा आठ लोगों की मौत हुई है, जबकि कानपुर नगर में छह, गोरखपुर, वाराणसी और शाहजहांपुर में तीन-तीन, प्रयागराज, मेरठ, देवरिया, हरदोई, मुजफ्फरनगर, लखीमपुर-खीरी, पीलीभीत, संभल और फर्रुखाबाद में दो-दो जबकि मुरादाबाद, झांसी, बाराबंकी, अयोध्या, गाजीपुर, गोंडा, मथुरा, सीतापुर, सुल्तानपुर, चंदौली, बहराइच, सोनभद्र, बदायूं, कन्नौज, मऊ, ललितपुर, जालौन, औरैया, कानपुर देहात तथा बलरामपुर में कोविड-19 संक्रमित एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। राज्य में पिछले 24 घंटों के दौरान 5208 नए मरीजों में कोविड-19 संक्रमण की पुष्टि हुई है। लखनऊ में सबसे ज्यादा 992 नए मरीजों में इस संक्रमण की पुष्टि की गई है। इसके अलावा प्रयागराज में 346, कानपुर नगर में 341, गाजियाबाद में 278, मेरठ में 158 और वाराणसी में 154 नए मामले सामने आए हैं। राज्य में पिछले 24 घंटों के दौरान 5932 मरीज इस संक्रमण से उबर कर पूरी तरह ठीक हुए हैं। प्रदेश में इस वक्त कोविड-19 के 67287 मरीजों का अलग-अलग अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है।
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बच्चे को अपना दूध पिलाने वाली मां भी लगवा सकती है वैक्सीन, गर्भवती महिलाओं पर अभी फैसला नहीं: एक्सपर्ट ग्रुप
देश में कोरोना वायरस वैक्सीन के टीकाकरण पर सरकार को सुझाव देने वाले एक्सपर्ट ग्रुप (NEGVAC) ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को टीकाकरण को लेकर नए सुझाव दिए हैं और इन सुझावों में कहा गया है कि बच्चे को अपना दूध पिलाने वाली माताएं भी वैक्सीन लगवा सकती हैं।
नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस वैक्सीन के टीकाकरण पर सरकार को सुझाव देने वाले एक्सपर्ट ग्रुप (NEGVAC) ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को टीकाकरण को लेकर नए सुझाव दिए हैं और इन सुझावों में कहा गया है कि बच्चे को अपना दूध पिलाने वाली माताएं भी वैक्सीन लगवा सकती हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक्सपर्ट ग्रुप के इन सुझावों को मान लिया है। गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन देने के मामले पर एक्सपर्ट ग्रुप अभी अंतिम नतीजे तक नहीं पहुंचा है।एक्सपर्ट ग्रुप ने इसके अलावा कई और सुझाव भी दिए हैं, जिनमें बताया गया है कि अगर कोई व्यक्ति वैक्सीन का पहला टीका लेने के बाद कोरोना से संक्रमित होता है तो उसे कितने दिनों के बाद दूसरा टीका लेना चाहिए। वैक्सीन पर सरकार को सुझाव देने वाले एक्सपर्ट ग्रुप ने कहा है कि वैक्सीन की पहली डोज लेने के बाद अगर कोई व्यक्ति कोरोना से संक्रमित होता है तो उसे ठीक होने के 3 महीने के बाद वैक्सीन की दूसरी डोज लेनी चाहिए। साथ में ऐसे लोग जो पहली डोज लेने के बाद संक्रमित हो जाएं और उनका उपचार प्लाज्मा पद्धति से किया गया हो, उन्हें भी अस्पताल से डिस्चार्ज होने के 3 महीने के बाद ही दूसरी वैक्सीन डोज लेने की सलाह दी गई है। एक्सपर्ट ग्रुप के सुझावों में यह भी कहा गया है कि ऐसे लोग जो अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित हों और उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती हों, उन्हें भी ठीक होने के 4-8 हफ्ते के बाद ही वैक्सीन देनी चाहिए। स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक्सपर्ट ग्रुप (NEGVAC)के इन सभी सुझावों को मानने के बाद सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रद्शों को निर्देश दिया है कि वे अपने सभी संबंधित अधिकारियों को इन नए नियमों से अवगत कराएं और टीकाकरण की आगे की प्रक्रिया के दौरान इन नए नियमों का ध्यान रखा जाए।
hindi_2022_11205
योगी सरकार का बड़ा फैसला, व्यापारियों पर से वापस होंगे लॉकडाउन उल्लंघन के मुकदमे
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने गुरुवार को सूबे के व्यापारियों पर से लॉकडाउन उल्लंघन के मामले वापस लेने का निर्णय लिया है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने गुरुवार को सूबे के व्यापारियों पर से लॉकडाउन उल्लंघन के मामले वापस लेने का निर्णय लिया है। यह प्रदेश के उन व्यापारियों के लिए बड़ी खबर है की जिन्होंने लॉकडाउन के दौरान जिला प्रशासन के आदेश का उल्लंघन करके दुकान खोली थी और उन पर पुलिस केस दर्ज हुआ था। योगी सरकार अब ऐसे मुकदमे वापस लेने जा रही है और निश्चित तौर पर ये व्यापारियों के लिए एक बड़ी राहत होगी। बता दें कि देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान भी कई व्यापारियों ने अपनी दुकानें खोल रखी थीं, जिसके चलते उनके ऊपर मुकदमा दर्ज किया गया था। ऐसे मुकदमों की तादाद 10 हजार से भी ज्यादारिपोर्ट्स के मुताबिक, गुरुवार को उत्तर प्रदेश के कानून मंत्री बृजेश पाठक ने विधि और न्याय विभाग में इन मामलों को भेजा है ताकि ये मुकदमे वापिस किए जा सके। रिपोर्ट्स के मुताबिक, व्यापारियों पर किए गए ऐसे मुकदमों की संख्या 10 हजार से भी ज्यादा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उत्तर प्रदेश युवा उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल व लखनऊ कपड़ा व्यापार मंडल के पदाधिकारी शुक्रवार को विधि एवं न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक से उनके आवास पर मिले थे। व्यापारियों ने उन्हें चार सूत्रीय मांग पत्र सौंपा। इसमें लॉकडाउन उल्लंघन के नाम पर प्रदेश के व्यापारियों पर दर्ज की गई एफआईआर को निष्प्रभावी करने की मांग की गई थी।व्यापारियों से मुलाकात के बाद सरकार का फैसलाव्यापारियों से इस मुलाकात के बाद अब योगी सरकार ने व्यापारियों पर दर्ज मुकदमों के साथ ही अन्य लोगों से भी कोविड और लॉकडाउन से जुड़े मामले हटाने का फैसला किया है। कानून मंत्रालय ने इस बारे में प्रमुख सचिव को दिशा निर्देश जारी करते हुए प्रदेश भर में दर्ज मुकदमों का ब्योरा जुटाने को कहा है. कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने गुरुवार को इसके निर्देश अधिकारियों को जारी कर दिए हैं। इससे अब साफ हो गया है कि लोगों को कोविड-19 और लॉकडाउन तोड़ने के मामलों में पुलिस और कचहरी की दौड़-धूप नहीं लगानी होगी। इसे सूबे के आम आदमी के लिए एक बड़ी राहत माना जा रहा है।
hindi_2022_11206
अयोध्या के धनीपुर गांव में बन रही मस्जिद का खाका तैयार
यह मस्जिद ध्वस्त हुई बाबरी मस्जिद के बदले में सुन्नी वक्फ बोर्ड को दी गई जमीन पर बनाई जाएगी। ट्रस्ट ने इस जमीन पर मस्जिद, एक अस्पताल, एक इंडो-इस्लामिकरिसर्च सेंटर और एक सामुदायिक रसोईघर को डिजाइन करने की जिम्मेदारी जामिया मिलिया इस्लामिया के प्रोफेसर एस.एम.अख्तर को दी है।
अयोध्या. अयोध्या के धनीपुर गांव में बन रही मस्जिद का मूल खाका तैयार हो गया है। सूत्रों ने कहा है कि इसका निर्माण होने के बाद एक बार में यहां लगभग 2,000 लोग एक साथ 'नमाज' अदा कर सकेंगे। इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट ने नई मस्जिद का खाका तैयार किया है।यह मस्जिद ध्वस्त हुई बाबरी मस्जिद के बदले में सुन्नी वक्फ बोर्ड को दी गई जमीन पर बनाई जाएगी। ट्रस्ट ने इस जमीन पर मस्जिद, एक अस्पताल, एक इंडो-इस्लामिकरिसर्च सेंटर और एक सामुदायिक रसोईघर को डिजाइन करने की जिम्मेदारी जामिया मिलिया इस्लामिया के प्रोफेसर एस.एम.अख्तर को दी है। अख्तर यहां के वास्तुकला विभाग के अध्यक्ष हैं।15 हजार स्कवायर फीट पर बनाई जा रही इस मस्जिद की डिजाइन के अनुसार इसे एक आधुनिक रूप दिया गया है। सूत्रों ने कहा कि इमारत का आकार अंडाकार है, वहीं छत एक गुंबद होगा जो कि पारदर्शी होगा। मस्जिद में सोलर पैनल भी लगाए जाएंगे।
hindi_2022_11207
Telangana News: शादी के 36 दिन बाद महिला ने प्रेमी के लिए कर दी पति की हत्या
पुलिस की जांच के दौरान महिला ने कबूल कर लिया कि उसने अपने पति चंद्रशेखर को 19 अप्रैल को खाने में जहर दिया था लेकिन इलाज के बाद वो बच गया। पहली बार मौत को अंजाम देने में असफल होने के बाद महिला ने नया प्लान बनाया।
Telangana News: तेलंगाना में एक महिला ने शादी के महज 36 दिन बाद अपने पति की हत्या कर दी। महिला ने अपने कुछ दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया। ये दिल दहलाने वाली घटना तेलंगाना के सिद्दीपेट की है, जो कि 28 अप्रैल को हुई थी लेकिन 10 दिन बाद सामने आई है। महिला का कहना है कि उसके पति की मौत हार्ट अटैक से हुई। पर उस महिला की मां ने कहा कि ये एक मर्डर है।पहले भी पति को दे चुकी है जहरपुलिस के अनुसार, 19 वर्षीय श्यामला ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने 24 वर्षीय पति के. चंद्रशेखर की हत्या की साजिश रची। जहर देकर मारने की नाकाम कोशिश के बाद प्रेमी शिवा के साथ मिलकर साजिश रची और अपने पति को मौत के घाट उतार दिया। सिद्दिपेट पुलिस स्टेशन के अफसर रवि कुमार ने कहा कि, उनकी जांच में पता चला कि श्यामला का शिवा के साथ तीन साल से अफेयर था लेकिन महिला ने अपने घरवालों के दबाव में 23 मार्च को चंद्रशेखर से शादी कर ली।पहली बार मौत को अंजाम देने में असफल होने के बाद बनाया नया प्लानशादी के बाद श्यामला ने अपने प्रेमी शिवा के साथ अपना अफेयर जारी रखा और अपने पति चंद्रशेखर को मारने का प्लान बनाया। पुलिस की जांच के दौरान महिला ने कबूल कर लिया कि उसने अपने पति चंद्रशेखर को 19 अप्रैल को खाने में जहर दिया था लेकिन इलाज के बाद वो बच गया। पहली बार मौत को अंजाम देने में असफल होने के बाद महिला ने नया प्लान बनाया। फिर 19 अप्रैल को ही श्यामला ने अपने पति चंद्रशेखर को मंदिर ले जाने को कहा। एक गांव में पहुंचने के बाद श्यामला के दोस्त और रिश्तेदार राकेश, रंजीत, साईकृष्णा और बैभव ने उसकी मोटरसाईकिल को कार के आगे खड़ा कर रास्ता रोक दिया।प्रेमी के साथ मिलकर पति को गला दबाकर मार डालाफिर इन लोगों ने चंद्रशेखर को दबोच लिया और श्यामला ने अपने प्रेमी शिवा के साथ मिलकर चंद्रशेखर को गला दाबाकर मार डाला और चंद्रशेखर के घरवालों को फोन कर कहा कि सीने में दर्द होने से उसकी मौत हो गई है। लेकिन चंद्रशेखर की मां को इसपर यकीन नहीं हुआ और पुलिस में केस दर्ज करा दिया। पुलिस जांच में इस मौत की सारी सच्चाई सामने आ गई।पुलिस ने इस केस में 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और सभी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
hindi_2022_11208
असम : धार्मिक पहचान छिपाकर महिला से शादी करने वाला शख्स गिरफ्तार
महिला ने दावा किया कि होजई जिले के लुमडिंग थाने के नखुटी के 2 सरके बस्ती इलाके के रहने वाले व्यक्ति ने अपनी धार्मिक पहचान छिपाई और खुद को हिंदू बताकर उससे शादी की।
नागांव: असम के होजई जिले में धार्मिक पहचान छिपाकर हिंदू महिला से शादी करने वाले एक शख्स को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। पुलिस के मुताबिक आरोपी व्यक्ति मुसलमान है और उसने अपनी पहचान छिपाकर एक हिंदू महिला से शादी की। उसकी पत्नी की शिकायत के आधार पर उसे गिरफ्तार किया गया है। लुमडिंग पुलिस थाना प्रभारी (ओसी) एस के सरमा ने शनिवार को संवाददाताओं को बताया कि महिला ने होजई के जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) की मदद से अपने पति के खिलाफ होजई के पुलिस अधीक्षक के समक्ष लिखित शिकायत दर्ज कराई है। असम के धेमाजी जिले की रहने वाली पीड़ित महिला ने बताया कि तमिलनाडु में साथ काम करने के दौरान वह उस व्यक्ति के संपर्क में आई थी। महिला ने दावा किया कि होजई जिले के लुमडिंग थाने के नखुटी के 2 सरके बस्ती इलाके के रहने वाले व्यक्ति ने अपनी धार्मिक पहचान छिपाई और खुद को हिंदू बताकर उससे शादी की। पीड़िता के मुताबिक शादी के बाद वह उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित कर रहा था। महिला के मुताबिक शादी के कुछ महीनों बाद, उसके पति ने कथित तौर पर उससे बड़ी रकम लूट ली और तमिलनाडु से असम के नखुटी इलाके में भाग गया। आरोपी व्यक्ति ने महिला से संपर्क नहीं किया, तब महिला ने होजई के डोबोका इलाके का दौरा किया जहां उसे अपने पति की वास्तविक धार्मिक पहचान और अन्य विवरणों के बारे में पता चला। महिला की शिकायत मिलने पर होजई के पुलिस अधीक्षक बरुन पुरकायस्थ ने बुधवार रात लुमडिंग थाने से एक टीम को आरोपी को उसके गांव से पकड़ने के लिए भेजा।लुमडिंग पुलिस थाने में इससे संबंधित एक मामला दर्ज किया गया और आरोपी को उसी रात गिरफ्तार कर लिया गया और बृहस्पतिवार को होजई की एक स्थानीय अदालत में पेश किया गया। पुलिस इस मामले की विस्तृत जांच कर रही है।
hindi_2022_11209
Goa Cabinet: गोवा सरकार में मंत्रिमंडल का बंटवारा, जानें किसके हिस्से आया कौनसा मंत्रालय?
दूसरी बार गोवा के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद प्रमोद सावंत ने रविवार को अपने मंत्रीमंडल का विस्तार कर लिया है। नई कैबिनेट में मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने खुद के पास गृह मंत्रालय और वित्त मंत्रालय रखा है।
पणजी: दूसरी बार गोवा के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद प्रमोद सावंत ने रविवार को अपने मंत्रीमंडल का विस्तार कर लिया है। नई कैबिनेट में मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने खुद के पास गृह मंत्रालय और वित्त मंत्रालय रखा है। तो वहीं विश्वजीत राणे जो सीएम रेस में शामिल थे उन्हें स्वास्थ्य, शहरी विकास और वन विभाग दिया गया है।मौविन गुढिन्हों को ट्रांसपोर्ट, इंडस्ट्री और पंचायत मंत्रालय दिया गया है। पूर्व सीएम और वरिष्ट मंत्री रवि नाईक को कृषि और सिविल सप्लाई विभाग मिला है। नीलेश काब्राल को पीडब्ल्यूडी, पर्यावरण और कानून एवं न्यायपालिका मंत्रालय डिपार्टमेंट दिया गया है। वहीं मंत्री सुभाष शिरोडककर को कॉपरेशन, डब्ल्यू आर डी विभाग और रोहन खवांटे को पर्यटन और आईटी विभाग मिला है।गोविंद गावड़े को स्पोर्ट, आर्ट एंड कल्चर और आर डी ए मंत्रालय दिया गया है। वहीं उत्तपल पर्रिकर को हराने वाले बाबुश मोंसेरेट को रेवेन्यू, लेबर और वेस्ट मैनेजमेंट विभाग मिला है।गौरतलब है कि डॉ. प्रमोद सावंत ने सोमवार को दूसरी बार गोवा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्टेडियम में आयोजित भव्य शपथ ग्रहण समारोह में आठ विधायकों ने भी कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली थी। इस शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहे। गोवा के राज्यपाल पी. श्रीधरन पिल्लई ने प्रमोद सावंत के साथ उनके कैबिनेट में शामिल 8 मंत्रियों को करीब 10 हजार लोगों की मौजूदगी में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई थी।
hindi_2022_11210
दिल्ली में कल और परसों हो सकती है हल्की बारिश, IMD ने जताया अनुमान
मौसम विभाग (IMD) मैदानी भाग में न्यूनतम तापमान चार डिग्री सेल्सियस होने पर शीत लहर (Cold Wave) की घोषणा करता है। वहीं दो डिग्री सेल्सियस या इससे कम तापमान पर भीषण शीतलहर की स्थिति होती है।
नई दिल्ली. देश की राजधानी नई दिल्ली और आसपास के इलाके में गुरुवार और शुक्रवार को हल्की बारिश होने का अनुमान है। इस क्षेत्र में रहने वाले लोगों को बेमौसम बारिश के साथ-साथ ओलों का भी सामना करना पड़ सकता है। इस बात की जानकारी भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने दी। मौसम विभाग की तरफ से ये भी बताया गया कि गुरुवार तक न्यूनतम तापमान बढ़कर 10 डिग्री सेल्सियस होने की संभावना है।पढ़ें- पंजाब के जलालाबाद में भयंकर हंगामाIMD ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ (Western disturbance) के कारण अगले दो दिनों में दिल्ली के न्यूनतम तापमान (Delhi Minimum Temperature) में कम से कम तीन डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने के आसार हैं। राजधानी दिल्ली में मंगलवार को न्यूनतम तापमान 6.2 डिग्री सेल्सियस जबकि सोमवार को 5.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। दिल्ली में रविवार सुबह शीतलहर चलने से न्यूनतम तापमान 3.1 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया था।पढ़ें- रेल में यात्रा के दौरान इस नियम का रखें खास ख्याल नहीं तो लगेगा जुर्माना, सैकड़ों को पड़ा है चुकानामौसम विभाग (IMD) मैदानी भाग में न्यूनतम तापमान चार डिग्री सेल्सियस होने पर शीत लहर (Cold Wave) की घोषणा करता है। वहीं दो डिग्री सेल्सियस या इससे कम तापमान पर भीषण शीतलहर की स्थिति होती है। मौसम विभाग ने रविवार को कहा था कि इस साल जनवरी में सात दिन शीतलहर चली। इस तरह वर्ष 2008 के बाद इस महीने सबसे ज्यादा शीतलहर का लोगों ने सामना किया।पढ़ें- आज बंद हैं दिल्ली के ये रास्ते, संभलकर निकलें कहीं ट्रैफिक जाम में न फंस जाएंपंजाब-हरियाणा में न्यूनतम तापमान सामान्य से नीचे गिरापंजाब और हरियाणा के अधिकतर स्थानों पर न्यूनतम तापमान मंगलवार को सामान्य से नीचे चला गया, वहीं दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ में 6.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पंजाब में आदमपुर तीन डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान के साथ सबसे ठंडा स्थान रहा। अमृतसर में न्यूनतम तापमान 3.2 डिग्री, गुरदासपुर में 3.9 डिग्री, बठिंडा में 4.3 डिग्री और फरीदकोट में 4.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।पढ़ें- IMD Weather Forecast: ठंड में भिगाएगी बारिश? मौसम विभाग ने जताया ये अनुमानहरियाणा के सिरसा में न्यूनतम तापमान 3.6 डिग्री सेल्सियस, करनाल में 5.5 डिग्री सेल्सियस, नारनौल में 4.9 डिग्री सेल्सियस, रोहतक में 6.6 डिग्री सेल्सियस, हिसार में 4.4 डिग्री सेल्सियस और अंबाला में 5.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि रात का तापमान में पिछले कई दिनों से सामान्य से नीचे दर्ज किया जा रहा है लेकिन पिछले दो से तीन दिनों में तापमान में मामूली वृद्धि दर्ज की गई है। (Bhasha)पढ़ें- केंद्र का बजट यूपी की बढ़ाएगा रफ्तार, मिलेगा रोजगार
hindi_2022_11211
India TV Poll: क्या रूस-यूक्रेन के बीच जारी तनाव के बीच होगा परमाणु युद्ध?
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रविवार को रूसी परमाणु बलों को ‘हाई अलर्ट’ पर रहने का आदेश दिया, जिससे पूर्व और पश्चिम के बीच तनाव और बढ़ गया है।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रविवार को रूसी परमाणु बलों को ‘हाई अलर्ट’ पर रहने का आदेश दिया, जिससे पूर्व और पश्चिम के बीच तनाव और बढ़ गया है। देश में रूसी सैनिकों और यूक्रेनी सेना के बीच घमासान जारी है, ऐसे में यूक्रेन के नेता रूस के साथ बातचीत करने के लिए सहमत हो गए हैं। रूस की सेना और टैंक यूक्रेन में काफी अंदर तक घुस आए हैं और राजधानी के आसपास पहुंच गए हैं। उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के ‘आक्रामक बयान’ और कड़े आर्थिक प्रतिबंधों का हवाला देते हुए पुतिन ने रूस के परमाणु हथियारों को तैयार रखने के संबंध में एक आदेश जारी किया है। इससे आक्रमण के परमाणु युद्ध में तब्दील होने की आशंका पैदा हो गई है। अमेरिका के एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया, ‘रूसी नेता ऐसे बलों को तैयार रहने को कह रहे हैं,और अगर थोड़ी सी भी चूक हुई तो स्थिति बेहद खतरनाक हो सकती हैं।’पुतिन का यह निर्देश ऐसे समय में आया है, जब रूसी सेना को यूक्रेन से कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ रहा है। अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि देशभर में रूसी बलों के आगे बढ़ने के बावजूद रूस की कल्पना की तुलना में आक्रमण अधिक कठिन तथा धीमा रहा है, हालांकि समय के साथ हालात बदल सकते हैं। बढ़ते तनाव के बीच, पश्चिमी देशों का कहना है कि वे रूस पर प्रतिबंधों को और कड़ा करेंगे तथा यूक्रेन के लिए हथियार खरीदेंगे और उसकी आपूर्ति करेंगे, जिसमें हेलीकॉप्टर तथा अन्य विमानों को मार गिराने वाली ‘स्टिंगर मिसाइल’ शामिल हैं। इस बीच, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने बेलारूस की सीमा पर किसी स्थान पर रूसी प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की योजना की घोषणा की है। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि बैठक कहां होगी, कब होगी और न ही यह कि सीमा पर संभावित वार्ता में युद्ध को लेकर अंततः रूस की क्या मांग है। पश्चिमी देशों के अधिकारियों का मानना ​​है कि पुतिन, यूक्रेन की सरकार को बेदखल करना चाहते हैं और वहां खुद का शासन चाहते हैं। वहीं, संयुक्त राष्ट्र के दो प्रमुख निकाय, 193 सदस्यीय महासभा और अधिक शक्तिशाली 15-सदस्यीय सुरक्षा परिषद यूक्रेन पर रूस के आक्रमण पर सोमवार को अलग-अलग बैठकें करेंगे।
hindi_2022_11212
Weather News: 10 से अधिक राज्यों में बारिश की संभावना, बढ़ सकती है ठंड
मौसम विभाग का कहना है कि आज और 15 जनवरी तक बारिश हो सकती है। बताया जा रहा है कि 10 से अधिक राज्यों में बरसात होगी जिस कारण कोहरा और ठंड अधिक हो सकते हैं।
Weather News: भारत मौसम विज्ञान विभाग ने गुरुवार को अगले दो दिनों के दौरान पूर्वी और आसपास के मध्य भारत में बारिश की संभावना जताई है। अगले चार-पांच दिन उत्तर भारत में बहुत घना कोहरा रहेगा। इस कारण आज और 15 जनवरी को कई राज्यों में बारिश हो सकती है। इस वजह से सर्दी अधिक बढ़ सकती है।मौसम विभाग का कहना है, एक पश्चिमी विक्षोभ 16 और 17 जनवरी को उत्तर-पश्चिमी हिमालय को प्रभावित करेगा और दूसरा पश्चिमी विक्षोभ 18 से 20 जनवरी तक उत्तर पश्चिम भारत को प्रभावित करेगा। एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ है, जिसे ऊपरी क्षोभमंडल स्तरों में एक ट्रफ के रूप में देखा जाता है और एक अन्य ट्रफ है जो उत्तर आंतरिक कर्नाटक से उत्तरी आंतरिक ओडिशा तक निचले क्षोभमंडल स्तरों में चलती है। निचले क्षोभमंडल स्तरों में दक्षिण कोंकण के ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है। उपरोक्त प्रणालियों के प्रभाव में शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद के ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बारिश/बर्फबारी होने की संभावना है।इन राज्यों में बारिश की संभावनाआईएमडी ने कहा कि बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, तेलंगाना और तटीय आंध्र प्रदेश में शुक्रवार को हल्की/ मध्यम वर्षा होने की संभावना है और शुक्रवार को विदर्भ और छत्तीसगढ़ में हल्की/मध्यम वर्षा हो सकती है। 14 और 15 जनवरी को अरुणाचल प्रदेश में और असम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में 15 जनवरी तक अलग-अलग बारिश होने की संभावना है।आईएमडी ने कहा कि दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और निचले क्षोभमंडल के स्तर पर दक्षिण तमिलनाडु में एक चक्रवाती परिसंचरण के प्रभाव के तहत अगले पांच दिनों के दौरान तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल, केरल और माहे में अलग-अलग हल्की वर्षा/गरज के साथ बौछारें पड़ेंगी।
hindi_2022_11213
यूपी विधान परिषद चुनाव: सपा ने जारी की 36 प्रत्याशियों की सूची
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने स्थानीय प्राधिकारी विधान परिषद चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए हैं।
लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) ने विधान परिषद के स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्र के आगामी चुनाव के लिए अपने 36 प्रत्याशियों की सूची रविवार को जारी कर दी। सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने यहां बताया कि पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्र के विधान परिषद सदस्यों के आगामी नौ अप्रैल को होने वाले चुनाव के लिए सभी 36 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है।उन्होंने बताया कि सपा ने मेरठ-गाजियाबाद और बुलंदशहर सीट अपने सहयोगी राष्‍ट्रीय लोकदल के लिए छोड़ी हैं। सपा ने मुरादाबाद-बिजनौर सीट से अजय प्रताप सिंह, रामपुर-बरेली सीट से मशकूर अहमद, बदायूं से सिनोज कुमार शाक्य, पीलीभीत-शाहजहांपुर से अमित कुमार, हरदोई से रजीउद्दीन, खीरी से अनुराग वर्मा, सीतापुर से अरुणेश कुमार, लखनऊ-उन्नाव से सुनील कुमार सिंह, रायबरेली से वीरेंद्र शंकर सिंह, प्रतापगढ़ से विजय बहादुर, सुल्तानपुर से शिल्पा प्रजापति, बाराबंकी से राजेश कुमार, बहराइच से अमर और आजमगढ़-मऊ से राकेश कुमार, गाजीपुर से भोला नाथ शुक्ला, जौनपुर से मनोज कुमार, वाराणसी से उमेश, मिर्जापुर-सोनभद्र से रमेश सिंह, इलाहाबाद से वासुदेव यादव और बांदा-हमीरपुर से आनंद कुमार त्रिपाठी को उम्मीदवार बनाया है।इसके अलावा झांसी-जालौन-ललितपुर से श्याम सुंदर सिंह, कानपुर-फतेहपुर से दिलीप सिंह उर्फ कल्लू, इटावा-फर्रुखाबाद से हरीश कुमार, आगरा-फिरोजाबाद से दिलीप सिंह, मथुरा-एटा-मैनपुरी से उदयवीर सिंह और राकेश, अलीगढ़ से जसवंत सिंह, मुजफ्फरनगर-सहारनपुर मोहम्मद आरिफ, गोंडा से भानु कुमार त्रिपाठी, फैजाबाद से हीरालाल, बस्ती-सिद्धार्थनगर से संतोष सनी, गोरखपुर-महराजगंज से रजनीश, देवरिया से डॉक्टर कफील खान और बलिया से अरविंद गिरी को प्रत्याशी बनाया गया है।गौरतलब है कि विधान परिषद में स्थानीय निकाय कोटे की 36 सीटों के लिए नौ अप्रैल को मतदान होना है। वहीं, 21 मार्च नामांकन की आखिरी तारीख है। उत्तर प्रदेश विधान परिषद में स्थानीय निकाय कोटे के 36 सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो चुका है। इस समय परिषद में भाजपा के 35, सपा के 17, बसपा के चार, अपना दल (सोनेलाल), निषाद पार्टी और कांग्रेस का एक-एक सदस्य हैं।
hindi_2022_11214
CM की सुरक्षा में तैनात ऑफिसर ने SP को मारी लात, जयराम ठाकुर ने कराया बीच-बचाव
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के सिक्योरिटी इंचार्ज ने वहां के पुलिस अधीक्षक (SP) को कई बार लात मारी।
कुल्लू (हिमाचल प्रदेश): हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के सिक्योरिटी इंचार्ज ने वहां के पुलिस अधीक्षक (SP) को कई बार लात मारी। पुलिस अधीक्षक को लात मारे जाने का पुलिस ने विरोध किया और मौके पर गहमागहमी की स्थिति बन गई। स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को खुद बीच-बचाव के लिए आना पड़ा।यह पूरी घटना कुल्लू स्थित भुंतर एयरपोर्ट के बाहर हुई। दरअसल, फोरलेन हाईवे बनाए जाने से प्रभावित हुए कुछ लोग एयरपोर्ट के बाहर खड़े थे। उनके वहां होने से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का सिक्योरिटी इंचार्ज नाराज हो गया और उसने गुस्से में कुल्लू के पुलिस अधीक्षक के साथ ही हाथापाई की। इस दौरान उसने कई बार पुलिस अधीक्षक को लात भी मारी।पुलिस अधीक्षक को लात मारे जाने के बाद स्थिति काफी गंभीर हो गई थी। पुलिस और अपने सुरक्षादल के बीच हाथापाई होती देख मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर बीच-बचाव के लिए खुद आए। उनके बीच में आने से मामला शांत हुआ।
hindi_2022_11215
गोवा के सीएम प्रमोद सावंत ने कहा, 2022 के विधानसभा चुनाव में आसान जीत को लेकर आश्वस्त हूं
सत्ताधारी बीजेपी ने जिला पंचायत चुनावों में 49 में से 32 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि विपक्षी दल कांग्रेस के खाते में सिर्फ 4 सीटें आई थीं।
पणजी: गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने शनिवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी 2022 के राज्य विधानसभा चुनाव में आसानी से जीत हासिल करने को लेकर आश्वस्त है। सावंत ने दक्षिण गोवा के मडगांव शहर में कहा कि उनकी पार्टी इन चुनावों के लिए पूरी तरह तैयार है। मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत मडगांव में पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए आयोजित एक कार्यशाला को संबोधित करेंगे। बीजेपी नेता ने कहा, ‘पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव के लिए तैयार है। हम सभी 40 विधानसभा क्षेत्रों में कार्यशाला अयोजित करेंगे।’ सावंत ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी आसानी से जीत हासिल करने को लेकर आश्वस्त है। मार्च 2022 में विधानसभा चुनाव होने की संभावनागोवा विधानसभा चुनाव मार्च 2022 में होने की संभावना है और प्रमोद सावंत के इन चुनावों में अच्छा करने की उम्मीद के पीछे हाल ही में हुए जिला पंचायत चुनावों के नतीजे हैं। बता दें कि इससे पहले गोवा में सत्ताधारी बीजेपी ने जिला पंचायत चुनावों में 49 में से 32 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि विपक्षी दल कांग्रेस के खाते में सिर्फ 4 सीटें आई थीं। राज्य में 48 जिला पंचायत क्षेत्रों में 50 सीटें हैं लेकिन एक सीट पर उम्मीदवार की मौत हो जाने के कारण चुनाव नहीं हुआ था। इन सीटों के लिए 12 दिसंबर को मतदान हुआ था और नतीजे 14 दिसंबर को घोषित किए गए थे।जिला पंचायत चुनावों में बीजेपी ने गाड़ा था झंडाजिला पंचायत चुनावों में बीजेपी ने 32 सीटों पर जीत दर्ज की थी जबकि 7 सीटों पर निर्दलीय विजयी रहे थे। कांग्रेस के खाते में 4, MGP के हिस्से में 3 सीटें आईं जबकि NCP और आम आदमी पार्टी (AAP) को एक-एक सीट से संतोष करना पड़ा था। बता दें कि इस तटीय राज्य में यह पहला मौका था जब AAP ने चुनावों में कोई सीट जीती हो। अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों में भी ज्यादातर सीटों पर चुनाव लड़ने का लक्ष्य लेकर चल रही है। गोवा बीजेपी के अध्यक्ष सदानंद शेट तानावड़े ने इस जीत पर कहा था कि ये नतीजे इस बात का भी खुलासा करते हैं कि 2022 के गोवा विधानसभा चुनावों का नतीजा क्या होगा।
hindi_2022_11216
Kisan Andolan: टिकैत से मिलने पहुंचे जयंत, अखिलेश ने भी लगाया फोन, कही बड़ी बात
अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि अभी राकेश टिकैत जी से बात करके उनके स्वास्थ्य का हाल जाना। भाजपा सरकार ने किसान नेताओं को जिस तरह आरोपित व प्रताड़ित किया है, वो पूरा देश देख रहा है। आज तो भाजपा के समर्थक भी शर्म से सिर झुकाए और मुँह छिपाए फिर रहे हैं। आज देश की भावना और सहानुभूति किसानों के साथ है।
गाजीपुर बॉर्डर. NH-24 के जरिए दिल्ली और उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाले गाजीपुर बॉर्डर पर पिछले दो महीने से किसानों का प्रदर्शन जारी है लेकिन गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद यहां हलचल तेज हो चली है। गुरुवार शाम को यहां सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ा दी गई थी लेकिन बाद में उन्हें हटा दिया गया। गाजियाबाद प्रशासन आंदोलन कर रहे किसानों और राकेश टिकैत को धरना स्थल खाली करने को बोल दिया है जिसके बाद ये सियासत भी तेज है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष औऱ यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने राकेश टिकैत से फोन पर बात की है। इस बात की जानकारी उन्होंने ट्वीट कर दी।पढ़ें- दशक का पहला बजट, सत्र शुरू होने से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने कही बड़ी बातअखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि अभी राकेश टिकैत जी से बात करके उनके स्वास्थ्य का हाल जाना। भाजपा सरकार ने किसान नेताओं को जिस तरह आरोपित व प्रताड़ित किया है, वो पूरा देश देख रहा है। आज तो भाजपा के समर्थक भी शर्म से सिर झुकाए और मुँह छिपाए फिर रहे हैं। आज देश की भावना और सहानुभूति किसानों के साथ है।पढ़ें- Kisan Andolan की वजह से आज बंद हैं ये रास्ते, घर से निकलने से पहले रखें ध्यानइससे पहले आज सुबह रालोद के नेता और अजित सिंह के बेटे जयंती चौधरी भी राकेश टिकैत से मिलने पहंचे थे। जयंत चौधरी ने भारतीय किसान यूनियन के धरने का समर्थन करते हुए गुरुवार शाम को ट्वीट किया था। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा, "अभी चौधरी अजीत सिंह जी ने बीकेयू के अध्यक्ष और प्रवक्ता, नरेश टिकैत जी और राकेश टिकैत जी से बात की है। चौधरी साहब ने संदेश दिया है कि चिंता मत करो, किसान के लिए जीवन मरण का प्रश्न है। सबको एक होना है, साथ रहना है।"पढ़ें- रात में गाजीपुर बॉर्डर पर क्या हुआ, जानिए पूरा अपडेट
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कांग्रेस नेता पीएल पुनिया Coronavirus से संक्रमित
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य पीएल पुनिया कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए हैं और उन्होंने खुद को पृथक-वास में कर लिया है।
नयी दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य पीएल पुनिया कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए हैं और उन्होंने खुद को पृथक-वास में कर लिया है। पार्टी के छत्तीसगढ़ के प्रभारी पीएल पुनिया ने सोमवार रात ट्वीट किया, ‘‘रायपुर से दिल्ली पहुंचने पर कोरोना की जांच में पत्नी व मेरी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। जबकि हम दोनों को कोई भी लक्षण नहीं है, हमने खुद को पृथक-वास में कर लिया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस महामारी में शारीरिक दूरी ही सबसे सही उपचार है, जरूरत महसूस होने पर डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।’’ पुनिया से पहले कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता कोविड की चपेट में आ चुके हैं। मोतीलाल वोरा, अहमद पटेल, अभिषेक मनु सिंघवी, तरूण गोगोई, आरपीएन सिंह तथा पार्टी के कुछ अन्य नेता पिछले कुछ महीनों में कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं। यही नहीं, उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, पर्यटन मंत्री प्रह्लाद पटेल सहित सत्तापक्ष तथा विपक्ष के कई अन्य नेता भी इस वायरस से संक्रमित हुए।
hindi_2022_11218
ड्रग्स मामले में गिरफ्तार एक्ट्रेस रागिनी द्विवेदी क्या बीजेपी की सदस्य थी? जानें पार्टी का जवाब
कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रविवार को कहा कि एक मादक पदार्थ मामले में गिरफ्तार कन्नड़ अभिनेत्री रागिनी द्विवेदी कभी भी पार्टी की सदस्य नहीं रही है और हो सकता है कि उसने 2019 विधानसभा उपचुनाव में स्वयं से पार्टी के लिए प्रचार किया हो।
बेंगलुरु: कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रविवार को कहा कि एक मादक पदार्थ मामले में गिरफ्तार कन्नड़ अभिनेत्री रागिनी द्विवेदी कभी भी पार्टी की सदस्य नहीं रही है और हो सकता है कि उसने 2019 विधानसभा उपचुनाव में स्वयं से पार्टी के लिए प्रचार किया हो। अभिनेत्री की गिरफ्तारी के एक दिन बाद भाजपा ने उससे दूरी बनाने का प्रयास करते हुए कहा कि वह किसी के भी द्वारा किसी भी तरह की असामाजिक गतिविधि के खिलाफ है। भाजपा प्रवक्ता कैप्टन गणेश कार्णिक ने एक बयान में कहा, ‘‘हम रागिनी द्विवेदी से किसी भी तरह से जुड़ाव से इनकार करते हैं। 2019 उपचुनाव के दौरान विभिन्न क्षेत्रों से सैकड़ों हस्तियों ने भाजपा के लिए प्रचार किया था। हो सकता है कि रागिनी द्विवेदी उनमें से एक रही हों।’’ उन्होंने स्पष्ट किया कि द्विवेदी न तो भाजपा की सदस्य हैं और न ही भाजपा ने उन्हें प्रचार की कोई जिम्मेदारी दी थी। कार्णिक ने कहा कि हो सकता है कि द्विवेदी स्वयं से प्रचार में शामिल हुई हों। उन्होंने कहा कि पार्टी द्विवेदी के निजी और पेशेवर जीवन में गतिविधियों के लिए जवाबदेह नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा उनसे कोई लेनादेना नहीं है और उनसे दूरी बनाते हैं।’’ उन्होंने कहा कि भाजपा किसी के द्वारा किसी भी तरह की असामाजिक गतिविधि के खिलाफ है। उन्होंने कहा, ‘‘हम न तो इस तरह की गतिविधियों को प्रोत्साहित करेंगे और न ही समर्थन करेंगे।’’ अभिनेत्री को कई घंटे की पूछताछ के बाद गत शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया था। अभिनेत्री उन 13 व्यक्तियों में शामिल हैं जिन्हें कन्नड़ फिल्म उद्योग में मादक पदार्थ दुरुपयोग मामले में गिरफ्तार किया गया है। द्विवेदी एवं अन्य पर रेव पार्टियों में मादक पदार्थो की तस्करों के जरिये मादक पदार्थ की आपूर्ति करने का आरोप लगाया गया है।कन्नड फिल्म उद्योग में मादक पदार्थ की समस्या को लेकर जांच कर रही बेंगलुरु की केंद्रीय अपराध शाखा (सीसीबी) ने शुक्रवार को अभिनेत्री रागिनी द्विवेदी के साथ ही दो अन्य लोगों को गिरफ्तार किया है। बेंगलुरु के संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) संदीप पाटिल ने एक बयान में कहा, '' रागिनी द्विवेदी को गिरफ्तार किया गया है।'' उन्होंने कहा कि रागिनी के अलावा राहुल और विरेन खन्ना नाम के दो लोगों को भी गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने इस मामले के संबंध में एक अन्य व्यक्ति रविशंकर को भी गिरफ्तार किया था। अब तक इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस सूत्रों ने कहा कि इससे पहले शुक्रवार सुबह यहां सीसीबी ने रागिनी के घर की तलाशी ली थी। सूत्रों ने कहा कि दोपहर में अभिनेत्री को सीसीबी कार्यालय लाया गया और मादक पदार्थ के मामले में उससे पूछताछ की गई। उन्होंने कहा कि बाद में शाम को रागिनी को गिरफ्तार कर लिया गया। मादक पदार्थ नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) द्वारा शहर के तीन लोगों की गिरफ्तारी के बाद सीसीबी ने बेंगलुरु में मादक पदार्थ की बिक्री के मामले में जांच तेज कर दी है। एनसीबी द्वारा गिरफ्तार ये तीनों लोग कन्नड़ फिल्म उद्योग से जुड़े गायकों एवं अभिनेताओं को कथित तौर पर मादक पदार्थ की आपूर्ति कर रहे थे।
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Coronavirus: पीएम मोदी ने ट्विटर पर शुरू किया ‘जन आंदोलन’, कहा-'मास्क पहनें, दो गज की दूरी रखें'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगामी त्योहारों, ठंड के मौसम और अर्थव्यवस्था की स्थिति के मद्देनजर बृहस्पतिवार को कोविड-19 से निपटने के लिए लोगों के समुचित व्यवहार के बारे में ट्विटर पर एक ‘‘जन आंदोलन’’ की शुरुआत की।
नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगामी त्योहारों, ठंड के मौसम और अर्थव्यवस्था की स्थिति के मद्देनजर बृहस्पतिवार को कोविड-19 से निपटने के लिए लोगों के समुचित व्यवहार के बारे में ट्विटर पर एक ‘‘जन आंदोलन’’ की शुरुआत की। उन्होंने सिलसिलेवार ट्वीट कर लोगों से आग्रह किया कि जब तक कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए कोई टीका नहीं बन जाता तब तक उन्हें हर सावधानी बरतनी है और तनिक भी ढिलाई नहीं करनी है। उन्होंने कहा, ‘‘कोरोना वायरस से बचें। हाथ धोएं बार-बार। सही से मास्क पहनें। निभाएं दो गज की दूरी। जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं।’’ मोदी ने कोरोना वायरस से बचाव संबंधी संदेशों के साथ तस्वीरें भी साझा कीं। इनमें वह खुद गमछा लपेटे हुए हैं और हाथे जोड़कर लोगों से बचाव का आग्रह करते दिख रहे हैं। अभियान को धार देने के लिए उन्होंने ‘‘यूनाइट टू फाइट कोरोना’’ हैशटैग का भी उपयोग किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम सब मिलकर कोरोना वायरस के खिलाफ सफलता हासिल करेंगे और इस लड़ाई को जीतेंगे। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई लोगों द्वारा लड़ी जा रही है जिसे कोरोना योद्धाओं से मजबूती मिली है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे सामूहिक प्रयासों ने कई जिंदगियां बचाने में मदद की है। हमें इस गति को बरकरार रखना है और इस वायरस से नागरिकों की रक्षा करनी है।’’ मालूम हो कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने बुधवार को घोषणा की थी कि प्रधानमंत्री मोदी कोविड-19 से निपटने के लिए समुचित व्‍यवहार के बारे में बृहस्पतिवार को ट्विटर पर ‘‘जन आंदोलन’’ अभियान शुरू करेंगे। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था कि कोरोना से बचाव का एकमात्र हथियार मास्क पहनना, सामाजिक दूरी का पालन करना और लगातार हाथ धोना है। उन्होंने कहा कि इसी सिद्धांत का पालन करते हुए सार्वजनिक स्थानों पर इन उपायों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के अभियान को शुरू किया जाएगा। गौरतलब है कि बुधवार रात तक जारी आंकड़ों के अनुसार देश में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या 68 लाख के पार चली गयी। इनपुट-भाषा
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कोरोना केयर फंड से दी जा रही है 4 हजार रुपए की सहायता राशि? जानिए सच्चाई
एक वाट्सऐप मैसेज में कहा जा रहा है कि भारत सरकार 'कोरोना केयर फंड योजना' के तहत सभी को 4000 रुपए की सहायता राशि प्रदान कर रही है। इस मैसेज के साथ-साथ एक लिंक भी दिया जा रहा है, जिसमें आपको अप्लाई करने के लिए कहा जा रहा है।
नई दिल्ली। कोरोना संकट काल में जहां एक ओर लोग रोजी रोजगार के लिए परेशान हो रहे हैं वहीं दूसरी ओर बीते कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर फर्जी मैसेज वायरल कर चूना लगाया जा रहा है। दरअसल, एक वाट्सऐप (WhatsApp) मैसेज में दावा किया जा रहा है कि भारत सरकार 'कोरोना केयर फंड योजना' के तहत सभी को 4000 रुपए की सहायता राशि प्रदान कर रही है। इस मैसेज के साथ-साथ एक लिंक भी दिया जा रहा है, जिसमें आपको अप्लाई करने के लिए कहा जा रहा है। इतना ही नहीं वायरल मैसेज में पीएम मोदी की फोटो के साथ भारत सरकार (Government of India) और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Health ministry) का भी जिक्र किया गया है। गौरतलब है कि, भारत सरकार के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पीआईबी फैक्ट चेक (PIB Fact Check) ने इसको लेकर पूरी जानकारी साझा की है। बिना सोचे समझे किसी लिंक पर न करें क्लिककोरोना संकट काल में साइबर क्राइम तेजी से बढ़ रहा है। लोग अनजाने लिंक पर क्लिक के जरिए लोगों के अकाउंट से पैसा निकाल लेते हैं। इसको लेकर भी गृह मंत्रालय और साइबर टीम लागातार लोगों को जागरूक कर रही है। लोगों से ऐसे किसी भी लिंक पर क्लिक न करने की सलाह दी जा रही है। ये लिंक आपका डेटा उठा लेते हैं फिर आपके साथ ऑनलाइन फ्रॉड जैसी घटनाओं को अंजाम दिया जाता है। क्योंकि कुछ लोग बिना सोचे-समझे लिंक में करके फॉर्म भर देते हैं और अपनी पूरी जानकारी साझा कर देते हैं, जिसके बाद उनसे धोखाधड़ी हो जाती है। विशेषज्ञ इस तरह के किसी भी लिंक पर क्लिक न करने की सलाह देते हैं।जानिए सच्चाईप्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (पीआईबी) ने इस वायरल मैसेज को लेकर पूरी जानकारी दी है। पीआईबी ने ट्वीट कर कहा कि 'एक WhatsApp मैसेज में दावा किया जा रहा है कि भारत सरकार 'कोरोना केयर फंड योजना' के तहत सभी को 4000 रुपए की सहायता राशि प्रदान कर रही है। PIBFactCheck: यह दावा फर्जी है। भारत सरकार द्वारा ऐसी कोई योजना नहीं चलाई जा रही है।' पीआईबी ने ये भी कहा कि भारत सरकार द्वारा कोरोना केयर फंड जैसी कोई योजना नहीं चलाई जा रही है। आप भी फैक्ट चेक करा सकते हैं अगर आपको भी कोई ऐसा मैसेज मिलता है तो फिर उसको पीआईबी के पास फैक्ट चेक के लिए https://factcheck.pib.gov.in/ अथवा व्हाट्सऐप नंबर +918799711259 या ईमेलः pibfactcheck@gmail.com पर भेज सकते हैं। यह जानकारी पीआईबी की वेबसाइट https://pib.gov.in पर भी उपलब्ध है। बता दें कि, प्रेस इन्फोरमेशन ब्यूरो (PIB- Press Information Bureau) भारत सरकार की एक नोडल एजेंसी है। यह जो सरकार की नीतियां, कार्यक्रम, पहल और उपलब्धियां तथा अन्य सरकारी योजनाओं की जानकारी इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट और अन्य मिडिया माध्यमो को प्रसारित करती है। पीआईबी फैक्ट चेक भी पीआईबी की एक सहायक है जो फर्जी मैसेज या खबरों का अध्ययन करके लोगों को जागरुक करने का काम करती है।
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हरियाणा में कोरोना वायरस के 1,871 नए मामले, 28 मरीजों की मौत
हरियाणा में मंगलवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 1,871 नए मामले सामने आए, जिसके बाद कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2,35,997 हो गयी। इसके अलावा 28 और मरीजों की मौत होने से राज्य में मृतकों की संख्या बढ़कर 2,456 हो गयी।
चंडीगढ़: हरियाणा में मंगलवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 1,871 नए मामले सामने आए, जिसके बाद कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2,35,997 हो गयी। इसके अलावा 28 और मरीजों की मौत होने से राज्य में मृतकों की संख्या बढ़कर 2,456 हो गयी। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन के अनुसार, प्रदेश में अभी 17,744 लोगों का इलाज चल रहा है। राज्य में स्वस्थ होने की दर 91.44 प्रतिशत है। मेडिकल बुलेटिन के अनुसार, पंजाब में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 630 नए मामले सामने आए, जिसके बाद कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1,52,709 हो गयी। इसके अलावा संक्रमण के कारण 14 संक्रमितों की मौत होने के बाद मृतक संख्या बढ़कर 4821 हो गई। बुलेटिन के अनुसार, दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ में संक्रमण के 128 नए मामले सामने आए और एक और संक्रमित मरीज की मौत हो गई। इसके साथ ही संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 17,537 हो गए और मृतक संख्या बढ़कर 278 हो गई।
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IMD Alert: इस राज्य में बर्फबारी की संभावना, कश्मीर में तापमान शून्य के नीचे, जानें अन्य राज्यों के मौसम का हाल
मौसम एक बार फिर करवट ले रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ एक बार फिर भारत के मौसम पर असर डालेगा। यही नहीं देश के कई राज्यों में पश्चिमी विक्षोभ का असर दिखाई दे रहा है। इसके चलते मैदानी इलाकों में बारिश और पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी हो सकती है।
नई दिल्ली: मौसम एक बार फिर करवट ले रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ एक बार फिर भारत के मौसम पर असर डालेगा। यही नहीं देश के कई राज्यों में पश्चिमी विक्षोभ का असर दिखाई दे रहा है। इसके चलते मैदानी इलाकों में बारिश और पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी हो सकती है। मौसम विभाग ने यह जानकारी दी। शिमला स्थित मौसम केंद्र के निदेशक मनमोहन सिंह ने कहा कि 21 फरवरी को हिमाचल प्रदेश के ऊंचे पहाड़ी इलाकों में बारिश और बर्फबारी होने की संभावना है। सिंह ने कहा कि आदिवासी जिला लाहौल और स्पीति का प्रशासनिक केंद्र केलांग शून्य से 5.9 डिग्री सेल्सियस नीचे तापमान के साथ हिमाचल प्रदेश में सबसे ठंडा स्थान रहा। उन्होंने बताया कि कल्पा का न्यूनतम तापमान शून्य से 0.5 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया।कश्मीर घाटी में न्यूनतम तापमान शून्य के नीचेकुछ स्थानों पर पारा चढ़ने के बावजूद कश्मीर घाटी में न्यूनतम तापमान जमाव बिंदु के नीचे रहा। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में रविवार को न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे 0.3 डिग्री सेल्सियस रहा जो उसकी पिछली रात के तापमान शून्य से नीचे 0.4 से थोड़ा ऊपर है। अधिकारियों ने बताया कि घाटी का द्वार कहे जाने वाले काजीगुंड में पारा शून्य के नीचे 2.8 डिग्री तक लुढका जो उसकी पिछली रात के तापमान शून्य के नीचे 3.2 से थोड़ा ऊपर है। पहलगाम में न्यूनतम तापमान शून्य के नीचे 4.3 डिग्री सेल्सियस रहा जो उसकी पिछली रात के तापमान शून्य के नीचे 3.8 से थोड़ा नीचे है। मौसम विज्ञान विभाग के कार्यालय ने कहा कि जम्मू कश्मीर के मैदानी भागों में अगले सप्ताह मौसम मुख्य रूप से शुष्क रहने की संभावना है।इन राज्यों में छाया रहेगा कोहराआईएमडी के पूर्वानुमान के मुताबिक पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्‍ली के अधिकांश हिस्‍सों में 15 और 16 फरवरी को घने से लेकर अत्‍यधिक घना कोहरा छाया रह सकता है। ऐसा सुबह के समय देखने को मिल सकता है। इसके अलावा उत्‍तर प्रदेश और उत्‍तराखंड में भी 15 और 16 फरवरी को सुबह के समय अधिकांश हिस्‍सों में घना कोहरा छाए रहने की आशंका है। आईएमडी का कहना है कि 16 फरवरी के बाद से कोहरे में कमी देखने को मिल सकती है।पश्चिमी उत्‍तर प्रदेश में छाया रहा घना कोहराउत्‍तर प्रदेश में मौसम शुष्‍क रहा लेकिन पश्चिमी उत्‍तर प्रदेश के अलग-अलग स्‍थानों पर घने कोहरे का प्रभाव देखा गया। सोमवार को मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार राज्य की राजधानी लखनऊ का न्यूनतम तापमान 10.6 डिग्री सेल्सियस जबकि प्रयागराज का न्यूनतम तापमान 11.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। राज्य में सबसे कम न्यूनतम तापमान मुजफ़्फरनगर में 7.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। मंगलवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर सुबह के समय घना कोहरा छाए रहने की संभावना है। 16 फरवरी और 17 फरवरी को राज्य के अलग-अलग स्थानों पर सुबह के समय मौसम शुष्क रहने और कोहरे की संभावना है।इन इलाकों में बारिश के आसारमौसम विभाग के मुताबिक उत्तराखंड, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर के अलावा 15 फरवरी के बाद मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, झारखंड, महाराष्ट्र, तेंलगाना और तमिलनाडु में बेमौसम बारिश होने की संभावना है। इन सभी राज्यों में 16 से 20 फरवरी के बीच गरज के साथ बारिश होने के आसार हैं। इसके साथ ही 17 और 18 फरवरी को विदर्भ और छत्‍तीसगढ़ में ओलावृष्टि भी हो सकती है।ये भी पढ़ें
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जम्मू-कश्मीर की हाई सिक्योरिटी जेल से 18 मोबाइल फोन बरामद
जम्मू-कश्मीर की एक उच्च सुरक्षा जेल के अंदर से पाकिस्तानी और स्थानीय आतंकवादियों द्वारा चलाए जा रहे एक बड़े नेटवर्क का खुफिया एजेंसियों ने भंडाफोड़ किया है, जिसके दौरान जेल की बैरक से 18 मोबाइल फोन, ब्लूटूथ डिवाइस, 13 सिम कार्ड, चार्जर, एक्सेसरीज आदि बरामद किए गए हैं।
जम्मू: जम्मू-कश्मीर की एक उच्च सुरक्षा जेल के अंदर से पाकिस्तानी और स्थानीय आतंकवादियों द्वारा चलाए जा रहे एक बड़े नेटवर्क का खुफिया एजेंसियों ने भंडाफोड़ किया है, जिसके दौरान जेल की बैरक से 18 मोबाइल फोन, ब्लूटूथ डिवाइस, 13 सिम कार्ड, चार्जर, एक्सेसरीज आदि बरामद किए गए हैं। खुफिया सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि जम्मू की उच्च सुरक्षा वाली कोट बलवाल जेल के अंदर से पाकिस्तानी और कश्मीरी आतंकवादियों द्वारा चलाए जा रहे एक बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ किया गया है।कोट बलवाल जेल के अंदर बैरक से सीआईडी, पुलिस और सीआरपीएफ की काउंटर इंटेलिजेंस विंग द्वारा रेड के दौरान 18 मोबाइल फोन, ब्लू टूथ डिवाइस, 13 सिम कार्ड, चार्जर और सहायक उपकरण बरामद किए गए। इनका इस्तेमाल आतंकवादी बाहर अपने सहयोगियों के साथ संपर्क में रहने और अपनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए कर रहे थे। जब्ती में सभी एप्लिकेशन के साथ कई स्मार्ट फोन थे, जिन्हें आतंकवादियों और अन्य बंदियों द्वारा अपने सहयोगियों के संपर्क में रहने के लिए एक्सेस किया जा रहा थाएनआईए अदालत से तलाशी वारंट प्राप्त करने के बाद यह कार्रवाई की गई। जेल कर्मचारियों ने भी तलाशी के दौरान सहयोग किया। जेल में मोबाइल फोन की सुविधा देकर जेल कर्मचारी नेटवर्क रैकेट में शामिल थे या नहीं, इसकी जांच की जा रही है।सूत्रों ने कहा, "इन मोबाइल फोनों को आतंकवादी संगठनों के जमीनी कार्यकर्ताओं (ओजीडब्ल्यू) ने जेल के अंदर तस्करी कर परिवार के सदस्यों के रूप में दिया था।" हालांकि, वही सूत्रों ने कहा कि यह जरूरी नहीं है कि ये सभी मोबाइल फोन आतंवादियों के कब्जे में हों। कुछ अन्य ट्रायल कैदी भी इन फोनों का उपयोग अपने परिवारों के संपर्क में रहने के लिए कर सकते हैं।
hindi_2022_11224
‘पाकिस्तान का असली चेहरा आया सामने’, करतारपुर गुरुद्वारे का प्रबंधन ETPB को सौंपने पर भारत की प्रतिक्रिया
भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से पाकिस्तान के इस कदम पर कड़ी आपत्ति जताए हुए कहा गया है कि पाकिस्तान के चेहरे से वह नकाब उतर गया है जिसके जरिए वह अपने यहां अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करने की बात कहता है
नई दिल्ली। भारत सरकार ने पाकिस्तान के उस कदम पर कड़ी आपत्ति जताई है जिसमें पाकिस्तान करतारपुर गुरुद्वारे का प्रबंधन सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से छीनकर वहां की खूफिया एजेंसी ISI के कंट्रोल में आने वाली संस्था ETPB को सौंपा है। भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से पाकिस्तान के इस कदम पर कड़ी आपत्ति जताए हुए कहा गया है कि पाकिस्तान के चेहरे से वह नकाब उतर गया है जिसके जरिए वह अपने यहां अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करने की बात कहता है। विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि पाकिस्तान अपने फैसले को तुरंत बदले।पाकिस्तान ने करतारपुर गुरुद्वारे को लेकर नई चाल चली है। दरअसल, पाकिस्तान ने करतारपुर गुरुद्वारे के रख-रखाव का जिम्मा पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति से छीनकर एक नई संस्थान ETPB यानी Evacuee Trust Property Board को सौंपा है। इस बोर्ड की प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट गुरुद्वारे का रख-रखाव करेगी।लेकिन, चिंता की बात यह है कि प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट में एक भी सिख सदस्य नहीं है। इसमें कुल नौ सदस्य हैं और सभी के सभी नौ सदस्य गैर सिख हैं। इतना ही नहीं, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट जिस ETPB से जुड़ी है, उस ETPB को पूरे तरीके से ISI कंट्रोल करती है यानि अब करतारपुर गुरुद्वारे के रख-रखाव पर ISI की नजर होगी और उसकी निगरानी में काम किए जाएंगे।पाकिस्तान सरकार के इस फैसले की कापी के अनुसार, गुरुद्वारे का रख-रखाव करने वाली प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट एक बिज़नेस प्लान तैयार करेगी और उसके अनुसार काम करेगी। इससे साफ है कि पाकिस्तान की इमरान खान सरकार आस्था के स्थल को व्यावसायिक स्थल में बदलने की कोशिश में है ताकि वह इससे पैसा कमा सकें।
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J&K पुलिस का दागी अधिकारी दविंदर सिंह बर्खास्त, LG ने दिए आदेश
पुलिस उपाधीक्षक दविंदर सिंह को बर्खास्त करने का आदेश जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने दिया। पिछले साल प्रतिबंधित हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों को कश्मीर से जम्मू ले जाते हुए पकड़े जाने के बाद सिंह के खिलाफ एनआईए ने जांच की थी।
जम्मू. जम्मू-कश्मीर पुलिस के दागी अधिकारी दविंदर सिंह को गुरुवार को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। दविंदर सिंह को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एक आतंकवादी मामले में गिरफ्तार किया था और बाद में आरोपपत्र दायर किया था। यह जानकारी एक आधिकारिक आदेश से मिली है।पुलिस उपाधीक्षक दविंदर सिंह को बर्खास्त करने का आदेश जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने दिया। पिछले साल प्रतिबंधित हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों को कश्मीर से जम्मू ले जाते हुए पकड़े जाने के बाद सिंह के खिलाफ एनआईए ने जांच की थी।NIA के पिछले साल दाखिल आरोप पत्र के अनुसार, देविंदर पाकिस्तानी उच्चायोग में हैंडलर के संपर्क में था। पाकिस्तानी हैंडलर ने जासूसी गतिविधियों के लिए विदेश मंत्रालय में संपर्क स्थापित करने का काम दिया था। हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकियों के आवागमन के लिए अपनी गाड़ी का इस्तेमाल, हथियार की व्यवस्था का भी भरोसा दिया था।Image Source : SPECIAL ARRANGEMENTSJ&K पुलिस का दागी अधिकारी दविंदर सिंह बर्खास्त, LG ने दिए आदेश
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उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष की ताजपोशी के मंच पर छलका हरीश रावत का दर्द
रविवार को हुए कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने जहां हार के लिए कार्यकर्ताओं से माफी मांगी, वहीं उनमें अगले पांच साल के लिए फिर से जोश भी भरा। उन्होंने कहा कि ध्रुवीकरण के झूठ के बावजूद पार्टी ने पांच प्रतिशत अधिक वोट प्राप्त किए हैं।
देहरादून: उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नवनियुक्त अध्यक्ष की ताजपोशी के मंच पर जहां विधानसभा चुनाव में मिली हार का दर्द छलका, वहीं एक-दूसरे पर वार-प्रतिवार भी हुए। काफी हद तक गिले-शिकवे भी दूर होते दिखाई दिए। पूर्व अध्यक्ष के अल्प कार्यकाल के जिक्र के साथ गढ़वाल की उपेक्षा का सवाल भी मंच पर उठा। रविवार को हुए कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने जहां हार के लिए कार्यकर्ताओं से माफी मांगी, वहीं उनमें अगले पांच साल के लिए फिर से जोश भी भरा।उन्होंने कहा कि ध्रुवीकरण के झूठ के बावजूद पार्टी ने पांच प्रतिशत अधिक वोट प्राप्त किए हैं। हम 11 से 19 पर पहुंचे हैं। अगले पांच साल इतनी मेहनत करेंगे कि सत्ता में वापसी से कोई नहीं रोक पाएगा। पूर्व सीएम ने नई नियुक्तियों में गढ़वाल की उपेक्षा का मुद्दा उठाया तो अपनी बारी आने पर प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने भी लगे हाथ जवाब दे दिया। उन्होंने कहा कि उन्होंने (हरीश) पहले उनसे यह बात नहीं कही। जब प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष दोनों गढ़वाल से थे।पार्टी अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि कांग्रेस गढ़वाल-कुमाऊं नहीं, उत्तराखंड के लिए काम करेगी। कुछ लोग इस मुद्दे पर सोशल मीडिया में एक अभियान चलाकर पार्टी में फूट डालना चाहते हैं, लेकिन हम उन्हें कामयाब नहीं होने देंगे। पार्टी का प्रत्येक नेता, कार्यकर्ता पूरे प्रदेश को अपना मानकर कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि वो बूथ स्तर पर कमेटियों का गठन करने जा रहे हैं, इसकी शुरूआत गढ़वाल मंडल से करेंगे। जो लोग यह समझ रहे हैं कि चुनाव में मिली हार के साथ पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का सियासी सफर समाप्त हो गया है। उन्हें खुद हरीश रावत ने आज खुले मंच से संदेश दिया। कहा-अभी 2027 का मैच बाकी है और वह बैटिंग करने के लिए तैयार हैं।अपने संबोधन में हरीश ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता शूरवीर सिंह सजवाण, हीरा सिंह बिष्ट, दिनेश अग्रवाल, मंत्री प्रसाद नैथानी, जोत सिंह गुनसोला जैसे नेताओं का नाम लेते हुए कहा कि इस पीढ़ी के सभी नेता एक जीत के साथ विदाई चाहेंगे। हम सत्ता में वापसी के लिए प्रतीक्षा करेंगे। भाजपा ने भी 46 साल प्रतीक्षा की थी। हरीश ने कहा कि 2027 में हम जैसे सिपाहियों के पास आखिरी वक्त है। इसलिए उन्होंने पुन: डिजिटल सदस्यता भी ले ली है।पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि चुनाव में सभी ने बहुत मेहनत की थी, लेकिन सच्ची सेवा की उम्मीद पर झूठ का ग्रहण लग गया। उन्होंने मंच से प्रदेश प्रभारी को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें अल्प कार्यकाल मिला, लेकिन अब अगर प्रदेश में कांग्रेस की मजबूती चाहते हो, तो अगले पांच साल तक नए कमांडर को हटाना मत। उन्होंने कहा कि हार के बाद उन्होंने खुद इस्तीफे की पैरवी की थी, लेकिन कहा गया कि कांग्रेस नया नेतृत्व पैदा करना चाहती है। उन्होंने सवाल किया, क्या हम लोग बेकार हो गए हैं। उन्होंने कहा कि आज भी वह जहां खड़े हो जाएंगे, लाइन वहीं से शुरू हो जाएगी।विधायक हरीश धामी के मुद्दे पर मीडिया से बातचीत करते हुए प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि पहले तो उन्हें मनाया जाएगा। लेकिन, यदि उन्होंने सीमा से आगे बढ़कर कुछ बातें कहीं हैं तो उनका परीक्षण कर इसके बाद तय किया जाएगा कि कार्रवाई होगी या पार्टी हाईकमान के साथ बैठकर कोई हल निकाला जाएगा। हरीश धामी ने पार्टी की हार पर प्रदेश नेतृत्व को आड़े हाथों लिया था। कांग्रेस भवन में पार्टी प्रदेश अध्यक्ष के पदभार ग्रहण कार्यक्रम में अव्यवस्था का आलम देखने को मिला। जैसे ही कार्यक्रम शुरू हुआ, तमाम कार्यकर्ता फूलों का गुलदस्ता लेकर मंच पर चढ़ गए। इस दौरान मंच संचालन कर रहे विजय सारस्वत ने कई बार कार्यकर्ताओं से धैर्य बनाए रखने की अपील की। लेकिन कार्यकर्ता नहीं माने।कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने इस बात पर जोर दिया कि यदि किसी को नाराजगी है तो सोशल मीडिया पर नहीं, पार्टी फोरम पर रखें अपनी बात। संगठन में अनुशासन बहुत जरूरी है। जिम्मेदारी पदाधिकारियों का भी दायित्व बनता है कि वह पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को अपनी बात रखने का मंच उपलब्ध कराएं।पार्टी प्रभारी देवेंद्र यादव ने कहा कि भाजपा गलत बातों को सही साबित करने में सफल हो रही है। देश इस वक्त मुश्किल घड़ी से गुजर रहा है। भाजपा जाति, संप्रदाय और विद्वेष की राजनीति को बढ़ावा दे रही है। यह देश के लिए घातक है। वहीं करन माहरा ने कहा कि आज धर्म का इस्तेमाल लोगों को सहनशील बनाने के लिए नहीं, उसे भड़काने और तोड़ने के लिए किया जा रहा है। हिंदू-मुस्लिम को लड़ाने का काम किया जा रहा है। गांधी के हत्यारों को पूजा जा रहा है। उन्होंने लोगों को ऐसी राजनीति से सचेत रहने का आह्वान किया।अपने संबोधन के दौरान करन माहरा ने तमाम उन लोगों का जिक्र किया, जिन्होंने उन्हें यहां तक पहुंचाने में साथ दिया। इस दौरान वह अपनी बड़ी बहन और हरीश रावत की पत्नी रेणुका रावत को लेकर भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि दीदी ने उन्हें एक बच्चे की तरह पाला है। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि कांग्रेस यदि एकजुट हो जाए तो उसे कोई हरा नहीं सकता। उन्होंने कहा कि उन्हें जो जिम्मेदारी सौंपी गई है, उस पर वह खरा उतरेंगे। कांग्रेस उनके खून में है। कुछ समय के लिए उनका शरीर दूसरी पार्टी में भले ही चला गया था, लेकिन उनकी आत्मा कांग्रेस में ही बसती है।
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अयोध्या: इस वजह से 2 महीने तक नहीं हो सकेगा नई मस्जिद का काम
ट्रस्ट के सचिव और प्रवक्ता अतहर हुसैन ने IANS को बताया, जब तक खड़ी धान की फसल काटी नहीं जाती, तब तक जमीनी स्तर पर कुछ नहीं होगा। हरी खेती को अनावश्यक रूप से नुकसान पहुंचाना इस्लाम में हराम (निषिद्ध) है।
नई दिल्ली. अयोध्या के धन्नीपुर गांव में बनने वाली नई मस्जिद पर कम से कम दो महीने तक जमीनी स्तर पर कोई काम नहीं होगा। मस्जिद के निर्माण की देखरेख के लिए बनाए गए ट्रस्ट इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (आईआईसीएफ) के आधिकारिक प्रवक्ता के अनुसार, ऐसा इसलिए है क्योंकि अब तक साइट पर फसलें खड़ी हैं। ट्रस्ट के सचिव और प्रवक्ता अतहर हुसैन ने IANS को बताया, जब तक खड़ी धान की फसल काटी नहीं जाती, तब तक जमीनी स्तर पर कुछ नहीं होगा। हरी खेती को अनावश्यक रूप से नुकसान पहुंचाना इस्लाम में हराम (निषिद्ध) है।पढ़ें- जलेसर के हिंदू, मुस्लिम कारीगरों ने Ram Mandir के लिए 2.1 टन का घंटा तैयार कियाउन्होंने कहा, इससे पहले कि हम किसी निर्माण की योजना बनाएं, कम से कम दो महीने लग जाएंगे। तो ट्रस्ट क्या कर रहा है, यह देखते हुए कि अगले कुछ महीनों में कोई निर्माण शुरू नहीं हो सकता है। इस संबंध में अन्य काम हो रहे हैं। बैंक खाता खोलने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया गया है। इस बीच सोहावल तहसील, जिसके तहत धन्नीपुर गांव आता है, में स्थानीय अधिकारी मेड़बंदी (भूमि सीमांकन) का काम कर रहे हैं। हुसैन ने कहा कि इसके बाद हम वास्तुकार की अंतिम मंजूरी के लिए आगे बढ़ेंगे।पढ़ें- जानिए Ram Mandir भूमि पूजन के बाद किसे मिला पहला प्रसादउनसे पूछा गया कि क्या उन्हें नहीं लगता कि काम की गति बहुत धीमी है, वहीं दूसरी ओर राम मंदिर के निर्माण के लिए श्री राम मंदिर तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट पहले ही भूमि पूजन कर चुका है, इस पर हुसैन ने कहा, हमारी गतिविधि और दूसरे ट्रस्ट के साथ हमारी गति की तुलना करना बहुत अनुचित है। हमें दो अगस्त को ही भूमि के कागजात सौंपे गए थे और पांच अगस्त को प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम में भाग लिया था।हुसैन का कहना है कि अब इस्लामी मान्यता के अनुसार, जो फसल उखाड़ने से परहेज करती है, इस प्रक्रिया में और देरी हुई है।पढ़ें- पीएम मोदी की मां ने टीवी पर देखा ऐतिहासिक Ram Mandir भूमि पूजन, तस्वीरें वायरलउत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने अयोध्या जिले के धन्नीपुर गांव में उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को जमीन आवंटित की है। मस्जिद बनाने के लिए भूमि आवंटित करने के संबंध में नौ नवंबर, 2019 को शीर्ष अदालत ने आदेश दिया था, जिसके अनुपालन में मस्जिद निर्माण के लिए भूमि दी गई है। आईआईसीएफ, जो सुन्नी वक्फ बोर्ड द्वारा बनाया गया है, ने आवंटित की गई जगह पर सार्वजनिक उपयोगिताओं वाले निर्माण का फैसला किया है, जिसमें अस्पताल, इस्लामी अनुसंधान केंद्र, सामुदायिक रसोईघर आदि शामिल है।
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अरुणाचल प्रदेश संक्रमण मुक्त हुआ, उपचाराधीन मामलों की संख्या शून्य हुई
राज्य निगरानी अधिकारी लोबसांग जम्पा ने बताया कि पूर्वोत्तर के राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या 64,484 है, जबकि ठीक होने वालों की संख्या 64,188 है। उन्होंने कहा कि पिछले 24 घंटे में कोविड-19 का कोई नया मामला सामने नहीं आया।
ईटानगर: अरुणाचल प्रदेश के लोहित जिले में एकमात्र उपचाराधीन मरीज के रविवार को स्वस्थ हो जाने के बाद राज्य कोरोना वायरस से मुक्त हो गया। स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। राज्य निगरानी अधिकारी लोबसांग जम्पा ने बताया कि पूर्वोत्तर के राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या 64,484 है, जबकि ठीक होने वालों की संख्या 64,188 है। उन्होंने कहा कि पिछले 24 घंटे में कोविड-19 का कोई नया मामला सामने नहीं आया।उन्होंने बताया कि राज्य में पिछले 24 घंटे में संक्रमण से किसी की मृत्यु नहीं होने से मृतक संख्या 296 बनी हुई है। मरीजों के स्वस्थ होने की दर 99.54 प्रतिशत है। जम्पा ने बताया कि शनिवार को 111 नमूनों सहित अब तक 12.68 लाख से अधिक नमूनों की कोविड-19 संबंधी जांच हुई है। राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ दिमोंग पाडुंग ने बताया कि राज्य में 16,58,536 से अधिक लोगों को कोविड-19 रोधी टीके की खुराक दी गई है।भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने रविवार को बताया कि, भारत में कल कोरोना वायरस के लिए 6,20,251 सैंपल टेस्ट किए गए, कल तक कुल 78,69,22,965 सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं। भारत में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस (COVID19) के 1,421 नए मामले सामने आए, 1,826 लोग डिस्चार्ज हुए और 149 लोगों की कोरोना से मौत हुई। देश में कोरोना के अबतक कुल 4,30,19,453 मामले सामने आ चुके हैं, वहीं 16,187 सक्रिय मामले हैं। देश में अबतक कुल 4,24,82,262 लोग कोरोना को मात देकर ठीक हो गए हैं। देश में कोरोना से अबतक कुल 5,21,004 मौतें हो चुकी हैं। वहीं वैक्सीनेशन का आंकड़ा 1,83,20,10,030 के पार पहुंच गया है।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि देश में कोविड-19 रोधी टीके की 183 करोड़ से ज्यादा खुराकें लोगों को दी जा चुकी हैं। मंत्रालय ने कहा कि शनिवार शाम सात बजे तक 26 लाख से ज्यादा खुराकें दी गई हैं और देर रात अंतिम रिपोर्ट आने के बाद यह संख्या बढ़ सकती है। मंत्रालय के मुताबिक अब तक 12-14 आयुवर्ग के बच्चों को 1.20 करोड़ से अधिक खुराकें दी जा चुकी हैं। उसने कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों, अग्रिम पंक्ति के कर्मियों और 60 साल से ज्यादा आयु के लोगों को 2.25 करोड़ से ज्यादा ऐहतियाती खुराक दी जा चुकी है।
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अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री से टीके और ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाने का अनुरोध किया
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राज्य का ऑक्सीजन कोटा बढ़ाने और कोविड-रोधी टीके की आपूर्ति तत्काल सुनिश्चित करने का अनुरोध किया।
चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राज्य का ऑक्सीजन कोटा बढ़ाने और कोविड-रोधी टीके की आपूर्ति तत्काल सुनिश्चित करने का अनुरोध किया। आधिकारिक बयान के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने राज्य में कोविड-19 संबंधी स्थिति और इससे निपटने को लेकर उठाए जा रहे कदमों पर चर्चा करने के लिए मुख्यमंत्री को फोन किया तथा इसी दौरान सिंह ने यह मुद्दा उठाया। सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने उन्हें हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि महामारी की दूसरी लहर से उत्पन्न हालात से निपटने में पंजाब सरकार की सहायता के मद्देनजर केंद्र सरकार राज्य को होने वाली ऑक्सीजन एवं टीका आपूर्ति को बढ़ाने के लिए तत्काल कदम उठाएगी। सिंह ने प्रधानमंत्री को बताया कि राज्य सरकार टीकाकरण के तीसरे चरण के तहत 18-44 आयु वर्ग के लोगों का टीकाकरण शुरू कर पाने में असमर्थ थी। हालांकि, टीके की एक लाख खुराक प्राप्त होने के बाद सोमवार से सरकारी अस्पतालों में इसकी शुरुआत की जाएगी। उन्होंने कहा कि 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों के लिए भी टीके की कमी थी और राज्य को रविवार को टीके की 1.63 लाख खुराक मिलने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को सूचित किया कि कोविड-19 के गंभीर मरीजों की संख्या बढ़ने और दिल्ली-एनसीआर समेत अन्य राज्यों से मरीजों के पंजाब आने के चलते राज्य को तत्काल 300 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि 22 अप्रैल को 197 मीट्रिक टन के मुकाबले आठ मई को राज्य की ऑक्सीजन मांग बढ़कर 295.5 मीट्रिक टन तक पहुंच गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि टैंकरों की कमी से भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और ऑक्सीजन कोटा तथा टैंकर उपलब्ध कराने के लिए भी केंद्र से सहायता की आवश्यकता है। ये भी पढ़ें
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राजनाथ सिंह और चीन के रक्षामंत्री के बीच रूस में 2 घंटे 20 मिनट तक हुई महत्वपूर्ण बैठक
मॉस्को में भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और चीन के रक्षामंत्री वेई फेंगे के बीच की शुक्रवार को एक बैठक हुई। ये बैठक 2 घंटे 20 मिनट तक चली।
नई दिल्ली: मॉस्को में भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और चीन के रक्षामंत्री वेई फेंगे के बीच की शुक्रवार को एक बैठक हुई। ये बैठक 2 घंटे 20 मिनट तक चली। इसकी जानकारी रक्षामंत्री कार्यलय ने दी। मीटिंग खत्म होने के बाद राजनाथ सिंह ने भी ट्विटर पर कहा ''मेरी चीन के रक्षामंत्री वेई फेंगे के साथ मॉस्को में मुलाकात हुई।'' रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस मीटिंग की फोटो भी शेयर की जिसमें वह भारत के कई अधिकारियों के साथ चीन के रक्षामंत्री से बातचीत करते नजर आ रहे है। लद्दाख में चीन की हरकतों के कारण तीन महीने से जबरदस्त टेंशन है इसलिए भारत ने मास्को में राजनाथ सिंह की चीन के डिफेंस मिनिस्टर वेई फेंगे के साथ किसी तरह की मीटिंग से इंकार किया था। चीन की तरफ से बार बार ये अपील की गई कि चाइनीज डिफेंस मिनिस्टर वेई फेंगे भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ से मिलना चाहते हैं, भारत के रक्षामंत्री को वक्त देना चाहिए। इसके बाद शुक्रवार शाम दोनों डिफेंस मिनिस्टर्स की मीटिंग का वक्त तय किया गया था।इस मुलाकात से पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एससीओ के सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों की संयुक्त बैठक में राजनाथ सिंह ने इशारों इशारों में चीन को कड़ा मैसेज दिया। रक्षा मंत्री ने कहा कि क्षेत्रीय स्थिरता और शांति के लिए आक्रामक तेवर को खत्म करना जरूरी है।राजनाथ ने कहा कि एससीओ देशों में विश्वास और सहयोग बना रहे इसके लिए अंतर्राष्ट्रीय नियमों के प्रति सम्मान, एक दूसरे के हितों के प्रति संवेदनशील रवैया अपनाया जाए। साथ ही विवादों को शांतिपूर्ण तरीके से निपटाया जाए। राजनाथ ने कहा कि भारत आतंकवाद की निंदा करता है और उन लोगों की भी जो इसका समर्थन करते हैं।राजनाथ सिंह और वेई फेंगे दोनों शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक के लिए मॉस्को में हैं। चीन का राजनाथ से मीटिंग करने का अनुरोध ऐसे समय में आया जब भारतीय और चीनी सैनिक पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के साथ सैन्य गतिरोध में लगे हुए हैं। पूर्वी लद्दाख में कई जगह भारत और चीन की सेनाओं के बीच गतिरोध जारी है। तनाव तब और बढ़ गया था जब पांच दिन पहले पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर चीनी सेना ने भारतीय क्षेत्र पर कब्जे का असफल प्रयास किया वह भी तब जब दोनों पक्ष कूटनीतिक और सैन्य बातचीच के जरिये विवाद को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं।भारत पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर सामरिक रूप से महत्वपूर्ण ऊंचाई वाले इलाकों पर मुस्तैद है और चीन की किसी कार्रवाई को नाकाम करने के लिये ‘फिंगर-2’ और ‘फिंगर-3’ में अपनी मौजूदगी और मजबूत की है। चीन ने भारत के कदम का कड़ा विरोध किया है। चीन की इस हिमाकत के बाद भारत ने संवेदनशील क्षेत्र में अतिरिक्त जवानों और हथियारों को तैनात किया है। सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे भी फिलहाल दो दिन के लद्दाख दौरे पर हैं।
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पूर्व सैनिकों ने की मांग, अगस्ता वेस्टलैंड में दोषी पाए जाने वालों को मिले कड़ी सजा
रक्षा क्षेत्र में भ्रष्टाचार से राष्ट्रीय सुरक्षा व क्षेत्रीय अखंडता को नुकसान होने का जिक्र करते हुए पूर्व सैनिकों के एक ग्रुप ने शुक्रवार को मांग की कि रक्षा सौदों में भ्रष्टाचार के मामलों में ‘केंद्रित’ जांच हो।
नई दिल्ली: रक्षा क्षेत्र में भ्रष्टाचार से राष्ट्रीय सुरक्षा व क्षेत्रीय अखंडता को नुकसान होने का जिक्र करते हुए पूर्व सैनिकों के एक ग्रुप ने शुक्रवार को मांग की कि रक्षा सौदों में भ्रष्टाचार के मामलों में ‘केंद्रित’ जांच हो। इन पूर्व सैनिकों ने एक बयान जारी करते हुए यह भी मांग की कि ऐसे मामलों की सुनवाई ‘फास्ट-ट्रैक’ अदालतों में हो। अपने बयान में उन्होंने कहा कि अगस्ता वेस्टलैंड मामले में रिश्वत लेने के दोषी पाए जाने वालों को ऐसी सजा दी जानी चाहिए जो मिसाल बने।पूर्व सैनिकों ने दावा किया कि रक्षा सौदों में रिश्वत को सिर्फ भ्रष्टाचार के मामले के तौर पर नहीं देखा जा सकता बल्कि इसे व्यापक संदर्भों में आतंकवाद जैसे अन्य कृत्यों की तरह ही ‘राष्ट्र विरोधी’ गतिविधि के तौर पर देखा जाना चाहिए। बयान पर हस्ताक्षर करने वाले 78 लोगों में एयर मार्शल (रिटायर्ड) एसपी सिंह, एयर मार्शल (रिटायर्ड) दुष्यंत सिंह, वाइस एडमिरल (रिटायर्ड) शेखर सिन्हा, लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) वीके चतुर्वेदी और लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) अरविंद शर्मा शामिल हैं।उन्होंने कहा, ‘अगस्ता वेस्टलैंड मामले में घूस लेने के दोषी पाए जाने वाले सभी लोगों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई महत्वपूर्ण है जो मिसाल बने जिससे इसके निरोधात्मक प्रभाव हों और भविष्य में ऐसे ही मामलों से निपटने के लिये यह नजीर के तौर पर देखी जाए।’बयान में कहा गया कि सौदे में शामिल बिचौलियों के अलावा सरकार, नेताओं, उनके रिश्तेदार जिन्होंने रिश्वत ली या प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से भ्रष्टाचार से लाभान्वित हुए या किसी वजह से अनैतिक तरीकों के लिये जरिया बने, उन सभी को सजा मिलनी चाहिए। बयान में कुछ कांग्रेस नेताओं और उनके परिजनों के नामों का भी संदर्भ दिया गया है जिनका जिक्र कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार के सत्ता में रहने के दौरान हुए वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदे की जांच के दौरान हुआ है।
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Hypersonic Weapons: हाइपरसोनिक हथियारों को लेकर भारत की तारीफ कर रहा अमेरिका, समझिए क्या होती है ये तकनीक
अमेरिका का कहना है कि चीन, भारत और रूस ने हाइपरसोनिक प्रौद्योगिकी में काफी तरक्की कर ली है। अमेरिकी सांसद ने कहा कि उन्नत तकनीक के क्षेत्र में अब यूएस उतना प्रभावशाली नहीं है. हाइपरसोनिक हथियार आवाज की गति से पांच गुना अधिक रफ्तार से चलने वाली मारक मिसाइलों के तौर पर जाने जाते हैं।
नई दिल्ली: अमेरिका के एक सांसद ने कहा कि उन्नत तकनीक के क्षेत्र में अब अमेरिका उतना प्रभावशाली नहीं है, जबकि चीन, भारत और रूस ने हाइपरसोनिक प्रौद्योगिकी में काफी तरक्की कर ली है। सीनेट आर्म्ड सर्विस कमेटी के अध्यक्ष जैक रीड ने बुधवार को एक नामांकन की पुष्टि के लिए हो रही बहस में कहा कि हम ऐसी स्थिति में हैं जहां हम तकनीक संबंधी सुधार कर रहे हैं। कभी तकनीक के क्षेत्र में हमारा वर्चस्व हुआ करता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है। ‘हाइपरसोनिक’ प्रौद्योगिकी में स्पष्ट रूप से चीन, भारत और रूस ने काफी तरक्की कर ली है।क्या होते हैं हाइपरसोनिक हथियार?हाइपरसोनिक हथियार को ‘मैक पांच’ या आवाज की गति से पांच गुना अधिक रफ्तार से चलने वाली मारक मिसाइलों के तौर पर जाना जाता है। इसकी गति करीब 3,800 मील प्रति घंटा या साधारण भाषा में कहें तो इन मिसाइलों की गति 6100 किलोमीटर प्रतिघंटा होती है। हालांकि अंतर महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलें इससे अधिक गति से मार कर सकती हैं लेकिन इनके रास्ते का पूर्वानुमान लगाकर इन्हें रास्ते में ही नष्ट किया जा सकता है। वहीं दूसरी ओर हाइपरसोनिक हथियार हमले की स्थिति में अपना रास्ता बदल सकते हैं। हाइपरसोनिक मिसइलों की स्पीड और दिशा में बदलाव करने की क्षमता बेहद सटीक और ताकतवर होती है और यही कारण है कि इन्हें ट्रैक करना और हवा में मार गिराना लगभग अंसभव होता है। हाइपरसोनिक हथियारों की यही खासियत इन्हें सबसे ज्यादा घातक बनाती है। हाइपरसोनिक हथियार दो तरह के होते हैं। पहला- ग्लाइड व्हीकल्स यानी हवा में तैरने वाले हाइपरसोनिक हथियार और दूसरा है क्रूज मिसाइल। अभी दुनिया का फोकस ग्लाइड व्हीकल्स पर है। बता दें कि ग्लाइड व्हीकल्स के पीछे छोटी मिसाइल लगाई जाती है, इसके बाद इसे मिसाइल लॉन्चर से फायर किया जाता है। एक निश्चित दूरी तय करने के बाद इसमें से मिसाइल अलग हो जाती है। उसके बाद ग्लाइड व्हीकल्स आसानी से उड़ते हुए टारगेट पर हमला करता है। इन हथियारों में आमतौर पर स्क्रैमजेट इंजन लगा होता है, जो हवा में मौजूद ऑक्सीजन का उपयोग करके तेजी से उड़ता है।
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Tokyo Paralympic: सुहास एलवाई के सिल्वर मेडल जीतने के बाद पत्नी ऋतु ने कही ये बात
ऋतु ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हमारे लिए वो जीत चुके हैं, उन्होंने बहुत अच्छा खेला और देश का नाम रोशन किया है। हमें उन पर गर्व है। ये पूरे देशवासियों के लिए हर्ष का विषय है।
नोएडा. नोएडा के डीएम सुलास एलवाई ने टोक्यो पैरालंपिक में देश का नाम रोशन किया है। टोक्यो पैरालंपिक में सुहास के हाथ सिल्वर मेडल लगा। सुहास को राष्टप्रति, प्रधानमंत्री सहित तमाम बड़े लोगों ने बधाई दी है। उनकी पत्नी ऋतु भी उनकी इस उपलब्धि से बेहद खुश हैं। ऋतु ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हमारे लिए वो जीत चुके हैं, उन्होंने बहुत अच्छा खेला और देश का नाम रोशन किया है। हमें उन पर गर्व है। ये पूरे देशवासियों के लिए हर्ष का विषय है।सुहास एलवाई की मां जयाश्री ने कहा कि उन्हें अपने बेटे पर गर्व है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि मुझे अपने बेटे पर गर्व है, उन्होंने बड़ी सफलता पाई है। मैंने उनके मैच का आनंद लिया। वह बचपन से खेल में सक्रिय थे और पढ़ाई में भी शानदार थे। भारत को उनपर गर्व है। उन्होंने कहा, "उन्होंने आज भारत को गौरवान्वित किया है। यह हमारे लिए खुशी का पल है। एक माँ होने के नाते मुझे उन पर बहुत गर्व है।"पीएम मोदी और सीएम योगी ने दी बधाईटोक्यो में देश का नाम रोशन करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने उन्हें बधाई दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, "सेवा और खेल का अद्भुत संगम! नोएडा के डीएम सुहास यतिराज ने अपने असाधारण खेल प्रदर्शन की बदौलत हमारे पूरे देश की कल्पना पर कब्जा कर लिया है। बैडमिंटन में रजत पदक जीतने पर उन्हें बधाई। उन्हें उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं।"नोएडा. नोएडा के डीएम सुलास एलवाई ने टोक्यो पैरालंपिक में देश का नाम रोशन किया है। टोक्यो पैरालंपिक में सुहास के हाथ सिल्वर मेडल लगा। सुहास को राष्टप्रति, प्रधानमंत्री सहित तमाम बड़े लोगों ने बधाई दी है। उनकी पत्नी ऋतु भी उनकी इस उपलब्धि से बेहद खुश हैं। ऋतु ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हमारे लिए वो जीत चुके हैं, उन्होंने बहुत अच्छा खेला और देश का नाम रोशन किया है। हमें उन पर गर्व है। ये पूरे देशवासियों के लिए हर्ष का विषय है।सुहास एलवाई की मां जयाश्री ने कहा कि उन्हें अपने बेटे पर गर्व है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि मुझे अपने बेटे पर गर्व है, उन्होंने बड़ी सफलता पाई है। मैंने उनके मैच का आनंद लिया। वह बचपन से खेल में सक्रिय थे और पढ़ाई में भी शानदार थे। भारत को उनपर गर्व है। उन्होंने कहा, "उन्होंने आज भारत को गौरवान्वित किया है। यह हमारे लिए खुशी का पल है। एक माँ होने के नाते मुझे उन पर बहुत गर्व है।"पीएम मोदी और सीएम योगी ने दी बधाईउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मीडिया से बातचीत के दौरान सुहास एलवाई को बधाई देते हुए कहा, "नोएडा के डीएम सुहास एल.यथिराज ने पैरालंपिक में रजत पदक जीता है इसके लिए मैं उन्हें बधाई देता हूं। मुझे प्रसन्नता है कि अपने प्रशासनिक दायित्वों का कुशलतापूर्वक निर्वाहन करने के साथ ही उन्होंने पैरालंपिक में भी बड़ी सफलता प्राप्त की है।"
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सिद्धू से मिलने के लिए 'कैप्टन' की शर्त! सार्वजनिक रूप से माफी मांगे जाने तक नहीं मिलेंगे
नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस प्रमुख बनाए जाने के बाद भी उनके और मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह के बीच रिश्ते पटरी पर लौटते नहीं दिख रहे हैं।
चंडीगढ़: नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस प्रमुख बनाए जाने के बाद भी उनके और मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह के बीच रिश्ते पटरी पर लौटते नहीं दिख रहे हैं। सिंह की ओर से मंगलवार को उन खबरों के खारिज कर दिया गया कि सिद्धू ने उनसे मुलाकात के लिए समय मांगा है। साथ ही, मुख्यमंत्री की ओर से कहा गया कि जब तक सिद्धू सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ की गईं अपमानजक टिप्पणियों पर सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांग लेते, मुख्यमंत्री उनसे नहीं मिलेंगे। सिंह के मीडिया सलाहकार रवीन ठकराल ने ट्वीट किया, ''ये खबरें पूरी तरह झूठी हैं कि नवजोत सिंह सिद्धू मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह से मिलने के लिये समय मांग रहे हैं। मुख्यमंत्री के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है। वह तब तक सिद्धू से नहीं मिलेंगे जब तक वह सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ की गईं अपमानजक टिप्पणियों पर सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांग लेते।'' इससे पहले, पंजाब के मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा ने सिद्धू के साथ तब तक किसी भी तरह की निजी बैठक करने से इनकार किया, जब तक सिद्धू और सिंह के बीच मतभेद दूर नहीं हो जाते। मोहिंद्रा ने यह बात उस दिन कही जब सिद्धू अमृतसर गए थे, जहां उनके समर्थकों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया। सिद्धू को प्रदेश प्रमुख बनाए जाने के बाद किसी मंत्री द्वारा की गयी यह ऐसी टिप्पणी है, जो दिखाती है कि पंजाब कांग्रेस में संकट अभी खत्म नहीं हुआ है। मोहिंद्रा ने यहां जारी एक बयान में कहा कि सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त करने के पार्टी आलाकमान के फैसले का स्वागत है। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, मैं उनसे (सिद्धू) तब तक नहीं मिलूंगा जब तक कि वह मुख्यमंत्री से मिलकर उनके साथ अपने मुद्दों को सुलझा नहीं लेते।’’ मोहिंद्रा ने कहा कि अमरिंदर सिंह कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेता हैं और वह उनके निर्देशों का पालन करेंगे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोहिंद्रा ने कहा कि सीएलपी नेता होने के अलावा मुख्यमंत्री कैबिनेट का भी नेतृत्व करते हैं, जिसका वह हिस्सा हैं। उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि जब तक सिद्धू, सिंह के साथ सभी मुद्दों को सुलझा नहीं लेते, वह उनसे निजी तौर पर नहीं मिलेंगे। समझा जाता है कि सिंह ने पिछले हफ्ते अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के महासचिव हरीश रावत से कहा था कि वह सिद्धू से तब तक नहीं मिलेंगे जब तक कि वह उनके खिलाफ अपने ‘‘अपमानजनक’’ ट्वीट के लिए माफी नहीं मांग लेते। सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने पर मुख्यमंत्री की तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है।
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अप्रैल में भारत पहुंचेगी 3 राफेल लड़ाकू विमानों की खेप, अंबाला एयरबेस पर होगी लैंडिंग
राफेल लड़ाकू विमानों की तीन और खेप अगले हफ्ते की शुरुआत तक भारत पहुंच जाएंगी। ये खेप अप्रैल में अंबाला में लैंड कर जाएगी। इसके अलावा 9 और लड़ाकू विमान अप्रैल के मध्य तक फ्रांस से भारत पहुंचेंगे।
नई दिल्ली: राफेल लड़ाकू विमानों की तीन और खेप अगले हफ्ते की शुरुआत तक भारत पहुंच जाएंगी। ये खेप अप्रैल में अंबाला में लैंड कर जाएगी। इसके अलावा 9 और लड़ाकू विमान अप्रैल के मध्य तक फ्रांस से भारत पहुंचेंगे। वहीं उत्तर बंगाल में हाशिमारा फॉरवर्ड बेस अगले महीने पांच लड़ाकू विमानों के साथ अपना ऑपरेशन शुरु करेगा। फ्रांसीसी और भारतीय राजनयिकों के मुताबिक, IAF की एक टीम तीन राफेल को अंबाला तक पहुंचाने की तारीख को अंतिम रूप देने के लिए पहले ही बोर्डिएक्स के मेरिग्नैक एयरबेस पहुंच चुकी है। बता दें कि भारत ने फ्रांस को गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट डील के तहत 36 लड़ाकू विमानों का सितंबर 2016 में ऑर्डर दिया था और इसकी कुल कीमत 59 हजार करोड़ रुपये थी।IAF के अंबाला स्थित गोल्डन एरो स्क्वाड्रन ने जुलाई 2020 और जनवरी 2021 के बीच 11 राफेल जेट्स को पहले ही वायु सेना में शामिल कर लिया है। इन लड़ाकू जेट विमानों को लद्दाख थिएटर में संचालित किया गया है, जहां मई 2020 की शुरुआत से ही चीन के साथ सीमा गतिरोध के बाद सेना हाई अलर्ट पर है। डसॉल्ट एविएशन ने फ्रांस में ट्रेनिंग के लिए सात और लड़ाकू विमानों को IAF को पहले ही सौंप दिया है और इस साल के अंत तक 36 विमानों की डिलीवरी फ्रांस को पूरी करनी है इसलिए अप्रैल के बाद बचे 6 राफेल जेट की डिलिवरी की जाएगी।राफेल विमानों की पहली खेप पिछले साल 29 जुलाई को फ्रांस से भारत आई थी। भारत ने फ्रांस से 59 हजार करोड़ रुपये में 36 लड़ाकू विमान खरीदने के लिए साल 2015 में अंतर-सरकारी करार पर हस्ताक्षर किए थे। तीन विमानों की दूसरी खेप तीन नवंबर को भारत आई थी जबकि तीन और विमानों की तीसरी खेप 27 जनवरी को यहां पहुंची थी।
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जन्माष्टमी के उपवास के लिए अध्यापक ने बच्चों को पीटा, भगवान कृष्ण को अपशब्द कहे!
मौके पर हालात न बिगड़े इसलिए पुलिस ने मामला संभाला। बजरंग दल कार्यकर्ता शिक्षक से कहने लगे कि आपको किसने हक दिया उपवास रखने वाले बच्चों को पीटने का?
रायपुर: भगवान कृष्ण के प्रति श्रद्धा प्रकट करना छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले में कुछ छात्रों को भारी पड़ गया। कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर शिक्षक ने बच्चों से पूछा कि किस-किस ने उपवास रखा है। जिसने भी हाथ उठाया, शिक्षक ने उन सभी की जमकर पिटाई कर दी। मामला कोंडागांव जिले के गिरोला गांव स्थित बुंदापारा माध्यमिक शाला से सामने आया। साथ ही शिक्षक ने भगवान को लेकर बच्चों से अभद्र बातें भी की। बच्चों को श्रीकृष्ण भगवान के बारे में ग़लत ज्ञान देकर आस्था के साथ खिलवाड़ किया।बच्चों ने पिटाई की बात अपने घर पर बताई जिसके बाद स्कूल से एक वीडियो सामने आया। बच्चे अपने पालकों के साथ खड़े हैं जिसमें बच्चे बता रहे हैं कि शिक्षक ने उन्हें क्यों पीटा। बच्चों ने बताया कि शिक्षक ने उनसे पूछा किसने-किसने जन्माष्टमी का उपवास रखा जिसने भी हाथ उठाया, उन्हें अलग किया और फिर सभी की जमकर पिटाई की गई।इस बात की जानकारी बच्चों ने अपने घरवालों को दी जिसके बाद दूसरे दिन स्कूल में जमकर हंगामा हुआ। कई हिन्दू संगठन के लोग भी स्कूल पहुचे और शिक्षकों का विरोध करते हुए उन्हें निलंबन की मांग की। उन्होंने वहां भीड़ लगा ली और शिक्षकों की क्लास लेना शुरू कर दी। मौके पर हालात न बिगड़े इसलिए पुलिस ने मामला संभाला। बजरंग दल कार्यकर्ता शिक्षक से कहने लगे कि आपको किसने हक दिया उपवास रखने वाले बच्चों को पीटने का? पूरे मामले पर जिला शिक्षा अधिकारी राजेश मिश्रा ने बताया कि कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए हैं, जांच कर रिपोर्ट जल्द ही कलेक्टर को सौंप दी जाएगी।ये भी पढ़ें
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6 फरवरी को चक्का जाम में फंसने वालों को खाना और पानी बांटेंगे: राकेश टिकैत
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने गुरुवार को कहा कि 6 फरवरी को तीन घंटे का 'चक्का जाम' होगा। यह दिल्ली में नहीं बल्कि दिल्ली के बाहर हर जगह होगा।
नई दिल्ली: दिल्ली-उत्तर प्रदेश के गाजीपुर बॉर्डर पर पिछले 2 महीने से भी अधिक समय से धरना दे रहे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने गुरुवार को कहा कि 6 फरवरी को तीन घंटे का 'चक्का जाम' होगा। यह दिल्ली में नहीं बल्कि दिल्ली के बाहर हर जगह होगा। इस जाम में फंसे लोगों को खाना और पानी दिया जाएगा। हम उन्हें बताएंगे कि सरकार हमारे साथ क्या कर रही है।राकेश टिकैत ने इससे पहले कहा था कि 6 फरवरी को दिल्ली-एनसीआर में चक्का जाम नहीं किया जाएगा। राकेश टिकैत के मुताबिक, किसानों को दिल्ली में प्रवेश ही नहीं करना है तो ऐसे में 6 फरवरी को चक्का जाम करने का सवाल ही नहीं उठता है। यह एलान राकेश टिकैत ने एक निजी समाचार चैनल से बातचीत में किया है। इससे पहले यूपी गेट पर कृषि कानूनों के विरोध में 28 नवंबर से चल रहे धरने में मंगलवार को प्रदर्शनकारियों की खासी भीड़ रही, जो बुधवार को भी बरकरार है। इससे पहले मंगलवार को मंच से विरोध-प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा था कि छह फरवरी को पूरे देश में किसान चक्का जाम करेंगे। दिल्ली बॉर्डर पर की गई तारबंदी को लेकर उन्होंने कहा कि पुलिस किसानों की रोटी व अनाज की तारबंदी कर रही है। धरनास्थल की किलेबंदी की जा रही है।
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केरल में सामने आए Covid-19 के 1,054 नए मामले, 11 मरीजों मौत
केरल में सोमवार को कोविड-19 के 1,054 नए मामले सामने आए और 11 मौतें हुईं। इन नए मामलों से राज्य में संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 10,92,673 हो गए और मृतकों की संख्या बढ़कर 4,407 हो गई।
तिरुवननंतपुरम: केरल में सोमवार को कोविड-19 के 1,054 नए मामले सामने आए और 11 मौतें हुईं। इन नए मामलों से राज्य में संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 10,92,673 हो गए और मृतकों की संख्या बढ़कर 4,407 हो गई। राज्य में आज कुल 3,463 लोग इस बीमारी से ठीक हुए, जिससे अब तक राज्य में कुल 10,60,560 लोग इस बीमारी से ठीक हो चुके हैं, जबकि 27,057 मरीजों का इलाज चल रहा है। राज्य में 1,43,461 लोग निगरानी में हैं, जिनमें से 4,152 राज्य भर के विभिन्न अस्पतालों के पृथक वार्डों में हैं। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा ने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले 24 घंटों में 38,410 नमूनों की जांच की है और जांच की संक्रमण दर 2.74 प्रतिशत है। अब तक, राज्य में 1,23,29,604 नमूनों की जांच हो चुकी है। वर्तमान में राज्य में 352 हॉटस्पॉट हैं।इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि महाराष्ट्र, पंजाब, कर्नाटक, गुजरात और तमिलनाडु में कोविड-19 के नए मामलों में लगातार बढ़ोतरी जारी है और 78.41 फीसदी नए मामले इन पांच राज्यों से हैं। मंत्रालय ने बताया कि पिछले 24 घंटे में कुल 26,291 नए मामले सामने आए। महाराष्ट्र में सर्वाधिक 16,620 नए मामले आए (रोजाना नए मामलों का 63.21 फीसदी)। केरल में 1792 जबकि पंजाब में 1492 नए मामले सामने आए हैं।मंत्रालय ने कहा, ‘‘आठ राज्यों में रोजाना नए मामलों की संख्या बढ़ रही है। ये राज्य हैं महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पंजाब, मध्य प्रदेश, दिल्ली, गुजरात, कर्नाटक और हरियाणा।’’ इसने बताया कि केरल में पिछले एक महीने से मामलों की संख्या घट रही है। भारत में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या 2,19,262 है, जो कुल संक्रमण का 1.93 फीसदी है। भारत में कुल उपचाराधीन मरीजों का 77 फीसदी मामला महाराष्ट्र, केरल और पंजाब से है। बहरहाल, भारत में टीका लगवाने वाले लोगों की संख्या अब करीब तीन करोड़ होने जा रही है। मंत्रालय ने बताया कि सोमवार सुबह सात बजे तक उपलब्ध रिपोर्ट के मुताबिक 5,13,065 सत्र के माध्यम से 2,99,08,038 टीके की खुराक दी जा चुकी है। टीकाकरण अभियान के 58वें दिन (14 मार्च को) 1,40,880 खुराकें दी गईं। मंत्रालय ने बताया, ‘‘रविवार होने की वजह से कल अधिकतर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में टीकाकरण सत्र आयोजित नहीं किया गया।’’ इसने बताया कि पिछले 24 घंटे के दौरान 17,455 लोगों के ठीक होने के साथ ही देश में अब तक 1,10,07,352 लोग संक्रमण से उबर चुके हैं। साथ ही नए ठीक हुए मरीजों में से 84.10 फीसदी छह राज्यों से हैं। ये भी पढ़ें
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गलत जानकारी फैलाने के लिए हमारे पास दिल्ली के मुख्यमंत्री के खिलाफ कार्रवाई का अधिकार: भारत में सिंगापुर के राजदूत
भारत में सिंगापुर के उच्चायुक्त साइमन वोंग ने बुधवार को कहा है कि उनके देश के पास दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर POFMA के तहत कार्रवाई का अधिकार है।
नई दिल्ली: भारत में सिंगापुर के उच्चायुक्त साइमन वोंग ने बुधवार को कहा है कि उनके देश के पास दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर POFMA के तहत कार्रवाई का अधिकार है। उन्होंने कहा कि हालांकि वह भारत सरकार के स्पष्टीकरण से संतुष्ट हैं। बता दें कि अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को कहा था कि सिंगापुर में कोरोना वायरस का एक नया स्वरूप सामने आया है जो बच्चों के लिए बहुत खतरनाक है। केजरीवाल के इस बयान को सिंगापुर की सरकार ने तथ्यों से परे बताते हुए कड़ी आपत्ति दर्ज की थी।‘हमारे पर दिल्ली के CM पर कार्रवाई का अधिकार’भारत में सिंगापुर के उच्चायुक्त साइमन वोंग ने कहा, ‘सिंगापुर में, हमारे पास गलत सूचना से निपटने के लिए प्रोटेक्शन फ्रॉम ऑनलाइन फाल्सहुड्स ऐंड मैनिपुलेशन ऐक्ट (POFMA) है, और हमारे पास दिल्ली के मुख्यमंत्री द्वारा किए गए दावों पर POFMA लगाने का अधिकार हैं। हालांकि, हम भारत सरकार के स्पष्टीकरण से संतुष्ट हैं।’ वहीं, सिंगापुर में कोरोना वायरस के कथित नए स्वरूप के मद्देनजर वहां उड़ान रद्द करने संबंधी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की टिप्पणी पर सिंगापुर सरकार की आपत्ति के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने बुधवार को स्पष्ट किया कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में दोनों देश मजबूत साझेदार हैं और दिल्ली के मुख्यमंत्री की टिप्पणी भारत का बयान नहीं है।विदेश मंत्री ने कहा, मजबूत साझेदार हैं दोनों देशविदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘सिंगापुर और भारत कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में मजबूत भागीदार रहे हैं। परिवहन एवं आपूर्ति केंद्र और ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ता के रूप में हम सिंगापुर की भूमिका की सराहना करते हैं।’ उन्होंने कहा कि हमारी मदद के लिये सैन्य विमान तैनात करने का उनका भाव हमारे अभूतपूर्व संबंधों को स्पष्ट करता है । जयशंकर ने कहा, ‘कुछ लोगों के गैर-जिम्मेदाराना बयान से हमारी दीर्घकालिक साझेदारी को नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए मैं स्पष्ट कर देता हूं कि दिल्ली के मुख्यमंत्री का बयान पूरे भारत का बयान नहीं है।’
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Navneet Rana fake caste certificate: नवनीत राणा पर फर्जी जाति प्रमाणपत्र बताने का आरोप, दो लाख का लगा जुर्माना, सुप्रीम कोर्ट जुलाई में करेगा सुनवाई
उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि निर्दलीय लोकसभा सांसद नवनीत कौर राणा की उस याचिका पर वह जुलाई में सुनवाई करेगा, जिसमें उन्होंने अपने जाति प्रमाण पत्र को रद्द करने के बंबई उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी है।
Navneet Rana fake caste certificate: उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि निर्दलीय लोकसभा सांसद नवनीत कौर राणा की उस याचिका पर वह जुलाई में सुनवाई करेगा, जिसमें उन्होंने अपने जाति प्रमाण पत्र को रद्द करने के बंबई उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी है। निर्दलीय सांसद नवनीत कौर राणा महाराष्ट्र के अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित अमरावती निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती हैं। न्यायमूर्ति विनीत सरन और न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी की पीठ ने मामले पर सुनवाई को स्थगित कर दिया। इससे पहले, राणा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा था कि उन्हें कुछ समय चाहिए।पीठ ने कहा- 'हम जुलाई में मामले पर सुनवाई करेंगे।' छुट्टियों के बाद, नई पीठ के मामले पर सुनवाई करने की संभावना है, क्योंकि न्यायमूर्ति सरन 10 मई को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। बता दें, शीर्ष अदालत ने पिछले साल 22 जून को राणा का जाति प्रमाण पत्र रद्द करने के उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगा दी थी। बंबई उच्च न्यायालय ने कहा था कि जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल कर फर्जी तरीके से जाति प्रमाण पत्र हासिल किया गया। अदालत ने राणा पर दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। राणा ने 2019 में अमरावती से चुनाव जीता था। उन्होंने अपने हलफनामे में दावा किया था कि वह 'मोची' जाति से नाता रखती हैं। चुनाव में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने उनका समर्थन किया था। बता दें, हनुमान चालीसा विवाद में गिरफ्तारी के बाद भायखला जेल से भी नवनीत राणा ने खुद को नीची जाति का बताते हुए लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को पत्र लिखा था और शिकायत की थी कि जेल में उनके साथ बदसलूकी की गई, पीने का पानी भी नहीं दिया गया। पुलिस स्टाफ ने बाथरूम तक यूज नहीं करने दिया।
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देश में बढ़ा Covid-19 का प्रकोप, 16,577 नए मामले और 120 मौतें दर्ज
देश में बीते एक हफ्ते से कोरोनावायरस के मामले चिंताजनक रूप से बढ़ रहे हैं। पिछले 24 घंटों में देश में 16,577 नए मामले दर्ज हुए हैं। केंद्रीय मंत्रालय ने कहा है कि अब देश में कुल मामलों की संख्या 1,10,63,491 हो गई है।
नई दिल्ली: देश में बीते एक हफ्ते से कोरोनावायरस के मामले चिंताजनक रूप से बढ़ रहे हैं। पिछले 24 घंटों में देश में 16,577 नए मामले दर्ज हुए हैं। केंद्रीय मंत्रालय ने कहा है कि अब देश में कुल मामलों की संख्या 1,10,63,491 हो गई है। इसी दौरान 120 मौतें होने के बाद कुल मौतों की संख्या 1,56,825 हो गई है। शुक्रवार को जारी हुए आंकड़ों के मुताबिक नए मामलों की संख्या एक दिन पहले की संख्या से 161 कम है, फिर भी कोविड मामलों की बढ़ती संख्या ने चिंताजनक स्थिति पैदा कर दी है। मामलों के पॉजिटिव आने की दर धीरे-धीरे बढ़ रही है और अब यह 1.41 फीसदी हो गई है। मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटों में 12,179 लोग ठीक होकर डिस्चार्ज हुए हैं। अब देश में कोरोना के 1,55,996 सक्रिय मामले हैं। देश में अब तक कुल 1,07,50,680 लोग डिस्चार्ज हो चुके हैं। रिकवरी दर 97.17 प्रतिशत और मृत्यु दर 1.42 प्रतिशत है।इस हफ्ते से पहले देश में एक महीने से दैनिक मामले 15 हजार और दैनिक मौतें 200 से कम दर्ज हो रही थीं, लेकिन अब स्थिति बिगड़ रही है। इन स्थितियों के पीछे विशेषज्ञों ने कई संभावनाएं जताई हैं, जिसमें कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने में लोगों द्वारा की जा रही ढिलाई से लेकर वायरस के म्यूटेशन और नए वैरिएंट तक शामिल है।केंद्र ने गुरुवार को बताया कि 90 प्रतिशत नए मामले महाराष्ट्र, केरल, पंजाब, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, गुजरात और छत्तीसगढ़ राज्यों के हैं। मंत्रालय के मुताबिक गुरुवार को 8,31,807 नमूनों का परीक्षण होने के बाद आईसीएमआर द्वारा किए गए परीक्षणों की संख्या 21,46,61,465 हो गई है।बता दें कि 16 जनवरी को टीकाकरण अभियान शुरू होने के बाद से अब तक देश में 13,472,643 कोरोना वैक्सीन डोज दिए जा चुके हैं।
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Lakhimpur Kheri Case: बढ़ेंगी अजय मिश्रा के बेटे आशीष की मुश्किलें! जांच में हथियारों से गोली चलने की हुई पुष्टि
पिछली नौ अक्टूबर को आशीष और उसके बाद गिरफ्तार किए गए अंकित दास तथा लतीफ काले के पास से लाइसेंसी राइफल, पिस्तौल, रिवाल्वर तथा रिपीटर गन बरामद की गईं थीं। इन हथियारों को 15 अक्टूबर को विधि विज्ञान प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा गया था।
लखीमपुर खीरी. उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी कांड में विधि विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट में मामले के मुख्य अभियुक्त और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष की राइफल तथा दो अन्य हथियारों से गोली चलाए जाने की पुष्टि हुई है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। पिछले तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के तिकोनिया क्षेत्र में किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हुई थी। किसानों का आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे किसानों पर अपनी गाड़ी चढ़ा दी और इस दौरान गोलियां चलाई गईं।पिछली नौ अक्टूबर को आशीष और उसके बाद गिरफ्तार किए गए अंकित दास तथा लतीफ काले के पास से लाइसेंसी राइफल, पिस्तौल, रिवाल्वर तथा रिपीटर गन बरामद की गईं थीं। इन हथियारों को 15 अक्टूबर को विधि विज्ञान प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा गया था। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चारों हथियारों की फॉरेंसिक जांच से इस बात की पुष्टि हुई है कि आशीष की राइफल समेत तीन हथियारों से गोली चलाई गई हालांकि रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि गोलियां किस वक्त चलाई गईं। उन्होंने बताया कि बरामद की गई राइफल आशीष की थी वहीं, पिस्तौल अंकित दास की और रिपीटर गन उसके सुरक्षाकर्मी लतीफ की थी और इन सभी से गोली चलने की पुष्टि हुई है।हालांकि इस मामले की जांच कर रही विशेष अनुसंधान टीम ने विधि विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट के बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ भी कहने से मना किया है। तिकोनिया इलाके में पिछले तीन अक्टूबर को हुई हिंसा के मामले में बहराइच के निवासी जगजीत सिंह द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि यह पूरा मामला केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा और उनके बेटे आशीष की सुनियोजित साजिश का परिणाम है।मामले में कहा गया है कि किसान तीन अक्टूबर को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के पैतृक गांव में आयोजित एक समारोह में शिरकत करने जा रहे उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को काले झंडे दिखाने के लिए महाराजा अग्रसेन इंटर कॉलेज के मैदान में एकत्र हुए थे। अपराह्न लगभग तीन बजे आशीष मिश्रा अपने 15-20 सशस्त्र लोगों के साथ तेज रफ्तार दोपहिया गाड़ियों से आए और प्रदर्शन स्थल पर पहुंचकर आशीष ने फायरिंग की, वह अपनी गाड़ी में बैठे थे जिससे किसानों को रौंदा गया।मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि गोली चलाए जाने से बहराइच के नानपारा निवासी किसान गुरविंदर सिंह के बेटे सुखविंदर की मौत हो गई। हालांकि सुखविंदर केशव के दो बार हुए पोस्टमार्टम में उसे गोली लगने की पुष्टि नहीं हुई। इस मामले में आशीष समेत अब तक 13 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ने अपने बेटे पर लगे आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि वह उस वक्त मौका-ए-वारदात पर नहीं थे।