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मुंबई से ड्रॉ खेलकर शेष भारत ने ईरानी ट्रॉफी बरकरार रखी
मुंबई के सलामी बल्लेबाज वसीम जाफर ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 48वां शतक जड़ा, लेकिन शेष भारत की टीम ड्रॉ हुए पांच दिवसीय मैच में पहली पारी की 117 रन की बढ़त के आधार पर ईरानी ट्रॉफी जीतने में सफल रही।
मुंबई के सलामी बल्लेबाज वसीम जाफर ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 48वां शतक जड़ा, लेकिन शेष भारत की टीम ड्रॉ हुए पांच दिवसीय मैच में पहली पारी की 117 रन की बढ़त के आधार पर ईरानी ट्रॉफी जीतने में सफल रही। शेष भारत ने टूर्नामेंट के 51वें साल में 26वीं बार खिताब जीता। टीम का खिताब जीतना शनिवार को ही सुनिश्चित हो गया था, जब उसने दूसरी पारी में चार विकेट पर 296 रन के स्कोर के साथ कुल 413 रन की बढ़त बना ली थी।टिप्पणियां हरभजन सिंह की अगुवाई वाले शेष भारत ने रविवार को अपनी बढ़त को 506 रन तक पहुंचाने के बाद पांच विकेट पर 389 रन के स्कोर पर पारी घोषित की। अंबाती रायुडू ने नाबाद 156 रन बनाए। उन्होंने छह घंटे से अधिक बल्लेबाजी की और अपनी पारी में 12 चौके और चार छक्के मारे। मुंबई ने इसके बाद अपनी दूसरी पारी में चार विकेट पर 160 रन बनाए। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आगामी टेस्ट सीरीज के लिए एक बार फिर नजरअंदाज किए गए वसीम जाफर ने नाबाद 101 रन बनाए, जिसके बाद अंतिम घंटे में तीसरा अनिवार्य ओवर फेंके जाने के बाद दोनों कप्तानों की सहमति से मैच ड्रॉ घोषित कर दिया गया। शेष भारत ने इस तरह ईरानी ट्रॉफी बरकरार रखी, जो उसने पिछले साल बेंगलुरु में राजस्थान को पारी और 79 रन से हराकर जीती थी। शेष भारत ने टूर्नामेंट के 51वें साल में 26वीं बार खिताब जीता। टीम का खिताब जीतना शनिवार को ही सुनिश्चित हो गया था, जब उसने दूसरी पारी में चार विकेट पर 296 रन के स्कोर के साथ कुल 413 रन की बढ़त बना ली थी।टिप्पणियां हरभजन सिंह की अगुवाई वाले शेष भारत ने रविवार को अपनी बढ़त को 506 रन तक पहुंचाने के बाद पांच विकेट पर 389 रन के स्कोर पर पारी घोषित की। अंबाती रायुडू ने नाबाद 156 रन बनाए। उन्होंने छह घंटे से अधिक बल्लेबाजी की और अपनी पारी में 12 चौके और चार छक्के मारे। मुंबई ने इसके बाद अपनी दूसरी पारी में चार विकेट पर 160 रन बनाए। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आगामी टेस्ट सीरीज के लिए एक बार फिर नजरअंदाज किए गए वसीम जाफर ने नाबाद 101 रन बनाए, जिसके बाद अंतिम घंटे में तीसरा अनिवार्य ओवर फेंके जाने के बाद दोनों कप्तानों की सहमति से मैच ड्रॉ घोषित कर दिया गया। शेष भारत ने इस तरह ईरानी ट्रॉफी बरकरार रखी, जो उसने पिछले साल बेंगलुरु में राजस्थान को पारी और 79 रन से हराकर जीती थी। हरभजन सिंह की अगुवाई वाले शेष भारत ने रविवार को अपनी बढ़त को 506 रन तक पहुंचाने के बाद पांच विकेट पर 389 रन के स्कोर पर पारी घोषित की। अंबाती रायुडू ने नाबाद 156 रन बनाए। उन्होंने छह घंटे से अधिक बल्लेबाजी की और अपनी पारी में 12 चौके और चार छक्के मारे। मुंबई ने इसके बाद अपनी दूसरी पारी में चार विकेट पर 160 रन बनाए। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आगामी टेस्ट सीरीज के लिए एक बार फिर नजरअंदाज किए गए वसीम जाफर ने नाबाद 101 रन बनाए, जिसके बाद अंतिम घंटे में तीसरा अनिवार्य ओवर फेंके जाने के बाद दोनों कप्तानों की सहमति से मैच ड्रॉ घोषित कर दिया गया। शेष भारत ने इस तरह ईरानी ट्रॉफी बरकरार रखी, जो उसने पिछले साल बेंगलुरु में राजस्थान को पारी और 79 रन से हराकर जीती थी। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आगामी टेस्ट सीरीज के लिए एक बार फिर नजरअंदाज किए गए वसीम जाफर ने नाबाद 101 रन बनाए, जिसके बाद अंतिम घंटे में तीसरा अनिवार्य ओवर फेंके जाने के बाद दोनों कप्तानों की सहमति से मैच ड्रॉ घोषित कर दिया गया। शेष भारत ने इस तरह ईरानी ट्रॉफी बरकरार रखी, जो उसने पिछले साल बेंगलुरु में राजस्थान को पारी और 79 रन से हराकर जीती थी।
World Environment Day: हम गैजेट्स के करीब और प्रकृति से दूर हो गए हैं - विशेषज्ञ
अक्सर सुनते हैं अप्रैल में इतनी गर्मी कभी नहीं रही पहले अक्टूबर में ठंड दस्तक दे देती थी अब चार महीने ठंड रहती है
दिल्ली में रहने वाले पुराने लोगों को अप्रैल को सबसे क्रूर बताने वाले टीएस इलियट के शब्दों को प्राय: याद करते हैं. हमने पेंशन प्राप्त करने वाले लोगों को यह कहते सुना है, अप्रैल के महीने में कभी इतनी गर्मी नहीं रही. ऐसा वक्त भी था जब अक्तूबर के खत्म-खत्म होते ठंड दस्तक दे देती थी, हालांकि अब जून की गर्मी को देखते हुए पुराने लोगों से पूछा जाए तो वे कहेंगे, अब चार महीने ठंड रहती है और आठ महीने गर्मी. दूसरी ओर विशेषज्ञों की राय में युवा पीढ़ी के लिए मौसम कोई मुद्दा प्रतीत नहीं हो रहा है. विश्व पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या पर इंवायर्नमेंटलिस्ट फाउंडेशन ऑफ इंडिया के संस्थापक अरुण कृष्णमूर्ति ने कहा कि डिजिटल युग के कारण लोगों और पर्यावरण में बहुत अधिक दूरी पैदा हो गई है. उन्होंने कहा, डिजिटल युग में संरक्षण भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और पोस्टर तक सीमित रह गया है. लोग लगभग यह भूल चुके हैं कि वास्तविक समय और परिणाम केंद्रित संरक्षण कार्य का क्या मतलब होता है. कृष्णमूर्ति ने कहा कि पर्यावरण के लिए अधिक काम किए जाने की जरूरत है. टिप्पणियां सामाजिक मनोवैज्ञानिक हरीश शेट्टी ने प्रकृति से लोगों के सीमित जुड़ाव को लेकर कमोबेश इसी प्रकार की राय जाहिर की. उन्होंने कहा, वैश्वीकरण ने हमें मशीन और गैजेट के करीब पहुंचाया है. लेकिन प्रकृति से दूर कर दिया है.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उन्होंने कहा, डिजिटल युग में संरक्षण भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और पोस्टर तक सीमित रह गया है. लोग लगभग यह भूल चुके हैं कि वास्तविक समय और परिणाम केंद्रित संरक्षण कार्य का क्या मतलब होता है. कृष्णमूर्ति ने कहा कि पर्यावरण के लिए अधिक काम किए जाने की जरूरत है. टिप्पणियां सामाजिक मनोवैज्ञानिक हरीश शेट्टी ने प्रकृति से लोगों के सीमित जुड़ाव को लेकर कमोबेश इसी प्रकार की राय जाहिर की. उन्होंने कहा, वैश्वीकरण ने हमें मशीन और गैजेट के करीब पहुंचाया है. लेकिन प्रकृति से दूर कर दिया है.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) सामाजिक मनोवैज्ञानिक हरीश शेट्टी ने प्रकृति से लोगों के सीमित जुड़ाव को लेकर कमोबेश इसी प्रकार की राय जाहिर की. उन्होंने कहा, वैश्वीकरण ने हमें मशीन और गैजेट के करीब पहुंचाया है. लेकिन प्रकृति से दूर कर दिया है.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
पत्रकार गौरी लंकेश के नेत्र दान किए गए, अंतिम संस्कार बेंगलुरु में होगा
गौरी की इच्छानुसार उनकी आंखें दान कर दी गईं समसा बायालु रंगमंदिरा में रखा जाएगा पार्थिव शरीर कन्नड़ टेबलॉयड 'लंकेश पत्रिके' की संपादक थीं गौरी
गौरी लोकप्रिय कन्नड़ टेबलॉयड 'लंकेश पत्रिके' की संपादक थीं. भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के खिलाफ एक रिपोर्ट प्रकाशित करने को लेकर उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया गया था. नवंबर 2016 में इस मामले में उन्हें छह माह जेल की सजा हुई थी. (इनपुट आईएएनएस से)
महाराष्ट्र : पुणे जिले में बीजेपी के पार्षद की गला रेतकर हत्या
भोसारी - अलांदी रोड पर हुई वारदात पुणे से करीब 20 किलोमीटर दूर अलांदी के निवासी थे काम्बले आरोपियों की पहचान नहीं हो सकी
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना उस समय हुई जब काम्बले अपने मोटरसाईकिल से अलांदी शहर की ओर लौट रहे थे.  (इनपुट भाषा से)
पटना : टीम अन्ना और कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प
यह हंगामा तब हुआ जब केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की प्रेस कॉन्फ्रेंस में अन्ना समर्थकों ने घुसने की कोशिश की।
पटना में टीम अन्ना के समर्थकों और कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प की खबर है। यह हंगामा तब हुआ जब केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की प्रेस कॉन्फ्रेंस में अन्ना समर्थकों ने घुसने की कोशिश की। ये लोग ज्योतिरादित्य से सवाल पूछना चाहते थे, लेकिन कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने उन्हें खदेड़ने की कोशिश की, जिसके बाद आईएसी के कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया। ये लोग ज्योतिरादित्य से सवाल पूछना चाहते थे, लेकिन कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने उन्हें खदेड़ने की कोशिश की, जिसके बाद आईएसी के कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया।
साइना मलेशियाई ओपन के सेमीफाइनल में
भारत की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल ने जाइंट किलर लिन वांग को हराकर मलेशियाई ओपन ग्रां प्री के सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया।
भारत की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल ने जाइंट किलर लिन वांग को हराकर मलेशियाई ओपन ग्रां प्री के सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया। शीर्ष वरीयता प्राप्त दुनिया की छठे नंबर की खिलाड़ी साइना ने चीनी क्वालीफायर को 14-21, 21-19, 21-19 से हराया। लिन ने पिछले मैच में जापान की छठी वरीयता प्राप्त एरिको हिरोस को हराया था। साइना ने मैच के बाद कहा, मैं अपने खेल से खुश हूं। भारत में इंडियन ओपन नहीं जीत पाने का दुख है। मुझे खुशी है कि मैं वापसी कर सकी और उम्मीद है कि यह टूर्नामेंट जीतूंगी। अब उसका सामना तीसरी वरीयता प्राप्त चीन की यांजियाओ जियांग और सातवीं वरीयता प्राप्त कोरिया की जि ह्यूंग सुंग के बीच होने वाले मैच के विजेता से होगा।
एचसीएल का शुद्ध लाभ तीसरी तिमाही में 33% बढ़ा
सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनी एचसीएल टेक्नोलॉजीज का शुद्ध लाभ मार्च में समाप्त तिमाही में 33 फीसद की वृद्धि के साथ 468.2 करोड़ रहा।
सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनी एचसीएल टेक्नोलॉजीज का शुद्ध लाभ मार्च 2011 को समाप्त तिमाही में 33 फीसद की वृद्धि के साथ 468.2 करोड़ रहा। एचसीएल टेक्नोलॉजीज ने बयान में कहा कि इससे पूर्व वित्त वर्ष 2009-10 की समान तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ 350.3 करोड़ रुपये था। आलोच्य तिमाही में कंपनी की आय 31.5 प्रतिशत बढ़कर 4,138.2 करोड़ रुपये थी जो इससे पूर्व वित्त वर्ष की समान तिमाही में 3,132.1 करोड़ रुपये थी।  कंपनी ने जनवरी-मार्च तिमाही के लिये 2 रुपये प्रति शेयर का लाभांश देने का ऐलान किया है। बयान के मुताबिक आलोच्य तिमाही में कंपनी ने कुल 7,534 लोगों को नियुक्त किया। शुद्ध रूप से नियुक्ति 1,153 रही।
बिहार में 2 भाइयों की गला रेतकर हत्या
बाजपट्टी थाना क्षेत्र में दो भाइयों की गला रेतकर हत्या कर दी गई पुलिस ने मंगलवार को दोनों शवों को बरामद कर लिया दोनों की हत्या गला रेतकर और पीट-पीटकर की गई
बिहार में सीतामढ़ी जिले के बाजपट्टी थाना क्षेत्र में दो भाइयों की गला रेतकर हत्या कर दी गई. ग्रामीणों की सूचना के बाद पुलिस ने मंगलवार को दोनों शवों को बरामद कर लिया. बाजपट्टी के थाना प्रभारी कंचन भास्कर ने मंगलवार को बताया कि पुलिस ने सढ़वारा गांव के पुल के नीचे से दो बच्चों के शव बरामद किए. दोनों की हत्या गला रेतकर और पीट-पीटकर की गई. मृतकों की पहचान पथराही गोट गांव निवासी गणेश बैठा के बेटे फूलबाबू बैठा (10) और रामा कुमार बैठा (8) के रूप में की गई है.  भास्कर ने बताया कि हत्या के कारणों का अब तक पता नहीं चल पाया है. हालांकि उन्होंने बताया कि दो दिन पूर्व गांव में आम बगीचा में आम तोड़ने को लेकर गांव के ही एक व्यक्ति से विवाद हुआ था. सोमवार की शाम से ही दोनों बच्चे लापता थे. पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है. इधर, शव की बरामदगी के बाद गांव में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है. पुलिस पूरे मामले की जांच-पड़ताल में जुट गई है. दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया. भास्कर ने बताया कि हत्या के कारणों का अब तक पता नहीं चल पाया है. हालांकि उन्होंने बताया कि दो दिन पूर्व गांव में आम बगीचा में आम तोड़ने को लेकर गांव के ही एक व्यक्ति से विवाद हुआ था. सोमवार की शाम से ही दोनों बच्चे लापता थे. पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है. इधर, शव की बरामदगी के बाद गांव में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है. पुलिस पूरे मामले की जांच-पड़ताल में जुट गई है. दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया.
शेयर बाजारों में गिरावट, सेंसेक्स 160 अंक नीचे
देश के शेयर बाजारों में सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को गिरावट दर्ज की गई। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 160.13 अंकों की गिरावट के साथ 19,575.64 पर और निफ्टी 55.35 अंकों की गिरावट के साथ 5,944.00 पर बंद हुआ।
देश के शेयर बाजारों में सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को गिरावट दर्ज की गई। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 160.13 अंकों की गिरावट के साथ 19,575.64 पर और निफ्टी 55.35 अंकों की गिरावट के साथ 5,944.00 पर बंद हुआ।   बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 27.82 अंकों की गिरावट के साथ 19,707.95 पर खुला और 160.13 अंकों यानी 0.81 फीसदी की गिरावट के साथ 19,575.64 पर बंद हुआ। दिन के कारोबार में सेंसेक्स ने 19,744.85 के ऊपरी और के 19,542.63 निचले स्तर को छुआ। सेंसेक्स के 30 में से 12 शेयरों में तेजी दर्ज की गई। जिंदल स्टील (4.22 फीसदी), हिंडाल्को इंडस्ट्रीज (2.30 फीसदी), टाटा स्टील (2.22 फीसदी), सन फार्मा (1.84 फीसदी) और स्टरलाइट इंडस्ट्रीज (1.36 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी दर्ज की गई। गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे टाटा मोटर्स (3.76 फीसदी), एसबीआई (3.60 फीसदी), आईसीआईसीआई बैंक (3.57 फीसदी), गेल (2.99 फीसदी) और बजाज आटो (2.56 फीसदी)। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 5.85 अंकों की गिरावट के साथ 5,993.50 पर खुला और 55.35 अंकों यानी 0.92 फीसदी की गिरावट के साथ 5,944.00 पर बंद हुआ। दिन के कारोबार में निफ्टी ने 6,000.30 के ऊपरी और 5,930.15 के निचले स्तर को छुआ। बीएसई के मिडकैप तथा स्मॉलकैप सूचकांक में भी गिरावट दर्ज की गई। मिडकैप सूचकांक  16.70 अंकोंकी गिरावट के साथ 6,375.97 पर और स्मॉलकैप 23.35 अंकों की गिरावट के साथ 6,032.38 पर बंद हुआ। बीएसई के 13 में से पांच सेक्टरों धातु (1.44 फीसदी), पूंजीगत वस्तु (0.92 फीसदी), प्रौद्योगिकी (0.49 फीसदी), सूचना प्रौद्योगिकी (0.44 फीसदी) और स्वास्थ्य सेवा (0.22 फीसदी) में तेजी दर्ज की गई।टिप्पणियां गिरावट वाले सेक्टरों में प्रमुख रहे बैंकिंग (2.40 फीसदी), सार्वजनिक कम्पनी (1.52 फीसदी), वाहन (1.50 फीसदी), रियल्टी (1.39 फीसदी) और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (1.06 फीसदी)। बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 1027 शेयरों में तेजी और 1339 में गिरावट दर्ज की गई जबकि 137 के भाव में कोई परिवर्तन नहीं हुआ। सेंसेक्स के 30 में से 12 शेयरों में तेजी दर्ज की गई। जिंदल स्टील (4.22 फीसदी), हिंडाल्को इंडस्ट्रीज (2.30 फीसदी), टाटा स्टील (2.22 फीसदी), सन फार्मा (1.84 फीसदी) और स्टरलाइट इंडस्ट्रीज (1.36 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी दर्ज की गई। गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे टाटा मोटर्स (3.76 फीसदी), एसबीआई (3.60 फीसदी), आईसीआईसीआई बैंक (3.57 फीसदी), गेल (2.99 फीसदी) और बजाज आटो (2.56 फीसदी)। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 5.85 अंकों की गिरावट के साथ 5,993.50 पर खुला और 55.35 अंकों यानी 0.92 फीसदी की गिरावट के साथ 5,944.00 पर बंद हुआ। दिन के कारोबार में निफ्टी ने 6,000.30 के ऊपरी और 5,930.15 के निचले स्तर को छुआ। बीएसई के मिडकैप तथा स्मॉलकैप सूचकांक में भी गिरावट दर्ज की गई। मिडकैप सूचकांक  16.70 अंकोंकी गिरावट के साथ 6,375.97 पर और स्मॉलकैप 23.35 अंकों की गिरावट के साथ 6,032.38 पर बंद हुआ। बीएसई के 13 में से पांच सेक्टरों धातु (1.44 फीसदी), पूंजीगत वस्तु (0.92 फीसदी), प्रौद्योगिकी (0.49 फीसदी), सूचना प्रौद्योगिकी (0.44 फीसदी) और स्वास्थ्य सेवा (0.22 फीसदी) में तेजी दर्ज की गई।टिप्पणियां गिरावट वाले सेक्टरों में प्रमुख रहे बैंकिंग (2.40 फीसदी), सार्वजनिक कम्पनी (1.52 फीसदी), वाहन (1.50 फीसदी), रियल्टी (1.39 फीसदी) और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (1.06 फीसदी)। बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 1027 शेयरों में तेजी और 1339 में गिरावट दर्ज की गई जबकि 137 के भाव में कोई परिवर्तन नहीं हुआ। गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे टाटा मोटर्स (3.76 फीसदी), एसबीआई (3.60 फीसदी), आईसीआईसीआई बैंक (3.57 फीसदी), गेल (2.99 फीसदी) और बजाज आटो (2.56 फीसदी)। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 5.85 अंकों की गिरावट के साथ 5,993.50 पर खुला और 55.35 अंकों यानी 0.92 फीसदी की गिरावट के साथ 5,944.00 पर बंद हुआ। दिन के कारोबार में निफ्टी ने 6,000.30 के ऊपरी और 5,930.15 के निचले स्तर को छुआ। बीएसई के मिडकैप तथा स्मॉलकैप सूचकांक में भी गिरावट दर्ज की गई। मिडकैप सूचकांक  16.70 अंकोंकी गिरावट के साथ 6,375.97 पर और स्मॉलकैप 23.35 अंकों की गिरावट के साथ 6,032.38 पर बंद हुआ। बीएसई के 13 में से पांच सेक्टरों धातु (1.44 फीसदी), पूंजीगत वस्तु (0.92 फीसदी), प्रौद्योगिकी (0.49 फीसदी), सूचना प्रौद्योगिकी (0.44 फीसदी) और स्वास्थ्य सेवा (0.22 फीसदी) में तेजी दर्ज की गई।टिप्पणियां गिरावट वाले सेक्टरों में प्रमुख रहे बैंकिंग (2.40 फीसदी), सार्वजनिक कम्पनी (1.52 फीसदी), वाहन (1.50 फीसदी), रियल्टी (1.39 फीसदी) और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (1.06 फीसदी)। बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 1027 शेयरों में तेजी और 1339 में गिरावट दर्ज की गई जबकि 137 के भाव में कोई परिवर्तन नहीं हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 5.85 अंकों की गिरावट के साथ 5,993.50 पर खुला और 55.35 अंकों यानी 0.92 फीसदी की गिरावट के साथ 5,944.00 पर बंद हुआ। दिन के कारोबार में निफ्टी ने 6,000.30 के ऊपरी और 5,930.15 के निचले स्तर को छुआ। बीएसई के मिडकैप तथा स्मॉलकैप सूचकांक में भी गिरावट दर्ज की गई। मिडकैप सूचकांक  16.70 अंकोंकी गिरावट के साथ 6,375.97 पर और स्मॉलकैप 23.35 अंकों की गिरावट के साथ 6,032.38 पर बंद हुआ। बीएसई के 13 में से पांच सेक्टरों धातु (1.44 फीसदी), पूंजीगत वस्तु (0.92 फीसदी), प्रौद्योगिकी (0.49 फीसदी), सूचना प्रौद्योगिकी (0.44 फीसदी) और स्वास्थ्य सेवा (0.22 फीसदी) में तेजी दर्ज की गई।टिप्पणियां गिरावट वाले सेक्टरों में प्रमुख रहे बैंकिंग (2.40 फीसदी), सार्वजनिक कम्पनी (1.52 फीसदी), वाहन (1.50 फीसदी), रियल्टी (1.39 फीसदी) और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (1.06 फीसदी)। बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 1027 शेयरों में तेजी और 1339 में गिरावट दर्ज की गई जबकि 137 के भाव में कोई परिवर्तन नहीं हुआ। बीएसई के मिडकैप तथा स्मॉलकैप सूचकांक में भी गिरावट दर्ज की गई। मिडकैप सूचकांक  16.70 अंकोंकी गिरावट के साथ 6,375.97 पर और स्मॉलकैप 23.35 अंकों की गिरावट के साथ 6,032.38 पर बंद हुआ। बीएसई के 13 में से पांच सेक्टरों धातु (1.44 फीसदी), पूंजीगत वस्तु (0.92 फीसदी), प्रौद्योगिकी (0.49 फीसदी), सूचना प्रौद्योगिकी (0.44 फीसदी) और स्वास्थ्य सेवा (0.22 फीसदी) में तेजी दर्ज की गई।टिप्पणियां गिरावट वाले सेक्टरों में प्रमुख रहे बैंकिंग (2.40 फीसदी), सार्वजनिक कम्पनी (1.52 फीसदी), वाहन (1.50 फीसदी), रियल्टी (1.39 फीसदी) और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (1.06 फीसदी)। बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 1027 शेयरों में तेजी और 1339 में गिरावट दर्ज की गई जबकि 137 के भाव में कोई परिवर्तन नहीं हुआ। बीएसई के 13 में से पांच सेक्टरों धातु (1.44 फीसदी), पूंजीगत वस्तु (0.92 फीसदी), प्रौद्योगिकी (0.49 फीसदी), सूचना प्रौद्योगिकी (0.44 फीसदी) और स्वास्थ्य सेवा (0.22 फीसदी) में तेजी दर्ज की गई।टिप्पणियां गिरावट वाले सेक्टरों में प्रमुख रहे बैंकिंग (2.40 फीसदी), सार्वजनिक कम्पनी (1.52 फीसदी), वाहन (1.50 फीसदी), रियल्टी (1.39 फीसदी) और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (1.06 फीसदी)। बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 1027 शेयरों में तेजी और 1339 में गिरावट दर्ज की गई जबकि 137 के भाव में कोई परिवर्तन नहीं हुआ। गिरावट वाले सेक्टरों में प्रमुख रहे बैंकिंग (2.40 फीसदी), सार्वजनिक कम्पनी (1.52 फीसदी), वाहन (1.50 फीसदी), रियल्टी (1.39 फीसदी) और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (1.06 फीसदी)। बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 1027 शेयरों में तेजी और 1339 में गिरावट दर्ज की गई जबकि 137 के भाव में कोई परिवर्तन नहीं हुआ। बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 1027 शेयरों में तेजी और 1339 में गिरावट दर्ज की गई जबकि 137 के भाव में कोई परिवर्तन नहीं हुआ।
Veere Di Wedding को रिलीज से ठीक पहले लगा झटका, इस पड़ोसी देश में बैन हुई फिल्म
1 जून को रिलीज होगी 'वीरे दी वेडिंग' पाकिस्तान में बैन हुई फिल्म CBFC ने 'अश्लील भाषा' का हवाला देते हुए लगाया बैन
A post shared by SonamKAhuja (@sonamkapoor) on May 22, 2018 at 11:56pm PDT
Race 3 Box Office Collection Day 12: 'रेस-3' ने तोड़ा दम, दूसरे हफ्ते औंधे मुंह गिरी सलमान खान की फिल्म
दूसरे हफ्ते गिरा Race 3 का कलेक्शन 12 दिन में फिल्म ने बटोरे 161 करोड़ रुपये मंगलवार को 2.25 करोड़ कमा पाई सलमान की फिल्म
A post shared by Salman Khan (@beingsalmankhan) on May 24, 2018 at 12:27pm PDT
जब अमेरिका ने दी गेहूं रोक देने की धमकी, तब लाल बहादुर शास्‍त्री ने दिया था ऐसा जवाब
शास्त्री जी ने 'जय जवान जय किसान' का नारा दिया था. उनका ये नारा जवान एवं किसान के श्रम को दर्शाता है. शास्त्री जी की जयंती 2 अक्टूबर को होती है.
भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना के हमलों का जोरदार जवाब दिया. भारत ने 6 सितंबर को पंजाब फ्रंट खोला और भारतीय सैनिक बरकी तक जा पहुंचे, लाहौर अब दूर नहीं था. भारतीय सेना लाहौर के हवाई अड्डे पर हमला करने की सीमा के भीतर पहुंच गयी थी. घबराकर अमेरिका ने अपने नागरिकों को लाहौर से निकालने के लिए कुछ समय के लिए युद्धविराम की अपील की. उस समय हम अमेरिका की पीएल-480 स्कीम के तहत हासिल लाल गेहूं खाने को बाध्य थे. अमेरिका के राष्ट्रपति लिंडन जॉनसन ने शास्त्री जी को कहा कि अगर युद्ध नहीं रुका तो गेहूं का निर्यात बंद कर दिया जाएगा. वहीं, शास्त्री जी ने कहा- बंद कर दीजिए गेहूं देना.  इसके बाद अक्टूबर 1965 में दशहरे के दिन दिल्ली के रामलीला मैदान में शास्त्री जी ने देश की जनता को संबोधित किया. उन्होंने देशवासियों से एक दिन का उपवास रखने की अपील की. साथ ही कृषि उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए उन्होंने पहली बार 'जय जवान जय किसान' का नारा दिया. शास्त्री जी का ये नारा जवान एवं किसान के श्रम को दर्शाता है. उनके इस नारे का प्रयोग आज भी रैलियों और सभाओं में किया जाता है.
राज ठाकरे के बेटे के वेडिंग रिसेप्शन में पहुंचे ये सितारे, देखें Viral Pics
राज ठाकरे के बेटे की रिसेप्शन में उमड़े सितारे राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे ने बचपन की दोस्त से की है शादी इस रिसेप्शन में फिल्मी सितारों के अलावा राजनेता भी नजर आए
राज ठाकरे (Raj Thackeray) के बेटे अमित ठाकरे (Amit Thackeray) ने अपनी बचपन की दोस्त और फैशन डिजाइनर मिताली बोरुडे (Mitali Borude) संग मुंबई महाराष्ट्रियन स्टाइल में सात फेरे लिए. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के अध्यक्ष राज ठाकरे (Raj Thackeray) ने रविवार को मुंबई के पांच सितारा होटल लोवर परेल में मेगा वेडिंग रिसेप्शन की मेजबानी की. राज ठाकरे (Raj Thackeray) के बेटे के वेडिंग रिसेपशन में बॉलीवुड के चर्चित कलाकारों के अलावा राजनेता भी शामिल हुए. सबसे पहले इस रिसेप्शन में  बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) और जितेंद्र (Jeetendra) ने एंट्री ली. राज ठाकरे  (Raj Thackeray) के बेटे अमित ठाकरे (Amit Thackeray) की वेडिंग रिसेप्शन में अमिताभ और जितेंद्र के अलावा शाहरुख खान, आमिर खान, फरहान अख्तर, उर्मिला मातोंडकर, सचिन और सुप्रिया पिलगावकर भी शामिल हुए. बॉलीवुड के स्टार्स के अलावा राजनेताओं में  पूर्व गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे और उनकी बेटी प्रानिति शिंदे, पूर्व उप मुख्यमंत्री छगन भुजबल, पूर्व एडवोकेट जनरल श्रीहरि आमे, सोनाली कुलकर्णी, बीजेपी सिटी चीफ आशीस शेलर, किरण वी शांताराम के अलावा बहुत से राजनेता इस वेडिंग रिसेप्शन में शामिल हुए.     इस वेडिंग रिसेप्शन में राज ठाकरे (Raj Thackeray) और उनकी पत्नी शर्मिला को मेहमानों का स्वागत करते  हुए देखा गया. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) उनकी पत्नी रश्मि और उनका बेटा आदित्य ठाकरे भी रिसेप्शन में नजर आए. इस रिसेप्शन में गवर्नर सीवी राव, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, मंत्री पंकजा मुंडे भी शामिल हुए.           बता दें कि राज ठाकरे (Raj Thackeray) की बेटी उर्वशी और मिताली बोरुडे (Mitali Borude) ने हाल ही में अपना फैशन ब्रांड लॉन्च किया है. अमित ठाकरे और मिताली बोरुडे का रिश्ता उस समय चर्चा में आया जब इन दोनों ने बीते 11 दिसंबर को सगाई की थी. मिताली बोरुडे डॉक्टक संजय बोरुडे की बेटी हैं.
रक्षा बजट से सैन्य आधुनिकीकरण की उम्मीदों पर कुठाराघात : लेफ्टिनेंट जनरल शरदचंद
सेना का 68 प्रतिशत साज़ो-सामान काफी पुराना पड़ा परियोजनाओं के लिए पर्याप्त बजट नहीं चीन से सटी सीमा पर ढांचागत सुविधाओं के लिए अपर्याप्त बजट
वैसे उड़ी में सेना के कैंप पर हुए आतंकी हमले और चीन से लगी सीमा पर डोकलाम विवाद के बाद सरकार की ओर से कहा गया कि सेना को संसाधनों की कमी नहीं पड़ने दी जाएगी. सह सेना प्रमुख के इस बयान से ये नहीं लगता है कि सरकार अपने वायदों के हिसाब से काम कर रही है. अब देखना ये होगा कि इतने कम बजट में सेना कैसे दो मोर्चों पर चुनौती का सामना करती है.
मियांदाद, अकरम को इंग्लैंड में पाकिस्तान के अच्छे प्रदर्शन का यकीन
पाकिस्तान के पूर्व कप्तान जावेद मियांदाद और वसीम अकरम को उम्मीद है कि उनकी टीम इंग्लैंड में चैम्पियंस ट्रॉफी जीत सकती है।
पाकिस्तान के पूर्व कप्तान जावेद मियांदाद और वसीम अकरम को उम्मीद है कि उनकी टीम इंग्लैंड में चैम्पियंस ट्रॉफी जीत सकती है। पीसीबी ने मियांदाद को एबटाबाद में राष्ट्रीय अभ्यास शिविर में बल्लेबाजों की मदद के लिए कहा है, जबकि अकरम पहले ही वहां तेज गेंदबाजों का मार्गदर्शन कर रहे हैं।टिप्पणियां दोनों ने खिलाड़ियों के साथ काफी समय बिताया। अकरम ने बाद में कहा, मैं किसी भी बड़े टूर्नामेंट से पहले कहता आया हूं कि काबिलियत को देखते हुए पाकिस्तान खिताब के प्रबल दावेदारों में होगा। उन्होंने कहा, जिस तरह फुटबॉल में ब्राजील है, उसी तरह क्रिकेट में हमारे पास कुदरती प्रतिभाएं हैं। मेरा मानना है कि पाकिस्तान अपना दिन होने पर किसी भी टीम को हरा सकता है। मियांदाद ने बल्लेबाजों को किसी दबाव के बिना इंग्लैंड जाने की सलाह दी। उन्होंने कहा, मैंने उनसे कहा कि चैम्पियंस ट्रॉफी किसी दूसरे टूर्नामेंट की तरह खेलो। दबाव लेने और उसी बारे में सोचते रहने से प्रदर्शन पर असर पड़ेगा। पीसीबी ने मियांदाद को एबटाबाद में राष्ट्रीय अभ्यास शिविर में बल्लेबाजों की मदद के लिए कहा है, जबकि अकरम पहले ही वहां तेज गेंदबाजों का मार्गदर्शन कर रहे हैं।टिप्पणियां दोनों ने खिलाड़ियों के साथ काफी समय बिताया। अकरम ने बाद में कहा, मैं किसी भी बड़े टूर्नामेंट से पहले कहता आया हूं कि काबिलियत को देखते हुए पाकिस्तान खिताब के प्रबल दावेदारों में होगा। उन्होंने कहा, जिस तरह फुटबॉल में ब्राजील है, उसी तरह क्रिकेट में हमारे पास कुदरती प्रतिभाएं हैं। मेरा मानना है कि पाकिस्तान अपना दिन होने पर किसी भी टीम को हरा सकता है। मियांदाद ने बल्लेबाजों को किसी दबाव के बिना इंग्लैंड जाने की सलाह दी। उन्होंने कहा, मैंने उनसे कहा कि चैम्पियंस ट्रॉफी किसी दूसरे टूर्नामेंट की तरह खेलो। दबाव लेने और उसी बारे में सोचते रहने से प्रदर्शन पर असर पड़ेगा। दोनों ने खिलाड़ियों के साथ काफी समय बिताया। अकरम ने बाद में कहा, मैं किसी भी बड़े टूर्नामेंट से पहले कहता आया हूं कि काबिलियत को देखते हुए पाकिस्तान खिताब के प्रबल दावेदारों में होगा। उन्होंने कहा, जिस तरह फुटबॉल में ब्राजील है, उसी तरह क्रिकेट में हमारे पास कुदरती प्रतिभाएं हैं। मेरा मानना है कि पाकिस्तान अपना दिन होने पर किसी भी टीम को हरा सकता है। मियांदाद ने बल्लेबाजों को किसी दबाव के बिना इंग्लैंड जाने की सलाह दी। उन्होंने कहा, मैंने उनसे कहा कि चैम्पियंस ट्रॉफी किसी दूसरे टूर्नामेंट की तरह खेलो। दबाव लेने और उसी बारे में सोचते रहने से प्रदर्शन पर असर पड़ेगा। उन्होंने कहा, मैंने उनसे कहा कि चैम्पियंस ट्रॉफी किसी दूसरे टूर्नामेंट की तरह खेलो। दबाव लेने और उसी बारे में सोचते रहने से प्रदर्शन पर असर पड़ेगा।
Ind vs Aus: ऑस्‍ट्रेलिया के कोच जस्टिन लैंगर बोले, भारत के इन दो खिलाड़ि‍यों ने बड़ा फर्क पैदा किया...
टीम में विश्‍वस्‍तरीय बल्‍लेबाज न होने की बात मानी बोले, विराट और पुजारा ने बड़ा फर्क पैदा किया हमने जो भी दबाव बनाया, इन दोनों ने खत्‍म कर दिया
भारत के खिलाफ (India vs Australia) चार टेस्‍ट मैचों की सीरीज (Test Series) में ऑस्‍ट्रेलिया पर हार का खतरा मंडरा रहा है. सीरीज में मेजबान ऑस्‍ट्रेलियाई टीम इस समय 1-2 से पिछड़ रही है. भारतीय गेंदबाजों के सामने अब तक ऑस्‍ट्रेलियाई बल्‍लेबाजी कमजोर साबित हुई है. ऑस्‍ट्रेलियाई टीम के कोच जस्टिन लैंगर (Justin Langer) ने भी अपनी टीम में विश्‍वस्तरीय बल्लेबाज नहीं होने पर खेद जताया. लैंगर के अनुसार, भारत की तरफ से विराट कोहली (Virat Kohli)और चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara)ने चार टेस्ट मैचों की सीरीज में मुख्य अंतर पैदा किया. चौथा और अंतिम टेस्ट मैच गुरुवार से सिडनी में शुरू होगा. लैंगर ने सोमवार को कहा, ‘ईमानदारी से कहूं तो इस चरण में सीरीज में मुख्य अंतर पुजारा और कोहली ने पैदा किया है. पुजारा ने 53 रन प्रति पारी और कोहली ने 46 रन प्रति पारी की औसत से रन बनाए हैं जबकि मेलबर्न टेस्‍ट की दूसरी पारी में दोनों खाता भी नहीं खोल पाये थे. हमने जो भी दबाव बनाया उन्होंने उसे खत्म किया.' उन्होंने कहा, ‘यह बल्लेबाजी की कला है. यह दबाव झेलने से जुड़ा हुआ है. आपको टेस्ट क्रिकेट में इतना अधिक समय मिलता है और मुझे लगता है कि आज (टी20) के जमाने में सब कुछ इतना तेजी से हो रहा है कि हम स्ट्राइक रेट पर बात करते हैं. हमारे खिलाड़ी यह सीख रहे हैं और उम्मीद है कि उन्होंने वे यह सबक सीख रहे होंगे. अगर उन्होंने सीख नहीं ली तो हमारा जैसा प्रदर्शन है आगे भी वैसा ही रहेगा.'लैंगर ने पहली पारी में लचर प्रदर्शन के लिए अपने बल्लेबाजों को फटकार लगाई. ऑस्ट्रेलियाई टीम पहली पारी में 151 रन पर आउट हो गई थी और उसे बैकफुट पर आना पड़ा था. Test Rankings: बैटिंग में विराट का शीर्ष स्‍थान कायम, बॉलिंग में बुमराह ने लगाई 'लंबी छलांग'   Cricket Poll: आपकी नजर में वर्ष 2018 के लिए कौन है पसंदीदा क्रिकेटर?
रेलवे के 21 हजार करोड़ के लाइन विस्तार कार्यक्रम को मंजूरी, 11 राज्‍यों को होगा फायदा
स्वर्णिम चतुर्भुज रेल कॉरिडोर पर क्षमता विस्तार के लिए बड़ा प्रोत्साहन कार्यक्रम का लक्ष्य भविष्य की यातायात वृद्धि की जरूरतों को पूरा करना है कुल 1937.38 किलोमीटर लंबे रेल ट्रैक निर्माण की नौ परियोजनाओं को मंजूरी
रेल आधारभूत संरचना को बड़ा प्रोत्साहन देते हुए सरकार ने 11 राज्यों में मालगाड़ी और यात्री ट्रेनों की निर्बाध आवाजाही को आसान बनाने के लिए तकरीबन 21000 करोड़ रुपये की लागत वाले लाइन विस्तार कार्यक्रम को बुधवार को मंजूरी दे दी. रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 20867.24 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से कुल 1937.38 किलोमीटर लंबे रेल ट्रैक निर्माण की नौ परियोजनाओं समेत विशाल लाइन विस्तार कार्यक्रम को मंजूरी दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने 2020 तक 1.5 अरब टन माल ढुलाई की क्षमता निर्माण को हरी झंडी दी. रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह भारी क्षमता विस्तार कार्यक्रम है, जिसका लक्ष्य कोयला, खनिज, इस्पात और अन्य वस्तुओं की तेज आवाजाही के लिए मुख्य ट्रंक मार्गों से भीड़भाड़ कम करना और अधिक मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों को शुरू करना है. इन परियोजनाओं को कोयला मंत्रालय, इस्पात एवं खान, अन्य मंत्रालयों और यातायात में आम वृद्धि के मद्देनजर प्रोजेक्ट की गई यातायात आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अविलंब अमली जामा पहनाए जाने की आवश्यकता है. यह कुल मिलाकर 2020 तक 1.5 अरब टन को पार कर जाएगा. यह कदम स्वर्णिम चतुर्भुज रेल कॉरिडोर पर क्षमता विस्तार के लिए बड़ा प्रोत्साहन होगा और माल और यात्री यातायात के परिवहन को सुगम बनाएगा. कोयला, खनिज और इस्पात क्षेत्र में परिवहन में नई जान फूंकने के लिए इस विस्तार से पूर्वी, पश्चिमी, मध्य, उत्तरी और दक्षिण भारत के 11 राज्यों को फायदा होगा. कार्यक्रम का लक्ष्य भविष्य की यातायात वृद्धि की जरूरतों को पूरा करना और क्षमता बाधाओं को दूर करना और तत्परता में सुधार करना है. जुलाई 2015 से अब तक 5019.11 किलोमीटर की लंबाई वाली (कुल 77 में से) 53 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है. इसपर 48555.25 करोड़ रुपये की लागत आएगी. तीसरी और चौथी लाइन परियोजनाएं जिन्हें मंजूरी दी गई वे स्वर्णिम चतुर्भुज पर उत्तर दक्षिण और पूर्व पश्चिम गलियारे में हैं, जो पूरी तरह संतृप्त हैं. ये लाइनें माल और यात्रियों को पूर्वी और दक्षिणी क्षेत्रों से उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्रों में लाने-ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं.टिप्पणियां फिलहाल इस सेक्शन पर यात्री ट्रेनों और मालगाड़ियों की संख्या उसकी क्षमता से काफी अधिक है, जिसकी वजह से ट्रेनें काफी देर से चलती हैं. नौ परियोजनाओं में सात तीसरे लाइन, एक चौथे लाइन और एक दोहरीकरण से संबंधित हैं. इन परियोजनाओं से झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडि‍शा, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और असम को लाभ होगा.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 20867.24 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से कुल 1937.38 किलोमीटर लंबे रेल ट्रैक निर्माण की नौ परियोजनाओं समेत विशाल लाइन विस्तार कार्यक्रम को मंजूरी दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने 2020 तक 1.5 अरब टन माल ढुलाई की क्षमता निर्माण को हरी झंडी दी. रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह भारी क्षमता विस्तार कार्यक्रम है, जिसका लक्ष्य कोयला, खनिज, इस्पात और अन्य वस्तुओं की तेज आवाजाही के लिए मुख्य ट्रंक मार्गों से भीड़भाड़ कम करना और अधिक मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों को शुरू करना है. इन परियोजनाओं को कोयला मंत्रालय, इस्पात एवं खान, अन्य मंत्रालयों और यातायात में आम वृद्धि के मद्देनजर प्रोजेक्ट की गई यातायात आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अविलंब अमली जामा पहनाए जाने की आवश्यकता है. यह कुल मिलाकर 2020 तक 1.5 अरब टन को पार कर जाएगा. यह कदम स्वर्णिम चतुर्भुज रेल कॉरिडोर पर क्षमता विस्तार के लिए बड़ा प्रोत्साहन होगा और माल और यात्री यातायात के परिवहन को सुगम बनाएगा. कोयला, खनिज और इस्पात क्षेत्र में परिवहन में नई जान फूंकने के लिए इस विस्तार से पूर्वी, पश्चिमी, मध्य, उत्तरी और दक्षिण भारत के 11 राज्यों को फायदा होगा. कार्यक्रम का लक्ष्य भविष्य की यातायात वृद्धि की जरूरतों को पूरा करना और क्षमता बाधाओं को दूर करना और तत्परता में सुधार करना है. जुलाई 2015 से अब तक 5019.11 किलोमीटर की लंबाई वाली (कुल 77 में से) 53 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है. इसपर 48555.25 करोड़ रुपये की लागत आएगी. तीसरी और चौथी लाइन परियोजनाएं जिन्हें मंजूरी दी गई वे स्वर्णिम चतुर्भुज पर उत्तर दक्षिण और पूर्व पश्चिम गलियारे में हैं, जो पूरी तरह संतृप्त हैं. ये लाइनें माल और यात्रियों को पूर्वी और दक्षिणी क्षेत्रों से उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्रों में लाने-ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं.टिप्पणियां फिलहाल इस सेक्शन पर यात्री ट्रेनों और मालगाड़ियों की संख्या उसकी क्षमता से काफी अधिक है, जिसकी वजह से ट्रेनें काफी देर से चलती हैं. नौ परियोजनाओं में सात तीसरे लाइन, एक चौथे लाइन और एक दोहरीकरण से संबंधित हैं. इन परियोजनाओं से झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडि‍शा, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और असम को लाभ होगा.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह भारी क्षमता विस्तार कार्यक्रम है, जिसका लक्ष्य कोयला, खनिज, इस्पात और अन्य वस्तुओं की तेज आवाजाही के लिए मुख्य ट्रंक मार्गों से भीड़भाड़ कम करना और अधिक मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों को शुरू करना है. इन परियोजनाओं को कोयला मंत्रालय, इस्पात एवं खान, अन्य मंत्रालयों और यातायात में आम वृद्धि के मद्देनजर प्रोजेक्ट की गई यातायात आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अविलंब अमली जामा पहनाए जाने की आवश्यकता है. यह कुल मिलाकर 2020 तक 1.5 अरब टन को पार कर जाएगा. यह कदम स्वर्णिम चतुर्भुज रेल कॉरिडोर पर क्षमता विस्तार के लिए बड़ा प्रोत्साहन होगा और माल और यात्री यातायात के परिवहन को सुगम बनाएगा. कोयला, खनिज और इस्पात क्षेत्र में परिवहन में नई जान फूंकने के लिए इस विस्तार से पूर्वी, पश्चिमी, मध्य, उत्तरी और दक्षिण भारत के 11 राज्यों को फायदा होगा. कार्यक्रम का लक्ष्य भविष्य की यातायात वृद्धि की जरूरतों को पूरा करना और क्षमता बाधाओं को दूर करना और तत्परता में सुधार करना है. जुलाई 2015 से अब तक 5019.11 किलोमीटर की लंबाई वाली (कुल 77 में से) 53 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है. इसपर 48555.25 करोड़ रुपये की लागत आएगी. तीसरी और चौथी लाइन परियोजनाएं जिन्हें मंजूरी दी गई वे स्वर्णिम चतुर्भुज पर उत्तर दक्षिण और पूर्व पश्चिम गलियारे में हैं, जो पूरी तरह संतृप्त हैं. ये लाइनें माल और यात्रियों को पूर्वी और दक्षिणी क्षेत्रों से उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्रों में लाने-ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं.टिप्पणियां फिलहाल इस सेक्शन पर यात्री ट्रेनों और मालगाड़ियों की संख्या उसकी क्षमता से काफी अधिक है, जिसकी वजह से ट्रेनें काफी देर से चलती हैं. नौ परियोजनाओं में सात तीसरे लाइन, एक चौथे लाइन और एक दोहरीकरण से संबंधित हैं. इन परियोजनाओं से झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडि‍शा, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और असम को लाभ होगा.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) इन परियोजनाओं को कोयला मंत्रालय, इस्पात एवं खान, अन्य मंत्रालयों और यातायात में आम वृद्धि के मद्देनजर प्रोजेक्ट की गई यातायात आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अविलंब अमली जामा पहनाए जाने की आवश्यकता है. यह कुल मिलाकर 2020 तक 1.5 अरब टन को पार कर जाएगा. यह कदम स्वर्णिम चतुर्भुज रेल कॉरिडोर पर क्षमता विस्तार के लिए बड़ा प्रोत्साहन होगा और माल और यात्री यातायात के परिवहन को सुगम बनाएगा. कोयला, खनिज और इस्पात क्षेत्र में परिवहन में नई जान फूंकने के लिए इस विस्तार से पूर्वी, पश्चिमी, मध्य, उत्तरी और दक्षिण भारत के 11 राज्यों को फायदा होगा. कार्यक्रम का लक्ष्य भविष्य की यातायात वृद्धि की जरूरतों को पूरा करना और क्षमता बाधाओं को दूर करना और तत्परता में सुधार करना है. जुलाई 2015 से अब तक 5019.11 किलोमीटर की लंबाई वाली (कुल 77 में से) 53 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है. इसपर 48555.25 करोड़ रुपये की लागत आएगी. तीसरी और चौथी लाइन परियोजनाएं जिन्हें मंजूरी दी गई वे स्वर्णिम चतुर्भुज पर उत्तर दक्षिण और पूर्व पश्चिम गलियारे में हैं, जो पूरी तरह संतृप्त हैं. ये लाइनें माल और यात्रियों को पूर्वी और दक्षिणी क्षेत्रों से उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्रों में लाने-ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं.टिप्पणियां फिलहाल इस सेक्शन पर यात्री ट्रेनों और मालगाड़ियों की संख्या उसकी क्षमता से काफी अधिक है, जिसकी वजह से ट्रेनें काफी देर से चलती हैं. नौ परियोजनाओं में सात तीसरे लाइन, एक चौथे लाइन और एक दोहरीकरण से संबंधित हैं. इन परियोजनाओं से झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडि‍शा, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और असम को लाभ होगा.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) कार्यक्रम का लक्ष्य भविष्य की यातायात वृद्धि की जरूरतों को पूरा करना और क्षमता बाधाओं को दूर करना और तत्परता में सुधार करना है. जुलाई 2015 से अब तक 5019.11 किलोमीटर की लंबाई वाली (कुल 77 में से) 53 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है. इसपर 48555.25 करोड़ रुपये की लागत आएगी. तीसरी और चौथी लाइन परियोजनाएं जिन्हें मंजूरी दी गई वे स्वर्णिम चतुर्भुज पर उत्तर दक्षिण और पूर्व पश्चिम गलियारे में हैं, जो पूरी तरह संतृप्त हैं. ये लाइनें माल और यात्रियों को पूर्वी और दक्षिणी क्षेत्रों से उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्रों में लाने-ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं.टिप्पणियां फिलहाल इस सेक्शन पर यात्री ट्रेनों और मालगाड़ियों की संख्या उसकी क्षमता से काफी अधिक है, जिसकी वजह से ट्रेनें काफी देर से चलती हैं. नौ परियोजनाओं में सात तीसरे लाइन, एक चौथे लाइन और एक दोहरीकरण से संबंधित हैं. इन परियोजनाओं से झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडि‍शा, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और असम को लाभ होगा.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) फिलहाल इस सेक्शन पर यात्री ट्रेनों और मालगाड़ियों की संख्या उसकी क्षमता से काफी अधिक है, जिसकी वजह से ट्रेनें काफी देर से चलती हैं. नौ परियोजनाओं में सात तीसरे लाइन, एक चौथे लाइन और एक दोहरीकरण से संबंधित हैं. इन परियोजनाओं से झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडि‍शा, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और असम को लाभ होगा.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
RRC Group D: रेलवे ग्रुप डी के 1 लाख से ज्यादा पदों पर इन सिंपल स्टेप्स से करें आवेदन
रेलवे में ग्रुप डी के तहत 1 लाख से ज्यादा वैकेंसी निकली हैं. इन पदों पर आवेदन शुरू हो गए हैं. इस भर्ती में EWS के तहत 10 फीसदी आरक्षण मिलेगा.
इन पदों के अलावा और भी कई पदों पर भर्ती की जाएगी. RRC Group D Vacancy: रेलवे में 10वीं पास के लिए 1 लाख से ज्यादा वैकेंसी, जानिए डिटेल Sarkari Naukri: बिहार में जूनियर इंजीनियर के 6,379 पदों पर निकली वैकेंसी, ऐसे करें आवेदनठ
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज इक्विटी कारोबार के मामले में शीर्ष पर
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) सितंबर के दौरान इक्विटी खंड में कारोबार की संख्या के लिहाज से दुनिया का सबसे बड़ा शेयर बाजार के रूप में उभरा है।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) सितंबर के दौरान इक्विटी खंड में कारोबार की संख्या के लिहाज से दुनिया का सबसे बड़ा शेयर बाजार के रूप में उभरा है। वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ एक्सचेंज (डब्ल्यूएफई) के ताजा आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष सितंबर महीने में एनएसई में इक्विटी खंड में 11.64 करोड़ कारोबार हुए। इस लिहाज से एनएसई इस श्रेणी में दुनिया का सबसे बड़ा एक्सचेंज बन गया है। सितंबर के दौरान एक्सचेंज में 20 दिन कारोबार हुआ और इस दौरान इक्विटी खंड में कुल कारोबार अगस्त महीने के मुकाबले 11 प्रतिशत अधिक रहा। एनएसई के बाद क्रमश: दूसरा और तीसरा स्थान कोरिया एक्सचेंज तथा एनवाईएसई यूरो नेक्स्ट (अमेरिका) का रहा। जहां कोरिया एक्सचेंज में इक्विटी खंड में 11.18 करोड़ कारोबार हुए वहीं एनवाईएसई यूरोनेक्स्ट (अमेरिका) में 9.64 करोड़ कारोबार हुए।टिप्पणियां इतना ही नहीं एशिया प्रशांत क्षेत्र में इस वर्ष जनवरी-सितंबर के दौरान एनएसई पहले पायदान पर रहा। देश का एक प्रमुख शेयर बाजार बीएसई (बंबई स्टाक एक्सचेंज) इस मामले में दुनिया का सातवां एक्सचेंज बना। आलोच्य महीने के दौरान बीएसई में इक्विटी खंड के दौरान कुल 2.77 करोड़ कारोबार हुए। शीर्ष 10 में जो शेयर बाजार हैं, वे नैस्दैक ओएमएक्स (चौथा), शेंझम एसई (छठे), तोक्यो एसई ग्रुप (आठवें) तोक्यो एसई ग्रुप (8वां), टीएमएक्स समूह (नौवां) तथा लंदन एसई ग्रुप (10वें) हैं। वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ एक्सचेंज (डब्ल्यूएफई) के ताजा आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष सितंबर महीने में एनएसई में इक्विटी खंड में 11.64 करोड़ कारोबार हुए। इस लिहाज से एनएसई इस श्रेणी में दुनिया का सबसे बड़ा एक्सचेंज बन गया है। सितंबर के दौरान एक्सचेंज में 20 दिन कारोबार हुआ और इस दौरान इक्विटी खंड में कुल कारोबार अगस्त महीने के मुकाबले 11 प्रतिशत अधिक रहा। एनएसई के बाद क्रमश: दूसरा और तीसरा स्थान कोरिया एक्सचेंज तथा एनवाईएसई यूरो नेक्स्ट (अमेरिका) का रहा। जहां कोरिया एक्सचेंज में इक्विटी खंड में 11.18 करोड़ कारोबार हुए वहीं एनवाईएसई यूरोनेक्स्ट (अमेरिका) में 9.64 करोड़ कारोबार हुए।टिप्पणियां इतना ही नहीं एशिया प्रशांत क्षेत्र में इस वर्ष जनवरी-सितंबर के दौरान एनएसई पहले पायदान पर रहा। देश का एक प्रमुख शेयर बाजार बीएसई (बंबई स्टाक एक्सचेंज) इस मामले में दुनिया का सातवां एक्सचेंज बना। आलोच्य महीने के दौरान बीएसई में इक्विटी खंड के दौरान कुल 2.77 करोड़ कारोबार हुए। शीर्ष 10 में जो शेयर बाजार हैं, वे नैस्दैक ओएमएक्स (चौथा), शेंझम एसई (छठे), तोक्यो एसई ग्रुप (आठवें) तोक्यो एसई ग्रुप (8वां), टीएमएक्स समूह (नौवां) तथा लंदन एसई ग्रुप (10वें) हैं। सितंबर के दौरान एक्सचेंज में 20 दिन कारोबार हुआ और इस दौरान इक्विटी खंड में कुल कारोबार अगस्त महीने के मुकाबले 11 प्रतिशत अधिक रहा। एनएसई के बाद क्रमश: दूसरा और तीसरा स्थान कोरिया एक्सचेंज तथा एनवाईएसई यूरो नेक्स्ट (अमेरिका) का रहा। जहां कोरिया एक्सचेंज में इक्विटी खंड में 11.18 करोड़ कारोबार हुए वहीं एनवाईएसई यूरोनेक्स्ट (अमेरिका) में 9.64 करोड़ कारोबार हुए।टिप्पणियां इतना ही नहीं एशिया प्रशांत क्षेत्र में इस वर्ष जनवरी-सितंबर के दौरान एनएसई पहले पायदान पर रहा। देश का एक प्रमुख शेयर बाजार बीएसई (बंबई स्टाक एक्सचेंज) इस मामले में दुनिया का सातवां एक्सचेंज बना। आलोच्य महीने के दौरान बीएसई में इक्विटी खंड के दौरान कुल 2.77 करोड़ कारोबार हुए। शीर्ष 10 में जो शेयर बाजार हैं, वे नैस्दैक ओएमएक्स (चौथा), शेंझम एसई (छठे), तोक्यो एसई ग्रुप (आठवें) तोक्यो एसई ग्रुप (8वां), टीएमएक्स समूह (नौवां) तथा लंदन एसई ग्रुप (10वें) हैं। इतना ही नहीं एशिया प्रशांत क्षेत्र में इस वर्ष जनवरी-सितंबर के दौरान एनएसई पहले पायदान पर रहा। देश का एक प्रमुख शेयर बाजार बीएसई (बंबई स्टाक एक्सचेंज) इस मामले में दुनिया का सातवां एक्सचेंज बना। आलोच्य महीने के दौरान बीएसई में इक्विटी खंड के दौरान कुल 2.77 करोड़ कारोबार हुए। शीर्ष 10 में जो शेयर बाजार हैं, वे नैस्दैक ओएमएक्स (चौथा), शेंझम एसई (छठे), तोक्यो एसई ग्रुप (आठवें) तोक्यो एसई ग्रुप (8वां), टीएमएक्स समूह (नौवां) तथा लंदन एसई ग्रुप (10वें) हैं। देश का एक प्रमुख शेयर बाजार बीएसई (बंबई स्टाक एक्सचेंज) इस मामले में दुनिया का सातवां एक्सचेंज बना। आलोच्य महीने के दौरान बीएसई में इक्विटी खंड के दौरान कुल 2.77 करोड़ कारोबार हुए। शीर्ष 10 में जो शेयर बाजार हैं, वे नैस्दैक ओएमएक्स (चौथा), शेंझम एसई (छठे), तोक्यो एसई ग्रुप (आठवें) तोक्यो एसई ग्रुप (8वां), टीएमएक्स समूह (नौवां) तथा लंदन एसई ग्रुप (10वें) हैं।
World Blood Donor Day: 14 जून को मनाया जाता है रक्तदान दिवस, जानिए खून देना क्यों है फायदेमंद
14 जून को वर्ल्ड ब्लड डोनर डे मनाया जाता है रक्तदान को बढ़ावा देने के लिए पहल WHO ने साल 2004 से की वर्ल्ड ब्लड डोनर डे की शुरुआत
रक्तदान को बढ़ावा देने के लिए हर साल 14 जून को वर्ल्ड ब्लड डोनर डे (World Blood Donor Day) मनाया जाता है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइज़ेशन (World Health Organization) ने विश्व रक्तदान दिवस की शुरुआत साल 2004 से की. विश्वभर में खून की कमी को पूरा करने के मकसद से वर्ल्ड ब्लड डोनर डे मनाया जाता है. इसके साथ ही 14 जून को नोबल प्राइस विजेता कार्ल लैंडस्टेनर (Karl Landsteiner) की बर्थ एनिवर्सरी मनाई जाती है. कार्ल लैंडस्टेनर को ABO ब्लड ग्रुप सिस्टम खोजने का श्रेय जाता है. यहां जानिए रक्तदान से जुड़ी खास बातों को... ये विटामिन कैंसर के मरीजों की बढ़ा सकता है उम्र, तीन साल लगातार खाएं जोड़ों या घुटनों की सर्जरी किस समय करानी चाहिए, जॉइंट इम्प्लांट कब तक देते हैं साथ, जानिए यहां
जानवरों के बीच भागता दौड़ता आया 'जग्‍गा जासूस', हुआ फिल्‍म का पहला ट्रेलर लॉन्‍च
'जग्‍गा जासूस' का ट्रेलर लॉन्‍च होते ही छाया ट्विटर पर 4 साल से हो रही है फिल्‍म की शूटिंग, साथ दिखेगी रणबीर-कैटरीना की जोड़ी अगले साल अप्रैल में रिलीज होगी फिल्‍म
रणबीर और कैटरीना की इस फिल्‍म की शूटिंग पिछले कुछ सालों से चल रही थी. इस बीच एक दूसरे के साथ रहने वाले कैट और रणबीर का ब्रेकअप भी हो चुका है. पिछले 4 साल से शूट हो रही इस फिल्‍म का पहला पोस्‍टर एक दिन पहले सोमवार को डायरेक्‍टर अनुराग बासु ने ट्विटर पर शेयर किया. रणबीर कपूर इस फिल्‍म में एक जासूस की भूमिका में हैं जो अपने पिता को ढूंढ रहे हैं और इस काम में कैटरीना उनकी मदद कर रही हैं. यह फिल्‍म अगले साल अप्रैल में रिलीज होगी. रणबीर और कैटरीना की इस फिल्‍म की शूटिंग पिछले कुछ सालों से चल रही थी. इस बीच एक दूसरे के साथ रहने वाले कैट और रणबीर का ब्रेकअप भी हो चुका है. पिछले 4 साल से शूट हो रही इस फिल्‍म का पहला पोस्‍टर एक दिन पहले सोमवार को डायरेक्‍टर अनुराग बासु ने ट्विटर पर शेयर किया. रणबीर कपूर इस फिल्‍म में एक जासूस की भूमिका में हैं जो अपने पिता को ढूंढ रहे हैं और इस काम में कैटरीना उनकी मदद कर रही हैं. यह फिल्‍म अगले साल अप्रैल में रिलीज होगी.
तनावों के बीच जरदारी से मिले कयानी
सरकार और सेना के बीच खराब हुए रिश्ते के बीच सेना प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी ने शनिवार को राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी से मुलाकात की।
सरकार और सेना के बीच खराब हुए रिश्ते के बीच सेना प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी ने शनिवार को राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी से मुलाकात की। समाचार पत्र 'डान न्यूज' के मुताबिक सेना प्रमुख के अनुरोध पर यह बैठक हुई। सेना प्रमुख ने राष्ट्रपति जरदारी के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों और 'गोपनीय संदेश' के बारे में चर्चा की। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार राष्ट्रपति कार्यालय से जारी एक संक्षिप्त बयान में कहा गया, "बैठक के दौरान मौजूदा सुरक्षा स्थिति के बारे में चर्चा की गई।" समाचार एजेंसी 'ऑनलाइन' के मुताबिक जरदारी और कयानी के बीच एक घंटे से अधिक समय तक चली बैठक प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी की अध्यक्षता में होने वाली रक्षा समिति की बैठक से पहले हुई। रक्षा समिति की बैठक में सेना के तीनों प्रमुख हिस्सा लेने वाले हैं। कयानी ने कथित रूप से राष्ट्रपति से कहा कि उन्हें गिलानी द्वारा चीनी समाचार पत्र को दिए गए बयानों पर आपत्ति है। सेना प्रमुख ने कथित रूप से राष्ट्रपति से अनुरोध किया कि वह प्रधानमंत्री को अपना बयान वापस लेने के लिए कहें जो उन्होंने समाचार पत्र को दिया था। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री गिलानी ने पिछले दिनों एक चीनी समाचार-पत्र को दिए साक्षात्कार में कयानी और देश की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलीजेंस (आईएसआई) के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल शुजा पाशा पर कानून के उल्लंघन का आरोप लगाया था। गिलानी ने कहा कि अमेरिका को भेजे गए 'गोपनीय संदेश' मामले की जांच कर रहे सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष कयानी और पाशा ने सरकार की मंजूरी के बगैर अपना पक्ष रखा। गिलानी द्वारा आलोचना किए जाने पर सेना ने सरकार को 'गम्भीर परिणाम' की चेतावनी दी। इसके बाद सरकार और सेना के बीच टकराव बढ़ गया और देश में सैन्य तख्ता पटल की अटकलें तेज हो गईं।
हरियाणा में 4.1 तीव्रता का भूकंप, दिल्ली और गुड़गांव में महसूस किए गए झटके
भूकंप का केंद्र हरियाणा में झज्जर के पास था गुड़गांव में दो सेकंड तक तेज झटके महसूस हुए तीन हफ्ते पहले भी दिल्ली-एनसीआर में महसूस हुए थे झटके
दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में शनिवार रात को भूकंप के झटके महसूस किए गए. रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 4.1 मापी गई. भूकंप का केंद्र हरियाणा में झज्जर के पास था. खबरों के मुताबिक गुड़गांव में दो सेकंड तक भूकंप के तेज झटके महसूस हुए. दिल्ली में कुछ लोगों ने दावा किया कि उन्हें 30 सेकंड तक झटके महसूस हुए. भूकंप से जानमाल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है.   Earthquake of Magnitude:4.1, Occurred on:10-09-2016, 20:57:24 IST, Lat:28.6 N & Long: 76.6 E, Depth: 10 Km, Region:Jhajjar, Haryana — India Met. Dept. (@Indiametdept) September 10, 2016 करीब तीन हफ्ते पहले भी दिल्ली-एनसीआर में 3.7 तीव्रता के भूकंप का हल्का झटका महसूस किया गया था. वहीं पिछले महीने 24 सितंबर को बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और असम के विभिन्‍न हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. इस भूकंप का केंद्र पड़ोसी देश म्यांमार में था. इसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.8 मापी गई थी. खबरों के मुताबिक गुड़गांव में दो सेकंड तक भूकंप के तेज झटके महसूस हुए. दिल्ली में कुछ लोगों ने दावा किया कि उन्हें 30 सेकंड तक झटके महसूस हुए. भूकंप से जानमाल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है.   Earthquake of Magnitude:4.1, Occurred on:10-09-2016, 20:57:24 IST, Lat:28.6 N & Long: 76.6 E, Depth: 10 Km, Region:Jhajjar, Haryana — India Met. Dept. (@Indiametdept) September 10, 2016 करीब तीन हफ्ते पहले भी दिल्ली-एनसीआर में 3.7 तीव्रता के भूकंप का हल्का झटका महसूस किया गया था. वहीं पिछले महीने 24 सितंबर को बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और असम के विभिन्‍न हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. इस भूकंप का केंद्र पड़ोसी देश म्यांमार में था. इसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.8 मापी गई थी. Earthquake of Magnitude:4.1, Occurred on:10-09-2016, 20:57:24 IST, Lat:28.6 N & Long: 76.6 E, Depth: 10 Km, Region:Jhajjar, Haryana
प्रेग्नेंट एमी जैक्सन ने मंगेतर संग पूल में यूं किया इंजॉय, Photo हुईं वायरल
एमी जैक्सन ने फ्लांट किया अपना बेबी बंप मंगेतर संग स्विमिंग पूल में आईं नजर इंस्टाग्राम पर शेयर की तस्वीरें
बॉलीवुड एक्ट्रेस एमी जैक्सन (Amy Jackson) अपनी प्रेग्नेंसी की लास्ट स्टेज में हैं. अब जल्द ही वो बेबी को जन्म देने वाली हैं. एक्ट्रेस सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहती हैं. हाल ही में उन्होंने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर कुछ तस्वीरें शेयर की हैं. इन तस्वीरों में एमी अपने मंगेतर जॉर्ज पानाइयोटौ (George Panayiotou) के साथ स्विमिंग पूल में नजर आ रही हैं. एमी जैक्सन अपने मंगेतर के साथ पूल में खूब मस्ती कर रही हैं. एमी अपने मंगेतर के साथ काफी खुश भी लग रही हैं. एक्ट्रेस अपनी प्रेग्नेंसी से जुड़ी फोटो अक्सर फैन्स के साथ शेयर करती रहती हैं. हाल ही में एमी ने अपनी एक फोटो शेयर करते हुए बताया था कि उनकी प्रेग्नेंसी को 35 हफ्ते हो चुके हैं.  एमी जैक्सन (Amy Jackson) ने कुछ दिन पहले अपनी एक तस्वीर शेयर की थी, जिसमें उन्होंने बताया था कि काम से छुट्टी लेना उनके लिए डरावना था हालांकि ये जरूरी भी था. एमी ने लिखा था, 'पिछले महीने अपने काम से छुट्टी लेने का फैसला काफी डरावना था हालांकि ये बहुत जरूरी भी था. दोपहर में अचानक से उठकर अपने मन मुताबिक चीजें खाना कुछ हफ्तों बाद बोरिंग हो जाता है, लेकिन जब आप अपना इस तरह का माइंडसेट बना लेते हैं तो इससे निकल पाना काफी मुश्किल होता है. ये बहुत जरूरी है कि आप उठें और बाहर कुछ समय बिताएं. नेचर बहुत शक्तिशाली होता है.'  Afternoons like this The decision to take a little step back from work over the last month was scary but definitely necessary. Although waking up at mid day and eating whatever you want surprisingly gets a bit boring after a couple of weeks but once you're in that mindset, it's so hard to snap out of it!! I've been finding it really difficult to motivate myself through the last few weeks but yesterday was so enlightening. I've realised regardless of what's happening... it's sooo important to get up, get changed, and spend some time outside. Nature is super powerful #SoulFood A post shared by Amy Jackson (@iamamyjackson) on Aug 23, 2019 at 1:08am PDT बता दें कि एमी जैक्सन (Amy Jackson) और उनके मंगेतर जॉर्ज पानाइयोटौ ने मार्च के महीने में अपने परिवार के एक और सदस्य के आने की घोषणा की थी. एमी जैक्सन ने 2010 में भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में एंट्री की थी. इसके बाद उन्होंने बॉलीवुड की फिल्म 'एक दीवाना था', 'सिंह इज ब्लिंग', 'फ्रीकी अली' और 'तूतक तूतक तूतिया' जैसी फिल्मों में खूब धमाल मचाया. बॉलीवुड के अलावा एमी जैक्सन ने तमिल, तेलुगू और कन्नड़ फिल्मों में भी काम किया है.
जर्मन महिला रेप केस : उड़ीसा के पूर्व डीजीपी का फरार बेटा मोहंती गिरफ्तार
2006 में हुए जर्मन महिला से बलात्कार के फरार आरोपी बिट्टी मोहंती को गिरफ्तार कर लिया गया है। यह मामले राजस्थान के अलवर के एक होटल का है।
एक जर्मन महिला के साथ बलात्कार के दोषी बिट्टी मोहंती को केरल पुलिस ने आज हिरासत में ले लिया। ओडिशा के पूर्व पुलिस महानिदेशक बीबी मोहंती का पुत्र बिट्टी करीब सात साल से फरार चल रहा था। उधर, राजस्थान पुलिस ने बिट्टी की पहचान करते हुए कहा है कि गिरफ्तार किया गया शख्स बिट्टी मोहंती है।  मोहंती खुद को आंध्र प्रदेश का बता कर सार्वजनिक क्षेत्र के एक बैंक में परिवीक्षाधीन अधिकारी के तौर पर काम कर रहा था। यहां के नजदीकी पझयांगादी से पुलिस ने उसे हिरासत में लिया। कन्नूर के पुलिस अधीक्षक राहुल आर नायर ने बताया कि गिरफ्तार किए गए व्यक्ति पर धोखा देने, छद्म वेश धारण करने एवं जालसाजी करने का मामला दर्ज किया जाएगा। गिरफ्तारी की प्रकिया पूरी किए जाने के बाद उसे एक स्थानीय अदालत में पेश किया जा सकता है। इसके बाद उसे राजस्थान पुलिस को सौंपा जा सकेगा। बैंक शाखा अधिकारियों को एक गुमनाम पत्र मिलने के बाद पुलिस को यहां पर बिट्टी की मौजूदगी को लेकर गुप्त सूचना मिली। पत्र में संदेह व्यक्त किया कि जो व्यक्ति आंध्र प्रदेश के निवासी होने का दावा कर रहा है वह बिट्टी हो सकता है। टिप्पणियां सूत्रों ने बताया कि दिल्ली बलात्कार घटना के बाद बिट्टी सहित विभिन्न सेक्स अपराधों के अभियुक्तों की तस्वीर कई टेलीविजन चैनलों और इंटरनेट पर प्रसारित की गई थी। माना जा रहा है 2006 में जमानत से फरार होने के बाद बिट्टी ने एमबीए डिग्री हासिल की और बैंक में प्रोबेशनरी अधिकारी की नौकारी पाने में वह कामयाब रहा। उधर, राजस्थान पुलिस ने बिट्टी की पहचान करते हुए कहा है कि गिरफ्तार किया गया शख्स बिट्टी मोहंती है।  मोहंती खुद को आंध्र प्रदेश का बता कर सार्वजनिक क्षेत्र के एक बैंक में परिवीक्षाधीन अधिकारी के तौर पर काम कर रहा था। यहां के नजदीकी पझयांगादी से पुलिस ने उसे हिरासत में लिया। कन्नूर के पुलिस अधीक्षक राहुल आर नायर ने बताया कि गिरफ्तार किए गए व्यक्ति पर धोखा देने, छद्म वेश धारण करने एवं जालसाजी करने का मामला दर्ज किया जाएगा। गिरफ्तारी की प्रकिया पूरी किए जाने के बाद उसे एक स्थानीय अदालत में पेश किया जा सकता है। इसके बाद उसे राजस्थान पुलिस को सौंपा जा सकेगा। बैंक शाखा अधिकारियों को एक गुमनाम पत्र मिलने के बाद पुलिस को यहां पर बिट्टी की मौजूदगी को लेकर गुप्त सूचना मिली। पत्र में संदेह व्यक्त किया कि जो व्यक्ति आंध्र प्रदेश के निवासी होने का दावा कर रहा है वह बिट्टी हो सकता है। टिप्पणियां सूत्रों ने बताया कि दिल्ली बलात्कार घटना के बाद बिट्टी सहित विभिन्न सेक्स अपराधों के अभियुक्तों की तस्वीर कई टेलीविजन चैनलों और इंटरनेट पर प्रसारित की गई थी। माना जा रहा है 2006 में जमानत से फरार होने के बाद बिट्टी ने एमबीए डिग्री हासिल की और बैंक में प्रोबेशनरी अधिकारी की नौकारी पाने में वह कामयाब रहा। मोहंती खुद को आंध्र प्रदेश का बता कर सार्वजनिक क्षेत्र के एक बैंक में परिवीक्षाधीन अधिकारी के तौर पर काम कर रहा था। यहां के नजदीकी पझयांगादी से पुलिस ने उसे हिरासत में लिया। कन्नूर के पुलिस अधीक्षक राहुल आर नायर ने बताया कि गिरफ्तार किए गए व्यक्ति पर धोखा देने, छद्म वेश धारण करने एवं जालसाजी करने का मामला दर्ज किया जाएगा। गिरफ्तारी की प्रकिया पूरी किए जाने के बाद उसे एक स्थानीय अदालत में पेश किया जा सकता है। इसके बाद उसे राजस्थान पुलिस को सौंपा जा सकेगा। बैंक शाखा अधिकारियों को एक गुमनाम पत्र मिलने के बाद पुलिस को यहां पर बिट्टी की मौजूदगी को लेकर गुप्त सूचना मिली। पत्र में संदेह व्यक्त किया कि जो व्यक्ति आंध्र प्रदेश के निवासी होने का दावा कर रहा है वह बिट्टी हो सकता है। टिप्पणियां सूत्रों ने बताया कि दिल्ली बलात्कार घटना के बाद बिट्टी सहित विभिन्न सेक्स अपराधों के अभियुक्तों की तस्वीर कई टेलीविजन चैनलों और इंटरनेट पर प्रसारित की गई थी। माना जा रहा है 2006 में जमानत से फरार होने के बाद बिट्टी ने एमबीए डिग्री हासिल की और बैंक में प्रोबेशनरी अधिकारी की नौकारी पाने में वह कामयाब रहा। कन्नूर के पुलिस अधीक्षक राहुल आर नायर ने बताया कि गिरफ्तार किए गए व्यक्ति पर धोखा देने, छद्म वेश धारण करने एवं जालसाजी करने का मामला दर्ज किया जाएगा। गिरफ्तारी की प्रकिया पूरी किए जाने के बाद उसे एक स्थानीय अदालत में पेश किया जा सकता है। इसके बाद उसे राजस्थान पुलिस को सौंपा जा सकेगा। बैंक शाखा अधिकारियों को एक गुमनाम पत्र मिलने के बाद पुलिस को यहां पर बिट्टी की मौजूदगी को लेकर गुप्त सूचना मिली। पत्र में संदेह व्यक्त किया कि जो व्यक्ति आंध्र प्रदेश के निवासी होने का दावा कर रहा है वह बिट्टी हो सकता है। टिप्पणियां सूत्रों ने बताया कि दिल्ली बलात्कार घटना के बाद बिट्टी सहित विभिन्न सेक्स अपराधों के अभियुक्तों की तस्वीर कई टेलीविजन चैनलों और इंटरनेट पर प्रसारित की गई थी। माना जा रहा है 2006 में जमानत से फरार होने के बाद बिट्टी ने एमबीए डिग्री हासिल की और बैंक में प्रोबेशनरी अधिकारी की नौकारी पाने में वह कामयाब रहा। बैंक शाखा अधिकारियों को एक गुमनाम पत्र मिलने के बाद पुलिस को यहां पर बिट्टी की मौजूदगी को लेकर गुप्त सूचना मिली। पत्र में संदेह व्यक्त किया कि जो व्यक्ति आंध्र प्रदेश के निवासी होने का दावा कर रहा है वह बिट्टी हो सकता है। टिप्पणियां सूत्रों ने बताया कि दिल्ली बलात्कार घटना के बाद बिट्टी सहित विभिन्न सेक्स अपराधों के अभियुक्तों की तस्वीर कई टेलीविजन चैनलों और इंटरनेट पर प्रसारित की गई थी। माना जा रहा है 2006 में जमानत से फरार होने के बाद बिट्टी ने एमबीए डिग्री हासिल की और बैंक में प्रोबेशनरी अधिकारी की नौकारी पाने में वह कामयाब रहा। सूत्रों ने बताया कि दिल्ली बलात्कार घटना के बाद बिट्टी सहित विभिन्न सेक्स अपराधों के अभियुक्तों की तस्वीर कई टेलीविजन चैनलों और इंटरनेट पर प्रसारित की गई थी। माना जा रहा है 2006 में जमानत से फरार होने के बाद बिट्टी ने एमबीए डिग्री हासिल की और बैंक में प्रोबेशनरी अधिकारी की नौकारी पाने में वह कामयाब रहा। माना जा रहा है 2006 में जमानत से फरार होने के बाद बिट्टी ने एमबीए डिग्री हासिल की और बैंक में प्रोबेशनरी अधिकारी की नौकारी पाने में वह कामयाब रहा।
मुंबई में भारत-पाक के बीच मैच नहीं होने देंगे : बाल ठाकरे
ठाकरे ने कहा, जब पूरा देश पाकिस्तान के साथ खेलने के खिलाफ है तब भी पाकिस्तानियों को क्रिकेट खेलने का निमंत्रण देने वाले क्रिकेट बोर्ड के पदाधिकारियों को होटल ताज और सीएसटी स्टेशन के सामने कोड़ों से पीटना चाहिए।
शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने धमकी दी है कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच मुंबई में नहीं होने देंगे। ठाकरे ने पार्टी के मुखपत्र 'सामना' में लेख लिखा है और बीसीसीआई को सीरीज का आयोजन करने के लिए खरी-खोटी सुनाई है। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच या कोई भी खेल नहीं होना चाहिए और वह कम से कम मुंबई में तो ऐसा कभी नहीं होने देंगे। 2008 में मुंबई हमले की याद करते हुए पार्टी के मुखपत्र 'सामना' में उन्होंने बीसीसीआई और उसके अधिकारियों को आड़े हाथों लिया। बाल ठाकरे ने लिखा कि क्रिकेट जेंटलमैन का खेल माना जाता है, लेकिन क्रिकेट के आकाओं ने इसे बेशर्म और बर्बरों का खेल बना दिया है। जब पूरा देश पाकिस्तान के साथ खेलने के खिलाफ है तब भी पाकिस्तानियों को क्रिकेट खेलने का निमंत्रण देने वाले क्रिकेट बोर्ड के पदाधिकारियों को होटल ताज और सीएसटी स्टेशन के सामने कोड़ों से पीटना चाहिए।टिप्पणियां 2011 वर्ल्ड कप के दौरान भारत ने पाकिस्तान से मैच खेला था, तब भी ठाकरे ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को मैच देखने के लिए आमंत्रित करने पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की आलोचना की थी। यहां तक कि ठाकरे को मैदान पर पाकिस्तानी खिलाड़ियों के नमाज पढ़ने पर भी ऐतराज था। वैसे, 4 साल के बाद दोनों देशों के बीच होने वाली इस सीरीज का कोई भी मैच मुंबई में नहीं होना है, जो शिवसेना का गढ़ माना जाता है, लेकिन ठाकरे की धमकी को नजरअंदाज करना भी सही नहीं होगा, क्योंकि जब खेल का मैदान सियासत का अखाड़ा बन जाए तो अपनी बात रखने के लिए कोई भी हरकत की जा सकती है। 2008 में मुंबई हमले की याद करते हुए पार्टी के मुखपत्र 'सामना' में उन्होंने बीसीसीआई और उसके अधिकारियों को आड़े हाथों लिया। बाल ठाकरे ने लिखा कि क्रिकेट जेंटलमैन का खेल माना जाता है, लेकिन क्रिकेट के आकाओं ने इसे बेशर्म और बर्बरों का खेल बना दिया है। जब पूरा देश पाकिस्तान के साथ खेलने के खिलाफ है तब भी पाकिस्तानियों को क्रिकेट खेलने का निमंत्रण देने वाले क्रिकेट बोर्ड के पदाधिकारियों को होटल ताज और सीएसटी स्टेशन के सामने कोड़ों से पीटना चाहिए।टिप्पणियां 2011 वर्ल्ड कप के दौरान भारत ने पाकिस्तान से मैच खेला था, तब भी ठाकरे ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को मैच देखने के लिए आमंत्रित करने पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की आलोचना की थी। यहां तक कि ठाकरे को मैदान पर पाकिस्तानी खिलाड़ियों के नमाज पढ़ने पर भी ऐतराज था। वैसे, 4 साल के बाद दोनों देशों के बीच होने वाली इस सीरीज का कोई भी मैच मुंबई में नहीं होना है, जो शिवसेना का गढ़ माना जाता है, लेकिन ठाकरे की धमकी को नजरअंदाज करना भी सही नहीं होगा, क्योंकि जब खेल का मैदान सियासत का अखाड़ा बन जाए तो अपनी बात रखने के लिए कोई भी हरकत की जा सकती है। 2011 वर्ल्ड कप के दौरान भारत ने पाकिस्तान से मैच खेला था, तब भी ठाकरे ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को मैच देखने के लिए आमंत्रित करने पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की आलोचना की थी। यहां तक कि ठाकरे को मैदान पर पाकिस्तानी खिलाड़ियों के नमाज पढ़ने पर भी ऐतराज था। वैसे, 4 साल के बाद दोनों देशों के बीच होने वाली इस सीरीज का कोई भी मैच मुंबई में नहीं होना है, जो शिवसेना का गढ़ माना जाता है, लेकिन ठाकरे की धमकी को नजरअंदाज करना भी सही नहीं होगा, क्योंकि जब खेल का मैदान सियासत का अखाड़ा बन जाए तो अपनी बात रखने के लिए कोई भी हरकत की जा सकती है। वैसे, 4 साल के बाद दोनों देशों के बीच होने वाली इस सीरीज का कोई भी मैच मुंबई में नहीं होना है, जो शिवसेना का गढ़ माना जाता है, लेकिन ठाकरे की धमकी को नजरअंदाज करना भी सही नहीं होगा, क्योंकि जब खेल का मैदान सियासत का अखाड़ा बन जाए तो अपनी बात रखने के लिए कोई भी हरकत की जा सकती है।
हिट एंड रन केस : सलमान खान पर गैर-इरादतन हत्या का आरोप तय
सलमान खान ने उस समय खुद को बेकसूर बताया, जब मुंबई की सेशन्स कोर्ट ने वर्ष 2002 के हिट एंड रन मामले में उनके खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का आरोप तय किया, हालांकि उन्हें मुकदमे के दौरान व्यक्तिगत रूप से पेश नहीं होने की छूट दे दी गई है।
बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान ने मुंबई की सेशन्स कोर्ट में उस समय खुद को बेकसूर बताया, जब कोर्ट ने वर्ष 2002 के हिट एंड रन मामले में उनके खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का आरोप तय किया, हालांकि उन्हें मुकदमे के दौरान व्यक्तिगत रूप से पेश नहीं होने की छूट दे दी गई है। इस आरोप के तहत दोषी करार दिए जाने की स्थिति में सलमान खान को अधिकतम 10 साल तक कैद की सज़ा सुनाई जा सकती है। माना जा रहा है कि मुकदमा काफी लंबे समय तक चलता रह सकता है, इसीलिए अभिनेता को मुकदमे की सुनवाई के दौरान व्यक्तिगत रूप से पेश नहीं की छूट भी दे दी गई है, क्योंकि वह अपने फिल्मी कामकाज को लेकर इन दिनों काफी व्यस्त रहते हैं। अदालत ने इसके अतिरिक्त मुकदमे को एक अन्य जज के पास भी स्थानांतरित कर दिया है। पिछले माह ही कोर्ट ने सलमान खान की इस अपील को खारिज कर दिया था कि उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 अथवा गैर-इरादतन हत्या का आरोप लगाया जाना गलत है। इससे पहले, 47-वर्षीय सलमान खान पर इस मामले में गैरजिम्मेदाराना तरीके से गाड़ी चलाकर जान लेने के आरोप में मुकदमा चल रहा था, जिसके तहत दोषी पाए जाने पर सिर्फ दो साल तक की अधिकतम कैद की सज़ा मुमकिन थी, लेकिन एक मजिस्ट्रेटी अदालत ने जून माह में इस आरोप को गैर-इरादतन हत्या के कदरन गंभीर आरोप में बदल दिया था। टिप्पणियां सलमान खान पर आरोप है कि 11 साल पहले, वर्ष 2002 के सितंबर माह में सलमान खान एक टोयोटा लैंडक्रूसर गाड़ी चला रहे थे, और उसी वक्त उन्होंने बांद्रा इलाके में एक बेकरी के बाहर फुटपाथ पर सो रहे कुछ लोगों को गाड़ी से कुचल दिया, जिनमें से एक की मौत हो गई, और चार अन्य घायल हुए थे। वैसे, काफी विवादों से जुड़े रहे सलमान खान इससे पहले राजस्थान में एक फिल्म की शूटिंग के दौरान विलुप्तप्राय काले हिरन का शिकार करने से जुड़े मामले में वर्ष 1998 में तीन दिन जेल में बिता चुके हैं। इस आरोप के तहत दोषी करार दिए जाने की स्थिति में सलमान खान को अधिकतम 10 साल तक कैद की सज़ा सुनाई जा सकती है। माना जा रहा है कि मुकदमा काफी लंबे समय तक चलता रह सकता है, इसीलिए अभिनेता को मुकदमे की सुनवाई के दौरान व्यक्तिगत रूप से पेश नहीं की छूट भी दे दी गई है, क्योंकि वह अपने फिल्मी कामकाज को लेकर इन दिनों काफी व्यस्त रहते हैं। अदालत ने इसके अतिरिक्त मुकदमे को एक अन्य जज के पास भी स्थानांतरित कर दिया है। पिछले माह ही कोर्ट ने सलमान खान की इस अपील को खारिज कर दिया था कि उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 अथवा गैर-इरादतन हत्या का आरोप लगाया जाना गलत है। इससे पहले, 47-वर्षीय सलमान खान पर इस मामले में गैरजिम्मेदाराना तरीके से गाड़ी चलाकर जान लेने के आरोप में मुकदमा चल रहा था, जिसके तहत दोषी पाए जाने पर सिर्फ दो साल तक की अधिकतम कैद की सज़ा मुमकिन थी, लेकिन एक मजिस्ट्रेटी अदालत ने जून माह में इस आरोप को गैर-इरादतन हत्या के कदरन गंभीर आरोप में बदल दिया था। टिप्पणियां सलमान खान पर आरोप है कि 11 साल पहले, वर्ष 2002 के सितंबर माह में सलमान खान एक टोयोटा लैंडक्रूसर गाड़ी चला रहे थे, और उसी वक्त उन्होंने बांद्रा इलाके में एक बेकरी के बाहर फुटपाथ पर सो रहे कुछ लोगों को गाड़ी से कुचल दिया, जिनमें से एक की मौत हो गई, और चार अन्य घायल हुए थे। वैसे, काफी विवादों से जुड़े रहे सलमान खान इससे पहले राजस्थान में एक फिल्म की शूटिंग के दौरान विलुप्तप्राय काले हिरन का शिकार करने से जुड़े मामले में वर्ष 1998 में तीन दिन जेल में बिता चुके हैं। अदालत ने इसके अतिरिक्त मुकदमे को एक अन्य जज के पास भी स्थानांतरित कर दिया है। पिछले माह ही कोर्ट ने सलमान खान की इस अपील को खारिज कर दिया था कि उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 अथवा गैर-इरादतन हत्या का आरोप लगाया जाना गलत है। इससे पहले, 47-वर्षीय सलमान खान पर इस मामले में गैरजिम्मेदाराना तरीके से गाड़ी चलाकर जान लेने के आरोप में मुकदमा चल रहा था, जिसके तहत दोषी पाए जाने पर सिर्फ दो साल तक की अधिकतम कैद की सज़ा मुमकिन थी, लेकिन एक मजिस्ट्रेटी अदालत ने जून माह में इस आरोप को गैर-इरादतन हत्या के कदरन गंभीर आरोप में बदल दिया था। टिप्पणियां सलमान खान पर आरोप है कि 11 साल पहले, वर्ष 2002 के सितंबर माह में सलमान खान एक टोयोटा लैंडक्रूसर गाड़ी चला रहे थे, और उसी वक्त उन्होंने बांद्रा इलाके में एक बेकरी के बाहर फुटपाथ पर सो रहे कुछ लोगों को गाड़ी से कुचल दिया, जिनमें से एक की मौत हो गई, और चार अन्य घायल हुए थे। वैसे, काफी विवादों से जुड़े रहे सलमान खान इससे पहले राजस्थान में एक फिल्म की शूटिंग के दौरान विलुप्तप्राय काले हिरन का शिकार करने से जुड़े मामले में वर्ष 1998 में तीन दिन जेल में बिता चुके हैं। इससे पहले, 47-वर्षीय सलमान खान पर इस मामले में गैरजिम्मेदाराना तरीके से गाड़ी चलाकर जान लेने के आरोप में मुकदमा चल रहा था, जिसके तहत दोषी पाए जाने पर सिर्फ दो साल तक की अधिकतम कैद की सज़ा मुमकिन थी, लेकिन एक मजिस्ट्रेटी अदालत ने जून माह में इस आरोप को गैर-इरादतन हत्या के कदरन गंभीर आरोप में बदल दिया था। टिप्पणियां सलमान खान पर आरोप है कि 11 साल पहले, वर्ष 2002 के सितंबर माह में सलमान खान एक टोयोटा लैंडक्रूसर गाड़ी चला रहे थे, और उसी वक्त उन्होंने बांद्रा इलाके में एक बेकरी के बाहर फुटपाथ पर सो रहे कुछ लोगों को गाड़ी से कुचल दिया, जिनमें से एक की मौत हो गई, और चार अन्य घायल हुए थे। वैसे, काफी विवादों से जुड़े रहे सलमान खान इससे पहले राजस्थान में एक फिल्म की शूटिंग के दौरान विलुप्तप्राय काले हिरन का शिकार करने से जुड़े मामले में वर्ष 1998 में तीन दिन जेल में बिता चुके हैं। सलमान खान पर आरोप है कि 11 साल पहले, वर्ष 2002 के सितंबर माह में सलमान खान एक टोयोटा लैंडक्रूसर गाड़ी चला रहे थे, और उसी वक्त उन्होंने बांद्रा इलाके में एक बेकरी के बाहर फुटपाथ पर सो रहे कुछ लोगों को गाड़ी से कुचल दिया, जिनमें से एक की मौत हो गई, और चार अन्य घायल हुए थे। वैसे, काफी विवादों से जुड़े रहे सलमान खान इससे पहले राजस्थान में एक फिल्म की शूटिंग के दौरान विलुप्तप्राय काले हिरन का शिकार करने से जुड़े मामले में वर्ष 1998 में तीन दिन जेल में बिता चुके हैं। वैसे, काफी विवादों से जुड़े रहे सलमान खान इससे पहले राजस्थान में एक फिल्म की शूटिंग के दौरान विलुप्तप्राय काले हिरन का शिकार करने से जुड़े मामले में वर्ष 1998 में तीन दिन जेल में बिता चुके हैं।
बातचीत के जरिए सुलझाएं कश्मीर मुद्दा : बॉन
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख बान की मून ने कहा वह भारत और पाकिस्तान के नेताओं से बातचीत करेंगे कि वह किस तरह से इस प्रक्रिया में मदद कर सकते है।
कश्मीर मुद्दे को बातचीत के जरिए सुलझाने जाए जाने की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए संयुक्त राष्ट्र प्रमुख बान की मून ने कहा वह भारत और पाकिस्तान के नेताओं से बातचीत करेंगे कि वह किस तरह से इस प्रक्रिया में मदद कर सकते है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव पद के दूसरे कार्यकाल के लिए चुने जाने के बाद बान ने कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए भारत और पाकिस्तान की मदद करने के संकेत दिए। बान ने बुधवार को कहा मेरे पास अतीत की तरह ही आगे भी मौके होंगे, मैं भारत और पाकिस्तान के नेताओं के साथ मुद्दे पर चर्चा करूंगा, कि किस प्रकार से हम उनकी मदद कर सकते हैं अथवा इस मुद्दे को बातचीत के जरिये कैसे शांतिपूर्वक सुलझाया जा सकता है। गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान इस साल के शुरूआत में समग्र बातचीत की शुरूआत कर चुके है। विदेश सचिव निरूपमा राव विदेश सचिव स्तरीय वार्ता के लिए पाकिस्तान की दो दिवसीय यात्रा पर है। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच कश्मीर समेत कई मुद्दों पर चर्चा किये जाने की उम्मीद है। बान ने कहा कि वह कश्मीर को लेकर जारी बातचीत से परिचित है और उन्होंने दोनों देशों से इस मुद्दे को शांतिपूर्वक सुलझाए जाने की अपील की।
विशाखापट्टनम: कोस्टल जगुआर में लगी भीषण आग, जान बचाने को क्रू सदस्यों ने पानी में लगाई छलांग, देखें VIDEO
विशाखापत्तनम: जहाज़ कोस्टल जगुआर में आग आग से बचने के लिए पानी में कूदे लोग जलते जहाज़ से 28 लोग बचाए गए, 1 लापता
विशाखापट्टनम (Visakhapatnam) में ऑफशोर सपोर्ट नौका कोस्टल जगुआर (Coastal Jaguar) में भीषण आग लग गई. जहाज पर सवार क्रू के सदस्यों ने जलते जहाज से पानी में कूदकर अपनी जान बचाई. जहाज में सवार 28 क्रू सदस्यों को बचाया जा चुका है, वहीं, एक शख्स अब भी लापता है. आग सोमवार सुबह 11:30 बजे लगी. इसके बाद क्रू के सभी सदस्य पानी में कूद गए. 28 क्रू सदस्यों को इंडियन कोस्ट गार्ड ने बचा लिया है. एक क्रू सदस्य लापता है. आग लगने के कारण का पता फिलहाल नहीं चल पाया है. #WATCH Visakhapatnam: At 11:30 am today, 29 crew members of Offshore Support Vessel Coastal Jaguar jumped into water after a fire engulfed the vessel. 28 rescued by Indian Coast Guard. Search for 1 missing crew underway. Exact cause of fire yet to be ascertained. #AndhraPradeshpic.twitter.com/pksYGrC9ZE विशाखापट्टनम तट पर तटरक्षक के एक अपतटीय पोत में सोमवार को आग लगने के बाद 28 कर्मियों को बचा लिया गया, जबकि चालक दल का एक सदस्य लापता है। पूर्वी नौसेना कमान के एक प्रवक्ता के अनुसार, आग लगने के बाद जहाज कोस्टल जगुआर के चालक दल के सदस्य खुद को बचाने के लिए जहाज से समुद्र में कूद गए. उन्होंने कहा, "कोस्टल जगुआर में कथित तौर पर एक जोरदार विस्फोट हुआ, जिसके बाद जहाज से धुंआ निकलने लगा." क्षेत्र में मौजूद आईसीजीएस रानी राशमोनी को बचाव अभियान के लिए भेजा गया. विशाखापत्तनम पोर्ट ट्रस्ट (वीपीटी) की नौकाओं के साथ मिलकर रानी राशमोनी ने संकट में फंसे चालक दल को बचाया. प्रवक्ता ने कहा, "पोत पर तैनात रहे चालक दल के 29 सदस्यों में से 28 को बचा लिया गया है, जबकि एक सदस्य लापता है, जिसकी तलाश जारी है." बचाव कार्य में आईसीजीएस समुद्र पहरेदार, आईसीजी हेलीकॉप्टर और आईसीजीएस सी-432 भी शामिल हैं. आग लगने के सही कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है.
मोदी सरकार की आय घोषणा योजना में और भी सुराख : कांग्रेस नेता पी चिदंबरम
इस योजना में ‘और खामियां’ हो सकती हैं. आईडीएस में 13860 करोड़ रुपये का सुराख है. शाह के एक दावे के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री का बयान आया है.
कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने मोदी सरकार की आय घोषणा योजना (आईडीएस) के बारे में सवाल उठाते हुए कहा कि इस योजना में ‘और खामियां’ हो सकती हैं. उन्होंने यह बयान कुछ दिन पहले 13860 करोड़ रुपये की अघोषित आय की घोषणा करने वाले अहमदाबाद के रियल इस्टेट कारोबारी महेश शाह के आए नए दावे की पृष्ठभूमि में दिया है जिसमें उन्होंने कहा कि पैसा उनका नहीं बल्कि अन्य लोगों का है. चिदंबरम ने ट्वीट किया, ‘‘65000 करोड़ रुपये की आईडीएस में 13860 करोड़ रुपये का सुराख है. और कितने सुराख होंगे.’’ कुछ दिन पहले 13860 करोड़ रुपये की अघोषित आय की घोषणा करने वाले अहमदाबाद के रियल इस्टेट कारोबारी महेश शाह कल एक टेलीविजन शो में आये और उन्होंने दावा किया कि वह केवल दूसरों की रकम का चेहरा मात्र हैं. शाह के इस दावे के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री का बयान आया है. शाह ने टीवी चैनल से कहा था कि उनके पास कालाधन नहीं था और उन्होंने कुछ भारतीयों की अघोषित पूंजी की घोषणा की थी. उन्होंने कहा कि वह आयकर विभाग से संपर्क करेंगे और उन लोगों के नाम देंगे जिन्होंने उन्हें इस बात के लिए मनाया कि उनकी बेहिसाब रकम को अपनी बताएं. टिप्पणियां शाह जैसे ही चैनल पर दिखाई दिये, कुछ ही देर में आयकर अधिकारी उन्हें पूछताछ के लिए स्थानीय चैनल के दफ्तर से ले गए. उन्हें वरिष्ठ आयकर अधिकारियों की रात भर चली पूछताछ के बाद रविवार की सुबह घर जाने दिया गया.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उन्होंने यह बयान कुछ दिन पहले 13860 करोड़ रुपये की अघोषित आय की घोषणा करने वाले अहमदाबाद के रियल इस्टेट कारोबारी महेश शाह के आए नए दावे की पृष्ठभूमि में दिया है जिसमें उन्होंने कहा कि पैसा उनका नहीं बल्कि अन्य लोगों का है. चिदंबरम ने ट्वीट किया, ‘‘65000 करोड़ रुपये की आईडीएस में 13860 करोड़ रुपये का सुराख है. और कितने सुराख होंगे.’’ कुछ दिन पहले 13860 करोड़ रुपये की अघोषित आय की घोषणा करने वाले अहमदाबाद के रियल इस्टेट कारोबारी महेश शाह कल एक टेलीविजन शो में आये और उन्होंने दावा किया कि वह केवल दूसरों की रकम का चेहरा मात्र हैं. शाह के इस दावे के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री का बयान आया है. शाह ने टीवी चैनल से कहा था कि उनके पास कालाधन नहीं था और उन्होंने कुछ भारतीयों की अघोषित पूंजी की घोषणा की थी. उन्होंने कहा कि वह आयकर विभाग से संपर्क करेंगे और उन लोगों के नाम देंगे जिन्होंने उन्हें इस बात के लिए मनाया कि उनकी बेहिसाब रकम को अपनी बताएं. टिप्पणियां शाह जैसे ही चैनल पर दिखाई दिये, कुछ ही देर में आयकर अधिकारी उन्हें पूछताछ के लिए स्थानीय चैनल के दफ्तर से ले गए. उन्हें वरिष्ठ आयकर अधिकारियों की रात भर चली पूछताछ के बाद रविवार की सुबह घर जाने दिया गया.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) चिदंबरम ने ट्वीट किया, ‘‘65000 करोड़ रुपये की आईडीएस में 13860 करोड़ रुपये का सुराख है. और कितने सुराख होंगे.’’ कुछ दिन पहले 13860 करोड़ रुपये की अघोषित आय की घोषणा करने वाले अहमदाबाद के रियल इस्टेट कारोबारी महेश शाह कल एक टेलीविजन शो में आये और उन्होंने दावा किया कि वह केवल दूसरों की रकम का चेहरा मात्र हैं. शाह के इस दावे के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री का बयान आया है. शाह ने टीवी चैनल से कहा था कि उनके पास कालाधन नहीं था और उन्होंने कुछ भारतीयों की अघोषित पूंजी की घोषणा की थी. उन्होंने कहा कि वह आयकर विभाग से संपर्क करेंगे और उन लोगों के नाम देंगे जिन्होंने उन्हें इस बात के लिए मनाया कि उनकी बेहिसाब रकम को अपनी बताएं. टिप्पणियां शाह जैसे ही चैनल पर दिखाई दिये, कुछ ही देर में आयकर अधिकारी उन्हें पूछताछ के लिए स्थानीय चैनल के दफ्तर से ले गए. उन्हें वरिष्ठ आयकर अधिकारियों की रात भर चली पूछताछ के बाद रविवार की सुबह घर जाने दिया गया.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) शाह ने टीवी चैनल से कहा था कि उनके पास कालाधन नहीं था और उन्होंने कुछ भारतीयों की अघोषित पूंजी की घोषणा की थी. उन्होंने कहा कि वह आयकर विभाग से संपर्क करेंगे और उन लोगों के नाम देंगे जिन्होंने उन्हें इस बात के लिए मनाया कि उनकी बेहिसाब रकम को अपनी बताएं. टिप्पणियां शाह जैसे ही चैनल पर दिखाई दिये, कुछ ही देर में आयकर अधिकारी उन्हें पूछताछ के लिए स्थानीय चैनल के दफ्तर से ले गए. उन्हें वरिष्ठ आयकर अधिकारियों की रात भर चली पूछताछ के बाद रविवार की सुबह घर जाने दिया गया.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) शाह जैसे ही चैनल पर दिखाई दिये, कुछ ही देर में आयकर अधिकारी उन्हें पूछताछ के लिए स्थानीय चैनल के दफ्तर से ले गए. उन्हें वरिष्ठ आयकर अधिकारियों की रात भर चली पूछताछ के बाद रविवार की सुबह घर जाने दिया गया.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
सुधारों के लिए प्रधानमंत्री को उचित मौका मिलना चाहिए : प्रेमजी
विप्रो के प्रमुख अजीम प्रेमजी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर भरोसा जताते हुए कहा कि उन्हें सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए उचित समय दिया जाना चाहिए।
‘‘भारत बिना नेतृत्व के काम कर रहा है’’ एक समय यह कहकर चौंकाने वाले सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की अग्रणी कंपनी विप्रो के प्रमुख अजीम प्रेमजी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर भरोसा जताते हुये कहा कि उन्हें सुधारों को आगे बढ़ाने के लिये उचित समय दिया जाना चाहिये। अजीम प्रेमजी का यह वक्तव्य देश के प्रमुख उद्योगपति रतन टाटा की उस टिप्पणी के कुछ ही समय बाद आया है जिसमें टाटा ने कहा था कि देश की मौजूदा आर्थिक चिंताओं के लिये प्रधानमंत्री सिंह पर ही पूरा दोष मढ़ना अनुचित होगा। प्रेमजी ने कहा ‘‘यह कहना मुश्किल है कि सुधार प्रक्रिया कैसे आगे बढ़ेगी। मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री की अपनी जिम्मेदारियों के साथ साथ अब वित्त मंत्रालय का कार्यभार भी संभाला है। इसलिये अब हमें उम्मीद रखनी चाहिये और उन्हें इसके लिये उपयुक्त समय दिया जाना चाहिये।’’ प्रेमजी ने कहा कि नीतिगत प्रयासों से भी ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि सरकार को मौजूदा नीतियों में शामिल विभिन्न मुद्दों को ही सुनियोजित तरीके से अमल में लाना चाहिये। टिप्पणियां उन्होंने कहा ‘‘ढांचागत क्षेत्र की परियोजना हो या फिर सरकारी परियोजना, जो परियोजनायें चल रही हैं और जिनमें विस्तार की आवश्यकता है, सरकार को उन व्यापक क्षेत्रों पर ध्यान देने की आवश्यकता है जिनपर अमल होना है और जिनपर निर्णय लिया जा चुका है। यही काम हो सकता है, क्योंकि यह सरकार की अहम जिम्मेदारी है।’’ पिछले सप्ताह टाटा ने ट्वीट किया था कि देश के आर्थिक सुधारों के आड़े आने वाले समस्याओं के लिये केवल प्रधानमंत्री को दोष दिया जाना गलत होगा। सिंह के समर्थन में खड़े होते हुये टाटा ने कहा ‘‘यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद है कि पिछले कुछ महीनों के दौरान विपक्ष, मीडिया, कुछ नागरिकों ने और यहां तक कि सत्तापक्ष की पार्टी के कुछ सदस्यों ने हमारे प्रधानमंत्री के बारे में निर्दयतापूर्वक कहा और लिखा है। सिंह जो कि वर्ष 1991 में शुरु हुये आर्थिक सुधारों के जनक रहे हैं और जिससे देश को आर्थिक समृद्धि तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान मिली है।’’ अजीम प्रेमजी ने इससे पहले पिछले महीने ही कहा था ‘‘..हम एक देश के रुप में बिना नेता के काम कर रहे हैं। यदि हम बदलते नहीं हैं तो कई सालों के लिये पीछे चले जायेंगे।’’ अजीम प्रेमजी का यह वक्तव्य देश के प्रमुख उद्योगपति रतन टाटा की उस टिप्पणी के कुछ ही समय बाद आया है जिसमें टाटा ने कहा था कि देश की मौजूदा आर्थिक चिंताओं के लिये प्रधानमंत्री सिंह पर ही पूरा दोष मढ़ना अनुचित होगा। प्रेमजी ने कहा ‘‘यह कहना मुश्किल है कि सुधार प्रक्रिया कैसे आगे बढ़ेगी। मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री की अपनी जिम्मेदारियों के साथ साथ अब वित्त मंत्रालय का कार्यभार भी संभाला है। इसलिये अब हमें उम्मीद रखनी चाहिये और उन्हें इसके लिये उपयुक्त समय दिया जाना चाहिये।’’ प्रेमजी ने कहा कि नीतिगत प्रयासों से भी ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि सरकार को मौजूदा नीतियों में शामिल विभिन्न मुद्दों को ही सुनियोजित तरीके से अमल में लाना चाहिये। टिप्पणियां उन्होंने कहा ‘‘ढांचागत क्षेत्र की परियोजना हो या फिर सरकारी परियोजना, जो परियोजनायें चल रही हैं और जिनमें विस्तार की आवश्यकता है, सरकार को उन व्यापक क्षेत्रों पर ध्यान देने की आवश्यकता है जिनपर अमल होना है और जिनपर निर्णय लिया जा चुका है। यही काम हो सकता है, क्योंकि यह सरकार की अहम जिम्मेदारी है।’’ पिछले सप्ताह टाटा ने ट्वीट किया था कि देश के आर्थिक सुधारों के आड़े आने वाले समस्याओं के लिये केवल प्रधानमंत्री को दोष दिया जाना गलत होगा। सिंह के समर्थन में खड़े होते हुये टाटा ने कहा ‘‘यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद है कि पिछले कुछ महीनों के दौरान विपक्ष, मीडिया, कुछ नागरिकों ने और यहां तक कि सत्तापक्ष की पार्टी के कुछ सदस्यों ने हमारे प्रधानमंत्री के बारे में निर्दयतापूर्वक कहा और लिखा है। सिंह जो कि वर्ष 1991 में शुरु हुये आर्थिक सुधारों के जनक रहे हैं और जिससे देश को आर्थिक समृद्धि तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान मिली है।’’ अजीम प्रेमजी ने इससे पहले पिछले महीने ही कहा था ‘‘..हम एक देश के रुप में बिना नेता के काम कर रहे हैं। यदि हम बदलते नहीं हैं तो कई सालों के लिये पीछे चले जायेंगे।’’ प्रेमजी ने कहा ‘‘यह कहना मुश्किल है कि सुधार प्रक्रिया कैसे आगे बढ़ेगी। मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री की अपनी जिम्मेदारियों के साथ साथ अब वित्त मंत्रालय का कार्यभार भी संभाला है। इसलिये अब हमें उम्मीद रखनी चाहिये और उन्हें इसके लिये उपयुक्त समय दिया जाना चाहिये।’’ प्रेमजी ने कहा कि नीतिगत प्रयासों से भी ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि सरकार को मौजूदा नीतियों में शामिल विभिन्न मुद्दों को ही सुनियोजित तरीके से अमल में लाना चाहिये। टिप्पणियां उन्होंने कहा ‘‘ढांचागत क्षेत्र की परियोजना हो या फिर सरकारी परियोजना, जो परियोजनायें चल रही हैं और जिनमें विस्तार की आवश्यकता है, सरकार को उन व्यापक क्षेत्रों पर ध्यान देने की आवश्यकता है जिनपर अमल होना है और जिनपर निर्णय लिया जा चुका है। यही काम हो सकता है, क्योंकि यह सरकार की अहम जिम्मेदारी है।’’ पिछले सप्ताह टाटा ने ट्वीट किया था कि देश के आर्थिक सुधारों के आड़े आने वाले समस्याओं के लिये केवल प्रधानमंत्री को दोष दिया जाना गलत होगा। सिंह के समर्थन में खड़े होते हुये टाटा ने कहा ‘‘यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद है कि पिछले कुछ महीनों के दौरान विपक्ष, मीडिया, कुछ नागरिकों ने और यहां तक कि सत्तापक्ष की पार्टी के कुछ सदस्यों ने हमारे प्रधानमंत्री के बारे में निर्दयतापूर्वक कहा और लिखा है। सिंह जो कि वर्ष 1991 में शुरु हुये आर्थिक सुधारों के जनक रहे हैं और जिससे देश को आर्थिक समृद्धि तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान मिली है।’’ अजीम प्रेमजी ने इससे पहले पिछले महीने ही कहा था ‘‘..हम एक देश के रुप में बिना नेता के काम कर रहे हैं। यदि हम बदलते नहीं हैं तो कई सालों के लिये पीछे चले जायेंगे।’’ प्रेमजी ने कहा कि नीतिगत प्रयासों से भी ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि सरकार को मौजूदा नीतियों में शामिल विभिन्न मुद्दों को ही सुनियोजित तरीके से अमल में लाना चाहिये। टिप्पणियां उन्होंने कहा ‘‘ढांचागत क्षेत्र की परियोजना हो या फिर सरकारी परियोजना, जो परियोजनायें चल रही हैं और जिनमें विस्तार की आवश्यकता है, सरकार को उन व्यापक क्षेत्रों पर ध्यान देने की आवश्यकता है जिनपर अमल होना है और जिनपर निर्णय लिया जा चुका है। यही काम हो सकता है, क्योंकि यह सरकार की अहम जिम्मेदारी है।’’ पिछले सप्ताह टाटा ने ट्वीट किया था कि देश के आर्थिक सुधारों के आड़े आने वाले समस्याओं के लिये केवल प्रधानमंत्री को दोष दिया जाना गलत होगा। सिंह के समर्थन में खड़े होते हुये टाटा ने कहा ‘‘यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद है कि पिछले कुछ महीनों के दौरान विपक्ष, मीडिया, कुछ नागरिकों ने और यहां तक कि सत्तापक्ष की पार्टी के कुछ सदस्यों ने हमारे प्रधानमंत्री के बारे में निर्दयतापूर्वक कहा और लिखा है। सिंह जो कि वर्ष 1991 में शुरु हुये आर्थिक सुधारों के जनक रहे हैं और जिससे देश को आर्थिक समृद्धि तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान मिली है।’’ अजीम प्रेमजी ने इससे पहले पिछले महीने ही कहा था ‘‘..हम एक देश के रुप में बिना नेता के काम कर रहे हैं। यदि हम बदलते नहीं हैं तो कई सालों के लिये पीछे चले जायेंगे।’’ उन्होंने कहा ‘‘ढांचागत क्षेत्र की परियोजना हो या फिर सरकारी परियोजना, जो परियोजनायें चल रही हैं और जिनमें विस्तार की आवश्यकता है, सरकार को उन व्यापक क्षेत्रों पर ध्यान देने की आवश्यकता है जिनपर अमल होना है और जिनपर निर्णय लिया जा चुका है। यही काम हो सकता है, क्योंकि यह सरकार की अहम जिम्मेदारी है।’’ पिछले सप्ताह टाटा ने ट्वीट किया था कि देश के आर्थिक सुधारों के आड़े आने वाले समस्याओं के लिये केवल प्रधानमंत्री को दोष दिया जाना गलत होगा। सिंह के समर्थन में खड़े होते हुये टाटा ने कहा ‘‘यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद है कि पिछले कुछ महीनों के दौरान विपक्ष, मीडिया, कुछ नागरिकों ने और यहां तक कि सत्तापक्ष की पार्टी के कुछ सदस्यों ने हमारे प्रधानमंत्री के बारे में निर्दयतापूर्वक कहा और लिखा है। सिंह जो कि वर्ष 1991 में शुरु हुये आर्थिक सुधारों के जनक रहे हैं और जिससे देश को आर्थिक समृद्धि तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान मिली है।’’ अजीम प्रेमजी ने इससे पहले पिछले महीने ही कहा था ‘‘..हम एक देश के रुप में बिना नेता के काम कर रहे हैं। यदि हम बदलते नहीं हैं तो कई सालों के लिये पीछे चले जायेंगे।’’ पिछले सप्ताह टाटा ने ट्वीट किया था कि देश के आर्थिक सुधारों के आड़े आने वाले समस्याओं के लिये केवल प्रधानमंत्री को दोष दिया जाना गलत होगा। सिंह के समर्थन में खड़े होते हुये टाटा ने कहा ‘‘यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद है कि पिछले कुछ महीनों के दौरान विपक्ष, मीडिया, कुछ नागरिकों ने और यहां तक कि सत्तापक्ष की पार्टी के कुछ सदस्यों ने हमारे प्रधानमंत्री के बारे में निर्दयतापूर्वक कहा और लिखा है। सिंह जो कि वर्ष 1991 में शुरु हुये आर्थिक सुधारों के जनक रहे हैं और जिससे देश को आर्थिक समृद्धि तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान मिली है।’’ अजीम प्रेमजी ने इससे पहले पिछले महीने ही कहा था ‘‘..हम एक देश के रुप में बिना नेता के काम कर रहे हैं। यदि हम बदलते नहीं हैं तो कई सालों के लिये पीछे चले जायेंगे।’’
सीएजी कोई मुनीम का दफ्तर नहीं : सुप्रीम कोर्ट
कथित कोल-गेट घोटाले को उजागर करने वाली सीएजी की रिपोर्ट को रद्द करने के लिए दायर की गई याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
कथित कोल-गेट घोटाले को उजागर करने वाली सीएजी की रिपोर्ट को रद्द करने के लिए दायर की गई याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है।टिप्पणियां सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीएजी को मुनीम का दफ्तर नहीं है, यह एक संवैधानिक संस्था है। और यदि  सीएजी ने दायरों का उल्लंघन किया तो यह देखना संसद का काम है। गौरतलब है कि सीएजी की रिपोर्ट के बाद संसद में जोरदार हंगामा हुआ और पूरा शीत सत्र विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गया। विपक्ष ने सरकार से मांग की थी सभी 142 आवंटर रद्द कर दिए जाएं और मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए। इस पूरे प्रकरण में सरकार का कहना था कि सीएजी की रिपोर्ट में पेश आंकड़े भ्रामक हैं और वास्तविक्ता में इस पूरे आवंटन में कोई नुकसान नहीं हुआ है। वहीं दूसरे शब्दों में सरकार ने कोल ब्लॉक आवंटन के मामले में किसी प्रकार के घोटाले से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीएजी को मुनीम का दफ्तर नहीं है, यह एक संवैधानिक संस्था है। और यदि  सीएजी ने दायरों का उल्लंघन किया तो यह देखना संसद का काम है। गौरतलब है कि सीएजी की रिपोर्ट के बाद संसद में जोरदार हंगामा हुआ और पूरा शीत सत्र विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गया। विपक्ष ने सरकार से मांग की थी सभी 142 आवंटर रद्द कर दिए जाएं और मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए। इस पूरे प्रकरण में सरकार का कहना था कि सीएजी की रिपोर्ट में पेश आंकड़े भ्रामक हैं और वास्तविक्ता में इस पूरे आवंटन में कोई नुकसान नहीं हुआ है। वहीं दूसरे शब्दों में सरकार ने कोल ब्लॉक आवंटन के मामले में किसी प्रकार के घोटाले से इनकार कर दिया। गौरतलब है कि सीएजी की रिपोर्ट के बाद संसद में जोरदार हंगामा हुआ और पूरा शीत सत्र विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गया। विपक्ष ने सरकार से मांग की थी सभी 142 आवंटर रद्द कर दिए जाएं और मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए। इस पूरे प्रकरण में सरकार का कहना था कि सीएजी की रिपोर्ट में पेश आंकड़े भ्रामक हैं और वास्तविक्ता में इस पूरे आवंटन में कोई नुकसान नहीं हुआ है। वहीं दूसरे शब्दों में सरकार ने कोल ब्लॉक आवंटन के मामले में किसी प्रकार के घोटाले से इनकार कर दिया।
बिहार : सीवान में ट्रेन ने बस को टक्कर मारी, नौ मरे
बिहार के सीवान जिले में वैशाली एक्सप्रेस ने एक स्कूल बस को टक्कर मारी जिसमें नौ लोगों की मौत हो गई।
बिहार के सीवान जिले में वैशाली एक्सप्रेस ने एक इंजीनियरिंग कॉलेज की एक बस को टक्कर मारी जिसमें नौ लोगों की मौत हो गई। वैशाली एक्सप्रेस दिल्ली आ रही थी। यह हादसा बिना फाटक वाले एक रेलवे क्रॉसिंग पर हुआ।टिप्पणियां बाद में गुस्साए गांववालों ने वैशाली एक्सप्रेस की दो बोगियों में आग लगा दी। बताया जा रहा है कि रेलवे ने मृतक के परिजनों को मुआवजे का ऐलान कर दिया है। साथ ही रेलवे के सेफ्टी कमिश्नर मामले की जांच करेंगे। बाद में गुस्साए गांववालों ने वैशाली एक्सप्रेस की दो बोगियों में आग लगा दी। बताया जा रहा है कि रेलवे ने मृतक के परिजनों को मुआवजे का ऐलान कर दिया है। साथ ही रेलवे के सेफ्टी कमिश्नर मामले की जांच करेंगे। बताया जा रहा है कि रेलवे ने मृतक के परिजनों को मुआवजे का ऐलान कर दिया है। साथ ही रेलवे के सेफ्टी कमिश्नर मामले की जांच करेंगे।
कैबिनेट फेरबदल : मोदी मंत्रिमंडल में 10 से ज्यादा नए चेहरों को मिल सकती है जगह : सूत्र
तीन साल में तीसरी बार मोदी कैबिनेट में फेरबदल होने जा रहा है उमा भारती मंत्रिमंडल में बनीं रहेंगी, उनका विभाग बदला जाएगा: सूत्र सुरेश प्रभु को रेल मंत्रालय की जगह दूसरा विभाग दिया जा सकता है
शिवसेना और टीडीपी को लेकर अभी स्थिति साफ नहीं है, जबकि एआईएडीएमके के मंत्री नहीं बनेंगे. हेमंत बिस्वा शर्मा अभी केंद्रीय कैबिनेट में शामिल नहीं होंगे और वह असम में ही मंत्री बने रहेंगे.
डोनाल्ड ट्रंप की किम जोंग उन को चेतावनी, न्यूक्लियर बटन मेरे पास भी है, जो ज़्यादा बड़ा और ताकतवर है
डोनाल्ड ट्रंप की किम जोंग उन को चेतावनी 'न्यूक्लियर बटन मेरे पास भी है, जो ज़्यादा बड़ा और ताकतवर है' डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर किम जोंग पर साधा निशाना
North Korean Leader Kim Jong Un just stated that the “Nuclear Button is on his desk at all times.” Will someone from his depleted and food starved regime please inform him that I too have a Nuclear Button, but it is a much bigger & more powerful one than his, and my Button works!
Super 30 Box Office Collection Day 19: 'सुपर 30' का बॉक्स ऑफिस पर धमाका जारी, अब तक किया इतना कलेक्शन
ऋतिक रोशन की फिल्म 'सुपर 30' का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन 19 वें दिन कमाए इतने करोड़ भारत के पांच राज्यों में फिल्म हुई टैक्स फ्री
Super 30 Box Office Collection Day 19: बॉलीवुड एक्टर ऋतिक रोशन (Hrtihik Roshan)  और मृणाल ठाकुर (Mrunal Thakur) स्टारर फिल्म 'सुपर 30 (Super 30)' लगातार बॉक्स ऑफिस पर अपना जलवा बिखेर रही है. बिहार के मैथमेटिशियन आनंद कुमार (Anand Kumar) के जीवन पर आधारित इस फिल्म ने मंगलवार को 2 करोड़ रुपये की कमाई की है. जिस हिसाब से इस फिल्म ने अब तक 130 करोड़ रुपये की कमाई कर ली है. हालांकि इसके अभी तक कोई आधिकारिक आंकड़े नहीं आए हैं. इस फिल्म ने तीसरे हफ्ते में ही 125 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर लिया था. दर्शकों को ये फिल्म खूब पसंद आ रही है.  ऋतिक रोशन (Hrithik Roshan) की फिल्म 'सुपर 30 (Super 30)' की कहानी को देखकर इसे बिहार, उत्तर प्रदेश और राजस्थान सहित भारत के पांच राज्यों में टैक्स फ्री कर दिया गया है. फिल्म क्रिटिक्स के साथ ही दर्शकों से भी इस फिल्म को काफी सराहना मिल रही है. बता दें कि 'सुपर 30' ने पहले हफ्ते 75.85 करोड़ रुपए और दूसरे हफ्ते 37.86 करोड़ रुपए की कमाई की थी. वहीं तीसरे हफ्ते इस फिल्म ने 12 करोड़ 50 लाख रुपये की कमाई की.  बता दें विकास बहल के निर्देशन में बनी ये फिल्म मैथमेटिशियन आनंद कुमार के जीवन पर आधारित है, जिन्होंने पिछड़े पृष्ठभूमि के बच्चों को मुफ्त में आईआईटी की तैयारी करवाई. इस फिल्म के जरिए लोगों को न केवल आनंद कुमार (Anand Kumar) के बारे में पता चला है, बल्कि उनके जीवन की कई कहानियां भी सुनने को मिली हैं. इस फिल्म में ऋतिक रोशन (Hrtihik Roshan) की परफॉर्मेंस को काफी सराहा जा रहा है.
चार सरकारी बैंक कर रहे हैं जनधन खातों में जमा की जांच : अरुण जेटली
पंजाब एंड सिंध बैंक, पंजाब नेशनल बैंक जांच की जद में बैंक आफ बड़ौदा तथा बैंक आफ इंडिया में भी चल रही जांच बैंक, वित्तीय सेवा विभाग को अपनी रिपोर्ट देंगे
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के चार बैंक 'अपनी शाखाओं में जांच' कर रहे हैं जिससे यह पता लगाया जा सके कि जनधन खातों में पैसा खाताधारकों ने ही जमा कराया है या फिर शून्य शेष खातों की संख्या को कम करने के लिए इसे बिजनेस कॉरस्पॉन्डेंट द्वारा जमा कराया गया है. मीडिया में आई जनधन की जमा की खबरों के बारे में पूछे जाने पर जेटली ने यह प्रतिक्रिया दी. खबरों के अनुसार पंजाब एंड सिंध बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक आफ बड़ौदा तथा बैंक आफ इंडिया के बैंकरों ने खुद ही जनधन खातों में एक रुपये जमा कराए हैं जिससे शून्य शेष खातों की संख्या को कम दिखाया जा सके. वित्तमंत्री ने कहा कि कुछ खातों के मामले में यह मुद्दा उठा है और इन चार बैंकों का नाम सामने आया है. "हमने उनसे पूछा है. बैंक अपनी खातों से इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या खाताधारकों ने खातों में पैसा खुद डाला है या फिर बिजनेस कॉरस्पॉन्डेंट ने उनके खाते में पैसा जमा कराया है. इसके बाद बैंक वित्तीय सेवा विभाग को अपनी रिपोर्ट देंगे." जेटली ने आज सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों के साथ बैठक में तिमाही प्रदर्शन की समीक्षा की. जेटली ने कहा कि 24 करोड़ जनधन खाते हैं जिनमें जमा राशि 42,000 करोड़ रुपये  है. टिप्पणियां उन्होंने कहा, "ये 24 करोड़ खाते मुख्य रूप से कमजोर तबके के हैं. अब इन लोगों ने खातों में 42,000 करोड़ रुपये  जमा कराए हैं. यह 42,000 करोड़ रुपये का आंकड़ा सिर्फ एक रुपया डालकर हासिल नहीं किया जा सकता. सरकार की फ्लैगशिप वित्तीय समावेशी योजना प्रधानमंत्री जनधन योजना का मकसद प्रत्येक व्यक्ति को वित्तीय सेवाएं, जमा खाता, रेमिटेंस, ऋण और दुर्घटना बीमा कवर उपलब्ध कराना है.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) मीडिया में आई जनधन की जमा की खबरों के बारे में पूछे जाने पर जेटली ने यह प्रतिक्रिया दी. खबरों के अनुसार पंजाब एंड सिंध बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक आफ बड़ौदा तथा बैंक आफ इंडिया के बैंकरों ने खुद ही जनधन खातों में एक रुपये जमा कराए हैं जिससे शून्य शेष खातों की संख्या को कम दिखाया जा सके. वित्तमंत्री ने कहा कि कुछ खातों के मामले में यह मुद्दा उठा है और इन चार बैंकों का नाम सामने आया है. "हमने उनसे पूछा है. बैंक अपनी खातों से इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या खाताधारकों ने खातों में पैसा खुद डाला है या फिर बिजनेस कॉरस्पॉन्डेंट ने उनके खाते में पैसा जमा कराया है. इसके बाद बैंक वित्तीय सेवा विभाग को अपनी रिपोर्ट देंगे." जेटली ने आज सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों के साथ बैठक में तिमाही प्रदर्शन की समीक्षा की. जेटली ने कहा कि 24 करोड़ जनधन खाते हैं जिनमें जमा राशि 42,000 करोड़ रुपये  है. टिप्पणियां उन्होंने कहा, "ये 24 करोड़ खाते मुख्य रूप से कमजोर तबके के हैं. अब इन लोगों ने खातों में 42,000 करोड़ रुपये  जमा कराए हैं. यह 42,000 करोड़ रुपये का आंकड़ा सिर्फ एक रुपया डालकर हासिल नहीं किया जा सकता. सरकार की फ्लैगशिप वित्तीय समावेशी योजना प्रधानमंत्री जनधन योजना का मकसद प्रत्येक व्यक्ति को वित्तीय सेवाएं, जमा खाता, रेमिटेंस, ऋण और दुर्घटना बीमा कवर उपलब्ध कराना है.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) वित्तमंत्री ने कहा कि कुछ खातों के मामले में यह मुद्दा उठा है और इन चार बैंकों का नाम सामने आया है. "हमने उनसे पूछा है. बैंक अपनी खातों से इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या खाताधारकों ने खातों में पैसा खुद डाला है या फिर बिजनेस कॉरस्पॉन्डेंट ने उनके खाते में पैसा जमा कराया है. इसके बाद बैंक वित्तीय सेवा विभाग को अपनी रिपोर्ट देंगे." जेटली ने आज सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों के साथ बैठक में तिमाही प्रदर्शन की समीक्षा की. जेटली ने कहा कि 24 करोड़ जनधन खाते हैं जिनमें जमा राशि 42,000 करोड़ रुपये  है. टिप्पणियां उन्होंने कहा, "ये 24 करोड़ खाते मुख्य रूप से कमजोर तबके के हैं. अब इन लोगों ने खातों में 42,000 करोड़ रुपये  जमा कराए हैं. यह 42,000 करोड़ रुपये का आंकड़ा सिर्फ एक रुपया डालकर हासिल नहीं किया जा सकता. सरकार की फ्लैगशिप वित्तीय समावेशी योजना प्रधानमंत्री जनधन योजना का मकसद प्रत्येक व्यक्ति को वित्तीय सेवाएं, जमा खाता, रेमिटेंस, ऋण और दुर्घटना बीमा कवर उपलब्ध कराना है.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) जेटली ने आज सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों के साथ बैठक में तिमाही प्रदर्शन की समीक्षा की. जेटली ने कहा कि 24 करोड़ जनधन खाते हैं जिनमें जमा राशि 42,000 करोड़ रुपये  है. टिप्पणियां उन्होंने कहा, "ये 24 करोड़ खाते मुख्य रूप से कमजोर तबके के हैं. अब इन लोगों ने खातों में 42,000 करोड़ रुपये  जमा कराए हैं. यह 42,000 करोड़ रुपये का आंकड़ा सिर्फ एक रुपया डालकर हासिल नहीं किया जा सकता. सरकार की फ्लैगशिप वित्तीय समावेशी योजना प्रधानमंत्री जनधन योजना का मकसद प्रत्येक व्यक्ति को वित्तीय सेवाएं, जमा खाता, रेमिटेंस, ऋण और दुर्घटना बीमा कवर उपलब्ध कराना है.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उन्होंने कहा, "ये 24 करोड़ खाते मुख्य रूप से कमजोर तबके के हैं. अब इन लोगों ने खातों में 42,000 करोड़ रुपये  जमा कराए हैं. यह 42,000 करोड़ रुपये का आंकड़ा सिर्फ एक रुपया डालकर हासिल नहीं किया जा सकता. सरकार की फ्लैगशिप वित्तीय समावेशी योजना प्रधानमंत्री जनधन योजना का मकसद प्रत्येक व्यक्ति को वित्तीय सेवाएं, जमा खाता, रेमिटेंस, ऋण और दुर्घटना बीमा कवर उपलब्ध कराना है.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Loveratri Teaser: नवरात्रि पर मनेगा 'लवरात्रि' का जश्न, कुछ यूं गरबा करते दिखी डेब्यू जोड़ी
रिलीज हुआ 'लवरात्रि' का टीजर रिलीज हुआ 'लवरात्रि' का टीजर इसी साल होगी रिलीज
प्यार मे खो जाओ #LoveratriTeaser के संग| https://t.co/61GUTtZzSO@aaysharma@Warina_Hussain@abhiraj21288@SKFilmsOfficial#LoveratriTeaser
बैंकों में पुराने नोट जमा कराने पर ‘कर माफी’ नहीं : अरुण जेटली
धन के स्रोत पर कर कानून लागू होगा बैंक खातों में जमा करा कर ही नए नोट हासिल होंगे कानूनी कमाई और बचत पर चिंता करने की जरूरत नहीं
सरकार ने स्पष्ट किया है कि बैंकों में पुराने 500 और 1,000 के नोट जमा कराने पर किसी तरह की ‘कर माफी’ नहीं मिलेगी और इस तरह के धन के स्रोत पर कर कानून लागू होगा. सरकार ने कल 500 और 1,000 के नोट बंद करने की घोषणा की थी. कालेधन, भ्रष्टाचार तथा जाली नोटों पर लगाम के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि ऊंचे मूल्य के नोटों को बैंक खातों में जमा करा कर ही नए और छोटे मूल्य के नोट हासिल किए जा सकते हैं. जेटली ने कहा, ‘‘यह पूरी तरह से साफ है कि यह कोई माफी योजना नहीं है. इस राशि को जमा कराने पर कराधान से किसी तरह की राहत नहीं मिलेगी. ऐसे धन के स्रोत पर जरूरी कानून लागू होगा.’’ वित्त मंत्री ने कहा कि यदि यह धन कानूनी तौर पर वैध है और इससे पूर्व में बैंक से निकाला गया है या कानूनी तरीके से कमाया गया और बचाया गया है, तो चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. जेटली ने कहा, ‘‘लेकिन यदि यह गैरकानूनी पैसा है, तो इसके स्रोत का खुलासा करना होगा. यदि यह अपराध या रिश्वत की कमाई है, तो यह परेशानी की बात है.’’ वित्त मंत्री ने कहा कि गृहणियों तथा किसानों जिनकी बचत की जरूरत उचित है, उन्हें बैंक खातों में पैसा जमा कराने को लेकर किसी तरह की चिंता नहीं करनी चाहिए. वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि यदि लोग छोटी राशि मसलन 25,000 रुपये, 30,000 या 50,000 रुपये जो घर में खर्च के लिए पड़ा है उसे जमा कराना चाहते हैं तो उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है. वे बैंकों के पास बेधड़क जा सकते हैं. जेटली ने कहा कि पहले एक या दो सप्ताह के दौरान इनके स्थान पर बदलने के लिए नए नोटों की कमी हो सकती है, लेकिन दो-तीन सप्ताह में अधिक नोटों की आपूर्ति के बाद इन्हें सामान्य तरीके से बदला जा सकेगा. जटली ने कहा कि इस कदम से लेनदेन अधिक से अधिक डिजिटल होगा. लोग अपनी आय का खुलासा करेंगे और कर अदा करेंगे. ‘‘देश कर अनुपालन वाला समाज बन सकेगा.’’ वित्त मंत्री ने कहा कि जिन लोगों के पास कालाधन, अपराध या रिश्वत की कमाई है उन्हें इससे झटका लगेगा. उन्होंने कहा कि यह फैसला ईमानदारी के लिए फायदे का, बेईमानी के लिए नुकसान का है.’’ जेटली ने कहा कि शुरुआत में कुछ दिन या कुछ सप्ताह लोगों को असुविधा हो सकती है. लेकिन भारत कालेधन और समानांतर अर्थव्यवस्था पर हमेशा नहीं चल सकता. उन्होंने कहा कि इस फैसले से अधिक से अधिक लेनदेन कर दायरे में आएगा और प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर संग्रहण दोनों में इजाफा होगा. समानान्तर अर्थव्यवस्था में कमी से औपचारिक अर्थव्यवस्था का आकार बढ़ेगा.टिप्पणियां वित्त मंत्री ने कहा कि इस फैसले का कुछ असर राजनीति में भी दिखेगा. कुछ राजनीतिक चंदा अब चेकों के जरिए आना शुरू हुआ है. यदि इस कदम से कुछ सफाई हो पाती है, तो यह काफी शानदार उपाय साबित होगा.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) सरकार ने कल 500 और 1,000 के नोट बंद करने की घोषणा की थी. कालेधन, भ्रष्टाचार तथा जाली नोटों पर लगाम के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि ऊंचे मूल्य के नोटों को बैंक खातों में जमा करा कर ही नए और छोटे मूल्य के नोट हासिल किए जा सकते हैं. जेटली ने कहा, ‘‘यह पूरी तरह से साफ है कि यह कोई माफी योजना नहीं है. इस राशि को जमा कराने पर कराधान से किसी तरह की राहत नहीं मिलेगी. ऐसे धन के स्रोत पर जरूरी कानून लागू होगा.’’ वित्त मंत्री ने कहा कि यदि यह धन कानूनी तौर पर वैध है और इससे पूर्व में बैंक से निकाला गया है या कानूनी तरीके से कमाया गया और बचाया गया है, तो चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. जेटली ने कहा, ‘‘लेकिन यदि यह गैरकानूनी पैसा है, तो इसके स्रोत का खुलासा करना होगा. यदि यह अपराध या रिश्वत की कमाई है, तो यह परेशानी की बात है.’’ वित्त मंत्री ने कहा कि गृहणियों तथा किसानों जिनकी बचत की जरूरत उचित है, उन्हें बैंक खातों में पैसा जमा कराने को लेकर किसी तरह की चिंता नहीं करनी चाहिए. वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि यदि लोग छोटी राशि मसलन 25,000 रुपये, 30,000 या 50,000 रुपये जो घर में खर्च के लिए पड़ा है उसे जमा कराना चाहते हैं तो उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है. वे बैंकों के पास बेधड़क जा सकते हैं. जेटली ने कहा कि पहले एक या दो सप्ताह के दौरान इनके स्थान पर बदलने के लिए नए नोटों की कमी हो सकती है, लेकिन दो-तीन सप्ताह में अधिक नोटों की आपूर्ति के बाद इन्हें सामान्य तरीके से बदला जा सकेगा. जटली ने कहा कि इस कदम से लेनदेन अधिक से अधिक डिजिटल होगा. लोग अपनी आय का खुलासा करेंगे और कर अदा करेंगे. ‘‘देश कर अनुपालन वाला समाज बन सकेगा.’’ वित्त मंत्री ने कहा कि जिन लोगों के पास कालाधन, अपराध या रिश्वत की कमाई है उन्हें इससे झटका लगेगा. उन्होंने कहा कि यह फैसला ईमानदारी के लिए फायदे का, बेईमानी के लिए नुकसान का है.’’ जेटली ने कहा कि शुरुआत में कुछ दिन या कुछ सप्ताह लोगों को असुविधा हो सकती है. लेकिन भारत कालेधन और समानांतर अर्थव्यवस्था पर हमेशा नहीं चल सकता. उन्होंने कहा कि इस फैसले से अधिक से अधिक लेनदेन कर दायरे में आएगा और प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर संग्रहण दोनों में इजाफा होगा. समानान्तर अर्थव्यवस्था में कमी से औपचारिक अर्थव्यवस्था का आकार बढ़ेगा.टिप्पणियां वित्त मंत्री ने कहा कि इस फैसले का कुछ असर राजनीति में भी दिखेगा. कुछ राजनीतिक चंदा अब चेकों के जरिए आना शुरू हुआ है. यदि इस कदम से कुछ सफाई हो पाती है, तो यह काफी शानदार उपाय साबित होगा.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) जेटली ने कहा, ‘‘यह पूरी तरह से साफ है कि यह कोई माफी योजना नहीं है. इस राशि को जमा कराने पर कराधान से किसी तरह की राहत नहीं मिलेगी. ऐसे धन के स्रोत पर जरूरी कानून लागू होगा.’’ वित्त मंत्री ने कहा कि यदि यह धन कानूनी तौर पर वैध है और इससे पूर्व में बैंक से निकाला गया है या कानूनी तरीके से कमाया गया और बचाया गया है, तो चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. जेटली ने कहा, ‘‘लेकिन यदि यह गैरकानूनी पैसा है, तो इसके स्रोत का खुलासा करना होगा. यदि यह अपराध या रिश्वत की कमाई है, तो यह परेशानी की बात है.’’ वित्त मंत्री ने कहा कि गृहणियों तथा किसानों जिनकी बचत की जरूरत उचित है, उन्हें बैंक खातों में पैसा जमा कराने को लेकर किसी तरह की चिंता नहीं करनी चाहिए. वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि यदि लोग छोटी राशि मसलन 25,000 रुपये, 30,000 या 50,000 रुपये जो घर में खर्च के लिए पड़ा है उसे जमा कराना चाहते हैं तो उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है. वे बैंकों के पास बेधड़क जा सकते हैं. जेटली ने कहा कि पहले एक या दो सप्ताह के दौरान इनके स्थान पर बदलने के लिए नए नोटों की कमी हो सकती है, लेकिन दो-तीन सप्ताह में अधिक नोटों की आपूर्ति के बाद इन्हें सामान्य तरीके से बदला जा सकेगा. जटली ने कहा कि इस कदम से लेनदेन अधिक से अधिक डिजिटल होगा. लोग अपनी आय का खुलासा करेंगे और कर अदा करेंगे. ‘‘देश कर अनुपालन वाला समाज बन सकेगा.’’ वित्त मंत्री ने कहा कि जिन लोगों के पास कालाधन, अपराध या रिश्वत की कमाई है उन्हें इससे झटका लगेगा. उन्होंने कहा कि यह फैसला ईमानदारी के लिए फायदे का, बेईमानी के लिए नुकसान का है.’’ जेटली ने कहा कि शुरुआत में कुछ दिन या कुछ सप्ताह लोगों को असुविधा हो सकती है. लेकिन भारत कालेधन और समानांतर अर्थव्यवस्था पर हमेशा नहीं चल सकता. उन्होंने कहा कि इस फैसले से अधिक से अधिक लेनदेन कर दायरे में आएगा और प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर संग्रहण दोनों में इजाफा होगा. समानान्तर अर्थव्यवस्था में कमी से औपचारिक अर्थव्यवस्था का आकार बढ़ेगा.टिप्पणियां वित्त मंत्री ने कहा कि इस फैसले का कुछ असर राजनीति में भी दिखेगा. कुछ राजनीतिक चंदा अब चेकों के जरिए आना शुरू हुआ है. यदि इस कदम से कुछ सफाई हो पाती है, तो यह काफी शानदार उपाय साबित होगा.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) जेटली ने कहा, ‘‘लेकिन यदि यह गैरकानूनी पैसा है, तो इसके स्रोत का खुलासा करना होगा. यदि यह अपराध या रिश्वत की कमाई है, तो यह परेशानी की बात है.’’ वित्त मंत्री ने कहा कि गृहणियों तथा किसानों जिनकी बचत की जरूरत उचित है, उन्हें बैंक खातों में पैसा जमा कराने को लेकर किसी तरह की चिंता नहीं करनी चाहिए. वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि यदि लोग छोटी राशि मसलन 25,000 रुपये, 30,000 या 50,000 रुपये जो घर में खर्च के लिए पड़ा है उसे जमा कराना चाहते हैं तो उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है. वे बैंकों के पास बेधड़क जा सकते हैं. जेटली ने कहा कि पहले एक या दो सप्ताह के दौरान इनके स्थान पर बदलने के लिए नए नोटों की कमी हो सकती है, लेकिन दो-तीन सप्ताह में अधिक नोटों की आपूर्ति के बाद इन्हें सामान्य तरीके से बदला जा सकेगा. जटली ने कहा कि इस कदम से लेनदेन अधिक से अधिक डिजिटल होगा. लोग अपनी आय का खुलासा करेंगे और कर अदा करेंगे. ‘‘देश कर अनुपालन वाला समाज बन सकेगा.’’ वित्त मंत्री ने कहा कि जिन लोगों के पास कालाधन, अपराध या रिश्वत की कमाई है उन्हें इससे झटका लगेगा. उन्होंने कहा कि यह फैसला ईमानदारी के लिए फायदे का, बेईमानी के लिए नुकसान का है.’’ जेटली ने कहा कि शुरुआत में कुछ दिन या कुछ सप्ताह लोगों को असुविधा हो सकती है. लेकिन भारत कालेधन और समानांतर अर्थव्यवस्था पर हमेशा नहीं चल सकता. उन्होंने कहा कि इस फैसले से अधिक से अधिक लेनदेन कर दायरे में आएगा और प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर संग्रहण दोनों में इजाफा होगा. समानान्तर अर्थव्यवस्था में कमी से औपचारिक अर्थव्यवस्था का आकार बढ़ेगा.टिप्पणियां वित्त मंत्री ने कहा कि इस फैसले का कुछ असर राजनीति में भी दिखेगा. कुछ राजनीतिक चंदा अब चेकों के जरिए आना शुरू हुआ है. यदि इस कदम से कुछ सफाई हो पाती है, तो यह काफी शानदार उपाय साबित होगा.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि यदि लोग छोटी राशि मसलन 25,000 रुपये, 30,000 या 50,000 रुपये जो घर में खर्च के लिए पड़ा है उसे जमा कराना चाहते हैं तो उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है. वे बैंकों के पास बेधड़क जा सकते हैं. जेटली ने कहा कि पहले एक या दो सप्ताह के दौरान इनके स्थान पर बदलने के लिए नए नोटों की कमी हो सकती है, लेकिन दो-तीन सप्ताह में अधिक नोटों की आपूर्ति के बाद इन्हें सामान्य तरीके से बदला जा सकेगा. जटली ने कहा कि इस कदम से लेनदेन अधिक से अधिक डिजिटल होगा. लोग अपनी आय का खुलासा करेंगे और कर अदा करेंगे. ‘‘देश कर अनुपालन वाला समाज बन सकेगा.’’ वित्त मंत्री ने कहा कि जिन लोगों के पास कालाधन, अपराध या रिश्वत की कमाई है उन्हें इससे झटका लगेगा. उन्होंने कहा कि यह फैसला ईमानदारी के लिए फायदे का, बेईमानी के लिए नुकसान का है.’’ जेटली ने कहा कि शुरुआत में कुछ दिन या कुछ सप्ताह लोगों को असुविधा हो सकती है. लेकिन भारत कालेधन और समानांतर अर्थव्यवस्था पर हमेशा नहीं चल सकता. उन्होंने कहा कि इस फैसले से अधिक से अधिक लेनदेन कर दायरे में आएगा और प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर संग्रहण दोनों में इजाफा होगा. समानान्तर अर्थव्यवस्था में कमी से औपचारिक अर्थव्यवस्था का आकार बढ़ेगा.टिप्पणियां वित्त मंत्री ने कहा कि इस फैसले का कुछ असर राजनीति में भी दिखेगा. कुछ राजनीतिक चंदा अब चेकों के जरिए आना शुरू हुआ है. यदि इस कदम से कुछ सफाई हो पाती है, तो यह काफी शानदार उपाय साबित होगा.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) जटली ने कहा कि इस कदम से लेनदेन अधिक से अधिक डिजिटल होगा. लोग अपनी आय का खुलासा करेंगे और कर अदा करेंगे. ‘‘देश कर अनुपालन वाला समाज बन सकेगा.’’ वित्त मंत्री ने कहा कि जिन लोगों के पास कालाधन, अपराध या रिश्वत की कमाई है उन्हें इससे झटका लगेगा. उन्होंने कहा कि यह फैसला ईमानदारी के लिए फायदे का, बेईमानी के लिए नुकसान का है.’’ जेटली ने कहा कि शुरुआत में कुछ दिन या कुछ सप्ताह लोगों को असुविधा हो सकती है. लेकिन भारत कालेधन और समानांतर अर्थव्यवस्था पर हमेशा नहीं चल सकता. उन्होंने कहा कि इस फैसले से अधिक से अधिक लेनदेन कर दायरे में आएगा और प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर संग्रहण दोनों में इजाफा होगा. समानान्तर अर्थव्यवस्था में कमी से औपचारिक अर्थव्यवस्था का आकार बढ़ेगा.टिप्पणियां वित्त मंत्री ने कहा कि इस फैसले का कुछ असर राजनीति में भी दिखेगा. कुछ राजनीतिक चंदा अब चेकों के जरिए आना शुरू हुआ है. यदि इस कदम से कुछ सफाई हो पाती है, तो यह काफी शानदार उपाय साबित होगा.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उन्होंने कहा कि इस फैसले से अधिक से अधिक लेनदेन कर दायरे में आएगा और प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर संग्रहण दोनों में इजाफा होगा. समानान्तर अर्थव्यवस्था में कमी से औपचारिक अर्थव्यवस्था का आकार बढ़ेगा.टिप्पणियां वित्त मंत्री ने कहा कि इस फैसले का कुछ असर राजनीति में भी दिखेगा. कुछ राजनीतिक चंदा अब चेकों के जरिए आना शुरू हुआ है. यदि इस कदम से कुछ सफाई हो पाती है, तो यह काफी शानदार उपाय साबित होगा.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) वित्त मंत्री ने कहा कि इस फैसले का कुछ असर राजनीति में भी दिखेगा. कुछ राजनीतिक चंदा अब चेकों के जरिए आना शुरू हुआ है. यदि इस कदम से कुछ सफाई हो पाती है, तो यह काफी शानदार उपाय साबित होगा.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
ओबामा ने दिए समलैंगिक विवाह की इजाजत के संकेत
अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने फैसला किया है कि उनका प्रशासन सिर्फ पुरुष और महिला के बीच विवाह की इजाजत देने वाले कानून का बचाव नहीं करेगा।
अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने फैसला किया है कि उनका प्रशासन सिर्फ पुरुष और महिला के बीच विवाह की इजाजत देने वाले कानून का बचाव नहीं करेगा। ओबामा के इस कदम को समलैंगिक अधिकारों की हिमायत करने वाले लोगों की एक जीत के रूप में देखा जा रहा है। अटॉर्नी जनरल एरिक होल्डर ने एक बयान में बताया कि डिफेंस ऑफ मैरिज एक्ट (डोमा) को दो याचिकाओं के जरिए चुनौती दिए जाने के मद्देनजर ओबामा ने कहा कि यह कानून असंवैधानिक हैं। गौरतलब है कि यह कानून पिछले 15 वर्षों से प्रभावी है। होल्डर ने रिपब्लिकन हाउस के अध्यक्ष जॉन बोहनर को लिखे एक पत्र में कहा है कि ओबामा ने पाया कि कुछ समलैंगिक जोड़ी को वैध शादी से बाहर रखने से पांचवें संशोधन में प्रदत्त समान सुरक्षा के प्रावधान का उल्लंघन होता है। ओबामा ने कहा कि न्याय विभाग 1996 के अधिनियम के मुख्य भाग का अधिक समय तक बचाव नहीं कर सकता, जो समलैंगिक शादी को संघीय स्तर पर मान्यता से वंचित करता है। इस बीच, रिपब्लिकन पार्टी के सदस्य एवं सदन की न्यायिक समिति के प्रमुख ने इस फैसले की यह कहते हुए आलोचना की कि यह न्याय विभाग का राजनीतिकरण है तथा एक गैर-जिम्मेदाराना कदम है।
विदेशी निवेशकों ने की 62 करोड़ डॉलर की बिकवाली
मई महीने के पहले साप्ताहिक कारोबार में शेयर बाजार में विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 62 करोड़ डॉलर की बिकवाली की।
मई महीने के पहले साप्ताहिक कारोबार में शेयर बाजार में विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 62 करोड़ डॉलर की बिकवाली की। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों ने मंगलवार को छोड़कर सप्ताह के सभी कारोबारी दिनों में बिकवाली की। मंगलवार को उन्होंने मामूली 26 लाख डॉलर की लिवाली की। उल्लेखनीय है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने तीन मई को प्रमुख ब्याज दरों में 50-50 आधार अंकों की बढ़ोतरी की और मौजूदा कारोबारी साल में विकास दर के मामूली गिरावट के साथ आठ फीसदी पर रहने का अनुमान जताया है। कोटक सेक्योरिटीज के उपाध्यक्ष संजीव जरबाड़े ने कहा कि वैश्विक बाजारों में इस सप्ताह गिरावट का रुख रहा। इसी बीच आरबीआई द्वारा दरों में आशा से अधिक वृद्धि करने का भी शेयर बाजार पर नकारात्मक असर पड़ा। विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा सप्ताह के अलग-अलग दिनों में की गई शुद्ध बिकवाली का आंकड़ा इस प्रकार है : सोमवार (4.39 करोड़ डॉलर), बुधवार (28.232 करोड़ डॉलर), गुरुवार (15.698 करोड़ डॉलर) और शुक्रवार (13.974 करोड़ डॉलर)। विदेशी संस्थागत निवेशकों ने अप्रैल महीने में हालांकि 1.6 अरब डॉलर की शुद्ध लिवाली की। इसी तरह मार्च महीने में भी विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 1.5 अरब डॉलर की लिवाली की थी। जनवरी और फरवरी में हालांकि उन्होंने लगभग एक-एक अरब डॉलर की बिकवाली थी। वर्ष 2011 के पहले चार महीने में विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 51.9 करोड़ डॉलर की शुद्ध बिकवाली की।
यूएस से लौटने के बाद प्रियंका चोपड़ा ने रणवीर सिंह के साथ की पार्टी, देखें फोटो
पार्टी फिल्मकार रितेश सिधवानी ने आयोजित की थी अगले महीने बेवॉच के प्रमोशन के लिए यूएस वापस जाएंगी प्रियंका प्रियंका अपने आगामी बॉलीवुड प्रोजेक्ट्स पर चर्चा करेंगी
Good times with good people. Thank u @ritesh_sid and dolly for hosting such a lovely evening for me. Much love Partner! @ranveersingh @homster @nityamehra19 #karan @abheetgidwani A post shared by Priyanka Chopra (@priyankachopra) on Apr 22, 2017 at 11:15pm PDT प्रियंका की आखिरी बॉलीवुड फिल्म प्रकाश झा की 'जय गंगाजल' थी. कहा जा रहा है कि दस दिन भारत में रहने के दौरान प्रियंका अपने आगामी बॉलीवुड प्रोजेक्ट्स पर अंतिम फैसला लेंगी, इसके साथ ही वह ब्रांड एंडोर्समेंट के अपने कार्यक्रमों को पूरा करेंगी. अगले महीने अपनी पहली हॉलीवुड फिल्म 'बेवॉच' के प्रचार के लिए प्रियंका वापस अमेरिका चली जाएंगी. इस फिल्म में वह विक्टोरिया लीड्स की नकारात्मक भूमिका में नजर आने वाली हैं, फिल्म में ड्वेन जॉनसन और जैक एफ्रॉन मुख्य भूमिका में नजर आएंगे. फिल्म 10 मई को रिलीज हो रही है.
हीरो होंडा अब बन गई हीरो मोटोकॉर्प
देश की सबसे बड़ी दोपहिया वाहन कंपनी हीरो होंडा मोटर्स ने अपना नाम परिवर्तित करके हीरो मोटोकॉर्प कर लिया है।
देश की सबसे बड़ी दोपहिया वाहन कंपनी हीरो होंडा मोटर्स ने अपना नाम परिवर्तित करके हीरो मोटोकॉर्प कर लिया है। जापानी भागीदार होंडा के अलग होने के बाद कंपनी ने नया नाम रखा है। कंपनी का निशान अगले माह लंदन में जारी किया जाएगा। विश्व की सबसे इस बड़ी दोपहिया वाहन कंपनी ने एक बयान में कहा कि हीरो होंडा मोटर्स लि. ने आज औपचारिक तौर पर अपना नाम हीरो मोटोकॉर्प कर लिया है। कंपनी को नाम परिवर्तन की मंजूरी कंपनी रजिस्टार से आज ही मिली।  पिछले महीने शेयरधारकों ने कंपनी के नाम में परिवर्तन करने को मंजूरी दी थी। कंपनी के अध्यक्ष ब्रिजमोहन लाल ने कहा, यह केवल नाम में परिवर्तन नहीं है बल्कि एक ऐसे नए दौर में प्रवेश का संकेत है जिसमें कंपनी को अपने दम पर सीमा से आगे जाकर बेंचमार्क स्थापित करने का अवसर मिलेगा।
शाहिद कपूर ने बेटी मीशा को लेकर खोला राज, कहा- 'पद्मावत' की शूटिंग के बाद बेटी ने पहचानने से किया था इनकार
शाहिद कपूर ने मीशा राजपूत को लेकर खोला राज एक्टर ने बताया कि पद्मावत की शूटिंग के दौरान बेटी नहीं पहचान पाई थी 'जब वी मेट' में गीत के रूप में आलिया भट्ट को देखना चाहते हैं शाहिद कपूूर
बॉलीवुड एक्टर शाहिद कपूर (Shahid Kapoor) ने अपनी फिल्मों से लोगों के दिलों में खूब जगह बनाई है. इसी साल आई शाहिद कपूर की फिल्म कबीर सिंह ने सिनेमाघरों में धमाल मचाने के साथ ही बॉक्स ऑफिस पर भी तूफानी कमाई की थी. हाल ही में शाहिद कपूर ने नेहा धूपिया (Neha Dhupia) को उनके शो 'नो फिल्टर' में इंटरव्यू दिया, जिसमें उन्होंने अपनी जिंदगी से जुड़ी कई खास बातें बताईं. नो फिल्टर में शाहिद कपूर ने अपनी बेटी मीशा राजपूत से जुड़ा राज भी खोला, जिसे सुनकर हर कोई हैरान रह जाएगा. शाहिद कपूर ने बताया कि 'पद्मावत' की शूटिंग के बाद उनकी बेटी मीशा राजपूत (Misha Rajput) ने ही उन्हे पहचानने से इनकार कर दिया था.  इस बारे में बताते हुए शाहिद कपूर (Shahid Kapoor) ने कहा, "वह मीरा के मम्मी-पापा के घर पर थी और मैं फिल्म की थोड़ी शूटिंग खत्म करके वहां पहुंचा था. उस समय मीशा केवल डेढ़ साल की थी, मैं उसे अपनी गोद में उठाने के लिए, उससे बात करने के लिए, उसके आस-पास रहने के लिए बेताब था. मैं जिस वक्त वहां पहुंचा तो वह उस समय मेड के साथ गार्डन में टहल रही थी. लेकिन जैसे ही वह मेरे पास आई, वो मुझे देखकर रोने लग गई. जब मैं उससे बात करने लगा तो वो मेरा चेहरा देखने लगी. उसे ऐसे लग रहा था कि मैं इनकी आवाज तो जानती हूं, लेकिन चेहरा नहीं जानती. दरअसल शूटिंग से पहले मेरी दाढ़ी नहीं थी. मैं अपनी दाढ़ी के साथ और उसके बिना काफी अलग दिखाई देता हूं. इससे मेरे चेहरे पर बहुत फर्क पड़ता है." Moments we live for. A post shared by Shahid Kapoor (@shahidkapoor) on Nov 8, 2018 at 3:29am PST शो में रहते हुए नेहा धूपिया ने शाहिद कपूर (Shahid Kapoor) से कई सवाल जवाब भी किये. नेहा ने शाहिद से पूछा कि फिल्म जब वी मेट में वह गीत के तौर पर करीना कपूर के अलावा और किसे देखना पसंद करेंगे. इसपर शाहिद कपूर ने कहा 'आलिया भट्ट.' इसके अलावा नेहा ने पूछा कि वह पद्मावत में किन तीन कलाकारों को साथ देखना चाहेंगे. इसपर शाहिद कपूर ने जवाब दिया कि वह हम दिल दे चुके सनम की कास्ट यानी ऐश्वर्या राय, सलमान खान और अजय देवगन को पद्मावत में रिकास्ट करना चाहेंगे.
बीसीसीआई को आईपीएल मैचों के लिए दिशा-निर्देश तैयार करने का आदेश
गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने आईपीएल मैचों के लिए शहरों का चयन करने के लिए बीसीसीआई को तीन महीने के अंदर नियम और दिशा-निर्देश तैयार करने का आदेश दिया।
गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने आईपीएल मैचों के लिए शहरों का चयन करने के लिए बीसीसीआई को तीन महीने के अंदर नियम और दिशा-निर्देश तैयार करने का आदेश दिया।टिप्पणियां मुख्य न्यायाधीश आदर्श कुमार गोयल और न्यायमूर्ति एके गोस्वामी की खंडपीठ ने बीसीसीआई को तीन महीने के अंदर दिशा-निर्देश अपनी वेबसाइट पर अपलोड करने के निर्देश भी दिए। उच्च न्यायालय ने 25 अक्टूबर को जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए आईपीएल में पूर्वोत्तर क्षेत्र की कोई टीम नहीं होने या इस क्षेत्र में कोई मैच आयोजित नहीं कराने के बीसीसीआई के फैसले को गंभीरता से लिया था। अदालत ने हालांकि आखिरी फैसला बुधवार तक टाल दिया था। याचिका स्थानीय समाचारपत्र के संपादक जीएल अग्रवाल ने दायर की है। इसमें उन्होंने बीसीसीआई पर पूर्वोत्तर क्षेत्रों के साथ भेदभाव बरतने का आरोप लगाया। याचिकाकर्ता की तरफ से सीनियर एडवोकेट डॉ अशोक सर्राफ और अमित गोयल जबकि बीसीसीआई की तरफ से सीनियर वकील निलोय दत्ता उपस्थित थे। मुख्य न्यायाधीश आदर्श कुमार गोयल और न्यायमूर्ति एके गोस्वामी की खंडपीठ ने बीसीसीआई को तीन महीने के अंदर दिशा-निर्देश अपनी वेबसाइट पर अपलोड करने के निर्देश भी दिए। उच्च न्यायालय ने 25 अक्टूबर को जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए आईपीएल में पूर्वोत्तर क्षेत्र की कोई टीम नहीं होने या इस क्षेत्र में कोई मैच आयोजित नहीं कराने के बीसीसीआई के फैसले को गंभीरता से लिया था। अदालत ने हालांकि आखिरी फैसला बुधवार तक टाल दिया था। याचिका स्थानीय समाचारपत्र के संपादक जीएल अग्रवाल ने दायर की है। इसमें उन्होंने बीसीसीआई पर पूर्वोत्तर क्षेत्रों के साथ भेदभाव बरतने का आरोप लगाया। याचिकाकर्ता की तरफ से सीनियर एडवोकेट डॉ अशोक सर्राफ और अमित गोयल जबकि बीसीसीआई की तरफ से सीनियर वकील निलोय दत्ता उपस्थित थे। अदालत ने हालांकि आखिरी फैसला बुधवार तक टाल दिया था। याचिका स्थानीय समाचारपत्र के संपादक जीएल अग्रवाल ने दायर की है। इसमें उन्होंने बीसीसीआई पर पूर्वोत्तर क्षेत्रों के साथ भेदभाव बरतने का आरोप लगाया। याचिकाकर्ता की तरफ से सीनियर एडवोकेट डॉ अशोक सर्राफ और अमित गोयल जबकि बीसीसीआई की तरफ से सीनियर वकील निलोय दत्ता उपस्थित थे।
'सेक्रेड गेम्स 2' का ट्रेलर हुआ रिलीज, गणेश गायतोंडे की हुई धमाकेदार वापसी- देखें वीडियो
'सेक्रेड गेम्स सीजन 2' का ट्रेलर हुआ रिलीज गणेश गायतोंडे की हुई वापसी पंकज त्रिपाठी और रणवीर शौरी भी आएंगे सीजन 2 में नजर
'सेक्रेड गेम्स सीजन 2' ट्रेलरः नेटफ्लिक्स की फेमस वेब सीरिज 'सेक्रेड गेम्स' का दूसरा पार्ट जल्द ही रिलीज होने वाला है. नवाजुद्दीन सिद्दीकी और सैफ अली खान स्टारर वेब सीरिज 'सेक्रेड गेम्स' अपने दूसरे पार्ट के साथ धमाका करने को तैयार है. 'सेक्रेड गेम्स' को फैन्स का काफी प्यार मिला था. दर्शक इस फेमस वेब सीरिज के दूसरे पार्ट का काफी बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. इस सीरीज के सभी कैरेक्टर्स चाहे गणेश गायतोंडे हो या सरताज सिंह या फिर कुक्कू सभी की परफॉर्मेंस दर्शकों को काफी पसंद आई थी. 'सेक्रेड गेम्स 2' का ट्रेलर भी बहुत जबरदस्त है, और एक बार फिर गणेश गायतोंडे ने तहलका मचा रखा है. 'सेक्रेड गेम्स 2' का ट्रेलर लांच हो गया है. नेटफ्लिक्स पर प्रसारित होने वाली ये वेब सीरिज 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर रिलीज होगी. 'सेक्रेड गेम्स 2'  का ट्रेलर फैन्स को काफी पसंद आ रहा है. इसके पहले सीजन के आखिर में आपने देखा था कि सरताज सिंह को पता चलता है कि गणेश गायतोंडे मर चुका है. 'सेक्रेड गेम्स 2' के ट्रेलर में इस बार क्लकि केकला, पंकज त्रिपाठी और रणवीर शौरी भी नजर आ रहे हैं. इस ट्रेलर में नवाजुद्दीन कहते हैं कि वो अब गेम समझ चुके हैं. 'सेक्रेड गेम' सीजन 2 का ट्रेलर लांच होते ही अब तक इसको 4 लाख से ज्यादा व्यूज मिल चुके हैं. फैन्स को ये ट्रेलर बहुत पसंद आ रहा है और लोगों की एक्साइटमेंट भी काफी बढ़ गई है.
इस पहलवान ने WWE के मालिक के बेटे की कर दी हालत खराब, रिंग में यूं किया बुरा हाल- देखें Video
शेन मैकमैहन का वीडियो वायरल चड गैबल ने रिंग में किया बुुरा हाल इंस्टाग्राम पर शेयर किया गया है वीडियो
WWE Viral Video: डब्ल्यूडब्ल्यूई (WWE) के मालिक विंस मैकमैहन (Vince Mcmahon) के बेटे और रेसलर शेन  मैकमैहन (Shane McMahon) का एक वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो में डब्ल्यूडब्ल्यूई के सुपरस्टार रेसलर चड गैबल  (Chad Gable) रिंग में उनका बुरा हाल कर देते हैं और फाइट जीत जाते हैं.  शेन  मैकमैहन (Shane McMahon) इस वीडियो में चड गैबल  (Chad Gable) को किक मारने की कोशिश करते हैं तभी चड गैबल उनकी टांग पकड़ लेते हैं और उसे बुरी तरह मोड़ देते हैं.  शेन  मैकमैहन (Shane McMahon) दर्द को बर्दाश्त नहीं कर पाते और हार मान लेते हैं. A post shared by WWE (@wwe) on Sep 12, 2019 at 2:00pm PDT शेन  मैकमैहन (Shane McMahon) के इस वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि वो अपनी हार से काफी निराश नजर आ रहे हैं. वहीं दूसरी ओर चड गैबल  (Chad Gable) अपनी जीत के बाद दर्शकों का अभिवादन स्वीकार करते हैं. इस वीडियो को 7 लाख 20 हजार से ज्यादा देखा जा चुका है. शेन  मैकमैहन के इस वीडियो को डब्ल्यूडब्ल्यूई (WWE) के ऑफिशियल इंस्टाग्राम एकउंट पर शेयर किया गया है. A post shared by WWE (@wwe) on Sep 13, 2019 at 1:01pm PDT शेन मैकमैहन (Shane McMahon) का पूरा नाम कॉन्टेंट-शेन ब्रैंडन मैकमोहन है और वो एक अमेरिकी व्यवसायी, पेशेवर पहलवान हैं. शेन मैकमैहन वर्तमान में रॉ और स्मैकडाउन ब्रांडों एक के रूप में दिखाई देते हैं. डब्ल्यूडब्ल्यूई (WWE) के इंस्टाग्राम पेज पर इससे पहले अंडरटेकर की वापसी का एक वीडियो खूब वायरल हुआ था. उस वीडियो को फैन्स ने खूब पसंद किया था.
जब हनुमान बोले, 'एक बार जो मैंने कमिटमेंट कर दी तो मैं...' देखें वीडियो
फिल्‍म 'हनुमान द दमदार' के ट्रेलर हो रहा है यूट्यूब पर हिट फिल्‍म में हनुमान की आवाज बने हैं सलमान खान रवीना टंडन, सौरभ शुक्‍ला, विनय पाठक, जावेद अख्‍तर की भी आवाज
फिल्‍म में सलमान खान की आवाज थोड़े समय के लिए ही सुनने को मिलेगी क्‍योंकि इस फिल्‍म का बड़ा हिस्‍सा हनुमान के श्री राम से मिलने के पहले की कहानी है. हनुमान के बाल रूप को इस फिल्‍म में ज्‍यादा गहराई से दिखाय गया है. निर्देशक रुचि नारायण इससे पहले फिल्‍म 'हजारों ख्वाहिशें ऐसी' की कहानी लिख चुकी हैं और फिल्म 'कल' को डायरेक्ट भी कर चुकी हैं. फिल्‍म में सलमान खान की आवाज थोड़े समय के लिए ही सुनने को मिलेगी क्‍योंकि इस फिल्‍म का बड़ा हिस्‍सा हनुमान के श्री राम से मिलने के पहले की कहानी है. हनुमान के बाल रूप को इस फिल्‍म में ज्‍यादा गहराई से दिखाय गया है. निर्देशक रुचि नारायण इससे पहले फिल्‍म 'हजारों ख्वाहिशें ऐसी' की कहानी लिख चुकी हैं और फिल्म 'कल' को डायरेक्ट भी कर चुकी हैं.
चेतेश्वर को हुक शॉट खेलने से बचना चाहिए : पिता
चेतेश्वर पुजारा के पिता ने राजकोट में अपने आवास से कहा, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दोहरा शतक हमेशा विशेष उपलब्धि होती है, लेकिन मैं चेतेश्वर से कहूंगा कि उसे हुक शॉट खेलने से बचना चाहिए।
जब भी अरविंद पुजारा अपने बेटे चेतेश्वर को टेस्ट मैचों में बल्लेबाजी करते हुए देखते हैं तो अपने बेटे को दिलोजान से चाहने वाला यह पिता कोच बन जाता है। चेतेश्वर ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ यहां दूसरे टेस्ट मैच में दोहरा शतक जमाया। उनके पिता इस उपलब्धि से बहुत खुश हैं।टिप्पणियां चेतेश्वर पुजारा के पिता ने राजकोट में अपने आवास से कहा, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दोहरा शतक हमेशा विशेष उपलब्धि होती है, लेकिन मैं चेतेश्वर से कहूंगा कि उसे हुक शॉट खेलने से बचना चाहिए। वह मुझसे कहेगा कि यह स्कोरिंग शॉट है, लेकिन मेरा मानना है कि यह जोखिम भरा है। वह हुक शॉट खेलकर आउट हो रहा है। फिर उनके हिसाब से उनके बेटे को कौन-से शॉट खेलने चाहिए, इस पर उन्होंने कहा, जब वह ‘वी’ आकार देकर खेलता है तो वह बेहतरीन बल्लेबाज नजर आता है। उसे गैर-परंपरागत शॉट खेलने की जरूरत नहीं है। वह स्ट्रेट ड्राइव, कवर ड्राइव और ऑन ड्राइव खेलकर ढेरों रन जुटा सकता है। वह बल्ले को इस कोण पर लाकर दिनभर खेल सकता है और उसे ऐसा ही करना चाहिए। 62 वर्षीय अरविंद ने सौराष्ट्र की तरफ से छह प्रथम श्रेणी मैच खेले हैं, लेकिन उनका बेटा इससे काफी आगे निकलकर टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज 1000 रन बनाने वाला दूसरा भारतीय बन गया। उन्होंने कहा, चेतेश्वर को जो चीज खास बनाती है, वह उनकी बड़े शतक लगाने की भूख। यदि वह शतक बनाकर नाबाद है तो वह यह सुनिश्चित करना चाहता है कि अगले दिन भी वह अच्छा खेलना जारी रखे। इसलिए उसने प्रथम श्रेणी मैचों में इतने अधिक दोहरे और तिहरे शतक लगाए हैं। अब वह टेस्ट मैचों में भी ऐसी फॉर्म दिखा रहा है। मुझे उम्मीद है कि वह लगातार ऐसा प्रदर्शन करेगा। चेतेश्वर पुजारा के पिता ने राजकोट में अपने आवास से कहा, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दोहरा शतक हमेशा विशेष उपलब्धि होती है, लेकिन मैं चेतेश्वर से कहूंगा कि उसे हुक शॉट खेलने से बचना चाहिए। वह मुझसे कहेगा कि यह स्कोरिंग शॉट है, लेकिन मेरा मानना है कि यह जोखिम भरा है। वह हुक शॉट खेलकर आउट हो रहा है। फिर उनके हिसाब से उनके बेटे को कौन-से शॉट खेलने चाहिए, इस पर उन्होंने कहा, जब वह ‘वी’ आकार देकर खेलता है तो वह बेहतरीन बल्लेबाज नजर आता है। उसे गैर-परंपरागत शॉट खेलने की जरूरत नहीं है। वह स्ट्रेट ड्राइव, कवर ड्राइव और ऑन ड्राइव खेलकर ढेरों रन जुटा सकता है। वह बल्ले को इस कोण पर लाकर दिनभर खेल सकता है और उसे ऐसा ही करना चाहिए। 62 वर्षीय अरविंद ने सौराष्ट्र की तरफ से छह प्रथम श्रेणी मैच खेले हैं, लेकिन उनका बेटा इससे काफी आगे निकलकर टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज 1000 रन बनाने वाला दूसरा भारतीय बन गया। उन्होंने कहा, चेतेश्वर को जो चीज खास बनाती है, वह उनकी बड़े शतक लगाने की भूख। यदि वह शतक बनाकर नाबाद है तो वह यह सुनिश्चित करना चाहता है कि अगले दिन भी वह अच्छा खेलना जारी रखे। इसलिए उसने प्रथम श्रेणी मैचों में इतने अधिक दोहरे और तिहरे शतक लगाए हैं। अब वह टेस्ट मैचों में भी ऐसी फॉर्म दिखा रहा है। मुझे उम्मीद है कि वह लगातार ऐसा प्रदर्शन करेगा। 62 वर्षीय अरविंद ने सौराष्ट्र की तरफ से छह प्रथम श्रेणी मैच खेले हैं, लेकिन उनका बेटा इससे काफी आगे निकलकर टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज 1000 रन बनाने वाला दूसरा भारतीय बन गया। उन्होंने कहा, चेतेश्वर को जो चीज खास बनाती है, वह उनकी बड़े शतक लगाने की भूख। यदि वह शतक बनाकर नाबाद है तो वह यह सुनिश्चित करना चाहता है कि अगले दिन भी वह अच्छा खेलना जारी रखे। इसलिए उसने प्रथम श्रेणी मैचों में इतने अधिक दोहरे और तिहरे शतक लगाए हैं। अब वह टेस्ट मैचों में भी ऐसी फॉर्म दिखा रहा है। मुझे उम्मीद है कि वह लगातार ऐसा प्रदर्शन करेगा।
भूमि घोटाले में कर्नाटक के मंत्री जांच के घेरे में
आडवाणी की भ्रष्टाचार विरोधी यात्रा के कर्नाटक में प्रवेश करने से पूर्व पुलिस ने राज्य के उद्योग मंत्री मुरुगेश निरानी पर लगे रिश्वतखोरी के आरोपों की जांच शुरू की।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की भ्रष्टाचार विरोधी यात्रा के कर्नाटक में प्रवेश करने से पूर्व शनिवार को पुलिस ने राज्य के उद्योग मंत्री मुरुगेश निरानी पर लगे रिश्वतखोरी के आरोपों की जांच शुरू की। निरानी सत्तारूढ़ भाजपा के उन दागी नेताओं की सूची में शामिल हो गए हैं जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा भी हैं। पुलिस निरानी पर लगे रिश्वतखोरी तथा बेंगलुरू में और आस-पास के इलाकों में बड़े भूखंडों से जुड़े घोटाले में संलिप्तता के आरोप की जांच कर रही है। निरानी पर आरोप है कि उन्होंने बेंगलुरू के नजदीक की कुछ जमीन को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कर दिया और इन जमीनों पर मूल मालिकों का स्वामित्व बहाल कर दिया। ये भू-स्वामी अपनी जमीन बिल्डरों एवं अन्य लोगों के हाथों बेच रहे हैं। जमीन पर मालिकाना हक मिलने के एवज में उन्होंने उद्योग मंत्री तथा उनके परिवार को रिश्वत की बड़ी रकम दी है। लोकायुक्त के एक प्रवक्ता ने यहां संवाददाताओं से कहा कि लोकायुक्त से सम्बद्ध पुलिस ने प्राथमिक सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज कर निरानी के खिलाफ जांच की औपचारिक शुरुआत की।   प्रवक्ता ने कहा कि एफआईआर में निरानी, उनके भाई एचआर निरानी और सात अन्य के नाम शामिल हैं। यह जांच लोकायुक्त की विशेष अदालत के न्यायाधीश एनके सुधींद्र राव द्वारा 24 अक्टूबर को जारी निर्देश पर शुरू की गई है। एक बिल्डर आलम पाशा ने इस सम्बंध में याचिका दायर की थी। राव अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हैं। वह भ्रष्टाचार के मामलों के तेजी से निपटारे के लिए गठित लोकायुक्त की विशेष अदालत के न्यायाधीश के रूप में कार्य करते हैं। राव ने जांच पूरी करने के लिए 16 नवम्बर तक का समय दिया है। एफआईआर भाजपा नेता आडवाणी की जन चेतना यात्रा के कर्नाटक में प्रवेश से एक दिन पूर्व दर्ज कराई गई। आलम पाशा ने आरोप लगाया है कि निरानी ने आर्थिक लाभ के लिए बेंगलुरू के बाहरी इलाके की कुछ जमीन को गैर-अधिसूचित घोषित कर उसे आधिकारिक नियंत्रण से मुक्त कर दिया था।  निरानी देवनाहल्ली के निकट 20 एकड़ और डोब्बासपेत में सात एकड़ जमीन को गैर-अधिसूचित घोषित किया था। यह जमीन पहले सरकार द्वारा संचालित कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड (केआईएबीडी) के कब्जे में थी। उल्लेखनीय है कि देवनहल्ली में हाल ही में नया अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा बन जाने से यहां की जमीन की कीमत काफी बढ़ गई है। डोब्बासपेत पुराना औद्योगिक क्षेत्र है। अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से मात्र 20 किलोमीटर की दूरी पर होने के कारण यहां की जमीन की कीमत भी बढ़ने लगी है।
IPL : विराट कोहली ने गुस्से से खुद के पैड पर मारा बैट, फिर डगआउट में पहुंचकर इन्हें पिलाई डांट, Video...
विराट कोहली की टीम इस मैच में महज 49 रन पर सिमट गई यह स्कोर आईपीएल का न्यूनतम रहा, जो रिकॉर्ड बन गया विराट कोहली ओवर की तीसरी ही गेंद पर शून्य पर आउट हो गए
विराट कोहली की शिकायत के बाद साइटस्क्रीन के पास पुलिसकर्मी की ड्यूटी लगाई गई और इस बात की पुख्ता व्यवस्था की गई कि कोई व्यक्ति उसके आसपास न जाए. इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 10वें सीजन में रविवार रात खेले गए इस मैच में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की टीम 49 रनों पर आउट हो गई, जो आईपीएल इतिहास का सबसे कम स्कोर रहा. विराट कोहली की शिकायत के बाद साइटस्क्रीन के पास पुलिसकर्मी की ड्यूटी लगाई गई और इस बात की पुख्ता व्यवस्था की गई कि कोई व्यक्ति उसके आसपास न जाए. इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 10वें सीजन में रविवार रात खेले गए इस मैच में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की टीम 49 रनों पर आउट हो गई, जो आईपीएल इतिहास का सबसे कम स्कोर रहा.
ब्लू व्हेल की अंतिम चुनौती से बचे अलेक्जेंडर ने साझा की पीड़ा, कहा- 'एक मौत का ऐसा जाल जिसे चाहकर भी नहीं छोड़ सकते'
व्हाट्सऐप ग्रुप पर मिला था ब्लू व्हेल गेम का लिंक टास्क को रोजाना रात में दो बजे करना होता है पूरा डर को दूर करने के लिए देखनी होती हैं हॉरर मूवीज
बता दें कि ब्लू व्हेल गेम भारत में भी तेजी से पैर पसारता जा रहा है. कई बच्चे इसके जाल में फंस कर मौत को गले लगा चुके हैं.
Unnao Case: प्रियंका गांधी का हमला- आरोपी विधायक को क्यों नहीं निकाल रही BJP? किस बात का हो रहा इंतजार
उन्नाव मामले को लेकर प्रियंका गांधी का बीजेपी पर हमला 'बीजेपी कुलदीप सेंगर को पार्टी से क्यों नहीं निकाल रही?' उन्नाव रेप पीड़िता की कार को रविवार को ट्रक ने मारी टक्कर
What is the BJP waiting for? Why has this man not been expelled from their party even when his name is in the latest FIR in the Unnao Rape Case?#BJPSackSengarpic.twitter.com/cTpQ0HbFNT इससे पहले, प्रियंका ने उन्नाव बलात्कार कांड की पीड़िता के साथ हुई सड़क दुर्घटना को चौंकाने वाली घटना करार देते हुए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधा था और सवाल किया था कि आखिर भाजपा सरकार से न्याय की क्या उम्मीद की जा सकती है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'उन्नाव बलात्कार पीड़िता के साथ सड़क दुर्घटना का हादसा चौंकाने वाला है.' #Unnao बलात्कार पीड़िता के साथ सड़कदुर्घटना का हादसा चौंकाने वाला है। इस केस में चल रही CBI जाँच कहाँ तक पहुँची? आरोपी विधायक अभी तक भाजपा में क्यों हैं? पीड़िता और गवाहों की सुरक्षा में ढिलाई क्यों? इन सवालों के जवाब बिना क्या भाजपा सरकार से न्याय की कोई उम्मीद की जा सकती है? प्रियंका ने सवाल किया, 'इस केस में चल रही सीबीआई जांच कहां तक पहुंची? आरोपी विधायक अभी तक भाजपा में क्यों हैं? पीड़िता और गवाहों की सुरक्षा में ढिलाई क्यों?' उन्होंने यह भी पूछा, 'इन सवालों के जवाब बिना, क्या भाजपा सरकार से न्याय की कोई उम्मीद की जा सकती है?' आदित्यनाथ सरकार जबाब दे! उन्नाव रेप पीड़ित बेटी के साथ हादसा है या हत्या का षड्यंत्र? जब रक्षक भक्षक बन जाएँ तो कौन करेगा न्याय? pic.twitter.com/K5i1exZDCj उधर, कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'बलात्कार के घृणित अपराध की पीड़ित बेटी के लिए उन्नाव व यूपी न्याय चाहता था, पर न्याय की बजाय क्या हुआ? हत्या का षड्यंत्र? पिता की पुलिस हिरासत में हत्या, अब परिवार खोया और लड़ रही ज़िंदगी की जंग!' उन्होंने सवाल किया, 'आदित्यनाथ जी- मेरा कातिल ही मेरा मुंसिफ़ है, क्या मेरे हक़ में फ़ैसला देगा?' बता दें कि गत रविवार को हुए सड़क हादसे में उन्नाव बलात्कार मामले की पीड़िता गंभीर रूप से घायल हो गई. हादसे में पीड़िता की मौसी, चाची और ड्राइवर की मौत हो गई. पीड़ित महिला और उसके वकील को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है. भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर मामले का मुख्य आरोपी हैं.
उड़ान भरने के कुछ देर बाद वापस हवाई अड्डे पर लौटने को मजबूर हुआ एयर इंडिया का विमान
इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा की घटना. विमान का शीशा टूटने के कारण वह वापस हवाई अड्डे पर लौट आया. दिल्ली-कोलकाता जा रहा था विमान.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
वायुसेना के लापता लड़ाकू विमान सुखोई का अब तक कोई सुराग नहीं, तलाश अभियान जारी
आसमान के साथ-साथ जमीन पर भी तलाश में जुटीं सेना की टुकड़ियां चीन की सीमा से करीब 250 किलोमीटर की दूरी पर हुआ लापता वायुसेना की अग्रिम पंक्ति का लड़ाकू विमान है सुखोई
वायुसेना के लापता हुए सुखोई -30 लड़ाकू विमान और इसके पायलटों का अब तक कुछ पता नहीं चल पाया है. खोज और बचाव अभियान गुरुवार को भी जारी रहा. सुखोई -30, सी -130 और एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर भी इस अभियान में लगे हुए हैं. बुधवार के मुकाबले गुरुवार को मौसम बेहतर था लेकिन घने जंगल होने की वजह से तलाशी अभियान अभी भी चुनौतीपूर्ण बना हुआ है. आसमान से तलाशी अभियान के अलावा जमीन पर वायुसेना की चार टुकड़ियां, थल सेना की नौ और राज्य सरकार दो टुकड़ियां अलग अलग इलाकों में खोज में लगी हुई हैं.      मंगलवार को असम के तेजपुर एयर बेस ये दो सीटों वाले इस विमान ने सुबह 10.30  बजे उड़ान भरी थी, लेकिन 11.10 बजे के बाद इसका रेडियो और राडार संपर्क टूट गया. विमान ने तेजपुर से 60 किलोमीटर उत्तर पश्चिम में उड़ान भरी थी और उसके बाद से ही लापता हो गया. यहां से चीन की सीमा करीब 200 से 250 किलोमीटर की दूरी पर है. सुखोई वायुसेना की अग्रिम पंक्ति का लड़ाकू विमान है. इसमें वे सारे यंत्र लगे हैं जिससे इस बात का पता लगाया जा सकता है कि विमान  कहां है? बावजूद इसके अभी तक कुछ पता न चल पाना बड़ी बात है. इसके पीछे कई वजह हो सकती हैं. इसका खुलासा विमान के पता लगने पर ही हो सकेगा.जैसे-जैसे विमान और पायलटों के बारे में जानकारी मिलने में देरी हो रही है वैसे-वैसे किसी अनहोनी की आशंका बढ़ती जा रही है. सुखोई वायुसेना की अग्रिम पंक्ति का लड़ाकू विमान है. इसमें वे सारे यंत्र लगे हैं जिससे इस बात का पता लगाया जा सकता है कि विमान  कहां है? बावजूद इसके अभी तक कुछ पता न चल पाना बड़ी बात है. इसके पीछे कई वजह हो सकती हैं. इसका खुलासा विमान के पता लगने पर ही हो सकेगा.जैसे-जैसे विमान और पायलटों के बारे में जानकारी मिलने में देरी हो रही है वैसे-वैसे किसी अनहोनी की आशंका बढ़ती जा रही है.
अभी और इंतजार कीजिए आडवाणी जी : मनमोहन
सिंह ने लोकसभा में में मौजूद भाजपा नेता की ओर देखते हुए कहा कि आडवाणी जी सोचते थे कि पीएम बनना उनका जन्मसिद्ध अधिकार है।
पिछले आम चुनाव में राजग के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बनाए गए भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी पर सीधा वार करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बुधवार को उनसे कहा कि प्रधानमंत्री बनने के लिए उन्हें साढ़े तीन साल और इंतजार करना होगा। आडवाणी की ओर से बार बार कमजोर प्रधानमंत्री बताये जा रहे सिंह ने बुधवार को लोकसभा में एक चर्चा के जवाब के दौरान सदन में मौजूद भाजपा नेता की ओर देखते हुए कहा कि आडवाणी जी सोचते थे कि प्रधानमंत्री बनना उनका जन्मसिद्ध अधिकार है। सिंह ने कहा, उन्होंने :आडवाणी ने: मुझे इसलिए कभी माफ नहीं किया कि मैं प्रधानमंत्री बन गया...। उन्होंने कहा कि हम यही कह सकते हैं आडवाणी जी कि भारत की जनता ने स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से हुए चुनाव में हमें सत्ता सौंपी है। सिंह यहीं नहीं रूके, आडवाणी की ओर देखते हुए सिंह ने कहा, आप साढ़े तीन साल और इंतजार कीजिए। सिंह की इस अप्रत्याशित टिप्पणी पर आडवाणी अपना हेडफोन रखकर कुछ प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार होते दिखे लेकिन फिर खामोश बैठ गए। प्रधानमंत्री की टिप्पणी पर जहां सत्ता पक्ष के सदस्यों ने जोरदार ठहाका लगाकर मेजें थपथपायी, वहीं विपक्षी सदस्यों ने उनकी बात का कडा प्रतिवाद किया।
मैं अपना बेबी बंप छिपाने की कोशिश नहीं करूंगी: गर्भावस्था पर करीना कपूर खान
साल के अंत में अपना पहला बच्चा एस्पेक्ट कर रही हैं करीना. बोलीं, 'मुझे गर्भवती होने पर गर्व है और इसमें छिपाने वाली कोई बात नहीं.' इससे मेरे करितयर और काम पर कोई फर्क नीहं पड़ेगा.
अभिनेत्री करीना कपूर खान गर्भवती हैं और अपने और अभिनेता सैफ अली खान के पहले बच्चे का इंतजार कर रही हैं. उनका कहना है कि वह किसी भी रोल के लिए फिल्म में अपना बेबी बंप छिपाने की कोशिश नहीं करेंगी. उन्होंने कहा, 'गर्भावस्था से मेरा काम और करियर प्रभावित नहीं होगा.' करीना ने कहा, "बेशक मैं सामान्य रूप से अपनी जिंदगी जिउंगी. मैं एक कामकाजी महिला हूं और इसमें कोई बुराई नहीं है. मैं अपने काम को प्यार करती हूं और इसके लिए जुनूनी हूं. जब मैं अपनी मां की कोख में थी तब से एक्ट्रेस बनना चाहती हूं. इसलिए 80 साल की उम्र तक काम करूंगी." उन्होंने कहा, "मैं जो भी रोल करूं इसे छिपाने की कोशिश नहीं करूंगी. मुझे इस बात पर (गर्भवती होने पर) गर्व है और इसमें छिपाने वाली कोई बात नहीं है. जो भी फिल्म मैं चुनुंगी उसमें आप मुझे वैसे ही देखेंगे जैसी मैं हूं. फिलहाल मैं तारीखों पर काम कर रही हूं, तो सब कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि मैं कैसा महसूस करती हूं."टिप्पणियां करीना अक्टूबर में शशांक घोष की 'वीरे दी वेडिंग' की शूटिंग शुरू करेंगी. इस फिल्म में सोनम कपूर, स्वरा भास्कर और शिखा तलसानिया भी प्रमुख भूमिकाओं में हैं. "वीरे दी वेडिंग" एक रोमैंटिक कॉमेडी फिल्म है जिसमें चार लड़कियां दिल्ली से यूरोप के ट्रिप पर निकलती हैं. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) करीना ने कहा, "बेशक मैं सामान्य रूप से अपनी जिंदगी जिउंगी. मैं एक कामकाजी महिला हूं और इसमें कोई बुराई नहीं है. मैं अपने काम को प्यार करती हूं और इसके लिए जुनूनी हूं. जब मैं अपनी मां की कोख में थी तब से एक्ट्रेस बनना चाहती हूं. इसलिए 80 साल की उम्र तक काम करूंगी." उन्होंने कहा, "मैं जो भी रोल करूं इसे छिपाने की कोशिश नहीं करूंगी. मुझे इस बात पर (गर्भवती होने पर) गर्व है और इसमें छिपाने वाली कोई बात नहीं है. जो भी फिल्म मैं चुनुंगी उसमें आप मुझे वैसे ही देखेंगे जैसी मैं हूं. फिलहाल मैं तारीखों पर काम कर रही हूं, तो सब कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि मैं कैसा महसूस करती हूं."टिप्पणियां करीना अक्टूबर में शशांक घोष की 'वीरे दी वेडिंग' की शूटिंग शुरू करेंगी. इस फिल्म में सोनम कपूर, स्वरा भास्कर और शिखा तलसानिया भी प्रमुख भूमिकाओं में हैं. "वीरे दी वेडिंग" एक रोमैंटिक कॉमेडी फिल्म है जिसमें चार लड़कियां दिल्ली से यूरोप के ट्रिप पर निकलती हैं. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उन्होंने कहा, "मैं जो भी रोल करूं इसे छिपाने की कोशिश नहीं करूंगी. मुझे इस बात पर (गर्भवती होने पर) गर्व है और इसमें छिपाने वाली कोई बात नहीं है. जो भी फिल्म मैं चुनुंगी उसमें आप मुझे वैसे ही देखेंगे जैसी मैं हूं. फिलहाल मैं तारीखों पर काम कर रही हूं, तो सब कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि मैं कैसा महसूस करती हूं."टिप्पणियां करीना अक्टूबर में शशांक घोष की 'वीरे दी वेडिंग' की शूटिंग शुरू करेंगी. इस फिल्म में सोनम कपूर, स्वरा भास्कर और शिखा तलसानिया भी प्रमुख भूमिकाओं में हैं. "वीरे दी वेडिंग" एक रोमैंटिक कॉमेडी फिल्म है जिसमें चार लड़कियां दिल्ली से यूरोप के ट्रिप पर निकलती हैं. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) करीना अक्टूबर में शशांक घोष की 'वीरे दी वेडिंग' की शूटिंग शुरू करेंगी. इस फिल्म में सोनम कपूर, स्वरा भास्कर और शिखा तलसानिया भी प्रमुख भूमिकाओं में हैं. "वीरे दी वेडिंग" एक रोमैंटिक कॉमेडी फिल्म है जिसमें चार लड़कियां दिल्ली से यूरोप के ट्रिप पर निकलती हैं. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Pari Teaser : डराने को तैयार अनुष्का शर्मा, अपने रिस्क पर देखें Video
'परी' का टीजर रिलीज होली पर डराने को तैयार अनुष्का शर्मा 2 मार्च को रिलीज होगी फिल्म
Here’s a REMINDER. This is not a fairytale. #PariTeaserhttps://t.co/iKRwkYDZot@paramspeak@OfficialCSFilms@kriarj@poojafilms The best ride in town with these two! #Zero @iamsrk @katrinakaif #aanandlrai A post shared by AnushkaSharma1588 (@anushkasharma) on Feb 2, 2018 at 9:24pm PST कतरन से बुनी कहानी पैबंद लगा के है सुनानी - सुई धागा @suidhaagafilm | @yrf | #SuiDhaaga | @varundvn A post shared by AnushkaSharma1588 (@anushkasharma) on Jan 28, 2018 at 8:32pm PST
सीरिया में असद समर्थक ने की 16 लोगों की हत्या
सीरिया के होम्स शहर से आई रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार को असद समर्थक एक हमलावर ने 16 लोगों की हत्या कर दी।
सीरिया के होम्स शहर से आई रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार को असद समर्थक एक हमलावर ने 16 लोगों की हत्या कर दी। इसमें कई बच्चे भी शामिल थे। सीरिया के सरकारी मीडिया ने इस हमले की पुष्टि तो की है लेकिन कहा है कि यह हमला किसी असद समर्थक ने नहीं बल्कि किसी आतंकी ने किया था। पिछले साल मार्च में सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद के ख़िलाफ़ शुरू हुए प्रदर्शन के बाद से अब तक होम्स शहर में सबसे ज्यादा हिंसा हुई हैं। क्योंकि विद्रोहियों ने भी इसी शहर को अपना ठिकाना बनाया हुआ है। अब तक के प्रदर्शनों में सात हज़ार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। पिछले साल मार्च में सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद के ख़िलाफ़ शुरू हुए प्रदर्शन के बाद से अब तक होम्स शहर में सबसे ज्यादा हिंसा हुई हैं। क्योंकि विद्रोहियों ने भी इसी शहर को अपना ठिकाना बनाया हुआ है। अब तक के प्रदर्शनों में सात हज़ार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
ममता ने सीपीएम और माओवादियों पर लगाया हत्या की साजिश का आरोप
24 परगना जिले के बोगाईगांव में पंचायत चुनाव के लिए रैली करने पहुंची ममता बनर्जी ने कहा कि विरोधी उन्हें मारना चाहते हैं, लेकिन वह अपने मंसूबों में कभी कामयाब नहीं हो पाएंगे।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया है कि सत्ता में वापस आने के लिए सीपीआई (एम) ने माओवादियों के साथ मिलकर उनकी हत्या की साजिश रची।टिप्पणियां 24 परगना जिले के बोगाईगांव में पंचायत चुनाव के लिए रैली करने पहुंची ममता बनर्जी ने कहा कि विरोधी उन्हें मारना चाहते हैं, लेकिन वह अपने मंसूबों में कभी कामयाब नहीं हो पाएंगे। ममता ने कहा कि सोमवार को कामदुनी गांव में उनकी यात्रा के दौरान हत्या की साजिश रची गई थी। वह गैंगरेप पीड़ित लड़की के घर गई थीं, उसी दौरान बाहरी लोग गांव में घुस आए थे उन्हें बाद में सुरक्षाकर्मियों ने बताया कि उनकी हत्या की साजिश रची गई थी। 24 परगना जिले के बोगाईगांव में पंचायत चुनाव के लिए रैली करने पहुंची ममता बनर्जी ने कहा कि विरोधी उन्हें मारना चाहते हैं, लेकिन वह अपने मंसूबों में कभी कामयाब नहीं हो पाएंगे। ममता ने कहा कि सोमवार को कामदुनी गांव में उनकी यात्रा के दौरान हत्या की साजिश रची गई थी। वह गैंगरेप पीड़ित लड़की के घर गई थीं, उसी दौरान बाहरी लोग गांव में घुस आए थे उन्हें बाद में सुरक्षाकर्मियों ने बताया कि उनकी हत्या की साजिश रची गई थी। ममता ने कहा कि सोमवार को कामदुनी गांव में उनकी यात्रा के दौरान हत्या की साजिश रची गई थी। वह गैंगरेप पीड़ित लड़की के घर गई थीं, उसी दौरान बाहरी लोग गांव में घुस आए थे उन्हें बाद में सुरक्षाकर्मियों ने बताया कि उनकी हत्या की साजिश रची गई थी।
मोदी पर सुषमा के बयान का भाजपा ने किया समर्थन
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज के उस बयान का समर्थन किया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री पद के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी योग्य हैं। पार्टी ने मोदी को सबसे लोकप्रिय और सफल मुख्यमंत्री बताया है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज के उस बयान का समर्थन किया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री पद के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी योग्य हैं। पार्टी ने मोदी को सबसे लोकप्रिय और सफल मुख्यमंत्री बताया है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, "गुजरात के मुख्यमंत्री बहुत सफल और लोकप्रिय हैं। हम निश्चित तौर पर उनकी प्रशंसा करेंगे।"टिप्पणियां जेटली ने लगे हाथ कांग्रेस को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को मोदी फोबिया हो गया है इसलिए वह उन पर हमले करती रहती है। सुषमा ने शनिवार को वड़ोदरा में कहा था कि मोदी निश्चित तौर पर इसके (प्रधानमंत्री) लिए योग्य हैं और इसमें कोई संदेह नहीं है। इस बारे में विस्तार से बताने के लिए पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "मोदी काबिल और योग्य दोनों हैं। उनकी प्रशंसा करने में कुछ भी गलत नहीं है।" राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, "गुजरात के मुख्यमंत्री बहुत सफल और लोकप्रिय हैं। हम निश्चित तौर पर उनकी प्रशंसा करेंगे।"टिप्पणियां जेटली ने लगे हाथ कांग्रेस को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को मोदी फोबिया हो गया है इसलिए वह उन पर हमले करती रहती है। सुषमा ने शनिवार को वड़ोदरा में कहा था कि मोदी निश्चित तौर पर इसके (प्रधानमंत्री) लिए योग्य हैं और इसमें कोई संदेह नहीं है। इस बारे में विस्तार से बताने के लिए पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "मोदी काबिल और योग्य दोनों हैं। उनकी प्रशंसा करने में कुछ भी गलत नहीं है।" जेटली ने लगे हाथ कांग्रेस को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को मोदी फोबिया हो गया है इसलिए वह उन पर हमले करती रहती है। सुषमा ने शनिवार को वड़ोदरा में कहा था कि मोदी निश्चित तौर पर इसके (प्रधानमंत्री) लिए योग्य हैं और इसमें कोई संदेह नहीं है। इस बारे में विस्तार से बताने के लिए पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "मोदी काबिल और योग्य दोनों हैं। उनकी प्रशंसा करने में कुछ भी गलत नहीं है।" सुषमा ने शनिवार को वड़ोदरा में कहा था कि मोदी निश्चित तौर पर इसके (प्रधानमंत्री) लिए योग्य हैं और इसमें कोई संदेह नहीं है। इस बारे में विस्तार से बताने के लिए पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "मोदी काबिल और योग्य दोनों हैं। उनकी प्रशंसा करने में कुछ भी गलत नहीं है।"
सैफ अली खान का खुलासा, 'मेरी एक्‍स वाइफ ने बच्‍चों के लिए तड़पाया, मां और बहन को दी गालियां'
सैफ अली खान का सालों पुराना इंटरव्‍यू हो रहा है सोशल मीडिया पर वायरल इस इंटरव्‍यू में सैफ ने कहा कि अमृ‍ता बच्‍चों से नहीं देती थी मिलने सैफ ने कहा, 'बुरा लगता है जब कोई हमेशा महसूस कराए कि आप नाकारा हैं'
सैफ अली खान और अमृता सिंह 10 साल पहले अलग हो चुके हैं. आखिर इस जोड़े में क्‍या गलत हुआ, यह खुलकर कभी लोगों के सामने नहीं आया क्‍योंकि इन दोनों ने ही अपने रिश्‍ते पर एक सम्‍मानजनक चुप्‍पी साधे रखी थी. अब सैफ अली खान अपनी नई शादीशुदा जिंदगी में काफी खुश हैं और हाल ही में बेटे तैमूर के पिता भी बने हैं. लेकिन अब सैफ का एक 5 साल पुराना इंटरव्‍यू अचानक वायरल हो रहा है. इस इंटरव्‍यू में सैफ अपनी तलाक से लेकर अमृता सिंह के व्‍यवहार तक, कई चीजों पर बात कर रहे हैं. सैफ और अृमता ने 13 साल की शादी के बाद साल 2004 में तलाक ले लिया था और सैफ अली खान ने यह इंटरव्‍यू साल 2005 में दिया था. यह इंटरव्‍यू सैफ अली खान ने साल 2005 में टेलिग्राफ को दिया था जो सोशल मीडिया पर अचानक वायरल हो रहा है. इसमें सैफ ने अपनी पर्सनल लाइफ के बारे में कुछ सनसनीखेज खुलासे किए हैं. इस इंटरव्यू में सैफ ने अपने और अमृता के संबंधों के बारे में बात करते हुए कहा था, 'आपको बहुत बुरा लगता है जब आपको बार-बार जताया जाता है कि आप बेकार हैं, हर समय आपकी मां और बहन को गालियां दी जाती हैं. मैं लंबे समय तक इस दौर से गुजरा हूं.' इसके अलावा सैफ ने अमृता को तलाक के बाद खर्च के लिए दी गई रकम के बारे में भी चर्चा की है. सैफ ने कहा, 'मुझे तलाक के बाद अमृता को 5 करोड़ रुपये देने थे जिसमें से लगभग 2.5 करोड़ रुपये मैं पहले ही दे चुका हूं. इसके अलावा जब तक मेरा बेटा 18 साल का नहीं हो जाता तब तक मैं हर महीने 1 लाख रुपया भी देता रहूंगा. मैं कोई शाहरुख खान नहीं हूं और मेरे पास इतना पैसा भी नहीं है. मैंने उनसे (अमृता) से वादा भी किया है कि मैं पूरी रकम चुका दूंगा और आगे भी अपनी अंतिम सांस तक देता रहूंगा.' सैफ ने कहा कि उन्होंने विज्ञापन, स्टेज शो और फिल्मों से जो भी पैसा कमाया है वह उसे अपने बच्चों के लिए दे देते हैं.   सैफ अली खान और अमृता सिंह अपने बच्‍चों सारा और इब्राहिम के साथ.  उन्होंने कहा, 'मेरे पास कोई पैसा नहीं है और मेरा घर भी अमृता और बच्चों के लिए है.' उन्होंने अपनी उस समय की गर्लफ्रेंड रही रोज़ा के बारे में बात करते हुए कहा, 'रोज़ा फिल्म इंडस्ट्री से नहीं हैं और हम दोनों एक दो कमरे के फ्लैट में रहते हैं. रोज़ा अमेरिका की हैं और फिल्म इंडस्ट्री से बाहर की हैं. उनके साथ रहते हुए मुझे ऐसा महसूस होता है कि में बेकार नहीं हूं.' टिप्पणियां सैफ ने अपने तलाक के बारे में बात करते हुए कहा है, ' मेरी पत्‍नी और मैं अलग-अलग रास्‍तों पर निकल चुके हैं. मैं अपनी पत्‍नी के स्‍पेस की कदर करता हूं. पर मुझे लगातार यह क्‍यों जताया जाता है कि मैं कितना बुरा पति था या पिता था. मेरे बेटे इब्राहिम का फोटो हमेशा मेरे पर्स में रहता है. जब भी मैं इसे देखता मुझे रोना आता था, मुझे मेरी बेटी की याद आती थी. मुझे मेरे बच्‍चों से मिलने नहीं दिया जाता था और उन्‍हें मुझसे मिलने नहीं दिया जाता था. क्‍यों, क्‍योंकि मेरे जीवन में एक महिला थी जो उन्‍हें उनकी मां के खिलाफ भड़का सकती थी. इस समय मेरे बच्‍चे अमृता के रिश्‍तेदारों और मेड सर्वेंट्स द्वारा पाले जा रहे हैं क्‍योंकि अमृता टीवी सीरियल्‍स की शूटिंग करने में बिजी है. जब मैं अपने बच्‍चों को सपोर्ट करने के तैयार हूं तो वह ऐसा क्‍यों कर रही है?' सैफ ने अपने इस इंटरव्‍यू में आखिर में कहा, 'मैं अमृता से अपने किसी सवाल का जवाब नहीं चाहता. वह मेरे जीवन का एक जरूरी हिस्‍सा थीं और रहेंगीं. मैं चाहता हूं कि वह और मेरे बच्‍चे हमेशा खुश रहें.' यह इंटरव्‍यू सैफ अली खान ने साल 2005 में टेलिग्राफ को दिया था जो सोशल मीडिया पर अचानक वायरल हो रहा है. इसमें सैफ ने अपनी पर्सनल लाइफ के बारे में कुछ सनसनीखेज खुलासे किए हैं. इस इंटरव्यू में सैफ ने अपने और अमृता के संबंधों के बारे में बात करते हुए कहा था, 'आपको बहुत बुरा लगता है जब आपको बार-बार जताया जाता है कि आप बेकार हैं, हर समय आपकी मां और बहन को गालियां दी जाती हैं. मैं लंबे समय तक इस दौर से गुजरा हूं.' इसके अलावा सैफ ने अमृता को तलाक के बाद खर्च के लिए दी गई रकम के बारे में भी चर्चा की है. सैफ ने कहा, 'मुझे तलाक के बाद अमृता को 5 करोड़ रुपये देने थे जिसमें से लगभग 2.5 करोड़ रुपये मैं पहले ही दे चुका हूं. इसके अलावा जब तक मेरा बेटा 18 साल का नहीं हो जाता तब तक मैं हर महीने 1 लाख रुपया भी देता रहूंगा. मैं कोई शाहरुख खान नहीं हूं और मेरे पास इतना पैसा भी नहीं है. मैंने उनसे (अमृता) से वादा भी किया है कि मैं पूरी रकम चुका दूंगा और आगे भी अपनी अंतिम सांस तक देता रहूंगा.' सैफ ने कहा कि उन्होंने विज्ञापन, स्टेज शो और फिल्मों से जो भी पैसा कमाया है वह उसे अपने बच्चों के लिए दे देते हैं.   सैफ अली खान और अमृता सिंह अपने बच्‍चों सारा और इब्राहिम के साथ.  उन्होंने कहा, 'मेरे पास कोई पैसा नहीं है और मेरा घर भी अमृता और बच्चों के लिए है.' उन्होंने अपनी उस समय की गर्लफ्रेंड रही रोज़ा के बारे में बात करते हुए कहा, 'रोज़ा फिल्म इंडस्ट्री से नहीं हैं और हम दोनों एक दो कमरे के फ्लैट में रहते हैं. रोज़ा अमेरिका की हैं और फिल्म इंडस्ट्री से बाहर की हैं. उनके साथ रहते हुए मुझे ऐसा महसूस होता है कि में बेकार नहीं हूं.' टिप्पणियां सैफ ने अपने तलाक के बारे में बात करते हुए कहा है, ' मेरी पत्‍नी और मैं अलग-अलग रास्‍तों पर निकल चुके हैं. मैं अपनी पत्‍नी के स्‍पेस की कदर करता हूं. पर मुझे लगातार यह क्‍यों जताया जाता है कि मैं कितना बुरा पति था या पिता था. मेरे बेटे इब्राहिम का फोटो हमेशा मेरे पर्स में रहता है. जब भी मैं इसे देखता मुझे रोना आता था, मुझे मेरी बेटी की याद आती थी. मुझे मेरे बच्‍चों से मिलने नहीं दिया जाता था और उन्‍हें मुझसे मिलने नहीं दिया जाता था. क्‍यों, क्‍योंकि मेरे जीवन में एक महिला थी जो उन्‍हें उनकी मां के खिलाफ भड़का सकती थी. इस समय मेरे बच्‍चे अमृता के रिश्‍तेदारों और मेड सर्वेंट्स द्वारा पाले जा रहे हैं क्‍योंकि अमृता टीवी सीरियल्‍स की शूटिंग करने में बिजी है. जब मैं अपने बच्‍चों को सपोर्ट करने के तैयार हूं तो वह ऐसा क्‍यों कर रही है?' सैफ ने अपने इस इंटरव्‍यू में आखिर में कहा, 'मैं अमृता से अपने किसी सवाल का जवाब नहीं चाहता. वह मेरे जीवन का एक जरूरी हिस्‍सा थीं और रहेंगीं. मैं चाहता हूं कि वह और मेरे बच्‍चे हमेशा खुश रहें.' इसके अलावा सैफ ने अमृता को तलाक के बाद खर्च के लिए दी गई रकम के बारे में भी चर्चा की है. सैफ ने कहा, 'मुझे तलाक के बाद अमृता को 5 करोड़ रुपये देने थे जिसमें से लगभग 2.5 करोड़ रुपये मैं पहले ही दे चुका हूं. इसके अलावा जब तक मेरा बेटा 18 साल का नहीं हो जाता तब तक मैं हर महीने 1 लाख रुपया भी देता रहूंगा. मैं कोई शाहरुख खान नहीं हूं और मेरे पास इतना पैसा भी नहीं है. मैंने उनसे (अमृता) से वादा भी किया है कि मैं पूरी रकम चुका दूंगा और आगे भी अपनी अंतिम सांस तक देता रहूंगा.' सैफ ने कहा कि उन्होंने विज्ञापन, स्टेज शो और फिल्मों से जो भी पैसा कमाया है वह उसे अपने बच्चों के लिए दे देते हैं.   सैफ अली खान और अमृता सिंह अपने बच्‍चों सारा और इब्राहिम के साथ.  उन्होंने कहा, 'मेरे पास कोई पैसा नहीं है और मेरा घर भी अमृता और बच्चों के लिए है.' उन्होंने अपनी उस समय की गर्लफ्रेंड रही रोज़ा के बारे में बात करते हुए कहा, 'रोज़ा फिल्म इंडस्ट्री से नहीं हैं और हम दोनों एक दो कमरे के फ्लैट में रहते हैं. रोज़ा अमेरिका की हैं और फिल्म इंडस्ट्री से बाहर की हैं. उनके साथ रहते हुए मुझे ऐसा महसूस होता है कि में बेकार नहीं हूं.' टिप्पणियां सैफ ने अपने तलाक के बारे में बात करते हुए कहा है, ' मेरी पत्‍नी और मैं अलग-अलग रास्‍तों पर निकल चुके हैं. मैं अपनी पत्‍नी के स्‍पेस की कदर करता हूं. पर मुझे लगातार यह क्‍यों जताया जाता है कि मैं कितना बुरा पति था या पिता था. मेरे बेटे इब्राहिम का फोटो हमेशा मेरे पर्स में रहता है. जब भी मैं इसे देखता मुझे रोना आता था, मुझे मेरी बेटी की याद आती थी. मुझे मेरे बच्‍चों से मिलने नहीं दिया जाता था और उन्‍हें मुझसे मिलने नहीं दिया जाता था. क्‍यों, क्‍योंकि मेरे जीवन में एक महिला थी जो उन्‍हें उनकी मां के खिलाफ भड़का सकती थी. इस समय मेरे बच्‍चे अमृता के रिश्‍तेदारों और मेड सर्वेंट्स द्वारा पाले जा रहे हैं क्‍योंकि अमृता टीवी सीरियल्‍स की शूटिंग करने में बिजी है. जब मैं अपने बच्‍चों को सपोर्ट करने के तैयार हूं तो वह ऐसा क्‍यों कर रही है?' सैफ ने अपने इस इंटरव्‍यू में आखिर में कहा, 'मैं अमृता से अपने किसी सवाल का जवाब नहीं चाहता. वह मेरे जीवन का एक जरूरी हिस्‍सा थीं और रहेंगीं. मैं चाहता हूं कि वह और मेरे बच्‍चे हमेशा खुश रहें.' सैफ अली खान और अमृता सिंह अपने बच्‍चों सारा और इब्राहिम के साथ. सैफ ने अपने तलाक के बारे में बात करते हुए कहा है, ' मेरी पत्‍नी और मैं अलग-अलग रास्‍तों पर निकल चुके हैं. मैं अपनी पत्‍नी के स्‍पेस की कदर करता हूं. पर मुझे लगातार यह क्‍यों जताया जाता है कि मैं कितना बुरा पति था या पिता था. मेरे बेटे इब्राहिम का फोटो हमेशा मेरे पर्स में रहता है. जब भी मैं इसे देखता मुझे रोना आता था, मुझे मेरी बेटी की याद आती थी. मुझे मेरे बच्‍चों से मिलने नहीं दिया जाता था और उन्‍हें मुझसे मिलने नहीं दिया जाता था. क्‍यों, क्‍योंकि मेरे जीवन में एक महिला थी जो उन्‍हें उनकी मां के खिलाफ भड़का सकती थी. इस समय मेरे बच्‍चे अमृता के रिश्‍तेदारों और मेड सर्वेंट्स द्वारा पाले जा रहे हैं क्‍योंकि अमृता टीवी सीरियल्‍स की शूटिंग करने में बिजी है. जब मैं अपने बच्‍चों को सपोर्ट करने के तैयार हूं तो वह ऐसा क्‍यों कर रही है?' सैफ ने अपने इस इंटरव्‍यू में आखिर में कहा, 'मैं अमृता से अपने किसी सवाल का जवाब नहीं चाहता. वह मेरे जीवन का एक जरूरी हिस्‍सा थीं और रहेंगीं. मैं चाहता हूं कि वह और मेरे बच्‍चे हमेशा खुश रहें.' सैफ ने अपने इस इंटरव्‍यू में आखिर में कहा, 'मैं अमृता से अपने किसी सवाल का जवाब नहीं चाहता. वह मेरे जीवन का एक जरूरी हिस्‍सा थीं और रहेंगीं. मैं चाहता हूं कि वह और मेरे बच्‍चे हमेशा खुश रहें.'
बीएमडब्ल्यू ने तकरीबन 89 हजार कारों को वापल बुलाया
जर्मन कार कंपनी बीएमडब्ल्यू ने अपनी तकरीबन 89000 कारों को वापस बुलाकर दुरुस्त करने का फैसला किया है।
जर्मन कार कंपनी बीएमडब्ल्यू ने अपनी तकरीबन 89000 कारों को वापस बुलाकर दुरुस्त करने का फैसला किया है। नवंबर 2006 से लेकर जनवरी 2011 तक बनी इन कारों के सर्किट बोर्ड में खराबी देखी गई है जिसकी वजह से कार का कूलिंग सिस्टम ठीक से काम नहीं कर रहा। आशंका जताई जा रही है कि इस खराबी की वजह से इन कारों में कभी भी आग  लग सकती है। बीएमडब्ल्यू ने अपनी जिन कारों को वापस बुलाने का फैसला किया है उनमें कूपर एस कूपर एस कंट्रीमैन और कूपर जेएसडब्लूय शामिल है। कंपनी ने फैसला किया है कि सभी कारों को बिना किसी चार्ज लिए ठीक किया जाएगा और इस साल फरवरी से कंपनी के डीलर्स गाड़ियों के वाटर पंप को बदलने का काम शुरू कर देंगे। आशंका जताई जा रही है कि इस खराबी की वजह से इन कारों में कभी भी आग  लग सकती है। बीएमडब्ल्यू ने अपनी जिन कारों को वापस बुलाने का फैसला किया है उनमें कूपर एस कूपर एस कंट्रीमैन और कूपर जेएसडब्लूय शामिल है। कंपनी ने फैसला किया है कि सभी कारों को बिना किसी चार्ज लिए ठीक किया जाएगा और इस साल फरवरी से कंपनी के डीलर्स गाड़ियों के वाटर पंप को बदलने का काम शुरू कर देंगे।
नाइजीरिया में आतंकवादियों ने 15 ईसाइयों को गला काटकर मारा
इस्लामी संगठन बोको हरम के संदिग्ध आतंकवादियों ने नाइजीरिया के एक गांव में 15 ईसाइयों को गला काटकर मार डाला।
इस्लामी संगठन बोको हरम के संदिग्ध आतंकवादियों ने नाइजीरिया के एक गांव में 15 ईसाइयों को गला काटकर मार डाला। एक राहत अधिकारी ने बताया कि मैदुगरी शहर के नजदीक आतंकवादी जबरन ईसाई समुदाय के लोगों के घरों में घुस गए और 15 लोगों के गले रेत दिए। इससे पूर्व सैन्य प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल सगीर मूसा ने मरने वालों की संख्या पांच बताई थी। इससे पूर्व सैन्य प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल सगीर मूसा ने मरने वालों की संख्या पांच बताई थी।
दिल्ली में पड़ोसी ने पिता-पुत्र को मारी गोली
दिल्ली के लेडी हार्डिंग अस्पताल के निकट एक व्यक्ति ने पिता-पुत्र को गोली मार दी। पुलिस ने व्यक्ति को गिरफ्तार कर मामला दर्ज कर लिया है।
दिल्ली के लेडी हार्डिंग अस्पताल के निकट एक व्यक्ति ने पिता-पुत्र को गोली मार दी।टिप्पणियां पुलिस ने व्यक्ति को गिरफ्तार कर मामला दर्ज कर लिया है। विस्तृत ब्यौरे की प्रतीक्षा है। पुलिस ने व्यक्ति को गिरफ्तार कर मामला दर्ज कर लिया है। विस्तृत ब्यौरे की प्रतीक्षा है। विस्तृत ब्यौरे की प्रतीक्षा है।
ऋतिक रोशन ने छात्रों को लेकर किया ट्वीट, बोले- मैं सबसे युवा लोकतंत्र को सलाम करता हूं...
ऋतिक रोशन ने छात्रों को लेकर किया ट्वीट एक्टर ने कहा कि दुनिया के युवा लोकतंत्र को मेरा सलाम ऋतिक रोशन का ट्वीट हुआ वायरल
बीते रविवार को जामिया मिल्लिया इस्लामिया (Jamia Millia Islamia) और अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी में नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहा है. लेकिन छात्रों के साथ पुलिस की बर्बरता ने विरोध प्रदर्शन को हिंसा में बदल दिया. छात्रों के साथ पुलिस के इस व्यवहार को देखते हुए देश के जाने-माने विश्ववविद्यालय जामिया में समर्थन में आ खड़े हुए. उनके साथ-साथ बॉलीवुड कलाकारों ने भी जामिया के छात्रों का खुलकर समर्थन किया. हाल ही में इस मुद्दे को लेकर बॉलीवुड एक्टर ऋतिक रोशन (Hrithik Roshan) ने भी ट्वीट किया है, जो सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोर रहा है.  As a parent and a citizen of india , I am deeply saddened by the unrest across various educational institutions of our country. I hope and pray for peace to return as soon as possible. Great teachers learn from their students. I salute the worlds youngest democracy. अपने ट्वीट में ऋतिक रोशन (Hrithik Roshan) ने छात्रों का जिक्र करते हुए लिखा, "पैरेंट और भारत का नागरिक होने के तौर पर, मुझे हमारे देश के शैक्षणिक संस्थानों में फैली अशांति से काफी दुख हो रहा है. मैं दुआ करता हूं कि इन संस्थानों में शांति जल्द से जल्द लौटे. महान शिक्षक कई बार अपने छात्रों से ही सीखते हैं. मैं दुनिया के सबसे युवा लोकतंत्र को सलाम करता हूं." अपने ट्वीट के जरिए जहां उन्होंने छात्रों का समर्थन किया तो वहीं उन्होंने देश के सभी शैक्षणिक संस्थानों में वापस शांति के लिए कामना भी की. ऋतिक रोशन के इस ट्वीट पर लोग जमकर रिएक्शन दे रहे हैं.  बता दें कि ऋतिक रोशन (Hrithik Roshan) के अलावा जामिया और देश के बाकी संस्थानों के छात्रों में स्वरा भास्कर, ऋचा चड्ढा, आलिया भट्ट, हूमा कुरैशी, सिद्धार्थ मल्होत्रा, पुल्कित सम्राट और जीशान अय्यूब जैसे कई कलाकारों ने ट्वीट किये थे. वहीं नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) को लेकर किया जा रहा विरोध प्रदर्शन बीते दिन सीलमपुर में भी हिंसा में बदल गया. प्रदर्शन करने के लिए वहां करीब 2,000 लोग इकट्ठा हुए थे. भीड़ ने सीलमपुर टी पॉइंट से जाफराबाद टी प्वाइंट के बीच पथराव किया. प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान पुलिस चौकी को भी आग के हवाले कर दिया. कई बसों में तोड़फोड़ भी की. इसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए. पूरे इलाके में फोर्स तैनात कर दी गई है.
फुकुशिमा की एक और इकाई में कूलिंग सिस्टम बंद
फुकुशिमा संयंत्र की एक और इकाई के नियंत्रण से बाहर होने का खतरा पैदा हो गया। संयंत्र की छठवीं इकाई में भी कूलिंग सिस्टम ने काम करना बंद कर दिया।
जापान के फुकुशिमा परमाणु संयंत्र की एक और इकाई के नियंत्रण से बाहर होने का खतरा पैदा हो गया है। संयंत्र की छठवीं इकाई में भी प्रशीतक तंत्र (कूलिंग सिस्टम) ने काम करना बंद कर दिया है। समाचार एजेंसी क्योडो के मुताबिक फुकुशिमा संयंत्र की सबसे ज्यादा संकटग्रस्त इकाई संयंत्र संख्या एक को पिघलने से बचाने के लिए तकनीकी विशेषज्ञों ने इसमें सामान्य पानी भरना शुरू कर दिया है। मुख्य बिजली आपूर्ति और बैकअप बिजली आपूर्ति बंद होने से संयंत्रों के प्रशीतक तंत्रों ने काम करना बंद कर दिया है। यह तंत्र संयंत्रों में पैदा होने वाली गर्मी को कम करता है। इसके अभाव में अत्यधिक ऊर्जा और दबाव से संयंत्र का कवच पिघला सकता है। तकनीकी विशेषज्ञ संयंत्रों को पिघलने से बचाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। समाचार चैनल सीएनएन के मुताबिक जापान की परमाणु एवं औद्योगिक सुरक्षा एजेंसी (एनआईएसए) के एक अधिकारी ने सीएनएन के एक पत्रकार से कहा कि संयंत्र पिघल सकता है जो कि भारी आपदाजनक होगा। इस बयान की सार्वजनिक पुष्टि नहीं हुई है।
आडवाणी मुद्दे पर आरएसएस को कठघरे में न खड़ा करें : राजनाथ सिंह
भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने इन खबरों को खारिज किया कि वरिष्ठ नेता आडवाणी द्वारा पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दिए जाने से उत्पन्न संकट के मुद्दे पर पार्टी आरएसएस के दबाव में है। सूत्रों का कहना है कि आडवाणी ने उनसे मिलने आए नेताओं को कहा है कि नरेंद्र मो
भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने मंगलवार को इन खबरों को खारिज किया कि वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी द्वारा पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दिए जाने से उत्पन्न संकट के मुद्दे पर पार्टी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के दबाव में है। सूत्रों का कहना है कि आडवाणी ने उनसे मिलने आए नेताओं को कहा है कि नरेंद्र मोदी देश के नेतृत्व के लिए सही नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की खबरें निराधार हैं। राजनाथ ने कहा, ‘‘मैं एक चीज स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि कुछ समाचार चैनलों पर खबर चली है कि आरएसएस ने यह कहा है या वह कहा है। मैं पूरी तरह स्पष्ट करना चाहता हूं कि संघ ने कुछ नहीं कहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने संघ में लोगों से पता किया है, क्या उन्होंने कोई बयान दिया है। उन्होंने मुझे बताया कि उनकी तरफ से कोई बयान नहीं दिया गया है, ये सब खबरें पूरी तरह निराधार हैं।’’ मीडिया की खबरों में पूर्व में दावा किया गया था कि इस मुद्दे पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और राजनाथ सिंह के बीच चर्चा हुई है। सूत्रों ने बताया कि भाजपा और आरएसएस दोनों का यह मत था कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनाव अभियान समिति के प्रमुख के रूप में नियुक्त किए जाने के फैसले से पीछे नहीं हटा जाना चाहिए। हालांकि, उनका मानना था कि आडवाणी को उचित सम्मान दिया जाना चाहिए और उन्हें मनाने के सभी प्रयास किए जाने चाहिए, ताकि वह अपना इस्तीफा वापस ले लें। आडवाणी की वापसी की संभावनाओं के प्रश्न पर राजनाथ सिंह ने कोई जवाब नहीं दिया और फिर वह आज राजस्थान के लिए रवाना हो गए। बीजेपी के संसदीय बोर्ड ने लाल कृष्ण आडवाणी के इस्तीफे को नामंजूर कर दिया है। इसके साथ-साथ उन्हें मनाने के प्रयास लगातार जारी हैं। इससे पहले, गोवा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के समापन के ठीक एक दिन बाद सोमवार को पार्टी के कद्दावर नेता लालकृष्ण आडवाणी के सभी पदों से इस्तीफा देने के बाद पार्टी में कोहराम मच गया। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के उन्नयन विरोधी आडवाणी ने आरोप लगाया है कि पार्टी के अधिकांश नेता सिर्फ अपने निजी एजेंडे को तरजीह दे रहे हैं। गोवा में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के आखिरी दिन रविवार को आम चुनाव के लिए भाजपा की प्रचार समिति के अध्यक्ष के रूप में नरेंद्र मोदी को नियुक्त किया गया था। आडवाणी का अप्रत्याशित फैसला यदि नहीं बदलता है तो इसका सीधा सा मतलब मोदी को 2014 के आम चुनाव में प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी के रूप में मंजूरी प्रदान किया जाना होगा। शाम तक चले घटनाक्रम में भाजपा के वरिष्ठ नेता आडवाणी को मनाने के लिए उनके आवास पर जमे रहे। पार्टी के भीतर फूट सार्वजनिक होने से घबराई भाजपा ने आनन फानन में अपनी संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई। संसदीय बोर्ड पार्टी की तीन शीर्ष निकायों में से एक है। दो अन्य निकाय राष्ट्रीय कार्यकारिणी और चुनाव समिति हैं। गुजरात से मोदी ने आडवाणी से अपना इस्तीफा वापस लेने का आग्रह किया और अपने नेता से पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं को निराश नहीं करने की अपील की। 1980 के दशक में भाजपा के गठन से लेकर इसे राजनीतिक रूप से सबल बनाने वाले और पार्टी को धुर हिंदूवादी विचारधारा देने वाले आडवाणी मोदी का उन्नयन करने से रोकने में कामयाब नहीं हो सके। अपना विरोध जताने के लिए उन्होंने राष्ट्रीय कार्यकारिणी, संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति से ही इस्तीफा दे दिया। आडवाणी ने पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह को एक नाराजगी भरा पत्र लिखा है। तीन पैरे के पत्र में मोदी का कहीं भी जिक्र नहीं है, लेकिन इसके स्वर से स्पष्ट है कि पार्टी की गोवा बैठक में रविवार को मोदी का कद बढ़ाए जाने से ही इस्तीफा जुड़ा हुआ है। आडवाणी ने कहा है, "कुछ समय से मैं पार्टी के मौजूदा कामकाज से और जिस दिशा में पार्टी जा रही है, उससे तालमेल बिठाने में कठिनाई महसूस कर रहा हूं।" आडवाणी ने कहा है कि अब "किसी के मन में यह भावना नहीं रह गई है कि यह वही आदर्शवादी पार्टी है, जिसे श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, नानाजी देशमुख और अटल बिहारी वाजपेयी ने खड़ा किया था, जिनकी एक मात्र चिंता देश और देश की जनता को लेकर थी।" आडवाणी ने पत्र में लिखा है, "हमारे अधिकांश नेता अब मात्र अपने निजी एजेंडे को लेकर चिंतित हैं।" इस तरह आडवाणी ने भाजपा नेताओं की अबतक सबसे कड़ी आलोचना की है, और इससे पार्टी का आंतरिक कलह खुलकर बाहर आ गया है। आडवाणी ने आगे लिखा है, "इसलिए मैंने पार्टी के तीन प्रमुख पदों - राष्ट्रीय कार्यकारिणी, संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है। इसे मेरा त्यागपत्र समझा जा सकता है।" आडवाणी अब सिर्फ भाजपा के सदस्य भर रह गए हैं। आडवाणी के इस्तीफे से भाजपा सन्न रह गई है। अधिकांश नेता, जो सोमवार सुबह तक मोदी के उन्नयन के खुमार में थे, उन्होंने शुरू में इस पर कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया। भाजपा की वैचारिक रूप से अभिभावक संस्था, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने इस घटना को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताया। इस्तीफा मिलने के एक घंटे के अंदर भाजपा ने कहा कि आडवाणी को मनाने की कोशिश की जाएगी। राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया कि उन्होंने आडवाणी का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। राजग के घटक दल, जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) के अध्यक्ष शरद यादव ने कहा, "यह दुखद है.. यह राजग के लिए अच्छा नहीं है।" गोवा से भाजपा सांसद श्रीपद नाइक ने कहा, "यह वाकई में दुर्भाग्यपूर्ण है।" भाजपा नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि पार्टी को भरोसा है कि वह आडवाणी को इस्तीफा वापस लेने के लिए कह सकती है। भाजपा में छिड़े गृहयुद्ध से कांग्रेस खुश नजर आई। कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने कहा, "इस पर भाजपा को सोचना है। संबंधित व्यक्ति को सोचना है। हमने पहले ही कहा था कि इसके (मोदी का उन्नयन) अपने नतीजे होंगे।"टिप्पणियां आडवाणी 1947 में आरएसएस से जुड़े और जब 1951 में जनसंघ की स्थापना हुई तो उससे भी जुड़ गए। 1986 में उन्होंने भाजपा के अध्यक्ष पद की कमान तब संभाली थी जब लोकसभा में इसके मात्र दो सांसद थे। अध्यक्ष बनने के तत्काल बाद आडवाणी राम मंदिर आंदोलन के प्रबल समर्थक बन गए। इसी आंदोलन ने भाजपा को आगे बढ़ने में मदद की और इसके बाद यह एक बड़ी पार्टी के रूप में उभरी। उन्होंने कहा कि इस तरह की खबरें निराधार हैं। राजनाथ ने कहा, ‘‘मैं एक चीज स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि कुछ समाचार चैनलों पर खबर चली है कि आरएसएस ने यह कहा है या वह कहा है। मैं पूरी तरह स्पष्ट करना चाहता हूं कि संघ ने कुछ नहीं कहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने संघ में लोगों से पता किया है, क्या उन्होंने कोई बयान दिया है। उन्होंने मुझे बताया कि उनकी तरफ से कोई बयान नहीं दिया गया है, ये सब खबरें पूरी तरह निराधार हैं।’’ मीडिया की खबरों में पूर्व में दावा किया गया था कि इस मुद्दे पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और राजनाथ सिंह के बीच चर्चा हुई है। सूत्रों ने बताया कि भाजपा और आरएसएस दोनों का यह मत था कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनाव अभियान समिति के प्रमुख के रूप में नियुक्त किए जाने के फैसले से पीछे नहीं हटा जाना चाहिए। हालांकि, उनका मानना था कि आडवाणी को उचित सम्मान दिया जाना चाहिए और उन्हें मनाने के सभी प्रयास किए जाने चाहिए, ताकि वह अपना इस्तीफा वापस ले लें। आडवाणी की वापसी की संभावनाओं के प्रश्न पर राजनाथ सिंह ने कोई जवाब नहीं दिया और फिर वह आज राजस्थान के लिए रवाना हो गए। बीजेपी के संसदीय बोर्ड ने लाल कृष्ण आडवाणी के इस्तीफे को नामंजूर कर दिया है। इसके साथ-साथ उन्हें मनाने के प्रयास लगातार जारी हैं। इससे पहले, गोवा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के समापन के ठीक एक दिन बाद सोमवार को पार्टी के कद्दावर नेता लालकृष्ण आडवाणी के सभी पदों से इस्तीफा देने के बाद पार्टी में कोहराम मच गया। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के उन्नयन विरोधी आडवाणी ने आरोप लगाया है कि पार्टी के अधिकांश नेता सिर्फ अपने निजी एजेंडे को तरजीह दे रहे हैं। गोवा में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के आखिरी दिन रविवार को आम चुनाव के लिए भाजपा की प्रचार समिति के अध्यक्ष के रूप में नरेंद्र मोदी को नियुक्त किया गया था। आडवाणी का अप्रत्याशित फैसला यदि नहीं बदलता है तो इसका सीधा सा मतलब मोदी को 2014 के आम चुनाव में प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी के रूप में मंजूरी प्रदान किया जाना होगा। शाम तक चले घटनाक्रम में भाजपा के वरिष्ठ नेता आडवाणी को मनाने के लिए उनके आवास पर जमे रहे। पार्टी के भीतर फूट सार्वजनिक होने से घबराई भाजपा ने आनन फानन में अपनी संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई। संसदीय बोर्ड पार्टी की तीन शीर्ष निकायों में से एक है। दो अन्य निकाय राष्ट्रीय कार्यकारिणी और चुनाव समिति हैं। गुजरात से मोदी ने आडवाणी से अपना इस्तीफा वापस लेने का आग्रह किया और अपने नेता से पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं को निराश नहीं करने की अपील की। 1980 के दशक में भाजपा के गठन से लेकर इसे राजनीतिक रूप से सबल बनाने वाले और पार्टी को धुर हिंदूवादी विचारधारा देने वाले आडवाणी मोदी का उन्नयन करने से रोकने में कामयाब नहीं हो सके। अपना विरोध जताने के लिए उन्होंने राष्ट्रीय कार्यकारिणी, संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति से ही इस्तीफा दे दिया। आडवाणी ने पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह को एक नाराजगी भरा पत्र लिखा है। तीन पैरे के पत्र में मोदी का कहीं भी जिक्र नहीं है, लेकिन इसके स्वर से स्पष्ट है कि पार्टी की गोवा बैठक में रविवार को मोदी का कद बढ़ाए जाने से ही इस्तीफा जुड़ा हुआ है। आडवाणी ने कहा है, "कुछ समय से मैं पार्टी के मौजूदा कामकाज से और जिस दिशा में पार्टी जा रही है, उससे तालमेल बिठाने में कठिनाई महसूस कर रहा हूं।" आडवाणी ने कहा है कि अब "किसी के मन में यह भावना नहीं रह गई है कि यह वही आदर्शवादी पार्टी है, जिसे श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, नानाजी देशमुख और अटल बिहारी वाजपेयी ने खड़ा किया था, जिनकी एक मात्र चिंता देश और देश की जनता को लेकर थी।" आडवाणी ने पत्र में लिखा है, "हमारे अधिकांश नेता अब मात्र अपने निजी एजेंडे को लेकर चिंतित हैं।" इस तरह आडवाणी ने भाजपा नेताओं की अबतक सबसे कड़ी आलोचना की है, और इससे पार्टी का आंतरिक कलह खुलकर बाहर आ गया है। आडवाणी ने आगे लिखा है, "इसलिए मैंने पार्टी के तीन प्रमुख पदों - राष्ट्रीय कार्यकारिणी, संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है। इसे मेरा त्यागपत्र समझा जा सकता है।" आडवाणी अब सिर्फ भाजपा के सदस्य भर रह गए हैं। आडवाणी के इस्तीफे से भाजपा सन्न रह गई है। अधिकांश नेता, जो सोमवार सुबह तक मोदी के उन्नयन के खुमार में थे, उन्होंने शुरू में इस पर कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया। भाजपा की वैचारिक रूप से अभिभावक संस्था, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने इस घटना को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताया। इस्तीफा मिलने के एक घंटे के अंदर भाजपा ने कहा कि आडवाणी को मनाने की कोशिश की जाएगी। राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया कि उन्होंने आडवाणी का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। राजग के घटक दल, जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) के अध्यक्ष शरद यादव ने कहा, "यह दुखद है.. यह राजग के लिए अच्छा नहीं है।" गोवा से भाजपा सांसद श्रीपद नाइक ने कहा, "यह वाकई में दुर्भाग्यपूर्ण है।" भाजपा नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि पार्टी को भरोसा है कि वह आडवाणी को इस्तीफा वापस लेने के लिए कह सकती है। भाजपा में छिड़े गृहयुद्ध से कांग्रेस खुश नजर आई। कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने कहा, "इस पर भाजपा को सोचना है। संबंधित व्यक्ति को सोचना है। हमने पहले ही कहा था कि इसके (मोदी का उन्नयन) अपने नतीजे होंगे।"टिप्पणियां आडवाणी 1947 में आरएसएस से जुड़े और जब 1951 में जनसंघ की स्थापना हुई तो उससे भी जुड़ गए। 1986 में उन्होंने भाजपा के अध्यक्ष पद की कमान तब संभाली थी जब लोकसभा में इसके मात्र दो सांसद थे। अध्यक्ष बनने के तत्काल बाद आडवाणी राम मंदिर आंदोलन के प्रबल समर्थक बन गए। इसी आंदोलन ने भाजपा को आगे बढ़ने में मदद की और इसके बाद यह एक बड़ी पार्टी के रूप में उभरी। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने संघ में लोगों से पता किया है, क्या उन्होंने कोई बयान दिया है। उन्होंने मुझे बताया कि उनकी तरफ से कोई बयान नहीं दिया गया है, ये सब खबरें पूरी तरह निराधार हैं।’’ मीडिया की खबरों में पूर्व में दावा किया गया था कि इस मुद्दे पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और राजनाथ सिंह के बीच चर्चा हुई है। सूत्रों ने बताया कि भाजपा और आरएसएस दोनों का यह मत था कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनाव अभियान समिति के प्रमुख के रूप में नियुक्त किए जाने के फैसले से पीछे नहीं हटा जाना चाहिए। हालांकि, उनका मानना था कि आडवाणी को उचित सम्मान दिया जाना चाहिए और उन्हें मनाने के सभी प्रयास किए जाने चाहिए, ताकि वह अपना इस्तीफा वापस ले लें। आडवाणी की वापसी की संभावनाओं के प्रश्न पर राजनाथ सिंह ने कोई जवाब नहीं दिया और फिर वह आज राजस्थान के लिए रवाना हो गए। बीजेपी के संसदीय बोर्ड ने लाल कृष्ण आडवाणी के इस्तीफे को नामंजूर कर दिया है। इसके साथ-साथ उन्हें मनाने के प्रयास लगातार जारी हैं। इससे पहले, गोवा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के समापन के ठीक एक दिन बाद सोमवार को पार्टी के कद्दावर नेता लालकृष्ण आडवाणी के सभी पदों से इस्तीफा देने के बाद पार्टी में कोहराम मच गया। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के उन्नयन विरोधी आडवाणी ने आरोप लगाया है कि पार्टी के अधिकांश नेता सिर्फ अपने निजी एजेंडे को तरजीह दे रहे हैं। गोवा में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के आखिरी दिन रविवार को आम चुनाव के लिए भाजपा की प्रचार समिति के अध्यक्ष के रूप में नरेंद्र मोदी को नियुक्त किया गया था। आडवाणी का अप्रत्याशित फैसला यदि नहीं बदलता है तो इसका सीधा सा मतलब मोदी को 2014 के आम चुनाव में प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी के रूप में मंजूरी प्रदान किया जाना होगा। शाम तक चले घटनाक्रम में भाजपा के वरिष्ठ नेता आडवाणी को मनाने के लिए उनके आवास पर जमे रहे। पार्टी के भीतर फूट सार्वजनिक होने से घबराई भाजपा ने आनन फानन में अपनी संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई। संसदीय बोर्ड पार्टी की तीन शीर्ष निकायों में से एक है। दो अन्य निकाय राष्ट्रीय कार्यकारिणी और चुनाव समिति हैं। गुजरात से मोदी ने आडवाणी से अपना इस्तीफा वापस लेने का आग्रह किया और अपने नेता से पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं को निराश नहीं करने की अपील की। 1980 के दशक में भाजपा के गठन से लेकर इसे राजनीतिक रूप से सबल बनाने वाले और पार्टी को धुर हिंदूवादी विचारधारा देने वाले आडवाणी मोदी का उन्नयन करने से रोकने में कामयाब नहीं हो सके। अपना विरोध जताने के लिए उन्होंने राष्ट्रीय कार्यकारिणी, संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति से ही इस्तीफा दे दिया। आडवाणी ने पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह को एक नाराजगी भरा पत्र लिखा है। तीन पैरे के पत्र में मोदी का कहीं भी जिक्र नहीं है, लेकिन इसके स्वर से स्पष्ट है कि पार्टी की गोवा बैठक में रविवार को मोदी का कद बढ़ाए जाने से ही इस्तीफा जुड़ा हुआ है। आडवाणी ने कहा है, "कुछ समय से मैं पार्टी के मौजूदा कामकाज से और जिस दिशा में पार्टी जा रही है, उससे तालमेल बिठाने में कठिनाई महसूस कर रहा हूं।" आडवाणी ने कहा है कि अब "किसी के मन में यह भावना नहीं रह गई है कि यह वही आदर्शवादी पार्टी है, जिसे श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, नानाजी देशमुख और अटल बिहारी वाजपेयी ने खड़ा किया था, जिनकी एक मात्र चिंता देश और देश की जनता को लेकर थी।" आडवाणी ने पत्र में लिखा है, "हमारे अधिकांश नेता अब मात्र अपने निजी एजेंडे को लेकर चिंतित हैं।" इस तरह आडवाणी ने भाजपा नेताओं की अबतक सबसे कड़ी आलोचना की है, और इससे पार्टी का आंतरिक कलह खुलकर बाहर आ गया है। आडवाणी ने आगे लिखा है, "इसलिए मैंने पार्टी के तीन प्रमुख पदों - राष्ट्रीय कार्यकारिणी, संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है। इसे मेरा त्यागपत्र समझा जा सकता है।" आडवाणी अब सिर्फ भाजपा के सदस्य भर रह गए हैं। आडवाणी के इस्तीफे से भाजपा सन्न रह गई है। अधिकांश नेता, जो सोमवार सुबह तक मोदी के उन्नयन के खुमार में थे, उन्होंने शुरू में इस पर कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया। भाजपा की वैचारिक रूप से अभिभावक संस्था, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने इस घटना को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताया। इस्तीफा मिलने के एक घंटे के अंदर भाजपा ने कहा कि आडवाणी को मनाने की कोशिश की जाएगी। राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया कि उन्होंने आडवाणी का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। राजग के घटक दल, जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) के अध्यक्ष शरद यादव ने कहा, "यह दुखद है.. यह राजग के लिए अच्छा नहीं है।" गोवा से भाजपा सांसद श्रीपद नाइक ने कहा, "यह वाकई में दुर्भाग्यपूर्ण है।" भाजपा नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि पार्टी को भरोसा है कि वह आडवाणी को इस्तीफा वापस लेने के लिए कह सकती है। भाजपा में छिड़े गृहयुद्ध से कांग्रेस खुश नजर आई। कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने कहा, "इस पर भाजपा को सोचना है। संबंधित व्यक्ति को सोचना है। हमने पहले ही कहा था कि इसके (मोदी का उन्नयन) अपने नतीजे होंगे।"टिप्पणियां आडवाणी 1947 में आरएसएस से जुड़े और जब 1951 में जनसंघ की स्थापना हुई तो उससे भी जुड़ गए। 1986 में उन्होंने भाजपा के अध्यक्ष पद की कमान तब संभाली थी जब लोकसभा में इसके मात्र दो सांसद थे। अध्यक्ष बनने के तत्काल बाद आडवाणी राम मंदिर आंदोलन के प्रबल समर्थक बन गए। इसी आंदोलन ने भाजपा को आगे बढ़ने में मदद की और इसके बाद यह एक बड़ी पार्टी के रूप में उभरी। मीडिया की खबरों में पूर्व में दावा किया गया था कि इस मुद्दे पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और राजनाथ सिंह के बीच चर्चा हुई है। सूत्रों ने बताया कि भाजपा और आरएसएस दोनों का यह मत था कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनाव अभियान समिति के प्रमुख के रूप में नियुक्त किए जाने के फैसले से पीछे नहीं हटा जाना चाहिए। हालांकि, उनका मानना था कि आडवाणी को उचित सम्मान दिया जाना चाहिए और उन्हें मनाने के सभी प्रयास किए जाने चाहिए, ताकि वह अपना इस्तीफा वापस ले लें। आडवाणी की वापसी की संभावनाओं के प्रश्न पर राजनाथ सिंह ने कोई जवाब नहीं दिया और फिर वह आज राजस्थान के लिए रवाना हो गए। बीजेपी के संसदीय बोर्ड ने लाल कृष्ण आडवाणी के इस्तीफे को नामंजूर कर दिया है। इसके साथ-साथ उन्हें मनाने के प्रयास लगातार जारी हैं। इससे पहले, गोवा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के समापन के ठीक एक दिन बाद सोमवार को पार्टी के कद्दावर नेता लालकृष्ण आडवाणी के सभी पदों से इस्तीफा देने के बाद पार्टी में कोहराम मच गया। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के उन्नयन विरोधी आडवाणी ने आरोप लगाया है कि पार्टी के अधिकांश नेता सिर्फ अपने निजी एजेंडे को तरजीह दे रहे हैं। गोवा में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के आखिरी दिन रविवार को आम चुनाव के लिए भाजपा की प्रचार समिति के अध्यक्ष के रूप में नरेंद्र मोदी को नियुक्त किया गया था। आडवाणी का अप्रत्याशित फैसला यदि नहीं बदलता है तो इसका सीधा सा मतलब मोदी को 2014 के आम चुनाव में प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी के रूप में मंजूरी प्रदान किया जाना होगा। शाम तक चले घटनाक्रम में भाजपा के वरिष्ठ नेता आडवाणी को मनाने के लिए उनके आवास पर जमे रहे। पार्टी के भीतर फूट सार्वजनिक होने से घबराई भाजपा ने आनन फानन में अपनी संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई। संसदीय बोर्ड पार्टी की तीन शीर्ष निकायों में से एक है। दो अन्य निकाय राष्ट्रीय कार्यकारिणी और चुनाव समिति हैं। गुजरात से मोदी ने आडवाणी से अपना इस्तीफा वापस लेने का आग्रह किया और अपने नेता से पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं को निराश नहीं करने की अपील की। 1980 के दशक में भाजपा के गठन से लेकर इसे राजनीतिक रूप से सबल बनाने वाले और पार्टी को धुर हिंदूवादी विचारधारा देने वाले आडवाणी मोदी का उन्नयन करने से रोकने में कामयाब नहीं हो सके। अपना विरोध जताने के लिए उन्होंने राष्ट्रीय कार्यकारिणी, संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति से ही इस्तीफा दे दिया। आडवाणी ने पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह को एक नाराजगी भरा पत्र लिखा है। तीन पैरे के पत्र में मोदी का कहीं भी जिक्र नहीं है, लेकिन इसके स्वर से स्पष्ट है कि पार्टी की गोवा बैठक में रविवार को मोदी का कद बढ़ाए जाने से ही इस्तीफा जुड़ा हुआ है। आडवाणी ने कहा है, "कुछ समय से मैं पार्टी के मौजूदा कामकाज से और जिस दिशा में पार्टी जा रही है, उससे तालमेल बिठाने में कठिनाई महसूस कर रहा हूं।" आडवाणी ने कहा है कि अब "किसी के मन में यह भावना नहीं रह गई है कि यह वही आदर्शवादी पार्टी है, जिसे श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, नानाजी देशमुख और अटल बिहारी वाजपेयी ने खड़ा किया था, जिनकी एक मात्र चिंता देश और देश की जनता को लेकर थी।" आडवाणी ने पत्र में लिखा है, "हमारे अधिकांश नेता अब मात्र अपने निजी एजेंडे को लेकर चिंतित हैं।" इस तरह आडवाणी ने भाजपा नेताओं की अबतक सबसे कड़ी आलोचना की है, और इससे पार्टी का आंतरिक कलह खुलकर बाहर आ गया है। आडवाणी ने आगे लिखा है, "इसलिए मैंने पार्टी के तीन प्रमुख पदों - राष्ट्रीय कार्यकारिणी, संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है। इसे मेरा त्यागपत्र समझा जा सकता है।" आडवाणी अब सिर्फ भाजपा के सदस्य भर रह गए हैं। आडवाणी के इस्तीफे से भाजपा सन्न रह गई है। अधिकांश नेता, जो सोमवार सुबह तक मोदी के उन्नयन के खुमार में थे, उन्होंने शुरू में इस पर कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया। भाजपा की वैचारिक रूप से अभिभावक संस्था, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने इस घटना को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताया। इस्तीफा मिलने के एक घंटे के अंदर भाजपा ने कहा कि आडवाणी को मनाने की कोशिश की जाएगी। राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया कि उन्होंने आडवाणी का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। राजग के घटक दल, जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) के अध्यक्ष शरद यादव ने कहा, "यह दुखद है.. यह राजग के लिए अच्छा नहीं है।" गोवा से भाजपा सांसद श्रीपद नाइक ने कहा, "यह वाकई में दुर्भाग्यपूर्ण है।" भाजपा नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि पार्टी को भरोसा है कि वह आडवाणी को इस्तीफा वापस लेने के लिए कह सकती है। भाजपा में छिड़े गृहयुद्ध से कांग्रेस खुश नजर आई। कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने कहा, "इस पर भाजपा को सोचना है। संबंधित व्यक्ति को सोचना है। हमने पहले ही कहा था कि इसके (मोदी का उन्नयन) अपने नतीजे होंगे।"टिप्पणियां आडवाणी 1947 में आरएसएस से जुड़े और जब 1951 में जनसंघ की स्थापना हुई तो उससे भी जुड़ गए। 1986 में उन्होंने भाजपा के अध्यक्ष पद की कमान तब संभाली थी जब लोकसभा में इसके मात्र दो सांसद थे। अध्यक्ष बनने के तत्काल बाद आडवाणी राम मंदिर आंदोलन के प्रबल समर्थक बन गए। इसी आंदोलन ने भाजपा को आगे बढ़ने में मदद की और इसके बाद यह एक बड़ी पार्टी के रूप में उभरी। सूत्रों ने बताया कि भाजपा और आरएसएस दोनों का यह मत था कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनाव अभियान समिति के प्रमुख के रूप में नियुक्त किए जाने के फैसले से पीछे नहीं हटा जाना चाहिए। हालांकि, उनका मानना था कि आडवाणी को उचित सम्मान दिया जाना चाहिए और उन्हें मनाने के सभी प्रयास किए जाने चाहिए, ताकि वह अपना इस्तीफा वापस ले लें। आडवाणी की वापसी की संभावनाओं के प्रश्न पर राजनाथ सिंह ने कोई जवाब नहीं दिया और फिर वह आज राजस्थान के लिए रवाना हो गए। बीजेपी के संसदीय बोर्ड ने लाल कृष्ण आडवाणी के इस्तीफे को नामंजूर कर दिया है। इसके साथ-साथ उन्हें मनाने के प्रयास लगातार जारी हैं। इससे पहले, गोवा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के समापन के ठीक एक दिन बाद सोमवार को पार्टी के कद्दावर नेता लालकृष्ण आडवाणी के सभी पदों से इस्तीफा देने के बाद पार्टी में कोहराम मच गया। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के उन्नयन विरोधी आडवाणी ने आरोप लगाया है कि पार्टी के अधिकांश नेता सिर्फ अपने निजी एजेंडे को तरजीह दे रहे हैं। गोवा में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के आखिरी दिन रविवार को आम चुनाव के लिए भाजपा की प्रचार समिति के अध्यक्ष के रूप में नरेंद्र मोदी को नियुक्त किया गया था। आडवाणी का अप्रत्याशित फैसला यदि नहीं बदलता है तो इसका सीधा सा मतलब मोदी को 2014 के आम चुनाव में प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी के रूप में मंजूरी प्रदान किया जाना होगा। शाम तक चले घटनाक्रम में भाजपा के वरिष्ठ नेता आडवाणी को मनाने के लिए उनके आवास पर जमे रहे। पार्टी के भीतर फूट सार्वजनिक होने से घबराई भाजपा ने आनन फानन में अपनी संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई। संसदीय बोर्ड पार्टी की तीन शीर्ष निकायों में से एक है। दो अन्य निकाय राष्ट्रीय कार्यकारिणी और चुनाव समिति हैं। गुजरात से मोदी ने आडवाणी से अपना इस्तीफा वापस लेने का आग्रह किया और अपने नेता से पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं को निराश नहीं करने की अपील की। 1980 के दशक में भाजपा के गठन से लेकर इसे राजनीतिक रूप से सबल बनाने वाले और पार्टी को धुर हिंदूवादी विचारधारा देने वाले आडवाणी मोदी का उन्नयन करने से रोकने में कामयाब नहीं हो सके। अपना विरोध जताने के लिए उन्होंने राष्ट्रीय कार्यकारिणी, संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति से ही इस्तीफा दे दिया। आडवाणी ने पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह को एक नाराजगी भरा पत्र लिखा है। तीन पैरे के पत्र में मोदी का कहीं भी जिक्र नहीं है, लेकिन इसके स्वर से स्पष्ट है कि पार्टी की गोवा बैठक में रविवार को मोदी का कद बढ़ाए जाने से ही इस्तीफा जुड़ा हुआ है। आडवाणी ने कहा है, "कुछ समय से मैं पार्टी के मौजूदा कामकाज से और जिस दिशा में पार्टी जा रही है, उससे तालमेल बिठाने में कठिनाई महसूस कर रहा हूं।" आडवाणी ने कहा है कि अब "किसी के मन में यह भावना नहीं रह गई है कि यह वही आदर्शवादी पार्टी है, जिसे श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, नानाजी देशमुख और अटल बिहारी वाजपेयी ने खड़ा किया था, जिनकी एक मात्र चिंता देश और देश की जनता को लेकर थी।" आडवाणी ने पत्र में लिखा है, "हमारे अधिकांश नेता अब मात्र अपने निजी एजेंडे को लेकर चिंतित हैं।" इस तरह आडवाणी ने भाजपा नेताओं की अबतक सबसे कड़ी आलोचना की है, और इससे पार्टी का आंतरिक कलह खुलकर बाहर आ गया है। आडवाणी ने आगे लिखा है, "इसलिए मैंने पार्टी के तीन प्रमुख पदों - राष्ट्रीय कार्यकारिणी, संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है। इसे मेरा त्यागपत्र समझा जा सकता है।" आडवाणी अब सिर्फ भाजपा के सदस्य भर रह गए हैं। आडवाणी के इस्तीफे से भाजपा सन्न रह गई है। अधिकांश नेता, जो सोमवार सुबह तक मोदी के उन्नयन के खुमार में थे, उन्होंने शुरू में इस पर कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया। भाजपा की वैचारिक रूप से अभिभावक संस्था, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने इस घटना को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताया। इस्तीफा मिलने के एक घंटे के अंदर भाजपा ने कहा कि आडवाणी को मनाने की कोशिश की जाएगी। राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया कि उन्होंने आडवाणी का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। राजग के घटक दल, जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) के अध्यक्ष शरद यादव ने कहा, "यह दुखद है.. यह राजग के लिए अच्छा नहीं है।" गोवा से भाजपा सांसद श्रीपद नाइक ने कहा, "यह वाकई में दुर्भाग्यपूर्ण है।" भाजपा नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि पार्टी को भरोसा है कि वह आडवाणी को इस्तीफा वापस लेने के लिए कह सकती है। भाजपा में छिड़े गृहयुद्ध से कांग्रेस खुश नजर आई। कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने कहा, "इस पर भाजपा को सोचना है। संबंधित व्यक्ति को सोचना है। हमने पहले ही कहा था कि इसके (मोदी का उन्नयन) अपने नतीजे होंगे।"टिप्पणियां आडवाणी 1947 में आरएसएस से जुड़े और जब 1951 में जनसंघ की स्थापना हुई तो उससे भी जुड़ गए। 1986 में उन्होंने भाजपा के अध्यक्ष पद की कमान तब संभाली थी जब लोकसभा में इसके मात्र दो सांसद थे। अध्यक्ष बनने के तत्काल बाद आडवाणी राम मंदिर आंदोलन के प्रबल समर्थक बन गए। इसी आंदोलन ने भाजपा को आगे बढ़ने में मदद की और इसके बाद यह एक बड़ी पार्टी के रूप में उभरी। बीजेपी के संसदीय बोर्ड ने लाल कृष्ण आडवाणी के इस्तीफे को नामंजूर कर दिया है। इसके साथ-साथ उन्हें मनाने के प्रयास लगातार जारी हैं। इससे पहले, गोवा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के समापन के ठीक एक दिन बाद सोमवार को पार्टी के कद्दावर नेता लालकृष्ण आडवाणी के सभी पदों से इस्तीफा देने के बाद पार्टी में कोहराम मच गया। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के उन्नयन विरोधी आडवाणी ने आरोप लगाया है कि पार्टी के अधिकांश नेता सिर्फ अपने निजी एजेंडे को तरजीह दे रहे हैं। गोवा में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के आखिरी दिन रविवार को आम चुनाव के लिए भाजपा की प्रचार समिति के अध्यक्ष के रूप में नरेंद्र मोदी को नियुक्त किया गया था। आडवाणी का अप्रत्याशित फैसला यदि नहीं बदलता है तो इसका सीधा सा मतलब मोदी को 2014 के आम चुनाव में प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी के रूप में मंजूरी प्रदान किया जाना होगा। शाम तक चले घटनाक्रम में भाजपा के वरिष्ठ नेता आडवाणी को मनाने के लिए उनके आवास पर जमे रहे। पार्टी के भीतर फूट सार्वजनिक होने से घबराई भाजपा ने आनन फानन में अपनी संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई। संसदीय बोर्ड पार्टी की तीन शीर्ष निकायों में से एक है। दो अन्य निकाय राष्ट्रीय कार्यकारिणी और चुनाव समिति हैं। गुजरात से मोदी ने आडवाणी से अपना इस्तीफा वापस लेने का आग्रह किया और अपने नेता से पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं को निराश नहीं करने की अपील की। 1980 के दशक में भाजपा के गठन से लेकर इसे राजनीतिक रूप से सबल बनाने वाले और पार्टी को धुर हिंदूवादी विचारधारा देने वाले आडवाणी मोदी का उन्नयन करने से रोकने में कामयाब नहीं हो सके। अपना विरोध जताने के लिए उन्होंने राष्ट्रीय कार्यकारिणी, संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति से ही इस्तीफा दे दिया। आडवाणी ने पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह को एक नाराजगी भरा पत्र लिखा है। तीन पैरे के पत्र में मोदी का कहीं भी जिक्र नहीं है, लेकिन इसके स्वर से स्पष्ट है कि पार्टी की गोवा बैठक में रविवार को मोदी का कद बढ़ाए जाने से ही इस्तीफा जुड़ा हुआ है। आडवाणी ने कहा है, "कुछ समय से मैं पार्टी के मौजूदा कामकाज से और जिस दिशा में पार्टी जा रही है, उससे तालमेल बिठाने में कठिनाई महसूस कर रहा हूं।" आडवाणी ने कहा है कि अब "किसी के मन में यह भावना नहीं रह गई है कि यह वही आदर्शवादी पार्टी है, जिसे श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, नानाजी देशमुख और अटल बिहारी वाजपेयी ने खड़ा किया था, जिनकी एक मात्र चिंता देश और देश की जनता को लेकर थी।" आडवाणी ने पत्र में लिखा है, "हमारे अधिकांश नेता अब मात्र अपने निजी एजेंडे को लेकर चिंतित हैं।" इस तरह आडवाणी ने भाजपा नेताओं की अबतक सबसे कड़ी आलोचना की है, और इससे पार्टी का आंतरिक कलह खुलकर बाहर आ गया है। आडवाणी ने आगे लिखा है, "इसलिए मैंने पार्टी के तीन प्रमुख पदों - राष्ट्रीय कार्यकारिणी, संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है। इसे मेरा त्यागपत्र समझा जा सकता है।" आडवाणी अब सिर्फ भाजपा के सदस्य भर रह गए हैं। आडवाणी के इस्तीफे से भाजपा सन्न रह गई है। अधिकांश नेता, जो सोमवार सुबह तक मोदी के उन्नयन के खुमार में थे, उन्होंने शुरू में इस पर कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया। भाजपा की वैचारिक रूप से अभिभावक संस्था, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने इस घटना को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताया। इस्तीफा मिलने के एक घंटे के अंदर भाजपा ने कहा कि आडवाणी को मनाने की कोशिश की जाएगी। राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया कि उन्होंने आडवाणी का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। राजग के घटक दल, जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) के अध्यक्ष शरद यादव ने कहा, "यह दुखद है.. यह राजग के लिए अच्छा नहीं है।" गोवा से भाजपा सांसद श्रीपद नाइक ने कहा, "यह वाकई में दुर्भाग्यपूर्ण है।" भाजपा नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि पार्टी को भरोसा है कि वह आडवाणी को इस्तीफा वापस लेने के लिए कह सकती है। भाजपा में छिड़े गृहयुद्ध से कांग्रेस खुश नजर आई। कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने कहा, "इस पर भाजपा को सोचना है। संबंधित व्यक्ति को सोचना है। हमने पहले ही कहा था कि इसके (मोदी का उन्नयन) अपने नतीजे होंगे।"टिप्पणियां आडवाणी 1947 में आरएसएस से जुड़े और जब 1951 में जनसंघ की स्थापना हुई तो उससे भी जुड़ गए। 1986 में उन्होंने भाजपा के अध्यक्ष पद की कमान तब संभाली थी जब लोकसभा में इसके मात्र दो सांसद थे। अध्यक्ष बनने के तत्काल बाद आडवाणी राम मंदिर आंदोलन के प्रबल समर्थक बन गए। इसी आंदोलन ने भाजपा को आगे बढ़ने में मदद की और इसके बाद यह एक बड़ी पार्टी के रूप में उभरी। इससे पहले, गोवा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के समापन के ठीक एक दिन बाद सोमवार को पार्टी के कद्दावर नेता लालकृष्ण आडवाणी के सभी पदों से इस्तीफा देने के बाद पार्टी में कोहराम मच गया। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के उन्नयन विरोधी आडवाणी ने आरोप लगाया है कि पार्टी के अधिकांश नेता सिर्फ अपने निजी एजेंडे को तरजीह दे रहे हैं। गोवा में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के आखिरी दिन रविवार को आम चुनाव के लिए भाजपा की प्रचार समिति के अध्यक्ष के रूप में नरेंद्र मोदी को नियुक्त किया गया था। आडवाणी का अप्रत्याशित फैसला यदि नहीं बदलता है तो इसका सीधा सा मतलब मोदी को 2014 के आम चुनाव में प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी के रूप में मंजूरी प्रदान किया जाना होगा। शाम तक चले घटनाक्रम में भाजपा के वरिष्ठ नेता आडवाणी को मनाने के लिए उनके आवास पर जमे रहे। पार्टी के भीतर फूट सार्वजनिक होने से घबराई भाजपा ने आनन फानन में अपनी संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई। संसदीय बोर्ड पार्टी की तीन शीर्ष निकायों में से एक है। दो अन्य निकाय राष्ट्रीय कार्यकारिणी और चुनाव समिति हैं। गुजरात से मोदी ने आडवाणी से अपना इस्तीफा वापस लेने का आग्रह किया और अपने नेता से पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं को निराश नहीं करने की अपील की। 1980 के दशक में भाजपा के गठन से लेकर इसे राजनीतिक रूप से सबल बनाने वाले और पार्टी को धुर हिंदूवादी विचारधारा देने वाले आडवाणी मोदी का उन्नयन करने से रोकने में कामयाब नहीं हो सके। अपना विरोध जताने के लिए उन्होंने राष्ट्रीय कार्यकारिणी, संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति से ही इस्तीफा दे दिया। आडवाणी ने पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह को एक नाराजगी भरा पत्र लिखा है। तीन पैरे के पत्र में मोदी का कहीं भी जिक्र नहीं है, लेकिन इसके स्वर से स्पष्ट है कि पार्टी की गोवा बैठक में रविवार को मोदी का कद बढ़ाए जाने से ही इस्तीफा जुड़ा हुआ है। आडवाणी ने कहा है, "कुछ समय से मैं पार्टी के मौजूदा कामकाज से और जिस दिशा में पार्टी जा रही है, उससे तालमेल बिठाने में कठिनाई महसूस कर रहा हूं।" आडवाणी ने कहा है कि अब "किसी के मन में यह भावना नहीं रह गई है कि यह वही आदर्शवादी पार्टी है, जिसे श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, नानाजी देशमुख और अटल बिहारी वाजपेयी ने खड़ा किया था, जिनकी एक मात्र चिंता देश और देश की जनता को लेकर थी।" आडवाणी ने पत्र में लिखा है, "हमारे अधिकांश नेता अब मात्र अपने निजी एजेंडे को लेकर चिंतित हैं।" इस तरह आडवाणी ने भाजपा नेताओं की अबतक सबसे कड़ी आलोचना की है, और इससे पार्टी का आंतरिक कलह खुलकर बाहर आ गया है। आडवाणी ने आगे लिखा है, "इसलिए मैंने पार्टी के तीन प्रमुख पदों - राष्ट्रीय कार्यकारिणी, संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है। इसे मेरा त्यागपत्र समझा जा सकता है।" आडवाणी अब सिर्फ भाजपा के सदस्य भर रह गए हैं। आडवाणी के इस्तीफे से भाजपा सन्न रह गई है। अधिकांश नेता, जो सोमवार सुबह तक मोदी के उन्नयन के खुमार में थे, उन्होंने शुरू में इस पर कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया। भाजपा की वैचारिक रूप से अभिभावक संस्था, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने इस घटना को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताया। इस्तीफा मिलने के एक घंटे के अंदर भाजपा ने कहा कि आडवाणी को मनाने की कोशिश की जाएगी। राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया कि उन्होंने आडवाणी का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। राजग के घटक दल, जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) के अध्यक्ष शरद यादव ने कहा, "यह दुखद है.. यह राजग के लिए अच्छा नहीं है।" गोवा से भाजपा सांसद श्रीपद नाइक ने कहा, "यह वाकई में दुर्भाग्यपूर्ण है।" भाजपा नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि पार्टी को भरोसा है कि वह आडवाणी को इस्तीफा वापस लेने के लिए कह सकती है। भाजपा में छिड़े गृहयुद्ध से कांग्रेस खुश नजर आई। कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने कहा, "इस पर भाजपा को सोचना है। संबंधित व्यक्ति को सोचना है। हमने पहले ही कहा था कि इसके (मोदी का उन्नयन) अपने नतीजे होंगे।"टिप्पणियां आडवाणी 1947 में आरएसएस से जुड़े और जब 1951 में जनसंघ की स्थापना हुई तो उससे भी जुड़ गए। 1986 में उन्होंने भाजपा के अध्यक्ष पद की कमान तब संभाली थी जब लोकसभा में इसके मात्र दो सांसद थे। अध्यक्ष बनने के तत्काल बाद आडवाणी राम मंदिर आंदोलन के प्रबल समर्थक बन गए। इसी आंदोलन ने भाजपा को आगे बढ़ने में मदद की और इसके बाद यह एक बड़ी पार्टी के रूप में उभरी। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के उन्नयन विरोधी आडवाणी ने आरोप लगाया है कि पार्टी के अधिकांश नेता सिर्फ अपने निजी एजेंडे को तरजीह दे रहे हैं। गोवा में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के आखिरी दिन रविवार को आम चुनाव के लिए भाजपा की प्रचार समिति के अध्यक्ष के रूप में नरेंद्र मोदी को नियुक्त किया गया था। आडवाणी का अप्रत्याशित फैसला यदि नहीं बदलता है तो इसका सीधा सा मतलब मोदी को 2014 के आम चुनाव में प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी के रूप में मंजूरी प्रदान किया जाना होगा। शाम तक चले घटनाक्रम में भाजपा के वरिष्ठ नेता आडवाणी को मनाने के लिए उनके आवास पर जमे रहे। पार्टी के भीतर फूट सार्वजनिक होने से घबराई भाजपा ने आनन फानन में अपनी संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई। संसदीय बोर्ड पार्टी की तीन शीर्ष निकायों में से एक है। दो अन्य निकाय राष्ट्रीय कार्यकारिणी और चुनाव समिति हैं। गुजरात से मोदी ने आडवाणी से अपना इस्तीफा वापस लेने का आग्रह किया और अपने नेता से पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं को निराश नहीं करने की अपील की। 1980 के दशक में भाजपा के गठन से लेकर इसे राजनीतिक रूप से सबल बनाने वाले और पार्टी को धुर हिंदूवादी विचारधारा देने वाले आडवाणी मोदी का उन्नयन करने से रोकने में कामयाब नहीं हो सके। अपना विरोध जताने के लिए उन्होंने राष्ट्रीय कार्यकारिणी, संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति से ही इस्तीफा दे दिया। आडवाणी ने पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह को एक नाराजगी भरा पत्र लिखा है। तीन पैरे के पत्र में मोदी का कहीं भी जिक्र नहीं है, लेकिन इसके स्वर से स्पष्ट है कि पार्टी की गोवा बैठक में रविवार को मोदी का कद बढ़ाए जाने से ही इस्तीफा जुड़ा हुआ है। आडवाणी ने कहा है, "कुछ समय से मैं पार्टी के मौजूदा कामकाज से और जिस दिशा में पार्टी जा रही है, उससे तालमेल बिठाने में कठिनाई महसूस कर रहा हूं।" आडवाणी ने कहा है कि अब "किसी के मन में यह भावना नहीं रह गई है कि यह वही आदर्शवादी पार्टी है, जिसे श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, नानाजी देशमुख और अटल बिहारी वाजपेयी ने खड़ा किया था, जिनकी एक मात्र चिंता देश और देश की जनता को लेकर थी।" आडवाणी ने पत्र में लिखा है, "हमारे अधिकांश नेता अब मात्र अपने निजी एजेंडे को लेकर चिंतित हैं।" इस तरह आडवाणी ने भाजपा नेताओं की अबतक सबसे कड़ी आलोचना की है, और इससे पार्टी का आंतरिक कलह खुलकर बाहर आ गया है। आडवाणी ने आगे लिखा है, "इसलिए मैंने पार्टी के तीन प्रमुख पदों - राष्ट्रीय कार्यकारिणी, संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है। इसे मेरा त्यागपत्र समझा जा सकता है।" आडवाणी अब सिर्फ भाजपा के सदस्य भर रह गए हैं। आडवाणी के इस्तीफे से भाजपा सन्न रह गई है। अधिकांश नेता, जो सोमवार सुबह तक मोदी के उन्नयन के खुमार में थे, उन्होंने शुरू में इस पर कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया। भाजपा की वैचारिक रूप से अभिभावक संस्था, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने इस घटना को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताया। इस्तीफा मिलने के एक घंटे के अंदर भाजपा ने कहा कि आडवाणी को मनाने की कोशिश की जाएगी। राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया कि उन्होंने आडवाणी का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। राजग के घटक दल, जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) के अध्यक्ष शरद यादव ने कहा, "यह दुखद है.. यह राजग के लिए अच्छा नहीं है।" गोवा से भाजपा सांसद श्रीपद नाइक ने कहा, "यह वाकई में दुर्भाग्यपूर्ण है।" भाजपा नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि पार्टी को भरोसा है कि वह आडवाणी को इस्तीफा वापस लेने के लिए कह सकती है। भाजपा में छिड़े गृहयुद्ध से कांग्रेस खुश नजर आई। कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने कहा, "इस पर भाजपा को सोचना है। संबंधित व्यक्ति को सोचना है। हमने पहले ही कहा था कि इसके (मोदी का उन्नयन) अपने नतीजे होंगे।"टिप्पणियां आडवाणी 1947 में आरएसएस से जुड़े और जब 1951 में जनसंघ की स्थापना हुई तो उससे भी जुड़ गए। 1986 में उन्होंने भाजपा के अध्यक्ष पद की कमान तब संभाली थी जब लोकसभा में इसके मात्र दो सांसद थे। अध्यक्ष बनने के तत्काल बाद आडवाणी राम मंदिर आंदोलन के प्रबल समर्थक बन गए। इसी आंदोलन ने भाजपा को आगे बढ़ने में मदद की और इसके बाद यह एक बड़ी पार्टी के रूप में उभरी। गोवा में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के आखिरी दिन रविवार को आम चुनाव के लिए भाजपा की प्रचार समिति के अध्यक्ष के रूप में नरेंद्र मोदी को नियुक्त किया गया था। आडवाणी का अप्रत्याशित फैसला यदि नहीं बदलता है तो इसका सीधा सा मतलब मोदी को 2014 के आम चुनाव में प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी के रूप में मंजूरी प्रदान किया जाना होगा। शाम तक चले घटनाक्रम में भाजपा के वरिष्ठ नेता आडवाणी को मनाने के लिए उनके आवास पर जमे रहे। पार्टी के भीतर फूट सार्वजनिक होने से घबराई भाजपा ने आनन फानन में अपनी संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई। संसदीय बोर्ड पार्टी की तीन शीर्ष निकायों में से एक है। दो अन्य निकाय राष्ट्रीय कार्यकारिणी और चुनाव समिति हैं। गुजरात से मोदी ने आडवाणी से अपना इस्तीफा वापस लेने का आग्रह किया और अपने नेता से पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं को निराश नहीं करने की अपील की। 1980 के दशक में भाजपा के गठन से लेकर इसे राजनीतिक रूप से सबल बनाने वाले और पार्टी को धुर हिंदूवादी विचारधारा देने वाले आडवाणी मोदी का उन्नयन करने से रोकने में कामयाब नहीं हो सके। अपना विरोध जताने के लिए उन्होंने राष्ट्रीय कार्यकारिणी, संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति से ही इस्तीफा दे दिया। आडवाणी ने पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह को एक नाराजगी भरा पत्र लिखा है। तीन पैरे के पत्र में मोदी का कहीं भी जिक्र नहीं है, लेकिन इसके स्वर से स्पष्ट है कि पार्टी की गोवा बैठक में रविवार को मोदी का कद बढ़ाए जाने से ही इस्तीफा जुड़ा हुआ है। आडवाणी ने कहा है, "कुछ समय से मैं पार्टी के मौजूदा कामकाज से और जिस दिशा में पार्टी जा रही है, उससे तालमेल बिठाने में कठिनाई महसूस कर रहा हूं।" आडवाणी ने कहा है कि अब "किसी के मन में यह भावना नहीं रह गई है कि यह वही आदर्शवादी पार्टी है, जिसे श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, नानाजी देशमुख और अटल बिहारी वाजपेयी ने खड़ा किया था, जिनकी एक मात्र चिंता देश और देश की जनता को लेकर थी।" आडवाणी ने पत्र में लिखा है, "हमारे अधिकांश नेता अब मात्र अपने निजी एजेंडे को लेकर चिंतित हैं।" इस तरह आडवाणी ने भाजपा नेताओं की अबतक सबसे कड़ी आलोचना की है, और इससे पार्टी का आंतरिक कलह खुलकर बाहर आ गया है। आडवाणी ने आगे लिखा है, "इसलिए मैंने पार्टी के तीन प्रमुख पदों - राष्ट्रीय कार्यकारिणी, संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है। इसे मेरा त्यागपत्र समझा जा सकता है।" आडवाणी अब सिर्फ भाजपा के सदस्य भर रह गए हैं। आडवाणी के इस्तीफे से भाजपा सन्न रह गई है। अधिकांश नेता, जो सोमवार सुबह तक मोदी के उन्नयन के खुमार में थे, उन्होंने शुरू में इस पर कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया। भाजपा की वैचारिक रूप से अभिभावक संस्था, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने इस घटना को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताया। इस्तीफा मिलने के एक घंटे के अंदर भाजपा ने कहा कि आडवाणी को मनाने की कोशिश की जाएगी। राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया कि उन्होंने आडवाणी का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। राजग के घटक दल, जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) के अध्यक्ष शरद यादव ने कहा, "यह दुखद है.. यह राजग के लिए अच्छा नहीं है।" गोवा से भाजपा सांसद श्रीपद नाइक ने कहा, "यह वाकई में दुर्भाग्यपूर्ण है।" भाजपा नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि पार्टी को भरोसा है कि वह आडवाणी को इस्तीफा वापस लेने के लिए कह सकती है। भाजपा में छिड़े गृहयुद्ध से कांग्रेस खुश नजर आई। कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने कहा, "इस पर भाजपा को सोचना है। संबंधित व्यक्ति को सोचना है। हमने पहले ही कहा था कि इसके (मोदी का उन्नयन) अपने नतीजे होंगे।"टिप्पणियां आडवाणी 1947 में आरएसएस से जुड़े और जब 1951 में जनसंघ की स्थापना हुई तो उससे भी जुड़ गए। 1986 में उन्होंने भाजपा के अध्यक्ष पद की कमान तब संभाली थी जब लोकसभा में इसके मात्र दो सांसद थे। अध्यक्ष बनने के तत्काल बाद आडवाणी राम मंदिर आंदोलन के प्रबल समर्थक बन गए। इसी आंदोलन ने भाजपा को आगे बढ़ने में मदद की और इसके बाद यह एक बड़ी पार्टी के रूप में उभरी। आडवाणी का अप्रत्याशित फैसला यदि नहीं बदलता है तो इसका सीधा सा मतलब मोदी को 2014 के आम चुनाव में प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी के रूप में मंजूरी प्रदान किया जाना होगा। शाम तक चले घटनाक्रम में भाजपा के वरिष्ठ नेता आडवाणी को मनाने के लिए उनके आवास पर जमे रहे। पार्टी के भीतर फूट सार्वजनिक होने से घबराई भाजपा ने आनन फानन में अपनी संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई। संसदीय बोर्ड पार्टी की तीन शीर्ष निकायों में से एक है। दो अन्य निकाय राष्ट्रीय कार्यकारिणी और चुनाव समिति हैं। गुजरात से मोदी ने आडवाणी से अपना इस्तीफा वापस लेने का आग्रह किया और अपने नेता से पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं को निराश नहीं करने की अपील की। 1980 के दशक में भाजपा के गठन से लेकर इसे राजनीतिक रूप से सबल बनाने वाले और पार्टी को धुर हिंदूवादी विचारधारा देने वाले आडवाणी मोदी का उन्नयन करने से रोकने में कामयाब नहीं हो सके। अपना विरोध जताने के लिए उन्होंने राष्ट्रीय कार्यकारिणी, संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति से ही इस्तीफा दे दिया। आडवाणी ने पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह को एक नाराजगी भरा पत्र लिखा है। तीन पैरे के पत्र में मोदी का कहीं भी जिक्र नहीं है, लेकिन इसके स्वर से स्पष्ट है कि पार्टी की गोवा बैठक में रविवार को मोदी का कद बढ़ाए जाने से ही इस्तीफा जुड़ा हुआ है। आडवाणी ने कहा है, "कुछ समय से मैं पार्टी के मौजूदा कामकाज से और जिस दिशा में पार्टी जा रही है, उससे तालमेल बिठाने में कठिनाई महसूस कर रहा हूं।" आडवाणी ने कहा है कि अब "किसी के मन में यह भावना नहीं रह गई है कि यह वही आदर्शवादी पार्टी है, जिसे श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, नानाजी देशमुख और अटल बिहारी वाजपेयी ने खड़ा किया था, जिनकी एक मात्र चिंता देश और देश की जनता को लेकर थी।" आडवाणी ने पत्र में लिखा है, "हमारे अधिकांश नेता अब मात्र अपने निजी एजेंडे को लेकर चिंतित हैं।" इस तरह आडवाणी ने भाजपा नेताओं की अबतक सबसे कड़ी आलोचना की है, और इससे पार्टी का आंतरिक कलह खुलकर बाहर आ गया है। आडवाणी ने आगे लिखा है, "इसलिए मैंने पार्टी के तीन प्रमुख पदों - राष्ट्रीय कार्यकारिणी, संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है। इसे मेरा त्यागपत्र समझा जा सकता है।" आडवाणी अब सिर्फ भाजपा के सदस्य भर रह गए हैं। आडवाणी के इस्तीफे से भाजपा सन्न रह गई है। अधिकांश नेता, जो सोमवार सुबह तक मोदी के उन्नयन के खुमार में थे, उन्होंने शुरू में इस पर कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया। भाजपा की वैचारिक रूप से अभिभावक संस्था, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने इस घटना को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताया। इस्तीफा मिलने के एक घंटे के अंदर भाजपा ने कहा कि आडवाणी को मनाने की कोशिश की जाएगी। राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया कि उन्होंने आडवाणी का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। राजग के घटक दल, जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) के अध्यक्ष शरद यादव ने कहा, "यह दुखद है.. यह राजग के लिए अच्छा नहीं है।" गोवा से भाजपा सांसद श्रीपद नाइक ने कहा, "यह वाकई में दुर्भाग्यपूर्ण है।" भाजपा नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि पार्टी को भरोसा है कि वह आडवाणी को इस्तीफा वापस लेने के लिए कह सकती है। भाजपा में छिड़े गृहयुद्ध से कांग्रेस खुश नजर आई। कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने कहा, "इस पर भाजपा को सोचना है। संबंधित व्यक्ति को सोचना है। हमने पहले ही कहा था कि इसके (मोदी का उन्नयन) अपने नतीजे होंगे।"टिप्पणियां आडवाणी 1947 में आरएसएस से जुड़े और जब 1951 में जनसंघ की स्थापना हुई तो उससे भी जुड़ गए। 1986 में उन्होंने भाजपा के अध्यक्ष पद की कमान तब संभाली थी जब लोकसभा में इसके मात्र दो सांसद थे। अध्यक्ष बनने के तत्काल बाद आडवाणी राम मंदिर आंदोलन के प्रबल समर्थक बन गए। इसी आंदोलन ने भाजपा को आगे बढ़ने में मदद की और इसके बाद यह एक बड़ी पार्टी के रूप में उभरी। पार्टी के भीतर फूट सार्वजनिक होने से घबराई भाजपा ने आनन फानन में अपनी संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई। संसदीय बोर्ड पार्टी की तीन शीर्ष निकायों में से एक है। दो अन्य निकाय राष्ट्रीय कार्यकारिणी और चुनाव समिति हैं। गुजरात से मोदी ने आडवाणी से अपना इस्तीफा वापस लेने का आग्रह किया और अपने नेता से पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं को निराश नहीं करने की अपील की। 1980 के दशक में भाजपा के गठन से लेकर इसे राजनीतिक रूप से सबल बनाने वाले और पार्टी को धुर हिंदूवादी विचारधारा देने वाले आडवाणी मोदी का उन्नयन करने से रोकने में कामयाब नहीं हो सके। अपना विरोध जताने के लिए उन्होंने राष्ट्रीय कार्यकारिणी, संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति से ही इस्तीफा दे दिया। आडवाणी ने पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह को एक नाराजगी भरा पत्र लिखा है। तीन पैरे के पत्र में मोदी का कहीं भी जिक्र नहीं है, लेकिन इसके स्वर से स्पष्ट है कि पार्टी की गोवा बैठक में रविवार को मोदी का कद बढ़ाए जाने से ही इस्तीफा जुड़ा हुआ है। आडवाणी ने कहा है, "कुछ समय से मैं पार्टी के मौजूदा कामकाज से और जिस दिशा में पार्टी जा रही है, उससे तालमेल बिठाने में कठिनाई महसूस कर रहा हूं।" आडवाणी ने कहा है कि अब "किसी के मन में यह भावना नहीं रह गई है कि यह वही आदर्शवादी पार्टी है, जिसे श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, नानाजी देशमुख और अटल बिहारी वाजपेयी ने खड़ा किया था, जिनकी एक मात्र चिंता देश और देश की जनता को लेकर थी।" आडवाणी ने पत्र में लिखा है, "हमारे अधिकांश नेता अब मात्र अपने निजी एजेंडे को लेकर चिंतित हैं।" इस तरह आडवाणी ने भाजपा नेताओं की अबतक सबसे कड़ी आलोचना की है, और इससे पार्टी का आंतरिक कलह खुलकर बाहर आ गया है। आडवाणी ने आगे लिखा है, "इसलिए मैंने पार्टी के तीन प्रमुख पदों - राष्ट्रीय कार्यकारिणी, संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है। इसे मेरा त्यागपत्र समझा जा सकता है।" आडवाणी अब सिर्फ भाजपा के सदस्य भर रह गए हैं। आडवाणी के इस्तीफे से भाजपा सन्न रह गई है। अधिकांश नेता, जो सोमवार सुबह तक मोदी के उन्नयन के खुमार में थे, उन्होंने शुरू में इस पर कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया। भाजपा की वैचारिक रूप से अभिभावक संस्था, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने इस घटना को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताया। इस्तीफा मिलने के एक घंटे के अंदर भाजपा ने कहा कि आडवाणी को मनाने की कोशिश की जाएगी। राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया कि उन्होंने आडवाणी का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। राजग के घटक दल, जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) के अध्यक्ष शरद यादव ने कहा, "यह दुखद है.. यह राजग के लिए अच्छा नहीं है।" गोवा से भाजपा सांसद श्रीपद नाइक ने कहा, "यह वाकई में दुर्भाग्यपूर्ण है।" भाजपा नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि पार्टी को भरोसा है कि वह आडवाणी को इस्तीफा वापस लेने के लिए कह सकती है। भाजपा में छिड़े गृहयुद्ध से कांग्रेस खुश नजर आई। कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने कहा, "इस पर भाजपा को सोचना है। संबंधित व्यक्ति को सोचना है। हमने पहले ही कहा था कि इसके (मोदी का उन्नयन) अपने नतीजे होंगे।"टिप्पणियां आडवाणी 1947 में आरएसएस से जुड़े और जब 1951 में जनसंघ की स्थापना हुई तो उससे भी जुड़ गए। 1986 में उन्होंने भाजपा के अध्यक्ष पद की कमान तब संभाली थी जब लोकसभा में इसके मात्र दो सांसद थे। अध्यक्ष बनने के तत्काल बाद आडवाणी राम मंदिर आंदोलन के प्रबल समर्थक बन गए। इसी आंदोलन ने भाजपा को आगे बढ़ने में मदद की और इसके बाद यह एक बड़ी पार्टी के रूप में उभरी। गुजरात से मोदी ने आडवाणी से अपना इस्तीफा वापस लेने का आग्रह किया और अपने नेता से पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं को निराश नहीं करने की अपील की। 1980 के दशक में भाजपा के गठन से लेकर इसे राजनीतिक रूप से सबल बनाने वाले और पार्टी को धुर हिंदूवादी विचारधारा देने वाले आडवाणी मोदी का उन्नयन करने से रोकने में कामयाब नहीं हो सके। अपना विरोध जताने के लिए उन्होंने राष्ट्रीय कार्यकारिणी, संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति से ही इस्तीफा दे दिया। आडवाणी ने पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह को एक नाराजगी भरा पत्र लिखा है। तीन पैरे के पत्र में मोदी का कहीं भी जिक्र नहीं है, लेकिन इसके स्वर से स्पष्ट है कि पार्टी की गोवा बैठक में रविवार को मोदी का कद बढ़ाए जाने से ही इस्तीफा जुड़ा हुआ है। आडवाणी ने कहा है, "कुछ समय से मैं पार्टी के मौजूदा कामकाज से और जिस दिशा में पार्टी जा रही है, उससे तालमेल बिठाने में कठिनाई महसूस कर रहा हूं।" आडवाणी ने कहा है कि अब "किसी के मन में यह भावना नहीं रह गई है कि यह वही आदर्शवादी पार्टी है, जिसे श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, नानाजी देशमुख और अटल बिहारी वाजपेयी ने खड़ा किया था, जिनकी एक मात्र चिंता देश और देश की जनता को लेकर थी।" आडवाणी ने पत्र में लिखा है, "हमारे अधिकांश नेता अब मात्र अपने निजी एजेंडे को लेकर चिंतित हैं।" इस तरह आडवाणी ने भाजपा नेताओं की अबतक सबसे कड़ी आलोचना की है, और इससे पार्टी का आंतरिक कलह खुलकर बाहर आ गया है। आडवाणी ने आगे लिखा है, "इसलिए मैंने पार्टी के तीन प्रमुख पदों - राष्ट्रीय कार्यकारिणी, संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है। इसे मेरा त्यागपत्र समझा जा सकता है।" आडवाणी अब सिर्फ भाजपा के सदस्य भर रह गए हैं। आडवाणी के इस्तीफे से भाजपा सन्न रह गई है। अधिकांश नेता, जो सोमवार सुबह तक मोदी के उन्नयन के खुमार में थे, उन्होंने शुरू में इस पर कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया। भाजपा की वैचारिक रूप से अभिभावक संस्था, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने इस घटना को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताया। इस्तीफा मिलने के एक घंटे के अंदर भाजपा ने कहा कि आडवाणी को मनाने की कोशिश की जाएगी। राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया कि उन्होंने आडवाणी का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। राजग के घटक दल, जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) के अध्यक्ष शरद यादव ने कहा, "यह दुखद है.. यह राजग के लिए अच्छा नहीं है।" गोवा से भाजपा सांसद श्रीपद नाइक ने कहा, "यह वाकई में दुर्भाग्यपूर्ण है।" भाजपा नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि पार्टी को भरोसा है कि वह आडवाणी को इस्तीफा वापस लेने के लिए कह सकती है। भाजपा में छिड़े गृहयुद्ध से कांग्रेस खुश नजर आई। कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने कहा, "इस पर भाजपा को सोचना है। संबंधित व्यक्ति को सोचना है। हमने पहले ही कहा था कि इसके (मोदी का उन्नयन) अपने नतीजे होंगे।"टिप्पणियां आडवाणी 1947 में आरएसएस से जुड़े और जब 1951 में जनसंघ की स्थापना हुई तो उससे भी जुड़ गए। 1986 में उन्होंने भाजपा के अध्यक्ष पद की कमान तब संभाली थी जब लोकसभा में इसके मात्र दो सांसद थे। अध्यक्ष बनने के तत्काल बाद आडवाणी राम मंदिर आंदोलन के प्रबल समर्थक बन गए। इसी आंदोलन ने भाजपा को आगे बढ़ने में मदद की और इसके बाद यह एक बड़ी पार्टी के रूप में उभरी। 1980 के दशक में भाजपा के गठन से लेकर इसे राजनीतिक रूप से सबल बनाने वाले और पार्टी को धुर हिंदूवादी विचारधारा देने वाले आडवाणी मोदी का उन्नयन करने से रोकने में कामयाब नहीं हो सके। अपना विरोध जताने के लिए उन्होंने राष्ट्रीय कार्यकारिणी, संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति से ही इस्तीफा दे दिया। आडवाणी ने पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह को एक नाराजगी भरा पत्र लिखा है। तीन पैरे के पत्र में मोदी का कहीं भी जिक्र नहीं है, लेकिन इसके स्वर से स्पष्ट है कि पार्टी की गोवा बैठक में रविवार को मोदी का कद बढ़ाए जाने से ही इस्तीफा जुड़ा हुआ है। आडवाणी ने कहा है, "कुछ समय से मैं पार्टी के मौजूदा कामकाज से और जिस दिशा में पार्टी जा रही है, उससे तालमेल बिठाने में कठिनाई महसूस कर रहा हूं।" आडवाणी ने कहा है कि अब "किसी के मन में यह भावना नहीं रह गई है कि यह वही आदर्शवादी पार्टी है, जिसे श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, नानाजी देशमुख और अटल बिहारी वाजपेयी ने खड़ा किया था, जिनकी एक मात्र चिंता देश और देश की जनता को लेकर थी।" आडवाणी ने पत्र में लिखा है, "हमारे अधिकांश नेता अब मात्र अपने निजी एजेंडे को लेकर चिंतित हैं।" इस तरह आडवाणी ने भाजपा नेताओं की अबतक सबसे कड़ी आलोचना की है, और इससे पार्टी का आंतरिक कलह खुलकर बाहर आ गया है। आडवाणी ने आगे लिखा है, "इसलिए मैंने पार्टी के तीन प्रमुख पदों - राष्ट्रीय कार्यकारिणी, संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है। इसे मेरा त्यागपत्र समझा जा सकता है।" आडवाणी अब सिर्फ भाजपा के सदस्य भर रह गए हैं। आडवाणी के इस्तीफे से भाजपा सन्न रह गई है। अधिकांश नेता, जो सोमवार सुबह तक मोदी के उन्नयन के खुमार में थे, उन्होंने शुरू में इस पर कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया। भाजपा की वैचारिक रूप से अभिभावक संस्था, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने इस घटना को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताया। इस्तीफा मिलने के एक घंटे के अंदर भाजपा ने कहा कि आडवाणी को मनाने की कोशिश की जाएगी। राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया कि उन्होंने आडवाणी का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। राजग के घटक दल, जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) के अध्यक्ष शरद यादव ने कहा, "यह दुखद है.. यह राजग के लिए अच्छा नहीं है।" गोवा से भाजपा सांसद श्रीपद नाइक ने कहा, "यह वाकई में दुर्भाग्यपूर्ण है।" भाजपा नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि पार्टी को भरोसा है कि वह आडवाणी को इस्तीफा वापस लेने के लिए कह सकती है। भाजपा में छिड़े गृहयुद्ध से कांग्रेस खुश नजर आई। कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने कहा, "इस पर भाजपा को सोचना है। संबंधित व्यक्ति को सोचना है। हमने पहले ही कहा था कि इसके (मोदी का उन्नयन) अपने नतीजे होंगे।"टिप्पणियां आडवाणी 1947 में आरएसएस से जुड़े और जब 1951 में जनसंघ की स्थापना हुई तो उससे भी जुड़ गए। 1986 में उन्होंने भाजपा के अध्यक्ष पद की कमान तब संभाली थी जब लोकसभा में इसके मात्र दो सांसद थे। अध्यक्ष बनने के तत्काल बाद आडवाणी राम मंदिर आंदोलन के प्रबल समर्थक बन गए। इसी आंदोलन ने भाजपा को आगे बढ़ने में मदद की और इसके बाद यह एक बड़ी पार्टी के रूप में उभरी। आडवाणी ने पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह को एक नाराजगी भरा पत्र लिखा है। तीन पैरे के पत्र में मोदी का कहीं भी जिक्र नहीं है, लेकिन इसके स्वर से स्पष्ट है कि पार्टी की गोवा बैठक में रविवार को मोदी का कद बढ़ाए जाने से ही इस्तीफा जुड़ा हुआ है। आडवाणी ने कहा है, "कुछ समय से मैं पार्टी के मौजूदा कामकाज से और जिस दिशा में पार्टी जा रही है, उससे तालमेल बिठाने में कठिनाई महसूस कर रहा हूं।" आडवाणी ने कहा है कि अब "किसी के मन में यह भावना नहीं रह गई है कि यह वही आदर्शवादी पार्टी है, जिसे श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, नानाजी देशमुख और अटल बिहारी वाजपेयी ने खड़ा किया था, जिनकी एक मात्र चिंता देश और देश की जनता को लेकर थी।" आडवाणी ने पत्र में लिखा है, "हमारे अधिकांश नेता अब मात्र अपने निजी एजेंडे को लेकर चिंतित हैं।" इस तरह आडवाणी ने भाजपा नेताओं की अबतक सबसे कड़ी आलोचना की है, और इससे पार्टी का आंतरिक कलह खुलकर बाहर आ गया है। आडवाणी ने आगे लिखा है, "इसलिए मैंने पार्टी के तीन प्रमुख पदों - राष्ट्रीय कार्यकारिणी, संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है। इसे मेरा त्यागपत्र समझा जा सकता है।" आडवाणी अब सिर्फ भाजपा के सदस्य भर रह गए हैं। आडवाणी के इस्तीफे से भाजपा सन्न रह गई है। अधिकांश नेता, जो सोमवार सुबह तक मोदी के उन्नयन के खुमार में थे, उन्होंने शुरू में इस पर कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया। भाजपा की वैचारिक रूप से अभिभावक संस्था, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने इस घटना को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताया। इस्तीफा मिलने के एक घंटे के अंदर भाजपा ने कहा कि आडवाणी को मनाने की कोशिश की जाएगी। राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया कि उन्होंने आडवाणी का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। राजग के घटक दल, जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) के अध्यक्ष शरद यादव ने कहा, "यह दुखद है.. यह राजग के लिए अच्छा नहीं है।" गोवा से भाजपा सांसद श्रीपद नाइक ने कहा, "यह वाकई में दुर्भाग्यपूर्ण है।" भाजपा नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि पार्टी को भरोसा है कि वह आडवाणी को इस्तीफा वापस लेने के लिए कह सकती है। भाजपा में छिड़े गृहयुद्ध से कांग्रेस खुश नजर आई। कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने कहा, "इस पर भाजपा को सोचना है। संबंधित व्यक्ति को सोचना है। हमने पहले ही कहा था कि इसके (मोदी का उन्नयन) अपने नतीजे होंगे।"टिप्पणियां आडवाणी 1947 में आरएसएस से जुड़े और जब 1951 में जनसंघ की स्थापना हुई तो उससे भी जुड़ गए। 1986 में उन्होंने भाजपा के अध्यक्ष पद की कमान तब संभाली थी जब लोकसभा में इसके मात्र दो सांसद थे। अध्यक्ष बनने के तत्काल बाद आडवाणी राम मंदिर आंदोलन के प्रबल समर्थक बन गए। इसी आंदोलन ने भाजपा को आगे बढ़ने में मदद की और इसके बाद यह एक बड़ी पार्टी के रूप में उभरी। आडवाणी ने कहा है, "कुछ समय से मैं पार्टी के मौजूदा कामकाज से और जिस दिशा में पार्टी जा रही है, उससे तालमेल बिठाने में कठिनाई महसूस कर रहा हूं।" आडवाणी ने कहा है कि अब "किसी के मन में यह भावना नहीं रह गई है कि यह वही आदर्शवादी पार्टी है, जिसे श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, नानाजी देशमुख और अटल बिहारी वाजपेयी ने खड़ा किया था, जिनकी एक मात्र चिंता देश और देश की जनता को लेकर थी।" आडवाणी ने पत्र में लिखा है, "हमारे अधिकांश नेता अब मात्र अपने निजी एजेंडे को लेकर चिंतित हैं।" इस तरह आडवाणी ने भाजपा नेताओं की अबतक सबसे कड़ी आलोचना की है, और इससे पार्टी का आंतरिक कलह खुलकर बाहर आ गया है। आडवाणी ने आगे लिखा है, "इसलिए मैंने पार्टी के तीन प्रमुख पदों - राष्ट्रीय कार्यकारिणी, संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है। इसे मेरा त्यागपत्र समझा जा सकता है।" आडवाणी अब सिर्फ भाजपा के सदस्य भर रह गए हैं। आडवाणी के इस्तीफे से भाजपा सन्न रह गई है। अधिकांश नेता, जो सोमवार सुबह तक मोदी के उन्नयन के खुमार में थे, उन्होंने शुरू में इस पर कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया। भाजपा की वैचारिक रूप से अभिभावक संस्था, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने इस घटना को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताया। इस्तीफा मिलने के एक घंटे के अंदर भाजपा ने कहा कि आडवाणी को मनाने की कोशिश की जाएगी। राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया कि उन्होंने आडवाणी का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। राजग के घटक दल, जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) के अध्यक्ष शरद यादव ने कहा, "यह दुखद है.. यह राजग के लिए अच्छा नहीं है।" गोवा से भाजपा सांसद श्रीपद नाइक ने कहा, "यह वाकई में दुर्भाग्यपूर्ण है।" भाजपा नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि पार्टी को भरोसा है कि वह आडवाणी को इस्तीफा वापस लेने के लिए कह सकती है। भाजपा में छिड़े गृहयुद्ध से कांग्रेस खुश नजर आई। कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने कहा, "इस पर भाजपा को सोचना है। संबंधित व्यक्ति को सोचना है। हमने पहले ही कहा था कि इसके (मोदी का उन्नयन) अपने नतीजे होंगे।"टिप्पणियां आडवाणी 1947 में आरएसएस से जुड़े और जब 1951 में जनसंघ की स्थापना हुई तो उससे भी जुड़ गए। 1986 में उन्होंने भाजपा के अध्यक्ष पद की कमान तब संभाली थी जब लोकसभा में इसके मात्र दो सांसद थे। अध्यक्ष बनने के तत्काल बाद आडवाणी राम मंदिर आंदोलन के प्रबल समर्थक बन गए। इसी आंदोलन ने भाजपा को आगे बढ़ने में मदद की और इसके बाद यह एक बड़ी पार्टी के रूप में उभरी। आडवाणी ने कहा है कि अब "किसी के मन में यह भावना नहीं रह गई है कि यह वही आदर्शवादी पार्टी है, जिसे श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, नानाजी देशमुख और अटल बिहारी वाजपेयी ने खड़ा किया था, जिनकी एक मात्र चिंता देश और देश की जनता को लेकर थी।" आडवाणी ने पत्र में लिखा है, "हमारे अधिकांश नेता अब मात्र अपने निजी एजेंडे को लेकर चिंतित हैं।" इस तरह आडवाणी ने भाजपा नेताओं की अबतक सबसे कड़ी आलोचना की है, और इससे पार्टी का आंतरिक कलह खुलकर बाहर आ गया है। आडवाणी ने आगे लिखा है, "इसलिए मैंने पार्टी के तीन प्रमुख पदों - राष्ट्रीय कार्यकारिणी, संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है। इसे मेरा त्यागपत्र समझा जा सकता है।" आडवाणी अब सिर्फ भाजपा के सदस्य भर रह गए हैं। आडवाणी के इस्तीफे से भाजपा सन्न रह गई है। अधिकांश नेता, जो सोमवार सुबह तक मोदी के उन्नयन के खुमार में थे, उन्होंने शुरू में इस पर कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया। भाजपा की वैचारिक रूप से अभिभावक संस्था, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने इस घटना को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताया। इस्तीफा मिलने के एक घंटे के अंदर भाजपा ने कहा कि आडवाणी को मनाने की कोशिश की जाएगी। राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया कि उन्होंने आडवाणी का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। राजग के घटक दल, जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) के अध्यक्ष शरद यादव ने कहा, "यह दुखद है.. यह राजग के लिए अच्छा नहीं है।" गोवा से भाजपा सांसद श्रीपद नाइक ने कहा, "यह वाकई में दुर्भाग्यपूर्ण है।" भाजपा नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि पार्टी को भरोसा है कि वह आडवाणी को इस्तीफा वापस लेने के लिए कह सकती है। भाजपा में छिड़े गृहयुद्ध से कांग्रेस खुश नजर आई। कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने कहा, "इस पर भाजपा को सोचना है। संबंधित व्यक्ति को सोचना है। हमने पहले ही कहा था कि इसके (मोदी का उन्नयन) अपने नतीजे होंगे।"टिप्पणियां आडवाणी 1947 में आरएसएस से जुड़े और जब 1951 में जनसंघ की स्थापना हुई तो उससे भी जुड़ गए। 1986 में उन्होंने भाजपा के अध्यक्ष पद की कमान तब संभाली थी जब लोकसभा में इसके मात्र दो सांसद थे। अध्यक्ष बनने के तत्काल बाद आडवाणी राम मंदिर आंदोलन के प्रबल समर्थक बन गए। इसी आंदोलन ने भाजपा को आगे बढ़ने में मदद की और इसके बाद यह एक बड़ी पार्टी के रूप में उभरी। आडवाणी ने पत्र में लिखा है, "हमारे अधिकांश नेता अब मात्र अपने निजी एजेंडे को लेकर चिंतित हैं।" इस तरह आडवाणी ने भाजपा नेताओं की अबतक सबसे कड़ी आलोचना की है, और इससे पार्टी का आंतरिक कलह खुलकर बाहर आ गया है। आडवाणी ने आगे लिखा है, "इसलिए मैंने पार्टी के तीन प्रमुख पदों - राष्ट्रीय कार्यकारिणी, संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है। इसे मेरा त्यागपत्र समझा जा सकता है।" आडवाणी अब सिर्फ भाजपा के सदस्य भर रह गए हैं। आडवाणी के इस्तीफे से भाजपा सन्न रह गई है। अधिकांश नेता, जो सोमवार सुबह तक मोदी के उन्नयन के खुमार में थे, उन्होंने शुरू में इस पर कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया। भाजपा की वैचारिक रूप से अभिभावक संस्था, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने इस घटना को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताया। इस्तीफा मिलने के एक घंटे के अंदर भाजपा ने कहा कि आडवाणी को मनाने की कोशिश की जाएगी। राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया कि उन्होंने आडवाणी का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। राजग के घटक दल, जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) के अध्यक्ष शरद यादव ने कहा, "यह दुखद है.. यह राजग के लिए अच्छा नहीं है।" गोवा से भाजपा सांसद श्रीपद नाइक ने कहा, "यह वाकई में दुर्भाग्यपूर्ण है।" भाजपा नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि पार्टी को भरोसा है कि वह आडवाणी को इस्तीफा वापस लेने के लिए कह सकती है। भाजपा में छिड़े गृहयुद्ध से कांग्रेस खुश नजर आई। कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने कहा, "इस पर भाजपा को सोचना है। संबंधित व्यक्ति को सोचना है। हमने पहले ही कहा था कि इसके (मोदी का उन्नयन) अपने नतीजे होंगे।"टिप्पणियां आडवाणी 1947 में आरएसएस से जुड़े और जब 1951 में जनसंघ की स्थापना हुई तो उससे भी जुड़ गए। 1986 में उन्होंने भाजपा के अध्यक्ष पद की कमान तब संभाली थी जब लोकसभा में इसके मात्र दो सांसद थे। अध्यक्ष बनने के तत्काल बाद आडवाणी राम मंदिर आंदोलन के प्रबल समर्थक बन गए। इसी आंदोलन ने भाजपा को आगे बढ़ने में मदद की और इसके बाद यह एक बड़ी पार्टी के रूप में उभरी। आडवाणी ने आगे लिखा है, "इसलिए मैंने पार्टी के तीन प्रमुख पदों - राष्ट्रीय कार्यकारिणी, संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है। इसे मेरा त्यागपत्र समझा जा सकता है।" आडवाणी अब सिर्फ भाजपा के सदस्य भर रह गए हैं। आडवाणी के इस्तीफे से भाजपा सन्न रह गई है। अधिकांश नेता, जो सोमवार सुबह तक मोदी के उन्नयन के खुमार में थे, उन्होंने शुरू में इस पर कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया। भाजपा की वैचारिक रूप से अभिभावक संस्था, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने इस घटना को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताया। इस्तीफा मिलने के एक घंटे के अंदर भाजपा ने कहा कि आडवाणी को मनाने की कोशिश की जाएगी। राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया कि उन्होंने आडवाणी का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। राजग के घटक दल, जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) के अध्यक्ष शरद यादव ने कहा, "यह दुखद है.. यह राजग के लिए अच्छा नहीं है।" गोवा से भाजपा सांसद श्रीपद नाइक ने कहा, "यह वाकई में दुर्भाग्यपूर्ण है।" भाजपा नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि पार्टी को भरोसा है कि वह आडवाणी को इस्तीफा वापस लेने के लिए कह सकती है। भाजपा में छिड़े गृहयुद्ध से कांग्रेस खुश नजर आई। कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने कहा, "इस पर भाजपा को सोचना है। संबंधित व्यक्ति को सोचना है। हमने पहले ही कहा था कि इसके (मोदी का उन्नयन) अपने नतीजे होंगे।"टिप्पणियां आडवाणी 1947 में आरएसएस से जुड़े और जब 1951 में जनसंघ की स्थापना हुई तो उससे भी जुड़ गए। 1986 में उन्होंने भाजपा के अध्यक्ष पद की कमान तब संभाली थी जब लोकसभा में इसके मात्र दो सांसद थे। अध्यक्ष बनने के तत्काल बाद आडवाणी राम मंदिर आंदोलन के प्रबल समर्थक बन गए। इसी आंदोलन ने भाजपा को आगे बढ़ने में मदद की और इसके बाद यह एक बड़ी पार्टी के रूप में उभरी। आडवाणी के इस्तीफे से भाजपा सन्न रह गई है। अधिकांश नेता, जो सोमवार सुबह तक मोदी के उन्नयन के खुमार में थे, उन्होंने शुरू में इस पर कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया। भाजपा की वैचारिक रूप से अभिभावक संस्था, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने इस घटना को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताया। इस्तीफा मिलने के एक घंटे के अंदर भाजपा ने कहा कि आडवाणी को मनाने की कोशिश की जाएगी। राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया कि उन्होंने आडवाणी का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। राजग के घटक दल, जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) के अध्यक्ष शरद यादव ने कहा, "यह दुखद है.. यह राजग के लिए अच्छा नहीं है।" गोवा से भाजपा सांसद श्रीपद नाइक ने कहा, "यह वाकई में दुर्भाग्यपूर्ण है।" भाजपा नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि पार्टी को भरोसा है कि वह आडवाणी को इस्तीफा वापस लेने के लिए कह सकती है। भाजपा में छिड़े गृहयुद्ध से कांग्रेस खुश नजर आई। कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने कहा, "इस पर भाजपा को सोचना है। संबंधित व्यक्ति को सोचना है। हमने पहले ही कहा था कि इसके (मोदी का उन्नयन) अपने नतीजे होंगे।"टिप्पणियां आडवाणी 1947 में आरएसएस से जुड़े और जब 1951 में जनसंघ की स्थापना हुई तो उससे भी जुड़ गए। 1986 में उन्होंने भाजपा के अध्यक्ष पद की कमान तब संभाली थी जब लोकसभा में इसके मात्र दो सांसद थे। अध्यक्ष बनने के तत्काल बाद आडवाणी राम मंदिर आंदोलन के प्रबल समर्थक बन गए। इसी आंदोलन ने भाजपा को आगे बढ़ने में मदद की और इसके बाद यह एक बड़ी पार्टी के रूप में उभरी। भाजपा की वैचारिक रूप से अभिभावक संस्था, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने इस घटना को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताया। इस्तीफा मिलने के एक घंटे के अंदर भाजपा ने कहा कि आडवाणी को मनाने की कोशिश की जाएगी। राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया कि उन्होंने आडवाणी का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। राजग के घटक दल, जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) के अध्यक्ष शरद यादव ने कहा, "यह दुखद है.. यह राजग के लिए अच्छा नहीं है।" गोवा से भाजपा सांसद श्रीपद नाइक ने कहा, "यह वाकई में दुर्भाग्यपूर्ण है।" भाजपा नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि पार्टी को भरोसा है कि वह आडवाणी को इस्तीफा वापस लेने के लिए कह सकती है। भाजपा में छिड़े गृहयुद्ध से कांग्रेस खुश नजर आई। कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने कहा, "इस पर भाजपा को सोचना है। संबंधित व्यक्ति को सोचना है। हमने पहले ही कहा था कि इसके (मोदी का उन्नयन) अपने नतीजे होंगे।"टिप्पणियां आडवाणी 1947 में आरएसएस से जुड़े और जब 1951 में जनसंघ की स्थापना हुई तो उससे भी जुड़ गए। 1986 में उन्होंने भाजपा के अध्यक्ष पद की कमान तब संभाली थी जब लोकसभा में इसके मात्र दो सांसद थे। अध्यक्ष बनने के तत्काल बाद आडवाणी राम मंदिर आंदोलन के प्रबल समर्थक बन गए। इसी आंदोलन ने भाजपा को आगे बढ़ने में मदद की और इसके बाद यह एक बड़ी पार्टी के रूप में उभरी। इस्तीफा मिलने के एक घंटे के अंदर भाजपा ने कहा कि आडवाणी को मनाने की कोशिश की जाएगी। राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया कि उन्होंने आडवाणी का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। राजग के घटक दल, जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) के अध्यक्ष शरद यादव ने कहा, "यह दुखद है.. यह राजग के लिए अच्छा नहीं है।" गोवा से भाजपा सांसद श्रीपद नाइक ने कहा, "यह वाकई में दुर्भाग्यपूर्ण है।" भाजपा नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि पार्टी को भरोसा है कि वह आडवाणी को इस्तीफा वापस लेने के लिए कह सकती है। भाजपा में छिड़े गृहयुद्ध से कांग्रेस खुश नजर आई। कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने कहा, "इस पर भाजपा को सोचना है। संबंधित व्यक्ति को सोचना है। हमने पहले ही कहा था कि इसके (मोदी का उन्नयन) अपने नतीजे होंगे।"टिप्पणियां आडवाणी 1947 में आरएसएस से जुड़े और जब 1951 में जनसंघ की स्थापना हुई तो उससे भी जुड़ गए। 1986 में उन्होंने भाजपा के अध्यक्ष पद की कमान तब संभाली थी जब लोकसभा में इसके मात्र दो सांसद थे। अध्यक्ष बनने के तत्काल बाद आडवाणी राम मंदिर आंदोलन के प्रबल समर्थक बन गए। इसी आंदोलन ने भाजपा को आगे बढ़ने में मदद की और इसके बाद यह एक बड़ी पार्टी के रूप में उभरी। राजग के घटक दल, जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) के अध्यक्ष शरद यादव ने कहा, "यह दुखद है.. यह राजग के लिए अच्छा नहीं है।" गोवा से भाजपा सांसद श्रीपद नाइक ने कहा, "यह वाकई में दुर्भाग्यपूर्ण है।" भाजपा नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि पार्टी को भरोसा है कि वह आडवाणी को इस्तीफा वापस लेने के लिए कह सकती है। भाजपा में छिड़े गृहयुद्ध से कांग्रेस खुश नजर आई। कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने कहा, "इस पर भाजपा को सोचना है। संबंधित व्यक्ति को सोचना है। हमने पहले ही कहा था कि इसके (मोदी का उन्नयन) अपने नतीजे होंगे।"टिप्पणियां आडवाणी 1947 में आरएसएस से जुड़े और जब 1951 में जनसंघ की स्थापना हुई तो उससे भी जुड़ गए। 1986 में उन्होंने भाजपा के अध्यक्ष पद की कमान तब संभाली थी जब लोकसभा में इसके मात्र दो सांसद थे। अध्यक्ष बनने के तत्काल बाद आडवाणी राम मंदिर आंदोलन के प्रबल समर्थक बन गए। इसी आंदोलन ने भाजपा को आगे बढ़ने में मदद की और इसके बाद यह एक बड़ी पार्टी के रूप में उभरी। गोवा से भाजपा सांसद श्रीपद नाइक ने कहा, "यह वाकई में दुर्भाग्यपूर्ण है।" भाजपा नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि पार्टी को भरोसा है कि वह आडवाणी को इस्तीफा वापस लेने के लिए कह सकती है। भाजपा में छिड़े गृहयुद्ध से कांग्रेस खुश नजर आई। कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने कहा, "इस पर भाजपा को सोचना है। संबंधित व्यक्ति को सोचना है। हमने पहले ही कहा था कि इसके (मोदी का उन्नयन) अपने नतीजे होंगे।"टिप्पणियां आडवाणी 1947 में आरएसएस से जुड़े और जब 1951 में जनसंघ की स्थापना हुई तो उससे भी जुड़ गए। 1986 में उन्होंने भाजपा के अध्यक्ष पद की कमान तब संभाली थी जब लोकसभा में इसके मात्र दो सांसद थे। अध्यक्ष बनने के तत्काल बाद आडवाणी राम मंदिर आंदोलन के प्रबल समर्थक बन गए। इसी आंदोलन ने भाजपा को आगे बढ़ने में मदद की और इसके बाद यह एक बड़ी पार्टी के रूप में उभरी। भाजपा में छिड़े गृहयुद्ध से कांग्रेस खुश नजर आई। कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने कहा, "इस पर भाजपा को सोचना है। संबंधित व्यक्ति को सोचना है। हमने पहले ही कहा था कि इसके (मोदी का उन्नयन) अपने नतीजे होंगे।"टिप्पणियां आडवाणी 1947 में आरएसएस से जुड़े और जब 1951 में जनसंघ की स्थापना हुई तो उससे भी जुड़ गए। 1986 में उन्होंने भाजपा के अध्यक्ष पद की कमान तब संभाली थी जब लोकसभा में इसके मात्र दो सांसद थे। अध्यक्ष बनने के तत्काल बाद आडवाणी राम मंदिर आंदोलन के प्रबल समर्थक बन गए। इसी आंदोलन ने भाजपा को आगे बढ़ने में मदद की और इसके बाद यह एक बड़ी पार्टी के रूप में उभरी। आडवाणी 1947 में आरएसएस से जुड़े और जब 1951 में जनसंघ की स्थापना हुई तो उससे भी जुड़ गए। 1986 में उन्होंने भाजपा के अध्यक्ष पद की कमान तब 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अब पेशेवर बॉक्सिंग में हाथ आजमाने को तैयार मैनचेस्‍टर यूनाइटेड का यह मशहूर फुटबॉलर
ट्वीट में कहा-नई शुरुआत का इंतजार नहीं हो रहा मुक्‍केबाजी के लिए मेरा हमेशा से जुनून रहा है मैनचेस्‍टर यूनाइटेड के लिए 312 मैच खेले फर्डिनांड
It's happening... Can’t wait to get started with the team @betfair have put together, @richiewoodhall and @meldeane#DefenderToContenderpic.twitter.com/s6AmLRo7DN Looking forward to the challenge ahead.. Thanks to every1 for their support! Let's go team @richiewoodhall@meldeane#DefenderToContenderpic.twitter.com/f9EgoY29gd (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
UGC NET: आंसर-की इस दिन हो सकती है जारी, क्वेश्चन पेपर और रेस्पॉन्स ऐसे करें चेक
UGC NET आंसर-की जल्द जारी होगी. क्वेश्चन पेपर और रिकॉर्डिड रेस्पॉन्स जारी कर दिया गया है. परीक्षा 18 से 22 दिसंबर तक हुई थी.
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने यूजीसी नेट परीक्षा का क्वेश्चन पेपर (UGC NET Question Paper) और उम्मीदवारों का रिकॉर्डिड रेस्पॉन्स जारी कर दिया है. उम्मीदवार क्वेश्चन पेपर और रिकॉर्डिड रेस्पॉन्स NTA NET की ऑफिशियल वेबसाइट ntanet.nic.in पर जाकर चेक कर सकते हैं. उम्मीदवार क्वेश्चन पेपर 28 दिसंबर तक ही चेक कर सकते हैं. यूजीसी नेट परीक्षा की आंसर-की (UGC NET Answer Key 2018) जल्द ही जारी कर दी जाएगी. रिपोर्ट्स के मुताबिक आंसर-की (NTA NET Answer Key) 31 दिसंबर को जारी कर दी जाएगी, जबकि यूजीसी नेट का रिजल्ट (UGC NET Result) 10 जनवरी 2019 को जारी होगा. आंसर-की जारी होने के बाद उम्मीदवार सवाल और जवाब पर आपत्ति भी दर्ज करा पाएंगे. उम्मीदवारों को आपत्ति दर्ज कराने के लिए 1 हजार रुपये प्रति सवाल देना होगा. बता दें कि UGC NET Exam 18 दिसंबर से 22 दिसंबर तक आयोजित किया गया था. परीक्षा में करीब 1.8 लाख अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था. उम्मीदवार नीचे दिए गए डायरेक्ट लिंक से क्वेश्चन पेपर और रिकॉर्डिड रेस्पॉन्स चेक कर सकते हैं.UGC NET
INDvsWI : तीसरे वनडे में 'राह ताकते' रह गए ऋषभ पंत, अब चौथे वनडे पर टिकी आस...!
एमएस धोनी का वर्ल्ड कप 2019 में खेलना तय नहीं है टीम इंडिया को उनके विकल्प की तलाश करनी होगी विंडीज जैसी टीम के खिलाफ इसके लिए सुनहरा मौका है
टीम इंडिया इस समय वेस्टइंडीज दौरे में वनडे सीरीज खेल रही है. पहला मैच बारिश से धुलने के बाद उसने दो मैच जीतकर सीरीज में 2-0 की बढ़त भी हासिल कर ली है. अब वह रविवार को विंडीज के साथ चौथा वनडे खेलेगी. इस दौरे की शुरुआत में माना जा रहा था कि कप्तान विराट कोहली टीम में कुछ प्रयोग करेंगे और युवा खिलाड़ियों को मौके देंगे, लेकिन विराट ने नियमित टीम के साथ ही उतरना पसंद किया. तीसरे वनडे से पहले तो विराट कोहली ने टीम में बदलाव के संकेत भी दिए थे. जाहिर है इससे एमएस धोनी के उत्तराधिकारी माने जा रहे युवा ऋषभ पंत उत्साहित भी रहे होंगे, लेकिन उन्हें मौका नहीं मिल पाया. अब चौथे वनडे से पहले भी विराट ने कुछ ऐसा ही संकेत दिया है. देखना होगा कि वह इस पर अमल करते हैं या नहीं. विराट कोहली ने तीसरे वनडे में टीम के शानदार प्रदर्शन पर खुशी जाहिर करते हुए प्लेइंग इलेवन में कुछ बदलाव के संकेत दिए हैं. इससे उन खिलाड़ियों को मौका मिलने की उम्मीद है, जो वेस्टइंडीज के खिलाफ मौजूदा सीरीज में अब तक नहीं खेले हैं. ऋषभ पंत, दिनेश कार्तिक और मोहम्मद शमी को अब तक खेलने का मौका नहीं मिला है. वैसे 2019 के वर्ल्ड कप की तैयारी को देखते हुए विंडीज जैसी कमजोर टीम के खिलाफ प्रयोग करना टीम के लिए अच्छा रहेगा. दौरे में अभी दो मैच बचे हैं. ऐसे में इन्हें मौका दिया जा सकता है. ऐसे में टीम में एमएस धोनी के उत्तराधिकारी माने जा रहे विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत को भी जगह मिल सकती है.टिप्पणियां प्लेइंग इलेवन में बदलाव के संकेत पर कोहली ने कहा, 'हम निश्चित तौर पर इस पर (बदलाव करने पर) गौर करेंगे. हमारे पास कुछ खिलाड़ी हैं जिन्हें पिछले कुछ समय से खेलने का मौका नहीं मिला है.' वैसे विराट कोहली ने युवा स्पिनर कुलदीप यादव को डेब्यू का मौका दिया और उन्होने अपनी छाप भी छोड़ दी. ऋषभ पंत को लेकर भी विराट ने संकेत दिया था, लेकिन तीसरे वनडे में उन्हें नहीं लिया. गौरतलब है कि पंत विकेटकीपर भी हैं और उनका अंदाज आक्रामक है. माना जा रहा है कि धोनी के रिटायरमेंट के बाद वह टीम में बिल्कुल फिट बैठेंगे. विराट कोहली ने तीसरे वनडे में टीम के शानदार प्रदर्शन पर खुशी जाहिर करते हुए प्लेइंग इलेवन में कुछ बदलाव के संकेत दिए हैं. इससे उन खिलाड़ियों को मौका मिलने की उम्मीद है, जो वेस्टइंडीज के खिलाफ मौजूदा सीरीज में अब तक नहीं खेले हैं. ऋषभ पंत, दिनेश कार्तिक और मोहम्मद शमी को अब तक खेलने का मौका नहीं मिला है. वैसे 2019 के वर्ल्ड कप की तैयारी को देखते हुए विंडीज जैसी कमजोर टीम के खिलाफ प्रयोग करना टीम के लिए अच्छा रहेगा. दौरे में अभी दो मैच बचे हैं. ऐसे में इन्हें मौका दिया जा सकता है. ऐसे में टीम में एमएस धोनी के उत्तराधिकारी माने जा रहे विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत को भी जगह मिल सकती है.टिप्पणियां प्लेइंग इलेवन में बदलाव के संकेत पर कोहली ने कहा, 'हम निश्चित तौर पर इस पर (बदलाव करने पर) गौर करेंगे. हमारे पास कुछ खिलाड़ी हैं जिन्हें पिछले कुछ समय से खेलने का मौका नहीं मिला है.' वैसे विराट कोहली ने युवा स्पिनर कुलदीप यादव को डेब्यू का मौका दिया और उन्होने अपनी छाप भी छोड़ दी. ऋषभ पंत को लेकर भी विराट ने संकेत दिया था, लेकिन तीसरे वनडे में उन्हें नहीं लिया. गौरतलब है कि पंत विकेटकीपर भी हैं और उनका अंदाज आक्रामक है. माना जा रहा है कि धोनी के रिटायरमेंट के बाद वह टीम में बिल्कुल फिट बैठेंगे. वैसे 2019 के वर्ल्ड कप की तैयारी को देखते हुए विंडीज जैसी कमजोर टीम के खिलाफ प्रयोग करना टीम के लिए अच्छा रहेगा. दौरे में अभी दो मैच बचे हैं. ऐसे में इन्हें मौका दिया जा सकता है. ऐसे में टीम में एमएस धोनी के उत्तराधिकारी माने जा रहे विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत को भी जगह मिल सकती है.टिप्पणियां प्लेइंग इलेवन में बदलाव के संकेत पर कोहली ने कहा, 'हम निश्चित तौर पर इस पर (बदलाव करने पर) गौर करेंगे. हमारे पास कुछ खिलाड़ी हैं जिन्हें पिछले कुछ समय से खेलने का मौका नहीं मिला है.' वैसे विराट कोहली ने युवा स्पिनर कुलदीप यादव को डेब्यू का मौका दिया और उन्होने अपनी छाप भी छोड़ दी. ऋषभ पंत को लेकर भी विराट ने संकेत दिया था, लेकिन तीसरे वनडे में उन्हें नहीं लिया. गौरतलब है कि पंत विकेटकीपर भी हैं और उनका अंदाज आक्रामक है. माना जा रहा है कि धोनी के रिटायरमेंट के बाद वह टीम में बिल्कुल फिट बैठेंगे. प्लेइंग इलेवन में बदलाव के संकेत पर कोहली ने कहा, 'हम निश्चित तौर पर इस पर (बदलाव करने पर) गौर करेंगे. हमारे पास कुछ खिलाड़ी हैं जिन्हें पिछले कुछ समय से खेलने का मौका नहीं मिला है.' वैसे विराट कोहली ने युवा स्पिनर कुलदीप यादव को डेब्यू का मौका दिया और उन्होने अपनी छाप भी छोड़ दी. ऋषभ पंत को लेकर भी विराट ने संकेत दिया था, लेकिन तीसरे वनडे में उन्हें नहीं लिया. गौरतलब है कि पंत विकेटकीपर भी हैं और उनका अंदाज आक्रामक है. माना जा रहा है कि धोनी के रिटायरमेंट के बाद वह टीम में बिल्कुल फिट बैठेंगे. वैसे विराट कोहली ने युवा स्पिनर कुलदीप यादव को डेब्यू का मौका दिया और उन्होने अपनी छाप भी छोड़ दी. ऋषभ पंत को लेकर भी विराट ने संकेत दिया था, लेकिन तीसरे वनडे में उन्हें नहीं लिया. गौरतलब है कि पंत विकेटकीपर भी हैं और उनका अंदाज आक्रामक है. माना जा रहा है कि धोनी के रिटायरमेंट के बाद वह टीम में बिल्कुल फिट बैठेंगे.
पीएम मोदी की मिमिक्री कर सुर्खियों में आए श्याम रंगीला हुए लाफ्टर शो से बाहर...
टीवी पर नया दिखाया जाएगा श्याम रंगीला का पीएम की मिमिक्री वाला हिस्सा 'द ग्रेंट इंडियन लाफ्टर चैलेंज' से बाहर हुए श्याल रंगीला मुझे नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी की मिमिक्री करने से रोका गया: श्याम
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यूपी में सहकर्मी ने रेलवे के स्टेशन मास्टर को मारी गोली
पूर्वात्तर रेलवे के वाराणसी मंडल के सलेमपुर रेलवे स्टेशन के सहायक स्टेशन मास्टर को शनिवार सुबह उनके सहकर्मी ने मामूली बात पर गोली मार दी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए।
पूर्वात्तर रेलवे के वाराणसी मंडल के सलेमपुर रेलवे स्टेशन के सहायक स्टेशन मास्टर को शनिवार सुबह उनके सहकर्मी ने मामूली बात पर गोली मार दी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए।टिप्पणियां रेलवे पुलिस के इंस्पेक्टर बीएन सिंह ने बताया कि सलेमपुर रेलवे स्टेशन के सहायक स्टेशन मास्टर विजय मिश्र और बुकिंग क्लर्क उपेन्द्र सिंह के बीच किसी बात पर कहासुनी हो गई, जिसके बाद सिंह ने अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर से विजय मिश्र पर गोली चला दी। उन्होंने बताया कि गोलीबारी में मिश्र गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें गोरखपुर के एक नर्सिग होम में भर्ती कराया गया है। सिंह ने बताया कि गोली चलाने वाला क्लर्क वारदात के बाद से फरार है और उसकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। रेलवे पुलिस के इंस्पेक्टर बीएन सिंह ने बताया कि सलेमपुर रेलवे स्टेशन के सहायक स्टेशन मास्टर विजय मिश्र और बुकिंग क्लर्क उपेन्द्र सिंह के बीच किसी बात पर कहासुनी हो गई, जिसके बाद सिंह ने अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर से विजय मिश्र पर गोली चला दी। उन्होंने बताया कि गोलीबारी में मिश्र गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें गोरखपुर के एक नर्सिग होम में भर्ती कराया गया है। सिंह ने बताया कि गोली चलाने वाला क्लर्क वारदात के बाद से फरार है और उसकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि गोलीबारी में मिश्र गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें गोरखपुर के एक नर्सिग होम में भर्ती कराया गया है। सिंह ने बताया कि गोली चलाने वाला क्लर्क वारदात के बाद से फरार है और उसकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।
श्रीनगर में नेशनल कॉन्फ्रेंस कार्यकर्ता की हत्या
लाल चौक से मुश्किल से दो किलोमीटर की दूरी पर बटमालू के घनी आबादी वाले इलाके में पेशे से दुकानदार बशीर अहमद बट को गोली मार दी गई।
जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में आतंकवादियों ने शनिवार सुबह सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस के एक कार्यकर्ता की हत्या कर दी। शहर के मध्य स्थित लाल चौक से मुश्किल से दो किलोमीटर की दूरी पर बटमालू के घनी आबादी वाले इलाके में पेशे से दुकानदार बशीर अहमद बट को गोली मार दी गई। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि बट को तुरंत एसएमएचएस अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई। 1996 में बट के पिता व नेशनल कॉन्फ्रेंस के ब्लॉक अध्यक्ष मुहम्मद जमाल बट की भी अलगाववादियों ने इसी इलाके में हत्या कर दी थी। सुरक्षा बल इलाके की तलाश कर रहे हैं। अब तक किसी आतंकी समूह ने इस हत्या की जिम्मेदारी नहीं ली है।
वर ढूंढ़ने में हो रहा है आरटीआई का इस्तेमाल
मेरठ में लड़की पक्ष के लोग सूचना के अधिकार कानून का इस्तेमाल करके इस बात का पता लगा रहे हैं कि दूल्हे का नाम किसी आपराधिक मामले में तो दर्ज नहीं है।
आपराधिक रिकार्ड वाले लड़कों के लिए अब धोखाधड़ी करके शादी कर पाना मुश्किल होगा, क्योंकि लड़की पक्ष के लोग सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून का इस्तेमाल करके इस बात का पता लगा रहे हैं कि दूल्हे का नाम इस तरह के किसी मामले में तो नहीं है। पुलिस कार्यालय के आंकड़ों के मुताबिक अब तक करीब 400 ऐसे आवेदन मिले हैं, जिनमें लोगों ने लड़की की शादी की बात कहते हुए लड़के का आपराधिक ब्यौरा मांगा है। मेरठ के पुलिस अधीक्षक (शहर) पीपी सिंह ने बताया कि आरटीआई के तहत मिलने वाले आवेदनों का पुलिस लगातार जवाब दे रही है। उन्होंने बताया कि अब तक पुलिस को मिले करीब 400 आवेदनों में से 300 लोगों को इससे संबंधित सूचना भेजी जा चुकी है। अधिकारियों का कहना है कि जिस तरह से इन आवेदकों की संख्या बढ़ रह रही है, उससे पुलिस का काम काफी बढ़ गया हैं। दरअसल लड़की पक्ष के लोग शादी की बात आगे बढ़ाने से पहले जानना चाहते हैं कि लड़के का कोई आपराधिक इतिहास तो नहीं है।
मिताली, झूलन एकदिवसीय रैंकिंग में शीर्ष पर
मिताली के 49.83 की औसत से 823 अंक हैं जबकि झूलन के नाम 21.66 की औसत से 777 अंक दर्ज हैं।
भारत की मिताली राज और झूलन गोस्वामी में सोमवार को जारी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद की नवीनतम एकदिवसीय महिला रैंकिंग में क्रमश: बल्लेबाज और गेंदबाज की सूची में अपना शीर्ष स्थान कायम रखा है। मिताली के 49.83 की औसत से 823 अंक हैं जबकि झूलन के नाम 21.66 की औसत से 777 अंक दर्ज हैं। अन्य भारतीय खिलाड़ियों को भी अपनी रैंकिंग में सुधार की उम्मीद है क्योंकि टीम को आज से मुंबई में वेस्टइंडीज के खिलाफ पांच मैचों की श्रृंखला खेलनी है। झूलन बेहतर प्रदर्शन के साथ शीर्ष स्थान पर अपनी स्थिति मजबूत करने उतरेंगी जबकि पांचवें स्थान पर मौजूद रुमेली धर का इरादा भी रैंकिंग में सुधार करना होगा। इस बीच इंग्लैंड की चालरेट एडवर्डस बल्लेबाजों की सूची में तीसरे स्थान पर पहुंच गई हैं जबकि उनकी टीम को हाल में आस्ट्रेलिया के हाथों तीन मैचों की श्रृंखला में शिकस्त का सामना करना पड़ा। एडवर्डस ने श्रृंखला में 188 रन बनाये लेकिन इसके बावजूद इंग्लैंड ने श्रृंखला 1.2 से गंवा दी। ऑस्ट्रेलिया की आलराउंडर लीसा स्थालेकर दो स्थान की छलांग के साथ छठे स्थान पर पहुंच गई हैं। वह गेंदबाजी सूची में भी तीसरे स्थान पर पहुंच गई हैं। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ श्रृंखला में अपनी आफ स्पिन से पांच विकेट चटकाये। आलराउंडरों की सूची में वह दूसरे स्थान पर बरकरार हैं। आईसीसी की महिला क्रिकेटर आफ द ईयर 2010 आस्ट्रेलिया की शैली निश्के बल्लेबाजों की सूची में दूसरे स्थान पर बरकरार हैं। इंग्लैंड की लारा मार्श गेंदबाजी रैंकिंग में चौथे स्थान पर पहुंच गई हैं। उन्होंने आस्ट्रेलिया के खिलाफ श्रृंखला में छह विकेट चटकाये थे। आलराउंडरों की रैंकिंग में हालांकि कोई बदलाव नहंी हुआ है और निश्के चोटी पर चल रही हैं। स्थालेकर दूसरे जबकि टेलर तीसरे स्थान पर हैं।
हाई कोर्ट ने गुडगाँव में नए निर्माण पर रोक लगाई
राजधानी दिल्ली से सटे गुडगाँव में अब नए निर्माण नहीं हो सकेंगे। यह आदेश पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने दिया है। कोर्ट ने यह आदेश एक जनहित याचिका की सुनवाई के चलते दिया है।
राजधानी दिल्ली से सटे गुडगाँव में अब नए निर्माण नहीं हो सकेंगे। यह आदेश पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने दिया है। कोर्ट ने यह आदेश एक जनहित याचिका की सुनवाई के चलते दिया है। गुडगाँव की क़ुतुब रेसिडेंसियल वेलफेयर एसोसिएसन ने चार साल पहले जनहित याचिका डाल यह मांग की थी कि गुडगाँव शहर में पानी की समस्या लगातार बढ़ रही है जिससे जमीनी पानी का स्तर भी तेजी से गिर रहा है। इसकी वजह लगातार हो रहे बड़े-बड़े निर्माण का जमीनी पानी इस्तेमाल करना है। क़ुतुब रेसिडेंसियल वेलफेयर एसोसिएसन का कहना है की सरकार ने नए मास्टर प्लान के तहत शहर में हुडा के सेक्टर 58 से बढ़ा कर 115 कर दिए हैं जबकि सरकार हाल फिलहाल की आबादी को तो पर्याप्त पानी ही मुहैया नहीं करा पा रही है। याचिका कर्ता आर एस राठी ने कहा कि हाई कोर्ट ने सभी सम्बंधित विभाग जिनमें जिला प्रसाशन, हुडा विभाग और नगर निगम के आला अधिकारियों को 31 जुलाई तक अपना जबाब कोर्ट के समक्ष रखने की बात कही है। कोर्ट ने कहा है की सभी विभाग नए निर्माण को अब अनुमति देने से पहले कोर्ट के सामने यह साफ़ करे कि पानी के स्त्रोत क्या हैं जिससे निर्माण और हाल की आबादी की पानी की जरूरत एक साथ पूरी की जा सके। टिप्पणियां गुडगाँव शहर की पानी की जरूरत की बात की जाये तो प्रतिदिन 135 मिलियन गैलन है जबकि मिल 80 मिलियन गैलन ही पाता है। लगभग 70 प्रतिशत शहर की पानी की जरूरत जमीनी पानी से पूरी हो रही है जिसकी वजह से हर साल एक से 2 मीटर जमीनी पानी का स्तर गिर रहा है। सहयाचिकाकर्ता अभय ने कहा कि हाई कोर्ट के इस रूख के बाद नए निर्माण पर तो पाबन्दी लग गई है लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि हरियाणा सरकार और जिला प्रसाशन का पानी की बढ़ती भयानक समस्या से निपटाने का मास्टर प्लान क्या होगा ताकि भविष्य के मास्टर प्लान पर लटकी तलवार हट सके। क़ुतुब रेसिडेंसियल वेलफेयर एसोसिएसन का कहना है की सरकार ने नए मास्टर प्लान के तहत शहर में हुडा के सेक्टर 58 से बढ़ा कर 115 कर दिए हैं जबकि सरकार हाल फिलहाल की आबादी को तो पर्याप्त पानी ही मुहैया नहीं करा पा रही है। याचिका कर्ता आर एस राठी ने कहा कि हाई कोर्ट ने सभी सम्बंधित विभाग जिनमें जिला प्रसाशन, हुडा विभाग और नगर निगम के आला अधिकारियों को 31 जुलाई तक अपना जबाब कोर्ट के समक्ष रखने की बात कही है। कोर्ट ने कहा है की सभी विभाग नए निर्माण को अब अनुमति देने से पहले कोर्ट के सामने यह साफ़ करे कि पानी के स्त्रोत क्या हैं जिससे निर्माण और हाल की आबादी की पानी की जरूरत एक साथ पूरी की जा सके। टिप्पणियां गुडगाँव शहर की पानी की जरूरत की बात की जाये तो प्रतिदिन 135 मिलियन गैलन है जबकि मिल 80 मिलियन गैलन ही पाता है। लगभग 70 प्रतिशत शहर की पानी की जरूरत जमीनी पानी से पूरी हो रही है जिसकी वजह से हर साल एक से 2 मीटर जमीनी पानी का स्तर गिर रहा है। सहयाचिकाकर्ता अभय ने कहा कि हाई कोर्ट के इस रूख के बाद नए निर्माण पर तो पाबन्दी लग गई है लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि हरियाणा सरकार और जिला प्रसाशन का पानी की बढ़ती भयानक समस्या से निपटाने का मास्टर प्लान क्या होगा ताकि भविष्य के मास्टर प्लान पर लटकी तलवार हट सके। याचिका कर्ता आर एस राठी ने कहा कि हाई कोर्ट ने सभी सम्बंधित विभाग जिनमें जिला प्रसाशन, हुडा विभाग और नगर निगम के आला अधिकारियों को 31 जुलाई तक अपना जबाब कोर्ट के समक्ष रखने की बात कही है। कोर्ट ने कहा है की सभी विभाग नए निर्माण को अब अनुमति देने से पहले कोर्ट के सामने यह साफ़ करे कि पानी के स्त्रोत क्या हैं जिससे निर्माण और हाल की आबादी की पानी की जरूरत एक साथ पूरी की जा सके। टिप्पणियां गुडगाँव शहर की पानी की जरूरत की बात की जाये तो प्रतिदिन 135 मिलियन गैलन है जबकि मिल 80 मिलियन गैलन ही पाता है। लगभग 70 प्रतिशत शहर की पानी की जरूरत जमीनी पानी से पूरी हो रही है जिसकी वजह से हर साल एक से 2 मीटर जमीनी पानी का स्तर गिर रहा है। सहयाचिकाकर्ता अभय ने कहा कि हाई कोर्ट के इस रूख के बाद नए निर्माण पर तो पाबन्दी लग गई है लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि हरियाणा सरकार और जिला प्रसाशन का पानी की बढ़ती भयानक समस्या से निपटाने का मास्टर प्लान क्या होगा ताकि भविष्य के मास्टर प्लान पर लटकी तलवार हट सके। गुडगाँव शहर की पानी की जरूरत की बात की जाये तो प्रतिदिन 135 मिलियन गैलन है जबकि मिल 80 मिलियन गैलन ही पाता है। लगभग 70 प्रतिशत शहर की पानी की जरूरत जमीनी पानी से पूरी हो रही है जिसकी वजह से हर साल एक से 2 मीटर जमीनी पानी का स्तर गिर रहा है। सहयाचिकाकर्ता अभय ने कहा कि हाई कोर्ट के इस रूख के बाद नए निर्माण पर तो पाबन्दी लग गई है लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि हरियाणा सरकार और जिला प्रसाशन का पानी की बढ़ती भयानक समस्या से निपटाने का मास्टर प्लान क्या होगा ताकि भविष्य के मास्टर प्लान पर लटकी तलवार हट सके। सहयाचिकाकर्ता अभय ने कहा कि हाई कोर्ट के इस रूख के बाद नए निर्माण पर तो पाबन्दी लग गई है लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि हरियाणा सरकार और जिला प्रसाशन का पानी की बढ़ती भयानक समस्या से निपटाने का मास्टर प्लान क्या होगा ताकि भविष्य के मास्टर प्लान पर लटकी तलवार हट सके।
श्रीलंका दौरा : चोट के कारण मुरली विजय भारतीय टेस्‍ट टीम से बाहर, इस ओपनर को मिला टीम में स्‍थान
विजय के दाहिने हाथ की कलाई में अभी भी है दर्द ऑस्‍ट्रेलिया टीम के भारत दौरे के दौरान लगी थी चोट शिखर धवन को उनकी जगह टेस्‍ट टीम में स्‍थान मिला
भारतीय टीम : भारतीय टीम :
शेयर बाजारों में गिरावट का रुख
प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 98.33 अंकों की गिरावट के साथ 16599.74 पर जबकि निफ्टी 25.40 अंकों की गिरावट के साथ 4990.15 पर खुला।
देश के शेयर बाजारों में सप्ताह के अंतिम कारोबारी दिवस शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में गिरावट का रुख देखा गया। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 98.33 अंकों की गिरावट के साथ 16599.74 पर जबकि निफ्टी 25.40 अंकों की गिरावट के साथ 4990.15 पर खुला। सुबह करीब 9.30 बजे बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 157.98 अंकों की गिरावट के साथ 16540.09 पर जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 52.25 अंकों की गिरावट के साथ 4963.20 पर कारोबार कर रहा था। बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी गिरावट का रुख था।
केरल : सीएम के इस्तीफे की मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन
केरल के तिरुवनंतपुरम में विधानसभा के समक्ष सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री ओमन चांडी के इस्तीफे की मांग की। पत्नी पर अत्याचार के आरोप में मंत्री केबी गणेश कुमार के इस्तीफे के बाद भी लोगों का गुस्सा नहीं हुआ है और पुलिस को आंसू गैस और पानी की बौछारो
केरल के तिरुवनंतपुरम में विधानसभा के समक्ष सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री ओमन चांडी के इस्तीफे की मांग की। पत्नी पर अत्याचार के आरोप में मंत्री केबी गणेश कुमार के इस्तीफे के बाद भी लोगों का गुस्सा नहीं हुआ है और पुलिस को आंसू गैस और पानी की बौछारों का इस्तेमाल करना पड़ा है। लोगों का यह विरोध प्रदर्शन मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर जारी है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सीएम को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए। सीपीआईएम के कार्यकर्ताओं का कहना है कि सीएम ने विधानसभा को गुमराह किया है। सीएम ने कहा कि मंत्री की पत्नी ने कोई शिकायत नहीं की है जबकि पुलिस में मंत्री की पत्नी ने शिकायत दर्ज कराई थी।टिप्पणियां सदन में विपक्ष के नेता वीएस अच्युतानंदन ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सीएण अपने पूर्व मंत्री का बचाव कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि घरेलू हिंसा आरोपी अब भी मंत्री की कुर्सी पर बैठा है वहीं, सीएम कह रहे हैं कि न्याय होगा। इस पूरे प्रकरण में सीएम चांडी का कहना है कि यह सारे आरोप बेबुनियाद हैं। उनका कहना है कि जब गणेश कुमार की पत्नी उनसे मिलने पहली बार आईं थी तब उन्होंने कोई लिखित शिकायत नहीं की थी। दूसरी बार जब वह मिली थीं तब उन्होंने शिकायत की थी। लोगों का यह विरोध प्रदर्शन मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर जारी है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सीएम को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए। सीपीआईएम के कार्यकर्ताओं का कहना है कि सीएम ने विधानसभा को गुमराह किया है। सीएम ने कहा कि मंत्री की पत्नी ने कोई शिकायत नहीं की है जबकि पुलिस में मंत्री की पत्नी ने शिकायत दर्ज कराई थी।टिप्पणियां सदन में विपक्ष के नेता वीएस अच्युतानंदन ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सीएण अपने पूर्व मंत्री का बचाव कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि घरेलू हिंसा आरोपी अब भी मंत्री की कुर्सी पर बैठा है वहीं, सीएम कह रहे हैं कि न्याय होगा। इस पूरे प्रकरण में सीएम चांडी का कहना है कि यह सारे आरोप बेबुनियाद हैं। उनका कहना है कि जब गणेश कुमार की पत्नी उनसे मिलने पहली बार आईं थी तब उन्होंने कोई लिखित शिकायत नहीं की थी। दूसरी बार जब वह मिली थीं तब उन्होंने शिकायत की थी। सीपीआईएम के कार्यकर्ताओं का कहना है कि सीएम ने विधानसभा को गुमराह किया है। सीएम ने कहा कि मंत्री की पत्नी ने कोई शिकायत नहीं की है जबकि पुलिस में मंत्री की पत्नी ने शिकायत दर्ज कराई थी।टिप्पणियां सदन में विपक्ष के नेता वीएस अच्युतानंदन ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सीएण अपने पूर्व मंत्री का बचाव कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि घरेलू हिंसा आरोपी अब भी मंत्री की कुर्सी पर बैठा है वहीं, सीएम कह रहे हैं कि न्याय होगा। इस पूरे प्रकरण में सीएम चांडी का कहना है कि यह सारे आरोप बेबुनियाद हैं। उनका कहना है कि जब गणेश कुमार की पत्नी उनसे मिलने पहली बार आईं थी तब उन्होंने कोई लिखित शिकायत नहीं की थी। दूसरी बार जब वह मिली थीं तब उन्होंने शिकायत की थी। सदन में विपक्ष के नेता वीएस अच्युतानंदन ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सीएण अपने पूर्व मंत्री का बचाव कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि घरेलू हिंसा आरोपी अब भी मंत्री की कुर्सी पर बैठा है वहीं, सीएम कह रहे हैं कि न्याय होगा। इस पूरे प्रकरण में सीएम चांडी का कहना है कि यह सारे आरोप बेबुनियाद हैं। उनका कहना है कि जब गणेश कुमार की पत्नी उनसे मिलने पहली बार आईं थी तब उन्होंने कोई लिखित शिकायत नहीं की थी। दूसरी बार जब वह मिली थीं तब उन्होंने शिकायत की थी। इस पूरे प्रकरण में सीएम चांडी का कहना है कि यह सारे आरोप बेबुनियाद हैं। उनका कहना है कि जब गणेश कुमार की पत्नी उनसे मिलने पहली बार आईं थी तब उन्होंने कोई लिखित शिकायत नहीं की थी। दूसरी बार जब वह मिली थीं तब उन्होंने शिकायत की थी।
रयान स्कूल में हत्या के बाद क्या कहना है डरे हुए माता-पिता का...
गुड़गांव के रयान इंटरनेशनल स्कूल की घटना बच्चा शुक्रवार को स्कूल के शौचालय में मृत मिला था. उसका गला रेता गया था.
गौरतलब है कि बच्चा शुक्रवार को स्कूल के शौचालय में मृत मिला था. उसका गला रेता गया था. बच्चों के अभिभावकों के रोष के बाद सीबीएसई ने जांच समिति बनाने का कदम उठाया था. गुड़गांव के पुलिस आयुक्त संदीप खीरवार ने दावा किया कि इस जघन्य अपराध में, गिरफ्तार किए गए स्कूल बस के कंडक्टर अशोक कुमार की संलिप्तता सामने आई है.टिप्पणियां उन्होंने बताया कि अशोक कुमार यौन उत्पीड़न करने के इरादे से शौचालय के अंदर किसी छात्र के आने का इंतजार कर रहा था. पीड़ित बच्चा शौचालय में गया. उसने कुमार की हरकत का विरोध किया जिसके बाद कुमार ने उसकी हत्या कर दी. बच्चे का गला कटा हुआ था. खीरवार ने बताया "कुमार ने कहा कि वह डर गया था और यह सोच कर उसने बच्चे को मार डाला कि कहीं वह स्कूल के प्रबंधन को अपराध के बारे में न बता दे. वह चाकू को शौचालय में ही छोड़ गया. वहां से जाने से पहले उसने हाथ भी धोए. यह सुनियोजित तरीके से किया गया अपराध था. उन्होंने बताया कि अशोक कुमार यौन उत्पीड़न करने के इरादे से शौचालय के अंदर किसी छात्र के आने का इंतजार कर रहा था. पीड़ित बच्चा शौचालय में गया. उसने कुमार की हरकत का विरोध किया जिसके बाद कुमार ने उसकी हत्या कर दी. बच्चे का गला कटा हुआ था. खीरवार ने बताया "कुमार ने कहा कि वह डर गया था और यह सोच कर उसने बच्चे को मार डाला कि कहीं वह स्कूल के प्रबंधन को अपराध के बारे में न बता दे. वह चाकू को शौचालय में ही छोड़ गया. वहां से जाने से पहले उसने हाथ भी धोए. यह सुनियोजित तरीके से किया गया अपराध था. खीरवार ने बताया "कुमार ने कहा कि वह डर गया था और यह सोच कर उसने बच्चे को मार डाला कि कहीं वह स्कूल के प्रबंधन को अपराध के बारे में न बता दे. वह चाकू को शौचालय में ही छोड़ गया. वहां से जाने से पहले उसने हाथ भी धोए. यह सुनियोजित तरीके से किया गया अपराध था.
पाकिस्तान में लड़कियों के स्कूल को विस्फोट से उड़ाया
पुलिस के अनुसार अज्ञात हमलावरों ने जलंदर गांव के सामुदायिक प्राथमिक विद्यालय में दो बम लगा दिए और वहां मौजूद चौकीदार को बंधक बना दिया।
पाकिस्तान में आतंकवादियों ने लड़कियों के प्राथमिक विद्यालय को विस्फोट से उड़ा दिया। एक समाचार पत्र के मुताबिक देर रात खैबर पख्तूनवा प्रांत के मरदान शहर के बाहरी इलाके में स्थित एक गांव में यह घटना घटी। पुलिस के अनुसार अज्ञात हमलावरों ने जलंदर गांव के सामुदायिक प्राथमिक विद्यालय में दो बम लगा दिए और वहां मौजूद चौकीदार को बंधक बना दिया। विस्फोट से स्कूल की इमारत तबाह हो गई। पुलिस के अनुसार अज्ञात हमलावरों ने जलंदर गांव के सामुदायिक प्राथमिक विद्यालय में दो बम लगा दिए और वहां मौजूद चौकीदार को बंधक बना दिया। विस्फोट से स्कूल की इमारत तबाह हो गई।
ट्रेन को समय पर चलाने को लेकर समिति ने रेलवे बोर्ड को सौंपी रिपोर्ट
रिपोर्ट के आधार पर बोर्ड ने जारी किया आदेश कई बड़े बदलाव की बात कही गई है ट्रेनों के रुकने के समय में भी बदलाव की बात
रिपोर्ट में कहा गया है कि दीर्घ समय के उपायों में ट्रेनों के समय पर चलने के लिए रेलवे को उपनगरीय और मुख्य लाइन कोरीडोर को अलग करना चाहिए. साथ ही मालगाड़ी और कोचिंग कोरीडोर भी यथासंभव अलग किए जाने चाहिए. (इनपुट भाषा से)
आलोक वर्मा ने तोड़ी चुप्पी: मैंने CBI की साख बनाए रखने की कोशिश की, झूठे आरोपों के आधार पर मुझे हटाया
CBI चीफ के पद से हटाए जाने पर आलोक वर्मा ने तोड़ी चुप्पी. आलोक वर्मा ने कहा कि झूठे आरोपों की वजह से उन्हें हटाया गया. आलोक वर्मा को सुप्रीम कोर्ट ने दोबारा दफ्तर में बहाल किया था.
CBI Director Alok Verma Removed: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मात्र दो दिन बाद पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली एक हाई पावर सेलेक्शन कमेटी द्वारा हटाए जाने पर आलोक वर्मा ( Alok Verma CBI Director) ने अपनी चुप्पी तोड़ी है. सीबीआई चीफ पद से हटाए गये आलोक वर्मा ने कहा कि झूठे, अप्रमाणित और बेहद हल्के आरोपों को आधार बनाकर ट्रांसफर किया गया है. आगे उन्होंने कहा कि ये आरोप उस एक शख्स ने लगाए हैं, जो उनसे द्वेष रखता है. बता दें कि सीबीआई यानी केंद्रीय जांच ब्यूरो निदेशक पद से हटाए जाने के बाद आलोक वर्मा को अग्निशमन सेवा, नागरिक सुरक्षा और होम गार्ड का महानिदेशक बनाया गया है. गौरतलब है कि आलोक वर्मा (, CBI Chief Alok Verma) को सीबीआई के निदेशक पद से हटाए जाने को लेकर राहुल गांधी समेत कई नेताओं ने पीएम मोदी पर निशाना साधा है.  दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद गुरुवार को सेलेक्शन कमेटी की बैठक में 2:1 से ये फ़ैसला लिया गया कि आलोक वर्मा को सीबीआई चीफ के पद से हटाया जाए. पैनल में मौजूद पीएम मोदी और चीफ़ जस्टिस के प्रतिनिधि के तौर पर मौजूद जस्टिस एके सीकरी वर्मा को हटाने के पक्ष में थे. वहीं पैनल के तीसरे सदस्य के तौर पर मौजूद लोकसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे आलोक वर्मा को हटाने के विरोध में थे. उन्होंने समिति को विरोध की चिट्ठी भी सौंपी.  इस मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए आलोक वर्मा ने गुरुवार देर रात पीटीआई को दिए एक बयान में कहा कि 'सीबीआई उच्च सार्वजनिक स्थानों में भ्रष्टाचार से निपटने वाली एक प्रमुख जांच एजेंसी है, एक ऐसी संस्था है जिसकी स्वतंत्रता को संरक्षित और सुरक्षित किया जाना चाहिए. आगे उन्होंने कहा कि इसे बिना किसी बाहरी प्रभावों यानी दखलअंदाजी के कार्य करना चाहिए. मैंने संस्था की साख बनाए रखने की कोशिश की है, जबकि इसे नष्ट करने के प्रयास किए जा रहे हैं. इसे केंद्र सरकार और सीवीसी के 23 अक्टूबर, 2018 के आदेशों में देखा जा सकता है जो बिना किसी अधिकार क्षेत्र के दिए गए थे और जिन्हें रद्द कर दिया गया.' पैनल ने पाया कि सीवीसी ने आलोक वर्मा पर गंभीर टिप्पणियां की हैं. पैनल को लगा कि आलोक वर्मा जिस तरह के संवेदनशील संस्था के प्रमुख थे, उन्होंने वैसा आचरण नहीं किया. पैनल के मुताबिक सीवीसी को लगा है कि मोइन क़ुरैशी मामले में आलोक वर्मा की भूमिका संदेहास्पद है. IRCTC केस में सीवीसी को ये लगा है कि जानबूझकर वर्मा ने एक नाम हटाया है. वहीं सीवीसी को कई दूसरे मामलों में भी शर्मा के खिलाफ सबूत मिले हैं. फ़िलहाल उन्हें डीजी फायर सर्विसेज़, सिविल डिफेंस और होमगार्ड का बनाया गया है.
सपना चौधरी ने स्टेज पर किया ऐसा तूफानी डांस, घायल हुए फैंस, Video हुआ वायरल
सपना चौधरी ने फिर मचाई धूम देहरादून में किया स्टेज परफॉर्मेंस बार-बार देखा जा रहा उनका वीडियो
A post shared by Sapna Choudhary (@itssapnachoudhary) on May 10, 2019 at 4:49am PDT सपना चौधरी (Sapna Choudhary) वैसे भी इन दिनों देशभर में डांस परफॉर्मेंस कर रही हैं. वो जहां भी जाती हैं अपने डांस से धमाल मचा देती हैं. उनका यह वीडियो भी इसी कड़ी का हिस्सा है. उन्होंने पिछले दिनों छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में शो किया था, इस शो में सपना ने अपने हरियाणवी गानों पर जमकर डांस किया था, और वहां भीड़ भी खूब थी. सपना चौधरी के फैन्स अब देश भर में बन गए हैं और इसकी मिसाल छत्तीसगढ़ में बखूबी नजर भी आई. सपना चौधरी ने यहां अपने जाने-पहचाने अंदाज में डांस किया और उनके फैन्स ने जमकर सीटियां बजाकर उसका लुत्फ भी उठाया. इस तरह सपना चौधरी फैन्स का दिल जीतने में कामयाब भी रहीं. A post shared by DESI QUEEN (@isapnachaudhary) on Dec 20, 2018 at 4:25am PST सपना चौधरी (Sapna Choudhary) ने बहुत कम उम्र में ऑर्केस्ट्रा करने में काम करना शुरू कर दिया था, और अपने परिवार को सुपोर्ट किया था. लेकिन सिंगिंग-डांसिंग में उनका करियर चल निकला और वे नित नए मुकाम छूती चली गईं. सपना चौधरी की लोकप्रियता की वजह से ही उन्हें 'बिग बॉस 11' में आने का मौका मिला, और उन्होंने बिग बॉस में जबरदस्त पारी भी खेली. सपना चौधरी बॉलीवुड फिल्म 'वीरे की वेडिंग' और 'नानू की जानू' में स्पेशल सॉन्ग किए, और अब वे बॉलीवुड में एक्टिंग डेब्यू भी करने जा रही हैं. सपना चौधरी 'दोस्ती के साइड इफेक्ट्स' फिल्म में अपनी एक्टिंग के जौहर भी दिखाएंगी. देखें सपना चौधरी अपने फैन्स को और क्या सरप्राइज देती हैं.
एंजेलीना जोली ने किया अफगानिस्तान का दौरा
एंजेलीना जोली ने अफगानिस्तान के शरणार्थियों से मिलने के लिए इस हफ्ते वहां का दौरा कर सबको हैरत में डाल दिया।
हॉलीवुड की खूबसूरत अभिनेत्री एंजेलीना जोली ने अफगानिस्तान के शरणार्थियों से मिलने के लिए इस हफ्ते वहां का दौरा कर सबको हैरत में डाल दिया। डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक लॉस एंजिलिस में रविवार रात आयोजित अकादमी अवार्ड समारोह से 35 वर्षीय एंजेलीना चुपचाप निकलीं और सोमवार को काबुल के लिए रवाना हो गईं। एंजेलीना संयुक्त राष्ट्र की सद्भावना दूत भी हैं। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में अपनी दो दिवसीय यात्रा में उन्होंने वहां जीवन जीने के लिए संघर्ष कर रहे शरणार्थियों से मुलाकात की। मुस्लिम समुदाय की भावनाओं का सम्मान करने के लिए एंजेलीना ने अपने सिर को भी ढक रखा था।
प्रधानमंत्री को उम्मीद जल्द पारित होगा खाद्य सुरक्षा विधेयक
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज उम्मीद जताई कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के ऐतिहासिक खाद्य सुरक्षा विधेयक को संसद जल्द ही पारित कर देगी।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज उम्मीद जताई कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के ऐतिहासिक खाद्य सुरक्षा विधेयक को संसद जल्द ही पारित कर देगी। इस विधेयक में देश की 81 करोड़ गरीब जनता को सस्ता अनाज उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया है। सरकार ने हाल ही में खाद्य सुरक्षा कानून लागू करने के लिए अध्यादेश जारी किया था। अब उसके लिए विधेयक संसद में पारित कराया जाना है। मनमोहन ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लालकिले की प्राचीर से राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा, खाद्य सुरक्षा विधेयक अब संसद के समक्ष है और हमें उम्मीद है कि इसे जल्द ही पारित कर दिया जाएगा। लोकसभा में इस विधेयक पर चर्चा शुरू किए जाने के सरकार का प्रयास बुधवार को एक बार फिर असफल रहा। यह लगातार दूसरा मौका रहा जब सदन में तेलंगाना और दूसरे मुद्दों को लेकर हंगामा जारी रहने की वजह से विधेयक पर चर्चा शुरू नहीं हो पाई। कांग्रेस ने विधेयक पर चर्चा के दौरान अपने सदस्यों को सदन में उपस्थित रहने के लिए व्हिप भी जारी किया था। पार्टी इस विधेयक को एक ‘‘पासा पलटू’’ पहल मान रही है। मनमोहन ने कहा कि इस कानून से देश की 75 प्रतिशत ग्रामीण आबादी को लाभ पहुंचेगा जबकि करीब आधी शहरी आबादी इससे लाभान्वित होगी।टिप्पणियां खाद्य सुरक्षा कानून के अमल में आने के बाद देश के 81 करोड़ लोगों को 3 रुपये किलो की दर पर चावल, 2 रुपये किलो गेहूं और एक रुपये किलो के भाव मोटा अनाज मिलेगा।   प्रधानमंत्री ने खाद्य सुरक्षा विधेयक के बारे में कहा, यह पूरी दुनिया में अपनी तरह का एक बड़ा प्रयास है। हम केवल अपने किसानों की कड़ी मेहनत की बदौलत ही इस कानून को लागू करने में सक्षम हो पाये हैं। वर्ष 2011-12 में हमारा खाद्यान्न उत्पादन 25.9 करोड़ टन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। मनमोहन ने आगे कहा कि खाद्य सुरक्षा विधेयक के कानून बन जाने के बाद इसका क्रियान्वयन हमारी पहली प्राथमिकता होगी। उन्होंने कहा, हमने पहले ही इस दिशा में राज्यों के साथ मिलकर काम करना शुरू कर दिया है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के कंप्यूटरीकरण का काम तेज किया जाएगा। खाद्य सुरक्षा विधेयक के कानून बन जाने और इस पर अमल शुरू होने के बाद सस्ते अनाज पर सालाना सब्सिडी खर्च 1.30 लाख करोड़ रुपये और इसके लिए खाद्यान्न की सालाना आवश्यकता 6 करोड़ 20 लाख टन तक होगी। सरकार ने हाल ही में खाद्य सुरक्षा कानून लागू करने के लिए अध्यादेश जारी किया था। अब उसके लिए विधेयक संसद में पारित कराया जाना है। मनमोहन ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लालकिले की प्राचीर से राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा, खाद्य सुरक्षा विधेयक अब संसद के समक्ष है और हमें उम्मीद है कि इसे जल्द ही पारित कर दिया जाएगा। लोकसभा में इस विधेयक पर चर्चा शुरू किए जाने के सरकार का प्रयास बुधवार को एक बार फिर असफल रहा। यह लगातार दूसरा मौका रहा जब सदन में तेलंगाना और दूसरे मुद्दों को लेकर हंगामा जारी रहने की वजह से विधेयक पर चर्चा शुरू नहीं हो पाई। कांग्रेस ने विधेयक पर चर्चा के दौरान अपने सदस्यों को सदन में उपस्थित रहने के लिए व्हिप भी जारी किया था। पार्टी इस विधेयक को एक ‘‘पासा पलटू’’ पहल मान रही है। मनमोहन ने कहा कि इस कानून से देश की 75 प्रतिशत ग्रामीण आबादी को लाभ पहुंचेगा जबकि करीब आधी शहरी आबादी इससे लाभान्वित होगी।टिप्पणियां खाद्य सुरक्षा कानून के अमल में आने के बाद देश के 81 करोड़ लोगों को 3 रुपये किलो की दर पर चावल, 2 रुपये किलो गेहूं और एक रुपये किलो के भाव मोटा अनाज मिलेगा।   प्रधानमंत्री ने खाद्य सुरक्षा विधेयक के बारे में कहा, यह पूरी दुनिया में अपनी तरह का एक बड़ा प्रयास है। हम केवल अपने किसानों की कड़ी मेहनत की बदौलत ही इस कानून को लागू करने में सक्षम हो पाये हैं। वर्ष 2011-12 में हमारा खाद्यान्न उत्पादन 25.9 करोड़ टन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। मनमोहन ने आगे कहा कि खाद्य सुरक्षा विधेयक के कानून बन जाने के बाद इसका क्रियान्वयन हमारी पहली प्राथमिकता होगी। उन्होंने कहा, हमने पहले ही इस दिशा में राज्यों के साथ मिलकर काम करना शुरू कर दिया है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के कंप्यूटरीकरण का काम तेज किया जाएगा। खाद्य सुरक्षा विधेयक के कानून बन जाने और इस पर अमल शुरू होने के बाद सस्ते अनाज पर सालाना सब्सिडी खर्च 1.30 लाख करोड़ रुपये और इसके लिए खाद्यान्न की सालाना आवश्यकता 6 करोड़ 20 लाख टन तक होगी। मनमोहन ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लालकिले की प्राचीर से राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा, खाद्य सुरक्षा विधेयक अब संसद के समक्ष है और हमें उम्मीद है कि इसे जल्द ही पारित कर दिया जाएगा। लोकसभा में इस विधेयक पर चर्चा शुरू किए जाने के सरकार का प्रयास बुधवार को एक बार फिर असफल रहा। यह लगातार दूसरा मौका रहा जब सदन में तेलंगाना और दूसरे मुद्दों को लेकर हंगामा जारी रहने की वजह से विधेयक पर चर्चा शुरू नहीं हो पाई। कांग्रेस ने विधेयक पर चर्चा के दौरान अपने सदस्यों को सदन में उपस्थित रहने के लिए व्हिप भी जारी किया था। पार्टी इस विधेयक को एक ‘‘पासा पलटू’’ पहल मान रही है। मनमोहन ने कहा कि इस कानून से देश की 75 प्रतिशत ग्रामीण आबादी को लाभ पहुंचेगा जबकि करीब आधी शहरी आबादी इससे लाभान्वित होगी।टिप्पणियां खाद्य सुरक्षा कानून के अमल में आने के बाद देश के 81 करोड़ लोगों को 3 रुपये किलो की दर पर चावल, 2 रुपये किलो गेहूं और एक रुपये किलो के भाव मोटा अनाज मिलेगा।   प्रधानमंत्री ने खाद्य सुरक्षा विधेयक के बारे में कहा, यह पूरी दुनिया में अपनी तरह का एक बड़ा प्रयास है। हम केवल अपने किसानों की कड़ी मेहनत की बदौलत ही इस कानून को लागू करने में सक्षम हो पाये हैं। वर्ष 2011-12 में हमारा खाद्यान्न उत्पादन 25.9 करोड़ टन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। मनमोहन ने आगे कहा कि खाद्य सुरक्षा विधेयक के कानून बन जाने के बाद इसका क्रियान्वयन हमारी पहली प्राथमिकता होगी। उन्होंने कहा, हमने पहले ही इस दिशा में राज्यों के साथ मिलकर काम करना शुरू कर दिया है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के कंप्यूटरीकरण का काम तेज किया जाएगा। खाद्य सुरक्षा विधेयक के कानून बन जाने और इस पर अमल शुरू होने के बाद सस्ते अनाज पर सालाना सब्सिडी खर्च 1.30 लाख करोड़ रुपये और इसके लिए खाद्यान्न की सालाना आवश्यकता 6 करोड़ 20 लाख टन तक होगी। लोकसभा में इस विधेयक पर चर्चा शुरू किए जाने के सरकार का प्रयास बुधवार को एक बार फिर असफल रहा। यह लगातार दूसरा मौका रहा जब सदन में तेलंगाना और दूसरे मुद्दों को लेकर हंगामा जारी रहने की वजह से विधेयक पर चर्चा शुरू नहीं हो पाई। कांग्रेस ने विधेयक पर चर्चा के दौरान अपने सदस्यों को सदन में उपस्थित रहने के लिए व्हिप भी जारी किया था। पार्टी इस विधेयक को एक ‘‘पासा पलटू’’ पहल मान रही है। मनमोहन ने कहा कि इस कानून से देश की 75 प्रतिशत ग्रामीण आबादी को लाभ पहुंचेगा जबकि करीब आधी शहरी आबादी इससे लाभान्वित होगी।टिप्पणियां खाद्य सुरक्षा कानून के अमल में आने के बाद देश के 81 करोड़ लोगों को 3 रुपये किलो की दर पर चावल, 2 रुपये किलो गेहूं और एक रुपये किलो के भाव मोटा अनाज मिलेगा।   प्रधानमंत्री ने खाद्य सुरक्षा विधेयक के बारे में कहा, यह पूरी दुनिया में अपनी तरह का एक बड़ा प्रयास है। हम केवल अपने किसानों की कड़ी मेहनत की बदौलत ही इस कानून को लागू करने में सक्षम हो पाये हैं। वर्ष 2011-12 में हमारा खाद्यान्न उत्पादन 25.9 करोड़ टन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। मनमोहन ने आगे कहा कि खाद्य सुरक्षा विधेयक के कानून बन जाने के बाद इसका क्रियान्वयन हमारी पहली प्राथमिकता होगी। उन्होंने कहा, हमने पहले ही इस दिशा में राज्यों के साथ मिलकर काम करना शुरू कर दिया है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के कंप्यूटरीकरण का काम तेज किया जाएगा। खाद्य सुरक्षा विधेयक के कानून बन जाने और इस पर अमल शुरू होने के बाद सस्ते अनाज पर सालाना सब्सिडी खर्च 1.30 लाख करोड़ रुपये और इसके लिए खाद्यान्न की सालाना आवश्यकता 6 करोड़ 20 लाख टन तक होगी। कांग्रेस ने विधेयक पर चर्चा के दौरान अपने सदस्यों को सदन में उपस्थित रहने के लिए व्हिप भी जारी किया था। पार्टी इस विधेयक को एक ‘‘पासा पलटू’’ पहल मान रही है। मनमोहन ने कहा कि इस कानून से देश की 75 प्रतिशत ग्रामीण आबादी को लाभ पहुंचेगा जबकि करीब आधी शहरी आबादी इससे लाभान्वित होगी।टिप्पणियां खाद्य सुरक्षा कानून के अमल में आने के बाद देश के 81 करोड़ लोगों को 3 रुपये किलो की दर पर चावल, 2 रुपये किलो गेहूं और एक रुपये किलो के भाव मोटा अनाज मिलेगा।   प्रधानमंत्री ने खाद्य सुरक्षा विधेयक के बारे में कहा, यह पूरी दुनिया में अपनी तरह का एक बड़ा प्रयास है। हम केवल अपने किसानों की कड़ी मेहनत की बदौलत ही इस कानून को लागू करने में सक्षम हो पाये हैं। वर्ष 2011-12 में हमारा खाद्यान्न उत्पादन 25.9 करोड़ टन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। मनमोहन ने आगे कहा कि खाद्य सुरक्षा विधेयक के कानून बन जाने के बाद इसका क्रियान्वयन हमारी पहली प्राथमिकता होगी। उन्होंने कहा, हमने पहले ही इस दिशा में राज्यों के साथ मिलकर काम करना शुरू कर दिया है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के कंप्यूटरीकरण का काम तेज किया जाएगा। खाद्य सुरक्षा विधेयक के कानून बन जाने और इस पर अमल शुरू होने के बाद सस्ते अनाज पर सालाना सब्सिडी खर्च 1.30 लाख करोड़ रुपये और इसके लिए खाद्यान्न की सालाना आवश्यकता 6 करोड़ 20 लाख टन तक होगी। मनमोहन ने कहा कि इस कानून से देश की 75 प्रतिशत ग्रामीण आबादी को लाभ पहुंचेगा जबकि करीब आधी शहरी आबादी इससे लाभान्वित होगी।टिप्पणियां खाद्य सुरक्षा कानून के अमल में आने के बाद देश के 81 करोड़ लोगों को 3 रुपये किलो की दर पर चावल, 2 रुपये किलो गेहूं और एक रुपये किलो के भाव मोटा अनाज मिलेगा।   प्रधानमंत्री ने खाद्य सुरक्षा विधेयक के बारे में कहा, यह पूरी दुनिया में अपनी तरह का एक बड़ा प्रयास है। हम केवल अपने किसानों की कड़ी मेहनत की बदौलत ही इस कानून को लागू करने में सक्षम हो पाये हैं। वर्ष 2011-12 में हमारा खाद्यान्न उत्पादन 25.9 करोड़ टन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। मनमोहन ने आगे कहा कि खाद्य सुरक्षा विधेयक के कानून बन जाने के बाद इसका क्रियान्वयन हमारी पहली प्राथमिकता होगी। उन्होंने कहा, हमने पहले ही इस दिशा में राज्यों के साथ मिलकर काम करना शुरू कर दिया है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के कंप्यूटरीकरण का काम तेज किया जाएगा। खाद्य सुरक्षा विधेयक के कानून बन जाने और इस पर अमल शुरू होने के बाद सस्ते अनाज पर सालाना सब्सिडी खर्च 1.30 लाख करोड़ रुपये और इसके लिए खाद्यान्न की सालाना आवश्यकता 6 करोड़ 20 लाख टन तक होगी। खाद्य सुरक्षा कानून के अमल में आने के बाद देश के 81 करोड़ लोगों को 3 रुपये किलो की दर पर चावल, 2 रुपये किलो गेहूं और एक रुपये किलो के भाव मोटा अनाज मिलेगा।   प्रधानमंत्री ने खाद्य सुरक्षा विधेयक के बारे में कहा, यह पूरी दुनिया में अपनी तरह का एक बड़ा प्रयास है। हम केवल अपने किसानों की कड़ी मेहनत की बदौलत ही इस कानून को लागू करने में सक्षम हो पाये हैं। वर्ष 2011-12 में हमारा खाद्यान्न उत्पादन 25.9 करोड़ टन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। मनमोहन ने आगे कहा कि खाद्य सुरक्षा विधेयक के कानून बन जाने के बाद इसका क्रियान्वयन हमारी पहली प्राथमिकता होगी। उन्होंने कहा, हमने पहले ही इस दिशा में राज्यों के साथ मिलकर काम करना शुरू कर दिया है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के कंप्यूटरीकरण का काम तेज किया जाएगा। खाद्य सुरक्षा विधेयक के कानून बन जाने और इस पर अमल शुरू होने के बाद सस्ते अनाज पर सालाना सब्सिडी खर्च 1.30 लाख करोड़ रुपये और इसके लिए खाद्यान्न की सालाना आवश्यकता 6 करोड़ 20 लाख टन तक होगी। उन्होंने कहा, हमने पहले ही इस दिशा में राज्यों के साथ मिलकर काम करना शुरू कर दिया है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के कंप्यूटरीकरण का काम तेज किया जाएगा। खाद्य सुरक्षा विधेयक के कानून बन जाने और इस पर अमल शुरू होने के बाद सस्ते अनाज पर सालाना सब्सिडी खर्च 1.30 लाख करोड़ रुपये और इसके लिए खाद्यान्न की सालाना आवश्यकता 6 करोड़ 20 लाख टन तक होगी।
'इराक में युद्ध खत्म होने के करीब, बदलेगा अफगान'
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि इराक में युद्ध खत्म होने के करीब है और अफगानिस्तान से अमेरिकी बलों की वापसी जुलाई में शुरू होगी।
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि इराक में युद्ध खत्म होने के करीब है और अफगानिस्तान से अमेरिकी बलों की वापसी जुलाई में शुरू होगी। संसद के संयुक्त सत्र को संबोधन से पहले जारी टिप्पणियों में राष्ट्रपति ने ज्यादातर घरेलू मुद्दों पर ध्यान केंद्रित रखा। उन्होंने दो देशों में जारी युद्ध पर संक्षिप्त रूप से कहा कि अमेरिका ने करीब एक दशक तक जंग लड़ी है। इराक में अमेरिका अपने सैनिकों को वापस बुलाने की प्रक्रिया पूरी करने के करीब है। अफगानिस्तान के बारे में ओबामा ने कहा कि तालिबान के खिलाफ जंग में प्रगति कर रहे अफगान बलों के परिवर्तन के दौर के लिए अमेरिका करीब 50 देशों के साथ काम करेगा। उन्होंने कहा कि वह अमेरिकी सैनिकों की वापसी पर ध्यान केंद्रित किए हुए हैं। ओबामा ने कहा कि अमेरिका ने रूस के साथ अपने संबंधों को नया रूप दिया है और एशियाई देशों के साथ अपने रिश्ते मजबूत किए हैं।
जद(यू) ने भाजपा से नाता तोड़ा, बिहार में भाजपाई मंत्रियों को हटाया
नीतीश जब मीडिया के सामने आए, तो बीजेपी से शिकवे भी थे, पुरानी यादें भी थीं और बीजेपी के लिए नसीहत भी। बातों ही बातों में नीतीश ने बीजेपी को चेता दिया की केंद्र में सरकार बनाने के लिए 272 का जादुई आंकड़ा चाहिए और बीजेपी फिलहाल गलतफहमी में है।
अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को बड़ा झटका देते हुए जद(यू) ने नरेंद्र मोदी को भाजपा की चुनाव अभियान समिति का प्रमुख बनाए जाने के खिलाफ मुख्य विपक्षी दल से नाता तोड़ दिया। इस तरह राष्ट्रीय राजनीति में 17 साल पुराने राजग को एक और मजबूत सहयोगी छोड़ गया। राजग से अलग होते हुए बिहार में आठ साल पुरानी गठबंधन सरकार की अगुवाई कर रही जद(यू) ने राज्य मंत्रिमंडल से भाजपा के 11 मंत्रियों को हटा दिया और नई परिस्थिति में 19 जून को विधानसभा के विशेष सत्र में विश्वास मत के लिए प्रस्ताव रखने का फैसला किया। जद(यू) द्वारा ‘भावनात्मक रिश्तों’ को तोड़ देने को ‘दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद’ बताते हुए भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने उससे सवाल किया कि 17 साल पुराने रिश्ते तोड़कर क्या वह कांग्रेस की मुराद पूरा करना चाहती है। उन्होंने यह भी साफ किया कि भाजपा मोदी के बारे में अपने फैसले को नहीं बदलेगी। बिहार भाजपा ने जद(यू) के इस कदम को ‘‘विश्वासघात’’ बताते हुए ऐलान किया इसके विरोध में वह आगामी 18 जून को राज्य में ‘‘विश्वासघात दिवस’’ मनाएगी। इस दिन उसने राज्य में बंद आहूत किया है। टिप्पणियां भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पार्टी ने प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के चयन की बात आने पर सहयोगी दलों से परामर्श का बार-बार आश्वासन दिया था तथा जद(यू) ने स्वयं इसके लिए दिसंबर तक समय दिया था। इसके बावजूद जद(यू) ने गठबंधन को तोड़ दिया, जो बिहार की जनता के साथ विश्वासघात है। जद(यू) अध्यक्ष शरद यादव और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में एक संवाददाता सम्मेलन में गठबंधन तोड़ने की घोषणा की। इससे एक सप्ताह पहले ही मोदी को भाजपा की चुनाव अभियान समिति की कमान सौंपी गई थी जिसे उन्हें प्रधानमंत्री पद का दावेदार बनाने की दिशा में ही एक कदम माना जा रहा है। शरद यादव ने राजग के संयोजक का पद भी छोड़ दिया। राजग से अलग होते हुए बिहार में आठ साल पुरानी गठबंधन सरकार की अगुवाई कर रही जद(यू) ने राज्य मंत्रिमंडल से भाजपा के 11 मंत्रियों को हटा दिया और नई परिस्थिति में 19 जून को विधानसभा के विशेष सत्र में विश्वास मत के लिए प्रस्ताव रखने का फैसला किया। जद(यू) द्वारा ‘भावनात्मक रिश्तों’ को तोड़ देने को ‘दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद’ बताते हुए भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने उससे सवाल किया कि 17 साल पुराने रिश्ते तोड़कर क्या वह कांग्रेस की मुराद पूरा करना चाहती है। उन्होंने यह भी साफ किया कि भाजपा मोदी के बारे में अपने फैसले को नहीं बदलेगी। बिहार भाजपा ने जद(यू) के इस कदम को ‘‘विश्वासघात’’ बताते हुए ऐलान किया इसके विरोध में वह आगामी 18 जून को राज्य में ‘‘विश्वासघात दिवस’’ मनाएगी। इस दिन उसने राज्य में बंद आहूत किया है। टिप्पणियां भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पार्टी ने प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के चयन की बात आने पर सहयोगी दलों से परामर्श का बार-बार आश्वासन दिया था तथा जद(यू) ने स्वयं इसके लिए दिसंबर तक समय दिया था। इसके बावजूद जद(यू) ने गठबंधन को तोड़ दिया, जो बिहार की जनता के साथ विश्वासघात है। जद(यू) अध्यक्ष शरद यादव और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में एक संवाददाता सम्मेलन में गठबंधन तोड़ने की घोषणा की। इससे एक सप्ताह पहले ही मोदी को भाजपा की चुनाव अभियान समिति की कमान सौंपी गई थी जिसे उन्हें प्रधानमंत्री पद का दावेदार बनाने की दिशा में ही एक कदम माना जा रहा है। शरद यादव ने राजग के संयोजक का पद भी छोड़ दिया। जद(यू) द्वारा ‘भावनात्मक रिश्तों’ को तोड़ देने को ‘दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद’ बताते हुए भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने उससे सवाल किया कि 17 साल पुराने रिश्ते तोड़कर क्या वह कांग्रेस की मुराद पूरा करना चाहती है। उन्होंने यह भी साफ किया कि भाजपा मोदी के बारे में अपने फैसले को नहीं बदलेगी। बिहार भाजपा ने जद(यू) के इस कदम को ‘‘विश्वासघात’’ बताते हुए ऐलान किया इसके विरोध में वह आगामी 18 जून को राज्य में ‘‘विश्वासघात दिवस’’ मनाएगी। इस दिन उसने राज्य में बंद आहूत किया है। टिप्पणियां भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पार्टी ने प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के चयन की बात आने पर सहयोगी दलों से परामर्श का बार-बार आश्वासन दिया था तथा जद(यू) ने स्वयं इसके लिए दिसंबर तक समय दिया था। इसके बावजूद जद(यू) ने गठबंधन को तोड़ दिया, जो बिहार की जनता के साथ विश्वासघात है। जद(यू) अध्यक्ष शरद यादव और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में एक संवाददाता सम्मेलन में गठबंधन तोड़ने की घोषणा की। इससे एक सप्ताह पहले ही मोदी को भाजपा की चुनाव अभियान समिति की कमान सौंपी गई थी जिसे उन्हें प्रधानमंत्री पद का दावेदार बनाने की दिशा में ही एक कदम माना जा रहा है। शरद यादव ने राजग के संयोजक का पद भी छोड़ दिया। बिहार भाजपा ने जद(यू) के इस कदम को ‘‘विश्वासघात’’ बताते हुए ऐलान किया इसके विरोध में वह आगामी 18 जून को राज्य में ‘‘विश्वासघात दिवस’’ मनाएगी। इस दिन उसने राज्य में बंद आहूत किया है। टिप्पणियां भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पार्टी ने प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के चयन की बात आने पर सहयोगी दलों से परामर्श का बार-बार आश्वासन दिया था तथा जद(यू) ने स्वयं इसके लिए दिसंबर तक समय दिया था। इसके बावजूद जद(यू) ने गठबंधन को तोड़ दिया, जो बिहार की जनता के साथ विश्वासघात है। जद(यू) अध्यक्ष शरद यादव और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में एक संवाददाता सम्मेलन में गठबंधन तोड़ने की घोषणा की। इससे एक सप्ताह पहले ही मोदी को भाजपा की चुनाव अभियान समिति की कमान सौंपी गई थी जिसे उन्हें प्रधानमंत्री पद का दावेदार बनाने की दिशा में ही एक कदम माना जा रहा है। शरद यादव ने राजग के संयोजक का पद भी छोड़ दिया। भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पार्टी ने प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के चयन की बात आने पर सहयोगी दलों से परामर्श का बार-बार आश्वासन दिया था तथा जद(यू) ने स्वयं इसके लिए दिसंबर तक समय दिया था। इसके बावजूद जद(यू) ने गठबंधन को तोड़ दिया, जो बिहार की जनता के साथ विश्वासघात है। जद(यू) अध्यक्ष शरद यादव और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में एक संवाददाता सम्मेलन में गठबंधन तोड़ने की घोषणा की। इससे एक सप्ताह पहले ही मोदी को भाजपा की चुनाव अभियान समिति की कमान सौंपी गई थी जिसे उन्हें प्रधानमंत्री पद का दावेदार बनाने की दिशा में ही एक कदम माना जा रहा है। शरद यादव ने राजग के संयोजक का पद भी छोड़ दिया। जद(यू) अध्यक्ष शरद यादव और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में एक संवाददाता सम्मेलन में गठबंधन तोड़ने की घोषणा की। इससे एक सप्ताह पहले ही मोदी को भाजपा की चुनाव अभियान समिति की कमान सौंपी गई थी जिसे उन्हें प्रधानमंत्री पद का दावेदार बनाने की दिशा में ही एक कदम माना जा रहा है। शरद यादव ने राजग के संयोजक का पद भी छोड़ दिया।
Bahubali 2 : बेंगलुरू के थिएटर में फिल्‍म शुरू होते अचानक दर्शकों के सामने आ गया क्‍लाइमेक्‍स
थिएटर में गलती से इंटरवेल के पहले का हिस्‍सा चला दिया गया 8000 स्‍क्रीन्‍स पर रिलीज हुई है फिल्‍म बाहुबली बाहुबली के पहले दिन के कलेक्‍शन कर सकते हैं 100 करोड़ का आंकड़ा पार
फिल्‍म 'बाहुबली: द कन्‍क्‍लूजन' को लेकर दर्शकों में जबरदस्‍त उत्‍सुकता थी और शुक्रवार को रिलीज होते ही सिनेमाघर के बाहर लगी लाइनें में फैन्‍स का क्रेज देखते ही बन रहा था. कई इलाकों में तो लोग फिल्‍म के शो देखने के लिए आधे दिन की छुट्टी भी लेकर सिनेमाघर पहुंचे. लेकिन बैंगलुरू में बाहुबली के फैन्‍स के साथ एक अजीब घटना हो गई. दरअसल जिस फिल्‍म के क्‍लाइमेक्‍स को देखने और यह जानने के लिए दर्शक दो सालों से इंतजार कर रहे थे, वहीं अचानक बैंगलोर के एक सिनेमाघर में दर्शको को थिएटर में घुसते ही फिल्‍म का राज पता चल गया, क्‍योंकि थिएटर में फिल्‍म शुरू से चलने के बजाए उसका क्‍लाइमेक्‍स पहले ही सामने आ गया. दरअसल साउथ में पेड प्रिव्‍यू दिखाए जाते हैं जिनकी टिकट काफी मेहंगी होती है. गुरुवार शाम बैंगलुरू में ऐसे कई शोज हुए और ऐसे में वहां एक एरेना मॉल में अचानक लोगों का पारा तब चढ़ गया जब गलती से फिल्म का इंटरवेल के बाद का हिस्‍सा पहले चल गया. दर्शकों को क्‍लाइमेंक्‍स के समय समझ आया कि उन्‍हें फिल्‍म का गलत हिस्‍सा दिखाया जा रहा है. ऐसे में गुस्‍साए लोगों ने हंगामा किया और फिल्‍म को शुरू से चलाने की मांग की. बाद में इस फिल्‍म को शुरू से चलाया गया.   Last night premiere show at PVR Arena Mall #Bengaluru, they played the 2nd half of #Baahubali2 first. Audience realised during climax only — T S Sudhir (@Iamtssudhir) April 28, 2017@Iamtssudhir I was there in the show.. Thought "if u have this much great war sequence in First half how it is going to be in second..".. — சதீசு (@ks_sathis) April 28, 2017 'बाहुबली 2' पूरे देश में शुक्रवार को रिलीज हुई है और लोगों में इसे लेकर काफी उत्‍सुकता था. देशभर में यह फिल्‍म 8000 स्‍क्रीन्‍स पर रिलीज की गई है और बॉलीवुड की सबसे बड़ी ब्‍लॉकबस्‍टर मानी जा रही है. इस फिल्‍म के क्रेज को देखते हुए उम्‍मीद की जा रही है कि यह रिलीज के पहले दिन ही कमाई के मामले में 100 करोड़ का आंकड़ा पार कर लेगी. बता दें कि 'बाहुबली' ने 2015 में पहले दिन 50 करोड़ की कमाई की थी. googletag.cmd.push(function() { googletag.display('adslotNativeVideo'); }); दरअसल साउथ में पेड प्रिव्‍यू दिखाए जाते हैं जिनकी टिकट काफी मेहंगी होती है. गुरुवार शाम बैंगलुरू में ऐसे कई शोज हुए और ऐसे में वहां एक एरेना मॉल में अचानक लोगों का पारा तब चढ़ गया जब गलती से फिल्म का इंटरवेल के बाद का हिस्‍सा पहले चल गया. दर्शकों को क्‍लाइमेंक्‍स के समय समझ आया कि उन्‍हें फिल्‍म का गलत हिस्‍सा दिखाया जा रहा है. ऐसे में गुस्‍साए लोगों ने हंगामा किया और फिल्‍म को शुरू से चलाने की मांग की. बाद में इस फिल्‍म को शुरू से चलाया गया.   Last night premiere show at PVR Arena Mall #Bengaluru, they played the 2nd half of #Baahubali2 first. Audience realised during climax only — T S Sudhir (@Iamtssudhir) April 28, 2017@Iamtssudhir I was there in the show.. Thought "if u have this much great war sequence in First half how it is going to be in second..".. — சதீசு (@ks_sathis) April 28, 2017 'बाहुबली 2' पूरे देश में शुक्रवार को रिलीज हुई है और लोगों में इसे लेकर काफी उत्‍सुकता था. देशभर में यह फिल्‍म 8000 स्‍क्रीन्‍स पर रिलीज की गई है और बॉलीवुड की सबसे बड़ी ब्‍लॉकबस्‍टर मानी जा रही है. इस फिल्‍म के क्रेज को देखते हुए उम्‍मीद की जा रही है कि यह रिलीज के पहले दिन ही कमाई के मामले में 100 करोड़ का आंकड़ा पार कर लेगी. बता दें कि 'बाहुबली' ने 2015 में पहले दिन 50 करोड़ की कमाई की थी. googletag.cmd.push(function() { googletag.display('adslotNativeVideo'); }); Last night premiere show at PVR Arena Mall #Bengaluru, they played the 2nd half of #Baahubali2 first. Audience realised during climax only @Iamtssudhir I was there in the show.. Thought "if u have this much great war sequence in First half how it is going to be in second.."..
हसन अली मामले में सुनवाई फिर टली
हज़ारों करोड़ की टैक्स चोरी के आरोपी हसन अली को मुबंई के सेशंस कोर्ट में पेश किया गया जहां सुनवाई शुक्रवार तक के लिए टल दी गई है।
हज़ारों करोड़ की टैक्स चोरी के आरोपी हसन अली को मुबंई के सेशंस कोर्ट में पेश किया गया जहां हसन के मामले में कोर्ट में सुनवाई शुक्रवार तक के लिए टल दी गई है। ईडी ने हसन के खिलाफ अहम सबूत एक सीलबंद लिफाफे में बंद कर कोर्ट में पेश किए हैं। शुक्रवार को ही अदालत ने ईडी को फटकार लगाते हुए कहा था कि जो सबूत हसन अली के खिलाफ पेश किए गए है वे पर्याप्त नहीं हैं। ये सबूत अली की गैरकानूनी कमाई को साबित नहीं करते। ईडी ने कोर्ट में दस्तावेज़ दाखिल करते हुए कहा कि इसे सावर्जनिक नहीं किया जाना चाहिए। प्रवर्तन निदेशालय ने यह भी कहा कि अली से 18 बार पूछताछ की गई लेकिन हसन अली ने कभी सहयोग नहीं किया। हमें इस मामले की जांच के लिए और समय दिया जाना चाहिए ताकि किसी ठोस निष्कर्ष पर पहुंचा जा सके। वहीं हसन अली ने कोर्ट में अपना बचाव करते हुए कहा कि मुझे फंसाए जाने के लिए ये सभी झूठे दस्तावेज़ दिए गए हैं। मैं इन सबको चुनौती दूंगा।
अमेरिकी फ्लाइट में भारतीय डॉक्टर ने लड़की के साथ की 'गंदी हरकत', गिरफ्तार
आरोपी की पहचान विजय कुमार कृष्णप्पा के रूप में हुई है उसने अपने बगल की सीट पर सो रही लड़की के साथ की गलत हरकत गिरफ्तारी के बाद आरोपी को मुचलके पर जमानत दे दी गई
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
प्रधानमंत्री ने दी सफाई पर भाजपा नहीं मानी
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कोयला ब्लॉक आवंटन पर संसद में सफाई देते हुए नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट को खारिज कर दिया और उसे 'विवादास्पद' एवं 'गलत' करार दिया। प्रधानमंत्री अपने बयान से हालांकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को संतुष्ट नहीं
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कोयला ब्लॉक आवंटन पर संसद में सफाई देते हुए नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट को खारिज कर दिया और उसे 'विवादास्पद' एवं 'गलत' करार दिया। प्रधानमंत्री अपने बयान से हालांकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को संतुष्ट नहीं कर पाए। भाजपा अब भी उनके इस्तीफे की मांग पर अड़ी हुई है। पार्टी ने कहा है कि इस कथित घोटाले से कांग्रेस ने 'मोटा माल' कमाया है। सीएजी की रिपोर्ट पर लोकसभा और राज्यसभा में अपने बयान में मनमोहन सिंह ने अपना तथा अपनी सरकार का बचाव किया। उन्होंने कहा, "मैं सदस्यों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि कोयला मंत्रालय का प्रभार मेरे पास होने के नाते मैं इस मंत्रालय के सभी निर्णयों की पूरी जिम्मेदारी लेता हूं। मैं कहना चाहता हूं कि अनियमितता का कोई भी आरोप निराधार एवं तथ्यहीन है।" भाजपा के सदस्यों के हंगामे के कारण प्रधानमंत्री का बयान लोकसभा और राज्यसभा में नहीं सुना जा सका। भाजपा सीएजी की रिपोर्ट पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से इस्तीफे की मांग कर रही है। सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि कोयला ब्लॉक के आवंटन में पारदर्शिता नहीं बरते जाने के कारण सरकारी खजाने को 1.86 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। सीएजी की रिपोर्ट को 'विवादास्पद' व 'गलत' करार देते हुए प्रधानमंत्री ने इसे संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) के समक्ष चुनौती देने की बात कही। संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में प्रधानमंत्री ने कहा, "मैं देश को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हमारा पक्ष मजबूत व विश्वसनीय है। सीएजी का आकलन विवादास्पद है और हम इसे पीएसी के समक्ष चुनौती देंगे।" उन्होंने विपक्षी दल भाजपा से कहा कि वह संसद की कार्यवाही चलने दे। उन्होंने कहा कि वह इस बात से दुखी हैं कि संसद के दोनों सदनों में कामकाज नहीं होने दिया जा रहा और भाजपा संसद की कार्यवाही नहीं चलने देने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें संसद में अपनी बात रखने तथा लोगों तक इसे पहुंचाने का मौका मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि आम तौर पर वह अपनी प्रायोजित आलोचनाओं का जवाब नहीं देते। लेकिन इस बार वह अपनी बात रखने देने का मौका चाहते हैं। प्रधानमंत्री के बयान पर निराशा जताते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी गांधीनगर में संवाददाताओं से कहा, "प्रधानमंत्री ने यदि किसी पर हमला किया है तो वह सीएजी है। यह आश्चर्यचकित करने वाला है। उनके इस बयान से हमें निराशा हुई है।" इस बीच, लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, "हम चाहते हैं कि प्रधानमंत्री नैतिक जिम्मेदारी लें। राजस्व को हुए नुकसान के लिए प्रधानमंत्री जिम्मेदार हैं। इसलिए हम चाहते हैं कि वह इस्तीफा दें।" उन्होंने कहा कि बगैर नीलामी के जिन निजी कम्पनियों को कोयला ब्लॉक आवंटित किए गए, उन्हें रद्द किए जाए और नए सिरे से उनकी नीलामी हो। सुषमा ने कहा कि सीएजी ने कोयला ब्लॉक आवंटन में जिस राजस्व के नुकसान की बात कही है, उससे कांग्रेस ने 'मोटा माल' कमाया है। जेटली ने इस अवसर पर कहा कि प्रधनमंत्री को पूरे प्रकरण के लिए विशेष जिम्मेदारी लेनी चाहिए और इस्तीफा देना चाहिए जिसके चलते कि संसद ठप पड़ी है। भाजपा नेताओं का यह बयान उस वक्त आया जब कुछ ही घंटे पहले प्रधानमंत्री ने संसद में इस मसले पर बयान दिया। जेटली ने कहा कि सरकार को निजी कम्पनियों को दिए सभी 142 कोयला ब्लॉक आवंटनों को रद्द कर नए सिरे से नीलामी आरम्भ करनी चाहिए। उन्होंने कहा, "ऐसा किया जाएगा तभी सच्चाई का पता लगेगा और पता चलेगा कि प्रधानमंत्री के बयान में कितनी सच्चाई है। आवंटन इसलिए रद्द किया जाना चाहिए क्योंकि भ्रष्ट तरीके से जनता के लूटे गए पैसों से मजा लेने की अनुमति किसी को भी नहीं दी जा सकती।" संसद में दिए गए प्रधानमंत्री के बयान की निंदा करते हुए जेटली ने कहा, "कांग्रेस की यही प्रवृति रही है कि यदि आप सीएजी को बदल नहीं सकते तो उसका अपमान करो।" उन्होंने कहा, "पहले तो प्रधानमंत्री ने सारी जिम्मेदारी अपने ऊपर ली और फिर धीरे-धीरे सारी जिम्मेदारी किसी और पर मढ़ दी।" उन्होंने इसके लिए संघीय व्यवस्था, शासन की संसदीय प्रणाली, कानून मंत्रालय और सीएजी पर ठीकरा फोड़ डाला। सुषमा ने इस बीच यह जानकारी दी कि 1993 से 2005 के बीच यदि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के छह वर्षो के कार्यकाल के दौरान 70 कोयला ब्लॉक आवंटित किए गए तो कांग्रेस के नेतृत्व में संप्रग सरकार ने 2006 से 2010 के बीच 142 कोयला ब्लॉक आवंटित किए। सुषमा ने उन खबरों को भी गलत बताया जिनमें कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग के मुद्दे पर राजग के घटक दलों में मतभेद है। उन्होंने ऐलान किया, "भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में यदि भाजपा को अकेले ही चलना पड़े तो हम वह लड़ाई लड़ेंगे।" मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने कहा है कि सीएजी ने जिन कोयला ब्लॉक आवंटनों को दोषपूर्ण पाया है, उसे रद्द कर उनकी नीलामी की जाए। माकपा नेता सीतराम येचुरी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के उस दावे को भी खारिज किया जिसमें उन्होंने कहा था कि पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों ने कोयला ब्लॉक की नीलामी का विरोध किया था और उसके आवंटन की मांग की थी।टिप्पणियां येचुरी ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा कि 2004 से जब से कांग्रेस सत्ता में आई है तब से लेकर अब तक जितनी भी निजी कम्पनियों को कोयला ब्लॉक आवंटित किए गए हैं, उन्हें रद्द किया जाए। "इनकी नीलामी की जा सकती है।" उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने जो भी कारण गिनाए उनमें इस बात का कोई जिक्र नहीं है कि जून 2004 से इस साल के अगस्त तक क्यों नहीं पारदर्शी या प्रतियोगी नीलामी प्रक्रिया अपनाई गई। इससे पहले, सोमवार को लगातार पांचवें दिन विपक्ष के हंगामे के चलते कोई कामकाज नहीं हो सका। हंगामे के बीच ही प्रधानमंत्री ने दोनों सदनों में अपना बयान दिया। बयान के बावजूद हंगामा जारी रहने के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही तीन बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। सीएजी की रिपोर्ट पर लोकसभा और राज्यसभा में अपने बयान में मनमोहन सिंह ने अपना तथा अपनी सरकार का बचाव किया। उन्होंने कहा, "मैं सदस्यों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि कोयला मंत्रालय का प्रभार मेरे पास होने के नाते मैं इस मंत्रालय के सभी निर्णयों की पूरी जिम्मेदारी लेता हूं। मैं कहना चाहता हूं कि अनियमितता का कोई भी आरोप निराधार एवं तथ्यहीन है।" भाजपा के सदस्यों के हंगामे के कारण प्रधानमंत्री का बयान लोकसभा और राज्यसभा में नहीं सुना जा सका। भाजपा सीएजी की रिपोर्ट पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से इस्तीफे की मांग कर रही है। सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि कोयला ब्लॉक के आवंटन में पारदर्शिता नहीं बरते जाने के कारण सरकारी खजाने को 1.86 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। सीएजी की रिपोर्ट को 'विवादास्पद' व 'गलत' करार देते हुए प्रधानमंत्री ने इसे संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) के समक्ष चुनौती देने की बात कही। संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में प्रधानमंत्री ने कहा, "मैं देश को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हमारा पक्ष मजबूत व विश्वसनीय है। सीएजी का आकलन विवादास्पद है और हम इसे पीएसी के समक्ष चुनौती देंगे।" उन्होंने विपक्षी दल भाजपा से कहा कि वह संसद की कार्यवाही चलने दे। उन्होंने कहा कि वह इस बात से दुखी हैं कि संसद के दोनों सदनों में कामकाज नहीं होने दिया जा रहा और भाजपा संसद की कार्यवाही नहीं चलने देने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें संसद में अपनी बात रखने तथा लोगों तक इसे पहुंचाने का मौका मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि आम तौर पर वह अपनी प्रायोजित आलोचनाओं का जवाब नहीं देते। लेकिन इस बार वह अपनी बात रखने देने का मौका चाहते हैं। प्रधानमंत्री के बयान पर निराशा जताते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी गांधीनगर में संवाददाताओं से कहा, "प्रधानमंत्री ने यदि किसी पर हमला किया है तो वह सीएजी है। यह आश्चर्यचकित करने वाला है। उनके इस बयान से हमें निराशा हुई है।" इस बीच, लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, "हम चाहते हैं कि प्रधानमंत्री नैतिक जिम्मेदारी लें। राजस्व को हुए नुकसान के लिए प्रधानमंत्री जिम्मेदार हैं। इसलिए हम चाहते हैं कि वह इस्तीफा दें।" उन्होंने कहा कि बगैर नीलामी के जिन निजी कम्पनियों को कोयला ब्लॉक आवंटित किए गए, उन्हें रद्द किए जाए और नए सिरे से उनकी नीलामी हो। सुषमा ने कहा कि सीएजी ने कोयला ब्लॉक आवंटन में जिस राजस्व के नुकसान की बात कही है, उससे कांग्रेस ने 'मोटा माल' कमाया है। जेटली ने इस अवसर पर कहा कि प्रधनमंत्री को पूरे प्रकरण के लिए विशेष जिम्मेदारी लेनी चाहिए और इस्तीफा देना चाहिए जिसके चलते कि संसद ठप पड़ी है। भाजपा नेताओं का यह बयान उस वक्त आया जब कुछ ही घंटे पहले प्रधानमंत्री ने संसद में इस मसले पर बयान दिया। जेटली ने कहा कि सरकार को निजी कम्पनियों को दिए सभी 142 कोयला ब्लॉक आवंटनों को रद्द कर नए सिरे से नीलामी आरम्भ करनी चाहिए। उन्होंने कहा, "ऐसा किया जाएगा तभी सच्चाई का पता लगेगा और पता चलेगा कि प्रधानमंत्री के बयान में कितनी सच्चाई है। आवंटन इसलिए रद्द किया जाना चाहिए क्योंकि भ्रष्ट तरीके से जनता के लूटे गए पैसों से मजा लेने की अनुमति किसी को भी नहीं दी जा सकती।" संसद में दिए गए प्रधानमंत्री के बयान की निंदा करते हुए जेटली ने कहा, "कांग्रेस की यही प्रवृति रही है कि यदि आप सीएजी को बदल नहीं सकते तो उसका अपमान करो।" उन्होंने कहा, "पहले तो प्रधानमंत्री ने सारी जिम्मेदारी अपने ऊपर ली और फिर धीरे-धीरे सारी जिम्मेदारी किसी और पर मढ़ दी।" उन्होंने इसके लिए संघीय व्यवस्था, शासन की संसदीय प्रणाली, कानून मंत्रालय और सीएजी पर ठीकरा फोड़ डाला। सुषमा ने इस बीच यह जानकारी दी कि 1993 से 2005 के बीच यदि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के छह वर्षो के कार्यकाल के दौरान 70 कोयला ब्लॉक आवंटित किए गए तो कांग्रेस के नेतृत्व में संप्रग सरकार ने 2006 से 2010 के बीच 142 कोयला ब्लॉक आवंटित किए। सुषमा ने उन खबरों को भी गलत बताया जिनमें कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग के मुद्दे पर राजग के घटक दलों में मतभेद है। उन्होंने ऐलान किया, "भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में यदि भाजपा को अकेले ही चलना पड़े तो हम वह लड़ाई लड़ेंगे।" मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने कहा है कि सीएजी ने जिन कोयला ब्लॉक आवंटनों को दोषपूर्ण पाया है, उसे रद्द कर उनकी नीलामी की जाए। माकपा नेता सीतराम येचुरी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के उस दावे को भी खारिज किया जिसमें उन्होंने कहा था कि पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों ने कोयला ब्लॉक की नीलामी का विरोध किया था और उसके आवंटन की मांग की थी।टिप्पणियां येचुरी ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा कि 2004 से जब से कांग्रेस सत्ता में आई है तब से लेकर अब तक जितनी भी निजी कम्पनियों को कोयला ब्लॉक आवंटित किए गए हैं, उन्हें रद्द किया जाए। "इनकी नीलामी की जा सकती है।" उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने जो भी कारण गिनाए उनमें इस बात का कोई जिक्र नहीं है कि जून 2004 से इस साल के अगस्त तक क्यों नहीं पारदर्शी या प्रतियोगी नीलामी प्रक्रिया अपनाई गई। इससे पहले, सोमवार को लगातार पांचवें दिन विपक्ष के हंगामे के चलते कोई कामकाज नहीं हो सका। हंगामे के बीच ही प्रधानमंत्री ने दोनों सदनों में अपना बयान दिया। बयान के बावजूद हंगामा जारी रहने के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही तीन बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। भाजपा के सदस्यों के हंगामे के कारण प्रधानमंत्री का बयान लोकसभा और राज्यसभा में नहीं सुना जा सका। भाजपा सीएजी की रिपोर्ट पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से इस्तीफे की मांग कर रही है। सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि कोयला ब्लॉक के आवंटन में पारदर्शिता नहीं बरते जाने के कारण सरकारी खजाने को 1.86 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। सीएजी की रिपोर्ट को 'विवादास्पद' व 'गलत' करार देते हुए प्रधानमंत्री ने इसे संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) के समक्ष चुनौती देने की बात कही। संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में प्रधानमंत्री ने कहा, "मैं देश को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हमारा पक्ष मजबूत व विश्वसनीय है। सीएजी का आकलन विवादास्पद है और हम इसे पीएसी के समक्ष चुनौती देंगे।" उन्होंने विपक्षी दल भाजपा से कहा कि वह संसद की कार्यवाही चलने दे। उन्होंने कहा कि वह इस बात से दुखी हैं कि संसद के दोनों सदनों में कामकाज नहीं होने दिया जा रहा और भाजपा संसद की कार्यवाही नहीं चलने देने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें संसद में अपनी बात रखने तथा लोगों तक इसे पहुंचाने का मौका मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि आम तौर पर वह अपनी प्रायोजित आलोचनाओं का जवाब नहीं देते। लेकिन इस बार वह अपनी बात रखने देने का मौका चाहते हैं। प्रधानमंत्री के बयान पर निराशा जताते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी गांधीनगर में संवाददाताओं से कहा, "प्रधानमंत्री ने यदि किसी पर हमला किया है तो वह सीएजी है। यह आश्चर्यचकित करने वाला है। उनके इस बयान से हमें निराशा हुई है।" इस बीच, लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, "हम चाहते हैं कि प्रधानमंत्री नैतिक जिम्मेदारी लें। राजस्व को हुए नुकसान के लिए प्रधानमंत्री जिम्मेदार हैं। इसलिए हम चाहते हैं कि वह इस्तीफा दें।" उन्होंने कहा कि बगैर नीलामी के जिन निजी कम्पनियों को कोयला ब्लॉक आवंटित किए गए, उन्हें रद्द किए जाए और नए सिरे से उनकी नीलामी हो। सुषमा ने कहा कि सीएजी ने कोयला ब्लॉक आवंटन में जिस राजस्व के नुकसान की बात कही है, उससे कांग्रेस ने 'मोटा माल' कमाया है। जेटली ने इस अवसर पर कहा कि प्रधनमंत्री को पूरे प्रकरण के लिए विशेष जिम्मेदारी लेनी चाहिए और इस्तीफा देना चाहिए जिसके चलते कि संसद ठप पड़ी है। भाजपा नेताओं का यह बयान उस वक्त आया जब कुछ ही घंटे पहले प्रधानमंत्री ने संसद में इस मसले पर बयान दिया। जेटली ने कहा कि सरकार को निजी कम्पनियों को दिए सभी 142 कोयला ब्लॉक आवंटनों को रद्द कर नए सिरे से नीलामी आरम्भ करनी चाहिए। उन्होंने कहा, "ऐसा किया जाएगा तभी सच्चाई का पता लगेगा और पता चलेगा कि प्रधानमंत्री के बयान में कितनी सच्चाई है। आवंटन इसलिए रद्द किया जाना चाहिए क्योंकि भ्रष्ट तरीके से जनता के लूटे गए पैसों से मजा लेने की अनुमति किसी को भी नहीं दी जा सकती।" संसद में दिए गए प्रधानमंत्री के बयान की निंदा करते हुए जेटली ने कहा, "कांग्रेस की यही प्रवृति रही है कि यदि आप सीएजी को बदल नहीं सकते तो उसका अपमान करो।" उन्होंने कहा, "पहले तो प्रधानमंत्री ने सारी जिम्मेदारी अपने ऊपर ली और फिर धीरे-धीरे सारी जिम्मेदारी किसी और पर मढ़ दी।" उन्होंने इसके लिए संघीय व्यवस्था, शासन की संसदीय प्रणाली, कानून मंत्रालय और सीएजी पर ठीकरा फोड़ डाला। सुषमा ने इस बीच यह जानकारी दी कि 1993 से 2005 के बीच यदि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के छह वर्षो के कार्यकाल के दौरान 70 कोयला ब्लॉक आवंटित किए गए तो कांग्रेस के नेतृत्व में संप्रग सरकार ने 2006 से 2010 के बीच 142 कोयला ब्लॉक आवंटित किए। सुषमा ने उन खबरों को भी गलत बताया जिनमें कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग के मुद्दे पर राजग के घटक दलों में मतभेद है। उन्होंने ऐलान किया, "भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में यदि भाजपा को अकेले ही चलना पड़े तो हम वह लड़ाई लड़ेंगे।" मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने कहा है कि सीएजी ने जिन कोयला ब्लॉक आवंटनों को दोषपूर्ण पाया है, उसे रद्द कर उनकी नीलामी की जाए। माकपा नेता सीतराम येचुरी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के उस दावे को भी खारिज किया जिसमें उन्होंने कहा था कि पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों ने कोयला ब्लॉक की नीलामी का विरोध किया था और उसके आवंटन की मांग की थी।टिप्पणियां येचुरी ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा कि 2004 से जब से कांग्रेस सत्ता में आई है तब से लेकर अब तक जितनी भी निजी कम्पनियों को कोयला ब्लॉक आवंटित किए गए हैं, उन्हें रद्द किया जाए। "इनकी नीलामी की जा सकती है।" उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने जो भी कारण गिनाए उनमें इस बात का कोई जिक्र नहीं है कि जून 2004 से इस साल के अगस्त तक क्यों नहीं पारदर्शी या प्रतियोगी नीलामी प्रक्रिया अपनाई गई। इससे पहले, सोमवार को लगातार पांचवें दिन विपक्ष के हंगामे के चलते कोई कामकाज नहीं हो सका। हंगामे के बीच ही प्रधानमंत्री ने दोनों सदनों में अपना बयान दिया। बयान के बावजूद हंगामा जारी रहने के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही तीन बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। सीएजी की रिपोर्ट को 'विवादास्पद' व 'गलत' करार देते हुए प्रधानमंत्री ने इसे संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) के समक्ष चुनौती देने की बात कही। संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में प्रधानमंत्री ने कहा, "मैं देश को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हमारा पक्ष मजबूत व विश्वसनीय है। सीएजी का आकलन विवादास्पद है और हम इसे पीएसी के समक्ष चुनौती देंगे।" उन्होंने विपक्षी दल भाजपा से कहा कि वह संसद की कार्यवाही चलने दे। उन्होंने कहा कि वह इस बात से दुखी हैं कि संसद के दोनों सदनों में कामकाज नहीं होने दिया जा रहा और भाजपा संसद की कार्यवाही नहीं चलने देने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें संसद में अपनी बात रखने तथा लोगों तक इसे पहुंचाने का मौका मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि आम तौर पर वह अपनी प्रायोजित आलोचनाओं का जवाब नहीं देते। लेकिन इस बार वह अपनी बात रखने देने का मौका चाहते हैं। प्रधानमंत्री के बयान पर निराशा जताते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी गांधीनगर में संवाददाताओं से कहा, "प्रधानमंत्री ने यदि किसी पर हमला किया है तो वह सीएजी है। यह आश्चर्यचकित करने वाला है। उनके इस बयान से हमें निराशा हुई है।" इस बीच, लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, "हम चाहते हैं कि प्रधानमंत्री नैतिक जिम्मेदारी लें। राजस्व को हुए नुकसान के लिए प्रधानमंत्री जिम्मेदार हैं। इसलिए हम चाहते हैं कि वह इस्तीफा दें।" उन्होंने कहा कि बगैर नीलामी के जिन निजी कम्पनियों को कोयला ब्लॉक आवंटित किए गए, उन्हें रद्द किए जाए और नए सिरे से उनकी नीलामी हो। सुषमा ने कहा कि सीएजी ने कोयला ब्लॉक आवंटन में जिस राजस्व के नुकसान की बात कही है, उससे कांग्रेस ने 'मोटा माल' कमाया है। जेटली ने इस अवसर पर कहा कि प्रधनमंत्री को पूरे प्रकरण के लिए विशेष जिम्मेदारी लेनी चाहिए और इस्तीफा देना चाहिए जिसके चलते कि संसद ठप पड़ी है। भाजपा नेताओं का यह बयान उस वक्त आया जब कुछ ही घंटे पहले प्रधानमंत्री ने संसद में इस मसले पर बयान दिया। जेटली ने कहा कि सरकार को निजी कम्पनियों को दिए सभी 142 कोयला ब्लॉक आवंटनों को रद्द कर नए सिरे से नीलामी आरम्भ करनी चाहिए। उन्होंने कहा, "ऐसा किया जाएगा तभी सच्चाई का पता लगेगा और पता चलेगा कि प्रधानमंत्री के बयान में कितनी सच्चाई है। आवंटन इसलिए रद्द किया जाना चाहिए क्योंकि भ्रष्ट तरीके से जनता के लूटे गए पैसों से मजा लेने की अनुमति किसी को भी नहीं दी जा सकती।" संसद में दिए गए प्रधानमंत्री के बयान की निंदा करते हुए जेटली ने कहा, "कांग्रेस की यही प्रवृति रही है कि यदि आप सीएजी को बदल नहीं सकते तो उसका अपमान करो।" उन्होंने कहा, "पहले तो प्रधानमंत्री ने सारी जिम्मेदारी अपने ऊपर ली और फिर धीरे-धीरे सारी जिम्मेदारी किसी और पर मढ़ दी।" उन्होंने इसके लिए संघीय व्यवस्था, शासन की संसदीय प्रणाली, कानून मंत्रालय और सीएजी पर ठीकरा फोड़ डाला। सुषमा ने इस बीच यह जानकारी दी कि 1993 से 2005 के बीच यदि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के छह वर्षो के कार्यकाल के दौरान 70 कोयला ब्लॉक आवंटित किए गए तो कांग्रेस के नेतृत्व में संप्रग सरकार ने 2006 से 2010 के बीच 142 कोयला ब्लॉक आवंटित किए। सुषमा ने उन खबरों को भी गलत बताया जिनमें कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग के मुद्दे पर राजग के घटक दलों में मतभेद है। उन्होंने ऐलान किया, "भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में यदि भाजपा को अकेले ही चलना पड़े तो हम वह लड़ाई लड़ेंगे।" मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने कहा है कि सीएजी ने जिन कोयला ब्लॉक आवंटनों को दोषपूर्ण पाया है, उसे रद्द कर उनकी नीलामी की जाए। माकपा नेता सीतराम येचुरी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के उस दावे को भी खारिज किया जिसमें उन्होंने कहा था कि पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों ने कोयला ब्लॉक की नीलामी का विरोध किया था और उसके आवंटन की मांग की थी।टिप्पणियां येचुरी ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा कि 2004 से जब से कांग्रेस सत्ता में आई है तब से लेकर अब तक जितनी भी निजी कम्पनियों को कोयला ब्लॉक आवंटित किए गए हैं, उन्हें रद्द किया जाए। "इनकी नीलामी की जा सकती है।" उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने जो भी कारण गिनाए उनमें इस बात का कोई जिक्र नहीं है कि जून 2004 से इस साल के अगस्त तक क्यों नहीं पारदर्शी या प्रतियोगी नीलामी प्रक्रिया अपनाई गई। इससे पहले, सोमवार को लगातार पांचवें दिन विपक्ष के हंगामे के चलते कोई कामकाज नहीं हो सका। हंगामे के बीच ही प्रधानमंत्री ने दोनों सदनों में अपना बयान दिया। बयान के बावजूद हंगामा जारी रहने के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही तीन बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें संसद में अपनी बात रखने तथा लोगों तक इसे पहुंचाने का मौका मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि आम तौर पर वह अपनी प्रायोजित आलोचनाओं का जवाब नहीं देते। लेकिन इस बार वह अपनी बात रखने देने का मौका चाहते हैं। प्रधानमंत्री के बयान पर निराशा जताते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी गांधीनगर में संवाददाताओं से कहा, "प्रधानमंत्री ने यदि किसी पर हमला किया है तो वह सीएजी है। यह आश्चर्यचकित करने वाला है। उनके इस बयान से हमें निराशा हुई है।" इस बीच, लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, "हम चाहते हैं कि प्रधानमंत्री नैतिक जिम्मेदारी लें। राजस्व को हुए नुकसान के लिए प्रधानमंत्री जिम्मेदार हैं। इसलिए हम चाहते हैं कि वह इस्तीफा दें।" उन्होंने कहा कि बगैर नीलामी के जिन निजी कम्पनियों को कोयला ब्लॉक आवंटित किए गए, उन्हें रद्द किए जाए और नए सिरे से उनकी नीलामी हो। सुषमा ने कहा कि सीएजी ने कोयला ब्लॉक आवंटन में जिस राजस्व के नुकसान की बात कही है, उससे कांग्रेस ने 'मोटा माल' कमाया है। जेटली ने इस अवसर पर कहा कि प्रधनमंत्री को पूरे प्रकरण के लिए विशेष जिम्मेदारी लेनी चाहिए और इस्तीफा देना चाहिए जिसके चलते कि संसद ठप पड़ी है। भाजपा नेताओं का यह बयान उस वक्त आया जब कुछ ही घंटे पहले प्रधानमंत्री ने संसद में इस मसले पर बयान दिया। जेटली ने कहा कि सरकार को निजी कम्पनियों को दिए सभी 142 कोयला ब्लॉक आवंटनों को रद्द कर नए सिरे से नीलामी आरम्भ करनी चाहिए। उन्होंने कहा, "ऐसा किया जाएगा तभी सच्चाई का पता लगेगा और पता चलेगा कि प्रधानमंत्री के बयान में कितनी सच्चाई है। आवंटन इसलिए रद्द किया जाना चाहिए क्योंकि भ्रष्ट तरीके से जनता के लूटे गए पैसों से मजा लेने की अनुमति किसी को भी नहीं दी जा सकती।" संसद में दिए गए प्रधानमंत्री के बयान की निंदा करते हुए जेटली ने कहा, "कांग्रेस की यही प्रवृति रही है कि यदि आप सीएजी को बदल नहीं सकते तो उसका अपमान करो।" उन्होंने कहा, "पहले तो प्रधानमंत्री ने सारी जिम्मेदारी अपने ऊपर ली और फिर धीरे-धीरे सारी जिम्मेदारी किसी और पर मढ़ दी।" उन्होंने इसके लिए संघीय व्यवस्था, शासन की संसदीय प्रणाली, कानून मंत्रालय और सीएजी पर ठीकरा फोड़ डाला। सुषमा ने इस बीच यह जानकारी दी कि 1993 से 2005 के बीच यदि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के छह वर्षो के कार्यकाल के दौरान 70 कोयला ब्लॉक आवंटित किए गए तो कांग्रेस के नेतृत्व में संप्रग सरकार ने 2006 से 2010 के बीच 142 कोयला ब्लॉक आवंटित किए। सुषमा ने उन खबरों को भी गलत बताया जिनमें कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग के मुद्दे पर राजग के घटक दलों में मतभेद है। उन्होंने ऐलान किया, "भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में यदि भाजपा को अकेले ही चलना पड़े तो हम वह लड़ाई लड़ेंगे।" मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने कहा है कि सीएजी ने जिन कोयला ब्लॉक आवंटनों को दोषपूर्ण पाया है, उसे रद्द कर उनकी नीलामी की जाए। माकपा नेता सीतराम येचुरी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के उस दावे को भी खारिज किया जिसमें उन्होंने कहा था कि पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों ने कोयला ब्लॉक की नीलामी का विरोध किया था और उसके आवंटन की मांग की थी।टिप्पणियां येचुरी ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा कि 2004 से जब से कांग्रेस सत्ता में आई है तब से लेकर अब तक जितनी भी निजी कम्पनियों को कोयला ब्लॉक आवंटित किए गए हैं, उन्हें रद्द किया जाए। "इनकी नीलामी की जा सकती है।" उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने जो भी कारण गिनाए उनमें इस बात का कोई जिक्र नहीं है कि जून 2004 से इस साल के अगस्त तक क्यों नहीं पारदर्शी या प्रतियोगी नीलामी प्रक्रिया अपनाई गई। इससे पहले, सोमवार को लगातार पांचवें दिन विपक्ष के हंगामे के चलते कोई कामकाज नहीं हो सका। हंगामे के बीच ही प्रधानमंत्री ने दोनों सदनों में अपना बयान दिया। बयान के बावजूद हंगामा जारी रहने के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही तीन बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। प्रधानमंत्री के बयान पर निराशा जताते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी गांधीनगर में संवाददाताओं से कहा, "प्रधानमंत्री ने यदि किसी पर हमला किया है तो वह सीएजी है। यह आश्चर्यचकित करने वाला है। उनके इस बयान से हमें निराशा हुई है।" इस बीच, लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, "हम चाहते हैं कि प्रधानमंत्री नैतिक जिम्मेदारी लें। राजस्व को हुए नुकसान के लिए प्रधानमंत्री जिम्मेदार हैं। इसलिए हम चाहते हैं कि वह इस्तीफा दें।" उन्होंने कहा कि बगैर नीलामी के जिन निजी कम्पनियों को कोयला ब्लॉक आवंटित किए गए, उन्हें रद्द किए जाए और नए सिरे से उनकी नीलामी हो। सुषमा ने कहा कि सीएजी ने कोयला ब्लॉक आवंटन में जिस राजस्व के नुकसान की बात कही है, उससे कांग्रेस ने 'मोटा माल' कमाया है। जेटली ने इस अवसर पर कहा कि प्रधनमंत्री को पूरे प्रकरण के लिए विशेष जिम्मेदारी लेनी चाहिए और इस्तीफा देना चाहिए जिसके चलते कि संसद ठप पड़ी है। भाजपा नेताओं का यह बयान उस वक्त आया जब कुछ ही घंटे पहले प्रधानमंत्री ने संसद में इस मसले पर बयान दिया। जेटली ने कहा कि सरकार को निजी कम्पनियों को दिए सभी 142 कोयला ब्लॉक आवंटनों को रद्द कर नए सिरे से नीलामी आरम्भ करनी चाहिए। उन्होंने कहा, "ऐसा किया जाएगा तभी सच्चाई का पता लगेगा और पता चलेगा कि प्रधानमंत्री के बयान में कितनी सच्चाई है। आवंटन इसलिए रद्द किया जाना चाहिए क्योंकि भ्रष्ट तरीके से जनता के लूटे गए पैसों से मजा लेने की अनुमति किसी को भी नहीं दी जा सकती।" संसद में दिए गए प्रधानमंत्री के बयान की निंदा करते हुए जेटली ने कहा, "कांग्रेस की यही प्रवृति रही है कि यदि आप सीएजी को बदल नहीं सकते तो उसका अपमान करो।" उन्होंने कहा, "पहले तो प्रधानमंत्री ने सारी जिम्मेदारी अपने ऊपर ली और फिर धीरे-धीरे सारी जिम्मेदारी किसी और पर मढ़ दी।" उन्होंने इसके लिए संघीय व्यवस्था, शासन की संसदीय प्रणाली, कानून मंत्रालय और सीएजी पर ठीकरा फोड़ डाला। सुषमा ने इस बीच यह जानकारी दी कि 1993 से 2005 के बीच यदि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के छह वर्षो के कार्यकाल के दौरान 70 कोयला ब्लॉक आवंटित किए गए तो कांग्रेस के नेतृत्व में संप्रग सरकार ने 2006 से 2010 के बीच 142 कोयला ब्लॉक आवंटित किए। सुषमा ने उन खबरों को भी गलत बताया जिनमें कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग के मुद्दे पर राजग के घटक दलों में मतभेद है। उन्होंने ऐलान किया, "भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में यदि भाजपा को अकेले ही चलना पड़े तो हम वह लड़ाई लड़ेंगे।" मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने कहा है कि सीएजी ने जिन कोयला ब्लॉक आवंटनों को दोषपूर्ण पाया है, उसे रद्द कर उनकी नीलामी की जाए। माकपा नेता सीतराम येचुरी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के उस दावे को भी खारिज किया जिसमें उन्होंने कहा था कि पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों ने कोयला ब्लॉक की नीलामी का विरोध किया था और उसके आवंटन की मांग की थी।टिप्पणियां येचुरी ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा कि 2004 से जब से कांग्रेस सत्ता में आई है तब से लेकर अब तक जितनी भी निजी कम्पनियों को कोयला ब्लॉक आवंटित किए गए हैं, उन्हें रद्द किया जाए। "इनकी नीलामी की जा सकती है।" उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने जो भी कारण गिनाए उनमें इस बात का कोई जिक्र नहीं है कि जून 2004 से इस साल के अगस्त तक क्यों नहीं पारदर्शी या प्रतियोगी नीलामी प्रक्रिया अपनाई गई। इससे पहले, सोमवार को लगातार पांचवें दिन विपक्ष के हंगामे के चलते कोई कामकाज नहीं हो सका। हंगामे के बीच ही प्रधानमंत्री ने दोनों सदनों में अपना बयान दिया। बयान के बावजूद हंगामा जारी रहने के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही तीन बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। इस बीच, लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, "हम चाहते हैं कि प्रधानमंत्री नैतिक जिम्मेदारी लें। राजस्व को हुए नुकसान के लिए प्रधानमंत्री जिम्मेदार हैं। इसलिए हम चाहते हैं कि वह इस्तीफा दें।" उन्होंने कहा कि बगैर नीलामी के जिन निजी कम्पनियों को कोयला ब्लॉक आवंटित किए गए, उन्हें रद्द किए जाए और नए सिरे से उनकी नीलामी हो। सुषमा ने कहा कि सीएजी ने कोयला ब्लॉक आवंटन में जिस राजस्व के नुकसान की बात कही है, उससे कांग्रेस ने 'मोटा माल' कमाया है। जेटली ने इस अवसर पर कहा कि प्रधनमंत्री को पूरे प्रकरण के लिए विशेष जिम्मेदारी लेनी चाहिए और इस्तीफा देना चाहिए जिसके चलते कि संसद ठप पड़ी है। भाजपा नेताओं का यह बयान उस वक्त आया जब कुछ ही घंटे पहले प्रधानमंत्री ने संसद में इस मसले पर बयान दिया। जेटली ने कहा कि सरकार को निजी कम्पनियों को दिए सभी 142 कोयला ब्लॉक आवंटनों को रद्द कर नए सिरे से नीलामी आरम्भ करनी चाहिए। उन्होंने कहा, "ऐसा किया जाएगा तभी सच्चाई का पता लगेगा और पता चलेगा कि प्रधानमंत्री के बयान में कितनी सच्चाई है। आवंटन इसलिए रद्द किया जाना चाहिए क्योंकि भ्रष्ट तरीके से जनता के लूटे गए पैसों से मजा लेने की अनुमति किसी को भी नहीं दी जा सकती।" संसद में दिए गए प्रधानमंत्री के बयान की निंदा करते हुए जेटली ने कहा, "कांग्रेस की यही प्रवृति रही है कि यदि आप सीएजी को बदल नहीं सकते तो उसका अपमान करो।" उन्होंने कहा, "पहले तो प्रधानमंत्री ने सारी जिम्मेदारी अपने ऊपर ली और फिर धीरे-धीरे सारी जिम्मेदारी किसी और पर मढ़ दी।" उन्होंने इसके लिए संघीय व्यवस्था, शासन की संसदीय प्रणाली, कानून मंत्रालय और सीएजी पर ठीकरा फोड़ डाला। सुषमा ने इस बीच यह जानकारी दी कि 1993 से 2005 के बीच यदि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के छह वर्षो के कार्यकाल के दौरान 70 कोयला ब्लॉक आवंटित किए गए तो कांग्रेस के नेतृत्व में संप्रग सरकार ने 2006 से 2010 के बीच 142 कोयला ब्लॉक आवंटित किए। सुषमा ने उन खबरों को भी गलत बताया जिनमें कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग के मुद्दे पर राजग के घटक दलों में मतभेद है। उन्होंने ऐलान किया, "भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में यदि भाजपा को अकेले ही चलना पड़े तो हम वह लड़ाई लड़ेंगे।" मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने कहा है कि सीएजी ने जिन कोयला ब्लॉक आवंटनों को दोषपूर्ण पाया है, उसे रद्द कर उनकी नीलामी की जाए। माकपा नेता सीतराम येचुरी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के उस दावे को भी खारिज किया जिसमें उन्होंने कहा था कि पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों ने कोयला ब्लॉक की नीलामी का विरोध किया था और उसके आवंटन की मांग की थी।टिप्पणियां येचुरी ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा कि 2004 से जब से कांग्रेस सत्ता में आई है तब से लेकर अब तक जितनी भी निजी कम्पनियों को कोयला ब्लॉक आवंटित किए गए हैं, उन्हें रद्द किया जाए। "इनकी नीलामी की जा सकती है।" उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने जो भी कारण गिनाए उनमें इस बात का कोई जिक्र नहीं है कि जून 2004 से इस साल के अगस्त तक क्यों नहीं पारदर्शी या प्रतियोगी नीलामी प्रक्रिया अपनाई गई। इससे पहले, सोमवार को लगातार पांचवें दिन विपक्ष के हंगामे के चलते कोई कामकाज नहीं हो सका। हंगामे के बीच ही प्रधानमंत्री ने दोनों सदनों में अपना बयान दिया। बयान के बावजूद हंगामा जारी रहने के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही तीन बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। सुषमा ने कहा कि सीएजी ने कोयला ब्लॉक आवंटन में जिस राजस्व के नुकसान की बात कही है, उससे कांग्रेस ने 'मोटा माल' कमाया है। जेटली ने इस अवसर पर कहा कि प्रधनमंत्री को पूरे प्रकरण के लिए विशेष जिम्मेदारी लेनी चाहिए और इस्तीफा देना चाहिए जिसके चलते कि संसद ठप पड़ी है। भाजपा नेताओं का यह बयान उस वक्त आया जब कुछ ही घंटे पहले प्रधानमंत्री ने संसद में इस मसले पर बयान दिया। जेटली ने कहा कि सरकार को निजी कम्पनियों को दिए सभी 142 कोयला ब्लॉक आवंटनों को रद्द कर नए सिरे से नीलामी आरम्भ करनी चाहिए। उन्होंने कहा, "ऐसा किया जाएगा तभी सच्चाई का पता लगेगा और पता चलेगा कि प्रधानमंत्री के बयान में कितनी सच्चाई है। आवंटन इसलिए रद्द किया जाना चाहिए क्योंकि भ्रष्ट तरीके से जनता के लूटे गए पैसों से मजा लेने की अनुमति किसी को भी नहीं दी जा सकती।" संसद में दिए गए प्रधानमंत्री के बयान की निंदा करते हुए जेटली ने कहा, "कांग्रेस की यही प्रवृति रही है कि यदि आप सीएजी को बदल नहीं सकते तो उसका अपमान करो।" उन्होंने कहा, "पहले तो प्रधानमंत्री ने सारी जिम्मेदारी अपने ऊपर ली और फिर धीरे-धीरे सारी जिम्मेदारी किसी और पर मढ़ दी।" उन्होंने इसके लिए संघीय व्यवस्था, शासन की संसदीय प्रणाली, कानून मंत्रालय और सीएजी पर ठीकरा फोड़ डाला। सुषमा ने इस बीच यह जानकारी दी कि 1993 से 2005 के बीच यदि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के छह वर्षो के कार्यकाल के दौरान 70 कोयला ब्लॉक आवंटित किए गए तो कांग्रेस के नेतृत्व में संप्रग सरकार ने 2006 से 2010 के बीच 142 कोयला ब्लॉक आवंटित किए। सुषमा ने उन खबरों को भी गलत बताया जिनमें कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग के मुद्दे पर राजग के घटक दलों में मतभेद है। उन्होंने ऐलान किया, "भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में यदि भाजपा को अकेले ही चलना पड़े तो हम वह लड़ाई लड़ेंगे।" मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने कहा है कि सीएजी ने जिन कोयला ब्लॉक आवंटनों को दोषपूर्ण पाया है, उसे रद्द कर उनकी नीलामी की जाए। माकपा नेता सीतराम येचुरी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के उस दावे को भी खारिज किया जिसमें उन्होंने कहा था कि पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों ने कोयला ब्लॉक की नीलामी का विरोध किया था और उसके आवंटन की मांग की थी।टिप्पणियां येचुरी ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा कि 2004 से जब से कांग्रेस सत्ता में आई है तब से लेकर अब तक जितनी भी निजी कम्पनियों को कोयला ब्लॉक आवंटित किए गए हैं, उन्हें रद्द किया जाए। "इनकी नीलामी की जा सकती है।" उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने जो भी कारण गिनाए उनमें इस बात का कोई जिक्र नहीं है कि जून 2004 से इस साल के अगस्त तक क्यों नहीं पारदर्शी या प्रतियोगी नीलामी प्रक्रिया अपनाई गई। इससे पहले, सोमवार को लगातार पांचवें दिन विपक्ष के हंगामे के चलते कोई कामकाज नहीं हो सका। हंगामे के बीच ही प्रधानमंत्री ने दोनों सदनों में अपना बयान दिया। बयान के बावजूद हंगामा जारी रहने के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही तीन बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। जेटली ने कहा कि सरकार को निजी कम्पनियों को दिए सभी 142 कोयला ब्लॉक आवंटनों को रद्द कर नए सिरे से नीलामी आरम्भ करनी चाहिए। उन्होंने कहा, "ऐसा किया जाएगा तभी सच्चाई का पता लगेगा और पता चलेगा कि प्रधानमंत्री के बयान में कितनी सच्चाई है। आवंटन इसलिए रद्द किया जाना चाहिए क्योंकि भ्रष्ट तरीके से जनता के लूटे गए पैसों से मजा लेने की अनुमति किसी को भी नहीं दी जा सकती।" संसद में दिए गए प्रधानमंत्री के बयान की निंदा करते हुए जेटली ने कहा, "कांग्रेस की यही प्रवृति रही है कि यदि आप सीएजी को बदल नहीं सकते तो उसका अपमान करो।" उन्होंने कहा, "पहले तो प्रधानमंत्री ने सारी जिम्मेदारी अपने ऊपर ली और फिर धीरे-धीरे सारी जिम्मेदारी किसी और पर मढ़ दी।" उन्होंने इसके लिए संघीय व्यवस्था, शासन की संसदीय प्रणाली, कानून मंत्रालय और सीएजी पर ठीकरा फोड़ डाला। सुषमा ने इस बीच यह जानकारी दी कि 1993 से 2005 के बीच यदि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के छह वर्षो के कार्यकाल के दौरान 70 कोयला ब्लॉक आवंटित किए गए तो कांग्रेस के नेतृत्व में संप्रग सरकार ने 2006 से 2010 के बीच 142 कोयला ब्लॉक आवंटित किए। सुषमा ने उन खबरों को भी गलत बताया जिनमें कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग के मुद्दे पर राजग के घटक दलों में मतभेद है। उन्होंने ऐलान किया, "भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में यदि भाजपा को अकेले ही चलना पड़े तो हम वह लड़ाई लड़ेंगे।" मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने कहा है कि सीएजी ने जिन कोयला ब्लॉक आवंटनों को दोषपूर्ण पाया है, उसे रद्द कर उनकी नीलामी की जाए। माकपा नेता सीतराम येचुरी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के उस दावे को भी खारिज किया जिसमें उन्होंने कहा था कि पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों ने कोयला ब्लॉक की नीलामी का विरोध किया था और उसके आवंटन की मांग की थी।टिप्पणियां येचुरी ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा कि 2004 से जब से कांग्रेस सत्ता में आई है तब से लेकर अब तक जितनी भी निजी कम्पनियों को कोयला ब्लॉक आवंटित किए गए हैं, उन्हें रद्द किया जाए। "इनकी नीलामी की जा सकती है।" उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने जो भी कारण गिनाए उनमें इस बात का कोई जिक्र नहीं है कि जून 2004 से इस साल के अगस्त तक क्यों नहीं पारदर्शी या प्रतियोगी नीलामी प्रक्रिया अपनाई गई। इससे पहले, सोमवार को लगातार पांचवें दिन विपक्ष के हंगामे के चलते कोई कामकाज नहीं हो सका। हंगामे के बीच ही प्रधानमंत्री ने दोनों सदनों में अपना बयान दिया। बयान के बावजूद हंगामा जारी रहने के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही तीन बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। संसद में दिए गए प्रधानमंत्री के बयान की निंदा करते हुए जेटली ने कहा, "कांग्रेस की यही प्रवृति रही है कि यदि आप सीएजी को बदल नहीं सकते तो उसका अपमान करो।" उन्होंने कहा, "पहले तो प्रधानमंत्री ने सारी जिम्मेदारी अपने ऊपर ली और फिर धीरे-धीरे सारी जिम्मेदारी किसी और पर मढ़ दी।" उन्होंने इसके लिए संघीय व्यवस्था, शासन की संसदीय प्रणाली, कानून मंत्रालय और सीएजी पर ठीकरा फोड़ डाला। सुषमा ने इस बीच यह जानकारी दी कि 1993 से 2005 के बीच यदि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के छह वर्षो के कार्यकाल के दौरान 70 कोयला ब्लॉक आवंटित किए गए तो कांग्रेस के नेतृत्व में संप्रग सरकार ने 2006 से 2010 के बीच 142 कोयला ब्लॉक आवंटित किए। सुषमा ने उन खबरों को भी गलत बताया जिनमें कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग के मुद्दे पर राजग के घटक दलों में मतभेद है। उन्होंने ऐलान किया, "भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में यदि भाजपा को अकेले ही चलना पड़े तो हम वह लड़ाई लड़ेंगे।" मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने कहा है कि सीएजी ने जिन कोयला ब्लॉक आवंटनों को दोषपूर्ण पाया है, उसे रद्द कर उनकी नीलामी की जाए। माकपा नेता सीतराम येचुरी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के उस दावे को भी खारिज किया जिसमें उन्होंने कहा था कि पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों ने कोयला ब्लॉक की नीलामी का विरोध किया था और उसके आवंटन की मांग की थी।टिप्पणियां येचुरी ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा कि 2004 से जब से कांग्रेस सत्ता में आई है तब से लेकर अब तक जितनी भी निजी कम्पनियों को कोयला ब्लॉक आवंटित किए गए हैं, उन्हें रद्द किया जाए। "इनकी नीलामी की जा सकती है।" उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने जो भी कारण गिनाए उनमें इस बात का कोई जिक्र नहीं है कि जून 2004 से इस साल के अगस्त तक क्यों नहीं पारदर्शी या प्रतियोगी नीलामी प्रक्रिया अपनाई गई। इससे पहले, सोमवार को लगातार पांचवें दिन विपक्ष के हंगामे के चलते कोई कामकाज नहीं हो सका। हंगामे के बीच ही प्रधानमंत्री ने दोनों सदनों में अपना बयान दिया। बयान के बावजूद हंगामा जारी रहने के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही तीन बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। सुषमा ने इस बीच यह जानकारी दी कि 1993 से 2005 के बीच यदि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के छह वर्षो के कार्यकाल के दौरान 70 कोयला ब्लॉक आवंटित किए गए तो कांग्रेस के नेतृत्व में संप्रग सरकार ने 2006 से 2010 के बीच 142 कोयला ब्लॉक आवंटित किए। सुषमा ने उन खबरों को भी गलत बताया जिनमें कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग के मुद्दे पर राजग के घटक दलों में मतभेद है। उन्होंने ऐलान किया, "भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में यदि भाजपा को अकेले ही चलना पड़े तो हम वह लड़ाई लड़ेंगे।" मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने कहा है कि सीएजी ने जिन कोयला ब्लॉक आवंटनों को दोषपूर्ण पाया है, उसे रद्द कर उनकी नीलामी की जाए। माकपा नेता सीतराम येचुरी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के उस दावे को भी खारिज किया जिसमें उन्होंने कहा था कि पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों ने कोयला ब्लॉक की नीलामी का विरोध किया था और उसके आवंटन की मांग की थी।टिप्पणियां येचुरी ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा कि 2004 से जब से कांग्रेस सत्ता में आई है तब से लेकर अब तक जितनी भी निजी कम्पनियों को कोयला ब्लॉक आवंटित किए गए हैं, उन्हें रद्द किया जाए। "इनकी नीलामी की जा सकती है।" उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने जो भी कारण गिनाए उनमें इस बात का कोई जिक्र नहीं है कि जून 2004 से इस साल के अगस्त तक क्यों नहीं पारदर्शी या प्रतियोगी नीलामी प्रक्रिया अपनाई गई। इससे पहले, सोमवार को लगातार पांचवें दिन विपक्ष के हंगामे के चलते कोई कामकाज नहीं हो सका। हंगामे के बीच ही प्रधानमंत्री ने दोनों सदनों में अपना बयान दिया। बयान के बावजूद हंगामा जारी रहने के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही तीन बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। सुषमा ने उन खबरों को भी गलत बताया जिनमें कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग के मुद्दे पर राजग के घटक दलों में मतभेद है। उन्होंने ऐलान किया, "भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में यदि भाजपा को अकेले ही चलना पड़े तो हम वह लड़ाई लड़ेंगे।" मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने कहा है कि सीएजी ने जिन कोयला ब्लॉक आवंटनों को दोषपूर्ण पाया है, उसे रद्द कर उनकी नीलामी की जाए। माकपा नेता सीतराम येचुरी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के उस दावे को भी खारिज किया जिसमें उन्होंने कहा था कि पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों ने कोयला ब्लॉक की नीलामी का विरोध किया था और उसके आवंटन की मांग की थी।टिप्पणियां येचुरी ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा कि 2004 से जब से कांग्रेस सत्ता में आई है तब से लेकर अब तक जितनी भी निजी कम्पनियों को कोयला ब्लॉक आवंटित किए गए हैं, उन्हें रद्द किया जाए। "इनकी नीलामी की जा सकती है।" उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने जो भी कारण गिनाए उनमें इस बात का कोई जिक्र नहीं है कि जून 2004 से इस साल के अगस्त तक क्यों नहीं पारदर्शी या प्रतियोगी नीलामी प्रक्रिया अपनाई गई। इससे पहले, सोमवार को लगातार पांचवें दिन विपक्ष के हंगामे के चलते कोई कामकाज नहीं हो सका। हंगामे के बीच ही प्रधानमंत्री ने दोनों सदनों में अपना बयान दिया। बयान के बावजूद हंगामा जारी रहने के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही तीन बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने कहा है कि सीएजी ने जिन कोयला ब्लॉक आवंटनों को दोषपूर्ण पाया है, उसे रद्द कर उनकी नीलामी की जाए। माकपा नेता सीतराम येचुरी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के उस दावे को भी खारिज किया जिसमें उन्होंने कहा था कि पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों ने कोयला ब्लॉक की नीलामी का विरोध किया था और उसके आवंटन की मांग की थी।टिप्पणियां येचुरी ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा कि 2004 से जब से कांग्रेस सत्ता में आई है तब से लेकर अब तक जितनी भी निजी कम्पनियों को कोयला ब्लॉक आवंटित किए गए हैं, उन्हें रद्द किया जाए। "इनकी नीलामी की जा सकती है।" उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने जो भी कारण गिनाए उनमें इस बात का कोई जिक्र नहीं है कि जून 2004 से इस साल के अगस्त तक क्यों नहीं पारदर्शी या प्रतियोगी नीलामी प्रक्रिया अपनाई गई। इससे पहले, सोमवार को लगातार पांचवें दिन विपक्ष के हंगामे के चलते कोई कामकाज नहीं हो सका। हंगामे के बीच ही प्रधानमंत्री ने दोनों सदनों में अपना बयान दिया। बयान के बावजूद हंगामा जारी रहने के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही तीन बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। येचुरी ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा कि 2004 से जब से कांग्रेस सत्ता में आई है तब से लेकर अब तक जितनी भी निजी कम्पनियों को कोयला ब्लॉक आवंटित किए गए हैं, उन्हें रद्द किया जाए। "इनकी नीलामी की जा सकती है।" उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने जो भी कारण गिनाए उनमें इस बात का कोई जिक्र नहीं है कि जून 2004 से इस साल के अगस्त तक क्यों नहीं पारदर्शी या प्रतियोगी नीलामी प्रक्रिया अपनाई गई। इससे पहले, सोमवार को लगातार पांचवें दिन विपक्ष के हंगामे के चलते कोई कामकाज नहीं हो सका। हंगामे के बीच ही प्रधानमंत्री ने दोनों सदनों में अपना बयान दिया। बयान के बावजूद हंगामा जारी रहने के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही तीन बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। इससे पहले, सोमवार को लगातार पांचवें दिन विपक्ष के हंगामे के चलते कोई कामकाज नहीं हो सका। हंगामे के बीच ही प्रधानमंत्री ने दोनों सदनों में अपना बयान दिया। बयान के बावजूद हंगामा जारी रहने के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही तीन बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।
डॉक्टरों के संगठन ने आमिर से ‘सत्यमेव जयते’ को लेकर माफी मांगने को कहा
चिकित्सा संस्थानों के संगठन ‘मेडस्केप इंडिया’ ने बालीवुड अभिनेता आमिर खान से टीवी शो ‘सत्यमेव जयते’ में डॉक्टरों को ‘बदनाम’ करने पर माफी मांगने के लिए कहा है।
चिकित्सा संस्थानों के संगठन ‘मेडस्केप इंडिया’ ने बालीवुड अभिनेता आमिर खान से टीवी शो ‘सत्यमेव जयते’ में डॉक्टरों को ‘बदनाम’ करने पर माफी मांगने के लिए कहा है। आमिर को लिखे खुले पत्र में 21 चिकित्सा संस्थानों के इस समूह ने कहा कि यह ‘शर्मनाक’ है कि डाक्टरों की एकतरफा जांच की गई। पत्र में कहा गया कि डॉक्टरों के कदाचार को पेश करना ‘दुख’ की बात है। पत्र में कहा गया कि डॉक्टर उसी सामाजिक-वैधानिक माहौल में काम करते हैं जिसमें सभी करते हैं और वे भी आज के समाज का हिस्सा हैं। इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं कि बेईमानी, भ्रष्टाचार, घोटाले इस पेशे में भी हैं। इसलिए उन्हें समाज से अलग नहीं किया जा सकता। इसमें कहा गया कि डॉक्टरों की भगवान से तुलना करने की वर्षों पुरानी रीति, जिस बयान के साथ मिस्टर खान अपने शो की शुरूआत करते हैं, अब सच नहीं है। डॉक्टर समाज की सेवा करने के लिए पेशेवर प्रशिक्षण लेते हैं और इस प्रक्रिया के जरिये आजीविका कमाते हैं। टिप्पणियां पत्र में कहा गया कि डॉक्टरों को भी इस देश में अन्य नागरिकों की तरह लाइसेंस हासिल करने के लिए रिश्वत देने के लिए मजबूर किया जाता है। पत्र में कहा गया कि देशभर के करीब एक अरब दर्शकों को डाक्टरों के बारे में नकारात्मक छवि बनाकर मिस्टर खान ने स्वास्थ्यसेवाओं के मौलिक आदेशों पर शक पैदा कर दिया है जिसे इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कमाया था। गौरतलब है कि आमिर खान के शो सत्यमेव जयते के चौथे भाग में चिकित्सा पेशे में कदाचार और भ्रष्टाचार पर प्रकाश डाला गया था। आमिर को लिखे खुले पत्र में 21 चिकित्सा संस्थानों के इस समूह ने कहा कि यह ‘शर्मनाक’ है कि डाक्टरों की एकतरफा जांच की गई। पत्र में कहा गया कि डॉक्टरों के कदाचार को पेश करना ‘दुख’ की बात है। पत्र में कहा गया कि डॉक्टर उसी सामाजिक-वैधानिक माहौल में काम करते हैं जिसमें सभी करते हैं और वे भी आज के समाज का हिस्सा हैं। इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं कि बेईमानी, भ्रष्टाचार, घोटाले इस पेशे में भी हैं। इसलिए उन्हें समाज से अलग नहीं किया जा सकता। इसमें कहा गया कि डॉक्टरों की भगवान से तुलना करने की वर्षों पुरानी रीति, जिस बयान के साथ मिस्टर खान अपने शो की शुरूआत करते हैं, अब सच नहीं है। डॉक्टर समाज की सेवा करने के लिए पेशेवर प्रशिक्षण लेते हैं और इस प्रक्रिया के जरिये आजीविका कमाते हैं। टिप्पणियां पत्र में कहा गया कि डॉक्टरों को भी इस देश में अन्य नागरिकों की तरह लाइसेंस हासिल करने के लिए रिश्वत देने के लिए मजबूर किया जाता है। पत्र में कहा गया कि देशभर के करीब एक अरब दर्शकों को डाक्टरों के बारे में नकारात्मक छवि बनाकर मिस्टर खान ने स्वास्थ्यसेवाओं के मौलिक आदेशों पर शक पैदा कर दिया है जिसे इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कमाया था। गौरतलब है कि आमिर खान के शो सत्यमेव जयते के चौथे भाग में चिकित्सा पेशे में कदाचार और भ्रष्टाचार पर प्रकाश डाला गया था। पत्र में कहा गया कि डॉक्टर उसी सामाजिक-वैधानिक माहौल में काम करते हैं जिसमें सभी करते हैं और वे भी आज के समाज का हिस्सा हैं। इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं कि बेईमानी, भ्रष्टाचार, घोटाले इस पेशे में भी हैं। इसलिए उन्हें समाज से अलग नहीं किया जा सकता। इसमें कहा गया कि डॉक्टरों की भगवान से तुलना करने की वर्षों पुरानी रीति, जिस बयान के साथ मिस्टर खान अपने शो की शुरूआत करते हैं, अब सच नहीं है। डॉक्टर समाज की सेवा करने के लिए पेशेवर प्रशिक्षण लेते हैं और इस प्रक्रिया के जरिये आजीविका कमाते हैं। टिप्पणियां पत्र में कहा गया कि डॉक्टरों को भी इस देश में अन्य नागरिकों की तरह लाइसेंस हासिल करने के लिए रिश्वत देने के लिए मजबूर किया जाता है। पत्र में कहा गया कि देशभर के करीब एक अरब दर्शकों को डाक्टरों के बारे में नकारात्मक छवि बनाकर मिस्टर खान ने स्वास्थ्यसेवाओं के मौलिक आदेशों पर शक पैदा कर दिया है जिसे इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कमाया था। गौरतलब है कि आमिर खान के शो सत्यमेव जयते के चौथे भाग में चिकित्सा पेशे में कदाचार और भ्रष्टाचार पर प्रकाश डाला गया था। इसमें कहा गया कि डॉक्टरों की भगवान से तुलना करने की वर्षों पुरानी रीति, जिस बयान के साथ मिस्टर खान अपने शो की शुरूआत करते हैं, अब सच नहीं है। डॉक्टर समाज की सेवा करने के लिए पेशेवर प्रशिक्षण लेते हैं और इस प्रक्रिया के जरिये आजीविका कमाते हैं। टिप्पणियां पत्र में कहा गया कि डॉक्टरों को भी इस देश में अन्य नागरिकों की तरह लाइसेंस हासिल करने के लिए रिश्वत देने के लिए मजबूर किया जाता है। पत्र में कहा गया कि देशभर के करीब एक अरब दर्शकों को डाक्टरों के बारे में नकारात्मक छवि बनाकर मिस्टर खान ने स्वास्थ्यसेवाओं के मौलिक आदेशों पर शक पैदा कर दिया है जिसे इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कमाया था। गौरतलब है कि आमिर खान के शो सत्यमेव जयते के चौथे भाग में चिकित्सा पेशे में कदाचार और भ्रष्टाचार पर प्रकाश डाला गया था। पत्र में कहा गया कि डॉक्टरों को भी इस देश में अन्य नागरिकों की तरह लाइसेंस हासिल करने के लिए रिश्वत देने के लिए मजबूर किया जाता है। पत्र में कहा गया कि देशभर के करीब एक अरब दर्शकों को डाक्टरों के बारे में नकारात्मक छवि बनाकर मिस्टर खान ने स्वास्थ्यसेवाओं के मौलिक आदेशों पर शक पैदा कर दिया है जिसे इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कमाया था। गौरतलब है कि आमिर खान के शो सत्यमेव जयते के चौथे भाग में चिकित्सा पेशे में कदाचार और भ्रष्टाचार पर प्रकाश डाला गया था। गौरतलब है कि आमिर खान के शो सत्यमेव जयते के चौथे भाग में चिकित्सा पेशे में कदाचार और भ्रष्टाचार पर प्रकाश डाला गया था।
पाकिस्तान में आत्मघाती हमले में 31 की मौत
पाकिस्तान में एक आत्मघाती हमलावर ने तालिबान विरोधी कबायली नेता के जनाजे को अपना निशाना बनाया। इसमें 31 लोग मारे गए।
पश्चिमोत्तर पाकिस्तान में एक आत्मघाती हमलावर ने तालिबान विरोधी कबायली नेता के जनाजे को अपना निशाना बनाया। इस हमले में कम से कम 31 लोग मारे गए, जबकि 70 से भी ज्यादा घायल हो गए। पुलिस अधिकारियों और प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हमलावर ने खबर-पख्तूनख्वा प्रांत के निचले दीर जिले के जांदोल में इस नमाज-ए-जनाजा को गुरुवार को अपना निशाना बनाया। नमाज में 200 से ज्यादा लोग घायल हो गए। जियो न्यूज की खबर के अनुसार इस शक्तिशाली विस्फोट में 31 लोग मारे गए। घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है जिस जनाजे पर हमला हुआ, वह कबायली नेता मलिक मुहम्मद जरीन के एक संबंधी का था। जरीन की भी अप्रैल में अफगानिस्तान के कुनार प्रांत में एक आत्मघाती हमले में मौत हुई थी। हमले की अब तक किसी गुट ने जिम्मेदारी नहीं ली है। बहरहाल, इस तरह की घटनाओं के लिए आमतौर पर पाकिस्तानी तालिबान पर आरोप लगाया जाता है।
पंजाब, उत्तराखंड में पड़ेंगे वोट; कड़ी सुरक्षा व्यवस्था
पंजाब विधानसभा की 117 सीटों और उत्तराखण्ड विधानसभा की 70 सीटों के लिए सोमवार को मतदान होगा। दोनों राज्यों में मतदान के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।
पंजाब विधानसभा की 117 सीटों और उत्तराखण्ड विधानसभा की 70 सीटों के लिए सोमवार को मतदान होगा। दोनों राज्यों में मतदान के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। दोनों राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार शाम को चुनाव प्रचार खत्म हो गया। अब उम्मीदवारों के पास घर-घर जनसम्पर्क अभियान चलाने का विकल्प बचा है। पंजाब में कुल 117 सदस्यीय विधानसभा चुनाव के लिए 1078 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें से 93 महिला उम्मीदवार हैं। मतदान के लिए 19724 मतदान केंद्र बनाए गए हैं जिसके लिए 19841 इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का इस्तेमाल किया जाएगा। कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने जहां सभी 117 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं वहीं शिरोमणि अकाली दल ने 94 और पंजाब पीपुल्स पार्टी ने 92 उम्मीदवारों को टिकट दिया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 23, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने 14 और मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने नौ सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। इसके अलावा निर्दलीय और अन्य 612 हैं।टिप्पणियां उत्तराखण्ड में राज्य की 70 सदस्यीय विधानसभा चुनाव के लिए कुल 788 उम्मीदवार मैदान में हैं। मतदान के लिए कुल 9744 केंद्र बनाए गए हैं जिनमें से 1794 को संवेदनशील और 1252 को अति संवेदनशील घोषित किया गया है। राज्य में निष्पक्ष चुनाव के लिए केंद्रीय सुरक्षा बल की 75 कम्पनियों को तैनात किया गया है। इसके अलावा राज्य पुलिस के सशस्त्र बल की 25 कम्पनियों की तैनाती की गई है।   राज्य में तीन प्रमुख दलों कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने सभी 70 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। दोनों राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार शाम को चुनाव प्रचार खत्म हो गया। अब उम्मीदवारों के पास घर-घर जनसम्पर्क अभियान चलाने का विकल्प बचा है। पंजाब में कुल 117 सदस्यीय विधानसभा चुनाव के लिए 1078 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें से 93 महिला उम्मीदवार हैं। मतदान के लिए 19724 मतदान केंद्र बनाए गए हैं जिसके लिए 19841 इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का इस्तेमाल किया जाएगा। कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने जहां सभी 117 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं वहीं शिरोमणि अकाली दल ने 94 और पंजाब पीपुल्स पार्टी ने 92 उम्मीदवारों को टिकट दिया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 23, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने 14 और मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने नौ सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। इसके अलावा निर्दलीय और अन्य 612 हैं।टिप्पणियां उत्तराखण्ड में राज्य की 70 सदस्यीय विधानसभा चुनाव के लिए कुल 788 उम्मीदवार मैदान में हैं। मतदान के लिए कुल 9744 केंद्र बनाए गए हैं जिनमें से 1794 को संवेदनशील और 1252 को अति संवेदनशील घोषित किया गया है। राज्य में निष्पक्ष चुनाव के लिए केंद्रीय सुरक्षा बल की 75 कम्पनियों को तैनात किया गया है। इसके अलावा राज्य पुलिस के सशस्त्र बल की 25 कम्पनियों की तैनाती की गई है।   राज्य में तीन प्रमुख दलों कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने सभी 70 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। पंजाब में कुल 117 सदस्यीय विधानसभा चुनाव के लिए 1078 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें से 93 महिला उम्मीदवार हैं। मतदान के लिए 19724 मतदान केंद्र बनाए गए हैं जिसके लिए 19841 इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का इस्तेमाल किया जाएगा। कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने जहां सभी 117 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं वहीं शिरोमणि अकाली दल ने 94 और पंजाब पीपुल्स पार्टी ने 92 उम्मीदवारों को टिकट दिया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 23, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने 14 और मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने नौ सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। इसके अलावा निर्दलीय और अन्य 612 हैं।टिप्पणियां उत्तराखण्ड में राज्य की 70 सदस्यीय विधानसभा चुनाव के लिए कुल 788 उम्मीदवार मैदान में हैं। मतदान के लिए कुल 9744 केंद्र बनाए गए हैं जिनमें से 1794 को संवेदनशील और 1252 को अति संवेदनशील घोषित किया गया है। राज्य में निष्पक्ष चुनाव के लिए केंद्रीय सुरक्षा बल की 75 कम्पनियों को तैनात किया गया है। इसके अलावा राज्य पुलिस के सशस्त्र बल की 25 कम्पनियों की तैनाती की गई है।   राज्य में तीन प्रमुख दलों कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने सभी 70 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने जहां सभी 117 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं वहीं शिरोमणि अकाली दल ने 94 और पंजाब पीपुल्स पार्टी ने 92 उम्मीदवारों को टिकट दिया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 23, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने 14 और मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने नौ सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। इसके अलावा निर्दलीय और अन्य 612 हैं।टिप्पणियां उत्तराखण्ड में राज्य की 70 सदस्यीय विधानसभा चुनाव के लिए कुल 788 उम्मीदवार मैदान में हैं। मतदान के लिए कुल 9744 केंद्र बनाए गए हैं जिनमें से 1794 को संवेदनशील और 1252 को अति संवेदनशील घोषित किया गया है। राज्य में निष्पक्ष चुनाव के लिए केंद्रीय सुरक्षा बल की 75 कम्पनियों को तैनात किया गया है। इसके अलावा राज्य पुलिस के सशस्त्र बल की 25 कम्पनियों की तैनाती की गई है।   राज्य में तीन प्रमुख दलों कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने सभी 70 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। उत्तराखण्ड में राज्य की 70 सदस्यीय विधानसभा चुनाव के लिए कुल 788 उम्मीदवार मैदान में हैं। मतदान के लिए कुल 9744 केंद्र बनाए गए हैं जिनमें से 1794 को संवेदनशील और 1252 को अति संवेदनशील घोषित किया गया है। राज्य में निष्पक्ष चुनाव के लिए केंद्रीय सुरक्षा बल की 75 कम्पनियों को तैनात किया गया है। इसके अलावा राज्य पुलिस के सशस्त्र बल की 25 कम्पनियों की तैनाती की गई है।   राज्य में तीन प्रमुख दलों कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने सभी 70 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। राज्य में तीन प्रमुख दलों कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने सभी 70 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं।
एशिया कप : पाकिस्तान ने बांग्लादेश को 21 रन से हराया
शेर-ए-बांग्ला नेशनल स्टेडियम में रविवार को खेले गए एशिया कप के उद्घाटन मुकाबले में पाकिस्तान ने बांग्लादेश को 21 रनों से पराजित कर दिया।
शेर-ए-बांग्ला नेशनल स्टेडियम में रविवार को खेले गए एशिया कप के उद्घाटन मुकाबले में पाकिस्तान ने बांग्लादेश को 21 रनों से पराजित कर दिया। मोहम्मद हफीज को शानदार 89 रन बनाने के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया। टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाजी करने उतरी पाकिस्तान की टीम ने बांग्लादेश के समक्ष जीत के लिए 263 रनों का लक्ष्य रखा है। पाकिस्तानी टीम ने निर्धारित 50 ओवरों में आठ विकेट के नुकसान पर 262 रन बनाए। इसके जवाब में बल्लेबाजी करने उतरी बांग्लादेश की टीम 48.1 ओवर में 241 रन ही बना सकी। एक समय ऐसा लग रहा था कि बांग्लादेश की टीम जीत के करीब है। उसने 41 ओवरों में पांच विकेट के नुकसान पर 201 रन बना लिए थे लेकिन इसके बाद बल्लेबाजी ताश के पत्ते की तरह बिखर गई। बांग्लादेश की ओर सलामी बल्लेबाज तमीम इकबाल और साकिब अल हसन ने सर्वाधिक 64-64 रन बनाए। इसके बाद नासिर हुसैन ने 47 और नजीमुद्दीन ने 30 रनों का योगदान दिया। बांग्लादेश का पहला विकेट 45 के कुल योग पर नजीमुद्दीन के रूप में गिरा। सलामी बल्लेबाज नजीमुद्दीन ने 33 गेंदों में चार चौके और एक छक्के की मदद से 30 रन बनाए। नजीमुद्दीन ने तमीम इकबाल के साथ 45 रनों की साझेदारी की। इसके बाद जहुरुल इस्लाम 23 और मुश्फिकुर रहीम 3 रन बनाकर आउट हुए। तमीम इकबाल 89 गेंदों में छह चौके और एक छक्के की मदद से 64 रन बनाकर आउट हुए। बांग्लादेश का पांचवां विकेट महमुदुल्ला के रूप में 135 के कुल योग पर गिरा। वह बिना खाता खोले पवेलियन लौट गए। नासिर हुसैन ने 49 गेंदों में तीन चौके और एक छक्के की मदद से  47 बनाए। हुसैन का विकेट 224 के कुल योग पर गिरा। इसके बाद तो विकेटों का पतझड़ शुरू हो गया।  अब्दुर रज्जाक 1, मशरफे मुर्तजा 1, सफीउल इस्लाम 1 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। आखिरी विकेट साकिब अल हसन के रूप में गिरा। उन्होंने 66 गेंदों में चार चौके की मदद से 64 रन बनाए। पाकिस्तान की ओर से उमर गुल ने तीन जबकि मोहम्मद हाफीज, सईद अजमल और शाहिद अफरीदी ने दो-दो विकेट चटकाए। एजाज चीमा को एक विकेट मिला।     इससे पहले, पाकिस्तानी टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए बांग्लादेश के समक्ष जीत के लिए 263 रनों का लक्ष्य रखा है। पाकिस्तानी टीम ने निर्धारित 50 ओवरों में आठ विकेट के नुकसान पर 262 रन बनाए। सलामी बल्लेबाज मोहम्मद हफीज और नासिर जमशेद ने टीम को शानदार शुरुआत दी और पहले विकेट के लिए 135 रन जोड़े। जमशेद के रूप में पाकिस्तान को पहला झटका 28वें ओवर में लगा। वह 54 रन बनाकर आउट हुए। जमशेद ने 64 गेंदों पर पांच चौके व एक छक्का लगाया है। हफीज ने पाकिस्तान के लिए सर्वाधिक 89 रन बनाए। उन्होंने इस पारी के दौरान 126 गेंदों का सामना किया और सात चौके लगाए। इन दोनों के अलावा पाकिस्तान का कोई भी अन्य बल्लेबाज कुछ खास नहीं कर सका। अंतिम ओवरों में तेज गेंदबाज उमर गुल ने तेजी से 39 रन बटोरे। युनिस खान 12, उमर अकमल 21, असद शफीक चार, कप्तान मिस्बाह उल हक आठ, पूर्व कप्तान शहिद अफरीदी शून्य और सरफराज अहमद ने 19 रन बनाए। बांग्लादेश की ओर से शहादत हुसैन सबसे सफल गेंदबाज रहे। उन्होंने पाकिस्तान के तीन बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई। पूर्व कप्तान शाकिब अल हसन ने दो विकेट झटके जबकि मशरफे मुर्तजा और अब्दुर्रज्जाक ने एक-एक विकेट हासिल किए। मिस्बाह उल हक के हाथों में पाकिस्तानी टीम की बागडोर थी तो बांग्लादेश की कमान मुश्फिकुर रहीम सम्भाल रहे थे।टिप्पणियां पाकिस्तान और बांग्लादेश के अलावा भारत और श्रीलंका की टीमें इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में हिस्सा ले रही हैं। एशिया कप पर पांच बार कब्जा जमा चुकी भारतीय टीम अपने अभियान की शुरूआत 13 मार्च को शेर-ए-बांग्ला स्टेडियम में श्रीलंका के खिलाफ करेगी। भारत और पाकिस्तान दोनों चिर प्रतिद्वंद्वी टीमों के बीच 18 मार्च को मुकाबला होगा। विश्व कप सेमीफाइनल के बाद दोनों टीमों के बीच यह पहला मुकाबला होगा। टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाजी करने उतरी पाकिस्तान की टीम ने बांग्लादेश के समक्ष जीत के लिए 263 रनों का लक्ष्य रखा है। पाकिस्तानी टीम ने निर्धारित 50 ओवरों में आठ विकेट के नुकसान पर 262 रन बनाए। इसके जवाब में बल्लेबाजी करने उतरी बांग्लादेश की टीम 48.1 ओवर में 241 रन ही बना सकी। एक समय ऐसा लग रहा था कि बांग्लादेश की टीम जीत के करीब है। उसने 41 ओवरों में पांच विकेट के नुकसान पर 201 रन बना लिए थे लेकिन इसके बाद बल्लेबाजी ताश के पत्ते की तरह बिखर गई। बांग्लादेश की ओर सलामी बल्लेबाज तमीम इकबाल और साकिब अल हसन ने सर्वाधिक 64-64 रन बनाए। इसके बाद नासिर हुसैन ने 47 और नजीमुद्दीन ने 30 रनों का योगदान दिया। बांग्लादेश का पहला विकेट 45 के कुल योग पर नजीमुद्दीन के रूप में गिरा। सलामी बल्लेबाज नजीमुद्दीन ने 33 गेंदों में चार चौके और एक छक्के की मदद से 30 रन बनाए। नजीमुद्दीन ने तमीम इकबाल के साथ 45 रनों की साझेदारी की। इसके बाद जहुरुल इस्लाम 23 और मुश्फिकुर रहीम 3 रन बनाकर आउट हुए। तमीम इकबाल 89 गेंदों में छह चौके और एक छक्के की मदद से 64 रन बनाकर आउट हुए। बांग्लादेश का पांचवां विकेट महमुदुल्ला के रूप में 135 के कुल योग पर गिरा। वह बिना खाता खोले पवेलियन लौट गए। नासिर हुसैन ने 49 गेंदों में तीन चौके और एक छक्के की मदद से  47 बनाए। हुसैन का विकेट 224 के कुल योग पर गिरा। इसके बाद तो विकेटों का पतझड़ शुरू हो गया।  अब्दुर रज्जाक 1, मशरफे मुर्तजा 1, सफीउल इस्लाम 1 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। आखिरी विकेट साकिब अल हसन के रूप में गिरा। उन्होंने 66 गेंदों में चार चौके की मदद से 64 रन बनाए। पाकिस्तान की ओर से उमर गुल ने तीन जबकि मोहम्मद हाफीज, सईद अजमल और शाहिद अफरीदी ने दो-दो विकेट चटकाए। एजाज चीमा को एक विकेट मिला।     इससे पहले, पाकिस्तानी टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए बांग्लादेश के समक्ष जीत के लिए 263 रनों का लक्ष्य रखा है। पाकिस्तानी टीम ने निर्धारित 50 ओवरों में आठ विकेट के नुकसान पर 262 रन बनाए। सलामी बल्लेबाज मोहम्मद हफीज और नासिर जमशेद ने टीम को शानदार शुरुआत दी और पहले विकेट के लिए 135 रन जोड़े। जमशेद के रूप में पाकिस्तान को पहला झटका 28वें ओवर में लगा। वह 54 रन बनाकर आउट हुए। जमशेद ने 64 गेंदों पर पांच चौके व एक छक्का लगाया है। हफीज ने पाकिस्तान के लिए सर्वाधिक 89 रन बनाए। उन्होंने इस पारी के दौरान 126 गेंदों का सामना किया और सात चौके लगाए। इन दोनों के अलावा पाकिस्तान का कोई भी अन्य बल्लेबाज कुछ खास नहीं कर सका। अंतिम ओवरों में तेज गेंदबाज उमर गुल ने तेजी से 39 रन बटोरे। युनिस खान 12, उमर अकमल 21, असद शफीक चार, कप्तान मिस्बाह उल हक आठ, पूर्व कप्तान शहिद अफरीदी शून्य और सरफराज अहमद ने 19 रन बनाए। बांग्लादेश की ओर से शहादत हुसैन सबसे सफल गेंदबाज रहे। उन्होंने पाकिस्तान के तीन बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई। पूर्व कप्तान शाकिब अल हसन ने दो विकेट झटके जबकि मशरफे मुर्तजा और अब्दुर्रज्जाक ने एक-एक विकेट हासिल किए। मिस्बाह उल हक के हाथों में पाकिस्तानी टीम की बागडोर थी तो बांग्लादेश की कमान मुश्फिकुर रहीम सम्भाल रहे थे।टिप्पणियां पाकिस्तान और बांग्लादेश के अलावा भारत और श्रीलंका की टीमें इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में हिस्सा ले रही हैं। एशिया कप पर पांच बार कब्जा जमा चुकी भारतीय टीम अपने अभियान की शुरूआत 13 मार्च को शेर-ए-बांग्ला स्टेडियम में श्रीलंका के खिलाफ करेगी। भारत और पाकिस्तान दोनों चिर प्रतिद्वंद्वी टीमों के बीच 18 मार्च को मुकाबला होगा। विश्व कप सेमीफाइनल के बाद दोनों टीमों के बीच यह पहला मुकाबला होगा। इसके जवाब में बल्लेबाजी करने उतरी बांग्लादेश की टीम 48.1 ओवर में 241 रन ही बना सकी। एक समय ऐसा लग रहा था कि बांग्लादेश की टीम जीत के करीब है। उसने 41 ओवरों में पांच विकेट के नुकसान पर 201 रन बना लिए थे लेकिन इसके बाद बल्लेबाजी ताश के पत्ते की तरह बिखर गई। बांग्लादेश की ओर सलामी बल्लेबाज तमीम इकबाल और साकिब अल हसन ने सर्वाधिक 64-64 रन बनाए। इसके बाद नासिर हुसैन ने 47 और नजीमुद्दीन ने 30 रनों का योगदान दिया। बांग्लादेश का पहला विकेट 45 के कुल योग पर नजीमुद्दीन के रूप में गिरा। सलामी बल्लेबाज नजीमुद्दीन ने 33 गेंदों में चार चौके और एक छक्के की मदद से 30 रन बनाए। नजीमुद्दीन ने तमीम इकबाल के साथ 45 रनों की साझेदारी की। इसके बाद जहुरुल इस्लाम 23 और मुश्फिकुर रहीम 3 रन बनाकर आउट हुए। तमीम इकबाल 89 गेंदों में छह चौके और एक छक्के की मदद से 64 रन बनाकर आउट हुए। बांग्लादेश का पांचवां विकेट महमुदुल्ला के रूप में 135 के कुल योग पर गिरा। वह बिना खाता खोले पवेलियन लौट गए। नासिर हुसैन ने 49 गेंदों में तीन चौके और एक छक्के की मदद से  47 बनाए। हुसैन का विकेट 224 के कुल योग पर गिरा। इसके बाद तो विकेटों का पतझड़ शुरू हो गया।  अब्दुर रज्जाक 1, मशरफे मुर्तजा 1, सफीउल इस्लाम 1 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। आखिरी विकेट साकिब अल हसन के रूप में गिरा। उन्होंने 66 गेंदों में चार चौके की मदद से 64 रन बनाए। पाकिस्तान की ओर से उमर गुल ने तीन जबकि मोहम्मद हाफीज, सईद अजमल और शाहिद अफरीदी ने दो-दो विकेट चटकाए। एजाज चीमा को एक विकेट मिला।     इससे पहले, पाकिस्तानी टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए बांग्लादेश के समक्ष जीत के लिए 263 रनों का लक्ष्य रखा है। पाकिस्तानी टीम ने निर्धारित 50 ओवरों में आठ विकेट के नुकसान पर 262 रन बनाए। सलामी बल्लेबाज मोहम्मद हफीज और नासिर जमशेद ने टीम को शानदार शुरुआत दी और पहले विकेट के लिए 135 रन जोड़े। जमशेद के रूप में पाकिस्तान को पहला झटका 28वें ओवर में लगा। वह 54 रन बनाकर आउट हुए। जमशेद ने 64 गेंदों पर पांच चौके व एक छक्का लगाया है। हफीज ने पाकिस्तान के लिए सर्वाधिक 89 रन बनाए। उन्होंने इस पारी के दौरान 126 गेंदों का सामना किया और सात चौके लगाए। इन दोनों के अलावा पाकिस्तान का कोई भी अन्य बल्लेबाज कुछ खास नहीं कर सका। अंतिम ओवरों में तेज गेंदबाज उमर गुल ने तेजी से 39 रन बटोरे। युनिस खान 12, उमर अकमल 21, असद शफीक चार, कप्तान मिस्बाह उल हक आठ, पूर्व कप्तान शहिद अफरीदी शून्य और सरफराज अहमद ने 19 रन बनाए। बांग्लादेश की ओर से शहादत हुसैन सबसे सफल गेंदबाज रहे। उन्होंने पाकिस्तान के तीन बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई। पूर्व कप्तान शाकिब अल हसन ने दो विकेट झटके जबकि मशरफे मुर्तजा और अब्दुर्रज्जाक ने एक-एक विकेट हासिल किए। मिस्बाह उल हक के हाथों में पाकिस्तानी टीम की बागडोर थी तो बांग्लादेश की कमान मुश्फिकुर रहीम सम्भाल रहे थे।टिप्पणियां पाकिस्तान और बांग्लादेश के अलावा भारत और श्रीलंका की टीमें इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में हिस्सा ले रही हैं। एशिया कप पर पांच बार कब्जा जमा चुकी भारतीय टीम अपने अभियान की शुरूआत 13 मार्च को शेर-ए-बांग्ला स्टेडियम में श्रीलंका के खिलाफ करेगी। भारत और पाकिस्तान दोनों चिर प्रतिद्वंद्वी टीमों के बीच 18 मार्च को मुकाबला होगा। विश्व कप सेमीफाइनल के बाद दोनों टीमों के बीच यह पहला मुकाबला होगा। बांग्लादेश की ओर सलामी बल्लेबाज तमीम इकबाल और साकिब अल हसन ने सर्वाधिक 64-64 रन बनाए। इसके बाद नासिर हुसैन ने 47 और नजीमुद्दीन ने 30 रनों का योगदान दिया। बांग्लादेश का पहला विकेट 45 के कुल योग पर नजीमुद्दीन के रूप में गिरा। सलामी बल्लेबाज नजीमुद्दीन ने 33 गेंदों में चार चौके और एक छक्के की मदद से 30 रन बनाए। नजीमुद्दीन ने तमीम इकबाल के साथ 45 रनों की साझेदारी की। इसके बाद जहुरुल इस्लाम 23 और मुश्फिकुर रहीम 3 रन बनाकर आउट हुए। तमीम इकबाल 89 गेंदों में छह चौके और एक छक्के की मदद से 64 रन बनाकर आउट हुए। बांग्लादेश का पांचवां विकेट महमुदुल्ला के रूप में 135 के कुल योग पर गिरा। वह बिना खाता खोले पवेलियन लौट गए। नासिर हुसैन ने 49 गेंदों में तीन चौके और एक छक्के की मदद से  47 बनाए। हुसैन का विकेट 224 के कुल योग पर गिरा। इसके बाद तो विकेटों का पतझड़ शुरू हो गया।  अब्दुर रज्जाक 1, मशरफे मुर्तजा 1, सफीउल इस्लाम 1 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। आखिरी विकेट साकिब अल हसन के रूप में गिरा। उन्होंने 66 गेंदों में चार चौके की मदद से 64 रन बनाए। पाकिस्तान की ओर से उमर गुल ने तीन जबकि मोहम्मद हाफीज, सईद अजमल और शाहिद अफरीदी ने दो-दो विकेट चटकाए। एजाज चीमा को एक विकेट मिला।     इससे पहले, पाकिस्तानी टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए बांग्लादेश के समक्ष जीत के लिए 263 रनों का लक्ष्य रखा है। पाकिस्तानी टीम ने निर्धारित 50 ओवरों में आठ विकेट के नुकसान पर 262 रन बनाए। सलामी बल्लेबाज मोहम्मद हफीज और नासिर जमशेद ने टीम को शानदार शुरुआत दी और पहले विकेट के लिए 135 रन जोड़े। जमशेद के रूप में पाकिस्तान को पहला झटका 28वें ओवर में लगा। वह 54 रन बनाकर आउट हुए। जमशेद ने 64 गेंदों पर पांच चौके व एक छक्का लगाया है। हफीज ने पाकिस्तान के लिए सर्वाधिक 89 रन बनाए। उन्होंने इस पारी के दौरान 126 गेंदों का सामना किया और सात चौके लगाए। इन दोनों के अलावा पाकिस्तान का कोई भी अन्य बल्लेबाज कुछ खास नहीं कर सका। अंतिम ओवरों में तेज गेंदबाज उमर गुल ने तेजी से 39 रन बटोरे। युनिस खान 12, उमर अकमल 21, असद शफीक चार, कप्तान मिस्बाह उल हक आठ, पूर्व कप्तान शहिद अफरीदी शून्य और सरफराज अहमद ने 19 रन बनाए। बांग्लादेश की ओर से शहादत हुसैन सबसे सफल गेंदबाज रहे। उन्होंने पाकिस्तान के तीन बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई। पूर्व कप्तान शाकिब अल हसन ने दो विकेट झटके जबकि मशरफे मुर्तजा और अब्दुर्रज्जाक ने एक-एक विकेट हासिल किए। मिस्बाह उल हक के हाथों में पाकिस्तानी टीम की बागडोर थी तो बांग्लादेश की कमान मुश्फिकुर रहीम सम्भाल रहे थे।टिप्पणियां पाकिस्तान और बांग्लादेश के अलावा भारत और श्रीलंका की टीमें इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में हिस्सा ले रही हैं। एशिया कप पर पांच बार कब्जा जमा चुकी भारतीय टीम अपने अभियान की शुरूआत 13 मार्च को शेर-ए-बांग्ला स्टेडियम में श्रीलंका के खिलाफ करेगी। भारत और पाकिस्तान दोनों चिर प्रतिद्वंद्वी टीमों के बीच 18 मार्च को मुकाबला होगा। विश्व कप सेमीफाइनल के बाद दोनों टीमों के बीच यह पहला मुकाबला होगा। बांग्लादेश का पहला विकेट 45 के कुल योग पर नजीमुद्दीन के रूप में गिरा। सलामी बल्लेबाज नजीमुद्दीन ने 33 गेंदों में चार चौके और एक छक्के की मदद से 30 रन बनाए। नजीमुद्दीन ने तमीम इकबाल के साथ 45 रनों की साझेदारी की। इसके बाद जहुरुल इस्लाम 23 और मुश्फिकुर रहीम 3 रन बनाकर आउट हुए। तमीम इकबाल 89 गेंदों में छह चौके और एक छक्के की मदद से 64 रन बनाकर आउट हुए। बांग्लादेश का पांचवां विकेट महमुदुल्ला के रूप में 135 के कुल योग पर गिरा। वह बिना खाता खोले पवेलियन लौट गए। नासिर हुसैन ने 49 गेंदों में तीन चौके और एक छक्के की मदद से  47 बनाए। हुसैन का विकेट 224 के कुल योग पर गिरा। इसके बाद तो विकेटों का पतझड़ शुरू हो गया।  अब्दुर रज्जाक 1, मशरफे मुर्तजा 1, सफीउल इस्लाम 1 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। आखिरी विकेट साकिब अल हसन के रूप में गिरा। उन्होंने 66 गेंदों में चार चौके की मदद से 64 रन बनाए। पाकिस्तान की ओर से उमर गुल ने तीन जबकि मोहम्मद हाफीज, सईद अजमल और शाहिद अफरीदी ने दो-दो विकेट चटकाए। एजाज चीमा को एक विकेट मिला।     इससे पहले, पाकिस्तानी टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए बांग्लादेश के समक्ष जीत के लिए 263 रनों का लक्ष्य रखा है। पाकिस्तानी टीम ने निर्धारित 50 ओवरों में आठ विकेट के नुकसान पर 262 रन बनाए। सलामी बल्लेबाज मोहम्मद हफीज और नासिर जमशेद ने टीम को शानदार शुरुआत दी और पहले विकेट के लिए 135 रन जोड़े। जमशेद के रूप में पाकिस्तान को पहला झटका 28वें ओवर में लगा। वह 54 रन बनाकर आउट हुए। जमशेद ने 64 गेंदों पर पांच चौके व एक छक्का लगाया है। हफीज ने पाकिस्तान के लिए सर्वाधिक 89 रन बनाए। उन्होंने इस पारी के दौरान 126 गेंदों का सामना किया और सात चौके लगाए। इन दोनों के अलावा पाकिस्तान का कोई भी अन्य बल्लेबाज कुछ खास नहीं कर सका। अंतिम ओवरों में तेज गेंदबाज उमर गुल ने तेजी से 39 रन बटोरे। युनिस खान 12, उमर अकमल 21, असद शफीक चार, कप्तान मिस्बाह उल हक आठ, पूर्व कप्तान शहिद अफरीदी शून्य और सरफराज अहमद ने 19 रन बनाए। बांग्लादेश की ओर से शहादत हुसैन सबसे सफल गेंदबाज रहे। उन्होंने पाकिस्तान के तीन बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई। पूर्व कप्तान शाकिब अल हसन ने दो विकेट झटके जबकि मशरफे मुर्तजा और अब्दुर्रज्जाक ने एक-एक विकेट हासिल किए। मिस्बाह उल हक के हाथों में पाकिस्तानी टीम की बागडोर थी तो बांग्लादेश की कमान मुश्फिकुर रहीम सम्भाल रहे थे।टिप्पणियां पाकिस्तान और बांग्लादेश के अलावा भारत और श्रीलंका की टीमें इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में हिस्सा ले रही हैं। एशिया कप पर पांच बार कब्जा जमा चुकी भारतीय टीम अपने अभियान की शुरूआत 13 मार्च को शेर-ए-बांग्ला स्टेडियम में श्रीलंका के खिलाफ करेगी। भारत और पाकिस्तान दोनों चिर प्रतिद्वंद्वी टीमों के बीच 18 मार्च को मुकाबला होगा। विश्व कप सेमीफाइनल के बाद दोनों टीमों के बीच यह पहला मुकाबला होगा। इसके बाद जहुरुल इस्लाम 23 और मुश्फिकुर रहीम 3 रन बनाकर आउट हुए। तमीम इकबाल 89 गेंदों में छह चौके और एक छक्के की मदद से 64 रन बनाकर आउट हुए। बांग्लादेश का पांचवां विकेट महमुदुल्ला के रूप में 135 के कुल योग पर गिरा। वह बिना खाता खोले पवेलियन लौट गए। नासिर हुसैन ने 49 गेंदों में तीन चौके और एक छक्के की मदद से  47 बनाए। हुसैन का विकेट 224 के कुल योग पर गिरा। इसके बाद तो विकेटों का पतझड़ शुरू हो गया।  अब्दुर रज्जाक 1, मशरफे मुर्तजा 1, सफीउल इस्लाम 1 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। आखिरी विकेट साकिब अल हसन के रूप में गिरा। उन्होंने 66 गेंदों में चार चौके की मदद से 64 रन बनाए। पाकिस्तान की ओर से उमर गुल ने तीन जबकि मोहम्मद हाफीज, सईद अजमल और शाहिद अफरीदी ने दो-दो विकेट चटकाए। एजाज चीमा को एक विकेट मिला।     इससे पहले, पाकिस्तानी टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए बांग्लादेश के समक्ष जीत के लिए 263 रनों का लक्ष्य रखा है। पाकिस्तानी टीम ने निर्धारित 50 ओवरों में आठ विकेट के नुकसान पर 262 रन बनाए। सलामी बल्लेबाज मोहम्मद हफीज और नासिर जमशेद ने टीम को शानदार शुरुआत दी और पहले विकेट के लिए 135 रन जोड़े। जमशेद के रूप में पाकिस्तान को पहला झटका 28वें ओवर में लगा। वह 54 रन बनाकर आउट हुए। जमशेद ने 64 गेंदों पर पांच चौके व एक छक्का लगाया है। हफीज ने पाकिस्तान के लिए सर्वाधिक 89 रन बनाए। उन्होंने इस पारी के दौरान 126 गेंदों का सामना किया और सात चौके लगाए। इन दोनों के अलावा पाकिस्तान का कोई भी अन्य बल्लेबाज कुछ खास नहीं कर सका। अंतिम ओवरों में तेज गेंदबाज उमर गुल ने तेजी से 39 रन बटोरे। युनिस खान 12, उमर अकमल 21, असद शफीक चार, कप्तान मिस्बाह उल हक आठ, पूर्व कप्तान शहिद अफरीदी शून्य और सरफराज अहमद ने 19 रन बनाए। बांग्लादेश की ओर से शहादत हुसैन सबसे सफल गेंदबाज रहे। उन्होंने पाकिस्तान के तीन बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई। पूर्व कप्तान शाकिब अल हसन ने दो विकेट झटके जबकि मशरफे मुर्तजा और अब्दुर्रज्जाक ने एक-एक विकेट हासिल किए। मिस्बाह उल हक के हाथों में पाकिस्तानी टीम की बागडोर थी तो बांग्लादेश की कमान मुश्फिकुर रहीम सम्भाल रहे थे।टिप्पणियां पाकिस्तान और बांग्लादेश के अलावा भारत और श्रीलंका की टीमें इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में हिस्सा ले रही हैं। एशिया कप पर पांच बार कब्जा जमा चुकी भारतीय टीम अपने अभियान की शुरूआत 13 मार्च को शेर-ए-बांग्ला स्टेडियम में श्रीलंका के खिलाफ करेगी। भारत और पाकिस्तान दोनों चिर प्रतिद्वंद्वी टीमों के बीच 18 मार्च को मुकाबला होगा। विश्व कप सेमीफाइनल के बाद दोनों टीमों के बीच यह पहला मुकाबला होगा। नासिर हुसैन ने 49 गेंदों में तीन चौके और एक छक्के की मदद से  47 बनाए। हुसैन का विकेट 224 के कुल योग पर गिरा। इसके बाद तो विकेटों का पतझड़ शुरू हो गया।  अब्दुर रज्जाक 1, मशरफे मुर्तजा 1, सफीउल इस्लाम 1 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। आखिरी विकेट साकिब अल हसन के रूप में गिरा। उन्होंने 66 गेंदों में चार चौके की मदद से 64 रन बनाए। पाकिस्तान की ओर से उमर गुल ने तीन जबकि मोहम्मद हाफीज, सईद अजमल और शाहिद अफरीदी ने दो-दो विकेट चटकाए। एजाज चीमा को एक विकेट मिला।     इससे पहले, पाकिस्तानी टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए बांग्लादेश के समक्ष जीत के लिए 263 रनों का लक्ष्य रखा है। पाकिस्तानी टीम ने निर्धारित 50 ओवरों में आठ विकेट के नुकसान पर 262 रन बनाए। सलामी बल्लेबाज मोहम्मद हफीज और नासिर जमशेद ने टीम को शानदार शुरुआत दी और पहले विकेट के लिए 135 रन जोड़े। जमशेद के रूप में पाकिस्तान को पहला झटका 28वें ओवर में लगा। वह 54 रन बनाकर आउट हुए। जमशेद ने 64 गेंदों पर पांच चौके व एक छक्का लगाया है। हफीज ने पाकिस्तान के लिए सर्वाधिक 89 रन बनाए। उन्होंने इस पारी के दौरान 126 गेंदों का सामना किया और सात चौके लगाए। इन दोनों के अलावा पाकिस्तान का कोई भी अन्य बल्लेबाज कुछ खास नहीं कर सका। अंतिम ओवरों में तेज गेंदबाज उमर गुल ने तेजी से 39 रन बटोरे। युनिस खान 12, उमर अकमल 21, असद शफीक चार, कप्तान मिस्बाह उल हक आठ, पूर्व कप्तान शहिद अफरीदी शून्य और सरफराज अहमद ने 19 रन बनाए। बांग्लादेश की ओर से शहादत हुसैन सबसे सफल गेंदबाज रहे। उन्होंने पाकिस्तान के तीन बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई। पूर्व कप्तान शाकिब अल हसन ने दो विकेट झटके जबकि मशरफे मुर्तजा और अब्दुर्रज्जाक ने एक-एक विकेट हासिल किए। मिस्बाह उल हक के हाथों में पाकिस्तानी टीम की बागडोर थी तो बांग्लादेश की कमान मुश्फिकुर रहीम सम्भाल रहे थे।टिप्पणियां पाकिस्तान और बांग्लादेश के अलावा भारत और श्रीलंका की टीमें इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में हिस्सा ले रही हैं। एशिया कप पर पांच बार कब्जा जमा चुकी भारतीय टीम अपने अभियान की शुरूआत 13 मार्च को शेर-ए-बांग्ला स्टेडियम में श्रीलंका के खिलाफ करेगी। भारत और पाकिस्तान दोनों चिर प्रतिद्वंद्वी टीमों के बीच 18 मार्च को मुकाबला होगा। विश्व कप सेमीफाइनल के बाद दोनों टीमों के बीच यह पहला मुकाबला होगा। पाकिस्तान की ओर से उमर गुल ने तीन जबकि मोहम्मद हाफीज, सईद अजमल और शाहिद अफरीदी ने दो-दो विकेट चटकाए। एजाज चीमा को एक विकेट मिला।     इससे पहले, पाकिस्तानी टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए बांग्लादेश के समक्ष जीत के लिए 263 रनों का लक्ष्य रखा है। पाकिस्तानी टीम ने निर्धारित 50 ओवरों में आठ विकेट के नुकसान पर 262 रन बनाए। सलामी बल्लेबाज मोहम्मद हफीज और नासिर जमशेद ने टीम को शानदार शुरुआत दी और पहले विकेट के लिए 135 रन जोड़े। जमशेद के रूप में पाकिस्तान को पहला झटका 28वें ओवर में लगा। वह 54 रन बनाकर आउट हुए। जमशेद ने 64 गेंदों पर पांच चौके व एक छक्का लगाया है। हफीज ने पाकिस्तान के लिए सर्वाधिक 89 रन बनाए। उन्होंने इस पारी के दौरान 126 गेंदों का सामना किया और सात चौके लगाए। इन दोनों के अलावा पाकिस्तान का कोई भी अन्य बल्लेबाज कुछ खास नहीं कर सका। अंतिम ओवरों में तेज गेंदबाज उमर गुल ने तेजी से 39 रन बटोरे। युनिस खान 12, उमर अकमल 21, असद शफीक चार, कप्तान मिस्बाह उल हक आठ, पूर्व कप्तान शहिद अफरीदी शून्य और सरफराज अहमद ने 19 रन बनाए। बांग्लादेश की ओर से शहादत हुसैन सबसे सफल गेंदबाज रहे। उन्होंने पाकिस्तान के तीन बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई। पूर्व कप्तान शाकिब अल हसन ने दो विकेट झटके जबकि मशरफे मुर्तजा और अब्दुर्रज्जाक ने एक-एक विकेट हासिल किए। मिस्बाह उल हक के हाथों में पाकिस्तानी टीम की बागडोर थी तो बांग्लादेश की कमान मुश्फिकुर रहीम सम्भाल रहे थे।टिप्पणियां पाकिस्तान और बांग्लादेश के अलावा भारत और श्रीलंका की टीमें इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में हिस्सा ले रही हैं। एशिया कप पर पांच बार कब्जा जमा चुकी भारतीय टीम अपने अभियान की शुरूआत 13 मार्च को शेर-ए-बांग्ला स्टेडियम में श्रीलंका के खिलाफ करेगी। भारत और पाकिस्तान दोनों चिर प्रतिद्वंद्वी टीमों के बीच 18 मार्च को मुकाबला होगा। विश्व कप सेमीफाइनल के बाद दोनों टीमों के बीच यह पहला मुकाबला होगा। इससे पहले, पाकिस्तानी टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए बांग्लादेश के समक्ष जीत के लिए 263 रनों का लक्ष्य रखा है। पाकिस्तानी टीम ने निर्धारित 50 ओवरों में आठ विकेट के नुकसान पर 262 रन बनाए। सलामी बल्लेबाज मोहम्मद हफीज और नासिर जमशेद ने टीम को शानदार शुरुआत दी और पहले विकेट के लिए 135 रन जोड़े। जमशेद के रूप में पाकिस्तान को पहला झटका 28वें ओवर में लगा। वह 54 रन बनाकर आउट हुए। जमशेद ने 64 गेंदों पर पांच चौके व एक छक्का लगाया है। हफीज ने पाकिस्तान के लिए सर्वाधिक 89 रन बनाए। उन्होंने इस पारी के दौरान 126 गेंदों का सामना किया और सात चौके लगाए। इन दोनों के अलावा पाकिस्तान का कोई भी अन्य बल्लेबाज कुछ खास नहीं कर सका। अंतिम ओवरों में तेज गेंदबाज उमर गुल ने तेजी से 39 रन बटोरे। युनिस खान 12, उमर अकमल 21, असद शफीक चार, कप्तान मिस्बाह उल हक आठ, पूर्व कप्तान शहिद अफरीदी शून्य और सरफराज अहमद ने 19 रन बनाए। बांग्लादेश की ओर से शहादत हुसैन सबसे सफल गेंदबाज रहे। उन्होंने पाकिस्तान के तीन बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई। पूर्व कप्तान शाकिब अल हसन ने दो विकेट झटके जबकि मशरफे मुर्तजा और अब्दुर्रज्जाक ने एक-एक विकेट हासिल किए। मिस्बाह उल हक के हाथों में पाकिस्तानी टीम की बागडोर थी तो बांग्लादेश की कमान मुश्फिकुर रहीम सम्भाल रहे थे।टिप्पणियां पाकिस्तान और बांग्लादेश के अलावा भारत और श्रीलंका की टीमें इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में हिस्सा ले रही हैं। एशिया कप पर पांच बार कब्जा जमा चुकी भारतीय टीम अपने अभियान की शुरूआत 13 मार्च को शेर-ए-बांग्ला स्टेडियम में श्रीलंका के खिलाफ करेगी। भारत और पाकिस्तान दोनों चिर प्रतिद्वंद्वी टीमों के बीच 18 मार्च को मुकाबला होगा। विश्व कप सेमीफाइनल के बाद दोनों टीमों के बीच यह पहला मुकाबला होगा। पाकिस्तानी टीम ने निर्धारित 50 ओवरों में आठ विकेट के नुकसान पर 262 रन बनाए। सलामी बल्लेबाज मोहम्मद हफीज और नासिर जमशेद ने टीम को शानदार शुरुआत दी और पहले विकेट के लिए 135 रन जोड़े। जमशेद के रूप में पाकिस्तान को पहला झटका 28वें ओवर में लगा। वह 54 रन बनाकर आउट हुए। जमशेद ने 64 गेंदों पर पांच चौके व एक छक्का लगाया है। हफीज ने पाकिस्तान के लिए सर्वाधिक 89 रन बनाए। उन्होंने इस पारी के दौरान 126 गेंदों का सामना किया और सात चौके लगाए। इन दोनों के अलावा पाकिस्तान का कोई भी अन्य बल्लेबाज कुछ खास नहीं कर सका। अंतिम ओवरों में तेज गेंदबाज उमर गुल ने तेजी से 39 रन बटोरे। युनिस खान 12, उमर अकमल 21, असद शफीक चार, कप्तान मिस्बाह उल हक आठ, पूर्व कप्तान शहिद अफरीदी शून्य और सरफराज अहमद ने 19 रन बनाए। बांग्लादेश की ओर से शहादत हुसैन सबसे सफल गेंदबाज रहे। उन्होंने पाकिस्तान के तीन बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई। पूर्व कप्तान शाकिब अल हसन ने दो विकेट झटके जबकि मशरफे मुर्तजा और अब्दुर्रज्जाक ने एक-एक विकेट हासिल किए। मिस्बाह उल हक के हाथों में पाकिस्तानी टीम की बागडोर थी तो बांग्लादेश की कमान मुश्फिकुर रहीम सम्भाल रहे थे।टिप्पणियां पाकिस्तान और बांग्लादेश के अलावा भारत और श्रीलंका की टीमें इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में हिस्सा ले रही हैं। एशिया कप पर पांच बार कब्जा जमा चुकी भारतीय टीम अपने अभियान की शुरूआत 13 मार्च को शेर-ए-बांग्ला स्टेडियम में श्रीलंका के खिलाफ करेगी। भारत और पाकिस्तान दोनों चिर प्रतिद्वंद्वी टीमों के बीच 18 मार्च को मुकाबला होगा। विश्व कप सेमीफाइनल के बाद दोनों टीमों के बीच यह पहला मुकाबला होगा। सलामी बल्लेबाज मोहम्मद हफीज और नासिर जमशेद ने टीम को शानदार शुरुआत दी और पहले विकेट के लिए 135 रन जोड़े। जमशेद के रूप में पाकिस्तान को पहला झटका 28वें ओवर में लगा। वह 54 रन बनाकर आउट हुए। जमशेद ने 64 गेंदों पर पांच चौके व एक छक्का लगाया है। हफीज ने पाकिस्तान के लिए सर्वाधिक 89 रन बनाए। उन्होंने इस पारी के दौरान 126 गेंदों का सामना किया और सात चौके लगाए। इन दोनों के अलावा पाकिस्तान का कोई भी अन्य बल्लेबाज कुछ खास नहीं कर सका। अंतिम ओवरों में तेज गेंदबाज उमर गुल ने तेजी से 39 रन बटोरे। युनिस खान 12, उमर अकमल 21, असद शफीक चार, कप्तान मिस्बाह उल हक आठ, पूर्व कप्तान शहिद अफरीदी शून्य और सरफराज अहमद ने 19 रन बनाए। बांग्लादेश की ओर से शहादत हुसैन सबसे सफल गेंदबाज रहे। उन्होंने पाकिस्तान के तीन बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई। पूर्व कप्तान शाकिब अल हसन ने दो विकेट झटके जबकि मशरफे मुर्तजा और अब्दुर्रज्जाक ने एक-एक विकेट हासिल किए। मिस्बाह उल हक के हाथों में पाकिस्तानी टीम की बागडोर थी तो बांग्लादेश की कमान मुश्फिकुर रहीम सम्भाल रहे थे।टिप्पणियां पाकिस्तान और बांग्लादेश के अलावा भारत और श्रीलंका की टीमें इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में हिस्सा ले रही हैं। एशिया कप पर पांच बार कब्जा जमा चुकी भारतीय टीम अपने अभियान की शुरूआत 13 मार्च को शेर-ए-बांग्ला स्टेडियम में श्रीलंका के खिलाफ करेगी। भारत और पाकिस्तान दोनों चिर प्रतिद्वंद्वी टीमों के बीच 18 मार्च को मुकाबला होगा। विश्व कप सेमीफाइनल के बाद दोनों टीमों के बीच यह पहला मुकाबला होगा। हफीज ने पाकिस्तान के लिए सर्वाधिक 89 रन बनाए। उन्होंने इस पारी के दौरान 126 गेंदों का सामना किया और सात चौके लगाए। इन दोनों के अलावा पाकिस्तान का कोई भी अन्य बल्लेबाज कुछ खास नहीं कर सका। अंतिम ओवरों में तेज गेंदबाज उमर गुल ने तेजी से 39 रन बटोरे। युनिस खान 12, उमर अकमल 21, असद शफीक चार, कप्तान मिस्बाह उल हक आठ, पूर्व कप्तान शहिद अफरीदी शून्य और सरफराज अहमद ने 19 रन बनाए। बांग्लादेश की ओर से शहादत हुसैन सबसे सफल गेंदबाज रहे। उन्होंने पाकिस्तान के तीन बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई। पूर्व कप्तान शाकिब अल हसन ने दो विकेट झटके जबकि मशरफे मुर्तजा और अब्दुर्रज्जाक ने एक-एक विकेट हासिल किए। मिस्बाह उल हक के हाथों में पाकिस्तानी टीम की बागडोर थी तो बांग्लादेश की कमान मुश्फिकुर रहीम सम्भाल रहे थे।टिप्पणियां पाकिस्तान और बांग्लादेश के अलावा भारत और श्रीलंका की टीमें इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में हिस्सा ले रही हैं। एशिया कप पर पांच बार कब्जा जमा चुकी भारतीय टीम अपने अभियान की शुरूआत 13 मार्च को शेर-ए-बांग्ला स्टेडियम में श्रीलंका के खिलाफ करेगी। भारत और पाकिस्तान दोनों चिर प्रतिद्वंद्वी टीमों के बीच 18 मार्च को मुकाबला होगा। विश्व कप सेमीफाइनल के बाद दोनों टीमों के बीच यह पहला मुकाबला होगा। युनिस खान 12, उमर अकमल 21, असद शफीक चार, कप्तान मिस्बाह उल हक आठ, पूर्व कप्तान शहिद अफरीदी शून्य और सरफराज अहमद ने 19 रन बनाए। बांग्लादेश की ओर से शहादत हुसैन सबसे सफल गेंदबाज रहे। उन्होंने पाकिस्तान के तीन बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई। पूर्व कप्तान शाकिब अल हसन ने दो विकेट झटके जबकि मशरफे मुर्तजा और अब्दुर्रज्जाक ने एक-एक विकेट हासिल किए। मिस्बाह उल हक के हाथों में पाकिस्तानी टीम की बागडोर थी तो बांग्लादेश की कमान मुश्फिकुर रहीम सम्भाल रहे थे।टिप्पणियां पाकिस्तान और बांग्लादेश के अलावा भारत और श्रीलंका की टीमें इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में हिस्सा ले रही हैं। एशिया कप पर पांच बार कब्जा जमा चुकी भारतीय टीम अपने अभियान की शुरूआत 13 मार्च को शेर-ए-बांग्ला स्टेडियम में श्रीलंका के खिलाफ करेगी। भारत और पाकिस्तान दोनों चिर प्रतिद्वंद्वी टीमों के बीच 18 मार्च को मुकाबला होगा। विश्व कप सेमीफाइनल के बाद दोनों टीमों के बीच यह पहला मुकाबला होगा। बांग्लादेश की ओर से शहादत हुसैन सबसे सफल गेंदबाज रहे। उन्होंने पाकिस्तान के तीन बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई। पूर्व कप्तान शाकिब अल हसन ने दो विकेट झटके जबकि मशरफे मुर्तजा और अब्दुर्रज्जाक ने एक-एक विकेट हासिल किए। मिस्बाह उल हक के हाथों में पाकिस्तानी टीम की बागडोर थी तो बांग्लादेश की कमान मुश्फिकुर रहीम सम्भाल रहे थे।टिप्पणियां पाकिस्तान और बांग्लादेश के अलावा भारत और श्रीलंका की टीमें इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में हिस्सा ले रही हैं। एशिया कप पर पांच बार कब्जा जमा चुकी भारतीय टीम अपने अभियान की शुरूआत 13 मार्च को शेर-ए-बांग्ला स्टेडियम में श्रीलंका के खिलाफ करेगी। भारत और पाकिस्तान दोनों चिर प्रतिद्वंद्वी टीमों के बीच 18 मार्च को मुकाबला होगा। विश्व कप सेमीफाइनल के बाद दोनों टीमों के बीच यह पहला मुकाबला होगा। मिस्बाह उल हक के हाथों में पाकिस्तानी टीम की बागडोर थी तो बांग्लादेश की कमान मुश्फिकुर रहीम सम्भाल रहे थे।टिप्पणियां पाकिस्तान और बांग्लादेश के अलावा भारत और श्रीलंका की टीमें इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में हिस्सा ले रही हैं। एशिया कप पर पांच बार कब्जा जमा चुकी भारतीय टीम अपने अभियान की शुरूआत 13 मार्च को शेर-ए-बांग्ला स्टेडियम में श्रीलंका के खिलाफ करेगी। भारत और पाकिस्तान दोनों चिर प्रतिद्वंद्वी टीमों के बीच 18 मार्च को मुकाबला होगा। विश्व कप सेमीफाइनल के बाद दोनों टीमों के बीच यह पहला मुकाबला होगा। पाकिस्तान और बांग्लादेश के अलावा भारत और श्रीलंका की टीमें इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में हिस्सा ले रही हैं। एशिया कप पर पांच बार कब्जा जमा चुकी भारतीय टीम अपने अभियान की शुरूआत 13 मार्च को शेर-ए-बांग्ला स्टेडियम में श्रीलंका के खिलाफ करेगी। भारत और पाकिस्तान दोनों चिर प्रतिद्वंद्वी टीमों के बीच 18 मार्च को मुकाबला होगा। विश्व कप सेमीफाइनल के बाद दोनों टीमों के बीच यह पहला मुकाबला होगा। भारत और पाकिस्तान दोनों चिर प्रतिद्वंद्वी टीमों के बीच 18 मार्च को मुकाबला होगा। विश्व कप सेमीफाइनल के बाद दोनों टीमों के बीच यह पहला मुकाबला होगा।
श्रीलंकाई नौसेना ने 18 भारतीय मछुआरे बचाए
श्रीलंकाई नौसेना ने समुद्र में फंसे 18 भारतीय मछुआरों को सुरक्षित बचा लिया है। इन मछुआरों की नौकाएं समुद्र में फंस गई थीं।
श्रीलंकाई नौसेना ने समुद्र में फंसे 18 भारतीय मछुआरों को सुरक्षित बचा लिया है। इन मछुआरों की नौकाएं समुद्र में फंस गई थीं। नौसेना के प्रवक्ता कोसाला वार्नाकुलासूर्या ने समाचार एजेंसी सिन्हुआ को बताया कि नौसेना ने डेल्फ्ट द्वीप में 12 मछुआरों व एनालेटिव द्वीप में छह मछुआरों को सुरक्षित बचा लिया है। उन्हें भोजन व दवाएं देने के बाद पुलिस को सौंप दिया गया है। वार्नाकुलासूर्या ने कहा कि यह घटना बताती है कि श्रीलंकाई नौसेना भारतीय मछुआरों की सुरक्षा करती है जबकि भारतीय मीडिया की ओर से उस पर हमेशा भारतीय मछुआरों के साथ हिंसा करने के आरोप लगाए जाते हैं। रपट में कहा गया है कि आगामी 13-14 जनवरी को दोनों देशों के विदेश मंत्रालयों के प्रतिनिधि, तटरक्षक बल के अधिकारी और नौसेना प्रतिनिधि श्रीलंका में मुलाकात करेंगे। इस मुलाकात में साझा पानी (साझा समुद्र क्षेत्र) में मछली पकड़ने जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी।
करण जौहर बोले- करियर की शुरुआत में खुद पर संदेह था
शुरुआत में खुद पर संदेह था : करण हालिया रिलीज वीडियो में करण की बॉलीवुड जर्नी दिखाई गई है. सफल फिल्ममेकर, होस्ट, राइटर होने के साथ करण एक्टर भी हैं.
The detailing of the baby nursery....designed with love and care by @gaurikhan A post shared by Karan Johar (@karanjohar) on Mar 30, 2017 at 9:59pm PDT The BIG #baahubali2 selfie!!!!! A post shared by Karan Johar (@karanjohar) on Mar 26, 2017 at 10:59am PDT
शरीफ ने एम्स में भर्ती सोनिया को गुलदस्ता भिजवाया था
नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी की वजह से भारत और पाकिस्तान में उपजे तनाव के बीच पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने पिछले दिनों संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी के अस्पताल में भर्ती होने पर उन्हें गुलदस्ता भिजवाया था।
नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी की वजह से भारत और पाकिस्तान में उपजे तनाव के बीच पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने पिछले दिनों संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी के अस्पताल में भर्ती होने पर उन्हें गुलदस्ता भिजवाया था। बीते 26 अगस्त को संसद में चर्चा के दौरान तबियत बिगड़ने पर सोनिया को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया था। समाचार पत्र ‘द नेशन’ के अनुसार शरीफ के आदेश पर पाकिस्तानी विदेश विभाग ने नई दिल्ली में अपने उच्चायोग से कहा कि वह सोनिया को गुलदस्ता भेंट करे। यह गुलदस्ता ‘जल्द सेहतमंद हो जाइए’ के संदेश के साथ भेजा गया था।टिप्पणियां पिछले 6 अगस्त को नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी सेना के हमले में पांच भारतीय सैनिकों के मारे जाने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव पैदा हो गया था। दोनों देशों के बीच कई बार गोलीबारी हुई। पाकिस्तान का कहना है कि भारतीय सैनिकों की हत्या में उसके सैनिक शामिल नहीं थे। शरीफ ने कहा है कि वह प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ मुलाकात की उम्मीद कर रहे हैं। बीते 26 अगस्त को संसद में चर्चा के दौरान तबियत बिगड़ने पर सोनिया को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया था। समाचार पत्र ‘द नेशन’ के अनुसार शरीफ के आदेश पर पाकिस्तानी विदेश विभाग ने नई दिल्ली में अपने उच्चायोग से कहा कि वह सोनिया को गुलदस्ता भेंट करे। यह गुलदस्ता ‘जल्द सेहतमंद हो जाइए’ के संदेश के साथ भेजा गया था।टिप्पणियां पिछले 6 अगस्त को नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी सेना के हमले में पांच भारतीय सैनिकों के मारे जाने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव पैदा हो गया था। दोनों देशों के बीच कई बार गोलीबारी हुई। पाकिस्तान का कहना है कि भारतीय सैनिकों की हत्या में उसके सैनिक शामिल नहीं थे। शरीफ ने कहा है कि वह प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ मुलाकात की उम्मीद कर रहे हैं। समाचार पत्र ‘द नेशन’ के अनुसार शरीफ के आदेश पर पाकिस्तानी विदेश विभाग ने नई दिल्ली में अपने उच्चायोग से कहा कि वह सोनिया को गुलदस्ता भेंट करे। यह गुलदस्ता ‘जल्द सेहतमंद हो जाइए’ के संदेश के साथ भेजा गया था।टिप्पणियां पिछले 6 अगस्त को नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी सेना के हमले में पांच भारतीय सैनिकों के मारे जाने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव पैदा हो गया था। दोनों देशों के बीच कई बार गोलीबारी हुई। पाकिस्तान का कहना है कि भारतीय सैनिकों की हत्या में उसके सैनिक शामिल नहीं थे। शरीफ ने कहा है कि वह प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ मुलाकात की उम्मीद कर रहे हैं। पिछले 6 अगस्त को नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी सेना के हमले में पांच भारतीय सैनिकों के मारे जाने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव पैदा हो गया था। दोनों देशों के बीच कई बार गोलीबारी हुई। पाकिस्तान का कहना है कि भारतीय सैनिकों की हत्या में उसके सैनिक शामिल नहीं थे। शरीफ ने कहा है कि वह प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ मुलाकात की उम्मीद कर रहे हैं। पाकिस्तान का कहना है कि भारतीय सैनिकों की हत्या में उसके सैनिक शामिल नहीं थे। शरीफ ने कहा है कि वह प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ मुलाकात की उम्मीद कर रहे हैं।